• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


Results are only viewable after voting.

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
दादाजी ने मम्मी को दबाकर चोदा



मेरा नाम रोहित है, मैं एक छोटे से परिवार में रहता हूँ. मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे मम्मी पापा, दो बहनें और दादा जी रहते हैं.

मेरी मम्मी की उम्र 45 साल है और वो बहुत ही ज्यादा सुन्दर हैं.
उनका फिगर 36-34-38 का है. मम्मी की चूचियां और गांड इतनी हॉट हैं कि कोई भी उनको देख कर मुठ मारे बिना नहीं रह सकता है.

मेरी बहनों के बारे में बता देता हूँ. उनके नाम प्रिया और श्वेता हैं.
प्रिया का फिगर 32-28-36 का है और श्वेता का फिगर 30-28-34 का है.
वो दोनों ही बहुत ही सुन्दर लड़कियां हैं.

मेरे पिता का नाम मनोज है और वो बिजनेस करते हैं.
दादाजी का नाम सुरेश है.

हम सभी लोग बहुत ही खुली विचारधारा के लोग हैं. घर पर कोई भी किसी से किसी भी टॉपिक पर बिना किसी तरह की शर्म के बात कर सकता है. फिर चाहे वो बात सेक्स को लेकर ही क्यों न हो.

ये उस समय की बात है, जब मैं कॉलेज में पढ़ता था.
मैं उस समय तक सेक्स के बारे में सब कुछ जान चुका था.

जब मैं छुट्टी पर घर आने वाला था और रात बहुत हो गई थी, तो मैंने घर पर कॉल करके बता दिया था कि मैं देरी से घर आने वाला हूँ.

जब मैं घर आया तो सब जाग रहे थे.
मैं सभी से मिलकर बहुत खुश हुआ. सभी से बातें की, सबने मेरा हाल चाल आदि पूछा.
मैंने भी सब हाल चाल जाने.

तभी मैंने अपनी दोनों बहनों के बारे में पूछा तो मम्मी पापा ने बताया कि वो दोनों अपनी सहेली के यहां गई हुई हैं, अभी आ जाएंगी.

फिर खाना आदि हुआ और मैं खाना खा कर सोने चला गया.

मेरे घर में 3 ही कमरे हैं तो मैं अपनी बहनों के कमरे में सोने के लिए चला गया.
उस रूम में दो बेड लगे हुए हैं. एक बड़ा और एक छोटा. बड़े पर दोनों बहनें सोती हैं और एक पर मैं सोता हूँ.

जब मैं घर पर नहीं होता हूँ, तब छोटी बहन मेरे वाले छोटे बेड पर सो जाती है.

मैं कमरे में जाकर अपने बेड पर लेट गया और सो गया.

उस वक्त तक मैं ये नहीं जानता था कि सेक्स के बारे में मेरी फैमिली काफी आगे निकल गई है.

जब मैं सुबह उठा तो देखा कि मेरी दोनों बहनें आ गई थीं.
वो भी उठ गई थीं.

मैं फ्रेश होकर उनसे मिलने के लिए गया और ढेर सारी बात की.

मैंने पूछा- रात में कहां गई थीं?
तो श्वेता बोली- हम दोनों फ्रेंड्स के घर पर पढ़ाई करने जाती हैं.

फिर हम लोगों ने नाश्ता किया और मेरी दोनों बहनें स्कूल चली गईं.

कुछ देर बाद पापा भी काम पर चले गए.
दादाजी भी अपने पुराने दोस्त के साथ बाहर चले गए.

कुछ देर बाद मम्मी भी मार्किट चली गईं.

मैं घर पर बोर हो रहा था, तो सोचा कि कोई मूवी देख लेता हूँ.

मैंने डीवीडी ऑन किया तो उसमें मुझे एक डीवीडी लगी मिली जो ब्लूफिल्म की डीवीडी थी.

मुझे यह जान कर हैरानी नहीं हुई, क्योंकि मेरे फैमिली में सब कोई फ्रैंक हैं. अकेले में सब कोई देखता है तो मैंने ज्यादा नहीं सोचा और दूसरी डीवीडी लेने के लिए डीवीडी बॉक्स तरफ गया.

मैंने उसमें देखा तो बहुत सारी ब्लू फिल्म की डीवीडी थीं.

पहले ब्लू फिल्म की कुछ ही डीवीडी हुआ करती थी मेरे घर में …. मतलब एक या दो, पर अब पूरा बॉक्स ब्लू फिल्म की डीवीडी से भरा हुआ था.

मैंने सोचा कि चलो एक ब्लू फिल्म ही देख लेता हूँ. उसमें जो डीवीडी लगी हुई थी, मैंने उसी को देखने का सोचा और चालू कर दी.

उस डीवीडी को देख कर मेरे होश ही उड़ गए. उसमें मेरे मम्मी और पापा की वीडियो थी.
कोई और आदमी था जो ये सब रिकॉर्ड कर रहा था.

पहले तो मैंने पहले सोचा कि ये वीडियो मम्मी पापा ने अपने एन्जॉय के लिए रिकॉर्ड करवाई होगी, तो मुझे नहीं देखना चाहिए.

फिर कुछ देर देखने का तय किया और फिल्म देखने लगा.
दो मिनट बाद ही मुझे अच्छा लगने लगा और मैं अपना लंड हिलाने लगा.
मैंने अपने मम्मी पापा की चुदाई का वीडियो को देख कर मुठ मार ली.

