Bjai sahab ye to knky inke bete aur betiya then yaha to khud na baap bhi itne hi maje lete h wo bhi bc karakeअपडेट 29
आपने अभी तक पढ़ा कि बिमलेश के जाते हिं जुली अपने मे बुदबदाती है आह भैया अपनी मलाई तो आपको इतना बार खिलाई आआआह आज आपकी मलाई चखने को मिलेगी आआआह भैया आपका इतना ज्यादा मलाई निकलती है एक हाथ से पेंटी को मुंह के पास रखते हुए थोड़ा रस जुली चाट लेती है आआह भैया क्या टेस्ट है आआआह और एक हाथ से अपनी बुर सहलाती हुई बोलती है आआआह भैया ये सारी रस आप जब मेरी बुर में डाल के गाभिन कर के अपना सपना पूरा करोगे भैया उस दिन का इंतजार रहेगा...
आगे...
बिमलेश करीब 6 बजे शाम में अपने घर पहुंचता है ..
गेट के अंदर जाते हीं
रेखा- अभी आ हिं रहे हो बिमलेश बेटा..
बिमलेश- हाँ माँ अभी आ हिं रहा हूँ
रेखा- कोई दिक्कत तो नहीं हुई न बेटा
बिमलेश- नहीं माँ कोई दिक्कत नहीं हुईं जुली दे दी थी नास्ता वगेरा...
रेखा- हाँ जुली बेटी बहुत समझदार है
रेखा के जस्ट बगल में खड़ी खुशी बस सरसरी निगाह से बिमलेश को देख रही थी और मन हिं मन सोच रही थी इनदोनो की बात पे की दिक्कत कैसे होगी जब भाई सगी बहन की मलाईदार सेवा करे
बिमलेश अपने कमरे में चला जाता है...
खुशी जल्द से जल्द बिमलेश से मिलना चाहती थी लेकिन अपनी सास के साथ कुछ काम मे हाथ बटा रही थी...
बिमलेश स्नान करने बाथरूम जाता है करने के बाद कपड़ा पहन हिं रहा था कि खुशी चाय लिए रूम में आती है
बिमलेश- खुशी को देखते हुए बहुत मुस्करा रही हो..
खुशी- आप जो आ गए हो ..
बिमलेश- बेड पे बैठ कर चाय की एक चुस्की लेता है
खुशी- धीरे से अपनी एक हाथ बिमलेश के लोढ़ा पे रख के दबाती है हुई बोलती है जुली की दी हुई मलाईदार स्वाद तो नहीं होगी न
बिमलेश- अपनी एक हाथ से खुशी की गांड दबाते हुए बोलता है मेरी मलाईदार तो तुम हो जानू आज जरा बच के रहना..
खुशी- लंड को जोर से मरोररती हुई बोलती है बचने की जरूरत मुझे नहीं है बच्चु बस जरा अच्छे से तैयार रहिएगा...
वैसे बाजार से सामान भी लानी है और आपको मम्मी बुला रही थी..
बिमलेश बाहर निकलता है अपने मम्मी के पास जाता है
रेखा- बेटा तुम्हारे पापा आज थोड़ा लेट से आएंगे और बोले हैं मटन बना के रखने के लिए
बिमलेश- ठीक है माँ वो मैं ले आता हूँ
रेखा- वो तो मैं राहुल को भेज रही थी लेकिन तुम आ गए हो तो तुम हिं चले जाओ..
बिमलेश- कोई नहीं ..हम्म मैं ला रहा हूँ
इतने में बिमलेश मार्केट के लिए निकल जाता है..
दूसरी तरफ राहुल और बबली दोनो पढ़ाई कर रहे थे दोनो के एग्जाम नजदीक आ गया था.....
राहुल - वाह बबली ये अच्छा स्कोर है ऐसे हीं स्कोर करोगी तो पीटी मे रिजल्ट पक्की है
बबली - लेकिन भाई तुम्हारी तरह मुझे स्कोर करनी है
राहुल - हाँ बिलकुल कर लोगी कुछ और मेहनत की जरुरत है खास कर मैथ्स मे
बबली - अच्छा ये सेट का डिसकशन कर लो भाई इतनी गलती कैसे हो गयी
राहुल - अभी मन ऊब गया है बबली रात मे करेंगे ना
बबली - हा हा हा हा यदि फ़ोन चलाते तो मन उबता भाई
राहुल - वो सब काम करने मे मन उबता नहीं है बल्कि मज़्ज़ा आता है
बबली - हा हा हा ह क्यों हर वक्त वैसी हीं साइट खुली रहती है क्या
राहुल - और नहीं तो क्या बस अकेले रहना चाहिए ना चाहते हुए भी खुल जाता है
बबली - ही ही ही ही ही इसलिए तो भाई इस रूम मे आ के पढ़ रही हूं साथ मे एग्जाम तक कण्ट्रोल कर लू किसी तरह
राहुल - हाँ कर लो लाइफ तो पूरी पड़ी हीं है
आता हूं मै कुछ देर मे
राहुल कमरे से निकलते हुए किचन की और बढ़ता है बिच मे राहुल को अपने मम्मी पापा के कमरे से रेखा माँ की आवाज़ सुनाई पडता है
रेखा - कोई एनर्जी ड्रिंक ले लीजियेगा..
फ़ोन................
रेखा - हा हा हा हा हा हा हा मै कमजोर थोड़ी हूं जो
फ़ोन...................................
रेखा - उसकी जरूरत क्यों पढ़ती है वो तो आपको पता है ना फिर
फ़ोन -..........................................
रेखा - बिमलेश बेटा आ गया है वही गया है मार्केट मटन के लिए बोल दी हूं
फ़ोन -....................................
रेखा - आपको तैयार रहने की जरुरत है मुझे नहीं ही ही ही...
फ़ोन.................................
रेखा - धत्त बहिनचोद
राहुल अपने मन मे ओह्ह पापा का कॉल है...दोनों अभी भी सच मे कितने रोमांटिक है.....ओह्ह मम्मी पापा को गाली भी दी वो भी वैसी
क्या सच मे सेक्स करना इतना हीं मस्त होता है मै कब करूँगा अपने लंड को दबाते हुए बच्चू अभी जगो नहीं रात मे जगना
किचन की और बढ़ा राहुल...
अंदर ख़ुशी भाभी बेसिन के पास हाथ धो रही थी
राहुल - क्या हुआ भाभी रो क्यों रही हो
ख़ुशी - वो प्याज़ काट रही थी
राहुल - अच्छा मै सोचा अब किचेन मे भी आपकी आंसू निकल जाती है
ख़ुशी - ऐसे और कहाँ आंसू निकल जाती है देवर जी
राहुल - बेड रूम मे तो भैया निकालते हीं होंगे ना हा हा हा हा
ख़ुशी - धत्त बेशर्म ऐसे आपके भैया वो दम नहीं जो मेरी आँशु निकल दे हा हा हा हा हा हा
राहुल - हा हा हा हा क्यों फिर मेरी प्यारी भाभी खुश नहीं रहती है क्या
ख़ुशी - नहीं जी मै बहुत खुश हूं
राहुल - फिर ये क्यों बोली भाभी की आपके भैया मे वो दम नहीं
ख़ुशी - लोल हो मै आँशु निकालने वाली बात पे बोली
राहुल - अच्छा मै समझ गया हा हा हा हा
ख़ुशी - वो तो समझदार हो हीं देवर जी
राहुल - इसी बात पे एक कड़क चाय हो जाय तो मज़्ज़ा आ जाय इस ठण्ड मे
ख़ुशी - मुश्कराते. हुए हाँ देवर जी इसके अलवा कोई ऑप्शन भी तो नहीं है ना अभी बनाती हूं
राहुल - वैसे आपकी ऑप्शन तो आज अवेलेबल है वैसे आज कुछ ज्यादा हीं मूड मे हो भाभी आज
ख़ुशी - हा हा हा हा हा हा हा हा
राहुल - फिर तो भाभी आज पलंग बहुत चरररररर. चररररररररर होने वाली है
ख़ुशी - हा हा हा हा लगता है देवर जी बस किये नहीं हो बांकी पता सब कुछ है
राहुल - क्या भाभी अब इतनी भी पता नहीं रहेगा क्या......
