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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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आपा का हलाला-4


सारा ने कानों में झुमका, मांग में टीका और नथ पहन रखी थी और गले में एक बड़ा सा हार पहन रखा था. सच में बड़ी मादक लग रही थी.

फिर उसने साड़ी की गांठ को खोला और पल्लू से चेहरा और बदन छुपा लिया. फिर धीरे धीरे नीचे करते हुए, उसने थोड़ा सा पल्लू गिरा कर मुझे अपने एक मम्मे का नजारा कराया. एकदम गोल गोल बड़े बड़े मम्मे, मैं उसकी तरफ लपका, उसने मुझे रोक दिया.
वो बोली- राजा थोड़ा रुको … सब तुम्हारा ही है.

मैं रूक कर अपना लंड सहलाने लगा. वो फिर लहराई और उसने पल्लू उतार फेंका.

मैं आंखें फाड़ फाड़ उसे घूरना लगा. फिर उसने अपनी एक चिकनी टांग ऊपर उठा दी और लगभग पूरी नंगी हो गयी. सिर्फ पेट पर साड़ी लिपटी हुई थी. वो लेट गयी, जैसे अब मेरा इंतज़ार कर रही हो.

फिर उठ कर बैठी और छातियां ऊपर नीचे करने लगी, जैसे माधुरी ने धक धक डांस करते हुए किया था. फिर उसने पल्लू पूरा नीचे गिरा दिया और बाल आगे कर अपने एक मम्मे को छुपा लिया. फिर घूम कर अपनी नंगी पीठ दिखाने लगी. अगले ही पल लेट कर अपने छातिया नंगी करके मम्मों को सहलाने लगी और साड़ी घुटनों से ऊपर कर कूल्हे ऊपर करके ऐसे उछालने लगी, जैसे लंड को और अन्दर लेने के लिए मरी जा रही हो.

फिर अपना एक तरफ से आधा शरीर नंगा करके एक तरफ के चूतड़ और मम्मे दिखाने लगी, फिर जल्दी जल्दी पूरे बेड पर उलटने पलटने लगी.

ऐसा लग रहा था कि वह कामाग्नि में जल रही है. मेरा भी यही हाल था. मैंने जरीना की तरफ देखा, वह भी अपने मम्मों और चूत को हाथ से सहला रही थी. उसकी भी कामाग्नि भड़कने लगी थी. अब सारा बैठ गयी, सिर्फ एक जांघ और चूत को साड़ी में छुपा कर मुझे फ्लाइंग किस दी और आंख मारी. फिर उसने अपनी साड़ी वैसे ही लपेट कर बांध ली, जैसे शो शुरू होने से पहले थी. फिर जीभ निकल कर होंठों पर फेरी और एक उंगली से नजदीक आने का इशारा किया. मैं एकदम शेर की तरह सारा पर लपका और उसकी टांगों पर हाथ फेरकर होंठों पर चुम्बन लेने आगे हुआ. वो पीछे होने लगी और उसकी साड़ी पैरों से खिसकने लगी. जैसे कह रही हो कि नीचे से ऊपर आओ.

मैंने वापिस टांगों पर आ कर उसके पैरों की उंगलियों को चूमा. उसकी सिसकारी निकल गयी. फिर उसकी पिंडलियों पर प्यार से हाथ फेरा और किस की. वह साड़ी ऊपर करती रही और मैं घुटनों पर फिर जांघों के अन्दर, फिर चूत पर, नाभि पर किस करता हुआ साड़ी के ऊपर से ही चूचियों को किस करने लगा.

उसने साड़ी की गांठ खोल दी और मैंने चुचों को किस किया. वह अधलेटी सी हो गयी. उसने अपने शरीर का भार अपनी बांहों पर कर दिया. मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक मीठी चुम्मी कर दी.

फिर मैं थोड़ा दूर हुआ और उसके खुले बालों को पीछे किया. वह अपना चेहरा आगे ले आयी और मैं उसे धीरे धीरे किस करने लगा. मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए पेट, कमर, गांड पर चलने लगे.

मैंने फ़ौरन उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियां दबाने लगा, ज़रीना वहीं पर सोफ़े पर लेट गई और हमारा खेल देखने लगी. यूँ तो मैंने उसकी चूचियों को कल कई बार देखा था, पर आज उनमें जो कड़कपन था, वो और दिन के मुकाबले अलग ही था.

मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया. मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था. मैंने अपना कुरता उतार दिया.

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी बुर पर हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया. अपनी कुंवारी बीवी ज़रीना को इसी तरफ़ देखता देख, मैंने अपनी सारा की बुर में उंगली करना शुरू कर दिया और सारा जो अब काफ़ी हद तक गरम हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी.

सारा ने मुझसे कहा- जो भी करना है, जल्दी करो.

पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था. तभी उसने मेरा पायजामा उतारा, अंडरवियर नीचे किया और लंड पकड़ कर अपनी चूत पर फिराने लगी.

ज़रीना चीखी- उफ्फफ … सारा आपा इतना बड़ा तगड़ा मेरे अन्दर कैसे जाएगा?
सारा बोली- ज़रीना चिंता मत कर बहुत मजे करेगी … तू बस देखती रह और मजे लेने के लिए तैयार हो जा.

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है. मैं भी खड़ा हो गया और उसे पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया. मैं धीरे-धीरे अपना लंड डालने लगा. मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.

मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड डाल दिया. उसका मुँह खुल गया और आंख से पानी आ गया.
सारा तड़फ कर बोली- आज क्या हो गया है तुम्हें? मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या?
मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए..
‘आआहहह … ऊउम्म्म् म्म्मम …’

हम दोनों कल रात भी बार बार चुदाई कर चुके थे, परन्तु आज जैसी चुदाई का आनन्द पहले कभी नहीं आया था.

काफ़ी देर तक करने के बाद मैंने उससे कहा- सब कुछ मैं ही करूँगा, तो तुम क्या करोगी?
ये कहते हुए मैं उसके ऊपर से हट गया.

अब वह मेरे ऊपर बैठ कर अपनी बुर में मेरा लंड लेने लगी. पूरे लंड को सुपारे से टट्टों तक को दबा दबा कर चुदवा रही थी, मेरी बीवी की हालत इस तरह की हो रही थी, जैसे किसी मछली को गरम रेत पर छोड दिया गया हो. वह अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा मुँह से अजीब अजीब आवाजें निकाले जा रही थी ‘आआआह … ऊउम्म्म म्म्मम … आईईई … सीईईईईसीई.. … आआआ …’

उसे देख कर मेरी और सारा की रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई, चुदाई के मारे सारा का बुरा हाल था. अब उससे रुका नहीं जा रहा था, वो बोली- मेरा तो बस होने वाला है, मैं गई, मैं गई. आह्ह्हह्ह … फ़ा … ड़ … दो … पूरा डाल डाल कर पेलो. आज तो बहुत खुजली हो रही है इस बुर में. सारी खुजली मिटा दो इस बुर की.
मैं- तुम अब घोड़ी बन जाओ, तो मजा आए.
सारा- ठीक है, आज सारी हसरत मिटा लो. बाद में मत कहना कि तुम्हारी तबियत से नहीं मार पाया.

सारा को घोड़ी बनाने के बाद मैंने घुटने के बल हो कर उसकी बुर में एक बार फ़िर से अपना लंड घुसेड़ दिया. उसने कभी घोड़ी बन कर चुदाई नहीं करवाई थी, इसलिए इस अवस्था में उसकी बुर थोड़ी कस गई थी. मेरा मोटा लंड अटक अटक कर जा रहा था. मुझे अब ज्यादा ताकत लगा कर उसकी बुर में डालना पड़ रहा था.
हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थी- आईईईई सीईईसीई … आआआआ … चोद डालो मेरे राजा. आज पूरी तरह से फाड़ दो मेरी बुर को … कल अगर कोई कसर रह गई हो, तो आज पूरी कर दो. ऐसी फाड़ो कि कम से कम हफ़्ते तक इसे चुदवाने की जरूरत ना पड़े.

करीब दस-पन्द्रह मिनट के बाद मेरा भी लंड झड़ने को हो गया, मैंने सारा से कहा- बस अब मेरा भी काम होने वाला है.
“ऐ जी … बाहर मत निकालना. अन्दर ही छोड़ दो सारा माल!” वो बोली.
आठ-दस धक्कों के बाद लंड की पिचकारी छूट पड़ी और सारा का सारा माल सारा की बुर में भरता चला गया.

थोड़ी देर हम उसी पोजिशन में रहे, लंड अपने आप सिकुड़ कर बाहर आ गया. सारा उठी और बाथरूम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी. पांच मिनट बाद वो बाहर निकली, तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे.
सारा- आमिर, आज तो ऐसी मारी है कि सूज गई है. बाप रे, अगर ज़रीना की भी ऐसे ही मारोगे, तो यह बेचारी तो शायद सुबह उठने लायक नहीं बचेगी.

ज़रीना मेरे बराबर में लेटकर लंड हाथ में लेते हुए बोली- हुँह, अब यह क्या मारेंगे, इनके लंड की हालत तो देखो, सूख कर मूंगफ़ली की तरह हो गया है.
सुहागरात को पहले सारा को चोदने के बाद अब मेरी बीवी ज़रीना की नथ उतरने जा रही थी.

मैं बोला- लंड को मुँह में ले लो, थोड़ी देर में मूंगफ़ली से तोप बन जाएगा मेरी जान..
ज़रीना बोली- छी: यह कोई मुँह में लेने की चीज है? घिन नहीं आएगी क्या?
इससे पहले मैं कुछ कहता, सारा बोली- इसको मुँह में लेने का तो अपना अलग ही मजा है मेरी बहन. अगर तुझे नहीं लेना तो मत ले, पर मैं यह मौका नहीं छोड़ने वाली. तू तो अपनी बुर में ही ले लेना, चुसाई मैं कर लेती हूँ.
ज़रीना बोली- तेरी मर्जी, मैं तो यह नहीं करूँगी. मुझे तो इसमें घिन आ रही है.

फ़िर मैंने ज़रीना को पकड़ लिया और उसके होंठों का चुम्बन लेने लगा. वो पहले ही इतनी गर्म हो चुकी थी कि ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी और वह भी मुझे जोर जोर से चूमने लगी. उसने मुझे कस कर पकड़ लिया. काफ़ी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में पूरा मजा आने लगा था.

मैंने फ़िर से उसकी ब्रा उतार दी … वाऊउउउ … उसकी चूचियां देख कर मैं तो चकित ही रह गया. छोटे छोटे सन्तरे के आकार की चूचियां और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे. मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया.

उधर सारा मेरा लंड मुँह में ले कर धड़ाधड़ चूसे जा रही थी. मेरा लंड एक बार फ़िर से एकदम खड़ा और कड़क हो कर बुर को दहाड़ मार मार कर बुलाने लगा था. मैं फिर भी उसकी चूचियां दबाने लगा था, जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसकी साड़ी खोलनी शुरू कर दी. साड़ी खोल कर मैंने उसकी पैन्टी खींच ली और थोड़ी देर उसे देखने लगा.

वाह चिकनी बुर थी, मैं उसकी बुर पर हाथ फ़ेरने लगा, परन्तु इस बार मैंने अपनी उंगली उसकी बुर में नहीं डाली क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह फ़िर से ना बिदक जाए, इसलिए मैं सिर्फ़ उसकी बुर को ऊपर से ही मसलता रहा.

उसके मुँह से अब ‘आआहहह … ऊउम्म उम्म्ह… अहह… हय… याह… आईईईई सीईईईसीई … आआआ …’ की आवाजें निकल रही थीं.

उधर सारा ने मेरे लंड को चूस-चूस कर बेदम कर रखा था, ज़रीना की बुर का भी बुरा हाल हो गया था, उसकी बुर का मक्खन बह कर उसके चूतड़ों तक पहुंच चुका था.

अब मुझे लग रहा था कि इसकी बुर पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार है. परन्तु बुर एकदम नई थी, इसलिए मैंने सोचा कि इसे थोड़ा और तड़फ़ाया जाए ताकि पहली बार लंड लेने में इसकी गर्मी इसके दर्द के एहसास को कम कर दे.

मैं उसकी चूचियां को पीने लगा. चूचियों को पीने मेरी की हालत और खराब हो गई, सारा भी अब मेरा लंड पीना छोड़ वहीं पर बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी. मैं अब उसकी चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया. उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया.

ज़रीना अब काफ़ी हद तक गर्म हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी, उसने मुझसे कहा- अब करते क्यों नहीं, जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा. मेरी बुर में दर्द होने लगा है, डाल दो अब इसमें.
पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था. तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी.

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है. मैंने पलट कर अपनी छोटी बीवी जरीना की दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया.
 
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junglecouple1984

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आपा का हलाला-5


अब तक आपने पढ़ा कि सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी जरीना गरमा गई थी और मैं उसको चोदने की तैयारी में था.
अब आगे..

मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि मेरा 8 इंच का लंड बार बार फ़िसल कर नीचे चला जा रहा था. अत: मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे से ले जाकर उसके दोनों पांव ऊपर उठा लिए, जिससे उसकी बुर ऊपर की ओर उठ गई तथा लंड उसकी बुर के बिल्कुल सामने आ गया.

फ़िर मैंने ताकत लगा कर एक जोर का धक्का लगाया और लंड उसकी बुर फाड़ता हुआ लगभग दो इंच लंड उसकी बुर में घुस गया.
तकलीफ के मारे जरीना का मुँह खुल गया और आंख से पानी आ गया, वह जोर से चिल्लाई- आईईई माँम्म्म्म्म् म्माआआ … घुस्स्स गया आआआ … मेरी बुर फ़..फ़..ट्ट्ट्ट्ट गई. मरर गई.

वह इतनी जोर से चिल्लाई थी कि मुझे लगा शायद उसकी आवाज को पूरे घर ने सुना होगा, वह इतने जोर से चिल्लाएगी, इसका मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था, वरना मैं पहले ही उसके मुँह पर हाथ रख लेता.
मैंने कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने में अपनी भलाई समझी.

जरीना रोती हुई बोली- तुमने तो मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या? आराम आराम से नहीं कर सकते क्या? या यह कोई रबड़ का खिलौना है कि जैसे मर्जी वैसे तोड़ मरोड़ दिया?
पर मैं बोला- मेरी इसमें क्या गलती है, तुम्हारी बुर है ही इतनी छोटी सी. मैंने तो अभी अपना सुपारा ही तुम्हारी बुर के अन्दर डाला है, इसमें ही तुम्हारा यह हाल है, तो पूरा लंड तुम्हारी बुर में जाएगा.. तो तुम्हारा क्या हाल होगा? और पहली पहली बार है, तो थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी कि जोर जोर से मारो, धीरे धीरे में मजा नहीं आ रहा.
वो कलप कर बोली- थोड़ा दर्द होता तो मैं सह लेती, पर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो, बुर भी तुम्हारी है और मैं भी तुम्हारी ही हूँ, एक रात में ही सारी जान निकाल दोगे, तो बाकी दो चार रातों तक चुदवाने के लायक भी नहीं रहूँगी, फ़िर अपना लंड पकड़ कर बैठे रहना.

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है, ऐसा तो होना ही था. अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी.
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.. लंड उसकी सील को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अन्दर चला गया.
‘आआह … ऊउम्म म्म्मम … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आईईई ईईईई … माँम्म्म म्माआआ …’ उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगीं.

लगभग पांच मिनट बाद जब मेरा पूरा लंड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगा, तो वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लंड लेने लगी. अब वह मेरे लंड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी.
उधर हम दोनों की चुदाई देख कर सारा की हालत दोबारा खराब हो गई थी. वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी. वो अपने मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें ‘आआहहह.. ऊऊउउउम्म्म म्म्मम.. आईईईईई सीईईईसीई…. आआ..’ निकाले जा रही थी.

उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी ज़रीना को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो.
इधर मैं ज़रीना की बुर का बैन्ड बजाने में लगा हुआ था. बुर बड़ी टाईट थी, लंड भी अटक अटक के जा रहा था. मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा था. हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थी ‘आईईई ईईई सीईईईसीई … आआआ …’

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लंड लील रही थी और वो मजे में चिल्लाने लगी थी- चोद डालो, फाड़ डालो, आज पूरी तरह से फाड़ दो मेरी बुर को और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा.

अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरू कर दिया. मैं समझ गया कि अब इसकी बुर को पानी छोड़ना है. मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार पूरी बढ़ा दी. दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था.

करीब पांच मिनट के बाद मेरा भी लंड झड़ने को हो गया. मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और तेजी कर दी, आठ-दस धक्कों के बाद लंड की पिचकारी छूट पड़ी और सारा का सारा माल ज़रीना की बुर में भरता चला गया. मैंने अपने हाथ उसकी टांगों के नीचे से निकाले और उसके ऊपर ही लेट गया. मेरी और उसकी सांसें बड़ी तेजी से चल रही थीं.
मैं उसके मम्मे सहला रहा था और देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है. मैंने उसकी जांघें ऊपर उठाईं, तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी. उसमें से वीर्य और खून दोनों टपक रहे थे.

फ़िर वह उठी और बाथरूम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी. पांच मिनट बाद वो बाहर निकली, तो उसके चाल में थोड़ा लचकपन था, पर चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे.

उधर सारा मेरे लंड को पकड़ कर मुझे बाथरूम में लेकर गयी और लंड को धोकर साफ़ किया. सारा ने लंड चूसा और मुझसे चिपक गयी. हम वापिस कमरे में आ गए. हम दोनों खड़े खड़े एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे. हम दोनों बाहर आ गए.

मैंने ज़रीना को किस किया. ज़रीना बोली- बाप रे, मेरी बुर तो सूज कर गोलगप्पा बन गई है.
मैं खड़ा ज़रीना का चेहरा देखता रहा, दर्द के मारे वो तड़प रही थी, पर संतुष्टि के भाव थे. वह अपने होंठों को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह अह्ह्ह.. ऊओह्ह कराह रही थी.

सुबकती हुई ज़रीना बहुत प्यारी लग रही थी. मैंने उसके गालों को चूमा और गले लग कर सहलाया. वह कह रही थी- आपने मुझे मार डाला, बेदर्दी ने मार डाला.. कोई ऐसे भी करता है क्या.
ज़रीना बोली- मुझे इतनी बेदर्दी से चोद दिया.. इतनी सजा क्यों दी, मुझे जबकि आपा के साथ तो इतने मजे ले रहे थे. मुझे लग रहा था कि मैं मर जाऊंगी.
मैंने ज़रीना को चूमते हुए कहा- तुम्हारा हाथ तो मैंने खाला से खुद मांगा है. मैं अपनी रानी को कुछ नहीं होने दूंगा. मेरी जान मेरी रानी.. पहली बार थोड़ी तकलीफ होती है, अब तो मजे ही मजे हैं.

