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Incest ❦वो पल बेहद खूबसूरत होता है❦

Yogibaba00007

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dekh lo tharkee dadi kee saheli bhi unke jaisi hain... chhata ka istemal khoob karwaya hain in logo ne.... Ab yeh nayee budhiya ne toh shiva ke hathiyar pe hi sawal khare kar diye... ab dadi jee kya khud hi check karegi kee haathi ke daant khane ke aur ya dikhane ke aur....

wakai mein launda hamara sharmeela hain thora lekin eka e matbal toh na hain kee niche se tunnn hain... bakhat pare par bahut ghora dabayega... lekin yeh jo shandeh ke keeda utpann ho gaya hain uska nidan kaise hoga... ab pote se sidhe sawal toh na kar sahkti kee tu marad hain kee namard... launda kee gairat pe war hoga... khair new twist hain... ab yehan se kuchh interesting hone kee ummeed....
:applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :thankyou: :yes1:..thank you so much bro
 

Yogibaba00007

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अपडेट –१३








दो दिन तक नागेश्वरी न ठीक से सो पा रही थी और न ही ठीक से खा पा रही थी । बस पोते का चेहरा देख के यही सोचती रहती थी की काकी की बात झूठ निकले । और मेरा पोता फल फुल देने वाला वारिस निकले ।



नागेश्वरी को ठिक से खाना न खाते हुए देख के चेमेली एक दिन रात के सोने के समय नागेश्वरी की कमरे में आई । और पूछ ली तबियत तो ठीक हे ना ।

नागेश्वरी भी हास के जवाब दी ।" हा सब ठीक हे । मुझे क्या हो सकता है । कही अपने बेटे की तरह ये सोच के खुस तो नही हो रही है की अम्मा बीमार हो के जल्दी से मार जाए "


" क्या अम्मा । शुभ शुभ बोला करिए । दो तीन दिनों से देख रही हूं आप कुछ परेशान नजर आ रही हे । बताइए ना क्या समस्या आ गई है ।"

" अरे ऐसी कोई बात नही है। जाह जा के सो जाओ । मेरा बेटा बैचेन हो रहा होगा तेरे ऊपर चढ़ने के लिए " माहेश्वरी अपनी बहु की मजे लेने लगी

" धेत्त अम्मा । आप भी ना । बताइए ना क्या बात है ।" चमेली शर्मा गई

" अरे कुछ नही । बस ऐसे ही ।"

" अम्मा "

" तू सुने बिना नही जायेगी न ।"

" नह"

"बेटी बात जरा टेढ़ा हे । "


" क्या बात है अम्मा कोई बड़ी समस्या ही क्या " चमेली बात सुने बिना ही घबरा रही थी ।


" बात हमेरे शिवा के बारे में हे"

" क्या । कुछ हुआ हे क्या उसे "

" देखा तू पहले ही घबरा गई । इसलिए बता नही रहा था " नागेश्वरी बोली


" क्या हया हे । बताइए ना" चेमेली आतुर हो रही थी

नागेश्वरी उसे सारी बात बता देती है । और अब चमेली भी परेशान हो गई । अपने जिगर के टुकरे की ये बात जान के ।


" अम्मा जी अब क्या करे " चमेली परेशान हो कर बोली

" यही तो समझ नही आ रहा है की करे तो क्या करे "



कुछ पल दोनो चुप हो के एक दूसरे की मुंह ताकते रह गए । नागेश्वरी कुछ सोछ के बोली । " बहु शिवा के सारे कपड़े तो तू ही धोती हे "


" हां । पर क्यू अम्मा "

" जब तू उसके कच्छे या पैंट धोती हो तब क्या कच्छे और पैंट पे उस हिस्से पे गीलापन या कोई दाग धब्बा देखा हे " नागेश्वरी ऐसे नजरों से देखने जैसे चमेली हां बोलने वाली हो

" नही अम्मा " लेकिन चमेली के मुंह से ना निकली

" जरा याद कर के बता "

