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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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Dosto 94 story upload ki hai par aap logo ka koi positive response nahi hai.. lagta hai aap ko story pasand nahi aa rahi..
 

Babbu Sandhu

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Dosto 94 story upload ki hai par aap logo ka koi positive response nahi hai.. lagta hai aap ko story pasand nahi aa rahi..
nhi bhai apki stories bhut kmaal ki hai sab padte padte muth maarte hai ya chut me ungliya maarne alg jaate hai bss usi ki vjah se reply krna bhul jaate hai apki stories bhut kmaal ki hai bhut sexy dtories hai aur aisi mast aur sexy stories likho
 
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Babbu Sandhu

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hum apke sath hai
 

junglecouple1984

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nhi bhai apki stories bhut kmaal ki hai sab padte padte muth maarte hai ya chut me ungliya maarne alg jaate hai bss usi ki vjah se reply krna bhul jaate hai apki stories bhut kmaal ki hai bhut sexy dtories hai aur aisi mast aur sexy stories likho
thank you for your comments ..

lakin aap logo ki comments ke bager story upload karna aisa lagta hai ke meri story aap logo ko boring lagti hogi
 

Babbu Sandhu

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thank you for your comments ..

lakin aap logo ki comments ke bager story upload karna aisa lagta hai ke meri story aap logo ko boring lagti hogi
boring nhi hai bhai apki stories bss bhai sath me na gifs bhi add kr diya kro us se aur bhi jiyada interest ayega story me
 

Babbu Sandhu

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krdo bhai stories upload ajj
 

junglecouple1984

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छोटी मामी की रात भर चुदाई


मेरा नाम समीर है. मेरी 3 मामियां हैं, पर सबसे छोटी मामी बड़ी हॉट आइटम हैं. मेरी छोटी मामी का नाम ख़ुशी है.

मैं उनके साथ सेक्स करने की बहुत कोशिश में था पर कभी सेक्सी मामी चुदाई का मौका नहीं मिला.

हुआ कुछ यूं कि मेरे नाना जी की तबियत बहुत खराब थी तो हम सभी को वहां जाना पड़ा था.

मेरे नाना के घर पर तीनों मामा के अलग अलग रूम हैं.
मामा और हमें मिलाकर 7 लोग हो गए थे.

नानी ने कहा- आप सब अपने हिसाब से देख लो कि किसको किधर सोना है.
हम सब लोग एडजस्ट हो गए.

मेरी सबसे छोटी मामी थोड़ी अलग स्वभाव की हैं. उनके अन्दर एक अलग ही एटीट्यूड रहता था.
वो किसी से भी ज्यादा नहीं बोलती थीं.

मैं अपने सोने के लिए जगह देख रहा था.
छोटे मामा उस दिन नाना जी दवा लेने के काम से बाहर गए थे.

मैंने छोटे मामा को फ़ोन लगा दिया कि इसी बहाने मामा से नमस्ते भी हो जाएगी और छोटी मामी का जो अलग हिसाब-किताब चल रहा है, वो भी थोड़ा लेवल में आ जाएगा.

मैं छोटे मामा के कमरे के सामने ही उनसे बात करने लगा.
बातचीत हुई नमस्ते आदि हुई.
उसके बाद मैंने मामा जी के पूछने पर उन्हें बताया कि बस मैं सोने ही जा रहा था.

मामा ने कहा कि तुम मेरे कमरे में सो जाओ. मैं तुम्हारी मामी से कहे देता हूँ … जरा मेरी उससे बात तो कराओ.
मैंने छोटी मामी को फोन पकड़ा दिया और फोन तो स्पीकर पर था ही.

मामी ने फोन पकड़ते ही कहा- हां बोलिए जी … वैसे मैंने सब सुन लिया है. फोन स्पीकर पर ही था और अभी भी है.

ये कह कर उन्होंने मामा जी को एक तरह से अलर्ट कर दिया था कि कहीं वो कुछ जानू वगैरह न बोल दें.
मैंने मामी की तरफ देख कर थम्ब दिखा कर उनकी इस होशियारी के लिए शाबाशी दी … तो मामी हंस दीं.

खैर … फोन से बात हुई और लब्बोलुआब ये निकला कि मैं छोटी मामी के कमरे में सोने के लिए सैट हो गया.

मैं अपने लिए फर्श पर बिस्तर लगाने की बात कहने लगा.
मामी ने कहा- अरे नहीं, आप ऊपर बेड पर सो जाओ, मैं ज़मीन पर सो जाती हूँ.

ये कह कर मामी ज़मीन पर अपने लिए बिस्तर लगा कर लेट गईं और मैं बेड पर पैर पसार कर सो गया.

उस दिन सर्दी बहुत ज्यादा थी तो मुझे बेड पर लेटे होने के बावजूद भी ठंड लग रही थी.
मैंने सोचा कि जब ऊपर ज्यादा सर्दी लग रही है तो नीचे लेटी मामी को कितनी सर्दी लग रही होगी.

मैंने ध्यान दिया कि सही में मामी सर्दी लगने की वजह से सो नहीं पा रही थीं.

मैंने मामी से कहा- मामी आप ऊपर आ जाओ. नीचे आपको काफी सर्दी लग रही होगी!
एक बार तो मामी ने बोल दिया- अरे नहीं, मैं ठीक हूँ.

मुझे लगा तो कि एक बार और कहूँ मगर फिर मैंने सोचा कि रहने देता हूँ. कुछ ही देर में जब ठंड से गांड फटेगी तब खुद ही कहेंगी.
अब मैं आंख बंद करके सोने का ड्रामा करने लगा.

फिर ना जाने क्या हुआ कि मुझे उसी वक्त ठरक चढ़ने लगी और मैं चुदाई की बातें सोचता हुआ गर्म होने लगा.

मैंने उसी समय गर्म औरतों के बारे में सोचना शुरू किया तो मेरी सोच में छोटी मामी का हुस्न आ गया.
बस मैं छोटी मामी को याद करके अपना लंड सहलाने लगा.

लंड ने भी अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी तो मैंने अपनी जींस के अन्दर हाथ डालकर अपना लंड पकड़ लिया.

मैं लंड सहलाते हुए आंख बंद करके अपने सपने में मामी की चुदाई करने लगा.
मुझे इस बात का जरा सा भी अहसास नहीं हुआ कि कब मामी जी मेरे साथ बिस्तर पर आ गईं.

वही बात हुई कि मामी को सर्दी लग रही थी तो वे अपने आप ज़मीन से उठ कर मेरे बाजू में आकर बेड पर लेट गई थीं.

कुछ पल बाद मुझे हल्का सा अहसास हुआ कि कोई मेरे बाजू में लेटा है.
मैंने एक आंख खोल कर देखा तो बाजू में मेरी माल सी मामी लेटी थीं.

मैंने भी अपने सोने का ड्रामा जारी रखा.
मगर मेरा हाथ अब भी मेरी जींस के अन्दर था और मैं लंड पकड़े हुए लेटा था.

मामी ने मुझे देखा कि मैं नींद में हूँ और मैंने अपना लंड पकड़ा हुआ है.
वे मेरी तरफ वासना से देखने लगीं.

कुछ मिनट देखने के बाद मामी ने खुद ही मुझे जगाया और बोलीं- तुम थोड़ा सही से सो जाओ और थोड़ा उधर को होकर सो जाओ.
मैंने उन्हें देखा और थोड़ा साइड में होकर सो गया.
मामी भी सो गईं.

फिर रात को लगभग एक बजे मामी की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि मैंने अपना लंड वापस पकड़ लिया है.
उसी समय मेरी भी नींद खुल गई थी.
मैंने अपनी आंख को हल्के से खोला और देखा कि मामी मुझे देख रही थीं.

ऐसा देखते देखते सुबह हो गई और सुबह सब ठीक था.
सब अपना अपना काम कर रहे थे और मामी मुझे देखकर मुस्कान दे रही थीं.

मैं कुछ समझ नहीं पाया और अपना मन टीवी देखने में लगाने लगा.

ऐसे करते करते दिन पूरा हो गया और रात को हम कल के जैसे सोने की तैयारी कर रहे थे.

मामी सोने से पहले बोलीं- तुम थोड़ा सही से सोया करो!
मैं बोला- मामी मैं तो सही ही सोता हूँ. आपको क्या गलत लगता है?

मामी मुस्कुराने लगीं.
मैंने पूछा कि आप मुस्कुरा क्यों रही हैं?
वो बोलीं- कुछ नहीं … बस ऐसे ही.

मैंने ज्यादा दबाव दिया तो उन्होंने कहा- तुमने रात में क्या किया था … पता भी है आपको?
मैंने कहा- मैंने तो कुछ नहीं किया?

तो वो बोलीं- खुल कर कह दूँ?
मैंने कहा- हां जरूर!

मामी- आपने रात में अपना पकड़ा हुआ था. कोई ऐसे सोता है क्या?
मैंने कहा- नहीं, मैं ऐसा कर ही नहीं सकता?

मामी बोलीं- मैंने खुद देखा था तुम्हें कि तुम अपने उससे खेल रहे थे.
मैंने कुछ नहीं कहा.

