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Thriller 100 - Encounter !!!! Journey Of An Innocent Girl (Completed)

DARK WOLFKING

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चौथी घटना:- भाग 2









माखन चाचा अपने बेटे नीलेश की तारीफ में पुरा बुर्ज खलीफा बाना रहे थे और मेरा भतीजा नकुल, जिसके रिश्ते में नीलेश दूर का चाचा लग रहा था, उसे अपने नजदीक का जीजाजी बनाने की जैसे ठान लिया हो. माखन चाचा शुरू करते और नकुल पकड़ कर खींच देता..


बातों के दौरान नकुल ने मुझे एक बार देखा और अनदेखा करके फिर से बात करने लगा. मैंने आश्चर्य से अपनी आखें बड़ी करके उसे घुरनी लगी, लेकिन कुत्ता पलट कर देखा तक नहीं, भाव खा रहा था.. सोच रही थी चली ही जाऊं, फिर बाद में इसे बताऊंगी. इतने में ही भाभी (नकुल की मां) ने मुझे पकड़ लिया, और आने का कारन पूछने लगी.


मैंने भी गुस्से में कह दिया… "मंदिर के पास एक दोस्त से मिलने जाना था, लेकिन मुझे लगता नहीं कि नकुल सर के पास आज वक़्त नहीं… शायद चाचा के रिश्ता तय करने में व्यस्त है, इसलिए देखकर मुंह फेर लिया"..


नकुल:- खुद जब बिज़ी रहती हो दीदी तब कुछ नहीं, मुझे तो वैसे याद ना किया होगा, कोई काम परा है तभी आयी हो..


"हां ठीक है उससे मै अब पहले जैसी नहीं मिल रही थी, लेकिन मै तो कभी नहीं कहने गई की 5 महीने पहले जब सहर से लौटी थी, तब नीतू के चक्कर में कैसे इग्नोर किया था.. नहीं जाना अब इसके साथ".. उसकी बात सुनकर मेरा चेहरा उतर गया था और मै भाभी (नकुल की मां) से हाथ छुड़ाकर जबरदस्ती मुस्कुराती हुई कहने लगी… "शायद नाराज है मुझसे, मै बाद में आती हूं"…


बाकी सब दर्शक से हो गए उसके बाद, क्योंकि नकुल को दूर से ही समझ में आ गया कि मेरे अंदर की भावना क्या थी और मै अब वहां रुक नहीं सकती थी, क्योंकि मुझे रोना था. दूसरो का पता नहीं लेकिन जब कोई अपना मुझसे ऐसे बिहेव करे तो मुझे रोना आ जाता है…


नकुल की मां भी ये समझ गई इसलिए मुझे लेकर वो सीधा अपने बेडरूम में चली आयी. कुछ देर रोकर मै भी चुप हो गई और कुछ देर डांट खाकर नकुल के भी अक्ल ठिकाने आ गया… कुछ देर बाद नकुल तैयार होकर बाहर खड़ा था और हम दोनों लता के घर जाने के लिए निकल गए.


मै इसके साथ थी, तो इस आशिक़ को अपनी मसूका के दीदार करने का मौका भी मिल गया. मुझसे बिना पूछे ही सीधा गाड़ी ले जाकर नीतू के घर पर रोक दिया, और मेरे ओर देखने लगा. मुझे इतना तेज गुस्सा आया की एक हाथ उसके सर पर दे मारी.. "कुत्ता कहीं का".. और बस इतना कहकर मै नीचे उतर गई.


