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Incest ज़िंदगी का सफर दीदी के साथ भाग 2

abhaysuri0

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भाग 10


मैं और मेरी प्यारी बीवी जो कुछ दिन पहले मेरी दीदी हुआ करती थी दोनों एक दूसरे का हाथ थामे हुए सागर किनारे की रेत पर चलते हुए अपने होटल की ओर वापस जा रहे थे अभी अभी हमने खुले आसमान के नीचे समंदर के किनारे चुदाई का आनंद लिया था और दोनों संतुष्ट थे अपने इस नए जीवन से कुछ दूर चलने के बाद लोग नजर आने लगे और रोशनी भी दिखने लगी रोशनी में मैंने दीदी के प्यारे से खूबसूरत चेहरे पर नजर डाली उनके गोर मुखड़े पर मेरे वीर्य के निशान मौजूद थे मैं दीदी को देख कर मुस्कुराने लगा तो दीदी भी मुस्कुरा दी और बोली क्या हुआ मैंने कहा दीदी तेरे फेस पर मेरे लौड़े का पानी लगा हुआ है दीदी ने हंसते हुए कहा तो क्या हो गया अपने पति के लौड़े का पानी चाहे जहां लगा कर घूमूँ ….. और फिर मैंने रुमाल निकाल कर दीदी का चेहरा पोंछ दिया ….. मैंने कहा दीदी तुम्हारी fantacy तो पूरी हो गयी आज कैसा लगा …. दीदी बोली सच मे बड़ा मजा आया इस तरह से सेक्स कर के ….. फिर कुछ सोचते हुए दीदी बोली संजू मैंने तुमसे वो वीडिओज़ और स्टोरीज मांगी थी मैं भी जानना चाहती हूं कि मेरे प्यारे पति की क्या ख्वाइशें हैं अपनी बीवी से ….. मैंने कहा बस आज ही सेंड कर दूंगा तुम्हे मेरी जान और फिर हम होटल पहुंच गए अपने रूम में आ कर मैं तो बिस्तर पर पसर गया और दीदी नहाने के लिए बाथरूम में चली गयी मैंने इंटरकॉम पर दो बियर का आर्डर दिया और अपना फोन निकाल कर कुछ पसंदीदा bdsm sex और light torture sex वीडिओज़ दीदी को व्हाट्सएप्प कर दिए इसके बाद मैंने एक सेक्स स्टोरी जिसमें एक भाई अपनी बहन को अपनी पालतू रण्डी बना कर चोदता है और उसे बेहद जलील करते हुए गालियां देते हुए डर्टी सेक्स करता है वो स्टोरी भी सेंड कर दी और तब तक बियर आ गयी तो मैं आराम से बियर की चुस्की लेते हुए सोचने लगा कि काश दीदी भी ये सब पसन्द करे और मेरे लंड को पूरे मज़े देने के लिए तैयार हो जाएं तो मज़ा आ जाये लाइफ का ….. हांलाकि दीदी ने अब तक जितना मज़ा दिया था वो किसी तरह से कम नही था पर सेक्स चीज ही ऐसी है कि बस ये दिल मांगे मोर … मेरी बियर खत्म होते तक दीदी बाहर आ गयी उन्होंने एक टॉवल लपेटा था और उनके बल गीले थे वो ऐसे ही आ कर मेरे पास बेड पर बैठ गयी और मेरे हाथ से बियर की कैन ले कर उसमे बची हुई दो तीन घूंट गटक गईं और बोली तेरे साथ मुझे भी पीने की आदत लग गयी है मैंने कहा तो क्या प्रॉब्लम है यार कौन सा हम दिन रात पीते हैं बाकी चोदने का मज़ा तो पीने के बाद ही आता है मेरी जान और दीदी की गर्दन में हाथ डाल कर उन्हें झुका कर उनके गुलाबी होठो को कस के चूस लिया ….. दीदी भी मेरे होठो को चूमते चाटते हुए बोली हां यार पीने के बाद तो चुदवाने में अलग ही मज़ा आता है ….. मैंने कहा दूसरी बियर उठा कर खोली और दो घूंट पी कर कैन दीदी को पकड़ाते हुए कहा लो मेरी चुदासी बीवी तुम ये खत्म करो मैं भी नहा कर आता हूँ फिर तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूँ रानी …. दीदी ने एक सिसकी ले कर नशीली आवाज़ में कहा ठीक है मेरे चोदू पति जल्दी आना मेरी चूत तुम्हारे सख्त लंड के इंतजार में पानी टपका रही है ….. मैंने उठ कर एक बार दीदी की चूची जोर से मसली और मुस्कुराते हुए बाथरूम में घुस गया ….. मुझे बाथरूम में लगभग आधा घंटा लगा और जब मैं नहा कर नंगा ही बाथरूम से निकला तो देखा दीदी अपने फ़ोन में लगी पड़ी हैं वो बेड पर पेट के बल पड़ी थी और उनकी गोरी चीकनी मखमली गांड़ एकदम नंगी मेरे सामने थी ….. मुझसे रहा नही गया और मैंने जा कर दीदी की टांगो के बीच के लेट कर उनके चूतड़ फैला दिए और झुक कर अपनी जीभ उनकी गांड़ के चिकने रसीले छेद पर फिराते हुए दीदी की गांड़ चाटने लगा दीदी मेरी इस हरकत से एकदम से गरमा गई और बोली संजू मैंने वीडिओज़ देख लिए हैं अब स्टोरी पढ़ रही हूं ….. और अब मैं समझ रही हूं तू क्या चाहता है ….. मैने गांड़ से जीभ हटा कर कहा समझ गयी हो तो क्या इरादा है फिर …. दीदी बोली मेरा इरादा अपने भाई की पालतू रांड बन कर रहने का है जिसका काम सिर्फ अपने मास्टर के लंड को खुश करना है उसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े मेरे मन मे लड्डू फूट पड़े मैंने कहा सच कह रही हो दीदी ….. दीदी उठ कर बैठ गईं और मेरी आँखों मे झांक कर ठरक भरी आवाज़ में बोली दीदी नहीं मेरे राजा अब मैं तेरी कुतिया हूँ तेरी लंड की गुलाम पालतू कुतिया …. आज से रुचि तेरी सेक्स स्लेव है संजू जैसे चाहे चोद अपनी इस रण्डी को मैंने कहा दीदी मैं कुछ सेक्स टॉयज का इंतजाम कर लूंगा अपनी फंतासी पूरी करने के लिए दीदी ने फौरन plz संजू दीदी मत बोल ना मैंने कहा फिर क्या बोलूं दीदी बोली जो तेरी मर्ज़ी हो वो बोल मैंने कहा गालियां दूंगा तो तुम्हे बुरा नही लगेगा ….. दीदी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया उनकी चूचियाँ मेरे सीने से दब गई और वो मेरी गर्दन को चूमते हुए बोली संजू my love जितना तुमने मेरे लिए किया है शायद कोई अपनी पत्नी या प्रेमिका के लिए भी नही करता होगा बदले में अगर तुम थोड़ी सी खुशी चाहते हो मुझ्से तो इसमे बुरा लगने जैसी क्या बात है और गालियां कोई नई नही हैं मेरे लिए मैं जिस इंसान से नफरत करती थी जब उसकी गालियां सुनती थी तो तुमसे तो प्यार करती हूं मेरे राजा ….. अब मैं तुम्हारी मर्ज़ी का कर रही हूं तो तुम क्यों हिचक रहे हो मेरे पतिदेव ….. मैंने कहा रुचि बुरचोदी चल फिर मेरे लंड को आज ऐसा चूस जैसे कोई सड़कछाप रण्डी लौड़ा चूसती है ….. दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए मेरा सख्त गरम लंड मुट्ठी में कस लिया और उसे मसलते हुए बोली जो हुक्म मेरे मालिक आप बस सोफे पर टांगे फैला कर बैठ जाओ फिर देखो इस कुतिया का कमाल मैं बेड से उठ कर सोफे पर आ कर बैठ गया दीदी बेड से उतरी और अपने घुटनों और हाथों पर कुतिया जैसी खड़ी हो गयी और फिर चार पैरों पर चलती हुई मेरे पास आई और झुक कर मेरे पैर के पंजे पर होठ रख दिये और फिर जीभ निकाल कर पूरे पैर के पंजे को चाटने लगी वो ये सब करते हुए एकटक मेरी ओर देख रही थी और eye contact के साथ ऐसे चाटते हुए वो बहोत सेक्सी लग रही थी मैं तो बस मस्ती में उड़ रहा था और फिर न जाने क्यों मैंने एक पैर उठा कर दीदी के मुह के आगे किया और कहा मुह खोल रुचि कुतिया दीदी ने झट से मुस्कुरा कर मुह खोला और मैंने पैर का पंजा उस रण्डी के मुह में घुसा दिया और वो छिनाल मज़े से मेरे पैर की उंगलियां चूसने लगी कुछ देर तक चुसवाने के बाद मैंने उसके मुह से पैर निकाला तो उसने अपनी जीभ मेरी बालों से भरी टांग पर रखी औरमेरी टांगो को चाटते हुए ऊपर जांघो तक आ गयी ….. वो जैसे जैसे ऊपर आ रही थी मेरे टांगे खुद ब खुद खुलती जा रही थी अब वो मेरी टांगो के बीच मे बैठी थी और मैंने अपने दोनों पैर उठा कर अपनी रुचि रण्डी के कंधों पर रख दिये ऐसा करने से मेरी गांड़ खुल गयी थी और दीदी मेरी गांड़ के छेद को गौर से देख रही थी मैंने कहा क्या हुआ साली रण्डी तो दीदी ने कहा बस सोच रही थी तुम्हारी गांड़ का स्वाद ले लूं मैंने कहा तो सोच क्यों रही है मादरचोद ले ले ना इतना सुनते ही दीदी ने झुक कर अपने होठ मेरी गांड़ के छेद पर रख दिये और जीभ से कुरेदते हुए मेरी गांड़ को चाटने लगी ….. दीदी ने अपने हाथों से गांड़ को अच्छे से फैला दिया और जीभ की नोक से रगड़ रगड़ कर गांड़ चाटे जा रही थी मैंने मस्ती में आंखे बंद कर ली और अपनी सगी रण्डी बहन से गांड़ चटवाने का सुख लेने लगा मेरा हाथ खुद ही लंड पर चला गया और मैं अपना लंड मुठियाने लगा ये देखते ही दीदी ने मेरा हाथ मेरे लंड से हटाया और गांड़ से मुह हटा कर लंड को मुह में भर कर दो तीन बार चूस कर गीला किया और फिर अपने एक हाथ पर थूक कर लंड पर अच्छे से थूक चुपड कर उसे सहलाते हुए वापस गांड़ चाटने लगी …… अब वो लंड को सख्ती से मुट्ठी में भर कर धीरे घिससे मारते हुए जीभ को गांड़ की दरार में ऊपर से नीचे तक फिराते हुए चाट रही थी 7-8 बार ऐसा करने के बाद वो मेरे फूले हुए टट्टे चाटने लगी और फिर बड़ा सा मुह खोल कर मेरे दोनों आंड मुह में भर कर चूसते हुए तेजी से मुठ मारने लगी ….. मेरे मुह से आह और सिसकियां फूटने लगी मैंने झड़ जाऊंगा बुरचोदी तो दीदी ने हाथ का मोशन स्लो कर लिया बोली इतनी जल्दी मत झड़ो राजा मज़ा लो अपनी रण्डी के बदन का जी भर के मज़ा लो … अभी तो सिर्फ गांड़ चाटी है …… और दीदी ने अपने होठों में सुपाड़े को जकड़ लिया और कुतिया जैसे जीभ निकाल कर लंड चाटने लगी सच मे दीदी आज मुझे और मेरे लंड को पागल कर रही थी …… और फिर मैंने अपना हाथ दीदी के सर पर रख कर उसके रेशमी बालों को मुट्ठी में भर लिया ….. और दीदी का सर अपने लंड पर दबाते हुए जड़ तक लंड उसके हलक में उतार दिया ….. और बोला …. ले साली भोसड़ी वाली रांड खा लंड बुरचोदी कुतिया aaaahhhhh चूस लंड बहन की लौड़ी मादरचोद रुचि और दीदी सर को तेज झटके देते हुए पागलों जैसे लौड़ा चूसने लगी ….. तभी कमरे का इण्टरकॉम बजा और दीदी रुक गयी मैं उठा और दीदी के बाल पकड़े हुए उन्हें बालो से खींच कर टेबल तक ले आया और इंटरकॉम उठा कर बात करने लगा रूम सर्विस की कॉल थी वो डिनर का आर्डर पूछ रहा था मैंने उसे व्हिस्की और खाने का आर्डर दिया ….. और दीदी के मुह में फिर से लंड पेल कर धक्के मारते हुए दीदी का मुह चोदने लगा ….. मैं फिर से झड़ने को हुआ तो दीदी के मुह से लंड निकाल लिया दीदी घुटनों पर बैठी मेरी ओर देख रही थी उनका चेहरा एकदम मासूम और सेक्सी लग रहा था तभी मैंने उनके गोर गाल पर हाथ फिराना शुरू किया और हाथ फिराते हुए एकदम से एक तेज थप्पड़ उनके गाल पर जमा दिया …. और पूछा कैसा लगा मेरी कुतिया ….. दीदी ने मुस्कुरा कर कहा बहोत अच्छा लगा राजा एक बार और मारो ना अपनी रण्डी को मैंने दूसरे गाल पर झुक कर थूक दिया और दीदी के गाल पर अपने हाथ से थूक मलते हुए एक और तेज झन्नाटेदार थप्पड़ लगा दिया दीदी का गाल एकदम से लाल हो गया और दीदी के मुह से सिसकारी निकल गयी जिसे सुन कर मेरा लंड और भी सख्त हो गया …… फिर दीदी अपने चार पैरों पर चलती हुई बेड तक गयी और बेड पर चढ़ कर कुतिया बनी हुई अपने हाथों से अपने चूतड़ फैला कर बोली आओ संजू अपनी रांड की गांड़ में पेल दो अपना सख्त गरम लौड़ा और मेरे चूतड़ों को थप्पड़ मारते हुए फाड़ दो अपनी कुतिया की गांड़ ….. आओ ना राजा ….. मैं उठ कर अपनी छिनाल दीदी के पास गया और उसके नंगे चूतड़ सहलाते हुए अपना सख्त गरम लौड़ा सहलाने लगा दीदी ने मुड़ कर मेरी ओर देखा और कामुक नजरो से मेरा लंड देखते हुए मुस्कुरा कर बोली क्या हुआ राजा अपनी रांड की गांड़ नही चोदोगे अपने मूसल जैसे लौड़े से मैंने दोनों हाथों से दीदी के चूतड़ फैलाये और झुक कर उसके गांड़ के कसे हुए नन्हे से गुलाबी छेद को चूम लिया और जीभ फिराते हुए चाटने लगा मेरी जीभ गांड़ पर महसूस करते ही दीदी की सांसे भारी होने लगी और उसने अपना सर बिस्तर पर टिका कर गांड़ और उभार दी और अपने हाथों से अपनी चूचियाँ मसलने लगी ये देख कर मेरा लंड एकदम झटके लेने लगा और मैंने खड़े हो कर दीदी की गांड़ के गीले छेद पर अपना सख्त चिकना सुपाड़ा टिकाया और खींच के एक थप्पड़ दीदी की गोरी गांड़ पर मारा कमरे में चटाक की आवाज़ गूंज गयी और दीदी के गले से एक तेज मस्ती भरी सिसकारी निकली और वो नशे और उत्तेजना में बोली अब पेल ना बहनचोद चोद दे अपनी रण्डी दीदी की गांड़ बना ले मुझे अपने लंड की गुलाम साले …… मैंने भी जोश में आ कर दीदी के बाल अपनी मुट्ठी में पकड़े और पूरी ताकत से अपनी ओर खींच कर एक तेज धक्का दिया और आधे से ज्यादा लौड़ा दीदी की कसी हुई गांड़ में घुसा दिया दीदी के मुह से एक तेज चीख निकली और वो एकदम दर्द से बिलबिला उठी उनकी हालत समझ कर मैं एकदम से रुक गया और उनकी कमर पर हाथ फिराते हुए उनकी पीठ को चूमने लगा वो एकदम से हांफने लगी थी और उनके चेहरे पर पसीना छलक आया था …… कुछ मिनट बाद वो बोली अब ठीक है संजू अब चोद मैंने धीरे से लंड बाहर खींचा और वापस पुश किया और धीरे धीरे धक्के देते हुए पूरा 8 इंच लौड़ा दीदी की गांड़ में भर दिया और फिर धक्कों की गति बढाते हुए चोदने लगा अपनी बहन की प्यारी गांड़ धीरे धीरे दीदी की गांड़ भी लंड की अभ्यस्त हो गयी और वो अपने चूतड़ हिला हिला कर अपनी गांड़ को लंड पर पटकने लगी ……. मेरा जोश बढ़ता जा रहा था और मैंने दीदी के चूतड़ों पर चपत मारते हुए पूरा जोर लगा के उनकी गांड़ पेलनी शुरू कर दी उधर दीदी ने अपना एक हाथ टांगों के बीच डाल कर अपनी चूत रगड़नी शुरू करी और मस्ती में बड़बड़ाने लगी ….. हाँ ऐसे ही चोद कस के चोद अपनी दीदी की गांड़ को फाड़ दे राजा अपने इस मस्त लंड से मेरी गांड़ को बना ले मुझे लंड की गुलाम चोद साले और तेज चोद ….. मैं ये सब सुन कर पागल से होने लगा और पागलों जैसे ही पूरी ताकत से अपनी कमर दीदी के नंगे चूतड़ों पर पटक पटक कर उसे कुतिया जैसे चोदे जा रहा था …… कोई 15 मिनिट तक तूफानी रफ्तार में दीदी की गांड़ चोदने के बाद दीदी का बदन अकड़ने लगा और वो चीखने सी लगी ….. आहहह संजू मेरे राजा मैं गयी बह गई मेरी चूत ….. और तेज धक्के लगा ….. ये सुनते ही मैंने झटके से गांड़ से लंड निकाल कर दीदी की बुर में पेल दिया और हुमच हुमच के 20-30शॉट मारे तो दीदी का बदन थरथराने लगा और वो झड़ने लगी उनकी बुर से रस के छींटे से उड़ रहे थे और आखिर में वो एकदम सुस्त सी हो कर बेसुध गिर गयी और मैं अपना लंड सहलाता हुआ दीदी की खुली हुई गांड़ देख रहा था जिसका मुह चुद चुद कर एक रुपये के सिक्के जितना खुल गया था ……. हांलाकि मैं झड़ा नही था पर फिर भी मुझे अभी उसे डिस्टर्ब करना ठीक नही लगा ….. और मैं वही दीदी के बगल में लेट कर उन्हें अपनी बाहों में जोर से कस लिया ….. मेरे स्पर्श से दीदी को थोड़ा सा होश से आया और उन्होंने भी मुझे ठीक से बाहों में भर लिया और मेरे होठो को मुह में भर कर चूस लिया ….. मेरा सख्त लंड उनके पेट पर अड़ा हुआ था मानो वही छेद कर के घुस जाना चाहता हो ….. दीदी बोली लगता है अभी और चुदवाना पड़ेगा …. मैंने कहा कोई नही थोड़ा आराम कर लो रिलैक्स हो लो रात अपनी है ….. दीदी बोली सच बताउं संजू आज जितना मज़ा कभी नही आया मुझे सेक्स में …. मैंने खुश होते हुए कहा सच दीदी मुझे भी आज बहोत मज़ा आया ऐसा सेक्स नॉर्मल सेक्स से ज्यादा मज़ेदार लगा मुझे ….. दीदी ने मेरा लंड मुट्ठी में भरते हुए कहा आज ये कुछ ज्यादा ही सख्त और मोटा महसूस हो रहा है मैंने कहा आज तुम दीदी नही रांड बनी हो ना इसलिए दीदी ने गोल गोल आंखे नचा कर कहा तू ऐसे ही रोज मुझे चोदना मैं सारी जिंदगी तेरी पालतू रांड कुतिया बनने के लिए तैयार हूं …… ढेर सारी बियर पीने की वजह से मुझे खड़े लंड पर भी जोर से पेशाब आ रहा था …… तो मैं उठने लगा पर दीदी ने मुझे नही छोड़ा और बोली क्या हुआ कहा जा रहे हो मैंने कहा दीदी छोड़ो न पेशाब करने जाना है दीदी ने ये सुन कर मुझे छोड़ तो दिया पर मेरे उठने से पहले ही खुद उठ गई और दौड़ कर बाथरूम में घुस गई मेरी कुछ समझ नही आया पर उन्होंने दरवाजा बंद नहीं किया था सो पीछे से मैं भी लंड हिलाते हुए बाथरूम में घुस आया ….. देखा तो दीदी कमोड के सामने बैठी हुई थी पंजो पर मैंने आंख के इशारे से उनसे पूछा कि क्या हुआ तो वो मुस्कुरा कर बोली ….. तुम्हे डर्टी सेक्स पसन्द है ना मेरे राजा …. मैंने कहा हां बता तो चुका हूं ….. दीदी बोली फिर आज मेरे बदन पर मूतो ना अपनी रण्डी दीदी को नहला दो अपने लंड के गरम मूत से और ये सुन कर मैं खुशी और आश्चर्य से भर गया मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था हांलाकि ये भी मेरी एक ख्वाहिश थी पर दीदी खुद ये आफर करेंगी इसका मुझे यकीन नहीं हो रहा था पर जो भी हो रहा था वो मेरे लिए किसी सरप्राइज से कम नही था मैं दीदी के पास गया और लंड पकड़ कर उनके सीने पर मूतने लगा दीदी की गोरी चुचियों पर मेरे गरम की मूत की धार गिरने लगी और बहती हुई उनकी चूत से मेरा टपकने लगा तीन बियर का असर था कि पेशाब की धार रुक ही नही रही थी और दीदी जैसी सेक्सी और प्यासी नजरो से मुझे और मेरे लंड से निकलती पेशाब की धार को देख रही थीं एकदम से जा जाने मेरे मन मे क्या आया और मैंने लंड को पकड़ कर उसका डाइरेक्शन सीधा दीदी के मुह की ओर कर दिया और गरम मूत की धारा सीधा दीदी के चेहरे पर पड़ी दीदी अचानक हुए इस हमले से चौंक सी गयी और उन्होंने कुछ कहने को मुह खोला पर मुह खोलते ही धार सीधा उनके खुले हुए मुह में गिरने लगी ….. और फिर दीदी ने भी इस सब को एडजस्ट करते हुए अपने होठ आगे कर के लंड को मुह की गिरफ्त में ले लिया और चूसते हुए मेरा मूत पीने लगा कोई ग्लास भर मूत उन्हें पिलाने के बाद ही मेरा लंड रुका पर दीदी अब भी उसे सर हिलाते हुए चूसे जा रही थी ….. कुछ देर तक लंड चूसने के बाद उन्होंने उसे आज़ाद कर दिया और उठ खड़ी हुई और मैंने उन्हें बाहों में भर कर एक गर्म चुम्मा उनके रसीले होंठो पर जड़ दिया ….. फिर हम बाहर आ गए दीदी ने टॉवल से अपना बदन पोंछा और बोली इतना बुरा भी स्वाद नही था ….. मैंने कहा थैंक्स दीदी ….. उन्होंने पूछा किसलिए मैंने कहा मेरे लंड को इतने मज़े देने के लिए दीदी ने मुस्कुरा कर कहा ये भी तो मुझे कितने मज़े देता है जब दोनों एक दूसरे को मज़े देते हैं तो थैंक्स किस बात का ….. तभी डोरबेल बजी और मैंने जल्दी से टॉवल लपेट कर दीदी को बाथरूम में जाने का इशारा किया और वो बाथरूम में घुस गई मैंने दरवाजा खोला तो वेटर सामने था वो ड्रिंक और डिनर लगा कर चला गया दरवाजा बंद कर के मैंने दीदी को आवाज़ दी ….. पर वो नही आई मैंने कई आवाज़ें दी पर वो नही आई मैंने दरवाजे जा कर उसे पीटा और कहा दीदी क्या हुआ क्या कर रही हो अंदर से आवाज़ आयी यहां कोई दीदी नही है अब ….. मैंने एक सेकेंड सोचा कि इस बात का क्या मतलब और फिर मतलब समझते ही मैंने कहा ….. रुचि कुतिया बाहर आ जा भोसड़ी वाली और फौरन ही दरवाजा खुला दीदी एक बार फिर से नहा कर फ्रेश हो गयी थीं उसने बाहर आ कर कहा संजू अब दीदी मत बोला करो ना मुझे गालियां ज्यादा अच्छी लगती हैं सुनने में मैंने कहा ठीक है साली रांड चल अब खाना खाते हैं और फिर हमने दो दो pag व्हिस्की पी और शानदार डिनर किया ………