तब उन्होंने कहा- अच्छा ठीक है, अब सो जाओ.
मैंने कहा- मामी मुझे विश्वास नहीं हो रहा है. आप मेरे साथ मजाक कर रही हो.

मामी बोलीं- नहीं यार, मैं सच बोल रही हूँ.
मैंने भी वापस पूछ लिया कि मैं क्या कर रहा था?

उन्होंने कहा- मुझे पता नहीं है कि क्या कर रहे थे और अब बस ज्यादा मत सोचो, सो जाओ.
मगर मेरे ज्यादा ज़ोर देने पर बोलीं कि तुम अपने उसको ऊपर नीचे कर रहे थे. सुन लिया … अब बस चुपचाप सो जाओ.

मैंने बोला- मामी, क्या आपने मुझे इसी लिए उठाया था?
मामी बोलीं- हां.

अब मैं भी थोड़ी शैतानी करने के मूड में आ गया और मामी को मूड में लाने की सोचने लगा.
मैंने कहा- आपको मेरा वो करना इतना बुरा लग रहा था … तो आप खुद ही मेरा हाथ जींस से बाहर निकाल देतीं!

वो मेरी आंखों में देखती हुई नशीले अंदाज में बोलीं- नहीं, मैं क्यों निकालती? ये तो गलत हो जाता?
मैंने बोला- अरे इसमें क्या गलत हो जाता मेरी प्यारी मामी जी हाथ ही पकड़ना था, कौन सा आपको हथियार पकड़ना था?

मैंने झौंक में हथियार कह तो दिया … मगर मेरी गांड भी फटी कि कहीं रायता न फ़ैल जाए.
लेकिन मामी भी मूड में थीं, इसलिए बोलीं- हथियार मतलब क्या? क्या तू अपने लोअर में हथियार रख कर सोते हो?

अब मैंने समझ लिया कि मामी मस्ती के मूड में हैं तो मैंने बिंदास कहा- अरे यार मामी, मर्द के पास जो लोअर में होता है उसे हथियार ही तो कहते हैं.
मामी- मैं नहीं जानती कि हथियार किसे कहते हैं … साफ़ साफ़ बताओ ना!

मैंने कहा- हथियार लौड़े को कहते हैं. मैं क्या आपसे लंड पकड़ने को कह रहा था … हाथ पकड़ने की कह रहा था.
मामी बोलीं- मैं तुम्हारे हाथ को या लंड को क्यों निकालूँ … उसके लिए तुम्हारे मामा है ना!

मैंने बोला- अच्छा मामा भी ऐसे ही सोते हैं क्या?
वे बोलीं- हां, कभी कभी वो भी अपना हथियार पकड़ कर सोते हैं.
मैंने पूछा- अरे वाह आपको हथियार का मतलब समझ में आ गया … चलो अब ये और बताओ मामी कि आपके सैंया का हथियार कितना बड़ा है?

मामी बोलीं- वो सब जानकर तुम्हें क्या करना है. उनके पास जो है, वो मेरा ही है. उससे ही कम चलाना है मुझे!
मैंने भी पूछ लिया- ऐसा क्यों कह रही हो कि काम चलाना है? क्या काम चलाऊ वाला है उनका?
वो बोलीं- अब क्या कहूँ … तुम्हारे मामा में पहले वाला मजा नहीं रहा.

मैंने भी बोल दिया- मामी आप बुरा नहीं मानो तो एक बात बोलूँ?
मामी बोलीं- हां बोलो?

मैंने कहा- मेरे मामा का यदि साइज़ में छोटा है, तो आप उनके साथ कैसे मजा कर पाती होंगी.
मामी ठंडी सी सांस लेती हुई बोलीं- करना पड़ता है यार … तुम नहीं समझोगे.

मैंने कहा- आप कहो तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ.
मामी बोलीं- वो कैसे?

मैंने कहा- आप बस हां तो बोलो!
मामी बोलीं- हां तो बोल दूंगी … पर तुम मेरी मदद कैसे करोगे?

मैंने कहा- आप पहले एक रात का मौका मुझे देने का वायदा करो. फिर बताता हूँ. आप मुझसे निराश नहीं होंगी इस बात की गारंटी है.
मामी ने आंख दबाते हुए कहा- बड़ा कॉन्फीडेंस है?
मैंने कहा- हां, ये तो आप उनसे पूछो जो मुझसे संतुष्ट हुई हैं.

मामी एकदम से बोलीं- इसका मतलब ये है कि कइयों को पेल चुके हो?
मैंने कहा- सही पकड़े हो मामी जी.

मामी जी हंस दीं पर वो अभी भी उतना नहीं खुल रही थीं, जितना मैं उन्हें लंड के नीचे लाने के लिए खोलना चाहता था.
वो चुप हो गई थीं.

तो मैंने कहा- यार क्या सोच रही हो आप … एक बार मौका तो दो मुझे … मेरा पकड़ कर देखो तो सही?
मामी बोलीं- ये क्या कह रहे हो यार तुम … मैं कैसे पकड़ लूँ? किसी को मालूम चल गया तो?

ये सुन कर मैं समझ गया कि मामी राजी हैं मगर जरा सी हिचक बाकी है.
मैंने खुद ही पहल करने की ठान ली और अपना मुँह आगे करके मामी के होंठों से अपने होंठ लगा दिए.

मामी ने अपना मुँह हटाया तो मैंने उनका सर थामा और अपना मुँह जबरन उनके मुँह से जोड़ दिया.
तो मामी जरा देर कसमसाईं मगर फिर उन्होंने खुद को ढीला छोड़ दिया.

मैंने उनके मुँह में अपनी जीभ डाल दी और हम दोनों का चुम्बन चालू हो गया.
काफी देर तक किस करने के बाद मामी एकदम से गर्म हो गई थीं और मुझसे चिपक कर अपने दूध मेरे सीने से रगड़ने लगी थीं.

मैंने मुँह हटाया और मामी से पूछा- मैं कैसा लगा?
मामी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और बोलीं- मुँह से तो मस्त लगे पर हथियार से चैक करना बाकी है.

मैंने कहा- तो एक काम करो आप पहले मेरे हथियार को मुँह से चैक करो, सारे भ्रम दूर हो जाएंगे.
मामी- पक्का.

मैंने उनका एक दूध दबाते हुए कहा- हां एकदम लोहे सा पक्का लंड साबित होगा.

मामी अपनी चूची मिंजवाते ही चिहुंक उठीं और उनके मुँह से ‘आह मर गई …’ की कराह निकल गई.
मैंने कहा- अभी कहां मरी … अभी तो मारी जाएगी?

मामी बोलीं- क्या मारी जाएगी?
मैंने उनकी चूत पर अपनी हथेली जमाई और चूत भींचते हुए कहा- आपकी चूत मारी जाएगी.

मामी- हंस दीं और बोलीं- एकदम चूतिया हो क्या … चूत तो चोदी जाती है. मारने का काम तो कहीं और से होता है.
मैंने कहा- हां, गांड मारी जाती है और चूत चोदी जाती है. आज मैं आपके दोनों छेदों का काम उठा दूँगा.

वो मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझे चूमने लगीं और लंड पकड़ कर मरोड़ने लगीं.
गहरा चुम्बन लेकर बोलीं- चल अब कम उठा दे.

मैंने कहा- ओके मैडम … पहले मुँह में लंड लेकर प्यार करो ना!
वो कुनमुनाने लगीं- उन्ह … मुँह में नहीं.

मैंने कहा- बिना मुँह में दिए तो मैं चूत में पेलता ही नहीं हूँ … ये मेरा उसूल है.
मामी बोलीं- बड़े हरामी हो बेटा … पहली बार में ही सब करवा के मानोगे.

इन्हीं सब बातों के बीच हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े हटाने शुरू कर दिए थे.

जल्द ही मामी ने मेरे लंड को मुँह में भर लिया और मेरे आंड सहलाती हुई वो लंड का मजा लेने लगीं.
उनके लंड चूसने की अदा से मेरी तो हालत खराब होने लगी थी.

मामी भी लंड चूसती हुई बोल रही थीं- यार कितना बड़ा लौड़ा है आज तो मेरी फट ही जाएगी.

मैंने कहा- चूत तो आज तक किसी की नहीं फटी … हां थोड़ा बहुत खूना-खच्ची जरूर हो जाती है.
मामी हंसने लगीं.

मैंने कहा- मामी बहुत हुआ … अब आप अपनी चूत तो दिखाओ.
मामी बोलीं- तुम खुद ही देख लो.

मैंने फटाफट उनके जिस्म पर बाकी बची पैंटी को उतारा और उनको पूरी नंगी कर दिया.
मामी की चूत बहुत ज्यादा हॉट लग रही थी.

मैंने मामी से कहा- मामी जी, आपकी चूत बता रही है कि मामू ने ज्यादा इस्तेमाल नहीं की है.
मामी एकदम से बोलीं- हां ज्यादा क्या … वो मुझे बिल्कुल भी नहीं करते हैं. अब तुम ही मुझे शांत कर दो.

