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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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खड़े लण्ड की अजीब दास्तां-2


मेरी मजेदार सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि दिलिया के साथ झूले पर हुई घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड की नसें दब गईं. मेरा लंड हर वक्त तना हुआ रहने लगा. लंड पर नील पड़ गए और सूज भी गया था. डॉक्टर जूली ने चेक-अप के बाद प्राथमिक जांच में बताया था कि चुदाई करते वक्त लंड की नसें नीचे दबी रह गई होंगी शायद इसीलिए लंड सामान्य स्थिति में नहीं आ रहा है.
उसके बाद मैंने अपनी दो बीवियों गुलाबो और सारा के साथ दिल्ली जाकर चेक-अप करवाने का प्लान बनाया. डॉक्टर जूली की दिल्ली में जान-पहचान थी और उसने मेरे सारे टेस्ट जल्दी ही करवा दिये.

हम जब अपने दिल्ली वाले घर में थे तो एक दिन जब मैं नहाने के लिए तौलिया लपेट कर बाथरूम में घुसने ही वाला था कि उसी वक्त जूली घर आ पहुंची. उसकी सैंडिल मुड़ गई और उसके चूचे मेरे सामने नंगे हो गए जिसके बाद मैंने डॉक्टर जूली को सारा के बेडरूम में ले जाकर चोद दिया.
अब आगे:

थोड़ी देर बाद गुलाबो और सारा कमरे में चाय ले कर आयीं और हमें उठाया. वो दोनों एक स्वर में बोलीं- बना लिया जूली के साथ सुहाग दिन आमिर मियाँ! जहाँ जाते हो हसीनाओं को अपने बीवी बना लेते हो. एक और नयी बेगम मुबारक हो.
उन्होंने जूली से लिपट कर उसे मुबारकबाद दी.

जूली शरमा कर अपने बदन को चादर से ढकने लगी तो सारा बोली- मुझसे क्यों शर्मा रही हो जूली आपा? मैंने और गुलाबो ने आपका पूरा सुहागदिन दरवाजे पर खड़े होकर चोरी-छिपे देखा है. तुम दोनों तो एक दूसरे में इतना खोये हुए थे कि कुछ होश ही नहीं था तुम्हें!

फिर वो जूली को पकड़ कर वॉशरूम में ले गयी और उसे नहलाया. नहलाने के बाद उन्होंने जूली को अच्छी तरह साफ़ किया. मैं भी अंदर चला गया और खुद को साफ़ किया. मेरा लंड अभी भी तना हुआ था. सारा ने भी कोई कपड़ा नहीं पहना हुआ था.

सारा ने जूली की झाटें साफ़ कर दीं. फिर हम तीनों ने एक साथ शावर लिया और मैंने शावर में ही जूली को किस करना शुरू कर दिया. ऊपर से शावर का पानी जैसे बदन में आग लगा रहा था. जूली के गीले बदन से चिपकने के बाद मेरी वासना भड़कने लगी थी, जूली भी मुझसे लिपट गयी.

मैंने पूछा- कैसा लगा मेरे साथ चुदाई करके मेरी जान?
वो बोली- शुरू में तो दर्द हुआ. लेकिन फिर बहुत मजा आया. आई लव यू आमिर … (मैं तुमसे प्यार करती हूँ आमिर)। तुमने मुझे वह सुख दिया जिससे मैं आज तक महरूम रही.

हम तीनों बाहर आ गए और एक दूसरे के भीगे हुए बदनों को चाट-चाट कर सुखाने लगे. तीनों पूरे गर्म हो गए थे.

जूली बोली- आमिर, मैंने तुम्हारे जैसा लंड नहीं देखा. डॉक्टरी पढ़ने में मैंने कई शरीर देखे. मगर इतना लम्बा और तगड़ा लंड नहीं देखा.
सारा बोली- आमिर, तुम जूली को फिर से चोदो. लगता है इसको तुम्हारे लंड से कुछ ज्यादा ही लगाव हो गया है. जब से इसने तुमको नंगा देखा है इसकी आंखें तुम पर ही लगी रहती हैं. इसकी प्यास अच्छे से बुझाओ मेरे शौहर!

सारा की बात सुन कर मैंने जूली को चूमना शुरू कर दिया. उसकी चूत पर हाथ रखा तो उसकी चूत सूजी हुई थी और गीली भी लग रही थी. मैंने धीरे-धीरे उसके चूचे दबाये और निप्पल से खेलने लगा. उसके बूब्स और निप्पल कड़े हो गए. सारा भी उसकी नाभि को चूम रही थी. जूली ने भी सारा के चूचों से खेलना शुरू कर दिया.

मैं घूम कर उसके पीछे गया और उसके कंधे पर अपनी ठोड़ी टिकाकर उसके गाल से अपने गाल सटाकर बोला- जूली, तुम बहुत सुन्दर लग रही हो मेरी जान! तुम्हारे अन्दर से आती हुई महक मुझे और भी ज्यादा मदहोश करके तुम्हारा दीवाना बना रही है।

जूली भी मेरे गालों को सहला रही थी। मैं पीछे से ही उसकी तनी हुई चूचियों को दबाने लगा.

उसने अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाते हुए उनकी माला बनाकर मेरी गर्दन के पिछले हिस्से पर डाल दी. मेरे हाथ जब उसकी चूचियों को सहलाते हुए उसकी बगल में गये तो वहां बिल्कुल भी बाल नहीं थे. मुझे उसकी बगलों को सहलाने में बड़ा मजा आ रहा था।
थोड़ा सा और आगे झुकने के बाद मेरी नजर जब उसकी चिकनी चूत पर पड़ी तो मुझे लगा कि वास्तविक खजाना तो अब दिखाई पड़ रहा है। क्या उभारदार गुलाबी रंग की चूत थी उसकी!

अब मैं आगे की तरफ आया और अपने घुटनों पर बैठ गया. मेरी उंगलियाँ उसकी चिकनी और सफाचट चूत को केवल सहला रही थीं। अब बाल का नामोनिशान नहीं था उसकी चूत पर. झाटें साफ होने के बाद क्या मुलायम चूत लग रही थी!

मैंने जूली से कुर्सी पर बैठने के लिये कहा. मैं उसकी चूत को अच्छे से देखना चाहता था. पहली बार की चुदाई के समय तो कुछ समझ में भी नहीं आया था।
मैंने उसकी चूत की फांकों को फैलाया. उसकी लाल-लाल गहराई में उसकी चॉकलेटी रंग की पत्तियां छुपी हुई थी। मैंने एक बार प्रशंसा भरी नज़र से जूली को देखा और फिर बिना उसके उत्तर का इंतजार किये ही मेरे होंठ उस मदहोश कर देने वाली चूत से टच हो गये।

शुरू में तो मैं उसकी कोमल चॉकलेटी चूत को बस चूमने के इरादे से ही छू रहा था. मगर उसकी चूत की मदहोशी ऐसी थी कि पता नहीं कब मेरी जीभ उसकी चूत पर चलने लगी. उसके दाने को होंठों के बीच फंसा कर लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था मैं।
मुझे तो पता ही नहीं चला कि कब मेरे दांत उसकी चूत के उभारों को काटने लगे, वासना इतनी प्रबल हो रही थी कि मैं उसकी चूत को खा जाना चाहता था.

वो मेरे बालों को सहला रही थी. मगर जूली की उत्तेजना शायद मुझसे भी ज्यादा थी. इसी उत्तेजना का परिणाम था कि वो जल्दी ही खल्लास हो गई और उसका पानी मेरे मुंह में गिरने लगा। वो शायद संकोचवश मेरे मुंह को अपनी चूत से अलग करना चाह रही थी लेकिन वो असफल रही. कुछ पल की कोशिश के बाद उसने प्रयास करना बंद कर दिया।

उसकी चूत के रस को चाटते हुए, नाभि से होते हुए उसके दूध को पीते हुए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए. उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया.
मैंने होंठ चूमने के बाद पूछा- जूली मैंने तुम्हारी मलाई चखी. मुझे बहुत पसंद आई. क्या तुम मेरी मलाई चखोगी?

वो खड़ी हुई और मुझे अपनी जगह बैठाकर खुद नीचे बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया। मेरे लौड़े को मुंह में प्यार से भरने के बाद उसने अपने होंठों को भींचते हुए मेरे लंड की मैथुन शुरू की. जूली बहुत प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी.

उसके मुंह में लंड जाते ही मेरे मुंह से काम की ज्वाला सिसकारियों के साथ आनंद के रूप में आवाज बनकर मेरे होंठों से फूटने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्स् … आह्ह … जूली … मेरी जान! उफ्फ ओह्ह …
कभी वो लंड को पूरा मुंह में भर लेती तो कभी सुपाड़े की खोल को खींचकर अग्रभाग पर अपनी जीभ चला देती.

वो मुझे दीवाना बना रही थी. कभी टट्टों को भी बारी-बारी से मुंह में भर लेती तो कभी फिर से पूरे लंड को मुंह गलप जाती. इधर मैं भी उसकी दोनों चूचियों से खेल रहा था।

जब उसने काफी देर मेरा लंड चूस लिया तो मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और बेड पर लेटा दिया और उसकी दोनों जांघों के बीच बैठकर उसकी चूत पर लंड सेट किया. उसकी चूत अभी भी धधक रही थी. मैंने एक जोर का झटका दिया.
“आह्ह … बस!” जूली के मुंह से निकला।

मैंने तुरन्त ही अपने आपको काबू में किया और रुक गया और फिर धीरे-धीरे करके लंड को उसकी चूत के अन्दर पेवस्त किया। मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूची को अपने मुंह में भर लिया।
“आमिर, तुम बहुत अच्छे हो। मैं आज दुनिया के सब सुख पा गई!” जूली के मुंह से आनंद के सीत्कार बहने लगे.

मुझे लगा कि ये उसके इमोशन हैं. मैंने अपना काम चालू रखा। अब मैं धीरे-धीरे अपने लंड को आगे-पीछे करने लगा और धक्के की स्पीड भी धीरे-धीरे बढ़ाने लगा।

एक जैसी पोजिशन में धक्के मारते-मारते मैं थकने लगा तो मैं चित लेट गया और जूली को अपने ऊपर कर लिया और फिर उसकी चूत में लंड डालकर नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर उसको चोदने लगा।

जूली भी अब समझ चुकी थी. वो भी मुझे चोदने की कोशिश कर रही थी. हालांकि उसके इस प्रयास से उसकी चूत से लंड बाहर आ जा रहा था।
लेकिन एक बार जब वो समझ गई तो एक एक्सपर्ट की तरह वो भी मुझसे खेलने लगी।

कई मिनट तक जूली मेरे लंड पर कूदती रही और मैं आनंद में गोते लगाता रहा. मगर मेरे लौड़े की चुदाई से जूली जल्दी ही स्खलित होने के कगार पर पहुंच गई. उसके मुंह से तेजी के साथ जोर की आवाजें निकलने लगीं. आह्ह .. आह्ह … उम्म … ओ … आमिर … आह्ह … मजा आ रहा है बहुत!

कुछ ही पल के बाद जूली की चूत से एक बार फिर उसकी मलाई मेरे लंड पर फैलकर उसको चिकना कर गई. जूली एक तरफ जाकर गिर गई. लंड अभी भी टॉवर की तरह तना हुआ था तो सारा मेरे ऊपर चढ़ कर लंड को अपने अन्दर ले कर ऊपर-नीचे उछलने लगी.

जब तक सारा भी झड़ नहीं गयी तब तक वह भी मेरे लौड़े पर बैठ कर उछलती रही. सारा को चोदते हुए मैं जूली की चूचियां भी साथ के साथ ही सहलाता रहा और उसे लिप-किस करता रहा.

मेरे इन प्रयासों से कुछ देर में जूली फिर गर्म हो गयी और सारा को एक तरफ हटा कर मेरे ऊपर आ गयी. उसका मुंह मेरे पैरों की तरफ था और उसकी पीठ मेरे मुंह की तरफ. मेरे लंड को उसने अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पर सेट करके उसने अपने शरीर का भार मेरे लंड पर छोड़ना शुरू कर दिया.

धीरे-धीरे मेरा लंड उसकी चूत के अंदर समा गया. वह फिर से उछल-उछल कर मुझे चोदने लगी. मैंने भी उसकी चूत में लंड को अंदर-बाहर करते हुए उसका पूरा साथ देना शुरू कर दिया.

कुछ देर इसी पोजीशन में चुदने के बाद वो मेरे कहने से उठी और उठ कर सीधी बैठ गई. अब उसका मुंह मेरी छाती की ओर आ गया था और उसकी गांड मेरे पैरों की ओर थी.

कई बार उसने ऐसे ही पोजीशन बदली. जब भी वह उठती तो उसकी तनी हुई चूचियां देख कर मेरे लंड में वासना की एक लहर सी उठ पड़ती. मन करता कि उसको पटक-पटक चोद दूं लेकिन मैं नीचे लेटा हुआ था और जूली को अपने मन की हसरत पूरी करने का पूरा मौका दे रहा था.

उसके इस तरह के प्रयास में ही मेरा लंड जवाब देने लगा था. दो-तीन बार पोजीशन बदलने के बाद मैंने जूली को नीचे उतारा और उससे बोला- अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी चूत के बाहर अपना पानी निकाल सकता हूँ और अगर तुम चाहो तो मेरी मलाई को अपने मुंह में ले सकती हो!
मेरी बात सुनने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया.

वह मेरे लंड को मुंह में लेकर तेजी से चूसने लगी. चूंकि मैं अपने आनंद की परम सीमा पर पहुंच चुका था इसलिए उसके सिर को पकड़ कर अपने लंड पर जोर से दबाते हुए उसके मुंह को चोदने लगा. उसको खांसी हुई तो मैंने उसके सिर को आजाद कर दिया.
उसके बाद फिर से मैं उसके मुँह में धक्के लगाने लगा और आखिरकार मेरा वीर्य मेरे टट्टों से चलकर मेरे लंड से होता हुआ बाहर आने को हुआ तो मैंने जूली के मुंह को पीछे की तरफ करके अपने लंड को हाथ में ले लिया.

मेरी बीवी सारा मंझी हुई खिलाड़ी थी तो मेरी हालत समझ गई. उसने तुरंत ही जूली के मुंह के साथ ही अपना मुंह भी सटा कर मेरे लंड के सुपाड़े की तरफ वीर्य की आस में लगा लिया. हा..ह …आह्ह… होफ… ओ… हह्ह … की आवाजों के साथ मेरा बदन अकड़ने लगा और मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारियां दोनों के मुंह पर बरसानी शुरू कर दीं. उन दोनों ने मेरे वीर्य की हर एक बूंद को चाट लिया.

जूली की चूत फूल कर लाल हो गई थी. वहीं सारा ने भी वीर्य की बहती नदी में चूत को धो लिया था. दोनों की दोनों खुश लग रही थीं. मैं भी उन दोनों को खुश करने के बाद थक सा गया था. यूँ तो तीनों ही थके हुए थे मगर मैं अब कुछ देर लेटना चाहता था. लंड की तरफ देखा तो वो पहले से ज्यादा मोटा लग रहा था.

जूली की टाइट चूत को चोदने के बाद उसकी मोटाई शायद और बढ़ गई थी. कुछ पहले से ही सूजन थी ऊपर से जूली की कसी हुई चूत और साथ में सारा की चुदाई करके लंड लाल गाजर के जैसा हो गया था. मगर एक कहावत है कि रस्सी जल गई मगर बल नहीं गया. मेरे लंड के साथ भी यही हो रहा था. दो बार झड़ चुका था मगर अकड़ यूं की यूं बनी हुई थी.
खैर, इस सामूहिक स्खलन के बाद हम तीनों के तीनों थोड़ी देर तक एक-दूसरे के साथ चिपक कर लेटे रहे।

पहली बार तो जूली के साथ सब कुछ जल्दी जल्दी में हुआ था मगर दूसरी बार में जूली भी अपने पूरे रंग में आ गई थी. इस दूसरी बार में जूली की चूत को चोद कर लंड को अबकी बार कुछ ज्यादा सुकून सा मिला. जूली भी पहले से ज्यादा संतुष्ट दिखाई दे रही थी.
 
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junglecouple1984

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ख़ाला की चूत चोद कर खूब मज़ा लिया




मैंने एक दिन अपने दोस्त आदिल से कहा- अरे यार आदिल, मैं तुमको सच बता रहा हूँ कि आजकल मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे तो एक ऐसी चीज मिल गयी है कि मैं उसी में मगन रहता हूँ। ऐसा लगता है जैसे मुझे मुंह मांगी मुराद मिल गयी हो।

आदिल ने पूछा- अच्छा आलम मियां, यह तो बता कि ऐसा क्या मिल गया तुझे जो तू इतना खुश नज़र आ रहा है? तेरा चेहरा खिला हुआ है। कौन सा खज़ाना मिल गया है तुझे? वरना तू तो भोसड़ी का, मुंह बनाये चारों तरफ मारा मारा घूम रहा था। तेरे चेहरे की हवाइयां उड़ी रहती थीं लेकिन आजकल वो सब गायब हो गया और तू बड़ी मस्ती से बड़ी मौज़ मार रहा है।

मैंने कहा- अरे यार, मैं तो बहुत दिनों से जुगाड़ में था; बड़ी कोशिश कर रहा था। आखिरकार एक दिन मुझे कामयाबी मिल ही गयी। आजकल मैं अपनी ख़ाला जान की चूत मार रहा हूँ। क्या मस्तानी चूत है उसकी यार! मुझे तो उसे चोदने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। वह भी बड़ी मस्त होकर मेरा लण्ड पकड़ती है, लण्ड चूमती है, चूसती है और फिर अपनी चूत में पेलवा लेती है। बड़े मजे से उचक उचक कर, अपनी कमर हिला हिला कर और अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाती है। चुदवाते हुए इतनी मस्त मस्त बातें करतीं हैं इतनी प्यारी प्यारी गालियां सुनाती है कि लौड़ा साला बढ़ कर दूना हो जाता है। फिर मुझे उसे चोदने में दूना मज़ा आता है।

आदिल बोला- अच्छा यह तो बता कि ये सब हुआ कैसे? तूने कैसे पटाया अपनी ख़ाला को?
मैंने कहा- देखो यार, कुछ तो मैंने कोशिश की उसे पटाने की लेकिन ये सारा कमाल मेरे लंड का है. जब उसने मेरा खड़ा लंड देखा तो मेरे लंड पर ही फ़िदा हो गयी। अब मैं तुमको मौसी की चुदाई हिंदी में बताता हूँ.

देखो यार, तुझे पता है कि मैं 20 साल का हूँ, पढ़ा लिखा तो ज्यादा हूँ नहीं हूँ पर हां मैं अपना छोटा मोटा धंधा करता हूँ. उसी से अपना काम चला रहा हूँ। मेरा शौक कसरत करना है। मैं रेगुलर जिम जाता हूँ और अपनी बॉडी बनाता हूँ।
मेरा कद 5′ 10″ का है। रंग गोरा है और देखने में ठीक ठाक ही लगता हूँ।

मेरी ख़ाला का नाम महक है। वह 22 साल की है यानि मुझसे दो साल बड़ी। उसका निकाह अभी नहीं हुआ है।
महक मेरे नानू की तीसरी बीवी की छोटी औलाद है तो वह मेरी हमउम्र ही है.

इस बार वह मेरे घर 2/3 साल बाद आई है। इस बार वह बहुत ही गदराई हुई और मस्त जवान लग रही है।

घर में आकर जब उसे अपना हिज़ाब उतारा और थोड़े और भी कपड़े उतारे तो मुझे उसके जिस्म का अंदाज़ा लग गया।

उसकी चूचियाँ मेरी अम्मी की चूचियों के बराबर हो गईं थीं। उसकी मोटी मोटी जांघें उसके चलने फिरने से साफ़ साफ़ ज़ाहिर होती हैं। उसकी गांड तो बहुत ज्यादा ही सेक्सी लगती है यार … मन करता है कि लंड पहले गांड में ही घुसेड़ दूँ।

आते ही वह मुझे देख कर बोली- अरे आलम जान, तुम तो पूरे मर्द हो गए हो? बड़े हैंडसम हो गए हो।
मैं भी उसके पास जाकर बोला- हां हो गया हूँ. पर कोई शंका हो तो और नजदीक से देख लो न मेरी प्यारी ख़ाला जान!