करीब बीस मिनट तक यूं ही प्यार मुहब्बत चलती रही.

तभी सारा बोली- आमिर किसका इंतज़ार कर रहे हो, ज़रीना को फिर से चोदो.
ज़रीना ने धीरे से कहा- हाँ आमिर … मुझे चोदो ना … अब रहा नहीं जाता.

मैंने ज़रीना को अपनी बांहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया. मैं ज़रीना को पागलों की तरह चूमने लगा और बोला- मेरी ज़रीना, मैं पहली झलक में ही तुम्हारा तो दीवाना हो गया था.
मैं उसके ऊपर लेट कर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे धीरे उन्हें भींचने लगा. ज़रीना की सिसकारियां तेज हो रही थीं. मैं उसके निप्पलों को अपने दांतों से दबाने लगा. कभी जोर से भींच लेता, तो वो उछल पड़ती.

उसकी बांहें मेरी पीठ को सहला रही थीं और वो मुझे भींच रही थी. मैं थोड़ा नीचे खिसका और उसकी जांघों के बीच आकर उसकी चूत को चाटने लगा. अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल देता और जोर-जोर से चूसता.

जैसे ही मैं और जोर से उसकी चूत को चाटने लगा, ज़रीना पागल हो गई- ओह आमिर … ये क्या कर रहे हो, आज तक ऐसा मजा नहीं आया, हाय अल्ला मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.. हाँ जोर-जोर से चाटो हाँआंआंआं..
वो उत्तेजना में चिल्ला रही थी.

मैंने ज़रीना के घुटनों को मोड़ कर उसकी छाती पर कर दिया, जिससे उसकी चूत का मुँह ऊपर को उठ गया और अच्छी तरह दिखायी देने लगा. उसकी चूत का मुँह छोटा सा था. मैं अपनी जीभ जोर-जोर से उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा.

‘ओहहहह.. आआआ आहहह हह.. ओहहहह.. आमिर.’ इतना कहते हुए ज़रीना दूसरी बार झड़ गई. मैं रस पीने लगा.

कुछ ही पलों में जरीना फिर से गरम हो गई, ज़रीना गिड़गिड़ाने लगी- ओह आमिर, अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़!
जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो वो डरते हुए बोली- आमिर … धीरे-धीरे डालना, मुझे तुम्हारे लंबे लंड से डर लगता है.
सारा की तरफ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. मैंने जानवर बनते हुए कहा- तुम्हारा मतलब ऐसे?
‘ओहहह म..मम… मर गई, तुम बड़े बदमाश हो.. जब मैंने धीरे से डालने को कहा, तो तुमने इतनी जोर से क्यों डाला, दर्द हो रहा है.’ उसने तड़पते हुए कहा.

‘सॉरी डार्लिंग, तुम चुदाई में नयी नयी हो, तो मैं समझा तुम मजाक कर रही हो, क्या ज्यादा दर्द हो रहा है?’ यह कहकर मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
‘ओह आमिर … बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआ आहहहह.. आमिर आज मुझे पता चला कि असली चुदाई क्या होती है. हाँ राजा.. जोर से चोदते जाओ, ओहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही.’ ज़रीना उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कूल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी.

सारा ने सच कहा था, ज़रीना की चूत वाकयी में कसी-कसी थी. ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी गांड ही मार रहा हूँ. मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरा भी पानी छूटने वाला था.

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे जोर से भींच लिया ‘ऊऊऊऊऊ आमिर मेरी चूऊऊत गई…’
ये कहकर वो निढाल हो गई. मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत निकलना चाहा, पर तभी सारा बोली- पहली बार तुम्हारा पहला मिलन था, इसलिए मैंने नहीं रोका, अब इस माल पे मेरा और सिर्फ मेरा हक़ है.

उसने मेरे लंड को लगभग खींचते हुए अपनी चूत में घुसेड़ लिया और लगी धक्के लगाने. मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगते रहे और फिर सारा के अन्दर अपना माल छोड़ दिया.

हम दोनों की सांसें तेज चल रही थीं. हम तीनों थक कर लेटे हुए थे.
सारा बोली- तुम ज़रीना से मज़े लेते रहो.
मैं एक हाथ से ज़रीना और दूसरे से सारा के चूचे सहलाने लगा और सारा को किस करने लगा.

कुछ देर में ज़रीना बोली- सारा की ये अच्छी बात है, आमिर मुझे फ़िर से चोदो.
ज़रीना ने ये कहकर एक बार फ़िर मुझे अपने ऊपर घसीट लिया.

उसने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए अपना चेहरा मेरी तरफ बढ़ाया. मैं भी उसकी ओर बढ़ा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये. उसने मेरे चेहरे को कस कर पकड़ते हुए अपने होंठों का दबाव मेरे होंठों पर कर दिया और चूसने लगी. हम दोनों के मुँह खुले और दोनों की जीभ आपस में खेलने लगी. हम दोनों की सांसें उखड़ रही थी.
वो सिसकी- ओह आमिर!
मैं भी सिसका- ओह ज़रीना!
वो नशीली आवाज में बोली- आमिर मुझे एक बार और किस करो ना!

मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और उसके होंठों को चूसने लगा. अब हम लोग धीरे से खिसकते हुए सोफ़े पर, फिर ज़मीन पे लेट गए थे. मैं उसके ऊपर अधलेटा हुआ था. अपने हाथ से उसके मम्मे सहला रहा था और जोर से भींच रहा था.
वो मादकता में बोली- ओह आमिर. कितना अच्छा लग रहा है.
“ओह ज़रीना … तुम कितनी सुंदर हो. तुम्हारा बदन कितना प्यारा है!” यह कहकर मैं उसके मम्मे चूसने लगा और बीच-बीच में उसके निप्पल को दांतों से काट रहा था.
उसके मुँह से सिसकरी निकल रही थी, ‘ओहहह हहहह आआह हहहह आमिर ये क्या कर डाला तुमने. बहुत अच्छा लग रहा है.. हाँ किये जाओओओ.’

मैं उसे चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ रहा था. उसकी प्यारी चूत बहुत ही अच्छी लग रही थी. उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. मैंने जोर लगाया, तो वो और जोर से सिसकने लगी ‘ओहहह हहह आआआ आहहहह आमिर जजज..’

जैसे ही मैं अपनी जीभ उसकी चूत के छेद पर रगड़ने लगा, उसने मेरे सर को जोर से अपनी चूत पर दबा दिया. मैं अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई करने लगा. ज़रीना ने जोर से सिसकारी भरी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
ज़रीना ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे उसके ऊपर कर लिया और बोली- आमिर मुझे चोदो, आज मेरी चूत को फाड़ दो, मुझे अपना बना लो.

मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रख कर पूछा- ज़रीना, तुम वाकयी और चुदवाना चाहती हो?
वो उत्तेजना में चिल्लायी- हाँ … अब देर मत करो और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, फाड़ दो मेरी चूत को!

मैं अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी चूत में डालने लगा. उसकी चूत बहुत ही टाइट थी. फिर थोड़ा सा खींच कर एक जोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी उसकी चूत में जड़ तक समा गया.
‘ओह … बहुत दर्द हो रहा है आमिर.’ वो दर्द से चिल्ला उठी और उसकी आंखों में आंसू आ गए.
उसकी आंखों के आंसू पौंछते हुए मैंने कहा- डार्लिंग. अब चिंता मत करो, जो दर्द होना था, वो हो गया.. अब सिर्फ़ मज़ा आएगा.
इतना कहकर मैं उसे चोदने लगा. मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर बाहर हो रहा था.

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसे भी मज़ा आने लगा. वो भी अपनी कमर उछाल कर मेरे धक्के का साथ देने लगी. उसकी सिसकरियां बढ़ रही थीं- हाँ आमिर … जोर जोर से करो, ऐसे ही करते जाओ, बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज़ रुकना नहीं.. आआआ आहहह हह और जोर से, लगता है मेरा छूटने वाला है.
और वह झड़ गयी.

मुझे अभी अपने लंड में तनाव लग रहा था. मुझे सारा याद आ गयी इसलिये मैं अपने लंड को ज़रीना की चूत से निकालने जा रहा था कि वो बोली- क्या कर रहे हो? निकालो मत, बस मुझे चोदते जाओ.
उधर से सारा की आवाज़ आयी- हिम्मत ना करना उसके अन्दर निकालने की, अपना लंड निकालो और मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोदो और बस चोदते जाओ और अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दो. अपनी सारा की प्यासी चूत की साऱी प्यास बुझा दो.

यह कहकर उसने लंड फिर निकाला और मैं नीचे लेट गया और वह मेरे ऊपर चढ़ गयी. वो उछल-उछल कर चुदवाने लगी. मैंने भी अपनी गांड उठा कर उसका साथ दिया और सारा ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
उसका शरीर कंपकंपाया- ओह आमिर … हाँआंआं आआआ.. चोदो लगता है मेरा छूटने वाला है.
वो जोर से चिल्लायी और वैसे ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया.

हम दोनों काफी थक चुके थे. जब मेरा मुरझाया लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया, तो मैंने उसकी बगल में लेट कर सिगरेट जला ली.
ज़रीना ने कहा- आमिर बहुत मज़ा आया, आज मैं लड़की से औरत बन गयी.
मैंने जवाब दिया- हाँ ज़रीना … काफी मजा आया.
मैं उसके मम्मे और चूत दोनों सहला रहा था, जिससे मेरे लंड में फिर गरमी आ गयी थी.

जैसे ही उसका हाथ मेरे खड़े लंड पर पड़ा वो चिहुँक उठी- आमिर ये तो फिर तन कर खड़ा हो गया है, इसे फिर से मेरी चूत में डाल दो.
“हाँ रानी.. मैं भी मरा जरा जा रहा हूँ, तुम्हारी चूत है ही इतनी प्यारी.” यह कह कर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसे कस कर चोदने लगा. थोड़ी देर में सारा भी आ कर मुझे चूमने लगी और मेरे निप्पल पर दांत मारने लगी.

मैं कराहने लगा, वह बोली- हमें एक साथ चोदो.

मैं एक हाथ से ज़रीना और एक हाथ से सारा के निप्पल दबाने लगा. वह दोनों मेरे नीचे थीं. फिर मैं नीचे पीठ के बल लेट गया और सारा की चूत को अपने मुँह पर खींच लिया. वह मेरे मुँह पर बैठ गयी. मैंने उसकी चूत चूसनी शुरू कर दी. मेरे हाथ उसके चूचे खींच रहे थे. फिर ज़रीना भी उठी और मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी, धीरे धीरे मेरा लम्बा लंड उसकी चूत में समां गया. वह कराहने लगी और फिर धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी.

जैसे सारा थोड़ी देर पहले उछल उछल कर मेरे लंड को चोद रही थी, वैसे ही जरीना भी चुदने लगी.
दस मिनट तक यह दौर चला. तब तक ज़रीना एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा लंड तो जैसे मानने को तैयार ही ना था. सच में मैं जन्नत में था और मेरी दोनों दुल्हनें मस्त मजे ले रही थीं.

थोड़ी देर बाद सारा उलटी घूम गयी और ज़रीना को किस करने लगी और उसकी चुचि सहलाने लगी. ज़रीना भी उसकी चूचियों को चूसने लगी.

कुछ देर तक यह दौर चला, फिर दोनों झड़ गईं और मेरा लंड और मुँह उनके पानी से भीग गया. दोनों निढाल हो गयी थीं. मेरा लंड अभी भी ज़रीना के अन्दर ही था.
फिर सारा मुझसे बोली- अब इसे घोड़ी बना कर चोदो.. तुम पीछे से अपना लंड डालना.

मैंने वैसा ही किया, सच में मुझे यह आसन बहुत पसंद आया. मैंने उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखा था और ‘दे दनादन …’ अपना लंड उसकी चूत में दिए जा रहा था. इस दौरान मैंने महसूस किया कि ज़रीना भी अपनी कमर आगे पीछे कर मेरा सहयोग कर रही थी और पूरे मजे ले रही थी.

दस मिनट तक ऐसे ही चला. तब तक ज़रीना फिर एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा लंड तो जैसे मानने को तैयार ही ना था.

मैंने ज़रीना से लंड निकाल कर सारा को घोड़ी बना कर उसकी चूत में लंड घुसा डाला. पांच मिनट दे दनदना दन करने के बाद जैसे मेरी आंखों में नींद सी भर आई और मेरे लंड ने वीर्य की एक जोरदार पिचकारी सारा की चूत में छोड़ दी और मैं निढाल होकर बिस्तर पर लेट गया.

सुबह होने लगी थी. मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में था. मेरे बगल में दो दो हूरें थीं.

मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला:
गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त/ हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त
(धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं)

वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईं. मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा. फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे.
 
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आपा का हलाला-6



इस कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा.

