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Incest Aaaah Ghar ki rasili bur aur gaand

Story ko kaun si front me likhu?

  • Hindi front

    Votes: 19 43.2%
  • Hinglish front

    Votes: 25 56.8%

  • Total voters
    44
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Premkumar65

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Update 28


सुबह के 9 बज रहे थे....

राहुल के दरबाजे की खट खट के साउंड से नींद खुलती है ...

रात में राहुल बहुत देर रात तक मोबाईल पे सेक्स स्टोरी पढ़ता रहा..लेट से सोने के कारण राहुल अभी तक सो ही रहा था..

बबली- भाई खोलो भी दरवाजा..

राहुल- अंदर से अभी आया ...

और गेट खोलता है राहुल

बबली- क्या भाई इतनी लेट तक सोते हो

राहुल- बबली को देखते हुए अरे (मुश्करते हुए) अपनी मोबाइल दिखाते हुए बोलता है कुछ ज्यादा टाइम तक हिं दूसरे दुनिया मे रहा इसलिए ...

बबली- फिर भी इतना लेट

राहुल- हँसते हुए 5 बजे सुबह में तो सोया

बबली- क्या ?? इतनी देर

राहुल- हा हा हा हा उसका भी मज़्ज़ा अलग हिं है ..ऐसे क्या बोलने आई थी

बबली- भाई टिकट तो बुक कर लो पता नहीं खाली भी है कि नही

राहुल- हाँ देखता हूँ पहले मुझे फ्रेश तो होने दे

बबली- ठीक है फ्रेश हो के आओ मेरे कमरे में तब तक मैं पढ़ती हूँ

राहुल - ओके

इतने राहुल फ्रेश होने के लिए चला जाता है
फ्रेश होने के बाद राहुल किचेन की और रुख करता है

देखता है खुशी भाभी नास्ता बना रही है

राहुल- गुड मॉर्निंग भाभी जी

खुशी- गुड मॉर्निंग देवर जी, तो जग गए मेरे देवर जी

राहुल- हाँ

खुशी- मुश्करते हुए लगता है आज कल कुछ ज्यादा हिं पढ़ाई पे ध्यान दे दिए हैं

राहुल- बिल्कुल भाभी

खुशी- तो किचेन आने का मतलब देवर जी को कड़क चाय चाहिए

राहुल- थोड़ा आगे बढ़ते हुए खुशी भाभी को पीछे सट के भाभी की कंधों में अपनी हाथ रखते हुए बोलता है
और क्या चहिए मुझे मैं बहुत खुशनसीब हूँ जो मुझे इतनी प्यारी भाभी मिली है जो मन की बात समझ जाती है

खुशी- अच्छा ऐसा क्या इतना पसंद है मेरे देवर को अपनी भाभी..

राहुल- कोई सक है क्या

खुशी - नही कोई सक नहीं है मुझे अच्छी तरह पता है कि मेरी दुलारा देवर अपनी भाभी को कितना प्यार करता है

राहुल- फिर भाभी आपको पता हिं होगा आपकी दुलरुवा को क्या पसंद है और कैसी पसंद है

खुशी- बस मुस्करा देती है और बोलती है
की अब लग रहा है देवर जी की राते नहीं कटती है

राहुल- लेकिन करू तो क्या करूँ भाभी

खुशी- बहुत लड़की है सादी करने के लिए करोगे देवर जी

राहुल- क्या भाभी आप भी पहले कोई जगह सैटल हो जाऊ तब तो तब ताकि आपको अपने देवर पे प्राउड हो और बिल्कुल अपनी तरह देवरानी ढूंढ लाओ

खुशी- अच्छा मैं अपनी तरह क्यों मेरे में ऐसा क्या खाश है जो

राहुल- भाभी आप खाश की बात कर रही हो बल्कि ये बोलो क्या खाश नहीं है नीचे से ऊपर तक आप कयामत लग रही हो

खुशी- बिल्कुल ऐसी ढूंढ लाऊंगी जो मेरे देवर को दिन रात खुश रखे

राहुल- हा हा हा भाभी दिन रात नही हरवक्त जब मूड हो जाय

खुशी- हा हा हा हा हा


राहुल- भाभी जितनी अच्छी आप हो मुझे नहीं लग रहा है भैया उस तरह आपका ख्याल रखते हैं

खुशी- वो कैसे देवर जी

राहुल- बस भाभी अन्दाज़ लगाया

खुशी- मैं तो खुश हूं

राहुल- थोड़ा सीरियस होते हुए नहीं भाभी आप उतना खुश नहीं हो जितना होना चाहिए (राहुल अपनी हाथों से खुशी भाभी की चेहरा अपनी और करते हुए आंखों में आंखे डाल के कहता है ) -

भाभी- आपको मैं तीन सालों से जनता हूँ आपकी ये आंखे देख के सब पता कर लेता हूँ आप मेरे से कुछ छुपा नहीं सकती हो

इतना राहुल के कहते हीं खुशी राहुल के बांहों में चल गई और प्यार से बोलती है- ऐसा देवर सब को दें जो अपनी भाभी का ख्याल रखता हो..

राहुल खुशी भाभी की चेहरे को अपनी हाथ से थोड़ा ऊपर करते हुए इस समय दोनों की नज़र आमने सामने थी , राहुल अपना होंठ थोड़ा आगे बढ़ाते हुए खुशी भाभी के फोरहैड पे किस करता था खुशी अपनी आंखें बंद कर के कुछ फील करती है

राहुल फोरहैड पे किस करते हुए बोलता है ऐसी भाभी भी सबको दे भगवान जो अपने देवर का इतना ख्याल रखती हो....

खुशी भी थोड़ा ऊपर होते हुए राहुल के फोरहैड पे किस करती है


राहुल अपनी दोनों हाथ की पकड़ जोड़ से खुशी भाभी को दबाते हुए यही तो चाहिए मुझे भाभीजी

जो इतना ख्याल रखती हो बाहर से तो पूरी संस्कारी और बंद कमरे में हा हा हा हा हा

खुशी- हे हे राहुल बोलिए बोलिये बंद कमरे में क्या...

राहुल- जब समझ हिं गए हैं

खुशी- समझ गयी अब देवर जी बड़े हो गए हैं

राहुल- बहुत बड़ा हो गया हूँ और मेरा सब कुछ बड़ा हो गया है

खुशी- क्या?

राहुल- ओह! सॉरी सॉरी ..

खुशी- मुश्करा देती है

राहुल- भाभी एक बात पुछु बहुत दिनों से चाह रहा हूँ लेकिन थोड़ी शर्म और थोड़ी डर भी लगता है

खुशी- अपनी एक हाथ राहुल के पीठ पे रखते हुए पूछिये देवर जी कैसी शर्म और कैसा डर वो भी अपनी भाभी से

राहुल- पक्का पूछ लूं भाभी

खुशी- हां जी

राहुल- आप मेरी तरफ मत देखिये ऐसे नहीं बोल पाऊंगा जी

खुशी- इतना शर्माता है देवर जी लेकिन बातें तो बड़ी बड़ी करता है जान बूझ कर और पता नहीं क्या क्या बड़ा हो गया है

राहुल- धत्त भाभी और धीरे से भाभी के कान के पास बोलता है भाभी-

खुशी- बहुत मधुर स्वर से बोलती है बोलिये न देवर जी..

राहुल- भाभी जब भैया नहीं रहते हैं तब आप भी मोबाईल पे वो सब देखती और पढ़ती हैं...

खुशी भाभी- ही ही ही ही इसी बात से डर रहे थे देवर जी

राहुल- थोड़ा उदास होते हुए मुझे पता था आप नहीं बताओगी

खुशी- अपनी एक हाथ राहुल के गाल पे सहलाते हुए बोलती है, अरे देवर जी रूठो मत
तो मेरे देवर को जननी है कि जब भाभी अकेली रहती है तो क्या करती है

राहुल- हा हा हा हा आप हो हिं इतनी लाजवाब की क्या बोलू

खुशी- थोड़ा धीरे आवाज़ में राहुल के बिल्कुल कान के पास अकेली में हिं नही आपके भैया रहते हैं तब भी देखती और पढ़ती हूँ

राहुल- क्या ? वाह! मज़्ज़ा आ गया भाभी आआआह! इसलिए न बोलता हूँ भाभी बिल्कुल आपकी जैसी हिं खोज के लाना अपने लिए देवरानी मज़्ज़ा आ गया

खुशी- ऐसे देवर जी समझी नहीं ये देखने से क्या मतलब है

राहुल- हा हा भाभी जानती तो आप सब हो बस ऐसे हिं पूछ रही हो न

खुशी- जानती तो हूँ लेकिन ये भी तो जानू की देवर क्या जनता है

राहुल- जो ये सब देखते हैं पढ़ते हैं उनकी लेवल काफी ऊपर की होती है

खुशी- हा हा हा हा हा

राहुल- मतलब मेरी प्यारी भाभी की लेवल भी काफी ऊपर है( अपने मन मे मुझे अच्छी तरह पता है भाभी आपकी लेवल क्या है भाभी जी)

खुशी- हा हा समझते ही हो और ज़्यादा अपने भैया से पूछ लीजिएगा

राहुल- धत्त भाभी ये सब बात कहीं भैया से पूछा जाता है , देवर तो भाभी से हिं ऐसी ज्ञान ले सकता है ना

खुशी- अच्छा ऐसी बात है लेकिन मुझे ऐसा लग रहा है देवर पहले से हिं सीखा पढ़ा हुआ है

राहुल- अपना मोबाईल दिखाते हुए भाभी ये बहुत कुछ सिखला दिया है

खुशी- हँसते हुए कुछ ज्यादा न सीख लीजिएगा देवर जी की पहली रात में हिं देवरानी की हालत खराब

राहुल- बिल्कुल आपके जैसी रहेगी तो उसका नही मेरा हालात खराब हो जाय

खुशी अपनी प्रशंसा सून के मंद मंद मुस्करा रही थी

राहुल- ऐसे दो दिन से आप अकेली हो आज आ रहे हैं भैया पूरी तरह सर्विसिंग कर देंगे

खुशी- सरमाते हुए , धत्त देवर जी

राहुल- भाभी एक बात और पुछू ?

खुशी- आज तो देवर जी कुछ अलग हिं मूड में है रात में कुछ हुआ था क्या?

राहुल- जब उस तरह की दिखाई और पढ़ाई होगी तो कुछ तो होगा हिं न

खुशी- हा हा हा हा ऐसे क्या पूछ रहे थे देवर जी?

राहुल- धत्त ये भी पूछने में शर्म आ रही है

खुशी- फिर से शर्म और बाते बड़ी बड़ी

राहुल- कुछ ऐसा हिं समझ लीजिए..
बोलू भाभी

खुशी- हाँ

राहुल- आपकी मैक्सिमम कितना दिन तक सर्विसिंग नहीं हुई है? हा हा हा हा

खुशी- क्या? और एक चपत लगाती है राहुल को

राहुल- बताइये न भाभी

खुशी- 32 दिन

राहुल- वॉव क्या डाटा है एक मोन्थ भी बोल सकते थे लेकिन एडजेक्ट बोले वाह मज़्ज़ा आ गया मतलब 32×24=768 घंटे तक

खुशी- क्या omg अच्छा कैलकुलेशन है

राहुल- जब भाभी आप इतना कन्फर्म हो के दिन का याद रख सकते हैं मैं तो बस कैलकुलेशन किया ऐसे ये हुआ कब था

खुशी- पीछले बार जो मायके में मेरी तबियत खराब हुई थी

राहुल- उसमे तो मैं भी गया था लेकिन 14-15 दिन में तो आप ठीक हो गयी थी और उसके बाद तो भैया गए थे न

खुशी- मुश्करती हुई हाँ लेकिन वो नही हुआ था..

