मैं बताऊं क्या??... Ju bhagwaan ho kya men ye baat to ju accept karne se rahe.. Lekin it is true
Logic ki aatmahatya mat karo i have better alias than that
Ha bhai abhi tak Introduction nahi dia thaKya bhai ek update pura introduction me hi nikal gaya
Faisla ho gya bhai Inkaमैं बताऊं क्या??
Introduction padhkar lagta ha story to bahut dhamakedar hone wali ha age chalkarINTRODUCTION TIME
गाँव के बीचो-बीच खड़ी; ठाकुर रतन सिंह की हवेली वाकई काफी शानदार थी। कहते हैं की ठाकुर रतन सिंह काफी दयानीधान कीस्म के इंसान थे। दुखीयों की मदद करना उनका पहला कर्तब्य था। यही वज़ह था, की आज भी इस हवेली की वही इज्जत बरकरार थी। ठाकुर रतन सिंह तो नही रहें। पर हवेली को तीन अनमोल रत्न दे कर इस दुनीया से वीदा हुएं।
दादा – ठाकुर रतन सिंह
दादी – सुनैना सिंह
3 बेटे है इनके जिनमे से 2 जुड़वा और 1 बेटा सबसे छोटा कहने को ये ठकुराइन थी हवेली में इनके गुण गाए जाते थे लेकिन अपने पति के मौत के बाद से ही हवेली से गायब हो गई जिसका आजतक किसी को पता नहीं चला सुनैना सिंह के बारे में
1 बेटा = मनन सिंह –– अपने पिता के तरह ही, अच्छे विचारो और दुसरों की मदद करने वालो में से थे। मगर शायद इस दुनीयां को उनकी अच्छाई नही भाई, और २६ साल की उम्र में ही चल बसे। कहते हैं की, इनके मौत का कारण कोई गम्भीर बीमारी थी। कम वर्ष की आयू में ही विवाह होने की वज़ह से १९ वर्ष की आयू में ही पिता बन गये।
हीरो की मां – संध्या सिंह
संध्या के घर में उसके मां और बाप के इलावा उसकी जुड़वा बहन थी जो किसी और से प्यार करती थी जिसके चलते घर से भाग गई अपने प्रेमी के साथ इसीलिए संध्या के मां बाप ने जल्दी में 18 वर्ष की आयु में संध्या का विवाह करवा दिया गया विवाह के बाद संध्या ने अपने ससुर रतन सिंह की आज्ञा से अपनी पढ़ाई को जारी रखा और तब संध्या ने अपनी बी॰ए॰ की डीग्री की उपाधि हांसिल की। कॉलेज़ भी ठाकुर रतन सिंह का ही था। संध्या की ज़ींदगी में भुचाल तब आया जब अचानक ही उसके पति का देहांत हो गया। पति के मौत के बाद हवेली की सारी जीम्मेदारी संध्या ने ही संभाली। क्यूंकी ठाकुर रतन सिंह ने अपनी वसीयत में जमीन जायदाद संध्या के नाम करके दुनिया से विदा हुए थे अब एसा क्यों हुआ ये कहानी में पता चलेगा आपको।
इनका इकलौता बेटा है
हीरो – ठाकुर अभय सिंह
हसमुख और पिता की तरह ही जीम्मेदार रहने वाला लड़का। अपने पिता को बहुत प्यार करता था, लेकिन शायद नसीब में ज्यादा दीन के लिए पिता का प्यार नही लीख़ा था। और 5 साल की उम्र में ही पीता का साया छीन गया।
2 बेटा – रमन सिंह
मनन सिंह और रमन सिंह दोनो जुड़वा थे। इन दोनो की शादि भी एक सांथ हुई। और दोनो को बच्चे भी। फर्क सीर्फ इतना था की, मनन सिंह का बेटा रमन सिंह के बेटे से १५ दीन बड़ा था। और दुसरा ये की, रमन सिंह को जुड़वा हुए। एक बेटी भी। रमन सिंह बेहद अय्यास कीस्म का आदमी था। और सीर्फ अपने फ़ायदे के बारे में सोंचता था इसके भी कुछ किस्से है जो आगे चल के आपको जानने को मिलेंगे।
रमन की बीवी – ललिता सिंह
काफी मज़ाकीया अंदाज़ था इस औरत का और इसके दीमाग में क्या चलता रहता है, कीसी को भी समझ पाना मुश्किल था।