मैंने मामी से पूछा- मामा ने आपको आज तक कितने तरीके से चोदा है?
मामी बोलीं- अरे उनका काहे का तरीका … बस चढ़े और उतरे को कोई तरीका कहा भी जा सकता है क्या?

मैंने कहा- तो चलो आज हम दोनों थोड़ा अलग करते हैं.
मैंने मामी को 69 में लिटा दिया और उनके मुँह में लंड दे दिया. मैंने खुद उनकी चूत पर मुँह लगा दिया.

मैंने अभी मामी की चूत में जीभ घुसाई ही थी कि मामी ने अपनी चूत से लावा छोड़ दिया.
मैंने चूत का रस चाटते हुए कहा- क्या हुआ मामी जी, आप तो बड़ी जल्दी खौल गईं?

वो निढाल स्वर में कांपती हुई आवाज में बोलीं- आह … मैं बहुत प्यासी हूँ इसलिए आज पहले बार ऐसा हो गया … मेरी चूत को आज तक किसी ने ऐसे चाटा ही नहीं था.
मैंने मजाक करते हुए कहा- अच्छा आज तक ऐसे नहीं चाटा था … तो कैसे चाटा था?

मामी हंस कर बोलीं- अब मजाक मत करो … मेरे साथ अब तक ऐसा नहीं हुआ था.
मैंने सीधे होकर उन्हें चूमा और उनके मुँह में लगे मेरे लंड के प्रीकम के स्वाद को चाटा और उन्हें उनकी चूत के रस को चटाया.

सेक्सी मामी कुछ ही देर में फिर से एकदम गर्म हो गईं.
मैंने अपना मूसल मामी की Xxx चूत में पेला, तो मामी की चीखें निकलना शुरू हो गईं.

धकापेल मस्त चुदाई हुई.
मामी मेरे लंड से पूरी तरह से तृप्त हो गई थीं.

उस रात मैंने मामी को सोने नहीं दिया और सर्दी की उस रात में मैंने मामी को सारी रात नंगी रखकर कई बार पेला.
 

junglecouple1984

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जवान मौसी की चुदाई झाड़ियों में की



डियर फ्रेंड्स, मैं आपका दोस्त माणिक बिहार के बेगूसराय जिला के बेगमपुर से हूँ.
मेरे घर में हम सब मिला कर कुछ छह लोग रहते हैं. मैं 21 साल का हूँ. मेरी मम्मी 42 साल की हैं, पापा जी 46 के और तीन छोटी बहनें हैं.

पहली सरगम 22 साल की, दूसरी निशा 20 साल की, फिर सीमा 18 साल की.
हमारा घर बेगूसराय सिटी से 23 किलोमीटर दूर है.

आज जो कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ, वो 2013 के जून महीने की है.

हमारा घर तीन फ्लोर का है. ग्राउंड फ्लोर पर एक बड़ा हॉल और किचन है.
फर्स्ट फ्लोर पर चार मास्टर बेडरूम्स हैं. एक मम्मी और पापाजी का है. दूसरा मेरी तीनों बहनों का है. तीसरा मेरा बेडरूम है और एक गेस्ट रूम है.

मेरे और गेस्ट बेडरूम में सिर्फ़ एक बाथरूम है.
लेकिन मेरी बहनों और मम्मी पापा के बेडरूम में अलग अलग बाथरूम हैं.

चाचू सिटी बेगूसराय में रहते थे और दादाजी भी उनके साथ रहते थे.

जून 2013 में मैंने स्नातक का एग्जाम दिया था और रिज़ल्ट के आने को अभी दो महीने बाकी थे.

हमारे गांव में (मई से अगस्त) चार महीने फसल की कटाई होती है और उस समय दादाजी, चाचू और पापाजी दिन भर खेत पर ही रहते हैं.
वहां हमारा एक छोटा सा घर बना है. वो लोग रात में देर से घर आते हैं.

हालांकि सेक्स कहानी के इस भाग में इस सबको बताने का कोई अर्थ नहीं है.
फिर भी आपको कहानी पसंद आई तो इसके आगे भाग में आपको इन सब बातों से जुड़ाव होगा.

मेरे एग्जाम कंप्लीट हो चुके थे और मैं पापाजी के पास जाने वाला था.
तो मम्मी ने मुझसे कहा- माणिक, तेरी मौसी दिल्ली से नौ साल बाद कल सवेरे साढ़े सात बजे गांव आ रही हैं और तुझे कल उन्हें लेने बेगूसराय स्टेशन जाना है.
मैं- ठीक है मम्मी आप मुझे सवेरे पांच बजे उठा देना.

मम्मी- तू दो तीन दिन घर पर ही रहना और मौसी को ज़रा गांव घुमा देना.
मैं- ठीक है मम्मी, जैसी आपकी इच्छा.

अगले दिन मम्मी ने मुझे सुबह पांच बजे उठा दिया और मैं नहा धोकर चाय नाश्ता करके मौसी को लेने स्टेशन पहुंच गया.
ट्रेन समय से तीस मिनट देरी से चल रही थी.

मैंने इन्तजार किया.
ट्रेन प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर आ गई.

मैं प्लेटफॉर्म पर पहुंचा और मौसी के ट्रेन के डब्बे से बाहर आने का इन्तजार कर रहा था.
कुछ समय पश्चात एक 30-32 साल की औरत काले रंग की साड़ी में डब्बे के दरवाजे पर खड़ी होकर देखने लगी.

जिस समय वो झुक कर कुली ढूँढ रही थीं, उनकी साड़ी का पल्लू उनके कंधे से सरक गया.
मेरी नज़रें उनके मम्मों पर जा पड़ीं और एकदम गोरे गोरे बूब्स देख कर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.

अचानक उनकी नज़र मुझ पर पड़ी और वो मेरी तरफ देखने लगी थीं.

मैं उनकी ओर बढ़ा और पूछा- आप नेहा मौसी हो?
नेहा मौसी ने खुश होकर मेरी तरफ देखा और कहा- तुम मुझे नेहा बुला सकते हो!

मैं- कहां है आपका सामान?
नेहा- अन्दर कम्पार्टमेंट में है.

हम दोनों कम्पार्टमेंट में जाने लगे.
मौसी मेरे आगे आगे चल रही थीं. मौसी की गांड कमाल की मटक रही थी.

मैंने अपने लंड पर हाथ रखा और उसे छुपाने की कोशिश कर रहा था.

अचानक मौसी की सीट आ गई.
मौसी सीट पर बैठ कर नीचे से अपना बैग खींच रही थीं और एक बार फिर से उनका पल्लू उनके कंधे से सरक गया.
एक बार फिर से जलजला आ गया और उनके दूध मेरी नज़रों के सामने जलवा बिखेरने लगे थे.

मैं मौसी के मम्मों को निहार रहा था.

अचानक मौसी ने अपना मुँह मेरी ओर किया और मेरी नज़रों को पकड़ लिया.
फिर वो मेरे हाथ की ओर देखने लगीं.

मौसी हल्के से मुस्कुराईं और मुझसे बोलीं- ज़रा ये बैग बाहर निकालना, बहुत भारी है.
मैं- जी मौसी.

नेहा- फिर मौसी बोला, तुझे कहा ना … तू मुझे नेहा कहेगा.
मैं- ओके नेहा.

फिर मैं नीचे बैठ गया और बैग को पुल करके सीट के नीचे से निकाल दिया.
मौसी के पास एक बड़ा बैग और दो ट्रॉली बैग्स थे.

हमने तीनों बैग ले लिए और तुरंत कम्पार्टमेंट से बाहर आ गए.

हम दोनों स्टेशन से बाहर गाड़ी के पास पहुंच गए.
मौसी का सामान गाड़ी में रख कर हम घर की ओर चल पड़े.

गाड़ी में बैठते ही मौसी ने अपने हैंडबैग से पानी की बोतल निकाली और पानी पीने लगीं.
कुछ पानी मौसी के गले में गया और कुछ उनके बूब्स पर गिरने लगा.

मेरा पूरा ध्यान मौसी की ऊपर नीचे होती छाती पर था.
मौसी के चूचे उनकी हर सांस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.

मैंने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की और हम घर की ओर निकल पड़े.

स्टेशन से घर जाते समय रास्ते में मौसी ने पूछा- माणिकशु तेरे एग्जाम हो गए?
मैं- हां मौसी.

नेहा- आगे क्या करने का विचार है?
मैं- किसी मल्टीनेशनल कंपनी में कुछ साल जॉब करना चाहता हूँ.

नेहा- अगर जॉब करनी है, तो तू दिल्ली आ जा, तेरे मौसा जी कुछ ना कुछ अरेंज कर देंगे.
मैं- जैसा आप कहें.

नेहा- तू तो बहुत हैडसम हो गया है?
मैं- आप भी तो बहुत खूबसूरत हो!

नेहा- मैं खूबसूरत हूँ? मुझमें ऐसा क्या अच्छा है?
मैं- आप तो सिर से पैर तक खूबसूरत हो!

नेहा- अच्छा … मुझमें ऐसा क्या है जो तुझे अच्छा लगता है?
मैं- सब कुछ.