ख़ुशी - बात तो सही है इस मॉडर्न युग मे पता ना हो ये तो आश्रचर्य वाली बात होंगी
राहुल - वैसे भाभी एक बात मै पूछना चाह रहा हूं लेकिन पूछ नहीं पता
ख़ुशी - ओह्ह देवर जी निःसंकोच पूछिए
राहुल जस्ट ख़ुशी के बगल मे खड़ा था और दोनों की बात चल रही थी राहुल अपना चेहरा थोड़ा आगे करते हुए ख़ुशी के कान के पास ले जाता है ऐसे करने से राहुल रोमांचित हो उठा क्यों की ख़ुशी के बालो से मस्त खुशुबू आ रही थी
राहुल - भाभी आप मुझे चा...चा कब बना रहे हैँ
ख़ुशी - ये सुनते हीं एक पल के लिए पूरी शरीर मे झुरझुरी सी हो गयी लेकिन ख़ुशी खुद पे काबू रखते हुए बोलती है हसते हुए क्यों देवर जी अभी देरी क्या है जरा और मज़्ज़े कर लू
राहुल - हा हा हा हा हा हा सही बोले भाभी देरी क्या है मेरी सादी के बाद तो कम से कम 5 साल के बाद सोचूंगा होगा या नहीं वो पता नहीं लेकिन भाभी...
ख़ुशी - लेकिन क्या देवर जी
राहुल -वो इन 5 साल मे एक चीज पे खर्च भी बहुत आएगी
ख़ुशी - समझ तो रही थी जान बुझ के पूछती है किसपे खर्च आयेगी
राहुल - हा हा हा हा क्या भाभी आप भी ना समझती हो फिर भी
ख़ुशी - हा हा हा हा हा हा हा लेकिन उतना भी खर्च नहीं आती है
राहुल - नहीं भाभी आती है ना फलेबर वाली थोड़ी कॉस्टली होता है ना
ख़ुशी - वाह क्या बात है देवर जी सादी से पहले हीं प्लानिंग
राहुल - और नहीं तो क्या भाभी और कितनी राउंड लग जाय एक दिन मे हर बार नया तो लगेगा ना
ख़ुशी - सच्ची मे देवर जी देवरानी बहुत खुश रहेगी और मज़ाक मे बोलती है ये खर्च उठाने के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा काम कर लीजियेगा
राहुल - ये खर्च मे कमी नहीं होंगी मुझे
हसते हुए..ओवरटाइम हीं काम क्यों ना करना पढ़े.
ख़ुशी - देवर जी जब ओवरटाइम काम हीं करोगे तो देवरानी को ओवरडोज़ कैसे
राहुल - हा हा हा भाभी वाह....
ख़ुशी - लेकिन लग रहा है जल्द हीं देवरानी लाने की जरुरत है
राहुल - इतनी भी जल्दी नहीं है लेकिन जब भी आएगी वो बिलकुल आपकी तरह होनी चाहिए एकदम क्यूट सी प्यारी सी नटखट...
ख़ुशी - धत्त उतनी भी अच्छी नहीं हूं देवर जी
राहुल - आपको क्या पता भाभी आप क्या चीज हो
राहुल चाय की चुस्की ले रहा था और और ख़ुशी रात की खाना बनाने की तैयारी मे लगी थी
ख़ुशी - आजकल कुछ ज्यादा हीं पढ़ाई चल रही है ननद रानी और आपकी
राहुल- हाँ भाभी एग्जाम नजदीक आ गयी है ना
ख़ुशी मज़्ज़ा लेते हुए राहुल को छेड़ते हुए बोलती है
ख़ुशी - राहुल के कान के पास धीरे से वो तो समझ गयी एग्जाम है लेकिन ये गेट लॉक कर के कहीं ननद पे चढ़ के पढ़ाई तो नहीं हो रही है हा हा हा हा हा
राहुल - क्या भाभी आप भी ना टांग खींचती हो
ख़ुशी - मै सोची 2 जोड़ी घर मे हैँ हीं तीसरी भी कहीं सेट ना हो जाय हा हा हा हा हा
राहुल - हाँ करवा दीजिये ना भाभी धीरे से कान के पास बोलता है बहुत हीं अच्छी लगती है वो
ख़ुशी - ना बाबा मेरी बस की बात नहीं उसको पाने के लिए नौकरी चाहिए नौकरी
राहुल - हा हा हा हा फिर इंतज़ार हीं सही
इसी तरह हंसी मज़ाक कुछ देर और चलता है और राहुल किचन से निकल जाता है
कुछ हीं देर बाद बिमलेश मार्केट से सामान ले के आ जाता है और किचन की और जाता है
ख़ुशी, बिमलेश को देख के मुस्कराती है
बिमलेश - इशारे से पूछता है ये आज इतना मुस्करा क्यों रही हो..
ख़ुशी - बस यू हीं और फिर मुश्कारा देती है
बिमलेश ख़ुशी के पास जाकर एक हाथ ख़ुशी के कूल्हे को सहलाता हुआ प्यार से पूछता है बोलो ना क्या हुआ
ख़ुशी - मुझे समझ नहीं आ रही है जब से आप बताये हो
बिमलेश - अच्छा ये बात है
ख़ुशी - जी, हाँ इसलिए ना आप मेरे से बता नहीं रहे थे
बिमलेश - सही टाइम का इन्तजार कर रहा था
अपनी गांड पीछे की और दबा देती है जिससे बिमलेश के लोड़ा पे दबाब बनता है
बिमलेश अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा के ख़ुशी की बूब्स को दबाते हुए बोलता है बहुत मूड मे हो
ख़ुशी - और नहीं तो क्या घर से बाहर रहते हो और सेक्सी सेक्सी चैट. करते हो जी और गर्मी बढ़ जाती है
बिमलेश - ख़ुशी को बूब्स को थोड़ा जोर से दबाते हुए आज सारी गर्मी ठंढा कर दूंगा जान
खुशी - आआआह छोड़ो ना मम्मी आ जाएगी गेट खुली हुई हीं है
बिमलेश - तो क्या हुआ देखेगी तो खुद बाहर चली जाएगी
ख़ुशी - मतलब आपको कोई लाज शर्म नहीं...
बिमलेश - जब इतनी ग़दराई. बीबी हो तो कैसी लाज शर्म पापा भी अपनी ऐज. मे तो करते होंगे ना
ख़ुशी - ही ही ही ही क्यों अभी इस ऐज मे काम नहीं करती होंगी क्या
बिमलेश - मुझे क्या पता
ख़ुशी - आपको थोड़ी ना कुछ पता होगा मेरे से ज्यादा जल्दी तो सासु माँ को बैडरूम मे जाने की जल्दी रहती है
बिमलेश - धत्त बेसरम यही सब देखती हो क्या
ख़ुशी - देखती नहीं हूं जी सुनती हूं आपकी प्रोग्राम खत्म हो जाती है और वहाँ चलती हीं रहती है
बिमलेश - तुम्हें कैसे पता
ख़ुशी -मै बाथरूम के लिए जाती हूं तो साउंड आती है
बिमलेश - कमरे से बाहर तक और सब दिन
ख़ुशी - सब दिन तो नहीं लेकिन बहुत बार
बिमलेश - अच्छा छोड़ो वो कुछ चखना तैयार करो ना मै ऊपर जुली के कमरे मे हूं
ख़ुशी - ठीक है आती हूं कुछ देर मे
करीब 40 मिनट बाद...
ख़ुशी एक कटोरे मे मटन लेती है और ऊपर जुली के कमरे मे जाती है जहाँ बेड पे चखना का इंतज़ार बिमलेश कर रहा था
ख़ुशी को देखते हीं बिमलेश बेड से उठता है और बोलता है इतना देर कर दी
ख़ुशी - बनती भी तब ना
बिमलेश बियर की कैन खोलता है पिने लगता है ख़ुशी वही बेड पे बैठ जाती है
बिमलेश - ख़ुशी डार्लिंग थोड़ी सी लो ना
ख़ुशी - नहीं जी मेरे बस की बात नहीं ये सब
बिमलेश - ले लो ना डार्लिंग फिर बेड पे आतंक मचेगा
ख़ुशी - कभी एक घुट भी नहीं ली हूं
बिमलेश - ख़ुशी को अपनी गोदी मे लेते हुए बियर की कैन ख़ुशी की मुंह मे देता है
ख़ुशी ना चाहते हुए भी एक घुट ले लेती है जिसे निगलने मे बहुत हीं कडवी लगी किसी तरह निगल गयी
बिमलेश - वाह क्या बात है एक बार और लो ना
ख़ुशी - नहीं नहीं अब नहीं
बिमलेश - फिर आज फूल मूड मे हो ना..