वह मुस्कराकर चली तो गयी लेकिन मेरा मतलब अच्छी तरह समझ गयी।

मेरे लंड में तो खलभली मची हुई थी.
मैं उसे पहले ही दिन से लंड पकड़ाने की कोशिश करने लगा।

सच बात तो यह थी कि मैं उस पर फ़िदा हो चुका था। वह जिस तरह से हंस हंस कर बड़ी अदाओं से बातें करती थी उससे मेरे लंड में आग लग जाती थी।

मैं उसे कम से कम कपड़ों में देखना चाहता था। मैं सोचा करता था कि काश वह मुझे एकदम नंगी दिख जाए तो मज़ा आ जाये। मेरे लंड को कम से कम थोड़ी तसल्ली तो हो जाए।
इसलिए जब जब मैं घर में होता था तो उसके ऊपर ही मेरी नज़रें लगीं रहतीं थीं।

कभी उसकी चूचियों में लंड पेलने का मन करता था तो कभी उसकी गांड में लंड घुसाने का!
मेरी हरकतें देखकर कभी कभी मेरी अम्मी जान कहती थीं- बेटा आलम, तू घर में ही क्यों हरदम घुसा रहता है कभी बाहर भी जाया कर!
और मैं हंस कर रह जाता।
मेरा एक एक दिन बड़ी मुश्किल से गुज़र रहा था।

एक दिन मैं उसके पास ही बैठा था तो उसका फोन घनघना उठा।
उसने फोन करने वाला का नाम देखा और सीधे कूदती फांदती हुई ऊपर छत पर चली गयी।

मैं समझ गया कि इसमें कोई प्राइवेट बात होने वाली है।
उसे नहीं मालूम हुआ कि मैं उसके पीछे छत पर आ गया हूँ।

वह एक कोने में बैठी हुई बातें करने लगी और मैं पीछे से चुपचाप खड़े खड़े उसकी बातें सुनने लगा। वह जो बोल रही थी वह तो मुझे सुनाई पड़ रहा था पर उधर की आवाज़ बिल्कुल नहीं सुनाई पड़ रही थी।
ख़ाला क्या बोल रही थी वह आप भी सुनिए- हां अब बोल भोसड़ी की ज़ोया … क्या कह रही थी तू?
उसके मुंह से गाली सुनकर मेरे लंड में बड़ी जोर का करंट लगा और वह उछल पड़ा.

वो आगे बोली- अच्छा हां समझ गयी मैं!
नहीं यार, मुझे उसका लंड बिलकुल पसंद नहीं आया.
उसकी माँ की चूत … उसे पसंद है तो वह घुसा ले अपनी चूत में मुझे क्या?
हां क्या बात है उसका लौड़ा तो लाखों में एक है.
सबा की माँ की चूत … हां हां मालूम है उसकी बेटी भी लौड़ा खूब लेती है.
निदा के अब्बू का लंड तो बड़ा हैंडसम है. हां हां यार मुझे उसके लंड से प्यार हो गया.
हां दो बार ही चोदा है मुझे … अभी तो 3 महीने यहाँ रहूंगी.
हां हां जब आऊंगी. तब तेरे मियां का लंड पेलवा लूंगी क्योंकि मेरा भी निकाह होने वाला है. अरे यार, मैं तो शादी के बाद भी चुपके चुपके पेलवाती रहूंगी.
वो तो है … तब तुम मेरे शौहर का लंड पेलवा लेना।
अच्छा अब बाद में … शायद मेरी आपा आती होंगी।

अब मुझे ख़ाला के बारे में बहुत कुछ मालूम हो चुका था. वह कई लंड पकड़ चुकी है और चुदवाती भी है।
वह जैसे ही मुड़ी तो मुझे खड़ा हुआ देखा।

मैंने अपना खड़ा लंड उसे दिखा दिया और कहा- ख़ाला जान, जब तुमने इतने लंड पकड़े हैं तो मेरा भी लंड पकड़ कर देख लो यार!
वह आगे बढ़ी और मेरे खड़े लंड की तरफ देखा; मेरे लंड पर एक थप्पड़ मार कर बोली- हां पकड़ लूंगी किसी दिन तेरा भी लंड!
ऐसा कह कर वह फ़ौरन नीचे उतर गयी।

मेरा लंड साला और तन गया।

फिर मैं भी नीचे आ गया।
वह सीधे जाकर मेरी अम्मी जान के पास बैठ गयी और मैं मन मसोस कर रह गया।

फिर मैंने ठान लिया की अब मैं इसकी चूत में लौड़ा पेल कर ही दम लूँगा, चोद डालूँगा मैं इस भोसड़ी वाली की चूत!

आदिल बोला- यार आलम, तेरी कहानी सुनकर मेरा लौड़ा बहन चोद खड़ा हो गया। अच्छा बता फिर क्या हुआ?
मैंने कहा- जब किसी काम को करने की ठान लो तो ऊपर वाला भी मदद करता है। दो घंटे के बाद मेरी अम्मी ने कहा बेटा कि वे अब्बू जान के साथ किसी रिश्तेदारी में जा रही हैं।
अम्मी ने मुझे ख़ाला का ख्याल रखने को कहा और अगले दिन शाम को वापस आने का बताया।

मैंने कहा- अम्मी जान, तुम चिंता न करो मैं ख़ाला जान का पूरा ख्याल रखूंगा।
वे अब्बू के साथ चली गयीं।

अब घर में केवल मैं और मेरी मस्तानी ख़ाला जान।
मुझे लगा जैसे मेरी लॉटरी खुल गयी हो!

अम्मी जान के जाने के बाद मैंने ख़ाला को अपनी तरफ खींच कर बड़ी जोर से अपने सीने से लगा लिया।
उसकी दोनों मस्तानी चूचियों को अपनी छाती से चिपका लिया।

उसने थोड़ा बहुत तो ना नुकुर किया पर उसकी कौन सुनने वाला था।
वह बोली- यार आलम, इतनी भी जल्दी क्या है? अब तो मैं यहीं ही हूँ। थोड़ा सबर करो, जो कुछ करना है, मजे से करो। मुझे तेरा लंड पसंद है।

मैंने कहा- यार, मेरा लंड काबू के बाहर होता जा रहा है.
वह हंस कर बोली- अभी तक पजामा के बाहर तो हुआ नहीं तेरा लंड, काबू के बाहर कैसे हो गया?

मैंने कहा- तुम ही बाहर कर दो ने मेरा लंड ख़ाला जान?
वह शरारत करती हुई बोली- मर्द का लंड तो पजामा भी नहीं रोक सकता? अगर तू मर्द है तेरा लंड पजामा फाड़ कर बाहर निकल आएगा।

उसकी इस बात में मेरे लंड मी जबरदस्त आग लगा दी।
मैंने भी बेशर्मी से अपना पजामा खोल कर फेंक दिया और एकदम नंगा नंगा खड़ा हो गया उसके आगे और मेरा लंड भी खड़ा हो गया।
वह बोली- हाय दईया, बड़ा मोटा तगड़ा है तेरा भोसड़ी का लंड!

फिर उसने हाथ बढ़ाकर पकड़ ही लिया मेरा लंड और बोली- तेरा लंड ज़ोया के अब्बू के लंड के बराबर है. उसका भी लंड बिलकुल ऐसा ही है मोटा!
मैंने पूछा- क्या तुम उससे चुदवाती हो?
वह बोली- नहीं, मैंने बस एक बार पकड़ा है उसका लंड जब वह मेरी भाभी जान की चूत चोद रहा था।

उसकी इस बात ने मुझे और उत्तेजित कर दिया।

तब तक मैंने भी उसके कपड़े उतार डाले और उसकी दशहरी आम जैसी बड़ी बड़ी चूचियाँ खूब दबादबा कर रस निचोड़ने लगा।
उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देख कर मैं पागल हो गया, चूत पर हाथ फिराने लगा, उसकी गांड पर हाथ फिराने लगा।

मैंने कहा- ख़ाला जान, तेरी गांड भी बड़ी मस्त है।
वह बोली- सब लोग मेरी गांड की बहुत तारीफ करते हैं।
मैंने कहा- तेरी गांड ही नहीं, तेरी बुर, तेरी चूचियाँ, तेरी कमर, तेरी मस्तानी खुली खुली बाहें सब तारीफ करने के काबिल हैं ख़ाला जान!

फिर वह खुल कर बोली- मैं तेरी ख़ाला नहीं, चूतचोदी ख़ाला हूँ आलम मियां। मैं बहुत हरामजादी, बेशरम और बड़ी मादरचोद हूँ. मैं लंड की बहुत बड़ी दीवानी हूँ। मुझे तेरे लंड से प्यार हो गया है।
बस उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाला और चूसने लगी।
उसका लंड चूसना मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था।
मैं भी उसकी चूत चाटने लगा। मैं तो उसकी चूत का दीवाना हो गया। उसकी मोटी मोटी जांघों पर हाथ फिरा फिरा कर मज़ा लेने लगा।

इससे मैं इतना उत्तेजित हो गया कि मैं झड़ने की कगार पर आ गया।
मैंने कहा- यार, मैं तेरे मुंह में झड़ जाऊंगा, लंड बाहर निकाल दो।

उसने नहीं निकाला और मैं सच में उसके मुंह में ही झड़ गया।
मामला कुछ देर के लिए शांत हो गया।

अब मेरा दोस्त आदिल बोला- यार, मेरा भी मन तेरी ख़ाला की चूत चोदने का हो गया है।
मैंने कहा- अरे यार, अभी तो मैंने भी उसकी चूत नहीं चोदी. आगे तो सुनो।

मैं बताने लगा:

कुछ देर बाद मेरा लंड साला फिर खड़ा होकर हिनहिनाने लगा।
मैंने कहा देख चूत चोदी ख़ाला ये तुझे बुला रहा है।
उसने कहा- हां आती हूँ मैं यार!
वह सामने आ गयी।

उसने भी कुछ नहीं पहना था, एकदम नंगी होकर मेरे सामने खड़ी हो गयी.
मैंने कहा- वाह मेरी जान, तुम तो नंगी ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही हो। तेरी जवानी बहुत मस्त है। तेरा हुस्न बहनचोद तेरी रग रग में समाया हुआ है।
उसने मुझे लिटा दिया और मेरा लंड खूंटा की तरह पकड़ कर हिलाने लगी।

वहीं पर एक तेल की शीशी रखी थी। उसने तेल हथेली में लिया और मेरे लंड पर लगा दिया।
तेल से मेरे लंड की मालिश करने लगी, बोली- मुझे कटे लंड की मालिश करने में बड़ा मज़ा आता है।

आज पहली बार मेरे लंड की मालिश हो रही थी, मैं तो मज़ा लेने लगा, मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।

फिर वो बोली- हाय मेरे आलम मिया, अब तू पेल दे लंड अपनी माँ की बहन की चूत में!
उसका ऐसा कहना हुआ कि मैंने उसे लिटाया और उसके ऊपर चढ़ कर लंड गच्च से घुसा दिया उसकी चूत में!

मैं पागलों की तरह धकाधक चोदने लगा उसकी चूत … लंड पूरा घुसा घुसा के चोदने लगा।
मैंने कहा- यार, तेरी चूत चुदी हुई है न?
वह बोली- हां यार, चुदी हुई है।
मैंने कहा- यार चुदी हुई है … पर लग नहीं रही है कि चुदी हुई है। बड़ी टाइट है तेरी चूत चोदी चूत! मुझे तो एकदम तारो ताज़ा लग रही है तेरी बुर!

मैं धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और वह हर धक्के का जवाब भी धक्के से दे रही थी।
इससे मैं जान गया कि ये बहनचोद चुदी हुई ही नहीं बल्कि अच्छी तरह चुदी हुई है।

मैंने कहा- आज मैं तेरी चूत फाड़ डालूँगा महक; तेरी चूत का हलवा बना दूंगा। तुमने मुझे बहुत परेशान किया है. तेरी चूत की माँ की चूत!
वह बोली- हाय मेरे राजा, खूब चोदो मुझे … अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे! ये तेरी माँ की बहन की चूत है, इसे चोद डाल। तेरा मादरचोद लंड बड़ा मज़ा दे रहा है।

दोस्तो, चुदाई का मज़ा तभी आता है जब दोनों चोदने वाला और चुदाने वाली बड़ी मस्ती से दिल खोल कर चुदवाये। दोनों एक दूसरे के साथ देकर चुदाई करें।

उसकी नाचती हुई चूचियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थीं।
उसकी सिसकारियां मेरे लंड का हौसला बढ़ा रही थीं।

मैं चुदाई की स्पीड बढ़ाता जा रहा था।
वह भी गांड से जोर लगाती जा रही थी।

मैं समझ गया कि आजकल लोग चुदी हुई लड़की से शादी क्यों करते हैं.

अब मैं बहुत ज्यादा ही मस्त हो चुका था।

तभी मुझे मालूम हुआ कि उसकी चूत ढीली हो गयी है।

फिर मेरे मुंह से निकला- यार अब मैं निकलने वाला हूँ।
वह फ़ौरन घूम गयी और मेरा लंड पकड़ कर बोली- मेरे मुंह में निकल जाओ यार, मैं इसे पीना चाहती हूँ। लंड पीने से खूबसूरती बढती है।

मौसी ने मेरा लंड मुंह में भर लिया.
वह सच में पी गयी।

फिर हम दोनों बाथ रूम में बड़ी देर तक नंगे खेलते रहे।
उसने मेरे लंड में साबुन लगाकर मुझे नहलाया और मैंने भी उसकी चूचियों पर, उसकी चूत पर, उसकी गांड पर साबुन लगा लगा कर उसे खूब नहलाया।

बड़ी मस्ती की हम दोनों ने!
और फिर रात को दुबारा मस्ती के मूड में आकर बिस्तर पर लेट गए।

मैं सच में उसे अपनी बीवी समझ बैठा था और वह भी मुझसे अपने शौहर के जैसा बर्ताव करने लगी।

मैं यह सब अपने दोस्त को बता रहा था कि इतने में मैंने देखा कि आदिल का लण्ड खड़ा है।
वह बोला- यार आलम, तेरी कहानी सुन कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। अब क्या करूँ?
मैंने जोश में आकर कह दिया- तो तुम भी इसे मेरी ख़ाला की चूत में पेल दो।
वह हसंने लगा।

हम दोनों बात कर ही रहे थे कि ख़ाला का फोन आ गया।
वह बोली- अरे यार, आपा (मेरी अम्मी) का फोन आया था। कह रही थीं कि वे लोग अब दो दिन के बाद आयेंगे। कुछ काम आ गया है उसे ख़त्म करके ही आना होगा।

मैंने कहा- लो यार, अब तो मुझे और टाइम मिला गया अपनी ख़ाला की चूत चोदने का! अब चलो मैं तुमको उससे मिलवाता हूँ। अगर वह तैयार हो जाती है तो तुम भी उसे चोद कर मज़ा लेना. नहीं तो लौट आना। लेकिन हां अगर तुमने मेरी ख़ाला की चूत चोदी तो मैं भी तेरी ख़ाला की चूत चोदूंगा।

वह बोला- अरे यार, मैं तेरी ख़ाला की चूत चोद पाऊं या न चोद पाऊं … पर तुम मेरे साथ चलो और आज ही मेरी ख़ाला की चूत चोद लो।
मैंने कहा- नहीं, पहले तुम मेरी ख़ाला चोदो, चलो मेरे साथ!

मैं आदिल को लेकर ख़ाला के पास आ गया और अंदर जाकर मैंने उसे सारी बात बता दी।
वह बोली- अच्छा तो तुम दोनों मिलकर लंड पेलना चाहते हो मेरी चूत में?
मैंने कहा- हां जरूर … लेकिन अगर तुम कहोगी तो वरना मैं उसे वापस कर दूंगा।

उसने कहा- एक बात है … मुझे अगर उसका लंड पसंद आ गया तो मैं उससे भी चुदवा लूंगी, नहीं तो तुम उसे भगा देना।
मैंने कहा- ठीक है।

तब मैंने आदिल को बेडरूम में बुला लिया।
मैंने उसकी ख़ाला की चूत चोदने के लालच में अपनी ख़ाला की चूत उससे चुदवाने का मन बना लिया।

ख़ाला जान ने उसके सामने पहले मेरा पजामा का नाड़ा खोला और लंड अंदर ही अंदर सहलाने लगी।
आदिल बड़े गौर से उसे देखने लगा।

फिर ख़ाला ने दूसरे हाथ से आदिल के पजामे का नाड़ा खोला और दन्न से अपना हाथ अंदर घुसेड़ दिया।
उसका हाथ आदिल के लंड से टकरा गया।

महक का चेहरा खिल उठा तो मेरी उम्मीद बंध गयी।

फिर उसने लंड बड़े प्यार से बाहर निकाला, उसे गौर से देखा और बोली- माशाल्ला, लौड़ा तो बहनचोद बड़ा जबरदस्त है तेरे दोस्त का आलम मियां! मज़ा आ गया इसे पकड़ कर। ये तो तेरी ख़ाला की चूत का आज ही भोसड़ा बना देगा।

मैं यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया।

फिर वह भी पूरा नंगा हो गया और मैं भी पूरा नंगा।

दोनों लंड देख कर महक ख़ाला की तो चांदी हो गयी।
वह बोली- अब तुम दोनों मिलकर मुझे चोदो, मैं पूरी तरह तैयार हूँ।

फिर क्या रात भर हम दोनों ने मिलकर ख़ाला की चूत का बाजा खूब बजाया।

दूसरे दिन मैंने उसे उसकी ख़ाला के साथ बुलवाया।
उसकी ख़ाला भी गज़ब की खूबसूरत थी। उसकी चूचियां महक की चूचियों के बराबर ही थीं। वह भी चुदवाने में बड़ी अव्वल थी।

उसे देख कर मेरा लौड़ा तन गया।
फिर हम चारों एक ही कमरे में आमने सामने चुदाई का खूब मज़ा लिया।

आदिल में मेरे सामने मेरी ख़ाला की चूत चोदी और मैंने उसके सामने उसकी ख़ाला की चूत चोदी।

यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक की मेरी अम्मी आ नहीं गयीं।
 
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मुझे मेरे भैया से चुदवा दिया



दोस्तो, मेरा नाम है प्रीति कुमारी।
मेरी हाइट 5 फीट है मेरे फिगर बिल्कुल आकर्षक है मेरे बूब्स 34,कमर 30 और गांड 32 की है।
देखने में बिल्कुल गदराई हुई माल लगती हूं।

आज मैं आप लोगों को अपनी सच्ची इंडियन सिस्टर सेक्स कहानी बताने जा रही हूं.
यह घटना पिछले महीने मेरे साथ हुई थी।

मेरे घर में 5 लोग हैं।
मेरे मम्मी पापा गांव में रहते हैं, मैं भी उन्हीं के साथ रहती हूं।
मेरा भाई रवि जो मेरे से 2 साल बड़ा है, वह अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में रहता है।

मेरी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी इसीलिए भाभी ने मुझे कुछ दिनों के लिए अपने पास बुला लिया।

मेरे भाई की अभी नई नवेली शादी हुई थी मेरी भाभी बिल्कुल मेरे ही तरह की है।
उनकी गांड थोड़ी बड़ी है।

जब मैं दिल्ली पहुंची तो भैया मुझे देख कर चौंक गए और बोले- 2 साल में प्रीति कितना बदल गई है।
भाभी जी बोली- क्या बात है प्रीति, आप तो बिल्कुल हीरोइन बन गई हो।

अगले दिन हम लोग मार्केट गए।
मैं पहली बार शहर में आई थी इसलिए मैं बिल्कुल हैरान थी कि लड़कियां इतनी छोटे छोटे कपड़ों में घूम रही थीं।

भाभी ने कहा- यहां के लिए यह सब आम बात है। और फिर तुमको भी यहां ऐसे ही रहना चाहिए।
यह कहते हुए उन्होंने मेरे लिए कुछ कपड़े खरीदे.

और फिर हम लोग बातें करते करते अपने घर आ गए।

भाभी ने मुझे बैग दिया और बोली- प्रीति, कल से तुम ये सब कपड़े पहनना. जाओ अभी चेंज करके आओ।

मैं अपने रूम में आई तो मैंने देखा कि बैग में छोटे छोटे स्कर्ट थे और हाफ पैन्ट थी।
मैंने काली रंग की स्कर्ट पहन ली और उसी के रंग की चोली भी थी।

मैं बाहर आई तो भाभी मुझे देख कर बोली- वाह, क्या बात है! तुम तो बिल्कुल हीरोइन लग रही हो।

पर मुझे भी बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी क्योंकि कपड़े बहुत छोटे थे।
मेरे बड़े-बड़े स्तन आधे से ज्यादा दिख रहे थे और मेरी गांड भी बिल्कुल साफ नजर आ रही थी।

भाभी ने कहा- कोई बात नहीं, आपको आदत हो जाएगी।

अभी कुछ देर बाद भैया ऑफिस से घर आए।
भाभी ने मुझे चाय दी और बोली- जाओ अपने भैया को दे दो।

मैं चाय लेकर भैया के पास गई।
भैया मुझे देख कर आश्चर्यचकित हो गए और मुझे नीचे से ऊपर तक देखते रहे।

फिर उन्होंने चाय ले ली और बोले- प्रीति, तुम बिल्कुल हॉट लग रही हो।
मैं एकदम शर्मा गई।
मेरे भैया मिजाज के हैं।

भैया ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोले- देखो प्रीति, यह शहर है, यहां शर्माने की कोई बात नहीं है। यहां पर यह सब आम बात है।

तभी रवि भैया ने पूछा- गांव में तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड था?