राहुल- मतलब भैया खाली हाथ लौट आये हा हा हा हा

खुशी- खाली हाथ क्यों और भी सुविधा है देवर जी

राहुल- हा हा हा हा

खुशी-चाय की कप देते हुए बोलती है लीजिए देवर जी चाय ..


राहुल अपनी भाभी की हाथों से चाय की कप लेते हुए मजाकिया अंदाज में बोलता है भाभी से

भाभी ये गर्म चाय में उंगली डाल दूँ तो वो उतनी गर्म नहीं होगी जितनी आप हो भाभी

खुशी- थोड़ी लजाते हुए बोलती है इतनी भी नहीं हूँ

राहुल-क्या इतनी भी नहीं हूं भाभी

खुशी- सेक्सी अदा से बोलती है " इतनी भी गर्म नहीं हूँ देवर जी जितनी आप समझ रहे हो"

राहुल- भाभी आपको इस बात का पता नहीं है क्यों कि अपनी लोहा की गर्मी का पता तो तब चलती है....हा हा हा हा

खुशी- बोलिये देवर जी कब चलती है

राहुल- चाय की चुस्की लेते हुए बिल्कुल खुशी भाभी के कान के पास बोलता है- जब अपने से ज्यादा गर्म लोहा से स्पर्स होती है...

खुशी भाभी- ही ही ही समझ रही हूँ मेरी देवरानी की हालत खराब होने वाली है

राहुल- वो तो बाद कि बात है मुझे तो लग रहा है कि आज भैया की आप बोटी बोटी नोच लीजिएगा हा हा हा हा...

इतना बोल के राहुल किचेन से निकल जाता है और चाय की शिप लेते हुए बबली की रूम में जाता है...

बबली राहुल को देखते हुए बोलती है

बबली- तो आ गए महानुभाव फ्रेश हो के

राहुल- मुश्कराते हुए बस जी बोलता है

बबली- तो फिर टिकट बनाने की कृपा की जाय

राहुल अपने पॉकेट से मोबाईल निकलता है

बबली- चाय तो पी लो पहले भाई

राहुल बबली की बेड पे बैठ जाता है बबली बलंकेट के अंदर लेटी हुई थी और सामने किताब खुली हुई थी...


राहुल- ओह बबली भाभी की बनाई हुई चाय में वो मज़्ज़ा नहीं है

बबली- अच्छा फिर किसकी बनाई हुई चाय मेरे भाई को सबसे अच्छी लगती है

राहुल- गेस करो?

बबली- भाभी की अच्छी लगती नहीं है तो फिर माँ के हाथों की लगती होगी...


राहुल- गलत

बबली- फिर

राहुल- अपनी एक हाथ बबली की शिर में रखते हुए बोलता है मेरी छोटकी की हाथों का

बबली- क्या सच मे भाई

राहुल- हाँ बबली सच्ची

बबली- ये तो मेरे भाई का प्यार है अपनी बहन पे

राहुल- जब बहन इतनी प्यारी हो तो भाई का तो फ़र्ज़ बनाता है ना उसे प्यार दे छोटकी

बबली- मेरे भाई तो लाखों में एक है

राहुल- और मेरी बहना करोड़ो में एक


राहुल अपनी मोबाइल में irctc खोलता है और 28 के डेट में सर्च करता है

राहुल- बबली स्लीपर क्लास और थर्ड टियर में तो बहुत वेटिंग है

बबली- और ट्रैन होगी न उसमे देखो न

राहुल- सारी ट्रैन का वही हाल है

बबली- फिर

राहुल- सेकंड टायर में है खाली ,लेकिन बबली टिकट बहुत मंगही है..

बबली- कितनी मंगही है

राहुल- मुस्कराता हुआ बोलता है मैं तो कभी एग्जाम देने स्लीपर से या फिर जेनरल से गया और अपनी स्क्रीन देखते हुए और यहाँ तो...

बबली- लेकिन इस बार तो आपकी प्यारी बहन जा रही है वो भी पहली बार एग्जाम देने...

राहुल- धीरे से बबली की कानो में ये बात पिता श्री से कहो न छोटकी वही पे करेंगे मैं नहीं

इस बातों पे दोनों जोर से ठहाका लगते हैं

बबली- तुम हिं जाओ न भाई

राहुल- हा हा हा हा मैं नहीं जाने वाला कहाँ जेनरल बॉगी में यात्रा करने वाला न बाबा मैं नहीं तुम हिं जाओ छोटकी

बबली- ओके अभी आती हूँ पापा को बोल के लेकिन बताया कहाँ

राहुल- बस टिकट की हिं खर्चे नहीं वहां 7 दिन रहने भी होंगे फिर खाना पीना बहुत ख़र्चा है मैडम

बबली- बताओगे भी तब न

राहुल- हँसता हुआ तुम एक एग्जाम में पापा की एकाउंट खाली कर दोगे

बबली- है मिस्टर मैं हिं नहीं तुम भी एग्जाम देने जा रहे हो और अपनी एक आँख मारते हुए बबली बोलती है राहुल से की पापा इतना जो एकाउंट गरम किये हैं कब काम आएगी

राहुल- फिर तो तू पहले जाओ और 30-35 K मेरे एकाउंट में ट्रांसफर करवा लाओ

बबली- बस अभी आई पापा से मिल के

बबली पापा के रूम में जाती है पापा आफिस के लिए रेडी हो रहे थे..

बबली- गुड मॉर्निंग पापा

शंकर- गुड मॉर्निंग बेटा

बबली- पापा टिकट बनवानी है पैसा चाहिए था

शंकर- कितनी चाहिए बेटा..

बबली- मोबाइल की स्क्रीन दिखाती है

शंकर- देख के मुश्कराता है

बबली- पापा क्यों मुश्करा रहे हैं

शंकर - नहीं बस ऐसे हिं

बबली- आपको मेरी कसम पापा बोलिये न प्लीज् क्यों मुश्करा दिए

शंकर- ओह कसम क्यों दे दी बेटी अब तो बोलना हिं पड़ेगा न

बबली- बोलिये न

शंकर- बेटा जितनी तुम टिकट की दाम दिखा रही हो उसमे तो राहुल 5 एग्जाम दे के आ जाय

बबली- हा हा हा लेकिन इस बार आपकी बिटिया दे रही है ना वैसे पापा सीट खाली नहीं है इसलिए..

शंकर- कोई नहीं बेटा मैं राहुल के एकाउंट में भेज दे रहा हूँ और जब जाओगी तब ले लेना

बबली- अपने पापा के बांहों में जाती हुई बोलती है थैंक्यू पापा..

शंकर- बस बेटा इसी तरह मन लगा के पढ़ो और अपने साथ साथ मेरी भी नाम रौशन करो

बबली- जी पापा

शंकर- बेटा आफिस के लिए लेट हो रहा हूँ..

बबली- ओक पापा आप अभी हिं भेज दीजिए कहीं ऐसा हो न ये भी सीट फुल हो जाय

शंकर- हाँ भेज देता हूँ

......

बबली अपनी रूम आती है राहुल वही बैठा था बबली राहुल को देखते हुए बोलती है..

बबली- अपनी चुटकी बजाते हुए देखे बच्चू कैसे मीनट में काम हो गया

राहुल- हा हा हा इसलिए तो तुम्हें भेजा ,ऐसे कितना बोली भेजने

बबली- अभी पता नहीं कितनी भेजेंगे लेकिन जाते टाइम और दे देंगे

राहुल - ओके

..इस तरह दोनों में कुछ देर बात होती है

दूसरी तरफ

बिमलेश शुबह 5 बजे हिं बस से निकल गए थे जो अभी अभी पहुंचे थे राकेश जो शहर में रहता था..

बिमलेश अपनी मोबाईल निकाल के टाइम देखता है तो 11:30 हो रहा था साथ मे खुशी की 2 मिस्ड कॉल भी था

बिमलेश खुशी की नंबर डायल करता है

स्टैंड से थोड़ा एकांत में हो जाता है
कुछ रिंग के बाद हिं फ़ोन पे आवाज़ आती है...

खुशी- हेलो

बिमलेश- हाँ

खुशी- क्या जी कहाँ कहाँ रहते हैं फ़ोन का तो कोई रेस्पांस हिं नहीं

बिमलेश- अरे सो गया था बस में जी

खुशी- हँसते हुए अच्छा किये जो सो लिए वैसे रात में तो जगनी हिं पड़ेगी न

बिमलेश- हर वक्त तुम यही सोचती रहती हो क्या

खुशी- वो सब छोड़िये घर कब तक आईयेगा

बिमलेश- अभी बस से उतरा हूँ सोच रहा हूँ जुली से मिल लू पास हिं रहती है

खुशी- वाह वाह क्या बात है बीबी को कौन पूछता है जब बहन हिं बीबी बनने के लिए तैयार है

बिमलेश- अभी बाहर हूँ तुम तो न जाने बस यूं हिं कुछ से कुछ

खुशी- एक बात बताईये न

बिमलेश - वो क्या?

खुशी- बस ननद रानी से मिलने जा रहे हैं या ननद रानी को चोदने क्यों कि अभी तो ननदोई जी भी नहीं होंगे

बिलमेश- धत्त पागल हो गयी हो तुम क्या , आ रहा हूँ तब तुम्हारी खबर लेता हूँ

खुशी- आइये जनाब आपकी स्वागत आज कुछ ज्यादा हिं अच्छी से करूंगी जरा तैयार हो के आईएगा..और बहन की मलाई भी पीते आईएगा ही ही ही ही

बिमलेश- रखता हूँ बाद में करता हूँ..

अपने मन मे कुछ सोच के मुस्करता है और कुछ 10 मिनट पैदल चलने के बाद ...

गेट पे बेल बजाता है

अंदर से एक मधुर आवाज सुनाई परता है

जुली- कौन हैं?


बिमलेश- मैं हूँ जुली

ओह भैया आये हैं और इतने में हिं सरारत उसके मन मे आ जाती है

अंदर से बोलती है अभी आई भैया

और अपनी कमर में हाथ डालती है और पेंटी खोल के बेडरूम में जा के पिल्लों के पास रख देती है...और जल्दी से गेट खोलने चली जाती है..

गेट के खुलते हिं बिमलेश अपनी प्यारी छरहरे बदन वाली खूबसूरत बहन को देख के हिं अंदर हिं अंदर मोहित हो जाता है..

जुली- भैया कब चले थे

जुली की आवाज़ सून के बिमलेश का ध्यान टूटा..

बिमलेश- वो वो 5 बजे चला था

जुली- अच्छा ..

जुली मैन डोर लगाती है और भैया के पीछे पीछे आ जाती है..

बिमलेश अपना बैग वही रखते हुए बाथरूम में टॉयलेट करने के बाद निकलता है..

भैया आप बैठिए मैं चाय लाती हूँ बना के..

बिमलेश बेड पे बैठ जाता है...कुछ देर इधर उधर की बातें सोच रहा था कि उसकी नज़र पिल्लों के बगल में रखी पेंटी पे गया..

उसका मन मे हुआ कि यहां क्यों है , हो सकता है रात से हिं हो ना चाहते हुए भी
अपना हाथ आगे बढ़ा के पेंटी को हाथ मे लिया ओह ये तो गर्म लग रहा है रात में खुली रहती तो ये ठण्डा रहता लेकिन ये तो गर्म है
अपने मन मे क्या मेरे आने के बाद खोली है ओह ये जुली को भी मज़्ज़ा आने लगा है क्या अपनी नज़र गेट पे हिं बनाये हुए था कि कहीं जुली आ न जाय चाय लेके ..