बेचारे की किस्मत, कॉलेज बंद होने के कारन नीतू से आमने-सामने की मुलाकात नहीं हो पा रही थी, और आज मेरे बहाने आया भी तो दीदार-ए-यार शायद किस्मत में लिखा नहीं था. नीतू अपने किसी दोस्त के साथ घंटे भर पहले वही छोटी सी बाजार में राशन का सारा सामान लेने गई थी. उसका उतरा चेहरा देखकर मुझे बहुत हंसी आयी. बड़ी मुश्किल से मै वहां पर हंसी दबा ली, लेकिन जैसे ही बोलेरो में बैठी, मै हंसती हुई लोटपोट हो गई…


नकुल हुंह करता हुआ गाड़ी चलाने लगा. मैं उसकी एक तस्वीर खींचकर दिखती… "देख ले खुद को, ये रहा तू. ठीक से तो मुछ भी नहीं आयी है रे नकुल, अभी चेहरे पर रोए ही हैं, क्यों उसके पीछे है. 3 साल में वो शादी कर लेगी, और जब तक तू शादी लायक होगा, उसके 4-5 साल के बच्चे हो जाएंगे."..


नकुल:- हुंह !


मै:- मत सुन मेरी. जनता है मै तेरी हर बात मान लेती हुं, लेकिन तू मेरी एक बात भी नहीं सुनता..


नकुल:- नहीं सुनता तो अभी साथ नहीं चलता…


मै:- इसे बात सुनना कहते है गधे.. इसे अपनी दीदी का काम करना कहते है… खैर छोड़, अभी लड़कपन है..


नकुल:- हां और तू दादी हो गई ना…


मै:- दादी नहीं भी हुई तो क्या हुआ, मुझ पर तो शासन तू भी करता है.. बाहर क्या कर रही हो, सबसे बात करने की जरूरत नहीं.. बोल शासन नहीं करता क्या?


नकुल:- वो तो बस तुम्हारी फ़िक्र रहती है..


मै:- तो मैंने कब बुरा माना.. मुझे भी तुम्हारी फिक्र होती है. लेकिन तुम लड़के हो ना.. वो मर्द वाली फीलिंग.. हटाओ यार इन लड़कियों को या घर की लेडीज को, दिमाग ही कितना होगा, जो बाहर का ज्ञान हो. यदि तुझे लेकर मै किसी लड़के घर जाऊं तो नकुल?


नकुल:- सॉरी, अब ऐसा नहीं करूंगा..


मै:- मज़ाक कर रही थी पागल, ऐसे मुंह क्यों लटकाए है…


मेरी बात पर वो कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया, शायद कुछ सोच रहा हो. कुछ ही देर में हम मंदिर के पास थे और लता मुझे लेने के लिए आ रही थी. पूरी सजी धजी और तैयार होकर आ रही थी. काफी प्यारी दिख रही थी..


वो जैसे ही मेरे पास पहुंची…. "एक छोटी सी समस्या है मेनका".. वहां केवल लड़कियां ही है, और तुम्हारा भतीजा वहां"..…


मै:- हद है लता, ये बात पहले बताना था ना…


लता:- फिर तो तुम मना कर देती..


मै:- अब भी माना ही कर रही हूं, मै इसे पागलों कि तरह बाहर छोड़कर तुम्हारे साथ जाऊं, ये हो ही नहीं सकता.. चल नकुल..


नकुल:- दीदी वो आपको इतने प्यार से इन्वाइट करने आयी है, तुम जाओ. यहां मै जबतक बांध किनारे वाले खेत देख आता हूं..


मै:- वो तू बाद में आकर देख लेना.. लता ऐसा नहीं होता है, वो मेरे साथ आया है, मै उसे बाहर खड़ा छोड़ ही नहीं सकती… ऐसा संभव ही नहीं..


नकुल:- दीदी चुपचाप जाओ… मै कह रहा हूं ना कोई बात नहीं है.. या फिर बहस करनी है..


मै:- लेकिन नकुल..


नकुल:- क्या दीदी, मै क्या विदेश में हूं, या किसी नई जगह पर. इस गांव में तो रोज ही आना होता है. अब जाओ भी, और ज्यादा सोचो मत…


मै:- हम्मम ! ठीक है मै तुम्हे फोन करती हूं..