उसके बाद सारा और जरीना से निकाह के बाद पहली रात सारा से सुहागरात मना के हलाला किया और अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी.
रात भर की मेहनत के बाद सुबह होने लगी थी. मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में था. मेरे बगल में दो दो हूरें थीं. वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईं. मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा. फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे. सुबह उठने पर सारा ने मुझसे पूछा- रात कैसी गुजरी? मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला: धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं मैं बोला- जन्नत की सैर की रात भर ... मेरी बीवियाँ जन्नत की हूरें हैं और मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे जन्नत की सैर करवाई. कुछ देर में दरवाजा पर आहट हुई, नूरी खाला और सारा की बहनें नरगिस, आयशा और इमरान की बहनें दिलिया उसकी बहन अबीर नयी दुल्हनों से मिलने आयी. मैंने तौलिया लपेट कर सारा और ज़रीना को कपड़े उठा कर बाथरूम भेजा और दरवाजा खोला. तभी सारा और ज़रीना लंगड़ाती हुई बाहर निकल आयी. सबने सारा और ज़रीना को गले लगाया और बधाई दी. दिलिया और इतने में अम्मी भी आ गयी और बोली- तुम्हारी दुल्हनें तो जन्नत की हूरें हैं आमिर, इन्हें प्यार से सम्भाल कर रखना. थोड़ी देर बाद में मालूम चला कि इमरान भी अपनी बाकी बहनों के साथ हैदराबाद आ गया है और बाकी भी बहुत सारे रिश्तेदार आज रात को वलीमा (रिसेप्शन) की दावत में आ रहे हैं. मैं इमरान से मिलने गया और उसके हाल पूछे. उसने बताया- आमिर, तुमने तो झंडे गाड़ दिए. लगता है कल अब तुम्हारी लाटरी लगने वाली है. मैं अब्बा हज़ूर के पास से आ रहा हूँ, कश्मीर वाली नूरी फूफी (मेरी खाला) और तुम्हारे अब्बा भी उनके पास बैठे हैं और सारा वाले मामले के बाद नूरी फूफी (मेरी खाला) कह रही हैं कि सुबह सारा और ज़रीना से मिल कर आयी थी, दोनों बहुत खुश और संतुष्ट हैं. अब वे जल्द ही अपनी बाकी बेटियों नरगिस और आयशा की शादी कर देना चाहती हैं. चूँकि हमारे खानदान में शादियाँ परिवार में ही होती हैं लेकिन लड़के दो ही हैं आमिर और इमरान और लड़कियाँ ज्यादा हैं तो देखते हैं कैसे होता है. और इमरान का जब तक इलाज नहीं हो जाता, तक तक रोकते हैं, फिर देखते हैं. रात को वलीमा दावत के बाद अब्बा जान ने बुलाया और कहा- कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी, वह हमारी तहज़ीब के मुताबिक ठीक नहीं है, जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो. सारे मेहमान नौकर नौकरानी सुनते हैं और बातें बाहर जा सकती हैं. मैंने सर झुका कर आदाब किया और वहां से अपने कमरे की ओर निकल गया. तो रास्ते में इमरान मिल गया, इमरान ने मुझसे पूछा तुमने श्रीनगर और कल रात ऐसा क्या किया कि झंडे गड़ गए? मैंने पूरा हाल तफ़्सीर से बता दिया. तभी मुझे ढूंढती हुई, लंगड़ाती हुई सारा आ गयी और कहने लगी- आमिर, आप मुझे छोड़ कर आप कहाँ चले गए. कहने लगी- मैं आप से दूर नहीं रह सकती. उसके कपड़े बिल्कुल बेतरतीब थे, वह बिल्कुल दीवानों की तरह किसी के होने न होने की परवाह करे बगैर मुझसे लिपट गयी. इमरान हंसते हुए बोला- सारा बेगम, हम भी है यहाँ! हमारा भी आदाब कबूल कीजिये. वह एकदम सम्भली और शर्मा कर मेरे पीछे छिपने लगी. "तो आमिर ... ये झंडे गाड़े हैं तुमने?" कटरीना सी सारा शर्म से पानी पानी हो गयी और वापिस भाग गयी. इमरान की बहन दिलिया जिसका निकाह मुझसे हुआ था, वह भी आ गयी और बोली- आमिर आप जाओ, वो तड़प रही है, उसे सम्भालो. मैं उसके पीछे पीछे अपने कमरे में वापिस आया. सारा फिर मुझ से लिपट गयी और बोली- आप मुझे अकेली छोड़ कर न जाया करें, मुझे साथ ले कर चला करें. अगर मैं सो रही हूँ तो मुझे जगा लिया करें. और रोने लगी, फिर मुझे चूमने लगी. मैंने उसके आंसू पौंछे, उसे प्यार किया, उसके कंधों पर हाथ रख कर कहा- मेरी जान, मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा. फिर उसे बहुत प्यार से चूमने लगा, उसके मोमे दबाये और चूत पर हाथ रख कर पूछा- कैसे हैं? तो बोली- बिल्कुल सूज गयी है, दुःख रही है ... पर तुम्हारे लिए बिछी जा रही है. मैंने उसे लिप किस किया, हमारे होंठ खुल गए और जीभ मिल गयी. उसकी साँसें भी तेज हो रही थी और पेट भी तेज तेज से ऊपर नीचे हो रहा था. ये मेरे लिए अच्छे संकेत थे तो मैंने भी मौके का फायदा उठाया और धीरे से उसकी सलवार को पैरों से ऊपर की तरफ सरका दिया. धीरे धीरे सलवार जांघों तक आ गई. मैंने उसकी मस्त नर्म जांघों को सहलाया तो वो अब मेरे पास होने लगी. मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और फटाफट सलवार और पेंटी को नीचे कर दिया. उसने मेरे हाथों को पकड़ कर ऐसे करने से जैसे रोका मुझे. फिर वो शर्माती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। सारा वाकयी में बहुत सुंदर थी। लेकिन मैं अब कहाँ रुकने को था, मेरे लिए इसकी चूत यानि कि मेरी जन्नत का दरवाजा खुल गया था. मैंने जल्दी से हाथ को नंगी चूत के ऊपर रख दिया. मेरे हाथ रखते ही वो सिहर उठी और मुझसे लिपट गई. मैं उसके नंगे बदन को देखना चाहता था, मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए, फिर मैंने उसकी नंगी टाईट चूत धीरे धीरे से सहलाई. चूत के दाने को सहलाना स्टार्ट कर दिया मैंने! तो वो मेरे हाथ को नाख़ून मारने लगी. इधर मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था. हम आपस में बात नहीं कर रहे थे लेकिन बात तो बस हमारे हाथों से और क्रियाओं से हो रही थी. मैंने सारा की चूत को सहलाना चालू रखा. थोड़ी देर के बाद सारा का हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर आ गया और वो मुझसे लिपट भी गई. मैंने जल्दी से उसके गालों के ऊपर किस की और फिर उसके नर्म मीठे होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने नीचे अपना काम जारी रखा था. अब मैंने धीरे से उंगली को चूत में डालनी स्टार्ट कर दी और मेरी उंगली अंदर चूत में आराम से घुस गई. मैं समझ गया कि वो तैयार हो चुकी है. फिर मैंने देर ना करते हुए उसको दूसरी तरफ घुमाया और उसकी गांड को अपने पास में खींचा. ऐसा करने से उसकी चूत बाहर को आ गई तो मैंने भी वक्त बर्बाद न करते हुए लंड को चूत पर घुमाना चालू कर दिया. और फिर मैंने सोचा कि क्यूँ ना सारा को थोड़ा तड़पाया जाए! मैं बस लंड को चूत पर रगड़ रहा था. थोड़ी देर बाद जब उस से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने अपने हाथ में लंड को पकड़ के चूत के छेद पर रखा और पीछे की तरफ जोर लगाया. बस फिर क्या था मेरा लंड जन्नत में प्रवेश कर गया. और यह जन्नत उस वक्त जहन्नुम के जैसी आग उगल रही ही. मुझे जो आनंद मिला तो मैं आप को किसी भी तरह के शब्दों में नहीं बता सकता हूँ. अब मैंने भी देर ना करते हुए मोर्चा सम्भाला चुदाई का ... और दोनों हाथों से उसकी गोल गांड को पकड़ा और लंड को दे दनादन उसकी चूत में पेलने लगा. क्या बताऊँ यारो ... कितना सुकून मिल रहा था मुझे! उसे भी खूब मजा आ रहा था क्यूंकि वो भी हर धक्के के साथ गांड को पीछे धकेल कर साथ दे रही थी मेरा. वो भी मादकता में चिल्ला रही थी- और ज़ोर से चोदो मुझे... हाँ इसी तरह हाँआंआंआं ... बहुत अच्छा लग रहा है ... और तेजी से डालो अपना लंड... आआआ आआआ आआआ आहहहह मेरा भी छूटने वाला है। "वाह क्या टाईट चूत है... हाँ! ले मेरे लंड को अपनी चूत में!" मैंने करीब 15 मिनट तक अपनी बड़ी बेगम सारा की चूत चुदाई की और इस बीच में वो दो बार मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई. मैंने उसके कान के ऊपर होंठों को लगा के उसे थेंक्स कहा इस हसींन सेक्स के लिए. वो भी मुझसे लिपट गई और उसने होंठों के ऊपर किस कर के अपनी स्टाइल में थेंक्स कहा मुझे! तभी मेरी छोटी दुल्हन ज़रीना जो वहीं सो रही थी, जाग गयी और आकर मुझ से लिपट गयी. उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे. मैं उसको चूमने लगा और फिर मैंने ज़रीना से कहा- अब तुम घोड़ी बन जाओ ... मैं अब तुम्हारी गाँड मारूँगा. "नहीं! मैं तुम्हें अपनी गाँड नहीं मारने दूँगी, सुना है बहुत दर्द होता है!" ज़रीना ने जवाब दिया। "गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी! हाँ, तुम्हें दर्द होगा तो मैं रुक जाऊँगा." मैंने उत्तर दिया- चलो बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ। "नहीं मैं तुम्हें अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं डालने दूँगी ... बचाओ बचाओ... !!! अम्मी मुझे बचाओ..." ज़रीना जोर से चिल्लायी। "जितना चिल्लाना है जोर से चिल्ला, आज तेरी प्यारी अम्मी भी तुझे बचाने के लिये नहीं आ सकती, मैं आज तुम्हारी गाँड मार के रहूँगा, चाहे तुम राज़ी हो या न हो। अगर खुशी से मरवाओगी तो तुझे मज़ा भी आयेगा और दर्द भी कम होगा." मैंने कहा। "प्रॉमिस???" "प्रॉमिस! कसम ले लो!" मैंने ज़रीना को कहा- आप चीखती बहुत हैं ... इसलिए अगर आप इज़ाज़त दें तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बेडपोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपड़े से बांध कर आपकी गांड मर लेता हूँ. "मेरे राजा आमिर ... पहले मेरी चूत चोदो. फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ... ताकि दर्द न हो." फिर मैंने जरीना की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई और फिर उनके हाथ बांध कर, उसके मुंह में दुपट्टा ठूंस कर मैंने ज़रीना की चूत में उंगलियाँ घुसा कर गीली की और दुल्हन की गाँड में अपनी उंगलियों को घुसा दिया। और फिर चूत में अपना लंड घुसा कर लण्ड को चिकना किया और गांड के ऊपर रख कर हल्का सा धक्का लगा कर सुपारे को ज़रीना की गांड में फंसा दिया. गूं गूं गों गों करती ज़रीना दर्द से कराही। "थोड़ी देर की बात है जानू, मेरा लंड तुम्हारी गाँड में घुस रहा है." कहकर मैंने पूरा लंड उसकी गाँड में घुसा दिया। "गु गु ऊऊऊईईई ईईईईई ..." ज़रीना जोर से चिल्लायी। खून की धार बह निकली मेरी नई दुल्हन की गांड से! "डरो मत मेरी जान! अब मेरा लंड पूरा का पूरा तुम्हारी गाँड में है, सब ठीक हो जायेगा." मैंने जोर से कहा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। क्योंकि ज़रीना मुंह बंधा था बेचारी केवल पाँव पटक सकती थी जिन्हें मैंने अपने हाथों से जकड़ रखा था. और फिर काफी देर तक उस नाज़ुक गांड की चुदाई कर मैं धन्य हो गया. क्या गद्देदार चूतड़ थे, मुलायम गोरी चमड़ी और सख्त टाइट मांस और बस मज़ा आ गया! अब मैंने ज़रीना को खोल दिया. हम दोनों लेट गए. पास में ही मेरी बड़ी बेगम नंगी बैठी ये सारा खेल देख रही थी. "अब तुम्हारी बारी है गाँड में लंड लेने की..." मैंने कुछ ही देर बाद छोटी दुल्हन ज़रीना को अपनी बड़ी बहन सारा से कहते सुना. मेरी बड़ी बेगम सारा ने मुझसे कहा- बेशक मेरी गांड मारो ... लेकिन अपना माल मेरी चूत में ही निकालना! वादा करो? मैंने भी वादा कर दिया. "ठीक है ... जरा धीरे-धीरे करना, और जब मैं कहूँ तो रुक जाना." सारा ने मुझ से विनती करते हुए कहा। "ठीक है, तुम जैसा कहोगी... वैसा ही करूँगा." कहकर मैं अपना लंड सारा की गाँड पर रगड़ने लगा। "देखो ज़रीना, अब सारा की गाँड भी फटने वाली है ... ये फटी ... फटी ..." ज़रीना मज़े ले-ले कर बोल रही थी। "ओहहह मर गयी ... उम्म्ह… अहह… हय… याह… आमिर प्लीज निकाल लो ... बहुत दर्द हो रहा है." सारा चिल्लायी. पर उसकी आवाज़ ना सुन कर मैंने एक करारा धक्का मार कर अपना पूरा लंड सारा की गाँड में घुसा दिया। ज़रीना आकर मुझे पीठ पर चूमने लगी. सच में मुझे बहुत मजा आया. मैंने ज़रीना को अपनी तरफ खींचा और उसको दबोच कर उसके मम्मे अपने एक हाथ से दबाने लगा और उसके ओंठ चूसने लगा. मैं उसको ओंठों में खो गया. ज़रीना की मादक सिसकारियाँ और सारा की दर्द भरी चीखों ने मेरा दिमाग सुन्न कर दिया था। पता नहीं सारा ने कब मेरा लण्ड अपनी गांड से निकाला और घोड़ी बने बने ही अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होकर चुदने लगी. मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं कब तक उनको यों ही चोदता रहा. मेरी बड़ी दुल्हन झड़ती गयी और फिर मैंने अपना सारा माल सारा की चूत में छोड़ा और उनकी बाँहों में आँखें बंद कर लेट गया. सुबह नूरी खाला ने सारा और ज़रीना की हालत देखी तो सारा माजरा समझ गयी. खाला मेरी दोनों दुल्हनों को लेडी डॉक्टर के पास ले गयी और लेडी डॉक्टर ने सारा और ज़रीना के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुक्म दे दिया.
 

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आपा का हलाला-7


अभी तक आपने पढ़ा कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा और फिर मेरा निकाह सारा आपा से हुआ. सारा को चोदने के बाद कैसे मैंने अपनी दूसरी बीबी ज़रीना को चोदा,
वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने तीन दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया.

वलीमा की रात मैंने सारा और ज़रीना को 4 बार चोदा और उनकी गांड भी मारी. जब वो दोनों सुबह लंगड़ाती हुई चल रही थी तो नूरी खाला ने सारा और ज़रीना की हालत देखी तो वे माजरा समझ गयी. खाला मेरी दोनों दुल्हनों को लेडी डॉक्टर के पास ले गयी और डॉक्टर ने सारा और ज़रीना दोनों को 3 दिन के लिए चुदाई ना करने का हुक्म दे दिया.

कुछ देर बाद मैं सारा से उसकी तबियत पूछने गया तो वह मुझसे लिपट गयी फिर मुझे चूमने लगी. वो कहने लगी- मेरा दूल्हा पूरा कसाई है.
फिर मैंने कहा- कसाई कैसा है?
तो सारा ने कहा- अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है.
और कहने लगी- ओह आमिर … ये तुमने कल क्या कर दिया … मेरी चुत का भुर्ता बना दिया. देखो कैसे सूज गयी है, बहुत दर्द हो रहा है. मैं मर जाऊँगी, आआई रे … मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो.

मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो वह बिल्कुल सूजी हुई थी. मैं सारा के लबों का बोसा लिया और कहा- आय लव यू आपा! आपको चोद कर मैं धन्य हो गया!
वो रोते और सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थी लेकिन मुझसे गुस्सा थी, बोली- जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवायेंगी. कोई ऐसे भी अपनी खाला की लड़की को चोदता है?
उसकी आँखों से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

तभी वहां पर सारा की बहनें ज़रीना, नरगिस और आयशा तथा इमरान की बहनें दिलिया, अबीर और ज़ारा भी आ गयी और सारा की तबियत पूछने लगी.
दिलिया ने तो मेरे पास आकर मेरे कान में कहा- आपने पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला सारा और ज़रीना आपा के साथ?
तो मैंने कहा- मेरी जान, जल्द ही तेरी भी यही हालत करूँगा.
इस पर दिलिया ने कहा- तो कर लेना, आओ तो सही, मैं चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे. ज़रीना और सारा आपा तो सीधी थी, मीठी थी. नमकीन और कमसिन का मज़ा तो मैं ही दूँगी.

पिछली तीन रात जो मैंने सारा और ज़रीना के साथ गुजारी थी और जो जलवा देखा था उसके बाद सोचने लगा अगर सारा ज़रीना मीठी और सीधी थी तो नमकीन कैसी होगी?

फिर सारी बहनें मुझसे मेरी सुहागरात का किस्सा पूछने लगी तो मैं हिचकिचाया.
इस पर सारा बोली- इनसे क्या शर्म … ये सभी मेरी बहने हैं!
और वो खुद तफसील से हमारी सुहागरात की पूरी दास्ताँ सुनाने लगी.

आप सब यह पूरी दास्ताँ इसकी कहानी के भाग 1 से 6 में पढ़ चुके हैं.

जब सारा सुहागरात का पूरा किस्सा सुना चुकी तो ज़रीना कहने लगी- आमिर, आप बहुत अच्छे तरीके से चुदाई करते हो … आप तो इंगलैण्ड चले गए थे और आपने नूरी खला को बोला था आपकी कई गर्लफ्रेंड थी. आमिर, सच सच बताना कि क्या सारा ही वह पहली लड़की हैं जिन्हें आपने सबसे पहली बार चोदा?
तो मैंने कहा- नहीं मेरी जान, सारा से पहले भी कई लड़कियों को चोद चुका हूँ.

तो मेरी सभी सालियाँ, सारा जरीना की सभी बहने मुझसे अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने के लिए कहने लगी और पूछने लगी- किसे चोदा, कब चोदा, कहाँ चोदा, कैसे चोदा? सब तफसील से बताना!

लीजिये पेश है मेरी पहली चुदाई की कहानी:

स्कूल के पेपर ख़त्म होने के बाद मैं अपने एक दोस्त सुमेर के घर गया था. वे लोग भी काफी रईस थे और काफी बड़ा घर था और घर के साथ एक बहुत बड़ा मैदान था जहाँ हम खेल रहे थे. तभी मेरा दोस्त पता नही कहाँ चला गया.
मैं उसे ढूंढता हुआ घर के पीछे एक अलग सा गोदाम था जो सुनसान रहता था, उसमें गया. तो उसमें अँधेरा सा था. मैंने देखा कि मेरा दोस्त सुमेर वहाँ नंगा खड़ा अपने चूतड़ आगे पीछे कर रहा था. मैं चुपचाप आगे बढ़ा और छिप कर देखने लगा तो देखा वहां एक लड़की बिल्कुल नंगी थी और सुमेर अपना लण्ड उसकी चुत में डाल कर आगे पीछे कर रहा था, अपने हाथों से उसके बूब्स दबा रहा था. बीच बीच में वे दोनों एक दूसरे को चूमने लगते थे. लड़की उह आह आकर रही थी और दोनों पसीने में तर बतर थे.

मेरा भी लण्ड खड़ा हो गया और मैं उसे ऊपर से सहलाने लगा. कुछ देर बाद सुमेर के लण्ड में से सफ़ेद लिसलिसा पदार्थ निकला और दोनों चूमा चाटी करने लगे.
तो मैं उनके पास आया और सुमेर से बोला- ये तुम क्या कर रहे थे? मुझे भी करना है, नहीं तो मैं शोर मचा दूंगा.
और मैंने लड़की को लपक कर पकड़ लिया ताकि वह भाग न सके.
मैंने सुमेर से पूछा- सच बता ये लड़की कौन है?
लड़की शर्मा कर अपने शरीर को छुपाने छुड़ाने लगी और कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो और किसी को मत बताना, नहीं तो बदनाम हो जाऊँगी.

मैंने लड़की की बाजू को कस कर पकड़े रखा और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया. सुमेर मुझसे बोला- आमिर, इसे चुदाई कहते हैं. क्या तुमने पहले कभी चुदाई नहीं की है?
तो मैंने कहा- नहीं, मैंने नहीं करी है पर अब करना चाहता हूँ. इस लड़की को मैं भी चोदना चाहता हूँ. ये कौन है?
सुमेर बोला- ये पारो है, हमारे घर में नौकरानी है.
मैंने गौर से देखा, पारो का गोरा रंग था और साफ़ सुथरी थी, सुन्दर नैन नक्श थे.

सुमेर बोला- इसे तुम जब मर्जी चोद लेना पर ये राज किसी पर जाहिर मत करना, बेचारी लड़की बदनाम हो जाएगी.
आगे सुमेर बोला- देख आमिर, तेरा लण्ड तो तगड़ा है और पहली चुदाई ख़ास होती है, उसे यादगार बनाना चाहिए. मैं तेरे लिए कोई कुंवारी लड़की ढूंढता हूँ.
मैं सुमेर से बोला- जब तक कुंवारी लड़की नहीं मिलती, इसी से काम चला लेता हूँ.
तो सुमेर बोला- देख आमिर भाई, थोड़ा सब्र रख, इतना उतावला होना ठीक नहीं है. लड़की भी राजी होनी चाहिए, तभी पूरा मजा आता है.
फिर उसने लड़की, जिसका नाम पारो था, उससे पूछा- पारो क्या तुम मेरे दोस्त आमिर से चुदना चाहती हो?

तो मेरी बीवी बनी आपा सारा बोली- तो आमिर … फिर तुमने पारो को चोदा?
मैंने कहा- थोड़ा सब्र रखो और पूरी कहानी सुनो!

फिर मैंने कहानी आगे बढ़ाते हुए कहा:
तो पारो शरमाते हुए बोली- इनका लण्ड तो तगड़ा है चुदाई में बहुत मजा आएगा. लेकिन आप मेरी एक बात मानो तो इनके लिए मैं कुंवारी लड़की का इंतज़ाम कर देती हूँ.
तो सुमेर ने पूछा- वो लड़की कौन है?
तो पारो बोली- मेरी छोटी बहन … उसका नाम गुलाबो है. वह कुंवारी है और उसे मेरी चुदाई के बारे में सब पता है. वह भी उतावली है चुदाई के लिए! क्यों न उसकी पहली और आमिर की पहली चुदाई करवा दें?
मैं और भी उतावला हो गया और बोला- जल्दी करवाओ.
तो पारो और सुमेर हंसने लगे- ठीक है, आज ही करवाते हैं. पारो को छोड़ दो.

सुमेर बोला- पारो, इस काम के लिए तुझे ढेर सारा इनाम दूंगा. और आमिर … पहले ठीक से चुदाई देख और सीख लो.
मैंने पारो को छोड़ दिया तो सुमेर पारो के पास आकर उसे चूमने लगा. वे दोनों मुझे दिखा कर किस करने लगे और सुमेर उसके बूब्स दबाने लगा और पारो उसके लण्ड को सहलाने लग गयी.

सुमेर का लण्ड खड़ा हो गया तो सुमेर बोला- आमिर ध्यान से देख ले कि कैसे चुदाई करते हैं.
और अपना लण्ड पारो की चुत में घुसा कर दनादन धक्के लगाने लग गया और कुछ देर बाद झड़ गया.
पारो बोली- मैं आज रात को गुलाबो को तैयार करके लेकर आती हूँ.
और अपने कपड़े पहन कर भाग गयी.