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भाग 9

अगली सुबह साढ़े 7 बजे के करीब मेरी आँखें खुली मैं बेड पर नंगा पड़ा था और मुझसे लिपटी दीदी भी एकदम नंगी बेसुध सोई हुई थी शायद नशे और थकान की वजह से अभी तक उनकी आंख नही खुली पर उनके मासूम और खूबसूरत चेहरे पर एक संतुष्टि खुशी और मुस्कान थी ….. मुझे प्यार आया और मैं उनके गालों और होठो पर किस करने लगा जिस से दीदी की नींद टूटी और उन्हें हल्की सी आंखे खोल कर मेरी ओर देखा ….. मैंने उन्हें जागता देख कर कहा गुड मॉर्निंग स्वीट हर्ट और दीदी ने एक कातिल स्माइल के साथ रिप्लाई किया मेरे होठो पर एक गरमा गरम चुम्बन जड़ दिया तभी उनका ध्यान इस ओर गया कि उन्होंने कपड़े नही पहने और वो उठ कर अपने कपड़ों पर झपटी ….. और अपने बदन को कपड़ो से ढक कर रूम खोल कर बाहर निकल गईं ….. पीछे से मैं भी आ गया पर वो अपने रूम में जा कर अंदर से दरवाजा बंद कर चुकी थी मैं वैसे ही नंगा सोफे पर बैठ गया और 5 मिनट बाद दरवाजा खुला और दीदी पाजामे और टी शर्ट में बाहर आई खुले बालों में फिर भी माल ही लग रही थी ….. मुझे ऐसे नंगा देख कर बोली कपड़े तो पहन लो बेशर्म मैंने कहा क्यों …. किस के लिए कौन देख रहा यहां मुझे ….. दीदी बोली मैं देख रही हूं ना ….. मैंने कहा कल रात सब तो देख चुकी हो अच्छी तरह से अब ना तुम्हारे पास छुपाने को कुछ है ना मेरे पास …… और कल रात तो बड़े मजे लिए अब इतनी शर्मीली क्यों बन रही हो ….. मैंने तो पहले ही कहा था कि मुझे बेशर्म बीवी चाहिए …… दीदी आ कर मेरे पास बैठ गईं और बोली मेरे प्यारे पतिदेव कल रात मैं नशे में थी इस वजह से कुछ ज्यादा ही खुल गयी थी बाकी तुम्हे पता ही है मैं कैसी हूँ बेशर्म या शर्मीली आओए दूसरी बात की एक औरत को शर्मीली होना ही चाहिए अगर मैं 24 घंटे घर मे नंगी घूमने लगूँगी तो जल्दी ही तुम्हारा दिल मुझसे भर जाएगा और तुम्हे मुझमें दिलचस्पी नही रहेगी …… कोई चीज जब आसानी से मिलने लगे तो उसमे इंटरेस्ट खुद ब खुद खत्म हो जाता है ……. मैंने कहा दीदी आपको ऐसा क्यों लगता है कि मेरा इंटरेस्ट आप मे खत्म य्या कम हो सकता है दीदी बोली ये मुझे लगता नही ऐसा ही होता है लगभग हर मर्द के साथ शादी के कुछ दिन बाद बीवी में दिलचस्पी खतम हो जाती है ….. मैंने कहा ये तो बीवी पर डिपेंड करता है ना कि वो कैसे हैंडल करती है अपने पति को …… आप ही बताओ अगर आपको रोज हर रोज खाने में सिर्फ दाल चावल दिया जाए तो क्या होगा …… कुछ दिन में आपका मन मे उस से भर जाएगा और कुछ तीखा चटपटा मसालेदार खाने का मन करेगा कि नही …… दीदी बोली बात तो सही है तेरी पर खाने और बीवी में फर्क होता है मैंने कहा हां होता है लेकिन अगर बीवी हर रोज कुछ नया कुछ इंटरेस्टेड करे सेक्स में तो मेरे ख्याल से एक मर्द के लिए एक बीवी काफी है सारी जिंदगी प्यार करने के लिए …… दीदी सर हिलाते हुए बोली इतनी सारी समझ कहाँ से आ गयी तुम्हे ….. मैंने हंस कर कहा मैनेजर हूँ घास नहीं छिलता …… और हां घास से मुझे एक बात याद आयी अभी 4 दिन पहले तुम्हारी चूत पर खूब घनी झांटे थी मुझे ना ऐसे हेयरी चूत और बगलें बहोत पसन्द हैं ……. तो आप प्लीज अब कुछ महीनों तक अपने बाल मत हटाना और एक बार मुझे वैसी ही झांटो वाली बुर चोद लेने देना …… दीदी ने आंखे गोल करते हुए पूछा आखिर ये सब मालूम कैसे होता था …… मैंने कमरे में जा कर फ़ोन उठाया और दीदी के पास आ कर बैठ कर उन्हें बाथरूम वाला cam ऑन कर के दिखाया …… मैंने कहा ये देखो डार्लिंग दीदी ने देखा और कहा ये तो अपने बाथरूम का वीडियो है …… कब रिकार्ड किया मैने कहा एक काम करो तुम यही बैठो मैं आता हूँ और मैं बाथरूम में घुस गया और फिर वापस आ गया दीदी के पास दीदी हैरानी से मुझे देख रही थीं ……. बोली ये कैसे हुआ मुझे तुम बाथरूम में जाते दिख रहे थे मैंने कहा बस ऐसे ही तुम मुझे दिखती थी …… रोज मैं देखता था तुम्हे बाथरूम में नहाते हुए दीदी ने मेरी बांह पर मुक्का मारते हुए कहा कितने गंदे हो तुम …… मैंने कहा अच्छा इसी गंदे का लंड कल लॉलीपॉप जैसे चूस रही थी दीदी ने शर्मा कर अपना मुह हांथो से छिपा लिया और बोली कहा न वो नशे में हो गया मैं ऐसी नही हूँ …… मैंने कहा फिर तो ऐसा नशा रोज करना पड़ेगा क्यों कि आप रोज उसी मूड में चाहिए …… दीदी बोली ज्यादा सपने मत देखो कल शादी का दिन था इसलिए मैं सब कुछ तुम्हारे मन का करती रही पर रोज रोज ये ठीक नही …… तुम्हे आज आफिस नही जाना क्या बड़े आराम से बैठे हो …… मैंने कहा कल ही शादी की है एक दो दिन तो छुट्टी मिलनी चाहिए दीदी बोली मुझे कोई प्रॉब्लम नही है जैसा तुम्हे ठीक लगे और दीदी बाथरूम में घुस गई ……. मैंने अपने सीनियर को कॉल की और उसे बताया कि मैंने शादी कर ली है और कुछ दिन की छुट्टी चाहिए वो मेरे काम की लगन और मेहनत से काफी खुश रहते थे इसलिए बधाई देते हुए बोले ठीक है संजय तुम चाहो तो एक हफ्ते की छुट्टी ले लो और कही घूम आओ …… मैं तो खुशी से उछल पड़ा और उन्हें थैंक्स बोल कर कॉल काट दी …… मैंने सोचना शुरू किया कि कहां जाना ठीक रहेगा और आखिर में मैंने गोआ जाने का प्लान किया नए शादीशुदा जोड़े के लिए उस से बेहतर क्या जगह हो सकती है दीदी बाथरूम में थी तो मैंने फटाफट एक एजेंट को कॉल किया और उस से आज शाम की ही फ्लाइट की टिकट और गोआ के सब से बढ़िया ताज रिसॉर्ट में एक रूम बुक कर लिया ये सब निपटा कर फ्री हुआ ही था कि दीदी बाथरूम से बाहर निकली ….. नहा कर ताजा खिली खिली दीदी को देख कर मेरा मन खुश हो गया मैंने कहा दीदी जल्दी से नाश्ता बनाओ और पैकिंग कर लो शाम को हमे निकलना है दीदी ने पूछा कहाँ ….. मैंने कहा शादी तो हो गयी अब हनीमून होगा ना …. दीदी ने चहकते हुए कहा सच मे…..? कहाँ जा रहे हम …. मैंने कहा गोआ दीदी ने खुश होते हुए कहा मेरा अरमान था शादी के बाद हनीमून पर जाऊ घूमूं फिरूँ पर ये सब सपना ही रह गया ….. मैंने उठ कर दीदी को बाहों से पकड़ा और कहा श्रीमती जी अब आपके सब अरमान एक एक के के पूरे होंगे या एक काम करो अपने सब अधूरे अरमानों की एक लिस्ट बना कर दे दो मुझे तो मैं उन्हें पूरा करने में जुट जाऊं ….. दीदी मेरे सीने से लग गईं और थोड़ा भावुक होते हुए बोली इतना अच्छा घर कमाने और प्यार करने वाला पति परवाह करने वाला भाई मेरी अधूरी ख्वाइशों को पूरी करने वाला जीवनसाथी सब तो मिल गया और क्या चाहिए अब मुझे …… वैसे पैकिंग किस हिसाब से करनी है मैंने कहा बस दो चार जोड़ी कपड़े डाल लो रास्ते के लिए बाकी वहां तो मैं कपड़े पहनने ही नही दूंगा तुम्हे …. दीदी मुझे जीभ दिखा कर हंसते हुए किचन में भाग गई …., तभी संजीव का कॉल आ गया उसने कहा सर आज आफिस में एक छोटी सी पार्टी रख दी है आपकी शादी की खुशी में मैंने कहा पर मैं तो आज निकलने वाला हूँ गोआ ….. उसने कहा कोई बात नही सर आप बस एक दो घंटे के लिए आ जाइये यहां सब तैयारी हो गयी है …. मैंने कहा ठीक है फिर मैं बाथरूम में घुस गया और तैयार हो कर अपनी प्यारी बीवी के साथ नाश्ता कर के उसे किस कर के आफिस चला गया वहां 1 बजे तक पार्टी निपटा कर फ्री हुआ और फिर घर जाने के लिए सोच रहा था तभी संजीव आया और बोला सर कोई और सेवा मैंने थोड़ा सोचा और कहा यार एक वाइन और ला देते और पैसे देने लगा उसने कहा क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं सर और वो निकल गया और 20 मिनिट बाद आ कर बोला सर आपकी गाड़ी के रख दी है मैं उसे thanks बोल कर घर के लिए निकल गया और ढाई बजे घर पहुंच कर बोतल ले कर ऊपर आ गया दीदी ने दरवाजा खोला और वो एक ब्लैक कलर की नेट वाली साड़ी में एकदम सजी हुई खड़ी थी ….. उन्हें देख कर ही मेरा मूड बनने लगा पर 5 बजे की फ्लाइट थी तो मैं अंदर आ कर सीधा बाथरूम में घुस गया और नहा कर निकला टॉवल में ही हमने लंच किया साथ ही दो दो pag वाइन के लिए और फिर साढ़े तीन तक मैं भी तैयार हो गया और मैंने एयरपोर्ट के लिए टैक्सी बुलाई और एक लास्ट pag मार के बैग ले कर हम निकल पड़े अपने हनीमून के लिए ….. पांच बजे हमारा प्लेन उड़ चला और प्लेन में मैंने रुचि के जिस्म से खेलने का कोई मौका छोड़ा नहीं और डेढ़ घंटे बाद जब हम गोआ उतरे तो हम दोनों ही एकदम गर्म थे ….. एयरपोर्ट से बाहर आ कर मैंने टैक्सी बुलाई और हम अपने रिसार्ट की ओर चल पड़े ….. और आधे घंटे में ही हम अपने रूम में थे दीदी इतना अच्छा रूम देख कर खुश हो गयी …. बोली बहोत महंगा होगा मैंने कहा एकदम नही मेरी दीदी की खुशी के सामने कोई कीमत नही 19000 रुपयों की दीदी बोली ये 19000 का रूम है है भगवान कितना लूट रहे ये मैंने कहा क्या यार तुम फिर से शुरू हो गयी और दीदी को बेड पर धकेल दिया …. तभी रूम सर्विस वाला आया और बोला सर कोई आर्डर मैंने कहा कुछ पिलाओ तो उसने पूछा क्या लाऊँ सर मैंने कहा बियर लाओ और वो 5 मिनट में ही वो दो मग बियर ले कर आ गया मैंने उसे डिनर का आर्डर दिया और डेढ़ घंटे बाद डिनर लाने को बोला वो चला गया मैंने दरवाजा बंद किया और दीदी के साथ मग ले कर बेड पर आ गया हमारी वाइन का सुरूर कम होने लगा था तो पर बियर हाथों में थी हम बियर पीते हुए बातें करने लगे …. मैंने कहा दीदी कल तो जल्दी सो गए थे पर आज रात में तुम्हे सोने नही दूंगा दीदी बियर चुसकते हुए बोली तुम तो मुझसे पहले ही सो गए थे मैंने कहा हां दिन भर की भाग दौड़ में थक से गया था फिर रात को तुमने और थका दिया …. दीदी बोली उतनी ही मैं भी थकी थी जितने तुम मैंने पीते हुए ही एक हाथ दीदी की जांघ पर रखा और सहलाने लगा दीदी भी मूड में तो थी ही उन्होंने भी मेरे लंड पर हाथ फिराना शुरू कर दिया और फिर बियर खत्म होते ही हम एक दूसरे के कपड़े निकाल निकाल कर फेंकने लगे ….. और मैं नंगी दीदी को ले कर बेड पर कूद पड़ा …. बेड एकदम बढ़िया और स्प्रिंग्स वाला था कूदते ही वो ऊपर नीचे होने लगा मैंने कहा यार इस पर चोदने में कम ताकत लगेगी …. घर चल कर यही वाला बेड लेना है दीदी हसने लगी बोली तुम्हे और कुछ भी सूझता है मैंने कहा जिसकी बीवी इतनी सेक्सी उसे और भला क्या सूझेगा और करवट लेकर दीदी की टांगो के बीच आ कर लेट गया और दीदी की चीकनी चूत पर होंठ फिराने लगा ….. तभी मेरे दिमाग मे आया मैंने एक मूवी में देखा था एक लड़की लड़के के सामने खड़ी हो कर उसके बदन पर पेशाब करती है और लड़का उसका पेशाब पीता है मेरे मन मे भी ये सब करने की इच्छाएं थी कहीं ना कहीं ….. और चूत चाटते हुए मैं यही सब सोच भी रहा था ….. तभी दीदी बोली संजू आज 69 पोज़ try करते हैं मैंने कहाँ हां जरूर और मैं सीधा लेट गया और दीदी मेरे ऊपर उल्टी लेट गयी और मेरा खड़ा लंड सहलाने लगी ….. तभी मैंने पूछा दीदी सेक्स में तुम्हारी कोई फैंटेसी है क्या जो तुम चाहती है काश ऐसे करती पर अब तक कर नही पाई दीदी ने थोड़ा सोच कर बोला कि एक बार मैंने एक पोर्न में देखा था कपल को खुले में आसमान के नीचे सेक्स करते हुए मेरे मन मे तब आया था कि काश कभी मैं भी ऐसे कर पाती मैंने कहा ये तो मैं कल पूरी कर दूंगा मेरी जान ….. फिर दीदी ने वो ही सवाल मुझसे पूछ लिया मैंने कहा दीदी मेरी एक नही बहोत सारी फैंटेसी हैं पर वो सब गंदी हैं इसलिए मैं नही बता सकता ….. दीदी ने फिर भी जोर दे कर पूछा तो मैंने बता दिया कि मुझे डर्टी सेक्स और लाइट bdsm सेक्स वाले वीडियो देखना पसंद है और शायद मुझे ऐसा सेक्स भी पसन्द है पर मैंने तो कल पहली बार सेक्स ही किया है तो कैसे बताउं क्या पसन्द है क्या नही दीदी ने कहा जो देखना पसंद है जाहिर है वही करना भी पसन्द होगा …… फिर मैंने थोड़ा और डिटेल्स में बताया कि कैसे मुझे वो पिसिंग सेक्स और स्लेव सेक्स में इंटरेस्ट है दीदी गौर से मेरे लंड को सहलाते हुए सुनती रही फिर बोली तेरी ख्वाइशें तो खतरनाक हैं …. मैंने कहा रहने दो ख्वाइशें ही तो हैं जरूरी थोड़े हैं कि पूरी ही हों ….. फिर दीदी ने कुछ सोच कर कहा तुम वो वीडियोस और स्टोरीज मुझे सेंड कर देना मैं उन्हें देखूंगी और पढूंगी फिर सोचूंगी ….. मैंने कहा ठीक है दीदी और दीदी की चूत और गांड़ पर हमला बोल दिया ….. थोड़ी देर चूसने चाटने और उनके बदन से खेलने के बाद मैंने दीदी पर चढ़ पॉय झटके से लंड घुसाया और कस के चोदने लगा और बेड बड़ी मदद कर रहा था हमारी शायद उसे सोने के लिए नही चुदाई करने के लिए ही बनाया गया था ….. और आधे घंटे की घमासान चुदाई के बाद मैंने दीदी की बुर में अपना माल छोड़ दिया ऑयर इस दौरान दीदी भी दो बार झड़ी थीं …. फिर हम नंगे ही लेट कर सुस्ता रहे थे और बातें कर रहे थे तभी डोर नॉक हुआ मैंने टॉवल लपेटा और दीदी ने चादर से खुद को ढक लिया ….. मैंने दरवाजा खोला तो वेटर ने डिनर लगा दिया और वो चला गया हमने हाथ मुह धो कर डिनर किया और फिर रात में हमने दो बार और धमाकेदार चुदाई की ….. और सो गए ….. अगली सुबह हम तैयार हो कर नाश्ता कर के घूमने चले गए सारा दिन गोआ के स्पॉट पर घूम फिर कर शाम को हम बीच पर आ गए दीदी ने स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था और उन्हें देख कोई नही कह सकता था कि ये 30 साल की औरत है वो ज्यादा से ज्यादा 22-24 साल की कॉलेज वाली लौंडिया लग रही थी मैंने दीदी के हाथों में हाथ डाला और समंदर के किनारे रेत पर चलते हुए घूम रहे थे कुछ और लोग भी थे आस पास और गोआ में और कुछ मिले ना मिले पर शराब और बियर हर जगह मिल जाती है तो बीच पर भी एक खोपचे मे बियर मिल रही थी मैंने दो कैन लिए और जेब मे डाल कर दीदी के साथ घूमते हुए बीच पर काफी आगे निकल गया और अब हल्का अंधेरा होने लगा था तो हम वही एक नारियल के पेड़ के नीचे बैठ गए ठंडी हवा चल रही थी मैं पीछे था और दीदी लगभग मेरी गोद मे मैंने जेब से कैन निकाली और एक खोल कर दीदी को थमा दी दीदी ने बिना कुछ बोले ले ली और पीने लगी दूसरी मैंने खोल ली हम पी रहे थे और खुशियों को जी रहे थे मैंने पूछा दीदी कैसा रहा आपकी जिंदगी का परसों रात से ले कर आज शाम अब तक का सफर रहा ….. दीदी ने एक चुस्की ले कर मेरे हाथ को अपने हाथों में ले कर उसे पेट पर दबाते हुए कहा ….. सच कहूं तो एक सुहाने सपने जैसा लग ही नही रहा कि ये सब सच है उस गांव में उस गंवार जाहिल शराबी के साथ और तुम जैसे समझदार सुलझे हुए केयरिंग इंसान का साथ और उस और तुम्हारा ये और दीवानापन मेरे लिए मैंने दीदी के पेट से हाथ फिराते हुए उनकी चुचियों तक हाथ को पहुंचा कर निप्पल्स को सहलाते हुए कहा दीदी सच बताना आपको अब मुझसे प्यार हुआ या नही दीदी ने मेरा हाथ अपनी चूची पर जोर से दबाते हुए कहा हां मेरे साजन मुझे तुमसे प्यार है और मेरे जिस्म पर पूरी तरह तुम्हारा अधिकार है जैसे चाहो खेलो मेरे इस रसीले बदन से चूत ये चूचियाँ और ये मस्त गांड़ मेरे बदन का एक एक इंच तुम्हारा हुआ है मेरी जान ले लो मज़े अपनी दीदी के जवानी के ये सब सुन कर मेरे लंड में अलग सा तनाव आ गया और वो दीदी के चूतड़ों में घुसने की कोशिश करने लगा लंड की सख्ती अपनी गांड़ पर महसूस कर के उन्होंने अपनी गांड़ को हिला कर लंड को टटोल कर अपनी गांड़ की दरार पर सेट किया और बोली लगता है मेरी बातें ज्यादा ही अच्छी लगी तुम्हे मैंने कहा दीदी काश तुम हमेशा के लिए ऐसी ही बेशर्म बन जाओ ना मेरी बड़ी ख्वाइश थी कि मेरी बीवी सिर्फ मेरे साथ एक मस्त रंडी जैसे रहे …… दीदी ने थोड़ा सा रुक कर कहा …… जान कल क्या कोई कसर रह गयी थी अपनी तरफ से तो मैंने पूरी कोशिश की थी तुम्हे कोई शिकायत ना होने पाए मैंने दीदी के टॉप में हाथ घुसा दिया गले से और हाथ काफी ठंडे हो रहे थे समंदर के किनारे की ठंडी हवा हमारे जिस्म से टकरा के सिहरन पैदा कर रही थी ठंडे ठंडे हाथ नंगी चुचियों पर लगते ही दीदी सिसक कर बोली संजू मूड बन रहा है मेरा मैंने कहा मेरा भी मेरी जान ….. मैं ये नही कह रहा कि कल तुमने कुछ गलत किया मैं बस ये कह रहा हूँ कि ये दिल मांगे मोर ….. दीदी ने मुस्कुरा कर कहा चिंता मत करो जहां तक बन पड़ेगा मैं तुम्हारी हर खुशी का ख्याल रखूंगी ….. मैंने कहा दीदी मेरा भी वादा है मैं तुम्हे हर वो खुशी दूंगा जिसकी तुम हकदार हो और वो भी जिसकी हकदार नही हो ….. दीदी ने घूम कर मुझे बाहों में कस लिया और मेरे होठो को चूम कर बोली फिलहाल तो मेरी चूत तेरे इस मस्त लौड़े की हकदार है मेरे चोदू भाई ….. मैंने दीदी की गांड़ को जोर से मसल कर कहा ओह मेरी दीदी तुम बहुत गर्म माल हो ऐसी ही औरत को चोदने में मज़ा आता है दीदी ने मेरे होठो को अपने होठो से पकड़ कर जोर से चूस लिया और बोली औरत क्यों बोल रहा है मैं औरत जैसी लग रही हूं क्या …… मैंने दीदी के गाल पर दांत गड़ा कर …. जोर से काट लिया दीदी के गोर गाल पर निशान पड़ गए और दीदी मचल गयी और बोली …. आहहह धीरे से जंगली कही के मैंने कहा जंगलीपन तो पसन्द है तुम्हे मेरी जान …… और हां लगती तो तुम कॉलेज की गदराई हुई लौंडिया हो जिसे उसका bf रोज पेलता हो ……. आज से मैं तुम्हे लड़की ही बोलूंगा मेरी जान ……. दीदी ने मेरी टी शर्ट ऊपर खींच कर मेरा सीना नंगा किया और मेरे सीने पर जीभ फिराती हुई बोली …… हां राजा जंगलीपन तो पसन्द ही है तेरी दीदी को जब तक ये जालिम बदन किसी मोटे लंड सख्त लंड वाले के नीचे रौंदा ना जाये क्या फायदा है ऐसी जवानी का ….. और वो मेरे निप्पल बारी बारी चूसने लगी …… और एक हाथ मेरे शार्टस में डाल कर मेरे खड़े लंड को बाहर निकाल लिया मुठ मारने लगी ….. फिर बोली मज़ा आ रहा ना मेरे भाई अपनी दीदी से मुठ मरवाने में मैंने कहा हां इतनी मस्त जवान चुदासी लौंडिया ऐसे खुले में किसी मर्द की मुठ मारे तो किसे मज़ा नही आएगा …… दीदी ने कहा और अगर वो लौंडिया लंड मुह में ले कर चूस ले तो ….. और मैंने दीदी के सर पे हाथ रख कर उनका सर लंड पर दबा दिया दीदी जीभ निकाल कर लंड की जड़ से फिराती हुई सुपाड़े तक आयी और लंड को मुह में भर के चुभालने लगी ….. मैंने कहा दीदी बहोत मस्त लंड चूसती हो तुम ऐसे तो कोई …… दीदी ने सर उठा कर देखा बोल ना चुप क्यों हो गया मैंने कहा तुम बुरा मान जाओगी दीदी ने हंस कर कहा ….. जब मैं एक ऐसे आदमी की गालियां और मार पीट बर्दाश्त करती रही जिस से मुझे सख्त नफरत थी तो तुम तो वो इंसान हो जिसे मैं प्यार करती हूं …… मैंने कहा दीदी मजबूरी और पसन्द में अंतर होता है …. दीदी ने एक पल के लिए मेरी आँखों मे देखा और कहा संजू मैं अब तुमसे इतना प्यार करने लगी हूं की तेरी पसन्द मेरी पसन्द बन गयी है …… और एक कातिल नजर से मेरी ओर देख कर सुपाड़े पर जीभ फिराई और बोली अब अपनी बात पूरी कर और इसी के साथ मैंने उनकी पसन्द जान कर उनके खुले बालों को मुट्ठी में पकड़ कर उनके सर का कंट्रोल खुद लिया और घुटनों पर खड़े हो कर ….. अपना लंड उनके मुह में पुश करते हुए आधे से ज्यादा घुसा दिया और धक्के मारते हुए उनके मुह को चोदने लगा ….. मैंने कहा मेरी जान मस्त रण्डी जैसे लौड़ा चूसती है तू दीदी ने लंड मुह से निकाल कर पूछा कितनी रंडियां चोद चुका है मेरा चोदू सैयां ….., मैंने चोदा तो सिर्फ तुम्हे है मेरी जान पर रंडियों को चुदवाते देखा बहोत है और मेरी पर्सनल रण्डी दीदी जैसे लौड़ा कोई नही चुस्ती ….. और तुम उन सब से कम नही हो चूसने और चुदवाने में दीदी ने फिर लौड़ा मुह से निकाल कर उस पर थूक दिया और अपना बहता हुआ थूक चाटते हुए बोली संजू फिर देर क्यों कर रहे हो चोद लो ना अपनी रण्डी दीदी की बुर को मैंने दीदी का स्कर्ट नीचे सरकाया और उनकी कमर पकड़ कर बैठ गया और दीदी का एक पैर उठा कर अपने कंधे पर रखा दीदी ने पैंटी नही पहनी थी …. मैंने नंगी चूत को चूम कर पूछा पैंटी नही पहनी दीदी ने कहा जब बार बार चुदना है तो पैंटी की क्या जरूरत और अपनी चूत मेरे होठो और नाक पर रगड़ने लगी मैंने बड़ा सा मुह खोल कर चूत मुह में ले ली और उसके लटके हुए मांस को चूसने लगा दीदी सिसकती हुई बोली संजू कल जैसे जीभ डाल कर चाट न और अपने हाथ से बुर के लिप्स खोल दिये मैंने जीभ निकाल कर बुर के छेद में घुसा दी और अंदर तक चाटने लगा ….. थोड़ी देर चाटने के बाद दीदी ने अपनी टांग नीचे रखी और घूम कर अपने चूतड़ मेरी ओर कर के झुक गयी और गांड़ को हाथों से फैला कर बोली दीदी की गांड़ का मज़ा नही लेगा क्या …… मैंने चूतड़ को सहलाया दबाया मसला नरम मांस में उंगलियां गड़ा कर नोचा और फिर एक तेज थप्पड़ गांड़ पर लगा कर बोला हां दीदी तेरी चिकनी गांड़ का कसा छेद चूसने में बड़ा मजा आता है और झुक कर गांड़ को होठो में भर कर जोर जोर से चूसने लगा ….. दीदी अपने हाथों से चूचियाँ मसलने लगी …… और मैने गांड़ के छेद से चूत तक चाटना और दांतों से काटना शुरू कर दिया दीदी की आहें निकलने लगी और अब चोद लें ना एकदम गरम है दीदी की चूत आजा पेल दे अपना खूंटा दीदी की बुर में और चोद दे रगड़ के …… मैंने कहा फिर कुतिया बन जाओ रानी और दीदी घुटने रेत पर टिका कर झुक गयी और मैंने पीछे से दीदी पर चढ़ कर लंड चूत पर टिका कर झटके से पेल दिया ….. थूक से गीली चूत में गीला लंड सरक कर अंदर चला गया और मैंने तेजी से धक्के मारते हुए दीदी को चोदना शुरू कर दिया ……. और दीदी भी मस्ती में आ कर अपनी चूत को मेरे लौड़े पर पटक पटक कर चुदने लगी …. खुले आसमान के नीचे समंदर के किनारे मैं अपनी प्यारी दीदी को नंगी कर के रण्डी जैसे चोद रहा था मैं तेजी से धक्के लगाते हुए अपने हाथ आगे लाया और दीदी की नंगी चूचियाँ पकड़ कर कस के चोदने लगा और उनके निप्पल्स को पकड़ कर जोर से नोचने लगा दीदी सिसियाते हुए बोली और तेज राजा बस मैं झड़ने वाली हूँ और फिर वो तेजी से आवाज़ करती हुई झड़ उसकी बुर कामरस निकल गया और फिर मैंने भी लौड़ा चूत से निकाल कर झुक कर चूत को चूस चूस कर सारा रस पी लिया पर मेरा लंड अभी भी झटके ले रहा था …. मैं अभी भी चूत चाट रहा था तभी दीदी बोली संजू छोड़ दे अब मुझे सूसू आयी है और ये सुनते ही मुझे जुनून सा चढ़ गया मैंने चूत से जीभ निकाल कर कहा आयी है तो कर दो ना दीदी और वापस जीभ चूत में घुसा दी ….. दीदी बोली तू छोड़ तब तो करूँ ना ऐसे कैसे कर दूं …. मैंने तुम बस कर दो बाकी कुछ मत सोचो और मैंने जीभ डाल कर दीदी की बुर में पेशाब वाले छेद को चाटना शुरू कर दिया ….. दीदी तड़पने लगी और आखिर उनकी चूत से कुछ बूंदे टपक गयी जिन्हें मैं चाटते हुए पी गया पर वो रोक रही थीं रिलीज नहीं कर रही थी …., और एक बार फिर उन्होंने छोड़ने को बोला और कहा कि अब छोड़ डर वरना मैं तेरे मुह में मूत दूंगी ….. मैंने कहा बोल तो रहा हूँ मूत दे मेरी जान और फिर उनकी चूत से गरम मूत की तेज धार निकल कर मेरे चेहरे से टकराई एयर मैंने झट से चूत को मुह में भर कर चूसते हुए दीदी का गरम पेशाब पीना शुरू कर दिया ….. दीदी मूतती रही और मैं पीता रहा आखिरी बून्द तक चूस कर मैंने मुह हटाया और दीदी बोली कितना गंदा है तू …. मैंने कहा थैंक्स दीदी मेरी एक और ख्वाइश पूरी करने के लिए और मैं खड़ा हो गया दीदी मेरी ओर घूमी अपने घुटनों पर और मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया और बोली अब इसे शांत कर दूं और अपनी चूत के रस में भीगे हुए लंड पर जीभ फिरा फिरा कर चाटने लगी पूरे लंड को चाट कर उन्होंने एक हाथ से लंड को मुठ मारते हुए सुपाड़े को जोर से चूसना शुरू कर दिया ….. मैं आंखे बंद किये मस्ती में उड़ रहा था दीदी का मूत पीने के बाद मुझे जैसे दो pag का नशा हो गया था ….. और फिर दीदी ने मेरा लंड मुठियाते हुए पूछा संजू मेरी गांड़ चाटने में क्या मज़ा आता है तुम्हे मैंने कहा दीदी ये सब सिर्फ महसूस किया जा सकता है बताने के लिए शब्द नही मिलते …. और फिर दीदी उठ कर मेरे पीछे आ गयी और मेरा लंड जोर से मुठियाते हुए बोली संजू थोड़ा सा झुक जा मैं झुक गया तो दीदी ने एक हाथ से मेरे चूतड़ खोल कर अपनी जीभ मेरी गांड़ पर फिरा दी …. ओह दीदी मेरी गांड़ चाटते हुए मेरा लंड सहला रही थी और 5-7 बार गांड़ पर जीभ फिराते ही मुझे लगा मैं झड़ जाऊंगा ….. और मैं एकदम से घूम कर दीदी के बाल मुट्ठी में पकड़ कर उनके फेस पर लंड रगड़ते हुए मुठ मारने लगा …. दीदी समझ गयी मैं झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने एक हाथ पीछे डाल कर उंगली से मेरी गांड़ के छेद को रब करते हुए और दूसरे हाथ से मेरे बॉल्स को सहलाते हुए कहा संजू झड़ जा पिला दे लंड का पानी अपनी दीदी को मेरे इस खूबसूरत चेहरे पर टपका दे गरम बीज अपना …. और इसी के साथ मेरे लंड से वीर्य की बौछार होने लगी दीदी ने मुह खोल लिया और उनके माथे बालो नाक होठ हर जगह वीर्य की बूंदे बरसने लगी और जब मैं झड़ कर शांत हुआ तो उनका पूरा चेहरा मेरे वीर्य से भीग कर चमक रहा था और वो अपनी जीभ निकाल निकाल कर चाट रही थी उसे अपने होठो से ….. मैं वही बैठ गया और उन्हें गले से लगा लिया और बोला I love you Ruchi ….. You are amazing …. दीदी ने भी मुझे बाहों में कस लिया और और बोली …. Love you to Sanju …. मुझे इतना प्यार देने के लिए बेहद शुक्रिया ….. फिर दीदी ने कहा अब रूम कैसे चलूं मुह कैसे साफ करु मैंने कहा ऐसे ही चलो अभी सूख जाएगा .., और हम अपने कपड़े ठीक कर के ऐसे ही चल पड़े अपने होटल की ओर …..
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Ek number