अभी मैं लंड झाड़ कर अपनी सांसों को नियंत्रित कर ही रहा था कि अचानक दरवाजे पर घंटी बज उठी.
मैंने डीवीडी बंद करके दरवाजा खोला.

सामने देखा तो मम्मी थीं.
मम्मी से मेरी कुछ देर बात हुई और तभी दादा जी भी आ गए.

मैं उठ कर बाथरूम जा रहा था कि दादा जी ने मम्मी के कान में कुछ बोला और मम्मी मुस्करा दीं.

मुझे कुछ अजीब सा लगा और कुछ देर बाद मेरी दोनों बहनें भी आ गईं.

सबने खाना खाया और सब कोई इधर उधर की बात करने लगे.

मम्मी और बहनों में कोड लैंग्वेज में बात चल रही थी.
मुझे उसमें भी अजीब सा लगा.
मैंने सोचा कि जाने दो … क्या दिमाग लगाना.

दिन निकल गया … मैं भी थोड़ा बाहर टहल आया.

बाहर आकर एक सिगरेट पीने लगा और अपनी मम्मी की चुदाई की वीडियो को सोचने लगा.

सच में मेरी मम्मी बड़ी मस्त माल हैं. चुदते समय वो जिस तरह से पापा का लंड चूस रही थीं, उस समय वो एक पेशेवर रांड लग रही थीं.
मम्मी की जवानी को सोचते हुए ही मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मैं कुछ देर बाद घर आ गया.

अब रात हो गई थी. पापा भी आ गए थे.

सबने रात का खाना खाया और सोने चले गए.
मेरी बहनें आज फिर अपनी सहेली के घर चली गई थीं.

मुझे रात में जल्दी नींद नहीं आती है तो मैं जागा हुआ था.

उस समय रात के 1:00 बजे हुए थे. मुझे टॉयलेट जाना था तो मैं बाथरूम की तरफ जा रहा था.

तभी मुझे कुछ आवाजें सुनाई दीं.
ये आवाजें मम्मी के चिल्लाने की थी.

मैं मम्मी पापा के रूम तरफ गया.
उनका रूम खुला था तो मैंने अन्दर झांका.

वहां सिर्फ पापा सोये हुए थे. तब मुझे लगा कि मम्मी तो यहां है ही नहीं, तो कहां हैं.

मम्मी को मैंने बाथरूम में भी देखा, वो वहां भी नहीं थीं.
आगे दादाजी का कमरा था, उसका दरवाजा भी खुला था.

मैंने अन्दर झांका तो मेरे होश उड़ गए.
मम्मी दादाजी के कमरे में थीं. वो दादाजी के साथ लेटी हुई थीं.

कुछ देर के बाद मम्मी दादाजी के साथ लिप टू लिप किस करने लगी थीं और दादा जी मम्मी की चुचियों को उनके ब्लाउज के ऊपर से ही दबा रहे थे.
मम्मी अजीब अजीब सी आवाज निकाल रही थीं.

दादाजी मम्मी की चूचियों को बहुत जोर जोर से दबा रहे थे और मम्मी दादाजी के लंड को धोती के ऊपर से दबा रही थीं.
मैं ये सब देख रहा था.

कुछ देर बार दादाजी मम्मी की साड़ी खोलने लगे और उसे मम्मी के शरीर से अलग कर दिया.
मेरी मम्मी अब ब्लाउज और पेटीकोट में थीं और मस्त लग रही थीं.

फिर दादाजी ने मम्मी के ब्लाउज के अन्दर अपना हाथ डाल दिया और मम्मी के दूध दबाने लगे.
वो अपने दूसरे हाथ से मम्मी की चूत को उनके साया और पैंटी के ऊपर से सहलाने लगे.

कुछ देर बाद दादाजी ने मम्मी को चित लिटा दिया और अपना सिर मम्मी के पेटीकोट के अन्दर ले गए.
मम्मी ने पेटीकोट ऊपर उठा दिया तो दादा जी मम्मी की चूत को पैंटी के ऊपर से चाटने और चूसने लगे.

मम्मी बहुत जोश में आ गई थीं और उनका शरीर अकड़ने लगा था.

फिर दादाजी ने मम्मी की चुत चाटना बंद किया और मम्मी को खड़ा कर दिया.

अब दादाजी ने मम्मी के पेटीकोट को खींचा और उसे मम्मी के बदन से अलग कर दिया.

मेरी मम्मी अब पैंटी में और ब्लाउज पहने खड़ी थीं. मम्मी में रेड कलर की पैंटी पहनी हुई थी जो कि दादा जी के चूत चाटने की वजह से पूरी गीली हो गई थी.

दादाजी खुद बिस्तर पर लेट गए और मम्मी से अपने मुँह पर बैठने को कहा.

मम्मी दोनों टांगें फैला कर दादाजी के मुँह पर बैठ गईं और अपना गीली पैंटी में कैद अपनी चूत को दादा जी के मुँह पर रख दिया.

मम्मी मीठी आवाज में सिस्कारती हुई बोलीं- लीजिये चूसिए बाबूजी … आंह मेरी चूत आपकी भी है. जैसे चाहें, आप वैसे मेरी चूत के साथ खेलिए.