बिमलेश पेंटी को पलटा के अंदर देखता है ठीक बुर वाली जगह पे उजला धब्बा बना था बिमलेश खुद को रोक नही पाया ये सोच के आआआह जुली कुछ देर पहले इसे अपनी चूत से सटा के रखी थी और पेंटी को अपने नाक के पास लेके सूंघने लगा उसे भीनी भीनी खुशबू आने लगा कब बिमलेश की आंखे बंद हो गयी पता हिं नहीं चला

इतने में जुली चाय लेके किचेन से आ रही थी जैसे हिं गेट के पास आई अपने भाई नाक पे लगा के सूंघ रहे अपनी पेंटी पे नज़र परते हिं पूरी बॉडी सिहर गयी गेट से थोड़ा हट गई जुली अपनी एक हाथ अपनी सलवार के ऊपर से हिं अपनी चूत के उपर रगड़ती है आह भैया ...जुली का दिल नही मानता है और एक बार फिर अपनी थोड़ा फेस आगे करते हुए देखती है कि भैया पेंटी को सूंघने के साथ साथ अपनी जीव से चाट भी रहे हैं ये देख के जुली को ऐसा फील हुआ जैसे भैया पेंटी नही मेरी बुर को अपनी जीव से चाट रहे हैं ..

जुली अपने पे कंट्रोल करती है और कैसे जाय अंदर...

जुली फिर किचेन चली जाती है और वहां से बोलती है

जुली- भैया पानी भी पिजियेगा क्या

बिमलेश को जुली की आवाज़ सून के सकपका जाता है और जल्दी से अपनी नाक से पेंटी को हटाते हुए
बोलता है नहीं ...और पेंटी को अपने चड्डी के अंदर रख लेता है

जुली अंदर आती है

जुली- लीजिए भैय्या चाय

बिमलेश- चाय की कप पकड़ता है ..

खड़ी क्यों हो बहन बैठ जाओ

चाय की एक शिप लेते हुए
बहन आज चाय में वो टेस्ट नहीं है

जुली- लेकिन क्यों भैया मैं तो वैसे हिं बनाई

बिमलेश- हाँ , मुझे लग रहा है आज मलाई जो नहीं मिलाई इसलिए वैसा टेस्ट नहीं है

जुली अपने सगे भाई के मुंह से अपनी बुर की मलाई की बात कहते हुए अंदर हिं अंदर शर्मा रही थी अपने मे हिम्मत लाते हुए बोलती है

जुली- भैया हर वक्त मलाई तो नहीं ना रहती है.

बिमलेश- अच्छा ..

जुली-भैया अब आपको मलाई मार के हिं पिलाऊंगी चाय
पता है भैया आपको एक बात

बिमलेश- वो क्या बहन

जुली- की जितनी हिं धीमी लो पे जलती है उतना हिं गाढ़ा और टेस्टी मलाई की टेस्ट होती है

बिमलेश- हाँ बहन मुझे तो वैसा हिं मलाई पसंद है एकदम गाढ़ा वो बहुत टेस्टी होता है...और तुम्हारे हाथों से बनी चाय में जो वो गाढ़ा मलाई मिलाती हो आआआह उसका स्वाद हिं निराला होता है

जुली - चाय पी लिए भैया इतनी जल्दी

बिमलेश- बिना मलाई की चाय पीने में कितनी देर

जुली- हा हा हा भैया आप भी न..

आती हूँ किचेन से घीमी आंच में पकने दे दूंगी ताकि गाढ़ा मलाई बने
कुछ देर के बाद ऐसे हिं किचेन से घूम फिर के आ गयी

वैसे भैय्या जो काम से गए थे वो हो गया न

बिमलेश- हाँ बहन वो काम हो गया..
राकेश कितने बजे निकला आफिस

जुली- वही 9:30 के करीब

बिमलेश- जब मैं आया तो मन हुआ डायरेक्ट आफिस हिं चले जाऊ लेकिन सीट पे बैठ के आया थोड़ा सोचा आराम हिं कर लूं

जुली - अच्छा किये भैया यहां आ गए

लेट जाइये न

बिमलेश- मैं भी सोच रहा हूँ..

और बिमलेश लेट जाता है
तुमको कुछ काम है क्या

जुली - नहीं भैया लंच बना हिं ली हुन मैं तो लेटी हिं थी कि आप आये

बिमलेश- ओहो तो लेट जाओ न तुम भी

बिमलेश थोड़ा खिसक जाता है और जुली भी लेट जाती है ..

बिमलेश- अपने ऊपर तुम भी बलंकेट ले लो

जुली- उधर से थोड़ा खीचिए न

बिमलेश ये लो ...

जुली- आज रुक हिं जाइये न भैया

बिमलेश- आज यदि मैं घर नहीं पहुंचा तो खुशी मेरी जान ले लेगी हा हा

जुली- हा हा हा भाभी 2 दिन भी नहीं रह पाती है

बिमलेश- वो तो तुम्हारी भाभी है तुम जानती होगी न अच्छे से

जुली- मेरी भाभी से पहले आपकी बीबी है आप न जानोगे भैया वो कैसी है और क्या चाहिए उसे हा हा हा

बिमलेश- अच्छा ऐसा क्या वो नहीं रह पाती है

जुली- और आप रह लेते हो भैया

बिमलेश- हँसते हुए हा हा हा अब आदत जो हो गयी है

जुली- हे हे हे मतलब भाभी के साथ भैया भी उसी तरह फिर ये 2 रात कैसे रहे..

बिमलेश- खुशी थी ना

जुली- वो कहाँ थी जो

बिमलेश- चैट में वीडियो कॉल

जुली- हा हा हा वीडियो कॉल पे हिं वाह क्या बात है

बिमलेश- कुछ सुनाओ जुली बहन

जुली-क्या सुनाऊ भैय्या

बिमलेश- कुछ भी सुनाओ

जुली- ओके भैया मैं आपसे पहली पूछती हूँ देखती हूँ आप सही सही बता पाते हो कि नहीं

बिमलेश- ठीक है पूछो

जुली- सरारती अन्दाज़ में पूछती है

वो कौन सी चीज है जो लंबा सा है और जिसे लड़की अपने मुँह में लेकर आगे - पीछे करती है तो थोड़ी देर बाद सफ़ेद - सफ़ेद निकलता है।

बताओ भैया वो कौन सी चीज है

बिमलेश- अपनी बहन के मुंह से ऐसी बात सुनते हिं समझ गया लंड होगा लेकिन बोले कैसे

कुछ देर ऐसे सोचने का नाटक करते हुए मुझे ध्यान नहीं आ रहा है बहन

जुली- हार मान लिए पहले हिं भैया

बिमलेश- हाँ बहन

जुली- धत्त भैय्या बहुत हिं इजी था टूथ ब्रश

बिमलेश- हा हा हा

जुली- और पूछती हूँ बताइए

"लड़का करते करते थक जाता है और लड़की कहती है और करो बड़ा मजा आ रहा है"

बिमलेश- अपने मन मे ओह जुली तो डबल मीनिंग हिं पूछ रही है कैसे बोलू किसे चुदाई सोचने का नाटक करते ...

जुली- क्या भैय्या कितना देर सोचते रहियेगा आपको भाभी भी तो बोलती होगी न ऐसा फिर भी आप नहीं बता पा रहे हैं

बिमलेश- अब ऐसी पहेली का आंसर अपने बहन को किसे दूँ

जुली- मतलब आप वही सोच लिए ...ही ही इसका आंसर होगा शॉपिंग

बिमलेश- तुम भी न..ऐसे मज़्ज़ा आ रहा है और पूछो( बलंकेट के अंदर अपनी बहन की बातों का असर सीधे लंड पे कर रहा था उसके ऊपर अपनी बहन की पेंटी का असर )

जुली- कुछ सोचते हुए हाँ ये वाला बताइए तो

बिमलेश - पूछो

जुली- अक्सर कुछ लड़किया शादी के बाद अपने अपने पति का चाटती रहती है? बताओ भैय्या

बिमलेश- सच मे बता दूँ

जुली- हाँ

बिमलेश- दिमाग चाटती है

जुली- वाह क्या बात है , वैसे आपके दिमाग मे पहले क्या आया

बिमलेश- वो तो तुम भी जानती हो सादी सुदा तो तुम भी हो न

जुली- हे है

बिमलेश- वैसे इसका आंसर तुम देती तो तुम्हारे दिमाग मे पहले क्या आता है

जुली- बोल दूँ भाई

बिमलेश- हाँ बहन

जुली- बिमलेश के कान के पास बोलती है धीरे से लोढ़ा

बिमलेश- वाह देसी स्टाइल में आगे पूछो और

जुली- पुरूष की उस चीज का नाम बताओ जिस पर स्त्रियाँ अक्सर बैठती हैं? सोचो सोचो भैया कौन सी चीज है

बिमलेश- हा हा हा खुशी से पूछ लो

जुली- क्या भैया सब मे गंदी हिं सोचते हो

बिमलेश- तो क्या सोचू बहन जब सवाल हिं ऐसी है

जुली- क्या भैया बाइक पे भी तो बैठती है ना

बिमलेश- हा हा कितना आसान था लेकिन दिमाग मे पहले वही आता है

जुली- ही ही ही आप हो हिं ऐसे ( अपनी एक हाथ से बलंकेट के अंदर सलवार में डाल के अपनी बुर सहलाने लगती है और मज़्ज़ा बहुत आ रहा था जुली को अपनी भाई से ऐसी पहले पूछने में)

बिमलेश- क्या सोच रही हो बहन

जुली- अपने मन मे बना रही हूँ पहेली

बिमलेश- ओक बनाओ

जुली- बताइये भैया..
उस अंडाकार चीज़ का नाम बताईये जो चारो तरफ से बालो से घिरा होता है और उसका नाम C से शुरु होता है और T से ख़तम होता है और उसके अंदर सफ़ेद पानी भरा होता है

बिमलेश- अपनी बहन की मुंह से ऐसी बात सुन के मचल सा गया जुली की नज़र में नज़र डालते हुए बोला बता दूं बहन

जुली- मुश्करती हुई हाँ भैया

बिमलेश- अपना मुंह बिल्कुल जुली के कान के पास लेजाकर धीरे से बोलता है CHUT

जुली- धत्त गंदे भैया मुझे पता था आप यही बोलोगे

बिमलेश- यही तो होगा

जुली- मुश्कराते हुए COCONUT होगा भैया हा हा हा हा

बिमलेश- धत्त साला फिर गलत हो गया

जुली- अबकी बार बताइये भैया
वो क्या है जो अंदर जाते वक्त गुलाबी और कठोर होता है लेकिन बाहर आने पर मुलायम और चिपचिपा हो जाता है

बिमलेश- हा हा हा बबलगम

जुली- ही ही ही मुझे लगा फिर इस बार वही बोलोगे लेकिन आपके दिमाग मे पहले तो वही आई होगी

बिमलेश- हा हा सब तो तुम समझती हिं हो

जुली- ओके ये लास्ट है बात दीजिए
ऐसा क्या चीज़ है जिसे औरत या लड़किया मसल मसल के थूक लगा के घिस्ती है तब अंदर घुसता है

बिमलेश- इसका आंसर तो खुशी हिं देगी

जुली- को एक सरारत सूझती है अपने फ़ोन निकाल के खुशी भाभी को कॉल करती है लाउड स्पीकर ऑन कर देती है

खुशी- हेलो

जुली- प्रणाम भाभी

खुशी- खुश रहिये ,उस दिन जाने के बाद आज भाभी की याद आई

जुली- नहीं भाभी वो तो बस यूं हिं

खुशी- आपके भैया वहाँ पहुंचे

जुली- भैया को चुप रहने का इशारा करते हैं हाँ भाभी आये थे कोई दोस्त से मिलने बाहर गए हैं

खुशी- ओहो तब बताइये कुछ

जुली- भाभी एक दोस्त मेरे से एक पहले पूछी है आपको पता है

खुशी- पूछियेगा तब तो

जुली- ऐसा क्या चीज़ है जिसे औरत या लड़किया मसल मसल के थूक लगा के घिस्ती है तब अंदर घुसता है

खुशी- आपके भैया का लंड

जुली- आपसे यही उम्मीद थी

खुशी- जब ननद ऐसी क्वेश्चन पूछेगी तो आंसर क्या दूँ आपके भैया तो यही डाले थे हा हा हा

जुली- भाभी वो भैया का ल... नहीं बल्कि सूइ में धागा भी डाला जाता है ऐसे

खुशी- हा हा हा लेकिन मैं तो सूइ में धागा बहुत कम बार डाली हुन और वो ज्यादा तो क्या बोलू...