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भाग 10


मैं और मेरी प्यारी बीवी जो कुछ दिन पहले मेरी दीदी हुआ करती थी दोनों एक दूसरे का हाथ थामे हुए सागर किनारे की रेत पर चलते हुए अपने होटल की ओर वापस जा रहे थे अभी अभी हमने खुले आसमान के नीचे समंदर के किनारे चुदाई का आनंद लिया था और दोनों संतुष्ट थे अपने इस नए जीवन से कुछ दूर चलने के बाद लोग नजर आने लगे और रोशनी भी दिखने लगी रोशनी में मैंने दीदी के प्यारे से खूबसूरत चेहरे पर नजर डाली उनके गोर मुखड़े पर मेरे वीर्य के निशान मौजूद थे मैं दीदी को देख कर मुस्कुराने लगा तो दीदी भी मुस्कुरा दी और बोली क्या हुआ मैंने कहा दीदी तेरे फेस पर मेरे लौड़े का पानी लगा हुआ है दीदी ने हंसते हुए कहा तो क्या हो गया अपने पति के लौड़े का पानी चाहे जहां लगा कर घूमूँ ….. और फिर मैंने रुमाल निकाल कर दीदी का चेहरा पोंछ दिया ….. मैंने कहा दीदी तुम्हारी fantacy तो पूरी हो गयी आज कैसा लगा …. दीदी बोली सच मे बड़ा मजा आया इस तरह से सेक्स कर के ….. फिर कुछ सोचते हुए दीदी बोली संजू मैंने तुमसे वो वीडिओज़ और स्टोरीज मांगी थी मैं भी जानना चाहती हूं कि मेरे प्यारे पति की क्या ख्वाइशें हैं अपनी बीवी से ….. मैंने कहा बस आज ही सेंड कर दूंगा तुम्हे मेरी जान और फिर हम होटल पहुंच गए अपने रूम में आ कर मैं तो बिस्तर पर पसर गया और दीदी नहाने के लिए बाथरूम में चली गयी मैंने इंटरकॉम पर दो बियर का आर्डर दिया और अपना फोन निकाल कर कुछ पसंदीदा bdsm sex और light torture sex वीडिओज़ दीदी को व्हाट्सएप्प कर दिए इसके बाद मैंने एक सेक्स स्टोरी जिसमें एक भाई अपनी बहन को अपनी पालतू रण्डी बना कर चोदता है और उसे बेहद जलील करते हुए गालियां देते हुए डर्टी सेक्स करता है वो स्टोरी भी सेंड कर दी और तब तक बियर आ गयी तो मैं आराम से बियर की चुस्की लेते हुए सोचने लगा कि काश दीदी भी ये सब पसन्द करे और मेरे लंड को पूरे मज़े देने के लिए तैयार हो जाएं तो मज़ा आ जाये लाइफ का ….. हांलाकि दीदी ने अब तक जितना मज़ा दिया था वो किसी तरह से कम नही था पर सेक्स चीज ही ऐसी है कि बस ये दिल मांगे मोर … मेरी बियर खत्म होते तक दीदी बाहर आ गयी उन्होंने एक टॉवल लपेटा था और उनके बल गीले थे वो ऐसे ही आ कर मेरे पास बेड पर बैठ गयी और मेरे हाथ से बियर की कैन ले कर उसमे बची हुई दो तीन घूंट गटक गईं और बोली तेरे साथ मुझे भी पीने की आदत लग गयी है मैंने कहा तो क्या प्रॉब्लम है यार कौन सा हम दिन रात पीते हैं बाकी चोदने का मज़ा तो पीने के बाद ही आता है मेरी जान और दीदी की गर्दन में हाथ डाल कर उन्हें झुका कर उनके गुलाबी होठो को कस के चूस लिया ….. दीदी भी मेरे होठो को चूमते चाटते हुए बोली हां यार पीने के बाद तो चुदवाने में अलग ही मज़ा आता है ….. मैंने कहा दूसरी बियर उठा कर खोली और दो घूंट पी कर कैन दीदी को पकड़ाते हुए कहा लो मेरी चुदासी बीवी तुम ये खत्म करो मैं भी नहा कर आता हूँ फिर तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूँ रानी …. दीदी ने एक सिसकी ले कर नशीली आवाज़ में कहा ठीक है मेरे चोदू पति जल्दी आना मेरी चूत तुम्हारे सख्त लंड के इंतजार में पानी टपका रही है ….. मैंने उठ कर एक बार दीदी की चूची जोर से मसली और मुस्कुराते हुए बाथरूम में घुस गया ….. मुझे बाथरूम में लगभग आधा घंटा लगा और जब मैं नहा कर नंगा ही बाथरूम से निकला तो देखा दीदी अपने फ़ोन में लगी पड़ी हैं वो बेड पर पेट के बल पड़ी थी और उनकी गोरी चीकनी मखमली गांड़ एकदम नंगी मेरे सामने थी ….. मुझसे रहा नही गया और मैंने जा कर दीदी की टांगो के बीच के लेट कर उनके चूतड़ फैला दिए और झुक कर अपनी जीभ उनकी गांड़ के चिकने रसीले छेद पर फिराते हुए दीदी की गांड़ चाटने लगा दीदी मेरी इस हरकत से एकदम से गरमा गई और बोली संजू मैंने वीडिओज़ देख लिए हैं अब स्टोरी पढ़ रही हूं ….. और अब मैं समझ रही हूं तू क्या चाहता है ….. मैने गांड़ से जीभ हटा कर कहा समझ गयी हो तो क्या इरादा है फिर …. दीदी बोली मेरा इरादा अपने भाई की पालतू रांड बन कर रहने का है जिसका काम सिर्फ अपने मास्टर के लंड को खुश करना है उसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े मेरे मन मे लड्डू फूट पड़े मैंने कहा सच कह रही हो दीदी ….. दीदी उठ कर बैठ गईं और मेरी आँखों मे झांक कर ठरक भरी आवाज़ में बोली दीदी नहीं मेरे राजा अब मैं तेरी कुतिया हूँ तेरी लंड की गुलाम पालतू कुतिया …. आज से रुचि तेरी सेक्स स्लेव है संजू जैसे चाहे चोद अपनी इस रण्डी को मैंने कहा दीदी मैं कुछ सेक्स टॉयज का इंतजाम कर लूंगा अपनी फंतासी पूरी करने के लिए दीदी ने फौरन plz संजू दीदी मत बोल ना मैंने कहा फिर क्या बोलूं दीदी बोली जो तेरी मर्ज़ी हो वो बोल मैंने कहा गालियां दूंगा तो तुम्हे बुरा नही लगेगा ….. दीदी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया उनकी चूचियाँ मेरे सीने से दब गई और वो मेरी गर्दन को चूमते हुए बोली संजू my love जितना तुमने मेरे लिए किया है शायद कोई अपनी पत्नी या प्रेमिका के लिए भी नही करता होगा बदले में अगर तुम थोड़ी सी खुशी चाहते हो मुझ्से तो इसमे बुरा लगने जैसी क्या बात है और गालियां कोई नई नही हैं मेरे लिए मैं जिस इंसान से नफरत करती थी जब उसकी गालियां सुनती थी तो तुमसे तो प्यार करती हूं मेरे राजा ….. अब मैं तुम्हारी मर्ज़ी का कर रही हूं तो तुम क्यों हिचक रहे हो मेरे पतिदेव ….. मैंने कहा रुचि बुरचोदी चल फिर मेरे लंड को आज ऐसा चूस जैसे कोई सड़कछाप रण्डी लौड़ा चूसती है ….. दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए मेरा सख्त गरम लंड मुट्ठी में कस लिया और उसे मसलते हुए बोली जो हुक्म मेरे मालिक आप बस सोफे पर टांगे फैला कर बैठ जाओ फिर देखो इस कुतिया का कमाल मैं बेड से उठ कर सोफे पर आ कर बैठ गया दीदी बेड से उतरी और अपने घुटनों और हाथों पर कुतिया जैसी खड़ी हो गयी और फिर चार पैरों पर चलती हुई मेरे पास आई और झुक कर मेरे पैर के पंजे पर होठ रख दिये और फिर जीभ निकाल कर पूरे पैर के पंजे को चाटने लगी वो ये सब करते हुए एकटक मेरी ओर देख रही थी और eye contact के साथ ऐसे चाटते हुए वो बहोत सेक्सी लग रही थी मैं तो बस मस्ती में उड़ रहा था और फिर न जाने क्यों मैंने एक पैर उठा कर दीदी के मुह के आगे किया और कहा मुह खोल रुचि कुतिया दीदी ने झट से मुस्कुरा कर मुह खोला और मैंने पैर का पंजा उस रण्डी के मुह में घुसा दिया और वो छिनाल मज़े से मेरे पैर की उंगलियां चूसने लगी कुछ देर तक चुसवाने के बाद मैंने उसके मुह से पैर निकाला तो उसने अपनी जीभ मेरी बालों से भरी टांग पर रखी औरमेरी टांगो को चाटते हुए ऊपर जांघो तक आ गयी ….. वो जैसे जैसे ऊपर आ रही थी मेरे टांगे खुद ब खुद खुलती जा रही थी अब वो मेरी टांगो के बीच मे बैठी थी और मैंने अपने दोनों पैर उठा कर अपनी रुचि रण्डी के कंधों पर रख दिये ऐसा करने से मेरी गांड़ खुल गयी थी और दीदी मेरी गांड़ के छेद को गौर से देख रही थी मैंने कहा क्या हुआ साली रण्डी तो दीदी ने कहा बस सोच रही थी तुम्हारी गांड़ का स्वाद ले लूं मैंने कहा तो सोच क्यों रही है मादरचोद ले ले ना इतना सुनते ही दीदी ने झुक कर अपने होठ मेरी गांड़ के छेद पर रख दिये और जीभ से कुरेदते हुए मेरी गांड़ को चाटने लगी ….. दीदी ने अपने हाथों से गांड़ को अच्छे से फैला दिया और जीभ की नोक से रगड़ रगड़ कर गांड़ चाटे जा रही थी मैंने मस्ती में आंखे बंद कर ली और अपनी सगी रण्डी बहन से गांड़ चटवाने का सुख लेने लगा मेरा हाथ खुद ही लंड पर चला गया और मैं अपना लंड मुठियाने लगा ये देखते ही दीदी ने मेरा हाथ मेरे लंड से हटाया और गांड़ से मुह हटा कर लंड को मुह में भर कर दो तीन बार चूस कर गीला किया और फिर अपने एक हाथ पर थूक कर लंड पर अच्छे से थूक चुपड कर उसे सहलाते हुए वापस गांड़ चाटने लगी …… अब वो लंड को सख्ती से मुट्ठी में भर कर धीरे घिससे मारते हुए जीभ को गांड़ की दरार में ऊपर से नीचे तक फिराते हुए चाट रही थी 7-8 बार ऐसा करने के बाद वो मेरे फूले हुए टट्टे चाटने लगी और फिर बड़ा सा मुह खोल कर मेरे दोनों आंड मुह में भर कर चूसते हुए तेजी से मुठ मारने लगी ….. मेरे मुह से आह और सिसकियां फूटने लगी मैंने झड़ जाऊंगा बुरचोदी तो दीदी ने हाथ का मोशन स्लो कर लिया बोली इतनी जल्दी मत झड़ो राजा मज़ा लो अपनी रण्डी के बदन का जी भर के मज़ा लो … अभी तो सिर्फ गांड़ चाटी है …… और दीदी ने अपने होठों में सुपाड़े को जकड़ लिया और कुतिया जैसे जीभ निकाल कर लंड चाटने लगी सच मे दीदी आज मुझे और मेरे लंड को पागल कर रही थी …… और फिर मैंने अपना हाथ दीदी के सर पर रख कर उसके रेशमी बालों को मुट्ठी में भर लिया ….. और दीदी का सर अपने लंड पर दबाते हुए जड़ तक लंड उसके हलक में उतार दिया ….. और बोला …. ले साली भोसड़ी वाली रांड खा लंड बुरचोदी कुतिया aaaahhhhh चूस लंड बहन की लौड़ी मादरचोद रुचि और दीदी सर को तेज झटके देते हुए पागलों जैसे लौड़ा चूसने लगी ….. तभी कमरे का इण्टरकॉम बजा और दीदी रुक गयी मैं उठा और दीदी के बाल पकड़े हुए उन्हें बालो से खींच कर टेबल तक ले आया और इंटरकॉम उठा कर बात करने लगा रूम सर्विस की कॉल थी वो डिनर का आर्डर पूछ रहा था मैंने उसे व्हिस्की और खाने का आर्डर दिया ….. और दीदी के मुह में फिर से लंड पेल कर धक्के मारते हुए दीदी का मुह चोदने लगा ….. मैं फिर से झड़ने को हुआ तो दीदी के मुह से लंड निकाल लिया दीदी घुटनों पर बैठी मेरी ओर देख रही थी उनका चेहरा एकदम मासूम और सेक्सी लग रहा था तभी मैंने उनके गोर गाल पर हाथ फिराना शुरू किया और हाथ फिराते हुए एकदम से एक तेज थप्पड़ उनके गाल पर जमा दिया …. और पूछा कैसा लगा मेरी कुतिया ….. दीदी ने मुस्कुरा कर कहा बहोत अच्छा लगा राजा एक बार और मारो ना अपनी रण्डी को मैंने दूसरे गाल पर झुक कर थूक दिया और दीदी के गाल पर अपने हाथ से थूक मलते हुए एक और तेज झन्नाटेदार थप्पड़ लगा दिया दीदी का गाल एकदम से लाल हो गया और दीदी के मुह से सिसकारी निकल गयी जिसे सुन कर मेरा लंड और भी सख्त हो गया …… फिर दीदी अपने चार पैरों पर चलती हुई बेड तक गयी और बेड पर चढ़ कर कुतिया बनी हुई अपने हाथों से अपने चूतड़ फैला कर बोली आओ संजू अपनी रांड की गांड़ में पेल दो अपना सख्त गरम लौड़ा और मेरे चूतड़ों को थप्पड़ मारते हुए फाड़ दो अपनी कुतिया की गांड़ ….. आओ ना राजा ….. मैं उठ कर अपनी छिनाल दीदी के पास गया और उसके नंगे चूतड़ सहलाते हुए अपना सख्त गरम लौड़ा सहलाने लगा दीदी ने मुड़ कर मेरी ओर देखा और कामुक नजरो से मेरा लंड देखते हुए मुस्कुरा कर बोली क्या हुआ राजा अपनी रांड की गांड़ नही चोदोगे अपने मूसल जैसे लौड़े से मैंने दोनों हाथों से दीदी के चूतड़ फैलाये और झुक कर उसके गांड़ के कसे हुए नन्हे से गुलाबी छेद को चूम लिया और जीभ फिराते हुए चाटने लगा मेरी जीभ गांड़ पर महसूस करते ही दीदी की सांसे भारी होने लगी और उसने अपना सर बिस्तर पर टिका कर गांड़ और उभार दी और अपने हाथों से अपनी चूचियाँ मसलने लगी ये देख कर मेरा लंड एकदम झटके लेने लगा और मैंने खड़े हो कर दीदी की गांड़ के गीले छेद पर अपना सख्त चिकना सुपाड़ा टिकाया और खींच के एक थप्पड़ दीदी की गोरी गांड़ पर मारा कमरे में चटाक की आवाज़ गूंज गयी और दीदी के गले से एक तेज मस्ती भरी सिसकारी निकली और वो नशे और उत्तेजना में बोली अब पेल ना बहनचोद चोद दे अपनी रण्डी दीदी की गांड़ बना ले मुझे अपने लंड की गुलाम साले …… मैंने भी जोश में आ कर दीदी के बाल अपनी मुट्ठी में पकड़े और पूरी ताकत से अपनी ओर खींच कर एक तेज धक्का दिया और आधे से ज्यादा लौड़ा दीदी की कसी हुई गांड़ में घुसा दिया दीदी के मुह से एक तेज चीख निकली और वो एकदम दर्द से बिलबिला उठी उनकी हालत समझ कर मैं एकदम से रुक गया और उनकी कमर पर हाथ फिराते हुए उनकी पीठ को चूमने लगा वो एकदम से हांफने लगी थी और उनके चेहरे पर पसीना छलक आया था …… कुछ मिनट बाद वो बोली अब ठीक है संजू अब चोद मैंने धीरे से लंड बाहर खींचा और वापस पुश किया और धीरे धीरे धक्के देते हुए पूरा 8 इंच लौड़ा दीदी की गांड़ में भर दिया और फिर धक्कों की गति बढाते हुए चोदने लगा अपनी बहन की प्यारी गांड़ धीरे धीरे दीदी की गांड़ भी लंड की अभ्यस्त हो गयी और वो अपने चूतड़ हिला हिला कर अपनी गांड़ को लंड पर पटकने लगी ……. मेरा जोश बढ़ता जा रहा था और मैंने दीदी के चूतड़ों पर चपत मारते हुए पूरा जोर लगा के उनकी गांड़ पेलनी शुरू कर दी उधर दीदी ने अपना एक हाथ टांगों के बीच डाल कर अपनी चूत रगड़नी शुरू करी और मस्ती में बड़बड़ाने लगी ….. हाँ ऐसे ही चोद कस के चोद अपनी दीदी की गांड़ को फाड़ दे राजा अपने इस मस्त लंड से मेरी गांड़ को बना ले मुझे लंड की गुलाम चोद साले और तेज चोद ….. मैं ये सब सुन कर पागल से होने लगा और पागलों जैसे ही पूरी ताकत से अपनी कमर दीदी के नंगे चूतड़ों पर पटक पटक कर उसे कुतिया जैसे चोदे जा रहा था …… कोई 15 मिनिट तक तूफानी रफ्तार में दीदी की गांड़ चोदने के बाद दीदी का बदन अकड़ने लगा और वो चीखने सी लगी ….. आहहह संजू मेरे राजा मैं गयी बह गई मेरी चूत ….. और तेज धक्के लगा ….. ये सुनते ही मैंने झटके से गांड़ से लंड निकाल कर दीदी की बुर में पेल दिया और हुमच हुमच के 20-30शॉट मारे तो दीदी का बदन थरथराने लगा और वो झड़ने लगी उनकी बुर से रस के छींटे से उड़ रहे थे और आखिर में वो एकदम सुस्त सी हो कर बेसुध गिर गयी और मैं अपना लंड सहलाता हुआ दीदी की खुली हुई गांड़ देख रहा था जिसका मुह चुद चुद कर एक रुपये के सिक्के जितना खुल गया था ……. हांलाकि मैं झड़ा नही था पर फिर भी मुझे अभी उसे डिस्टर्ब करना ठीक नही लगा ….. और मैं वही दीदी के बगल में लेट कर उन्हें अपनी बाहों में जोर से कस लिया ….. मेरे स्पर्श से दीदी को थोड़ा सा होश से आया और उन्होंने भी मुझे ठीक से बाहों में भर लिया और मेरे होठो को मुह में भर कर चूस लिया ….. मेरा सख्त लंड उनके पेट पर अड़ा हुआ था मानो वही छेद कर के घुस जाना चाहता हो ….. दीदी बोली लगता है अभी और चुदवाना पड़ेगा …. मैंने कहा कोई नही थोड़ा आराम कर लो रिलैक्स हो लो रात अपनी है ….. दीदी बोली सच बताउं संजू आज जितना मज़ा कभी नही आया मुझे सेक्स में …. मैंने खुश होते हुए कहा सच दीदी मुझे भी आज बहोत मज़ा आया ऐसा सेक्स नॉर्मल सेक्स से ज्यादा मज़ेदार लगा मुझे ….. दीदी ने मेरा लंड मुट्ठी में भरते हुए कहा आज ये कुछ ज्यादा ही सख्त और मोटा महसूस हो रहा है मैंने कहा आज तुम दीदी नही रांड बनी हो ना इसलिए दीदी ने गोल गोल आंखे नचा कर कहा तू ऐसे ही रोज मुझे चोदना मैं सारी जिंदगी तेरी पालतू रांड कुतिया बनने के लिए तैयार हूं …… ढेर सारी बियर पीने की वजह से मुझे खड़े लंड पर भी जोर से पेशाब आ रहा था …… तो मैं उठने लगा पर दीदी ने मुझे नही छोड़ा और बोली क्या हुआ कहा जा रहे हो मैंने कहा दीदी छोड़ो न पेशाब करने जाना है दीदी ने ये सुन कर मुझे छोड़ तो दिया पर मेरे उठने से पहले ही खुद उठ गई और दौड़ कर बाथरूम में घुस गई मेरी कुछ समझ नही आया पर उन्होंने दरवाजा बंद नहीं किया था सो पीछे से मैं भी लंड हिलाते हुए बाथरूम में घुस आया ….. देखा तो दीदी कमोड के सामने बैठी हुई थी पंजो पर मैंने आंख के इशारे से उनसे पूछा कि क्या हुआ तो वो मुस्कुरा कर बोली ….. तुम्हे डर्टी सेक्स पसन्द है ना मेरे राजा …. मैंने कहा हां बता तो चुका हूं ….. दीदी बोली फिर आज मेरे बदन पर मूतो ना अपनी रण्डी दीदी को नहला दो अपने लंड के गरम मूत से और ये सुन कर मैं खुशी और आश्चर्य से भर गया मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था हांलाकि ये भी मेरी एक ख्वाहिश थी पर दीदी खुद ये आफर करेंगी इसका मुझे यकीन नहीं हो रहा था पर जो भी हो रहा था वो मेरे लिए किसी सरप्राइज से कम नही था मैं दीदी के पास गया और लंड पकड़ कर उनके सीने पर मूतने लगा दीदी की गोरी चुचियों पर मेरे गरम की मूत की धार गिरने लगी और बहती हुई उनकी चूत से मेरा टपकने लगा तीन बियर का असर था कि पेशाब की धार रुक ही नही रही थी और दीदी जैसी सेक्सी और प्यासी नजरो से मुझे और मेरे लंड से निकलती पेशाब की धार को देख रही थीं एकदम से जा जाने मेरे मन मे क्या आया और मैंने लंड को पकड़ कर उसका डाइरेक्शन सीधा दीदी के मुह की ओर कर दिया और गरम मूत की धारा सीधा दीदी के चेहरे पर पड़ी दीदी अचानक हुए इस हमले से चौंक सी गयी और उन्होंने कुछ कहने को मुह खोला पर मुह खोलते ही धार सीधा उनके खुले हुए मुह में गिरने लगी ….. और फिर दीदी ने भी इस सब को एडजस्ट करते हुए अपने होठ आगे कर के लंड को मुह की गिरफ्त में ले लिया और चूसते हुए मेरा मूत पीने लगा कोई ग्लास भर मूत उन्हें पिलाने के बाद ही मेरा लंड रुका पर दीदी अब भी उसे सर हिलाते हुए चूसे जा रही थी ….. कुछ देर तक लंड चूसने के बाद उन्होंने उसे आज़ाद कर दिया और उठ खड़ी हुई और मैंने उन्हें बाहों में भर कर एक गर्म चुम्मा उनके रसीले होंठो पर जड़ दिया ….. फिर हम बाहर आ गए दीदी ने टॉवल से अपना बदन पोंछा और बोली इतना बुरा भी स्वाद नही था ….. मैंने कहा थैंक्स दीदी ….. उन्होंने पूछा किसलिए मैंने कहा मेरे लंड को इतने मज़े देने के लिए दीदी ने मुस्कुरा कर कहा ये भी तो मुझे कितने मज़े देता है जब दोनों एक दूसरे को मज़े देते हैं तो थैंक्स किस बात का ….. तभी डोरबेल बजी और मैंने जल्दी से टॉवल लपेट कर दीदी को बाथरूम में जाने का इशारा किया और वो बाथरूम में घुस गई मैंने दरवाजा खोला तो वेटर सामने था वो ड्रिंक और डिनर लगा कर चला गया दरवाजा बंद कर के मैंने दीदी को आवाज़ दी ….. पर वो नही आई मैंने कई आवाज़ें दी पर वो नही आई मैंने दरवाजे जा कर उसे पीटा और कहा दीदी क्या हुआ क्या कर रही हो अंदर से आवाज़ आयी यहां कोई दीदी नही है अब ….. मैंने एक सेकेंड सोचा कि इस बात का क्या मतलब और फिर मतलब समझते ही मैंने कहा ….. रुचि कुतिया बाहर आ जा भोसड़ी वाली और फौरन ही दरवाजा खुला दीदी एक बार फिर से नहा कर फ्रेश हो गयी थीं उसने बाहर आ कर कहा संजू अब दीदी मत बोला करो ना मुझे गालियां ज्यादा अच्छी लगती हैं सुनने में मैंने कहा ठीक है साली रांड चल अब खाना खाते हैं और फिर हमने दो दो pag व्हिस्की पी और शानदार डिनर किया ………
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abhaysuri0