इसके 2 जुड़वा बच्चे है
एक बेटा और एक बेटी
बेटा – ठाकुर अमन सिंह
अमन सिंह संध्या का काफी दुलारा था। हवेली में एक शरीफ बच्चे की तरह रहता था और संध्या की हर बात मानता था जिसके चलते गांव भर में अमन खुद सारे कांड करता था और अभय को फसा देता था नतीजा संध्या गुस्से में अभय ओ डांटा करती या मारती और तब अमन हस्त रहता और गाँव भर में ये बात फैल गई की संध्या को अपने बेटे से ज्यादा रमन के बेटे की फीक्र रहती है। अब इस बात का जवाब तो कहानि में ही मीलेगा।
रमन की बेटी – निधि सिंह
निधि अपने बाप के रंग-रुप में ढली थी। इसीलिए अपनी माँ की तरह गोरी काया की लड़की थी ये भी हर कांड में अपने भाई अमन का साथ देती थी जब भी अभय मार खा रहा होता तब ये भी अपने भाई के साथ खूब हस्ती थी।
3 बेटा – प्रेम सिंह
प्रेम सिंह दीमाग से थोड़ा पैदल था। उसे घर-समाज़ में क्या हो रहा है, कुछ लेना देना नही था। जीस काम में लगा देते उसी काम में लगा रहता।
कोई संतान नहीं है इनको
प्रेम सिंह की बीवी – मालती सिंह
काफी शांत और अच्छे चरीत्र की औरत। कोई बच्चा नही, इसका कारण कुछ पता नही। पर अभय को जी जान से प्यार करती थी। अभय का हसमुख चेहरा उसे बहुत भाता था।
रमिया
कहने को नौकरानी है हवेली में लेकिन इसके बारे में बाद में पता चलेगा आपको
हीरो का दोस्त – Raj_sharma
अपने पिता की तरह ये भी पहलवान है लेकिन मजबूरी में बने वर्ना इनके पिता इनकी ले ले ते वैसे इनका असली हुनर इनकी शायरीया है जिसके कारण गांव भर में मशहूर है ज्यादा तर नए मजनू इनके पास आते थे चुपके चुपके प्रेम पत्र लिखवाने के लिए अपनी प्रेमिका के लिए ताकी पट जाए और ये सब इनकी शायरी का कमाल है बचपन से ये और अभय खास दोस्त रहे है
राज की मां – गीता देवी
गांव की सबसे होशियार औरत ज्यादा पढ़ी लिखी नही है लेकिन इनमें होशियारी कूट कूट के भरी है लेकिन कभी दिखाती नही किसी को कहने को कई राज है जो इन्होंने अपने सीने में दफन कर के रखे है संध्या के खातिर संध्या इनको बड़ी बहन मानती है और अभय इनको बचपन से ही बड़ी मां बोलता है इसी वजह से अभय और राज का मिलना जुलना कब पक्की दोस्ती में बदला गया पता नही चला
राज के पिता – श्री सत्या शर्मा
गांव में पहलवानी करते है साथ ही खेती भी अपने बेटे और बीवी के साथ एक सुखी जीवन बिता रहे है इनका भी एक राज है जो इनके इलावा इनकी बीवी गीता देवी जानती है
गांव का किसान – मगलू
एक सीधा सादा अच्छा इंसान गांव में घुल मिल के रहता है सबसे अपनी खेती से गुजरा करता है अपने परिवार का
मगलु की बीवी – शांति
अपने पति की तरह ये भी एक सीधी साधी अच्छी औरत है
इनकी सिर्फ एक बेटी है और अपने अभय की हीरोइन
बेटी – पायल
बचपन से ही अभय के साथ पड़ती रही है अभय पायल को हर रोज जबरन अपने साथ बाग में घूमता था जिसका नतीजा पायल को भी आदत पड़ गई अभय के साथ घूमने की
गांव का सरपंच – शंकर चौधरी
कहने को गांव का सरपंच है लेकिन सारे काम सिर्फ ठाकुर रमन के लिए करता है खास चमचा है इसीलिए रमन ने जान बूझ के शंकर को गांव का सरपंच बनवाया जिसकी गांव में चलती थी
बीवी – उर्मिला चौधरी
