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मेरे हिसाब से रजनी ने दीपक के कहने पर कहा है, क्योंकि अगर उसके पिता ने उसका रेप किया होता तो आखिर में वो माफी क्यूं मांगती??Review
Story - Khoj
Writer - Niks77kill
Plot - दीपक अपनी बेटी रजनी को खोज रहा है जो कई महीने पहले घर से भाग गई, रजनी के मिलने पर कहानी कुछ अलग ही मोड़ लेती है।
एक छोटी सी सस्पेंस कहानी, कहानी बहुत छोटी थी इसलिए ज्यादा कुछ विस्तार में नहीं बताती, कहानी का पूरा हिस्सा रजनी को खोज में निकल जाता है, इसलिए अंत में एक उलझन रह जाती है।
ओपन एंडिंग कहानी लिखना मुश्किल होता है, कब ओपन एंडिंग एक उलझन बन जाए कहां मुश्किल है। क्या दीपक ने सच में रजनी का रेप किया, या ये सब राहुल के कहने पर रजनी ने झूठ बोला, या इसमें कुछ झूठ और कुछ सच था।
कहानी जल्दबाजी में लिखी हुई लगती है,पिछली कहानी ट्रिप तो धारकोट इससे कही बेहतर थी, ये भी अच्छी है लेकिन स्पष्ट नहीं है।
Keep writing you are a awesome writer
Thankyou sanju daa..Story - Ye Barrishein.
Writer - Aagasyta (Y. A.)
" शोर " मूवी के एक गीत की एक पंक्ति - कली खिले तो झट आ जाए पतझड़ का पैगाम - की तरह कृतिका बरसात के मौसम मे खिलते हुए एक कली की तरह नायक के जीवन मे आई और एक साल बाद उसका जीवन सदैव के लिए पतझड़ की तरह विरान कर गई ।
नायक के साथ यह सब तब हुआ था जब वो दसवीं क्लास मे पढ़ाई कर रहा था । बचपन की यादें , चाहे वह किसी भी घटना से सम्बंधित हो , हमारे जेहन मे बसी ही रहती है । और अगर यह प्यार , इश्क , मुहब्बत की बात हो तो फिर इसे कतई भुलाया नही जा सकता ।
बचपन के दिन किसी भी तरह के छल कपट या स्वार्थ से परे होता है । इन दिनो वह संकोची और मितभाषी होते हैं । किसी के जरा सा भी एहसान उसे भाव - विह्वल कर देते हैं ।
नायक के साथ भी ऐसा ही हुआ था ।
महेन्द्र कपूर साहब का एक गीत है -
" बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी
ख्वाबों मे ही हो चाहे मुलाकात तो होगी ।।
ये साथ गुजारे हुए लम्हात की दौलत ,
जज्बात की दौलत ये खयालात की दौलत ।
कुछ पास न हो पास ये सौगात तो होगी "
यही जीवन है और यही इस जीवन के रंग रूप है ।
बहुत ही खूबसूरत कहानी थी ।
Thanks for the review mahi..कहानी- रेज
रचनाकार- Aagasyta (Y. A.) महोदय
कहानी ठीक ठाक कह सकते हैं। बहुत अच्छी नहीं तो बहुत बुरी भी नहीं है। कहानी में कहीं कहीं एक ही पंक्ति का दोहराव हुआ है।
कभी कभी हम गुस्से में ऐसा काम कर जाते हैं जिसके कारण बाद में बहुत पछताना पड़ता है। जब इंसान गुस्सा होता है तो सबसे पहले उसके विवेक का नास होता है फिर इंसान अच्छा बुरा सोचने की शक्ति खो देता है।
सारा ने अपने पति के साथ बेवफाई करके कोई अच्छा काम नहीं किया था लेकिन उसके पति ने सारा और उसके प्रेमी की जान लेकर और भी बुरा किया। जब पति को अपनी पत्नी की बेवफाई के बारे में पता चला तो उसे सारा से ठीक तरह से बात करनी चाहिए थी। लेकिन उसने बात करने के बजाय सारा पर नजर रखी और उसकी उसके प्रेमी के साथ हत्या कर दी।
सारा को मारने से पहले उसे अपने बच्चे और परिवार के बारे में सोचना चाहिए था। किसी को मार देना समस्या का हल नहीं होता। अगर ऐसे ही बेवफा लोगों को मारा जाने लगा तो आधी आबादी खतम हो जाएगी।
अगर ऐसे ही बेवफा लोगों को मारा जाने लगा तो आधी आबादी खतम हो जाएगी।![]()