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भाग 11


उस रात दीदी की जोरदार चुदाई कर के हम मस्ती में चूर हो कर सो गए और सुबह मेरी आँख 9 बजे के आसपास खुली दीदी अभी भी नंगी बेसुध पड़ी सो रही थी मैं उठ कर फ्रेश हुआ और दीदी को भी जगाया वो भी फ्रेश हो कर आई और फिर नाश्ता कर के हम घूमने निकल गए उस दिन हमने शॉपिंग भी की दीदी के लिए कुछ बेहद सेक्सी और महंगी lingerie खरीदी और फिर मुझे एक सेक्स टॉय शॉप के बारे में पता चला …. दीदी को होटल छोड़ कर वहां गया और मैंने एक पट्टा चेन और कुछ butt plug dildos mouth balls और भी कुछ टॉयज खरीदे और सब पैक करवा कर होटल आ गया ….. शाम के 4 बज रहे थे हम एक बार फिर बीच पर गए और उस दिन तो उजाले में ही हमने बीच पर एक धमाकेदार चुदाई की दीदी बेहद खुश थीं और हर तरह से मुझे खुश रखने की कोशिश कर रही थीं ….. ऐसे ही गोआ में मौज मस्ती भरे 5 दिन बीत गए हमारा हनीमून ओवर हुआ और हम वापस घर के लिए उड़ चले ….. सेक्स टॉयज मैंने साथ ना ले जा कर कूरियर कर दिए थे घर के एड्रेस पर ….. दोपहर 2 बजे हमने फ्लाइट ली और शाम 7 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर थे …. मेरे दोनों हाथों में बैग्स थे हमेशा की तरह दीदी ने जेब से चाभी निकाल कर दरवाजा खोला और हम अंदर आ गए ….. थके हुए थे और खाना तो होटल से ही खा कर आये थे तो आते ही बस सो गए हम और अगले दिन फुल रेस्ट कर के नेक्स्ट डे मैं आफिस जाने लगा ….. हफ्ते भर का पेंडिंग निपटाते 3-4 दिन बीत गए पता ही नही चला हां इसी बीच वो टॉयज वाला पैक आ चुका था दीदी ने पूछा भी इसमे क्या है मैने कहा बाद में बताऊंगा ….. इस बीच हमने खास चुदाई भी नही की सिर्फ एक बार नार्मल चुदाई ….. फिर आया सैटरडे और उस दिन काम थोड़ा सा कम भी था …. शाम के तीन बजे मैं थोड़ा सा फ्री हो कर अपने केबिन में अकेला बैठा था ….. बस अचानक मुझे अपनी रुचि दीदी की याद आयी और मैंने फ़ोन पर cam on किया तो देखा दीदी अपने रूम में लेटी हुई tv देख रही थी हां कभी कभी वो अपनी पजामी के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ फिरा रही थी …. मैंने तुरंत उन्हें कॉल की …..
दीदी- हेलो संजू
मैं – हेलो my sweet wife क्या हो रहा ….
दीदी- कुछ नही बस tv देख रही थी
मैं- सिर्फ tv देख रही ??
दीदी- हाँ
मैं- और चूत कौन सहला रहा ….
दीदी- हेहेहे वो तो नार्मल बात है
मैं- अच्छा साली नार्मल बात है मतलब तू चुदासी नही है (अब tv की आवाज़ बंद हो गयी शायद दीदी में tv ऑफ कर दिया था)
दीदी- चुदासी तो हमेशा रहती हूं मेरे राजा पर मेरे साजन को इतना काम रहता है कि उसे अपनी बीवी को चोदने की फुरसत ही नही मिलती …..
मैं- आज सैटरडे है और मैं आज शाम 6 बजे परसों सुबह 7 बजे तक फ्री ही फ्री हूँ अपनी रण्डी को रगड़ने लिए ….. बस तू अपनी चूत और गांड़ रेडी रखना साली कुतिया ….
दीदी- उफ़्फ़फ़ तेरी तो बातें सुन कर ही मेरी चूत गीली हो गयी राजा …. जल्दी से घर आ जा मैं चूत फैलाये मिलूंगी अपने राजा को बस आ कर अपना मोटा लंड पेल देना अपनी चुदासी कुतिया की बुर में और इतना चोदना की मैं पागल हो जाऊं ….
मैं- हां मेरी जान इसीलिए कॉल की है अब मेरी बात सुन वो जो कूरियर आया था उसे ओपन कर ले कर …..
दीदी- ok wait (और एक मिनट बाद कुछ आवाज़ें आयी पैक खोलने की) हां खोल लिया …. इसमे तो बड़े अजीब से सामान हैं ….
मैं- जो भी तुम्हे इनका इस्तेमाल तो मालूम ही है ना इतने वीडियोस दिखा चुका हूं साली तुझे ….
दीदी- हां देखे तो हैं पर कभी इस्तेमाल नही किये ना ….
मैं – तो आज कर ले और सुन जब मैं घर पहुँचूँ तो एकदम रेडी मिलना क्या करना है कैसे करना है तू जाने पर ये समझ ले अगर कोई कमी हुई तो तेरी गांड़ लाल कर दूंगा …. उस समान में एक लेदर का पट्टा और एक स्टिक भी है वो तेरी गांड़ लाल करने के लिए ही है ….
दीदी- ओ मेरे राजा मैं पूरी कोशिश करूंगी फिर भी कोई गलती हो कर ही देना मेरी गांड़ लाल …. और हां आज कुछ पीने को लेते आना ….
मैं – ok रानी अब रखता हूं love you साली रण्डी
दीदी- love you to my sweet hubby
इस बातचीत में ही मेरा लंड सख्त हो कर पत्थर जैसा हो चुका था और मैं बैठा शाम और रात को मिलने वालेमज़े की कल्पना करते हुए खुश हो रहा था तभी संजीव कुछ फ़ाइल ले कर आया मैंने उन्हें देख कर सिग्नेचर किये और संजीव से कहा यार कुछ इंतजाम करो पीने का उसे पैसे ऑयर अपनी कार की चाभी दे दी हांलाकि वो पैसों को मना कर रहा था पर मैंने ये कहते हुए की रोज रोज ठीक नही है जब तेरे घर आऊं तू कर देना इंतजाम ….. वो चला गया दारू लेने और उधर मैंने फिर से फोन पर cam न किया दीदी अब रूम में नहीं थी दूसरा cam देखा तो वो बाथरूम में थी अपने बाल शैम्पू कर के बाथ ले रही वो भी एकदम नंगी शायद उसे अंदाजा रहा होगा कि मैं उसे देख रहा हूँ फोन पर …. दीदी के नहाने में कोई आधा घंटा लगाया और फिर वो टॉवल लपेट कर रूम में आ गयी …. बदन पोंछ कर बॉडी लोशन लगा कर पूरे इत्मीनान से फुल मेकअप किया नंगे ही आंखों में काजल eye liner सुर्ख लिपस्टिक ना जाने क्या क्या मुझे तो उस सब की ज्यादा knowledge भी नही थी पर मैं दीदी को ऐसे सजते संवरते देख कर सिर्फ ये सोच रहा था इस खूबसूरत औरत का जिस्म घर जा कर मुझे रगड़ना है बेदर्दी से इसी बीच संजीव आया मुझे चाभी दे गया और मैंने उस से एक हाफ साथ भी लाने को कहा था तो दो बोतलें तो वो गाड़ी में ही छोड़ आया था पर एक हाफ लेता आया था …. जैसे ही वो केबिन में आया मैंने कहा दरवाजा अंदर से बंद कर ले उसने बंद किया और मैंने उसे pag बनाने को बोला उसने जल्दी से ड्रा से ग्लास निकाल कर हल्के हल्के दो pag बनाये और हमने एक सांस में उसे खाली किया आफिस का मामला था देर करनी ठीक नही थी और जल्दी से दूसरा pag बना के उसे भी खींच कर ग्लास धो कर वापस रख कर वो चला गया …. मैंने दूसरी दराज से काजू निकाले और मुह का स्वाद ठीक करते हुए फिर से फोन पर देखा तो अब दीदी का मेकअप पूरा हो चुका था और वो वैसे ही नंगी बेड पर वो सारे टॉयज रखे हुए ध्यान से देख रही थी …. फिर दीदी ने एक butt plug उठाया वो हार्ड रबर का बना हुआ छोटे लंड जैसे पर काफी मोटा था दीदी ने उसे गौर से देखा फिर मुह में ले कर चूस कर गीला किया और थोड़ा सा झुक कर गांड़ फैला कर उसे गांड़ के छेद में घुसाने लगी पर वो काफी मोटा था लेकिन दीदी ने किसी तरह उसे गांड़ में ठूंस लिया अब वो मोटा से प्लग दीदी की कसी हुई गांड़ में घुसा हुआ था फिर दीदी उठ खड़ी हुई और लिंगेरी वाला पैक ले आयी उसे खोल कर एक स्काई कलर की ब्रा और ठोंग का सेट निकाला और उसे पहन लिया वो ब्रा ऐसी थी कि बस निप्पल के सामने ढाई इंच कपड़ा और पतली सी डोरी और ठोंग भी ऐसा की सिर्फ चूत की क्रैक और गांड़ के छेद को कवर किया और पतली सी डोरी कमर पर इसके बाद दीदी ने वार्डरोब खोल कर एक रेड कलर की सिल्क की साड़ी निकाली साथ मे रेड पेटीकोट और नेट का मैचिंग ब्लाउज और वो सब पहन कर जब वो रेडी हुई तो मेरे दिल दिमाग और लंड में ऐसी हलचल मची की मुझसे आफिस में रुकना मुश्किल हो गया मैंने एक हल्का सा pag और बना कर मारा पौने पांच हो रहे थे …. मैंने केबिन लॉक किया बाहर आया बैंक का स्ट्रांग रूम लॉक करवाया आओए स्टाफ को जरूरी निर्देश दे कर घर की ओर निकल लिया …… रास्ते मे मैंने होटल से बेहतरीन खाना पैक करवाया और दीदी को वीडियो कॉल की गाड़ी में बैठे हुए ….. दीदी ने कॉल रिसीव की उनके गोरे चिकने चेहरे पर लाली थी शायद चुदाई की खुशी झलक रही थी मैंने कहा रुचि क्या बात है आज को गजब ढा रही बो वो बोली जल्दी आओ ना मैंने कहा बस रास्ते मे हूँ खाना पैक करवा लिया है तुम बस पीने का इंतजाम रखना मैं जल्दी ही आता हूं …. दीदी ने कहा ok … मैंने कहा रुचि … दीदी बोली हं संजू क्या है बोलो ना …. मैंने नशे और उत्तेजना में फुंफकरते हुए कहा आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा साली मादरचोद ….. ये सुन कर दीदी सेक्सी आवाज़ में बोली जल्दी आना साले मैं भी देखूं कितना दम है तेरे लंड में इस रण्डी की चूत की प्यास बुझाने का और फिर मैंने कॉल काटी और बस कार घर की ओर दौड़ा दी ….. घर पहुंच कर कार पार्क कर के दारू की बोतलें और खाने का पैक ले कर मैं ऊपर आया और मेरे बेल बजाने से पहले ही दीदी ने दरवाजा खोल दिया …. उनके बदन से आती हुई परफ्यूम की खुशबू से मेरा लंड और झटके खाने लगा …. दीदी ने मेरे हाथों से सामान लिया और मैं अंदर आ गया मैंने दरवाजा बंद किया और देखा टेबल पर पानी एक जग आइस बॉक्स सोडे की बोतल और काफी सारा स्नैक्स लगा हुआ था दीदी ने हाई हील सैंडल पहने थे और सारी इतनी कसी हुई पहनी थी कि उसकी उभरी हुई गांड़ मुझे पागल बना रही थी …. दीदी ने खाने का सामान किचन में रखा और एक बोतल ल कर मेज़ पर रख दी …. उनके चेहरे पर एक कातिल मुस्कान थी और मैं खड़ा बस उन्हें ऊपर से नीचे तक देखते हुए अपना लंड मसल रहा था …. दीदी ने मेरे पास आ कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सोफे पर बिठाया और वही जमीन पर बैठ कर मेरे जूते खोलने लगी मेरे जूते मोज़े उतार कर उन्होंने शेल्फ पर रखे और फिर वापस आ कर मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए उसे भी निकाल दिया ….. ऎसी की ठंडक से मेरा पसीना सूखने लगा …. दीदी ने पूछा पहले नहाओगे या पियोगे …. मैंने कहा एक pag पिला दो फिर नहाऊंगा दीदी ने सोफे पर बैठते हुए बोतल खोली और दो गिलास में डाल कर आइस डाली और पानी डालने लगी तो मैंने रोका …. वो सवालिया नजरो से मेरी ओर देखने लगी …. मैंने कहा दीदी अगर इस पानी की जगह कुछ और डालो तो जिस से नशा दुगना हो जाये …. वो कुछ समझ नही पाई बोली ऐसा क्या डालूं सोडा ?? मैंने एक हाथ उसकी साड़ी के ऊपर से चूत पर रखा और कहा अपनी इस टंकी का पानी डाल कर बनाओ न pag एक पल उन्होंने सोचा और फिर मेरी बात समझ में आते ही मसुकुरा कर बोली अच्छा अब समझी और फिर वो जग का पानी किचन में फेंक कर खाली जग ले कर आई और वही मेरे सामने खड़ी हो अपनी साड़ी पेटीकोट उठा कर ठोंग को थोड़ा सा साइड कर के जग को चूत के सामने रख मेरी आँखों मे देखती हुई मूतने लगी …… कोई डेढ़ गिलास ताजा गरम मूट उनकी बुर से निकल कर जग में इकट्ठा हुआ और फिर दीदी ने अपने कपड़े सही कर के सोफे पर बैठते हुए दोनों एक गिलास में अपना मूत डाल कर pag बना दिया …. और गिलास उठा कर मेरे होठो से लगा कर बोली लो राजा पियो अपनी दीदी के मूत से बना हुआ pag और पी कर दीदी की चूत पर टूट पड़ो …. मैंने दो घूंट चुसक कर कहा सिर्फ एक ही बनाया तुम नहीं पियोगी …. तो दीदी हंसते हुए बोली जिसे मैंने तुम्हारे लिए बनाया तुम भी मेरे लिए बना दो ना …. उनकी बात समझते ही मुझे मज़ा आ गया और मैंने खड़े हो कर ज़िप खोली और दीदी वाला गिलास उठा कर लंड निकाल कर उसमे मूत कर गिलास फुल कर दिया और दीदी को पकड़ा दिया …. दीदी ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर एक झटके में पूरा गिलास खाली कर दिया उधर मैं भी अपना गिलास उठा कर घूंट भरते हुए पी रहा था और इस pag का स्वाद वाकई अलग था और नशा कई गुना ज्यादा ……
दीदी ने गिलास खाली कर कुछ चिप्स उठाये और मुझे खिलाते हुए खुद भी एक चिप्स अपने होठो में दबा लिया ….. मैंने बोतल उठा कर अपने गिलास में थोड़ी और दारू डाली और एक बार दीदी का पेशाब गिलास में भर कर एक pag बनाया और चुस्की लेते हुए शराब पीने लगा ….. दीदी ने मेरी ओर प्यासी नजरो से देख कर कहा मुझे एक ही pag मिलेगी क्या आज मैंने उनके गिलास में भी दारू डाली और फिर से उसे मूत कर भर दिया और दीदी के होठो से लगा दिया दीदी ने गिलास ले कर एक सिप लिया और बोली अब जल्दी से नहा लो राजा जी तुम्हारी रांड की चूत में बहोत आग लगी है ….. मैं दारू का गिलास लिए हुए बाथरूम के घुस गया और नहा कर टॉवल लपेट कर बाहर आ गया शाम से लगातार पीने की वजह से मैं अच्छे खासे नशे में आ गया था और मेरा लंड तन कर लोहे जैसा सख्त था …. और टॉवल में टेंट बना हुआ था ….. मैं बाहर आ कर सोफे कर बैठ गया हांलाकि नशा काफी था पर नहाने की वजह से अब मैं थोड़ा सा कंट्रोल में था पर शराब के साथ दीदी के बदन का नशा मेरे सर पर चढ़ रहा था दीदी सामने वाले सोफे पर बैठी शराब के घूंट भरते हुए स्नैक्स का मज़ा ले रही थी मझे देखते ही दीदी ने एक झटके में अपना गिलास खाली किया और मेज़ पर पटक कर खड़ी हो गयी और एक चुदासी रण्डी जैसे मुझे देखते हुए मेरे पास आई और मेरी गोद मे खड़े लंड पर अपनी गदराई गांड़ रख कर बैठ गयी पर बैठते ही उसके मुह से एक सिसकी नीकल गयी …. शायद उसकी गांड़ में घुसा हुआ प्लग मेरे लंड के दबाव से और अंदर घुस गया था ….. दीदी थोड़ा सा सरक कर मेरी बायीं जांघ पर बैठ गयी और झुक कर मेरे नंगे सीने पर अपने सुर्ख होंठ रख कर चूमने लगी वो भी अब नशे में और चुदाई की उत्तेजना में जल रही थी और सांसे किसी नागिन की फुंफकार जैसे लग रही थी दीदी ने मेरे सर के पीछे हाथ डाल कर मेरे बालो को मुट्ठी में कसा और मेरे होठो को बुरी तरह चूसने लगी दो मिनट तक जी भर कर मेरे होठो को चूसने के बाद उसने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी और फिर मेरी जीभ पर अपनी जीभ रगड़ने लगी मेरा भी दिमाग अब आउट होने लगा था …. मैंने एक हाथ दीदी की रेशमी साड़ी पर से उसकी जांघ पर रखा और जोर जोर से दबाने लगा ….. दीदी की सांसे और भारी होने लगी और नेट के सेक्सी ब्लाउज में कसी उसकी भारी चूचियाँ ऊपर नीचे होने लगी ….. तभी दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुह से निकाली और मेरे गाल पर जीभ फिराते हुए मेरे कान तक ले गयी और कान को होठो में दबा कर काटने लगी …. मैं मज़े से गनगना गया और मेरे मुह से निकला क्या कर रही है कुतिया …. दीदी बोली अब बस देखता जा अपनी रण्डी बहन का कमाल आज तेरी दीदी तुझे वो मज़े देगी जो किसी टॉप की रण्डी ने अपने ग्राहक को भी नही दिए होंगे …. और मेरी टॉवल खींच कर खोल दी और मेरे खड़े नंगे लंड को भूखी आंखों से देखने लगी …. मैंने कहा दीदी मादरचोद साली उसी दिन जैसे लौड़ा चूस ना आ कर तो दीदी उठ कर अपनी गांड़ मटकाते हुए मेरे पैरों के पास बैठ गई और झुक कर मेरे दोनों पैर के पंजो पर बारी बारी जीभ फिराते हुए कुतिया जैसे मेरे पैर चाटने लगी …… और फिर मेरे पांव की उँगलियों को मुह में हर कर चूसने लगी हर गुजरते पल के साथ मेरा लंड और भी सख्त गर्म होता जा रहा था कुछ देर ऐसे ही मेरे पैरों को चूसने चाटने के बाद दीदी ने ऊपर मेरी टांगों को चूमते चाटते सहलाते हुए और ऊपर जांघो तक मेरे जिस्म को सहलाते हुए अपने होठ मेरी जांघो के जोड़ पर यानी मेरे फूले हुए बॉल्स पर रख दिये औरअपने कोमल हाथ से मेरा सख्त लंड मसलते हुए बड़ा सा मुह खोल कर मेरे वीर्य से भरे हुए टट्टे को मुह में भर कर चूसते हुए लंड पर तेजी से हाथ चलाने लगी …. और फिर मुह से टट्टे निकाल कर संजू कैसा लग रहा है ….. कोई और ख्वाइश हो तो बताना आज तेरी छिनाल दीदी तुझे हर सुख देगी …. मैं तो अपने प्यारे भाई के लंड की प्यासी और दासी हूँ …. मैं जो नशे और सुख में डूब कर आंखे बंद किये मज़े में खोया हुआ था एकदम से आंखे खोल कर दीदी को देखा और बोला तू फिक्र ना कर माँ की लौड़ी अभी अपने मन ली कर ले तू पहले कुतिया उसके बाद मेरी बारी आएगी …. और मैंने अपनी टांगे फैला कर थोड़ा सा ऊपर हवा में उठा दी मेरी गांड़ खुल कर दीदी के सामने थी दीदी ने नशीली आंखों से मेरी और देखा और झुक कर अपनी नाक मेरी गांड़ के छेद अपर टिका दी और गहरी सांस लेते हुए कुतिया जैसे मेरी गांड़ सूंघने लगी …. चार पांच बार सूंघने के बाद दीदी ने अपनी जीभ की टिप स मरी गांड़ के नन्हे से कसे हुए छेद को कुरेदते हुए चाटना शुरू किया और मेरे सख्त लंड को मुट्ठी में भर कर जोर से मसलने लगी दीदी किसी भूखी कुतिया जैसे मेरी गांड़ चाट रही थी कभी कभी वो मेरी गंडक छेद को मुह में भर कर चूसने लगती और कभी अपनी जीभ को गांड़ की दरार में ऊपर से नीचे तक फिरा कर चाटती …. और फिर आखिर में दीदी ने अपनी जीभ गांड़ की दरार से फ़िराते हुए बॉल्स को चाटते हुए लंड की जड़ से जीभ फिराते हुए सुपाड़े तक का सफर तय किया और मेरी आँखों मे देखते हुए लंड की स्किन को सरका कर मोटा सुपाड़ा नंगा कर उसे जीभ से रगड़ते हुए चाटने लगी …. मेरे मुह से एक आहहह निकल गयी और मैंने कहा मुह में ले ले भोसड़ी की दीदी ….. दीदी ने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपनी चूची पर रख दिया और मैंने पूरा जोर लगा कर दीदी की चूची मसल दी दीदी के मुह से दर्द भरी किलकारी निकली और वो बोली हां संजू ऐसा ही दबा अपनी रण्डी की चूचियाँ ….. मैंने दीदी के खुले रेशमी बाल मुट्ठी में पकड़ कर उनके होठ अपने सुपाड़े पर रखे और सर को लंड पर दबाते हुए उनके गले तक सुपाड़ा पेल दिया और उसकी चूचियाँ मसलते हुए बोला ले मादरचोद रण्डी खा अपने भाई का लंड साली दो टके की कुतिया दीदी अपना सर हिला हिला कर अपने मुह को मेरे लंड से चोदने लगी …. और मेरे हलक से गुर्राहट निकलने लगी कुछ मिनट तक ऐसे लंड चुसवाने के बाद मेरे बर्दाश्त से बाहर हो गया और मैंने दीदी को बालों से पकड़ कर ही खड़ा किया और खुद भी नंगा खड़ा हो गया और अपनी प्यारी रुचि दीदी को बालों से ही पकड़े हुए ले कर उसके रूम में आ गया जहां बेड पर वो सारे सेक्स टॉयज बिखरे हुए पड़े थे मैंने दीदी को बेड के पास ले जा कर उसकी साड़ी पकड़ कर खिंचते हुए खोल दी और ब्लाउज के हुक खोलते हुए उसे भी उतार कर फेंक दिया दीदी अब सिर्फ लाल पेटीकोट और उस ना के बराबर ब्रा में सामने खड़ी थी मैंने देर न करते हुए उसके पेटीकोट का नाड़ा भी खींच दिया और बेड से handcuff ले कर उसके हाथ पीठ के पीछे बांध दिए और पेटीकोट सरक कर दीदी के पैरों में गिर गया और दीदी एक स्टेप आगे आ कर पेटीकोट से बाहर आ गई अब दीदी के जिस्म पर सिर्फ वो ब्लू लिंगरी और ब्लैक हाई हील सैंडल थे जिसमें वो सच के एक महंगी रण्डी लग रही थी और इस मस्त जवान रांड के जिस्म पर सिर्फ मेरा हक था …. इसके बाद मैंने एक पिंक कलर का माउथ बॉल लिया और दीदी के पास जा कर गुर्राया …. मुह खोल भोसड़ी की …. और दीदी ने नशीली नजरों से मेरी ओर देखते हुए मुह खोल दिया मैंने दीदी के मुह में बॉल घुसा कर उसे बांध दिया अब दीदी चीख नही सकती थी ….. अब मैंने एक केन उठाया ये एक हार्ड रबर की पतली सी स्टिक थी और उसे दीदी के नरम चूतड़ों पर फिराते हुए हल्के से एक बार दीदी की मुलायम चूतड़ों पर मारा दीदी के मुह से एक आह निकली पर वो उनके गले मे ही घुट कर रह गयी …. फिर मैं दीदी को दोबारा बालो से पकड़ कर सामने की दीवार तक ले गया और उसे दीवार से सटा कर दबा दिया दीदी का गाल दीवार से चिपका हुआ था और फिर मैंने पीछे से दीदी की गर्दन को चूमना शुरू किया मैं दीदी की बैक को चूमते हुए हल्के हल्के दांतो से काट भी रहा गर्दन के बाद मैं उनकी पीठ पर ऐसे ही दांतो से काटने लगा हर बाईट पर दीदी अपने बदन को बुरी तरह कसमसा रही थी फिर मैं उनकी कमर को चूमने और काटने लगा और अब तो दीदी जोर से पैर पटकने लगी थी बर्दाश्त के बाहर हो रहा था उनसे ….. पर मेरा दिल अभी कहाँ भरा था …. मैंनेउनके पीछे बैठ कर उनके नंगे चूतड़ों को जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया और चाट चाट कर गीला कर दिया और फिर मैंने बड़ा सा मुह खोल कर उनके एक चूतड़ को मुह में भर कर जोर से दांत गड़ा दिए इस बार दीदी के मुह से बॉल घुसी होने के बाद भी चीख निकल गयी और वो तेजी से सर हिलाते हुए गूँ गूँ की आवाज़ कर रही थी …. पर मैं बारी बारी दोनों चूतड़ों को जोर जोर दे काटता रहा और उनके गोरे चूतड़ों पर कई जगह दांतो के निशान बन गए …. फिर मैने खड़े हो कर फिर से केन उनके चूतड़ों पर तीन बार कस कस के मारा और दीदी के मस्ताने चूतड़ों पर 3 लाल लकीरें उभर आई अब दीदी के चूतड़ बेहद मस्त और सेक्सी लगा रहे थे और वो कुछ कहना चाह रही थी पर उनके मुह से गो गो के सिवा कोई आवाज़ नही निकल रही थी फिर मैंने दीदी के ठोंग में उंगलियां फंसाई और उसे नीचे सरका दिया और दीदी के चूतड़ फैलाये उफ्फ दीदी के गांड़ के छेद से बट प्लग का हैंडल नजर आ रहा था जो कि पिंक कलर का था और यूं लग रहा था दीदी की गांड़ पॉय गुलाबी रंग का कोई हीरा जड़ा हो …. मैंने दीदी को फिर से बालों से पकड़ा और घसीटते हुए बेड तक ले जा कर बेड पर धकेल दिया ऑयर उनका माउथ बॉल खोल दिया उसे मुह से निकालते ही वो गहरी गहरी सांस लेते हुए हांफने लगी और उधर मैंने प्लग का हैंडल पकड़ कर उसे एक झटके से दीदी की गांड़ से बाहर खींच लिया दीदी की गांड़ के अंदर का गुलाबी मांस मुझे दिख रहा था और वो बट प्लग मैंने दीदी के खुले हुए मुह में घुसा दिया और कहा इसे चूस हरामजादी दीदी अपनी गांड़ से निकले हुए उस रबर के छोटे से लंड को चूसने लगी और मैं उनकी टांगो के बीच बैठ कर उनकी टांगे पकड़ कर मोड़ कर फैला कर झुका और लंबी सी जीभ निकाल कर दीदी की गांड़ के खुले हुए छेद में अंदर तक घुसा कर चाटने लगा दीदी ने तुरंत ही बट प्लग को मुह से बाहर उगल दिया और बोली आहहह संजू अब बस भी कर मार डालेगा क्या अब चोद मुझे पेल अपना लौड़ा मेरी बुर में और कस कस के चोद डाल अपनी रण्डी को हाय हरामी अब और मत तड़पा मैं मर जाऊंगी …. मैंने एक बार दीदी की गांड़ के छेद को मुह में भर कर जोर से चूसा और सर उठा कर दीदी की आंखों में देखा तो वो फिर से संजू चोद दे ना ….. और मैं उठ कर दीदी के ऊपर लेट सा गया और दीदी के सीने को चूमने लगा निप्पल पर तो कपड़ा था पर बाकी गोल गोल नंगी चुचियों को मैं जीभ से कुत्ते जैसे चाट रहा था और दांतों से जोर जोर से काट रहा था वो किसी मछली जैसी तड़प रही थी हांथ बंधे होने की वजह से बेबस थी …. वो फिर से बोली चोद ना बहनचोद अब …. मैंने कहा किसे चोदू …. वो बोली मुझे …. मैंने कहा तू कौन …. वो बोली मैं तेरी दीदी मेरे प्यारे भाई …. मैंने कहा और कौन है तू … वो फौरन बोली तेरी बीवी तेरी रखैल तेरी पर्सनल रण्डी …. मैंने कहा और बोल ना … वो बोली तेरी पालतू कुतिया …. मादरचोद रण्डी रुचि … अब बस इस रण्डी की बुर की प्यास बुझा दे मेरे चोदू फाड़ दे मेरी बुर को बहोत आग लगी है इसमे ….. मैंने दीदी की वो ब्रा ओपन की और खींच कर फेंक दी अब हम दोनों एकदम नंगे थे और फिर मैंने बारी बारी दीदी के काले काले मोटे निप्पल्स मुह में भर कर जोर से काटने शुरू कर दिए मैं बेरहमी से दीदी के निप्पल्स को दांतों से चबा रहा था और दीदी मस्ती में जोरो से सिसक रही थी ….. आखिर में दीदी थोड़े गुस्से में बोली संजू मादरचोद एक बार चोद दे ना बाद में चाहे जितना नोच लेना मेरे जिस्म को ये तो अब तेरा ही गुलाम है ….. मुझे थोड़ा तरस आया दीदी पर मैंने नीचे सरक कर दीदी की चूत देखी ओह वो तो इतना पानी बहा चुकी थी कि बिस्तर पर एक गीला धब्बा से बन गया था …. मैंने एक बार दीदी की बुर को मुह में ले कर जोर से चूसा और चिकना से लसलसा जूस मेरे मुह में आ गया उसे पी कर मेरी उत्तेजना और बढ़ गयी …. और फिर मैंने दीदी की जलती बुर पर अपना सख्त सुपाड़ा रख कर जोर से रगड़ दिया दीदी ने फौरन नीचे से अपनी कमर उछाली और दो इंच लौड़ा बुर में ले लिया …. मैंने उनकी आंखों में देख कर कहा बहोत चुदासी है साली कुतिया दीदी बोली हाँ मेरे राजा अब बस पूरी ताकत से चोद दे पर मैंने लंड दीदी की बुर दे बाहर निकाल लिया दीदी के चेहरे पर अब खीझ और गुस्से के भाव थे वो गुस्से से बोली तुझे हो क्या गया है …. मैंने कहा कुछ नही बस एक बात कहनी है वो बोली जल्दी बोल ना साले और मुझे तेरी हर बात मंजूर है बस अब लंड घुसा मैंने फिर से लंड दीदी की बुर पर टिकाया और एक ही धक्के में 8 इंच लंड उनकी बुर के आखिरी छोर तक ठोंक दिया दीदी के मुह से एक लंबी सी आहहह निकली और वो बोली बस अब चोद मेरे भाई कस के ठोंक अपनी बहन की चूत चोद चोदनके भोसड़ा बना दे मैंने लंड के धक्के मारते हुए दीदी के होंठ चूसने शुरू कर दिया और फिर बोला दीदी मेरा दिल करता है तुझे दो तीन लंड से एक साथ चुदवा दूँ दीदी अपनी चूत नीचे से लंड पर पटकती हुई बोली तेरा जो दिल करता है कर लेना मैं कभी किसी चीज के लिए तुझे ना नहीं करूंगी बस मुझे तड़पाया मत कर गरम कर के मैंने जोर से धक्के लगाते हुए कहा साली कुतिया तड़पाने के चोद के मज़े तो मैं ही देता हूँ और सच बताना इस तड़प में भी तो मज़ा आता है ना तुझे दीदी बोली हॉं आता तो है पर आज कुछ ज्यादा ही हो गया था मैंने कहा अभी तो ये शुरुवात ही है मेरी जान देखती जाओ आगे आगे होता है क्या और फिर मैंने दीदी को बाहों में कस के भर के उनके बदन को अपने नीचे दबा के लंबे लंबे शॉट मारने शुरू किए और लंड सटासट दीदी की गीली चीकनी बुर चोदने लगा उधर मैं दीदी के निप्पल्स बारी बारी से चबाते हुए पूरी रफ्तार से चोद रहा था और दीदी अपनी कमर मेरे लंड पर पटक पटक कर चुद रही थी मैंने कहा सोच कुतिया एक लंड इतने मज़े दे रहा है अगर तेरी चूत गांड़ और मुह में एक साथ लंड घुसे हों तो कितना मज़ा आएगा तुझे दीदी एकदम से गनगना गयी और बोली हाँ राजा सोच कर ही मज़ा आ रहा है जल्दी से चुदवा दे अपनी रखैल को तीन लंड से एक साथ aaaahhh aaaahhh मैं गयी संजू और दीदी का बदन थरथराने लगा और इसी के दीदी की बुर से पानी की फुहारें निकलने लगी और वो झड़ने लगी मैं हलके हल्के धक्के लगाते हुए उन्हें झड़वाने लगा और आखिर में वो एकदम निचुड़ी हुई निढाल सी गहरी सांसें लेती हुई बेहोश सी हो गयी …. मैंने उनकी बुर से लंड निकाला और एक बार उनकी बुर को अच्छे से चाटा और फिर रूम में आ कर एक सिगरेट सुलगा ली अभी मैं नही झड़ा था …….