सुमेर बोला- पहली बार कुंवारी लड़की की झिल्ली फट जाती है और थोड़ा बहुत खून निकलता है. और चुत भी टाइट होती है इसलिए आराम से घुसेड़ना और जितने प्यार से करोगे उतने दोनों को मजे आएंगे. और अपने बाल झांटें साफ़ कर लेना.

उसके बाद मैं रात भर के लिए सुमेर के घर रूक गया.

समय कट नहीं रहा था और मैं उतावला हो रहा था.
तो रात को लगभग आठ बजे खाना खाने के बाद सब सोने चले गए तो सुमेर मुझे चुपचाप छिपा कर उसी जगह ले गया. वहां पारो ने घास फूस पर चादर बिछा कर बिस्तर लगा दिया था और सफाई कर दी थी.
हमें देख कर पारो बोली- आप थोड़ी देर रुको, मैं गुलाबो को लेकर आती हूँ.

मैं लण्ड में तनाव महसूस हो रहा था और लण्ड खड़ा हो रहा था. मैं उतावला हो रहा था तो सुमेर से बोला- भाई, गुलाबो कैसी दिखती है?
सुमेर बोला- थोड़ा सब्र रख … सुंदर है. बाकी वो आ ही रही है, खुद ही देख लेना.

तभी पारो गुलाबो का हाथ पकड़ कर वहां ले आयी और बोली- आमिर, ये लो तुम्हारी गुलाबो … आराम से करना. मैंने सब इंतजाम कर दिया है. हम दोनों दूसरे कोने में जा रहे हैं.
और सुमेर का हाथ पकड़ कर बोली- गुलाबो को हमारे सामने शर्म आयेगी इसलिए चलो हम उधर चलें.
और वे दोनों दूसरी तरफ चले गये.

गुलाबो ने गुलाबी रंग की फ्रॉक पहन रखी थी और सर पर चुनरी ओढ़ रखी थी, उसने अपना चेहरा छुपाया हुआ था. पारो ने गुलाबो का श्रृंगार गुलाबों से किया था उसकी उम्र 18-19 साल की होगी. पतली कमर गोरा रंग, गोल सुडौल बूब्स और वह बहुत कमसिन लग रही थी.

मैं एकदम लपका और उसके बूब्स पकड़ लिए.
गुलाबो चिल्लाई- दीदी बचाओ, बहुत दर्द हो रहा है.
तो पारो बोली- आमिर, आराम से करो, गुलाबो अब तुम्हारी ही है. ज्यादा शोर मत करना, कहीं कोई आ न जाए!
मैंने भी उसकी चीख सुन उसके बूब्स छोड़ दिए और उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर ले गया. मैंने उसे बस्तर पर बिठाया और सॉरी बोल कहा- माफ़ करना, मैं तुम्हारे इंतज़ार में बेकरार हो गया था. अब आराम से करूंगा.

मैं गुलाबो को देख कर दीवाना हो गया था और उसकी एक झलक के लिए बेकरार था. मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी.
गुलाबो शर्मायी हुई अपने पैरों की तरफ देख रही थी. उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था. उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच कर लाल हो रहा था. वह थोड़ी सी घबराई हुई थी.

मैंने थोड़ा सा आगे होकर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बिठाया.
या खुदा!! उसका नर्म गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

वह पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ था. गुलाबो के आने से मानो कमरा गुलाबी हो गया था. पारो ने गुलाबो का श्रृंगार गुलाबों से किया था तो मैंने गुलाबो की तारीफ करना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- गुलाबो, तुम बहुत सुन्दर हो. जब से तुम्हारे बारे में पारो से सुना है, तब से मैं तुम से बहुत प्यार करने लगा हूँ और तुमको पाना चाहता था. आज अल्लाह के करम से तुम मेरी होने वाली हो!

वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली- मैं भी आपको प्यार करती हूँ.
 
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आपा का हलाला-8


मैं अपनी सालियों को अपनी पहली चुदाई की कहानी सुना रहा हूँ. मेरे एक दोस्त सुमेर की मदद से उसकी घरेलू काम करने वाली लड़की पारो जिसे वो चोदता है, की बहन की कुंवारी चूत मुझे मिलने वाली है.
अब आगे:

फिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक अंगूठी पहले नज़राने के तौर पर दी.
वह बोली- आप ही पहना दीजिये!
मैंने उसे अंगूठी पहनाई और उसके गोर हाथ को सहलाया और चूम लिया वह सिहरने लगी.

फिर मैंने धीरे से उसकी चुनरी को उठा दिया. दूध जैसी गोरी चिट्टी … लाल गुलाबी होंठ! नाक पर नथ, बालों में गुलाब के फूलों का गजरा … हाथ में भी फूल और गले में भी फूलों का शृंगार, हल्का मेकअप!
उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था.
इतनी सुन्दर गुलाबो को देख मेरे मुँह से निकला- वाह!! तुम तो गुलाब ही हो. मेरी सपनों की रानी … मेरी जान!
और मेरा लंड फुफकारने लगा.

मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया. गुलाबो की आँखें बंद थी. इतनी सुन्दर गुलाबो को मुझे अता फरमाने के लिए मैंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया और बोला- मेरी जान, अपनी आँखें खोलो और अपने आमिर को देखो!
उसने आँखें खोली और हल्की से मुस्करायी मैंने उसका ओंठों पर एक नर्म सा चुम्बन ले लिया.

यह उसका पहला चुम्बन था. वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझसे लिपट गयी. मैंने गुलाबो को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिराया. उसकी पीठ बहुत चिकनी थी.
मैंने पूछा- क्या तुम्हें मालूम है आज हम क्या करेंगे?
उसने अपना सर हाँ मे हिलाया और धीरे से बोली- मैंने दीदी को सुमेर साहब के साथ सेक्स करते हुए छिप कर सब देखा है.
और मुझसे और कस कर लिपट गयी.

मेरे हाथ ने महसूस किया कि उसने सिर्फ फ्रॉक पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी. फिर मेरे फिसल हाथ गुलाबो की कमर तक पहुँच गए. क्या चिकनी नर्म और नाजुक कमर थी. मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे और उसकी गांड की दरार को मैंने महसूस किया.
“आअह्ह्ह …” उसकी सिसकी निकल गयी.

मैंने फिर पूछा- क्या तुम तैयार हो?
उसने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली- इसका इंतज़ार तो हर लड़की करती है. और जबसे मैंने दीदी को चुदती हुई देखा है, मेरे तन बदन में आग लगी हुई है.
मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही था- मेरे सपनों की रानी … मैं तो दीवाना हो गया हूँ.
मैंने हल्की सी आवाज में ‘आई लव यू गुलाबो’ कहा और बोला- आपको मालूम नहीं है कि मेरी क्या हालत है. मेरा मन आपको देखते ही बेकाबू हो गया है तुम तो मेरे दिल की मल्लिका हो.
मैं आगे बोला- आपके गुलाबी नर्म गुलाब की पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी! आय लव यू जान! तुम बहुत अच्छी लग रही हो! आज मैं अपनी दुल्हन को प्यार करूंगा और तुम्हारी सील तोड़ दूँगा!

मेरी ऐसी बातों से गुलाबो पागल हो गयी, उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था. मैंने गुलाबो को अपनी तरफ किया और अपने होंठ गुलाबो के होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और गुलाबो के होंठों पर ही टूट पड़ा।
गुलाबो के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो जुबान रुक गई। गुलाबो ने डीप गले की फ्रॉक पहनी थी, उसकी आधी चूचियां और क्लीवेज झाँक रही थी. जैसे ही उसकी चुनरी सरकी, मैं गुलाबो की आधी नंगी चूची को देख कर मस्त होने लगा, मेरा लंड टाइट हो गया.

मैं गुलाबो की जांघों और नंगी चूची को टच करने की कोशिश करने लगा. गुलाबो को भी एक्साइटमेंट होने लगा, गुलाबो भी मेरे सामने ढीली पड़ने लगी, मैं उसे हग करके गुलाबो की गांड को सहलाने लगा. मैंने गुलाबो की फ्रॉक के अंदर हाथ डाल दिया और मैंने बारी बारी दोनों चूची को दबा दिया.

फिर मैंने बिना कुछ कहे उठा कर गुलाबो को अपनी गोद में घसीटा और गुलाबो के लिपस्टिक से रंगे होंठ बिना लिपस्टिक के कर दिए। गुलाबो भी पागल सी हो गई और अपने हाथ मेरी गर्दन पर फिराने लगी। मैंने गुलाबो का दुपटा उतार डाला और फ्रॉक की डोरियों की खिंच कर उतार डाला. वह मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और मैं भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगा था. मैं उसके बड़े बड़े सफ़ेद मम्में देख कर पागल हो गया जो उत्तेजना से लाल हो रहे थे. उसके चूचुक गुलाबी रंग के थे.

मैंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिए और वह सिसकिया लेने लगी अहहह अम्म्म ऊऊऊ मम्मम और वह कहने लगी की और जोर से दबावों. हम दोने की ही पता भी नहीं चला कि मैंने कब गुलाबो को नंगी कर दिया। सिर्फ नथ रहने दी.. नथ मुझे चोदने के लिए उकसाने लगती है .. सिर्फ नथ में गुलाबो बहुत सेक्सी लग रही थी

फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मैं गुलाबो को बेकरारी से चूमने लगा और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसके लबों को चूमता चूसता रहा.

अब मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी.
गुलाबो तो मेरे होंठों में ही गुम थी कि अचानक से एक ‘चटाक …’ से गुलाबो के चूतड़ों पर एक चपत लगी. मैंने ही वासना से उत्तेजित होकर उसके कूल्हों पर जोर से थप्पड़ मार दिया था.
गुलाबो ने बिलबिला कर मेरे होंठ छोड़ दिए और मेरी तरफ सवालिया निगाहों से देखा.
तो मैं मुस्कराते हुए बोला – माफ़ कर देना … तुम्हें देख कर मुझे कुछ भी होश नहीं रहा।
गुलाबो ने भी मुस्कुरा दिया और कहा- कोई बात नहीं … मैं सब सहन कर लूँगी।

मगर मुझे पता था कि आगे जो होगा … वो सहन कर पाना सबके बस की बात नहीं है।
मैंने गुलाबो पे ध्यान दिया तो पता चला कि वो मेरे ऊपर नंगी बैठी है … उसने अपने हाथ मेरे सीने पर टिका रखे हैं।

गुलाबो पूरी नंगी … गोद में किसी बच्चे की तरह बैठी हुई थी। मैंने कुरता-पायजामा अभी तक पहन रखा था। मेरे कसरती बदन की मजबूती बाहर से ही महसूस हो रही थी। गुलाबो का बदन बेहद मुलायम चिकना नर्म और कमसिन था.

मैंने धीरे धीरे गुलाबो को पीछे खिसकाया और बिस्तर पर गिरा दिया और खुद गुलाबो के ऊपर आ गया। मेरे शरीर का पूरा भार गुलाबो पर था। गुलाबो ने मेरी लोहे जैसी बाजुओं को पकड़ा और मुझे अपने पर से हटाना चाहा पर नाकामयाब रही। बल्कि जितना वो मुझे हटाती थी, मैं उतना ही गुलाबो पर लदे जा रहा था।

अंत में उसने हार मान ली और अपने आपको मुझे सौंप दिया।

मैं गुलाबो के होंठों को चबा रहा था और गुलाबो के निप्पल को अपने मजबूत हाथों से नौच रहा था, गुलाबो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी जिससे मुझे और जोश आ रहा था।
कुछ देर हम यूँ ही करते रहे!

थोड़ी देर बाद मैं गुलाबो पर से हट गया तो गुलाबो ने राहत की सांस ली. फिर मैंने अपना लाया हुआ गिफ्ट गुलाबो को दिया और उसने खोला तो उसमें चाकलेट्स थी!
गुलाबो बहुत खुश हो गयी क्योंकि उसे चाकलेट्स बहुत पसंद थी।

मैंने एक चाकलेट का पैकेट फाड़ा, चाकलेट को अपने मुँह में रखा और अपने मुंह को गुलाबो के मुंह के पास लाया! चाकलेट देख गुलाबो के मुंह में पानी आ गया और गुलाबो आगे बढ़ कर मेरे मुंह से चाकलेट खाने लगी। अब मैंने मुंह से सारी चाकलेट अपने और गुलाबो के मुंह पर लगा दी, मैं गुलाबो के मुंह पर लगी चाकलेट खाने लगा, गुलाबो भी मेरे मुंह पर लगी चाकलेट चाटने लगी.
हमने चाट चाट कर एक दूसरे का मुंह साफ किया।

पहले तो मैंने गुलाबो के गले पर बेतहाशा किस किया और काट कर निशान सा बना दिया। फिर उसके कंधों पर किस किया और चूस चूस कर दांत लगा दिए.
वह कराह उठी- आआह्ह … धीरे करो … प्लीज काटो मत! निशान पड़ जाएंगे!
पर मैं कहाँ रुकने वाला था … मैंने दोनों कन्धों पर काट लिया और वहां लव बाईट के निशान पड़ गए.

फिर मैं उसके गालों पर टूट पड़ा. उसके गाल बहुत नर्म मुलायम और स्वाद में मीठे थे. वहां भी मैंने दांतों से काटा तो वह कराहने लगी- आअह्ह उई ऊह्ह्ह मह्ह मर गयी … मार डाला … अअअ प्लीज प्यार से करो … काटो मत … दर्द होता है!
और उसकी कराहट से मेरे जोश और बढ़ जाता.

मैं पूरा सेक्स में डूब चुका था, मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया और उसकी मुलायम नर्म पीठ को कस कर पकड़ लिया। कुछ देर बाद मैंने उसे थोड़ा ऊपर किया और गुलाबो की चुची पर जानवरों की तरह टूट पड़ा। उसके निप्पल जिनको आज तक किसी ने नहीं काटा था, अब मैं उसके दायें निप्पल को चूस रहा था और काट रहा था। फिर मैंने बायें निप्पल को चूसा और काटा और पहली को हाथ से दबोच रहा था. वो बहुत फूल चुकी थी।

मैं बोला- गुलाबो, तू बहुत मीठी है, मैं तुझे खा जाऊँगा.
गुलाबो बोली- अगर खा जाओगे तो कल किसे प्यार करोगे?

गुलाबो ने मेरा सर पकड़ कर मुझे हटाना चाहा लेकिन मैं टस से मस नहीं हुआ और दोनों चूची को एक साथ चूसने और काटने लगा.
गुलाबो बहुत चीख रही थी- आआह … ओमम्म्म ममम … चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा!
और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी।

अब वो खूब सिसकारियाँ भरने लग गई थी, वो ‘अहाह … आहहह … आहहह …’ कर रही थी। उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी और ज्यादा सनसनी होने लगी थी। गुलाबो की आवाज़ गूँज रही थी लेकिन गुलाबो की मदद को आने वाला वहाँ कोई नहीं था.
दर्द के मारे गुलाबो के आंसू निकल आये पर मैं इसकी परवाह किए बिना लगा रहा। फिर थोड़ी देर के बाद उसका शरीर अकड़ गया और फिर वो झड़ गयी।
 
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आपने पढ़ा कि मेरे दोस्त की मदद से मुझे एक कुंवारी चूत चोदने को मिली. मैं उसके साथ चूमा चाटी कर रहा था.
अब आगे:

कुछ देर बाद मैं उस पर से हटा, गुलाबो की चुची फूल गई थी और उसके नर्म मुलायम बूब्स टाइट हो गए थे. दोनों बूब्स सुर्ख लाल हो गए थे, उन पर मेरे दांत के निशान पड़े हुए थे।

जब मैंने उसे रोते हुए देखा तो गुलाबो को अपनी बांहों में ले लिया और किस करने लगा। मैंने गुलाबो के कान में कहा- जानेमन, रोती क्यों है, मैं तुझे कुछ नहीं होने दूंगा!
और गुलाबो की चुची को सहलाने लगा. मैंने गुलाबो के नमकीन आंसू पी लिए और उठ कर अपने कपड़े उतारे, अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था! मैं गुलाबो के करीब आया और उसके मुंह के पास अपनी अंडरवियर लाया और उसे नीचे कर दिया।

गुलाबो ने अपना चेहरे को ऊपर किया, मेरा लंड 8 इंच लम्बा और तीन इंच मोटा था, देख कर वो डर गयी, गुलाबो बोली- यह तो बहुत तगड़ा है, मुझे तो मार देगा.
मैं बोला- नहीं मेरी रानी, यह तुम्हें पूरे मजे देगा. बस आज थोड़ा दर्द होगा फिर तुम इसे छोड़ोगी नहीं!

मैंने अपने हाथों से गुलाबो का मुंह खोला और अपना लंड गुलाबो के मुंह में दे दिया. उसके मुँह में मेरा लंड बहुत मुश्किल से गया.
वह लंड मुख से निकाल कर बोली- जब मुँह में इतनी मुश्किल से जा रहा है तो चूत में कैसे जाएगा?
गुलाबो को काफी डर लग रहा था क्योंकि मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा है.

मैं बोला- मेरी रानी, फ़िक्र न करो, तुम्हें मेरा लंड बहुत मजे देगा.

मैं उसके मुँह में में अपना लंड आगे पीछे करने लगा, उसके मुंह से मुम्ह उम्म्ह की सी निकल रही थी। मैं भी अब लंड चुसाई का मजा लेने लगा।
चूसने से लंड बिल्कुल लोहे की रोड की तरह कड़क हो गया था।

मैंने अब गुलाबो की पेंटी नीचे सरका दी, उसकी चूत बिल्कुल नर्म चिकनी और साफ़ थी, कोई बाल भी नहीं था. मैंने उसकी चूत को सहलाया तो गुलाबो बोली- अभी साफ़ की है तुम्हारे लिए!

