और अपने लंड को मसलते हुए वो बोला : "प्लान तो तुम सभी ने बहुत अच्छा बनाया है....और सबसे बड़ी बात मुझे इसमें मज़ा भी आ रहा है...पर अभी तक तुमने मुझे अपने इशारों पर नचाया है, अब मेरी बारी है....तुम्हारा प्लान अपने हिसाब से ही चलेगा पर होगा वही जैसा मैं चाहूँगा....क्योंकि अब मुझे भी इस बात का डर नही है की ईशा क्या सोचेगी...रजनी को पता चलेगा तो उसे कैसा लगेगा....बेटी की सहेली चाँदनी के साथ ऐसा कुछ करना सही नही होगा...या फिर एक डाइवोर्स लेडी राधिका को पटाना एक डॉक्टर को शोबा नही देता....अब तो ये सब होगा भी और शोभा भी देगा...''
ये बुदबुदाते हुए उसने उस डायरी को एक कुटिल मुस्कान के साथ चूमा और उसे लेजाकर फिर से उसी जगह रख दिया जहाँ से उठाई थी.अब पासा पलट चुका था....जो शिकारी थे अब शिकार बन चुके थे और शिकार अब शिकारी बनकर ये सोच रहा था की इस मौके का ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा कैसे उठाया जाए.आने वाले दिनों के बारे में सोचकर राजेश का लंड एकदम से टाइट होने लगा.
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अब आगे
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अगले दिन की प्लानिंग राजेश ने बेड पर लेटे -2 ही बना ली...
वो आने वाले दिनों में होने वाली संभावनाओ को ध्यान में रखते हुए ये सब कर रहा था
जिससे उसे ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा मिले.
राजेश अगली सुबह जल्दी उठ गया, वो सोया तो ईशा के बेड पर हुआ था और वो वहाँ थी नही..
रात को अपनी मोम के साथ मज़े लेने के बाद शायद वो वहीं सो गयी थी...उसने वापिस आने की जहमत भी नहीं उठायी,
वो उठा और अपने बेडरूम की तरफ चल दिया...
वहाँ दोनो माँ बेटियाँ एक दूसरे से लिपटकर नंगी ही सो रही थी...
हालाँकि उन्होने एक ब्लेंकेट ओढ़ रखा था पर उनके नंगे कंधे बाहर थे जो ये बयान कर रहे थे की मज़े लेने के बाद उन्होने कुछ पहनने की जहमत ही नही उठाई.
राजेश ने उस वक़्त एक सेंडो और पायजामा पहना हुआ था, वो मुस्कुराता हुआ बेड के अंदर घुसा गया, और वो जान बूझकर दूसरी तरफ से अंदर गया जहाँ ईशा सो रही थी...
अब ईशा उन दोनो के बीच में थी...
एकदम नंगी,
रजनी की तरह.
राजेश का लंड तो उसके नंगे बदन को सोचकर ही खड़ा हो चुका था,
इसने पायजामे में उभरे लंड को ईशा की चिकनी गांड पर दबाते हुए उसे पीछे से दबोच कर अपनी बाहों में ले लिया...
उसके अमरूद के साइज़ के नन्हे और कठोर बूब्स को उसने जब अपने हाथो में पकड़ा तो उसके मुँह से एक सिसक सी निकल गयी...
उसके हाथो में अपनी बेटी के बूब्स थे और हाथो के पिछले हिस्से पर रजनी के मोटे मुम्मो का दबाव....
ऐसा सुखद एहसास उसे आज तक नही हुआ था...
अचानक उसे महसूस हुआ की ईशा जागने को हो रही है,
उसने गहरी साँस लेते हुए एक मजेदार सी अंगड़ाई ली और फिर अपनी नशीली आँखे खोलकर सामने सो रही रजनी को बड़े ही प्यार से देखा...
राजेश ने तब तक अपने हाथो की पकड़ ढीली कर दी और आँखे बंद करके सोने की एक्टिंग करने लगा..
