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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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:wtfrol: ... Ju bhagwaan ho kya men :?: ye baat to ju accept karne se rahe.. Lekin it is true :D

Logic ki aatmahatya mat karo :buttkick: i have better alias than that :sigh:
मैं बताऊं क्या?? 🤔
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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204
Kya bhai ek update pura introduction me hi nikal gaya
Ha bhai abhi tak Introduction nahi dia tha
Maine socha tha jb Hero ki entry hogi tb doga Introduction
Lekin bhol Gaya bhai sorry 😂😂
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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मैं बताऊं क्या?? 🤔
Faisla ho gya bhai Inka 😂 😂
Aap thoda late aay 😂😂😂
Aaram farmane gye hai baki log
Ha agar aap free ho to
Maine Introduction dala hai acha lge to batana
 

dev61901

"Never Lose Your Confidence Before You Get Success
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INTRODUCTION TIME

गाँव के बीचो-बीच खड़ी; ठाकुर रतन सिंह की हवेली वाकई काफी शानदार थी। कहते हैं की ठाकुर रतन सिंह काफी दयानीधान कीस्म के इंसान थे। दुखीयों की मदद करना उनका पहला कर्तब्य था। यही वज़ह था, की आज भी इस हवेली की वही इज्जत बरकरार थी। ठाकुर रतन सिंह तो नही रहें। पर हवेली को तीन अनमोल रत्न दे कर इस दुनीया से वीदा हुएं।

दादा – ठाकुर रतन सिंह

Thakur-Ratan-singh

दादी – सुनैना सिंह
Sunaina-singh
3 बेटे है इनके जिनमे से 2 जुड़वा और 1 बेटा सबसे छोटा कहने को ये ठकुराइन थी हवेली में इनके गुण गाए जाते थे लेकिन अपने पति के मौत के बाद से ही हवेली से गायब हो गई जिसका आजतक किसी को पता नहीं चला सुनैना सिंह के बारे में

1 बेटा = मनन सिंह ––
अपने पिता के तरह ही, अच्छे विचारो और दुसरों की मदद करने वालो में से थे। मगर शायद इस दुनीयां को उनकी अच्छाई नही भाई, और २६ साल की उम्र में ही चल बसे। कहते हैं की, इनके मौत का कारण कोई गम्भीर बीमारी थी। कम वर्ष की आयू में ही विवाह होने की वज़ह से १९ वर्ष की आयू में ही पिता बन गये।

हीरो की मां – संध्या सिंह

Sandhya
संध्या के घर में उसके मां और बाप के इलावा उसकी जुड़वा बहन थी जो किसी और से प्यार करती थी जिसके चलते घर से भाग गई अपने प्रेमी के साथ इसीलिए संध्या के मां बाप ने जल्दी में 18 वर्ष की आयु में संध्या का विवाह करवा दिया गया विवाह के बाद संध्या ने अपने ससुर रतन सिंह की आज्ञा से अपनी पढ़ाई को जारी रखा और तब संध्या ने अपनी बी॰ए॰ की डीग्री की उपाधि हांसिल की। कॉलेज़ भी ठाकुर रतन सिंह का ही था। संध्या की ज़ींदगी में भुचाल तब आया जब अचानक ही उसके पति का देहांत हो गया। पति के मौत के बाद हवेली की सारी जीम्मेदारी संध्या ने ही संभाली। क्यूंकी ठाकुर रतन सिंह ने अपनी वसीयत में जमीन जायदाद संध्या के नाम करके दुनिया से विदा हुए थे अब एसा क्यों हुआ ये कहानी में पता चलेगा आपको।
इनका इकलौता बेटा है

हीरो – ठाकुर अभय सिंह

Screenshot-2024-0424-233423
हसमुख और पिता की तरह ही जीम्मेदार रहने वाला लड़का। अपने पिता को बहुत प्यार करता था, लेकिन शायद नसीब में ज्यादा दीन के लिए पिता का प्यार नही लीख़ा था। और 5 साल की उम्र में ही पीता का साया छीन गया।



2 बेटा – रमन सिंह
मनन सिंह और रमन सिंह दोनो जुड़वा थे। इन दोनो की शादि भी एक सांथ हुई। और दोनो को बच्चे भी। फर्क सीर्फ इतना था की, मनन सिंह का बेटा रमन सिंह के बेटे से १५ दीन बड़ा था। और दुसरा ये की, रमन सिंह को जुड़वा हुए। एक बेटी भी। रमन सिंह बेहद अय्यास कीस्म का आदमी था। और सीर्फ अपने फ़ायदे के बारे में सोंचता था इसके भी कुछ किस्से है जो आगे चल के आपको जानने को मिलेंगे।