कहने को सरपंच की बीवी है बिल्कुल वैसे जैसे इसका पति है गुलाम ठाकुर रमन का इसके बारे में आगे पता चलेगा आपको
बेटी – पूनम चौधरी
गांव के सरपंच की बेटी जिसका नतीजा इसमें कूट कूट के घमंड भरा पड़ा है
कुछ अन्य किरदार
डी आई जी – शालिनी सिन्हा
पेशे से पोलिस में है काफी नाम चीन और अच्छी औरत है वैसे इनका इस कहानी में छोटा सा किरदार है जो आगे चल के पता चलेगा आपको
इनका पति – रंजीत सिन्हा
कहने को पुलिस ऑफिसर है लेकिन आज तक अपने घटिया चलन के कारण आगे बड़ ना पाया है इसका इस कहानी में काफी खास किरदार है आगे पता चले आपको
इनकी एक इकलौती बेटी है
सी बी आई ऑफिसर – चांदनी सिन्हा (रंजीत और शालिनी को बेटी)
golden circle credit union
अब इनके बारे में क्या ही कहे फुर्सत से बनाया है इनको उपर वाले ने साथ ही तेज दिमाग दिया है रिकॉर्ड है इनका पुलिस डिपार्टमेंट में खास तौर पर इनको लोग
ENCOUNTER SPECIALIST
के नाम से जानते है शहर भर के मुजरिम इनका नाम सुनते ही या तो शहर छोड़ देते है या फिर मंत्रियों की जेब गरम कर देते है ताकि इसका ट्रान्सफर करवा दे इनका इस कहानी में काफी अहम किरदार है हीरो को अपना सगे भाई को थे मानती है कैसे आगे पता चलेगा
चांदनी सिन्हा की टीम में 4 लोग है
सुनैना , आरव , रहमान और सायरा
गांव की पुलिस वाले
चौकी इंचार्ज – कामरान
हवलदार – रिजवान
हवलदार – मोहित
हवलदार – रघु , ये उसी गांव का है
गलत जगह पर बटन दबाया तुम लोग नेFaisla ho gya bhai Inka
Aap thoda late aay
Aaram farmane gye hai baki log
Ha agar aap free ho to
Maine Introduction dala hai acha lge to batana
Thank you dev61901 bhaiIntroduction padhkar lagta ha story to bahut dhamakedar hone wali ha age chalkar
Mera andaja sahi tha sarpanch harami nikla
Or lagta ha apna abhay niche wali family ke sath hi raha ha or ye cbi officer lagta ha danger hone wali ha
Kher story me bahut suspence create kar diya intro se bhai ne ab to or update ka wait nahi ho raha
So sorry Bhaiगलत जगह पर बटन दबाया तुम लोग ने
Interesting update...make story more excitingINTRODUCTION TIME
गाँव के बीचो-बीच खड़ी; ठाकुर रतन सिंह की हवेली वाकई काफी शानदार थी। कहते हैं की ठाकुर रतन सिंह काफी दयानीधान कीस्म के इंसान थे। दुखीयों की मदद करना उनका पहला कर्तब्य था। यही वज़ह था, की आज भी इस हवेली की वही इज्जत बरकरार थी। ठाकुर रतन सिंह तो नही रहें। पर हवेली को तीन अनमोल रत्न दे कर इस दुनीया से वीदा हुएं।
दादा – ठाकुर रतन सिंह
दादी – सुनैना सिंह
3 बेटे है इनके जिनमे से 2 जुड़वा और 1 बेटा सबसे छोटा कहने को ये ठकुराइन थी हवेली में इनके गुण गाए जाते थे लेकिन अपने पति के मौत के बाद से ही हवेली से गायब हो गई जिसका आजतक किसी को पता नहीं चला सुनैना सिंह के बारे में
1 बेटा = मनन सिंह –– अपने पिता के तरह ही, अच्छे विचारो और दुसरों की मदद करने वालो में से थे। मगर शायद इस दुनीयां को उनकी अच्छाई नही भाई, और २६ साल की उम्र में ही चल बसे। कहते हैं की, इनके मौत का कारण कोई गम्भीर बीमारी थी। कम वर्ष की आयू में ही विवाह होने की वज़ह से १९ वर्ष की आयू में ही पिता बन गये।