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भाग 12
जैसे कि आप सब को याद होगा पिछले भाग में मैं अपनी प्यारी रुचि दीदी के साथ हफ्ते भर बाद जम के मस्ती कर रहा था और दीदी को एक बार भरपूर चोद कर थका कर उन्हें रिलैक्स होने के लिए छोड़ कर सिगरेट पीते हुए आगे की सोच रहा था…… दीदी के साथ इतने मज़े लेने के बाद अब मेरी एक ही ख्वाइश बची थी ग्रुप सेक्स की……
पर ये सब कैसे होगा वो समझ नही आ रहा था फिर सिगरेट खत्म होने पर मैं दीदी के पास आया वो आंखे बंद किये पड़ी थी शायद नींद आ गयी थी उसे पर मेरा लंड तो अभी भी सख्त था और कैसे भी झड़ना चाहता था….. मैंने दीदी के गाल को थपथपाया तो उसने आंखे खोल कर मुझे देखा मैंने कहा बड़ी स्वार्थी हो गयी हो तुम खुद तो शांत हो ली पर मेरा क्या होगा….. दीदी ने नशे में डूबी आवाज़ में कहा बड़ा दमदार लंड है तेरा ऐसा लगता है मैं अकेली इसे नही शांत कर पाऊंगी….. मैंने कहा फिर कोई और इंतजाम कर दो मेरे लंड के लिए तो दीदी बोली मैं कहाँ से कर दूं हां तुझे कुछ सूझे तो तू कर ले अपने लिए इंतजाम मुझे कोई प्रॉब्लम नही…. मैंने कहा ठीक ह पर अभी क्या करूँ इस टाइम तो बस तू ही है मेरे लौड़े की प्यास बुझाने के लिए दीदी किसी तरह उठी और मेरे सामने बैठ कर लौड़ा पकड़ कर सहलाते हुए उस पर जीभ फिराने लगी…… ये देख कर मुझे दीदी पे प्यार आ गया वो कितना थकी हुई थी फिर भी कोशिश कर रही थी मुझे संतुष्ट करने की और वो मुझे किसी और के साथ चुदाई करने की छूट भी दे रही थी…..
फिर दीदी ने लगभग पूरा लंड मुह में ले कर सर हिला कर लंड अच्छी तरह चूसना शुरू किया और सुपाड़े पर जीभ फिराते हुए चाटने लगी….. मैंने लंड चुसवाते हुए कहा दीदी अगर मैं किसी और को चोदू तो तुम्हे बुरा नही लगेगा….. दीदी ने मेरी ओर देखा और लंड मुह से निकाल कर बोली….. सिर्फ चोदेगा तो बुरा क्यों लगेगा….. पर याद रखना बीवी मैं ही हूँ तेरी और प्यार सिर्फ मुझसे करना है तुझे नहीं तो मैं मर जाऊंगी….. मैंने दीदी को खड़ी कर के बाहों में कस लिया और उन्हें चूमते हुए बोला love you रुचि मेरी जान प्यार तो मैं तेरे सिवा किसी से कर ही नही सकता….. दीदी ने भी मेरे बदन से लिपट कर मेरे होठ चूम कर कहा तू जब मुझे दूसरों से चुदवायेगा तो तुझे बुरा नही लगेगा संजू मैंने कहा मेरा भी वही जवाब है चुदना चाहे जिस से पर प्यार सिर्फ मुझे दीदी बोली मेरी लिए तो तू ही काफी है संजू पर तेरी मर्ज़ी है मुझे रण्डी जैसे चुदवाने की इसलिये मैंने मना नही किया बस….. मैंने दीदी की गांड़ मसलते हुए कहा thanks दीदी मेरी पसन्द का इतना कौन ख्याल रखता तुम्हारे सिवा…. दीदी ने मेरा गरम लंड मुट्ठी में भर कर भींच कर कहा मैं तेरे साथ इसकी पसन्द का ख्याल भी रखूंगी बस तू अपना प्यार कम ना करना….. मैंने कहा अब बातें ही चोदी जाएगी या चूत भी चुदवायेगा कोई दीदी खिलखिला कर हंस दी मुझे बड़ा तड़पा रहा था ना अब थोड़ी देर खुद भी तड़प अहसास कर की जब चुदास लगी तो तब कोई सताए तो कितना बुरा लगता है….. मैंने कहा अच्छा…. , अब मेरी रांड मुझसे बदला लेगी मुझे तड़पायेगी….. कोई नही आज मैं ऐसे ही रह लूंगा पर याद रख कभी फिर मेरी आएगी फिर रोना मत….. ,
दीदी ने फौरन बेड पर लेट कर अपनी टांगे फैला दी बोली आ जाओ मालिक तुम्हारी गुलाम की चूत और गांड़ हाजिर है चाहे जितना चोदो जैसे चोदो….. मैं लंड सहलाते हुए दीदी के पास आया और झुक कर उसकी चुदी हुई गांड़ चाटने लगा और एक मिनट गांड़ और चूत को जीभ फिरा कर गीला कर के अपना खड़ा लंड दीदी की बुर में पल दिया और गहरे धक्के लगा कर चोदने लगा….. चोदते हुए मैंने कहा दीदी उस दिन पार्क में चुद रही लड़की याद है???
दीदी बोली हां याद है मैंने कहा अगर उसे ले आऊं तो…. दीदी बोली देख संजू ये सब मेरी समझ नही आएगा मुझे बस इतना पता है तू जो करना चाहे कर जैसा ठीक लगे कर….. बस मेरी जगह किसी और को मत देना और नीचे से अपनी गांड़ उठा कर लंड पर दबाने लगी…. तू चाहे जिसे चोद मुझे चाहे जिस से चुदवा दे मुझे कोई प्रॉब्लम नही है पर हमारी लाइफ में कोई गड़बड़ ना हो मैं ये सब खोना नही चाहती जो बड़ी मुश्किल से मिला है मुझे…. मैंने कहा ठीक है कल मैं कुछ सोचता हूँ और फिर दीदी पर लेट कर उन्हें बाहों में भर के कस के ठोकने लगा सुपाड़ा उनकी बच्चेदानी तक ठोकर मार रहा था थोड़ी ही देर में दीदी फिर से गरम हो गयी और नीचे से तेज झटके देते हुए अपनी बुर मेरे लंड अपर पटकने लगी और मैंने बेड पर पड़ा हुआ एक 8 इंच का मोटा डिलडो उठा कर दीदी के मुह में लगा दिया दीदी ने आंख खोल कर देखा और बोली मुझे असली लंड चूसने में मज़ा आता है नकली नही मैंने कहा वो भी चूस लेना मादरचोद अभी तो इसे चूस दीदी डिलडो का सुपाड़ा मुह में ले कर चूसने लगी और मैंने अपना लंड दीदी की बुर से निकाल कर गांड़ पर टिकाया और झटके से अंदर पेल दिया दीदी बोली aaaahhhhh चूत से क्यों निकाला बड़ा मजा आ रहा था संजू मैंने बिना कुछ बोले डिलडो मुह से निकाल कर दीदी की गीली चूत पर रखा और पूरा एक बार मे उतार दिया डिलडो मेरे लंड से कुछ मोटा था तो दीदी की चूत एकदम भर गई…… मैंने दीदी का एक हाथ डिलडो के हैंडल पर रखा और कहा रण्डी अब अपनी बुर खुद चोद तू…. और कस के दीदी की गांड़ में लंड ठोकने लगा दीदी ने भी मस्ती में डिलडो को तेजी से चुत में अंदर बाहर करना शुरू किया और वो एक बार फिर मस्ती में डूब गई दो लंड एक साथ उनकी बुर और गांड़ को चोद रहे थे दीदी दोबारा झड़ने के करीब थी और मैं भी मेरे वीर्य से भरे आंड़ एकदम सख्त हो रहे थे और मैंने कहा दीदी सोचो जब ऐसे ही लोग एक साथ तेरी चूत और गांड़ पेलेंगे अपने अपने लंड से तो कितना मज़ा आएगा मेरी कुतिया को दीदी बोली हां संजू जल्दी से चुदवा दे अपनी रण्डी को ऐसे ही डाल दे मुझे नंगी कर के किसी के सामने और फड़वा दे मेरी बुर किसी मोटे लंड से aaaahhhhh मैं गयी राजा और इसी के साथ दीदी के बदन को झटके लगने लगे उनकी आंखें बंद हो गयी चरम सुख से और उधर मेरे सुपाड़े से भी वीर्य की फुहार निकल पड़ी दीदी की गांड़ की गहराई में अपना लंड पेलकर मैं भरने लगा दीदी की मस्तानी गांड़ को अपने गर्म वीर्य से और जब मैं झड़ रहा था दीदी का बदन एकदम कांपने लगा और वो छिपकली जैसे मेरे सीने से चिपक गयी…… मैं शांत हो कर 20 मिनट तक दीदी के ऊपर ही पड़ा रहा फिर दीदी ने मुझे हिलाया बोली उठ जा संजू मेरी सांस रुक रही है बहोत भारी है तू मैं अनमने से उठा और बाथरूम चला गया दीदी फौरन ही भाग कर आ गयी बाथरूम में और बोली मूतने आया है क्या मैंने कहा हां कितनी सारा पिलाया है आज तुमने अपना मूत अब निकालना तो पड़ेगा तो दीदी मेरे सामने बैठ कर बोली मुझे प्यास लगी है तुझे पेशाब आया है तो दोनों का काम बन जायेगा न और लंड का सुपाड़ा मुह में ले लिया मैंने मूतना शुरू किया और दीदी घूंट घूंट भर के मेरा सारा मूत पीती चली गयी फिर मैंने हल्का शावर लिया और बाहर आ गया थोड़ी देर में दीदी भी नहा कर आ गयी फिर हमने नंगे ही डिनर किया और एक दूसरे को बाहों में भर कर सो गए……
अगली सुबह संडे था और मैं 10 बजे सो कर उठा दीदी उठ चुकी थी और मेरे बाहर आते ही किचन से झांक का बोली गुड मॉर्निंग जान मैं किचन में ही घुस गया और दीदी को पीछे से हग कर के उनकी गर्दन चूमते हुए बोला गुड मॉर्निंग जानू बड़ी जल्दी उठ गयी वो हंस कर बोली अच्छी बीवियां पति से पहले ही उठ जाती है मैंने दीदी की एक चुचीं मसल कर कहा अच्छी बीवी सुबह सुबह नंगी हो कर पति को जगाती है और जगा आकर सब से पहले चुदवाती है दीदी बोली जैसा आपका हुक्म सरकार कल से ऐसा ही होगा और हम दोनों हंसने लगे……
दीदी बोली चल अब नहा ले जल्दी से मैं नाश्ता लगाती हूँ और मैं बाथरूम में घुस गया आधे घंटे में नहा कर नंगा ही बाहर आ गया और हॉल में बैठ कर tv on कर लिया तभी दीदी ट्रे लिए हुए आयी और मुझे नंगा देख कर हंसने लगी बोली कभी तो कपड़े पहन लिया करो मैंने कहा ऐसे क्यों बोल रही बुरचोदी मैं कौन सा हर दिन नंगा रहता हूँ आज संडे है मेरा दिन है जैसे चाहू रहूंगा दीदी बोली जैसी आपकी मर्जी आप कहो तो मैं भी नंगी हो जाऊं फिर नाश्ता करें मैंने कहा ये भी कोई पूछने की बात है अपनी रण्डी बीवी को कौन नंगी नही देखना चाहेगा दीदी ने हंसते हुए अपना कुर्ता सलवार और ब्रा पैंटी निकाल कर फेंक दी और नंगी हो कर नाश्ता लगाया ऑमलेट सैंडविच और कॉफ़ी….. सच मे दीदी बढ़िया कुक हैं नाश्ता कर के मज़ा आ गया मुझे फिर नाश्ता खत्म कर के मैं बोला….. रुचि ये जो तुमने नंगी हो कर बढ़िया नाश्ता करवाया इस से मैं खुश हो गया अब तैयार हो जाओ आज हम मूवी देखने चलेंगे और होटल में लंच करेंगे दीदी ये सुन कर खुश हो गयी और जल्दी से अपने कपड़े ले कर अपने रूम में भाग गई मैं भी जा कर तैयार होने लगा और एक घंटे बाद हम नीचे कार में थे दीदी ने साड़ी पहनी थी और हमेशा की तरह सेक्सी माल लग रही थी….. मैंने जीन्स टी शर्ट पहना था फिर हम थियेटर गए टोटल धमाल देखी मज़ेदार कॉमेडी मूवी थी फ़िल्म देख कर हम लंच के लिए बढ़िया होटल गए और दीदी की पसन्द का लंच हुआ इसके बाद दीदी को icecream पार्लर ले गया दीदी को iceceeam बहोत पसन्द है रुचि को पेट भर icecream खिलाने के बाद हम बाहर आये तो 5 बज रहे थे मैंने कार स्टार्ट की और हम उसी पार्क में आ गए मैने कार बाहर ही पार्क की और हम पैदल ही पार्क में घुस गए मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में थाम रखा था…… और हम अंदर उसी ओर बढ़ चले पार्क के आखिरी छोर की ओर…… हम टहलते हुए उस झाड़ी के पास से गुजरे जहां उस दिन वो लड़की एक लड़के का लंड चूस रही थी मेरे साथ दीदी की नजर भी उधर घूमी पर आज वहां कोई नही था पार्क में आज इक्का दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे…… हम पैदल चलते हुए उसी बेंच तक पहुंचे जहां मैंने दीदी को शादी के लिए प्रपोज किया था और हम वही बैठ गए….. दीदी बोली अभी कुछ दिन पहले की ही बात है हम इसी बेंच पर बैठा करते थे एक भाई बहन के जैसे और आज बैठे हैं पति पत्नी जैसे मैंने हंस कर कहा आज भी भाई बहन जैसे बैठे हैं हम अगर पति पत्नी जैसे बैठना है तो साड़ी ऊपर कर अपनी नंगी गांड़ मेरी गोद मे रख कर बैठो….. दीदी मेरी बात सुन कर मुस्कुराई और उठ कर खड़ी हो गयी एक बार चारो ओर नजर डाली और फिर अपनी साड़ी और पेटीकोट को कमर से ऊपर उठा लिया दीदी की गुलाबी पैंटी में कसी हुई गोरी गांड़ नंगी मेरी आँखों के सामने थी….. और फिर दीदी अपनी गांड़ मेरी गोद में रख कर बैठ गयी और मैंने अपने हाथ दीदी की कमर में लपेट कर उन्हें बाहों में कस लिया जोर से और दीदी के कान में बोला रुचि मेरी छिनाल बहन लगता है जल्दी ही तेरी इस मतवाली के गांड़ के लिए कोई मोटे लंड का इंतजाम करना पड़ेगा बड़ा मन कर रहा है तुम्हे चुदते हुए देखने का दीदी अपनी रसीली गांड़ मेरे पैंट में खड़े हो चुके लंड पर रगड़ती हुई बोली तो कर लो ना राजा जितनी जल्दी हो सके अपनी रण्डी के लिए लौड़ा ढूंढ दो खूब चुदूँगी मोटे लंड से…… तभी मुझे दूर एक लड़का अपनी ओर आता हुआ दिखा दीदी ने भी उसे देखा और मेरी गोद से उठ कर बगल में बैठ गयी….. वो लड़का अब करीब आ चुका था और उसी झाड़ी के पास खड़ा हो कर फ़ोन निकाल कर देखने लगा….. मुझे लगा ये वही लड़का था जो उस दिन उस लड़की के साथ था….. थोड़ी देर वही खड़ा रह कर वो लड़का वापस जाने लगा और मैंने एक बार फिर दीदी को गोद मे खींच लार उनके गुलाबी होठ चूसने शुरू कर दिए मेरी ठरक बढ़ रही थी….. मैंने कहा दीदी मादरचोद मुझे एक साथ 2 चूत चोदने के मन कर रहा है दीदी बोली मेरे पास तो एक ही है उसे चोदना है तो घर चलो मैंने कहा यार वो लैंडिया भी आज नही दिख रही उसी के चक्कर मे यहां आया था दीदी बोली वो लड़का भी अभी शायद उसी के चक्कर मे यहां आया था उसका काम भी नही बना पर तुम्हारा काम बन जायेगा तुम्हारी रण्डी बहन है ना तुम्हारे लंड का ख्याल रखने के लिए और मैंने दीदी की चूचियाँ मुट्ठी में भर कर जोर से मसल दी पर कुछ ज्यादा ही जोर लग गया और दीदी के मुह से चीख निकल गयी फिर गुस्सा करते हुए बोली लगता है संजू मुझमें भी जान है मैंने कहा दीदी तुम्हे तो मज़ा आता है ना दर्द में तो वो बोली हां आता है पर चुदाई के टाइम बाकी तो दर्द ही होता है यार….. मैंने कहा चलो फिर घर ही चलते हैं…. और हम उठकर वापस घर चल दिये….. अभी हम आधे पार्क को क्रॉस कर पाए थे कि सामने से वही लड़की आती हुई दिखी…. उसे देखते ही मेरा दिमाग चलने लगा और मैं और दीदी जब उसकी बगल से गुजरे तो उसने एक बार तिरछी नजर स्व हमे देखा और थोड़ा सा मुस्कुराई भी पर हम सीधे निकल गए बाहर कार के पास आ कर मैंने कहा दीदी तुम ये चाभी लो और घर चलो मैं थोड़ी देर में आता हूं शायद कुछ जुगाड़ बन जाये…. दीदी ने मेरी ओर देखा और फिर हंस कर बोली ठीक है पर जल्दी आना मेरा चुदने का मन है…. मैंने कहा बस आता हूँ तुम चलो और दीदी घर चली गयी मैं वापस पार्क में आया….. और फिर से वहीं पीछे की ओर चल पड़ा थोड़ा आगे जाने पर देखा वो लड़की वही मुख्य रास्ते से थोड़ा किनारे पेड़ के नीचे खड़ी थी और अपने फ़ोन में उलझी हुई थी वो अपने काम मे इतनी खोई हुई थी कि उसे मेरे आने का भी पता नही चला….. मैं अब उसके एकदम करीब पहुंच गया था वो थोड़ी परेशान सी लग रही थी….. उसने चेहरा उठा कर मुझे देखा और आज मैंने भी उसे गौर से देखा 19-20 साल की छरहरा बदन चूचियाँ भी बस 30 के आसपास रंग थोड़ा सांवला पर चेहरा काफी आकर्षक हम दोनों एक दूसरे को कुछ पल यूं ही देखते रहे फिर उसने मेरे पीछे देखा पर उसे कोई दिखा नही तो वो बोली आपकी बहन कहाँ गयी अभी तो थी आपके साथ मैंने कहा वो घर चली गयी…… उसने कहा आप वापस आ गए उसे भेज कर….. मैंने कहा हाँ सोचा तुम्हे मैसेज दे दूं वो लड़का आया था यहां शायद तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था….. उसने चिंतित भाव से कहा वही तो गड़बड़ हो गयी मैं थोड़ा सा लेट हो गयी और आज मेरा फ़ोन भी ऑफ हुआ पड़ा है इसकी बैटरी खराब है ज्यादा देर चलती ही नही….. मेरी नजर उसके फ़ोन पर पड़ी वो कोई सस्ता से की पैड वाला फ़ोन था जिसकी हालत एकदम खस्ता थी…. मैंने कहा नया फ़ोन ले लो ना इसका टाइम यो खत्म हो चुका है अब….. उसने मुह बिचका कर कहा अगर फ़ोन लेने के पैसे होते तो यहाँ रोज क्यों आती….. मैंने कहा तुम्हारा नाम क्या है….. तो वो बोली साहब क्या करोगे नाम जान कर आज मुझे पैसों की जरूरत है अगर आपको कुछ करना है तो 500 लगेगा….. मैंने जेब से पर्स निकाला और दो हजार का एक कड़क नोट निकाल कर उसे पकड़ा दिया वो बोली साहब छुट्टा नही है मेरे पास मैंने कहा तुम रख लो वापस नही चाहिए मुझे वो हैरानी से मेरा मुह देखने लगी….. मैंने कहा हैरान मत हो तुमने कहा पैसों की जरूरत है तो मैंने हेल्प की तुम्हारी अब तो अपना नाम बता दो वो बोली रोशनी नाम है मेरा….. मैंने कहा कहां रहती हो तो उसने पास के ही एक मुहल्ले के पता बताया…… मैंने अब तो तुम्हे पैसे मिल गए प्रॉब्लम सॉल्व हो गयी तुम्हारी क्या तुम मेरे साथ एक कोल्ड ड्रिंक पी सकती हो रोशनी….. उसने संदिग्ध भाव से मेरी ओर देखा औरबोली क्या साहेब लोग पैसा दे के कपड़े उतारने को बोलते हैं आप इतने पैसे दे कर भी बस कोल्ड ड्रिंक पिला रहे हो मैंने अगर तुम्हें कोई दिक्कत है रहने दो जाओ तुम वो फिर से बोली ऐसे ही जाऊं कुछ करोगे नहीं….. मैंने मुस्कुराते हुए ना में सर हिला दिया वो हंस कर बोली आपका दिमाग फिर गया है साहेब…. मैंने कहा अब जो भी समझ लो वैसे तुम ये धंधा कब से कर रही हो वो बोली आपको मेरे बारे में सब जान कर क्या करना है मैंने कहा हो सकता है मैं तुम्हारी और भी मदद कर सकूं वो बोली मेरी मदद तो बस भगवान ही कर सकते हैं और उसले चेहरे पर अचानक से दर्द उभर आया…. मैंने उसकी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा रोशनी ज्यादा तो कह नही सकता पर अगर मेरे बस में हुआ तो हर तरह से तुम्हारी मदद करूँगा पर पहले तुम अपना ये चेहरा सही करो कितनी सुंदर हो तुम ऐसे रोते हुए अच्छी नही लगती वो धीरे से सुबकने लगी और बोली क्या करें साहब हमारा तो नसीब ही ऐसा है मैंने कहा फिर से कह रहा हूँ मेरे साथ कहीं चल कर बैठो और अपनी तकलीफ बताओ ताकि मैं उसे दूर करने की कोई तरीका बताउं तुम्हे वो अपने हाथों से आंसू पोछते हुए बोली ठीक है साहब चलिए कहां चलना है…. मैंने जहां मैं ले चलूँ चलोगी वो बोली पैसे दिए हैं आपने मना कैसे कर सकती हूं अब मेरा मूड खराब हो गया मैंने चिल्ला कहा भाड़ में जाओ तुम पैसे रखो और दफा हो यहां से मुझे कहीं नही ले जाना साला भलाई का जमाना ही नही रहा मैं मदद करने की सोच रहा और ये ना जाने क्या बकवास किये जा रही और मैं मुड़ कर बाहर की ओर चल पड़ा….. तभी वो पीछे से भागती हुई सी आयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली माफ कर दो साहब आज मेरा दिमाग बहोत खराब है भाई के लिए दवा ले जानी थी और पैसे नही थे ऊपर से कस्टमर भी हाथ से निकल गया था इसीलिए टेंशन में थी ऊपर से उस दिन आप ने मुझे डांट भी दिया था इसलिये लगा कि आप खडूस टाइप हैं पर अभी सॉरी साहब जी अब से मैं बकबक नही करूंगी आप ले चलो जहां चलना है…. मैंने कहा भाई की दवा किसलिए वो बीमार है क्या वो साथ चलती हुई बोली हां साहब मेरा छोटा भाई है 16 साल का उसे tb हुई है डॉक्टर बोलता है लगातार दवा करनी पड़ेगी एक साल पर रोज की 300 की दवा आती है अगर ग्राहक नही मिलता तो दवा नही मिल पाती है उसे ऊपर से हम माँ बेटी का रोटी पानी का खर्चा इसी सब की टेंशन में रहती हूं…..
हम कार के पास आ चुके थे मैंने दरवाजा खोल कर उसे बिठाया और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठा और कार स्टार्ट कर दी….. मैंने कहा घर मे कौन कौन है तुम्हारे वो बोली मेरी माँ मैं और भाई बस हम तीन ही हैं मैंने कहा एक बात बताओ अगर मैं तुम्हारे भाई का ईलाज अच्छे अस्पताल में करवा दूँ तो कैसा रहेगा वो मेरा मुह ताकने लगी फिर बाकी उधर तो बहोत पैसा लगेगा साहेब मैंने कहा उसकी फिक्र तुम मत करो जो लगेगा मैं लगा दूंगा उसने कहा अगर ऐसा हो जाये तो हम माँ बेटी की सारी टेंशन खत्म हो जाएगी….. मैंने कार एक मोबाइल शॉप के सामने रोकी और उसे कार में ही बैठने को बोल कर शॉप में जा कर एक samsung का हल्का सा स्मार्ट फ़ोन 7000 का खरीदा और वापस आ कर उसकी गोद मे फोन में डाल दिया मैंने कहा ये लो रोशनी पुराना फ़ोन फेंक दो अब और इसे इस्तेमाल करो वो हैरत से मुझे देखने लगी फिर बोली ये तो महंगा फ़ोन लग रहा साहब मैंने कहाँ बस 7000 का है वो बोली साहब आप चाहते क्या हो मुझसे…. मैंने कहा कुछ ज्यादा नही बस उतना ही जो तुम खुशी से कर सको मेरे लिए….. मैंने पूछा घर के काम कर लेती हो क्या जैसे खाना बनाना कपड़े धोना साफ सफाई…. वो बोली बाई का काम? मैंने कहा हां वही समझ लो तो वो बोली कर तो लेती हूं पर उतने पैसों से मेरा काम नही चलेगा…. मैंने कार एक बढ़िया से होटल के सामने रोकी और उसे साथ ले कर होटल में गया मैंने एक केबिन लिया और उसे साथ ले कर अंदर चला गया वहाँ मैंने उसका फ़ोन ले कर उसका सिम निकाल कर नये फ़ोन में डाल कर उसे दे दिया और फिर वेटर के आने पर खाना आर्डर किया वो बोली खाना खिलाएंगे क्या आप तो कोल्ड ड्रिंक पिलाने लाये थे…… मैंने कहा तो क्या हुआ खा लो मेरे साथ अब वो थोड़ा रिलैक्स थी मेरे साथ और हंस कर बोली लगता है आपको कुछ स्पेशल पसन्द है तभी इतना खर्च कर रहे हो आप वो परसो वाला ठरकी तो बस 300 में इतनी फरमाइशें कर रहा था कि मेरा दिल किया 300 रुपये उसके मुह पर फेंक के मार दूँ…. मैंने हंस कर कहा मैं चाहता हूं अब तुम ये धंधा छोड़ दो वो सशंकित भाव से मेरी ओर देख कर बोली फिर हमारा खर्चा कैसे चलेगा….. मैंने कहा तुम्हारे भाई के इलाज और पढ़ाई की जिम्मेवारी मैं लेता हूँ तुम्हे मेरे यहाँ काम पर रख लूंगा और इतना पैसा दूंगा की तुम्हारी माँ का और तुम्हारा खर्च आराम से चल जाएगा…. वो बोली मज़ाक तो नही कर रहे साहब जी मैंने कहा एकदम नही अभी तक जो किया वो तुम्हे मज़ाक लग रहा क्या….. वो सर हिलाने लगी तभी वेटर खाना ले आया और हम खाना खाने लगे तभी उसकी माँ का फ़ोन आ गया और वो उस से बात करने लगी….
रोशनी-हाँ मां क्या हुआ मिला कि नही तुझे
उसकी मां ने जवाब दिया फिर वो बोली…. मेरा तो बहोत बढ़िया रहा आ कर बताती हूँ….. हां दवा भी ले आऊंगी और बनिये का उधार भी दे दूंगा और आज खाना मत बनाना मैं खा कर आऊंगी तेरे लिए भी लेती आऊंगी ठीक है आती हूँ एक दो घंटे में….. और फ़ोन कट गया…. वो फिर से खाने लगी।
मैंने पूछा तुम्हारी माँ क्या करती है उसका हाथ रुक गया और वो सर झुकाए हुए बोली वो भी मेरे जैसे ही धंधा करती है मैंने कहा उम्र क्या है उनकी वो बोली अभी तो 38 की हैं पर बहोत सुंदर है मेरी मां मैंने कहा तुम भी तो सुंदर हो वो बोली कहां मैं तो पापा को पड़ी हूँ वो एकदम काले थे पर मा सच मे बहोत सुंदर है….. मैंने कहा अब ये बताओ तुम दोनों माँ बेटी ये धंधा सिर्फ पैसों के लिए करती हो या शौक है तुम्हे वो बोली साहब ऐसा शौक किसे होता है जिसे शौक होता है वो पैसे नही लेती हमारी तो मजबूरी है पेट पालना है और भाई का इलाज कराना है……. बातें करते करते हमने खाना खत्म किया तब मेरा ध्यान गया उसने एक पुरानी सी ब्लू कुर्ती एयर घिसी हुई ब्लैक लेगिंग पहनी हुई थी और पैरों में नॉर्मल सी चप्पल उसके पहनावे से उसकी गरीबी झलक रही थी….. मैं बिल दे कर उसे साथ ले कर बाहर आया और पास में ही एक गारमेंट्स शॉप में घुस गया उसे दो नए सूट और अंडर गारमेंट्स भी दिलवा दिए अब वो काफी खुश लग रही थी फिर मैंने कहा दवा कहाँ मिलेगी तो उसने अपने छोटे से पर्स से एक पर्चा निकाला और बोली ये है कहीं भी मिल जाएगी…… मैंने कार एक मेडिकल स्टोर ले सामने रोकी और एक हफ्ते की दवा ले कर आया और उसे दे दी वो बोली साहब कितना अहसान कर दोगे एक ही दिन में….. मैंने मुस्कुरा कर कहा अहसान नही मदद कर रहा हूँ मैं बस……….
 