रमन की बीवी – ललिता सिंह

Lallita
काफी मज़ाकीया अंदाज़ था इस औरत का और इसके दीमाग में क्या चलता रहता है, कीसी को भी समझ पाना मुश्किल था।
इसके 2 जुड़वा बच्चे है
एक बेटा और एक बेटी

बेटा – ठाकुर अमन सिंह
अमन सिंह संध्या का काफी दुलारा था। हवेली में एक शरीफ बच्चे की तरह रहता था और संध्या की हर बात मानता था जिसके चलते गांव भर में अमन खुद सारे कांड करता था और अभय को फसा देता था नतीजा संध्या गुस्से में अभय ओ डांटा करती या मारती और तब अमन हस्त रहता और गाँव भर में ये बात फैल गई की संध्या को अपने बेटे से ज्यादा रमन के बेटे की फीक्र रहती है। अब इस बात का जवाब तो कहानि में ही मीलेगा।

रमन की बेटी – निधि सिंह
निधि अपने बाप के रंग-रुप में ढली थी। इसीलिए अपनी माँ की तरह गोरी काया की लड़की थी ये भी हर कांड में अपने भाई अमन का साथ देती थी जब भी अभय मार खा रहा होता तब ये भी अपने भाई के साथ खूब हस्ती थी।


3 बेटा – प्रेम सिंह
प्रेम सिंह दीमाग से थोड़ा पैदल था। उसे घर-समाज़ में क्या हो रहा है, कुछ लेना देना नही था। जीस काम में लगा देते उसी काम में लगा रहता।

कोई संतान नहीं है इनको

प्रेम सिंह की बीवी – मालती सिंह

Malti
काफी शांत और अच्छे चरीत्र की औरत। कोई बच्चा नही, इसका कारण कुछ पता नही। पर अभय को जी जान से प्यार करती थी। अभय का हसमुख चेहरा उसे बहुत भाता था।

रमिया

Rameya
कहने को नौकरानी है हवेली में लेकिन इसके बारे में बाद में पता चलेगा आपको


हीरो का दोस्त – Raj_sharma

Screenshot-2024-0424-232656
अपने पिता की तरह ये भी पहलवान है लेकिन मजबूरी में बने वर्ना इनके पिता इनकी ले ले ते वैसे इनका असली हुनर इनकी शायरीया है जिसके कारण गांव भर में मशहूर है ज्यादा तर नए मजनू इनके पास आते थे चुपके चुपके प्रेम पत्र लिखवाने के लिए अपनी प्रेमिका के लिए ताकी पट जाए और ये सब इनकी शायरी का कमाल है बचपन से ये और अभय खास दोस्त रहे है

राज की मां – गीता देवी

Gita-Devi
गांव की सबसे होशियार औरत ज्यादा पढ़ी लिखी नही है लेकिन इनमें होशियारी कूट कूट के भरी है लेकिन कभी दिखाती नही किसी को कहने को कई राज है जो इन्होंने अपने सीने में दफन कर के रखे है संध्या के खातिर संध्या इनको बड़ी बहन मानती है और अभय इनको बचपन से ही बड़ी मां बोलता है इसी वजह से अभय और राज का मिलना जुलना कब पक्की दोस्ती में बदला गया पता नही चला

राज के पिता – श्री सत्या शर्मा
गांव में पहलवानी करते है साथ ही खेती भी अपने बेटे और बीवी के साथ एक सुखी जीवन बिता रहे है इनका भी एक राज है जो इनके इलावा इनकी बीवी गीता देवी जानती है

गांव का किसान – मगलू
एक सीधा सादा अच्छा इंसान गांव में घुल मिल के रहता है सबसे अपनी खेती से गुजरा करता है अपने परिवार का
मगलु की बीवी – शांति
अपने पति की तरह ये भी एक सीधी साधी अच्छी औरत है
इनकी सिर्फ एक बेटी है और अपने अभय की हीरोइन

बेटी – पायल

PAYAL
बचपन से ही अभय के साथ पड़ती रही है अभय पायल को हर रोज जबरन अपने साथ बाग में घूमता था जिसका नतीजा पायल को भी आदत पड़ गई अभय के साथ घूमने की

गांव का सरपंच – शंकर चौधरी
कहने को गांव का सरपंच है लेकिन सारे काम सिर्फ ठाकुर रमन के लिए करता है खास चमचा है इसीलिए रमन ने जान बूझ के शंकर को गांव का सरपंच बनवाया जिसकी गांव में चलती थी
बीवी – उर्मिला चौधरी
कहने को सरपंच की बीवी है बिल्कुल वैसे जैसे इसका पति है गुलाम ठाकुर रमन का इसके बारे में आगे पता चलेगा आपको