बिमलेश अपनी कान में उंगली डाल लेता है ताकि मैं नहीं सुन रहा हूँ (लेकिन वो बहुत धीरे से उंगली डाले रहता है)

जुली- भैया को आज यही रोक लेती हूं रात में मटन की पार्टी चलेगी

खुशी- अच्छा मटन खाने के बाद तो मेरी ननद रानी अपनी पिछवाड़ा खुलवाती है क्या भैया को रोक के रखोगी अपनी छेदा खुलवाने

बिमलेश का लौड़ा ये बात सुन के पूरा टाइट हो गया अपनी बीबी के मुंह से सुन के वो भी बहन की गाँड़ में लौड़ा डालने वाली बात वो भी बहन के सामने

जुली भाभी की मुंह से ऐसी बात सुन के शर्मा गयी लाउड स्पीकर मोबाइल की ऑफ कर देती है

जुली- क्या भाभी आपको 2 दिन भी बर्दाश्त नहीं होती है

खुशी- बिल्कुल नहीं ननद रानी डैली खाती है लोढ़ा उनको क्या पता ...

जुली- अच्छा अच्छा नहीं रोकूंगी हीहीहीही आगे पीछे सब ठोकवा लीजिएगा हा हा हा..

रखती हूँ भाभी भैया आ गए लगता है

फोन कट हो जाता है..

जुली- मुश्कराती हुई बोली भैया आपको आज भाभी छोड़ने वाली नहीं है

बिमलेश- मैं बोला था न पहले ही

जुली- आपको भाभी की गर्मी का पता चल जाता है

बिमलेश- हाँ उनका सेवा जो करता हूँ

जुली- अपनी बुर रगड़ती हुई मन में सोचती है आआआह इसकी भी सेवा कीजिये न भैया ..
बोलती है
भैया आपको मेरी कसम है इस तरह खबर लीजिएगा भाभी को की उठ न पाए आज मुझे भाभी चिढाई है

थोड़ा आगे सरकते हुए बिमलेश बिल्कुल जुली से सट जाता है और जुली भी थोड़ा खिसक जाती है ऐसा लग रहा था दोनों एक दूसरे की बांहों में हैं
बिमलेश अपना हाथ आगे बढ़ा के जुली को बांहों को टाइट से पकड़ता है और बोलता है

मेरी बहन को चिढाई है ना बहन की सिर की कसम आज की रात उसे इस तरह खबर लूंगा की दोपहर के 12 बजे से पहले उठ न पाय...

जुली को अपनी बांहों में लेने से बिमलेश का खड़ा लौड़ा सीधे जुली की बुर पे ठोकर मार रहा था जुली को समझते देर नही लगी कि ये क्या है अपने भाई के लौड़ा का ठोकर अपनी चुत पे लगने से बुर पूरी तरह पनिया गयी अपनी बुर की दबाब लौड़ा के देती हुई बोलती है

जुली- हाँ भैया 12 बजे से पहले बिल्कुल नहीं

बिमलेश- हाँ बहन

जुली- भैया किचेन में धीमी आज पे मलाई तैयार हो गयी होगी

बिमलेश- लाओ बहना मलाई धीमी आज की मलाई तो बहुत मज़्ज़ा आएगी

जुली बलंकेट में से निकलती है और किचेन में जा के एक कप हाथ मे लेती है और अपनी बुर के पास लगा देती है बुर तो रस से भरी हुई हिं थी उसे ये एहसास होते हैं हिं अपनी रस आज भैया को बिना किसी चीज में मिलाएं खिलाऊंगी ये सोचते हैं अपनी बुर को 2 बार सहलाती है कि फोहारा की तरह बुर से रस कप में जमा कर लेती है अपनी सलवार ठीक करती हुई कप लेके आ जाती है

भैया लीजिए मलाई बिल्कुल धीमी आज में सेकी हूँ तब जाके इतनी गाढ़ा मलाई बानी है

बिमलेश बलंकेट के अंदर हिं अपने लंड पे पेंटी चढ़ा देता है और बाहर निकलता है

जुली की नज़र बिल्कुम पेंट पे हिं टिकी थी जो बिल्कुल तंबू बना हुआ था..

बिमलेश- लाओ बहना इतना देर से मलाई बनने का इंतजार कर रहा था मैं..

जुली- लीजिए भैया पी लीजिए अपनी बहन के हाथों बनाई हुई मलाई

बिमलेश- कप के अंदर देखता है जो आधी कप भरा हुआ था मन हिं मन कल्पना करने लगा कि जुली कितनी गरमाई हुई माल है आआआह और कप अपने मुंह मे लगते हुए आधा मलाई अपने मुंह मे भर लेता है और मुंह खोल के जुली को दिखता है

इशारा से पूछता है बहन गाढा मलाई है ना
जुली बोलती है- हाँ बहुत

अपने भैया के मुंह मे अपनी बुर रस को देखती हुई एक बार बुर फिर गरमा गयी..

बिमलेश जैसे हिं मलाई को पीता है कि लंड एक पे एक पिचकारी पेंट के अंदर जुली कि पेंटी पे छोड़ने लगता है , बिमलेश की आंखे बंद हो जाती है और मुंह से आआआह बहन कितनी मस्त मलाई है आआआह बहन आआआह जुली बहन बहुत मस्त मलाई है साथ मे कप से मलाई भी पीता है

जुली अपने भैया को ऐसे देख समझते देर नही लगी कि भैया का लौड़ा रस छोड़ रहा है आआआह भैया कैसा लग रहा है अपनी बहन के नाम की मुठ निकाल कर आआआह अपनी हिं बहन की पेंटी में

जुली किचेन की और चल जाती है अपनी बुर एक बार फिर से रगड़ती हुई

बिमलेश का पूरा लंड से पानी निकालने के बाद खुद को रिलैक्स फील करता है और गेट तरफ हिं देखते हुए धीरे से अंदर हाथ डाल के पेंटी निकाल देता है पेंटी पूरी लंड रस से भींग गया था उसे वही पिल्लों के पास रख देता है ...

कुछ देर आराम करने के बाद बिमलेश बोलता है
बहन जा रहा हूँ कुछ जरूरी काम भी है

जुली- मस्का मरते हुए लेकिन भैया अपने यहां तो रात से पहले कोई जुगाड़ नहीं

बिमलेश- हा हा हा वो बात तो है लेकिन ये सच मे एक काम था

जुली- आपको बेस्ट ऑफ लक भैया कल दोपहर तक सुलाते हुए रखने के लिए

बिमलेश- जब मेरी प्यारी बहन आशीर्वाद दे दी है तो काम पूरा तो होगा हिं ऐसे मुझे लगता है आज राकेश भी बचने वाला नहीं है..

जुली- सही पकड़े भैया कहीं गेट के पास हिं न आपके दोस्त की पेंट न उतर जाय


बिमलेश - हा हा हा हा मेरा दोस्त बहुत लकी है हा हा हा

जुली- मन मे हिं भैया आप भी बहुत लकी हो

जुली- आते रहियेगा भैय्या


विमेलश-हाँ बहन बिल्कुल

और घर के लिए निकल जाते हैं बिमलेश

बिमलेश के जाते हैं गेट लॉक करती है और अपनी पूरी कपड़ा खोल के नंगी हो जाती है बेड रूम में बलंकेट हटा के इधर उधर ढूंढती है फिर पिल्लों के पास नज़र आती है उसके वो काली पेंटी जैसे हिं पेंटी हाथ मे लेती है पूरी तरह से चिपचिप और जैसे हिं खोलती है पूरा गाढ़ा सपेद माल से भरा हुआ


जुली अपने मे बुदबदाती है आह बहिया अपनी मलाई तो आपको इतना बार खिलाई आआआह आज आपकी मलाई चखने को मिलेगी आआआह भैया आपका इतना ज्यादा मलाई निकलती है एक हाथ से पेंटी को मुंह के पास रखते हुए थोड़ा रस जुली चाट लेती है आआह भैया क्या टेस्ट है आआआह और एक हाथ से अपनी बुर सहलाती हुई बोलती है आआआह भैया ये सारी रस आप जब मेरी बुर में डाल के गाभिन कर के अपना सपना पूरा करोगे आआआह भैया उस दिन का इंतजार रहेगा...
Great update.
 

Premkumar65

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अपडेट नंबर 30 मे 29 नंबर अपडेट है....इसलिए अब....

अपडेट 31...


आपने पढ़ा

गेट लगाती हुई ख़ुशी सीढ़ी से ऊपर जाती है अंदर जाते हुए गेट लॉक करती हैँ

बिमलेश - आज बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था तो आज हीं लेट करनी थी क्या

ख़ुशी - मुश्कारती हुई किचन कि काम निपटाती तब ना जी

आगे...

ख़ुशी - ऐसे आज बहुत बेचैन हो जी कुछ बात है क्या...

बिमलेश - बेड से निचे उतरते हुए बोलता है एक तो मै पहले से हीं फुल मूड मे हूं ऊपर से विग्रा उसके बाद मटन कि गर्मी...

ख़ुशी - ओह्ह गॉड! इतनी सारी गर्मी एक साथ फिर तो मेरे सांइय्या फुर्सत के साथ चोदियेगा ना मेरी कमसिन बुर को...

बिमलेश - हाँ मेरी रानी पूरी फुरसत के साथ चोदुँगा आज....

बात करते करते हीं ख़ुशी अपनी साडी पेटीकोट खोल देती है पेंटी और ब्रा मे सेक्सी अंदाज़ मे खड़ी थी...

इसी अंदाज़ मे ख़ुशी अपनी हाथ पेंटी के ऊपर ले जाती है और बड़ी हीं कतीलाना अंदाज़ मे फिंगर को अपनी बुर मे दबा देती है



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पहले से नंगे बिमलेश से बर्दास्त नहीं होता है वो बेड से उठता है और ख़ुशी कि ब्रा और पेंटी खोल देता है

बिमलेश - आआह जान आज बहुत सेक्सी लग रही हो

ख़ुशी - ओह्ह राजा मै बस अभी सेक्सी लग रही हूं क्या.....

बिमलेश - नहीं मेरी सेक्सी बोम्ब ऐसी अदा मे यदि राकेश देख लेगा तो बिना कुछ किया कहीं उसका पानी ना निकाल जाय.....


ख़ुशी कि नेवल पर किस करते हुए बोलता है....


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ख़ुशी - लेकिन ननद रानी तो बता रही थी ननदोई बहुत हीं हचक हचक के चोदता. है उसे...