" नही अम्मा । मुझे ऐसा कुछ मिला होता तो मुझे जरूर याद रहती और एहसास होता की मेरा बेटा जवान हो गया"


" अरे जवान तो गया हे डरी मुचे भी आने लगे है लेकिन मर्द बन रहा हे की नही । यही समस्या है बेटी " नागेश्वरी परेशान हो गई ।



" अगर बात सोच निकली तो । मुझे तो बेहद दर लग रहा हे "

" अरे तू शिंटा मत कर में हूं ना । कुछ न कुछ उपाय जरूर होगा "

" बच्चों के बापू को बता दू । "

" अरे नही रघु शादी की काम के आप धाप ऐसे ही परेशानी हे । ऊपर से ये बता के उसे और परेशान करना सही नहीं होगा । हम दोनो मिल के कुछ उपाय ढूंढ लेंगे । "


" उसे डाक्टर के पास ले चले क्या "

" अरे गाधी ऐसे डाक्टर के पास नही ले जा सकते । पहले हम पता करना होगा । फिर कुछ वैसा निकला तो डाक्टर के पास ले जायेंगे । तू परेशान मत हो सब ठीक होगा में हूं ना । जा जा के सो जा "



चमेली अपने कमरे में सोने चली गई । और पूरी रात नागेश्वरी सोचती रही और फिर कुछ निर्नाय लिया ।
 

ABHISHEK TRIPATHI

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अपडेट–११





यहां रोहिनी परेशान हो के खुदसे बड़बड़ाए जा रही " पता नही इस लड़की ने अब क्या कर दिया हे । कितना भी समझाओ समझती नही । हे भगवान प्लीज मेरी बेटी को थोड़ा सतबुद्धि दे । अब तो उसके बाहर जाते ही दर लगा रहता हे की कोई मुसीबत खरी कर ना आई हो " और उसकी नजर दीवार पे टांगे बड़े से फोटो फ्रेम में पड़ी



जिसमे वो अपने बेटे को गोद के लिए हुए हे और बगल में शंकर सुप्रिया को गोद में लिए हुए हे । वो उस फोटो के पास चली जाती हे और फोटो पे अपने बेटे के मासूम चेहरे के ऊपर छुने लगती है । और उसके आंखों से धरा धर आसूं निकलने लगते हे । और सुबक सुबक के बोलती हे " मेरा बच्चा । अब रहा नही जाता बच जल्दी से आ के अपनी मां की छीने में लग जा "





कुछ देर बाद शंकर और सुप्रिया दोनो घर पोहोछ जाते हे लेकीन दोनो घर में घुसते ही सोक जाते हे । क्यो की रोहिनी हाथ में चढ़ी ले के बैठी थी । शंकर भी सुप्रिया से गुस्सा होने का नाटक चालू करता है । और बोला गुस्से से " चलो जाओ अंदर कमरे में । आज से तेरा स्कूल कॉलेज घूमना फिरना सब बंद । आज के बाद कमरे से एक कदम भी बाहर पेड़ मत रखना बरना "




शुप्रिय छोटा मुंह बना के कमरे की तरफ जाने लगता हे लें आज दोनो बाप बेटी बकरे की तरह हलाल होने वाला था । रोहिनी शुप्रियां के पिछे भागते हुए चढ़ी से मारने लगी ।" बोहोत हो गई तेरी बदमासी अब रोक लगाने ही होगा । आज बताती हूं तुझे में क्या चीज़ हूं "



शुप्रिया चिल्लाते हुए तेज भाग के चढ़ी चढ़ते हुए अपने कमरे में घुस के रोहिनी के मुंह पे दरवाजा बंद कर के किसी तरह जान बचा ली ।


