जब फ़ागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की
और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की
परियों के रंग दमकते हों तब देख बहारे होली की
ख़म शीशए जाम छलकते हों तब देख बहारे होली की
महबूब नशे में छकते हो तब देख बहारे होली की॥1॥
हो नाच रंगीली परियों का ...
हो नाच रंगीली परियों का बैठे हों गुलरू रंग भरे
कुछ भीगी तानें होली की कुछ नाज़ो अदा के ढंग भरे
दिल भूले देख बहारों को और कानों में आहंग भरे
कुछ तबले खड़के रंग भरे कुछ ऐश के दम मुंहचुग भरे
कुछ घुंघरू ताल झनकते हों तब देख बहारे होली की॥2॥
सामान जहां तक होता है इस इश्रत के मतलूबों का
वह सब सामान मुहैया हो और बाग़ खिला हो खू़बों का
हर आन शराबें ढलती हों और ठठ हो रंग के डूबों का
इस ऐश मजे़ के आलम में एक ग़ोल खड़ा महबूबों का
कपड़ों पर रंग छिड़कते हों तब देख बहारे होली की॥3॥