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Incest ❦वो पल बेहद खूबसूरत होता है❦

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और रमणिय अपडेट है भाई
मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Yogibaba00007

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और रमणिय अपडेट है भाई
मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Shukriya dost.......abhi post kar deta hoon .......
 
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Yogibaba00007

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अपडेट –१२





ईधर सब शादी की तैयारी में लगे हुए थे । शिवांश तो कुछ ज्यादा ही फुर्ती दिखा के काम कर रहा था । वो हर सुबह रोज की काम निपटा के लकरिया काटता था ताकि शादी के भोज के लिए कोई कमी न हो ।


एक दिन नागेश्वरी पोरोसी के कीर्तन पे गई शाम को । वोहा उसने एक बुधिया मिली जो ७५(75) की उम्र थी । नागेश्वरी की उस बुढ़िया से पुरानी जान पहचान ही थी और रिश्ते में भी लगता था । नागेश्वरी उसे काकी बुलाती थी । दोनो बाकी औरतों के साथ कीर्तन गए रहे थे । लेकिन दोनो में बातों के सिलसिले से कीर्तन गाना ही भुल गए ।



" सुना है पोती का होने वाला पति शहर में मास्टर हे " बुधिया पूछ रही थी ।

" हा काकी । आप बताओ कैसे हो आपके पोते का तो दुसरा बच्चा हुए है । आप तो फिर से परदादी बन गई हो" नागेश्वरी बोली


"हा क्या करें । पोता कंडोमिया पहनना भुल गया था । इसलिए फिर से बन गई पर दादी " बुढ़िया बोहोत नॉटी थी

नागेश्वरी हसने लगी मुंह पे हाथ रख के


"मेरी छोर अपनी बता। तेरा पोता कैसा है "

" अरे मेरा पोता । एक दम बड़हिया है एक दम तंदुरुस्त हे । भैंसों का दूध पी के पहलवान बन गया हे " नागेश्वरी गर्व से जवाब देती हे।


"अरे दूर से तो पिटल लोटा भी अच्छा ही दिखता । लेकीन इसके अंदर पानी ही की नही ये तो नही दिखता है ना । और बदकिस्मती से कही छेद न निकल जाए "

" क्या मतलब है काकी आपका । में कुछ समझी नही" माहेश्वरी कुछ समझ नही पाई

" कोई दोनो से में इसी फिराक मे थी की इस बारे में तुझसे बाते करूं । लेकिन क्या करू अब उम्र हो गई हैं खटिए से उठ नही पता ना"


" में अभी भी नही समझी काकी । जरा खुल के बताइए ना" नागेश्वरी भ्रमित हो गई थी


" अरे तेरे पोते के बारे में बात कर रही हूं । दिखने मे तो घोड़े जैसा हो गया हे लेकिन अन्दर घोड़े जैसा ज्वाला ही भी के नही "

" मतलब" नागेश्वरी अब चिढ़ रही थी काकी की उलटी सीधी बातों मे

" तू भी एक नम्बर की गाढ़ी हे । पता है इस उम्र में लड़के क्या क्या गुल खिलाता है ।"

" अरे नही नही । मेरा पोता ऐसा नही है । वो तो बेहद भला है । बेहद नेक दिल का पोता हे मेरा "


" भला हे इसलिए तो बोल रही हूं । पता है तेरे पोते से कितनी चारी लड़किया लाइन मरती है । लेकिन तेरा पोता किसी को घास नही डालती । लड़कियों के नाम से ही चिढ़ जाता हे । मेरा छोटा वाला पोता सुधीर अब तक बजाने कितने कली को फूल बना चुका है । तेरे पोते का ही दोस्त है । सुना है तेरा पोता लड़की देखते ही भाग जाता है । ये भी बताते हे तेरे पोते के अंदर वो वाली बात नही है । लड़कियों को देख के उसे कुछ अनुभब ही नही होता हे ।"


" अरे नही ये आप कैसी बातें करते हे । मेरा पोता लड़कियों से दूर भागता है इसलिए की वो शुशील और संस्कारी लड़का हे उसे मैंने पाल पोच के बड़ा किया हे" नागेश्वरी गुस्सा हो गई


" लगता हे तेरे आखों पे पोते के मासूमियत ने पट्टी बंधी हे । देख नागेश्वरी लौंडा कितना भी शरीफ ज्यादा हो खाली लोटा काम नही चलता । अरे काल को अगर उसकी शादी हो गए और अगले ही दिन उसकी लुगाई भाग गई और तेरे पोता नामर्द हे बोल के धिंदोरा पिटेगी तब क्या होगा । सारी मान मर्यादा मिट्टी में मिल जायेगा । इसलिए समय रहते अपने पोते की ज़िंदगी बचा ले "




जिस तरह बुढ़िया बोल रही नागेश्वरी भी आखिर में दर गई । और ना चाहते हुए भी उसका मन विचलित हो गया ये सोच के अगर शिवा सच में नामर्द निकला तो । वो वोही दर के पसीने पसीने हो गए । और उसे एक पल भी रुका नही गया और किसी को बिना बताए
घर चली आई ।
 

Napster

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बहुत ही सुंदर और रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
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Yogibaba00007

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बहुत ही सुंदर और रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
शुक्रिया दोस्त
 
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aalu

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dekh lo tharkee dadi kee saheli bhi unke jaisi hain... chhata ka istemal khoob karwaya hain in logo ne.... Ab yeh nayee budhiya ne toh shiva ke hathiyar pe hi sawal khare kar diye... ab dadi jee kya khud hi check karegi kee haathi ke daant khane ke aur ya dikhane ke aur....

wakai mein launda hamara sharmeela hain thora lekin eka e matbal toh na hain kee niche se tunnn hain... bakhat pare par bahut ghora dabayega... lekin yeh jo shandeh ke keeda utpann ho gaya hain uska nidan kaise hoga... ab pote se sidhe sawal toh na kar sahkti kee tu marad hain kee namard... launda kee gairat pe war hoga... khair new twist hain... ab yehan se kuchh interesting hone kee ummeed....
 