बिमलेस- हाँ लेकिन मेरी बोम्ब तो लाखो मे एक है उसे सम्भलाना आसाना बात नहीं हैँ

बिमलेश वही बैठ के अपना जीभ खूसी कि बुर से सटा देता है

ख़ुशी भी धीरे धीरे गर्म रही थी ख़ुशी खड़े खड़े हीं अपनी बुर चटवा रही थी और अपनी एक हाथ बिमलेश के सर पे रख के दबा रही थी...



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ख़ुशी सिसकते हुए आआह मेरी जान कितना अच्छा लग रहा है आआआह

कुछ इसी तरह ख़ुशी अपना बुर चटवा रही थी फिर बिमलेश और ख़ुशी बेड पे चली जाती है...

बिमलेश लेट जाता है और ख़ुशी दोनों पैर के बिच मे बैठ कर डॉगी पोज़. मे लंड चूस रही थी...

बिमलेश का लोड़ा भी फुल टाइट था आपने हाथ से पकड़े हुए था और ख़ुशी बिमलेश के लोड़ा के जीभ से निचे के ऊपर कूदेर रहा था....



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इसी तरह लंड और बुर कि चूसाई चलता रहा

ख़ुशी बोलती है - आह राजा आज लोड़ा कुछ ज्यादा हीं गरम. है....

बिमलेश - आज अपनी प्यारी बीबी कि जम के चुदाई जो करनी है....

ख़ुशी छेरते हुए...

ख़ुशी - सैय्या जी मुझे तो बैडरूम. मे भी चोद सकते थे ना आज ननद के रूम मे कैसे....


बिमलेश - आह खुशी जान बुझ के छेर रही हो सब कुछ जानते हुए भी....


ख़ुशी - बिमलेश के टोपा को चूसते हुए अच्छा...आपको क्या ज्यादा एक्ससाईंटेड कर रहा है अपनी दोस्त कि बीबी चोदने मे या अपनी बहन को चोदने मे

बिमलेश - यदि वो मेरी बहन नहीं होती तो उसे अभी तक चोद चोद के 2 बच्चा पैदा कर दिया होता 😂😂

ख़ुशी - फिर तो आपके दोस्त भी आपकी बीबी को चोद चोद के बच्चा कि लाइन लगा देता ना


बिमलेश - हां ये बात तो है लेकिन ये सब जुली जो आ बिच मे इसलिए हुआ ना

ख़ुशी - लेकिन आप तो और ज्यादा खुश लग रहे हो बहनचोदने कि ख़ुशी मे......


बिमलेश - अब बर्दास्त नहीं हो रहा है ख़ुशी आआह

ख़ुशी, बिमलेश के कान को अपनी दांत से थोड़ा चाबाती. है और बोलती है दिल से जुली को चोद रहे हो और ऊपर ऊपर मेरी नाम ले रहे हो...

बिमलेश - आआआआआआह तुम्हारी यही सेक्सी अदा मेरी जान ले लेती है. आआआह तुम्हें ये बात पहले बता देता तो कितना मज़्ज़ा देती

ख़ुशी - क्यों नहीं बातये फिर...

बीमलेश - डरता था इतनी अच्छी खासी बीबी मिली कहीं गुस्सा कर गयी तो.....

ख़ुशी - गुस्सा हो मेरे दुशमन इतनी अच्छे पति जिसे मिले वो क्यों गुस्सा होंगी....

बिमलेश - हाँ ये बात तो है लेकिन जान इतनी चुदासी कैसे हो गयी..

ख़ुशी - आप हीं तो चोद चोद के चुदासी बनाये हैँ हर लड़की के माँ बाप इसलिए तो सेटल लड़का ढूंढ़ते है जिसको कोई टेंशन नहीं और पूरी मेहनत से अपनी बीबी को चोद सके....😍😂

बिमलेश - वाह मेरी चुदासी बीबी कि कॉन्सेप्ट बहुत अच्छी है....

आह अब ले लो अपनी बुर मे जान

ख़ुशी डॉजी पोज़ मे आ जाती है और पीछे से बिमलेश अपना लोड़ा ख़ुशी कि बुर के ऊपर रखता है



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ख़ुशी, बिमलेश को खुश करने के लिए जुली का रोल. करने लगती है...

ख़ुशी - भैया आपको डॉजी पोज़ बहुत पसंद है

बिमलेश - हाँ बहन इस पोज़ मे पूरा लोड़ा अंदर जाता है

ख़ुशी - हाँ भैया अब चोदिए. ना अपनी बहन को क्यों तरपा रहे हैँ...



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बिमलेश - अपने मन मे आह मेरी प्यारी बहन आआआआह मै बता नहीं सकता आआह कितनी मस्त मलाई कि टेस्ट थी...यही सोचते हुए इतनी जोर से धक्का मरता है कि ख़ुशी उसके लिए तैयार नहीं थी...

ख़ुशी आआआआआह करते हुए आगे कि और झुक जाती है और बिमलेश का आधा से ज्यादा लोड़ा ख़ुशी कि बुर मे चला गया था



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ख़ुशी - आआआआआआह भैया आआआह भला कोई ऐसे धक्का मरता है क्या

बिमलेश - क्या करू बहना ऐसी कमसिन बुर देख के कौन खुद पे काबू रख सकता है...

ख़ुशी - आआआह भैया निचे तकिया लगा दो ना तब बेहरमी से चोदना. आआह आज मै भी खुल के चुदवाना. चाहती हूं


बिमलेश, ख़ुशी के निचे एक तकिया सेट कर देता है




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और पूरी रफ़्तार से चोदना शुरू कर दिया

ख़ुशी - आआआआआह मेरे राजा भैय्या यही चुदाई तो पसंद है आआआआह आआआआह इस...लि...ए तो भै.....या को वि....ग्रा खिलाई आआआआआह रा जा

बिमलेश - आह लो बहना ये लो आआआआह कितना मज़्ज़ा आ रहा है चोदने मे आह

ख़ुशी - आआह भैया आआआह और जोर से चोदो. ना विग्रआ खाने के बाद भी....आआह और जोर से


कुछ देर तक इसी पोज़ मे चुदाई चली

फिर ख़ुशी बोली -ओह्ह्ह भैया आप थक गए हो मै चोदुँगी. आपको अब

बिमलेश निचे लेट जाता है और खुशी उसके ऊपर अपनी बुर मे लोड़ा सेट कर के उछलने लगती है...



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ख़ुशी - बिमलेश कि आँखों ही आँखों मे इशारा कर के पूछती है कैसा लग रहा है भैया...


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बिमलेश - आआआह बहन आआआह बहुत अच्छा लग रहा है


फिर ख़ुशी घूम जाती है अपनी बुर मे लंड लिए हीं



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कुछ देर इसी पोज़ मे उछलती है बिच बिच मे बिमलेश भी निचे से धक्का लगाता है

और अपनी हाथ से अपनी दोनों चूची को दबाते हुए मज़्ज़ा लेती है कि


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ख़ुशी - आआह भैया आआआह बहुत मज़्ज़ा आ रहा है...


अचानक बिमलेश अपना लंड ख़ुशी कि बुर से निकाल लेता है



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बोलता है - आआह आआह मेरा निकालने वाला है

ख़ुशी (अपनी मन मे आहहह मेरी तो अधूरी हीं रह गयी फिर भी मुस्करा रही थी )

लंड पर से निचे उतर जाती है और बिमलेश के लोड़ा पे अपना जीभ लगाती है कि लंड से माल निकलने लगता है




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कुछ देर इसी तरह बिमलेश के लंड चुस्ती है...


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बिमलेश - डार्लिंग कैसी लगी चुदाई

ख़ुशी - बिमलेश का मन रखती हुई बहुत हीं अच्छी थी...

लेकिन ख़ुशी का मन और था चुदने कि लेकिन वो चाह के भी कुछ नहीं कर सकती थी...

सुबह 4 बजे उसी बेड पे एक राउंड और दमदार चुदाई हुई इस चुदाई मे ख़ुशी के कमड मे मोच आ गयी..

हुआ ये कि ख़ुशी दोनों पैर बेड के निचे और अपनी हाथ बेड पे रख के झुकी हुई थी और बिमलेश के झारते टाइम ख़ुशी अपनी कमार जल्दी से पीछे कि और कि ताकि रस अंदर ना जाय रस तो अंदर नहीं गयी लेकिन अनबालेंस. होने कि वजह से बहुत मोच आ गयी बिमलेश अपनी गोदी मे लेकर निचे बैडरूम मे सुला दिया और खुद सो गया....


मॉर्निंग 7 बजे ख़ुशी लेटे लेटे हीं बबली को कॉल करती है

रिंग बजते हीं बबली अपनी आँख मसलते. हुए स्क्रीन देखती है तो भाभी कि कॉल

बबली - हाँ भाभी

ख़ुशी - सोइ हो

बबली - अभी जगी हूं फ़ोन से

ख़ुशी - भैया के लिए चाय नास्ता बना दो ना आज मेरी तबियत अच्छी नहीं है

बबली - ओह्ह क्या हुआ भाभी आपको आप ठीक तो हैँ ना

ख़ुशी - वो कमर मे मोच आ गयी है

बबली - कोई नहीं आप रेस्ट कीजिये मै कर देती हूं

कॉल कट हो जाती है और बबली लेट से सोने कि वजह से नींद पूरी नहीं हुई और खुद से बुदबदाती हुई बोलती है कस के सर्विसिंग किये होंगे भैया ये...
और मुस्कराती हुई 🥰रूम से बाहर निकलती है...


किसी कि भी गेट नहीं खुली थी...

बाथरूम मे बबली मन मे भाभी को तो मोच आ गयी और ये मम्मी पापा भी इतना लेट से जागते हैँ.....

उधर कमरे मे

बिमलेश - ख़ुशी कि चूची को मसलता है

ख़ुशी - नाराज होते हुए ये तो हुआ नहीं कि बीबी कि तबियत खराब है खुद से चाय नास्ता बना लूँ..और जबकि आता भी है

बिमलेश - ओह्ह डार्लिंग नाराज हो गयी घर मे बस तुम रहती तो मै हर दिन करता लेकिन मै राहुल बबलि सबको आपने हाथ से चाय दूँ ये शोभा नहीं देता और सिर्फ तुम्हें भी तो नहीं दे सकता

ख़ुशी - हाँ सफाई देना कोई आपसे सीखे....

बिमलेश - वो सब छोड़ो देखो कैसे डंडा खरा है

ख़ुशी - बिलकुल भी नहीं अभी मै हिल भी नहीं सकती...

बिमलेश - फिर कैसे शांत करू

खुशी - मजाकिया अंदाज़ मे जाओ किचन मे बबली अकेली होंगी पीछे से डाल देना पूरी गटक जाएगी 😄🤣

बिमलेश - धत्त बेशर्म खुछ भी बोल देती हो...

ख़ुशी - जब बड़ी बहन को चोद के बच्चा देने के लिए तैयार है तो बबली को तो सिर्फ चोदनी. है 😄🤣

बिमलेश - सुबह सुबह मटरगस्ती कर रही हो तबियत ठीक रहती तो ऐसे हुमच. के चोदता कि


ख़ुशी - ओह्ह्ह बड़ा आया चोदने......ऐसे जब से ये बात मेरे से शेयर किये हो आपका लोड़ा खड़ा. हीं रहता है क्या जादू कर दि जुली

बिमलेश - आआह जुली का नाम ना लो ऐसे हीं मूड मे हूँ चढ़ जाऊंगा......