नेहा- सच सच बता, तुझे मुझमें क्या अच्छा लगता है?
मैं- आप सब जानती हो.

नेहा- तू बता ना … तुझे क्या अच्छा लगता है. मैं किसी को नहीं बताऊंगी, प्रॉमिस.
मैं- मुझे आपके बूब्स और आपके बम्स दोनों बहुत अच्छे लगे हैं.

नेहा- हम्म … छोकरा जवान हो गया है … तेरी आंखों में वासना की झलक साफ़ नज़र आती है.
मैं- आपका फिगर भी बहुत सेक्सी है.

नेहा- मेरा फिगर तो एकदम तेरी मम्मी के जैसा है.
मैं- वो तो मुझे पता नहीं, पर आप बहुत सेक्सी लगती हो.

नेहा- तभी तो कहा कि तू एकदम जवान हो गया है और बहुत वासना भरी नज़रों से औरतों को देखता होगा.
मैं- अब आप हो ही इतनी खूबसूरत कि किसी भी आदमी का पैर फिसल सकता है.
नेहा- तेरे पैर का तो पता नहीं, पर तेरा कुछ और ज़रूर फिसलता दिख रहा है.

ये शब्द बोल कर मौसी जोर जोर से हंसने लगीं.
मैंने भी अपने एक हाथ को मौसी के कंधे पर रख दिया.

नेहा- मुझे लगता है, हम दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन सकते हैं?
मैं- ऐसा क्यों?

नेहा- हम दोनों की सोच बहुत मिलती-जुलती है.
मैं- जैसी आपकी इच्छा!

नेहा- माणिक में तुझसे सिर्फ़ 8 साल बड़ी हूँ और तुझे मौसी ना बोला कर.
मैं- ओके … मैं आपको कभी कभी मौसीजी कहा करूँगा.

नेहा- ठीक है … फिर उस समय मेरे पैर छूकर आशीर्वाद भी ले लिया कर.
मैं- पैर छूकर या कुछ और चूम कर?
नेहा- हां पता है. बहुत देर से तू कुछ चूमने के प्रयास में है.

बातों बातों में मैंने मौसी के पल्लू को उनके कंधे से सरका दिया और मौसी के बूब्स के दर्शन होने लगे.
मौसी ने ब्लैक कलर का स्लीवलैस, गहरे गलेवाला ब्लाउज पहना हुआ था. मौसी भी मेरी ओर देख रही थीं.

नेहा- माणिक गाड़ी कहीं साइड में रोक यार … मुझे बहुत ज़ोर से सुसु आ रही है.
मैं- ठीक है मौसी, कुछ आगे एक टर्निंग है, वहां गाड़ी रोकता हूँ.

कुछ आगे चलने के बाद मैंने गाड़ी लेफ्ट साइड मोड़ दी. फिर कच्चे रास्ते पर गाड़ी ले जाकर रोक दी.
गाड़ी के चारों ओर घनी झाड़ियां थी. मैंने गाड़ी ऐसी जगह रोकी थी कि किसी को हम लोग तो क्या .. गाड़ी भी दिखाई न दे.

मौसी ने गाड़ी का गेट खोला और सामने झाड़ियों में जाने लगीं.
अचानक वहां से एक कुत्ता निकल कर भगा और मौसी एकदम डर गईं.

मैंने तुरंत गाड़ी का इंजन बंद किया और नीचे उतर गया.
मैं मौसी के पास पहुंचा तो मौसी थोड़ी सी डरी हुई थीं.

मैंने अपना एक हाथ मौसी की कमर में रखा और उन्हें अपनी ओर खींच लिया.
मौसी तुरंत मुझसे लिपट गईं और उनका बदन सिहरने लगा था.

मैंने मौसी को अपने शरीर से लिपटा लिया और धीरे से उनके कान में बोला- चिंता मत करो नेहा, मैं तुम्हारे साथ हूँ.
नेहा- थैंक्स माणिक.
मैं- योर वेलकम.

नेहा- माणिक मेरा एक काम करेगा?
मैं- हां मौसी … आप जो बोलोगी, मैं वो सब करूँगा.

नेहा- मेरे हैंडबैग में मेरा एक ट्रैक सूट पड़ा है, वो लाकर मुझे दे दो.
मैं- ओके मौसी.

मैं तुरंत गाड़ी में से मौसी का ट्रैक सूट लेकर उनके पास आ गया.

मैं- मौसी ये लो आपका ट्रैक सूट.
नेहा- तू पूछेगा नहीं कि मैंने ट्रैक सूट क्यों मंगाया?

मैं- आप डर गयी थीं इसलिए हो सकता है आपकी सुसु कपड़े में ही निकल गयी है और आपको चेंज करना हो?
नेहा- तू हैंडसम तो है ही और साथ ही बड़ा होशियार भी है.

मैं कुछ नहीं बोला और मैंने अपना एक हाथ मौसी के कंधे पर रख दिया.
मौसी का ब्लाउज स्लीवलैस था, जिसके कारण मेरे हाथ की गर्मी मौसी के बदन को गर्मा रही थी.

नेहा ने पलट कर मेरी ओर देखा और धीरे से झाड़ियों में जाने लगीं.
मौसी ने पलकें झपका कर मुझे पीछे आने का आमंत्रण दिया और मैं समझ गया कि आज रोड सेक्स का मजा मिलने वाला है.
मैं भी उनके पीछे झाड़ियों में चला गया.

झाड़ियों में 7 से 8 मीटर चलने के बाद मौसी अचानक रुक गईं.
मैं भी रुकना चाहता था पर हम दोनों के शरीर एक दूसरे से टकरा गए.

मैंने धीरे से अपना हाथ, जो मौसी के कंधे पर रखा था … उनके पेट पर रख दिया और उन्हें अपने शरीर से एकदम से सटा लिया.

अब मेरा खड़ा लंड मौसी की गांड में टच हो रहा था.
मैंने अपने दोनों हाथ मौसी के मम्मों पर रख दिए और उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा.
मौसी की ओर से कोई विरोध ना पाकर मेरा साहस एकदम से बढ़ गया और मैंने मौसी की साड़ी उनकी कमर से निकाल कर नीचे ज़मीन पर डाल दी.

अब मौसी सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.
मौसी ने भी अपना हाथ पीछे की ओर बढ़ाया और मेरे लंड को मेरी पैंट पर से ही सहलाने लगीं.

मैंने तुरंत अपने एक हाथ से मौसी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वो मौसी के चरण स्पर्श करने लगा.

अब मौसी मेरी ओर घूम गईं और उनके दूध मेरी नजरों के सामने थे.
मैंने तुरंत मौसी के मम्मों को मसलना शुरू कर दिया और मौसी के ब्लाउज को खोल कर अलग कर दिया.

मेरी मौसी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में खड़ी थीं.
मौसी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरी पैंट का बेल्ट खोल दिया, पैंट को मेरे पैरों में गिर जाने दिया.
मैंने तुरंत अपनी टी-शर्ट को भी उतार दिया और नीचे ज़मीन पर बिछा दिया.

उन्होंने अपने हाथ अंगड़ाई की मुद्रा में ऊपर किए तो मैंने मौसी की ब्रा का हुक खोल दिया और उसे उनकी साड़ी व पेटीकोट के साथ रख दिया.
मौसी के 36 साइज़ के तने हुए दूध देख कर मेरा लंड अंडरवियर में कड़क होने लगा.

मौसी ने अपने एक हाथ से मेरी अंडरवियर को नीचे की ओर खींच दिया.
मैंने भी समय नष्ट नहीं करते हुए मौसी की पैंटी को उनके शरीर से अलग कर दिया.
अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे.

मैंने मौसी को अपनी टी-शर्ट पर लिटा दिया और उनके मम्मों को बारी बारी अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

नेहा- आह माणिक … ज़रा धीरे करो … जब तुम इतने जोर से चूसते हो तो बहुत दर्द होता है यार!
मैं- इतने खूबसूरत बूब्स जब सामने हों तो कंट्रोल नहीं होता है. नेहा मेरी जान आपके बूब्स, गांड की तरह बहुत खूबसूरत हैं.

Xxx आंटी नेहा बोली- तू तो बड़ा चोदू लगता है!
बातों बातों में मैंने अपनी एक उंगली मौसी की चूत में डाल दी और मौसी एकदम से बोल पड़ीं- आह बेदर्दी … ज़रा धीरे कर ना. महीनों से चुदी नहीं हूँ.
मैं- मौसाजी का लंड उठता नहीं है क्या? आपके जैसी औरत मेरी पत्नी हो, तो मैं उसे महीने में सौ बार चोदूं और चूत का भोसड़ा बना कर रख दूँ.

नेहा- तेरे मौसाजी को हर समय अपने बिजनेस की पड़ी होती है.
मैं- लगता है, आपके साथ दिल्ली चलना पक्का करना पड़ेगा.

नेहा- अभी तो मैं तेरे पास दो महीने हूँ. देखती हूँ कितनी बार मुझे संतुष्ट करता है?
मैं- मौसी इन दो महीनों में आपकी गोद तो भर ही दूँगा.