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भाग 11


उस रात दीदी की जोरदार चुदाई कर के हम मस्ती में चूर हो कर सो गए और सुबह मेरी आँख 9 बजे के आसपास खुली दीदी अभी भी नंगी बेसुध पड़ी सो रही थी मैं उठ कर फ्रेश हुआ और दीदी को भी जगाया वो भी फ्रेश हो कर आई और फिर नाश्ता कर के हम घूमने निकल गए उस दिन हमने शॉपिंग भी की दीदी के लिए कुछ बेहद सेक्सी और महंगी lingerie खरीदी और फिर मुझे एक सेक्स टॉय शॉप के बारे में पता चला …. दीदी को होटल छोड़ कर वहां गया और मैंने एक पट्टा चेन और कुछ butt plug dildos mouth balls और भी कुछ टॉयज खरीदे और सब पैक करवा कर होटल आ गया ….. शाम के 4 बज रहे थे हम एक बार फिर बीच पर गए और उस दिन तो उजाले में ही हमने बीच पर एक धमाकेदार चुदाई की दीदी बेहद खुश थीं और हर तरह से मुझे खुश रखने की कोशिश कर रही थीं ….. ऐसे ही गोआ में मौज मस्ती भरे 5 दिन बीत गए हमारा हनीमून ओवर हुआ और हम वापस घर के लिए उड़ चले ….. सेक्स टॉयज मैंने साथ ना ले जा कर कूरियर कर दिए थे घर के एड्रेस पर ….. दोपहर 2 बजे हमने फ्लाइट ली और शाम 7 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर थे …. मेरे दोनों हाथों में बैग्स थे हमेशा की तरह दीदी ने जेब से चाभी निकाल कर दरवाजा खोला और हम अंदर आ गए ….. थके हुए थे और खाना तो होटल से ही खा कर आये थे तो आते ही बस सो गए हम और अगले दिन फुल रेस्ट कर के नेक्स्ट डे मैं आफिस जाने लगा ….. हफ्ते भर का पेंडिंग निपटाते 3-4 दिन बीत गए पता ही नही चला हां इसी बीच वो टॉयज वाला पैक आ चुका था दीदी ने पूछा भी इसमे क्या है मैने कहा बाद में बताऊंगा ….. इस बीच हमने खास चुदाई भी नही की सिर्फ एक बार नार्मल चुदाई ….. फिर आया सैटरडे और उस दिन काम थोड़ा सा कम भी था …. शाम के तीन बजे मैं थोड़ा सा फ्री हो कर अपने केबिन में अकेला बैठा था ….. बस अचानक मुझे अपनी रुचि दीदी की याद आयी और मैंने फ़ोन पर cam on किया तो देखा दीदी अपने रूम में लेटी हुई tv देख रही थी हां कभी कभी वो अपनी पजामी के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ फिरा रही थी …. मैंने तुरंत उन्हें कॉल की …..
दीदी- हेलो संजू
मैं – हेलो my sweet wife क्या हो रहा ….
दीदी- कुछ नही बस tv देख रही थी
मैं- सिर्फ tv देख रही ??
दीदी- हाँ
मैं- और चूत कौन सहला रहा ….
दीदी- हेहेहे वो तो नार्मल बात है
मैं- अच्छा साली नार्मल बात है मतलब तू चुदासी नही है (अब tv की आवाज़ बंद हो गयी शायद दीदी में tv ऑफ कर दिया था)
दीदी- चुदासी तो हमेशा रहती हूं मेरे राजा पर मेरे साजन को इतना काम रहता है कि उसे अपनी बीवी को चोदने की फुरसत ही नही मिलती …..
मैं- आज सैटरडे है और मैं आज शाम 6 बजे परसों सुबह 7 बजे तक फ्री ही फ्री हूँ अपनी रण्डी को रगड़ने लिए ….. बस तू अपनी चूत और गांड़ रेडी रखना साली कुतिया ….
दीदी- उफ़्फ़फ़ तेरी तो बातें सुन कर ही मेरी चूत गीली हो गयी राजा …. जल्दी से घर आ जा मैं चूत फैलाये मिलूंगी अपने राजा को बस आ कर अपना मोटा लंड पेल देना अपनी चुदासी कुतिया की बुर में और इतना चोदना की मैं पागल हो जाऊं ….
मैं- हां मेरी जान इसीलिए कॉल की है अब मेरी बात सुन वो जो कूरियर आया था उसे ओपन कर ले कर …..
दीदी- ok wait (और एक मिनट बाद कुछ आवाज़ें आयी पैक खोलने की) हां खोल लिया …. इसमे तो बड़े अजीब से सामान हैं ….
मैं- जो भी तुम्हे इनका इस्तेमाल तो मालूम ही है ना इतने वीडियोस दिखा चुका हूं साली तुझे ….
दीदी- हां देखे तो हैं पर कभी इस्तेमाल नही किये ना ….
मैं – तो आज कर ले और सुन जब मैं घर पहुँचूँ तो एकदम रेडी मिलना क्या करना है कैसे करना है तू जाने पर ये समझ ले अगर कोई कमी हुई तो तेरी गांड़ लाल कर दूंगा …. उस समान में एक लेदर का पट्टा और एक स्टिक भी है वो तेरी गांड़ लाल करने के लिए ही है ….
दीदी- ओ मेरे राजा मैं पूरी कोशिश करूंगी फिर भी कोई गलती हो कर ही देना मेरी गांड़ लाल …. और हां आज कुछ पीने को लेते आना ….
मैं – ok रानी अब रखता हूं love you साली रण्डी
दीदी- love you to my sweet hubby
इस बातचीत में ही मेरा लंड सख्त हो कर पत्थर जैसा हो चुका था और मैं बैठा शाम और रात को मिलने वालेमज़े की कल्पना करते हुए खुश हो रहा था तभी संजीव कुछ फ़ाइल ले कर आया मैंने उन्हें देख कर सिग्नेचर किये और संजीव से कहा यार कुछ इंतजाम करो पीने का उसे पैसे ऑयर अपनी कार की चाभी दे दी हांलाकि वो पैसों को मना कर रहा था पर मैंने ये कहते हुए की रोज रोज ठीक नही है जब तेरे घर आऊं तू कर देना इंतजाम ….. वो चला गया दारू लेने और उधर मैंने फिर से फोन पर cam न किया दीदी अब रूम में नहीं थी दूसरा cam देखा तो वो बाथरूम में थी अपने बाल शैम्पू कर के बाथ ले रही वो भी एकदम नंगी शायद उसे अंदाजा रहा होगा कि मैं उसे देख रहा हूँ फोन पर …. दीदी के नहाने में कोई आधा घंटा लगाया और फिर वो टॉवल लपेट कर रूम में आ गयी …. बदन पोंछ कर बॉडी लोशन लगा कर पूरे इत्मीनान से फुल मेकअप किया नंगे ही आंखों में काजल eye liner सुर्ख लिपस्टिक ना जाने क्या क्या मुझे तो उस सब की ज्यादा knowledge भी नही थी पर मैं दीदी को ऐसे सजते संवरते देख कर सिर्फ ये सोच रहा था इस खूबसूरत औरत का जिस्म घर जा कर मुझे रगड़ना है बेदर्दी से इसी बीच संजीव आया मुझे चाभी दे गया और मैंने उस से एक हाफ साथ भी लाने को कहा था तो दो बोतलें तो वो गाड़ी में ही छोड़ आया था पर एक हाफ लेता आया था …. जैसे ही वो केबिन में आया मैंने कहा दरवाजा अंदर से बंद कर ले उसने बंद किया और मैंने उसे pag बनाने को बोला उसने जल्दी से ड्रा से ग्लास निकाल कर हल्के हल्के दो pag बनाये और हमने एक सांस में उसे खाली किया आफिस का मामला था देर करनी ठीक नही थी और जल्दी से दूसरा pag बना के उसे भी खींच कर ग्लास धो कर वापस रख कर वो चला गया …. मैंने दूसरी दराज से काजू निकाले और मुह का स्वाद ठीक करते हुए फिर से फोन पर देखा तो अब दीदी का मेकअप पूरा हो चुका था और वो वैसे ही नंगी बेड पर वो सारे टॉयज रखे हुए ध्यान से देख रही थी …. फिर दीदी ने एक butt plug उठाया वो हार्ड रबर का बना हुआ छोटे लंड जैसे पर काफी मोटा था दीदी ने उसे गौर से देखा फिर मुह में ले कर चूस कर गीला किया और थोड़ा सा झुक कर गांड़ फैला कर उसे गांड़ के छेद में घुसाने लगी पर वो काफी मोटा था लेकिन दीदी ने किसी तरह उसे गांड़ में ठूंस लिया अब वो मोटा से प्लग दीदी की कसी हुई गांड़ में घुसा हुआ था फिर दीदी उठ खड़ी हुई और लिंगेरी वाला पैक ले आयी उसे खोल कर एक स्काई कलर की ब्रा और ठोंग का सेट निकाला और उसे पहन लिया वो ब्रा ऐसी थी कि बस निप्पल के सामने ढाई इंच कपड़ा और पतली सी डोरी और ठोंग भी ऐसा की सिर्फ चूत की क्रैक और गांड़ के छेद को कवर किया और पतली सी डोरी कमर पर इसके बाद दीदी ने वार्डरोब खोल कर एक रेड कलर की सिल्क की साड़ी निकाली साथ मे रेड पेटीकोट और नेट का मैचिंग ब्लाउज और वो सब पहन कर जब वो रेडी हुई तो मेरे दिल दिमाग और लंड में ऐसी हलचल मची की मुझसे आफिस में रुकना मुश्किल हो गया मैंने एक हल्का सा pag और बना कर मारा पौने पांच हो रहे थे …. मैंने केबिन लॉक किया बाहर आया बैंक का स्ट्रांग रूम लॉक करवाया आओए स्टाफ को जरूरी निर्देश दे कर घर की ओर निकल लिया …… रास्ते मे मैंने होटल से बेहतरीन खाना पैक करवाया और दीदी को वीडियो कॉल की गाड़ी में बैठे हुए ….. दीदी ने कॉल रिसीव की उनके गोरे चिकने चेहरे पर लाली थी शायद चुदाई की खुशी झलक रही थी मैंने कहा रुचि क्या बात है आज को गजब ढा रही बो वो बोली जल्दी आओ ना मैंने कहा बस रास्ते मे हूँ खाना पैक करवा लिया है तुम बस पीने का इंतजाम रखना मैं जल्दी ही आता हूं …. दीदी ने कहा ok … मैंने कहा रुचि … दीदी बोली हं संजू क्या है बोलो ना …. मैंने नशे और उत्तेजना में फुंफकरते हुए कहा आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा साली मादरचोद ….. ये सुन कर दीदी सेक्सी आवाज़ में बोली जल्दी आना साले मैं भी देखूं कितना दम है तेरे लंड में इस रण्डी की चूत की प्यास बुझाने का और फिर मैंने कॉल काटी और बस कार घर की ओर दौड़ा दी ….. घर पहुंच कर कार पार्क कर के दारू की बोतलें और खाने का पैक ले कर मैं ऊपर आया और मेरे बेल बजाने से पहले ही दीदी ने दरवाजा खोल दिया …. उनके बदन से आती हुई परफ्यूम की खुशबू से मेरा लंड और झटके खाने लगा …. दीदी ने मेरे हाथों से सामान लिया और मैं अंदर आ गया मैंने दरवाजा बंद किया और देखा टेबल पर पानी एक जग आइस बॉक्स सोडे की बोतल और काफी सारा स्नैक्स लगा हुआ था दीदी ने हाई हील सैंडल पहने थे और सारी इतनी कसी हुई पहनी थी कि उसकी उभरी हुई गांड़ मुझे पागल बना रही थी …. दीदी ने खाने का सामान किचन में रखा और एक बोतल ल कर मेज़ पर रख दी …. उनके चेहरे पर एक कातिल मुस्कान थी और मैं खड़ा बस उन्हें ऊपर से नीचे तक देखते हुए अपना लंड मसल रहा था …. दीदी ने मेरे पास आ कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सोफे पर बिठाया और वही जमीन पर बैठ कर मेरे जूते खोलने लगी मेरे जूते मोज़े उतार कर उन्होंने शेल्फ पर रखे और फिर वापस आ कर मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए उसे भी निकाल दिया ….. ऎसी की ठंडक से मेरा पसीना सूखने लगा …. दीदी ने पूछा पहले नहाओगे या पियोगे …. मैंने कहा एक pag पिला दो फिर नहाऊंगा दीदी ने सोफे पर बैठते हुए बोतल खोली और दो गिलास में डाल कर आइस डाली और पानी डालने लगी तो मैंने रोका …. वो सवालिया नजरो से मेरी ओर देखने लगी …. मैंने कहा दीदी अगर इस पानी की जगह कुछ और डालो तो जिस से नशा दुगना हो जाये …. वो कुछ समझ नही पाई बोली ऐसा क्या डालूं सोडा ?? मैंने एक हाथ उसकी साड़ी के ऊपर से चूत पर रखा और कहा अपनी इस टंकी का पानी डाल कर बनाओ न pag एक पल उन्होंने सोचा और फिर मेरी बात समझ में आते ही मसुकुरा कर बोली अच्छा अब समझी और फिर वो जग का पानी किचन में फेंक कर खाली जग ले कर आई और वही मेरे सामने खड़ी हो अपनी साड़ी पेटीकोट उठा कर ठोंग को थोड़ा सा साइड कर के जग को चूत के सामने रख मेरी आँखों मे देखती हुई मूतने लगी …… कोई डेढ़ गिलास ताजा गरम मूट उनकी बुर से निकल कर जग में इकट्ठा हुआ और फिर दीदी ने अपने कपड़े सही कर के सोफे पर बैठते हुए दोनों एक गिलास में अपना मूत डाल कर pag बना दिया …. और गिलास उठा कर मेरे होठो से लगा कर बोली लो राजा पियो अपनी दीदी के मूत से बना हुआ pag और पी कर दीदी की चूत पर टूट पड़ो …. मैंने दो घूंट चुसक कर कहा सिर्फ एक ही बनाया तुम नहीं पियोगी …. तो दीदी हंसते हुए बोली जिसे मैंने तुम्हारे लिए बनाया तुम भी मेरे लिए बना दो ना …. उनकी बात समझते ही मुझे मज़ा आ गया और मैंने खड़े हो कर ज़िप खोली और दीदी वाला गिलास उठा कर लंड निकाल कर उसमे मूत कर गिलास फुल कर दिया और दीदी को पकड़ा दिया …. दीदी ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर एक झटके में पूरा गिलास खाली कर दिया उधर मैं भी अपना गिलास उठा कर घूंट भरते हुए पी रहा था और इस pag का स्वाद वाकई अलग था और नशा कई गुना ज्यादा ……