ख़ुशी - ना बाबा ना मुझे अभी नहीं चुदवानी. है

बिमलेश - अच्छा फिर जुली जो गाढ़ा. मलाई खिलाई वही खिला दो ना

ख़ुशी - मस्का मारते हुए अच्छा गाढ़ा मलाई आपकी बहन कि बुर से निकलती है आपकी बीबी के बुर से नहीं

बिमलेश - जब तक उसकी मिल नहीं जाती तब तक के लिए ये बहन कि हीं बुर है मेरे लिए


ख़ुशी - आआआह कितने बड़ा बहिनचोद हैँ आप..कहीं इसलिए तो नहीं बहन कि सादी दोस्त से करवा दिए 🤣🤣🤣🤣🤣

बिमलेश -🤣🤣🤣🤣🤣🤣

ख़ुशी - चाट. लो मेरे शोना भैया चाट लो अपनी बहन कि बुर और पी जाओ गाढ़ा मलाई

बिमलेश - ये हुई ना बात.....




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करीब 10 मिनट.बिमलेश मेहनत किया ख़ुशी के बुर पे फिर भी ख़ुशी के बुर से मलाई नहीं निकली...

बिमलेश - आह आआह आआआह मै गया आआआह मै गया पेंट पे हीं निकाल गया मेरा

ख़ुशी -हो गए शांत अब खुश ( बहन चोदने के चक्कर मे मुझे गरम. कर छोड़ देते हैँ )

बिमलेश - आआह बहुत मज़्ज़ा आया लेकिन बुर से मलाई निकलती तब बहुत मज़्ज़ा आता...मेरी चड्डी भी गन्दी हो गयी...

ख़ुशी - कोई नहीं...खोल के रख दीजिये
वैसे मेरी जो ये हाल हुई है क्या बोलूंगी कैसे हुई...

बिमलेश - बोल देना चुदवाते चुदवाते हो गयी...

ख़ुशी - बड़ा आया चोदने वाला अब आपको 2 विग्रआ दूंगी तब चुदवाउंगी.....


बिमलेश - ओके मेरी जान.

इसी तरह चाय नास्ता करने के बाद ऑफिस के लिए निकाल जाता है

ऑफिस निकालने से पहले


बिमलेश पैनकिलर दे देता है...

ख़ुशी -🥰 हुई 💊 निगल जाती है..


उसके बाद बबली कमरे मे आती है

बबली - कैसी हो भाभी

ख़ुशी - अच्छी हूं..

बबली - थोड़ा गर्म पानी लाई हूं सेक लगा लीजिये...

ख़ुशी - मुश्कराती. हुई भाभी कि इतनी सेवा

बबली - क्यों नहीं भाभी कोई दुख देता है तो किसी को तो उसका निपटारा करनी चाहिए

ख़ुशी - वाह मारने वाला भी इलाज करने वाला भी

बबली - सही पकड़ी भाभी जी सारी व्यवस्था है...

इसी तरह.. बबली सेक लगा देती है और भाभी को लेते रहने को बोल किचन मे चली जाती है...

उधर राहुल जागने के बाद फ्रेश हो के किचन कि और जाता है
राहुल -आते हीं गुड मॉर्निंग भाभी
लेकिन वहाँ भाभी नहीं थी बबली थी...

बबली कुछ भी रिप्लाई नहीं देती है..

राहुल - ओह्ह बाबा इतनी छोटी बात पे गुस्सा करोगी तो हो गया...

फिर भी बबली कुछ नहीं बोलती है..

राहुल खुद से चाय कि बर्तन उठाता. है लेकिन ओस बार बबली राहुल के हाथ से केन ले लेती हैँ कुछ देर के लिए दोनों एक दूसरे के आँखों मे देखता है...

बबली - कितना गुस्सा कर लूँ लेकिन...

राहुल - लेकिन क्या..
बबली कि हाथ दबाते हुए बोलता है अभी एग्जाम है इसलिए मान गयी 🤣🤣🤣

बबली - अच्छा बच्चू..🤣🤣

राहुल - ऐसे भाभी कहाँ हैँ

बबली - उनकी तबियत खराब है

राहुल - क्या हुआ जो?

बबली - जा के देख लो



राहुल , ख़ुशी भाभी के रूम मे आता है

ख़ुशी आँखे बंद किये हुए कुछ सोच रही थी


ख़ुशी को आभास हो गया कि कोई रूम आया है...

राहुल बड़े प्यार से आवाज़ लगता है भाभी भाभी

ख़ुशी - अपनी आँख खोलती है जी देवर जी

राहुल - आप ठीक तो है ना

ख़ुशी - जी हाँ

राहुल - वो बबली बोल रही थी भाभी कि तबियत खराब है

ख़ुशी - जी वो थोड़ी से मोच आ गयी

राहुल - ओहो! अभी ठीक तो है ना भाभी जी

ख़ुशी - दवाई ली हूं अभी ठीक है थोड़ी सोची रेस्ट कर लेती हूं

राहुल - हाँ बिलकुल भाभी

ख़ुशी - खड़े क्यों हैँ देवर जी बैठीये

राहुल - बेड पे बैठ जाता है और थोड़ा मुश्कारा रहा था 😊

ख़ुशी - क्या हुआ जो मुश्कारा रहे हो देवर जी

राहुल - कुछ नहीं भाभी वो तो वैसे हीं......

ख़ुशी मज़ाक करती हुई..वैसे देवरनी को ये सब दर्द मत दीजियेगा....

राहुल -🤣🤣 धत्त भाभी वो तो समय कि बात है आगे किसने देखा है क्या होगा.....

ख़ुशी - 😊 वो तो है....

इसी तरह दोनों मे कुछ देर नार्मल बात चलती है......




वहीँ दूसरी तरफ ऑफिस पहुँच के बिमलेश को मन नहीं लगता है...तो वो अपना व्हाट्सप्प ओपन करता है देखता है जुली ऑनलाइन थी....उसे मेसेज करता है...


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Super sexy update.
 

Motaland2468

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Rahul Bhai plz story continue kijiye or complete kijiye please
 

Motaland2468

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rkhedekar

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Update 6

भैया बेड पे लेटे थे जांघिया में और खुशी भाभी अपनी साड़ी उतार रही थी...
साड़ी खोल के अब खुशी भाभी ब्लाउज खोल रही है थी दोनों खोलने के बाद पेटीकोट और मरून ब्रा में बेड पे चली गई भाभी । दोनों एक दूसरे को बांहो में लेके किस करने लगे।
अब भैया अपना हाथ नीचे लेजाकर भाभी की पेटीकोट की डोरी को खिंचता है और पेटीकोट नीचे की और चला जाता है। खुशी भाभी अपने हाथ से नीचे की और कर देती है पेटीकोट को और पैर से निकाल लेती है , मैं ये देख के रोमांचित हो रहा था जैसे जैसे पेटीकोट नीचे की और खिसक रही थी भाभी की गौरी केले के खंभे की तरह बिल्कुल दूध जैसी गोरी जांघ को देख के पागल से हो रहा था । पेटीकोट के हटते हिं खुशी भाभी मरून कलर की पेंटी में आ गयी । बुर के पास बिल्कुल फूली हुई । मुझे समझते देर नही लगी मैं सोचने लगा या तो खुशी भाभी की बुर के होंठ मोटी है या फिर बुर झांट से भरी यही सोच के मैं रोमांचित हो रहा था..

खुशी भाभी- भैया के चड्डी के उपर से हिं अपनी चूत लंड पे घिस दी

भैया- अरे खुशी तुम्हारी पेंटी में क्या है ऐसा लग रहा है सॉफ्ट और ठंडक महसूस हो रहा है...

खुशी भाभी- मुस्कराती हुई बिल्कुल प्यार से भैया के फेस को अपनी दोनों हाथों में लेते हुए आंख में आंख डाल के बोलती है आप की लाडली बहन जुली आपकी पत्नी की मुनिया को केक से लथपथ कर दी है

भैया- खुश होते हुए ऐसा क्या इतनी सरारती है जुली

भाभी- और नही तो क्या पता है और क्या बोली..

भैया- क्या बोली

भाभी- यही बोली कि भाभी केक की क्रीम लगा रही हूं ता की भैया का लौड़ा आराम से ले सको कोई दिक्कत न हो

भैया - हट्ट बदमाश फिर तुम क्या बोली...

भाभी- मैं बोली तुम्हारे भैया का लौड़ा लेने के लिए अब क्रीम लगाने की जरूरत नही पड़ती है मेरी बुर ऐसे हिं गटक जाती है लौड़ा को...

और मैं अपनी चूत पे लगी केक जुली की बुर पे लगा दी और बोली ननदोई जी को तैयार बुर मिलेगी चोदने को...

तब जुली बोलती है आज घर मे मटन बनी है तो मेरी चूत नही बल्कि मेरी गाँड़ लेंगे क्यों कि नॉनवेज खाने के बाद मेरी गाँड़ हिं लेते हैं पतिदेव

फिर मैं अपनी पेंटी में हाथ डाल के केक जुली की गाँड़ में लगाते हुए बोली आज ननदोई जी हचक हचक के पेलेंगे

भैया- आह जीजू का भी आईडिया मस्त है नॉनभेज खाने के बाद हा हा हा...

खुशी भाभी- आपका लौड़ा क्यों इतना सख्त हो गया है आज बहन की बात सुन कर क्या

भैया - बस थोड़ा सा मुस्करा दिए...और बोले आज तो स्पेशल डे है ऊपर से जुली तुम्हें तैयार कर के भेजी है ...


भाभी- मतलब फिर कल शुबह चलने लायक भी नही छोड़ोगे और दोनों हसने लगे साथ हिं साथ किस भी चल रही थी


(भैया और भाभी की बात सुनकर तो मेरी लौड़ा का हालात खराब था खाशकर जुली दी भाभी की बुर पे केक लगाए है मतलब सीढ़ी के पास जो हाथ मे केक लिए थे दीदी वो भाभी की बुर में लगाने के लिए हिं आआआह भाभी की बुर केक से भरी हुई कैसी लगती होगी आआआह कैसे भैया के लौड़ा पे घिस रही है आआआह)....

भैया भाभी दोनों एक दूसरे को बांहों में इस कदर जकरे थे और दोनों की होंठ आपस मे चिपकी हुई..कभी भाभी नीचे तो कभी भैया पलंग के इस छोर से उस छोर तक अलट पलट के किस हो रही थी..


अब खुशी भाभी भैया के शरीर से उठकर भैया के जांघ पे बैठ जाती है भैया का लौड़ा चड्डी में से लग रहा था कब बाहर आ जायेगा लंड की शेप बानी हुई थी। भाभी अपनी अपनी दोनों हाथ की एक एक उंगली भैया की चड्डी में फसा दिए और नीचे की और खिसका रही थी चड्डी के हटते हिं भैया का मोटा खड़ा लौड़ा जो करीब 6-7 " की होगी ...

मेरा लौड़ा भैया से काफी बड़ा और ज्यादा मोटा है 9" का... ..

भाभी बड़े प्यार से नजरे गराई हुई थी भैया के लौड़ा पे भाभी मुस्कारते हुए अदा के साथ चड्डी उतार के बाहर निकाल दी भैया पूरी तरह नंगा हो गए और भाभी अभी भी ब्रा पेंटी में थी और अब भाभी भैया के ऊपर लेट गयी और दोनों के फेस एक दूसरे के सामने भाभी एक किस करती हुई बोली..
भाभी- आह जानू आज कैसे प्यार करोगे अपनी हुस्न की परी को?
भैया- तुम तो जानती ही हो पिछले बार कि सालगिरह के दिन हमदोनो में किस लेवल की (भाभी की कान में चुदम चुदाई ) होती है ये सुनते हैं भाभी जोर से अपनी बुर पेंटी के ऊपर से हिं भैया के लौड़ा पे घीस देती है..