मैंने कहा- नहीं भैया।

तभी भाभी आ गई भैया ने मेरा हाथ छोड़ दिया।
और भैया भाभी को मेरे सामने ही अपनी बांहों में लेकर उनके बूब्स को दबाने लगे।

भाभी बोली- क्या कर रहे हो रवि? प्रीति यहीं पर है!
भैया बोले- प्रीति भी अब जवान हो चुकी है, उसको भी तो यह सब सोचना होगा।

तो मुझे उत्तेजना होने लगी, मेरी चूत गीली होने लगी, मैं वहां से बाहर चली गई।

अब मुझे पूरा पता चल गया था कि मेरे भैया मेरे पीछे पड़ चुके हैं और वे मुझे चोद कर ही मानेंगे।
मैं भी इससे उत्साहित थी कि मुझे अब चुदाई का मजा लेने का मौक़ा मिलेगा.

हम लोगों ने शाम का खाना खाया और टीवी देखने लगे।
टीवी पर रोमांटिक मूवी आ रही थी।

थके होने के कारण भाभी वहीं पर सो गई।
भैया ने अपना हाथ मेरे कंधों पर रख दिया।

मूवी के अंदर बहुत ही ज्यादा रोमांटिक दृश्य थे।

धीरे-धीरे भैया मेरे पेट को सहलाने लगे।
मैं कुछ नहीं बोल रही थी क्योंकि भाभी वहीं पर सोई थी।
इस बात का फायदा भैया पूरा उठा रहे थे।

देखते ही देखते भाई ने अपना हाथ मेरी चोली के अंदर डाल दिया.
भैया ने मेरी स्तनों को अपने हाथों से मसल रहे थे।
मुझे मजा आ रहा था.

तभी भाभी जग गई।
भैया ने मेरी कंधे पर से अपना हाथ हटा लिया और दूर हो गए।

भैया और भाभी दोनों अपने कमरे में सोने के लिए चले गए।

तभी कुछ देर बाद उनकी कमरे से कामुक सिसकारियां निकलने लगी।
मैंने जाकर खिड़की से देखा कि भैया और भाभी बिल्कुल नंगे थे।
भैया भाभी को घोड़ी बनाकर उनकी गांड में अपना लिंग सेट कर के धक्के लगा रहे थे।

तभी मैंने सुना कि भैया ने कहा- यार, प्रीति जब से आई है दिन भर मेरा मिजाज बदला बदला रहता है। कभी-कभी तो भूल जाता हूं कि वह मेरी बहन है।
तभी भाभी बोली- प्रीति को चोदना चाहते हो?

पहले तो भैया ने इंकार कर दिया।
मगर भाभी बोली- मैंने प्रीति को कपड़े बदलते हुए देखा है। तुम चाहो तो मेरे मोबाइल में उसकी फोटो देख सकते हो। वह बिल्कुल हीरोइन जैसी लगती है।

मेरे भैया ने भाभी के मोबाइल में मेरी फोटो देखी.
वे चौंकते हुए बोले- क्या माल लग रही है यार … कितनी बड़ी बड़ी चूचियां हैं।

भाभी ने कहा- ठीक है, मैं तुम्हारा जुगाड़ करवा दूंगी।
मैंने कुछ कुछ बातें सुनी पर साफ सुनाई नहीं देने के कारण मैं वहां से चली गई।

अगले दिन मैं जब नहा कर बाथरूम से आई तो मैंने देखा कि मेरी अलमारी लॉक थी और मेरे बेड पर लाल रंग की ब्रा और पेंटी रखी हुई थी।

मैंने उन्हें पहन लिया और भाभी से कपड़े लेने के लिए उनके रूम में चली गई।
कमरे में अंधेरा था।

वहां भैया ने मुझे अपनी बांहों में पकड़ लिया, बोले- रानी, रात को तुमने बहुत मजा दिया था. अब एक बार फिर!

भैया ने मुझे अपनी पत्नी समझ कर पकड़ रखा था और भैया मेरी शरीर से निकल रहे सुगंध को सूँघते हुए मेरे बदन को चाटने लगे।

वे मेरे मुंह पर अपना मुंह रख कर किस कर रहे थे जिसके कारण मैं कुछ बोल भी नहीं पा रही थी।

देखते ही देखते भैया ने मेरी चोली और पैंटी निकाल दी।
मैं बिल्कुल नंगी हो गई थी।

तभी भैया ने मुझे बेड पर पटका और अपना लिंग मेरे मुंह में दे दिया।
मैं बोलने की कोशिश कर रही थी पर लिंग मेरे मुंह में होने के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थी।

मेरे भैया मेरी चूत में उंगली कर रहे थे और एक हाथ से मेरे स्तन को दबा रहे थे।

कुछ देर बाद उन्होंने अपना लिंग मेरी योनि द्वार पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा.
उनका लिंग फिसल गया।

फिर उन्होंने थूक लगाकर एक जोरदार धक्का मारा तो लिंग का सुपारा मेरी योनि में समा गया और मैं दर्द से तड़प उठी।

फिर उन्होंने अपनी गांड उठा कर एक जोरदार धक्का मारा.
अबकी बार पूरा लिंग मेरी योनि में समा गया और मैं तड़प उठी।

मेरे मुंह से चिल्लाने की आवाज निकली पर उन्होंने किस करने लगे।
मुझे महसूस हुआ कि मेरी योनि से कुछ निकल रहा था।

तभी भैया ने धीरे-धीरे अपना धक्कों की स्पीड बढ़ायी और आगे पीछे करने लगे।
मुझे धीरे-धीरे मजा आने लगा था और मैं कामुक सिसकारियां लेने लगी थी।

तभी भैया बोले- शादी के 2 साल बाद भी तुम्हारी चूत बिल्कुल सुहागरात जैसी है।

पर मैं अब कुछ नहीं बोल रही थी क्योंकि मुझे मजा आ रहा था।

फिर भैया जी मुझे उठाया और अपनी गोद में उठाकर अपना लिंग मेरी योनि में सेट कर दिया और मुझे नीचे ऊपर करने लगे।
मेरी योनि में उनका लंबा मोटा लिंग पूरी तरह से बढ़ता हुआ जा रहा था।

मैं कामुक सिसकारियां निकल रही थी- आह ओह … उफ्फ … ममा … अह … ओह!
मेरा पूरा शरीर टूट रहा था और भाई मेरी बूब्स को अपने मुंह में पी रहा था और काट रहा था।

काफी देर लगातार चोदने के बाद उसने सारा माल मेरी चूत में छोड़ दिया।

फिर भाई बेड पर सो गया.

तभी मैं वहां से बाथरूम में गई और जाकर फिर से नहायी।
पहली बार संभोग करने के कारण मेरी योनि सूज चुकी थी और मुझे चलने में दर्द हो रहा था.
इसीलिए मैं अपने रूम में चली गई और सो गई।

तभी कुछ देर बाद भाभी मार्केट से आई तो उन्होंने पूछा- क्या हुआ है प्रीति?
मैंने बोला- कुछ नहीं, बस तबीयत खराब है।

भाभी जब रूम में गई तो उन्होंने देखा कि मेरी ब्रा और पेंटिंग वहीं पर थी।
भैया अभी तक नंगे सोए हुए थे।

भाभी सब मामला समझ चुकी थी।
भैया उनको देखते ही एक बार फिर चालू हो गया और उनको पकड़ कर बांहों में उनके सारे कपड़े निकाल दिए।
फिर भैया ने भाभी को घोड़ी बनाकर उनकी गांड में अपना नंबर डाल दिया, डॉगी स्टाइल में भाभी को चोदने लगे।

पूरी दोपहर भैया ने भाभी को छोड़ा नहीं … क्योंकि आज संडे था, उनकी छुट्टी थी।

फिर जब शाम को भाभी ने मुझे बताया मुझको भैया से चुदाने का उनका ही प्लान था।
मुझे तो पहले से ही पता था।

भाभी ने मुझे कुछ दवा खिलाई और बोली- रात को फिर तैयार रहना, मजा आएगा.

दोस्तो, सच्ची बताऊं तो मुझे भी मजा आ गया था. मैंने पहली बार संभोग किया और बहुत मजा आया।

शाम को भाभी खाना खाने के बाद भैया के साथ अपने रूम में कुछ कर रही थी.
तभी उन्होंने मुझे कॉल किया और बोली- प्रीति, हमारे रूम में आ जाओ, तुम्हारे लिए कुछ सरप्राइज है।

मैंने सोचा कि भाभी मार्केट से कुछ लाई होंगी.
इसलिए चली गई।

मैं जब रूम में गई तो देखा कि रूम में भाभी नहीं थी।
भैया बिल्कुल नंगे थे और कमरे में थोड़ा अंधेरा था.

एक बार फिर से उन्होंने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और बोले- प्रीति, आज तुम्हारी योनि से प्रीत बुझा लूंगा।
मैं चौक गई और बोली- आपको पता है कि मैं हूं?
भैया बोले- डरो मत, मुझे पहली बार भी पता था. यह सब तुम्हारी भाभी की चाल है. तुमको चोदने का प्लान था।

भाई ने मुझे नंगी कर दिया और अपना लिंग मेरी योनि में सेट कर दिया।
और जोरदार धक्का मारने लगे.
उनका लिंग पूरी तरह से मेरी योनि में जा रहा था और मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा, मैं कामुक सिसकारियां ले रही थी।

तभी भैया ने मुझे घोड़ी बनाया और अपना लिंग मेरी गांड में सेट करके जोरदार धक्का मारने लगे।
कुछ देर बाद मेरी गांड से पच पच की आवाज आने लगी।

मेरी कामुक आवाजों से पूरा रूम गूंज रहा था।

फिर भैया ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे बदन को चाटने लगे और मेरे स्तन को पीने लगे।
कुछ देर बाद भैया का लिंग फिर से खड़ा हो गया और उन्होंने मेरी योनि में जोरदार धक्का मार के घुसा दिया।

अब मैं भी नीचे से गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी।
मैं और भैया बिल्कुल शादीशुदा जोड़े की तरह चुदाई कर रहे थे।
भैया मुझे अलग-अलग पोजीशन में लिटा कर, उठाकर, बैठाकर सब तरह से चोदना चाहते थे।

रात में काफी देर तक चुदाई करने के बाद हम दोनों नंगे ही सो गए।
भैया अपना लिंग मेरी योनि में डालकर सोए थे।

करीब 4:00 बजे भैया जगे और फिर मुझे चोदने लगे।

उन्होंने मुझे आधा घंटा लगातार चोदा और मेरी चूत में सारा माल गिरा दिया और सो गए।

अब जब भी भाभी नहीं रहती हैं, भैया मुझे पूरे मजे से चोदते हैं।
इस चुदाई के खेल को 3 महीने हो चुके हैं.

‌मैं देखने में और आकर्षक लगने लगी हूं। मेरी गांड और बूब्स पहले से ज्यादा बड़े हो चुके हैं।
 

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लड़के से मर्द कैसे बना मैं- 1


दोस्तो, मेरा नाम रेवती रमन है लेकिन सभी लोग प्यार से मुझे रम्मू बुलाते हैं।
मैं दादरी (उ.प्र.) का 21 वर्षीय नौजवान हूँ।

दोस्तो, मेरा घर गाँव से कुछ दूर हटकर एकांत में है।
मेरे घर में मेरे भैया और भाभी हैं।

भैया की जॉब उनकी शादी के पहले से ही विदेश में है और वो साल में एक ही बार घर आते हैं।
बताते हैं कि जब मैं छोटा था तभी एक कार एक्सीडेंट में पिताजी की मृत्यु हो गई थी लेकिन पिताजी मेरे भैया की शादी पहले ही कर गए थे।

भैया भाभी को एक बेटी हुई थी जो किसी भयंकर बीमारी से कई साल पहले मर गई थी।
तब के बाद उन दोनों ने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया।

जब मैं छोटा था तो माँ मेरी कभी देसी घी से, तो कभी सरसों के तेल से मेरी मालिश करती थीं क्योंकि मैं उस समय बहुत कमजोर था।

तो एक दिन भाभी ने माँ से कहा- माता जी लल्ला की मालिश मैं कर देती हूँ, आप आराम कर लो।
माँ ने भाभी से कहा कि बहू लल्ला की मालिश थोड़ी आराम से करना।

और फिर भाभी रोज़ाना मेरी मालिश करने लगी।

कुछ महीने बाद मेरी माँ भी चल बसी।
माँ के गुजरने के बाद भाभी के कंधों पर घर, खेत, गाय-भैंस सभी की जिम्मेदारी आ गई।

बड़े काश्तकार होने के कारण भाभी ने गाय, भैंस और खेती के लिए नौकर लगा दिए और अपना सारा ध्यान मेरी परवरिश पर लगा दिया।

समय गुजरता गया।

माँ के गुजरने के बाद भी भाभी ने मेरी मालिश करना जारी रखा ताकि मैं जवान होकर किसी से कमज़ोर न रहूँ।

मैं बड़ा हो रहा था लेकिन भाभी ने मेरे शरीर की मालिश करना नहीं छोड़ा।
वो मुझे पूरा नंगा करके लिटा कर मालिश करती थीं और वो शरीर के साथ साथ मेरी नुनिया पर काफी देर तक तेल से मालिश करती थीं और अपने साथ ही नहलाया करती थीं।

फिर मैं उनको भाभी माँ बोलने लगा।

मगर उन्होंने मेरी शरीर और लुल्ली की मालिश करना नहीं छोड़ा।

जब मैं और बड़ा हुआ तो भी देवर भाभी लव ऐसे ही चलता रहा, भाभी मुझे बिल्कुल नंगा करके मेरे शरीर और नुनिया की तेल मालिश करती जिससे मेरी लुल्ली में तनाव आना शुरू हो गया.
लेकिन अब मुझे भाभी के सामने बिल्कुल नंगा होने में शर्म आती थी।

भाभी हमेशा ये कहकर डाँट देती थी कि जब मैं ढाई साल का था तब से वो मेरे शरीर और तेरी नुनिया की मालिश कर रही हैं, बस फर्क ये है कि उस समय ये लुल्ली छोटी सी थी और अब बड़ी हो गई है।

फिर वो कहतीं- तो क्या हुआ? मैं तेरी माँ हूँ इसलिए मुझसे क्यों शर्माता है। जल्दी से अपनी निक्कर उतार और मेरा समय नष्ट न कर!
फिर वो मेरा निक्कर उतार कर मुझे लिटा कर मेरे शरीर और मेरी लुल्ली की घंटों के हिसाब से मालिश करतीं।

ऐसे ही दिन गुजरते रहे करीब दो-तीन साल बाद जब मैं 19 साल का जवान लड़का हो गया तो भी भाभी ने मेरे शरीर और नुनिया की मालिश करना नही छोड़ा।

तभी कुछ दिन बाद मुझे एनीमिया की शिकायत हो गई तो हर महीने 3 से 4 यूनिट खून चढ़ने लगा।

इधर लिंग को लम्बा मोटा करने वाली दवा और सिरप सुबह शाम देने लगीं।
लेकिन मैं पागल यही समझता रहा कि यह कैप्सूल और सिरप एनीमिया को दूर करने के लिए हैं।

खैर, धीरे धीरे मेरी नुनिया 8 इंच का लंड बन गई और जैसी नुनिया की लंबाई थी उसी हिसाब से उसकी मोटाई भी बढ़ गई।
लेकिन भाभी ने अभी भी तेल मालिश करना नहीं छोड़ा।

कुछ दिन बाद हमारे बेसमेंट में एक करीब 22 साल की लड़की, जिसका नाम रजनी था, मेरठ से सिलाई सेंटर खोलने के लिए किराये पर रहने के लिए आ गई।

एक दिन सर्दियों में धूप सेंकने के लिए वो हमारे आँगन में आई तब भाभी मुझे बिल्कुल नंगा करके मेरी तेल मालिश कर रही थीं और उनका हाथ मेरे लंड पर ही था।
लेकिन भाभी को पता नहीं कि था वो अचानक से आ जाएगी क्योंकि उन्होंने उसे देखा नहीं था।

वो एकदम से बोल पड़ी- अरे, इतना बड़ा होकर भी अपनी भाभी के सामने ऐसे नंगा पड़ा है! तुझे जरा भी शर्म नहीं आती? कितना बड़ा और मोटा है ये!

तभी भाभी ने जवाब दिया- मैं इसकी माँ हूँ और बचपन से लेकर आज तक इसकी मालिश करती आ रही हूँ।
फिर भाभी ने रजनी को मेरी पूरी कहानी सुना डाली तो रजनी को मुझ पर तरस आने लगा।

लेकिन वो मेरे लंड को घूर घूरकर देखती रही।

तभी भाभी ने मालिश करना बंद कर दिया।

इधर मैंने अपने कपड़े पहनना चाहा लेकिन रजनी ने मेरे हाथ से निक्कर छीन लिया और मुझे परेशान करने लगी और अपने पीछे नंगा ही दौड़ाने लगी।
थोड़ी देर के बाद उसने मेरी निक्कर लौटा दी।

उस दिन के बाद जब भी सुबह के टाइम भाभी मालिश शुरू करतीं, तभी रजनी भी आ जाती आ जाती और मेरे लंड की मालिश को बड़े गौर से देखती।

एक दिन उसने भाभी से कहा- दीदी, क्या मैं इसकी मालिश कर सकती हूँ?
भाभी ने कहा- उस दिन तो तुम मेरे बेटे को ऐसे बेशर्म और भला बुरा कह रही थी, आज अचानक ऐसा क्या हो गया जो मुझसे उसकी मालिश करने की पूछ रही हो?
रजनी- मैं उसके हथियार को छू कर देखना चाहती हूँ कि आप बचपन से लगातार मालिश कर रही हो तो अब इसमें थोड़ा बहुत दम आया है या नहीं?

भाभी बोली- तुम्हें ऐसी बातें करने में जरा सी भी शर्म नहीं आती? मेरे ही सामने उससे कैसी बातें कर रही हो?
फिर भाभी कुछ देर बाद उठकर अपने रूम में किसी काम से चली गईं तो रजनी ने एकदम से मेरे लंड को पकड़ लिया और हाथ से उसकी त्वचा को पीछे करके देखने लगी।

उसने जैसे ही गुलाबी टोपे को बाहर निकाला मुझे तेज दर्द हुआ।
रजनी ने तभी टोपे पर तेल मल दिया और त्वचा को वैसे ही ऊपर कर दिया।

फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और क्रिकेट खेलने चला गया।

एक दिन भैया सुबह-सुबह विदेश से लौट आए।
उस दिन भाभी ने मेरी मालिश नहीं की।

तब भाभी ने रजनी को बुलाकर कहा कि जब तक भैया हैं, तब तक वो ही मेरे लंड की मालिश कर दे, क्योंकि भैया कहीं भाभी के मालिश करने को गलत न समझ लें।

रजनी मेरे लंड की मालिश करने के लिए तुरंत तैयार हो गई, जैसे उसे मुँह माँगी कोई मुराद मिल गई हो।

एक बार भाभी किचन में भैया के लिए चाय बना रही थी, तभी मैं भी मौका पाकर अपने कमरे में गया और बिना निक्कर उतारे अपनी मालिश करने लगा।
लेकिन तभी वहाँ रजनी आई और मेरा हाथ पकड़ कर नीचे अपने बेसमेंट में ले गई और मेरा निक्कर उतारकर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया।

लंड इतना सख्त और मोटा हो गया कि रजनी को मुंह में लेकर चूसने में दिक्कत होने लगी।
कुछ देर के बाद वो थक गई।

फिर उसने लंड को मुंह से निकाल दिया और मालिश करने लगी।
लगभग आधे घंटे तक उसने मेरे लंड की मालिश की।

भैया के रहने तक रजनी ही मेरे लंड की मालिश करती रही।
फिर उनके जाने के बाद दोबारा से भाभी ने मालिश करना शुरू कर दिया।

हमारे घर के बेसमेंट में रजनी ने सिलाई सेंटर में काफी स्टूडेंट्स इकट्ठा कर रखी थीं जिसमें लड़कियाँ और औरतें भी आया करती थीं।

एक दिन मैं क्रिकेट खेलने के लिए जाने ही वाला था कि भाभी ने मुझे आवाज देकर कहा- रम्मू, तुझे रजनी बुला रही है, शायद उसे कुछ काम होगा।

उस समय पर बेसमेंट लड़की और औरतों से भरा पड़ा था।

इधर मेरी पैंट पर तेल का एक बड़ा सा निशान लंड वाली जगह पर लगा हुआ था, जिसे देखकर कुछ लड़कियाँ खुसुर-फुसुर करने लगीं।
तो रजनी ने उनसे कहा- काम पर ध्यान दें, इन बातों में न पड़ें।

फिर औरतें बोलीं- इन बातों के लिए कोई स्कूल थोड़े न जाता है! हम औरतें ही सिखाएंगी लड़कियों को। कल को इन्हें अपने पति का भी तो लेना है।

रजनी ने उनसे कहा- तुम्हें पता नहीं है, रम्मू का कितना मोटा और बड़ा है। इन लड़कियों के बस का नहीं है लेना, फट जाएगी इनकी। और अगर इसने गलत जगह पेल दिया तो लेने-देने पड़ जाएंगे।

तभी एक औरत ने मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ रख दिया।
उसका हाथ लगते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, मेरी पैंट में कुछ ही पलों में तंबू बन गया।

तभी सपना नाम की एक औरत ने मेरी पैंट खोली और निक्कर को उतार दिया।
मेरा लंड बाहर आ गया।

वो मेरे लंड को हिलाने लगी जिससे लंड और ज्यादा लम्बा और मोटा होता चला गया।

सपना ने रजनी से कहा- मैं इसको हर चीज अच्छे से सिखा दूंगी। बस इसे एक बार मेरे घर भेज दो। मेरे पति का लंड इसके लंड के सामने कुछ भी नहीं है। जब वो करते हैं तो मुश्किल से दो-तीन मिनट ही चल पाते हैं। मैं प्यासी रह जाती हूं। प्लीज मुझ पर थोड़ी दया करो, इस लड़के से मेरी प्यास बुझ जाएगी और सेक्स में सब कुछ सीख जाएगा।

रजनी बोली- मौका देखकर भेज दूंगी। थोड़ा सब्र करना भी सीखो।

फिर सबके जाने के बाद रजनी ने मुझे अपने पास बुलाया और बोली- रम्मू, क्या तुमने कभी किसी लड़की की चूत देखी है?
मैंने बड़ी ही मासूमियत से रजनी से पूछा- दीदी, ये चूत क्या होती है और ये कहाँ होती है?