बेटी – पूनम चौधरी
गांव के सरपंच की बेटी जिसका नतीजा इसमें कूट कूट के घमंड भरा पड़ा है

कुछ अन्य किरदार

डी आई जी – शालिनी सिन्हा
पेशे से पोलिस में है काफी नाम चीन और अच्छी औरत है वैसे इनका इस कहानी में छोटा सा किरदार है जो आगे चल के पता चलेगा आपको

इनका पति – रंजीत सिन्हा
कहने को पुलिस ऑफिसर है लेकिन आज तक अपने घटिया चलन के कारण आगे बड़ ना पाया है इसका इस कहानी में काफी खास किरदार है आगे पता चले आपको
इनकी एक इकलौती बेटी है

सी बी आई ऑफिसर – चांदनी सिन्हा (रंजीत और शालिनी को बेटी)

Chandni
golden circle credit union
अब इनके बारे में क्या ही कहे फुर्सत से बनाया है इनको उपर वाले ने साथ ही तेज दिमाग दिया है रिकॉर्ड है इनका पुलिस डिपार्टमेंट में खास तौर पर इनको लोग
ENCOUNTER SPECIALIST
के नाम से जानते है शहर भर के मुजरिम इनका नाम सुनते ही या तो शहर छोड़ देते है या फिर मंत्रियों की जेब गरम कर देते है ताकि इसका ट्रान्सफर करवा दे इनका इस कहानी में काफी अहम किरदार है हीरो को अपना सगे भाई को थे मानती है कैसे आगे पता चलेगा

चांदनी सिन्हा की टीम में 4 लोग है
सुनैना , आरव , रहमान और सायरा

गांव की पुलिस वाले
चौकी इंचार्ज – कामरान
हवलदार – रिजवान
हवलदार – मोहित
हवलदार – रघु , ये उसी गांव का है
Introduction padhkar lagta ha story to bahut dhamakedar hone wali ha age chalkar

Mera andaja sahi tha sarpanch harami nikla

Or lagta ha apna abhay niche wali family ke sath hi raha ha or ye cbi officer lagta ha danger hone wali ha

Kher story me bahut suspence create kar diya intro se bhai ne ab to or update ka wait nahi ho raha
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Aaram farmane gye hai baki log
Ha agar aap free ho to
Maine Introduction dala hai acha lge to batana
गलत जगह पर बटन दबाया तुम लोग ने 😌
 

DEVIL MAXIMUM

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Introduction padhkar lagta ha story to bahut dhamakedar hone wali ha age chalkar

Mera andaja sahi tha sarpanch harami nikla

Or lagta ha apna abhay niche wali family ke sath hi raha ha or ye cbi officer lagta ha danger hone wali ha

Kher story me bahut suspence create kar diya intro se bhai ne ab to or update ka wait nahi ho raha
Thank you dev61901 bhai
.
Abi sham me free hua tha tbhi Introduction dal dia jroori tha iska hona story me
Kher
Update ke lye try krta ho bhai likhna ho ya editing ho time lagta hai bhai dono me
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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WhiteDragon

Member
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INTRODUCTION TIME

गाँव के बीचो-बीच खड़ी; ठाकुर रतन सिंह की हवेली वाकई काफी शानदार थी। कहते हैं की ठाकुर रतन सिंह काफी दयानीधान कीस्म के इंसान थे। दुखीयों की मदद करना उनका पहला कर्तब्य था। यही वज़ह था, की आज भी इस हवेली की वही इज्जत बरकरार थी। ठाकुर रतन सिंह तो नही रहें। पर हवेली को तीन अनमोल रत्न दे कर इस दुनीया से वीदा हुएं।

दादा – ठाकुर रतन सिंह

Thakur-Ratan-singh

दादी – सुनैना सिंह
Sunaina-singh
3 बेटे है इनके जिनमे से 2 जुड़वा और 1 बेटा सबसे छोटा कहने को ये ठकुराइन थी हवेली में इनके गुण गाए जाते थे लेकिन अपने पति के मौत के बाद से ही हवेली से गायब हो गई जिसका आजतक किसी को पता नहीं चला सुनैना सिंह के बारे में

1 बेटा = मनन सिंह ––
अपने पिता के तरह ही, अच्छे विचारो और दुसरों की मदद करने वालो में से थे। मगर शायद इस दुनीयां को उनकी अच्छाई नही भाई, और २६ साल की उम्र में ही चल बसे। कहते हैं की, इनके मौत का कारण कोई गम्भीर बीमारी थी। कम वर्ष की आयू में ही विवाह होने की वज़ह से १९ वर्ष की आयू में ही पिता बन गये।