मेरी सच में जाने की इक्छा नहीं हो रही थी. मै लता के साथ चल भी रही थी और 1-2 बार मुड़कर नकुल को देख भी रही थी.. "वो बच्चा नहीं है मेनका, क्यों परेशान हो रही है"…


मै:- तुम्हारे भैया के साथ मै ऐसा करती तो तुम्हे कैसा लगता..


लता:- इकलौती तुम ही हो जिसे बॉडीगार्ड के साथ आना पड़ता है वरना इस गांव से उस गांव तो मै अकेली आ जा सकती हूं, और मेरी तरह कई और लड़कियां भी, फिर इधर से हो या उधर से… एक बस तुझे ही डर लगता है कोई उठा ना ले.


मै:- मतलब यहां मेरा ही ब्रेन वाश किया जा रहा है..


लता:- ब्रेन वाश नहीं है ये मेनका.. सच्चाई है. इस पूरे इलाके में किसी मजनू की इतनी हिम्मत नहीं की जबरदस्ती छेड़ छाड़ कर ले. बाकी किसी कि मर्जी है तो वो तो उसके लिए रात के अंधेरे में भी निकल सकती है… कुवें की मेंढक क्यों बनी परी है…


मै:- गांव के बारे में मेरा ज्ञान बढ़ाने का शुक्रिया, लेकिन जब घर का कोई मेरे साथ होता है तो दिल को सुकून रहता है…


लता:- हां जानती हूं डरपोक कहीं की.. वरना अकेली चलेगी कम, और हर आवाज़ पर तेरा कलेजा ऊपर नीचे होता रहेगा, मेरे पीछे तो नहीं परा…


मै:- हा हा हा हा हा.. लवली जोक, चल अब.. वैसे सारी लड़कियां मिलकर करने क्या वाली हो..


लता:- अब तो चली ही आयी, खुद ही देख लो…


ओ तेरी, ये पड़ोस का गांव था या कोई टीन मॉडल शूटिंग, पता नहीं चल रहा था. नीचे किसी ने शॉर्ट स्कर्ट डाल रखे थे, तो कोई शॉर्ट्स में थी. ऊपर के लिए छोटे वस्त्र का जुगाड ना लगा तो केवल ब्रा में ही थी, वो भी शहर की स्टाइलिश कप वाली ब्रा थी, जिसमें स्तन बिल्कुल गोल और उसके ऊपर का खुला हिस्सा काफी आकर्षक दिखता था.


उन्हें देखकर ही मेरी आखें बड़ी हो गई… "ये कौन अबला लड़की हमारे बीच आ गई."… लता के गांव की दोस्त मधु थी. हमसे 1 साल सीनियर हमारे ही कॉलेज में. वो मेरे चेहरे के भाव को पढ़ती हुई पूछने लगी…


मै:- मै बिल्कुल भी अबला नहीं हूं मधु, बस यहां का माहौल काफी प्रेरणा वाला है उसी का जायजा अपनी फटी आखों से ले रही थी.


लता:- आखें तो इसके भतीजे की फटी रह जाती अगर वो यहां आ जाता…..


मधु:- वही नकुल ना, जो उस नीतू के चक्कर में है… अच्छा लड़का है, आ भी जाता तो शर्मता ही, बाकियों की तरह तो नहीं है..


भले ही झूठ हो, लेकिन आप जिसे चाहते है, कोई ऐसे कॉम्प्लीमेंट दे जिसमे एक लड़की खुद ब्रा में हो और सामने वाले के लिए ऐसा कह दे, फिर तो चेहरे पर मुस्कान और प्राउड वाली फीलिंग आनी लाजमी है. मै भी अंदर से प्राउड फील कर रही थी लेकिन फिर भी कहने कहीं….. "मै सामने हूं इसलिए उसकी तारीफ करके मुझे ही उल्लू बना लो"..