ख़ुशी - बड़ी सेक्सी अंदाज़ मे बोलती है बार बार आप बोल रहे हैँ मूड मे. हो ना कभी मेरे से जीत पाते हैँ आप
बिमलेश - जब चिख निकलवा देता हूं तब
ख़ुशी- वो चीख नहीं वो मस्ती और मज़्ज़े के चीख है लोल
बिमलेश - आज यही बेड पे चीखे निकलवाऊंगा
ख़ुशी - मेरी या मेरी ननद की ही ही ही ही ही
बिमलेश - जो समझो मेरी जान
ख़ुशी - फिर तो आपको बहुत जरुरत है
बिमलेश - किसकी
ख़ुशी - अभी आई
और जल्दी से ख़ुशी निचे आती है और अपने रूम मे *********** लेती है और ऊपर आती है
बिमलेश - किसकी जरुरत
ख़ुशी बड़ी हीं सेक्सी अंदाज़ मे अपनी ब्रा से विग्रा निकल के देती है और बोलती है-मुझे पता है आप किस मूड मे हो आप आज
लीजिये
" इसको खाने के बाद तब ना रगड़ के चोदियेगा जानू
बिमलेश - तुम ना बहुत समझदार हो गयी हो (हाथ से विग्रा की टेबलेट लेते हुए )
ख़ुशी - इसमें समझदार की क्या बात है बहन की रूम मे बीबी को चोदियेगा तो जरूरत है हीं इसकी
बिमलेश - टेबलट निगलते हुए, फिर जरा बच के रहना रे बाबा
ख़ुशी - बिमलेश के कान के पास -"मेरी बुर मे तो अभी से हीं गुदगुदी हो रही है "
ये बोल ले निचे चली जाती है किचेन मे बांकी बचे. हुए काम करने के लिए
उधर दूसरी तरफ शंकर आ गया था अपने कमरे मे फ्रेश हो के
रेखा टीवी देख रही थी... शंकर के आते हीं रूम मे चली जाती है...
रेखा - मुश्कारते हुए क्या जी
शंकर - क्या
रेखा - किसी को देख लिए क्या जो इस कदर मूड मे हो वही से फरमाइश
शंकर - क्या कहु ( पेंट के ऊपर से हीं अपना लोड़ा दबाते हुए ये साला का क्या करू )
रेखा - हा हा हा हा हा हा हा हा ऑफिस वाली हीं जो नई लड़की ज्वाइन की है वही ऐसा की क्या
शंकर - हाँ, लेकिन
रेखा - लेकिन क्या
शंकर - उसमे मुझे किसी की छवि. दिखाई पड़ता. है
रेखा - अच्छा वो छवि किसकी
शंकर - ये मत पूछो..
रेखा - वो क्यों जी आज तक हमदोनो मे छुपा क्या है जो मै की वो आप जानते हो और जो आप किये हो वो मै जानती हूं
शंकर - हाँ वो बात तो है कुछ नहीं छुपा है.......
रेखा - कोई बात नहीं जब आपको लगे तब बोलियेगा
ऐसे चाय पीजियेगा
शंकर - नहीं बहुत लेट हो गयी है अब डायरेक्ट खाना हीं लेकिन चाय के बदले कुछ और हीं पीला दो
रेखा - वो क्या?
शंकर - जान की रस
रेखा - शर्माते हुए आप भी ना अब उस ऐज के नहीं रहे जो कभी भी कहीं भी स्टार्ट हो जाऊ पता नहीं और क्या क्या रह गए हैँ करने को हा हा हा हा
शंकर - हा हा हा बहुत कुछ है और अपनी अपनी लोड़ा की और इशारा करते हुए कहा ये अभी बहुत जवान है
रेखा - हाहाहाहाहा
रेखा गेट की तरफ देखि कोई नहीं आ रहा था गेट को थोड़ा सटाते हुए अपनी नाभि के पास से हाथ डाल कर पेंटी फैलाते हुए अंदर बुर मे 2 फिंगर डाल के आगे पीछे की और फिंगर शंकर की और बढाई.
शंकर - एक हाथ से रेखा की कलाई पकड़ता है और अपना मुंह खोल के रेखा के दोनों ऊँगली अपना मुंह मे ले के चूस लेता है
आआआआह आज भी वही स्वाद है
रेखा - मुझे भी एक किस्सू नहीं मिलेगी जनाब
शंकर - हाँ क्यों नहीं
रेखा - शंकर के लोडे. के टोपा पे एक किश करती है
ये सब जल्दवाजी मे हो रहा था...गेट खुला रहने के कारण
शंकर - कोई आ रहा है क्या देखो तो
रेखा - गेट के पास जाते हुए नहीं
शंकर - पास आओ ना
रेखा - नहीं अभी नहीं बहु आ सकती है कभी भी... रात मे जी भर कर चोद लीजियेगा...
शंकर - आआह यही अदा जान लेवा है तुम्हारी
9:30 डिनर टेबल
का खाना लग गया था...
टेबल पे शंकर, बिमलेश, राहुल और बबली एक साथ खाना खा. रही थी
शंकर - वाह बहु क्या टेस्ट है मज़ा आ गया...
बबली - सच मे मज़्ज़ा आ गया भाभी बहुत हीं स्वादिस्ट बना है मटन..
राहुल - आखिर भाभी किसकी है... सबसे पहले भाभी को पसंद मैंने हीं किया था जब पहली बार देखने गए थे
बबली - अच्छा बच्चू हमलोग रिजेक्ट कर दि थी क्या
राहुल - नहीं....लेकिन अपनी सोचो क्या होगा होगा...
बबली - जो होगा देखा जायेगा....
राहुल - फिर तुम देखती हीं रहना हा हा हा हा हा
बबली - राहुल के इस बात से थोड़ी नाराज़ हो जाती है....
इसी तरह खाना हो गया...
ख़ुशी को बहुत हीं जल्दी थी आज बैडरूम मे जाने कि वही दूसरी तरफ रेखा भी उत्सुक थी आज उसपे कहर बरसने. वाली है दोनों किचन का काम जल्दी जल्दी कर रही थी...
राहुल, बबली के रूम मे जाता है बबली मोबाइल चला रही थी राहुल को देखते हीं बबली अपनी स्क्रीन ऑफ कर देती है..
राहुल - डिसकशन नहीं करनी है क्या
बबली -- कोई रिप्लाई नहीं...
राहुल - क्या हुआ बोलो तो सही...
बबली - कोई रिप्लाई नहीं
राहुल - कोई नहीं मै चलता हूं पता नहीं किस बात से गुस्सा हो
और हसते हुए बोलता है चलाने का मन है मोबाइल तो बहाना हज़ार....
बबली - मन हीं मन इस बात से मुस्करा रही थी और खुश थी कि राहुल चला गया था अपने कमरे मे उठ के गेट लॉक कर ली
दूसरी तरफ राहुल भी आज कि रात कि पढ़ाई को इग्नोर करते हुए बेड पे लेट जाता है और अपनी मोबाइल पे पोर्न साइट ओपन कर लेता है...
पोर्न साइट खुलते हीं राहुल के मन मे ढेर सारी बात आने लगा...अपने घर के बारे मे
एक तो भैया दो दिन बाद आते हैँ भाभी कि जम के मज़्ज़ा लेंगे ( उस दिन कि लाइव सेक्स और सेक्स चैट मन मे आते हीं राहुल का लोड़ा फनफना जाता है )
वही दूसरी ख़्याला ये आया कि शाम मे जब मम्मी पापा से बात कर रही थी कितनी सेक्सी बात कर रही थी आआआह पापा और भैया अपना मटन कि गर्मी तो माँ और भाभी पे निकाल देंगे. आआआआआह आअज जब देखने मे इतना मज़्ज़ा आता है चोदने कितना मज़्ज़ा आता होगा आआह और ज़ब इतनी मस्त माल हो.....ना चाहते हुए भी राहुल बाथरूम जाता है और वहाँ से ख़ुशी भाभी कि पेंटी को लेते आता है
.....वो सेक्स चैट वाली स्क्रीन शार्ट निकाल के ख़ुशी भाभी कि बुर देखने लगता है और इमेजिन करने लगता है....
भाभी कि बुर देख देख के लंड को हिला रहा था....
शंकर अपने रूम मे ब्लेंकेट के अंदर एक हाथ से अपनी लोड़ा को सहलाते हुए सोच रहा था आह बहुत कुछ उसके जैसा हीं हैँ कितना मज़्ज़ा आएगा जब ये लोड़ा उसकी गांड और बुर का रगर के कुटाई करेगा आआह इतने मे हीं शंकर के मोबाइल बजता है....
शंकर - कैसी हो ****
फ़ोन - **************.......