दीदी ने गिलास खाली कर कुछ चिप्स उठाये और मुझे खिलाते हुए खुद भी एक चिप्स अपने होठो में दबा लिया ….. मैंने बोतल उठा कर अपने गिलास में थोड़ी और दारू डाली और एक बार दीदी का पेशाब गिलास में भर कर एक pag बनाया और चुस्की लेते हुए शराब पीने लगा ….. दीदी ने मेरी ओर प्यासी नजरो से देख कर कहा मुझे एक ही pag मिलेगी क्या आज मैंने उनके गिलास में भी दारू डाली और फिर से उसे मूत कर भर दिया और दीदी के होठो से लगा दिया दीदी ने गिलास ले कर एक सिप लिया और बोली अब जल्दी से नहा लो राजा जी तुम्हारी रांड की चूत में बहोत आग लगी है ….. मैं दारू का गिलास लिए हुए बाथरूम के घुस गया और नहा कर टॉवल लपेट कर बाहर आ गया शाम से लगातार पीने की वजह से मैं अच्छे खासे नशे में आ गया था और मेरा लंड तन कर लोहे जैसा सख्त था …. और टॉवल में टेंट बना हुआ था ….. मैं बाहर आ कर सोफे कर बैठ गया हांलाकि नशा काफी था पर नहाने की वजह से अब मैं थोड़ा सा कंट्रोल में था पर शराब के साथ दीदी के बदन का नशा मेरे सर पर चढ़ रहा था दीदी सामने वाले सोफे पर बैठी शराब के घूंट भरते हुए स्नैक्स का मज़ा ले रही थी मझे देखते ही दीदी ने एक झटके में अपना गिलास खाली किया और मेज़ पर पटक कर खड़ी हो गयी और एक चुदासी रण्डी जैसे मुझे देखते हुए मेरे पास आई और मेरी गोद मे खड़े लंड पर अपनी गदराई गांड़ रख कर बैठ गयी पर बैठते ही उसके मुह से एक सिसकी नीकल गयी …. शायद उसकी गांड़ में घुसा हुआ प्लग मेरे लंड के दबाव से और अंदर घुस गया था ….. दीदी थोड़ा सा सरक कर मेरी बायीं जांघ पर बैठ गयी और झुक कर मेरे नंगे सीने पर अपने सुर्ख होंठ रख कर चूमने लगी वो भी अब नशे में और चुदाई की उत्तेजना में जल रही थी और सांसे किसी नागिन की फुंफकार जैसे लग रही थी दीदी ने मेरे सर के पीछे हाथ डाल कर मेरे बालो को मुट्ठी में कसा और मेरे होठो को बुरी तरह चूसने लगी दो मिनट तक जी भर कर मेरे होठो को चूसने के बाद उसने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी और फिर मेरी जीभ पर अपनी जीभ रगड़ने लगी मेरा भी दिमाग अब आउट होने लगा था …. मैंने एक हाथ दीदी की रेशमी साड़ी पर से उसकी जांघ पर रखा और जोर जोर से दबाने लगा ….. दीदी की सांसे और भारी होने लगी और नेट के सेक्सी ब्लाउज में कसी उसकी भारी चूचियाँ ऊपर नीचे होने लगी ….. तभी दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुह से निकाली और मेरे गाल पर जीभ फिराते हुए मेरे कान तक ले गयी और कान को होठो में दबा कर काटने लगी …. मैं मज़े से गनगना गया और मेरे मुह से निकला क्या कर रही है कुतिया …. दीदी बोली अब बस देखता जा अपनी रण्डी बहन का कमाल आज तेरी दीदी तुझे वो मज़े देगी जो किसी टॉप की रण्डी ने अपने ग्राहक को भी नही दिए होंगे …. और मेरी टॉवल खींच कर खोल दी और मेरे खड़े नंगे लंड को भूखी आंखों से देखने लगी …. मैंने कहा दीदी मादरचोद साली उसी दिन जैसे लौड़ा चूस ना आ कर तो दीदी उठ कर अपनी गांड़ मटकाते हुए मेरे पैरों के पास बैठ गई और झुक कर मेरे दोनों पैर के पंजो पर बारी बारी जीभ फिराते हुए कुतिया जैसे मेरे पैर चाटने लगी …… और फिर मेरे पांव की उँगलियों को मुह में हर कर चूसने लगी हर गुजरते पल के साथ मेरा लंड और भी सख्त गर्म होता जा रहा था कुछ देर ऐसे ही मेरे पैरों को चूसने चाटने के बाद दीदी ने ऊपर मेरी टांगों को चूमते चाटते सहलाते हुए और ऊपर जांघो तक मेरे जिस्म को सहलाते हुए अपने होठ मेरी जांघो के जोड़ पर यानी मेरे फूले हुए बॉल्स पर रख दिये औरअपने कोमल हाथ से मेरा सख्त लंड मसलते हुए बड़ा सा मुह खोल कर मेरे वीर्य से भरे हुए टट्टे को मुह में भर कर चूसते हुए लंड पर तेजी से हाथ चलाने लगी …. और फिर मुह से टट्टे निकाल कर संजू कैसा लग रहा है ….. कोई और ख्वाइश हो तो बताना आज तेरी छिनाल दीदी तुझे हर सुख देगी …. मैं तो अपने प्यारे भाई के लंड की प्यासी और दासी हूँ …. मैं जो नशे और सुख में डूब कर आंखे बंद किये मज़े में खोया हुआ था एकदम से आंखे खोल कर दीदी को देखा और बोला तू फिक्र ना कर माँ की लौड़ी अभी अपने मन ली कर ले तू पहले कुतिया उसके बाद मेरी बारी आएगी …. और मैंने अपनी टांगे फैला कर थोड़ा सा ऊपर हवा में उठा दी मेरी गांड़ खुल कर दीदी के सामने थी दीदी ने नशीली आंखों से मेरी और देखा और झुक कर अपनी नाक मेरी गांड़ के छेद अपर टिका दी और गहरी सांस लेते हुए कुतिया जैसे मेरी गांड़ सूंघने लगी …. चार पांच बार सूंघने के बाद दीदी ने अपनी जीभ की टिप स मरी गांड़ के नन्हे से कसे हुए छेद को कुरेदते हुए चाटना शुरू किया और मेरे सख्त लंड को मुट्ठी में भर कर जोर से मसलने लगी दीदी किसी भूखी कुतिया जैसे मेरी गांड़ चाट रही थी कभी कभी वो मेरी गंडक छेद को मुह में भर कर चूसने लगती और कभी अपनी जीभ को गांड़ की दरार में ऊपर से नीचे तक फिरा कर चाटती …. और फिर आखिर में दीदी ने अपनी जीभ गांड़ की दरार से फ़िराते हुए बॉल्स को चाटते हुए लंड की जड़ से जीभ फिराते हुए सुपाड़े तक का सफर तय किया और मेरी आँखों मे देखते हुए लंड की स्किन को सरका कर मोटा सुपाड़ा नंगा कर उसे जीभ से रगड़ते हुए चाटने लगी …. मेरे मुह से एक आहहह निकल गयी और मैंने कहा मुह में ले ले भोसड़ी की दीदी ….. दीदी ने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपनी चूची पर रख दिया और मैंने पूरा जोर लगा कर दीदी की चूची मसल दी दीदी के मुह से दर्द भरी किलकारी निकली और वो बोली हां संजू ऐसा ही दबा अपनी रण्डी की चूचियाँ ….. मैंने दीदी के खुले रेशमी बाल मुट्ठी में पकड़ कर उनके होठ अपने सुपाड़े पर रखे और सर को लंड पर दबाते हुए उनके गले तक सुपाड़ा पेल दिया और उसकी चूचियाँ मसलते हुए बोला ले मादरचोद रण्डी खा अपने भाई का लंड साली दो टके की कुतिया दीदी अपना सर हिला हिला कर अपने मुह को मेरे लंड से चोदने लगी …. और मेरे हलक से गुर्राहट निकलने लगी कुछ मिनट तक ऐसे लंड चुसवाने के बाद मेरे बर्दाश्त से बाहर हो गया और मैंने दीदी को बालों से पकड़ कर ही खड़ा किया और खुद भी नंगा खड़ा हो गया और अपनी प्यारी रुचि दीदी को बालों से ही पकड़े हुए ले कर उसके रूम में आ गया जहां बेड पर वो सारे सेक्स टॉयज बिखरे हुए पड़े थे मैंने दीदी को बेड के पास ले जा कर उसकी साड़ी पकड़ कर खिंचते हुए खोल दी और ब्लाउज के हुक खोलते हुए उसे भी उतार कर फेंक दिया दीदी अब सिर्फ लाल पेटीकोट और उस ना के बराबर ब्रा में सामने खड़ी थी मैंने देर न करते हुए उसके पेटीकोट का नाड़ा भी खींच दिया और बेड से handcuff ले कर उसके हाथ पीठ के पीछे बांध दिए और पेटीकोट सरक कर दीदी के पैरों में गिर गया और दीदी एक स्टेप आगे आ कर पेटीकोट से बाहर आ गई अब दीदी के जिस्म पर सिर्फ वो ब्लू लिंगरी और ब्लैक हाई हील सैंडल थे जिसमें वो सच के एक महंगी रण्डी लग रही थी और इस मस्त जवान रांड के जिस्म पर सिर्फ मेरा हक था …. इसके बाद मैंने एक पिंक कलर का माउथ बॉल लिया और दीदी के पास जा कर गुर्राया …. मुह खोल भोसड़ी की …. और दीदी ने नशीली नजरों से मेरी ओर देखते हुए मुह खोल दिया मैंने दीदी के मुह में बॉल घुसा कर उसे बांध दिया अब दीदी चीख नही सकती थी ….. अब मैंने एक केन उठाया ये एक हार्ड रबर की पतली सी स्टिक थी और उसे दीदी के नरम चूतड़ों पर फिराते हुए हल्के से एक बार दीदी की मुलायम चूतड़ों पर मारा दीदी के मुह से एक आह निकली पर वो उनके गले मे ही घुट कर रह गयी …. फिर मैं दीदी को दोबारा बालो से पकड़ कर सामने की दीवार तक ले गया और उसे दीवार से सटा कर दबा दिया दीदी का गाल दीवार से चिपका हुआ था और फिर मैंने पीछे से दीदी की गर्दन को चूमना शुरू किया मैं दीदी की बैक को चूमते हुए हल्के हल्के दांतो से काट भी रहा गर्दन के बाद मैं उनकी पीठ पर ऐसे ही दांतो से काटने लगा हर बाईट पर दीदी अपने बदन को बुरी तरह कसमसा रही थी फिर मैं उनकी कमर को चूमने और काटने लगा और अब तो दीदी जोर से पैर पटकने लगी थी बर्दाश्त के बाहर हो रहा था उनसे ….. पर मेरा दिल अभी कहाँ भरा था …. मैंनेउनके पीछे बैठ कर उनके नंगे चूतड़ों को जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया और चाट चाट कर गीला कर दिया और फिर मैंने बड़ा सा मुह खोल कर उनके एक चूतड़ को मुह में भर कर जोर से दांत गड़ा दिए इस बार दीदी के मुह से बॉल घुसी होने के बाद भी चीख निकल गयी और वो तेजी से सर हिलाते हुए गूँ गूँ की आवाज़ कर रही थी …. पर मैं बारी बारी दोनों चूतड़ों को जोर जोर दे काटता रहा और उनके गोरे चूतड़ों पर कई जगह दांतो के निशान बन गए …. फिर मैने खड़े हो कर फिर से केन उनके चूतड़ों पर तीन बार कस कस के मारा और दीदी के मस्ताने चूतड़ों पर 3 लाल लकीरें उभर आई अब दीदी के चूतड़ बेहद मस्त और सेक्सी लगा रहे थे और वो कुछ कहना चाह रही थी पर उनके मुह से गो गो के सिवा कोई आवाज़ नही निकल रही थी फिर मैंने दीदी के ठोंग में उंगलियां फंसाई और उसे नीचे सरका दिया और दीदी के चूतड़ फैलाये उफ्फ दीदी के गांड़ के छेद से बट प्लग का हैंडल नजर आ रहा था जो कि पिंक कलर का था और यूं लग रहा था दीदी की गांड़ पॉय गुलाबी रंग का कोई हीरा जड़ा हो …. मैंने दीदी को फिर से बालों से पकड़ा और घसीटते हुए बेड तक ले जा कर बेड पर धकेल दिया ऑयर उनका माउथ बॉल खोल दिया उसे मुह से निकालते ही वो गहरी गहरी सांस लेते हुए हांफने लगी और उधर मैंने प्लग का हैंडल पकड़ कर उसे एक झटके से दीदी की गांड़ से बाहर खींच लिया दीदी की गांड़ के अंदर का गुलाबी मांस मुझे दिख रहा था और वो बट प्लग मैंने दीदी के खुले हुए मुह में घुसा दिया और कहा इसे चूस हरामजादी दीदी अपनी गांड़ से निकले हुए उस रबर के छोटे से लंड को चूसने लगी और मैं उनकी टांगो के बीच बैठ कर उनकी टांगे पकड़ कर मोड़ कर फैला कर झुका और लंबी सी जीभ निकाल कर दीदी की गांड़ के खुले हुए छेद में अंदर तक घुसा कर चाटने लगा दीदी ने तुरंत ही बट प्लग को मुह से बाहर उगल दिया और बोली आहहह संजू अब बस भी कर मार डालेगा क्या अब चोद मुझे पेल अपना लौड़ा मेरी बुर में और कस कस के चोद डाल अपनी रण्डी को हाय हरामी अब और मत तड़पा मैं मर जाऊंगी …. मैंने एक बार दीदी की गांड़ के छेद को मुह में भर कर जोर से चूसा और सर उठा कर दीदी की आंखों में देखा तो वो फिर से संजू चोद दे ना ….. और मैं उठ कर दीदी के ऊपर लेट सा गया और दीदी के सीने को चूमने लगा निप्पल पर तो कपड़ा था पर बाकी गोल गोल नंगी चुचियों को मैं जीभ से कुत्ते जैसे चाट रहा था और दांतों से जोर जोर से काट रहा था वो किसी मछली जैसी तड़प रही थी हांथ बंधे होने की वजह से बेबस थी …. वो फिर से बोली चोद ना बहनचोद अब …. मैंने कहा किसे चोदू …. वो बोली मुझे …. मैंने कहा तू कौन …. वो बोली मैं तेरी दीदी मेरे प्यारे भाई …. मैंने कहा और कौन है तू … वो फौरन बोली तेरी बीवी तेरी रखैल तेरी पर्सनल रण्डी …. मैंने कहा और बोल ना … वो बोली तेरी पालतू कुतिया …. मादरचोद रण्डी रुचि … अब बस इस रण्डी की बुर की प्यास बुझा दे मेरे चोदू फाड़ दे मेरी बुर को बहोत आग लगी है इसमे ….. मैंने दीदी की वो ब्रा ओपन की और खींच कर फेंक दी अब हम दोनों एकदम नंगे थे और फिर मैंने बारी बारी दीदी के काले काले मोटे निप्पल्स मुह में भर कर जोर से काटने शुरू कर दिए मैं बेरहमी से दीदी के निप्पल्स को दांतों से चबा रहा था और दीदी मस्ती में जोरो से सिसक रही थी ….. आखिर में दीदी थोड़े गुस्से में बोली संजू मादरचोद एक बार चोद दे ना बाद में चाहे जितना नोच लेना मेरे जिस्म को ये तो अब तेरा ही गुलाम है ….. मुझे थोड़ा तरस आया दीदी पर मैंने नीचे सरक कर दीदी की चूत देखी ओह वो तो इतना पानी बहा चुकी थी कि बिस्तर पर एक गीला धब्बा से बन गया था …. मैंने एक बार दीदी की बुर को मुह में ले कर जोर से चूसा और चिकना से लसलसा जूस मेरे मुह में आ गया उसे पी कर मेरी उत्तेजना और बढ़ गयी …. और फिर मैंने दीदी की जलती बुर पर अपना सख्त सुपाड़ा रख कर जोर से रगड़ दिया दीदी ने फौरन नीचे से अपनी कमर उछाली और दो इंच लौड़ा बुर में ले लिया …. मैंने उनकी आंखों में देख कर कहा बहोत चुदासी है साली कुतिया दीदी बोली हाँ मेरे राजा अब बस पूरी ताकत से चोद दे पर मैंने लंड दीदी की बुर दे बाहर निकाल लिया दीदी के चेहरे पर अब खीझ और गुस्से के भाव थे वो गुस्से से बोली तुझे हो क्या गया है …. मैंने कहा कुछ नही बस एक बात कहनी है वो बोली जल्दी बोल ना साले और मुझे तेरी हर बात मंजूर है बस अब लंड घुसा मैंने फिर से लंड दीदी की बुर पर टिकाया और एक ही धक्के में 8 इंच लंड उनकी बुर के आखिरी छोर तक ठोंक दिया दीदी के मुह से एक लंबी सी आहहह निकली और वो बोली बस अब चोद मेरे भाई कस के ठोंक अपनी बहन की चूत चोद चोदनके भोसड़ा बना दे मैंने लंड के धक्के मारते हुए दीदी के होंठ चूसने शुरू कर दिया और फिर बोला दीदी मेरा दिल करता है तुझे दो तीन लंड से एक साथ चुदवा दूँ दीदी अपनी चूत नीचे से लंड पर पटकती हुई बोली तेरा जो दिल करता है कर लेना मैं कभी किसी चीज के लिए तुझे ना नहीं करूंगी बस मुझे तड़पाया मत कर गरम कर के मैंने जोर से धक्के लगाते हुए कहा साली कुतिया तड़पाने के चोद के मज़े तो मैं ही देता हूँ और सच बताना इस तड़प में भी तो मज़ा आता है ना तुझे दीदी बोली हॉं आता तो है पर आज कुछ ज्यादा ही हो गया था मैंने कहा अभी तो ये शुरुवात ही है मेरी जान देखती जाओ आगे आगे होता है क्या और फिर मैंने दीदी को बाहों में कस के भर के उनके बदन को अपने नीचे दबा के लंबे लंबे शॉट मारने शुरू किए और लंड सटासट दीदी की गीली चीकनी बुर चोदने लगा उधर मैं दीदी के निप्पल्स बारी बारी से चबाते हुए पूरी रफ्तार से चोद रहा था और दीदी अपनी कमर मेरे लंड पर पटक पटक कर चुद रही थी मैंने कहा सोच कुतिया एक लंड इतने मज़े दे रहा है अगर तेरी चूत गांड़ और मुह में एक साथ लंड घुसे हों तो कितना मज़ा आएगा तुझे दीदी एकदम से गनगना गयी और बोली हाँ राजा सोच कर ही मज़ा आ रहा है जल्दी से चुदवा दे अपनी रखैल को तीन लंड से एक साथ aaaahhh aaaahhh मैं गयी संजू और दीदी का बदन थरथराने लगा और इसी के दीदी की बुर से पानी की फुहारें निकलने लगी और वो झड़ने लगी मैं हलके हल्के धक्के लगाते हुए उन्हें झड़वाने लगा और आखिर में वो एकदम निचुड़ी हुई निढाल सी गहरी सांसें लेती हुई बेहोश सी हो गयी …. मैंने उनकी बुर से लंड निकाला और एक बार उनकी बुर को अच्छे से चाटा और फिर रूम में आ कर एक सिगरेट सुलगा ली अभी मैं नही झड़ा था …….
Nice update
 