मधु:- तुम ज्यादा मेरे साथ रही नहीं ना मेनका इसलिए. जो सही है, मै सीधा मुंह पर कहती हूं, फिर मुझे किसी का डर भी नहीं होता. मै तो तुम्हारे भतीजे को जानती भी नहीं थी, लेकिन नीतू के साथ उसे देखी थी कॉलेज के पीछे स्टाफ क्वार्टर के ओर… नीतू उसके साथ ऐसे थी कि कोई दूसरा गांव का लड़का होता ना तो पुरा मज़ा लेकर आया होता… मगर वो कुछ देर रुका और चला गया, जबकि नीतू के शक्ल पर लिखा था वो पूरी तरह तैयार होकर आयी थी.. मैंने ये बात लता को बताई, तब उसी ने फिर तुम्हारे और नकुल के बारे में बताया था…


तभी एक और लता की सहेली रिंकी…. "तो तू क्या करने गई थी उस कोपचे में, ये तो बता दे…"


मधु:- तू अपने भतार के बारे में बताती है… जो मै बता दूं.. वैसे एक बॉयफ्रेंड मेरा भी है… कुता टाइप.. अकेली क्या थी, उसका हाथ सीधा मलाई पर..


रिंकी:- तू भी तो तैयार होकर मज़े ही लेने गई होगी, वो भी फिर तुझे पुरा मज़ा देकर मलाई की घोटाई करके फुला रहा है..


मधु:- कुछ भी मत बोल, अब लड़के के साथ अकेले में इतना तो सोचकर ही जाना होगा कि वो हाथ लगा सकता है.. लेकिन मज़ा लेने दू इतनी भी बेवकूफ नहीं… प्यार करती हूं इसलिए थोड़ी नादानी सह लेती हूं, और वो भी मुझे फोर्स नहीं करता.. बस 2 साल और, फिर हम शादी कर लेंगे…


गांव काफी तरक्की में था ये मुझे आज पता चल रहा था. मै बात को बदलती… "जन्म दिन की मुबारकबाद लता.. ये ले तेरा गिफ्ट"..


लता:- ये क्या पेन ड्राइव टाइप की चीज दे रही.. कहीं इसमें अंग्रेजी वाली वीडियो तो नहीं…


रिंकी… "अन्नःह्हहहहहहहहहहहहहहहहहहह, उफ्फफफफफफफफफफफफफ, आह्हहहहहहहहहहहहहहहहहहह.. कम ऑन फ़्क मी हर्डर..... आह्हहहहहहहहहहहहहहहहहहह…"..


उसके एक्सप्रेशन और मधु को पकड़ कर उसके एरोटिक एक्शन देखकर हम सब जोड़-जोड़ से हसने लगे. मधु भी कहां कम थी, वो भी उसके छोटे-छोटे दोनो स्तन को पूरी ताकत से जकड़ते… "आजा कूतिया आज तुझे मै जन्नत ही दिखाती हूं"..


बेचारी वो रिंकी बिल्कुल सिहर गई. मानो किसी ने उसके निप्पल उखाड़ने के इरादे से खींच ली हो. उसके आखों में पानी आ गया, और वो दौड़कर बाथरूम में घुस गई… "एक ही पकड़ में उंगली करने भाग गई"… मधु उसे पीछे से छेड़ती हुई कहने लगी..


लता:- पागल कहीं की तू बौरा जाती है. इतना तेज चिमटी काटने की क्या जरूरत थी, वो रोने लगी. तू ना कभी कभी ओवर कर देती है…


मधु:- मुझसे लिपटा चिपटी पहले वहीं करने आयी थी, मै नहीं गई थी…


लता:- हां तो कोई तुझसे मज़ाक करे तो तू ऐसे उसे रुला देगी, ऊपर से गलती मानने के बदले चढ़ रही है…


मधु:- सबको खाली मेरी ही गलती दिखती है.. वो तो दूध की धुली है ना.. जानती भी है कल मै झुककर काम कर रही थी, तो पीछे ऐसा चमाट मारी थी कि उसके 5 उंगलियों के छाप उखाड़ आएं थे..