शंकर - अच्छा और बताओ जी क्या चल रहा है नया कुछ क्या है
फ़ोन - **************************
इतने मे हीं रेखा कमरे मे आती है...आने के साथ गेट लॉक करती है सामने शंकर को फ़ोन पे बात करती हुई देखती है
रेखा - इशारे से पूछती है कौन है
शंकर - धीरे से बोलता है ******
रेखा - मुश्कारा देती है और अपना साड़ी खोलने लगती है
फ़ोन -***********************************
शंकर - हा हा हा हा हा रेखा साडी खोल रही है
फ़ोन - ******************
शंकर - आज साडी गर्मी निकालनी है डार्लिंग कि बुर और गांड मे बहुत गर्मी है साली कि
शंकर फ़ोन लाउडस्पीकर मे कर देता है..
फ़ोन -*********************
रेखा - इसे संभालना अच्छी तरह आता है जी
फ़ोन - ********************
इसी तरह फोन पे बाते भी हो रही थी साथ मे रेखा, शंकर के लोड़ा को अपने मुंह मे लेकर चूस रही थी
फ़ोन अब वीडियो कॉल पे आ चुकी थी...
शंकर - फ़ोन पे इसे इस तरह मत चिढ़ाओ मेरे लंड को दांत से काट रही है
फ़ोन - *********************
अब शंकर से बर्दास्त नहीं हो रहा था....
फ़ोन -******************
शंकर - अभी करता हूं रेखा के साथ वैसा हीं करता हूं
रेखा - हाँ हाँ करो मेरी भी बारी आएगी
शंकर, रेखा को डॉगी पोज मे कर देता है और अपना मोटा लंड रेखा कि बुर मे पेल देता है और पीछे से रेखा के बाल को खींचते हुए जोर जोर का धक्का लगाता है
रेखा - आआआह आआआआआह आआआह बहिनचोद आआआह लंड मे दम नहीं है जो ठीक से चोद सको आआआह बाल क्यों खींच रहे हैँ
फ़ोन पे वीडियो कॉल मे सामने वाला देख के बहुत हीं ख़ुश होता है है
रेखा को भी चुदवाने मे बहुत मज़्ज़ा आ रही थी
शंकर - ओह्ह्ह्ह आआह बहुत आग है ना तुम्हारी बुर मे जान लो और जोर से लो और शंकर अपनी धक्का कि स्पीड बढ़ा देता है...
पूरा कमरा फच फच कि आवाज़ से गूंज रहा था....करीब 10 मिनट कि ताबरतोड़ चुदाई के बाद रेखा पोज़ बदल लेता है अब
शंकर अब निचे लेट जाता है और रेखा लंड को अपनी बुर मे सेट कर के लंड पे कूदने लगती है
रेखा अपनी दोनों हाथ आगे बढ़ाते हुए शंकर के छोटी निप्पल को जोर. से अपनी नाख़ून दबाती है शंकर के मुंह से चीख निकलता है
रेखा - अब मज़्ज़ा आ रहा है ना
शंकर - आआआआह जान ले ली....आआह
एक तो रेखा फूल मूड मे थी पूरी ताकत से अपनी गांड पटक रही थी साथ हीं निप्पल पे हमला
रेखा फ़ोन कि और देखती हुई बोलती है अब किसकी कुटाई हो रही है.....
शंकर - आह रेखा दिन व दिन तुम्हारी ताकत और गर्मी बढ़ती हीं जाती है आआआआह जान ले लोगी थोड़ा धीरे धक्का लगाओ ना.....
अब रेखा लंड पर से उठ जाती है सीधे शंकर के मुंह पे अपनी बुर घिसने लगती है शंकर कुछ बोल भी नहीं पता है
शंकर कि ऐसी हाल हो गयी थी जैसे ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा हो
रेखा अपना वजन थोड़ा ऊपर करती है तब जाके शंकर को थोड़ी राहत महसूस होता है...
शंकर अपनी जीव से रेखा कि बुर कूदरने लगता है
रेखा अब घूम जाती है 69 के पोज़ मे आ जाती है अपनी बुर रस से चमकता हुआ लोड़ा को अपनी मुंह मे ले के आगे पीछे करने लगता है...
शंकर अपने दोनों हाथ से रेखा कि कमर को हल्का तौलते हुए बोलता है जान आज तुम्हें नहीं मुझे एनर्जी ड्रिंक कि जरुरत पड रही है....
रेखा अपनी मुंह से लोड़ा निकालते हुए बोलती है आआह राजा मेरी बुर से एनर्जी ड्रिंक हीं निकलेगी आआह पी लो आआह ये बोलते हीं रेखा कि शरीर मे एक तेज झुरझुरी हुई और झरने लगी शंकर बुर से निकलती हुई रस को पिने लगा इसके साथ शंकर भी झरने लगा जिसे रेखा पी ली......
शंकर और रेखा एकदूसरे को देख के मुश्कारा रहे थे
फ़ोन भी कट हो गया था....
रेखा - कैसा लगा राजा
शंकर - आआआह पूछो मत आज भी तुम्हारी बुर मे वही गर्मी है
रेखा - और आपके लोडा मे भी वही पावर है
शंकर मेरा दिल नहीं भरा है जान
रेखा क्या सच मे नहीं भरा है ऐसा क्या देख लिए जो
मुझे गांड लेने का मन हो रहा है उससे पहले वो एनर्जी ड्रिंक पी लेते हैँ....तब तुम्हारी गांड का भरता बनाता हूं
रेखा -बड़ा आया गांड का भरता बनाने मै कौन सा पीछे रहने वाली हूं जो....करीब 1 घंटे के बाद शकर और रेखा कि एक और भिरंत हुई जिसमे......
वही दूसरी तरफ
खाना खाये हुए करीब 30 मिनट हो चूका था बिमलेश बेसब्री से ख़ुशी का इंतज़ार कर रहा था बिमलेश के लोड़ा पे विग्रा का असर शुरू हो गया था...
ख़ुशी जल्दी से अपना काम निपटा के रोज कि तरह अपनी बेडरूम मे आई बेड कि और देखती है और अपने सर पे हाथ रखती हुई खुद से बोलती है बहिनचोद तो बहन के रूम मे इंतज़ार कर रहे हैँ आज....
गेट लगाती हुई ख़ुशी सीढ़ी से ऊपर जाती है अंदर जाते हुए गेट लॉक करती हैँ
बिमलेश - आज बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था तो आज हीं लेट करनी थी क्या
ख़ुशी - मुश्कारती हुई किचन कि काम निपटाती तब ना जी
क्रमश: आगे - अगले पार्ट मे एक बेहद रोमांचित कर देने वाला अपडेट....
Kya nain matakka chal rha h bhai aur behan m ab kahani asli mod pe aa rhe h yrrअपडेट नंबर 30 मे 29 नंबर अपडेट है....इसलिए अब....
अपडेट 31...
आपने पढ़ा
गेट लगाती हुई ख़ुशी सीढ़ी से ऊपर जाती है अंदर जाते हुए गेट लॉक करती हैँ
बिमलेश - आज बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था तो आज हीं लेट करनी थी क्या
ख़ुशी - मुश्कारती हुई किचन कि काम निपटाती तब ना जी
आगे...
ख़ुशी - ऐसे आज बहुत बेचैन हो जी कुछ बात है क्या...
बिमलेश - बेड से निचे उतरते हुए बोलता है एक तो मै पहले से हीं फुल मूड मे हूं ऊपर से विग्रा उसके बाद मटन कि गर्मी...
ख़ुशी - ओह्ह गॉड! इतनी सारी गर्मी एक साथ फिर तो मेरे सांइय्या फुर्सत के साथ चोदियेगा ना मेरी कमसिन बुर को...
बिमलेश - हाँ मेरी रानी पूरी फुरसत के साथ चोदुँगा आज....
बात करते करते हीं ख़ुशी अपनी साडी पेटीकोट खोल देती है पेंटी और ब्रा मे सेक्सी अंदाज़ मे खड़ी थी...
इसी अंदाज़ मे ख़ुशी अपनी हाथ पेंटी के ऊपर ले जाती है और बड़ी हीं कतीलाना अंदाज़ मे फिंगर को अपनी बुर मे दबा देती है
पहले से नंगे बिमलेश से बर्दास्त नहीं होता है वो बेड से उठता है और ख़ुशी कि ब्रा और पेंटी खोल देता है
बिमलेश - आआह जान आज बहुत सेक्सी लग रही हो
ख़ुशी - ओह्ह राजा मै बस अभी सेक्सी लग रही हूं क्या.....