नेहा- अगर तूने इन दो महीनों में मुझे गर्भवती कर दिया, तो तुझे इतनी चूत दिलाऊंगी कि तू चोदते चोदते थक जाएगा.
मैं- तो फिर आप घर जा कर गेस्टरूम में नहीं रूकना. मेरे रूम में एक सिंगल बेड पड़ा है, वहीं डेरा डाल देना.

मौसी- अरे कहीं भी रुकूँ, उससे क्या होता है. रात तो तेरे पहलू में ही गुजारूंगी मेरी जान.

तब तक मैंने मौसी की दोनों टांगों को फैलाया और अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया.
मौसी की चूत एकदम सफाचट और एकदम शीशे की तरह साफ़ थी.

मेरे चूमते ही मौसी एकदम से उछल पड़ीं और अपने एक हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगीं.
मैं भी मौसी चूत की सुगंध पाकर एकदम मदहोश हो गया था और अपनी जीभ को उनकी चूत के अन्दर डालने का प्रयास कर रहा था.

मौसी ज़ोर ज़ोर से सीत्कार करने लगीं और कुछ ही पलों में उनके पैर अकड़ने लगे.
मैं समझ गया कि मौसी झड़ने वाली हैं. मैंने अपनी जीभ को मौसी की चूत में और अन्दर डालने का प्रयास करने लगा.

फिर अचानक मौसी की चूत ने पानी छोड़ दिया और उनका पूरा माल मेरे मुँह में चला गया.
मैंने देखा कि मौसी एकदम से ढीली पड़ गईं और उन्होंने अपने शरीर को निढाल छोड़ दिया.

मैंने टांगों से उठ कर अपना लंड मौसी के मुँह के पास रखा और उसे अन्दर डालने का प्रयास करने लगा.
मौसी ने भी अपना मुँह खोला और मेरे लंड के सुपारे को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.

मौसी जिस समय मेरा लंड बड़े मज़े से चूस रही थीं, तभी मैंने 69 में आकर मौसी की चूत पर अपना मुँह लगा दिया और फिर से चूत चाटने लगा.
अब मौसी से कंट्रोल नहीं हो रहा था.

नेहा- माणिक अब तू अपना लंड मेरी चूत में डाल दे, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है.
मैं- थोड़ा धीरज रखो मेरी जान.

इतना बोल कर मैं मौसी की चूत को किसी कुत्ते की तरह से चाटने लगा.
कुछ समय बाद मैंने अपना लंड मौसी के मुँह से निकाला और मौसी की चूत के होंठों पर रगड़ने लगा.

नेहा- अब और कितना तड़पाएगा … हरजाई कहीं के … आह जल्दी से डाल दे मेरी चूत में अपना लंड और आज मुझे एक बार फिर से औरत बना दे.
मैं- जान अब ये लंड रोज़ आपकी चुदाई करेगा … और आपकी बंजर ज़मीन पर अपने बीज से फंसल उगाएगा.

इतना बोल कर मैंने अपने लंड का सुपारा मौसी की चूत के मुँह पर रख दिया और मौसी कसमसाने लगीं.

कुछ सेकेंड रुक कर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा.
मगर मेरा लंड स्लिप हो गया और निशाना चूक गया.

मैंने तुरंत अपने लंड पर मौसी की चूत का पानी लगाया और बड़ी सावधानी से लंड के टोपे को उनकी चूत में घुसा दिया.
मौसी की आंखों से आंसू बहने लगे थे.

मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा तीन चौथाई लंड मौसी की चूत को चीरता हुआ अन्दर प्रवेश कर गया.
मौसी ज़ोर से चीख पड़ीं और कराहने लगीं- आह मर गई … आह जल्दी से बाहर निकाल इसे … मेरी चूत फट जाएगी.
मैं- मेरी जान धीरज रखो … थोड़े समय में आपको स्वर्ग का मज़ा मिलेगा.

नेहा- तुमने मेरी चूत को फाड़ कर रख दिया है … मेरी चूत लहूलुहान हो गयी है.
मैं- मेरी जान ये दर्द तो कुछ ही समय का है, इसके बाद जो मज़ा आएगा, वो जीवन भर रहेगा.

कुछ समय तक मैं ऐसे ही शांत पड़ा रहा और फिर से एक और ज़ोरदार झटका मार कर पूरा लंड मौसी की चूत में पेल दिया.
मौसी दर्द से छटपटाने लगीं और अपना सिर इधर उधर करने लगीं.

मैं कुछ समय तक शांत पड़ा रहा और जब मौसी का छटपटाना कम हुआ, तो मैंने अपना लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
कुछ समय तक मैं धीरे धीरे मौसी की चुदाई करता रहा.

नेहा- आह अब मज़ा आ रहा है.

मैं- मौसी आपकी चूत तो एकदम कुंवारी लड़की की तरह है.
नेहा- पता है तुझे, मुझे तेरे मौसाजी से चुदे पांच महीने हो गए है और वो भी 08 से 10 धक्के मार कर सो जाते हैं. फिर मुझे अपनी उंगलियों से काम करना पड़ता है.
मैं- मौसी आपके जैसी बीवी अगर बिस्तर पर हो … तो मैं 20 से 25 मिनट तक चोदता रहूं.

मौसी से बातें करते समय मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मौसी की सिसकारियां भी बढ़ गईं.
कोई 20 मिनट तक मैं मौसी को चोदता रहा था.

अब मेरा लंड एकदम कड़क हो गया और मौसी के पैर अकड़ने लगे.
हम दोनों एक दूसरे का साथ देने लगे और तभी मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी.
मौसी भी झड़ गईं.

कुछ समय तक हम दोनों उसी अवस्था में पड़े रहे. उसके पश्चात हम एक दूसरे से अलग हुए.

मौसी ने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चाट कर साफ़ कर दिया.
मैंने मौसी की चूत को अपनी अंडरवियर से साफ़ कर दिया.

मौसी ने जल्दी जल्दी अपना ट्रैक सूट पहन लिया और हम दोनों गाड़ी में बैठ कर घर की ओर चल पड़े.
 

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डॉक्टर ने मम्मी की जवानी लूटी-1




यह कहानी मेरी मम्मी की है. मेरी मम्मी ने यह पुरानी घटना अपनी एक सहेली को मेरे सामने ही बतायी थी जिसे मैंने सुन लिया था. तब मेरी उम्र कम थी तो मम्मी ने सोचा कि मुझे यह बात समझ नहीं आयेगी.

उस वक्त तो सच में मुझे कुछ समझ नहीं आया था पर अब जब मुझे वो बातें याद आती हैं तो सब समझ आता है.


हम लोग काफी अमीर हैं.
मगर मेरी मम्मी सीधी सादी घरेलू औरत हैं. जिन्हें एक बार एक प्राब्लम के चलते डॉक्टर के पास जाना पड़ा.
डॉक्टर के पास उस समय कोई मरीज नहीं होता था, इसलिए मम्मी ने उस समय को चुना।

दरअसल मेरी मम्मी मम्मी की छातियों से दूध बहुत निकल रहा था.
तो डॉक्टर ने उन्हें कहा- पीछे आइये!
और पर्दा गिराकर बोला- अपने बूब्ज़ दिखाइए!

मम्मी ने सोचा कि डॉक्टर है तो इससे क्या छिपाना!
मम्मी ने अपना ब्लाउज ऊपर कर दिया,

मैं आपको बता दूं कि मेरी मम्मी ब्रा-पैंटी नहीं पहनती।

डॉक्टर ने कहा- इनको दबाइए जरा!
तो मम्मी अपनी एक चूची को हल्के से दबाया.

डॉक्टर बोला- ऐसे नहीं!
और उसने अपने दायें हाथ से मम्मी की चूची पकड़ कर जोर से दबा दिया.

डाक्टर के मुंह पर मम्मी के दूध की जोरदार धार पड़ गई और डॉक्टर ने उसे हाथ से पौंछकर अपने मुंह में चाट लिया।

उसकी इस हरकत से मम्मी शरमा गई.

तब डॅाक्टर बोला- अभी के लिए इंजेक्शन दे रहा हूं, रात को चेकअप के लिए आपको यहां रूकना पड़ेगा.

तो मम्मी घर फोन कर बता दिया कि आज उन्हें डॉक्टर के यहां रूकना पड़ जायेगा।

फिर डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लेने के लिए साड़ी उठाने को कहा.

मम्मी बिस्तर पर लेट गई और अपनी साड़ी उठा ली.

डॅाक्टर मम्मी के चूतड़ों पर इंजेक्शन लगा ही रहा था कि मम्मी की झांटों वाली बुर दिख गई।

डॉक्टर मम्मी की चूचियां मसल कर पहले से ही गर्म था, वो मेरी मम्मी की नंगी बुर देख पगला उठा।

जैसे तैसे दिन कटा और रात में मरीज आना बंद हो गये, उसने अपना क्लीनिक बंद किया और अब केवल वो और मम्मी थे।

डॉक्टर लुंगी में आ गया.
वहां डॉक्टर ने खाना मंगवाया और दोनों ने खाया।

डॉक्टर ने जानबूझकर कर नीचे अंडरवियर नहीं पहना था इसलिए मम्मी को उसके लंड का भरपूर नजारा मिल रहा था.
लंड अचानक लुंगी से बाहर आ गया।

मम्मी कुछ देर चुप रही, फिर बोली- अपना कपड़ा सही कर लीजिए, आपका बाबू बाहर आ गया है।
डॉक्टर मुस्कुरा कर बोले- बहुत दिन से कोई दुधारू भैंस नहीं देखी इसने … इसलिए!