Ek number

Well-Known Member
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भाग 12
जैसे कि आप सब को याद होगा पिछले भाग में मैं अपनी प्यारी रुचि दीदी के साथ हफ्ते भर बाद जम के मस्ती कर रहा था और दीदी को एक बार भरपूर चोद कर थका कर उन्हें रिलैक्स होने के लिए छोड़ कर सिगरेट पीते हुए आगे की सोच रहा था…… दीदी के साथ इतने मज़े लेने के बाद अब मेरी एक ही ख्वाइश बची थी ग्रुप सेक्स की……
पर ये सब कैसे होगा वो समझ नही आ रहा था फिर सिगरेट खत्म होने पर मैं दीदी के पास आया वो आंखे बंद किये पड़ी थी शायद नींद आ गयी थी उसे पर मेरा लंड तो अभी भी सख्त था और कैसे भी झड़ना चाहता था….. मैंने दीदी के गाल को थपथपाया तो उसने आंखे खोल कर मुझे देखा मैंने कहा बड़ी स्वार्थी हो गयी हो तुम खुद तो शांत हो ली पर मेरा क्या होगा….. दीदी ने नशे में डूबी आवाज़ में कहा बड़ा दमदार लंड है तेरा ऐसा लगता है मैं अकेली इसे नही शांत कर पाऊंगी….. मैंने कहा फिर कोई और इंतजाम कर दो मेरे लंड के लिए तो दीदी बोली मैं कहाँ से कर दूं हां तुझे कुछ सूझे तो तू कर ले अपने लिए इंतजाम मुझे कोई प्रॉब्लम नही…. मैंने कहा ठीक ह पर अभी क्या करूँ इस टाइम तो बस तू ही है मेरे लौड़े की प्यास बुझाने के लिए दीदी किसी तरह उठी और मेरे सामने बैठ कर लौड़ा पकड़ कर सहलाते हुए उस पर जीभ फिराने लगी…… ये देख कर मुझे दीदी पे प्यार आ गया वो कितना थकी हुई थी फिर भी कोशिश कर रही थी मुझे संतुष्ट करने की और वो मुझे किसी और के साथ चुदाई करने की छूट भी दे रही थी…..
फिर दीदी ने लगभग पूरा लंड मुह में ले कर सर हिला कर लंड अच्छी तरह चूसना शुरू किया और सुपाड़े पर जीभ फिराते हुए चाटने लगी….. मैंने लंड चुसवाते हुए कहा दीदी अगर मैं किसी और को चोदू तो तुम्हे बुरा नही लगेगा….. दीदी ने मेरी ओर देखा और लंड मुह से निकाल कर बोली….. सिर्फ चोदेगा तो बुरा क्यों लगेगा….. पर याद रखना बीवी मैं ही हूँ तेरी और प्यार सिर्फ मुझसे करना है तुझे नहीं तो मैं मर जाऊंगी….. मैंने दीदी को खड़ी कर के बाहों में कस लिया और उन्हें चूमते हुए बोला love you रुचि मेरी जान प्यार तो मैं तेरे सिवा किसी से कर ही नही सकता….. दीदी ने भी मेरे बदन से लिपट कर मेरे होठ चूम कर कहा तू जब मुझे दूसरों से चुदवायेगा तो तुझे बुरा नही लगेगा संजू मैंने कहा मेरा भी वही जवाब है चुदना चाहे जिस से पर प्यार सिर्फ मुझे दीदी बोली मेरी लिए तो तू ही काफी है संजू पर तेरी मर्ज़ी है मुझे रण्डी जैसे चुदवाने की इसलिये मैंने मना नही किया बस….. मैंने दीदी की गांड़ मसलते हुए कहा thanks दीदी मेरी पसन्द का इतना कौन ख्याल रखता तुम्हारे सिवा…. दीदी ने मेरा गरम लंड मुट्ठी में भर कर भींच कर कहा मैं तेरे साथ इसकी पसन्द का ख्याल भी रखूंगी बस तू अपना प्यार कम ना करना….. मैंने कहा अब बातें ही चोदी जाएगी या चूत भी चुदवायेगा कोई दीदी खिलखिला कर हंस दी मुझे बड़ा तड़पा रहा था ना अब थोड़ी देर खुद भी तड़प अहसास कर की जब चुदास लगी तो तब कोई सताए तो कितना बुरा लगता है….. मैंने कहा अच्छा…. , अब मेरी रांड मुझसे बदला लेगी मुझे तड़पायेगी….. कोई नही आज मैं ऐसे ही रह लूंगा पर याद रख कभी फिर मेरी आएगी फिर रोना मत….. ,
दीदी ने फौरन बेड पर लेट कर अपनी टांगे फैला दी बोली आ जाओ मालिक तुम्हारी गुलाम की चूत और गांड़ हाजिर है चाहे जितना चोदो जैसे चोदो….. मैं लंड सहलाते हुए दीदी के पास आया और झुक कर उसकी चुदी हुई गांड़ चाटने लगा और एक मिनट गांड़ और चूत को जीभ फिरा कर गीला कर के अपना खड़ा लंड दीदी की बुर में पल दिया और गहरे धक्के लगा कर चोदने लगा….. चोदते हुए मैंने कहा दीदी उस दिन पार्क में चुद रही लड़की याद है???
दीदी बोली हां याद है मैंने कहा अगर उसे ले आऊं तो…. दीदी बोली देख संजू ये सब मेरी समझ नही आएगा मुझे बस इतना पता है तू जो करना चाहे कर जैसा ठीक लगे कर….. बस मेरी जगह किसी और को मत देना और नीचे से अपनी गांड़ उठा कर लंड पर दबाने लगी…. तू चाहे जिसे चोद मुझे चाहे जिस से चुदवा दे मुझे कोई प्रॉब्लम नही है पर हमारी लाइफ में कोई गड़बड़ ना हो मैं ये सब खोना नही चाहती जो बड़ी मुश्किल से मिला है मुझे…. मैंने कहा ठीक है कल मैं कुछ सोचता हूँ और फिर दीदी पर लेट कर उन्हें बाहों में भर के कस के ठोकने लगा सुपाड़ा उनकी बच्चेदानी तक ठोकर मार रहा था थोड़ी ही देर में दीदी फिर से गरम हो गयी और नीचे से तेज झटके देते हुए अपनी बुर मेरे लंड अपर पटकने लगी और मैंने बेड पर पड़ा हुआ एक 8 इंच का मोटा डिलडो उठा कर दीदी के मुह में लगा दिया दीदी ने आंख खोल कर देखा और बोली मुझे असली लंड चूसने में मज़ा आता है नकली नही मैंने कहा वो भी चूस लेना मादरचोद अभी तो इसे चूस दीदी डिलडो का सुपाड़ा मुह में ले कर चूसने लगी और मैंने अपना लंड दीदी की बुर से निकाल कर गांड़ पर टिकाया और झटके से अंदर पेल दिया दीदी बोली aaaahhhhh चूत से क्यों निकाला बड़ा मजा आ रहा था संजू मैंने बिना कुछ बोले डिलडो मुह से निकाल कर दीदी की गीली चूत पर रखा और पूरा एक बार मे उतार दिया डिलडो मेरे लंड से कुछ मोटा था तो दीदी की चूत एकदम भर गई…… मैंने दीदी का एक हाथ डिलडो के हैंडल पर रखा और कहा रण्डी अब अपनी बुर खुद चोद तू…. और कस के दीदी की गांड़ में लंड ठोकने लगा दीदी ने भी मस्ती में डिलडो को तेजी से चुत में अंदर बाहर करना शुरू किया और वो एक बार फिर मस्ती में डूब गई दो लंड एक साथ उनकी बुर और गांड़ को चोद रहे थे दीदी दोबारा झड़ने के करीब थी और मैं भी मेरे वीर्य से भरे आंड़ एकदम सख्त हो रहे थे और मैंने कहा दीदी सोचो जब ऐसे ही लोग एक साथ तेरी चूत और गांड़ पेलेंगे अपने अपने लंड से तो कितना मज़ा आएगा मेरी कुतिया को दीदी बोली हां संजू जल्दी से चुदवा दे अपनी रण्डी को ऐसे ही डाल दे मुझे नंगी कर के किसी के सामने और फड़वा दे मेरी बुर किसी मोटे लंड से aaaahhhhh मैं गयी राजा और इसी के साथ दीदी के बदन को झटके लगने लगे उनकी आंखें बंद हो गयी चरम सुख से और उधर मेरे सुपाड़े से भी वीर्य की फुहार निकल पड़ी दीदी की गांड़ की गहराई में अपना लंड पेलकर मैं भरने लगा दीदी की मस्तानी गांड़ को अपने गर्म वीर्य से और जब मैं झड़ रहा था दीदी का बदन एकदम कांपने लगा और वो छिपकली जैसे मेरे सीने से चिपक गयी…… मैं शांत हो कर 20 मिनट तक दीदी के ऊपर ही पड़ा रहा फिर दीदी ने मुझे हिलाया बोली उठ जा संजू मेरी सांस रुक रही है बहोत भारी है तू मैं अनमने से उठा और बाथरूम चला गया दीदी फौरन ही भाग कर आ गयी बाथरूम में और बोली मूतने आया है क्या मैंने कहा हां कितनी सारा पिलाया है आज तुमने अपना मूत अब निकालना तो पड़ेगा तो दीदी मेरे सामने बैठ कर बोली मुझे प्यास लगी है तुझे पेशाब आया है तो दोनों का काम बन जायेगा न और लंड का सुपाड़ा मुह में ले लिया मैंने मूतना शुरू किया और दीदी घूंट घूंट भर के मेरा सारा मूत पीती चली गयी फिर मैंने हल्का शावर लिया और बाहर आ गया थोड़ी देर में दीदी भी नहा कर आ गयी फिर हमने नंगे ही डिनर किया और एक दूसरे को बाहों में भर कर सो गए……
अगली सुबह संडे था और मैं 10 बजे सो कर उठा दीदी उठ चुकी थी और मेरे बाहर आते ही किचन से झांक का बोली गुड मॉर्निंग जान मैं किचन में ही घुस गया और दीदी को पीछे से हग कर के उनकी गर्दन चूमते हुए बोला गुड मॉर्निंग जानू बड़ी जल्दी उठ गयी वो हंस कर बोली अच्छी बीवियां पति से पहले ही उठ जाती है मैंने दीदी की एक चुचीं मसल कर कहा अच्छी बीवी सुबह सुबह नंगी हो कर पति को जगाती है और जगा आकर सब से पहले चुदवाती है दीदी बोली जैसा आपका हुक्म सरकार कल से ऐसा ही होगा और हम दोनों हंसने लगे……
दीदी बोली चल अब नहा ले जल्दी से मैं नाश्ता लगाती हूँ और मैं बाथरूम में घुस गया आधे घंटे में नहा कर नंगा ही बाहर आ गया और हॉल में बैठ कर tv on कर लिया तभी दीदी ट्रे लिए हुए आयी और मुझे नंगा देख कर हंसने लगी बोली कभी तो कपड़े पहन लिया करो मैंने कहा ऐसे क्यों बोल रही बुरचोदी मैं कौन सा हर दिन नंगा रहता हूँ आज संडे है मेरा दिन है जैसे चाहू रहूंगा दीदी बोली जैसी आपकी मर्जी आप कहो तो मैं भी नंगी हो जाऊं फिर नाश्ता करें मैंने कहा ये भी कोई पूछने की बात है अपनी रण्डी बीवी को कौन नंगी नही देखना चाहेगा दीदी ने हंसते हुए अपना कुर्ता सलवार और ब्रा पैंटी निकाल कर फेंक दी और नंगी हो कर नाश्ता लगाया ऑमलेट सैंडविच और कॉफ़ी….. सच मे दीदी बढ़िया कुक हैं नाश्ता कर के मज़ा आ गया मुझे फिर नाश्ता खत्म कर के मैं बोला….. रुचि ये जो तुमने नंगी हो कर बढ़िया नाश्ता करवाया इस से मैं खुश हो गया अब तैयार हो जाओ आज हम मूवी देखने चलेंगे और होटल में लंच करेंगे दीदी ये सुन कर खुश हो गयी और जल्दी से अपने कपड़े ले कर अपने रूम में भाग गई मैं भी जा कर तैयार होने लगा और एक घंटे बाद हम नीचे कार में थे दीदी ने साड़ी पहनी थी और हमेशा की तरह सेक्सी माल लग रही थी….. मैंने जीन्स टी शर्ट पहना था फिर हम थियेटर गए टोटल धमाल देखी मज़ेदार कॉमेडी मूवी थी फ़िल्म देख कर हम लंच के लिए बढ़िया होटल गए और दीदी की पसन्द का लंच हुआ इसके बाद दीदी को icecream पार्लर ले गया दीदी को iceceeam बहोत पसन्द है रुचि को पेट भर icecream खिलाने के बाद हम बाहर आये तो 5 बज रहे थे मैंने कार स्टार्ट की और हम उसी पार्क में आ गए मैने कार बाहर ही पार्क की और हम पैदल ही पार्क में घुस गए मैंने दीदी का हाथ अपने हाथों में थाम रखा था…… और हम अंदर उसी ओर बढ़ चले पार्क के आखिरी छोर की ओर…… हम टहलते हुए उस झाड़ी के पास से गुजरे जहां उस दिन वो लड़की एक लड़के का लंड चूस रही थी मेरे साथ दीदी की नजर भी उधर घूमी पर आज वहां कोई नही था पार्क में आज इक्का दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे…… हम पैदल चलते हुए उसी बेंच तक पहुंचे जहां मैंने दीदी को शादी के लिए प्रपोज किया था और हम वही बैठ गए….. दीदी बोली अभी कुछ दिन पहले की ही बात है हम इसी बेंच पर बैठा करते थे एक भाई बहन के जैसे और आज बैठे हैं पति पत्नी जैसे मैंने हंस कर कहा आज भी भाई बहन जैसे बैठे हैं हम अगर पति पत्नी जैसे बैठना है तो साड़ी ऊपर कर अपनी नंगी गांड़ मेरी गोद मे रख कर बैठो….. दीदी मेरी बात सुन कर मुस्कुराई और उठ कर खड़ी हो गयी एक बार चारो ओर नजर डाली और फिर अपनी साड़ी और पेटीकोट को कमर से ऊपर उठा लिया दीदी की गुलाबी पैंटी में कसी हुई गोरी गांड़ नंगी मेरी आँखों के सामने थी….. और फिर दीदी अपनी गांड़ मेरी गोद में रख कर बैठ गयी और मैंने अपने हाथ दीदी की कमर में लपेट कर उन्हें बाहों में कस लिया जोर से और दीदी के कान में बोला रुचि मेरी छिनाल बहन लगता है जल्दी ही तेरी इस मतवाली के गांड़ के लिए कोई मोटे लंड का इंतजाम करना पड़ेगा बड़ा मन कर रहा है तुम्हे चुदते हुए देखने का दीदी अपनी रसीली गांड़ मेरे पैंट में खड़े हो चुके लंड पर रगड़ती हुई बोली तो कर लो ना राजा जितनी जल्दी हो सके अपनी रण्डी के लिए लौड़ा ढूंढ दो खूब चुदूँगी मोटे लंड से…… तभी मुझे दूर एक लड़का अपनी ओर आता हुआ दिखा दीदी ने भी उसे देखा और मेरी गोद से उठ कर बगल में बैठ गयी….. वो लड़का अब करीब आ चुका था और उसी झाड़ी के पास खड़ा हो कर फ़ोन निकाल कर देखने लगा….. मुझे लगा ये वही लड़का था जो उस दिन उस लड़की के साथ था….. थोड़ी देर वही खड़ा रह कर वो लड़का वापस जाने लगा और मैंने एक बार फिर दीदी को गोद मे खींच लार उनके गुलाबी होठ चूसने शुरू कर दिए मेरी ठरक बढ़ रही थी….. मैंने कहा दीदी मादरचोद मुझे एक साथ 2 चूत चोदने के मन कर रहा है दीदी बोली मेरे पास तो एक ही है उसे चोदना है तो घर चलो मैंने कहा यार वो लैंडिया भी आज नही दिख रही उसी के चक्कर मे यहां आया था दीदी बोली वो लड़का भी अभी शायद उसी के चक्कर मे यहां आया था उसका काम भी नही बना पर तुम्हारा काम बन जायेगा तुम्हारी रण्डी बहन है ना तुम्हारे लंड का ख्याल रखने के लिए और मैंने दीदी की चूचियाँ मुट्ठी में भर कर जोर से मसल दी पर कुछ ज्यादा ही जोर लग गया और दीदी के मुह से चीख निकल गयी फिर गुस्सा करते हुए बोली लगता है संजू मुझमें भी जान है मैंने कहा दीदी तुम्हे तो मज़ा आता है ना दर्द में तो वो बोली हां आता है पर चुदाई के टाइम बाकी तो दर्द ही होता है यार….. मैंने कहा चलो फिर घर ही चलते हैं…. और हम उठकर वापस घर चल दिये….. अभी हम आधे पार्क को क्रॉस कर पाए थे कि सामने से वही लड़की आती हुई दिखी…. उसे देखते ही मेरा दिमाग चलने लगा और मैं और दीदी जब उसकी बगल से गुजरे तो उसने एक बार तिरछी नजर स्व हमे देखा और थोड़ा सा मुस्कुराई भी पर हम सीधे निकल गए बाहर कार के पास आ कर मैंने कहा दीदी तुम ये चाभी लो और घर चलो मैं थोड़ी देर में आता हूं शायद कुछ जुगाड़ बन जाये…. दीदी ने मेरी ओर देखा और फिर हंस कर बोली ठीक है पर जल्दी आना मेरा चुदने का मन है…. मैंने कहा बस आता हूँ तुम चलो और दीदी घर चली गयी मैं वापस पार्क में आया….. और फिर से वहीं पीछे की ओर चल पड़ा थोड़ा आगे जाने पर देखा वो लड़की वही मुख्य रास्ते से थोड़ा किनारे पेड़ के नीचे खड़ी थी और अपने फ़ोन में उलझी हुई थी वो अपने काम मे इतनी खोई हुई थी कि उसे मेरे आने का भी पता नही चला….. मैं अब उसके एकदम करीब पहुंच गया था वो थोड़ी परेशान सी लग रही थी….. उसने चेहरा उठा कर मुझे देखा और आज मैंने भी उसे गौर से देखा 19-20 साल की छरहरा बदन चूचियाँ भी बस 30 के आसपास रंग थोड़ा सांवला पर चेहरा काफी आकर्षक हम दोनों एक दूसरे को कुछ पल यूं ही देखते रहे फिर उसने मेरे पीछे देखा पर उसे कोई दिखा नही तो वो बोली आपकी बहन कहाँ गयी अभी तो थी आपके साथ मैंने कहा वो घर चली गयी…… उसने कहा आप वापस आ गए उसे भेज कर….. मैंने कहा हाँ सोचा तुम्हे मैसेज दे दूं वो लड़का आया था यहां शायद तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था….. उसने चिंतित भाव से कहा वही तो गड़बड़ हो गयी मैं थोड़ा सा लेट हो गयी और आज मेरा फ़ोन भी ऑफ हुआ पड़ा है इसकी बैटरी खराब है ज्यादा देर चलती ही नही….. मेरी नजर उसके फ़ोन पर पड़ी वो कोई सस्ता से की पैड वाला फ़ोन था जिसकी हालत एकदम खस्ता थी…. मैंने कहा नया फ़ोन ले लो ना इसका टाइम यो खत्म हो चुका है अब….. उसने मुह बिचका कर कहा अगर फ़ोन लेने के पैसे होते तो यहाँ रोज क्यों आती….. मैंने कहा तुम्हारा नाम क्या है….. तो वो बोली साहब क्या करोगे नाम जान कर आज मुझे पैसों की जरूरत है अगर आपको कुछ करना है तो 500 लगेगा….. मैंने जेब से पर्स निकाला और दो हजार का एक कड़क नोट निकाल कर उसे पकड़ा दिया वो बोली साहब छुट्टा नही है मेरे पास मैंने कहा तुम रख लो वापस नही चाहिए मुझे वो हैरानी से मेरा मुह देखने लगी….. मैंने कहा हैरान मत हो तुमने कहा पैसों की जरूरत है तो मैंने हेल्प की तुम्हारी अब तो अपना नाम बता दो वो बोली रोशनी नाम है मेरा….. मैंने कहा कहां रहती हो तो उसने पास के ही एक मुहल्ले के पता बताया…… मैंने अब तो तुम्हे पैसे मिल गए प्रॉब्लम सॉल्व हो गयी तुम्हारी क्या तुम मेरे साथ एक कोल्ड ड्रिंक पी सकती हो रोशनी….. उसने संदिग्ध भाव से मेरी ओर देखा औरबोली क्या साहेब लोग पैसा दे के कपड़े उतारने को बोलते हैं आप इतने पैसे दे कर भी बस कोल्ड ड्रिंक पिला रहे हो मैंने अगर तुम्हें कोई दिक्कत है रहने दो जाओ तुम वो फिर से बोली ऐसे ही जाऊं कुछ करोगे नहीं….. मैंने मुस्कुराते हुए ना में सर हिला दिया वो हंस कर बोली आपका दिमाग फिर गया है साहेब…. मैंने कहा अब जो भी समझ लो वैसे तुम ये धंधा कब से कर रही हो वो बोली आपको मेरे बारे में सब जान कर क्या करना है मैंने कहा हो सकता है मैं तुम्हारी और भी मदद कर सकूं वो बोली मेरी मदद तो बस भगवान ही कर सकते हैं और उसले चेहरे पर अचानक से दर्द उभर आया…. मैंने उसकी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा रोशनी ज्यादा तो कह नही सकता पर अगर मेरे बस में हुआ तो हर तरह से तुम्हारी मदद करूँगा पर पहले तुम अपना ये चेहरा सही करो कितनी सुंदर हो तुम ऐसे रोते हुए अच्छी नही लगती वो धीरे से सुबकने लगी और बोली क्या करें साहब हमारा तो नसीब ही ऐसा है मैंने कहा फिर से कह रहा हूँ मेरे साथ कहीं चल कर बैठो और अपनी तकलीफ बताओ ताकि मैं उसे दूर करने की कोई तरीका बताउं तुम्हे वो अपने हाथों से आंसू पोछते हुए बोली ठीक है साहब चलिए कहां चलना है…. मैंने जहां मैं ले चलूँ चलोगी वो बोली पैसे दिए हैं आपने मना कैसे कर सकती हूं अब मेरा मूड खराब हो गया मैंने चिल्ला कहा भाड़ में जाओ तुम पैसे रखो और दफा हो यहां से मुझे कहीं नही ले जाना साला भलाई का जमाना ही नही रहा मैं मदद करने की सोच रहा और ये ना जाने क्या बकवास किये जा रही और मैं मुड़ कर बाहर की ओर चल पड़ा….. तभी वो पीछे से भागती हुई सी आयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली माफ कर दो साहब आज मेरा दिमाग बहोत खराब है भाई के लिए दवा ले जानी थी और पैसे नही थे ऊपर से कस्टमर भी हाथ से निकल गया था इसीलिए टेंशन में थी ऊपर से उस दिन आप ने मुझे डांट भी दिया था इसलिये लगा कि आप खडूस टाइप हैं पर अभी सॉरी साहब जी अब से मैं बकबक नही करूंगी आप ले चलो जहां चलना है…. मैंने कहा भाई की दवा किसलिए वो बीमार है क्या वो साथ चलती हुई बोली हां साहब मेरा छोटा भाई है 16 साल का उसे tb हुई है डॉक्टर बोलता है लगातार दवा करनी पड़ेगी एक साल पर रोज की 300 की दवा आती है अगर ग्राहक नही मिलता तो दवा नही मिल पाती है उसे ऊपर से हम माँ बेटी का रोटी पानी का खर्चा इसी सब की टेंशन में रहती हूं…..
हम कार के पास आ चुके थे मैंने दरवाजा खोल कर उसे बिठाया और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठा और कार स्टार्ट कर दी….. मैंने कहा घर मे कौन कौन है तुम्हारे वो बोली मेरी माँ मैं और भाई बस हम तीन ही हैं मैंने कहा एक बात बताओ अगर मैं तुम्हारे भाई का ईलाज अच्छे अस्पताल में करवा दूँ तो कैसा रहेगा वो मेरा मुह ताकने लगी फिर बाकी उधर तो बहोत पैसा लगेगा साहेब मैंने कहा उसकी फिक्र तुम मत करो जो लगेगा मैं लगा दूंगा उसने कहा अगर ऐसा हो जाये तो हम माँ बेटी की सारी टेंशन खत्म हो जाएगी….. मैंने कार एक मोबाइल शॉप के सामने रोकी और उसे कार में ही बैठने को बोल कर शॉप में जा कर एक samsung का हल्का सा स्मार्ट फ़ोन 7000 का खरीदा और वापस आ कर उसकी गोद मे फोन में डाल दिया मैंने कहा ये लो रोशनी पुराना फ़ोन फेंक दो अब और इसे इस्तेमाल करो वो हैरत से मुझे देखने लगी फिर बोली ये तो महंगा फ़ोन लग रहा साहब मैंने कहाँ बस 7000 का है वो बोली साहब आप चाहते क्या हो मुझसे…. मैंने कहा कुछ ज्यादा नही बस उतना ही जो तुम खुशी से कर सको मेरे लिए….. मैंने पूछा घर के काम कर लेती हो क्या जैसे खाना बनाना कपड़े धोना साफ सफाई…. वो बोली बाई का काम? मैंने कहा हां वही समझ लो तो वो बोली कर तो लेती हूं पर उतने पैसों से मेरा काम नही चलेगा…. मैंने कार एक बढ़िया से होटल के सामने रोकी और उसे साथ ले कर होटल में गया मैंने एक केबिन लिया और उसे साथ ले कर अंदर चला गया वहाँ मैंने उसका फ़ोन ले कर उसका सिम निकाल कर नये फ़ोन में डाल कर उसे दे दिया और फिर वेटर के आने पर खाना आर्डर किया वो बोली खाना खिलाएंगे क्या आप तो कोल्ड ड्रिंक पिलाने लाये थे…… मैंने कहा तो क्या हुआ खा लो मेरे साथ अब वो थोड़ा रिलैक्स थी मेरे साथ और हंस कर बोली लगता है आपको कुछ स्पेशल पसन्द है तभी इतना खर्च कर रहे हो आप वो परसो वाला ठरकी तो बस 300 में इतनी फरमाइशें कर रहा था कि मेरा दिल किया 300 रुपये उसके मुह पर फेंक के मार दूँ…. मैंने हंस कर कहा मैं चाहता हूं अब तुम ये धंधा छोड़ दो वो सशंकित भाव से मेरी ओर देख कर बोली फिर हमारा खर्चा कैसे चलेगा….. मैंने कहा तुम्हारे भाई के इलाज और पढ़ाई की जिम्मेवारी मैं लेता हूँ तुम्हे मेरे यहाँ काम पर रख लूंगा और इतना पैसा दूंगा की तुम्हारी माँ का और तुम्हारा खर्च आराम से चल जाएगा…. वो बोली मज़ाक तो नही कर रहे साहब जी मैंने कहा एकदम नही अभी तक जो किया वो तुम्हे मज़ाक लग रहा क्या….. वो सर हिलाने लगी तभी वेटर खाना ले आया और हम खाना खाने लगे तभी उसकी माँ का फ़ोन आ गया और वो उस से बात करने लगी….
रोशनी-हाँ मां क्या हुआ मिला कि नही तुझे
उसकी मां ने जवाब दिया फिर वो बोली…. मेरा तो बहोत बढ़िया रहा आ कर बताती हूँ….. हां दवा भी ले आऊंगी और बनिये का उधार भी दे दूंगा और आज खाना मत बनाना मैं खा कर आऊंगी तेरे लिए भी लेती आऊंगी ठीक है आती हूँ एक दो घंटे में….. और फ़ोन कट गया…. वो फिर से खाने लगी।
मैंने पूछा तुम्हारी माँ क्या करती है उसका हाथ रुक गया और वो सर झुकाए हुए बोली वो भी मेरे जैसे ही धंधा करती है मैंने कहा उम्र क्या है उनकी वो बोली अभी तो 38 की हैं पर बहोत सुंदर है मेरी मां मैंने कहा तुम भी तो सुंदर हो वो बोली कहां मैं तो पापा को पड़ी हूँ वो एकदम काले थे पर मा सच मे बहोत सुंदर है….. मैंने कहा अब ये बताओ तुम दोनों माँ बेटी ये धंधा सिर्फ पैसों के लिए करती हो या शौक है तुम्हे वो बोली साहब ऐसा शौक किसे होता है जिसे शौक होता है वो पैसे नही लेती हमारी तो मजबूरी है पेट पालना है और भाई का इलाज कराना है……. बातें करते करते हमने खाना खत्म किया तब मेरा ध्यान गया उसने एक पुरानी सी ब्लू कुर्ती एयर घिसी हुई ब्लैक लेगिंग पहनी हुई थी और पैरों में नॉर्मल सी चप्पल उसके पहनावे से उसकी गरीबी झलक रही थी….. मैं बिल दे कर उसे साथ ले कर बाहर आया और पास में ही एक गारमेंट्स शॉप में घुस गया उसे दो नए सूट और अंडर गारमेंट्स भी दिलवा दिए अब वो काफी खुश लग रही थी फिर मैंने कहा दवा कहाँ मिलेगी तो उसने अपने छोटे से पर्स से एक पर्चा निकाला और बोली ये है कहीं भी मिल जाएगी…… मैंने कार एक मेडिकल स्टोर ले सामने रोकी और एक हफ्ते की दवा ले कर आया और उसे दे दी वो बोली साहब कितना अहसान कर दोगे एक ही दिन में….. मैंने मुस्कुरा कर कहा अहसान नही मदद कर रहा हूँ मैं बस……….
Interesting update
 
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