और मैंने अपनी उंगली पर थूक लगाया और उंगली चूत के छेद पर रखी और चूत को गीली करने लगा। फिर मैंने गुलाबो की अनछुई चूत में अपनी एक उंगली डाल दी. मैंने अब एक जोर का झटका दिया, मेरी दो उंगली चूत में जा चुकी थी।
फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर की तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से सिसकारने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…

वो ज़ोर से चिल्लाई- आहह … अब इसमें लंड डाल दो, अब मुझसे और इंतज़ार नहीं हो रहा … प्लीज जल्दी करो! प्लीज आहहह।
मैं गुलाबो को उंगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से सीत्कार कर रही थी- ये आपने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है।
अब वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और ‘आहह … एम्म … ओह … आआआ … आआआअ, डालो ना अंदर …’ जैसी आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उंगली से जोर जोर से चोदने लगा। पांच मिनट तक तो ऐसे ही उंगली से चोदता रहा. फ़िर जब चूत ढीली हो गई, वो भी अब बहुत गर्म हो गई थी और बार-बार बोल रही थी- अब डाल दो.. रहा नहीं जाता।
मैंने अपना लंड उसकी चिकनी चुत में डालना चाहा लेकिन मेरा लंड फिसल कर बाहर ही रह गया। तो मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और चूत के छेद पर सेट किया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।

तभी मैंने गुलाबो की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. वो उछल पड़ी. तब तक मगर मेरे लण्ड का टोपा चूत में फंस चुका था। मैंने और एक जोरदार धक्का मारा। पूरा कमरा गुलाबो की चीख से भर गया हाय माँ री … मर गयी मैं … पारो बचा ले मुझे!
और मैंने गुलाबो की चुची को दबाना चालू कर दिया.

मैंने गुलाबो के दर्द की परवाह किये बगैर दूसरा झटका दिया और अपना दो इंच लंड चूत में घुसेड़ दिया. इस बार गुलाबो पहले से ज्यादा तेज़ चिल्लाई, गुलाबो के आंसू निकल आये थे पर मैं कहां मानने वाला था!

मैंने फिर एक और जोर से धक्का मारा। इस बार करीब 3 इंच लंड अन्दर घुस गया था। जैसे ही लंड घुसा … वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी- आह … फट गई … आहह आआअहह … प्लीज़ इसे बाहर निकालो … मैं मर जाऊँगी … उफ़फ्फ़ आहह आआहह!
उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे लेकिन मैं नहीं रुका। मुझे लगा मेरा लंड उसकी झिल्ली के टकराया था और मैंने अवरोध महसूस किया. मैंने हल्का ज़ोर लगाया लेकिन लंड अंदर नहीं जा रहा था.

गुलाबो चीखने चिल्लाने लगी- हाआअ … निकालो … मर गयी मैं!
लेकिन मैं गुलाबो के अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित था. वो मेरे लिंग को अपनी योनि के दीवारों पर महसूस कर रही थी. मैं अपने लंड को उसकी योनि में भिंचा हुआ महसूस कर रहा था.

एक बार फिर मैं थोड़ा सा पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. मैंने लंड थोड़ा सा पीछे किया, उठा और फिर से धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लगभग आधा अंदर चला गया था. मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को गुलाबो ने अपनी योनि रस ने भिगो दिया था जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था.

और अगली बार के धक्के में मैंने थोड़ा दबाव बढ़ा दिया. मेरी साँसें जल्दी जल्दी आ रही थीं. गुलाबो ने अपनी टांगें मेरे चूतड़ों से और बांहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बों को ऊपर की ओर उठा दिया. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. मेरा लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था मेरा लण्ड हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो गुलाबो चिल्लाने लगी- दर्द हो रहा है … मैं मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया. गुलाबो की टांगों ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की और कस लिया.
” अम्माह ओह … मर गयी मैं!” गुलाबो के मुंह से निकला. गुलाबो के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गई जैसे ही मेरा 8 इंची गर्म लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया. अन्दर … और अन्दर वो चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वो पूरा 8 इंच अन्दर तक चला गया था. गुलाबो की योनि मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी.

उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दबाव दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चुका था. गुलाबो भी दर्द के मारे चिल्लाने लगी- आहहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आई उउउइइई ओह्ह बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज इसे बाहर निकाल लो … मुझे नहीं चुदना तुमसे! तुम बहुत जालिम हो! यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझ में! निकालो इसे … प्लीज बहुत दर्द हो रहा है … मैं दर्द से मर जाऊँगी … प्लीज निकालो इसे!
और गुलाबो की से आँखों से आंसू की धारा बह निकली. मैं उन आंसुओं को पी गया, बोला- मेरी रानी, बस इस बार बर्दाश्त कर लो, आगे मजा ही मजा है.

गुलाबो की चूत बहुत टाइट थी, मुझे लगा मेरा लंड उसमें जैसे फंस गया और छिल गया है. मेरी भी चीखें निकल गयी. हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे- ऊह्ह्हह्ह मर गया …
मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लंड को बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन लण्ड टस से मस नहीं हुआ. गुलाबो की चूत ने मेरा लण्ड जकड़ लिया था. मैंने बहुत आगे पीछे होने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और लण्ड पूरा अंदर समां गया और हम दोनों झड़ गये.
मैं गुलाबो के ऊपर गिर गया. मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई.

उधर मेरा दोस्त सुमेर और गुलाबो की बहन पारो दूर से हमारी चुदाई देख रहे थे. वे दोनों गर्म हो गए और एक दूसरे को लिप किश करते हुए चुदाई में लग गए.
मेरा लंड गुलाबो की चूत के अंदर ही था. मैंने चूत पर हाथ लगाया तो वह सूज चुकी थी, एकदम सुर्ख लाल हो गयी थी.
गुलाबो रोने लगी- हय मर गयी … मेरी चूत फाड़ डाली! अब तो मैं मर जाऊँगी … अब मैं क्या करूँगी.

कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है.
गुलाबो सुबक रही थी. मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड पूरा अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने गुलाबो को धीरे धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला- मेरी रानी, डर मत, कुछ नहीं होगा, थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा, मैं उसे लिप-किश करता ही रहा. वह भी कभी मेरा ऊपर वाला लब तो कभी नीचे वाला लब चूसती रही. मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया. फिर मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. मैंने भी उसकी जीभ को चूसा.
गुलाबो मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते चूमते हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी वह सिसकारियां ले मजे लेने लगी.

मैंने धीरे धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी उंगली से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया. गुलाबो गर्म होने लगी धीरे धीरे चूत ढीली और गीली होनी शुरू हो गयी फिर मेरे लण्ड पर चूत की कसावट भी कुछ ढीली पड़ गयी. एक मिनट रुकने के बाद मैंने धक्का लगाना शुरू किया. कुछ देर में ही वो भी मेरा साथ देने लगी। मुझे जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था। गुलाबो ने ढेर सारा पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया. मैं झड़ने के बाद भी लिप्स किस करता रहा. दो-तीन झटकों बाद मैंने लण्ड निकाल लिया।

कुछ देर बाद जब हम लोग उठे और चादर को देखा तो उस पर खून लगा हुआ था। वो मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई।
मैंने गुलाबो को अपनी बांहों में ले लिया, मैंने उसको किस किया और हसीं और जबरदस्त सेक्स के लिए ‘थैंक यू’ कहा.
गुलाबो भी बोली- अब मैं सारी जिंदगी सिर्फ तुमसे ही चुदूँगी. मैं अब सिर्फ तुम्हारी हूँ, चाहे तुम मुझे जैसे मर्जी रखो.

इस तरह चुदाई करते हुए सुबह हो गयी और हम दोनों रात में एक पल भी नहीं सोये.

सुमेर और पारो हमारे पास आये तो सुमेर मुझसे बोला- भाई, तेरे में गजब का स्टैमिना है, सारी रात तुम गुलाबो को चोदते रहे और लगा ही नहीं कि यह तुम्हारी पहली चुदाई है.
मैंने भी सुमेर भाई को थैंक यू कहा और कहा- दोस्त, तुमने मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा मजा दिलवाया है.
और पारो को भी थैंक यू कहा और कहा- पारो तुमने मुझे जो चूत दिलवाई है वह मस्त है. उसे चोद कर तृप्ति हो गयी. इसके लिए तुम्हारा बहुत शुक्रिया … तुम जो कहोगी वह मैं करने तो तैयार हूँ
पारो बोली- आमिर, तुम तो जबरदस्त चोदू हो, तुम्हारी चुदाई देख कर ही मैं कई बार झड़ गयी.
 
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इस लम्बी कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने पहले नूरी खाला, फिर अपनी दुल्हन सारा, अपनी दूसरी बीवी ज़रीना को चोदा. मैंने दोनों बीवियों की गांड मारी तो सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने कुछ दिन चुदाई बंद कर दी.
तो मुझे मेरी सालियों ने घेर लिया और मुझसे मेरी पहली चुदाई की कहानी सुनाने को कहने लगी. मैंने उन्हें बताया कि कैसे मैंने अपनी पहली चुदाई अपने दोस्त की सहायता से की उसी के घर में उसकी नौकरानी की कुंवारी बहन गुलाबो के साथ!

अपने पहली चुदाई की कहानी सुनाने में शाम हो गयी. मेरी पहली चुदाई का वाकया सुन कर सब लड़कियाँ बहुत गर्म हो गयी थी. मेरा भी लंड सलामी दे रहा था. मैंने सारा और ज़रीना को किस किया.

तभी अम्मी मेरे कमरे में आयी. अम्मी बोली- सब दुल्हनों को अलग अलग कमरा दे दिया है. सारा के साथ वाला कमरा दिलिया का है.
अम्मी बोली- आमिर बेटा, दिलिया तैयार हो रही है, तुम आज दिलिया के पास जाओगे. लेकिन देखो … ज्यादा शोर मत करना.
और चली गयी.

सारा परिवार अब्बा हज़ूर के दोस्त के बच्चों की शादी में दो दिन के लिए बाहर चला गया. सारा की तबियत ठीक नहीं थी. घर में कोई ज्यादा लोग नहीं थे तो नौकरों को छुट्टी दे दी, सिर्फ मेरी एक पर्सनल नौकरानी गुलाबो (जी हाँ वही गुलाबो … अब हवेली पर मेरी पर्सनल नौकरानी) सारा और दिलिया रह गए घर में!

गुलाबो यहाँ कैसे पहुंची यह कहानी फिर कभी!

सारा बोली- आमिर, आज आप दिलिया की साथ सुहागरात मनायें!

मैं दिलिया के कमरे में पहुंचा. पूरा कमरा ताजे फूलों से सजा हुआ था और बेड पर ढेर सारे फूल थे. मेरी नजरें दिलिया को ढूंढ रही थी और मैं बिस्तर पर बैठ गया. तो लगा कि बिस्तर पर फूलों के बीच कोई छुपा हुआ है.

मेरे हाथ को कुछ नर्म नर्म लगा तो कुछ फूल हटाए तो वहां फूलों में छुपी हुई दिलिया का चेहरा नज़र आया. तो मैंने धीरे से उसके ओंठों को चूमा और धीरे धीरे सारे फूल हटाने लगा. फूलों के बीच दिलिया बिना कपड़ों के सिर्फ जेवर पहन के लेटी हुई थी.

फिर मैं अपने मुँह से एक एक फूल हटाने लगा. सबसे पहले मैंने दिलिया के माथे से फूल हटाए और उसके माथे को धीरे से चूमा. फिर आँखों पर से फूल हटाए और आँखों को चूमा तो दिलिया ने आँखें खोल दी. उसकी आँखों में एक शरारत थी और वह मुस्करा रही थी.

मैंने और फूल हटाए और उसके नाक फिर उसको गालों को चूमा. उसका नर्म गाल चूमते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

मैंने यह तो सोचा था आज दिलिया मिलेगी … पर इस तरह मिलेगी, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. मैंने भी सोचा कि चलो अब दिलिया को ऐसे हो प्यार करूंगा. मेरे ऐसे चूमने से दिलिया की साँसें तेज होने लगी.

उसके बाद मैंने उसके मुँह पर से सभी फूल हटा दिए और अपने होंठ दिलिया के होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी.

फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मैं दिलिया को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते चूमते हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

जब मैंने अपना मुँह हटाया तो दिलिया ने अपना सर ऊपर उठा लिया जैसे कह रहो हो रुक क्यों गए. तो मैंने उसे एक बार और चूमा और उसके बाद उसकी गर्दन को चूमने लगा. दिलिया अपने हाथ हिलाने लगी और मुझे पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी. मैंने उसके हाथ पकड़ कर फूलों में छिपा दिए और न में गर्दन को हिलाया.

हम दोनों कुछ नहीं बोल रहे थे. तो दिलिया ने आँखें बंद कर अपनी सहमति दी. तो मैंने उसको होंठों पर एक और किस कर दी. उसके बाद मैंने दिलिया के कंधों से सभी फूल हटा दिए और कंधों को पहले किस किया, फिर गर्दन का पास दाए कंधे को पहले चूसा. वहां निशान पड़ गया और दिलिया के मुँह के आह निकली.

मैंने उसकी आँखों में देखा, उसकी आँखें कह रही थी ‘प्लीज दर्द होता है.’
मैंने जहाँ निशान था, वहां धीरे से किस किया और पूरा दाया कन्धा जीभ से चाट लिया. वाह क्या नमकीन स्वाद था. फिर वैसे ही बायें कंधे को चूमा और चाटा. दिलिया मेरे चूमने से सिहर जाती थी.

उसके बाद मैंने उसके पेट को चूमा और नाभि में अपनी जीभ घुसा दी. दिलिया पानी पानी हो गयी.

उसके बाद दिलिया के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो जुबान रुक गई। जैसे ही फूल हटे दिलिया के आधे नंगे स्तन को देख कर मस्त होने लगा, मेरा लंड टाइट हो गया. मैं उसके बड़े बड़े सफ़ेद मोमे देख कर पागल हो गया जो उत्तेजना से लाल हो रहे थे.

मैंने स्तनों को चूमा पर चूचुक से फूल नहीं हटाया और स्तनों को जीभ से चाटने लगा. मेरे चूमने से उसका सीना सिहरने लगा और दिलिया उत्तेजना में सर इधर उधर करने लगी. वह सिसकारियाँ लेने लगी ‘अह अम्म् ऊऊऊ मम्मम’ और मैंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिए.

दिलिया की हालात ख़राब हो रही थी. मैं भी पूरा सेक्स में डूब चुका था, मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया और उसकी मुलायम नर्म पीठ को कस कर पकड़ लिया और अपने कपड़े भी उतार कर नंगा हो गया. मेरा लंड तन कर तैयार था.

फिर मैंने दिलिया के हाथ ऊपर उठा दिए और उसकी बगलों को किस लिया और जीभ से चाट लिया. वह सिहर गयी.
फिर मैंने उसकी बाजुओं और फिर हाथों को चूमा और उंगलियों को चाट लिया. फिर मैंने उसके पेट को जहाँ तहाँ चूमा और नाभि पे किस करने के बाद उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसेड़ दी. वो गनगना गयी, वो गर्म से गर्मतर हो रही थी.

फिर मैंने उसकी टांगों से फूलों को हटाया और लिक-किस करके हुए पाँव तक पहुंच गया और जहाँ जहाँ के फूल हटाता था वहां किस करता चला गया. वासना से दिलिया की हालत ख़राब हो चुकी थी. मैंने उसे सब जगह चूमा और चाटा परन्तु उसकी चूत और चूचुक तो छुए भी नहीं.

वह तड़प रही थी. फिर दिलिया ने मेरे सर को पकड़ा और मुँह को चूचुकों के पास ले आयी. उसके चूचुक बिल्कुल कड़े होकर ऊपर को उठ गए थे … कह रहे थे हमें भी किस करो, चूसो.

मैंने और तड़पाना ठीक नहीं समझा और मुँह से उसके चूचुक पर पड़ी गुलाब की पंखुरियाँ निगल गया और चूचुक चूसने लगा. उसके चूचुक गुलाबी रंग के थे. मैं दिलिया की चुची पर जानवरों की तरह टूट पड़ा। उसके चूचुक जिन्हें आज तक किसी ने नहीं छुआ था, अब मैं उसके दायें निप्पल को चूस रहा था और काट रहा था। फिर मैंने उसके बायें स्तन को भी फूल हटा कर नंगा कर दिया निप्पल को चूसा और काटा! उसके स्तन एकदम फूल कर सख्त हो गए थे और निप्पल भी कठोर हो ऊपर को तन गए थे।

दिलिया समझ गयी कि अब उसकी चूत की बारी है.
मैंने उसकी टांगों को पूरा खोल दिया और और उसकी कुंवारी चूत को जबान से लिक करने लगा. फिर धीरे धीरे करके मैंने अपनी पूरी जबान को चूत के छेद में डाल दी और अपनी एक उंगली के ऊपर थूक लगा के मैंने उसकी गांड के छेद में पिरो डाली. मेरी नयी दुल्हन के मुँह से ‘इस्स्स्सस …’ निकल गया. मैं आगे से चूत को चाट रहा था और पीछे गांड के छेद को उंगली से चोद रहा था.
चूत की खुशबू और नमकीन स्वाद से बड़े मजे मिल रहे थे मुझे.

और मेरी तीसरी कुंवारी दुल्हन सिसकारी लेती हुई सेक्सी आवाज में बोली- प्लीज … मेरा पिशाब निकलने वाला है, क्या कर रहे है आप?
मैं समझ गया कि उसका लंड खाये बिना ही क्लाइमेक्स होने वाला है.
और फिर अहो होह आह … करते हुए उसका बदन कांपने लगा. जैसे ही वह झड़ी उसने आनन्द में अपनी आँखें बंद कर ली. उसके चेहरे पर परमान्द के भाव थे.

दिलिया की चूत से इतना पानी निकलाकि मेरा पूरा चेहरा गीला हो गया. मैंने मुँह को हटाया नहीं और चूत को पूरी तरह से चाट के सारे पानी को चाट भी गया.

मैं इस तरह उसके जिस्म से करीब एक घंटे खेला.

और तभी सारा की आवाज़ आयी- अरे इसकी चुदाई तो करो!
और मैंने देखा कि दरवाज़ा जो मैंने खुला छोड़ दिया था उस पर सारा और गुलाबो खड़ी हमें देख रही थी.
मैंने उसे डांटा तो दिलिया बोली- देखने दो ना … इनसे क्या शर्म?
सारा बोली- दिलिया देख … अब इसी लंड से तेरी भी चूत फटेगी.

दिलिया तेज़-तेज़ साँसें ले रही थी और पागलों की तरह मुझे चूम रही थी।
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। अब दिलिया का खुद के ऊपर काबू नहीं रहा था, वो मेरे लोड़े को हिला के बोली- जल्दी से अपना हथियार डाल दो मेरे अंदर! अब मेरे से रहा नहीं जा रहा है.
और दिलिया उत्तेजना में भर बोली- फाड़ दो मेरी चूत एक ही झटके में! इस गुफा की झिल्ली अपने हथियार से चीर कर रख दो! और अपनी कजिन की चूत की धज्जियाँ उड़ा दो. चोद दो पटक कर मुझे! और कसम है आपको कि हम पे कोई भी दया मत करना.