रोहिनी दरवाजा पीट पीट के गुस्सा निकल रही थी । और जब उसे लगा कि अब शुप्रिया दरवाजा नही खोलेगी तो नीचे आए । उसका गुस्सा आज सातवे आसमान पर था । अचानक अपने पति शंकर के ऊपर चीज़ फेकने लगी " आप भी कुछ कम नहीं हे । आपकी ही हद से ज्यादा लाड प्यार की वजह हे महारानी बिगड़ गई हे । "


शंकर चिल्लाते हुए खुद को बचाते हुए बाहर भागने लगा " अरे मार गया री । आउच लग गई मां । बचाओ कोई " शंकर अपना भारी पेट हिलाते हुए किसी तरह जान बचा के भगा ।





रोहिनी एक दम काली माता की तरह लग रही थी जैसे उसके शरीर में आदि मां की शक्ति आ गई हे । चीजों तोड़ फोड़ करने लगी । और गुस्से हैंह हैंह कर के हाफने लगी ।



और पूरे हाल में घूमते हुए नौकरों को बोली ।" खबर दर अगर आज से किसी ने दोनो बाप बेटी को खाना दिया तो । उसके में हाथ काट दुंगी । बोहोत हो गया अब मुझसे झेला नही जाता । इस लड़की ने मकड़ी की तरह खा गईं हे मुझे । सुन बेटी अगर कमरे से बाहर निकला तो तेरी सच में जान ले लूंगी में"




शुप्रिया आज बेहद दर गई अपनी मां को इतने गुस्से में देख के । मन में कहने लगी " बेटा आज तो में गई । मदर इंडिया आज हिटलर बन गई । आज तो पापा को भी नही छोरा उनको भी पटका । पता नही पापा कहा भाग गए



और अपनी पापा को फोन लगाता है ।


" हेल्लो बेटा । क्या हुए "

"पापा आप कहा हो "

" मत पूछ बेटा । दोरते दोरते पाण्डे अंकल के यह आ गया "

" पापा लगता हे आज तो एटम बॉम में बड़ा धमाका कर दिया "

" हां बेटी । आज तो मुझे भी पड़ी । बेटा तू अपनाखायल रखना । जब तक एटम बॉम रख में नही मिटा जाता में नही आऊंगा "

" लेकिन पापा मेरा क्या होगा"

" बेटा जिंदगी मे पहली बार बोलता हूं अब में तेरी कोई मदद नहीं कर पाऊंगा । वरना पक्का मेरा गर्दन कटा जायेगा "

" पापा"

शंकर फोन काट चुका था । सुप्रिया सोचने लगी अब मेरा क्या होगा पापा तो जान बचा के निकल लिए।
Nice update
 

ABHISHEK TRIPATHI

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अपडेट –१२





ईधर सब शादी की तैयारी में लगे हुए थे । शिवांश तो कुछ ज्यादा ही फुर्ती दिखा के काम कर रहा था । वो हर सुबह रोज की काम निपटा के लकरिया काटता था ताकि शादी के भोज के लिए कोई कमी न हो ।


एक दिन नागेश्वरी पोरोसी के कीर्तन पे गई शाम को । वोहा उसने एक बुधिया मिली जो ७५(75) की उम्र थी । नागेश्वरी की उस बुढ़िया से पुरानी जान पहचान ही थी और रिश्ते में भी लगता था । नागेश्वरी उसे काकी बुलाती थी । दोनो बाकी औरतों के साथ कीर्तन गए रहे थे । लेकिन दोनो में बातों के सिलसिले से कीर्तन गाना ही भुल गए ।



" सुना है पोती का होने वाला पति शहर में मास्टर हे " बुधिया पूछ रही थी ।

" हा काकी । आप बताओ कैसे हो आपके पोते का तो दुसरा बच्चा हुए है । आप तो फिर से परदादी बन गई हो" नागेश्वरी बोली


"हा क्या करें । पोता कंडोमिया पहनना भुल गया था । इसलिए फिर से बन गई पर दादी " बुढ़िया बोहोत नॉटी थी