मम्मी को बहुत गुस्सा आया उसके ऊपर कि वो उन्हें दुधारू भैंस क्यों बोल रहा है।

तब मम्मी बोली- ठीक है डाक्टर साहब अब चेकअप कर लीजिए.

उसने कहा- ठीक है!

रात के ग्यारह बज रहे थे, डॉक्टर मम्मी को अपने बिस्तर पर ले गये.
तो मम्मी उससे पूचा- मरीज वाले सेक्शन में क्यों नहीं जा रहे हो?

तब डाक्टर बोला कि स्ट्रेचर गंदा हो जायेगा।

बेडरूम में पहुंचकर उसने मम्मी को लेटने को कहा और ब्लाउज उतारने को कहा.

मम्मी के पास कोई विकल्प नहीं था, मम्मी ने ब्लाउज उतार दिया.

डॉक्टर ने मम्मी की साड़ी नीचे करके जोर से मम्मी की चूचियां दबा दीं.
मम्मी की चूचियों से दूध की धारा बहने लगी.

तब मम्मी डॉक्टर का हाथ पकड़ कर सिसक उठी.
डॉक्टर ने कहा- आपके हाथ बांधने होंगे, ऐसे तो आप मुझे मेरा काम नहीं करने दोगी.

मम्मी ने पता नहीं क्यों हां कह दिया.

डॉक्टर म्मी के हाथ बांधकर मम्मी की चूचियां और तेजी से मसलने लगा.
तब चूचियों से खूब दूध निकला.

यह देख डॉक्टर बोला- इन्हें अगर मैं अपने मुंह में नहीं लूंगा तो पूरा बिस्तर आप खराब कर देंगी.

उसने मम्मी की एक चूची मसलते हुए मुंह में भर ली और जोर से दबा दिया, सारा दूध पी गया.

तब डॉक्टर बोला- वाकई भैंस दुधारू है.

मम्मी बोली- ऐ डॉक्टर, अपनी औकात में रहो, तुम्हारे जैसे लोग मेरे घर में नौकर हैं!

डॉक्टर गुस्से में बोला- साली रंडी दुधारू भैंस, तेरी चूत का अभी भरता बनाता हूं!

उसने मम्मी की साड़ी अलग कर दी और पेटीकोट के अंदर घुस कर अपनी लुंगी अलग कर दी और मम्मी की चूचियां मसल मसल कर चूसने लगा

मम्मी की चूत पर डॅाक्टर का लंड गड़ने लगा।
मम्मी उसे कहने लगी- डॉक्टर ये क्या कर रहे हो आप?

डॉक्टर मम्मी की नंगी जांघ एक थप्पड़ मार कर बोला- चुप एकदम चुप .. मैं जो कर रहा हूँ, उसका मजा लो!
और डॉक्टर मम्मी के होंठ चूसने लगा.

और उसने मम्मी की चूचियां इतनी मसली कि उनसे निकले दूध से डाक्टर की छाती भीग गई.

अब तक मम्मी की Xforum जाग चुकी थी.
मम्मी उससे वासना में लिपट गई और डॉक्टर ने उनके हाथ खोल दिया।

डाक्टर अपना लंड मेरी मम्मी की चूत में घुसेड़ कर अन्धाधुंध चोदने लगा.
मम्मी आह आह करती रही और डाक्टर चोदने के साथ साथ उनकी चूचियां मसल मसल कर चूस रहा था.

डॉक्टर ने मम्मी की टांगों को ऊपर उठाकर अपने कन्धों पर रख कर जी भर के चोदा और शांत हो गया।

कुछ देर बाद डॉक्टर का लंड दोबारा खड़ा हो गया.
इस बार डॉक्टर मम्मी की गांड में लंड डाल कर उनकी चूचियां मसल मसल कर चोदने लगा. मेरी मम्मी की गांड अनचुदी थी तो गांड से खून निकल आया.

कुछ देर बाद डॉक्टर ने मम्मी के मुंह में लंड घुसेड़कर दिया।
वो मम्मी का मुंह चोदने लगा और कुछ देर बाद उनके मुंह में झड़ गया।

फिर को उठा कर उनकी जांघों को दबा कर अपनी जांघों से उनकी छातियों को अपनी मुट्ठी में पकड़ कर उनकी चूत चोदने लगा.
पट पट की आवाजों से कमरा गूंज उठा और मम्मी कराहने लगी।

मम्मी अकड़ कर झड़ गयी और डाक्टर भी झड़ कर उनके सीने पर लेट गया.
मेरी मम्मी अपने तीनों छेद चुदवाने के बाद एकदम बेहाल हो चुकी थी।

डॉक्टर उनको करवट लिटा कर उनके बगल से हाथ डाल कर एक हाथ से उनकी चूचियां पकड़ ली और दूसरा हाथ मम्मी की बुर में घुसेड़ दिया और उंगली करते हुए उनकी पसीने से भरी कांघ अपनी नाक से सूंघता रहा।

मम्मी एक वहशी मर्द के आगोश में छटपटा रही थी और वो अपनी हवस में मम्मी को जी भर के मसल रहा था।

उसने मम्मी को उठा लिया और उनकी जांघों को पकड़ कर मम्मी को उछाल उछाल कर चोदने लगा।
मम्मी की चूचियां ऊपर जातीं और डॉक्टर के सीने की रगड़ के साथ नीचे गिरतीं.

मेरी सेक्सी मम्मी मारे वासना के डॉक्टर के गले से चिपक गई और डॅाक्टर अपनी गोद में मम्मी को उछाल उछाल कर चोदता रहा।

मम्मी को उसी स्थिति में लेकर डॉक्टर रजाई में घुस गया और जब तक होश रहा मम्मी को चोदता रहा।

सुबह मम्मी की जब नींद खुली तो मम्मी डॉक्टर की बांहों में नंगी पड़ी थीं.

तभी डॉक्टर की नींद खुली, उसने मम्मी को कहा- मस्त माल हो तुम! तुम चूचियां मसल मसल कर चोदने का अपना मजा है, तुम्हारा सारी रात दूध पिया है, तुम्हारे जिस्म के हर हिस्से का सुख भोगा है और अब तुम मेरी कुतिया हो, जब चाहूंगा मेरे बिस्तर में मेरे साथ नंगी सोएगी।

डॉक्टर ने मेरी मम्मी की चूचियां मसलते हुए पांच मिनट किस किया और छोड़ दिया।
 

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डॉक्टर ने मम्मी की जवानी लूटी-2



कुछ दिन बाद एक पार्टी में मैं और मम्मी गए थे. वहां मुझे वही डॉक्टर मिला जिसने मेरी मम्मी को क्लिनिक में चोदा था.
लेकिन मैंने पहले उस डॉक्टर को देखा नहीं था, सिर्फ मम्मी के मुखसे पूरी कहानी सुनी थी जब मम्मी अपनी एक सहेली को पूरी घटना बता रही थी.

ये उसी कहानी के आगे की कहानी है … मजा लीजिए.

पार्टी में मेरी मम्मी बहुत सुंदर लग रही थीं. उन्होंने काले रंग की साड़ी और सफ़ेद ब्लाउज पहना था.

हम दोनों पार्टी में पहुंचे, तो मम्मी ने मुझे लोगों से मिलने को कहा.
मैं टहलने लगा.

तभी एक आदमी सिर से टकला था, जिसके सर के किनारे किनारे पर ही कुछ कुछ बाल बचे थे. वो चेहरे से एकदम अजीब, काला-कलूटा था, पर शरीर से हष्ट पुष्ट था.
वो मेरे पास आया और मुझे अकेले देखकर बात करने लगा.

वो बोला- यार, ये पार्टी बहुत बोरिंग है.
मैं कुछ बोलता, इसके पहले ही उसने आगे कहा- पर इधर माल बहुत जबरदस्त आए हैं, वो देखो!
मैंने बिना देखे कहा- हां वो तो है.

वो साला मेरी मम्मी की तरफ ही उंगली दिखा कर मम्मी को जबरदस्त माल बोल रहा था.
पहले तो मुझे गुस्सा आया कि भोसड़ी वाले को कुछ मां बहन की गालियों से विभूषित कर दूँ मगर फिर सोचा कि देखता हूँ … और क्या क्या कहता है.

हम ऐसे ही बातचीत करने लगे और बातों ही बातों में उसने बताया कि वो एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ है.
मैंने उससे उसका क्लीनिक पूछा, तो जो उसने जवाब दिया वो सुनकर मुझे हैरानी हुई.