और फिर मैंने उसकी मुलायम झांटों पर अपना लंड टिकाया और फनफनाते हुए लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा. दिलिया अपने कूल्हे उछाल उछाल कर मज़े ले रही थी. मैं उसके होंठ चूसने लगा और मैंने अपना औज़ार एक ही झटके में उसकी चूत में दे मारा.
एक हल्की सी रुकावट और फिर फचक की आवाज़ से लंड पूरा जड़ तक मेरी कुंवारी दुल्हन की बुर में समा गया.

और दिलिया की चीख निकल गयी- आईई आहाह आआआआ आईईईई स्स्सस!
मगर गजब की हिम्मत थी उसमें … अपने हाठों में मेरा चेहरा लेकर चूमते हुए बोली- गज़ब किला फ़तेह किया तुमने आमिर … आई लव यू! बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी चूत को तुमने एक ही धक्के में ही फाड़ दिया. अब शांत रहो, कोई धक्का मत मारना. और मेरे बदन को चूमो. जब मैं अपने चूतड़ उछालूं तो शताब्दी की स्पीड से चोदना और मेरे झड़ने की परवाह मत करना. मैं पहले ही झड़ चुकी हूँ. मेरी फ़िक्र न करते हुए मस्ती से अपना पूरा रस मेरे अंदर ही डाल देना. मैं आपके बच्चे की माँ आज ही की चुदाई में बनना चाहती हूँ.
 
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मैं लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा और अपना औज़ार एक ही झटके में उसकी चूत में दे मारा.एक हल्की सी रुकावट पार करने लंड पूरा जड़ तक मेरी कुंवारी दुल्हन की बुर में समा गया और दिलिया की चीख निकल गयी- आईई आहाह आआआआ आईईईई स्स्सस!
मगर गजब की हिम्मत थी उसमें … अपने हाठों में मेरा चेहरा लेकर चूमते हुए बोली- गज़ब किला फ़तेह किया तुमने आमिर … आई लव यू! बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी चूत को तुमने एक ही धक्के में ही फाड़ दिया. अब शांत रहो, कोई धक्का मत मारना. और मेरे बदन को चूमो. जब मैं अपने चूतड़ उछालूं तो शताब्दी की स्पीड से चोदना और मेरे झड़ने की परवाह मत करना. मैं पहले ही झड़ चुकी हूँ. मेरी फ़िक्र न करते हुए मस्ती से अपना पूरा रस मेरे अंदर ही डाल देना. मैं आपके बच्चे की माँ आज ही की चुदाई में बनना चाहती हूँ.

फिर कुछ देर बाद उसने अपने चूतड़ ऊपर उछाल कर इशारा किया. मैंने अपने लंड को धीरे धीरे से दिलिया की चूत से बाहर करने की कोशिश चालू कर दी और वो भी ‘अह अह्ह येस्स अह्ह्ह येस और आह्ह अह्ह …’ करने लगी.
लेकिन दिलिया की चूत मेरे लोड़े को कसने लगी और लण्ड को जकड़ लिया. सच में बता नहीं सकता कि कितना मजा आ रहा था मुझे. ऐसा लग रहा था कि मेरा लण्ड अंदर फंस गया हो. मैंने निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन लंड बाहर नहीं निकल रहा था.

फिर मैंने दिलिया को लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया. जब मैं उसके ऊपरी ओंठ चूसता था तो चूत लण्ड को जकड़ने लगती थी और जब निचले ओंठ को चूसता था तो चूत लण्ड को ढीला छोड़ देती थी. जब मैं उसकी जीभ को अपनी जीभ से चूसता था तो चूत लण्ड को अंदर खींचने लगती थी जैसे चूत लण्ड को चूस रही हो.
मेरी चीखें निकलने लगी- अह्ह आह येस अह्ह येस्स आह्ह अह्ह आह मजा आ गया.
मैं जन्नत में था.

फिर तो जैसे मुझे दिलिया की चूत की चाबी मिल गयी. मैं उसका निचला ओंठ चूस कर अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था फिर कस कर धक्का लगा कर उसका ऊपरी ओंठ चूसने लगता था जिससे चूत लण्ड को जकड़ लेती थी, उसकी जीभ को चूसने लगता था तो जैसे चूत लण्ड को अंदर खींच कर चूसने लगती थी.

दिलिया को भी मजा आने लगा, उसने अपने टाँगें उठा कर मेरी पीठ पर लपेट ली.
मैंने भी ओंठ चूसने और अपनी चोदने की स्पीड को बढ़ा डाली और मेरे धक्के और भी तेज हो गए. मैं पूरे लंड को अन्दर डाल के बाहर निकालता था और फिर जोर से वापस अन्दर पेल देता था. और मेरे लंड के झटकों से दिलिया के बड़े चूचे उछल रहे थे.

करीब दस मिनट चोदने के बाद फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए. मैंने ध्यान रखा कि मेरा लण्ड मेरी नयी दुल्हन की चूत से बाहर न निकले. मैं कुछ देर के लिए अपनी तीसरी बेगम नंगे जिस्म के ऊपर ही पड़ा रहा.

कुछ देर के बाद वो शांत हुई तो मैं उसके बूब्स को चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा. और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसकी बगलों को चाटा, वह पागल हो गयी और मुझे कस कर पकड़ लिया. मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गई।

मेरा लंड तो मेरी दुल्हन की चूत में पहले से ही था, फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?
वो बोली- हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है … हाईईईई … म्म्म्मम।
मैं उसको चूमता रहा और उसके बूब्स सहलाता रहा.

कुछ देर बाद मैं दिलिया को उठा कर बैठ गया, दिलिया मेरी गोद में थी, मैंने ध्यान रखा कि मेरा लण्ड चूत से बाहर न निकले. और फिर हम बैठ कर चोदन करने लगे. मैं नीचे और दिलिया मेरे ऊपर थी। मैं उसका निचला ओंठ चूस कर अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था फिर कस कर धक्का लगा कर उसका ऊपरी ओंठ चूसने लगता था जिससे चूत लण्ड को जकड़ लेती थी. फिर उसकी जीभ को चूसने लगता था तो जैसे चूत लण्ड को अंदर खींच कर चूसने लगती थी.

मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे दिलिया अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। और मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वो मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और मेरी नयी ब्याहता बहुत मज़े कर रही थी।

सच कहूँ तो मेरी दिलिया बहुत मादक लग रही थी, उनके रेशमी सुनहरी बाल चारों तरफ फ़ैल गए थे. दिलिया उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया. मेरा लंड उसकी चूत के अंदर पूरा समा जाता था तो दोनों की आह निकलती थी.

फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे, मैं उसकी चूचियों को खींचने लगा तो दिलिया सिसक जाती … उसके बाद हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. मैं दिलिया को बेकरारी से चूमने लगा। चूमते हुए हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी. फिर मैंने दिलिया की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई।

मैं दिलिया के ओंठ चूस रहा था. दिलिया बोली- मेरा निचला होंठ चूसो!
मैं निचला होंठ चूसने लगा तो मेरी दुल्हन की चूत ने मेरा लण्ड ढीला छोड़ दिया, वह ऊपर उठ गयी और लण्ड बाहर आ गया.

तभी दिलिया ने अपनी अलमारी से दो साड़ी निकाली और पंखे के ऊपर डाल कर दो झूले बना लिए और एक में वो बैठ गयी और दूसरा थोड़ा लम्बा बनाया और मेरे चूतड़ों के नीचे डाल कर मुझे बिठा दिया.
फिर वो इस तरह से बैठी कि उसने अपनी चुत लण्ड के ऊपर लगा दी और थोड़ी नीचे हुई सर्र से लण्ड थोड़ा सा अंदर गया. दिलिया ने अपने हाथ ऊपर कर लिए और बोली- मुझे लिप-किश करो.
मैं बाजुओं के सहारे झूले पर बैठ गया और उसका निचला होंठ चूसने लगा, दुल्हन की चुत ढीली होने लगी. फिर दिलिया घूमने लगी उसने दोनों पैर बैठे बैठे दायीं ओर कर लिए और खुद को थोड़ा नीचे किया.

सच में मजा आ गया … ऐसा लगा कि मैं जन्नत में पहुँच गया हूँ. हम दोनों कराह रहे थे ‘आआह ह ऊऊह्ह …’

कुछ देर में वह फिर घूमी और अपनी पीठ मेरी ओर कर दी. हम दोनों कराह रहे थे ‘आआह … बहुत मजा आ रहा है!’
और वो फिर घूमी और दोनों पैर बायीं और कर दिए फिर उसने मुँह मेरे सामने कर लिया. हम फिर किस करने लगे, कभी मैं उसका ऊपर का होंठ चूसता कभी नीचे का तो कभी जीभ से जीभ मिला कर जीभ चूसते. मुझे लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की नसें कस रही हों.

और मेरी तीसरी बीवी इसी तरह घूमती रही. ऊपर झूले में बल पड़ रहे थे और झूला कस रहा था. पर वह जोर लगा कर लण्ड पर पेंच कस रही थी. लण्ड धीरे धीरे पूरा अंदर चला गया. ऊपर झूला कसने के कारण दिलिया को ऊपर खींच रहा था.

फिर दिलिया बोली- अब तुम भी घूमो.
मैं जैसे दिलिया घूमी थी, उसका उल्टा घूमने लगा. जब दोनों के झूले पूरे कस गए तो हम दोनों बिस्तर से ऊपर हो हवा में लटक गए.

तब दिलिया ने खुद को ढीला छोड़ दिया और मुझे बोली- मुझे ढीला छोड़ दो!
और उसने पैर भी ऊपर उठा लिए. झूले के दबाव के कारण दिलिया उलटी घूमने लगी और हम दोनों बेतहाशा चिल्लाने लगे. दोनों के बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने भी खुद को ढीला छोड़ पैर ऊपर उठा दिए मैं भी उल्टा घूमने लगा. झूला ऐसे कई बार घूमा और हम भी घूमे. हमारी हालत ख़राब थी. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए.
मैंने दिलिया की चूत अपने वीर्य से भर दी. मैं दिलिया की जीभ चूसने लगा और मेरी दुल्हन दिलिया की चूत मेरे लण्ड का रस निचोड़ती रही. सच में … बता नहीं सकता कि हमें कितना मजा आया.

हम दोनों झूले से नीचे उतरे तो मेरा लण्ड अभी भी अकड़ा हुआ था और दिलिया निढाल पड़ी थी. मैंने दिलिया को सहलाया उसका निचला ओंठ चूसा तो दिलिया की चुत का छेद वापस सिकुड़ गया था.

मेरे लण्ड पर कई नील पड़ गए थे. दिलिया ने मेरे लण्ड पर पड़े हरेक नील तो चूमा, फिर प्यार से सहलाते हुए और मैंने दिलिया के लिप्स पर किस किया और कहा- आय लव यू आपा … आपको चोद कर मैं धन्य हो गया!
दिलिया निढाल होकर लेट गयी, मैं उसको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला- दिलिया, क्या तुमको मजा आया? दर्द तो नहीं हुआ?
वो बोली- बहुत मजा आया.

मेरी आपा जो अब मेरी दुल्हन थी, उसकी चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी लेकिन मेरा लण्ड तना हुआ खड़ा था.
दिलिया लण्ड को खड़ा देख शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी और बोली- मुझे और चोदो!

फिर मेरे हाथ दिलिया के बड़े बूब्स के ऊपर चले गए. वो सिसकारियाँ भर रही थी और एकदम मादक आवाजों से मुझे भी मोहित कर रही थी. दिलिया के बूब्स एकदम मोटे थे और उसके निपल्स एकदम कस गए थे. वो गहरी साँसें ले के अपने पेट को हिला रही थी.

तभी दरवाजा खटखटाया गया और मेरी पहली बेगम सारा अंदर आयी. सारा दिलिया से लिपट गयी और बोली- आपा, आप तो सबसे कमाल हो. आपने तो जबरदस्त नया पोज़ निकाला है.
और मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- अब मुझे भी चोदो!

मैंने सारा के कपड़े निकाल दिए और उसे किस करने लगा. मैंने सारा के हर अंग को चूमा और फिट पेट के बल लेटा दिया पीठ को चूमा और चाटा. मैंने सारा के मांसल गोरे चूतड़ों की जम कर जीभ से चटाई की और दांत से हल्के हल्के काटा भी.

सारा मस्त हो गयी, उसकी चुत पूरी गीली थी. वह मेरी और दिलिया की मस्त चुदाई देख कर कई बार झड़ चुकी थी.

मैंने उसके मोमे दबाये, चूचियों को चूसा और सारा की चुत में उंगली करने लगा. वह ‘ऊऊह आआह्ह …’ करने लगी, उसे फिंगर सेक्स का मजा देने के बाद मैंने सोचा कि अब उसकी चूत में लंड डालने का सही टाइम हो गया है.
मैंने उसके बूब्स को दबाये और उसके निपल्स को अपनी जीभ से हिलाने लगा. फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और अपना टनटनाया हुआ लंड उसकी चूत में पीछे से डालकर चोदना शुरू किया. सारा भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी. उसका चिल्लाना एकदम बंद हो गया.

मैं उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। मैं पीछे से उनके मोमों को पकड़ कर दबाता रहा और चूचुक मसलता रहा. जब मैं उनके मोमे दबाता था और फिर सारा को लिप किस करता तो इससे मेरा लण्ड अंदर बाहर जाता रहा. करीब बीस मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा.

सारा की हालत बुरी थी, मेरे साथ चुदने में वो भी दो बार झड़ गई थी और आज उसे चुदाई का अलग ही आनंद और संतोष मिला था.
फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए, मैंने सारा की चूत अपने वीर्य से भर दी.

फिर कुछ देर आराम करने के बाद मैं दिलिया की जीभ चूसने लगा. मेरा लंड फिर कड़क हो गया. मैं दिलिया की चूत में लण्ड डाल दिया और लिप किश करते हुए चोदने लगा. उसकी चुत बंद होती रही और खुलती रही और वो मेरे लण्ड का रस निचोड़ती रही.

मैंने कस कस के झटके दिए और मेरे लंड का एक एक बूंद वीर्य मैंने दिलिया की चूत के अन्दर भर दिया. दिलिया की चूत का पानी भी धार मार गया. हम दोनों के पानी के मिलने से दिलिया के चेहरे पर एक अजीब सा सकून था.

दिलिया को खुश देख के मुझे भी बड़ी ख़ुशी हुई. लेकिन मेरे लण्ड अब बैठ नहीं रहा था और नील गहरे हो गए थे.

तभी सारा बोली- मुझे भी दिलिया की तरह चुदना है.
और दिलिया की तरह झूले पर चढ़ गयी और मुझे नीचे लिटा कर ऊपर आ गयी फिर गोल घूमी … फिर हम दोनों घूमते रहे और झड़ गए.
मेरे लण्ड पे नील और गहरे हो गए और लण्ड दुखने लगा परन्तु झड़ने के बाद भी बैठा नहीं.

मैंने सारा को अपनी बाहों में ले लिया और उनकी चूत से बिना लंड को निकाले ऐसे ही लेटा रहा और तीनों चिपट कर सो गये.
 
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मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी तीसरी दुल्हन दिलिया की चूत चुदाई करके सुहागरात मनायी.
अब आगे की कहानी:

दोस्तो, अब मैं उस वजह पर आ रहा हूँ जिस कारण मैंने यह कहानी सांझी की है.

अगले दिन सुबह उठे तो मेरा लण्ड पर जगह जगह पड़े हुए नील बहुत गहरे हो चुके थे और बहुत दर्द हो रहा था.
सारा और दिलिया भी उठी तो मरे तने हुए लण्ड को देख हैरान थी, सारा बोली- क्या हुआ? ये रात भर से ऐसा ही क्यूँ रहा है?
मैंने कहा- जब ऐसी जबरदस्त हूरें साथ हो तो लण्ड कैसे ढीला हो? तुम्हें जितना चोदता हूँ उतना ही दिल और करता है.

सारा ने मेरे लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया. लण्ड और कड़ा हो गया. मैंने भी सारा को किस करना शुरू कर दिया. उधर से दिलिया ने भी मेरे शरीर को सहलाना शुरू कर दिया और मेरे निप्पल से खेलने लगी. मैंने भी दिलिया के मोमे दबाने शुरू कर दिए.
दिलिया बोली- रात को बहुत मजा आया, हमें एक बार फिर चोदो … तुम्हारा लण्ड भी तैयार है.

सारा ने मेरे लण्ड को सहलाया और लण्ड पर किस करने लगी. मैं दिलिया को किस करने लगा. सारा मेरे लण्ड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं भी अपने एक हाथ से सारा की चूत में उंगली काने लगा और दूसरे हाथ से दिलिया की चूत में उंगली करने लगा.

दोस्तो, मैंने सारा को सीधा लिटाया और थोड़ी सी रूई सारा के दायें चूतड़ के नीचे, एक छोटा सा कपड़ा उसकी गांड के नीचे और एक फूल उसके बाएं चूतड़ के नीचे रख दिया.
मैं सारा से बोला- जब मैं रूई कहूँ तो सिर्फ दायाँ चूतड़ ऊपर को उठाना, मैं उसी और धक्का मारूंगा, जब मैं कपड़ा कहूँ तो गांड ऊपर उठाना और जब फूल कहूँ तो सिर्फ बायाँ चूतड़ ऊपर उठाना. मैं भी उसी और धक्के मारूँगा. देखना बहुत मजा आएगा.

उसके बाद मैं सारा के ऊपर आ गया और एक झटके में लंड उसकी चूत के अंदर कर दिया. वह कराह उठी.
फिर मैं शुरू हो गया, बोला- रूई!
और सारा ने अपना दायाँ चूतड़ ऊपर उठा दिया, मैंने पूरा लंड निकाल कर उधर को धक्का मारा, लंड चूत को रगड़ते हुए अंदर चला गया. वह चिल्लाने लगी. फिर मैंने कपड़ा बोला तो उसने चूतड़ टिका कर गांड ऊपर उठा दी और मैंने लंड पूरा निकाल कर उसकी चूत में पूरी ताकत से मार दिया. फिर ऐसे ही फूल बोला तो वह अपना बायाँ चूतड़ उठाने लगी और मैंने पूरा लंड निकाल कर बायीं ओर धक्का मारा. लंड चूत को रगड़ते हुए अंदर चला गया.

सारा बोली- सच बड़ा मजा आया!
और दिलिया बोली- मैं बोलती हूँ और आप दोनों रिदम में चोदो!
मैंने सारा को कस कर पकड़ा और उसके ओंठों को चूसने लगा.