ये कह कर मम्मी अपनी चूत को दादाजी के मुँह पर रगड़ने लगीं.

कुछ ही देर बाद मम्मी ने पैंटी में ही मूत दिया जो कि दादाजी के मुँह के ऊपर टपकने लगा. दादाजी ने मम्मी का सारा मूत पी लिया.

मम्मी का मूत पी लेने के बाद दादाजी ने मम्मी की पैंटी खोल दी.

अब मुझे मम्मी की चूत दिखाई दी.
मम्मी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.

मम्मी की पैंटी हटाने के बाद दादाजी भी नंगे हो गए और मेरी मम्मी का ब्लाउज खोलने लगे.

ब्लाउज खोलने के बाद मम्मी अब सिर्फ ब्रा में रह गई थीं. मम्मी के चुचियों पर रेड कलर की जाली वाली ब्रा कसी थी.

दादाजी ब्रा के ऊपर से ही मम्मी के मम्मों को फिर से दबाने लगे.
फिर उन्होंने मम्मी के चुचों को ब्रा से निकाल कर एक दूध को चूसने लगे और दूसरे को मसलने लगे.

वाह क्या दूध हैं मेरी मम्मी के … मेरी मम्मी के दूध देख कर कोई भी पागल हो जाएगा.
मैं भी अपनी मम्मी को नंगी देख कर अपना लंड हिलाने लगा.

कुछ देर बाद ब्रा भी मम्मी के शरीर से अलग हो गई और मेरी मम्मी पूरी नंगी हो गईं.

वो बेड पर खड़ी हो कर डांस करने लगीं और घूम घूम कर दादा जी को अपना नंगा बदन दिखाने लगीं.

थोड़ी देर बाद दादाजी ने मम्मी को नीचे खींच लिया और मम्मी की दोनों टांगों को फैला कर अपना लंड मेरी मम्मी की चूत में डाल दिया.

मम्मी की एक मीठी आह निकली और उन्होंने अपने ससुर का लंड खा लिया.

दादा जी मेरी मम्मी को चोदने लगे और उनके मम्मों को दबाने लगे.

उन दोनों में घमासान चुदाई चलने लगी.

दादा जी ने मेरी मम्मी की चुदाई काफी देर तक की और मेरी मम्मी को जम कर चोदा.
मम्मी की चूत को दादा जी के लंड ने चोद चोद कर लाल कर दिया था.

कुछ देर बाद दादा जी ने अपने लंड को मम्मी के मुँह में डाल दिया और उनका मुँह चोदने लगे.
उन्होंने अपना लंड मम्मी से चुसवाया और लंड का सारा माल मम्मी के मुँह में निकाल दिया.

मम्मी बड़े ही प्यार से दादा जी के लंड से निकला वीर्य पी गईं.

इधर मेरा भी लंड से पानी निकलने वाला था तो मैं दौड़ कर बाथरूम में आ गया और मां की चुदाई के बारे में सोच कर मुठ मार ली.

लंड झाड़ कर मैं वापस दादा जी के रूम की तरफ आ गया.
मैंने कमरे में देखा तो मेरी मम्मी नंगी दादाजी के साथ नंगी लेटी हुई थीं.

कुछ देर के बाद मम्मी उठीं और अपना कपड़े उठाने लगीं.

उन्होंने दादाजी के सामने नंगी होकर अपनी चूत में उंगली डाली और बोलीं- बाबू जी, आपको अपनी बहू को चोद कर मज़ा आया या नहीं!
दादाजी बोले- हां, तुझे चोदने में बहुत मजा आया. तेरी चुत चुदाई में मुझे तेरी सास से भी ज्यादा मज़ा आता है.

फिर मम्मी ने अपनी पैंटी पहनी, ब्रा पहनी और अपने मम्मों को दादा जी के मुँह पर रख कर मम्मों को हिलाने लगीं.

दादाजी मम्मी का दूध फिर से पीना चाहते थे मगर मम्मी ने चूचे हटाते हुए कहा- अब बस … अपनी इस रंडी बहू का बाकी का दूध कल पी लेना.

मम्मी ने अपना ब्लाउज और पेटीकोट पहना और साड़ी उठा कर रूम से जाने लगीं.
मैं तुरंत दरवाजे से अपने रूम की तरफ भाग गया.

फादर इन ला सेक्स के बाद मम्मी दादाजी के कमरे से निकल कर अपने रूम में सोने के लिए चली गईं.

अब मम्मी की चुदाई की फिल्म खत्म हो गई थी तो मैं भी सोने आ गया.


 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
कामुक मामी की प्यासी चुत की चुदाई- 1




मेरा नाम राज़िखान है और मैं इंदौर का रहने वाला हूं. मैं एक स्टूडेंट हूं.

यह फॅमिली आंटी सेक्स कहानी उस समय की है, जब मैं 12 वीं कक्षा में था और मैं कोरोना की वजह से पेपर नहीं दे पाया था हालांकि आधे पेपर हो चुके थे पर कोरोना के डर की वजह से मुझ अपना घर जाना पड़ा.
तब तक लॉकडाउन नहीं लगा था.

मैं आपको बता दूँ कि मैं हॉस्टल में रहता था, पर जब मैं हॉस्टल से निकला, तब मेरे घर वालों का कॉल आया कि तुम अपनी नानी के घर चले जाओ.

