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देवा और पप्पू बात करते है।
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रत्ना: हाँ बेटे मेरी गाँड बिलकुल कुँवारी थी इसे मैंने अपने बेटे के लिए ही संभाल के रखा हुआ था।तेरा बाप को भी वहाँ कभी हाथ लगाने नहीं दिया।आज पूरी तरह फाड़ दे मेरी गांड मेरे बेटे....
देवा: बहुत मस्त गांड है तेरी माँ ।तेरी गाँड में कितनी गर्मी है । मेरा लंड आज धन्य हो गया है अब तो रोज तेरी गांड मारूँगा साली।तेरी मतवाली गांड को आज पूरी खोल दूँगा।
रत्ना: पेल मेरे शेर जैसे मन करे वैसे पेल आज से रत्ना तेरी है जब बोलेगा तब अपनी गांड खोल देगी तेरी माँ.....
देवा: आह्ह्ह माँ कितना मज़ा आ रहा है तेरी गांड मारने में आह्ह्ह साली कितनी गरम है तू। आज से तू मेरी रांड है।
ये कहकर देवा रत्ना की गाण्ड मारने लगता है।एक घंटे तक गांड मारने के बाद देवा रत्ना की गांड में ही झड़ जाता है।इस बीच रत्ना दो बार चुकी थी।
रात गुज़रती रही देवा अपनी माँ की गाण्ड से लेकर चूत तक और चूत से लेकर मुँह तक हर एक सुराख़ खोलता चला गया।
दोनो रात भर न रुके न थके सुबह सुबह जब सूरज निकलने वाला था तब दोनों नंगे एक दूसरे की बाँहों में
लिपट कर सो जाते है।
मगर उस वक़्त भी रत्ना की खवाहिश के मुताबिक देवा अपना लंड रत्ना की चुत में ही रखता है।
Ab teja ki gaand bhi marwa dena bhai sahab deva seदूसरी तरफ,, नीलम और बीना।
बीना: और बता देवा कैसा है…
नीलम देवा का नाम सुनते ही शर्मा गयी और साथ ही साथ उसके दिमाग में सुबह वाली और कल रात वाली घटना भी सामने आ गयी, और उसे याद आया की उसे वीना से उस बारे में भी तो बात करनी है, पर आखिर कैसे स्टार्ट करे यह बात??
नीलम: वो अच्छा है वीना, अच्छा सुन एक बात पुछनी थी तुझसे बस मेरी बात को गलत मत लेना।
वीना: अरे पगली दोस्त हूँ। गलत क्यों लुंगी, तू बेझिझक पूछ क्या मैंटर है?
नीलम को समझ नहीं आ रहा था की वो कैसे बोले की उसका अपना भाई उसकी माँ को चोदता है और देवा भी अपनी माँ को चोदता है,, क्या यह सही हो रहा है?
नीलम: वीणा मुझे समझ नहीं आ रहा की मै यह बात तुझसे कैसे कहूँ। शर्म आ रही है।
बीना: ऐसी क्या बात है क्या देवा ने तेरे साथ कुछ…?
नीलम: नहीं वीना यह नही पर कुछ इसी से रिलेटेड है।
वीना: मतलब देवा ने किसी के साथ करा?
नीलम: नहीं देवा के बारे में नहीं है।
बीना: तो कौन है, क्या किसी और ने तेरे साथ कुछ करा?
वीना अपना दिमाग लगाते हुए तुक्के भिड़ा रही थी।
नीलम: नहीं नहीं यह नहीं मेरे बारे में है नहीं देवा के बारे में...
नीलम ने झूठ बोला, वो देवा को शायद बदनाम नहीं करना चाहता थी।
बीना: तो बता फिर की आखिर क्या बात है।
नीलम: क्या घर वालों में सम्भोग होना आम बात है?
नीलम के मुँह से यह शब्द सुन के वीना को एक झटका सा लगा।
बीना: यह…यह तू क्या पूछ रही है…मतलब ऐसा क्या हुआ…तूने ऐसा क्यों पुछा।
नीलम को अहसास हुआ की वीना के पसीने छूट गए है…
दूसरी तरफ.... देवा का घर
७:१५ हो गए है रत्ना और कितना सताओगी अपने बेटे को अपने सुहाग को.... देवा रत्ना के दरवाजे को खटखटाते हुए बोला…
उसने ऐसा बोला ही था की तभी दरवाजा खुला जिसे देवा बहुत खुश हो गया।
वह जैसे ही अंदर घुसा उसने पाया की कमरे की बत्ती बंद है और बिलकुल अँधेरा है....
इसलिये उसने सबसे पहले बत्ती चालु करी और सामने का नजारा देख कर उसका लंड खड़ा होने लगा…