लता:- दिखवाई किससे थी जो पता चला 5 उंगलियों के छाप थे.. पहले तो ये बता..


लता की बात सुनकर तो मधु भी हंस हंस कर पागल हो गई. खैर काफी फनी माहौल था यहां का. ये तीनों यानी कि रिंकी, मधु और लता जब फुरसत हुई तब तीनों ही मुझे घूरती… "ये किस तरह का पेन ड्राइव है, जिसमें अटैच करने वाला कुछ है ही नहीं"..


मुझे पता था लता के घर में कंप्यूटर लगा हुआ है इसलिए मै भी एक ब्लूटूथ माईक उठा लाई थी उसके लिए.. ऑनलाइन मुझे 400 रुपए 1 मिला था, उपयोगी समझकर मैंने भी 5 मंगवा लिए थे.. हां पर ब्लूटूथ की ज्यादा रेंज नहीं थी, केवल 20 मीटर का रेंज था.


जैसे ही मैंने लता को इसके बारे में बताया, वहां खड़ी तीनों की आखें बड़ी हो गई. लता अपने साथ मुझे एक कमरे में ले गई, वहां अपने पलंग के नीचे वो एक लंबा बैग निकली. अपने खिड़की के बराबर एक स्टैंड लगाई और उसके ऊपर टेलीस्कोप फिट कर दी…


मुझे लगा था गांव में इकलौती मै ही पागल हूं, जो किसी आस पड़ोस की बात सुनने के लिए ब्लूटूथ माईक खरीद ली. हां इरादे तो ऐसे ही थे, बस हिम्मत नहीं हुई कभी किसी की जासूसी करने की. जब आप इंटरनेट की दुनिया में होते है तो ऐसे छोटे बड़े पागलपन चलते रहते है.


मेरे पागलपन छोटे थे, लेकिन इसके पागलपन तो कुछ ज्यादा ही बड़े थे. ये तो दूसरे के घर में ताका झांकी का समान खरीद रखी थी, वो अलग बात है कि इसका पुरा फायदा तो ऊंचाई पर से देखने में होता, नीचे ग्राउंड फ्लोर से बस आकाश के तारे ही अच्छे से देखे जा सकते थे…


पूछने पर पता चला कि वो भी ऑनलाइन मग्वाई थी 3 महीने पहले. तभी मधु, मुझे टेलीस्कोप से, सामने एक दूर खड़ी सैकॉर्पायो के आस पास देखने कहीं.. हां वो स्कॉर्पियो खिड़की से भी दिख रही थी, लेकिन माचिस के डिब्बे जैसी बिल्कुल छोटी…
nice update ..
 

DARK WOLFKING

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menka aur bhabhi ne milke dobara apne pariwar ko ek karne ka socha hai dekhte hai kitni kamiyabi milti hai unko ..

sangeeta ka rishta tay hone jaa raha hai par usko shayad ladka pasand nahi hai ..

usko shayad koi aur pasand aa gaya hai aur sangeeta modern hai aur cigarrate bhi peeti hai 😁😁..
 

DARK WOLFKING

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lata ka birthday tha to sab ladkiya bra panty me kya enjoy kar rahi thi 😁😁..aur lata menka ka brain wash kar rahi thi aisa laga 🤔 ..
 
