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Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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कामुकता से भरपूर मेरा परिवार



मैं कानन बिलासपुर मध्य प्रदेश से हूँ. मेरी उम्र 19 साल है.

यह सेक्सी फॅमिली की चुदाई कहानी मेरी बड़ी बहन अरुणिमा और मेरी मम्मी के ऊपर है. वो बहुत खूबसूरत है. उसकी उम्र 21 साल है.

मेरे परिवार में हम चार लोग हैं, मेरे मम्मी पापा, मैं और बड़ी बहन है.
मैं गरीब परिवार से हूँ, मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है.

मेरे पापा कुछ काम की वजह से बाहर गये हुये थे.

यह बात करीब 15 दिन पहले की है.

मेरी बहन अरुणिमा एक दिन घर के आँगन में नहा रही थी.
उसी टाइम मैं स्कूल से घर आया.

माँ मार्केट गयी थी.
मैं अंदर गया तो मेरे होश उड़ गये.

मैंने देखा कि मेरी बहन अरुणिमा एकदम नंगी होकर नहा रही थी.
उसका चेहरा दूसरी तरफ था इसलिये वो मुझे नहीं देख सकी.

मैं तुरंत दूसरे कमरे में चला गया.
उस कमरे में बहुत अँधेरा रहता है.

मैं वहां खिड़की से नंगी बहन को नहाते हुये देखने लगा. उसकी गोरी चिकनी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने पहली बार अपनी सेक्सी जवान बहन की गांड देखी थी.

मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरी अरुणिमा दीदी इतनी सुंदर होगी.
वासनावश मैं अपना लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगा.

तभी अरुणिमा दीदी सीधी होकर नहाने लगी.
उसकी बड़ी बड़ी चूची और चूत देखकर मेरे लंड से पानी निकलने लगा.

मैंने कभी भी अरुणिमा दीदी को चोदने का नहीं सोचा था लेकिन मैंने आज सोच लिया था कि मैं अरुणिमा दीदी के कामुक शरीर का मज़ा ज़रूर लूँगा.

मैंने अरुणिमा को पूरा वक्त नंगी नहाते देखा.
फिर उसने कपड़े पहन लिये और अरुणिमा करने के लिये मंदिर वाले कमरे में चली गयी.

फिर मैं भी धीरे से बाहर आकर वापस घर में आया.

फिर उसी दिन शाम को दीदी बालकनी में खड़ी थी.
मैं भी उसी समय जाकर खड़ा होकर दीदी से बात करने लगा.
हमारी बालकनी बहुत छोटी है, उसमें सिर्फ़ एक जना ही खड़ा हो सकता है.

दीदी आगे झुक कर खड़ी थी और मैं उनके पीछे खड़ा होकर बात कर रहा था.
मेरा पूरा ध्यान उनकी गांड पर ही था.

मेरा लंड खड़ा हो गया.
तभी अनायास मेरा लंड उनकी गांड के बीच में अचानक लग गया.
मैं डर गया कि शायद दीदी समझ ना जाये.

लेकिन अरुणिमा दीदी को पता नहीं चल रहा था.
अब मैं अपना लंड उनकी गांड के बीच में जानबूझ कर दबाने लगा.

मेरा आधा लंड उनकी सलवार में घुस गया था लेकिन दीदी मुझसे बात करती जा रही थी.

अचानक दीदी ने और झुक कर अपनी टांगें और फैला दी.
और अब मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

मुझे डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था.

अचानक मम्मी ने दीदी को आवाज़ दी और दीदी तुरंत मेरे लंड को धक्का देकर नीचे चली गयी.
आज मेरा लंड पहली बार किसी चूत के ऊपर रगड़ रहा था.

मैंने सोच सोच कर रात में अपना लंड हिलाया.

फिर दूसरे दिन दीदी फिर शाम को बालकनी में खड़ी थी. मैं नीचे से देखकर ऊपर जाने से पहले अपना अंडरवीयर निकाल कर सिर्फ़ एक टावल लगा कर ऊपर गया.

वहां जाकर देखा तो मैं हैरान हो गया क्योंकि अरुणिमा दीदी ने आज अपना बहुत पुराना स्कर्ट पहना हुआ था जो उनके सिर्फ़ घुटनों तक ही आता था.
और वो बालकनी में झुक कर खड़ी थी.

मैंने पीछे से देखा तो उनकी पेंटी भी दिख रही थी.
मेरा लंड उनकी गोरी गोरी जांघ और पेंटी देखकर एकदम खड़ा हो गया.

मैंने सोचा कि आज कुछ भी हो जाये, मैं आज दीदी की पेंटी में अपना लंड का पानी ज़रूर लगाऊंगा.

तभी दीदी ने मेरी तरफ देखा और बोली- इधर आकर देख … लगता है कि आज बारिश होगी.
मैं तुरंत उनके पीछे से खड़ा होकर आसमान देखने लगा.

मेरा लंड एकदम खड़ा था इसलिये सीधा उनकी गांड में जाकर घुस गया.

मैं एक बार तो डर गया कि दीदी गुस्सा ना हो जाये.
पर दीदी हंसी और बोली- तुम अब बड़े हो गये हो!

मैं समझ नहीं पाया.
मैंने जब दुबारा पूछा तो सिर्फ़ हंसी और कुछ नहीं बोली.

और फिर अपनी गांड मेरी तरफ और फैलाकर खड़ी हो गयी.
अब मेरा लंड उनकी चूत पर लग रहा था.

मैंने सोचा कि दीदी को मेरे लंड का पूरा पता चल रहा होगा फिर भी नहीं बोल रही है.

तब मैंने सोचा कि शायद दीदी को मज़ा आ रहा होगा.
मैं सोचने लगा कि अब कैसे पता करूँ?

तो मैं अपना लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
दीदी कुछ नहीं बोली.

मैं समझ गया कि दीदी को मज़ा आ रहा है.
मैंने अपने तौलिये में से अपना लंड बाहर निकाला और दीदी का स्कर्ट थोड़ा ऊपर करके अपना लंड उनकी पेंटी पर लगा दिया.
और मेरा लंड दीदी की गांड की दरार में घुस गया.

अब दीदी को मेरा लंड पूरा मज़ा दे रहा था.
उनकी गांड इतनी नर्म थी कि जब मैं अपना लंड उनकी गांड पर दबाता तब उनके चूतड़ फैल जाते.

कुछ ही देर में दीदी की पेंटी चूत के पास में भीग चुकी थी. मेरे लंड और उनकी चूत को एक दूसरे के पानी का मज़ा मिलने लगा.

अरुणिमा दीदी मुझसे 2 साल बड़ी हैं.
मैं बहुत खुश था.

अचानक मेरे होश उड़ गये … जब दीदी ने अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और पीछे मूड कर बोली- तुम क्या कर रहे हो? मैं अशुद्ध हो जाऊंगी. और तुम मेरे छोटे भाई हो और हम भाई बहन में यह सब नहीं होता.

वो मेरे लंड को अपनी पेंटी में से बाहर निकाल कर अपना स्कर्ट नीचे करके वहाँ से चली गयी.
मैं डर गया कि दीदी मम्मी को ना बता दे.

लेकिन दीदी मम्मी को भी नहीं बोली.

मैं रात में अपना लंड सहलाते हुये सोच रहा था कि जब मैं दीदी की गांड पर लंड रगड़ रहा था तब तो दीदी को मज़ा आ रहा था.
फिर उन्हें अचानक क्या हो गया?

अगले दिन दीदी मॉर्निंग में ही बालकनी में खड़ी थी.
मैं नीचे से देख रहा था और दीदी भी मुझे देख रही थी.

लेकिन मैं ऊपर बालकनी में नहीं गया और कुछ देर बाद स्कूल चला गया.

फिर रात में 10 बजे मेरी मम्मी सो चुकी थी, मैं सोने का नाटक कर रहा था.
मैंने देखा कि मुझे जागता देखकर दीदी बालकनी में आकर खड़ी हो गयी.
मैं समझ गया कि दीदी को लंड से मज़ा लेने का मन कर रहा है.

मैं भी अपना अंडरवीयर उतार कर ऊपर बालकनी में गया.
दीदी को देख कर मैं हैरान हो गया क्योंकि थोड़ी देर पहले दीदी सलवार और कमीज़ पहनी थी लेकिन अब सलवार के बदले नीचे स्कर्ट पहनी हुई थी.

घर में सिर्फ़ मम्मी थी. वो भी सो रही थी.
हम दोनों अकेले थे.

मैं पीछे खड़ा था पर उनके पास नहीं जा रहा था. मैं जानता था कि दीदी मेरी वजह से ही बालकनी में स्कर्ट पहन कर खड़ी है.
लेकिन कल दीदी ने मुझे मना किया था इसलिये मैं वहाँ नहीं जा रहा था.

लेकिन अचानक दीदी पीछे मुड़ी और बोली- यहाँ आ और देख बाहर कितना अच्छा मौसम है.
मैं इसी बात का इंतजार कर रहा था कि दीदी मुझे खुद आगे से बुलाये.

बालकनी में अन्धेरा था इसलिये मैंने अपना लंड उनके स्कर्ट के उपर से उनकी चूत पर रख दिया.
वो कुछ नहीं बोली और मुझसे बात करने लगी.

मैं जानता था कि दीदी को मेरा लंड चाहिये.
मैंने बिना देरी किये अपना तौलिया उतार कर दीदी का स्कर्ट ऊपर करके अपना लंड घुसा दिया.

मैं अचानक चौंक गया क्योंकि मेरा लंड एकदम सीधा उनकी चूत के छेद के उपर आ गया.

मैंने दीदी की गांड पर हाथ डाला और देखा तो दीदी ने पेंटी नहीं पहनी थी.
मैं समझ गया कि दीदी आज चुदना चाहती है.

तो मैं अपने लंड को दीदी की चूत पर रगड़ने लगा.
दीदी झुक कर खड़ी थी.

मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और दीदी की चूत में अपना लंड घुसाने लगा.

मेरा आधा लंड दीदी की चूत में घुस गया.

दीदी मेरा लंड पकड़ कर बोली- भाई, अपनी बड़ी बहन को आराम से चोदना … मैं पहली बार चुदा रही हूँ. मैंने सोचा भी नहीं था कि मेरी चूत को मेरा भाई ही चोदेगा.

और वो मेरे लंड को अपनी चूत में से निकाल कर चूसने लगी.
मेरे पूरे शरीर में करंट जैसा लग गया.
मैंने सोचा भी नहीं था कि मेरी दीदी मेरा लंड भी चूसेगी.

फिर 15 मिनट के बाद वो बोली- मेरे भाई मम्मी सो रही है. चलो मैं तुम्हारे कमरे में चलती हूँ. आज मैं अपने पूरे शरीर का मजा तुमको देना चाहती हूँ.

मैं और दीदी दोनों कमरे में जाकर बेड पर लेट गये.
दीदी नंगी होकर मुझे भी नंगा करने लगी और बोली- तुम मुझसे छोटे हो फिर भी मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ क्योंकि तुम मुझे चोदना चाहते हो. और मैं तुम्हारी दीदी हूँ कोई और नहीं जो तुम्हें तड़पता छोड़ दूँ. जब तुमने पहली बार बालकनी में मेरी गांड पर अपना लंड रख दिया था. हम उसी वक़्त हम दोनों भाई बहन नहीं रहे हैं. लेकिन तुम किसी से भी हम दोनों के रिश्ते के बारे में कभी नहीं बताओगे.

मैं दीदी के होंठ पर किस करते हुये बोला- दीदी, आप जैसी दीदी सबको मिले!

उसके बाद मैंने दीदी की चूची को दबाने लगा और चूसने लगा.
फिर दीदी लेट गयी और बोली- आज मेरी चूत को अपने लंड से पूरी तरह से खोल डालो. मैं चाहती हूँ कि मेरी शादी से पहले मेरा भाई मेरी चूत का मज़ा ले ले.

मैं दीदी की जांघ उठा कर अपना लंड चूत में डाल कर चोदने लगा.
दीदी भी मस्ती से धक्के पर धक्के मार रही थी.

मैं दीदी की चूची ज़ोर ज़ोर से दबा दबा कर चोदने लगा और वो बोली- मेरे भाई अपनी बहन की चूत में अपना वीर्य भी डाल देना. मैं तुम्हारे वीर्य को अपनी चूत में महसूस करना चाहती हूँ.

मैंने दीदी को बहुत देर तक चोदा और वीर्य चूत में ही डाल दिया.

दीदी बोली- मेरे भाई, मैं प्रेग्नेंट तो नहीं हो जाऊंगी ना?
मैंने कहा- नहीं!

फिर वो कपड़े पहन कर दूसरे रूम में जाकर मम्मी के बगल में जाकर सो गयी.

पर दो घंटे बाद फिर मेरा लंड फिर दीदी को चोदना चाहता था.

मैं कंट्रोल नहीं कर पाया मैं दूसरे रूम में जाकर दीदी के बगल में सो कर स्कर्ट उठा कर फिर से दीदी को चोदने लगा.
दीदी भी जाग गयी और मुझसे अपनी चूत चुदाने लगी.

उस रात मैं दीदी को सुबह तक चोदता रहा दूसरे दिन दीदी ठीक से चल भी नहीं पा रही थी और हम दोनों रोज ऐसे ही सेक्स करते रहे.

फिर एक दिन जो हुआ मैंने कभी नहीं सोचा था.

एक दिन मैं दूसरे रूम में लगभग 12 बजे गया.
रोज की तरह मैंने अपना तौलिया उतारकर मैं दीदी की चादर में घुस गया.
कमरे के अन्दर बहुत अन्धेरा था.

मैं धीरे धीरे स्कर्ट उपर करने लगा लेकिन स्कर्ट बहुत सॉफ्ट लग रही थी.
मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उठा कर गांड पर लंड रगड़ने लगा.

दीदी की गांड बहुत बड़ी लग रही थी, मैं गांड दबाने लगा, मुझे मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया चूत बहुत टाइट लग रही थी.

कुछ देर बाद दीदी भी जाग कर धक्का मारने लगी.
मैं ऊपर जाकर टांग उपर करके ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.

तभी मैं डर गया.
मेरी जाँघ पर किसी का हाथ आया और मुझे वो बार बार टच हो रहा था.
तभी पीछे से मेरी दीदी मेरे कान में बोली- भाई ये क्या कर रहे हो? मैं तो यहा हूँ. तुम मम्मी को चोद रहे हो!
दीदी ये बोलकर सो गयी.

मेरा लंड मम्मी की चूत में था और मम्मी अपनी गांड उठा उठा कर चूत चुदवा रही थी.
अब मैं लंड भी बाहर नहीं निकाल सकता था.

फिर थोड़ी देर बाद मम्मी ने मेरी कमर को पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया और बोली- मेरे बेटे, तूने तो आज मुझे खुश कर दिया. तेरे पापा ने तो मुझे 2 साल से नहीं चोदा है. आज तूने अपनी माँ की चूत को खुश कर दिया. तुम कब से मुझे चोदना चाहते थे?

मैं समझ नहीं पा रहा था कि मैं क्या बोलूं.
यह मैं नहीं बोल सकता था कि मैं अरुणिमा दीदी को चोदने आया था.
मैं समझ नहीं पा रहा था.

मम्मी ने फिर पूछा और अपना ब्लाउज खोलकर बोली- बचपन में मेरी चूची पीता था. आज भी मेरी चूची को पीकर मस्त कर दे. और जिस चूत में से तुम इस दुनिया में आये हो, उसे भी मस्त कर दो. तेरा लंड तो तेरे पापा से भी बड़ा है. तू रोज मेरे साथ इसी रूम में सोया कर!
मैंने कहा- फिर दीदी?
मम्मी बोली- वो भी यहीं सो जायेगी. तू मुझे खुश कर दे. फिर मैं तुझे तेरी बहन की भी चूत चोदने का मौका बताऊंगी.

मैं सुन कर खुश हो गया.
मैंने मम्मी को पूरी तरह से नंगी कर दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया.

अब मुझे घर में किसी से भी डर नहीं था.
मैं मम्मी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और बहुत देर तक चोदता रहा और वीर्य मम्मी की चूत में ही डाल दिया.
मम्मी खुश हो गयी और बोली- मैं तेरे वीर्य से प्रेग्नेन्ट होना चाहती हूँ और तुम्हें भाई और तुम्हारा बेटा देना चाहती हूँ.

मैंने मम्मी से कहा- मैं आपकी चूत से अपना बेटा चाहता हूँ.
मम्मी खुश होकर बोली- मेरे बेटे, तूने मुझे खुश कर किया. अब मैं सो रही हूँ. अब से तू हर रोज रात में इसी रूम में सोना और तुम्हारा मुझे या तेरी बहन को चोदने का मन करे तो बिना डर के चोदना फिर मैंने एक घंटे बाद दीदी को चोदा और सो गया.

दूसरे दिन दीदी मुझसे नाराज़ थी.
मैंने जब दीदी से पूछा तो बोली- तुम रात में मुझे छोड़कर मम्मी को क्यों चोद रहे थे?
मैंने कहा- तुमने अपनी जगह पर मम्मी को क्यों सोने दिया?
दीदी बोली- मम्मी पहले से ही वहाँ सो रही थी.

मैंने कहा- मैंने तुमको समझ कर मम्मी को चोदा. लेकिन जब मम्मी ने पूछा तब मैं क्या कहता इसलिये मुझे मम्मी को चोदना पड़ा.
दीदी मान गयी.

फिर क्या था … मैं हर रोज रात में मम्मी और दीदी के साथ नंगा होकर सोता और सेक्सी फॅमिली में जिसको मन करता उसको चोदता.

9 महीने बाद मम्मी को एक बेटी हुई वो मेरी बहन भी थी और मेरी बेटी भी!
 
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junglecouple1984

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चाची के साथ मेरे लंड का कौमार्य टूट गया



दोस्तो, मेरा नाम शुभम है. मैं 19 साल का लड़का हूँ. मेरी ऊंचाई 6 फीट है और मैं जलगांव का रहने वाला हूँ. मैं अभी पढ़ाई कर रहा हूँ.

मेरे जीवन का सबसे पहला सेक्स का किस्सा, जो बेहद सुखद था, वो आप सबको सुनाने जा रहा हूँ.


मेरा एक दोस्त मिलिंद था. उसे सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता था.
वो मुझे रोज सेक्स की कहानियां सुनाता था.
हम रोज पढ़ाई की जगह सेक्स की बातें करने लगे थे.

उससे सेक्स के किस्से सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगता था.

एक दिन मैंने उससे कहा- तुम जब ये सारी बातें करते हो, तब मेरा लंड खड़ा हो जाता है. मैं इसका क्या करूं?
वो बोला- मुठ मार लिया करो.

मैंने उससे मुठ मारने के बारे में समझा और घर जाकर मुठ मारने लगा.

एक दिन हमारी क्लास शुरू हुई और टीचर क्लास में आईं.

हम दोनों सेक्स के बारे में बात कर रहे थे. अपनी सेक्सी टीचर को देख कर उनके बारे में मस्त मस्त बातें करने लगे.

मिलिंद ने अचानक से मेरी पैंट में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे मसलने लगा.
मेरा लंड खड़ा हो गया. वो मेरे लंड को हिलाने लगा. मुझे भी मजा आने लगा.

करीब 15 मिनट तक उसने मेरे लंड को हिलाया. मेरे लंड से सफेद पानी निकल गया.
सबसे पीछे बैठे होने के कारण क्लास में हमें कोई ने देख नहीं पाया था.

अब हम ये सब रोज करने लगे. वो मुझे सेक्स वीडियो दिखाता, मैं वीडियो देख कर चुदाई के बारे में सब कुछ जान चुका था.

एक दिन स्कूल का लंच ब्रेक हुआ. क्लास के सभी बच्चे खाना खाने बैठ गए.

मुझे जोर की पेशाब आई थी, मैं पेशाब करने चला गया.
स्कूल का बाथरूम बहुत गंदा रहता था, तो लड़कियां भी बाथरूम के बाहर पेशाब करती थीं.

मुझे जोर की आई थी, इस वजह से मैं दौड़ कर गया.
मैंने देखा कि वहां एक लड़की पेशाब कर रही थी.

उसने भी मुझे देखा पर वो खड़ी नहीं हुई क्योंकि वो पेशाब कर रही थी.

मैं उसके सामने जाकर रुका तो मैं उसकी सफेद गुलाबी चूत को देख कर दंग रह गया.

मैं उसे देखता रह गया.
वो मुझ पर चिल्लाई और वहां से चली गई.
मैं भी पेशाब करके वहां से चला गया.

ये सब मैंने मिलिंद को बताया.

स्कूल छूटने के बाद में घर गया.
मेरे मन में बार बार उस लड़की का ख्याल आ रहा था. मैं उसकी चूत को याद करके मुठ मारने लगा.

कुछ दिनों के बाद मैं अपनी चाची के घर गया.
चाची का नाम सोनाली था.
मैं चाची को सोनी आंटी कहा करता था.

चाची का रंग थोड़ा दबा सा था और उनका साइज़ 36-32-38 का था.
वो 30-31 साल की मस्त माल थीं.

