उसने एक बार ये भी पूछा था की राजेश को क्या पसंद है, तब मैंने उसे ईशा को हीरोइन बनाने के बारे में भी बताया था और शेफाली के प्रति राजेश के लगाव के बारे में भी..तभी वो समझ गयी की वही एक रास्ता है जिसका इस्तेमाल करके राजेश को इसमें इन्वॉल्व किया जा सकता है.
एक दिन राधिका घर आई और उसने मुझे समझाया की राजेश की ईशा को हीरोइन बनाने वाली बातों को सीरियसली लिया करे और ईशा को भी चांदनी की तरह कॉलेज ड्रामा में पार्ट लेने के लिए कहा ताकि राजेश को लगे की उसकी बातें मानी जा रही हैं.
पर अगले ही दिन राजेश के हॉस्पिटल जाने के बाद जब रजनी ने टीवी ओंन किया तो उसमे शेफाली की सुसाईड की न्यूज़ आ रही थी....इस न्यूज़ को देखकर मुझे लगा की हमारा सारा प्लान चोपट हो रहा है पर राधिका को जब फोन किया तो उसने कहा की ये तो एक ऑपर्चुनिटी है जिसका हमें इस्तेमाल करना है.
उसने समझाया की हम ऐसा माहौल क्रियेट करेंगे जिसमें राजेश को लगे की शेफाली की आत्मा अब उनके घर आ चुकी है....और वही ये सब करवा रही है....रही सही कसर उस पर्ल सेट ने पूरी कर दी जो राजेश हॉस्पिटल से चुरा कर ले आया था...राजेश ने जब वो सेट निकाल कर अपनी ड्रॉयर में रखा तो मैने उसे देख लिया, मैने जब वो ड्रॉयर खोली तो उसमें एक प्लास्टिक पाउच में वो सेट था, और उसपर शेफाली के नाम की स्लिप लगी थी, मुझे समझते देर नही लगी की ये उसकी बॉडी से उतरा हुआ सेट है जो मेरा भोला पति उसकी निशानी के तौर पर अपने साथ ले आया है...वैसे तो शेफाली की आत्मा का नाटक नॉर्मली ही स्टार्ट कर देना था पर अब इस सेट को एक जरिया बनाकर वो नाटक अच्छे से किया जा सकता था, बस मेरे दिमाग़ में उसी वक़्त एक प्लानिंग ने जन्म ले लिया और मैने वो सेट निकाल कर पहन लिया.
राजेश ने जब ये सब पड़ा तो उसने अपना माथा पीट लिया.....
और अपनी बीबी और राधिका के दिमाग़ की दाद भी दी उसने....
क्योंकि उसे उस दिन तो ये सब इत्तेफ़ाक ही लगा था जब रजनी ने वो सेट पहना था और रात को उसे चुदाई की एक अलग ही दुनिया दिखाई थी. तब राजेश को पगा था की उस सेट को पहनने की वजह से रजनी में ये चेंजेस आये हैं.
आगे के पेजस पर रजनी ने वही सब लिखा जो उसके साथ घटित हुआ था....
रजनी ने ये भी लिखा की अब खुलकर सैक्स करने की वजह से उसे भी काफ़ी अच्छा लग रहा था....
आजतक वो जिन बातो से शरमाती थी यानी कॉक सकिंग, और रेग्युलर सैक्स या और भी कुछ, वो सब अब काफ़ी अच्छा लगने लगा था उसे...राधिका को भी उसने जब पर्ल सेट के बारे में बताया तो उसने भी इस प्लान की तारीफ की....आगे रजनी ने लिखा था की उनका प्लान यही था की राजेश को इस बात का यकीन दिलाया जाए की जो भी उस सेट को पहन रहा है वो शेफाली की आत्मा की वजह से उसके साथ सैक्स करने को, हर तरह के मज़े लेने को तैयार है....इसलिए चाँदनी को भी वो सेट प्लान के अनुसार पहनाया गया और ईशा को भी....आगे चलकर शायद राधिका भी वो पहने.
राधिका के बारे में सोचकर ही राजेश के लंड ने फूलना शुरू कर दिया.
और अपने लंड को मसलते हुए वो बोला : "प्लान तो तुम सभी ने बहुत अच्छा बनाया है....और सबसे बड़ी बात मुझे इसमें मज़ा भी आ रहा है...पर अभी तक तुमने मुझे अपने इशारों पर नचाया है, अब मेरी बारी है....तुम्हारा प्लान अपने हिसाब से ही चलेगा पर होगा वही जैसा मैं चाहूँगा....क्योंकि अब मुझे भी इस बात का डर नही है की ईशा क्या सोचेगी...रजनी को पता चलेगा तो उसे कैसा लगेगा....बेटी की सहेली चाँदनी के साथ ऐसा कुछ करना सही नही होगा...या फिर एक डाइवोर्सी लेडी राधिका को पटाना एक डॉक्टर को शोभा नही देता....अब तो ये सब होगा भी और शोभा भी देगा...''
ये बुदबुदाते हुए उसने उस डायरी को एक कुटिल मुस्कान के साथ चूमा और उसे लेजाकर फिर से उसी जगह रख दिया जहाँ से उठाई थी.
अब पासा पलट चुका था....
जो शिकारी थे अब शिकार बन चुके थे
और शिकार अब शिकारी बनकर ये सोच रहा था की इस मौके का ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा कैसे उठाया जाए.
आने वाले दिनों के बारे में सोचकर राजेश का लंड एकदम से टाइट होने लगा.