यह वही क्लीनिक था, जहां मम्मी ने अपना इलाज करवाया था.
मैं डॉक्टर से ऐसे ही उसके क्लीनिक में आने वाली औरतों के विषय में बात करने लगा.

फिर मैंने अपनी मम्मी की ओर इशारा करके कहा- वो ब्लैक साड़ी वाली आंटी के लिए आप कुछ कह रहे थे ना कि बड़ा कहर ढा रही हैं. सच में आपकी नजरें बड़ी पारखी हैं. उनके पति कितने खुशनसीब होंगे, जो उन्हें ऐसी बीवी मिली.

अंकल की आंखों में भी चमक आ गई.
उसने धीरे से कहा- किसी से कहना मत, ये इलाज के लिए मेरे पास आई थी. मैंने इसका रात भर इलाज किया था. सच में अपनी पत्नी चोदकर भी इतना सुख नहीं मिला था, जितना इसे एक रात में चोदकर मिला था.

उसे अब तक पता नहीं था कि वो मेरी मम्मी हैं.
मैंने उससे कहा- झूठ … ऐसा हो ही नहीं सकता, कहां आप? और कहां वो? वो आपको कभी भाव भी नहीं देगी.

डॉक्टर बोला- चेहरा नहीं, इसे लंड से मतलब है. पहले खूब नौंटकी की थी, पर बाद में खूब उचक उचक कर चुदवा के गई थी.
मैं उसकी बात सुनकर गर्म होने लगा था.

डॉक्टर आगे बोला- इसकी चूचियां दबाने में बहुत मजा आया था.
उत्तेजना के कारण डाक्टर अपना लंड सहलाने लगा.

मैंने कहा- आप झूठ बोल रहे हैं.

हालांकि वो शायद सही कह रहा था. इसका कारण ये था कि मेरी हॉट माँ बहुत दिनों से चुदी नहीं थीं. कई बार तो मैंने खुद उन्हें केले से अपनी चूत रगड़ते देखा था.

मैं अब दिल से चाहता था कि मेरी मम्मी को फिर से एक मर्द का सुख मिले … और ये डाक्टर तो वैसे भी एक बार उनकी चूत ले चुका था.

तब तक मम्मी अकेली हो गईं.
तो डाक्टर ने मुझसे कहा- अच्छा देख, मैं उससे बात करने जा रहा हूं.

डाक्टर जैसे ही मम्मी के पास गया, मम्मी शर्म से लाल हो गईं और थोड़ा घबरा भी गईं.
डॉक्टर ने मम्मी से बातचीत की.
उन्होंने बहुत कम जवाब दिया.

फिर अचानक दोनों साथ कहीं जाने लगे.
मैं भी पीछे पीछे चला गया.

मैंने देखा कि पीछे की जगह पर सुनसान था.
उधर वो डॉक्टर जोर जोर से ब्लाउज के ऊपर ही मम्मी के भोंपू दबा रहा था और उन्हें लिप किस कर रहा था.
मम्मी कसमसा रही थीं मगर मना नहीं कर रही थीं.

दोनों में कुछ बातचीत हुई और फिर दोनों लोग अलग हो गए.
डाक्टर मेरे पास आया और बोला- देख छोटू, तेरी माल आंटी तैयार है. ये साली आज रात भर मुझे दूध पिलाएगी. आ मेरे साथ चल, तू भी देख लेना नजारा!

मैंने सोचा कि मम्मी मुझे देख कर सही से चुद नहीं पाएंगी इसलिए मैंने उससे कहा- कहीं वो मुझे देख कर आपको मना न कर दें.
वो बोला- क्यों मना करेगी?

मैंने उन्हें कहा- मैं उनके पड़ोस में रहता हूं तो मुझे भी दिक्कत हो सकती है. मैं आप दोनों को करते हुए देख लूँगा मगर ये बात उन्हें पता नहीं होना चाहिए.
डाक्टर ने अपना क्लीनिक का पता बताया और चाभी देकर कहा- मेरे घर में दो कमरे हैं जिसका सीसीटीवी मेन ऑफिस में है. तू वहीं से सबकुछ देख लेना.
मैंने कहा- ठीक है.

अब मैंने मम्मी के पास जाकर कहा- मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही है. इसलिए मैं घर जा रहा हूँ.

मम्मी बोलीं- ठीक है जाओ. मुझे आज आंटी के घर रूकना है.
मैं समझ गया कि मम्मी की चूत में चींटियां रेंग रही हैं, ये आज चुदाई का मजा लेकर ही आएंगी.

मैं उधर से गया और डाक्टर के केबिन में पहुंच कर उन दोनों के आने का इंतजार करने लगा, टीवी ऑन करके सीसीटीवी पर नजारा देखने लगा.

कुछ दस मिनट बाद अचानक से अन्दर वाले कमरे का दरवाजा खुला. डॉक्टर और मम्मी दोनों अन्दर आते दिखे.

डॉक्टर ने तुंरत दरवाजा बंद कर दिया और मेरी मम्मी के दूध दबाने लगा.

वो मम्मी के चूचे मसलते हुए उनके होंठों को चूसने लगा.
मम्मी उसका टकला सर सहलाने लगीं.

कुछ ही देर में उसने मम्मी की साड़ी अलग की और उनके पेटीकोट को खोल दिया.
मेरी हॉट माँ केवल पैंटी और ब्लाउज में रह गई थीं.

मम्मी भी उसकी शर्ट के बटन खोलने लगीं और उसकी शर्ट और बनियान को उतार दिया.
डाक्टर ने मम्मी के ब्लाउज को उतार दिया.

अब मम्मी केवल ब्रा और पैंटी में थीं.
मम्मी ने डॉक्टर की चड्डी उतार दी और उसका लंड पकड़ कर अपनी पैंटी पर घिसने लगीं.

ये कमरा बगल ही था इसलिए मम्मी की कामुक आवाजें भी आ रही थीं.

डॉक्टर बोला- मेरा लंड इतना पसंद है या तुझे पति चोदता ही नहीं है?
मम्मी बोलीं- मेरे पति बाहर रहते हैं.
डाक्टर बोला- चिंता न कर रानी, तेरी भूख मेरा लंड मिटाएगा.

मैं पहली बार इस तरह से किसी गैर मर्द की बांहों में अपनी मम्मी को अधनंगी देख रहा था.

डॉक्टर उनके पीछे आ गया और ज़ोर ज़ोर से उनकी चूचियां दबाने लगा.
मेरी मम्मी मादक आवाज में चीखने लगीं और बोलीं- धीरे धीरे दबाओ.

एक अजनबी गंदा, काला सा मर्द मेरी सुंदर मम्मी को चोदने के लिए उन्हें अपनी बांहों में खींच कर मसल रहा था.

मम्मी कसमसा रही थीं और मैं मम्मी को किसी गैर की बांहों में देख कर कामुक हो रहा था.

उसने मम्मी को बेड पर लिटाया और उनकी टांगों को फैला कर अपना लंड एक ही झटके में अन्दर डाल दिया.
उनकी बांहों के बगल से उनका सर पकड़ कर होंठों को चूमता हुआ वो मेरी मम्मी को चोदने लगा.

मम्मी को शायद लगा होगा कि ये मर्द उनकी वासना को प्यार से मिटाएगा.

पर वो डॉक्टर जानवरों की तरह मम्मी के मुँह को चूसते हुए उनकी चूत पर ताबड़तोड़ झटके मारने लगा.
वासना के मारे मम्मी कहीं उसका सर नोचतीं कहीं, कहीं पीठ पर नाखून गड़ा देतीं.
पर उसे कहीं कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.

मम्मी की चूत में दर्द हो रहा था क्योंकि मम्मी बहुत दिनों बाद चुद रही थीं और मम्मी की कराहने की आवाज आ रही थी.

कुछ देर बाद मम्मी की आवाज आनी बंद हो गई थी और उनके जिस्म में कोई हलचल भी नहीं हो रही थी.

ये देख कर मैं डर गया कि मेरी मम्मी को न जाने क्या हो गया है.
मैं डरकर उनके कमरे में पहुंच गया.

अन्दर जाकर मैं ज़ोर से चीखा- अबे हरामखोर … ये मेरी मम्मी हैं … आराम से चोद भैन के लंड!
डाक्टर हक्का-बक्का और मम्मी भी एकदम सकपका गईं.

फिर डाक्टर ने कहा- मेरी फैंटेसी थी कि किसी औरत को उसके बेटे के सामने नंगी करके चोदूं. आज तेरे सामने ही तेरी इस छिनाल मां को चोदूंगा.
मैंने भी कह दिया- हां, चोदने को कहां मना कर रहा हूँ, पर ठीक से तो चोद.

मगर वो अपनी वासना में इतना पागल हो चुका था कि मेरे कहने पर भी उसने मम्मी को वैसे ही अंधाधुंध चोदना जारी रखा.

मम्मी मुझे चुपचाप देख रही थीं और डाक्टर झटके पर झटका मार रहा था.

अचानक से उसने मम्मी की दोनों चूचियों को दबाया और जोर से चिल्लाकर उनकी चूत में ही शांत हो गया.
वो आह करते और हांफते हुए मेरी मम्मी से बोला- आह क्या माल है मादरचोद तू!