मैं उनके घर गया ही था कि चाचाजी बोले- तू अच्छा आ गया. मैं आज काम के लिए मुंबई जा रहा हूँ. तू अपनी चाची का ख्याल रखना.
मैंने कहा- चाचा, मैं तो शाम को घर चला जाऊंगा.

चाचा- तुम कुछ दिनों के लिए यहीं रुक जाओ. मैं तुम्हारे घर पर कहे देता हूँ.
मैंने भी हां कर दी.

चाचा मेरे घर पर कह कर चले गए.
अब घर में चाची और में ही रह गए थे.

मैंने आज से पहले चाची को कभी उस नजर से नहीं देखा था.
पर उस दिन न जाने क्यों मुझे उनको चोदने के ख्याल आने लगे.

मैं चाची के घर पूरा दिन रहता था. स्कूल भी नहीं जाता था.
चाची के मोबाइल में सेक्स वीडियो देखता रहता था.

एक दिन चाची ने मुझे सेक्स वीडियो देखते हुऐ पकड़ लिया और मुझसे बोलीं- ये सब नहीं देखना चाहिए.
वो मेरा फ़ोन लेकर किचन में चली गईं.

चाची और मैं रात को एक ही बेड पर सोते थे.
मैं सोते समय कभी उनकी गांड को सहलाता, तो कभी चूत को, तो कभी बूब्स को.

वो सो रही होती थीं और मैं उनके होंठों पर किस कर लेता, तो कभी स्तनों को चाट लेता.
कभी कभी मुठ मारके अपना पानी उनके ऊपर छोड़ देता.

सुबह उठने के बाद वो जब देखतीं, तो उनकी साड़ी पर, बूब्स और चेहरे पर दाग दिखाई देते थे.
उससे उन्हें मादक खुशबू आती थी.

मैं समझ गया कि चाची को ये सब अच्छा लग रहा है, नहीं तो अभी तक चाचा तक बात पहुंच गई होती.

अब ये सब मैं रोज करने लगा.

एक दिन सुबह के खाने के बाद मैंने चाची से उनका फोन मांगा तो चाची ने मना कर दिया.
वो बोलीं- तुम उसमें सेक्स वीडियो देखते हो. मैं तुम्हें फोन नहीं दूंगी.

उसी दिन रात को चाची को सारे बदन में किसी वजह से खुजली होने लगी, या उन्होंने खुद से ड्रामा किया था.

चाची बोलीं- शिवम देखो बहुत खुजली हो रही है, मेरी थोड़ी पीठ तो खुजा दो.
मैं बोला- हां क्यों नहीं चाची.

चाची ने अपना ब्लाउज खोल दिया.
चाची ब्रा नहीं पहनती थीं. उन्होंने ब्लाउज को मम्मों के ऊपर पकड़ कर रखा और मुझसे पीठ खुजाने को बोलीं.

मैं पीठ खुजाते खुजाते साड़ी के ऊपर से उनकी गांड को छू देता तो कभी बूब्स को.

चाची के बूब्स और पेट में भी खुजली होने लगी. चाची ने ब्लाउज उतार दिया और बोलीं- यहां भी खुजाओ.
वो लेट गईं.

उनके बूब्स देख मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं चाची के मम्मों को दबाने लगा और खुजाने लगा. उनकी बगलों को खुजाने लगा.

चाची आंख बंद करके पड़ी थीं. उनकी आंखें बंद थीं, तो मैंने अपना लंड पैंट से बाहर निकाला और हिलाने लगा.
एक हाथ से मैं उनके बदन को खुजाता रहा.

कुछ देर बाद मैंने उनकी बगलों की मादक खुशबू ली, तो मेरे लंड में तनाव और बढ़ गया.

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे रोक कर अपना ब्लाउज पहना और एक तरफ होकर लेट गईं.

मैं भी उनके पीछे चिपक कर लेट गया और अपना लंड उनकी गांड में साड़ी के ऊपर से रगड़ का अपना पानी गांड पर छोड़ दिया.

दूसरे दिन रात को चाची किचन में खाना बना रही थीं.
मैं बेडरूम में टीवी पर सेक्स वीडियो देखने लगा.

चाची मुझे खाना खाने के लिए आवाज देने लगीं पर टीवी चलने की वजह से मुझे आवाज आई नहीं.

मेरे जवाब न देने से चाची रूम में आ गईं और मुझे सेक्स वीडियो देखते हुए पकड़ लिया.

चाची मुझसे कुछ नहीं बोलीं, टीवी बंद किया और नीचे चली गईं.
मैं उनके पीछे पीछे नीचे चला गया और खाना खाने बैठ गया.

खाने के बाद हम दोनों रूम में आ गए और चाची बिस्तर लगाने लगीं.

बिस्तर लगाने के बाद चाची ने टीवी चालू किया तो मैं जो सेक्स वीडियो देख रहा था … वो चालू हो गया.

चाची ने टीवी बंद नहीं किया.
वो बेड पर जाकर बैठ गईं, मुझे भी बैठने को कहा.

फिर हम दोनों साथ बैठ कर सेक्स वीडियो देखने लगे.

चाची बोलीं- ये देखने से तुम्हें क्या मिलता है?
मैं बोला- सुख.

वो बोलीं- ठीक है, हम दोनों एक साथ देखते हैं.

ब्लू फिल्म देखते देखते मैंने अपने लंड को पैंट से बाहर निकाला और हिलाने लगा.
चाची ये सब देख गर्म होने लगीं.

मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और चाची के ब्लाउज को नीचे खींच कर उनकी एक चूची को मुँह में ले लिया; दूसरी चूची को हाथ से दबाने लगा.
चाची ने भी मेरा विरोध नहीं किया.

ये देख कर मैं और जोर से चूचियों को पीने और दबाने लगा.
कुछ देर बाद चाची ने मुझे रोका और बाथरूम चली गईं.

कुछ देर बाद चाची बाथरूम से बाहर आईं.
वो बिना कपड़ों के नंगी थीं.

चाची को ऐसे देख मेरे लंड में तनाव आ गया. साला लंड फट ना जाए, ऐसा कड़क हो रहा था.

मैंने भी देर न करते हुए अपने सारे कपड़े निकाल फैंके.
चाची ने मुझे बेड पर लेटाया और मेरे ऊपर चढ़ गईं, मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं.

एक मिनट तक हिलाने के बाद लंड की चमड़ी को पीछे करके अपनी जीभ से लंड के टोपे को चाटने लगीं.

थोड़ी देर बाद मेरे आंड को अपने मुँह में लेकर हल्के हल्के से दांतों से चबाने लगीं.

फर्स्ट टाइम Xxx करने से मुझे स्वर्ग का मिल रहा हो, ऐसा लग रहा था.

कुछ देर बाद चाची ने मेरा लंड पूरा मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगीं.
मैं सिसकारने लगा.

करीब दस मिनट बाद मैंने अपना पानी उसकी मुँह में छोड़ दिया.
चाची ने पूरा पानी पी लिया और लंड को अच्छे से साफ कर दिया.

हम दोनों बेड पर नंगे पड़े रहे.

कुछ मिनट बाद चाची बोलीं- चलो एक बार और करते हैं.
मैं बोला- चाची मेरा लंड तो सोया हुआ है.

चाची बोलीं- मैं खड़ा कर दूंगी. मैं तुम्हें जैसा कहूँ, तुमको वैसा ही करना है.
मैंने कहा- ठीक है.

चाची अपनी चूत मेरे मुँह के पास लाईं और खुद का मुँह मेरे लंड के पास ले आईं.
वो बोलीं- तुम मेरी चूत सूँघो. मैं तुम्हारा लंड चूसती हूँ.

मैं वैसा ही करने लगा.
चाची ने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगीं.

मैं उनकी चूत की मादक खुशबू लेने लगा.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

अब मैं चाची की चूत चाटने लगा, जीभ से चूत को चोदने लगा.
कुछ मिनट बाद चाची चिल्लाती हुई बोलीं- जोर से चाट साले … आह

फिर अगले ही पल चाची अपनी चूत मेरे मुँह पर दबाती हुई बोलीं- आंह … मैं झड़ रही हूँ.
वो मेरे मुँह में झड़ गईं और कहने लगीं- आंह मेरी चूत को अच्छे से साफ कर दे.

मैंने भी चाची की चूत को चाट कर साफ कर दिया.

चाची बोलीं- अब बहुत हो गई चुसाई … चलो अब चुदाई करते हैं.
मैं ये सुनकर जल्दी से उठा और चाची को घोड़ी बना दिया. मैं उनकी गांड के छेद को चाटने लगा.

थोड़ी देर बाद अपने लंड के सुपारे को गांड के छेद पर रखा और जोर से धक्का लगा दिया.
मेरा आधा लंड गांड में घुस गया.
चाची चीख उठीं और बोलीं- मादरचोद जरा धीरे पेल … मैं चूत नहीं गांड मरवा रही हूँ.

मैंने गाली सुनकर और जोर से धक्का दे मारा, मेरा पूरा लंड गांड में घुस गया.

चाची दर्द के कारण चिल्लाने लगीं.
मैं उनकी कमर पकड़ कर जोर जोर से गांड मारने लगा.
वो दर्द से सिसकने लगीं.

मगर कुछ मिनट बाद चाची को मजा आने लगा.
अब उन्होंने मुझे रोका और बोलीं- अब तुम लेटो, मैं करती हूं.

मैं चित लेट गया, वो मेरे ऊपर आ गईं और मेरे लंड पर बैठ गईं.

मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर चाची ने अपनी चूत के ऊपर सैट कर दिया और ऊपर नीचे होने लगीं.

मैं उनके चूचे पकड़ कर मसलने लगा.
वो मादक आवाज में सिसकारने लगीं.

दस मिनट बाद मैं चाची की चूत में झड़ गया.
कुछ देर तक हम दोनों वैसे ही पड़े रहे.

मैं चाची से बोला- बाथरूम में चलो.
चाची उठीं और हम दोनों बाथरूम में आ गए.

चाची बोलीं- क्या करना है?
मैंने कहा- मैं नीचे बैठता हूँ, आप मेरे ऊपर पेशाब करो.
चाची मेरे ऊपर पेशाब करने लगीं.

मैंने चाची की पेशाब को अपने मुँह में लिया, थोड़ा पी लिया बाकी बदन पर गिरा लिया.

फिर चाची बोलीं- अब मुझको भी मजा दो.
मैंने उन्हें नीचे बिठाया और उनके मुँह पर पेशाब कर दी.

चाची ने भी थोड़ा मूत पिया और बाकी से अपने मम्मों को गीला किया.

हम दोनों वैसे ही पेशाब से भीगे बदन को लेकर एक दूसरे से लिपट कर नहाने लगे.
फिर नंगे ही सो गए.

सुबह उठे तो चाची बोलीं- आज हम दोनों दिनभर बिना कपड़ों के रहेंगे.
मैंने हामी भरते हुए चाची को किस किया.

फिर चाची और मैं एक साथ नहाने चले गए.
बाथरूम में आए, चाची ने शॉवर चालू कर दिया और नीचे बैठ कर मेरा तना हुआ लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.

चाची मेरा लंड चूस रही थी कि पूरा लौड़ा उनके गले में था.
तभी मैंने उनके मुँह में पेशाब कर दी.
ऐसा करने से चाची मुझे देख कर मुस्कुरा दीं और लंड को जोर जोर से चूसने लगीं.

कुछ मिनट बाद मैं उनके मुँह में झड़ गया.
चाची बोलीं- अब तुम मेरी चूत चाटो.

वो बाथरूम के फर्श पर लेट गईं.
मैंने चाची के पैर फैलाए और उनकी चूत को जोर जोर से चाटने लगा.
मैं इतनी जोर से चाटने लगा कि चाची की पेशाब निकल गई.

कुछ देर बाद उन्होंने अपना चूतरस भी मेरे मुँह में छोड़ दिया.

सच में चूत की मलाई बड़ी स्वादिष्ट थी. उसकी सुगंध भी लाजवाब थी.

फिर हम दोनों ने नाश्ता खाया और बेडरूम में आ गए.
चाची ने मुझे एक गोली दी. उस गोली की वजह से मेरा लंड लोहे जैसा ठोस हो गया.

चाची ने टीवी पर सेक्स वीडियो लगाया और मुझे बेड पर बिठा कर खुद मेरे ऊपर आ गईं.
मेरा लंड अपनी चूत में लेकर चाची मेरे लंड पर बैठ गईं.

हम दिन भर सेक्स वीडियो देखते रहे और मेरा लंड चाची की चूत में पड़ा रहा.

अब हम दोनों हर रोज सेक्स करने लगे.
चाची को बच्चे होने के बाद वो सिर्फ मुझे अपना दूध पिलाती हैं, चुदाई नहीं करने देतीं.

मैं अब कभी कभी ही उनके चुचे दबा पाता हूँ, चूस पाता हूँ. उनके हाथ से मुठ मरवा लेता हूं या लंड चुसवा लेता हूँ.
 
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मामी को चोद चोदकर माँ बनाया



मेरा नाम शुभम शर्मा है और मैं राजस्थान में जयपुर का रहने वाला हूँ।
मैं आप सबको अपनी सेक्स स्टोरी बताना चाहता हूं जो मेरी मामी के बारे में है।

यह सेक्सी मामी चुदाई कहानी उस समय की है जब मैं कॉलेज की छुट्टियों में अपने छोटे मामा के घर गया था।

मेरे मामा के घर केवल मामा, मेरी मामी और उनकी बेटी रहती थी।
मामा के घर गया तब मामा-मामी मुझे देखकर खुश हुए। मामा मुझसे मिलकर ऑफिस निकल गए।

मेरे मामा रोज़ सुबह ओफिस चले जाते थे और शाम को वापस आते थे।

मुझे महसूस हुआ कि मामी थोड़ी उदास रहती थी। मुझे लग रहा था कि शायद मामा उनको समय नहीं दे पा रहे थे और जहां तक मैं सोच पा रहा था, उनकी सेक्स लाइफ भी अच्छी नहीं चल पा रही थी।

फिर बातों ही बातों में पता चला कि मामी को एक बेटा चाहिए था।
उनके पास बेटी तो थी लेकिन बेटा नहीं था इसलिए वो दूसरा बच्चा पैदा करने के बारे में सोचती रहती थी।

इस बारे में मैंने मामी से बात करने की सोची, तो बातों ही बातों में उन्होंने इशारा दिया कि मामा उनको समय नहीं दे पाते हैं।
मामी काफी सेक्सी लगती थी और अब मेरा मन भी उनको चोदने का करने लगा था; बस रिश्ते की वजह से मैं कदम आगे नहीं बढ़ा पाता था।

मगर मुझसे मामी की उदासी भी नहीं देखी जा रही थी।
मैं सोच रहा था कि मामी की चुदाई करके उनको खुश कर दूं।

मामा पूरे दिन ऑफिस में रहते थे तो मैंने इसका फायदा उठाने की सोची क्योंकि उनकी बेटी भी कुछ दिन मामी के मायके में रहने वाली थी।

अब मैं मामी को चुदाई के लिए उकसाने की कोशिश करने लगा। मैं मामी को अपना लंड दिखाने की कोशिश में रहता था, अक्सर मैं शॉर्ट्स में घूमता रहता था।

एक दिन नहाने के बाद मैं तौलिया लपेटकर घूमने लगा। ऐसे ही मैं नाश्ता लेने रसोई में भी चला गया।

मामी ने मुझे देखा तो हैरान होने लगी और मुझे कपड़े पहनने के लिए कहने लगी।

अब तक मेरा लंड तौलिया में तन चुका था। मामी भी उसे देख रही थी।

फिर मैं कपड़े पहनकर आ गया।

नाश्ता करते हुए मैं टेबल पर मामी की चूचियों को ही घूर रहा था।

फिर मेरे दिमाग ने काम किया और मैंने अपने कपड़ों पर जूस गिरा दिया।
मामी ने कपड़े बदलने के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया कि दूसरे कपड़े प्रेस नहीं हैं।
वो बोली- कोई बात नहीं, तू ये कपड़े निकाल ले, मैं दूसरे प्रेस कर देती हूं।

मैं सारे कपड़े और चड्डी निकाल कर केवल तौलिया लपेट कर बैठ गया।
मामी कपड़े प्रेस कर रही थी।

मेरा लंड मेरा खड़ा हुआ था। मामी ने मेरे खड़े लंड को देख लिया था।

मामी के सामने मैं जानबूझकर टांगें फैलाकर बैठा था ताकि उसको लंड दिखता रहे।
वो भी बार बार नजर बचाकर मेरे लंड की झलक ले रही थी।
मामी ने शायद बहुत टाइम से लंड नहीं लिया था।

मन तो मामी का भी कर रहा था मेरे लंड को चूत में लेने का लेकिन वो कुछ बोल नहीं रही थी।

मामी ने कपड़े प्रेस कर दिए।
मैंने कपड़े पहन लिए और पूरा दिन ऐसे ही मामी को पटाने में निकल गया।

अगले दिन मैंने फिर से वही खेल शुरू किया। अगले दिन मैं नहाने गया तो अपने साथ में तौलिया नहीं लेकर गया। मैंने ऐसा जानबूझकर किया था।

अंदर जाकर मैंने मामी को आवाज लगाई।
मामी तौलिया देने आयी और मैंने बाथरूम का दरवाज़ा हल्का सा खोला।
दरअसल मैं मामी को खुद को नंगा दिखाना चाहता था।

मैंने तब तक दरवाजा बंद नहीं किया जब तक मामी ने मुझे पूरा नंगा नहीं देख लिया।
उसके बाद मैं नहाकर बाहर आ गया।

मामी ने मुझे नाश्ता दिया और नहाने का बोलकर चली गई।

मैंने जल्दी से खाना खत्म किया और उनके पीछे चला गया। वो बाथरूम के दरवाजे को अंदर से बंद किए बिना ही नहाती थी।

मैं उनको एक कोने से खड़ा होकर देख रहा था।

मामी सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई। उनके बड़े-बड़े मम्में और बालों भरी चूत देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।
उसके बाद मामी ने रेज़र लिया और अपनी चूत को शेव करने लगी।

मैं ये सब देखकर लंड हिलाने लगा।

चूत शेव करने के बाद में वो चूत में उंगली करने लगी जिसे मैं देखकर हैरान रह गया।
वो चूत में उंगली करते हुए मेरा ही नाम ले रही थी।

अब ये साफ हो गया था कि मामी भी मेरे लंड के सपने देख रही थी और मेरे लंड से चुदने के लिए तैयार थी।

मैंने दरवाजे के कोने से थोड़ा सा लंड आगे कर दिया ताकि मामी को लंड दिख जाए।
थोड़ी देर में मामी की नज़र मेरे लंड पर पड़ी।

मामी पहले से ही चुदासी हो चुकी थी और ऐसी हालत में लंड देखकर उससे रहा नहीं गया।
उन्होंने मुझे आवाज देकर बुलाया जैसे उनको पता ही न हो कि मैं वहां बाहर ही खड़ा हूं।

मैं बाहर से बोला तो कहने लगी- मेरी पीठ पर साबुन लगाना है।

अब मैंने भी नाटक किया और बोला- मामी, मैं गीला हो जाऊंगा।
वो बोली- कोई बात नहीं, कपड़े उतार कर चड्डी में आ जा या कुछ तौलिया वैगरह लपेट ले।
मैं जल्दी से नंगा हो गया और तौलिया लपेट कर अंदर गया।

मामी ने बदन पर तौलिया लपेटा हुआ था।
मेरे जाते ही उसने पीठ पर से तौलिया को हटा दिया।
मैंने मामी की पीठ पर साबुन लगाना शुरू किया।

साबुन लगाते-लगाते मैं मामी की गांड तक पहुँच गया।
मैं कमर पर साबुन लगाने के बहाने मामी की गांड के ऊपर के हिस्से तक मसलने लगा।

मामी ने अपना तौलिया और ढीला किया और मुझे पीठ के साइड के हिस्से में साबुन लगाने को कहा।

अब मामी का तौलिया पीछे से पूरा हट चुका था और गांड पूरी खुल गई थी।
साबुन रगड़ने के बाद मैंने अपना तौलिया ढीला किया ताकि मैं उठूं और तौलिया गिर जाए।
साबुन लगाने के बाद मामी खड़ी हुई।

वो खड़ी हुई और तौलिया सिर्फ़ उनके मम्में और चूत को छुपा रहा था; बाक़ी पूरा बदन दिख रहा था।

मैंने तौलिया ढीला किया था तो जैसे ही मैं खड़ा हुआ, मेरा तौलिया गिर गया और मैं मामी के सामने नंगा हो गया।

मैं तौलिया उठाने का नाटक करने लगा लेकिन मामी ने कहा- कोई बात नहीं शुभम, तुम्हें भी साबुन लग गया है, तुम भी मेरे साथ ही नहा लो।
फिर मामी ने भी अपना तौलिया गिरा दिया।

अब हम दोनों पूरे नंगे थे।
मामी ने मेरे बदन पर साबुन रगड़ना चालू किया और मेरे लंड पर हाथ रखा।
वो लंड पर साबुन रगड़ने लगी।
मैं समझ गया कि अब मामी चुदाई की शुरुआत करना चाहती है।

मैंने मामी को सीधी किया और लंड को उनकी चूत पर सटाकर आंखों में देखने लगा।
वो भी लंड की पूरी प्यासी थी और सब कुछ भूलकर बोली- कर दे शुभम … डाल दे अंदर!