हीरो की मां – संध्या सिंह

Sandhya
संध्या के घर में उसके मां और बाप के इलावा उसकी जुड़वा बहन थी जो किसी और से प्यार करती थी जिसके चलते घर से भाग गई अपने प्रेमी के साथ इसीलिए संध्या के मां बाप ने जल्दी में 18 वर्ष की आयु में संध्या का विवाह करवा दिया गया विवाह के बाद संध्या ने अपने ससुर रतन सिंह की आज्ञा से अपनी पढ़ाई को जारी रखा और तब संध्या ने अपनी बी॰ए॰ की डीग्री की उपाधि हांसिल की। कॉलेज़ भी ठाकुर रतन सिंह का ही था। संध्या की ज़ींदगी में भुचाल तब आया जब अचानक ही उसके पति का देहांत हो गया। पति के मौत के बाद हवेली की सारी जीम्मेदारी संध्या ने ही संभाली। क्यूंकी ठाकुर रतन सिंह ने अपनी वसीयत में जमीन जायदाद संध्या के नाम करके दुनिया से विदा हुए थे अब एसा क्यों हुआ ये कहानी में पता चलेगा आपको।
इनका इकलौता बेटा है

हीरो – ठाकुर अभय सिंह

Screenshot-2024-0424-233423
हसमुख और पिता की तरह ही जीम्मेदार रहने वाला लड़का। अपने पिता को बहुत प्यार करता था, लेकिन शायद नसीब में ज्यादा दीन के लिए पिता का प्यार नही लीख़ा था। और 5 साल की उम्र में ही पीता का साया छीन गया।



2 बेटा – रमन सिंह
मनन सिंह और रमन सिंह दोनो जुड़वा थे। इन दोनो की शादि भी एक सांथ हुई। और दोनो को बच्चे भी। फर्क सीर्फ इतना था की, मनन सिंह का बेटा रमन सिंह के बेटे से १५ दीन बड़ा था। और दुसरा ये की, रमन सिंह को जुड़वा हुए। एक बेटी भी। रमन सिंह बेहद अय्यास कीस्म का आदमी था। और सीर्फ अपने फ़ायदे के बारे में सोंचता था इसके भी कुछ किस्से है जो आगे चल के आपको जानने को मिलेंगे।

रमन की बीवी – ललिता सिंह

Lallita
काफी मज़ाकीया अंदाज़ था इस औरत का और इसके दीमाग में क्या चलता रहता है, कीसी को भी समझ पाना मुश्किल था।
इसके 2 जुड़वा बच्चे है
एक बेटा और एक बेटी

बेटा – ठाकुर अमन सिंह
अमन सिंह संध्या का काफी दुलारा था। हवेली में एक शरीफ बच्चे की तरह रहता था और संध्या की हर बात मानता था जिसके चलते गांव भर में अमन खुद सारे कांड करता था और अभय को फसा देता था नतीजा संध्या गुस्से में अभय ओ डांटा करती या मारती और तब अमन हस्त रहता और गाँव भर में ये बात फैल गई की संध्या को अपने बेटे से ज्यादा रमन के बेटे की फीक्र रहती है। अब इस बात का जवाब तो कहानि में ही मीलेगा।

रमन की बेटी – निधि सिंह
निधि अपने बाप के रंग-रुप में ढली थी। इसीलिए अपनी माँ की तरह गोरी काया की लड़की थी ये भी हर कांड में अपने भाई अमन का साथ देती थी जब भी अभय मार खा रहा होता तब ये भी अपने भाई के साथ खूब हस्ती थी।


3 बेटा – प्रेम सिंह
प्रेम सिंह दीमाग से थोड़ा पैदल था। उसे घर-समाज़ में क्या हो रहा है, कुछ लेना देना नही था। जीस काम में लगा देते उसी काम में लगा रहता।

कोई संतान नहीं है इनको

प्रेम सिंह की बीवी – मालती सिंह

Malti
काफी शांत और अच्छे चरीत्र की औरत। कोई बच्चा नही, इसका कारण कुछ पता नही। पर अभय को जी जान से प्यार करती थी। अभय का हसमुख चेहरा उसे बहुत भाता था।

रमिया

Rameya
कहने को नौकरानी है हवेली में लेकिन इसके बारे में बाद में पता चलेगा आपको

शनाया (Shnaya) कॉलेज प्रिंसिपल – इनका और अभय का एक खास सीक्रेट है कहानी में पता चलेगा