नागेश्वरी हसने लगी मुंह पे हाथ रख के


"मेरी छोर अपनी बता। तेरा पोता कैसा है "

" अरे मेरा पोता । एक दम बड़हिया है एक दम तंदुरुस्त हे । भैंसों का दूध पी के पहलवान बन गया हे " नागेश्वरी गर्व से जवाब देती हे।


"अरे दूर से तो पिटल लोटा भी अच्छा ही दिखता । लेकीन इसके अंदर पानी ही की नही ये तो नही दिखता है ना । और बदकिस्मती से कही छेद न निकल जाए "

" क्या मतलब है काकी आपका । में कुछ समझी नही" माहेश्वरी कुछ समझ नही पाई

" कोई दोनो से में इसी फिराक मे थी की इस बारे में तुझसे बाते करूं । लेकिन क्या करू अब उम्र हो गई हैं खटिए से उठ नही पता ना"


" में अभी भी नही समझी काकी । जरा खुल के बताइए ना" नागेश्वरी भ्रमित हो गई थी


" अरे तेरे पोते के बारे में बात कर रही हूं । दिखने मे तो घोड़े जैसा हो गया हे लेकिन अन्दर घोड़े जैसा ज्वाला ही भी के नही "

" मतलब" नागेश्वरी अब चिढ़ रही थी काकी की उलटी सीधी बातों मे

" तू भी एक नम्बर की गाढ़ी हे । पता है इस उम्र में लड़के क्या क्या गुल खिलाता है ।"

" अरे नही नही । मेरा पोता ऐसा नही है । वो तो बेहद भला है । बेहद नेक दिल का पोता हे मेरा "


" भला हे इसलिए तो बोल रही हूं । पता है तेरे पोते से कितनी चारी लड़किया लाइन मरती है । लेकिन तेरा पोता किसी को घास नही डालती । लड़कियों के नाम से ही चिढ़ जाता हे । मेरा छोटा वाला पोता सुधीर अब तक बजाने कितने कली को फूल बना चुका है । तेरे पोते का ही दोस्त है । सुना है तेरा पोता लड़की देखते ही भाग जाता है । ये भी बताते हे तेरे पोते के अंदर वो वाली बात नही है । लड़कियों को देख के उसे कुछ अनुभब ही नही होता हे ।"


" अरे नही ये आप कैसी बातें करते हे । मेरा पोता लड़कियों से दूर भागता है इसलिए की वो शुशील और संस्कारी लड़का हे उसे मैंने पाल पोच के बड़ा किया हे" नागेश्वरी गुस्सा हो गई


" लगता हे तेरे आखों पे पोते के मासूमियत ने पट्टी बंधी हे । देख नागेश्वरी लौंडा कितना भी शरीफ ज्यादा हो खाली लोटा काम नही चलता । अरे काल को अगर उसकी शादी हो गए और अगले ही दिन उसकी लुगाई भाग गई और तेरे पोता नामर्द हे बोल के धिंदोरा पिटेगी तब क्या होगा । सारी मान मर्यादा मिट्टी में मिल जायेगा । इसलिए समय रहते अपने पोते की ज़िंदगी बचा ले "




जिस तरह बुढ़िया बोल रही नागेश्वरी भी आखिर में दर गई । और ना चाहते हुए भी उसका मन विचलित हो गया ये सोच के अगर शिवा सच में नामर्द निकला तो । वो वोही दर के पसीने पसीने हो गए । और उसे एक पल भी रुका नही गया और किसी को बिना बताए
घर चली आई ।
Superb update
 

ABHISHEK TRIPATHI

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दो दिन तक नागेश्वरी न ठीक से सो पा रही थी और न ही ठीक से खा पा रही थी । बस पोते का चेहरा देख के यही सोचती रहती थी की काकी की बात झूठ निकले । और मेरा पोता फल फुल देने वाला वारिस निकले ।



नागेश्वरी को ठिक से खाना न खाते हुए देख के चेमेली एक दिन रात के सोने के समय नागेश्वरी की कमरे में आई । और पूछ ली तबियत तो ठीक हे ना ।