हीरो की मां – संध्या सिंह
संध्या के घर में उसके मां और बाप के इलावा उसकी जुड़वा बहन थी जो किसी और से प्यार करती थी जिसके चलते घर से भाग गई अपने प्रेमी के साथ इसीलिए संध्या के मां बाप ने जल्दी में 18 वर्ष की आयु में संध्या का विवाह करवा दिया गया विवाह के बाद संध्या ने अपने ससुर रतन सिंह की आज्ञा से अपनी पढ़ाई को जारी रखा और तब संध्या ने अपनी बी॰ए॰ की डीग्री की उपाधि हांसिल की। कॉलेज़ भी ठाकुर रतन सिंह का ही था। संध्या की ज़ींदगी में भुचाल तब आया जब अचानक ही उसके पति का देहांत हो गया। पति के मौत के बाद हवेली की सारी जीम्मेदारी संध्या ने ही संभाली। क्यूंकी ठाकुर रतन सिंह ने अपनी वसीयत में जमीन जायदाद संध्या के नाम करके दुनिया से विदा हुए थे अब एसा क्यों हुआ ये कहानी में पता चलेगा आपको।
इनका इकलौता बेटा है
हीरो – ठाकुर अभय सिंह
हसमुख और पिता की तरह ही जीम्मेदार रहने वाला लड़का। अपने पिता को बहुत प्यार करता था, लेकिन शायद नसीब में ज्यादा दीन के लिए पिता का प्यार नही लीख़ा था। और 5 साल की उम्र में ही पीता का साया छीन गया।
2 बेटा – रमन सिंह
मनन सिंह और रमन सिंह दोनो जुड़वा थे। इन दोनो की शादि भी एक सांथ हुई। और दोनो को बच्चे भी। फर्क सीर्फ इतना था की, मनन सिंह का बेटा रमन सिंह के बेटे से १५ दीन बड़ा था। और दुसरा ये की, रमन सिंह को जुड़वा हुए। एक बेटी भी। रमन सिंह बेहद अय्यास कीस्म का आदमी था। और सीर्फ अपने फ़ायदे के बारे में सोंचता था इसके भी कुछ किस्से है जो आगे चल के आपको जानने को मिलेंगे।
रमन की बीवी – ललिता सिंह
काफी मज़ाकीया अंदाज़ था इस औरत का और इसके दीमाग में क्या चलता रहता है, कीसी को भी समझ पाना मुश्किल था।
इसके 2 जुड़वा बच्चे है
एक बेटा और एक बेटी
बेटा – ठाकुर अमन सिंह
अमन सिंह संध्या का काफी दुलारा था। हवेली में एक शरीफ बच्चे की तरह रहता था और संध्या की हर बात मानता था जिसके चलते गांव भर में अमन खुद सारे कांड करता था और अभय को फसा देता था नतीजा संध्या गुस्से में अभय ओ डांटा करती या मारती और तब अमन हस्त रहता और गाँव भर में ये बात फैल गई की संध्या को अपने बेटे से ज्यादा रमन के बेटे की फीक्र रहती है। अब इस बात का जवाब तो कहानि में ही मीलेगा।
रमन की बेटी – निधि सिंह
निधि अपने बाप के रंग-रुप में ढली थी। इसीलिए अपनी माँ की तरह गोरी काया की लड़की थी ये भी हर कांड में अपने भाई अमन का साथ देती थी जब भी अभय मार खा रहा होता तब ये भी अपने भाई के साथ खूब हस्ती थी।
3 बेटा – प्रेम सिंह
प्रेम सिंह दीमाग से थोड़ा पैदल था। उसे घर-समाज़ में क्या हो रहा है, कुछ लेना देना नही था। जीस काम में लगा देते उसी काम में लगा रहता।
कोई संतान नहीं है इनको
प्रेम सिंह की बीवी – मालती सिंह
काफी शांत और अच्छे चरीत्र की औरत। कोई बच्चा नही, इसका कारण कुछ पता नही। पर अभय को जी जान से प्यार करती थी। अभय का हसमुख चेहरा उसे बहुत भाता था।
रमिया
कहने को नौकरानी है हवेली में लेकिन इसके बारे में बाद में पता चलेगा आपको
शनाया (Shnaya) कॉलेज प्रिंसिपल – इनका और अभय का एक खास सीक्रेट है कहानी में पता चलेगा
हीरो का दोस्त – Raj_sharma