भाभी- आआआह पिछली बार तो मायके में सालगिरह मनाए थे ...बाथरूम किचेन और बैडरूम सारी जगह...

भैया- हां यहां और लोग हैं इसलिए नही तो यहां भी घर के हरेक कोने में अपनी हुस्न की पारी को चोदता ...वहां तो बस सास ससुर हैं दोनों अपने ड्यूटी में बिजी और भैया भाभी घर पे रहते नहीं...तो ऐसे में गदराई बीबी को जहां मन वहां चोदने की आजादी

भाभी- हाँ सही बोले वहां का मज़्ज़ा हिं अलग है जब मन तब शुरू हो जाओ ...
और फिर एक लंबी और जोरदार किस होती है।

बाहर मेरी हालत खराब हो रही थी भैया भाभी की बात सुनकर और में सोचने लगा आआआह आज तो मस्त चुदाई देखने को मिलेगी।

अब भैया खुशी भाभी को नीचे कर दिए और भैया ऊपर आ गए दोनों आपस मे लिपटे हुए हैं फिर उसी तरह किस करते करते कभी भाभी ऊपर तो कभी भैया बेड के इस छोड़ से उस छोड़ तक दोनों की ऐसी मस्त किस देखकर मुझे तो काफी मज़्ज़ा आ रहा था।करीब 5 मिनट तक ऐसे हीं किस चलता रहा। अब भाभी नीचे थी और भैया ऊपर इस बार भैया अपना लौड़ा को भाभी की पेंटी के ऊपर से ही घिसने लगे ।

भैया ठीक उसी तरह जैसे भाभी ने भैया की चड्डी खोली उसी तरह 2 फिंगर फसा के भाभी की पेंटी नीचे करने लगे धीरे धीरे पेंटी नीचे होने लगा जैसे हिं हल्का नीचे हुआ....

मेरी नज़र भाभी की की बुर वेनिला केक से भरी हुई है भाभी के बुरे की झांट और बुर सभी जगह केक सनी हुई थी और भैया पेंटी खोलते हुए मुस्करा रहा था पेंटी में भी केक लगी हुई थी भैया ने पेंटी खोल के अपने हाथ में लिया और अपनी सेक्सी मस्तानी बीबी को दिखाते हुए पेंटी पे लगी हुई केक को एक बार चाट लेता है। पेंटी पे अभी भी बहुत सारा केक लगा हुआ था जो भैया ने वही बगल में पेंटी को रख दिये। और साथ हिं भाभी की ब्रा भी खोल दिये..
खुशी भाभी की बड़ी बड़ी चूची जिसे देख के मैं अपना लौड़ा निकल के हाथ से सहलाने लगा एकदम गोरी चूची बड़ी बड़ी भूरे रंग की निप्पल बिल्कुल टाइट ..


अब भैया खुशी भाभी की पैर को फैला के भाभी के बुर के करीब आ गए । इस पोजीशन में थे कि जैसे मानो खुशी भाभी के बुर से आ रही खुशबू ले रहा हो और एक नज़र भाभी पे डालते हैं भाभी मंद मंद मुस्करा रही थी और अचानक हिं भैया का हमला भाभी के ऊपर छलांग लगा दिए और दोनों का लिप्स आपस मे सटे हुए एक और जोरदार किस शुरू हो गयी और नीचे भैया का लौड़ा बिल्कुल भाभी की बुर से सटी हुई किस करते हुए दोनों की बॉडी आपस मे चिपकी हुई जैसे मानो हवा भी पास न हो सके ...

अपनी मुंह से भाभी की बड़ी बड़ी चूची को चूसने लगे और एक हाथ से भाभी की दूसरी चूची मसलने लगे और साथ हिं साथ किस जोरो पे था और
किस का अंत हुआ और भैया भाभी के ऊपर से उठ रहे थे जैसे हिं उठे भैया का जांघ और लौड़ा पे भाभी की बुर की केक लगी हुई थी ठीक वैसे हिं भाभी की बुर और पूरी गोरी जांघ में केक लगी हुई वाइट वाइट ऐसे लग रहा था जैसे भाभी की बुर से निकली हुई रस से नहा ली हो। सुंदरता कि चार चांद लग गयी थी । भैया नीचे की और हुए और और अपना जीव भाभी की सेक्सी केले के खंभे जैसी जांघ पे लगी हुई केक को चाटने लगे और और पूरी जांघ साफ कर दिए

जांघ बिल्कुल चमक रही थी और अब जीव को भाभी की बुर पे लगा दिए पहले तो भाभी की बुर पे केक लगी होने की वजह से झांट नही दिख रहा था भैया के ऊपर चढ़ने से केक इधर उधर फैल गया

खुशी भाभी की बुर पे हल्की हल्की झांट और उसपे लगी हुई केक काफी सुंदर लग रहा था । भैया के जीव भाभी के बुर पे लगी केक को चाट के साफ करने में लगे हुए थे और झांट के बीच मे फसी केक को चाट चाट कर खाने लगे
खुशी भाभी पास में रखी हुई मोबाइल को उठा के अपनी बुर की चुसाई की फ़ोटो क्लिक कर रही थी और मुस्करा भी रही थी...
ये देख के मेरा लौड़ा से अपने आप माल निकलने लगा और अपनी भाभी की कल्पना करने लगा और आंख बंद हो गयी कुछ देर के लिए और जब मैं अपनी आंख खोलता हूँ तो देख रहा हूँ अभी भी भैया भाभी की बुर को चाट हिं रहे हैं और अब लगभग भाभी की बुर से केक चाट के साफ कर दिए थे और अपनी जीव भाभी की बुर के लिप्स में घुसा के चूस रहे थे

भाभी की बुर पर से केक हटने के बाद भाभी की गोरी जांघ के बीच बिल्कुल गोरी बुर की लिप्स और बुर के अंदर हल्के बुरे कलर की पुट्टी आआआह गजब का मज़्ज़ा आ रहा था जैसे मैं स्वर्ग में हूँ...


अब भाभी को बर्दाश्त होना मुश्किल हो गया था वो अपनी हाथ को आगे कर के भैया की पैर को अपनी तरह खीच रहे थे भैया भाभी मदद किये और पीछे की और हो गए मतलब भाभी पीठ के बल लेटी हुई थी और भैया उनके ऊपर जीव से बुर चूस रहे और ऐसा लग रहा था कि भाभी की आग भड़क गई हो अपनी ताकक लगा के भैया को नीचे किये और वो खुद ऊपर हो गयी....


अब खुशी भाभी अपनी जीभ से भैया के जांघ को जिसपे केक लगा हुआ था जो थोड़ी बहुत सुख चुकी थी और लौड़ा तो लग रहा था जैसे वेनिला केक का क्रीम में ऐसा सना हो दिखने से लग रहा था कि लौड़ा और बुर की माल लगी हो जिसे खुशी भाभी ने बड़े हिं प्यार से चाट रही थी... भाभी की अदा तो जानलेवा थी। ऐसी अदा के साथ भैया का लौड़ा चूस रही थी कि जिसे देखकर एक बार फिर से मेरा लौड़ा का हालात खराब था अपने घर की बुर और गाँड़ को सोच के हिलाने वालो को रियल में देखने को मिल रहा था आह ऐसी सुखद अनुभूति भाभी की ऐसी अदा देख के मेरा लौड़ा कब का टाइट हो गया और लग रहा था कब माल छूट जाएगा

खुशी भाभी का इस अदा से लंड चूसना काफी मस्त लग रहा था । भाभी, भैया के लंड पे सारे क्रीम को चाट के पूरा लौड़ा अपनी मुंह मे लेके मजे से चूस रही थी और भैया आंख मूंद के मज़्ज़ा ले रहे थे अब भैया से बर्दास्त नही हुआ तो भैया खुशी भाभी की एक पैर को खीच के अपने ऊपर कर लिया भाभी भैया के पेट के बल उसपे लेट गयी और लुंड चूसने लगी उधर भैया भाभी की बुर में अपना मुंह लगा के चूसने लगे 69 पोजीशन में दोनों एक दूसरे का मज़्ज़ा ले रहे थे ।बीच बीच मे भाभी फ़ोटो भी क्लिक कर लेती थी। अब भाभी को पटक के नीचे कर दिए और और भैया पूरी जोर जोर से अपना लौड़ा भाभी की मुंह मे गले तक पेल रहे थे और बीच बीच मे भैया , भाभी की मुंह थूक से भर चुकी थी...और फिर भैया अपना लंड बाहर निकाल लेते थे ..दोनों करीब 5 मिनट एक दूसरे का बुर और लौड़ा चूस रहे थे दोनों चरम सीमा पे पहुच गए थे एक बार फिर से पोजीशन चेंज हो गया फिर भैया नीचे भाभी ऊपर आआआह दोनों फुल जोश में भैया भाभी की बुर चाट रहे थे जो पूरी तरह से गीली हो गयी थी खुशी भाभी की बुर के होंठ में कंपन आ रही थी ऐसा लग रहा था कि भाभी बहुत करीब है और भाभी भी कुछ कम नही थी वी भी पूरी जोश के साथ भैया जे लौड़ा को मुंह मे गटक ली । दोनों का स्पीड बढ़ता हिं जा रहा था । भैया भाभी बहुत तेजी से लगे हुए और भाभी बर्दास्त नही कर सकी उनकी बुर से अमृत रस निकलने लगी जो भैया अपनी मुंह मे इक्कठा करने लगे ...

जब खुशी भाभी की चूतरस निकल रही थी बुर की फांके थरथरा रही थी और सारा माल भैया अपने मुंह मे जमा कर लिए और वो भी बर्दाश्त नहीं कर पाए और अपना लौड़ा से एक एक तुरक्का अपनी चुदास से भरी बीबी की मुंह मे छोड़ रहे थे। भैया का माल इतना ज्यादा था कि जैसे भाभी की मुंह भर गई हो दोनों अपनी अपनी मुंह मे माल जमा किये हुए थे । अब खुशी भाभी, भैया की और देखते हुए अपनी मुंह मे माल जमा किये हुए सेक्सी अदा के साथ धीरे धीरे रस अपनी मुंह से भैया के सोये हुए लौड़ा पे निकाल रही थी भैया के लौड़ा से निकला रस हिं भैया के लौड़ा को नहला रहा था। भाभी अपनी पूरी मुंह की रस भैया के लंड पे थूक थी ऐसे करने से भैया का लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा और लास्ट में एक बार फिर खुशी भाभी ने लंड को मुंह मे ले ली और फिर सारा माल लंड पे थूक दी और बाद में पास में रखी पेंटी से माल पोछ दी। उधर भैया भी अपनी मुंह मे भाभी की बुर रस जमा किये हुए थे जो भाभी को पता नही थी फिर भैया ने वैसे हिं नीचे भाभी को लिटा दिए और बुर के पास अपना मुंह थोड़ी उचाई पे रख के भाभी की और देखते हुए अपनी मुंह से बुर रस जो कि कम हिं थी लेकिन भैया की थूक मिल जाने से ज्यादा हो गयी और धीरे धीरे रस भाभी की बुर पे गिराने लगे कभी बुर के होठों पे रस गिरता तो कभी झांटो के बीच मे भाभी बिल्कुल सरप्राइज थी कि उसकी बुर रस भैया अपने मुंह मे रखे थे फिर भैया ने वही पेंटी से बुर पे लगे रस को साफ किये और दोनों एक दूसरे के बांहो में आ गए और किस शुरू हो गयी...
Bhai photo upload karo maza ayga
 

Iron Man

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rkhedekar

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खुशी भाभी- बिल्कुल सट जाती है...दोनों पेट के पल लेट जाती है सामने मोबाइल के स्क्रीन पे वीडियो स्टार्ट होती है...