रजनी ने मुझे अपने पास बुलाया और बताया कि जिस जगह पर लंड है उसी जगह लड़की के वहां चूत बनी होती है।
मैंने रजनी से कहा- दीदी, आप भी तो एक लड़की हो तो फिर आपके पास भी चूत होगी।

रजनी हँसकर बोली- पागल, सब लड़कियों के पास होती है। अच्छा ये बता कि तू अपने लंड को कितनी तरह से इस्तेमाल कर सकता है?

मैंने बताया कि मैं तो बस इस से सू-सू करता हूँ।
रजनी ने फुसफुसाते हुए खुद से ही कहा- ये लड़का तो बिल्कुल अनाड़ी है, कुछ भी नहीं जानता, इसको तो शुरू से सिखाना पड़ेगा।

फिर वो नार्मल आवाज में बोली- कोई बात नहीं। मैं बताती हूँ। तू एक काम कर, अपने कपड़े उतार!

कहने के साथ-साथ रजनी भी अपने कपड़े उतारने लगी।
जैसे ही रजनी ने अपनी ब्रा उतारी तभी मैंने रजनी से पूछा कि दीदी क्या आप मुझे अपना दूध पिला सकती हो?
रजनी ने जवाब दिया- रम्मू अभी नहीं, क्योंकि मैं अभी कुँवारी हूँ। मतलब जब मेरी शादी होगी तब मैं अपने पति से सेक्स करके माँ बनूँगी तब मेरी चूचियों में दूध आएगा।

मैंने भी गर्दन हिलाई और फिर उसने अपनी पैंटी उतारी और बताया- देख रम्मू … इसे चूत कहते हैं।

फिर अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैलाकर बताया कि इसमें दो छेद होते हैं। इसके ऊपर वाले छेद से पेशाब करते हैं और जो बिल्कुल नीचे वाला छेद है, उसमें लंड घुसते हैं। फिर लंड से सफेद रंग का गाढ़ा बीज निकलता है जो लड़की की चूत में जाने से 9 महीने बाद बच्चा बनकर निकलता है।

फिर कुछ देर बाद रजनी ने मुझसे पूछा- रम्मू, क्या तू मुझे चोद सकता है? मेरा मतलब क्या तू मेरी चूत में अपना लंड डाल सकता है?

मैंने कहा- दीदी … क्या आपकी छोटी सी चूत में मेरा लंड घुस जाएगा?
रजनी बोली- देख रम्मू मैं तुझे बताती हूँ। हर लड़की की चूत चुदने से पहले ऐसी ही होती है लेकिन लंड चाहे लंबा, मोटा, छोटा या पतला हो, चूत उसे अपने अंदर समा ही लेती है, क्योंकि लड़की हो या औरत, सबकी चूत लचीली ही होती है। अब देख, जैसे तेरा लंड कितना बड़ा और मोटा है … मैं मानती हूँ तेरे लंड को मेरी चूत में घुसवाने से मुझे बहुत दर्द होगा, परंतु सीधी सी बात यह समझ ले कि लंड हमेशा चूत को फाड़ कर ही घुसता है और जब चूत फटेगी तो जाहिर सी बात है कि बहुत दर्द होगा। तो पहली बार में दर्द तो होगा ही। और मैं ही नहीं, हर लड़की को लेने में होगा। लेकिन सिर्फ पहली बार में। और मैंने तो यहाँ तक सुना है कि बड़े लंड से चुदने में जितना दर्द शुरू में होता है, बाद में लड़की को उतना ही ज्यादा मजा आता है और इस बात को मैंने कुछ चुदक्कड़ औरतों और लड़कियों से पूछा भी था। तो उन्होंने भी यह ही बताया था। तब से मैंने भी सोच लिया था कि मैं भी अपनी चूत की सील किसी बड़े और मोटे लंड वाले लड़के से ही तुड़वाऊंगी। तब से लेकर अब तक मैंने अपनी चूत को तेरे जैसे लड़के के लिए सँभाल कर रखा हुआ है।

मैंने भी रजनी को ओके बोल दिया।

लेकिन रजनी ने मेरे साथ सेक्स करने से पहले एक बात पर जोर देकर समझाया।
वो बोली- देख रम्मू, इस बात को अच्छी तरह समझ ले कि मैं तेरे लंड को अपनी चूत में डालते टाइम कितनी भी चीखूं-चिल्लाऊँ … लेकिन तू तब तक नहीं रुकेगा जब तक तेरा पूरा लंड मेरी चूत में ना घुस जाए। मतलब लड़की को चोदते टाइम उस पर जरा सी भी दया नहीं करनी है, समझ गया ना?

मैंने हाँ में अपना सिर हिलाया तो फिर रजनी बोली- अब मैं तुझे बताती हूँ कि किसी लड़की के साथ सेक्स कैसे करते हैं?

अब मैं भी इसी ख्याल में था कि आखिर चूत में लंड जाने पर कैसा महसूस होगा।
 

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लड़के से मर्द कैसे बना मैं- 2


कहानी के पहले भाग

में मैंने बताया था कि कैसे बचपन से जवानी तक मेरी भाभी ने मेरे शरीर और लंड मालिश कर मेरा शरीर और लंड, दोनों तगड़े कर दिए थे।
फिर रजनी नाम की हमारी किरायेदार लड़की का दिल मेरे लंड पर आ गया और एक दिन उसने मुझे बेसमेंट में नंगा करवा लिया और सेक्स सिखाने लगी।

अब आगे

रजनी- देख रम्मू … कभी भी किसी लड़की की चूत में तब तक लंड नहीं डालना चाहिए जब तक वो एकदम से गर्म ना हो जाए, क्योंकि लड़का तो लड़की की कुछ अदाओं से ही गर्म हो जाता है, लेकिन लड़की को गर्म करना आसान नहीं है। इसका कारण है ये कि लड़की में लड़के की तुलना में 8 गुना सेक्स होता है, और उसकी निशानी है लड़की की चूत का गीला होना। चूत गीली करने के लिए ओरल सेक्स बहुत जरूरी होता है।

मैंने पूछा- दीदी, ये ओरल सेक्स क्या होता है?
वो बोली- मुंह से … जैसे किस करना, चाटना, चूसना वगैरह। किस में लड़की के पूरे बदन को चूमते हैं। चाटने में लड़की की चूत के दोनों छेदों को जीभ से चाटा जाता है। चूसने में चूत को चूसा जाता है। इसी तरह लड़की भी लड़के के लंड को चूसती है, चाटती है, किस करती है। किसी लड़की को तब तक सेक्स के लिए तड़पाना चाहिए जब तक वो खुद ये न कह दे कि बस … अब चोद दो … रहा नहीं जा रहा है। और हो सके तो कुछ देर ऐसा कहने के बाद भी उसको तड़पा दो। समझ गया बद्धुराम!

मैंने कहा- हाँ दीदी, बिल्कुल समझ गया।

रजनी- रम्मू, मैं तुझे एक विशेष बात तो बताना ही भूल गई। तू कोशिश करना कि जब तक लड़की कम से 3 से 4 बार ना झड़ जाए, मतलब लड़की की चूत से सफेद गाढ़ा पानी न निकल जाए, तब तक अपने वीर्य को रोक कर रखना। कोशिश करना कि तेरा वीर्य ओरल करते टाइम लड़की के मुँह में निकल जाए, जिससे चुदाई के समय कुछ ज्यादा टाइम लगे। क्योंकि तू जितनी ज्यादा देर तक बिना झड़े चुदाई करेगा लड़की उतनी ही ज्यादा खुश होगी, और हो सकता है वो तेरी गुलाम भी बन जाये।

मैंने कहा- जी दीदी, अब मैं बिल्कुल समझ गया।
रजनी बोली- चल फिर मुझे गर्म कर!

मैंने सबसे पहले रजनी के होठों पर अपने होंठ रख दिए और कम से कम करीब 5 मिनट तक चूसे।

फिर रजनी ने कहा कि कान के पीछे किस कर तो मैंने वैसा ही किया।
और उसके बाद मैंने उसके कंधे, बाजू और दूधों पर किस किया।

वो बोली- इनको दबाते हुए चूस पागल!
मैंने उसके दूधों को चूसना शुरू किया।

कुछ देर चूसने के बाद जब दूध नहीं निकला तो मैंने कहा- इनमें दूध तो आ ही नहीं रहा दीदी?
वो बोली- गधे, अभी बताया था। जब तक मैं बच्चा पैदा करके मां नहीं बनूंगी, तब तक इनमें से दूध नहीं आएगा।

फिर मैंने उसके पेट पर और उसकी देसी सेक्सी चुत पर किस किया.
तो वो बोली- रम्मू, मेरी चूत के दाने को अपनी जीभ से चाट … इससे मुझे बहुत मजा आएगा और मैं जल्दी से गर्म हो जाऊँगी। तब तू अपनी जीभ को नुकीला करके चूत के नीचे वाले छेद में डालना, इससे लड़की तड़पने लगती है।

तो मैंने भी वैसा ही किया जैसा रजनी ने मुझे बताया।
जैसे ही मैंने अपनी जीभ रजनी की चूत पर लगाई वैसे ही रजनी मजे में ऐसे उछली जैसे उसे कोई 1000 वॉट का बिजली जैसा झटका लगा हो।

मैंने रजनी के पेशाब वाले छेद को करीब 10 मिनट तक बिना रुके चाटा।

तभी उसकी चूत से पतला सफेद सा पानी रिसने लगा और रिसते-रिसते उसकी जाँघों से होते हुए चादर पर गिरने लगा।
इधर रजनी ने सिसकारते हुए मेरे सिर को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और अपनी चूत पर दबाने लगी।

मैं करीब 15 मिनट तक लगातार उसकी चूत को चाटता रहा।
उस दौरान रजनी ने कराहते हुए कहा- रम्मू बस … और मत तड़पा। अपना मूसल जैसा लंड मेरी चूत में पेल दे!

लेकिन मैंने उसके कहे अनुसार उसे थोड़ा और तड़पाना चाहा और उसकी चूत को करीब 5 मिनट और चाटा।
इससे वो बिल्कुल बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।

इधर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था तो रजनी बोली- रम्मू, आज मैं तुझे 69 पोजीशन बताती हूँ। इस पोजीशन में लड़का और लड़की दोनों को ही बहुत मजा आता है।

समझाने के लिए रजनी ने चॉक से जमीन पर अँग्रेजी के अंकों में 69 लिखा और बताया- देख 6 के अंक में घुंडी किधर की तरफ है, जिस तरफ को 6 के अंक में घुंडी है उस तरफ मान के चल मेरा सिर है और जिधर 9 के अंक में घुंडी है उस तरफ तेरा सिर है। मतलब मेरे सिर की तरफ तेरे पैर और तेरे पैर की तरफ मेरा सिर करके लेट जाते हैं जिससे हम दोनों एक दूसरे के लंड चूत एक ही समय में चूस और चाट सकेंगे। इससे हम दोनों को बहुत मजा आएगा और इसी पोजीशन को 69 पोजीशन बोलते हैं, समझ गया?

मैंने भी हाँ कहा और झट से हम दोनों 69 पोजीशन में लेट गए।

फिर जैसे ही रजनी ने इशारा किया, वैसे ही मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी।
मैंने भी उसके मुँह के सामने अपना लंड कर दिया।

उसने अपने मुँह को खोलकर मेरा लंड जल्दी से गपक लिया और चूसने लगी।

कुछ देर तक तक तो सामान्य तरीके से चूसा लेकिन करीब 10 मिनट बाद वो लंड की खाल को अपने हाथ से आगे-पीछे करके हिलाते हुए चूसने लगी।

करीब उसने ऐसा लगभग 10 से 15 मिनट ही किया होगा कि मुझे महसूस हुआ कि मेरे लंड से कुछ निकलने वाला है।
मैं चिल्लाया- दीदी … मेरा शायद पेशाब निकलने वाला है।
उसने इशारे से कहा कि मुंह में ही कर दे।

मुझे खुद ही उसके मुंह में धक्के मारने का मन करने लगा तो मैं उसके मुंह में लंड के धक्के देने लगा।

तभी थोड़ी देर में ही मेरे लंड से पिचकारी सी निकली और देखते ही देखते रजनी का मुँह मेरे वीर्य से भर गया।
मगर उसने मेरे लंड को अपने मुँह से तब तक नहीं निकाला जब तक मेरा लंड फिर से नहीं तन गया।

इधर कुछ देर पहले रजनी एकदम से अकड़ने लगी थी और उसने भी अपनी चूत की पिचकारी मेरे मुँह पर मार दी थी।

मेरा पूरा मुँह उसकी पिचकारी से भीग गया था लेकिन मैंने भी उसकी देसी सेक्सी चुत को चाटना बंद नहीं किया।
मैं लगातार चाटता ही रहा जब तक वो फिर से सिसकारने नहीं लगी।

तभी कुछ देर बाद रजनी ने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला और बोली- रम्मू अब और मत तड़पा। मेरा मुँह भी तेरे मोटे लंड से दुखने लगा है, इसलिए अब मेरी चूत में अपना लंड डालकर इसकी प्यास को बुझा दे।

मैंने भी देर न की और रजनी की दोनों टाँगों के बीच आकर अपने लंड को रजनी की चूत पर घिसने लगा।
चूत से चिपचिपा पानी रिसने के कारण रजनी की चूत एकदम चिकनी हो गई थी जिससे मेरा लंड चूत में घुसने के बजाय फिसल कर इधर उधर हो जा रहा था।
इसलिए रजनी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ा और छेद पर लगा दिया।

फिर बोली- सबसे पहला धक्का जोर से मारना … चाहे लड़की कितना ही धीरे डालने के लिए कहे। लेकिन तुझे पहला धक्का जोर से, पूरी ताकत से लगाना है क्योंकि बिना ताकत के किसी भी सील पैक चूत में लंड घुस ही नहीं सकता है। हाँ, चुदी हुई चूत की अलग बात है। उसमें तो इशारे से लंड घुस जाता है। इसलिए पहला धक्का तेज ही लगाना चाहिए। फिर कुछ धक्के धीरे लगाने चाहिएं। समझ गया?
मैंने कहा- हाँ दीदी, समझ गया।

फिर मैंने एक जोरदार धक्का पूरी ताकत से दे मारा जिससे मेरा लंड रजनी की चूत में करीब 3 इंच तक घुस गया।
इधर रजनी की इतनी जोर की चीख निकली कि शायद कोई आसपास होता तो हमारी सारी पोल खुल जाती।

खैर, फिर मैंने रजनी के बताए अनुसार धीरे धीरे वहीं 3 इंच पर अपने लंड को चूत में आगे पीछे किया और रजनी के चूचे भी चूसे जिससे रजनी का दर्द कुछ ही देर में मजे में बदल गया।

रजनी ने कहा- ऐसे ही … तेज और धीरे धक्के लगाना जब तक तेरा पूरा लंड मेरी चूत में ना घुस जाए।
मैंने फिर दूसरा जोरदार धक्का लगा दिया तो मेरा लंड करीब 5 इंच तक घुस गया।

इधर रजनी की आंखें दर्द से बाहर निकल आईं और वो बेहोश सी हो गई।

मैंने ना ही उस पर कोई रहम किया और ना ही उसकी चूत से अपना लंड निकाला।
फिर वहीं रुककर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और एक हाथ से उसकी चूची दबाने लगा।
दूसरे हाथ से उसके मूतने वाले छेद को सहलाया और दूसरी चूची को अपने मुँह से चूसने लगा।

कुछ देर बाद रजनी नीचे से अपनी कमर हिला हिलाकर मुझसे ताल मिलाने लगी।
तभी मैंने मौका देखकर तीसरा जोरदार धक्का लगा दिया जिससे मेरा लंड पूरा घुस गया।
मेरी दोनों गोटियां उसके पीछे वाले छेद से टकराने लगीं।

लेकिन रजनी का दर्द से बहुत बुरा हाल था तो मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया।
फिर एक एक करके मैंने अपने लंड को बिना निकाले उसकी दोनों चूचियों को चूसा जिससे उसे दर्द में बहुत राहत मिली और वो अपने आप ही फिर से नीचे से धक्के लगाने लगी।

उसने मेरे चूतड़ों पर अपने हाथों से दबाकर मुझे इशारा किया कि धक्का लगा।

फिर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो कुछ देर बाद रजनी बोली- रम्मू थोड़ा और तेज … और तेज … कर।
वो मुझे उकसाने लगी तो मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और करीब 20 मिनट तक लगातार धक्के मारे।
फिर रजनी ने मुझे रुकने को कहा लेकिन मैं रुका नहीं।

तो रजनी ने पहले मेरे गाल पर जोर का तमाचा मारा।
फिर एक जोर का धक्का अपने दोनों हाथों से मेरी छाती पर दिया जिससे मेरा लंड उसकी चूत से निकल गया जो पूरा खून से लाल हो गया था।
उसका धक्का तेज था और मैं एक ओर गिर गया।

तभी रजनी अपने घुटनों के बल बैठ गई और अपने चूतड़ों को ऊपर उठाकर मुझसे बोली- रम्मू, पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे फिर से चोद!

मैंने भी उठकर उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक धक्का दिया और एक ही धक्के में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया।
पहले धीरे धीरे, फिर स्पीड से धक्के करीब 10 मिनट तक लगाए।

इसी तरह से पोजीशन बदल बदल कर काफी देर तक रजनी की जबरदस्त चुदाई की।
इस दौरान रजनी की चूत से कई बार पिचकारी निकल चुकी थी।
बार बार झड़ने के कारण वो बहुत थक चुकी थी।

फिर उसने मुझसे पूछा- रम्मू यार, तेरा ये हथियार कितनी देर में पिचकारी छोड़ेगा तुझे पता भी है! इसने मेरी चटनी बना दी और अभी भी यह पिचकारी नहीं छोड़ रहा है।
मैंने कहा- दीदी हो सकता है. भाभी एक घंटे तक शायद मालिश करती थीं उसी का नतीजा हो।
खैर, मैंने कुछ देर और धक्के मारे।

तभी मैंने और रजनी ने साथ साथ पिचकारी छोड़ दी।
मेरी पिचकारी निकलने के बाद मैं थकने की वजह से रजनी के ऊपर ही पड़ा रहा।

फिर करीब 5 मिनट बाद उठा।
तभी रजनी भी उठी लेकिन वो लड़खड़ाकर गिरने वाली थी कि उसे मैंने अपनी बांहों में सँभाल लिया।

उससे चला नहीं जा रहा था।
मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर पूछा- दीदी, क्या बात है आप ठीक हो?

