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अपडेट–७
तीन दिन हो गए शिवांश घर से नही निकला था उसे अभी भी लग रहा था की बोहोतो को वो बात पता चल गई होगी । दिन भर घर के चोखट पे घूमता रहता था और कभी टीवी देख लेता था । शाम जब अंधेरा हो जाता जब तहेलने निकलता था वैसे भी बाकी लड़कों की तरह किसी पीपल के पेड़ के नीचे या किसी पानवाले की दुकान में अड्डा नही मारता था । जब जरूरत हो तभी बाहर निकलता था ।
शोभा २० बर्ष की हो चुकी थी । दिखने में खूबसूरत थी गांव में गुणवान सरित्र की चर्चा ही थी तो आए इन किसी के द्वारा रिश्ते आते जाते रहते थे । लेकीन नागेश्वरी ने अभी तक किसी भी रिश्ते को ध्यान में नही ली । लेकीन नईगेश्वरी की तजुर्वे वाली परकी नजर में अब सोभा भी को जवानी कुछ ज्यादा ही चूबने लगा है । और इसलिए नागेश्वरी ने अपने बहु बेटे को आदेश दिया की जल्द से जल्द शोभा की किसी अच्छा लड़का देख के शादी कर दी जाय ।
जब शादी करने वाले दलाल के द्वारा खबर फैलाई तो अगले ही दिन शहर से रिश्ता आ गया । लड़का गॉर्वरमेंट प्राइमरी स्कूल में अध्यापक था । खानदानी था धनवान भी था और मेल खाते हुए बंश का था । इससे ज्यादा और नागेश्वरी को क्या चाहिए था वो खुशी से फूले नहीं समा पा रही थी ।
लेकिन शोभा इस बात से बेहद दुखी थी । वो खाना खाना चोर दी । सब समझा रहे थे लेकिन वो है को समझने को तैयार नही ।
तब नागेश्वरी ने आखरी बार अपने शिरंजीव पोते को समझने बेजा । शोभा खान पीना छोड़ के कमरे में बैठी थी । शिवांश उसके पास बैठ जाता है ।
शोभा नाराजगी दिखा के बोली " तू यहां क्यू आया हे । तू तो बेहद उछल रहा था मेरी शादी के नाम पे "
"ऐसी बात नही ही मेरी बहना । में तो तेरी खुशी के लिए नाच रहा था लेकीन मुझे क्या पता था की तुझे शादी से इतना नफरत है "
"तू जा यह से । " शोभा बेहद नाराज थी
"दी कसेकम मुझसे तो नाराज मत हो । मैने क्या किया है । प्लीज मुझसे गुस्सा मत हो ।"
"पहले ये बता तू येहा क्यू आया है ।
"में इसलिए यहां आया हूं की मेरी बहन भुखी क्यू ही । मुझे जानना ही "
"मेरी मर्जी । तू जा यह से "
"ठीक हे । जाता हूं लेकिन आज के बाद में तुमसे कभी बात नही करूंगा अगर मुझसे बात नही की तो " ये बोल के शिवांश उठ गया
शोभा उसका हाथ पकड़ के बिठा दिया और बोली ।" ऐसी घटिया एम्शनल ब्लैकमेल मत कर मेरे साथ बैठ कामिना "
शिवांश मंद ही मंद मुस्कुराया " अच्छा अब बोलो क्यू खाना नही खा रही हे । तुम्हारी वजह से बापू बेहद शिंतित हे और मां के ऊपर गुस्सा निकल रहा हे "
"मुझे अभी शादी नहीं करनी हैं ।"
"क्यों "
"क्यो का क्या मतलब बस नही करनी ही शादी "
" किसी से प्यार करते हो "
"तू मुझे ऐसी वैसी समझता है ।" शोभा चिढ़ गई
"अरे ऐसी बात नही है । देखो कैसी से प्यार करना थोरी गलत होता हे । अगर हे तो मुझे बता दो ना "शोभा की हाथ में हाथ थाम के प्यार से पूछा
"नही री किसी से कोई प्यार यार नही हे । लेकिन इतनी जल्दी शादी नही करना चाहती में । मुझे दर लगता हे किसी पराए के घर में रहना ।पता नही कैसे कैसे लोग होंगे "
"इसलिए कहता हूं सिरियल मत देखा करो । देखो दर बैठ गया न मन में " शिवांश मजाक कर के बोला
"हिहिही । हट पागल कुछ भी ।" शोभा की सूखे होंठों पे मुसकान आ गई
"देखो दादी , मां और बापू कुछ भला सोच के ही रिश्ता टाई किया है । लडके में कुछ तो हे इसलिए हमारी खरुश बुधिया ने पसंद किया है । वरना पहले कितने रिश्ते मुंह पे ठूकरा चुकी है । "
"लेकिन में अभी घर चोर के जाना नही चाहती "
"अच्छा ये बताओ दीदी लड़का पसंद है ।"
शोभा शर्मा गई । और मुस्कुराने लगी
"उम्हु दिल में गिटर बज रहे हे फिर भी बाहर सबको अपने नखरे से परेशान कर रखा हे । दीदी मुझे भी जीजू पसंद हे । हो सकता ही ऐसा जीजू सायेद बाद में ना मिले । और इतना क्यो टैंशन लेती हो । हम क्या तुझे हमेशा के लिए घर से बिदा कर देंगे क्या । जब मन करे आते जाते रहना । और मुझे तो जानते ही मुफ्तखोर हूं । में तो हर महीने तुम्हारे घर जाऊंगा और जीजू को फकीर बना के आ जाऊंगा ""
शोभा मुस्कुराने लगी ।
"दीदी में हूं ना। तुम डरो मत एक न एक दिन सबको शादी करना ही हे । एक बार सोच के देखो हां अगर लड़का पसंद नही ही तो बोल दो । में दादी से कह के शादी केंसेल करवा दूंगा "
" नही । पसंद है" शोभा शर्म से मुंह छुपा ली
शिवांश हिहीही कर के हस्ते हुए शोभा को और शर्मिंदा करने लगा ।