एकदम से मैंने शावर चालू कर दिया और उनके भीगते बदन को बुरी तरह से चूमने-चूसने लगा।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को खाने लगे।

कुछ देर होंठ चूसने के बाद मैंने मामी के चूचों पर धावा बोल दिया और उनको दबा दबाकर चूसने लगा।
एक हाथ से मैं उनकी चूत को रगड़ रहा था।

मामी भी मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से हिला रही थी।

थोड़ी देर बाद मैं नीचे बैठा और मामी को टाँगें खोलने के लिए कहा।
मामी ने टाँगें फैलाईं और अभी अभी शेव की हुई साफ़ … लाल चूत … मेरे सामने थी।
मैंने नीचे बैठकर हल्के से जीभ चूत पर लगाई।
मामी सिसकारियाँ भरने लगी।

धीरे-धीरे मैंने मामी की चूत को गहराई तक चूसना शुरू किया।
उसके बाद मैं खड़ा हुआ और मामी को घुटनों पर बैठाया।
फिर मैंने उनके मुँह में अपना लंड दिया।

मामी अच्छे से लंड और टट्टों को चूसने लगी।
फिर मैंने मामी को बाथरूम की दीवार के सहारे पलट कर खड़ा किया और पीछे से उनकी चूत पर लंड रखा।
मैंने धक्का दिया और एक धक्के में लंड घुस गया।

मैं तेजी से मामी को चोदने लगा।
मामी भी चुदाई के मज़े ले रही थी।

मैं उनकी चूचियों को दबा दबाकर लंड को अंदर धकेल रहा था।

ऊपर से ठंडा पानी गिर रहा था और नीचे से मामी की चूत में मेरा लंड पच-पच करते हुए अंदर बाहर हो रहा था।
मामी की गर्म गर्म चूत की चुदाई करते हुए ऐसा मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता हूं।

वो भी बार-बार सिसकार रही थी- आह्ह शुभम … हाह् … ओउफ्फ … रगड़ दे रे … आह्ह मजा आ रहा है तेरे लंड से चुदकर … कितना गर्म और सख्त लौड़ा है … हाय … चोद दे … चोदता रह … आह्ह … हाय … आह्ह … हाय।

मामी की कामुक सिसकारियों से मेरा वीर्य मेरे आंडों में उबलने लगा था और जल्दी ही वो बाहर छलकने वाला था।
कुछ देर की चुदाई के बाद मुझे लगने लगा कि अब मैं ज्यादा देर नहीं रुक पाऊंगा।

मेरा वीर्य बाहर आने वाला था।
मैंने कहा- कहां निकालना है मामी?
वो बोली- चूत में … मेरी चूत में भर दे … पूरा अंदर तक भर दे … जो ये मुझे तेरे बच्चे की मां बना दे। मुझे एक बच्चा दे दे शुभम … पिला दे अपना रस मेरी चूत को।

धक्के मारते हुए मैं मामी की चूत में झड़ने लगा।
हम दोनों बुरी तरह से हांफ रहे थे।
पानी गिरता रहा और हम भीगते रहे।

फिर नहाकर और बदन पौंछकर हम बाहर आ गए।
कुछ देर हम बेड पर नंगे लेटे रहे और 15-20 मिनट के बाद मैं फिर से मामी के बदन पर टूट पड़ा।
वो फिर से लंड लेने के लिए गर्म हो गई।

मैंने मामी की चूत पर लंड को रखा और एक धक्के में फिर से लंड उनकी चूत में उतार दिया।
आधे घंटे की चुदाई के बाद मैं एक बार फिर से मामी की चूत में खाली हो गया।
फिर हम कुछ देर के लिए सो गए।

जब मैं सोकर उठा तो मामी गांड ऊपर उठाये सो रही थी।
मैंने उनकी गांड पर लंड रगड़ना शुरू किया और मेरा लौड़ा अब उनकी गांड में जाने के लिए मचलने लगा।
इतने में मामी भी उठ गई।

वो मुझे गांड पर लंड रगड़ते देख मेरी इच्छा समझ गई और बोली- मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है।
मैं बोला- मुझ पर भरोसा करो मामी, कुछ नहीं होगा; मजा आएगा आपको!

बहुत समझाने पर वो मान गई।
मैंने अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रखा और धक्का दिया।
मामी की गांड टाइट थी।

मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया और अंदर लंड घुस गया।
मामी दर्द से चिल्लाई लेकिन मैंने एक न सुनी और गांड चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद मामी भी मजे लेने लगी।

कुछ देर में मैंने मामी की गांड में अपना वीर्य छोड़ दिया।

अब उसको फिर से चूत में प्यास लग गई।
इधर मैं थक चुका था।

लेकिन मामी ने लंड हिलाकर फिर से खड़ा कर दिया।

फिर मैंने मामी को अपने खड़े लंड पर बिठाया और चूत मारने लगा।
मामी भी मज़े से उछल उछल कर लंड ले रही थी।

इस बार मैंने अपना वीर्य मामी के मुँह में छोड़ने की सोची।
जैसे ही मैं झड़ने वाला था, मैंने मामी को लंड के ऊपर से उठाया और खड़ा होकर उनके मुँह में लंड दे दिया।
मामी के मुँह में मैंने वीर्य छोड़ा और मामी को पिला दिया।

हम दोनों बहुत थक गए और नंगे ही सो गए।

थोड़ी देर बाद उठे तो मामी शर्मा रही थी।
मामी को मैंने कहा- शर्माओ मत … आप मेरे बच्चे की माँ बनोगी। अब हमारी चुदाई चलती रहेगी।
मामी भी कहने लगी- शुभम, बहुत अच्छा चोदा। तुम जब चाहो, आकर मुझे चोद लेना।

फिर मामी और मैंने कपड़े पहन लिए और अपना-अपना काम करने लगे।
मैं बीस दिन मामा के घर रहा और रोज़ सुबह-शाम सेक्सी मामी चुदाई करता रहा।

हम घर में नंगे ही रहने लगे थे।
मामी को बीस दिन तक चोदने के बाद मामी ने बताया कि वो प्रेगनेंट हो गई है और बच्चा मेरा है।
मामा से सच्चाई छुपाने के लिए उन्होंने एक दिन बीच में मामा से चुदवा लिया था।

सब खुश थे कि मामी प्रेगनेंट है।
मामी को प्रेग्नेंट करने के बाद मैं घर आ गया।

अब जब भी मौका मिलता है, मैं मामा के घर जाता हूँ और मामी को जी भरकर चोदता हूँ।
 
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मैंने सबसे पहली चूत मौसी की चोदी



दोस्तो, मेरा नाम राहुल है.

मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं बनारस का रहने वाला हूँ. मेरा रंग गोरा है, कद 5 फुट 6 इंच है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.

लड़कियां मेरी तरफ आकर्षित तो होती हैं लेकिन मुझे किसी से दिल लगाने में दिलचस्पी नहीं है.

बचपन से ही अपनी नानी के घर जाना बहुत पसंद था.
मेरी नानी मुझे बहुत प्यार करती हैं और मेरी मौसी भी.

अब मैं आपको मेरी मौसी के बारे में बताता हूं. मेरी मौसी 35 साल की हैं और दिखने में बहुत सेक्सी हैं. वह दूध सी गोरी हैं और उनका फिगर करीब 34-32-36 का होगा.

वो दिखने में एकदम ऐसी कांटा माल हैं कि उनको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

पहले मेरे मन में मौसी को लेकर कोई भी ग़लत विचार नहीं था. मौसी बचपन से ही मुझसे बहुत प्यार करती थीं और जब भी मैं उनके घर जाता था, वो मुझे कसके गले से लगा लेती थीं.

बचपन में तो कुछ समझ में नहीं आता था लेकिन अब मैं बड़ा हो चुका था.

मेरे नाना और नानी की तबियत खराब रहने की वजह से मौसी नानी के साथ ही रहती हैं.
उनके पति अपनी जॉब के चलते कभी कभी ही अपनी ससुराल आ पाते हैं.

मैं अपनी बारहवीं के बाद नानी के घर गया.
सब मुझे देख कर बहुत ही खुश थे.
मौसी ने हमेशा की तरह मुझे अपने गले से लगा लिया. उनकी चूचियां मेरे सीने से रगड़ गईं, जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया.

इस बार मौसी ने मेरे पैंट में बने तम्बू को महसूस कर लिया था.

इस पर उन्होंने स्माइल देते हुए कहा- राहुल, तुम तो काफी बड़े हो गए हो.

उनकी स्माइल से मैं तो समझ गया लेकिन कुछ कह नहीं पाया. मैं हंस कर रह गया.

मैं नानी के यहां रहने गया था तो मैं रात में बैठ कर मौसी के एक साल के बच्चे के साथ खेल रहा था.

तभी मौसी आईं और लड़के को अपनी गोद में लेकर दूध पिलाने लगीं.

वो मेरे बगल में कुछ इस तरह बैठी थीं कि अगर कोई सामने बैठा होता तो उन्हें उनकी पीठ दिखाई देती.
लेकिन वह मेरे बगल में थीं, तो मुझे उनके चूचों के दर्शन हो गए.

मौसी के रसीले चूचे देख कर मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.

तभी बच्चे ने अपना हाथ कुछ इस तरह से फिराया कि मौसी की कुर्ती एक तरफ से पूरी उठ गई, जिससे मुझे उनकी पूरी चूची दिख गई. मैं आंख फाड़ कर मौसी के मम्मे देखता रह गया.

मौसी ने तुरंत अपनी कुर्ती को नीचे कर दिया और मेरी तरफ देखने लगीं.

मैं उन्हें अनदेखा करके टीवी देखने लगा लेकिन मैंने तिरछी नजर से ध्यान दिया तो देखा कि मौसी का ध्यान बार बार मेरी पैंट में तम्बू बनाए हुए मेरे लंड पर जा रहा था.

कुछ देर बाद हम खाना खा कर बैठे गए थे.

तभी मौसी ने कहा- तुम्हारे मौसा एक हफ्ते से आए नहीं हैं और वो कुछ दिन तक नहीं आएंगे.
मैंने पूछा- क्यों?

तो मौसी ने ठंडी आह भरते हुए कहा- उनका काम ही कुछ ऐसा है कि वो कम बार आ पाते हैं. तुम आज मेरे साथ ही सो जाना.

सच कहता हूं दोस्तो मौसी की ये बात सुनकर मैं तो बहुत ज्यादा खुश हो गया था कि मौसी के साथ सोने का मौका मिल गया.

रात हुई और वो बच्चे को बीच में सुलाने लगीं.
तभी मैंने कहा- मौसी इसे उधर साइड सुला दो और आप बीच में सो जाओ.

मैं नींद में हाथ पैर बहुत चलाता हूं और यह बात मौसी जानती थीं. इसलिए उन्होंने उसे अपनी दूसरी तरफ सुला दिया और खुद बीच में सो गईं.

हम सब सो गए.
रात में मेरी नींद खुली तो मेरा ध्यान मौसी कि तरफ गया तो वो मेरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.

तभी मैंने अपने हाथ का कमाल चालू कर दिया.
हालांकि मुझे डर भी लग रहा था मगर मेरी वासना जाग चुकी थी तो मैं अपने काम पर लग गया.

मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उनके चूचों पर रख दिए.
मुझे महसूस हुआ कि उन्होंने ब्रा पहन रखी थी.
मुझे मजा आ रहा था.

मौसी बहुत गहरी नींद में सो रही थीं.
मैंने उनके चूचों को सहलाना शुरू कर दिया.
वो भी गहरी नींद में थीं तो नहीं जागीं.

मैं मौसी के चूचों को धीरे धीरे दबाने लगा.
मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा.

मैंने उनकी कुर्ती में हाथ डालने की कोशिश की लेकिन कुर्ती टाइट होने के कारण मैं ऐसा नहीं कर पाया.

तभी मैंने उनके चेहरे को देखा तो ऐसा लग रहा था जैसे ये मेरी मौसी नहीं, कोई जन्नत की परी हों.

अब मैंने उनके होंठों को छुआ, तो मुझे महसूस हुआ जैसे मैंने किसी गुलाब की पंखुड़ी पर हाथ रख दिया हो.

तभी मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनकी गर्म सांसों को महसूस करने लगा.

मैं गर्म होने लगा था तो मैंने उन्हें थोड़ा थोड़ा किस करने लगा.
शायद वो बहुत गहरी नींद में थीं इसलिए उन्होंने कोई विरोध नहीं किया.

कुछ देर बाद मौसी ने थोड़ी सी हरकत की.
जैसे ही मौसी हिलीं, मेरी तो गांड ही फट गई.
मैं फट से हटा और पलट कर सोने का नाटक करने लगा.

मौसी की तरफ से कुछ देर तक जब कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने समझ लिया कि मौसी अब भी नींद में थीं.

मेरी आंखें फिर से खुल गईं और मैंने सर घुमा कर देखा कि अब मेरी मौसी की गांड मेरी तरफ हो गई थी.

जैसे औरतों की गांड शादी के बाद चौड़ी हो जाती है, मेरी मौसी की भी गांड काफी चौड़ी हो गई थी.

मैं उनकी गांड पर हाथ रख कर सहलाने लगा. उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने अपना लंड अपने पैंट के बाहर निकाला और उनकी गांड की दरार पर रगड़ने लगा.

मुझे मौसी की गांड की खाई में लंड रगड़ने से मजा आने लगा.
मैं लंड रगड़ते रगड़ते ही एकदम से कामोत्तेजित हो गया और मेरे लंड ने अंडरवियर के अन्दर ही पानी छोड़ दिया.

मेरी आग शांत हो गई और मैं अपनी अंडरवियर बाथरूम में रख कर वापिस बेड पर आ गया.

ये सब होते होते सुबह के 4 बज चुके थे.

मौसी हमेशा से ही 5 बजे उठ जाती थीं.

तभी मेरे मन में फिर से वासना जागने लगी.

मुझे अभी बाथरूम से आए हुए 15 मिनट ही हुए होंगे कि मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं उसे पैंट के बाहर ही छोड़ कर सो गया.
मैंने ऐसा इसलिए किया था ताकि मौसी उठ कर मेरा मोटा लंड देख लें और उन्हें ऐसा लगे कि मैंने नींद में ऐसा किया.

मैं अब सोने का नाटक करके लेट गया.
थोड़ी देर बाद मौसी जाग गईं.
उनका मुँह मेरी तरफ था.

उठते ही उनकी नजर लंड की तरफ गई. उनका मेरे चेहरे की तरफ ध्यान नहीं था, वो सिर्फ मेरे लंड को निहार रही थीं.

मैं सोने का नाटक कर रहा था और साथ ही थोड़ी सी आंख खोल कर उनकी तरफ देख रहा था.

मैं उनकी प्रतिक्रिया देखने चाहता था. वह घूर घूर कर मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.

फिर उन्होंने मेरी तरफ देखा, तो मैंने आंखें बंद कर लीं.

तभी मौसी ने बच्चे को देखा, जो सो रहा था.
उन्होंने मुझे आवाज लगाई, जिसका मैंने उत्तर नहीं दिया ताकि उन्हें ऐसा लगे कि मैं गहरी नींद में सो रहा हूं.

फिर वह उठीं और मेरे लंड की तरफ ध्यान लगाने लगीं.
मेरी तरफ देख कर वो मेरे लंड को छूने लगीं.

उनके मुलायम और नाज़ुक हाथों का स्पर्श मिला तो मैं झनझना उठा.
मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता कि मुझे कैसा लग रहा था. मैं मानो आसामान में उड़ रहा था. मैं दम साधे लेता रहा और मैंने कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की.

वो मेरे लंड को अब अपने हाथ में पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी थीं.
मैं आंख बंद करके पड़ा रहा.

वो मेरे लंड की खाल को पूरा पीछे तक ले जा रही थीं, जिससे मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था.

चूंकि मैंने अब तक कभी किसी को चोदा नहीं था तो मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.

मौसी मेरे लंड के साथ रह रह कर अपनी चूत को भी सहला रही थीं.
उनके नाज़ुक स्पर्श के आगे मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया और मेरा पानी निकल गया.

मेरे लंड का रस मौसी के हाथ पर ही गिर गया.
उन्होंने अपने हाथ की तरफ देखा, फिर दूसरे हाथ से मेरे लंड को मेरे लोअर अन्दर करके वो उठ कर वहां से चली गईं.

कुछ देर बाद जब मैं उठा, तो मौसी मुझसे नजरें चुरा रही थीं और बार बार मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.

उनका व्यवहार भी आज बदला हुआ था.
आज बच्चे दूध पिलाते समय वह अच्छे से अपने चूचे दिखा रही थीं.

तभी मौसी मुझसे मेरे बारे में पूछने लगीं.
हम दोनों बात करने लगे.
बातचीत में मालूम हुआ कि मौसा अभी दस दिन तक नहीं आने वाले थे.

आज तो मैंने ठान ली थी कि आज मौसी को चोद कर ही रहूंगा.

हम दोनों खाना खा कर सोने चले गए.
आज मेरे बोले बिना ही मौसी ने बच्चे को एक साइड में सुला दिया और खुद बीच में आकर लेट गईं.

आज मौसी गहरे गले की मैक्सी पहन कर आई थी.
उन्हें देख कर लग रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है.

रात हो गई, मौसी सो गईं.

मेरी नींद रात में खुली, तो मैंने पाया कि मौसी दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थीं.

अब मुझे पता था कि मौसी भी मुझसे चुदवाना चाहती थीं इसलिए मैंने बेफिक्र होकर उनकी चूची पर अपना हाथ रख दिया और कुछ पल बाद एक चूची को दबाने लगा.

तभी मैंने पाया कि मौसी अपनी गांड पीछे करके मेरे खड़े लंड पर रगड़ रही थीं.
मैंने उनकी चूची दबा रहा था.

वह जाग गईं और अचानक मेरी तरफ मुड़ गईं.
एक बार को तो मैं डर गया लेकिन सुबह की बात याद करके मैं वैसे ही पड़ा रहा.

मौसी ने मेरी तरफ देखा और धीरे से कहा- इसके आगे भी कुछ करोगे?

मैं मौसी की इस अदा को देख कर चौंक गया था. मैं अभी कुछ बोलता, इसके पहले ही उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगीं.

मैं उनका विरोध तो नहीं कर रहा था, लेकिन साथ भी नहीं दे रहा था.

तभी मौसी मुझसे अलग हुईं और उन्होंने कहा- कल तो बड़ा किस कर रहे थे. आज क्या हो गया?
इस बात से मुझे फिर एक झटका लगा.

इसका मतलब साफ़ था कि जब मैं उन्हें कल चूम रहा था, तब मौसी जाग रही थीं.

इस बात से मैं बेफिक्र हो गया. मैं उन्हें अपने करीब खींच कर किस करने लगा.
मौसी मेरे साथ चूमाचाटी में मस्त होने लगीं.

फिर मैंने कहा- मौसी अगर कल ही बता देतीं, तो आपको आज तक का इंतज़ार नहीं करना पड़ता.
इस पर वह हंस पड़ीं और बोलीं- पहले तो ये मौसी मौसी कहना बंद करो. मुझे रीना कह कर पुकारो!

मेरी मौसी का नाम रीना है.
मैंने कहा- हां रीना रानी.

मौसी- हां अब सही लाइन पर आ गए. सुनो मेरी जान अब भी कौन सी देर हुई है. आज की रात अपनी है.
मैं खुश हो गया और कहा- मेरी जान, मैं आज तुमको जम कर चोद कर मजा दूंगा.

उन्होंने कहा- हां अब ज्यादा बात मत कर … बस जल्दी से चालू हो जा. राहुल आज मुझे शांत कर दे. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं. तेरे मौसा तो अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं. उन्हें तो मेरा ख्याल ही नहीं रहता है.
यह बात कह कर वो थोड़ी दुखी हो गईं.

मैंने कहा- अरे आप चिंता क्यों करती हो, मैं हूं ना. मैं आपका पूरा ख्याल रखूंगा.
मेरी इस बात पर मौसी हंस दीं और हम दोनों के बीच में फिर से चुम्बन शुरू हो गए.

मैं उनके होंठों को चूस रहा था. मौसी मेरी जीभ चूस रही थीं. मेरे हाथ उनके चूचों पर चलने लगे. मैं उनके होंठ से हट कर उनकी गर्दन और उनके कान पर किस करने लगा, साथ ही एक हाथ से मैक्सी के बाहर से ही उनकी चूची के निप्पल को अपनी उंगलियों में पकड़ कर मींजने लगा.

जैसे ही मैंने उनको कान के निचले हिस्से को चूसा, वो पागल सी हो गईं और मुझे पागलों की तरह चूमने लगीं.
मैंने उनकी मैक्सी को ऊपर तक उठा दिया और उनकी चूत पर उंगली फिराने लगा.

आज मौसी पूरी तैयारी करके आई थीं.
उनकी चूत बिल्कुल चिकनी थी और गीली हो चुकी थी.