आगे..

मोबाइल पे वीडियो स्टार्ट होती है एक कोई 19-20 साल की लड़की आती है



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जो स्विमिंग पूल की तरफ जाती है ..वहां एक लड़का पहले से राहत है और दोनों स्वमिंग पुल में ही सरारत करने लगता है । लड़का के हाथ मे एक पिचकारी राहता है और उस पिचकारी से लड़की की चूची पे पानी की धार छोड़ता है...


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भाभी- अरे ये तो बिल्कुल राहुल जैसे लग रहा है पूरी तरह से फ़ीट...


जुली दी- आपको चाहिए का देवर पूरी तरह से फ़ीट

खुशी भाभी- धत्त..

आगे स्क्रीन पर लड़की बड़ी अदा के साथ अपनी पेंटी खोलती है ....




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जुली- भाभी आपकी चूत पे तो इसी तरह झांट है ना...

खुशी भाभी- हां ननद रानी आपके भैया को चूत की झांट बहुत पसंद है...
बोलते हैं कि जब अपनी जीव लगता हूँ न तो बीच बीच मे बुर की बाल आता है बहुत मज़ा आता है...


जुली दीदी- अच्छा ऐसे दोनों दोस्त लगता है एक जैसे हिं है

खुशी भाभी- कल जब केक लगा रही थी तो मेरी ननद रानी की तो लग रही थी थोड़ी बड़ी बड़ी झांट है

जुली दी- अरे भाभी आपके ननदोई जी को भी सेम भैया जैसे हिं वाली बात है...और मेरी झांट वही बनाते हैं मैं खुद से ट्रीमिंग भी नही करने देते , वही करते हैं...इस बार अभी तक किये नहीं है

खुशी भाभी- वाह इधर भी वही बात है लेकिन आपके भैया को यहां प्रॉब्लम होती है एक हिं बतरूम में जब मायके में जेति हुन वहां होता है


जुली दी- वाह

आगे स्क्रीन पे

लड़की नंगी हो जाती है और पिचकारी की मोटी धार चूची पे मरता है लड़की दोनों हाथ से अपनी चूची दबती है...इसी तरह खेल चलता है..




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आगे वो लड़की पानी से निकल कर अपनी बुर में अदा के साथ फिंगर डाल लेती है...



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जुली दी- आआआह भाभी इस तरह कभी किये हैं भैया के साथ...

खुशी भाभी- हाँ मायके में हिं मैं खाना बना रही थी उस दिन घर मे कोई थे नही ...मुझे पता था कि कुछ देर में आएंगे इधर मैं किचेन के शेड पे बैठ के फिंगर बुर में और एक हाथ से इशारा की आंख मरते हुए...उस दिन मॉर्निंग में मेरी वही किचेन शेड पे हिं हालात खराब कर दिए...



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जुली दी- आआआह भाभी

खुशी भाभी- और मेरी ननद रानी की


जुली दी- आआआह मेरी तो सब दिन एक्सट्रीम हिं होती है हमदोनो के अलावा कोई और नही मुझे तो कपड़े भी पहनने नही देते हैं

भाभी- वाह ननद रानी

जुली दी- मुझे तो लगता है यहां आप लोग को खुली आज़ादी नही है

खुशी भाभी- सही बोले ननद रानी मायके में पूरी आजादी फर्स्ट फ्लोर पे मम्मी पापा जाते नहीं है और दिन में कभी कभी नही रहते हैं तो होती है...यहां तो बस बद कमरे में कभी इस कोने में तो कभी उस कोने में


जुली दी- हा हा हा हा हा


आगे स्क्रीन पे

लड़की नीचे बैठ जाती है लड़का के लंड चुसने के लिए ...




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जुली दी- आआआह कितना मस्त लौड़ा है भाभी...


भाभी - आआआह सच मे बहुत हिं मस्त है

जुली दी- आआआह 9-10" से कम नही होगा

भाभी- हाँ मुझे भी लग रहा है मेरी ननद रानी को लेने का मन कर रहा है क्या...


जुली- आआआह भाभी कौन औरत को मोटा और लंबा लौड़ा लेने का मन नहीं करता है सब चाहती है मोटे लौड़े से उसकी टोकाई हो


भाभी- हाँ ननद रानी बात तो बिल्कुल सही बोल रही है...

स्कीन पे लड़की लौड़ा की गोटी को मुंह मे लेके खिंचने लगती है...



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जुली - आह ऐसे करते हैं भाभी आप भैया के साथ..

भाभी- हाँ ननद रानी मैं तो थोड़ा ज्यादा हिं खिंच लेती हूं और आपके भैया की फेस देखती रहती हूं ज्यादा दर्द करने लगता है तो छोड़ देती हूं.....

जुली - वाह भाभी अपदोनो भी कम नही हो

खुशी भाभी- धीरे से जुली की कान में मेरा पति काम क्यों रहेगा मेरी ननद से आखिर दोनों तो मेरी सास की एक हिं भूमि से निकली है ना

जुली- सरमाते हुए धत्त भाभी....



आगे स्क्रीन पे लड़की पूरा लौड़ा अपने मुंह मे ले लेती है




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जुली दी- आआह भाभी देखिये कैसे ये 20 साल की लड़की पूरा लौड़ा मुंह मे ले रही है और लेना चाह रही है


भाभी- जब ये 20 साल की है तो इतना ले सकती है और मेरी ननद रानी तो पूरे 25 साल की गदराई है वो तो और अच्छे से ले लेगी

जुली दी- आपके ननदोई का तो 6.5" का है उसे तो बड़ी आराम से ले लेती हूं लेकिन इनका तो बहुत बड़ा है आआआह देखिये न भभी साँस भी नही ले पा रही है...



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आगे लड़का लड़की को बेड पे लिटा देता है और पूरी बॉडी को आयल लगा देता है .....



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जुली- आआआह भाभी आज की मैच में आयल भी रहेगा




भाभी- वाह भी पूरी अच्छी से देखिए मेरी ननद रानी ननदोई से चुदवाने में कोई कसर नही र जाय

इसी तरह चूसेगा मेरे ननदोई जी मेरी ननद रानी की झांटो से भरी बुर.....




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जुली दीदी- हां भाभी आपके ननदोई जी मे कोई कसर कमी नही है है बुर चाटने में एक्सपर्ट है बस आज 2 विग्रा ले ले तो मेरी गर्मी पूरी तरह निकाल देंगे...


खुशी भाभी- आआआह मेरी चुदासी ननद रानी..

आगे लड़का लड़की की आंखों में देखते हुए अपना लौड़ा बुर के होंठ पे रखता है..



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खुशी भाभी- आहह दोनों की नैन मटक्का देखो ननद रानी इस टाइम बहुत मज़ा आती है

दोनों में कुछ इशारा होता है लड़की आयल की बोतल से ढेर सारी आयल अपनी बुर पे लगा देती गई



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जुली दी- हाँ भाभी इतनी बड़ी लौड़ा लेने के लिए तो आयल लगाना हिं पड़ेगा न


भाभी- मुझे लग रहा है ननद रानी बिना आयल के भी ले लेगी क्यों कि ये मोटा लौड़ा लेने के लिए ननद रानी परेशान है

जुली - हा हा हा हा मिल जाये तो चुदवाने में क्या जाता है

खुशी भाभी- हा हा हा हा हा

इधर दोनों में घनघोर चुदाई हो रही थी...
बहुत देर तक चली ऐसी चुदाई

जुली दीदी- आआआह भाभी देखिये न कितनी देर से चोद रहा है आआआह कितना मज़्ज़ा आ रहा होगा आआआह


इतने में लड़की पोज़ बदल ली लड़का नीचे लेट गया और लड़की अपनी धीरे धीरे अपनी लौड़ा के ऊपर अपनी बुर रख के लौड़ा पे उछल रही थी





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जुली दीदी- आआआह भाभी देखिये इतना देर से चुदाई के बाद भी लड़की कैसे उछल रही है

खुशी भाभी- आआआह और देखो न जब लंड से बुर ऊपर जाती है तो कितना मस्त लग रहा है ।


जुली दीदी - आआआह देखो भाभी कैसे लड़की की बुर से पेसाब निकाल दिए चोद चोद ...के




इधर राहुल अपना लौड़ा सहलाते हुए आआआह भाभी आआआह दीदी आप दोनों कितनी चूदासी है आआआह ये मेरा मोटा लौड़ा तो आपलोगो के लिए हिं बना है आआआह दीदी तो परेशान न हो आपकी ख्वाइश पूरी होगी मोटे लौड़े लेने की आआआह दीदी वो भी बिना विग्रा खा के चोदूंगा तब देखूंगा कौन जीतता है

ये मोटा लौड़ा जीतता है



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या ये मेरी जुली दीदी की सेक्सी बुर आआआह सही समय का इंतजार है दीदी आआआआह...



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इसी तरह वीडियो समाप्त हो जाती है...


खुशी भाभी- हा हा हा हा हा हा हा

जुली दी- क्या हुआ भाभी

खुशी दी- जो वीडियो हमलोग देख रहे थे वो वीडियो पहले ही आपके भैया दिखा के समय ऐसे ऐसे हिं चोद चुके हैं...

जुली दी- क्या सच मे

खुशी भभी- हां मायके में हिं बाथरूम में आपके भैया पहले वो वीडियो देख चुके थे आयल साथ ले के गए और फिर सेम स्टेप में हुई


जुली दी- आआआह और अंत मे आप की बुर से पेसाब निकली

भाभी- निकलती तो नही थी लेकिन मैं देखी की उसको चोद के पेसाब निकल दिए तो मैं तुम्हारे भैया का मन रखने के लिए मि भी अपनी टंकी चालू कर दी लंड पे

जुली दी- वाह भैया कुछ बोले भी

खुशी भाभी - हाँ पूरा खुश होते हुए बोले तुम्हारी बुर से भी मूत निकाल दिया...

जुली दी- हा हा हा हा

खुशी भाभी- ऐसे चोदे थे बहुत रगड़ के मेरी हालत खराब कर दिए थे...

जुली दी- अच्छा। ऐसे भाभी कब भैया के लौड़ा से माल से अपनी बुर भर कर मुझे बुआ बनवाओगी...

खुशी भाभी- कल भी बोली हुन पता नही क्या वो शर्त है कल पूछे तो बोले बात में बताऊंगा...

जुली दी- हाँ मैं भी राकेश से बोलती हुन तो बस यही बोलते हैं अभी खेलने खाने के दिन है तैयार हिं नही होते है

जुली - अच्छा भाभी प्रेग्नेट की सूचना मुझे मिलनी चाहिए पहले..

भाभी- जी ननद जी....

रात की मैच के लिए अग्रिम शुभकामना...

जुली- धन्यवाद भाभी...

खुशी- बहुत देर से लगे हैं अब सो जाओ कुछ देर ननद रानी तब न रात में मैच खेलोगे हीहीहीही...


इधर राहुल का लौड़ा भाभी और ननद की बात बात पे खड़ा हो जाता आआआह आज दीदी को चोदेंगे जीजू आआआह विग्रा खा के चोदेंगे क्या आआआह मैं तो बिना विग्रा का किसी भी लड़की को अपने लौड़ा से नानी याद दिला दूँ...

मेरी तरफ से दीदी आपको शुभकामना
जीजू के लौड़ा को रौंद दो..
Super Bhai
 
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