वो बोली- रम्मू, तू लड़का है या साँड? कसम से बहुत अच्छे से चुदाई करता है। धन्य है तेरी भाभी, जिसकी वजह से आज तेरे लंड में इतना दम है कि मैं आज से तेरी ग़ुलाम हूँ।

उसके बाद बाथरूम में हम दोनों ने चूत और लंड को कपड़े और पानी से साफ किया।
फिर अपने-अपने कपड़े पहने और मैं अपने कमरे में ऊपर आ गया।

दोस्तो, उस दिन मेरे लंड से पहली बार वीर्य निकला था।
मुझे वीर्य छूटने का पहली बार मजा मिला था।
मेरे लंड में अजीब सा दर्द और थकान मुझे लग रही थी।
लेकिन उस दिन मेरे अंदर जैसे किसी मर्द का जन्म हो रहा था।

उसके बाद तो रजनी ने कई बार मुझसे अपनी देसी सेक्सी चुत चुदवाई।
उसने अपने साथ ही अपने सिलाई सेंटर की लड़कियों की चूत भी मेरे लंड से चुदवाई।
अब मुझे चूत मारने में बहुत मजा आने लगा था और मुझे इसकी लत सी पड़ गई थी।
 

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पहले भाभी को फिर बहन को चोदा



मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और भैया भाभी और एक बड़ी बहन धारा है।

मेरी भाभी एकदम शरीर से सोनाक्षी सिन्हा की तरह दिखती हैं। उनका फिगर 36-34-32 का है,

मेरी बहन धारा 21 वर्ष की हैं और और उसका बदन पूरी तरह से भरा हुआ है। बड़े बड़े बूब्स और गोल मटोल गांड।

मेरे भैया की शादी की 2 वर्ष हो चुके हैं लेकिन मेरी हॉट इंडियन भाभी को अभी तक एक भी बच्चा नहीं है।

भैया फोटोग्राफर हैं, कैमरा चलाते हैं. शादियों में रिकॉर्डिंग का काम होने के कारण उनको ज्यादातर रातों में ही जाना पड़ता है।
इसी कारण से मेरी भाभी उनसे खुश नहीं हैं क्योंकि भैया रात में बहुत कम घर रहते हैं सप्ताह में 2 दिन।

मैंने भी अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और अब मैं भी भैया भाभी के पास दिल्ली में आ चुका हूं।

मेरी और भाभी के बीच बहुत ज्यादा बातचीत होती थी जिससे हम लोग ज्यादा घुल मिल चुके थे।
वे भी कभी-कभी मुझसे मजाक कर दिया करती थी और मैं भी।

मेरी बहन भी भैया भाभी के साथ दिल्ली में ही रहती है।

एक दिन की बात है जब मेरी भाभी पौंछा लगा रही थी और मैं टीवी देख रहा था।
तभी उनका पल्लू गिर गया और उनके बड़े-बड़े बूब्स दिख रहे थे।
मेरी नजर पड़ी तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गई।

भाभी ने मेरी तरफ देखा तो मैं अनदेखा करते हुए टीवी पर देखने लगा।
लेकिन मेरी पैंट के अंदर मेरा औजार पूरा खड़ा हो चुका था।

भाभी ध्यान से उसको देख रही थी।
तो मैं वहां से उठ कर भाग गया और अपने बेडरूम में चला गया।

मेरे और भाभी के बीच काफी कुछ बदल चुका था। दोनों के देखने का नजरिया बिल्कुल अलग हो गया था।
हम दोनों एक दूसरे को कामुकता की नजर से देखने लगे।

1 दिन की बात है जब भाभी बाथरूम में नहा रही थी तो मैंने खिड़की से देखा.
भाभी बिल्कुल नंगी थी, वे अपने बड़े बड़े बूब्स मसल रही थी।

मैंने पहली बार किसी औरत ऐसे देखा था इसलिए मेरी सांसें तेज हो गई और मेरे मुंह से ‘ओह माई गॉड’ निकल गया।

तभी भाभी ने मुझे देख लिया और मैं तुरंत वहां से भाग गया।
अब मैं डर गया था कि भाभी ने कहीं भैया को सब बता दिया तो!

शाम को खाना खाने के बाद भाभी रूम में आयी और बोली- राज, तुम सुबह क्या देख रहे थे?
मैं बिल्कुल डरा हुआ था इसीलिए कुछ नहीं बोला।

तभी उन्होंने कहा- इसमें डरने की कोई बात नहीं है, इस उम्र में यह सब होता है। अब नहीं होगा तो कब होगा?
मैंने उनकी बात सुनी तो मैं चौंक कर उनकी तरफ देखने लगा।

तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- तुम अब 20 वर्ष के हो चुके हो और इस उम्र में यह सब आम बात है।

तो मैंने उत्तेजित होकर पूछा- मतलब आपको बुरा नहीं लगा?
भाभी ने कहा- बिल्कुल नहीं राज! बल्कि मैं तो चाहती हूं कि तुम्हें वह मिले जिसके तुम लायक हो चुके हो।

मैंने जानबूझकर अनजान बनते हुए पूछा- कौन सी चीज?
भाभी ने कहा- देखो राज, तुम्हारे भैया सप्ताह में सिर्फ दो रात ही घर आते हैं और उस समय में भी मुझे असली सुख नहीं दे पाते। मैं अब क्या करूं? मेरी भी कुछ जरूरतें हैं या नहीं!

और भाभी रोने लगी और मेरे सीने से चिपक गई।
उनके दोनों बड़े बड़े बूब्स मेरी सीने पर टच हो रहे थे जिसके कारण मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ने लगा।

मैंने भाभी को चुप कराया और बोला- आप चिंता मत करो, मैं भैया से बात करूंगा!
तो भाभी बोली- कोई फायदा नहीं, उनके अंदर मुझे खुश करने की शक्ति ही नहीं है। तुम ही कुछ कर सकते हो.

तभी मेरी बहन वहां आ गई और बोली- क्या हुआ?
तो भाभी ने बात बदलते हुए कहा- कुछ नहीं, थोड़ी चोट लग गई है।

और मेरी बहन भाभी को लेकर उनके रूम तक चली गई।

मैं सोने जा रहा था पर मुझे नींद ही नहीं आ रही थी, भाभी की कही हुई एक एक बात याद आ रही थी।

उस समय करीब 12:00 बज रहे थे।

मैं भाभी के रूम गया और भाभी को अपनी बांहों में पकड़ कर चूमने लगा।
तभी भाभी पूरी तरह से बेड पर लेट गई और मेरा साथ देने लगी।

थोड़ी देर बाद भाभी उठी और कमरे की लाइट जलाकर खिड़की को बंद कर दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिए।
हॉट इंडियन भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, उनके बड़े-बड़े बूब्स और बड़े तरबूज जैसी गांड देखकर मेरा लन्ड खड़ा हो गया।

तभी भाभी आई और भूखी बिल्ली की तरह मुझको भी पूरी तरह से नंगा कर दिया और मेरा 7 इंच का औजार लेकर चूसने लगी।

भाभी पूरी तरह से मेरे औजार को अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी।

करीब 15 मिनट लगातार मेरा हो जाओ चूसने के बाद मेरे सारा माल अपने मुंह में पी गई।
तब भाभी ने मुझे अपनी योनी चाटने को कहा।

मैं भी उनकी दोनों चूचियां दबाने लगा और वो जोर जोर से सीत्कार लेने लगी।

मैंने अपना मुंह उनकी गुलाबी योनि पर रखा और अपनी जीभ से चाटने लगा.
और वो भी मेरा पूरा लंड अपने मुंह में लेने लगी।

फिर मैंने अपने औजार को तेल लगाया और जोरदार धक्का लगाया और पूरा औजार उसकी चूत में समा गया।

भाभी जोरदार सिसकारी ‘उम्मह ओह मर गई … औहह बस … बबबस’ निकलने लगी।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और भाभी को चोदने लगा. लगातार स्पीड बढ़ती जा रही थी और उनकी सिसकारियां तेज होती जा रही थीं।

मैंने काफी देर उनकी चूत की चुदाई की और फिर उनको घोड़ी बनाया और उनकी चूत में अपना लोड़ा सेट किया और जोरदार धक्का लगाया और पूरा औजार उनकी चूत में समा गया।

कुछ मिनट की लगातार चुदाई के बाद पच-पच की आवाज आने लगी।

इस तरह रात में मैंने उनके साथ दो बार संभोग किया और फिर उनकी चूत में ही झड़ गया।

हम दोनों अपने अपने रूम में आया और सो गए।

सुबह जल्दी उठकर मैं स्नान आदि करने लगा।

और जब मैं अपने रूम में आया तो भाभी चाय लेकर आई और आकर मेरी गोद में बैठ गई.
भाभी बोली- कैसा लगा रात को मेरे सैंया जी?
मैंने कहा- बहुत मजा आया मुझे!

“और आपको?” मैंने पूछा.
भाभी बोली- आज एकदम असली सुख मिला है. आप तो अपने भाई से ज्यादा ताकतवर निकले. मेरी चूत की चटनी बना कर रख दी।

हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया।

फिर मैंने कहा- अब आप जाइए, नहीं तो धारा देख लेगी।
और भाभी किचन में चली गई।
मैं टीवी देखने लगा।

तभी भैया आए और भाभी को आवाज लगाई.
भाभी किचन से आई और बोली- आप रूम में चलो, मैं नाश्ता लेकर आती हूं।

भैया भाभी अपने रूम में चले गए और नाश्ता करने लगे।
धारा भी अपनी कॉलेज जा चुकी थी।

दोपहर का समय था, मैं पानी पीने जा रहा था तो मुझे कुछ आज सुनाई दिया।

मैंने जाकर देखा तो भाईया भाभी को नंगी करके चोद रहे थे।
और फिर भाई तुरंत झड़ गए.
जिसके कारण भाभी गुस्सा हो गई और बोली- क्या यार … सारा मूड खराब कर दिया!

तभी मैं वहां से चला गया।

रात को 8:00 बजे भैया अपने काम पर चले गए।
हम लोगों ने खाना खाया और अपने अपने रूम में आ गए।

तभी लगभग 2 घंटे बाद भाभी मेरे रूम में आई और बोली- क्या बात है, आज अकेले सोएंगे?
मैंने कहा- नहीं मेरी रानी, आपके बिना मुझे नींद कहां आती है.
और मैंने अपनी बांहों में उनको पकड़ कर बिस्तर पर गिरा दिया।

भाभी ने पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी।
नाइटी को मैंने निकाला तो उसके अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था।

भाभी एकदम नंगी हो गई और मैं उनकी बदन को चूमने लगा।

तभी भाभी ने मेरे पैन्ट खोल दी और मेरा औजार लेकर चूसने लगी।
मैंने उनके दोनो स्तनों को खूब दबाया और पिया।

भाभी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और बोल रही थी- राज, लोहा गर्म है, अब देर मत करो!
फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके बूब्स दबाने लगा।

मैंने अपना औजार उनकी योनि में सेट किया और जोरदार धक्के लगाने लगा।
मैं भाभी की चूचियों को दबाने लगा.

दोनों के बीच लगभग आधा घंटा नॉन स्टॉप सेक्स चलता रहा।
फिर मैंने भाभी के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और धीरे धक्का लगाया और कहा- तुम मुझे खूब मज़ा देती हो।

भाभी तेज तेज सांसें ले रही थी और बोल रही थी- और चोदो … मुझे मार डालो! मेरी फाड़ डालो।

तभी मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और उनकी गांड मैं अपना मुंह रख कर उसे चाट कर अपना औजार डालकर करीब 15 मिनट धक्का लगाने के बाद दोबारा उनकी योनि में अपना लौड़ा सेट किया और खूब धक्का लगाने लगा।

लगभग 10 मिनट के बाद मैंने अपना पूरा माल उनकी चूत में छोड़ दिया।

ऐसे ही हम लोगों ने रात में दो बार संभोग किया.
और भाभी बोली- राज आई लव यू।
मैंने भी ‘आई लव यू टू’ कहा.
फिर मैंने उनको बोला- आप जाइए, सो जाइए।

भाभी जाकर अपने रूम में सो गई।

सुबह भैया आए तो भाभी ने कहा- आज मेरा मूड नहीं है।
क्योंकि भाभी का मन तो पूरी तरह से भर चुका था।

ऐसे की काफी दिन चला.

और फिर एक दोपहर में भाभी को उल्टी होने लगी।
भैया उनको डॉक्टर के पास ले गए तो डॉक्टर ने कहा- घबराने की कोई बात नहीं है, आप पिता बनने वाले हैं।
तो भैया भाभी दोनों घर आए।

भाभी ने मुझे और धारा को सब बात बताई कि वे मां बनने वाली हैं।
मैं बहुत खुश था।

दोस्तो, पर मुझे यह नहीं पता था यह बच्चा मेरा ही है।

जब रात को भाभी मेरे कमरे में आई तो उन्होंने कहा- क्या बात है मेरे छोटे सैंया जी! जो काम आपके भैया 2 साल में नहीं कर पाए वह आपने थोड़े दिनों में कर दिया?
मैंने कहा- मतलब यह बच्चा!
भाभी ने कहा- हां यह बच्चा आपका ही है। तुम इसके असली पिता हो।

मैं बहुत खुश हुआ और भाभी को अपने गले से लगा कर चूमने लगा।
और फिर भाभी को नंगा करके संभोग करने लगा।

चुदाई के बाद मैंने अपना माल भाभी के मुंह में दे दिया।
ऐसे ही करीब एक महीना लगातार चलता रहा।

एक दिन भाभी ने कहा- राज, डॉक्टर ने कहा है कि लोग आप लोग रोज संभोग नहीं करें. नहीं तो बच्चा खराब हो सकता है।
मैं उदास हो गया।

तभी भाभी ने कहा- चिंता मत करो, बस 9 महीने की तो बात है।
उसके बाद फिर करेंगे।

मैंने भाभी को अपनी बाहों में लेकर कहा- 9 महीने तो दूर मैं अब 9 दिन भी नहीं रह सकता।
तभी भाभी ने कहा- तुम चाहो तो तुम्हारे पास एक और चीज है।
मैंने कहा- क्या?
उन्होंने कहा- धारा!

मैंने कहा- कैसी बात कर रही हैं आप? वह मेरी बड़ी बहन है. मैं उसके साथ करने तो दूर सोचता भी नहीं हूं!
तो भाभी ने कहा- राज, अब सोचना पड़ेगा क्योंकि ज्यादा 21 वर्ष की हो चुकी है. उसकी पूरी जवानी भरी हुई है और ऐसे में कहीं दूसरी जगह उसका चक्कर चला गया तो पूरा परिवार का मुंह काला हो जाएगा. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि घर की इज्जत घर में रह जाए!

मैंने कहा- वह सब तो ठीक है और क्या धारा मानेगी?
भाभी ने कहा- उसकी चिंता मत करो, धारा को मैं मना लूंगी।
मैं खुश हो गया और कहा- ठीक है, शाम को मिलेंगे।

शाम को खाना खाने के बाद हम लोग बातचीत कर रहे थे।

तभी भाभी जी ने धारा से पूछा- आपका कोई बॉयफ्रेंड है?
तो दीदी ने कहा- नहीं! पर आप यह सब क्यों पूछ रही हो?
भाभी बोली- तो फिर आपका फिगर इतना बोल्ड कैसे हो गया?

धारा ने कहा- क्या भाभी, आप भी पहले देख लिया करो सामने कौन बैठा है?
भाभी ने उठकर धारा का दुपट्टा खींच दिया और मेरे सामने फेंक दिया.

जब धारा दुपट्टा उठाने के लिए झुकी तो उसके गोल गोल टाइट बूब्स नीचे लटकने लगे।
और फिर भाभी ने मजाक में उसके शर्ट खींचा तो फट गया।
धारा की ब्रा दिखने लगी.

उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसके अंदर उसके गोल गोल बड़े बड़े बूब्स बेचैन हो रहे थे।

तभी धारा को गुस्सा आ गया और वह भूल गई कि मैं उसके सामने बैठा हूं.
उसने भाभी की नाइटी फाड़ दी और भाभी केवल ब्रा और पेंटी में हो गयी।

तो भाभी ने कहा- धारा, मैं जो कर सकती हूं वह तुम नहीं कर सकती।
उसने गुस्से में कहा- कर सकती हूँ!

भाभी ने मुझे किस किया और बोली- अब तुम कर के दिखाओ।
धारा मुझे किस करने लगी।

मैंने भी धारा को अपनी बांहों में पकड़ा और चूमने लगा.
धारा गर्म हो रही थी।

मैंने उसकी ब्रा निकाली और उसके बूब्स मुंह में लेकर चूसने लगा.
और एक हाथ से मैंने उसकी सलवार पैंटी को निकाल दिया।

मैं धारा को नंगी करके अपने रूम में उठाकर ले गया और दरवाजा बंद करके उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी गुलाबी कोमल योनि को चाटने लगा।
धारा पूरा मजा ले रही थी.

तभी मैंने अपना औजार धारा के मुंह में दिया तो उसने मना कर दिया।

मैंने अपने औजार पर तेल लगाया, उसकी योनि में सेट करके जोरदार धक्का लगाया तो मेरा आधा औजार उसकी योनि में चला गया और वह जोर-जोर से रोने लगी।
पहली बार संभोग करने के कारण उसकी योनि से खून निकल रहा था।

वो रोने लगी और कहने लगी- छोड़ दो।
मैंने हल्का हल्का धीरे-धीरे धक लगाना शुरू किया और उसके स्तनों को पीने लगा.

थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ।
मैंने फिर से स्पीड बढ़ा दी।

अब धारा को भी मजा आ रहा था और वह जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी।
जिसके कारण पूरा कमरा गूंजने लगा।

मैं उसकी कमर को पकड़ उसकी चूत में अपना लन्ड लगाकर जोर जोर से चोदने लगा जिसके कारण वह खूब मजे से सिसकारियां ले रही थी।

फिर मैंने उसको गोद में उठाया और उसके योनि में अपना औजार सेट किया और उसको ऊपर नीचे करने लगा।

काफी देर की लगातार चुदाई के बाद मैं उसकी चूचियों पर झड़ गया।
रात में हम लोगों ने दो बार संभोग किया और फिर सो गए।

जब सुबह उठे तो धारा को चलने में परेशानी हो रही थी, उसकी योनि पूरी तरह से फट चुकी थी।
तभी भाभी बोली- क्या धारा कली से फूल बन गई?
धारा उनको देखकर मुस्कुरा दी।

तभी भाभी ने पूछा- मजा आया या नहीं?
धारा बोली- भाभी, बहुत मजा आया।

अब मैं रात को रोज अपनी बहन धारा के साथ संभोग करता हूं।
और कभी-कभी भाभी की गांड भी मारता हूं।
 
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मेरी विधवा मम्मी


मेरा नाम नितिन है, मेरी उम्र अभी 19 साल की है. मैं गुजरात का रहने वाला हूँ.

मेरे घर में मैं और मेरी विधवा मम्मी रहती हैं, उनका नाम अनामिका है.
वो 39 साल की हैं और बहुत ही सेक्सी औरत हैं.

उनका भरा हुआ खिला बदन, बड़े गोल बूब्स, गोरा रंग काले लम्बे बाल उन्हें काफी कामुक बनाते हैं.

मेरे डैड को गुजरे 5 साल हो गए हैं, पर मम्मी ने किसी मर्द से सबन्ध नहीं बनाए.
वो बहुत सीधी महिला हैं.

यह बात एक साल पहले की है. एक दिन मैं कॉलेज से जल्दी घर आ गया.
मम्मी मुझे दिखाई नहीं दीं.

मैं मम्मी के बेडरूम की तरफ गया तो कुछ आवाजें आ रही थीं.

मैंने अन्दर देखा तो हिल गया.
मम्मी नंगी बिस्तर पर पड़ी अपनी चूत रगड़ कर आआह आह कर रही थीं.

उनका गोरा बदन कुंदन सा चमक रहा था.
ये सब देख मैं अपने कमरे में आ गया और सोच में पड़ गया.

फिर मैंने सोचा कि मेरी मम्मी अभी जवान हैं, उन्हें दूसरी शादी कर लेनी चाहिए.

कुछ देर बाद मम्मी की काम करने की आवाज आने लगी.
तो मैंने मम्मी को खाना लगाने का कहा.

जब मैंने मम्मी से खाना की बात कही, तब मम्मी को हैरानी हुई कि मैं घर कब आ गया.

उन्होंने मुझसे पूछा कि तू कब आया?
मैंने सर झुका कर धीरे से कहा- जब आप कमरे में थीं.

मेरी मम्मी मेरी बात सुनकर एकदम से चौंक गईं और बिना कुछ बोले मेरे लिए खाना लगाने लगीं.
मैंने भी कुछ नहीं कहा.

खाना खाने के बाद मैं टीवी देखने लगा.

मम्मी मेरे पास बैठ गईं और उन्होंने धीरे से सॉरी कहा.
मैंने उनकी तरफ देखा और कहा- मैं समझ सकता हूँ.

मम्मी ने मेरे सर पर हाथ फेरा और मैंने उसी वक्त अपनी मम्मी को अपने गले से लगा लिया.
मम्मी मेरी बांहों में समा गईं और रोने लगीं.

मैंने उन्हें शांत किया और कहा- मां, अब मैं बड़ा हो गया हूँ … इस बात को समझता हूँ कि आपकी भी कुछ जरूरतें हैं.
वो कुछ नहीं बोलीं, बस सुबकती रहीं.

कुछ देर बाद मां चुप हो गईं और मेरे पास ही सो गईं.
अगले दिन रविवार था.