मैंने भी सोचा कि चलो इसी बहाने नानी वगैरह से मिलना भी हो जाएगा.

तो मैंने हां कह दिया और निकल गया.

जब मैं वहां पहुंचा, तो देखा कि मेरी मामीजान घर में थीं, वो टीवी देख रही थीं.

उन्होंने मुझे देख कर खुश होते हुए कहा- अच्छा हुआ तुम आ गए. तुम्हारा सफर अच्छा तो रहा न!
मैं बोला- हां मामी सब अच्छा रहा, नाना नानी कहां हैं?

मामी- नाना बाहर गए हैं और नानी पड़ोस में गई हैं. तुम मेरे कमरे में जाकर फ्रेश हो जाओ, तब तक मैं तुम्हारे लिए खाना लगाती हूँ.

मैं उनके कमरे में गया, बाथरूम में जाकर देखा तो वहां मामी की लाल ब्रा पड़ी था.
मेरा लंड न जाने क्यों उस समय एकदम से अपने आप तन गया. मैं उनकी ब्रा को उठा कर सूंघने लगा.

फिर शॉवर चालू कर दिया और मुठ मारने लगा. मुझे नहीं पता था कि मेरी सिसकारियां बाहर तक जा रही हैं.

मामी बाथरूम के दरवाजे के ऊपर बनी खिड़की से देख रही थीं. मुझको इस बात को पता तब चला, जब मैंने ऊपर देखा.

मैंने एक नजर देखा और नजरें नीचे कर लीं.
इससे उन्हें पता नहीं लग सका कि मैं उन्हें देख रहा हूं.

मैंने एक पल सोचा और अपना मुठ मारने का काम करता रहा.
फिर मैं झड़ गया और खुद को साफ़ करके मैं बाहर आ गया.

जब मैं बाहर गया और टेबल के पास बैठा तो वो मुझे खाना देने झुकीं.

मैंने देखा कि उनके मम्मे कुर्ती के गहरे गले से झांकते हुए अलग ही नजारा दिखा रहे थे.

अब मैं आपको मेरी मामी के बारे में बता देता हूं. मामी 27 साल की मदमस्त औरत हैं. उनका फिगर 32-24-34 का है.

जब खाना परोसते समय मामी के मम्मे मेरे मुँह से कुछ ही इंच की दूरी पर थे, तब मैंने सोचा खाना गया तेल लेने मैं तो इन्हीं पर टूट पड़ता हूं.
मगर मैं कुछ कर न सका, मेरी हिम्मत ही नहीं हुई.

फिर मैं खाना खा रहा था, तभी नाना नानी भी आ गए. वो मुझे देखकर बहुत खुश हुए.
खाना खाने के बाद हम तीनों बात करने लगे और मामी अपना काम करने लगीं.

शाम को नाना नानी जल्दी सो जाते हैं इसलिए मैं बाहर सोफे पर अपना मोबाइल चलाने लगा.

मामी अपना काम खत्म करके टीवी देखने लगीं, मैंने उन पर ध्यान नहीं दिया.

मामी मेरी तरफ देखती हुई बोलीं- ऐसी किससे बात कर रहे हो, जो मुझ पर ध्यान ही नहीं है.
मैं- कुछ नहीं मामी, वो एक दोस्त से बात कर रहा था.

मामी- अच्छा … दोस्त या गर्लफ्रेंड?
मैं बात पलटते हुए बोला- वो जाने दो मामी … आप अपनी बताओ, मामा का काम कैसा चल रहा है?

मामी- हां … ठीक चल रहा है, ऐसा चल रहा है कि उन्हें घर आने का भी टाइम ही नहीं मिलता. एक महीने से राजस्थान में हैं.
मैं- अच्छा … वो वापस कब आएंगे?

मामी- अभी एक महीना और लगेगा उसके बाद आएंगे.
मैं फिर से मोबाइल चलाने लगा.

फिर अचानक से सामने चल रही टीवी पर एक किसिंग सीन आ गया.
मैंने नजर उठा कर देखा तो मामी कसमसाने लगी थीं.

वो अपने पैर पर पैर रगड़ने लगी थीं. मैंने उनकी इस स्थिति को देखा, तो वो मुझे देख कर शांत हो गईं.

उस वक्त उन्होंने नाइटी पहन रखी थी, तो उनके बदन पूरा उभरा हुआ दूधक्षेत्र मस्त दिखाई दे रहा था.

मैं खुद पर कंट्रोल करते हुए अपना मोबाइल चलाने में लग गया.

मामी- मैं तुमसे एक सवाल पूछ सकती हूँ?
मैं- हां बिल्कुल.

मामी- तुम्हारी कोई जीएफ है?
मैं- मामी क्यों पूछ रही हो?

मामी- है क्या! हो तो बताओ.
मैं- मामी नहीं है, पर आप ये क्यों पूछ रही हो?

मामी- मैंने सुबह तुम्हें बाथरूम में देख लिया था.
मैंने डरने का ड्रामा करते हुए मामी से कहा- ओह … मामी, प्लीज़ वो बात किसी को मत बताना?

मामी मुस्कुरा दीं और बोलीं- ओके नहीं बताऊंगी.
मैंने सोचा कि चलो अब आगे देखते हैं कि मामी का अगला दांव क्या होता है.