दिलिया बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल!
और मैं वैसे ही धक्के मारने लगा.
फिर वह क्रम में बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … कपड़ा … कपड़ा … रूई … रूई … फूल … फूल!
सच हम दोनों को बहुत मजा आया. सबसे ज्यादा मजा कपड़ा बोलने पर आया.
और फिर दिलिया ने अपनी बोलने की स्पीड बढ़ा दी और हम उसी स्पीड से चुदाई में लग गए.
कुछ देर में सारा आहा आह आह करती झड़ गयी.

फिर सारा बोली- आमिर, अब दिलिया की बारी!
तो दिलिया लेट गयी और मैंने उसके लिप्स को किस करते हुए एक झटके में पूरा लंड अंदर उतार दिया. मैं उसके ओंठों को चूसने लगा.
सारा बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल!
मैं वैसे ही दिलिया के ऊपर नीचे के ओंठ चूसते हुए धक्के मारने लगा.

फिर वह क्रम में बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … कपड़ा … कपड़ा … रूई … रूई … फूल… फूल!
और दोनों एक साथ झड़ गए.

लेकिन झड़ने के बाद भी लंड महाराज बदस्तूर खड़े थे.

फिर मैंने कहा- सारा तुम नीचे लेट जाओ और दिलिया तुम सारा के ऊपर घोड़ी बन कर लेट जाओ. मैं तुम दोनों को एक साथ चोदूँगा.
सारा लेट गयी और दिलिया उसके ऊपर लेट कर उसे लिप किस करने लगी और दोनों एक दूसरे की चूचियों से खेलने लगी. दोनों ओह्ह्ह आअह करने लगी.

मैंने ऊपर आकर सारा की चूत पे लण्ड रख कर धक्का दिया, लण्ड थोड़ा सा अंदर चला गया और दिलिया की चूत पर उंगली करने लगा. उसकी चूत पूरी गीली हो रही थी. फिर मैंने कुछ धक्के मारे और लण्ड पूरा अंदर चला गया. मेरी दोनों बेगम एक दूसरी को बेतहाशा चूम रही थी.

फिर कुछ पांच छह धक्के मारे तो सारा झड़ गयी और मैंने लण्ड बाहर निकाल कर घोड़ी बनी हुई दिलिया की चूत में डाल दिया. मेरे लण्ड में दर्द हो रहा था, मैंने सारा से कहा- दिलिया का निचला होंठ चूसो!
इससे दिलिया की चूत ढीली हो गयी और अगले धक्के में लण्ड पूरा अंदर चला गया.

मैंने कुछ धक्के मारे तो हम दोनों उम्म्ह… अहह… हय… याह… चिल्लाने लगे.
तभी दिलिया भी झड़ गयी.
मैंने सारा से कहा- दिलिया के ऊपर नीचे के ओंठ बारी बारी चूसो और जीभ भी चूसो!
मैंने उसे कहा- जब मैं एक कहूँ तो निचला होंठ … दो कहूँ तो ऊपर का ओंठ … और तीन कहूँ तो जीभ चूसो.

एक दो तीन … तीन दो एक … एक एक दो … दो तीन तीन कहता हुआ मैं रिदम से दिलिया को चोदने लगा. जब भी दो कहता था उसकी चूत मेरे लण्ड को भींच लेती थी और लण्ड में बहुत दर्द होता था मैं दर्द और आनंद से कराहने लगता था.

सारा मुझे कराहते देख दिलिया के ऊपर के होंठ को और जोर से चूसने और काटने लगती थी जिससे चूत और जोर से भींचने लगती थी फिर सारा ऊपर का होंठ चूसते हुए उसकी जीभ भी चूसने लगती थी जिससे चूत लण्ड को भींच कर निचोड़ने लगती थी.

मेरा दर्द मेरा मजा बढ़ा रहा था. सच में हम तीनों को बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने एक कहा और लण्ड बाहर निकाल सारा की चूत में लण्ड डाल दिया. उसकी गीली चूत में लण्ड सर्र से अंदर चला गया और मैंने उसे 15 मिनट तक चोदा और हम दोनों झड़ गए. मैंने धीरे से लण्ड निकाला तो वह और सूज चूका था और बड़ा दर्द हो रहा था. इस बार लण्ड फिर खड़ा था और पूरा सूजा हुआ लग रहा था.

सूजा हुआ लण्ड देख सारा और दिलिया घबरा गयी और बोली- हय अल्ला … ये क्या हो गया तुम्हारे लण्ड को?
मैंने दिलिया से कहा- थोड़ा गर्म पानी ले आओ, सिकाई करूंगा तो ठीक हो जाएगा.

दिलिया गर्म पानी मग में डाल कर ले आयी और मैंने लण्ड पानी में डाल दिया. थोड़ा आराम मिला पर लण्ड फिर भी खड़ा रहा.

कुछ देर आराम करने के बाद हमने नाश्ता किया तो दिलिया बोली- आमिर, डॉक्टर को दिखा लो, कहीं कोई दिक्कत न हो गयी हो?
मुझे भी उसकी बात जंची. फिर सोचने लगा कि किस डॉक्टर को दिखाया जाये?
तो सारा बोली- जिस लेडी डॉक्टर ने हमें देख कर दवा दी थी, वह काफी समझदार है, उसे दिखा दो.
मुझे थोड़ी हिचक हुई पर सारा ने कहा- शर्म छोड़ो और डॉक्टर के पास जाओ. मैं भी साथ चलूंगी.

नाश्ता करके तैयार हो हम डॉक्टर के पास गए. डॉक्टर मेरी बीवी सारा को पहले से जानती थी. सारा ने मेरा तार्रुफ़ डॉक्टर से कराया. तब डॉक्टर ने अपना नाम जूली बताया. मालूम चला कि डॉक्टर मेरी बचपन की दोस्त जूली है. उसने डॉक्टरी पास कर ली है और हमारी हवेली के पास ही रहती थी.

जूली बहुत सुन्दर थी, उसकी आवाज़ बहुत मीठी थी. हम दोनों बचपन में एक ही स्कूल में पढ़ते थे और साथ में खेलते थे. वह मेरी बचपन की सबसे अच्छी दोस्त थी. उसने मुझे शादी की मुबारकबाद दी और पूछा- अब सारा को क्या कर दिया? थोड़ा आराम से सेक्स किया करो.

तब तक मैं थोड़ा सहज हो गया, जूली डॉक्टर को समस्या बताई तो डॉक्टर ने पैंट उतारने को कहा. पैंट उतारी तो अंडरवियर में तम्बू बना लण्ड खड़ा था.
डॉक्टर मुस्करायी और बोली- आमिर, अंडरवियर भी उतारिये, मैंने आपको बचपन में कई बार नंगा देखा है और फिर डॉक्टर से कैसी शर्म?

मैंने धीरे धीरे अंडरवियर नीचे कर दिया और लण्ड सरसराता हुए तन कर बाहर आ गया.
डॉक्टर हैरानी से देखती रह गयी बोली- उफ़ इतना बड़ा इतना मोटा तो कभी नहीं देखा.
फिर उसने हल्के हाथ से लण्ड को पकड़ा और ऊपर नीचे करके देखने लगी. नील देख कर बोली- काफी कस कर चुदाई की है तुमने सारा की! पूरा समझने के लिए मुझे पूरी चुदाई की कहानी तफ्सील से सुनाओ आमिर!

मैंने कैसे दिलिया और सारा को कल रात और आज सुबह चोदा, पूरी तफ्सील से सुना दिया.
जूली बोली- इसको समझने के लिए मुझे ये पूरी चुदाई देखनी पड़ेगी, क्या तुम सब दुबारा कर सकोगे?
मैं बोला- अभी तो दर्द हो रहा है, दर्द कम होगा तो सब दिखा दूंगा. और मेरा लण्ड तो हरदम तैयार ही रहता है.

उसने एक क्रीम बताई लगाने ले लिए और बर्फ की सिकाई करने को कहा.
डॉक्टर ने कहा- मैं शाम को आ जाऊंगी, फिर सब कर के दिखाना, तब तक आराम करो.

शाम को जूली हवेली पर आ गयी, हमने मिल कर खाना खाया. तब तक मेरा दर्द सिकाई और क्रीम के लगाने से कम हो चुका था परन्तु लण्ड फिर भी तना हुआ था.
डॉक्टर जूली बोली- आमिर एक बार मुझे फिर तुम्हारे लंड का मुआयना करने दो ताकि चुदाई की बाद होने वाले फर्क पता चल सके.
तो मैंने अपने कपड़े उतार दिए तो डॉक्टर को खड़े लण्ड ने सलामी दी.

डॉक्टर ने लण्ड को पकड़ा और घुमा कर हाथ फेर कर बोली- अभी कुछ आराम हुआ है, अब देखते हैं कि चुदाई से क्या फर्क पड़ता है.

और फिर हम चारों दिलिया के कमरे में गए.
मैं दिलिया और सारा शुरू हो गए. मैंने दिलिया और सारा के कपड़े उतार उन्हें नंगी कर दिया. मैंने दिलिया को चूमना शुरू किया तो वह गर्म हो मेरी किस का जवाब देने लगी.
सारा भी मुझे जहाँ तहाँ चूमने लगी और मेरा लण्ड को चूमने लगी फिर लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी. लण्ड और ज्यादा खड़ा हो गया और फड़फड़ाने लगा.

फिर मैं दिलिया की चूचियाँ दबाने लगा और सारा की चूत में उंगली करने लगा. मेरी दोनों बेगमें पूरी गर्म हो गयी, दोनों की चूत पूरी गीली हो गयी, दोनों ने अपना चूत रस मेरे लण्ड पर लगा कर उसे चिकना कर दिया.

दिलिया झूले पर आ गयी, मैं दूसरे झूले पर आ गया और दिलिया मेरे लण्ड पर बैठ गयी और मुझे चूमने लगी. मैं उसका निचला होंठ चूसता रहा, वह धीरे धीरे नीचे होने लगी. फिर वो घूमने लग गयी.

सारा ने भी एक नया काम किया, उसने भी एक झूला बनाया और दिलिया के झूले से बाँध लिया, दिलिया को किश करने लगी और उसके मोमे सहलाने लगी. मैं एक हाथ से सारा के मोमे और चूची दबाने लगा और दूसरे हाथ से सारा की चूत में उंगली करने लगा.
सारा को समझ आ गया था कि दिलिया की चूत की चाबी उसके ओंठ और जीभ है और उसे इस तरह से किस करने लगी. जब वो उसके ऊपरी ओंठ चूसती थी तो चूत लण्ड को जकड़ने लगती थी और जब निचले ओंठ को चूसती थी तो चूत लण्ड को ढीला छोड़ देती थी. जब सारा उसकी जीभ को अपनी जीभ से चूसती थी तो चूत लण्ड को अंदर खींचने लगती थी जैसे चूत लण्ड को चूस रही हो.

मेरी चीखें निकलने लगी थी- अह्ह अह्ह येस अह्ह येस!
और दिलिया चिल्ला रही थी- जोर से चोदो मुझे … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मजा आ गया,
सारा भी दिलिया के साथ साथ उसे किस करती हुई घूम रही थी.

आज का मजा कल से बढ़ कर था. सारा जो दिलिया के ओंठ और जीभ चूस रही थी, उसने मजा दुगना कर दिया था, ऐसा लग रहा था जैसे कोई लण्ड चूत में पेंच की तरह जा रहा हो. ऊपर से झूला भी कस रहा था, दिलिया की चूत बार बार झड़ रही थी और पिचकारियां छोड़ रही थी.
मेरा और दिलिया का निचला भाग पूरा भीग चुका था.

मैं भी उल्टा दिशा में घूमने लगा जिससे दोनों झूले कसने लगे. हम दोनों दस बारह बार पूरा चक्कर घूमे, मैं घड़ी की उल्टा दिशा में घूमा और दिलिया घड़ी की दिशा में घूमी.
फिर वो बोली- हाँ बहुत मज़ा आ रहा है … हाईईई म्म्म्मम!

कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में सिसकार कर रही थी- अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है।
अब वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी।

हम दोनों के चूतड़ बिस्तर से ऊपर उठ गए, केवल पैर बेड पर हमें रोके हुए थे.

तभी सारा ने हमारे पैर ऊपर उठा दिए हम दोनों घूमने लगे मैं घड़ी की दिशा में घूमा और दिलिया घड़ी की उलटी दिशा में घूमने लगी. मैंने दिलिया के चूतड़ों को उस तरह पकड़ा कि लण्ड बाहर न निकले.
हम तीनों लटक कर एक दूर से उलटे घूम कर चूत में पेंच की तरह लण्ड को कस और ढीला कर रहे थे. हम दोनों बुरी तरह चिल्ला रहे थे- आअह्ह ह्ह ओह ह्हह उफ ममम आअह्ह्ह मर गय्ययीईइ राजजा!
सारा दिलिया के ओंठ लगातार चूस रही थी और चूची दबा रही थी. मैं सारा की चूत में उंगली कर रहा था सारा भी लगातार झड़ रही थी.

हमें इस तरह लटक कर चोदते देख डॉक्टर जूली की भी हालत ख़राब हो रही थी. शायद वह भी झड़ गयी थी लेकिन उसने खुद पर काबू किया हुआ था.

कुछ देर में मैं भी झड़ गया और सारा ने दिलिया की जीभ चूसनी शुरू कर दी जिससे उसकी चूत ने मेरे लण्ड को निचोड़ दिया.

कुछ देर में हम तीनों थक कर नीचे लेट गए और मैंने दिलिया के निचले होंठ चूस कर अपने लण्ड को बाहर निकाला.
वह सूज गया था और बदस्तूर खड़ा डॉक्टर जूली को सलामी दे रहा था.

डॉक्टर ने लण्ड को रूमाल से साफ़ किया और फिर पकड़ कर ऊपर नीचे और घूमा कर मुयायना किया और बोली- आमिर, चुदाई के दौरान अंदर की कुछ नसें दब गयी हैं जिससे लण्ड अब बैठ नहीं रहा है. इसके लिए गहन जांच करनी पड़ेगी. इसके लिए अल्ट्रा साउंड, एक आर आई और कैट स्कैन करवाना पड़ेगा जो दिल्ली में होता है. तभी कुछ पक्का कह पाऊंगी कि क्या समस्या है… तब तक आराम करो और सिकाई करो. और जल्द ही दिल्ली चलो ताकि पूरी जांच हो जाए इस मामले में देर करना ठीक नहीं होगा.

डॉक्टर के जाने के बाद सारा मेरे ऊपर आ गयी और मैंने उसे चोदा उसके बाद उसके अंदर पानी छोड़ा और तीनों सो गए.
 
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खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ-1


आदाब दोस्तो! मैं आमिर एक बार फिर से आपके लिए अपनी गर्म कहानी लेकर आया हूं.
इस कहानी को शुरू करने से पहले मैं आपको अपनी पिछली कहानी के बारे में संक्षिप्त जानकारी देना चाहूंगा ताकि आप इस कहानी को पिछली कहानियों के साथ जोड़ने में सहूलियत महसूस कर सकें.
आपने मेरी कहानी
आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा
में पढ़ा कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा और फिर मेरा निकाह सारा आपा से हुआ.

उसके बाद
आपा का हलाला
में आपने पढ़ा कि मेरा किन हालात में मेरी खाला की बेटी सारा आपा के साथ निकाह, बाद में तलाक देने के हिसाब से हुआ जिसे हलाला कहते हैं और मैंने उन्हें निकाह के बाद तलाक देने के लिए शर्त रखी और तलाक नहीं दिया. सारा को चोदने के बाद कैसे मैंने अपनी दूसरी बीवी ज़रीना को चोदा.

वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और गांड चुदाई के बाद दोनों बीवियों की हालत ऐसी बिगड़ी कि सुबह उनको डॉक्टर के यहाँ दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने 3 दिन चुदाई बंद का हुक्म सुना दिया.

उसके बाद मैंने अपनी बीवियों और सालियों को गुलाबो के साथ अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई और रात को दिलिया के साथ सुहागरात मनाई. वहां हुई झूले पर घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड का बुरा हाल हो गया. उस पर नील पड़ गए और सूजा हुआ लंड बस खड़ा रहा. डॉक्टर को दिखाया तो उसने आगे गहन जांच की बात की.

आज जो कहानी मैं पेश कर रहा हूँ ये कहानी उसी श्रृंखला का हिस्सा है. कहानी को अब नए शीर्षक के साथ आगे बढ़ा रहा हूँ.

सुबह उठ कर मैंने दोनों दिलिया, सारा और गुलाबो को अपनी कसम दी कि वह मेरे लंड के सूजने और न बैठने की बात खास कर परिवार में किसी को नहीं बताएंगी क्योंकि खानदान के लोग बेकार में फ़िक्र करेंगे. मैंने उनको कह दिया कि पहले जांच करवा कर देख लेते हैं फिर आगे सोचेंगे. अगर जरूरत समझूंगा तो खानदान में मैं खुद बता दूंगा.

अगले दिन पूरा परिवार वापस आ गया और सब बीवियां व सालियां मिल कर मेरे पास बैठ गयीं. मैंने उन सबको दिलिया की घमासान चुदाई की कहानी सुनाई. कहानी सुनाते हुए मैं डॉक्टर के पास जाने की और सूजे हुए लंड की बात गोल कर गया.

कुछ दिन आराम करने से लंड में दर्द तो कम हो गया था लेकिन लंड बैठ नहीं रहा था.
लेडी डॉक्टर, जो मेरी स्कूल की क्लासमेट थी, से बात की तो वो बोली- चूंकि लंड की नसें खड़े रहते समय दबी लगती हैं इसलिए ये बैठ नहीं रहा है बाकी तो पूरी गहन जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
इस दौरान मैं अपनी तीनों बीवियों को एक रात में एक करके चोदता रहा. चुदाई जारी रही. मेरा लंड झड़ता भी रहा लेकिन झड़ने के बाद बैठा नहीं.

कुछ दिन बाद सालियों को कहानी सुनाने के बाद मैंने दिल्ली में कुछ जरूरी काम का बहाना बना कर दिल्ली का प्रोग्राम बना लिया और सारा भी मेरे साथ हो ली.
अम्मी ने बोला- दिल्ली में अपना घर है. वहीं चले जाना. गुलाबो को साथ ले जाओ. तुम्हारे रहने व खाने-पीने के लिए आराम रहेगा.

अम्मी के कहने पर गुलाबो की भी टिकट हो गयी. मैंने अपनी, सारा और डॉक्टर जूली की फ्लाइट की टिकट बुक कर दी. फ्लाइट में जूली मेरे एक तरफ बैठी थी और सारा दूसरी तरफ. जूली और मैं दोनों अपने स्कूल के ज़माने की बातें करते रहे.
हमने अपने सभी पुराने दोस्तों को याद किया. सारा मेरा हाथ पकड़े रही और बीच-बीच में मेरे लण्ड को सहला देती थी. एक बार जब सारा मेरे लण्ड को सहला रही थी तो डॉक्टर जूली से उसकी नज़रें मिलीं और दोनों मुस्कुरा दीं.