मैंने मम्मी से कहा- मम्मी मुझे आपसे कुछ बात करनी है.
मम्मी बोलीं- हां कहो बेटा.

मैंने कहा- मुझे पापा की कमी सालती है.
मेरी बात सुनकर मम्मी की आंखें नम हो गईं.
वो कुछ नहीं बोलीं.

मैंने कहा- मुझे पापा चाहिए.
ये सुनकर मम्मी स्तब्ध रह गईं और मेरी तरफ देख कर तेज आवाज में कहने लगीं- ये क्या कह रहा है तू?

मैंने मम्मी से दूसरी शादी करने को बोला.
वो मना करने लगीं.

जब मैंने जोर दिया तो वो बोलीं- ठीक है, पर कोई आदमी तो मिले. ऐसे किसी से भी कैसे शादी कर सकती हूँ?
मैंने कहा- वो तो मैं खोज लूंगा. पर मुझे आपकी पसंद जाननी है कि किस तरह का व्यक्ति आपको पसंद है?

इस पर मम्मी मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं.
मैंने कहा- बताओ न?
मम्मी कुछ नहीं बोलीं.

मैंने कहा- मम्मी, मैं आपसे कुछ बातें आपका दोस्त बनकर जानना चाहता हूँ, आओ भी भूल जाओ कि मैं आपका बेटा हूँ.
वो सर हिला कर हामी भरने लगीं.

मैंने मम्मी से पूछा- पापा में आपको क्या क्या अच्छाई लगती थी और क्या क्या कमी दिखती थी.
मम्मी ने पापा की सिर्फ तारीफ़ की और ज्यादा कुछ नहीं कहा.

मैंने धीरे से पूछा- पापा आपके साथ सेक्स में कैसे थे?
मम्मी मेरी तरफ देखने लगीं.

मैंने कहा- अनामिका, मैं तुम्हारा दोस्त बन कर पूछ रहा हूँ.
मम्मी ने मेरे मुँह से अपना नाम सुना तो वो मुस्कुराने लगीं.

मैंने भी मम्मी को अपनी फ्रेंड बनाकर बात करनी शुरू की.
हमारी बातें चलती रहीं और अब मैं घर में अपनी मम्मी को अनु कह कर बुलाने लगा.

मैं मम्मी के लिए कुछ यंग लड़कियों की ड्रेस लाने लगा.
वो मेरे साथ काफी खुल कर रहने लगीं.

मैं लगातार मम्मी के साथ खुलता गया और उनके साथ सेक्स की बातें करने लगा.

मेरा लक्ष्य तय था कि मुझे अपनी मम्मी की पसंद का जीवनसाथी खोजना था.
मैंने एक मैट्रीमोनियल साईट पर कुछ युवकों की प्रोफाइल मम्मी को दिखाना शुरू की.

हम दोनों हंसते हुए लड़कों की प्रोफाइल देखते थे.
मम्मी लड़के को देख कर अपनी राय बताती थीं और मैं समझने की कोशिश करता था कि मम्मी की पसंद कैसी है.

कुछ दिनों में मुझे समझ आ गया कि मम्मी को देखने में लम्बा सुंदर आकर्षक और सेक्स में मजबूत मर्द चाहिए था.
उसकी कमाई मम्मी के लिए ज्यादा मायने नहीं रखती थी.
बस वो मम्मी को बिस्तर में संतुष्ट करने के साथ साथ मुझे भी बाप का सुख दे सके.

मैं अपने काम में लग गया.
मैंने सोचा कि देखने में और बातचीत में तो आदमी को जाना जा सकता है मगर वो बिस्तर में मजबूत मर्द साबित होगा और मेरी मम्मी को संतुष्ट कर पाएगा, इसकी जानकारी कैसे हो सकती है.

काफी सोचने के बाद मुझे जो रास्ता समझ आया वो ये था कि मम्मी उस आदमी से शादी करने से पहले उससे चुदकर देखें तो शायद बात बन सकती थी.

अब ये बात मैं मम्मी से कैसे कही जाए, वो मुझे समझना थी.

मैंने मम्मी से कहा- क्या आप शादी से पहले लिव इन में रहना पसंद करेंगी?
मम्मी बोलीं- वो क्या होता है?

मैंने उन्हें लिव इन का मतलब समझाया कि आपको कुछ दिन किसी आदमी के साथ रह कर देखना होगा कि वो आदमी आपके साथ कैसा जीवन व्यतीत करेगा.

पहले तो मम्मी को समझ नहीं आया कि मैं क्या कहना चाहता हूँ. बाद में जब मैंने उन्हें नेट पर कुछ उदाहरण दिखाए तो वो समझ गईं कि उन्हें उस मर्द के साथ लिव इन सेक्स ट्रायल करके भी देखना होगा कि वो बिस्तर में उनके लिए कैसा रहेगा.

वो शर्मा गईं और उन्होंने कहा- तुझे कोई दिक्कत नहीं हो तो मुझे भी कोई दिक्कत नहीं है.

मैं समझ गया कि मम्मी भी मर्द की जांच करने की इच्छुक हैं.
अब मैंने इंटरनेट पर मम्मी की प्रोफाइल बना दी और दूसरी शादी का प्रपोजल अपलोड कर दिया.

दो ही दिन में बहुत सारे मैसेज आने लगे; कई लोग अपनी फ़ोटो भेजने लगे.

मैंने मम्मी को सारे फोटो दिखा दिए.
मम्मी ने एक मनोज नाम के आदमी से बात करने को बोला.

मैंने उनसे मम्मी को लेकर सारी बात खुल कर की और उन्हें बताया- यदि सब कुछ ठीक रहा, तो सीधे शादी ही करेंगे. क्या आप सीधे शादी करने का विचार रखते हैं?

वो भी मेरी बात से रजामंद थे.
उन्हें मैंने अपने घर बुला लिया.

करीब 10 दिन बाद वो तैयारी से मेरे घर आ गए.
उनकी उम्र करीब 40 साल होगी, अच्छे लम्बे कद के आदमी थे.

मैं उनसे बात करने लगा.
फिर मम्मी चाय लेकर आईं.

उन्होंने मम्मी को देखा.
मम्मी भी वहीं बैठ गईं.
उन्होंने अपनी स्टोरी बताई कि कैसे उनकी पत्नी का उनसे तलाक हुआ.

इसके बाद मैंने दोनों को अकेला छोड़ दिया.
कुछ देर तक उन दोनों में सब तरह की बात हुईं.

मैंने मम्मी से कह दिया था कि आप किसी भी तरह का संकोच नहीं करना.

मेरी मम्मी ने उन्हें पसंद कर लिया था.
मनोज जी को भी मेरी मम्मी पसंद आ गई थीं.
हम तीनों बात करने लगे.

धीरे धीरे रात हो गयी.

मनोज जी आज हमारे यहां ही रुकने वाले थे. उनकी बिस्तर की परफोर्मेंस देखना बाकी थी. मम्मी इस बात के लिए पूरी तरह से मन बना चुकी थीं कि यदि मनोज जी चुदाई में मस्त निकले तो उन्हें वो अपना जीवनसाथी बना लेंगी और यदि नहीं, तो किसी और के साथ बात चलाई जाएगी.

बाद मैं मम्मी के कमरे में गया और पूछा- कैसे लगे मनोज जी?
मम्मी शर्माती हुई बोलीं- ठीक हैं, पर मैं कुछ पक्का नहीं कर पा रही हूँ.

मैंने मम्मी से कहा- आज रात आप मनोज जी के साथ रुक जाओ और उन्हें चैक कर लो.
मम्मी बनावटी गुस्से से बोलीं- ये क्या बोल रहा है तू?
मैंने कहा- मम्मी इसमें क्या हो गया … ये कोई नहीं जान पाएगा.

मम्मी भी चुदासी थीं, कुछ देर के विरोध के बाद वो बोलीं- ठीक है.

तो मम्मी मनोज जी के कमरे में चली गईं मैं खिड़की से देखने लगा.

मनोज जी बोले जी- आप?
मम्मी जी- वो नितिन बोल रहा है कि आज मैं यहीं आपके पास रुक जाऊं.

मनोज जी समझ गए कि आज रात लिव इन सेक्स ट्रायल होना है.
वो बोले- मैं अपने बारे में पूरी तरह से पक्का हूँ कि मैं आपको खुश कर सकूँगा. तब भी मैं भी आपसे कुछ चाहता हूँ.

मम्मी ने उनसे पूछा- आप क्या चाहते हैं?
उन्होंने अपने बैग से एक साड़ी निकाली और मंगलसूत्र मम्मी को दे दिया.

वो बोले- अनामिका जी, आप तैयार होकर आओ.
मम्मी खुश होकर बोलीं- जी आती हूँ.

मम्मी अपने रूम में आ गईं.
उन्होंने गहरी लिपिस्टिक लगाई. खुले बाल रखे, मस्त मेकअप किया, फिर वो बाहर निकलीं.

लाल साड़ी में मम्मी दुल्हन लग रही थीं.
उन्होंने दूध का गिलास लिया और मनोज जी के कमरे में चली गईं.

मनोज जी मम्मी को देख कर बोले- अनामिका, कितनी सुंदर हो तुम!
मम्मी ने उनको दूध का गिलास दे दिया.
मनोज जी ने आधा पिया, आधा मम्मी को पिला दिया.

फिर वो मम्मी को बिस्तर पर लेकर बैठ गए.
वो बोले- अनामिका, तुमने मंगलसूत्र नहीं पहना?
मम्मी बोलीं- आप पहना दो.

मनोज जी ने पहले मम्मी की मांग भरी, फिर मंगलसूत्र पहना दिया.

उसके बाद वो मम्मी को बिस्तर पर ले आए, मम्मी के होंठों को पीने लगे.
मम्मी भी उनका साथ दे रही थीं.

दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे.
मस्ती चढ़ने लगी.

मम्मी ने अपनी साड़ी हटा दी, वो लाल ब्लाउज लाल पेटीकोट में आ गईं.

मनोज जी मेरी मम्मी के ब्लाउज के ऊपर से चुचियों को दबाने लगे.
मम्मी मस्ताने लगीं- आआह … जोर से दबाओ … आआह!

मनोज जी ने ब्लाउज खोल कर अलग कर दिया, फिर ब्रा भी उतार दी.
मम्मी की गोल गोल बड़ी चुचियां अब नंगी थीं.

मनोज जी उनके चूचुकों को पीने लगे.

मम्मी ‘आआह स्स …’ की आवाज निकाल रही थीं.
तभी मनोज जी ने मम्मी के पेटीकोट का नाड़ा खोल कर उसे उतार दिया.
फिर पैंटी भी उतार दी.

मम्मी की चूत एकदम साफ थी. उस पर झांट का नामोनिशान नहीं था.
मतलब मम्मी पहले से ही चुदने की तैयारी में थीं.

मनोज जी ने मम्मी दोनों टांगों को खोल दिया और उनकी सफाचट चूत में मुँह लगा दिया.
वो मम्मी की चूत चाटने लगे.
इससे मम्मी मदहोश होती जा रही थीं, उनकी आवाजें तेज होती जा रही थीं.

कुछ देर बाद मम्मी कराहती हुई बोलीं- अब आप डालो भी!

मनोज अंकल ने अपने मोटा लंड मम्मी की चूत में लगा दिया और धक्का मार दिया.
मम्मी की चीख निकल गयी वो कराह कर बोलीं- आआह … बहुत दर्द हो रहा है … मेरी फट गई.

अंकल ने मम्मी की चीख पर मानो कोई ध्यान ही नहीं दिया.
उन्होंने दूसरे धक्के में पूरा लंड अन्दर कर दिया.

मम्मी ‘आआह … उन्ह …’ करती रहीं और मनोज अंकल ने मम्मी की चूत में अपना पूरा डंडा पेल दिया.

कुछ देर बाद मम्मी को मजा आने लगा और वो ‘आह चोदो … आआह …’ करने लगीं.
दोनों लोग धकापेल चुदाई करने लगे.

पूरा बेड हिल रहा था.
‘आआह आआह …’ की आवाज गूंज रही थी.

मैंने देखा मनोज जी ने मम्मी के मुँह में अपने मुँह से थूक दिया.
मम्मी उनके थूक को खा गईं.

मम्मी ‘आआह …’ करके झड़ गईं.
मनोज जी भी मम्मी की चूत में झड़ गए.
दोनों बिस्तर पर गिर पड़े.

मैं वहां से चला आया.

अगले दिन मैंने मम्मी से पूछा- कैसे हैं मनोज जी?
वो हंसती हुई बोलीं- बहुत अच्छे हैं.

इस तरह से मेरी मम्मी फिर से शादीशुदा हो गईं और मैं उन दोनों का राजा बेटा बन गया.
 

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गुजराती भाभी की चूत चुदाई का मजा


दोस्तो, मेरा नाम अमन है. मेरी उम्र 23 साल है. मैं 6 फुट का हूँ. मेरी बॉडी स्लिमफिट है. मेरा लंड 6 इंच का है.

यह देसी चुत की चुत चुदाई कहानी तब की है जब मैं अपनी दीदी के पास अहमदबाद रहने गया था.
तब मैं 20 साल का था.

मेरी दीदी हॉस्पिटल में जॉब करती थी तो वो दिन भर वहीं रहती थी और मैं घर पर रहता था.

मेरा 2-3 महीने तक रुकने का प्रोग्राम था और मैं इतने दिन तक बिना सेक्स के नहीं रह सकता था.
दोस्तो आप जानते ही हैं गुजरात में अहमदाबाद काफ़ी मॉडर्न शहर है. यहां लड़कियां भाभियां आंटियां काफ़ी मॉडर्न और खुले विचारों की होती हैं.

मैं देखने में काफी स्मार्ट लड़का हूँ और एकदम सिंपल तरीके से रहता हूँ.
इसलिए दीदी की सोसाइटी की लड़कियां और भाभियां मुझे काफी पसंद करने लगी थीं.

मैं अपना काफी समय सोसाइटी के पार्क में बिताता था, तो उधर कई सारी भाभियां मुझसे बात करने लगी थीं.

एक दिन की बात है. दीदी 2-3 दिन के लिए कहीं बाहर गई हुई थी और खाना मुझे ही बनाना था.

मैंने सोच लिया था कि किसी लड़की को पटाकर अपने फ्लैट पर लाने का यही सबसे बढ़िया मौका है.

मेरे फ्लैट के सामने एक गुजराती फैमिली रहती थी. उनके दो बच्चे थे. एक तो अभी एक साल का ही हुआ था.

भाभी एकदम देसी माल थीं. बच्चों के बहाने उनसे कभी कभार मेरी बातचीत हो जाती थी.

मैंने उनसे कहा- भाभी, मुझे कुछ सब्जी बनानी है, थोड़ी हेल्प कर दीजिए.
भाभी ने कहा- अरे भैया, आप क्यों परेशान होते हैं. मैं ही बना देती हूँ.

मैंने हामी भर दी और भाभी मेरे घर के किचन में आकर सब्जी बनाने लगीं.

अब मैंने सोचा कि बस अब पकड़ लेता हूँ और चढ़ कर चोद दूँगा.
फिर सोचा कि इतनी जल्दी ठीक नहीं है, कहीं भाभी नहीं मानी तो इज्जत की वाट लग जाएगी.

मैंने भाभी की बनाई हुई सब्जी की बहुत तारीफ की और उन्हें धन्यवाद करते हुए शाम को फिर से आने के लिए कहा.
भाभी एकदम से मान गईं कि वो सब्जी बनाने के लिए आ जाएंगी.

शाम को वो एकदम रेडी होकर आई थीं.
उनकी सजधज देख कर मैं चौंका कि माजरा क्या है.
भाभी ने लाल साड़ी, लाल लिपस्टिक और मस्त मेकअप किया हुआ था.

मैंने पूछा- भाभी इतना सजधज कर … आज आपको कहीं जाना है क्या?
भाभी मुस्कुराती हुई कहने लगीं- बस आपसे मिलने आई थी.

मैं समझ गया कि भाभी लाइन दे रही हैं.

भाभी किचन में जाकर सब्जी बनाने लगी थीं.
मैंने अन्दर जाकर धीरे से उनकी पीठ पर हाथ रख दिया.
उन्होंने कुछ नहीं कहा.

उनकी सिहरन बता रही थी कि उन्हें मेरा हाथ रखना अच्छा लगा है.

मैंने दूसरा हाथ उनके नंगे पेट पर रखा इस बार वो कहने लगीं- भैया, ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- भाभी जी, मसाले टेस्ट कर रहा हूँ.

ये कह कर भाभी को मैंने पीछे पकड़ लिया और उनकी गर्दन, पीठ पर किस करने लगा.
वो भी पलट गईं और मेरा साथ देने लगीं.

मैंने उनके मम्मों को मसलना शुरू कर दिया.
भाभी गर्माने लगीं और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं.

मैंने धीरे से भाभी का ब्लाउज खोल दिया और देखा कि भाभी के चूचुकों से दूध निकल रहा था.

चूची से दूध निकलते देख कर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया और उनके एक बोबे कि मुँह में दबा कर चूसने लगा.
भाभी के निप्पल एकदम कड़क और बड़े हो गए थे.

उनको किस करते हुए मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठाया और उनकी पैंटी में हाथ डाल दिया.
मैंने देखा कि भाभी की चूत एकदम चिकनी थी, झांटें बनी हुई थीं और चूत एकदम गीली हो गई थी.

मैंने पूछा, तो कहने लगीं- मुझे पता था तू बिना चोदे नहीं मानेगा, इसलिए आज शाम को आने से पहले ही सफाई की है … और खास तेरे लिए.
भाभी ने मेरी जींस के ऊपर से ही मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया.

मेरी जींस का पैंट भी गीला हो चुका था तो मैंने उतार दिया.
मैंने भाभी को कमरे में चलने के लिए कहा.

तो भाभी कहने लगीं- रूको अभी ये सब नहीं करो … मैं घर पर बोलकर आती हूँ कि थोड़ा टाइम लगेगा.
मैंने कहा- किस से कहना है? भैया तो हैं नहीं.

भाभी बोलीं- मुझे मम्मी से कह कर आना है. वो मेरा इन्तजार कर रही होंगी.
वो अपने घर चली गईं.

आधा घंटा बाद जैसे ही भाभी वापस आईं, मैंने उन्हें गोदी में उठा लिया और सीधा कमरे में ले जाकर बिस्तर पर गिरा दिया.

हम दोनों ने चूमाचाटी शुरू कर दी.
भाभी मेरा लंड भी हिला रही थीं.

मैंने भाभी से कहा- भाभी मुँह में ले लो.
वो मना करने लगीं.
मैंने उनको समझाया तो वो मान गईं.

उनको लेटाकर मैंने उनके मुँह में ऊपर से अपना लंड डाल दिया और पहली बार में ही दम से 20-30 शॉट लगा दिए.
भाभी को खाँसी आ गईं, वो समझ गईं कि लड़का बहुत बड़ा हब्शी है.

भाभी कहने लगीं- अमन, तुम्हारे लंड का स्वाद बहुत अच्छा है, मैं इसका रस पीना चाहती हूँ.
मैंने कहा- हां तो लंड चूसती रहो भाभी … अभी मलाई निकलेगी तो स्वाद ले लेना.

भाभी बोलीं- ऐसे नहीं … मुझे आराम आराम से लंड चूसने का मजा लेना है. तुम धकापेल कर रहे हो. जल्दी जल्दी में लंड चूसने में कोई मजा नहीं आता है.
मैं मान गया और भाभी के कहने पर मैं सीधा लेट गया और लंड हिलाने लगा.

वो मेरा लौड़ा मुँह में लेने लगीं और इतने प्यार से जीभ से सुपारे को चाटते हुए लंड को मुँह में ले रही थीं कि मजा आ गया.

मैंने पूछा- भाभी, आप तो बड़ा मस्त लंड चूसती हो … आपने पहले लंड चूसने की ट्रेनिंग ली है क्या?
भाभी कहने लगीं- मेरे भोले देवर जी. तुम्हें मालूम नहीं है … अगर किसी लड़की को सेक्स चढ़ जाता है, तो वो सब सीख जाती है. लंड चूसना तो छोड़ो, वो चुदाई में मस्त मजा देती है.

उनके मुँह से ये बात सुनकर मैंने उनका मुँह पकड़ा और 10-15 झटके में उनके मुँह में ही झड़ गया.

उनको ये थोड़ा अजीब सा लगा पर वो मेरा मुठ निगल गईं.

लंड चूसने के बाद वो फिर से मेरे गोटे चूसने लगीं.
मैं समझ गया कि भाभी बहुत बड़ी वाली रांड हैं.

कुछ देर बाद वो अपनी उंगली से चूत को कुरेदने लगीं.
मैं समझ गया कि भाभी की चूत में खुजली हो रही है.

मैंने भाभी को 69 पोज़िशन में लिया और उनकी चूत चाटने लगा.
भाभी ऐसी मादक आवाज़ें निकाल रही थीं कि मैं सुनकर और भी कामुक हो रहा था.