बिमलेश - नहीं मेरी सेक्सी बोम्ब ऐसी अदा मे यदि राकेश देख लेगा तो बिना कुछ किया कहीं उसका पानी ना निकाल जाय.....
ख़ुशी कि नेवल पर किस करते हुए बोलता है....
ख़ुशी - लेकिन ननद रानी तो बता रही थी ननदोई बहुत हीं हचक हचक के चोदता. है उसे...
बिमलेस- हाँ लेकिन मेरी बोम्ब तो लाखो मे एक है उसे सम्भलाना आसाना बात नहीं हैँ
बिमलेश वही बैठ के अपना जीभ खूसी कि बुर से सटा देता है
ख़ुशी भी धीरे धीरे गर्म रही थी ख़ुशी खड़े खड़े हीं अपनी बुर चटवा रही थी और अपनी एक हाथ बिमलेश के सर पे रख के दबा रही थी...
ख़ुशी सिसकते हुए आआह मेरी जान कितना अच्छा लग रहा है आआआह
कुछ इसी तरह ख़ुशी अपना बुर चटवा रही थी फिर बिमलेश और ख़ुशी बेड पे चली जाती है...
बिमलेश लेट जाता है और ख़ुशी दोनों पैर के बिच मे बैठ कर डॉगी पोज़. मे लंड चूस रही थी...
बिमलेश का लोड़ा भी फुल टाइट था आपने हाथ से पकड़े हुए था और ख़ुशी बिमलेश के लोड़ा के जीभ से निचे के ऊपर कूदेर रहा था....
इसी तरह लंड और बुर कि चूसाई चलता रहा
ख़ुशी बोलती है - आह राजा आज लोड़ा कुछ ज्यादा हीं गरम. है....
बिमलेश - आज अपनी प्यारी बीबी कि जम के चुदाई जो करनी है....
ख़ुशी छेरते हुए...
ख़ुशी - सैय्या जी मुझे तो बैडरूम. मे भी चोद सकते थे ना आज ननद के रूम मे कैसे....
बिमलेश - आह खुशी जान बुझ के छेर रही हो सब कुछ जानते हुए भी....
ख़ुशी - बिमलेश के टोपा को चूसते हुए अच्छा...आपको क्या ज्यादा एक्ससाईंटेड कर रहा है अपनी दोस्त कि बीबी चोदने मे या अपनी बहन को चोदने मे
बिमलेश - यदि वो मेरी बहन नहीं होती तो उसे अभी तक चोद चोद के 2 बच्चा पैदा कर दिया होता
ख़ुशी - फिर तो आपके दोस्त भी आपकी बीबी को चोद चोद के बच्चा कि लाइन लगा देता ना
बिमलेश - हां ये बात तो है लेकिन ये सब जुली जो आ बिच मे इसलिए हुआ ना
ख़ुशी - लेकिन आप तो और ज्यादा खुश लग रहे हो बहनचोदने कि ख़ुशी मे......
बिमलेश - अब बर्दास्त नहीं हो रहा है ख़ुशी आआह
ख़ुशी, बिमलेश के कान को अपनी दांत से थोड़ा चाबाती. है और बोलती है दिल से जुली को चोद रहे हो और ऊपर ऊपर मेरी नाम ले रहे हो...
बिमलेश - आआआआआआह तुम्हारी यही सेक्सी अदा मेरी जान ले लेती है. आआआह तुम्हें ये बात पहले बता देता तो कितना मज़्ज़ा देती
ख़ुशी - क्यों नहीं बातये फिर...
बीमलेश - डरता था इतनी अच्छी खासी बीबी मिली कहीं गुस्सा कर गयी तो.....
ख़ुशी - गुस्सा हो मेरे दुशमन इतनी अच्छे पति जिसे मिले वो क्यों गुस्सा होंगी....
बिमलेश - हाँ ये बात तो है लेकिन जान इतनी चुदासी कैसे हो गयी..
ख़ुशी - आप हीं तो चोद चोद के चुदासी बनाये हैँ हर लड़की के माँ बाप इसलिए तो सेटल लड़का ढूंढ़ते है जिसको कोई टेंशन नहीं और पूरी मेहनत से अपनी बीबी को चोद सके....
बिमलेश - वाह मेरी चुदासी बीबी कि कॉन्सेप्ट बहुत अच्छी है....
आह अब ले लो अपनी बुर मे जान
ख़ुशी डॉजी पोज़ मे आ जाती है और पीछे से बिमलेश अपना लोड़ा ख़ुशी कि बुर के ऊपर रखता है
ख़ुशी, बिमलेश को खुश करने के लिए जुली का रोल. करने लगती है...
ख़ुशी - भैया आपको डॉजी पोज़ बहुत पसंद है
बिमलेश - हाँ बहन इस पोज़ मे पूरा लोड़ा अंदर जाता है
ख़ुशी - हाँ भैया अब चोदिए. ना अपनी बहन को क्यों तरपा रहे हैँ...
बिमलेश - अपने मन मे आह मेरी प्यारी बहन आआआआह मै बता नहीं सकता आआह कितनी मस्त मलाई कि टेस्ट थी...यही सोचते हुए इतनी जोर से धक्का मरता है कि ख़ुशी उसके लिए तैयार नहीं थी...
ख़ुशी आआआआआह करते हुए आगे कि और झुक जाती है और बिमलेश का आधा से ज्यादा लोड़ा ख़ुशी कि बुर मे चला गया था
ख़ुशी - आआआआआआह भैया आआआह भला कोई ऐसे धक्का मरता है क्या
बिमलेश - क्या करू बहना ऐसी कमसिन बुर देख के कौन खुद पे काबू रख सकता है...
ख़ुशी - आआआह भैया निचे तकिया लगा दो ना तब बेहरमी से चोदना. आआह आज मै भी खुल के चुदवाना. चाहती हूं
बिमलेश, ख़ुशी के निचे एक तकिया सेट कर देता है
और पूरी रफ़्तार से चोदना शुरू कर दिया
ख़ुशी - आआआआआह मेरे राजा भैय्या यही चुदाई तो पसंद है आआआआह आआआआह इस...लि...ए तो भै.....या को वि....ग्रा खिलाई आआआआआह रा जा
बिमलेश - आह लो बहना ये लो आआआआह कितना मज़्ज़ा आ रहा है चोदने मे आह
ख़ुशी - आआह भैया आआआह और जोर से चोदो. ना विग्रआ खाने के बाद भी....आआह और जोर से
कुछ देर तक इसी पोज़ मे चुदाई चली
फिर ख़ुशी बोली -ओह्ह्ह भैया आप थक गए हो मै चोदुँगी. आपको अब
बिमलेश निचे लेट जाता है और खुशी उसके ऊपर अपनी बुर मे लोड़ा सेट कर के उछलने लगती है...
ख़ुशी - बिमलेश कि आँखों ही आँखों मे इशारा कर के पूछती है कैसा लग रहा है भैया...
बिमलेश - आआआह बहन आआआह बहुत अच्छा लग रहा है
फिर ख़ुशी घूम जाती है अपनी बुर मे लंड लिए हीं
कुछ देर इसी पोज़ मे उछलती है बिच बिच मे बिमलेश भी निचे से धक्का लगाता है
और अपनी हाथ से अपनी दोनों चूची को दबाते हुए मज़्ज़ा लेती है कि
ख़ुशी - आआह भैया आआआह बहुत मज़्ज़ा आ रहा है...
अचानक बिमलेश अपना लंड ख़ुशी कि बुर से निकाल लेता है
बोलता है - आआह आआह मेरा निकालने वाला है
ख़ुशी (अपनी मन मे आहहह मेरी तो अधूरी हीं रह गयी फिर भी मुस्करा रही थी )
लंड पर से निचे उतर जाती है और बिमलेश के लोड़ा पे अपना जीभ लगाती है कि लंड से माल निकलने लगता है
कुछ देर इसी तरह बिमलेश के लंड चुस्ती है...
बिमलेश - डार्लिंग कैसी लगी चुदाई
ख़ुशी - बिमलेश का मन रखती हुई बहुत हीं अच्छी थी...
लेकिन ख़ुशी का मन और था चुदने कि लेकिन वो चाह के भी कुछ नहीं कर सकती थी...
सुबह 4 बजे उसी बेड पे एक राउंड और दमदार चुदाई हुई इस चुदाई मे ख़ुशी के कमड मे मोच आ गयी..