Raj 88

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ईधर सब शादी की तैयारी में लगे हुए थे । शिवांश तो कुछ ज्यादा ही फुर्ती दिखा के काम कर रहा था । वो हर सुबह रोज की काम निपटा के लकरिया काटता था ताकि शादी के भोज के लिए कोई कमी न हो ।


एक दिन नागेश्वरी पोरोसी के कीर्तन पे गई शाम को । वोहा उसने एक बुधिया मिली जो ७५(75) की उम्र थी । नागेश्वरी की उस बुढ़िया से पुरानी जान पहचान ही थी और रिश्ते में भी लगता था । नागेश्वरी उसे काकी बुलाती थी । दोनो बाकी औरतों के साथ कीर्तन गए रहे थे । लेकिन दोनो में बातों के सिलसिले से कीर्तन गाना ही भुल गए ।



" सुना है पोती का होने वाला पति शहर में मास्टर हे " बुधिया पूछ रही थी ।

" हा काकी । आप बताओ कैसे हो आपके पोते का तो दुसरा बच्चा हुए है । आप तो फिर से परदादी बन गई हो" नागेश्वरी बोली


"हा क्या करें । पोता कंडोमिया पहनना भुल गया था । इसलिए फिर से बन गई पर दादी " बुढ़िया बोहोत नॉटी थी

नागेश्वरी हसने लगी मुंह पे हाथ रख के


"मेरी छोर अपनी बता। तेरा पोता कैसा है "

" अरे मेरा पोता । एक दम बड़हिया है एक दम तंदुरुस्त हे । भैंसों का दूध पी के पहलवान बन गया हे " नागेश्वरी गर्व से जवाब देती हे।


"अरे दूर से तो पिटल लोटा भी अच्छा ही दिखता । लेकीन इसके अंदर पानी ही की नही ये तो नही दिखता है ना । और बदकिस्मती से कही छेद न निकल जाए "

" क्या मतलब है काकी आपका । में कुछ समझी नही" माहेश्वरी कुछ समझ नही पाई

" कोई दोनो से में इसी फिराक मे थी की इस बारे में तुझसे बाते करूं । लेकिन क्या करू अब उम्र हो गई हैं खटिए से उठ नही पता ना"


" में अभी भी नही समझी काकी । जरा खुल के बताइए ना" नागेश्वरी भ्रमित हो गई थी


" अरे तेरे पोते के बारे में बात कर रही हूं । दिखने मे तो घोड़े जैसा हो गया हे लेकिन अन्दर घोड़े जैसा ज्वाला ही भी के नही "

" मतलब" नागेश्वरी अब चिढ़ रही थी काकी की उलटी सीधी बातों मे

" तू भी एक नम्बर की गाढ़ी हे । पता है इस उम्र में लड़के क्या क्या गुल खिलाता है ।"

" अरे नही नही । मेरा पोता ऐसा नही है । वो तो बेहद भला है । बेहद नेक दिल का पोता हे मेरा "


" भला हे इसलिए तो बोल रही हूं । पता है तेरे पोते से कितनी चारी लड़किया लाइन मरती है । लेकिन तेरा पोता किसी को घास नही डालती । लड़कियों के नाम से ही चिढ़ जाता हे । मेरा छोटा वाला पोता सुधीर अब तक बजाने कितने कली को फूल बना चुका है । तेरे पोते का ही दोस्त है । सुना है तेरा पोता लड़की देखते ही भाग जाता है । ये भी बताते हे तेरे पोते के अंदर वो वाली बात नही है । लड़कियों को देख के उसे कुछ अनुभब ही नही होता हे ।"


" अरे नही ये आप कैसी बातें करते हे । मेरा पोता लड़कियों से दूर भागता है इसलिए की वो शुशील और संस्कारी लड़का हे उसे मैंने पाल पोच के बड़ा किया हे" नागेश्वरी गुस्सा हो गई


" लगता हे तेरे आखों पे पोते के मासूमियत ने पट्टी बंधी हे । देख नागेश्वरी लौंडा कितना भी शरीफ ज्यादा हो खाली लोटा काम नही चलता । अरे काल को अगर उसकी शादी हो गए और अगले ही दिन उसकी लुगाई भाग गई और तेरे पोता नामर्द हे बोल के धिंदोरा पिटेगी तब क्या होगा । सारी मान मर्यादा मिट्टी में मिल जायेगा । इसलिए समय रहते अपने पोते की ज़िंदगी बचा ले "




जिस तरह बुढ़िया बोल रही नागेश्वरी भी आखिर में दर गई । और ना चाहते हुए भी उसका मन विचलित हो गया ये सोच के अगर शिवा सच में नामर्द निकला तो । वो वोही दर के पसीने पसीने हो गए । और उसे एक पल भी रुका नही गया और किसी को बिना बताए
घर चली आई ।
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