इधर भाभी की चूत इतनी सुंदर और गर्म थी कि बस मन कर रहा था कि चाटते ही जाओ.
भाभी दस मिनट में झड़ गईं और मैं उनकी चूत का पूरा पानी चाट गया.

कुछ मिनट बाद भाभी ने कहा- अब चोदेगा भी या इतने में ही हो गया तेरा?
ये कह कर भाभी ने मेरा लंड मुँह ले लिया और देखते देखते लंड वापस खड़ा हो गया.

भाभी मेरे खड़े लंड के ऊपर चढ़ गईं और अपनी चूत में लंड घुसवा लिया.
मुझे वो गर्म गर्म चूत का अहसास इतना अच्छा लग रहा था कि शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता.

भाभी धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगीं उस पल मैं अपनी दुनिया की सारी टेंशन और समस्याएं सब भूल गया.
बस लंड चूत की चुदाई का आनन्द ले रहा था.

भाभी मुझे किस कर रही थीं.
कभी मेरे होंठों को, तो कभी मेरी गर्दन पर, तो कभी मेरे निप्पलों पर किस कर रही थीं.
मेरे रोंगटे खड़े हो रहे थे.

फिर भाभी ने अपना एक दूध मेरे मुँह में दे दिया और मुझे अपना दूध पिलाती हुईं अपनी चूत की प्यास बुझाने लगीं.

कुछ देर बाद भाभी झड़ गईं और मैं नीचे से कमर उठा कर उन्हें चोदने लगा.
फिर मैं उन्हें नीचे लेकर उनके ऊपर चढ़ गया और धकापेल चुदाई का मजा लेने लगा.

करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने तेज तेज धक्के मारना शुरू कर दिए.
उसी समय भाभी भी फिर से झड़ने वाली हो गई थीं.

मैंने पूछा- भाभी अन्दर निकाल दूँ?
भाभी ने चिल्लाते हुए कहा- जिधर निकालना हो निकाल देना … बस मेरी चुत की चुत चुदाई करता जा.

हम दोनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
पहले भाभी झड़ गईं और अब कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ गूँजने लगी थी.

फिर मैं भी झड़ गया.
लंड चूत गीले हो गए.

मैं स्वर्ग की सैर कर रहा था.
दो मिनट रुकने के बाद भाभी फिर धक्के देने लगीं.

मेरा लंड उनकी चूत में ही फिर से कड़क हो गया.
मैं भाभी को चोदने लगा.

उनके पैर मेरी कमर के पीछे जकड़े हुए थे और मैं जोर से जोर से चोदने में लगा था.

उस समय मैं एकदम जानवर की तरह धक्के मारने लगा था.
दस मिनट बाद भाभी फिर से झड़ गईं पर मेरा नहीं निकल रहा था.

भाभी ने हांफते हुए कहा- अब छोड़ दे … मुझे जाना है, फिर कभी कर लेना!
मैंने कहा- मुँह में ले लो प्लीज़.

भाभी ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और मैं भी ज़ोर से झटके देने लगा.
पांच मिनट में मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.

भाभी कहने लगीं- अब तो और मीठा लग रहा है.
मैंने भी मज़ाक में कह दिया- तो दूध में मेरा मुठ डालकर पिया करो.

भाभी ने मुझे किस किया और हंस कर चली गईं.
मैं उस दिन बहुत गहरी नींद में सोया.

सुबह 7 बजे घंटी बजी.
मैंने देखा तो भाभी जी दूध का गिलास लेकर आई थीं.

वो कहने लगीं- तुमने बोला था ना कि दूध में मुठ डालकर पीना, तो मैं आ गई.
मैं खुश हो गया.

मैंने भाभी को अन्दर लिया और दरवाजे बंद करके चूमने लगा.
भाभी भी चुदासी रांड के जैसे लपक लपक कर मेरे होंठ चूस रही थीं.

मैंने भाभी की एक चूची दबाते हुए कहा- कल से ज्यादा मजा आज दे रही हो भाभी.
भाभी बोलीं- हा मेरे देवर राजा, मुझे भी कल से ज्यादा आज खुजली हो रही है. जल्दी से चोद दो अब नहीं रहा जाता.

मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और लंड पेल कर भाभी की चुदाई चालू कर दी.
बीस मिनट चोदने के बाद मैंने लंड बाहर निकाला और भाभी ने दूध का गिलास आगे कर दिया.

मैंने सारा मुठ दूध में मिला दिया.
भाभी ने चम्मच से मुठ मिला कर पिया और मेरी तरफ देख कर अपने होंठों पर जीभ फेर कर मुझे आंख मारने लगीं.

ऐसे ही मैं जब तक वहां रहा, हम दोनों ने खूब चुदाई लीला रची.

आज भी मैं उनके संपर्क हूँ.
जब भी मेरा अहमदाबाद जाना होता है तो हम ज़रूर मिलते हैं और कुछ ना कुछ नया होता ही है.
 
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चाची की चूत का स्वाद चखा– 1


मैं रोहित … चूत और लंड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम।

मैं 21 साल का नौजवान लौंडा हूं। मेरा हथियार 7 इंच लम्बा है जो किसी भी चूत की गहराई में उतर कर उसका पानी निकाल सकता है।

अभी मैं कॉलेज में हूं और कॉलेज में मैंने लंड की प्यास बुझाने की कोशिश की लेकिन मेरे लन्ड को चूत नसीब नहीं हुई।
मेरा लन्ड चूत में घुसने के लिए बुरी तरह से तड़प रहा था।

मैं लंड का पानी निकाल निकालकर काम चला रहा था।

तभी मैं दीपावली से पहले मेरे गांव आ गया।

गांव में दीपावली की तैयारियां चल रही थी, सभी घरों में साफ सफाई का काम चल रहा था।

हमारे घर के पास में ही मेरी सबसे छोटी चाची रहती है।
मेरी छोटी चाची गोरी चिकनी बिंदास माल है लेकिन मैंने कभी चाची को चोदने के बारे में नहीं सोचा।

मैं उनके घर पर ऐसे ही आता जाता रहता था।
चाची अपने कामों में लगी रहती थी।
कभी कभी मुझे बूब्स का नज़ारा देखने को मिल जाता था लेकिन मैं सिर्फ नज़ारा देखकर ही रह जाता था, आगे कुछ करने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई।

एक दिन दोपहर में मैं ऐसे चाची के घर गया।
जैसे ही मैंने गेट खोला तो चाची का नज़ारा देखकर मैं एकदम से ठहर गया और मेरा लन्ड बुरी तरह से तन गया।

उस टाइम देसी चाची ब्लाउज उतारकर नहा रही थी। ऊपर से चाची पूरी नंगी थी, उनके बड़े बड़े बूब्स लटके हुए थे। चाची का पूरा बदन भीगा हुआ था।

चाची के नंगे बदन के इस नजारे ने मेरे लन्ड में आग लगा दी।

तभी चाची की नजर मेरे ऊपर पड़ी और मुझे उनके पास देखकर हक्की बक्की रह गई।
मुझे देखकर चाची के चेहरे की हवाइयां उड़ चुकी थी, उन्होंने अपने बूब्स को ढक लिया।
फिर बड़ी मुश्किल से चाची ने खुद को सम्हाला।

चाची– तू कब आया?
मैं– मैं तो अभी ही आया हूं। वो गेट खुला हुआ था तो मैं सीधा अंदर ही आ गया।
चाची– हां वो मैं गेट अंदर से बंद करना भूल गई थी।

तभी मेरा दिमाग दौड़ा और मैंने सोचा अगर देसी चाची का नज़ारा और देखना है तो बेशर्म होकर यही बैठ जा! साला कम से कम देखने को तो मिलेगा।

तभी मैंने चाची से कहा– चाची, आप नहा लो, मैं यही बैठ जाता हूं। घर पर भी मैं बोर हो रहा हूं।

मैं बेशर्म होकर बरामदे में बैठ गया और चाची कुछ नहीं कह पाई।

अब चाची ने मजबूर होकर मुंह गेट की तरफ कर लिया और पीठ मेरी तरफ कर दी।
चाची नहाने लगी।

मैं चाची की नंगी पीठ को देख देखकर लंड मसलने लगा।
चाची को नहाते हुए देखने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची के जिस्म पर पानी की बूंदें टपक रही थी।

थोड़ी देर बाद चाची नहा चुकी थी।

देसी चाची का नंगा बदन देखने में मेरे लन्ड की हालत खराब हो रही थी।

अब चाची को कपड़े बदलने थे।
चाची ने ऊपर से पेटीकोट पहना और गीले पेटीकोट को खोल दिया।

अब चाची ने ब्रा पहनकर ब्लाउज पहन लिया फिर चाची ने साड़ी पहन ली।

चाची ने कपड़े धोकर मेरे सामने तार पर उनकी पैंटी और ब्रा सुखाई।
मेरा दिल करने लगा इस ब्रा और पैंटी को मैं ही ले लूं लेकिन फिलहाल इतनी हिम्मत नहीं थी।

फिर चाची अंदर गई और पैंटी पहन कर बाहर आई।
चाची मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी।

वे इधर उधर का काम करने लगी लेकिन मेरी नज़र अब चाची पर ही टिकी हुई थी।
मेरा लन्ड बुरी तरह से तना हुआ था।

चाची और मैं हम दोनों ही चुप थे।

अब मुझसे लंड कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.
तभी मेरे लन्ड का माल निकल गया और मैं ढीला पड़ गया।

चाची बिल्कुल चुप थी।

तभी मैं बात को सम्हालते हुए चाची से बातचीत करने लगा– चाची, अगर आपको बुरा लगा हो तो सॉरी!
चाची– अरे ऐसे बात नहीं है रोहित! तू अच्छा लड़का है मैं अच्छी तरह से जानती हूं।

मैं– लेकिन फिर भी चाची …
चाची– अरे यार कुछ नहीं, बस आगे से गेट खटका कर आना।
मैं– ठीक है चाची।

फिर चाची ने हमारे लिए चाय बनाई और मैं चाय पीकर घर आ गया।

घर आने के बाद रात में चाची के जिस्म का नंगा नज़ारा मेरे सामने घूमने लगा।
मैं बार बार चाची को चोदने के बारे में सोच रहा था लेकिन दिल गवाही नहीं दे रहा था।

चाची के जिस्म का नज़ारा मेरे लन्ड को चैन नहीं लेने दे रहा था।

तभी मैंने पक्का इरादा कर लिया कि अब चाची को चोदना ही है।

मेरी योगिता चाची लगभग 36 साल की है। चाची का सेक्सी जिस्म बहुत ही ज्यादा कातिल, मज़ेदार है।
चाची बहुत ज्यादा गोरी चिकनी है, उनके जिस्म पर भरपूर जवानी चढ़ी हुई है। उनके जिस्म का कतरा कतरा रस से भरा हुआ है।

वे ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी फूल की तरह फूली हुई है। चाची के बड़े बड़े बूब्स लगभग 34″ के हैं। उनके बूब्स बड़े बड़े चिकने है। चाची के बूब्स देखकर मैं चाची पर मर मिटा था। कोई भी अगर चाची के बूब्स का नज़ारा देख लेता तो चाची को वहीं के वहीं चोद देता।

चाची की कमर लगभग 32″ से कम नहीं है।
उनकी कमर पर खूब सारी चर्बी छाई हुई है।

चाची की सेक्सी गांड लगभग 34″ की है। उनकी मोटी गांड मेरे लन्ड में कई बार आग लगा चुकी है।
चाची के मस्त चूतड़ बहुत ही ज्यादा मजेदार हैं।

रातभर चाची के सेक्सी जिस्म का नज़ारा मेरी हालत खराब करता रहा।

मैं अगले दिन फिर चाची के पास गया।
चाची आज भी घर में अकेली थी। बच्चे स्कूल गए हुए थे।

अब मुझे कैसे भी करके चाची को पटाना था।

चाची काम कर रही थी। मैं चाची के सेक्सी जिस्म को ताड़ रहा था। चाची को देख देखकर मेरा लन्ड पजामे में तूफान मचा रहा था।

तभी मैंने सोचा ऐसे बैठे रहने से काम नहीं चलने वाला … अगर चाची की चूत लेनी है तो चाची को पटाना ही पड़ेगा।
अब मैं किसी न किसी बहाने से चाची के सेक्सी जिस्म को टच करने लगा।

धीरे धीरे चाची मेरे इरादे भाम्पने लगी।
चाची को टच करने से मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी।

ऐसे ही दो तीन दिन निकल गए।

एक दिन मैं चाची के घर पर था। चाची साफ सफाई कर रही थी।

तभी चाची ने हेल्प करने के लिए मुझे अन्दर बुलाया।
चाची को पलंग उठाना था।

मैं पलंग उठाकर चाची की हेल्प करने लगा।

तभी चाची की साड़ी का पल्लू नीचे गिर पड़ा और मुझे चाची के बूब्स के दर्शन हो गए।
अब मेरा लन्ड और ज्यादा तन गया।

तभी चाची की नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ी लेकिन चाची कुछ नहीं कर सकती थी।
चाची पलंग को पकड़कर बाहर निकाल रही थी।

कुछ देर बाद चाची ने पल्लू ठीक किया।

चाची मेरे खड़े लंड के दर्शन कर चुकी थी। अब चाची की नजरें कुछ भड़की भड़की नजर आ रही थी।

मैं बाहर बैठ गया और चाची रूम में झाडू लगाने लगी।
मेरा लन्ड बहुत ज्यादा भड़क रहा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था।

इधर मेरे लन्ड को देखकर चाची भी बहकी बहकी नजर आ रही थी लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी।

अब मैं रूम में जाकर चाची के पीछे खड़ा हो गया तभी चाची झाड़ू लगाती हुई पीछे सरकी और चाची की गांड मेरे लंड से टकरा गई।
मेरे लन्ड की टक्कर से चाची चौंक गई।

इधर चाची की गांड के करंट से मेरा लन्ड और ज्यादा खतरनाक हो गया।
चाची– रोहित तू बाहर बैठ यार, अभी मेरे लग जाती।
मैं– ठीक है चाची।

मैं दूसरे रूम में चला गया और वहां जाकर लंड हिलाने लगा।

तभी मुझे चाची की पैंटी दिखी और मैं लंड हिलाते हुए चाची की पैंटी सूंघने लगा।
आह! क्या मस्त शानदार खुशबू आ रही थी!

मैं तो चाची की पैंटी की खुशबू से पागल होने लगा, सोचने लगा कि जब चाची की पैंटी की खुशबू इतनी अच्छी है तो चाची की चूत की महक कितनी शानदार होगी!

तभी मैंने चाची की पैंटी को मेरे लन्ड पर रगड़ा और लंड का माल चाची की पैंटी में भर दिया।
बड़ी मुश्किल से मेरा लन्ड शांत हुआ।

जैसे ही मैं पीछे मुड़ा तो चाची हाथ में झाड़ू लेकर गेट पर खड़ी थी।
चाची को देखकर मैं घबरा गया और मैंने लंड तुरंत पजामे में अंदर कर लिया।

मैं– चाची सोरी यार … मुझसे रहा नहीं गया।
चाची– रोहित, देख मैं तेरी हालत समझती हूं। इस उम्र में ऐसा होता है। लेकिन अच्छा ये रहेगा तू बाहर कहीं पर तेरा जुगाड़ भिड़ा।

मैं– चाची, बस यही तो मुझसे नहीं हो पा रहा है।
चाची– जितनी हिम्मत तू यहां दिखा रहा है ना, उतनी हिम्मत कहीं और दिखा, सब हो जाएगा।

मैं– चाची, बाहर हिम्मत नहीं होती है। बदनामी का डर लगता है। मैं इतना बड़ा हो गया हूं फिर भी मैंने आज तक कुछ नहीं किया है।
चाची– तो यार, कुछ पाने के लिए हिम्मत तो करनी ही पड़ेगी ना!

मैं– चाची मुझसे बस एक हिम्मत हो पा रही है!
चाची– क्या?

मैं बहुत ज्यादा डर रहा था; डर से मेरी गांड फट रही थी लेकिन अब हिम्मत दिखाने का मौका मिल चुका था– चाची, बुरा मत मानना। मुझे आपकी चीज चाहिए।
चाची मेरी बात सुनते ही झेंप गई।

वो थोड़ी देर रुकी फिर बोली– तू जो कह रहा है ना, वो नहीं हो सकता। इससे अच्छा है मैंने तुझसे जो कहा है तू वो कर!
मैं– चाची मैं नहीं कर पाऊंगा। आप बस एक बार मुझे मौका दो।

चाची– पागल हो गया क्या तू? मैं तेरी चाची हूं। तुझे सही सलाह दे रही हूं वो तो तू मान नहीं रहा है और मुझ पर ही डोरे डाल रहा है।

मैं– तो चाची क्या हुआ? आप सुंदर हो, जवान हो और बहुत ज्यादा सेक्सी भी हो। और रही बात रिश्ते की तो आप मेरी चाची लगती हो और मैं आपकी चूत ले सकता हूं।
चाची– थोड़ा कम बोल!

मैं– इसमें कम बोलने वाली क्या बात है? आप हो ही सही सेक्सी, जवान, शानदार माल। अब अगर आप नहीं मानो तो मत मानो।

मेरी बात सुनकर चाची चुप हो गई, उनसे मेरी बात का जवाब नहीं दिया गया।

मैं– बोलिए ना चाची? नहीं हो क्या आप?

चाची– चुप रह यार तू तो, मैं तो तुझे सही सलाह दे रही थी और तू ना जाने क्या क्या …

इतना कहकर चाची काम करने लग गई।

अब मैं चाची के पीछे पीछे चिपकने लगा।
फिर थोड़ी देर बाद मैं घर आ गया।

रात में मुझे चाची को चोदने के सपने आने लगे।
मैं रातभर चाची को चोदने की चाहत में लंड पकड़े रहा।

जैसे तैसे सुबह हुई और बच्चों के स्कूल जाने के बाद मैं चाची के पास पहुंच गया।

चाची वही साफ सफाई का काम कर रही थी।
मैं– चाची यार, मेहरबानी कर दो ना!
चाची– नहीं, मैं कोई मेहरबानी नहीं करूंगी। और यार तू हमारे रिश्ते के बारे में तो थोड़ा सोच?

मैं– चाची, मैंने सब कुछ सोच रखा है। अगर आप तैयार हो जाओ तो सबकुछ हो सकता है।
चाची– मैं कभी तैयार नहीं होऊंगी। अब तू चुपचाप बैठ मुझे नहाना भी है।

मैंने सोचा कि चलो अच्छा है आज फिर से चाची का मस्त नज़ारा देखने को मिलेगा।

चाची रूम में से कपड़े निकाल कर लाई और चाची ने साड़ी खोल दी।
अब चाची उनके जिस्म को मसलने लगी और फिर चाची ने मुंह आगे करके ब्लाउज और ब्रा खोल फेंकी।

चाची नहाने लगी तभी मैंने चालाकी दिखाते हुए चाची का ब्लाउज, पैंटी और पेटीकोट उठा लाया।

जैसे ही चाची नहाकर निपटी तो उनके कपड़े गायब थे।
चाची तुरंत समझ गई– रोहित, मेरे कपड़े दे।

मैं– मेरे पास तो आपके कपड़े है ही नहीं।
चाची– मुझे सब पता है तेरे पास ही हैं यार, कपड़े दे।

तभी मैंने चाची को मेरे जाल में फंसाने की सोची– चाची, मैं कपड़े दे तो दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है।
चाची– कैसी शर्त?
मैं– आपको कपड़े मैं ही पहनाऊंगा।
चाची– नहीं, मुझे शर्त मंजूर नहीं है, तू मेरे कपड़े दे।

मैं– ऐसे तो मैं कपड़े नहीं दूंगा।
चाची– अरे यार दे ना … क्यों लेट कर रहा है, मुझे और भी काम करने हैं।
मैं– मैं तो दे रहा हूं बस आप ही नहीं मान रही हो चाची।
चाची– अरे यार …

भीगे बदन में गीले कपड़े पहन कर चाची ऐसे ही बैठी रही। वो बार बार मुझसे कपड़े मांग रही थी लेकिन मैं चाची को कपड़े देने के मूड में नहीं था।
आज कैसे भी करके मुझे चाची को नंगी करना था।

फिर बड़ी मुश्किल से चाची मानी– अच्छा चल ठीक है. लेकिन तू मुझे बिल्कुल भी टच नहीं करेगा।
मैं– हां, मैंने आपकी बात मानी।
चाची– चल अंदर चल।

अब चाची बूब्स को ढककर भीगे पेटीकोट में रूम में चली आई।

चाची चुपचाप खड़ी हो गई तभी मैंने चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और चाची का गीला पेटीकोट नीचे गिर पड़ा।
चाची की पैंटी देखते ही मेरे मुंह में पानी आ गया, मेरा लन्ड बुरी तरह से तन गया।

अब मैं चाची की पैंटी खोलने लगा तभी चाची ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
चाची– ज्यादा चालाकी नहीं, पहले पेटीकोट पहना।
मैं– अरे चाची, सीधे सीधे काम करने दो ना!
चाची– नहीं, जैसे मैंने कहा वैसे कर!