हुआ ये कि ख़ुशी दोनों पैर बेड के निचे और अपनी हाथ बेड पे रख के झुकी हुई थी और बिमलेश के झारते टाइम ख़ुशी अपनी कमार जल्दी से पीछे कि और कि ताकि रस अंदर ना जाय रस तो अंदर नहीं गयी लेकिन अनबालेंस. होने कि वजह से बहुत मोच आ गयी बिमलेश अपनी गोदी मे लेकर निचे बैडरूम मे सुला दिया और खुद सो गया....
मॉर्निंग 7 बजे ख़ुशी लेटे लेटे हीं बबली को कॉल करती है
रिंग बजते हीं बबली अपनी आँख मसलते. हुए स्क्रीन देखती है तो भाभी कि कॉल
बबली - हाँ भाभी
ख़ुशी - सोइ हो
बबली - अभी जगी हूं फ़ोन से
ख़ुशी - भैया के लिए चाय नास्ता बना दो ना आज मेरी तबियत अच्छी नहीं है
बबली - ओह्ह क्या हुआ भाभी आपको आप ठीक तो हैँ ना
ख़ुशी - वो कमर मे मोच आ गयी है
बबली - कोई नहीं आप रेस्ट कीजिये मै कर देती हूं
कॉल कट हो जाती है और बबली लेट से सोने कि वजह से नींद पूरी नहीं हुई और खुद से बुदबदाती हुई बोलती है कस के सर्विसिंग किये होंगे भैया ये...
और मुस्कराती हुई रूम से बाहर निकलती है...
किसी कि भी गेट नहीं खुली थी...
बाथरूम मे बबली मन मे भाभी को तो मोच आ गयी और ये मम्मी पापा भी इतना लेट से जागते हैँ.....
उधर कमरे मे
बिमलेश - ख़ुशी कि चूची को मसलता है
ख़ुशी - नाराज होते हुए ये तो हुआ नहीं कि बीबी कि तबियत खराब है खुद से चाय नास्ता बना लूँ..और जबकि आता भी है
बिमलेश - ओह्ह डार्लिंग नाराज हो गयी घर मे बस तुम रहती तो मै हर दिन करता लेकिन मै राहुल बबलि सबको आपने हाथ से चाय दूँ ये शोभा नहीं देता और सिर्फ तुम्हें भी तो नहीं दे सकता
ख़ुशी - हाँ सफाई देना कोई आपसे सीखे....
बिमलेश - वो सब छोड़ो देखो कैसे डंडा खरा है
ख़ुशी - बिलकुल भी नहीं अभी मै हिल भी नहीं सकती...
बिमलेश - फिर कैसे शांत करू
खुशी - मजाकिया अंदाज़ मे जाओ किचन मे बबली अकेली होंगी पीछे से डाल देना पूरी गटक जाएगी
बिमलेश - धत्त बेशर्म खुछ भी बोल देती हो...
ख़ुशी - जब बड़ी बहन को चोद के बच्चा देने के लिए तैयार है तो बबली को तो सिर्फ चोदनी. है
बिमलेश - सुबह सुबह मटरगस्ती कर रही हो तबियत ठीक रहती तो ऐसे हुमच. के चोदता कि
ख़ुशी - ओह्ह्ह बड़ा आया चोदने......ऐसे जब से ये बात मेरे से शेयर किये हो आपका लोड़ा खड़ा. हीं रहता है क्या जादू कर दि जुली
बिमलेश - आआह जुली का नाम ना लो ऐसे हीं मूड मे हूँ चढ़ जाऊंगा......
ख़ुशी - ना बाबा ना मुझे अभी नहीं चुदवानी. है
बिमलेश - अच्छा फिर जुली जो गाढ़ा. मलाई खिलाई वही खिला दो ना
ख़ुशी - मस्का मारते हुए अच्छा गाढ़ा मलाई आपकी बहन कि बुर से निकलती है आपकी बीबी के बुर से नहीं
बिमलेश - जब तक उसकी मिल नहीं जाती तब तक के लिए ये बहन कि हीं बुर है मेरे लिए
ख़ुशी - आआआह कितने बड़ा बहिनचोद हैँ आप..कहीं इसलिए तो नहीं बहन कि सादी दोस्त से करवा दिए
बिमलेश -
ख़ुशी - चाट. लो मेरे शोना भैया चाट लो अपनी बहन कि बुर और पी जाओ गाढ़ा मलाई
बिमलेश - ये हुई ना बात.....
करीब 10 मिनट.बिमलेश मेहनत किया ख़ुशी के बुर पे फिर भी ख़ुशी के बुर से मलाई नहीं निकली...
बिमलेश - आह आआह आआआह मै गया आआआह मै गया पेंट पे हीं निकाल गया मेरा
ख़ुशी -हो गए शांत अब खुश ( बहन चोदने के चक्कर मे मुझे गरम. कर छोड़ देते हैँ )
बिमलेश - आआह बहुत मज़्ज़ा आया लेकिन बुर से मलाई निकलती तब बहुत मज़्ज़ा आता...मेरी चड्डी भी गन्दी हो गयी...
ख़ुशी - कोई नहीं...खोल के रख दीजिये
वैसे मेरी जो ये हाल हुई है क्या बोलूंगी कैसे हुई...
बिमलेश - बोल देना चुदवाते चुदवाते हो गयी...
ख़ुशी - बड़ा आया चोदने वाला अब आपको 2 विग्रआ दूंगी तब चुदवाउंगी.....
बिमलेश - ओके मेरी जान.
इसी तरह चाय नास्ता करने के बाद ऑफिस के लिए निकाल जाता है
ऑफिस निकालने से पहले
बिमलेश पैनकिलर दे देता है...
ख़ुशी - हुई निगल जाती है..
उसके बाद बबली कमरे मे आती है
बबली - कैसी हो भाभी
ख़ुशी - अच्छी हूं..
बबली - थोड़ा गर्म पानी लाई हूं सेक लगा लीजिये...
ख़ुशी - मुश्कराती. हुई भाभी कि इतनी सेवा
बबली - क्यों नहीं भाभी कोई दुख देता है तो किसी को तो उसका निपटारा करनी चाहिए
ख़ुशी - वाह मारने वाला भी इलाज करने वाला भी
बबली - सही पकड़ी भाभी जी सारी व्यवस्था है...
इसी तरह.. बबली सेक लगा देती है और भाभी को लेते रहने को बोल किचन मे चली जाती है...
उधर राहुल जागने के बाद फ्रेश हो के किचन कि और जाता है
राहुल -आते हीं गुड मॉर्निंग भाभी
लेकिन वहाँ भाभी नहीं थी बबली थी...
बबली कुछ भी रिप्लाई नहीं देती है..
राहुल - ओह्ह बाबा इतनी छोटी बात पे गुस्सा करोगी तो हो गया...
फिर भी बबली कुछ नहीं बोलती है..
राहुल खुद से चाय कि बर्तन उठाता. है लेकिन ओस बार बबली राहुल के हाथ से केन ले लेती हैँ कुछ देर के लिए दोनों एक दूसरे के आँखों मे देखता है...
बबली - कितना गुस्सा कर लूँ लेकिन...
राहुल - लेकिन क्या..
बबली कि हाथ दबाते हुए बोलता है अभी एग्जाम है इसलिए मान गयी
बबली - अच्छा बच्चू..
राहुल - ऐसे भाभी कहाँ हैँ
बबली - उनकी तबियत खराब है
राहुल - क्या हुआ जो?
बबली - जा के देख लो
राहुल , ख़ुशी भाभी के रूम मे आता है
ख़ुशी आँखे बंद किये हुए कुछ सोच रही थी
ख़ुशी को आभास हो गया कि कोई रूम आया है...
राहुल बड़े प्यार से आवाज़ लगता है भाभी भाभी
ख़ुशी - अपनी आँख खोलती है जी देवर जी
राहुल - आप ठीक तो है ना
ख़ुशी - जी हाँ
राहुल - वो बबली बोल रही थी भाभी कि तबियत खराब है
ख़ुशी - जी वो थोड़ी से मोच आ गयी
राहुल - ओहो! अभी ठीक तो है ना भाभी जी
ख़ुशी - दवाई ली हूं अभी ठीक है थोड़ी सोची रेस्ट कर लेती हूं
राहुल - हाँ बिलकुल भाभी
ख़ुशी - खड़े क्यों हैँ देवर जी बैठीये
राहुल - बेड पे बैठ जाता है और थोड़ा मुश्कारा रहा था
ख़ुशी - क्या हुआ जो मुश्कारा रहे हो देवर जी
राहुल - कुछ नहीं भाभी वो तो वैसे हीं......
ख़ुशी मज़ाक करती हुई..वैसे देवरनी को ये सब दर्द मत दीजियेगा....