अपने पिता की तरह ये भी पहलवान है लेकिन मजबूरी में बने वर्ना इनके पिता इनकी ले ले ते वैसे इनका असली हुनर इनकी शायरीया है जिसके कारण गांव भर में मशहूर है ज्यादा तर नए मजनू इनके पास आते थे चुपके चुपके प्रेम पत्र लिखवाने के लिए अपनी प्रेमिका के लिए ताकी पट जाए और ये सब इनकी शायरी का कमाल है बचपन से ये और अभय खास दोस्त रहे है
राज की मां – गीता देवी
गांव की सबसे होशियार औरत ज्यादा पढ़ी लिखी नही है लेकिन इनमें होशियारी कूट कूट के भरी है लेकिन कभी दिखाती नही किसी को कहने को कई राज है जो इन्होंने अपने सीने में दफन कर के रखे है संध्या के खातिर संध्या इनको बड़ी बहन मानती है और अभय इनको बचपन से ही बड़ी मां बोलता है इसी वजह से अभय और राज का मिलना जुलना कब पक्की दोस्ती में बदला गया पता नही चला
राज के पिता – श्री सत्या शर्मा
गांव में पहलवानी करते है साथ ही खेती भी अपने बेटे और बीवी के साथ एक सुखी जीवन बिता रहे है इनका भी एक राज है जो इनके इलावा इनकी बीवी गीता देवी जानती है
गांव का किसान – मगलू
एक सीधा सादा अच्छा इंसान गांव में घुल मिल के रहता है सबसे अपनी खेती से गुजरा करता है अपने परिवार का
मगलु की बीवी – शांति
अपने पति की तरह ये भी एक सीधी साधी अच्छी औरत है
इनकी सिर्फ एक बेटी है और अपने अभय की हीरोइन
बेटी – पायल
बचपन से ही अभय के साथ पड़ती रही है अभय पायल को हर रोज जबरन अपने साथ बाग में घूमता था जिसका नतीजा पायल को भी आदत पड़ गई अभय के साथ घूमने की
गांव का सरपंच – शंकर चौधरी
कहने को गांव का सरपंच है लेकिन सारे काम सिर्फ ठाकुर रमन के लिए करता है खास चमचा है इसीलिए रमन ने जान बूझ के शंकर को गांव का सरपंच बनवाया जिसकी गांव में चलती थी
बीवी – उर्मिला चौधरी
कहने को सरपंच की बीवी है बिल्कुल वैसे जैसे इसका पति है गुलाम ठाकुर रमन का इसके बारे में आगे पता चलेगा आपको
बेटी – पूनम चौधरी
गांव के सरपंच की बेटी जिसका नतीजा इसमें कूट कूट के घमंड भरा पड़ा है
कुछ अन्य किरदार
डी आई जी – शालिनी सिन्हा
पेशे से पोलिस में है काफी नाम चीन और अच्छी औरत है वैसे इनका इस कहानी में छोटा सा किरदार है जो आगे चल के पता चलेगा आपको
इनका पति – रंजीत सिन्हा
कहने को पुलिस ऑफिसर है लेकिन आज तक अपने घटिया चलन के कारण आगे बड़ ना पाया है इसका इस कहानी में काफी खास किरदार है आगे पता चले आपको
इनकी एक इकलौती बेटी है
सी बी आई ऑफिसर – चांदनी सिन्हा (रंजीत और शालिनी को बेटी)
golden circle credit union
अब इनके बारे में क्या ही कहे फुर्सत से बनाया है इनको उपर वाले ने साथ ही तेज दिमाग दिया है रिकॉर्ड है इनका पुलिस डिपार्टमेंट में खास तौर पर इनको लोग
ENCOUNTER SPECIALIST
के नाम से जानते है शहर भर के मुजरिम इनका नाम सुनते ही या तो शहर छोड़ देते है या फिर मंत्रियों की जेब गरम कर देते है ताकि इसका ट्रान्सफर करवा दे इनका इस कहानी में काफी अहम किरदार है हीरो को अपना सगे भाई को थे मानती है कैसे आगे पता चलेगा
चांदनी सिन्हा की टीम में 4 लोग है
सुनैना , आरव , रहमान और सायरा
गांव की पुलिस वाले
चौकी इंचार्ज – कामरान
हवलदार – रिजवान
हवलदार – मोहित
हवलदार – रघु , ये उसी गांव का है