कुछ देर बाद वो डॉक्टर मेरी ओर घूमा और बोला- तू सामने खड़ा खड़ा अपनी मां चुदवा रहा था भोसड़ी के … पर जो भी बोल, साली मस्त माल है.
उसने मेरे ही सामने मम्मी को उठाकर अपनी गोद में बिठाया और उनकी चूचियों को दबाते हुए उनके होंठों को चूमने लगा.

मम्मी मुझे देखकर अपने आपको छिपाने लगीं मगर उस डॉक्टर ने मम्मी के हाथ पकड़ लिए और मुझे दिखा दिखा कर बोलने लगा- ये देख, तेरी मम्मी की चूचियां … ये तेरी मम्मी की चूत … जिससे तू निकला है भोसड़ी के … और ये देख तेरी रंडी मम्मी के नंगे चूतड़, जो मेरी नंगी जांघों पर, मेरे लौड़े पर नंगे रखे हैं. इस रांड को मैं एक बार पहले भी चोद चुका हूं.

वो मेरी मम्मी से खेलने लगा और मम्मी मुझसे पूछने लगीं- तुझे सब पता था?
मैंने हां कहा.
तो मम्मी थोड़ी चुप हो गईं.

मैंने कहा- कोई बात नहीं मम्मी, मैंने आपको तड़पते देखा था. आप अपनी भूख मिटा रही थीं, इसमें क्या गलत है.

तब तक डॉक्टर मम्मी के होंठों को चूसने लगा और उनके साथ सेक्स के दूसरे राउंड की तैयारी करने लगा.
मम्मी भी आगे कुछ बोल नहीं पाईं.

मैं वहां से निकल आया, पर मम्मी असहज हो गई थीं.

डॉक्टर ने मम्मी को खूब गर्म करने का प्रयास किया, पर मेरी मम्मी शिथिल हो चुकी थीं.
वो इस बात से व्याकुल हो गई थीं कि एक गैर मर्द पागलों की तरह उनके बेटे के सामने उन्हें नंगी करके चोद रहा है.

डॉक्टर ने मम्मी को बहुत समझाया, पर मम्मी उठकर जाने लगीं.
वो बोलीं- मुझे नीचे दर्द हो रहा है.

उस डॉक्टर ने मम्मी से बैठने को कहा- रुको मैं दवा दे देता हूँ. उससे तुम्हारी चूत का दर्द सही हो जाएगा.
मेरी मम्मी ने कुछ नहीं कहा.

डॉक्टर केबिन में आया तो देखा कि मैं अपना लंड साफ कर रहा था.
डाक्टर हंसने लगा और बोला- सोच तेरी मम्मी इतनी दुधारू माल है कि उसने तेरा माल भी निकाल दिया. इसकी चूत, एक दो चुदाई से शांत नहीं होगी.

असल बात ये थी कि मम्मी को किसी गैर के साथ ऐसे नंगे वहशीपन में चुदते देख वीर्य निकल गया था.
डाक्टर ने एक सीरिंज निकाली और दवा भरी.

फिर उसने मुझे बताया- ये एक कामोत्तेजक दवा है. तुम्हारी मम्मी जो अभी तुम्हारे कारण शर्मा रही हैं. इसे लगवाने के बाद वो रांड की तरह खुल कर चुदवाएगी. हालांकि मैं इसे इस्तेमाल करना नहीं चाहता था. पर जो भी हो, आज इस कुतिया को मैं सारी रात चोदना चाहता हूं.

मैं काफी देर से देख रहा था.
वो मेरी मम्मी के बारे में जितनी ज्यादा गंदी बातें करता, उसका लंड और ज्यादा तनता चला जाता.

डाक्टर नंगा ही मम्मी के पास लौट गया और दवा के लिए उन्हें नंगी हालत में ही अपनी जांघों पर लिटा लिया.
फिर उनके चूतड़ों में इंजेक्शन चुभो दिया.

कुछ देर तक वो मम्मी के चूतड़ों पर थप्पड़ मारता रहा.
मम्मी के पेट पर उसका लंड गड़ रहा था इसलिए मम्मी करवट हो गईं और बैठ गईं.

कुछ देर बाद जब दवा असर करने लगी, मम्मी अपने आप ही अपनी चूचियों को दबाने लगीं.
डॉक्टर ने मम्मी की बगल में हाथ डालकर उनकी चूचियों को पकड़ा और उन्हें अपनी ओर खींच लिया.

जैसे ही मम्मी उससे चिपक गईं, उसने जोर से मुझे गाली दी- बेटा, आज तेरी मां चोद दूंगा. साली रांड अपनी चूची दबा रही है … आ ले, खा ले मेरा लंड बुरचोदी. तेरा बेटा साला मादरचोद अपनी मां चुदवा रहा है, तेरी नंगी गोरी चिट्ठी गदराई मम्मी … मेरे जैसे मर्द की गुलाम है. इसे मैं अपनी बीवी बनाऊंगा.

वो मम्मी को और मुझे गालियां दे रहा था.
मम्मी उसका लंड चूसने लगीं.

मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मुठ मारने लगा.

उधर डाक्टर से नंगी मम्मी इस तरह लिपट कर उसके गंदे काले शरीर को ऐसे चाट रही थीं जैसे बरसों बाद उन्हें कोई मर्द मिला है.
उसने मम्मी को खड़ा किया और मेरी ओर घुमाकर खड़े खड़े माँ की गांड मारने लगा.

थप थप की आवाज आने लगी.
मेरी मम्मी पागलों की तरह चिल्लाने लगीं.

उसने मम्मी को पूरा जकड़ लिया और उनके मुँह को अपने हाथ से बंद कर उनके चूतड़ों पर धक्का मारता रहा.
मेरी हॉट माँ की गांड से खून निकल आया पर उन्हें दवा के प्रभाव से दर्द नहीं हो रहा था.

इसी बीच वो मम्मी की चूत को भी एक हाथ से रगड़ रहा था और मम्मी की चूत भी रिसने लगी थी.
वो अब आगे आ गया और खड़े खड़े उनकी चूत आगे से चोदने लगा.

मम्मी के होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और इतनी जोर जोर से धक्के मारने लगा जैसे मम्मी की चूत फाड़ डालेगा.
अचानक से मम्मी की चूत बहने लगी और डाक्टर की पकड़ भी ढीली होने लगी.

डाक्टर का वीर्य मम्मी की चूत में निकल गया.
फिर वो दोनों नंगे बिस्तर पर गिर पड़े.

कुछ देर बाद मम्मी फिर से उसका लंड सहलाने लगीं तो उसने मम्मी को बेड पर बिठाया और अपना लंड उनके मुँह में दे दिया.

डॉक्टर मेरी मम्मी का सर पकड़ कर उनका मुँह चोदने लगा और गालियां देते हुए बोला- सही से चूस मादरचोद … तेरा बेटा चाहता है कि मैं उसकी मां चोदूं. तेरा बेटा चाहता है तेरी नंगी चूचियां मैं दबाऊं. तुझे नंगा करके रात भर चोदूं. तू वो गर्म भैंस है, जो भैंसे के साथ बांध दी जाती है. मैं आज तेरा भैसा हूं, मेरी दुधारू भैंस … साली ले लौड़ा चूस.

उसने लंड मुँह से निकाला और मम्मी की चूचियां पीने लगा.

वो बोला- इन्ही चूचियों ने तुझे मुझसे चुदवा दिया. तेरे बेटे ने भी इन्हीं चूचियों को पिया है. आज इन आमों को चूस चूस कर खाऊंगा.
और वो मम्मी के निप्पलों के ऊपर दांत से काटने लगा.

मम्मी की चूचियों पर अगले दस मिनट में जगह जगह दांत गड़ाये जाने के निशान बन गए थे.
मम्मी दवा के नशे में थीं.
वो उसे अपने निप्पल पिला रही थीं.

उसने मम्मी को घोड़ी बनाया और उनके आमों को भींचते हुए चोदना शुरू कर दिया.
मम्मी धक्के खाती रहीं और कई पोजीशनों में उसने मम्मी को चोदा.

मम्मी को किनारे खड़ी करके, उनकी टांगें उठा कर, उन्हें लिफ्ट करके खूब चोदा.
इस तरह मम्मी को चुदती देख मेरा चौथी बार वीर्य निकल गया था.
फिर मैं सो गया.

सुबह के चार बजे नींद खुली तो मैंने देखा कि मम्मी औंधी बिस्तर पर पड़ी थीं और डाक्टर उनके ऊपर चूचियों को धीरे धीरे दबाते हुए लंड अन्दर बाहर कर रहा था.
मम्मी की चूत काफी खुल गई थी इसलिए आराम से उसका लंड अन्दर बाहर हो रहा था‌.

अचानक से वो मम्मी के दूध को मसलते हुए उनके होंठों को चूसने लगा.

मैंने देखा मम्मी की चूत से उसका वीर्य बहने लगा और वो मम्मी की छातियों पर अपना सर रखकर सो गया.
फिर उन दोनों को सोता देख, मैं भी सो गया.
 
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