राहुल - धत्त भाभी वो तो समय कि बात है आगे किसने देखा है क्या होगा.....
ख़ुशी - वो तो है....
इसी तरह दोनों मे कुछ देर नार्मल बात चलती है......
वहीँ दूसरी तरफ ऑफिस पहुँच के बिमलेश को मन नहीं लगता है...तो वो अपना व्हाट्सप्प ओपन करता है देखता है जुली ऑनलाइन थी....उसे मेसेज करता है...
Position | Benifits |
---|---|
Winner | 4000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories) |
1st Runner-Up | 1500 Rupees + Award + 3500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories) |
2nd Runner-UP | 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) |
3rd Runner-UP | 750 Rupees + 1000 Likes |
Best Supporting Reader | 750 Rupees + Award + 1000 Likes |
Members reporting CnP Stories with Valid Proof | 200 Likes for each report |
Nice start.Update 1
आज सुबह से हिं घर मे चहल पहल थी क्यों कि आज भाभी की दूसरी सालगिरह जो थी । पापा और भैया ऑफिस चले गए और मम्मी भाभी और बबली पास वाले मंदिर गयी हुई थी । मैं घर मे बैठ के सोच रहा था आआआह किस तरह भैया और खुशी भाभी की सालगिरह की स्पेशल चुदाई कैसे लाइव देखी जाय। अब मैं अपने घर के बारे में बता रहा हूँ 3 साल पहले गाँव से शहर में शिफ्ट हुए हैं शहर से 6 किमी दूर एक इलाके में अभी ये पूरी तरह से इलाका भरा नही है छिट पूट घर है मेरे घर के एक साइड घर है और दूसरी साइड पेड़ लगे हुए हैं और बहुत जंगल भी हो गयी है । नीचे 4 कमरे हैं और 2 कमरे पहली फ्लोर पे हैं। नीचे वाले कमरे में 1 मम्मी पापा उसके बगल वाली भैया भाभी की और अपोजिट साइड एक मे मैं और दूसरी में बबली रहती है । ऊपर वाले 1 रूम में थोड़ा बहुत समान और एक गेस्ट रूम है। मैं इतना एकसाईटेड हो गया कि किसी तरह आज भैया और भाभी की चुदाई देखने के लिए। मैं अपने घर से बाहर निकल कर पीछे जंगल की तरफ गया बहुत हिं जंगल था सांप न हो इसका डर लग रहा था फिर भी हिम्मत कर के गया बिल्कुल खिड़की के पास लेकिन मैं खिड़की तक पहुंच नही पा रहा था मेरे घर से लेवल काफी नीचे था फिर में वहां एक पुरानी कुर्सी ला के चढ़ के देखा तो रूम की बेड क्लियर दिखाई दे रही थी मैं वो कुर्सी वही जंगल मे हिं छोर के आ गया और मन हिं मन बहुत खुश था कि आज भैया भाभी लाइट जला के अपनी प्रोग्राम करे। फिर मैं नहा के रेडी हो गया । तब तक भाभी लोग भी मंदिर से आ गयी थी जाते टाइम तो मैं नही देखा था और जब मैं तीनो को देखा आआआह गजब की लग रही थी मैं तो आज सबसे ज्यादा भाभी को देख रहा था और मन हिं मन सोच रहा था आह भैया कैसे पेलते होंगे गदराई माल को फिर मेरी नजर मम्मी पे गयी जो अपनी रूम जा रही थी आआआह मम्मी की गांड चलते हुए कहर ढाह रही थी और फिर बबली की पतली कमर और निकली हुई गांड काफी सेक्सी लग रही थी । मेरी मुन्ना तो ये सब देख के हिं खड़ा हो जाता है किसी को सक न हो मैं अपने रूम जल्दी से घुस गया। और फिर वही सोचने लगा क्या रात में मैं देख पाऊंगा कि नही यही सब सोचते मैं मोबाइल देखने लगा । कुछ हिं देर में बबली की मेसेज आती है
बबली- हेलो मेरे प्यारे भाई...
मैं- वाह प्यार भाई कब से बन गया हर वक्त तो लड़ते रहती हो
बबली- वो तो प्यार है लेकिन हो तो मेरे प्यारे भाई न
मैं- अच्छा बड़ा प्यार आ रहा है कुछ काम है क्या?
बबली- हा हा हा हा बिल्कुल सही पकड़े
मैं- मुझे पहले हिं पता चल गया था कि कुछ काम होगा तब हिं मस्का लगा रही है बोलो क्या बात है
बबली- पैसे चाहिए कुछ भाभी को गिफ्ट देनी है
मैं- अच्छा मैं कौन सा कमाता हूँ जो पैसा मेरे पास रहेगा हा हा हा
बबली- माजक न करो तुम्हारे पास पैसा हर वक्त रहता है तो बहुत जुगाड़ी हो न
मैं- ऐसा क्या अच्छा क्या दोगी भाभी को गिफ्ट मुझे भी देनी है
बबली- मैं क्यों बताऊंगी जो पसंद आएगी वो दूंगी ऐसे तुम क्या दोगे
मैं- मेरा तो मन हुआ मेसेज कर दूं कि मैं कंडोम का बड़ा डब्बा गिफ्ट कर दूं ताकि भैया को बार बार नही खरीदना परे (ये तो मैं अपने मन मे सोच रहा था जो मैं दे नही सकता था क्यों कि भैया को जो पता चल जाता) बबली को मैं बोला जो अच्छा लगेगा वो दे दूंगा
बबली- अच्छा कब जा रहे हो
मैं- अभी हिं जाना होगा क्योंकि भैया बोल दिए है केक भी मुझे हिं लाना होगा और घर का सामान भी तो टाइम नही मिलेगा
बबली- फिर चलो मुझे भी जानी है
मैं- फिर तैयार हो जाओ
बबली- मैं तैयार हिं हूं
मैं- ओक मैं रेडी हो रहा हूँ
और मैं मम्मी को ये बोल के मार्केट जा रहा हूँ।
रेखा मा- बबली तुम भी जा रही हो
बबली- हां मा धीरे से बोली भाभी के लिए गिफ्ट लाना है।
मैं बाइक निकाला और बबली पीछे की सीट पे दोनों दोनों तरफ कर के बैठ गयी और अपनी एक हाथ मेरी कंधे पे रख दी
और बोलती है
बबली- भाई मुझे कब सिखला दोगे बाइक चलना
मैं- तुम तो खुद बहुत टैलेंटेड हो खुद सिख लो
बबली- मेरी पीठ पे एक जपत लगते हुए मैं माजक नही कर रही हूं कभी सिखला दो न
मैं- ये तुम्हारे बस की बात नही है ये बहुत भारी बाइक है इससे सीख नही पाओगी
बबली- क्यों भारी है तो क्या हुआ मैं चला लुंगी मुझे खुद पे भरोसा है बस दिखने में पतली हुन अंदर से बहुत स्ट्रांग हूँ
मैं- हा हा हा बहुत स्ट्रांग हो ऐसे क्या लोगी गिफ्ट भाभी के लिए
बबली- चल न दुकान पे देखती हूँ ....
Mast chudai ho rahi hai Juli ki.Update 17
4 PM me rakesh aur juli ki nind khulti hai.......dono ko bhukh bur jor ki lagti hai
rakesh pizza ka order krta hai...
20 min. me pizza aa jata hai ...
rakesh- ek lower pehan ke pizza rcv. krta hai ...gate lock kr ke wahi lower khol ke nange pizza le ke andar aa jati hai...
juli- mtlb soch liye hain kapra nhi pahnana hai...
rakesh -nangi leti juli ke pet pe pizza rakh deta hai...
juli- mushkarte hue iss baar barbad nhi karoge cake ki trah ...bhukh lagi hai..bhut jor ki...
rakesh- apni lund ki aur ushra krte hue meri juli jaan ki bhuk to (lund dikhate hue) ye kha kr khtam hoti hai......
rakesh 2 tukre dono boobs pe ek tukre juli ke bur pe rakh ke dhak deta hai ...
juli - ye sab dekh ke mand mand muskra rahi thi...
rakesh- bare hin sexy andaz me pahle bur pe dhaki pizza ko apni munh laga kr khane lagta hai fir cuchi pe iss trah dono pizza khtam...krta hai...
aise karne se dono garm ho jate hain aankho ankho ke ishara me hin...dono ek baar fir chudai ke liye taiyar ho jate hain...
chudai suru ho jati hai chudai start hue 5 min. hin hua tha ki .dono ko bell ki sound sunai parti hai...
rakesh- apna ek tagra jhatka juli ki bur me dete hue...abhi kaun hoga...
juli- aaaaaaaah kaun kambhak aa gye....kitni achchi chal rahi h
rakeah- apna laura juli ki bur me aage pichhe krna continue rkhta hai ki dekhta hai mobile pe ...bimlesh bhaiya..nam se call aa rahi hai...
rakesh- to gate pe sale sahab aaye hain ....aur mai yahan uski behan chod raha hun....
juli- kya bahiya aaye hain niche se ek dakka deti hai aur apni bur se rakesh ka lund nikal jata hai aur bed se niche ane ki kosis krti hai...
rakesh- kahin nhi jana hai darling bss leti rahi mai sambhal leta hun ..
juli aise hin bed pe nangi leti rahti hai ..rakesh ek new badsheet se juli aur wo cake se sani chadar ko dhak deta hai aur ek lower pehan kr door ke pass jata hai ..