अब मैं ज्यादा जिद भी नहीं कर सकता था।
चाची जितना दिखा रही थी इतना ही खूब था।

मैंने चाची को दूसरा पेटीकोट पहनाया और पेटीकोट का नाड़ा बांध दिया।
अब मैं चाची की पैंटी खोलना चाहता था लेकिन चाची ने साफ साफ मना कर दिया।
चाची ने मेरी तरफ गांड कर दी और पीछे से ब्रा पहनाने को कहा।

अब मैंने चाची के बड़े बड़े बूब्स पर ब्रा रखी और ब्रा को सेट करते हुए चाची के बूब्स दबा दिए।
चाची फिर से नखरे करने लगी।

फिर मैं चाची को ब्लाउज पहनाने लगा।

इधर मेरे लन्ड की हालत खराब हो रही थी। मेरा लन्ड बार बार चाची की गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था।
चाची को मेरा लन्ड चुभ रहा था लेकिन चाची सबकुछ जानते हुए भी अनजान बन रही थी।

मैं चाची को धीरे धीरे ब्लाउज पहना रहा था।
तभी मेरा दिमाग दौड़ा ‘रोहित ये ही सही मौका है चाची को चोदने का, ठोक दे लंड!’

बस फिर क्या था … मौका मेरे हाथ लग चुका था।
अब बस मुझे हिम्मत दिखानी थी।

तभी मैं चाची के बड़े बड़े बूब्स को मसलने लगा।
आह! क्या मस्त बूब्स थे चाची के … मज़ा आ गया था यारो!

चाची– रोहित ये क्या कर रहा है तू?
मैं– चाची सोरी, अब मैं नहीं रुक सकता।
चाची– मैंने तुमसे पहले ही कहा था।

मैंने चाची की बात का कोई जवाब नहीं दिया और अब मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के बूब्स दबाने लगा।
चाची बार बार मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी.

लेकिन अब माहौल गर्म हो चुका था।
मुझे चाची के बूब्स मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
जिंदगी में पहली बार मैं बूब्स दबा रहा था।

चाची– रोहित यार, प्लीज ऐसा मत कर!
मैं– चाची, बस एक बार करने दो, आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा।

तभी मैंने चाची के एक हाथ को पीछे खींचा और चाची को मेरा गरमागरम लंड पकड़ा दिया।
चाची ने वापस हाथ हटाने की कोशिश की लेकिन मैंने फिर से चाची के हाथ में लंड दे दिया।
इधर मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के बूब्स मसले जा रहा था।

धीरे धीरे चाची गर्म हो रही थी।
चाची– ऊंह आह … ओह ओह आह आह!

मैं चाची के बूब्स को कसकर दबाने लगा।
चाची– ओह आईईईई ओह रोहित मत दबा।

मैं– ओह चाची … बहुत मस्त बूब्स हैं, आज तो मुझे मत रोको।
चाची के बूब्स दबाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

इधर मेरा लन्ड चाची की गांड फाड़ने की कोशिश कर रहा था।

तभी मैंने चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
चाची का पेटीकोट खुलने ही वाला था कि चाची ने पेटीकोट पकड़ लिया।

मैं चाची के हाथ में से पेटीकोट छुड़ाने की कोशिश करने लगा लेकिन चाची ने पेटीकोट को पकड़ लिया।

तभी मैंने चाची को उठाकर पलंग पर पटक दिया.
 
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चाची की चूत का स्वाद चखा– 2


कहानी के पहले भाग
मैंने चाची के हाथ में लंड दे दिया
में आपने पढ़ा कि किस तरह से मैं मेरी छोटी चाची को चोदना चाह रहा था, मैंने चाची को बांहों में ले लिया था।

अब आगे हार्डकोर सेक्स का मजा:

चाची को मैंने तुरंत पलंग पर पटक दिया। चाची उठने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने चाची को उठने नहीं दिया।

अब मैंने तुरंत मेरे कपड़े उतार फेंके और चाची के ऊपर चढ़ गया और चाची के गुलाबी होंठों को चूसने लगा।

आह! क्या मस्त होंठ थे चाची के … आह!

मैं जल्दी जल्दी भूखे कुत्ते की तरह चाची के होंठ चूस रहा था।
चाची अभी भी नाटक करने की कोशिश कर रही थी। मैं लबालब चाची के होंठ चूस रहा था।

अब मैंने चाची के गोरे चिकने गले पर हमला बोल दिया और ताबड़तोड़ किस करने लगा।
चाची के गले पर किस करने में अलग ही मज़ा आ रहा था।

तभी चाची ने नाटक करना छोड़ दिया और मुझे बांहों में कस लिया।
अब मैं अच्छी तरह से चाची के गले पर किस करने लगा।

फिर मैंने थोड़ी देर में ही चाची के गले पर बहुत सारे किस कर डाले।
अब मैंने तुरंत चाची के ब्लाउज को खोल फेंका और ब्रा को एक तरफ कर दिया।

मैं चाची के नंगे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से कसने लगा।
चाची अब होंठो में होंठ दबाकर आहे भरने लगी– ऊंह आह आह ऊंह आह आह ऊंह!

मैं झमाझम चाची के बूब्स दबा रहा था।
आह! बूब्स दबाने का मज़ा ही कुछ अलग होता है।
मैं तो बुरी तरह से चाची के बूब्स पर टूट पड़ा था।

चाची को बहुत ज्यादा दर्द होने लगा– ऊंह आह ओह आई ईईई ऊंह आह आह ओह रोहित धीरे धीरे दबा!
मैं– चाची आज तो कुछ मत कहो, बस दबाने दो।

चाची के बड़े बड़े बूब्स बड़ी मुश्किल से मेरे हाथों में आ रहे थे।
बूब्स दबाने में मुझे बहुत ज्यादा खुशी मिल रही थी।

चाची– आह आह अहा आईईईई ओह आह ऊंह ओह दर्द हो रहा है यार!
मैं– ओह चाची … बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह बहुत मस्त माल हो आप!
चाची कसमसा रही थी।

मैंने थोड़ी देर में ही चाची के बूब्स मसल मसल कर लाल कर दिए।
अब मैंने चाची के बूब्स को मुंह में दबाया और उन्हें चूसने लगा।
आह! आज जिंदगी में पहली बार मैंने बूब्स चूसे थे।
गजब का स्वाद होता है बूब्स में … बहुत ही गजब!
मैं अब भूखे कुत्ते की तरह चाची के बूब्स चूसने लगा।

चाची अब मेरी हो चुकी थी, मैं अच्छी तरह से चाची के बूब्स चूस रहा था।
बीच बीच में मैं चाची के बूब्स को काट भी रहा था। मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

मैं– ओह ऊंह चाची … आह मज़ा गया।

अब चाची मेरे बालो को संवारने लगी।

कुछ देर में ही चाची के दोनों बूब्स गीले हो चुके थे।
मैं बुरी तरह से चाची के बूब्स को निचोड़ना चाहता था, मेरी बरसों की कसर को आज मैं पूरा करना चाहता था।
मैंने बहुत देर तक चाची के बूब्स का मज़ा लिया।

अब मैं चाची के मखमल जैसे पेट पर किस करने लगा।
आह! क्या मस्त पेट था चाची का … एकदम मक्खन जैसा। मैं तो पागल ही होने लगा था। मैं पागल सा होकर चाची के पेट पर किस कर रहा था।

अब मेरा लन्ड चाची की चूत में जाने के लिए तड़प रहा था।
मैं चाची के पेटीकोट को खोलने लगा तभी चाची ने नाड़ा पकड़ लिया।

चाची– नहीं रोहित, आगे अभी कुछ मत कर!
मैं– चाची अब मैं नहीं रुक सकता।

तभी मैंने चाची को झटका देकर नाड़ा खोल दिया और चाची के पेटीकोट को खोल फेंका।
अब चाची ने अपनी आंखें बंद कर ली।

चाची का पेटीकोट हवा में उड़ चुका था।
मैंने तुरन्त चाची की पैंटी खोल फेंकी।

चाची की नंगी चूत को देखकर मैं तो पागल हो गया।
आज जिंदगी में पहली बार मैंने चूत के दर्शन किए थे।

चाची की चूत पर हल्के हल्के बाल उगे हुए थे; चूत की दोनों फांकें अच्छी तरह से उभरी हुई थी।

मैंने कोई देर नहीं करते हुए मेरी अंडरवीयर उतार कर लंड नंगा कर लिया और तुरंत चाची की टांगों को फोल्ड कर दिया।

अब मैंने चाची की चूत के छेद में लंड रखा और ज़ोर से धक्का दे दिया।
मेरा मोटा तगड़ा लंड एक ही झटके में चाची की चूत के होंठों के घेरे को भेदता हुआ सीधा चूत के अंदर घुस गया।

चाची मेरे लन्ड के एक ही झटके में चिल्ला पड़ी– आह ईईई आईई ईईह आअई ईईई!

तभी मैंने चाची की चूत में फिर से हमला किया और चाची बुरी तरह से बिलख पड़ी– आईईईई आईईईई मर गई। आह आह ओह … रोहित मत कर यार … मैं मर जाऊंगी।
लेकिन मैंने चाची की कोई बात नही सुनी और धड़ाधड़ चाची की चूत में लंड पेलने लगा।

चाची बुरी तरह से चिल्ला रही थी– आईई ईई आईई ईईई ओह आह … अहाईई ईईई मत कर आह आऊ आह!
मेरे लन्ड का हर एक शॉट चाची की चूत पर भारी पड़ रहा था।

मुझे चाची को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
आज जिंदगी में पहली बार मेरा लन्ड चूत का स्वाद चख रहा था।
चूत चोदने का मज़ा क्या होता है … ये आज मुझे अच्छी तरह से पता चल रहा था।

मेरा लन्ड झमाझम चाची की चूत को फाड़ रहा था।
मैं कसकर चाची की चूत में लंड ठोक रहा था।

चाची– आईई ईई आईई आईई … ऊंह आह आह ओह आह आह!
मैं– ओह चाची, बहुत मज़ा आ रहा है। आह आह आह आज तो मैं आपको बुरी तरह से पेलूंगा। मेरा लन्ड बहुत सालों से प्यासा है।

चाची– ऊंह आह आह … आईईईई आह ओह … धीरे धीरे चोद यार … मेरी जान निकल रही है।
मैं– चाची आज तो बस कुछ मत बोलो, बस मुझे चोदने दो।

मेरा लन्ड फूल स्पीड में चाची की चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
चाची बुरी तरह से पसीने से लथपथ हो चुकी थी।
मैं गांड हिला हिलाकर चाची की चूत में लंड घुसा रहा था।
चाची– आह आह आह … आह आह आईईईई आह ओह!

मैं– ओह चाची मज़ा आ गया आज तो … आह!

मेरा लन्ड चाची की चूत के टाइट छेद को चौड़ा कर रहा था। मेरे लन्ड के हर एक शॉट के साथ चाची के बूब्स बुरी तरह से हिल रहे थे।

थोड़ी देर के ताबड़तोड़ घमासान के बाद चाची बहक गई और चाची की चूत में से गर्म गर्म माल नीचे बहने लगा।
मेरा लन्ड चाची के चूत रस से भीग गया।
ये देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा।

अब मेरे लन्ड के हर एक शॉट के साथ रूम में पछ पाछ पच्छ की आवाज़ गूंजने लगी।
चाची अब पस्त हो चुकी थी।
मैं फूल स्पीड में चाची को बजा रहा था।

आज तो मुझे जन्नत मिल चुकी थी।
चाची को चोदना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात थी।

चाची– ऊंह आह आह ओह आईईईई आईईईई ऊंह ओह रोहित!
मैं– ओह मेरी चाची, गजब की माल हो आप … आह!

चाची को मैं झमाझम पेले जा रहा था।
आज मैं मेरे लन्ड की प्यास को अच्छी तरह से बुझाना चाहता था।

चाची अच्छी तरह से चुद रही थी।
तभी चाची फिर से झड़ गई।

अब मैंने चाची की चूत में थोड़ी देर और लंड ठोका, फिर मैंने चाची की चूत पर मुंह रख दिया।

चाची की चूत में से अभी भी रस बह रहा था।
अब मैं चाची की चूत का रस पीने लगा।

आह! क्या मस्त नमकीन रस था! आह … मज़ा आ गया था यारो।
मुझे चाची की चूत को चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

चाची मदहोश हो रही थी, वो बुरी तरह से कसमसा रही थी– उन्हाः ऊंह आह आह ओह उनाह ओह ओह आह!
चूत चाटने से चाची बुरी तरह हिल रही थी, वो बार बार गांड को इधर उधर कर रही थी।

मैं चाची की टांगों को पकड़कर अच्छी तरह से चाची की चूत चाट रहा था।
चाची की चूत का रस चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
आज जिंदगी में पहली बार मुझे इतना मजा मिल रहा था।

चाची– ऊंह आह … आह ओह ओह ऊंह!
मैंने बहुत देर तक चाची की चूत चाटी।

अब मैंने चाची की चूत में उंगलियां घुसा दी और जल्दी जल्दी चाची की चूत को सहलाने लगा।
मेरी उंगलियों के हमले से चाची बुरी तरह से हिल गई, वो छटपटाने लगी– आईईई आई ईईई ओह आह आह आह!

मैं– ओह चाची, बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है! आह आह!
चाची– ओह रोहित धीरे धीरे कर! आहा अहा आईई आएईईईई … बहुत दर्द हो रहा है।
मैं– चाची, आज मैं नहीं रुकूंगा।

चाची की चूत को मैं जल्दी जल्दी सहला रहा था।
चाची बहुत बुरी तरह से कसमसा रही थी। वो बार बार बेड शीट को मुट्ठियों में कस रही थी।
उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो रही थी।

मैं– ओह चाची बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है … आह आह!
चाची– ओह अहाहा … आईईईई … मेरी जान निकल रही है।

तभी चाची की चूत में से गर्मा गर्म लावे का झरना बहने लगा।
चाची पसीने पसीने हो चुकी थी।
मैं फिर भी चाची की चूत में उंगलियां घुसा रहा था।

फिर मैंने चाची की चूत का पूरा रस पिया।

अब मैंने फिर से चाची की टांगों को फोल्ड कर दिया और लंड चाची की चूत में सेट कर दिया।
मैंने फिर से ज़ोर का झटका देकर चाची की चूत में लंड ठोक दिया।

मेरा लन्ड आज चाची की चूत की चटनी बनाना चाहता था।

फिर बहुत देर की ठुकाई के बाद मेरा लन्ड का माल निकलने वाला था।

मैंने चाची को दबोच लिया और लंड का माल चाची की चूत में भर दिया।
मैं पसीने पसीने हो चुका था।

फिर थोड़ी देर बाद मैं चाची के होंठो को फिर से चूसने लगा।
कमरे में फिर से पुच्च पुच्छ आउच पुच्छ पुच्छ की आवाजें गूंजने लगी।
मैं पूरी शिद्दत से चाची के होंठं चूस रहा था।

फिर थोड़ी देर चाची के होंठ चूसकर मैं चाची के बूब्स पर टूट पड़ा, अब मैं चाची के बूब्स चूसने लगा।
अब चाची चुपचाप बूब्स चुसवा रही थी।

चाची के बूब्स चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था– ओह चाची बहुत मस्त बूब्स है आपके।
चाची– अच्छा!
मैं– हां चाची!

चाची के बूब्स चूसने में मुझे अलग ही मज़ा मिल रहा था।

अब मैं वापस चाची की चूत पर आ गया और फिर से चाची की टांगों को फैला दिया। अब मैं फिर से चाची की मस्त चूत को चाटने लगा।

धीरे धीरे मेरा लन्ड फिर से खड़ा होने लगा।
चाची की चूत की महक से मैं पागल हो रहा था।
मैं सबड़ सबड़ कर चाची की चूत चाट रहा था।

चाची– ऊंह आह ओह आह आह ऊंह ओह रोहित अब मत कर यार!
लेकिन आज मैं कहां रुकने वाला था … मैं तो चाची की चूत के लिए पागल था।
चाची– ऊंह आह आह ओह आह!

अब मैंने चाची को पलट दिया और मैं चाची के ऊपर चढ़ गया।
मैं चाची की छरहरी पीठ पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। मुझे चाची की चिकनी पीठ पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

कुछ देर में ही मैंने चाची की पीठ को किस करके गीला कर दिया।

अब मैं सीधा चाची की गांड पर आ गया और चाची की सेक्सी गांड पर ताबड़तोड़ किस करने लगा।

चाची के चूतड़ बहुत ही ज्यादा मजेदार थे, मैं चाची के चूतड़ों को खा रहा था। चाची गांड को इधर उधर हिलाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने चाची की गांड़ को अच्छी तरह से दबा रखा था।

फिर मैंने बहुत देर तक चाची की गांड पर किस किए।

अब मैंने चाची की गांड के सुराख में उंगली डाली तो बड़ी मुश्किल से मेरी उंगली चाची की गांड में घुस पाई।
तभी चाची ने तुरंत मेरी उंगली गांड में से बाहर निकाल दी– रोहित, उसमें कुछ मत कर।
मैं– चाची, उंगली तो करने दो।
चाची– नहीं, बिल्कुल नहीं।
वे मुझे थोड़ी सी नाराज़ लगी। मैंने सोचा ये तो शुरुआत है, चाची जितना दे रही है वो ही बहुत है। इनकी गांड फिर कभी मार लूंगा।

तभी मैंने चाची को पलट दिया और उनकी टांगों को फिर से फोल्ड कर दिया।
अब मैं चाची की चूत में लंड ठोककर फिर से चाची को चोदने लगा।
चाची– ऊंह आह … आह आईईईई आई ईईई ऊंह!

तभी मेन गेट बजा और डर के मारे मेरी गांड़ फट गई।
मेरा गर्मा गर्म लंड तुरन्त ठंडा पड़ गया।

चाची ने जल्दी से मुझे धक्का दिया और दूर हटा दिया।

अब हम दोनों ने जल्दी से कपड़े पहने और खुद को ठीक किया।
साला पता नहीं ये क्या हो गया।
अभी तो मेरे लन्ड की प्यास बुझी भी नहीं थी।

चाची दरवाजा खोलने गई।
देखा तो बच्चे बाहर खड़े थे।

मैं पजामे में लंड डालकर चुपचाप बैठ गया।

अब मैं बच्चों के घर के बाहर जाने का इंतजार करने लगा।

थोड़ी देर बाद बच्चे खेलने के लिए घर से बाहर चले गए।

अब मैंने मेन गेट को तुरंत बंद कर दिया और चाची को खींचकर बेड पर लाने लगा।
चाची चुदाने के लिए बहुत ज्यादा नखरे करने लगी लेकिन मैं नहीं माना।
मैंने तुरंत चाची को बेड पर पटका और जल्दी से चाची की पैंटी खोल फेंकी।

अब मैंने तुरन्त मेरा पजामा और अंडरवियर खोलकर लंड चाची की चूत में ठोक दिया।
मैं फिर से चाची को बजाने लगा।
चाची– आह आह आह आईईईई आह आह आईईई … जल्दी कर यार!
मैं– हां चाची बस!
चाची– आह आह आईई आईईईई ओह ऊंह आईईईई। रोहित निकाल दे अब।

मैं बहुत ज्यादा ख़तरा लेकर चाची की चुदाई कर रहा था।
तभी मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए झमाझम लंड ठोककर चाची की चूत में लंड का माल भर दिया।

हार्डकोर सेक्स का मजा लेने के बाद अब मेरे लन्ड की प्यास बुझी थी।

तब चाची ने पैंटी पहन ली और मैंने मेरे कपड़े पहन लिए।
आज पहली बार मेरे लन्ड ने चूत का स्वाद चखा था।
मैं चाची को चोदकर बहुत ज्यादा खुश था।

चाची– बहुत चालू निकला तू, मैं तो तुझे समझा रही थी और तूने तो मुझे ही पेल दिया।
मैं– चाची, मुझे आपसे अच्छी माल चोदने के लिए नहीं मिल सकती थी इसलिए मैंने आपको चोदा।
चाची– अच्छा! खूब पेला तूने … मेरी हालत खराब कर दी।

मैं– चाची अब तो रोजाना ऐसे ही पेलूंगा आपको!
चाची– नहीं यार, बस आज ही बहुत है। आगे नहीं … मैं बार बार गलती नहीं करूंगी।
मैं– चाची आपने कोई गलती नहीं की है।
चाची– नहीं रोहित, जो हुआ बस इतना ही बहुत है।

मैं चाची को आगे भी चुदवाने के लिए पटा रहा था लेकिन चाची मान ही नहीं रही थी।
फिर मैं चाची को समझाकर घर आ गया।

 
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