और ईशा को जब एहसास हुआ की कोई उसके पीछे चिपककर सो रहा है तो उसने तुरंत पीछे गर्दन घुमाई,
अपने पापा को अपने साथ लिपटकर सोते देखा तो एक पल के लिए उसकी सिट्टी पिटी ही गुम हो गयी, क्योंकि इस वक़्त वो अपनी मोम के साथ नंगी सो रही थी...
यानी उसके पापा ये बात शायद जान चुके थे की माँ बेटियाँ नंगी सोई हुई है...
या शायद नही...
उसने राजेश के चेहरे को गोर से देखा,
उन्हे थोड़ा सा हिलाकर पुकारा भी पर वो उठा नही...
फिर उसने तुरंत गर्दन घुमा कर अपनी माँ को उठाया..
वो भी उंघते हुए बोली : "क्या है ईशा...इतनी सुबह क्यों उठा रही है...''
ईशा : "मोम ....यहाँ देखो...पापा लेटे हैं मेरे पीछे...''
रजनी भी चोंक गयी...
उसे तुरंत अपनी और ईशा की हालत का ध्यान आया,
चादर उठा कर देखा तो दोनो नंगी ही थी अभी तक...
राजेश का हाथ ईशा की छाती पर रखा हुआ था.
रजनी : "ये कब आए यहाँ ....इन्होने देख तो नही लिया हमे ऐसी हालत में.''
ईशा : "आई डोंट नो मोम ....मैने भी अभी देखा...पर आई थिंक कमरे में अंधेरा था, इसलिए सीधा आकर सो गये ये...वर्ना चिल्ला कर उठा देते हम दोनों को...''
रजनी कुछ देर तक सोचती रही और बोली : "यू डोंट वरी, जस्ट एंजाय....ज़्यादा कुछ हुआ तो वो शेफाली है ना, वो संभाल लेगी...''
इतना कहकर दोनो माँ बेटियां हँसने लगी...
ईशा ने राजेश के हाथ पर हाथ रखकर उसे अच्छी तरह से अपने जिस्म से चिपका लिया..
रजनी की नींद खुल चुकी थी और उसका इस तरह से साथ लेटे रहना शायद उसे भी सही नही लगा, इसलिए वो नंगी ही अपने बिस्तर से निकली और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी.
इधर ईशा धीरे-2 वो अपनी कमर मटका कर अपने नंगे चूतड़ राजेश के लंड पर रगड़ने लगी...
राजेश के लंड का आकार बढ़ने लगा और उसके हाथ की ग्रिप भी उसके मुम्मो पर ज्यादा होती गयी.
ईशा का एक हाथ पीछे की तरफ आया और उसने अपना हाथ सीधा राजेश के पायजामें में घुसा दिया और उसके खड़े लंड को पकड़ लिया...
अब राजेश के बस की बात नही थी ज़्यादा देर तक सोने का नाटक करना, इसलिए वो भी जम्हाई लेता हुआ उठ गया
राजेश : "उम्म....गुड मॉर्निंग हनी...''
ईशा भी मुस्कुराती हुई अपने पापा की तरफ घूम गई और उनके लिप्स पर एक प्यारी सी किस्स करते हुए बोली : "गुड मॉर्निंग पापा...उठ गये आप...''
ह्म....
इतना कहकर राजेश ने अपनी जवान बेटी के जिस्म को अपने आगोश में लेकर एक गहरी साँस ली....
उसका लंड इस वक़्त स्टील की तरह खड़ा था और वो अगर चाहता तो रात के अधूरे काम को अभी निपटा डालता क्योंकि सुबह के इरेक्शन में अलग ही बात होती है..
पर अब वो पूरी कहानी जान चुका था,
इसलिए अपने प्लान के अनुसार अभी तो उसे कुछ दीनो तक ईशा को तड़पाना था और उसके मज़े धीरे-2 लेने थे....
इसलिए उसने वो सब भी नही पूछा की वो इस रूम में कैसे आई या वो अपनी माँ के साथ नंगी क्यों सो रही थी...