आगे हिंदी फॉन्ट में....
Juli is fully Nymph.UPDATE 18
राकेश जैसे हिं गेट के पास जाता है और गेट खोलता है ....
सामने बिमलेश को खड़ा देखता है....
राकेश- अंदर आइये ....गरीब की कुटिया में स्वागत है( मुस्कराते हुए)
बिमलेश- (एक टक राकेश को देखता है जो पूरी तरह पसीने से लथपथ है....एक लोअर पहने हुए उसमे राकेश का बना तंबू...ओह्ह लगता है गलत समय पे आ गया)
...
मुस्कराते हुए अंदर आ जाता है .....और बोलता है
दोस्त को सादी सालगिरह मुबारक.....
राकेश- धन्यवाद मित्र।
दोनों आगे की और बढ़ता है....
बिमलेश - जुली नही दिख रही है कहाँ है......
राकेश- अंदर में हैं...
बेड रूम की तरफ़ दोनों जाते हैं....
बिमलेश- देखता है जुली बेड पे लेटी हुई...आंखे बंद थी बाल थोड़ी बिखरी हुई...एक पतली बेड शीट लपटे हुए...बेड शीट की चादर बिखरे हुए.......आस पास मिल्कशेक की ढेर सारी बोतल पारी हुई...डोमिनोज़ की एक खाली डब्बा परी हुई....
बिमलेश- राकेश की और देखते हुए..... क्या हुआ जुली को...
जुली- अपनी आंख खोलते हुए लेटी लेटी हिं बोली ....
आप कब आये भैया...
बिमलेश- जुली के पास जाते हुए...कैसी हो मेरी बहना...
जुली- ठीक हूँ भैया...
बिमलेश- बहना को सदी सालगिरह मुबारक....और बैग से एक गिफ्ट निकाल के दे दिए....
जुली- थैंक्यू...और गिफ्ट पकड़ते हुए इसकी क्या जरूरत थी भैया....
बिमलेश- प्यार से जुली के सिर पे हाथ रखते हुए अरे ये तो भाई बहन का प्यार है....जैसे हिं सर् पे हाथ रखता है बिलमेश उसे जुली की सर् गर्म महसुस होता है और बोलता है....जुली तुम्हें तो फीवर है.....
जुली- हाँ भैय्या..आज सुबह से हिं कमर में बहुत ज्यादा दर्द है चल भी नही पाती हूँ....वही दर्द की वजह से फीवर है...
बिमलेश- मेडिसिन ली न...
राकेश- भाई बहन की प्यार को देख रहा था और अपने मन मे हाँ साले साहब जब आधी चुदाई पे एंट्री करोगे और ऐसी हॉट माल की अधूरी चुदाई के बाद तो बॉडी गर्म होगी हिं....और मन मे हिं वाह जुली कमर दर्द की क्या बहाना लगाई हो....
जुली- जान बूझ कर थोड़ा ऊपर की और होती है और ....आआआह आआआह
बिमलेश- बस लेटी हिं रहो ...दर्द बढ़ जाएगी...
जुली- राकेश की और इशारा करते हुए...भैया के लिए चाय पानी ....आप भी न
राकेश- अभी लाया...
जुली- जुली बिल्कुल असहज मशसुस कर रही थी बगल में बड़े भैया खरे अंदर बिल्कुल नंगी एक बेडशीट से ढकी हुई....बुर के फांके भी खुल और बंद हो रही थी अधूरी चुदाई की वजह से...
बिमलेश- क्या सोच रही हो...
जुली- कुछ नही भैया...थोड़ा पीछे घिसकते हुए ...बैठिए न भैया खड़े क्यों हैं...
बिमलेश- वही बेड पे बैठने लगता है...जुली के घिसकने से जो जगह बनी थी वहां बैठने को होता है कि उसकी नज़र बेड शीट में लगी केक पे जाती है और बिमलेश हाथ से साफ करता है...
जुली- क्या है भैया...गंदा है क्या
बिमलेश- नही थोड़ी केक लगी हुई थी...( अब बिमलेश को क्या रात में हुआ क्या था)
जुली- ओह ..( जुली शर्म से पानी पानी हो रही थी अंदर हिं अंदर की ये केक मेरी वहां कट किये थे...)
जुली- भैया खुशी भाभी कैसी हैं...
बिमलेश- अच्छी है...बोल रही थी मायके जाना है......
जुली- ओह....कब जा रही है भाभी..
बिमलेश- बस मुझे टाइम मिल जाय...फिर तुम भी चलो...मम्मी बोल रही थी आई नही हो..
जुली- मेरी क्या है भैया....आपके जैसे ड्राइवर हो तो 1 घंटे में फुर्र...आना जाना तो लगी रहती है...
बिमलेश- ये बात तो है..
इतने में राकेश चाय लिए.....
चाय पेस है
बिमलेश- आआआह बहुत दिनों बाद आज दोस्त के हाथों चाय...
दोनों हसी माजक करते हुए पी रहे थे
इधर जुली को बिमलेश की वो मेसेज याद आ जाती है कि...
कैसे भैया बोल रहे थे की वो बहन है मेरी इसलिए नही तो सालगिरह में भैया चोदते ..(.आह ये मैं क्या सोच रही हूं मेरे भाई है वो)
दोनों चाय पीने के बाद ..
बिमलेश-जुली मैं निकलता हूँ....
जुली-रुक जाइये न भैया रात में पार्टी कर लीजिएगा
बिमलेश- कोई नही बहन तुम भी अस्वस्थ हो और काम भी है फिर कभी....
ये कह के बाहर निकल जाता है...
बिमलेश- अरे तभी क्या सच मे वो मेसेज जुली देख ली थी क्या
राकेश- मुश्कराते हुए ...वो तभी शर्त लगी थी कि मैं वैसा मेसेज नही कर पाऊंगा जुली बोल रही थी आप नही कर पाओगे वैसे मेसेज और मैं कर दिया फिर मोबाइल उसी के पास था ..वही रिप्लाई की थी...
बिमलेश- ओह्ह शीट!!
कुछ बोल भी रही थी...
राकेश- नही मैं समझ दिया हमदोनो दोस्त हैं थोड़ा बहुत चलता है...कोई दिक्कत नही...
फिर भैया घर की और निकल जाते हैं...
राकेश- मैन गेट लॉक करता है अपना लोअर वही उतार फेकता है...और नंगे रूम में जाता है एक हाथ आगे बढ़ा के जुली जो चादर अपने उपर ढकी हुई थी उसको खिंचता है ...
राकेश देखता है जुली की एक हाथ बुर के उपर उंगली से सहला रही है....राकेश कूद पड़ता है जुली के उपर.....
राकेश सरारती अंदाज़ में एक हाथ जुली के माथे पे रखता है और बोलता है....तुम्हारी बॉडी तो अभी भी हीट है....
जुली- सरारती अन्दाज़ में हीट इसलिए है क्यों कि आप मेरी हीट को कम जो नही किये हैं...
राकेश- हँसता हुआ तुम्हारे भाई को क्या पता जुली की बुर की जबतक हुमच के चुदाई नही होती बॉडी ठंडी होती हि नही है।
जुली- धत्त आप भी ना .....भैया क्या सोच रहे होंगे इस हाल देख के देखो कैसे बना रख्खे हो थोड़ा सा भी जगह नही बची थी भैया बैठने लगे तो वहां भी केक हिं थी...मुझे तो बहुत शर्म आ रही है....
राकेश- अच्छा शरमाते हुए तुम तो और हसीन लगती हो...और जम के चुदवाती हो.....
जुली- फिर देरी क्यों कर रहे है चोदिये न....
और दमदार चुदाई होती है एक बार फिर से........