एयरपोर्ट से जूली हमें दिल्ली के सबसे बड़े मशहूर हॉस्पिटल ले गयी. उसने अपनी जान-पहचान से मेरे टेस्ट जल्दी से करवा दिए. टेस्ट करने वाली नर्स भी मेरे लण्ड को यूँ खड़ा देख कर हैरान थी. वो सब आपस में फुसफुसा कर मेरी ही बात कर रही थी.

टेस्ट करने वाली लड़की ने अपने गोरे-गोरे नर्म हाथों को मेरे लण्ड पर कई बार फेर कर देखा तो उसके स्पर्श से मेरा लण्ड और तन गया.
फिर उसने मुझसे पूछा- क्या आप हॉस्पिटल में एडमिट हैं?
मैंने कहा- नहीं.

मुझे ऐसा लगा कि शायद वह मुझसे मिलना चाहती थी. यह सब डॉक्टर जूली की निगरानी में हो रहा था इसलिए वह भी नर्स की हरकतें देख कर मुस्कुरा रही थी. टेस्ट की रिपोर्ट के लिए हमें हस्पताल में अगले दिन का टाइम मिला.
मैंने सबसे कहा- चलो अपना घर है. वहीं रुकते हैं.
जूली बोली- हमारा भी दिल्ली में एक घर है. मैं वहीं रुकूंगी. घर दिल्ली के सबसे बड़े और मशहूर हॉस्पिटल के पास ही है इसलिए आसानी रहेगी.

लिहाज़ा जूली अपने घर चली गयी. घर में सिर्फ हम 3 थे और कोई नहीं था. घर काफी बड़ा और आलिशान था. घर का सब काम-काज गुलाबो ने संभाल लिया.
गुलाबो और सारा जरूरी सामान लेने बाजार चली गयी. मैं थका हुआ था तो सोचा कि नहा कर फ्रेश हो जाता हूँ.

मैं सारे कपड़े निकाल कर नहाने जा ही रहा था कि घर के बाहर वाले दरवाजे की बेल बजी. मैंने तौलिया लपेट कर दरवाजा खोला तो देखा गेट पर गोरी-चिट्टी जूली एक लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज में खड़ी हुई थी. उसके होंठों पर साड़ी के रंग वाली ही गहरी लाल लिपस्टिक रंगी हुई थी. उसने बालों में लाल गुलाब लगाया हुआ था.
उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि आसमान से कोई परी ज़मीन पर आकर उतरी हो.

उसको लाल रंग की साड़ी में देख कर मेरा लंड एकदम कड़ा हो गया और तौलिया बुरी तरह से तन गया. मैं जूली को देखता ही रह गया.
मेरे मुँह से बेसाख्ता निकला- वो आये घर में हमारे, खुदा की कुदरत है. कभी हम उनको तो कभी अपने घर को देखते हैं!
जूली शरमाते हुए बोली- अंदर आने के लिए नहीं बोलोगे?
मैंने कहा- सॉरी … अंदर आ जाओ! आज तक तुम इतनी सुन्दर नहीं लगी. मैं तो तुम्हें देखता ही रह गया.

वह जैसे ही अंदर आने लगी उसके सैंडल की हील्स मुड़ गयी और खुद को संभालने के चक्कर में उसका पल्लू गिर गया. वह गिरने लगी तो मैंने उसे पकड़ा और उसने भी संभलने के लिए मुझे पकड़ा. इस पकड़ा-पकड़ी में मेरा तौलिया खुल कर नीचे गिर गया और मेरा हाथ उसके बदन पर कुछ ऐसे पड़ा कि उसके ब्लाउज की डोरियां खुल गयीं.

जो हुआ उसकी उम्मीद नहीं थी. जैसे ही डोरियां खुलीं, ब्लाउज नीचे गिर गया! उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी और उसके गोरे-गोरे, सुडौल, बड़े-बड़े मम्मे मेरे सामने थे. मैं भी उसके सामने नंगा था. मैं नीचे था और वह मेरे ऊपर! उसके मम्मे मेरी छाती से लगे हुए थे. मैंने उसे उठाना चाहा तो वह शर्मा कर मुझसे लिपट गयी. उसे उठाने के लिये मैंने उसकी साड़ी को पकड़ा तो वह भी खुल गयी और वह सिर्फ पेटीकोट में ही रह गयी.

अल्लाह! क्या उजला शरीर था जूली का … उम्म्ह … अह्ह … हाय … याह …! मैं टकटकी लगा कर उसके रोशन बदन को देखता ही रह गया! क्या चूचियाँ थीं! चूचियों पर पर काले रंग की छोटी सी निप्पल थीं।
मैंने उसे प्यार से उठाया और साड़ी उठा कर ओढ़ा दी. उसने भी मुझे और मेरे खड़े लंड को देखा और शरमा कर मुझसे दोबारा लिपट गयी. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसे किस कर दिया.

मेरी इस हरकत के बाद वह थोड़ा दूर हुई और बोली- आमिर, मैं तुम्हें बहुत चाहती हूँ. आज हिम्मत करके तुम्हें अपने दिल की बात कहने आयी हूँ.
वो बोल रही थी और मैं उसे निहार रहा था. मैंने उसके हाथ को पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ लगा कर किस करने लगा. एक लम्बी और गहरी किस करने के बाद बोला- तुम बहुत सुन्दर हो और प्यारी भी हो.
मैंने जूली को अपनी गोद में उठा लिया और किस करने लगा.
जूली बोली- प्लीज रुको.

उसके रोकने पर मैंने उसे अंदर सोफे पर बिठा दिया.
मैंने कहा जूली- तुम बहुत सुन्दर हो. अब जब मैंने तुम्हे आधी नंगी देख ही लिया है तो अब तुम शर्म छोड़ कर मुझे प्यार करने दो.
जूली बोली- मैं मन ही मन तुम्हें अपना मान चुकी हूँ. मैंने सिर्फ मर्द के तौर पर तुम्हें ही नंगा देखा है और तुमने मुझे नंगी देखा है.

इतना कह कर वह मुझसे लिपट गयी और मैं उसके होंठों को चूसने लगा. वह भी मेरा साथ देने लेगी. मैं तो पूरा गर्म हो चुका था और उसके होंठों का रस पीने में मग्न हो चुका था. मगर उसको अचानक से पता नहीं क्या हुआ कि वो एकदम से हटी और एक कोने में सिमट कर एक तरफ दुबक कर बैठ गयी. एक डॉक्टर होने के बाद भी उसका ये व्यवहार मुझे समझ नहीं आया.

मैंने उससे पूछा- तुम तो डॉक्टर हो. यह सब तो जानती होगी.
वह बोली- हाँ पढ़ा तो सब है. मगर मर्द के रूप में असलियत में देखा सिर्फ तुमको ही है. बचपन से ही जब तुम मेरे क्लासमेट थे, तुम्हें चाहती थी. फिर पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गयी. सोचती थी कि तुम मुझे भूल गए होगे. मेरा परिवार बहुत पुराने ख़यालात का है. कल जब तुम्हें सेक्स करते हुए देखा तो मेरी दबी हुई कामनायें जाग उठीं. इसलिए यहाँ आयी हूँ.

फिर मैंने पूछा- क्या तुम कुंवारी हो?
जूली बोली- नहीं.
मैंने पूछा- तो कोई बॉयफ्रेंड था?
वो बोली- हां, एक बना था. उसी से एक बार सेक्स किया था. उसका लंड बहुत पतला था. बस उसने कुछ धक्के लगा कर मेरी सील तोड़ी और उसका दम निकल गया और वह शर्म के मारे भाग गया. फिर कभी भी हिम्मत नहीं की कोई बॉयफ्रेंड बनाने की. सेक्स तो बहुत दूर की बात है. मगर आमिर, आज तुमको नंगा देखने के बाद मैं जैसे पिघल सी गयी हूँ. आज मैं अपने यौवन के सुख का अहसास करना चाहती हूँ।

उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- आज अपनी इच्छा से अपने लिये कुछ कर रही हूँ और मेरे परिवार में किसी को कुछ नहीं मालूम है।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, अगर तुम नहीं चाहती तो कोई बात नहीं, कोई जबरदस्ती नहीं है.

वो आगे कुछ नहीं बोली और फिर बस मेरे होंठों को किस करने लगी. मैंने उसके होंठों पर एक नर्म सा चुम्बन लिया और जूली के चेहरे को अपने हाथों में लेकर गाल पर किस किया. वह शर्म के कारण सिमट कर मुझसे लिपट गयी. मैंने जूली को अपने गले से लगा कर उसकी पीठ पर हाथ फिराना शुरू कर दिया. उसकी पीठ बहुत नर्म-मुलायम और चिकनी थी.

दोस्तो, बस क्या बताऊँ! 21 साल की बला की खूबसूरत जूली को देख कर मेरा लंड बेकाबू होने लगा था. उसका रंग दूध से भी गोरा था. इतना गोरा कि उसका छूने भर से ही मैला हो जाए.
बड़ी-बड़ी, काली, मदमस्त आँखें, गुलाबी होंठ, हल्के भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े-बड़े गोल-गोल बूब्स, नर्म चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर 36-24-36 का था. उसका कद पांच फीट पांच इंच का था.

दिखने में एकदम माधुरी जैसी और आवाज़ कोयल जैसी मीठी. जूली किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। उसने सिर्फ लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी. मेरा 7 इंची हथियार शिकार के लिए तैयार हो रहा था.

उसे गोदी में उठाकर मैं बेडरूम में ले गया और उसे बिस्तर पर बिठा दिया. मैं थोड़ा सा आगे होकर बिस्तर पर बैठ गया और उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया. उसका नर्म-मुलायम मखमल जैसा गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफकारें मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 8 इंच तक बड़ा हो गया.

उसकी चमड़ी इतनी नर्म, मुलायम, नाजुक और पारदर्शी थी कि उसकी फूली हुई नसें साफ़ नज़र आ रही थीं. मैंने गुलदस्ते से एक गुलाब का फूल उठा कर उसके हाथों पर हल्के से स्पर्श किया और वह कांप कर सिमटने लगी. दूध जैसी गोरी-चिट्टी, लाल-गुलाबी होंठ वाली वो अप्सरा शरमाते हुए और भी हसीन लग रही थी!

मैंने उसके कान में कहा- तुम तो बेहद हसीं हो हो मेरी जान …
धीरे से मैंने उसके चेहरे को ऊपर किया. जूली की आँखे बंद थीं. उसने आँखें खोलीं और हल्की सी मुस्करायी.
उसने सिर्फ साड़ी ओढ़ रखी थी. न ब्लाउज और न ब्रा. उसके गोल-गोल सुडौल मम्में मुझे ललचा रहे थे. फिर मेरे हाथ फिसल तक उसकी कमर तक पहुँच गए. मैंने उसका दुपट्टा सीने से हटा दिया और उसे घूरने लगा. मेरे इस तरह घूरने से जूली को शर्म आने लगी और वो पलट गयी.

मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया. वो शरमाई, लेकिन मैं तो पक्का खिलाड़ी था। उसको खड़ा किया और उसके पूरे जिस्म को अपनी बांहों में जकड़ लिया। मैंने उसे दीवार के साथ खड़ी कर दिया। उसके दोनों हाथ दीवार के साथ सटे हुए थे.

जूली की गोल उभरी हुई गांड मेरी तरफ थी. मैंने पीछे से उसके चूचे पकड़ लिए और दबाना शुरू कर दिया जिससे वो कसमसाने लगी। मैंने उसकी गांड पर हाथ फिराते हुए उसे गर्म कर दिया और धीरे-धीरे साड़ी उतार कर उसे सिर्फ पैंटी में लाकर छोड़ दिया।
फिर उसके बूब्स को पकड़ कर मैं सहलाने लगा और चूमने लगा. चूमते हुए धीरे-धीरे उसकी पेंटी तक पहुंचा और मैंने उसे भी खोलकर दूर हटा दिया और उसकी चूत को देखने लगा।

मैं उसकी चूत के दर्शन करने लगा तो वो शरमा गई.
बोली- क्या सिर्फ देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी?

फिर अपने मुख को उसकी चूत के पास ले जाकर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा।
वो अभी भी शरमा रही थी लेकिन मैं पागल हुआ जा रहा था। एक भरी-पूरी जवान लड़की मेरे सामने नंगी खड़ी थी। फिर ऊपर आकर मैंने उसके बोबों को चूसना शुरू कर दिया। उसे भी मजा आने लगा. उसके मुंह से कसमसाहट भरी कामुक सिसकारियाँ हल्की-हल्की बाहर आने लगीं. उसको गर्म होती देख मुझसे रहा नहीं गया। मैं जल्दी से जल्दी उसे चोदना चाहता था।
चूंकि मैंने अपने तौलिये को दोबारा लपेट लिया था, अब उसे उतार फेंका और उसके सामने नंगा हो गया.

वो मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर बोली- तुम्हारे लंड से चुदने में बहुत मजा आएगा.
इतना कह कर उसने मेरे लंड को धीरे-धीरे अपने हाथों में लेकर सहलाना शुरू कर दिया.

दस मिनट तक जूली को चूमने-चाटने और सहलाने के बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसे लिटा लिया और लंड उसकी चूत पर रख दिया। जैसे ही धक्का लगाया वो सिहर उठी। उसकी चूत कसी हुई थी। जैसे ही मैंने जोर लगाया तो उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।
मैंने जोर से धक्का लगाया और लंड पूरा अंदर चला गया.

वो चीख पड़ी- मर गई मां, फाड़ दी! कोई है … मुझे इस जालिम से बचाओ! फाड़ दी मेरी चूत! धीरे डालो!

इतने में लंड ने जूली की चूत के अन्दर जगह बना ली थी। लेकिन जूली मुझे मेरा लंड बाहर निकालने के लिये लगातार बोले जा रही थी.
कह रही थी- आमिर, प्लीज … मेरी चूत के अंदर बहुत जलन हो रही है, निकालो!

मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए अपने काम को करना चालू रखा. अभी बस हल्के-हल्के ही मैं अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था. मेरे दोनों हाथ मेरे पूरे जिस्म का बोझ उठाये हुए थे और वो भी अब दर्द करने लगे थे. फिर उसके बाद मैंने अपना पूरा बोझ जूली के जिस्म के ऊपर डाल दिया और उसके होंठों को चूसने लगा.

धीरे-धीरे मेरी मेहनत रंग लाने लगी और अब जूली अपनी कमर भी उचकाने लगी. मैंने अपने आपको रोका और जूली की तरफ देखते हुए बोला- तुम अपनी कमर को क्यों उचका रही हो?
वो बड़ी ही साफगोई से बोली- मेरी चूत के अन्दर जहाँ-जहाँ खुजली हो रही है, तुम्हारे लंड से वहाँ-वहाँ खुजलाने का मन कर रहा है! कितनी मीठी होती है यार ये खुजली. जितनी मिटाने की कोशिश कर रही हूँ, उतनी ही बढ़ती जा रही है।

मैंने पूछा- तो तुम्हें मजा आ रहा है?
वो बोली- बहुत मजा आ रहा है! मैं चाहती हूँ कि तुम अपना लंड मेरी बुर के अन्दर डाले ही रहो।

उसके इतना कहने के साथ ही मैं रूक गया. लंड उसकी चूत में ही था. मैंने उसके जिस्म के साथ खेलना शुरू किया. उसकी मस्त चूचियों को कभी मैं मुंह के अंदर भर लेता तो कभी निप्पलों पर अपनी जीभ चलाने लगता.
मेरी इन हरकतों से उत्तेजित हो कर जूली एक बार फिर बोली- आमिर, खुजली और बढ़ रही है!

मैं समझ चुका था कि अब उसे मेरे लंड के धक्के चाहिये. इसलिये मैं एक बार फिर पहली वाली पोजिशन में आया और अपने दोनों हाथों को एक बार फिर बिस्तर पर टिकाया और इस बार थोड़ा तेज धक्के लगाने लगा.

प्रति उत्तर में डॉक्टर जूली भी अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी. करीब 10 मिनट तक दोनों एक दूसरे से दंगल लड़ते रहे और फिर एकदम से ही वह ढीली और सुस्त हो गई. अब उसने अपनी कमर उचकाना बंद कर दिया था. वो झड़ गयी थी. मैंने उसे दोबारा किस करना शुरू किया और उसके चूचों का रस चूसने लगा. कुछ ही देर में वो दूसरी बार गर्म हो गयी.

अपना लंड उसकी चूत में डालकर अब मैं फिर से उसे धीरे-धीरे चोदने लगा. लेकिन वो दर्द के कारण अपनी आंखें बंद करके मुझे जोर से पकड़कर चुपचाप पड़ी रही और कहने लगी- और जोर से चोदो मुझे … कर दो आज मुझे पूरा … दो मुझे आज चुदाई का पूरा मजा.

दोस्तो लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी और तभी मैंने उसे स्पीड बढ़ा कर चोदना चालू कर दिया.

जब मेरी स्पीड बढ़ी तो उसकी टाइट चूत की चुदाई करने में मुझे मजा आने लगा। मेरे धक्के बढ़े और तेजी के साथ लगने लगे और डॉक्टर जूली को भी चुदाई का दोगुना स्वाद आने लगा।
मेरी चुदाई से मस्त होकर वो लगातार बोले जा रही थी- फ़क मी …(चोदो मुझे) फ़क मी हार्डर (जोर से चोदो) … आह-आह … ओह्ह! वो चीखे जा रही थी और मैं धक्के मारता चला जा रहा था।

मज़ा दोनों को बराबर आ रहा था। 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने को हुआ तो मैं भी मजे और जोश में बड़बड़ाने लगा- हाय जूली … मेरी जान! मजा आ गया तुझे चोद कर! वाह क्या जवानी है! ले मेरी जान … ले ले ले!
वो भी बोले जा रही थी- आह-आह-आह … आआआ … आआआ अह!

इतने में ही मैं भी झड़ गया। वो भी तीन बार झड़ चुकी थी। अपना पूरा वीर्य जूली की तपती चूत में छोड़कर मैं उसके ऊपर ही लेट गया. कुछ देर तक मैं ऐसे ही उसके गर्म बदन पर लेटा रहा और फिर धीरे-धीरे उसके लाल हो चुके बूब्स को चूसने लगा।
मगर लंड महाराज झड़ने के बाद भी बदस्तूर खड़े थे.

 
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