फिर मैंने उन्हें सॉरी बोला.
मामी- ओके, पर तुम बाथरूम में ये सब क्यों कर रहे थे?

मैं- मामी, मेरी कोई जीएफ नहीं है न इसलिए … आपकी तो शादी हो गई है, आपको अब क्या समझ आएगा कि मुझे क्या दिक्कत हो रही थी.
मामी ने कुछ नहीं बोला और उदास हो गईं.

मैंने उनसे कहा- मामी, क्या मैंने कुछ ग़लत बोल दिया है आपको, आप उदास क्यों हो गईं … मेरी बात बुरी लगी हो, तो सॉरी.

वो थोड़ी देर कुछ नहीं बोलीं, मुझे लगा कि कुछ तो बात है.

मैंने उनसे दुबारा पूछा और सॉरी कहते हुए कहा- मुझसे कोई भूल हो गई है, पर मैं आपको उदास नहीं देख सकता हूँ.

उन्होंने थोड़ी देर बाद बता दिया कि उनके दुख का कारण क्या है.

वो मुझसे कहने लगीं- मैं तुमसे कह तो रही हूँ मगर ये बात तुम अपने तक सीमित रखना, किसी से कहना नहीं.
मैंने कहा- हां आप मुझ पर भरोसा रखो, मैं किसी से कुछ नही कहूँगा.

मामी ने पल मेरी तरफ देखा और लम्बी सांस भरती हुई बोलीं- बात ये है कि मेरी सेक्स लाइफ अच्छी नहीं चल रही है. तेरे मामा में ज्यादा पॉवर नहीं है, वो दो मिनट में झड़ जाते हैं और इसीलिए वो घर में कम रहने लगे हैं. मुझे जो कुछ भी थोड़ा बहुत प्यार मिलता था, अब वो भी नहीं मिलता है.

मुझे मामी की ये बात सुनकर बहुत दुख हुआ.

मैंने उनसे कहा- ये तो बहुत ही ज्यादा दुख की बात है.

मामी रोने लगीं और रोती हुई ही कहने लगीं- अब बताओ मैं क्या बताऊं … इसी वजह से मुझे तुम्हारे नाना नानी की बातें सुनना पड़ती हैं. तुम्हारी नानी मुझे बांझ समझ रही हैं. जबकि तुम्हारे मामा ही नामर्द हैं.

यह कहकर मामी मेरे करीब सरक आईं और उन्होंने मेरे कंधे पर अपना सर रख लिया.
मुझे समझ आ गया कि ये तो मौक़ा हाथ लग गया है और मुझे इस मौके का फायदा उठाना चाहिए.

कुछ देर बाद मैं मामी के पास से उठ गया और उनसे कहा- मैं अभी जा घूम कर आता हूँ.
मामी बोलीं- जल्दी आना … मुझसे तुमसे और भी कुछ काम है.

मैंने उनके कंधे को दबाते हुए कहा- आप हिम्मत रखिए … आपको मैं इस तरह से दुखी नहीं देख सकता हूँ.
मामी मेरी बात का मर्म समझ गई थीं और वो धीरे से बोलीं- मैं अपने कमरे में जा रही हूँ, तुम मेरे कमरे में ही आ जाना.

मैंने मीठी मुस्कान दे दी और बाजार निकल गया.

मैं बाजार जाकर मेडिकल स्टोर से सेक्स की गोलियां खरीद लाया और एक सिगरेट पीकर वापस आ गया.

घर में आकर मैं किचन में गया और सेक्स की एक गोली पानी में मिला दी.
तभी मामी को मेरे आने की आहट मिल गई और वो रसोई में आ गईं.

उन्होंने मेरी तरफ देखा और बोलीं- बड़ी जल्दी टहल कर आ गए.
मैंने हंस कर कहा- हां मुझे लगा कि टहलने से ज्यादा जरूरी आपके पास आना है.

वो मेरी तरफ देख कर अपनी जीभ को होंठों पर फिराने लगीं.

मैंने दोअर्थी शब्दों में पूछा- मामी क्या आप प्यासी हो?
वो वासना भरी नजरों से जवाब देती हुई बोलीं- हां बहुत प्यासी हूँ.

मैंने गिलास उनकी तरफ बढ़ाते हुए कहा- लो पानी पी लो.
वो पानी का गिलास लेकर बोलीं- पानी से सिर्फ गले की प्यास बुझती है.

मैंने कहा- आप अभी गला तर करो … ईश्वर ने चाहा तो सब ठीक हो जाएगा.
उन्होंने पानी पी लिया.

एक गिलास पानी मैंने भी पी लिया. अब हम दोनों ड्राइंगरूम में आ गए.

कुछ ही देर में मामी की कसमसाहट बढ़ने लगी.
वो बार बार अपने बदन को ऐंठने लगीं.

जब मुझे लगा कि दवा का असर हो रहा है तो मैं उठ कर गया और नाना नानी के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद करके आ गया.

मैं मामी के पास आकर बैठ गया.
वो सोफे पर ही आंख मूंद कर लेटी थीं.
मैं उनको देखता रहा.

कुछ समय बाद मैं उनका पास जाकर बैठ गया, उनके होंठों को चूमने लगा.

इससे उनकी आंख खुल गई, पर मैं उनके ऊपर चढ़ा था, तो वो हिल भी नहीं पा रही थीं.
उनका एक हाथ उनकी कमर के पीछे था. मैंने दूसरे हाथ को भी दबा दिया.