नागेश्वरी भी हास के जवाब दी ।" हा सब ठीक हे । मुझे क्या हो सकता है । कही अपने बेटे की तरह ये सोच के खुस तो नही हो रही है की अम्मा बीमार हो के जल्दी से मार जाए "


" क्या अम्मा । शुभ शुभ बोला करिए । दो तीन दिनों से देख रही हूं आप कुछ परेशान नजर आ रही हे । बताइए ना क्या समस्या आ गई है ।"

" अरे ऐसी कोई बात नही है। जाह जा के सो जाओ । मेरा बेटा बैचेन हो रहा होगा तेरे ऊपर चढ़ने के लिए " माहेश्वरी अपनी बहु की मजे लेने लगी

" धेत्त अम्मा । आप भी ना । बताइए ना क्या बात है ।" चमेली शर्मा गई

" अरे कुछ नही । बस ऐसे ही ।"

" अम्मा "

" तू सुने बिना नही जायेगी न ।"

" नह"

"बेटी बात जरा टेढ़ा हे । "


" क्या बात है अम्मा कोई बड़ी समस्या ही क्या " चमेली बात सुने बिना ही घबरा रही थी ।


" बात हमेरे शिवा के बारे में हे"

" क्या । कुछ हुआ हे क्या उसे "

" देखा तू पहले ही घबरा गई । इसलिए बता नही रहा था " नागेश्वरी बोली


" क्या हया हे । बताइए ना" चेमेली आतुर हो रही थी

नागेश्वरी उसे सारी बात बता देती है । और अब चमेली भी परेशान हो गई । अपने जिगर के टुकरे की ये बात जान के ।


" अम्मा जी अब क्या करे " चमेली परेशान हो कर बोली

" यही तो समझ नही आ रहा है की करे तो क्या करे "



कुछ पल दोनो चुप हो के एक दूसरे की मुंह ताकते रह गए । नागेश्वरी कुछ सोछ के बोली । " बहु शिवा के सारे कपड़े तो तू ही धोती हे "


" हां । पर क्यू अम्मा "

" जब तू उसके कच्छे या पैंट धोती हो तब क्या कच्छे और पैंट पे उस हिस्से पे गीलापन या कोई दाग धब्बा देखा हे " नागेश्वरी ऐसे नजरों से देखने जैसे चमेली हां बोलने वाली हो

" नही अम्मा " लेकिन चमेली के मुंह से ना निकली

" जरा याद कर के बता "

" नही अम्मा । मुझे ऐसा कुछ मिला होता तो मुझे जरूर याद रहती और एहसास होता की मेरा बेटा जवान हो गया"


" अरे जवान तो गया हे डरी मुचे भी आने लगे है लेकिन मर्द बन रहा हे की नही । यही समस्या है बेटी " नागेश्वरी परेशान हो गई ।



" अगर बात सोच निकली तो । मुझे तो बेहद दर लग रहा हे "

" अरे तू शिंटा मत कर में हूं ना । कुछ न कुछ उपाय जरूर होगा "

" बच्चों के बापू को बता दू । "

" अरे नही रघु शादी की काम के आप धाप ऐसे ही परेशानी हे । ऊपर से ये बता के उसे और परेशान करना सही नहीं होगा । हम दोनो मिल के कुछ उपाय ढूंढ लेंगे । "


" उसे डाक्टर के पास ले चले क्या "

" अरे गाधी ऐसे डाक्टर के पास नही ले जा सकते । पहले हम पता करना होगा । फिर कुछ वैसा निकला तो डाक्टर के पास ले जायेंगे । तू परेशान मत हो सब ठीक होगा में हूं ना । जा जा के सो जा "



चमेली अपने कमरे में सोने चली गई । और पूरी रात नागेश्वरी सोचती रही और फिर कुछ निर्नाय लिया ।
Nice update
 
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