Shanaya


हीरो का दोस्त – Raj_sharma
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अपने पिता की तरह ये भी पहलवान है लेकिन मजबूरी में बने वर्ना इनके पिता इनकी ले ले ते वैसे इनका असली हुनर इनकी शायरीया है जिसके कारण गांव भर में मशहूर है ज्यादा तर नए मजनू इनके पास आते थे चुपके चुपके प्रेम पत्र लिखवाने के लिए अपनी प्रेमिका के लिए ताकी पट जाए और ये सब इनकी शायरी का कमाल है बचपन से ये और अभय खास दोस्त रहे है

राज की मां – गीता देवी

Gita-Devi
गांव की सबसे होशियार औरत ज्यादा पढ़ी लिखी नही है लेकिन इनमें होशियारी कूट कूट के भरी है लेकिन कभी दिखाती नही किसी को कहने को कई राज है जो इन्होंने अपने सीने में दफन कर के रखे है संध्या के खातिर संध्या इनको बड़ी बहन मानती है और अभय इनको बचपन से ही बड़ी मां बोलता है इसी वजह से अभय और राज का मिलना जुलना कब पक्की दोस्ती में बदला गया पता नही चला

राज के पिता – श्री सत्या शर्मा
गांव में पहलवानी करते है साथ ही खेती भी अपने बेटे और बीवी के साथ एक सुखी जीवन बिता रहे है इनका भी एक राज है जो इनके इलावा इनकी बीवी गीता देवी जानती है

गांव का किसान – मगलू
एक सीधा सादा अच्छा इंसान गांव में घुल मिल के रहता है सबसे अपनी खेती से गुजरा करता है अपने परिवार का
मगलु की बीवी – शांति
अपने पति की तरह ये भी एक सीधी साधी अच्छी औरत है
इनकी सिर्फ एक बेटी है और अपने अभय की हीरोइन

बेटी – पायल

PAYAL
बचपन से ही अभय के साथ पड़ती रही है अभय पायल को हर रोज जबरन अपने साथ बाग में घूमता था जिसका नतीजा पायल को भी आदत पड़ गई अभय के साथ घूमने की

गांव का सरपंच – शंकर चौधरी
कहने को गांव का सरपंच है लेकिन सारे काम सिर्फ ठाकुर रमन के लिए करता है खास चमचा है इसीलिए रमन ने जान बूझ के शंकर को गांव का सरपंच बनवाया जिसकी गांव में चलती थी
बीवी – उर्मिला चौधरी
कहने को सरपंच की बीवी है बिल्कुल वैसे जैसे इसका पति है गुलाम ठाकुर रमन का इसके बारे में आगे पता चलेगा आपको

बेटी – पूनम चौधरी
गांव के सरपंच की बेटी जिसका नतीजा इसमें कूट कूट के घमंड भरा पड़ा है

कुछ अन्य किरदार

डी आई जी – शालिनी सिन्हा
पेशे से पोलिस में है काफी नाम चीन और अच्छी औरत है वैसे इनका इस कहानी में छोटा सा किरदार है जो आगे चल के पता चलेगा आपको

इनका पति – रंजीत सिन्हा
कहने को पुलिस ऑफिसर है लेकिन आज तक अपने घटिया चलन के कारण आगे बड़ ना पाया है इसका इस कहानी में काफी खास किरदार है आगे पता चले आपको
इनकी एक इकलौती बेटी है

सी बी आई ऑफिसर – चांदनी सिन्हा (रंजीत और शालिनी को बेटी)

Chandni
golden circle credit union
अब इनके बारे में क्या ही कहे फुर्सत से बनाया है इनको उपर वाले ने साथ ही तेज दिमाग दिया है रिकॉर्ड है इनका पुलिस डिपार्टमेंट में खास तौर पर इनको लोग
ENCOUNTER SPECIALIST
के नाम से जानते है शहर भर के मुजरिम इनका नाम सुनते ही या तो शहर छोड़ देते है या फिर मंत्रियों की जेब गरम कर देते है ताकि इसका ट्रान्सफर करवा दे इनका इस कहानी में काफी अहम किरदार है हीरो को अपना सगे भाई को थे मानती है कैसे आगे पता चलेगा

चांदनी सिन्हा की टीम में 4 लोग है
सुनैना , आरव , रहमान और सायरा

गांव की पुलिस वाले
चौकी इंचार्ज – कामरान
हवलदार – रिजवान
हवलदार – मोहित
हवलदार – रघु , ये उसी गांव का है
Interesting update...make story more exciting
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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