मैंने उनकी मैक्सी पूरी उतार दी. अब मौसी मेरे सामने सिर्फ गीली पैंटी में रह गई थीं.

मेरे उंगली करने की वजह से वो गर्म हो गई थीं और उन्हें पसीना आने लगा था, जिसकी वजह से उनका बदन हीरे की तरह चमक रहा था.

कुछ देर मौसी के बदन को निहारने के बाद मैं मौसी को फिर से किस करने लगा.
चूत में उंगली करने के कारण मौसी बेकाबू हो गई थीं और मेरे होंठों को काटने लगी थीं.

तभी मैं उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनकी चूचियों पर पहुंच गया.
मैं एक हाथ से उनके चूचे को दबा रहा था और एक हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहा था.
साथ ही साथ निप्पल भी चाट रहा था.

मैं मौसी के एक चूचे को चूसने लगा.
उसमें से दूध आने लगा.

मुझे मौसी का दूध पीने में बड़ा मजा आ रहा था और इसी वजह से मैं बेकाबू होता जा रहा था.

मैं अतिउत्तेजना में कभी कभी उनके निप्पल को काट लेता, जिससे मौसी उत्तेजित होकर मेरे सर को अपनी छाती पर दबाते हुए सिसकारियां लेने लगतीं.

मौसी ने मादक आवाज में कहा- आहह … खा जा इन्हें राहुल … आज पूरा खा जा.
मैं कुछ देर मौसी के दिनों मम्मों का रस पीने के बाद नीचे आ गया, उनकी नाभि में जीभ चलाने लगा.

उसी समय मैंने मौसी की पैंटी नीचे कर दी.
मैं एक हाथ से चूचे को दबा रहा था और दूसरे हाथ की उंगली चूत में चल रही थी.

इन सबसे मौसी एकदम मस्त हो चुकी थीं.

तभी मैं उन्हें चूमते हुए उनकी चूत पर पहुंच गया.
उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.

मैं बहुत देर से उनकी चूत में उंगली कर रहा था इसलिए चूत भभक गई थी.

चूत में 5-6 बार जीभ चलाते ही मौसी मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाती हुई कराहने लगीं- आहह … उमह … यस्स … ओइ मां … आह आह जोर से … खा जाओ इसे राहुलहह … साली बहुत परेशान करती है.
ये सब कहती हुई मौसी झड़ गईं.

मैं उनकी चूत का सारा पानी गटक गया लेकिन मैंने फिर भी चूत चाटना नहीं छोड़ा.
अब मौसी निढाल होकर हांफ रही थीं.

कुछ देर और जीभ चलाने से मेरी मौसी फिर से गर्म हो गईं और मुझसे कहने लगीं- ये सब बाद में कर लेना राहुल, अभी पहले मुझे चोद कर शांत कर दो. अब मुझे ज्यादा मत सताओ. जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज.

मैं उनको थोड़ी देर तड़पाना चाहता था.
मगर मौसी मान ही नहीं रही थीं.

मैं उनकी चूत को चाटते हुए 69 की पोजिशन में आ गया.
उन्होंने झट से अपना मुँह खोला और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.

कुछ देर चूत चाटने के बाद मौसी मेरे लंड पर दांत लगाने लगीं जिससे मुझे दिक्कत होने लगी.

मैं उठ गया और मौसी की चूत के सामने आ गया.

अभी तक मौसी दो बार झड़ चुकी थीं.

अब मौसी मुझसे गिड़गिड़ाने लगी थीं- राहुल, प्लीज अब चोद दे … साले क्यों तड़पा रहा है. मैं बहुत दिन से प्यासी हूं, अब जल्दी से चोद से मुझे.

मुझे इस बात पर उन पर प्यार आ गया.
मैंने उन्हें एक किस किया और कहा- रीना, मेरी जान चिंता मत कर, आज तो मैं तुझे जम कर चोदूंगा.
वो बोलीं- हां राहुल, मुझे रगड़ कर चोद दे. मैं लंड की प्यासी हूँ.

मैं उनकी चूत के सामने आया. उनकी चूत भी पहले से गीली थी.

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और धक्का लगा दिया. मुझे दर्द हुआ क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी.

मौसी को भी थोड़ा दर्द हो रहा था क्योंकि वो काफी समय से चुदी नहीं थीं.

मौसी को कुछ देर दर्द हुआ लेकिन फिर मौसी गांड उठा उठा कर मजा लेने लगीं.

‘अह … अह … हांह …’

मौसी मेरा सहयोग करने लगीं. धकापेल चुदाई चलने लगी.

इसी बीच मौसी एक बार फिर से झड़ गई थीं.
चूंकि ये मेरा पहली बार वाला सेक्स था इसलिए मुझे ज्यादा तेज स्पीड में चोदने में दिक्कत हो रही थी.

मैंने पोर्न में देखा है कि लड़कियां लंड पर बैठ कर चुदवाना बहुत पसंद करती हैं.

मैंने मौसी को उठाया और खुद बेड पर लेट गया. मौसी समझ गईं और वो मेरे ऊपर आ गईं.
उन्होंने मेरे लंड पर चूत सैट की और बैठ कर मस्त होकर कूदने लगीं.

इस समय मौसी की उछलती हुई चूचियां देख कर मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था.

मौसी बहुत मजे ले रही थीं और ‘अम्हं … आह … यस … स्स फक मी … आह आंह …’ करती हुई मेरे लौड़े पर कूद रही थीं.

उनकी आवाज नीचे नाना नानी के कमरे तक जा सकती थी इसलिए मैंने थोड़ा सा उठ कर मौसी को अपनी तरफ खींच लोया.
वो चिल्ला न सकें इसलिए मैंने किस करके उनका मुँह बंद कर दिया.

मैं अपने हाथ पीछे मौसी की गांड पर ले गया और मौसी की गांड में पर उंगली चलाने लगा.

इससे मौसी कुछ ज्यादा ही पागल हो गईं और जोर जोर से मेरे लंड पर कूदने लगीं.
वो मुझे जोर जोर से किस करने लगीं.

मैं इस सबसे इतना उत्तेजित हो गया था कि खुद को संभाल नहीं पाया और उनकी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया.
मेरे साथ ही मौसी भी झड़ चुकी थीं.

झड़ने के बाद मौसी मेरे ऊपर गिर गईं और हम दोनों हांफने लगे.
मैं मौसी की आंखों में संतुष्टि साफ़ देख सकता था.
मौसी की चूत से मैं भी संतुष्ट हो चुका था.

एक बार की चुदाई के आधा घंटा बाद फिर से चुदाई का खेल शुरू हो गया.
इस बार मैंने मौसी को कुतिया बना कर चोदा और उनकी गांड में एक साथ दो उंगलियों को चला कर उनकी गांड ढीली करने का प्रयास किया.

मैंने मौसी से गांड मारने के लिए कहा तो वो राजी तो थीं मगर कुछ हिचक रही थीं.

उन्होंने कहा- मैंने कभी गांड में लंड नहीं लिया है. तुम मेरी गांड को उंगलियों से ढीला कर दो, फिर मार लेना.
मैंने हामी भर दी और उस रात उनकी गांड को सिर्फ उंगलियों से चोद कर उन्हें 3 बार चोदा.

बाद में मैंने मौसी की गांड में तेल लगाकर उसे लंड लेने के लायक बना दिया.
मुझे मौसी की गांड का छेद ढीला करने में चार दिन लगे.

मौसा जी अभी आने वाले नहीं थे. मौसी रोज मुझे अपने साथ सुला लेती हैं और मैं हर रात सेक्स के मजे करता रहा.

इसी दौरान मैंने मौसी की गांड भी मारी.
 

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रात में मम्मी पापा की चुदाई का नजारा




मेरा नाम दमन कुमार है, उम्र 25 साल और मैं रायपुर से हूँ. ये मेरी पहली और आंखों देखी कामुक घटना है.

ये मॉम डैड सेक्स की कहानी कुछ साल पहले की उस समय की है, जब हम सभी एक छोटे से घर में रहते थे.

हम सब साथ में एक ही कमरे में सोते थे. कूलर भी एक ही था. दो बेड सटे हुए रहते थे और मां पापा एक एक पलंग पर लेटते थे. मैं पापा के साथ सोता था.

मेरे मम्मी पापा एक गांव से हैं. पापा जॉब में हैं और काफी रोमांटिक थे.

उस रात मैं गहरी नींद में सो रहा था.

अचानक हल्की सी आवाज से नींद खुली और मैं ध्यान से सुना तो ये चूड़ियां खनकने की आवाज थी.
मैंने आंखों को जरा सा खोल कर देखा तो कमरे में हल्की सी रोशनी थी.

पापा मम्मी पर हाथ फेर रहे थे. मम्मी हाथ हटा रही थीं और कह रही थीं- आज रहने दो.
लेकिन पापा कह रहे थे- यार आज बड़ा मन है. बस कुछ देर ही लगेगी जान, देखो लंड कैसे तना हुआ सलामी दे रहा है.

ऐसे ही पापा ने मम्मी का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर ले गए.
मम्मी लंड सहलाने लगीं.

पापा ने कहा- लो न मुँह में.
पहले तो मम्मी ने मना किया, फिर नीचे हाथ बढ़ा कर उन्होंने पापा की चड्डी उतार दी और खुद नीचे मुँह ले गईं.

मम्मी पापा के लंड पर अपनी जीभ निकाल कर फेरने लगीं.
मैं ये देख कर दंग था.

पापा पूरे नंगे थे.
फिर उन्होंने मम्मी को ऊपर खींचा और उनके मुँह पर पाना मुँह लगाकर उन्हें किस करने लगे.

मम्मी- आवाज मत करो … दमन उठ जाएगा.
पापा- तुम चिंता मत करो. वो गहरी नींद में सो रहा है.

अब पापा मम्मी का ब्लाउज खोलने लगे.
मेरी मम्मी के दूध बड़े बड़े हैं. यही कोई 36 इंच की साइज के होंगे.

पापा मम्मी के आमों को हाथ से दबाते हुए जोर जोर से मसलने लगे.
मम्मी ‘अहह अहह …’ करने लगीं.

फिर पापा ने मम्मी का पेटीकोट निकाल दिया और पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसा कर नीचे कर दिया.

मम्मी ने अपनी पैंटी को नीचे करके उतार दिया और वो पूरी नंगी हो गईं.

मम्मी ने कहा- अब आ जाओ … मुझे मजा दो.
पापा- हां आओ जान.

पापा ने उन्हें बेड पर चित लिटा दिया, उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और मम्मी की चूत पर हाथ फेरते हुए मुँह से चूत चाटने लगे.

इससे मम्मी चुदाई की मस्ती में आ गईं और कराहती हुई मादक सिसकारियां भरने लगीं ‘अहह उइ म्म अहह उफ़्फ़ उफ़्फ़ …’
पापा मम्मी की चूत को पूरी मस्ती से चाट रहे थे.

कुछ देर में मम्मी ‘आहह हह …’ करती हुई पापा के मुँह को जोर से अपनी चूत में दबाने लगीं.

पापा ने मुँह हटा लिया और कहा- अब आ जाओ. मेरे ऊपर चढ़ जाओ.

मम्मी पापा के ऊपर चढ़ गईं और पापा के मोटे लंड को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगीं.

फिर चूत में लंड फंसाया और हल्के से दाबती हुई कमर नीचे करने लगीं.
पापा का लंड चूत में घुस गया तो वो दोनों ‘अहह आह करने लगे.

पापा ने मम्मी की चूचियों को पकड़ कर नीचे से गांड उठा दी और उनका लंड पूरा चूत में समा गया.

पापा- आह मजा आ गया जान!
मम्मी भी अपने होंठों से अपने दांतों को दबाती हुई हल्के हल्के ऊपर नीचे होने लगीं.

कुछ देर बाद मम्मी ने कहा- लो जी मैं आ गई. माल चख लो.
वो लंड से उठीं और पापा के मुँह पर चूत टिका कर बैठ गईं.

पापा अपनी जीभ से मम्मी की चूत चोदने लगे.

मम्मी- अहह अहह उफ़्फ़ … और अन्दर तक करो … आंह और करो.
पापा- हां साली, आज खा ही जाऊंगा.

तो मम्मी बोली- आंह आह पूरा खा जाओ न!

मम्मी की सिसकारी निकल रही थी- आहहहह अहह उफ़्फ़!

तभी मम्मी झड़ गईं और निढाल हो गईं.

पापा बोले- अभी लंड उफान मार रहा है.
मम्मी- आ जाओ राजा … फिर से पेल दो.
और मम्मी लेट गईं.

पापा ऊपर से चढ़ कर लंड पेल कर मम्मी के दूध मसलने लगे.
मम्मी- आह आह हहह मार दोगे क्या जी!

पापा ने कुछ नहीं कहा वो बस मम्मी की चूत में लंड आगे पीछे करते रहे.
कुछ देर बाद पापा ने मम्मी की गांड में जोर से उंगली डाल दी.

मम्मी तड़प गईं- आंह साले भड़वे मारेगा क्या!
पापा- साली छिनाल, रुक आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूँ. फिर से चूस मेरा लंड कुतिया.

ये कह करवो दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.

मम्मी लंड जोर जोर से चूस रही थीं.
पापा मम्मी की चूत की फांकें फैला कर मुँह से चूसे जा रहे थे.

कुछ देर ऐसे ही करने बाद पापा सीधा हो गए और मम्मी की कमर नीचे तकिया लगा कर उनकी टांगें चौड़ी करके कंधे पर रख लीं.

मम्मी की चूत खुल गई थी.
पापा ने अपना लंड चूत पर टिकाया और जोरदार धक्का दे दिया.
मम्मी ‘उई अम्मा मर गई …’ करके चिल्ला उठीं.

तभी मम्मी ने दोनों हाथ से सिर में लगा तकिया पकड़ लिया और पापा लंड को हिलाने लगे.
फिर पापा ने सुपारे तक लंड बाहर निकाला और फिर से अन्दर पेल दिया.

अब उन दोनों की मजेदार चुदाई होने लगी. पापा मस्ती से मम्मी की चूत चोदने लगे.

मम्मी- आहह मां उइ मां अहह उफ़्फ़ करो करो … और करो जोर से करो … मजा आ रहा है.
पापा- हां जान ले … और ले … और ले साली.

वो जोर जोर से लंड चूत में अन्दर बाहर करने लगे.

फिर पापा ने कहा- अब कुतिया बन.
मम्मी झट से उठ कर घोड़ी बन गईं.

पापा ने पीछे से अपना लंड एक झटके से चूत में डाल दिया और मजे लेने लगे.
उन दोनों के धक्कों के कारण पूरा पलंग हिलने लगा.

पापा बोले- आज गांड भी फाड़ दूँ क्या?
मम्मी- नहीं नहीं उधर नहीं.
पापा- ठीक है. आगे ही ले.

वो जोर जोर से मम्मी को पेले जा रहे थे.

फिर पापा ने पोजीशन बदलने को कहा. उन्होंने मम्मी से सीधे लेटने को कहा.
मम्मी सीधी लेट गईं.

पापा ने उनकी दोनों टांग पकड़ ऊपर करते हुए उनके मुँह की तरफ झुका दीं.
अब मम्मी की चूत एकदम साफ फूली हुई दिख रही थी.

पापा पूरे मूड में आ गए थे. उन्होंने अपना चमकता हुआ लंड चूत पर रखा और जोर से धक्का देकर अन्दर कर दिया.
वो मम्मी को चोदने लगे.

मम्मी मादक सिसकारियां भरने लगीं- आंह ऐसे ही चोदते रहो मेरी जान … अहह उह अहह … अहह और चोदो आंह!

वो दोनों अब पूरी मस्ती में घमासान चुदाई करने लगे.
मैं पलंग पर एक ओर सोया हुआ ये सब देख कर अपना लंड दबाए जा रहा था.

उन दोनों की चुदाई से अब ‘अहह अहह फच फच …’ की आवाज गूंजने लगी थी.

मम्मी ने अपनी टांगों को पापा के ऊपर कर लिया और उन्हें जकड़ लिया.

पापा चूत में धक्के पर धक्के देकर चोदे जा रहे थे.

पापा- अहह अहह … कैसा लग रहा है?
मम्मी- उम्म अह बड़ा मजा आ रहा है … ऐसे नंगी होकर चुदने में बहुत मजा आ रहा है … अहह अहह … और चोदो बस आज मेरी चूत फाड़ डालो.
पापा- हां साली कुतिया ले लंड खा … आह चोद रहा हूँ … अहह.

कुछ तेज धक्के लगाते हुए पापा अकड़ने लगे. उनका वजन मम्मी के ऊपर हो गया था और लंड के धक्के ताबड़तोड़ लग रहे थे.

फिर पापा ने कसमसाते हुए अपने लंड का सारा माल मम्मी की चूत के अन्दर ही छोड़ दिया.

दोनों आंह आंह करते हुए ढीले पड़ गए.
कुछ मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे.

फिर पापा उठे और तौलिया लपेट कर अलग हुए.
मम्मी भी उठीं. वो एक चादर लपेट कर बाथरूम में चली गईं. वहां अपनी चूत साफ करके वापस आ गईं.

मम्मी पेटीकोट पहनने लगीं.
पापा बोले- रहने दो, ऐसे ही मस्त लग रही हो.

मम्मी हंस कर बोलीं- क्या अभी मन नहीं भरा … फिर से मूड है क्या?
पापा बोले- हां यार तुमको ऐसे देख कर फिर से खड़ा होने लगा है … देखो.

मम्मी चादर लपेटे लेट गईं.
इतने में मेरी बेचैनी बढ़ने लगी.

उन दोनों की फिर से चुदाई शुरू होती कि मैं पेशाब के लिए जाग गया.
इतनी देर तक मैंने सुसू रोके रखी थी.

मैंने उठ कर कहा- क्या हो गया पापा आप जाग क्यों रहे हैं?
पापा हड़बड़ाए- नहीं कुछ नहीं, तुम सो जाओ.

मैंने कहा- मुझे वाशरूम जाना है.
मैं वाशरूम गया और वापस आकर पलंग पर लेट गया.
मैंने ऐसे नाटक किया जैसे मुझे तेज नींद आ रही हो.

पापा तौलिया के अन्दर से लंड सहला रहे थे.
वो पानी पीने गए.
थोड़ी देर बाद मम्मी भी गईं.

दोनों कमरे के बाहर वाले कमरे में सोफा पर लेट गए.
वो कमरा ठीक सामने था.

मम्मी बोलीं- दमन जग गया है, अब नहीं.
मगर पापा मूड में थे, वो बोले- यहीं करते हैं न यार … तुम्हारी चूत के रस को तो मैंने पिया ही नहीं है. अभी मेरा गला प्यासा है.
मम्मी- तुम भी बड़े ठरकी हो.

इतने में पापा मम्मी के होंठों को चूमने लगे.
ऐसे ही चूमते चूसते उन्होंने मम्मी को सोफे पर बैठा दिया और उनकी एक टांग फैला कर सोफे के हैंडल पर रख दी और एक नीचे जमीन पर.

इससे मम्मी की चूत एकदम साफ फैली सी दिखने लगी.

मैं सोच रहा था कि चूत के लिए इतना पागलपन होता है.
कैसे कैसे करते हैं.

शायद आज पापा ने कुछ ज्यादा ही पोर्न देख लिया था तभी अपने लंड की गर्मी निकाल रहे थे.

पापा मम्मी की चूत पर हाथ फेरने लगे, फिर जीभ से चाटने लगे.
मम्मी अहह अहह करके हांफ सी रही थीं- तुम मुझे पागल कर दोगे.

पापा ने कुछ नहीं कहा. बस मम्मी की उनकी चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगे.
मम्मी बड़ी जोर जोर से ‘अहह अहह उइ मां ईईई ऊऊ आह … करने लगीं.

आंखें बंद करके मम्मी पापा का हाथ पकड़ रही थीं, उन्हें रोक रही थीं.
पापा जोश में थे, बस चूत में उंगली करे जा रहे थे.

कुछ मिनट करने के बाद मम्मी का रस झड़ गया, उनकी चूत पानी पानी हो गयी, वो निढाल हो गईं.

पापा बिल्कुल पागलों की तरह मुँह से चूत का जूस चूसने लगे.
मैं दूर से ये सब देख कर दंग रह गया.

पापा चूत के रस की आखिरी बूंद तक चूस गए.

पापा- अमृत रस पीने में मजा आ गया जान!
मम्मी- तुम तो पूरा जिस्म हिला देते हो यार … मुझे पूरा निचोड़ देते हो.

पापा- हां पूरा मजा लो यार … लाइफ के में जवानी एक बार ही आनी है जान.
मम्मी- ठीक है बाबा … समझ गयी. तुम्हें जो करना है सो करो. मैं तो आपके साथ ही हूँ.
पापा- ये हुई न बात.

अब मम्मी ऐसे बैठी ही थीं. पापा अपना खड़ा लंड चूत के छेद में रखकर हल्के से घुसाने लगे.
उन्होंने मम्मी से कहा- अपने हाथों से मेरी गर्दन पकड़ो.
मम्मी ने वैसे ही किया.

