भाई का वर्ताव ऐसा ही है ये भाभी ने कहा और ये सब कुछ समय पहले से हुआ है पिता जी के अनुसार भविष्यवाणी के कारण ऐसा होगा.. और वजह भी क्या होगी कौन जाने अब सिवाए शुभम जी के.... भाभी से बायदा तो करवा लिया वो अब खुश रहा करें पर ऐसा कहना तो आसान हुआ भाभी के लिए पर करना आसान नही होता... मन मे अगर किसी बात को लेकर समस्या होती है तो तब तक शुकुन नही मिलता जब तक वह समस्या खत्म न हो जाये...
Sahi kaha swati madam, jis par guzarti hai wahi uski peeda ko jaanta hai. Bade bhai ke aise bartaav ka pata jald hi chalega,,,,
हवेली से निकल कर चेतन से मुलाकात... शायद चेतन सुनील मित्र रहे हों वैभव के और उसके सहयोगी भी रहें हैं सब क्रिया कर्म में जो वह करता था हवेली से निकालने के पहले... पर अब जबकि उसका बर्ताब पहले जैसा नही रहा उसका स्वभाव बदल गया तो ऐसे समय मे उनकी जरूरत क्यों पड़ी है वैभव को ये जानने की उत्सुकता बनी रहेगी ....
Sahi kaha, chetan aur sunil vaibhav ke purane dost hain. Ye dono vaibhav se milne bhi gaye the ek baar, aapko yaad hoga jab vaibhav ne inhe gusse me bhala bura kah kar bhaga diya tha,,,,
समस्याएं हैं जो कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रहीं... अब चाहिए वैभव की समस्याओं को थोड़ा थोड़ा करके कम किया जाए यही गुज़ारिश है राइटर साहेब से... परत दर परत समस्याओं का हल अब निकालो क्योंकि अभी तक एक समस्या सॉल्व न हुई है...
Vaibhav ki problems ko ek do update ke baad se khatam karna shuru karuga,,,,
कुसुम से बातें पता करना तो चाहा पर जैसे ही वह कुछ बताने के लिए तैयार हुई विभोर ने आकर सब खेल खत्म करदिया... शायद वो कुसुम के पीछे आकर ही बातों को सुन रहा हो... हो न हो वो कुसुम को डरा धमका कर बातों को ही बदलवा दे क्योंकि वैभव आसानी से उसकी बातों में आजयेगा आखिर बहन जो ठहरी उसकी....
Aisa to tabhi hoga jab ye baat sach ho ki wo inki baate sach me sun raha tha aur chaahe ki vaibhav ko kuch pata na chale. Khair dekhiye kya hota hai aage,,,,
सब खेल परिवार का ही है शुभम जी...
शीघ्र ही थोड़ी समस्याओं को कम कीजिये जी, कमसे उन समस्याओं को तो कर दीजिये जिनसे ज्यादा फर्क न पड़े कहानी में...
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ब्रिलियंट अपडेट
वेटिंग फ़ॉर नेक्स्ट...
Aapki salaah par jald hi amal hoga. Khair bahut bahut shukriya is behtareen sameeksha ke liye,,,,