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DARK WOLFKING

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par ye neetu to chud gayi 🤣🤣. wo waha par kya karne gayi thi 🤔🤔.. aur seal todne ke 1 lakh mile ..par menka neetu ki chaal nahi pehechan paayi kya 🤔🤔..
par dono ladkiya paise ke liye chudai karne gayi thi kya ??

aur chaku ka darr dikhake poonam ko chod diya ..aur lagta hai aage bhi dono un ladko se ya collector se chudti rahengi ..
neetu ko maja aaya 😁😁par usko bura nahi laga ki 2 logo ne usko bhoga 🤔🤔..

aur nakul se pyar nahi karti sirf dosti hai to sahi hi hai par agar nakul ko pata chal gaya to usko bura nahi lagega 🤔🤔..
 

nain11ster

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:superb: :good: :perfect: awesome update hai nain bhai,
behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
ye nitu aur poonam ke saath kya ho gaya :o ,
bechari ko jana tha japan lekin pahunch gayi chin,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
Waiting for next update

Ab Japan jane ke badle chin jayenge to yahi hoga na ... Baki abhi to kahani shuru hui hai
 
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nain11ster

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मैं समझ रहा हूं भाई । ये कहानी है मेनका की । मेनका के मेमोरेबल सौ घटनाओं की । ये सब कुछ मेनका के प्वाइंट आफ भिव से लिखा जा रहा है ।
लेकिन स्टोरी के नजरिए से... अगर कोई किरदार गलत काम करेगा तो उसे हम गलत ही कहेंगे न । और यदि कोई बढ़िया काम करेगा तो उसे हम सराहेंगे । जैसे कि नकुल का किरदार अभी तक सराहने लायक ही था और भाभी जी को सभी लोग बुरा ही कहेंगे ।

कहानी बहुत ही सुन्दर है । एक अलग तरह की स्टोरी है ये । एक देहाती लड़की जो ज्वाइंट फैमिली में रहती है.... जिसके पांच घरों का परिवार है.... ऐसे पृष्ठभूमि की लड़की किस तरह अपनी जिंदगी को जी रही है... उसके जीवन में कौन कौन सी मेमोरेबल घटनाएं घट रही है.... उसके जीवन में कौन कौन आ रहा है और किस किस के साथ कैसा सम्बन्ध बन रहा है.....इसे अब तक आपने बहुत ही सुन्दर तरीके से दिखाया है ।

आप ने जैसा इस कहानी के बारे में सोच रखा है वो आप अपनी कहानी के माध्यम से बिल्कुल सही पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है ।
हमारा कमेन्टस जो भी होगा वो कहानी के किरदारों पर होगा । और वो तो हमारा हक बनता है । :D

Ji dhanywad sanju bhai... Kirdar ke bare me kahna aapka purn adhikar hain kahte rahen ... Maine bhi bus najariya matr rakha tha ki yahan kahani me kisi ke achanak bura ya achha hone par ye na lage ki kahani me kya ho raha hai... Isliye kuch baten clear kar raha tha...

Baki aapke adhikaron ka hanan bilkul nahi hoga.... Sawal hote rahne chahiye warna kabhi kabhi hum likhne me itne masruf ho jate hai ki aham ghatna ka jikr jo aage hona chahiye tha use bhul jate hai
 
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Reactions: SANJU ( V. R. )

nain11ster

Prime
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nice update ..
nice update ..

Thanks Leon bhai ..

menka aur bhabhi ne milke dobara apne pariwar ko ek karne ka socha hai dekhte hai kitni kamiyabi milti hai unko ..

sangeeta ka rishta tay hone jaa raha hai par usko shayad ladka pasand nahi hai ..

usko shayad koi aur pasand aa gaya hai aur sangeeta modern hai aur cigarrate bhi peeti hai 😁😁..

Haan to gaawn ki khani me koi open khyalat ki ladki nahi ho sakti kya :D

lata ka birthday tha to sab ladkiya bra panty me kya enjoy kar rahi thi 😁😁..aur lata menka ka brain wash kar rahi thi aisa laga 🤔 ..

:doh: bra aur painty me enjoy nahi kiya ja raha tha balki gaawn ki kishoriyan sahar ki ladkiyon ki tarah kuch modern outfit try kar rahi thi, jinhe pahan kar wo bahar to kya ghar me bhi kisi ke samne nahi ja sakti :declare:
 
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