पापा उनकी टांगों को अपने हाथों से पकड़ कर ऐसे ही सोफे से उठा लिया.

उनका लंड चूत में था.
पापा ऐसे ही गोद में उठाकर धक्के देने लगे. पापा झूला झुलाते हुए मम्मी को चोदे जा रहे थे.

ये दृश्य अद्भुत था.
एक देसी कपल अपने जवानी की पूर्ण मजा ले रहा था.

मम्मी कह रही थीं- आंह मजा आ गया यार … ये सब कहां से सीखते हो … अब उतारो मुझे.
पापा- अरे हम हैं न यार, बस तुम लंड के मजे लो.

पापा जोरदार धक्के दिए जा रहे थे और मम्मी को उठा उठा कर चोदे जा रहे थे.
मम्मी- आह आह उफ़्फ़ … मार डालोगे क्या चोद चोद कर … अपनी बीवी को रंडी बना दिया है तुमने … आह.

ऐसे ही चोदने के बाद पापा ने मम्मी को बड़े वाले सोफे पर लिटा दिया.
मम्मी भी समझ गयी थीं कि ये मानने वाले नहीं हैं.
वो वैसे ही टांगें फैला कर लेटी रहीं.

पापा ने अपना लंड मम्मी के मुँह में डाल दिया.
मम्मी इस बार पूरी मस्ती से लंड चूस रही थीं.

पापा आंख बंद करके आवाज निकाल रहे थे- अहह जान अहह … जन्नत का मजा आ रहा है.
मम्मी अपने गले तक अन्दर लेकर लंड चूसे जा रही थीं.

अब मम्मी गर्म हो गई थीं.
वो पापा के टट्टे भी अपने मुँह में लेकर चूस रही थीं.

काफी देर ऐसे ही लंड चुसवाने के बाद पापा सोफे पर बैठ गए और मम्मी से कहा- आओ लंड की सवारी करो.
मम्मी झट से ऊपर आकर लंड पर बैठ गईं.

अब मम्मी जोर जोर से उछलकर चुदने लगी थीं.
‘आहह अहह ईईई ऊऊ मम्म … अहह …’ की आवाजें आ रही थीं.

मम्मी के उछलते हुए दूध डांस करने लगे थे. ये सब मस्त नजारा पेश कर रहा था.

इस पोजीशन में चुदने के बाद मम्मी पापा उठ गए.
मम्मी सोफे पर लेट गयीं.

पापा ने सीधा चूत पर लंड टिकाया और जोर से धक्के देकर लंड अन्दर डाल दिया.
मां ने जोर से सिसकारी भरी- आह मम्मी मर गई.

पापा लगातार जोरदार घमासान चुदाई किए जा रहे थे.
मम्मी भी पूरे मूड में नीचे से गांड उछाल कर साथ दे रही थीं.

दोनों सब कुछ भूल कर भयंकर आवाजों के साथ चुदाई किए जा रहे थे.

इस वक्त शायद मैं उनके सामने भी जाता, तो वो अपनी मस्ती में खोए रहते.

मम्मी की फूली और खुली हुई चूत फच फच के आवाज के साथ लंड का स्वाद लिए जा रही थी.

धक्के पर धक्के देखकर लग रहा था ये तो पोर्न स्टार को भी फेल कर दें.

पापा जोर जोर से चोद रहे थे. मम्मी बस अहह उहह की आवाज के साथ लंड का पूरा मजा ले रही थीं.
इस तरह पूरी तरह मेरी मम्मी अपने पति को स्वर्ग का मजा दे रही थीं.

लगभग आधे घण्टे की ऐसे धक्कम पेल चुदाई बाद पापा ने कहा- मैं आ रहा हूँ जान … इस बार मेरा रस पी लो.
मम्मी- आह अहह … हां जी पिला दो.

पापा लंड चूत से निकाल कर मम्मी के मुँह पर ले गए और हाथ से पकड़ कर लंड हिला रहे थे.
मम्मी ने मुँह खोला हुआ था.

पापा के लंड से जोर से पिचकारी निकली और मम्मी के मुँह में चली गई.
कुछ माल मुँह के अन्दर गया, कुछ चेहरे पर गिरा.

मम्मी पूरा माल निगल गयीं.
पापा निढाल होकर लेट गए.

वो पूछने लगे- कैसा लगा टेस्ट?
मम्मी बोलीं- पति का रस मेरे लिए अमृत है … मुझे बड़ा मस्त लगा.

फिर वो दोनों ऐसे 20 मिनट पड़े रहे.

इसके बाद दोनों वाशरूम गए, साफ सफाई की.
मम्मी ने वहीं से पैंटी पहनी और पापा तौलिया लपेट कर अन्दर आ गए.

मम्मी पेटीकोट ब्लाउज पहन कर सो गईं पापा भी तौलिया पहन सो गए.
मैं भी सो गया.

इस तरह पहली चुदाई घर में देखी थी. ये पहले मुझे अजीब सा लगा था.

पर अब समझ आया कि सबकी अपनी जरूरत होती है, अपनी लाइफ के मजे लेने ही चाहिए.

पापा मूड में रहते, वो मोबाइल और दोस्तो से नई नई पोजीशन सीखते रहते और मम्मी को चोदते रहते.

एक दिन उनके मोबाइल में मम्मी की बिकनी पिक देख कर मैं दंग हो गया.

मैंने बाद में मम्मी से पूछा भी- वो गंदी से पिक आपकी है?
मेरी मम्मी जरा हड़बड़ा गईं और बोलीं- तेरे पापा आजकल ये सब लेते हैं, क्या करूं उनकी इसी सब में खुशी है.
मैं चुप रह गया.

अब हम सब बड़े घर में आ गए हैं. मम्मी पापा को जब भी मौका मिलता है, ऊपर वाले कमरे में जाकर मॉम डैड सेक्स करते हैं.
मम्मी कभी भी इस सबके लिए पापा को मना नहीं करती हैं.

और मम्मी की पैंटी ज़्यादातर पापा ही मजे से वाशरूम में साफ करते हैं.

कभी नहाते समय मम्मी पापा को बुलाती हैं तो मैं समझ जाता हूँ कि मम्मी अपनी झांटें साफ करने के लिए बुला रही हैं.
पापा ही हमेशा मम्मी की चूत साफ़ करते हैं.

एक दिन मैं दोपहर में सो कर उठा तो अजीब सी आवाज आ रही थी.

मैंने सोचा पापा तो काम पर गए हैं, फिर ये क्या हो रहा है.
तो मैंने मम्मी के कमरे के पास जाकर खिड़की से देखा तो मम्मी कमरे में अकेली थीं और वो मोबाइल में पोर्न देख रही थीं.

पोर्न देखते हुए ही जोश में आकर मम्मी अपनी साड़ी ऊपर करके खुद ही बुर में उंगली करने लगीं.
वो इतने जोश में उंगली कर रही थीं कि उनकी आंखें बंद थीं.

ये देख कर मेरा पानी निकल गया.

सच में सेक्स एक ऐसी चीज है कि सभी को मजा देती है.
 

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घर में ही दो भोसड़े और एक सीलपैक चुत मिली- 1


मेरा नाम शाहबाज़ है और मैं पुणे महाराष्ट्र से हूँ. मैं 21 साल का लंबे मोटे लौड़े वाला युवा हूँ.

मेरे घर में मैं, मेरी अम्मी ज़ाहिरा, खाला और मेरी बहन जेबाँ रहते हैं.

मेरी अम्मी की उम्र 41 साल है. वो बड़े दूध वाली और उभरी हुई गांड की माल किस्म की औरत हैं. वो ज्यादा मोटी भी नहीं हैं.

मेरी खाला मेहर की उम्र 35 साल है. उनके भी बड़े बड़े दूध और बड़ी सी गांड है. खाला भी थोड़ी भरे हुए जिस्म की हैं.

मेरी बहन जेबाँ की उम्र 19 साल है. उसके कड़क दूध, हल्की उभरी हुई गांड है.

मेरी अम्मी का तलाक उस समय हो गया था जब हम दोनों भाई बहन छोटे थे.
गरीब होने के कारण मेरे नाना खाला की शादी नहीं कर पाए थे, जब तक हम अब्बू के साथ रहते थे, तब खाला नाना के यहां थीं.

जब से अम्मी का तलाक हुआ, तब से खाला हमारे साथ रहने लगीं.

मेरा पालन पोषण अम्मी ने ही किया इसलिए अम्मी को हम बहुत प्यार करते हैं.
अम्मी एक फैक्ट्री में काम करती हैं, जिससे हमारा खर्च चलता है.
खाला घर का सारा काम करती हैं.

मैं और मेरी बहन पढ़ाई करते हैं. खाला मेरे साथ हर तरह के मज़ाक करती हैं.

एक दिन की बात है, जब मेरी बहन स्कूल गयी हुई थी और अम्मी काम पर गयी थीं.
घर पर सिर्फ मैं और खाला थे.

उस दिन सुबह के 10 बज चुके थे. खाला ने सारा घर का काम कर लिया था.

फिर वो नहाने के लिए गईं. वो अपने शरीर पर सिर्फ तौलिया लपेटे हुई थीं, जिससे उनके दूध और गांड सही से ढक नहीं पा रहे थे.

मैंने उन्हें देखा तो मुझे अजीब सा लगने लगा जब तक वो गांड मटकाती हुई बाथरूम में घुस गईं.

मैंने मन में विचार किया कि मेरे साथ अभी क्या हुआ. मैंने अपने लंड की तरफ देखा, वो पूरा तन चुका था.

खाला को मैंने कभी भी गंदी नजर से नहीं देखा था पर आज मेरे मन क्यों ऐसा आया.

मैंने मन में कहा कि ये सब गलत है.
मैं टीवी देखने लगा.

थोड़ी देर में खाला बाथरूम से निकलीं, तब भी वो सिर्फ तौलिया लपेटे हुई थीं.
मेरी नज़र फिर से उन पर चली गयी. मैं उन्हें घूरे ही जा रहा था.

तभी उन्होंने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराकर चली गईं. मैं घबरा गया कि वो मुस्कुराई क्यों.

मैं सोचता रहा और वो आकर मेरे बगल में बैठ गईं.
फिर खाला हंसकर बोलीं- मेरा शाहबाज़ कब इतना बड़ा हो गया, पता ही नहीं चला.

ये कह खाला ने मुझे गले से लगा लिया, जिससे मेरा मुँह उनके मम्मों के नज़दीक पहुंच गया और मुझे आधे दूध दिखने लगे.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और पैंट के ऊपर से दिखने लगा.

मेरी खाला ने ये देख लिया और मेरे गाल पर एक चुम्बन कर दिया.
मैं अपने लौड़े को दबाने लगा, पर वो बैठ ही नहीं रहा था.
फिर खाला उठकर चली गईं और अपना काम करने लगीं.

मैंने टॉयलेट में जाकर मुठ मारी. तब जाकर मुझे आराम मिला.
मैं अपने कमरे में जाकर पढ़ने लगा पर मेरा मन नहीं लग रहा था, मुझे बार बार वही याद आ रहा था.

तभी मेरे मोबाइल में एक मैसेज आया कि क्या कर रहे हो?
मैंने पूछा- आप कौन?

उसने कहा- मैं तुम्हें रोज़ देखती हूँ, तुम बहुत हैंडसम हो.
मैं खुश हो गया कि लड़की सैट हो गयी.

मैंने पूछा- तुम कहां रहती हो?
उसने कहा- तुम्हारे काफी नजदीक.

मैंने कहा- अपनी फोटो सेंड करो.
वहां से फ़ोटो आयी, जिसे देख कर मैं भौचक्का रह गया.
उसने जल्दी से आने का लिखा था.

वो मेरी खाला की फ़ोटो थी और बिल्कुल नंगी फोटो थी.
मैं भाग कर खाला के कमरे में गया, वो उधर बिल्कुल नंगी बैठी थीं.

मैं सीधा जाकर उन्हें चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ दे रही थीं.

मैंने उन्हें बेड पर लिटाया, उनके दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा और उनके निप्पल काटने लगा.
जिससे वो सिहर उठीं और कामुक आवाजें निकालने लगीं ‘आह ऊह ममम आआह …’
इससे मेरा जोश बढ़ने लगा.

फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतारना शुरू किए. मैं बिल्कुल नंगा हो गया और मेरा लंड उफान मारे खड़ा था.

मैं खाला की चूत चाटने लगा और जीभ घुसेड़ने लगा जिससे खाला की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- उमम्म अहा आआह मादरचोद चोद मुझे … क्यों तड़पा रहा है साले … आह!

मुझे मज़ा आने लगा.
मैंने खाला के मुँह में अपना लंड घुसा दिया और हम 69 की अवस्था में आ गए.

करीब दस मिनट बाद हम एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.
फिर Xxx मोसी मेरा लंड चूसने लगीं, जिससे मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.

मैंने खाला की चूत पर लंड सैट किया और एक जोरदार झटका दे मारा.
मेरा आधा लंड चुत के अन्दर चला गया. मैंने एक और झटका मारा, जिससे पूरा लौड़ा चूत में समा गया.

मेरी खाला चिल्ला उठीं- मादरचोद भोसड़ी के … मार डाला साले चुत फाड़ दी मेरी!
मैं कुछ नहीं बोला, बस धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.

खाला की आवाज़ें निकलने लगीं- उफ्फ आआह उम्मन आआह मार दिया साले हरामी कुत्ता!

थोड़ी देर बाद खाला को मज़ा आने लगा और 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला हो गया था.

मैंने खाला से पूछा- माल कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दे.

मेरा माल उनकी चूत में भर गया और मैं उनके ऊपर निढाल हो कर गिर पड़ा.
मेरा लंड अभी भी खाला की चूत में ही था.

कुछ मिनट बाद मेरा लंड चुत के अन्दर ही फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने खाला से कहा- एक और बार.
उन्होंने हां में सिर हिला दिया.

मैंने इस बार उनको उठा कर अपने ऊपर बैठाया और घोड़े की सवारी कराई. जैसे ही खाला मेरे ऊपर कूदतीं, उनके भारी वजन से मेरा पूरा शरीर हिल जाता, जिससे मेरा उत्साह और भी बढ़ जाता.

धकापेल चुदाई का मंजर चलता रहा.

काफी देर तक सेक्स हुआ और कई बार झड़ने के बाद हम दोनों ने सोचा कि अब जेबाँ आने वाली होगी.

मैं भी काफी थक गया था तो हमने एक डीप किस किया. फिर मैंने कपड़े पहन लिए और अपने कमरे में जाकर सो गया.
खाला ने भी अपनी चूत साफ कर ली और अपने कपड़े पहन लिए.

वो अपना काम करने लगीं.

जब मैं सो कर उठा, तब शाम के 5 बज चुके थे.
खाला किचन में थीं, जेबाँ मोबाइल में अपनी सहेली से बात कर रही थी.

तभी मैं चुपके से किचन में गया और खाला को पीछे से पकड़ लिया.

खाला बोलीं- हट जा, जेबाँ देख लेगी.
मैंने कहा- वो फ़ोन पर बात कर रही है.

ये कह कर मैंने खाला के दूध दबा दिए.
खाला बोली- बड़ा शरारती है.

मैंने कहा- अगली सर्विस का मौका कब दोगी?
वो बोलीं- जब मौका मिलेगा.

मैंने खाला को किस किया और वहां से चला गया.
थोड़ी देर में अम्मी आ गईं. वो काफी थकी हुई थीं, आकर वो सीधा लेट गईं.

मैंने उनको पानी दिया.
रात को सबने खाना खाया और सोने के लिए जाने लगे.

अम्मी, खाला और जेबाँ एक ही कमरे में उसी बेड पर सोती थीं जिस बेड पर मैंने खाला को चोदा था.
मैं अलग कमरे में सोता था.

खाला अम्मी से बोलीं- मैं आज शाहबाज़ के साथ सो जाती हूं. उसके कमरे में कूलर है.
अम्मी ने मुझसे पूछा- कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
मैंने कहा- नहीं, कोई दिक्कत नहीं.

मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि आज पूरी रात चुदाई का मजा मिलेगा.
अम्मी और जेबाँ सोने चली गईं.
मैं भी अपने कमरे में चला गया और खाला के आने का इंतज़ार करने लगा.

थोड़ी देर में खाला आईं, उन्होंने कमरे का गेट लगा दिया और कूलर चालू कर दिया, जिससे चुदाई की आवाज़ें बाहर ना जा पाएं.

मैंने खाला को पकड़ा और जोर से किस करने लगा. खाला भी चुम्मा करने लगीं. हम एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

थोड़ी ही देर में हम दोनों नंगे हो गए.
मैंने खाला को लिटाया और उनकी चूत को सूंघने लगा. वाह क्या खुशबू थी और मैं उनकी चूत चाटने लगा.

वो सिहरने लगीं.

फिर मैंने अपना लंड सैट किया और पेल दिया. एक बार में पूरा लंड अन्दर चला गया. खाला की चीख निकल गयी.

मैं रुक गया कि कहीं बाहर आवाज़ न चली जाए.
मैंने खाला के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धक्के लगाने लगा.

अब आवाज बाहर नहीं आ रही थीं. कुछ देर बाद मैंने होंठ हटा दिए.
खाला की धीमी धीमी आवाज़ निकल रही थी ‘आआह आआह उम्मम अहा उफ्फ्फ और तेज … और तेज.’

इससे मेरा जोश बढ़ने लगा और मैं उन्हें और जोर से चोदने लगा.

कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए.
हमने पूरी रात चुदाई की और मैंने खाला की गांड भी मारी.

सुबह 5 बजे तक चुदाई की और फिर कपड़े पहन कर सो गए.

मैं 9 बजे उठा.
तब तक अम्मी जा चुकी थीं और खाला कपड़े धो रही थीं.

मेरी बहन नाश्ता कर रही थी.
वो मुझसे बोली- इतनी देर तक सोते हो … रात में क्या करते हो?

मैंने उससे कहा- तू अभी तक स्कूल नहीं गयी?
उसने कहा- संडे को भी स्कूल जाया जाता है क्या?

मैंने कहा- तो इतने गुस्से में क्यों है, धीरे बोल न!
फिर वो कुछ नहीं बोली.

मैं फ्रेश होकर नहाने लगा. नहा कर आया तो मैंने जेबाँ से पूछा- खाला कहां हैं?

वो बोली- छत पर कपड़े धो रही हैं.
मैं छत पर गया तो खाला सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में कपड़े धो रही थीं.

मैंने कहा- ये जेबाँ तो आज घर पर है, हम लोग कैसे मजा करेंगे?
वो बोली- मुझे भी समझ नहीं आ रहा है.

मैं उनकी तरफ देखने लगा.
खाला ने कहा- इसको भी अपने साथ शामिल कर लो.

मैंने कहा- वो कैसे?
उन्होंने कहा- ये मुझ पर छोड़ दो.

मैं खुश हो गया कि मुझे दो चूतें मिलेंगी. वो भी एक बिना सील टूटी और इतने कड़क दूध.
तो मैं बहुत खुश था.

मैं नाश्ता करने चला गया और खाला कपड़े धोकर और नहा कर आ गईं.
तब तक 11 बज चुके थे.

खाला ने मुझसे इशारे में कहा कि अपने कमरे में जाओ.
मैं अपने कमरे में चला गया और चुपके से झांक कर देखने लगा.

खाला ने उससे कहा- जेबाँ क्या कर रही हो?
उसने कहा- खाला कुछ नहीं, आइए बैठिए.

खाला उसके बगल में बैठ गईं.
उसके साथ भी खाला हर तरह की बातें करती थीं.

खाला ने सीधे कहा- जेबाँ तुम तो काफी सेक्सी हो, स्कूल में लड़के तुम्हारे पीछे लगे रहते होंगे?
उसने कहा- अरे खाला क्या आप भी …
वो शर्माने लगी.

खाला ने उससे कहा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है?
उसने सर नीचे झुका लिया और खाला से कहा- धीरे बोलिए, भाईजान सुन लेगा.
खाला ने कहा- वो अपने कमरे में है, नहीं सुनेगा. तुम बताओ.

उसने ना में सर हिला दिया.
खाला ने कहा- तुम हो तो काफी सेक्सी, तुम्हारे दूध भी कड़क हैं और पिछवाड़ा भी निकला हुआ है.

वो शर्माती हुई सिर झुकाने लगी.
खाला ने कहा- मेरा तुम्हारे जैसा शरीर होता, तो 10-15 बॉयफ्रेंड रखती. तुमने कभी सेक्स किया है कि नहीं?

वो कुछ नहीं बोली.
खाला- मैं समझ गयी. अभी तक तुमने सेक्स ही नहीं किया. तुम्हारी उम्र में मैं अपने पड़ोस के लड़के से 25 बार चुद चुकी थी.

मेरी बहन मुँह फाड़ कर खाला को देखने लगी.
खाला बोली- शर्माओ मत अगर तुम्हारा मन करता है तो बताओ, मैं तुम्हारी जुगाड़ लगवा दूंगी.

वो कुछ नहीं बोली.
 

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घर में ही दो भोसड़े और एक सीलपैक चुत मिली- 2



कहानी के पहले भाग
मेरी खाला मुझे पटाकर चुद गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी खाला मेरी बहन को मेरे लौड़े के लिए सैट करने में लगी थीं.