इसके बाद मैंने अपना एक हाथ कपड़ों के ऊपर से उनकी पैंटी पर रख दिया.

वो कुछ कहना चाह रही थीं, मगर मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रखे हुए थे.

एक मिनट चूमने के बाद मैंने अपने होंठ हटाए.
तो मामी कहने लगीं- ये ग़लत है, मैं तुम्हारी मामी हूं.
मैंने कहा- मुझे पता है कि आप मेरी मामी हैं, मगर मैं आपसे पूछता हूँ कि क्या आपका मन सेक्स के लिए नहीं करता है?

मामी धीरे से बोलीं- हां, पर तुम्हारे साथ कैसे?
मैंने कहा- हां मेरे साथ क्यों नहीं … क्या मैं मर्द नहीं हूं?

मामी पर गोली का असर चढ़ चुका था. वो मदहोशी भरी आवाज में बोलीं- हां तुम मर्द तो हो, मगर आज अपनी मर्दानगी साबित करो तो मानूं?

मैंने उन्हें अपनी बांहों में उठाया और उनके कमरे में लेकर आ गया.

मामी को बेड पर लेटा कर मैंने कहा- आज मैं आपको अपनी मर्दानगी से रूबरू करवाऊंगा … बस अब आप और प्यासी नहीं रहेंगी.

ये कह कर मैं मामी के ऊपर चढ़ गया और उनको किस करने लगा.

उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर बांध दिए और मेरे सीने से खुद को रगड़ने लगीं.

मैं उनके मम्मों को दबाने लगा. कुछ देर बाद मैंने मामी की नाइटी उतार दी. वो अब मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थीं.

मैंने उनकी ब्रा खोली. उनके मम्मे किसी कुंवारी कन्या के जैसे थोड़े छोटे छोटे थे और बहुत टाइट थे, एकदम तने हुए.

मुझे लगा मामा भोसड़ हैं. उन्होंने मामी के मम्मों पर अपना हाथ भी नहीं फेरा होगा.

मैं मामी के मम्मों को चूसने लगा.
उनकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं.

मैं मामी के एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को दबा रहा था.

कुछ देर दूध चूसने के बाद मैंने मामी से कहा- अब क्या मर्जी है?
वो बोलीं- अब तुम मुझे चोद दो.

मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में होने को कहा.
वो घोड़ी बन गईं.

मैंने उनकी पैंटी उतारी, तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. एकदम मखमली गांड थी.

मेरा लंड अब तक पूरा तन गया था.

तभी मामी सीधी हो गईं.
मैंने उनसे मेरे कपड़े उतारने को कहा तो उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मुझसे चिपक गईं.

मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
आज पहली बार कोई लड़की मुझसे बिना कपड़ों के इस तरह चिपकी हुई थी.

मेरे सीने से मामी के दूध टकरा रहे थे. मेरा लंड पूरे उफान पर था.
मैंने जल्दी से अपनी पैंट और अंडरवियर एक साथ उतार दी.

वो मेरा खड़ा लंड देखकर चौंक गईं.

मेरा लंड आसमान की तरफ देख रहा था.

वो मेरे लंड पर हाथ फेरने लगीं. लंड पर मामी के हाथ का स्पर्श पाकर मेरे मुँह से आह की आवाज निकल गई.

दोस्तो, मैं मामी की चुदाई की कहानी को अगले भाग में लिखूँगा.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
कामुक मामी की प्यासी चुत की चुदाई- 2




पहले भाग

में आपने अब तक पढ़ा था कि मामी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी थीं, जिस वजह से मेरे अन्दर सनसनी होने लगी थी.

अब आगे
मैंने देर ना करते हुए उनके बाल पकड़ लिए और अपना लंड उनके मुँह में देने की कोशिश करने लगा.
मामी ने लंड चूसने से मना कर दिया.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
मामी- मुझे अच्छा नहीं लगता.

मैंने कहा- एक बार कोशिश तो करो, प्रॉब्लम क्या है?
मामी- मुझे अच्छा नहीं लगता और तुम्हारा इतना बड़ा है.

मैंने कहा- कितना बड़ा है?
मामी मेरी तरफ देख कर बोलीं- कम से कम छह इंच का होगा.

मैंने हंस दिया और कहा- तो क्या होता है, एक बार टेस्ट तो करो … आपको मजा न आए तो पैसे वापस.
मामी हंस दीं.

फिर मैंने कहा- अच्छा बड़े से प्रॉब्लम है. चलो ठीक है. अब आप लेट जाओ.

वो लेट गईं. मैं उनके ऊपर चढ़ गया. अब मेरा लंड उनके मुँह के बिल्कुल सामने तना हुआ.

मैंने फिर से कहा- यार मामी, एक बार तो चूस दो … प्लीज़ मेरी बात नहीं मानोगी.

मामी ने मेरी बात मान ली और मेरे लंड के टोपे को जीभ से चाटना चालू कर दिया.

मैंने अपने दोनों हाथ उनकी जांघों पर रख दिए.
करीब दो मिनट तक वो लंड चाटती रहीं.

अब मेरे सब्र का बांध टूट गया था तो मैंने उनके एक दूध को जोर से मसल दिया.
इससे मामी का मुँह खुल गया और मैंने एक झटके में अपना लंड उनके हलक तक भर दिया.