अब आगे अम्मा सेक्स कहानी:

खाला ने कहा- मुझे तो बताओ यार, मुझसे क्या शर्माना … बोलो?
उसने धीरे से कह दिया कि हां कभी कभी मन करता है.

खाला ने कहा- तुम्हें कोई लड़का पसंद है?
उसने कहा- नहीं.

खाला- तुम्हारा भाई तुम्हें कैसा लगता है?
उसने कहा- खाला ये आप क्या बोल रही हैं. भाई के साथ … नहीं नहीं.

खाला ने कहा- अरे पागल तू भी किस जमाने में जी रही है. ले ये पढ़.
खाला ने अपने मोबाइल में Xforum में भाई-बहन की चुदाई कहानी खोल कर मेरी बहन को पढ़ा दी, जिसे पढ़कर वो शर्माने लगी.

खाला ने कहा- आजकल सब होता है. तेरे भाई के साथ मैं रोज़ मजा करती हूं.
ये सुनकर वो हक्की-बक्की रह गयी.

तभी खाला ने मुझे आवाज़ दी और मैं आ गया.
खाला ने कहा- ये मान गयी, इसको भी जन्नत की सैर करवा दे.

मैंने अपनी बहन को गोदी में उठाया और अपने कमरे में ले गया.
वो मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थी.

मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और किस करने लगा.
वो पहले तो शर्माई, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी.

मैंने धीरे से उसका टॉप निकाला, फिर शॉर्ट्स उतार दिया. उसकी ब्रा का हुक खोला और पैंटी उतार दी.
वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और हमारे बीच अभी भी किस चल रही थी.

उसकी चूत पर हल्के सुनहरे बाल थे और बिल्कुल टाइट चूत थी. एकदम कड़क दूध थे.
मैंने अपनी बहन के एक दूध को हाथ से पकड़ा और दबाने लगा. दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगा, उसके निप्पल काटने लगा.

वो बीच-बीच में सिहर उठती और वो मादक सिसकारियां भरने लगी ‘उम्मम आआह भाई आआह मज़ा आ रहा है उम्मम्म अअअ आआह …’

फिर मैंने बहन की चूत का रुख किया.
मेरे सामने बिल्कुल सील पैक चूत थी. मैंने उसकी चुत में उंगली घुसेड़ी, तो अन्दर से चूत में पानी आया हुआ था.
उसकी चूत गीली हो गयी थी. मेरी उंगली पूरी अन्दर घुसने लगी. मैं अपनी जीभ भी घुसेड़ने लगा.

अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा.
मैं लेट गया. वो मेरे ऊपर थी और हम 69 की पोजीशन में आ गए.

करीब 10 मिनट बाद हम दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.
मैंने उसका सारा माल गटक लिया और वो भी मेरा माल पूरा चाट चाट कर पी गयी.

साली बिल्कुल रंडी की तरह लंड चूस रही थी.

मैंने पूछा- ये कहां से सीखा?
उसने कहा- पोर्न वीडियो देख कर … बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर वो मेरे लंड को चूसती रही, जिससे लंड दोबारा खड़ा हो गया.

मैं लेट गया और मैंने उससे अपने लंड पर बैठने को कहा.
वो मेरे लंड पर बैठी तो बहुत तेज़ चिल्लाने लगी.

मेरा 30 प्रतिशत लौड़ा चुत में घुस चुका था.
उसकी चुत से हल्का सा खून भी आया हुआ था क्योंकि उसकी सील नहीं खुली थी, वो पहली बार चुद रही थी.

उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मैं थोड़ी देर रुका रहा.

फिर एक और धक्का दे मारा. वो फिर से चिल्लायी.
मैंने धीरे धीरे लंड चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर में उसे मज़ा आने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी, मेरे लौड़े पर उछलने लगी.

मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
उसने कहा- बहुत मज़ा आ रहा है.

मेरी बहन मादक सिसकारियां निकालने लगी- आआह उम्मम्म आआह और जोर से … आआह उफ्फ!

करीब 15 मिनट में हम दोनों झड़ गए.
मैंने उसकी चूत में ही माल छोड़ दिया.

हम दोनों बेड पर लेट गए थे.
तभी खाला आ गईं और जेबाँ से पूछने लगीं- कैसा लगा, तेरा भाई बहुत बढ़िया चोदता है.

फिर वो मेरा लौड़ा हाथ में लेकर चूसने लगीं, जिससे मेरा लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया.
जेबाँ भी देख कर गर्म हो गयी.

मैंने जेबाँ से कहा- खाला के कपड़े उतारो.
उसने झट से सारे कपड़े उतार दिए.

फिर खाला मेरे लौड़े पर चूत सैट करके बैठ गईं.
मैंने जेबाँ को अपने मुँह पर बैठने को कहा, जिससे मैं उसकी चूत चाट सकूँ.

खाला मेरे लौड़े पर उछलने लगीं और मैं अपनी बहन की चूत चाटने लगा. इस तरह से बहुत मज़ा आ रहा था.

कुछ मिनट बाद मैं खाला की चूत में झड़ गया. जेबाँ मेरे मुँह में झड़ गयी.
फिर हम तीनों लोग लेट गए.

थोड़ी देर बाद मेरा फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने खाला को मुँह पर बैठने को कहा और जेबाँ को लौड़े पर बिठा कर चुदाई की.

ऐसे ही सारा दिन हम तीनों चुदाई करते रहे.
जब शाम के 5 बज गए, तब खाला ने कहा- तेरी अम्मी आने वाली होगी, खाना भी बनाना है.

खाला चली गईं.

जेबाँ पहली बार चुदी थी, तो उसकी चूत सूज गयी थी.
वो चल नहीं पा रही थी.

तभी खाला आई और उन्होंने एक गोली खुद खाई और एक गोली जेबाँ को दी और खाने को कहा.

मैंने पूछा- ये क्या है?
उन्होंने कहा- जो तू अपना माल चूत में छोड़ देता है, उससे हम प्रेग्नेंट हो सकते हैं. इसलिए ये गर्भ निरोधक गोली है.

अब जेबाँ सो गई और खाला काम करने लगीं.

मैं किचन में गया और खाला से कहा- मैं एक बात कहना चाहता हूँ.
उन्होंने कहा- बेझिझक बोल.

मैंने कहा- मुझे मेरी अम्मी को भी चोदना है.
उन्होंने कहा- साले दो चुतों से तेरा मन नहीं भरा क्या?

मैंने कहा- मैं जहां से निकला हूँ, उसमें लंड घुसेड़ना चाहता हूं.
खाला ने कहा- अच्छा ठीक है, मैं प्लानिंग करती हूँ.

फिर शाम को अम्मी आ गईं.
मैंने अपनी अम्मी को ऊपर से नीचे तक देखा, तो मुझे लगा इस उम्र में भी मेरी अम्मी काफी सेक्सी हैं.

फिर हम लोगों ने खाना खाया और मैं और जेबाँ मोबाइल में लग गए.
हालांकि हम लोग चैटिंग एक दूसरे से ही कर रहे थे और सेक्सी बातें कर रहे थे.

तभी मेरी नज़र अम्मी और खाला पर गयी.
वो दोनों पता नहीं क्या बातें कर रही थीं और मेरी तरफ देख कर हंस रही थीं.
मुझे समझ नहीं आया.

मैं अपने कमरे में चला गया और जाकर नंगा बैठ गया.
खाला के आने का इंतजार करने लगा.

थोड़ी देर बाद खाला आ गईं और मैं उन्होंने बेतहाशा चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगीं.

फिर मैंने उनको बेड पर पटक दिया और दूध चूसने लगा, निप्पल काटने लगा.
खाला मादक सिसकारियां भरने लगीं.

फिर खाला नीचे बैठीं और लौड़ा हाथ में लेकर चूसने लगीं.
मुझे बहुत मज़ा आने लगा.

थोड़ी देर में मैं खाला के मुँह में झड़ गया.
खाला ने पूरा माल गटक लिया और लंड चाटकर साफ कर दिया.

वो लगातार लंड चूसती रहीं जिससे मेरा लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया.
मैंने खाला से बेड पर लेटने को कहा और उनकी चूत पर लौड़ा सैट करके एक जोरदार झटका दे मारा.

मेरा पूरा लौड़ा खाला की चूत में समा गया.
खाला की हल्की सी आआह निकल गयी.

फिर मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.
खाला की मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आआह उम्मम्म आआह अहा माआह!

थोड़ी देर बाद मैं खाला की चूत में ही झड़ गया और निढाल होकर खाला के ऊपर गिर गया.

जल्दी ही मेरा लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने खाला से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है.

खाला ने कहा- नहीं, दर्द होगा.
मैंने ज़िद की तो खाला ने हां कर दी और कहा- बाहर से नारियल का तेल ले आ.

मैं तेल लेने चला गया और लौटा तो देखा खाला गांड खोले उल्टी लेटी हुई थीं, कमरे की लाइट बंद थी. मुझे हल्का हल्का ही दिख रहा था.

मैंने अपने लौड़े पर तेल लगाया और खाला की गांड में तेल भर दिया. फिर एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधा लौड़ा गांड में घुस गया.

खाला की चीख नहीं निकली, तो मुझे अजीब सा लगा.
फिर मैंने एक और झटका मारा तो मेरा पूरा लौड़ा घुस गया.
मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद अचानक से बल्ब जला, मैं घबरा गया. मैंने मुड़कर देखा, तो खाला मेरे पीछे खड़ी थीं.

मैंने आगे देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. मैं अपनी अम्मी की गांड मार रहा था.
खाला ने कहा- कैसा लगा अम्मा सेक्स का सरप्राइज?

मैं अम्मी की तरफ देखने लगा.
अम्मी ने मुझे एक स्माइल दी और कहा- जल्दी चोदो.

मैं खुश हो गया और धक्के मारने लगा. थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया.
फिर अम्मी उठीं और मुझे किस करने लगीं.

खाला मेरे लौड़े को चूसने लगीं.
अम्मी ने कहा- कब मेरा बेटा कब इतना बड़ा हो गया, पता ही नहीं चला.

खाला जाकर जेबाँ को भी बुला लाईं.
अम्मी को नंगी देख कर वो चौंक गयी. उसने कहा- अम्मी आप भी?
अम्मी ने कहा- अरे तुम भी!

मैंने खाला को थैंक्स बोला.
फिर मैंने जेबाँ को चोदने की इच्छा जताई और मैं बेड पर लेट गया.

जेबाँ मेरे लौड़े पर बैठ गयी, अम्मी मेरे मुँह पर, खाला सर के पीछे. अम्मी और खाला एक दूसरे के मम्मों को दबाने लगीं और फिर से चुदाई शुरू हो गयी.

जेबाँ मेरे लौड़े पर उछलने लगी और अम्मी चूत चटवाती हुई सिसकारियां भरने लगीं. वो खाला के दूध दबाने लगीं.
पूरे कमरे में ‘फच्चर फचर आआह उम्मम्म अहा आआह उफ्फ्फ …’ के साथ गालियों की आवाज़ गूंजने लगी.

मैंने सबको बारी बारी से चोदा.
पूरी रात चुदाई करने के बाद सब लोग एक दूसरे के ऊपर नंगे ही सो गए.

फिर हम सुबह दस बजे जागे तो सब लोग नंगे ही थे. तब मैंने अपनी अम्मी को उजाले में अच्छे से देखा.

सच में अम्मी बहुत सेक्सी हैं. आज अम्मी काम पर नहीं गईं और ना ही जेबाँ स्कूल गई.

हम चारों ने सुबह एक राउंड चुदाई की फिर फ्रेश होने लगे. फिर हमने खाना खाया और बातें की.

मैंने खाला से पूछा- आपने आखिरी बार कब सेक्स किया था?
वो बोलीं- पिछले महीने ही.

मैंने कहा- किसके साथ?
उन्होंने बताया- एक अजनबी आदमी से.

फिर मैंने अम्मी से पूछा- आपने कब किया था?
अम्मी ने बताया- मैं तो रोज़ ही करती हूँ.

मैं ये सुनकर हैरान हो गया.
मैंने कहा- किसके साथ?

उन्होंने बताया कि मैं अपने मालिक के साथ सेक्स करती हूँ. वो मुझे काम के नहीं, चुदाई के पैसे देता है. संडे को भी मुझे उसकी सेवा के लिए जाना पड़ता है.
मैं अम्मी की तरफ देखने लगा.

उन्होंने आगे बताया कि जब ज्यादा पैसे की जरूरत होती है तो मैं तेरी खाला को भी ले जाती हूं. हम दोनों बहुत बड़ी चुदैल हैं.
तब मुझे पता चला कि मेरी अम्मी और खाला दोनों एकदम रंडी हैं.

फिर खाला ने मुझसे कहा- अब मुझे भी एक बच्चा पैदा करना है. तुझे जल्दी ही बाप बना दूँगी.

अब हम सब रोज़ चुदाई करते हैं. जब टाइम मिलता तब चुदाई शुरू हो जाती.
मैं खाला को सबसे ज्यादा चोदता हूँ.

दो महीने बाद पता चला कि मेरी खाला मेरे बच्चे की मां बनने वाली हैं. मैं बहुत खुश हुआ.
कुछ महीने बाद खाला को लड़का हुआ.

जब तक खाला प्रेग्नेंट थीं, तब तक मैंने जेबाँ को बहुत चोदा.

ऐसे ही हमारी ज़िंदगी आगे बढ़ने लगी और मैंने जेबाँ से शादी कर ली.
हम सब अम्मी और खाला के साथ दूसरे शहर में रहने लगे.
 

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बड़ी बहन की गांड मारने का मजा




मेरा नाम सुमित है। मैं एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ।
मेरे परिवार में कुल 5 सदस्य हैं, मम्मी पापा, दो बड़ी बहन और एक छोटा भाई।

बड़ी दीदी शहर से बाहर रहती हैं, मैं भी पढ़ाई करने के लिए बाहर रहता हूँ, छोटा भाई और दूसरी दीदी घर ही मम्मी पापा के साथ रहते हैं।

दूसरी दीदी मुझसे 11 महीने बड़ी है लेकिन जन्म एक ही वर्ष में हुआ है।

ये कहानी उस वक्त की है जब हम 12वीं में थे। मैं बाहर हॉस्टल में रह कर पढ़ता था.

एक बार की बात है मैं छुट्टियों में घर आया हुआ था.

तो अचानक से प्लान बना कि नानी घर जाना है.
मम्मी, छोटा भाई और पापा नानी घर चले गए और हम दोनों भाई-बहन घर पर ही रह गए।

गर्मी का मौसम था तो हम दोनों भाई-बहन एक ही पलंग पर एक कूलर चला कर सो गए.

मैं जब सोता हूँ तो मेरी आदत है कि मैं कुछ पकड़ कर रखूं, उस रात भी मैंने तकिया पकड़ कर रखा था.

लेकिन जब मेरी नींद खुली तो मेरा हाथ मेरी दीदी के चूची पर था.
दीदी शायद पूरी तरह से नींद में थी इसलिए उन्हें कुछ पता नहीं चला।

यह देखने के लिए कि वो सो रही है या जगी हुई है, मैं हल्के हल्के उनकी चूचियों पर हाथ फेरने लगा।
जब उन्होंने किसी भी तरह की हलचल नहीं की तो मैं समझ गया कि वो पूरी तरह नींद में हैं।
मैं हल्के हल्के उनकी चूचियों को दबाने लगा.

क्या मस्त गोल गोल चूचियाँ थी उनकी!
थोड़ी देर में मुझे लगा कि दीदी नींद से जग गयी हैं.

एक पल के लिए तो मैं काफी डर गया था लेकिन फिर मैं उनकी चूचियों के साथ खेलने लगा.
कभी बायीं को सहलाता तो कभी दायीं को!

थोड़ी देर में वो पूरी तरह से जग चुकी थी और अपने पैरों को आपस में रगड़ रही थी.
मैंने भी सहलाना नहीं छोड़ा।

थोड़ी देर बाद मैंने उनकी टॉप में हाथ घुसा दिया और ब्रा के ऊपर अपना हाथ रख दिया और दबाने लगा.

दीदी ने एक करवट ली ताकि मेरा हाथ उनके टॉप से ना निकले और अचानक से उठ कर बैठ गयी फिर मेरी तरफ झुक गयी और मेरे होंठों पर उन्होंने अपने होंठ रख दिये और किस करने लगी।
इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाता … वो मेरे होंठों को जबरदस्त तरीके से चूस रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हो गए थे।

दीदी ने पूछा- अच्छे से करोगे?
पहले तो मैं सकपका गया और कहा- दीदी, ये सब गलत है, हम भाई-बहन हैं.

तब दीदी ने कहा- आधे घण्टे से जब तुम मेरी चूचियों को दबा रहे थे … तब ये ख्याल नहीं आया?
मैं चुप था.

उन्होंने मेरी बनियान उतारने को कहा और खुद अपना टॉप उतार लिया.
उस पीली रोशनी में दीदी की बैंगनी रंग की ब्रा क्या चमक रही थी, पूछो मत दोस्तो!

दीदी मेरे करीब आई और एक बार फिर हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों को चूसना शुरू कर दिया और मैं उसकी चूची भी दबा रहा था।

फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी और बिस्तर पर लिटा कर उनकी चूचियों को मुँह में भर लिया और बीच बीच में उनके निप्पल भी काट रहा था.
उधर दीदी धीरे धीरे आह, ओह उम्म आहम्म की आवाज निकाल रही थी।

ऐसी आवाज सुनकर मुझे और जोश आ रहा था, मैं उनकी चूचियों को जबरदस्त तरीके से चूस रहा था.

फिर मैं उनके पेट को चाटने लगा. वो और जोर से आवाज निकाल रही थी।

थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझसे पूछा- सेक्स करोगे मेरे साथ?
ये सुनकर तो मुझे और पसीना आने लगा, मैं चुप रहा।

दीदी ने अपना लोवर उतार दिया और मुझे भी उतारने को कहा.
और खुद अपनी पैंटी में हाथ डाल कर अपनी चूत को रगड़ने लगी.

फिर दीदी उसी तरह की आवाज निकाल कर बिस्तर पर तड़प रही थी और कह रही थी- फक मी ब्रो! फक मी ब्रो! फक मी हार्डर!
दीदी के उतावलेपन और उस जोश को देख कर मुझे लगा कि दीदी पहले भी किसी से चुद चुकी है।
पर ये सब ना सोचते हुए मैं अपने लन्ड को बाहर निकाल कर सहलाने लगा।

दीदी ने मेरा लन्ड पकड़ लिया था और हिला रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद अपने मुँह से थूक निकाल कर मेरे लन्ड पर लगा दिया और कहा- इसे मेरी गांड में डालो।

मैं तो पहली बार ही किसी के साथ सेक्स कर रहा था, मुझे कुछ पता नहीं था, कौन सा गांड का छेद और कौन चूत का!
फिर दीदी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरे लन्ड को अपनी गांड में डाल लिया और धीरे धीरे उछल रही थी.

मैं समझ गया कि यही गांड की छेद है और इसमें ही अपना लन्ड डालना है।
जब पहली बार दीदी के गांड में मेरा लन्ड गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ.

कुछ देर बाद मैंने दीदी को उठने को कहा और घोड़ी बनने को कहा.

और तब मैंने उनकी गांड में अपना लन्ड घुसा दिया और प्यार से चोदने लगा.
दीदी अब भी उसी तरह की आवाज निकाल रही थी और कह रही थी- फक मी … फक मी …

जब दीदी को मजा आने लगा तो दीदी ‘ओह यस … ओह यस … उउम्म आह … आहहम्म …’ इसी तरह की आवाज निकाल रही थी।
अब मुझे भी चोदने में मजा आ रहा था।

थोड़ी देर बाद हम दोनों ही झड़ गए थे, फिर मैंने बाथरूम में जाकर अपना लन्ड साफ किया.
दीदी ने भी मेरे सामने ही अपनी गांड और चूत की सफाई की।

फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए।

अब मेरी नंगी दीदी ने कहा- कैसा लगा ये सब करके अपनी दीदी के साथ?

मैं बोला- मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी आपके साथ ये सब करूँगा, मुझे भी बड़ा मजा आया।

फिर दीदी अपनी ब्रा और टॉप पहनने लगी तो मैंने दीदी से कहा- क्या आज रात हम दोनों नंगे सो सकते हैं?
इस पर दीदी ने हामी भर दी और हम दोनों चिपक कर एक साथ सो गए.
पर हमारी आँखों में नींद कहाँ।

मैं बार बार दीदी की चूचियों को दबाता, कभी मुँह लगाता, दीदी भी लगातार अपना चूत रगड़ रही थी।

मैंने दीदी से पूछा- क्या मैं आपकी चूत को रगड़ दूं?
दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूत पर रख दिया.

बहना की चूत रगड़ते पता नहीं कब हम दोनों को नींद आ गयी।

सुबह जब मेरी नींद खुली तो दीदी कपड़े पहन चुकी थी और मुझे उठाने आयी।
जब मुझे उठाने आयी तो मैंने दीदी को अपनी तरफ खींच लिया और एक बार फिर उनके होंठ को चूसने लगा.

थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा- अब उठो और ये सब हरकत मम्मी पापा के सामने मत करना. और ना ही दूसरे कमरे में बुला कर! अगर देख लिया ना तो हम दोनों की खैर नहीं।

फिर हम दोनों उठे, फ्रेश हुए.
दीदी चाय बनाने चले गयी और मैं मोबाइल पर गेम खेलने लगा.

एक घण्टे बाद मम्मी पापा भी आ गए.
फिर सब नॉर्मल हो गया.

इसके बाद जब कभी हमें मौका मिलता, मैं उनके चूचियों को सहला देता या फिर दबा देता।
 

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दो बहनों ने पति अदल बदल कर चुदाई की


मेरा नाम मिसेज राधिका है यह तो आप जान ही गए हैं मेरे प्यारे दोस्तो!

मेरी शादी के 2 साल हो चुके थे और मैं अपना वैवाहिक ज़िन्दगी अच्छी तरह जी रही थी.
लेकिन एक बात जरूर थी कि रोज़ रोज़ वही लण्ड पकड़ते पकड़ते, वही लण्ड चाटते चूसते, वही लण्ड चूत में पेलवाते पेलवाते बहुत बोर हो चुकी थी।

मुझे लगा कि अब कोई नया लण्ड मिले तो अच्छा हो।
मैं बस नए लण्ड की तलाश करने लगी।

एक दिन अचानक मेरी मौसी की बेटी ललिता का फोन आ गया।
वह बोली- दीदी, हम दोनों मुंबई आ रहे हैं।
मैंने बड़ी गर्म जोशी से कहा- हां हां बिल्कुल आ जाओ। कौन सी फ्लाइट से आ रही हो?

उसने डिटेल बताया तो मैंने नोट कर लिया।

शाम को मैंने इसका ज़िकर अपने पति राघव से किया तो वह बड़ा खुश हुआ।

अगले सवेरे हम दोनों उसे रिसीब करने एयरपोर्ट पहुँच गए।
जब वह आई तो मुझसे लिपट गयी।

मैं उसके पति हरीश से मिली। वह भी बड़ा स्मार्ट और हैंडसम था।
मेरा पति ललिता को देख कर ललचा गया ऐसा मुझे उसके हाव भाव से मालूम हो गया।

हम लोग घर आ गए.
नाश्ता तैयार था ही!
वो लोग भी फ्रेश होकर आ गए और हम सब नाश्ता करके बाहर निकल पड़े।

दिन में थोड़ा घूमे दोपहर में एक पिक्चर देखी और शाम को बगीचे में घूमने लगे।
तब तक हम दोनों कपल एक दूसरे के काफी करीब आ चुके थे।

मैं ललिता से बातें करने लगी और वो दोनों अलग!
अब तक हमारी बातें और तरह की थी पर अब मैं और तरह की बातें करनी शुरू कर दी।

मैंने कहा- अच्छा ललिता, ये बताओ कि तुम एक ही मरद के साथ सेक्स करते करते बोर नहीं हो जाती हो?
वह बोली- अरे दीदी, आपने कहाँ दुखती रग पर हाथ रख दिया। सच बताऊँ यार मैं तो बहुत बोर हो जाती हूँ पर करूं क्या? मन मार कर रह जाती हूँ।

“तो फिर कोई ज़रिया कभी तलाशने की कोशिश की?”
“ज़रिया हो भी क्या सकता है? एक पराये मरद के अलावा और क्या हो सकता है पर कोई भरोसे वाला मिलता भी तो नहीं है.”

“अच्छा अगर मिल जाए तो?”
“मिल जाए तो मैं उसे नंगा करके सबसे पहले उसका लण्ड देखूंगी।”

“ऐसा क्यों कि तुम सबसे पहले लण्ड देखोगी?”
“इसके दो कारण हैं दीदी … एक तो लण्ड सबके अलग अलग होते हैं तो एक नया लौड़ा देखने को मिलेगा। और दूसरा कि चुदवाने के लिए सिर्फ लण्ड की जरूरत है बाकी का मुझसे क्या लेना देना?”

“अच्छा अगर कोई तेरे मरद का लण्ड ले ले तो?”
“मैं अपने मरद का लण्ड उसी को दूँगी जो खुद अपने मरद का लण्ड मुझे देगी।”

“इसका मतलब है कि तू लण्ड की अदला बदली करने को तैयार है?”
“हां कर लूंगी। मैं बिंदास हूँ, बोल्ड हूँ, पढ़ी लिखी हूँ, यह तो Lund Swapping है, कर लूंगी।”

“तेरा हसबैंड क्या मान जाएगा इसके लिए? वह नाराज़ तो नहीं होगा? उसे बुरा नहीं लगेगा?”
“मेरा हसबैंड भोसड़ी का मेरी मुठ्ठी में रहता है दीदी। जैसे मैं उसके लण्ड को मुठ्ठी में रखती हूँ वैसे ही मैं उसको भी मुठ्ठी में रखती हूँ।”

“अगर मैं तेरे मरद के लण्ड को अपनी मुठ्ठी में ले लूँ तो?”
“तो फिर मैं तेरे मरद के लण्ड को मुठ्ठी में ले लूंगी दीदी।”
“यही तो मैं चाहती हूँ।”

वह बड़ी जोर से हंस पड़ी और बोली- वाह दीदी वाह … तुमने तो मेरे मुंह से सब कुछ उगलवा लिया। अब मैं हसबैंड स्वैपिंग के लिए तैयार हूँ और मैं आज ही जीजू का लण्ड पकड़ कर देखूंगी।
मैंने कहा- अब तुम अभी से अपने जीजू को रिझाने में जुट जाओ, उसके लण्ड में आग लगा दो। मैं तेरे पति को रिझाऊंगी और उसके लण्ड में आग लगा दूँगी।

“चलो अब हम एक दूसरे के पति से खूब मस्ती वाली बातें करें और उनके लण्ड में आग लगा दें।”

फिर मैं उसके पति से खुल कर बातें करने लगी और वह मेरे पति से!
जैसे ही हम लोग घर वापस आये वैसे ही एक दूसरे के पति के आस पास घूमने लगीं।

हम दोनों ने कपड़े बदले, भड़कीले और छोटे कपड़े पहन कर सोफा पर बैठ गयीं।
न मैंने ब्रा पहनी और न उसने!
हम दोनों अपनी अपनी बड़ी बड़ी मस्तानी चूचियों की झलक एक दूसरी के पति को दिखाने लगीं, अदायें भी दिखाने लगी और थोड़ा गन्दी गन्दी मजाक भी करने लगी।

मेरा पति उसका जीजू और उसका पति मेरा बहनोई तो मजाक का रिश्ता भी था हमारा।

फिर हम सब ड्रिंक्स पर बैठ गए।
पीती मैं भी हूँ और ललिता भी!

वो दोनों भी एक दूसरे की बीवी की तरफ आकर्षित होने लगे।

मैंने अपने पति से कहा- क्या बात है, ललिता की तरफ बहुत देख रहे हो तुम?
ललिता बोली- तो क्या हुआ दीदी … वह मेरा जीजू है मैं उसकी साली हूँ। अब अपनी साली को नहीं देखेगा तो किसको देखेगा? तुम्हारा मन हो तो तुम भी अपने बहनोई को देखो न दीदी, मना किसने किया है?

मैंने आँख मार कर बड़ी सेक्सी अदा से कहा- मैं तेरे पति को भी देखूंगी और तेरे पति का भी देखूंगी.
ललिता बोली- हाय दईया, तो फिर मैं भी तेरे पति का देखूंगी दीदी! मैं किसी से कम नहीं हूँ।

हमारी बातों का मतलब वो दोनों अच्छी तरह समझ रहे थे।

थोड़ा नशा और चढ़ा तो मस्ती भी और बढ़ गयी।

ललिता ने अपनी बांहें मेरे पति के गले में डाल दीं और उसके गाल चूम कर बोली- जीजू आज तुम मुझे बड़े अच्छे लग रहे हो।

मैं भी हरीश से चिपक कर बैठ गयी और उसकी जांघ पर हाथ रख कर सहलाने लगी।
उसका भी हाथ मेरे बदन पर आ गया और वह भी मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा, फिर धीरे धीरे मेरी चूचियों पर आ ही गया.

उसने मेरी चूचियाँ दबायीं तो मैंने भी उसका लण्ड ऊपर से ही दबा दिया।
न उसने मना किया और न मैंने!

हम दोनों एक दूसरे को समझ गए कि अब क्या करना है.

उधर ललिता तो मेरे पति का लण्ड ऊपर से ही बड़ी जोर जोर से दबा रही थी।
वह भी ललिता के बूब्स दबाने लगा।

हमारे इस हाव भाव से मामला बिल्कुल साफ़ हो गया था कि हम दोनों एक दूसरे के पति से चुदवाना चाहती हैं और वो दोनों एक दूसरे की बीवी चोदना चाहते हैं।

हम लोग कुछ भी नहीं बोल रहे थे लेकिन हाथ हम सबके चल रहे थे।
हमारे हाथ ही बोल रहे थे कि अब आगे क्या होने वाला है.

मेरे पति ने ललिता के बूब्स खींच कर बाहर निकाल लिया।

इधर उसका पति भी मेरी ब्रा खोल कर मेरे दोनों बूब्स निकाल कर चाटने लगा और बोला- वाह वाह दीदी, क्या मस्त चूचियाँ हैं आपकी! कितनी बड़ी बड़ी और मस्त सुडौल हैं बूब्स आपके! बड़ा मज़ा आ रहा है इन्हें चाटने में चूसने में!

उधर मेरा पति बोला- वाह साली साहिबा, क्या मस्त और खूबसूरत हैं तेरी चूचियाँ! साली की चूची और साली की चूत बहुत नसीब वालों को मिलती है। आज मैं वाकई बड़ा नसीब वाला हूँ।
ललिता बोली- हाय दईया जीजू, आपने अभी मेरी चूत तो देखी ही नहीं!

उसने हाथ ललिता के पेटीकोट में घुसेड़ दिया और कहा- मेरा हाथ तो देख रहा है न? अभी मेरी आँखें भी देखेंगीं तेरी मस्तानी चूत!
इधर उसका पति मुझे एकदम नंगी करने पर तुला था, जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतार कर फेंक रहा था।
वैसे कपड़े कोई ख़ास थे भी नहीं!

पहले मैं मादर चोद नंगी हो गयी और फिर मेरे सामने बुर चोदी ललिता भी बिल्कुल नंगी हो गयी।

संयोग तो देखिये कि छोटी छोटी झांटें उसकी चूत पर भी थीं और छोटी छोटी झांटें मेरी चूत पर भी थीं।
कुछ भी हो लेकिन दोनों की चूत बड़ी सेक्सी लग रही थी।

इतने में मैंने हरीश को एकदम नंगा कर दिया।
उसका लौड़ा खड़ा हुआ था।

लण्ड देख कर मुझे बहुत ख़ुशी हुई। आज शादी के बाद मैं पहली बार किसी पराये मरद का लण्ड देख रही थी।

वैसे शादी के पहले मैं कई लण्ड पकड़ चुकी थी। मतलब यह कि मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी। कई लड़कों से चुदी थी।
इसीलिए मुझे शादी के बाद पराये मरद के लण्ड की जरूरत बहुत महसूस हो रही थी।

बात करने पर ललिता ने बताया- दीदी, मैं भी शादी के पहले खूब चुद चुकी थी। एक अंकल ने मुझे कई बार चोदा था और कॉलेज के दो लड़कों से मैं खुद बड़े मजे से चुदवाती थी। शादी के बाद मुझे भी कोई लौड़ा नहीं मिला तो मैं भी तरस रही थी। आज मेरी तमन्ना पूरी होगी।

फिर हमने प्लान बनाया कि आज हम दोनों एक दूसरे के पति से चुदवायेंगी जरूर और अब वही होने जा रहा है।
मैं उसके पति का लण्ड हिलाने लगी और वह मेरे पति का लण्ड!

दोनों ही लण्ड बड़े मस्त और तगड़े तंदुरुस्त थे; दोनों लण्ड के टोपा चमक रहे थे।

दो सोफे आमने सामने पड़े थे।
एक में मैं नंगी और उसका पति नंगा दूसरे में वह नंगी और मेरा पति नंगा।

ललिता मेरे पति का लण्ड चूसने और मैं उसके पति का लण्ड।
मैं हरीश का लण्ड उसकी आँखों में आंखें डाल कर चूस रही भी मेरे मियां का लण्ड उसकी आँखों में आँखें डाल कर चूस रही थी।
इससे अब न मुझे कोई शरम थी और न उसे!

मैंने कहा- यार ललिता, तेरे पति का लण्ड बड़ा खूबसूरत और मोटा तगड़ा है। बहनचोद देखो न … मेरे हाथ में आकर कितनी मस्ती से उछल रहा है।
उसने कहा- ये लण्ड भोसड़ी का … परायी बीवी के हाथ में जाकर ज्यादा ही उछलने लगता है। अब देखो न तेरे पति का लण्ड मेरे हाथ में कैसे फुफकार रहा है?

मजे की बात यह थी कि झांटें दोनों लण्ड की बिल्कुल साफ़ थीं। पेल्हड़ भी दोनों के एकदम चिकने थे।
मुझे तो ऐसे ही लण्ड पसंद हैं। ऐसे लण्ड चाटने में बड़े अच्छे लगते हैं।

ललिता भी बड़ी मस्ती से मेरे पति का लण्ड चाटने में जुटी थी।
वह बोली- अरे दीदी, जीजू का लण्ड इतना जबरदस्त है … अगर तूने पहले पकड़ाया होता तो अब तक जाने कितनी बार इससे चुदवा चुकी होती!

इतने में सबको जोश आ गया और हरीश ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया।
मेरे मुंह से निकला- उफ़ … बड़ा मोटा लण्ड है तेरा यार! मेरी तो बुर फट जाएगी बहनचोद, इतना मोटा लण्ड पहले कभी नहीं घुसा मेरी चूत में! हाय रे … आज मेरी चूत में छक्के छूट जायेंगे।

तब तक मेरे पति ने भी लौड़ा ललिता की बुर में ठोक चुका था।
वह बोली- उई माँ … मर गयी मैं! इस भोसड़ी वाले जीजू ने फाड़ दी मेरी बुर! हाय अब मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही। जीजू बड़ा बेशरम है तेरा ये मादरचोद लण्ड? धीरे धीरे चोदो न जीजू? मैं कहीं भाग नहीं जाऊँगी। चुदवा कर ही जाऊँगी तुमसे!

कुछ देर बाद वह बोली- क्या यार जीजू … पूरा लौड़ा पेल पेल के चोदो न? धीरे धीरे नहीं … तेज तेज चोदो, मर्दों की तरह चोदो मेरी बुर! बड़ा मज़ा आ रहा है। वाह वाह क्या मस्त लौड़ा है तेरा? फाड़ डालो मेरी बुर … चीर डालो मेरी बुर!
वह मस्ती मे कुछ भी बोलती जा रही थी।

इधर मैं भी बोल रही थी- हाय मेरे हरीश राजा, मुझे खूब चोदो, अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे, मैं तेरी ही हूँ मुझे गपागप चोदो! हाय रे बड़ा गज़ब का है तेरा लण्ड … मुझे ऐसा ही लण्ड पसंद आता है. मेरी चूत ऐसे ही लण्ड खाती है. हाय राम हो ही ओहो हो बड़ा मज़ा आ रहा है आओ हूँ ओ हा ऊँ हूँ ओ ह्हो … क्या मस्त चुदाई है यार!

हम दोनों इसी तरह सिसियाती जा रही थी और मजे से चुदवाती भी जा रही थी।

हरीश बोला- यार राघव, मुझे अपनी बीवी के सामने तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
मेरे पति राघव ने कहा- हां यार हरीश, मुझे भी अपनी बीवी के सामने तेरी बीवी चोदने में बहुत मज़ा आ रहा है. ऐसा मज़ा बहनचोद पहले कभी नहीं आया। एक बात और है मुझे अपनी बीवी चुदवाने में भी मज़ा आ रहा है।

मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गयी। मैं चाहती थी कि मेरा पति अपनी बीवी चुदवाना शुरू कर दे तो सब काम बन जाए।

तब तक ललिता बोली- अरे जीजू, जो अपनी बीवी चुदवाता है वही दूसरे की बीवी चोद पाता है। मैं तो कहती हूँ कि तुम लोग रोज़ ही चुदवाओ अपनी बीवी और चोदो दूसरों की बीवियां! जाने कितनी बीवियां तुम्हारे जैस लोगों से चुदवाने के लिए तैयार हैं.

ललिता ने भी वही कहा जो मैं चाहती थी।
बस दोनों को और जोश आया तो वो हमें पीछे से चोदने लगे और फिर लण्ड पे बैठा बैठा के भी चोदने लगे।

आखिर में जब हम दोनों ने एक दूसरे के पति के झड़ते हुए लण्ड चाटे तो उसका आनंद कुछ और ही था जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता.

हमने महसूस किया कि चुदाई में रोज ऐसा ही मज़ा आये तो अच्छा हो!

फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया, खूब गन्दी बातें की और थोड़ा इधर उधर घर में ही घूमे।

उसके बाद फिर इन लोगों ने हमें दो दो बार चोदा; तब हम लोग थोड़ा सोये।

ललिता जब तक रही, तब तक वह हर रोज़ रात को मेरे पति से चुदवाती रही और मैं उसके पति से चुदवाती रही।

उसके जान के करीब एक हफ्ते बाद उसका फोन आया।
उसने कहा- दीदी, अभी कल ही मेरी एक दोस्त कला अपने हसबैंड के साथ मुंबई गयी है। मैं उसके साथ चोदा चोदी कर चुकी हूँ। मैंने उसे तेरा फोन नंबर दे दिया है। उसके हसबैंड लौड़ा बड़ा मस्त है, ज्यादा बताऊंगी तो तेरा मज़ा किरकिरा हो जायेगा। अब तुम खुद पकड़ कर देख लेना उसका लण्ड! और जीजू से कहना कि कला की बुर खूब अच्छी तरह चोदे क्योंकि वह भोसड़ी वाली बड़ी मस्त है चुदवाने में। लण्ड का पूरा मज़ा लेती हैं और पराये मर्दों से जम कर चुदवाती है।

उसकी बातों ने मेरी चूत में आग लगा दी।
बस 2 मिनट में ही फोन फिर बजने लगा।

मैंने जैसे ही हेलो कहा वैसे ही वह बोली- दीदी, मैं कला बोल रही हूँ मुझे आपके बारे में ललिता ने बताया है।
तो मैंने कहा- मेरी बात ललिता से हो गयी है। तुम लोग आज शाम को 8 बजे मेरे घर पर डिनर के लिए आ जाओ।

तब तक मेरा पति भी आ गया।
मैंने उसको यह खबर सुनाई तो वह बड़ा खुश हुआ और बोला- यार राधिका, मेरा एक दोस्त देवा भी आज शाम को अपनी बीवी दिव्या के साथ आ रहा है। मैंने उन्हें डिनर पर बुला लिया। वह हमारे साथ वाइफ स्वैपिंग करने आ रहा है।

मैं तो यह सुन कर दुगुना खुश हो गयी कि अब आएगा असली मज़ा … तीन तीन कपल जब अदला बदली करेंगें तो मज़ा भी तिगुना हो जायेगा।

मैंने फिर फटाफट सारा इंतज़ाम कर लिया।

शाम को जब सब लोग इकट्ठे हो गए और एक दूसरे से परिचय हुआ तो सब बड़ी मस्ती में आ गए।

मेरे पति ने देवा को बता दिया कि कला और रोहित भी वाइफ स्वैपिंग के लिए ही आए हैं तो वो दोनों बहुत ही खुश हुए।

इधर कला को जब मालूम हुआ कि आज सेक्स पार्टी में 3 कपल होंगे तो वह ख़ुशी से उछल पड़ी।

मैंने हॉल में गद्दा वगैरह बिछा कर पूरी तैयारी कर ली थी और फिर हम सब बैठ कर मदिरापान करने लगे।
दिव्या बोली- अरे राधिका, बहुत अच्छा किया। ग्रुप सेक्स करने के पहले थोड़ा सरूर आना जरूरी होता है।
कला भी बोली- हां यार, चुदाई के पहले थोड़ा नशा ज्यादा मज़ा आता है।

मैं समझ गयी कि ये दोनों बीवियां शराब की उतनी ही शौकीन हैं जितनी की मैं!

दो दो पैग शराब ख़त्म हुई, सब लोग खुल कर बोलने लगे, अपने आपमें मन की बात बोलने लगे।

वाइफ स्वैपिंग करना सभी चाहते हैं पर बोलना कोई नहीं चाहता।
पहल कोई नहीं करना चाहता।

देवा बोला- यार, मैं बहुत दिनों से वाइफ स्वैपिंग के बारे में सोच रहा था पर कर नहीं पाया कभी! उस दिन जब राघव ने ज़िकर किया तो मज़ा आ गया। मैंने जब अपनी बीवी दिव्या को बताया तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ी और खाना पीना सब भूल गयी।

कला ने कहा- मुझे जब ललिता ने बताया तो मैं इस बात से खुश हुई कि चलो मुंबई में भी अपना कोई होगा जिसके साथ हसबैंड की अदला बदली का मौक़ा मिलेगा। मेरे पति का तो चेहरा ही खिल उठा।

दारू पीते हुए बहुत सी बातों का खुलासा हुआ जिससे हम सब एक दूसरे के काफी नजदीक आ गए।
हमारे बीच शर्म और झिझक की दीवार टूट गयी।

हम बुर चोदी तीनों बीवियां एकदम बिंदास हो गयीं और शराबी बीवी की तरह व्यवहार करने लगी.

मैंने रोहित के गले में बाहें डाल दीं और उसके गाल चूमते हुए बोली- वाह कितना मस्त मरद है तू बहनचोद रोहित!
रोहित की बीवी कला देवा की तरफ मुड़ी और उससे चिपक गयी। उसका लौड़ा ऊपर से ही सहलाते हुए बोली- वाओ … लौड़ा भोसड़ी का बड़ा मस्त लग रहा है तेरा!

देवा की बीवी दिव्या ने मेरे पति के पास जाकर उसे उठाया और उसके गले लग गयी फिर वह हाथ नीचे करके उसका लौड़ा टटोलने लगी।
मेरा पति भी दिव्या की चूचियाँ ऊपर से दबा दबा कर मज़ा लेने लगा, बोला- वॉवो क्या मस्त चूचियाँ है तेरी दिव्या भाभी!
वह बोली- तेरा मस्त लौड़ा भी है मेरी जान राघव!

बस कुछ ही देर में एक एक करके हम सब नंगे हो गए।
तीनों बीवियां नंगी और तीनों मरद नंगे।

मैं रोहित का लण्ड हिलाने लगी, दिव्या राघव का लण्ड और कला देवा का लण्ड हिलाने लगी।

मैंने कहा- अब मैं आप सबको डबल मज़ा देना चाहती हूँ। बीवियों को पराये मरद का लण्ड चाटने का मज़ा और पराये मरद से बुर चटवाने का भी मज़ा। वह लण्ड चाटेगी किसी और मरद का … साथ ही साथ बुर चटवायेगी किसी और मरद से! मर्दों को डबल मज़ा कि … बुर चाटो किसी और की बीवी की और लण्ड चटवाओ किसी और की बीवी से!

यह सुनकर सब लोग हैरान हो गए कि यह कैसे होगा?

मैंने कहा- मैं बताती हूँ कि कैसे होगा.

मैंने सबको गोल गोल बैठा दिया।
एक बड़ा सा घेरा बन गया।

सब लोग नंगे थे ही!

पहले मैं बैठी, मेरी दाहिनी तरफ रोहित, फिर दिव्या, फिर राघव फिर कला फिर देवा।
अब हर मरद के अगल बगल परायी बीवी हो गयी और हर बीवी के अगल बगल पराया मरद हो गया।

मैंने कहा- अब सब बीवियां दाहिनी तरफ वाले का लण्ड चाटेंगी और सब मर्द दाहिनी तरफ वाली की बीवी की बुर चाटेंगे।

इसका असर यह हुआ कि मैं रोहित का लण्ड चाटने लगी और रोहित दिव्या की बुर!
दिव्या राघव का लण्ड चाटने लगी और राघव कला की बुर,
कला देवा का लण्ड चाटने लगी और देवा मेरी बुर चाटने लगा.

इस तरह सबको डबल मज़ा आने लगा।

बीवियों को लण्ड चाटने का और बुर चटवाने का मज़ा मिलने लगा।
मर्दों को बुर चाटने का मज़ा और लण्ड चटवाने का मज़ा मिलने लगा।

इस खेल से सबकी बुर में आग लग गयी और सबके लण्ड में भी.

बहुत देर तक ऐसा मस्ताना खेल ज़ारी रखना किसी के बस का नहीं था।
तो मैं रोहित का लण्ड अपनी बुर में पेल कर बिंदास चुदवाने लगी।

दिव्या बुर चोदी मेरे पति से झमाझम चुदवाने लगी और कला भोसड़ी वाली भकाभक देवा से चुदवाने लगी।

दूसरे सिरे से देखें तो मेरा पति देवा की बीवी चोदने लगा, देवा रोहित की बीवी चोदने लगा कर और रोहित राघव की बीवी यानि मुझे चोदने लगा।

परायी बीवी की बुर चोदने में सबको खूब मज़ा आने लगा और बीवियों को भी पराये मर्दों से चुदवाने में ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी कि मेरा प्लान कितना कामयाब हो गया।

हमने फिर एक हसबैंड स्वैपिंग क्लब बना लिया।

इस क्लब में आजकल 10 कपल हैं। हम सब हर शनिवार और रविवार को एक दूसरे के पति से खूब मस्ती से बिंदास खुले आम चुदवाती हैं.
हमारे हसबैंड भी खूब मन लगा कर दनादन एक दूसरे की बीवियां चोदते हैं और खूब एन्जॉय करते हैं।

हालाँकि सारे कपल हर शनिवार को नहीं आ पाते लेकिन हां 6 – 7 कपल तो आ ही जातें हैं और फिर होता है परायी बीवियों को चोदने का और पराये मर्दों से चुदवाने का लगातार हंगामा।
दो दिन तक न कोई वाइफ कपड़े पहनती है और न कोई हसबैंड!
 

junglecouple1984

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गोरी मस्त भाभी के स्तन चूस कर चुदाई



मैं आरुष पुणे का रहने वाला हूँ और मैं यहां अपने मम्मी और पापा के साथ रहता हूं.
मेरी उम्र चुत चोदने लायक हो गई है.

मैं आज आपको मेरी साथ कुछ दिनों पहले घटित हॉट देसी भाभी सेक्स कहानी बता रहा हूँ.

दो साल पहले हमारे पड़ोस में एक नया नया शादीशुदा जोड़ा आया था.
मैं उन्हें भैया भाभी कहकर बुलाया करता था.

मनोज भैया 31 साल के थे और एक आईटी कंपनी में जॉब करते थे.
इस कहानी की हीरोइन मीना भाभी 25 साल की एकदम माल थीं. उनका गोरा-चिट्टा बदन बड़ा ही हॉट था.

भाभी की हाइट कुछ 5 फिट 7 इंच होगी. उनके लाल सुर्ख होंठ नेचुरल ही थे, मतलब उनको लिपस्टिक की जरूरत ही नहीं थी.
भाभी का शरीर सही आकार का था … मतलब ना ज्यादा पतली, ना ज्यादा मोटी, वो एकदम सुडौल माल थीं.
आप ऐसे समझ लो, जैसे तमन्ना भाटिया के जैसे मस्त और चिकना बदन था.

भाभी इतनी सुंदर थीं कि उन्हें मेकअप की जरूरत ही नहीं थी. पतली कमर पर उनके तने हुए चुचे सबसे जबरदस्त थे.
चूचे 34 साइज के रहे होंगे.

भाभी की स्किन एकदम बच्चों जैसी नर्म मखमली थी और वो हमेशा साड़ी ही पहनती थीं.
उनका बैकलेस और स्लीवलेस ब्लाउज उनकी सेक्सी फिगर में चार चाँद लगा देता था.
भाभी हमेशा नाभि के नीचे साड़ी पहनती थीं.

चूंकि भैया भाभी हमारे पड़ोसी थे तो इस वजह से हमसे काफी अच्छे संबंध हो गए थे.

भाभी पढ़ी-लिखी थीं, पोस्ट ग्रेजुएट थीं, पर वो हाउसवाइफ थीं.
साथ ही मीना भाभी एकदम चंचल और हंसमुख स्वभाव की थीं.

जब वो लोग हमारे पड़ोस में रहने आए थे, तभी पहले ही दिन से भाभी को देखकर मेरे दिल ने सीटी मार दी थी.

कुछ ही दिनों में भाभी और मेरी अच्छे से दोस्ती हो गयी थी क्योंकि भैया ज्यादातर टूर पर होते थे.
मेरी पढ़ाई घर पर रह कर ही होती थी, कॉलेज जाना भी बस नाम मात्र का था.
मम्मी पापा भी दिन भर जॉब पर होते थे तो दिन में मैं और भाभी अकेले ही होते थे.

मेरी मम्मा के कहने पर भाभी मुझे पढ़ाई करा देती थीं.
फिर खाली टाइम में मैं उनके साथ ही होता.

हम दोनों बात करते, गेम खेलते और मैं उनके कामों में मदद कर देता.

मैं तो जैसे स्वर्ग मैं था क्योंकि सुबह नौ बजे से शाम के सात बजे तक हम लोग अकेले ही होते थे.
मुझे बहुत मजा आता था क्योंकि मैंने जवानी में नया नया कदम रखा था, ऊपर से इतनी हॉट जवान भाभी मेरे साथ होती थीं.

पढ़ते वक्त बहुत बार इधर उधर हाथ टच हो जाता था.
मैं जब पढ़ रहा होता तो वो पीछे से आकर झुक कर देखतीं, तब मुझे भाभी के चूचे टच हो जाते.

भाभी ऐसा बहुत बार करती थीं.
वो कई बार टीवी देखते टाइम मेरे हाथ को अपने दो हाथों में ले लेती थीं.
ऊपर से उनकी बदन की मादक खुशबू, मीठी सॉफ्ट सी आवाज़ मुझे एकदम पागल बना देती थी.

घर के काम करते वक़्त जब वो रसोई में रहतीं, तब मैं उनकी पिछाड़ी को देखता.
एकदम गोरी और मक्खन सी कमर देख कर मेरा मन करता कि बस जाकर उन्हें पीछे से जकड़ कर चूम लूं और उनके मम्मों को निचोड़ दूँ.

जब वो झुक कर झाड़ू लगातीं या साफ सफाई करतीं, तब मुझे गहरे गले वाले ब्लाउज में से उनके बूब्स के दर्शन हो जाते थे.
उस वक्त मुझे मेरे लंड को संभालना मुश्किल हो जाता था.

मैं समझ नहीं पा रहा था कि भाभी ये सब जानबूझ कर करती हैं या मुझे ही ऐसा लगता है.
मगर मैं विवश था, कुछ करने की हिम्मत नहीं होती थी.
बस ऐसे ही दिन कट रहे थे.

एक दिन हुआ यूं कि खबर आई कि मेरी नानी की तबियत अचानक बिगड़ गयी है तो मेरे मम्मी पापा नानी के गांव चले गए.
चूंकि मेरे पेपर्स भी नजदीक थे तो मैं अपनी नानी को देखने नहीं गया.

मेरे खाने और सोने का सबकुछ भाभी के घर पर ही तय हो गया था.
भैया पहले से ही शहर से बाहर थे.

ये मेरे लिए एक अच्छा मौका था क्योंकि भैया पिछले एक महीने से बाहर थे, तो मैं समझ रहा था कि भाभी जरूर ही लंड की प्यासी होंगी.
फिर अब तो मम्मा पापा भी कम से कम एक सप्ताह नहीं आने वाले थे.

मम्मा पापा रात को ही निकल गए.

मैं भाभी के यहां उनके बेड पर ही सो गया.
मुझे नींद नहीं आ रही थी, पर मेरा प्लान आज रात का नहीं था, ये कुछ अलग था.

सुबह मेरी नींद खुली, तब भाभी बेडरूम में ही थीं और वो अभी नहाकर आयी थीं.

उस समय उन्होंने सिर्फ ब्रा और पेटीकोट ही पहना हुआ था. मेरी आंख खुली तो सामने भाभी का ये मस्त रूप सामने आया.

मैंने झट से आंखें अधखुली कर लीं और सोने का ड्रामा करते हुए भाभी को निहारने लगा.

क्या नजारा था यार … सोचा यार भैया कितने लकी आदमी हैं. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था.

फिर भाभी ने साड़ी पहनी और मुझे आवाज देकर उठने की कह कर बाहर नाश्ता बनाने चली गईं.

भाभी के बाहर जाते ही मैं उठ गया और फ्रेश हो गया.
मैं उस वक्त मुठ मारना चाहता था मगर फिर सोचा आज कैसे भी करके कुछ करना है.

मैं- भाभी मैं जरा बाहर जाकर आता हूं.
भाभी- जल्दी आ जाना, नाश्ता रेडी है.

मैं भाभी से हां बोलकर मेडिकल शॉप पर चला आया. मैं वहां से कंडोम और सेक्स की गोली लेकर वापस आ गया.

घर आया तो नाश्ता करते वक़्त मैंने भाभी से कहा- भाभी, आज मुझे पढ़ाई नहीं करना, लैपटॉप पर कोई मूवी देखते हैं.

भाभी ने भी हामी भर दी और कुछ लाने के लिए रसोई में चली गईं.

मुझे लगा कि यही सही मौका है इसलिए मैंने भाभी के गिलास में दवा मिला दी और नाश्ता करने लगा.

थोड़ी देर बाद भाभी आईं और उन्होंने वो पानी पी लिया.
मैं मन ही मन खुश हो गया.

फिर भाभी ने मेज को साफ किया और मैं बेडरूम में मूवी देखने की तैयारी करने चला गया.

पंद्रह मिनट बाद मैंने भाभी को आवाज लगाई- आ जाओ जल्दी से.
उन्होंने ‘हां आयी …’ कहा.

मेरे मन में इधर लड्डू फूट रहे थे.
मैं अभी सोच ही रहा था कि उधर से कुछ गिरने की आवाज आई और साथ ही भाभी की आवाज भी आई.

मैंने जल्दी से जाकर देखा, तो भाभी गिर गयी थीं.
उनकी कमर में मोच आ गयी थी.

मैंने उन्हें उठाया और बेड पर लाकर लिटा दिया.

भाभी- आआह … पता नहीं कैसे गिर गयी आरुष … बहुत दर्द हो रहा है. तुम जरा बाम लगा दोगे क्या?

मेरा दिमाग ऐसे हालात मैं बहुत तेज दौड़ता है.

मैं- भाभी बाम से कुछ नहीं होता. रुको मैं आपकी अच्छे से मालिश कर देता हूं.
भाभी- अरे नहीं, ऐसे ही ठीक हो जाएगा … रहने दो.

मैं- भाभी यार क्या इतना सोचना. तेल कहां है बताइए, आप बस लेटी रहिए.
भाभी- वो वहां मेज पर रखा है.

शायद भाभी पर भी गोली का असर दिख रहा था. उनकी आंखें बोल रही थीं.
मैंने झट से वो बोतल से तेल लिया और भाभी से कहा- आप पेट के बल हो जाओ.

वो गांड ऊपर करके औंधी हो गईं.

फिर जैसे ही मेरे हाथ भाभी के कमर को जाकर लगे, उनके मुँह से ‘आह …’ निकल गयी.

मैंने मालिश करते हुए उन्हें कहा- भाभी, आपका ब्लाउज तेल से खराब न हो जाए.

इसके पहले की भाभी कुछ कह पातीं, मेरा हाथ ब्लाउज के हुक्स तक जा पहुंचा और मैंने एक झटके में तीनों चिटकनी वाले हुक खोल दिए.

भाभी के सांसें तेज हो गयी थीं.
मैंने फिर भाभी की ब्रा का हुक भी खोलने के लिए पकड़ लिया पर वो बहुत टाइट था.
लेकिन भाभी के सहयोग से वो भी खुल गया.

मैंने ब्रा को साइड में किया. सामने मस्त चिकनी पीठ थी.

तब मैंने सोचा कि वाह क्या किस्मत है यार … इतनी सुंदर जवान भाभी, टॉपलेस मेरे सामने पड़ी हुई हैं.

मैंने तेल की बोतल से तेल लिया और भाभी की नंगी पीठ पर डाल दिया.
मैं भाभी की नंगी पीठ पर अपना हाथ फेरने लगा.

मैंने भाभी की मक्खन सी चिकनी पीठ पर अपने हाथ रगड़ने शुरू कर दिए.

भाभी सिसकारियां लेने लग गयी थीं और सिहरने लगी थीं.

इधर मेरे छोटू का भी बहुत बुरा हाल था इसलिए मैंने अपन जिप खोली और लंड बाहर निकाल लिया.

मेरा सात इंच का लंड एकदम टाइट हो गया था.
भाभी की आंखें बंद थीं.
मेरा हाथ पीठ पर चारों तरफ घूम रहा था.
मैं इतने दिनों की आज सारी कसर निकाल रहा था.

भाभी पर गोली का भी असर था और उन्हें चुदाई किए महीना हो गया था.
वो भी बहक रही थीं.

अब लगभग पंद्रह मिनट हो गए थे.
मेरा प्रीकम निकला और दो बूंद भाभी की कमर पर गिर गईं. मैंने उसे भी पीठ पर रगड़ दिया.
मैं सच में बहुत नसीब वाला था कि मुझे जवानी की शुरुआत में ही ऐसा मजा मिल रहा था.

भाभी को भी मजा आ रहा था पर वो अपनी मस्ती दिखा नहीं रही थीं.

मैंने कहा- भाभी, अब आप पलट जाओ. मैं आपकी आगे से भी मालिश कर देता हूं.

वो तो जैसे मुझसे सम्मोहित हो गयी थीं.
जो मैं बोल रहा था, वो बस उसे सुन रही थीं.
वो बिना कुछ सोचे या कहे एकदम से पलट गईं.

मेरे सामने भाभी का अधखुला ब्लाउज उनके मम्मों पर अटका हुआ था.

मैंने भाभी की आंखों में देखा तो वो आंखें मूंदे लेटी हुई थीं.

अपने हाथ से मैंने उनके ब्लाउज को हटाया तो मेरे सामने जन्नत की हूर के दो कसे हुए स्तन थे.

मैं अपनी जिन्दगी में पहली बार भाभी के उन नंगे बूब्स को देख रहा था जिनकी वजह से मैंने इतनी बार मुठ मारी थी.

मेरे सामने भाभी का गोरा सपाट पेट भी था.
मैंने भाभी के पेट पर, मम्मों पर तेल डाला और उनकी तरफ देखने लगा.
मगर उनकी आंखें बंद थीं और होंठ सूखे थे.

मैं उनके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देख पा रहा था.
उन्हें देखकर मुझे यकीन हो गया था कि अब मेरा यह सप्ताह काफी मस्ती के साथ कटेगा.

मैंने अपने हाथ बढ़ाए और भाभी के दोनों मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
एकदम आम को पिलपिला करने समान जैसा अनुभव मिल रहा था.

मैं भाभी के सख्त चुचे दबा रहा था.
भाभी की हल्के स्वर में ‘आह आह उई माँ निकलने लगी थी.
उनकी मस्ती भरी कामुक आवाजें सुनकर मैं भी एकदम से बिंदास हो गया और उनके मम्मों पर लगभग टूट पड़ा.

मैंने भाभी के आमों को दबा दबा कर लाल कर दिया, फिर मुँह आगे बढ़ा दिया और दोनों चूचुकों को बारी बारी से अपने मुँह में लेने लगा.

अब भाभी ने आंखें खोलीं और मेरे सिर को पकड़ लिया.
मैं भाभी के ऊपर लेट गया और उन्हें होंठों पर किस करने लगा.
इसी के साथ मैं भाभी के मम्मों को भी दबा रहा था, उन्हें निचोड़ रहा था.

तभी भाभी ने दूध चूसने का इशारा किया, तो मैंने भाभी के एक निप्पल को अपने होंठों में दबाया और चूसने लगा.

भाभी जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं, मुझे डर था कोई सुन ना ले.

मैंने एक एक करके भाभी के दोनों मम्मों को खूब चूसा.
वो भी मेरे सर को अपने मम्मों पर दबा कर दूध चुसवाने का मजा ले रही थीं.
मैंने भी भाभी के दोनों बूब्स को जी भरके चूसा.

करीब दस मिनट बाद भाभी कातिलाना हंसी बिखेरती हुई बोलीं- आरुष, मेरी जान अब थोड़ा रुको, मुझे पानी पीना है.

यह बोल कर भाभी ने मुझे अपने ऊपर से हटाया और वैसे ही टॉपलेस उठकर जाने लगीं.
नीचे भाभी ने पेटीकोट पहना हुआ था.

भाभी की पीठ पर, मम्मों पर, निप्पलों पर, पेट पर मेरे दांत के काटने के निशान बने हुए थे.
यह देखने में मुझे काफी मजा आ रहा था.

कुछ ही देर में भाभी एकदम नंगी आईं और मेरे खड़े लंड को चूसने लगीं.
एक मिनट में ही वो मेरे लंड के ऊपर सवार हो गईं और कमर उचकाती हुई लंड की सवारी गांठने लगीं.

मैं उनके दोनों आमों को मसल कर अपनी गांड उठाते हुए भाभी की चुत बजाने लगा.

दस मिनट बाद भाभी झड़ गईं और मेरे सीने पर निढाल होकर गिर गईं.
मैंने उन्हें अपने नीचे लिया और ताबड़तोड़ चोदने लगा.

कुछ मिनट बाद मैं भी भाभी की चुत में ही झड़ गया और हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर अपनी सांसों को नियंत्रित करने लगे.
 
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