वो कसमसाने लगीं.
मगर मैंने उनका मुँह चोदना चालू कर दिया.
उनके मुँह से घु घूं की आवाज आने लगी.
वो विरोध करने के लिए अपने हाथ से मेरी जांघ को पीछे कर रही थीं पर उनसे कुछ नहीं हो सका.

उनके मुँह से निकलती राल मेरे टट्टों से टकरा कर गांड पर जा रही थी.
वो अलग ही अहसास था.

उन्हें लगा कि अब कुछ नहीं होने वाला है … तो वो विरोध करना बंद करके मेरे झड़ने का इंतजार करने लगीं.

कुछ मिनट बाद जब मुझे लगा कि मेरा रस आने वाला है, तो मैंने लंड उनके हलक तक डाल दिया.
वो हाथ पैर मारने लगीं तो मैंने उनके बाल पकड़ कर खींच लिए.
उनका सांस लेना मुश्किल हो गया.

फिर मैंने लंड बाहर करके एक झटका मारा और उनके मुँह में झड़ गया.
वो तुरंत उठीं और मुझे एक धक्का देकर अलग हो गईं.
फिर गुस्से से देखकर बाथरूम की ओर जाने लगीं.

मैं तुरंत बाथरूम के गेट पर खड़ा हो गया.

उन्होंने इशारे से कहा- हटो.

मैंने उन्हें पकड़ लिया और किस करने लगा.
उन्हें मजबूरी में सारा रस पीना पड़ा.

मामी हांफती हुई बोलीं- मादरचोद, मुँह में झड़ने की क्या जरूरत थी. पता है मुझे सांस लेते भी नहीं बन रही थी.
मैंने कहा- आपको मजा तो बहुत आया है ना कि नहीं आया?

मामी ने हंस कर कहा- हां, पर तुम्हारे बालों ने बहुत दिक्कत दी.
मैंने कहा- सॉरी.

मामी- कोई बात नहीं, इसका भी इलाज है … तुम बस बेड पर लेट जाओ.

मैं बेड पर लेट गया. मामी अन्दर से मामा का जिलेट गार्ड की शेविंग किट लेकर आ गईं.

वैसे मैं बता दूँ कि मामी को पार्लर का पूरा काम आता था.

वो मेरे लौड़े की झांटों की शेव बनाने की तैयारी करने लगीं.
उन्होंने शेविंग क्रीम मेरे लंड और उसके आस पास लगाकर फ़ोम बनाने लगीं.

मुझे मजा आ रहा था.
उन्होंने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से झांटों को साफ़ करने लगीं.

फिर मुझसे उठकर बाथरूम में आने के लिए कहा.

बाथरूम में ले जाकर मामी ने मुझे शावर दिया.
बाहर आकर हम दोनों चिपककर लेट गए.

अब मैंने उनकी चुत को उंगली से गर्म करके उन्हें झाड़ दिया और उन्हें देखने लगा.

मामी के ऊपर से अब तक दवा का असर खत्म हो चुका था.

मैंने उनसे चुदाई के लिए कहा तो मामी बोलीं- आज रुक जाओ, कल स्पेशल मजा दूंगी.
मैंने सोचा कि चलो कल चोद लूंगा.

अब हम दोनों सो गए.

सुबह उठकर मैंने मामी को किस किया और फ्रेश होने चला गया.
बाहर आया तो याद आया नाना नानी के कमरे का गेट तो मैंने बंद किया हुआ था.

जैसे ही मुझको याद आया, मैं भागकर गया और उनका गेट खोल दिया.

नाना उठ चुके थे मगर वो लेटे ही रहे थे.
मैं भागकर वापस मामी के पास आ गया.

वो बिना कपड़ों के सो रही थीं.
उन्हें नंगी देख कर ऐसा लग रहा था कि कोई परी जन्नत से सीधा मेरे पास आ गई हो.

मैंने उन्हें किस करके उठाया तो मामी ने मुझे पकड़ लिया और चूमने लगीं.

मामी- कल रात जो काम अधूरा रह गया था … वो आज पूरा कर लो.
मैंने कहा- ओके … पर आप तो कुछ स्पेशल की कह रही थीं बेबी … मामी, क्या मैं आपको बेबी बुला सकता हूँ?

उन्होंने किस करके कहा- तुम्हारा मेरे ऊपर पूरा हक बनता है. चलो अब रात को ही मजा दूंगी.
फिर वो बाथरूम में नहाने चली गईं.

नहा कर आईं तो नाना नानी जाग गए थे.
मामी उन्हें देख कर अपने काम में लग गईं

फिर लंच खाकर मैं टीवी देखने लगा.

उसी समय अचानक से न्यूज आ गई कि अब देश में लॉकडॉउन लगने वाला है.

मामी को टेंशन हो गई कि मामा कैसे आएंगे.

तभी मेरी मम्मी का फोन आ गया कि तुम अब वहीं रहना.
मैंने ओके बोला.

फिर मामा का मामी के पास फोन आया कि वो लॉकडाउन में राजस्थान में ही रुक रहे हैं. जैसे ही कोई साधन मिलता है, मैं घर आ जाऊंगा.
मामी ने ओके कह कर फोन रख दिया और मुझे साइड में बुलाया.

मामी ने मुझे किस करके कहा- बधाई हो … अब हम दोनों पूरे लॉकडाउन में साथ में ही रहेंगे.
मैंने मामी से कहा- आज रात अपना इंतजाम कर लेना. आज आपकी सुहागरात मनेगी.

मामी मुस्कुरा कर बोलीं- ओके जी. सब कुछ स्पेशल होगा.
मैं खुश होकर वहां से चला गया.

रात में जब सब खाना खाकर सो गए तो हम दोनों टीवी देखने लगे.
मैं मामी की गोद में सर रखकर टीवी देख रहा था और वो मेरे बालों को सहला रही थीं.

मैंने कहा- मैं नाना के कमरे की कुंडी लगा देता हूँ.
मामी बोलीं- उसकी कोई जरूरत नहीं है अब वो दोनों दवा खाकर सो गए हैं. उन दोनों की नींद सुबह ही खुलेगी.

ये सुनकर मैंने उनके साथ हरकत करना शुरू कर दी.

मैं उनके मम्मों को दबा रहा था, वो मदभरी सिसकारियां ले रही थीं.

फिर वो उठ कर कमरे में जाती हुई बोलीं- जब मैं आवाज लगाऊं … तब कमरे में आ जाना.

मैं टीवी बंद करके मोबाइल चलाने लगा.

थोड़ी देर में मामी का फोन आया कि अन्दर आ जाओ.

मैं अन्दर गया तो देखा तो देखकर दंग रह गया.
कमरा और बेड सजा-संवरा हुआ था.

मैं बिस्तर पर आ गया तो उन्होंने मुझे दूध का गिलास पकड़ा दिया.

मामी ने कहा- लो दूध पी लो, पूरी रात मेहनत करनी है.
मैंने सोचा कि हां भैन्चोद सही है.

मैंने दूध पी लिया और उनको अपनी बाजू में खीच कर बिस्तर में पटक लिया.
मामी कुछ समझ पातीं कि मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों से होंठों को चिपका कर मजा लेने लगा.
वो मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगीं.

फिर मामी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था.

मैंने भी उनकी सलवार कुर्ती उतार दी. वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं.

मैंने उनकी ब्रा खोली और उनके मम्मों पर टूट पड़ा.
उन्होंने मेरी अंडरवियर भी उतार दी. मेरा लंड बिल्कुल तन चुका था.

मैं बेड पर सीधा लेट गया और वो बिना कुछ कहे मेरे ऊपर 69 की पोजिशन में लेट गईं.
मामी मेरे लंड को चाटने लगीं, उनकी जीभ मेरे टोपे पर थी.

मेरे मुँह से आह आह की सिसकारी निकलने लगी.
उन्होंने मुझसे कहा- तुम भी मेरी चुत चाटो.

मैंने मना कर दिया.

तब उन्होंने अपनी पैंटी उतारी और फिर से मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया.

अचानक से उन्होंने मेरे लंड को दांत से दबाया तो मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई और उसी पल मामी ने अपनी चुत मेरे मुँह पर दे मारी.

मैं उनके नीचे था तो कुछ कर भी नहीं पाया.
मेरा लंड भी उनके मुँह में था, तो मैं शांत रहा और चुत का हमला झेलता रहा. पर मुझे अच्छा भी नहीं लग रहा था.

कुछ देर बाद मैं चरम सीमा पर आ गया.
मेरा मुँह चुत से बंद था, तो मैंने उनके एक चूतड़ पर जोर की चमाट लगाई.

उन्होंने तब भी मेरी नहीं समझी. मैं उनके मुँह में झड़ गया तो मामी गाली देती हुई बाथरूम की तरफ भागीं.

मैंने हंस कर कहा- पी ले ना मेरी जान … यही तो मेरा प्यार है.

वो भुनभुन करती हुई चली गईं.

वापस आकर मामी कहने लगीं- मैंने तुझे कहा था ना कि झड़ो, तो बता देना.
मैंने कहा- बेबी, आपकी चुत ने मुझे कुछ कहने का अवसर ही नहीं दिया.

फिर मैंने सोचा कि इस औरत को तो अपने अलावा कुछ दिखता है नहीं … साला मेरा मुँह बंद था, तो इसे कैसे बताता. मरने दो कौन इनसे बहस करे साली लंड का माल ही तो पी गई, कौन सा गलत हो गया.

मामी- तुझे मेरे मुँह में झड़ने का बहुत शौक है ना … अब मैं तुझे बताती हूँ.

मैं सोचने लगा कि इस औरत के मन में न जाने क्या खिचड़ी पक रही है.

तभी मामी ने मुझे बेड पर पकड़ कर खींच लिया और मुझे लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ गईं.

मैंने कहा- ये क्या है?
मामी- चल साले, अब मेरी प्यास बुझा.

मैंने नखरा दिखाते हुए कहा- मामी नहीं मुझे अच्छा नहीं लग रहा … आप मेरी मामी हो.
मामी को गुस्सा आ गया और गाली देने लगीं- मादरचोद अब मैं तुझे मामी दिख रही हूँ … भैन के लौड़े जब मुझे लंड चुसवाया था, तब मैं तेरी कौन थी?

ये कह कर उन्होंने मेरे दोनों हाथ पकड़ कर अपने घुटनों पर रखे और अपनी चुत मेरा मुँह पर दे मारी.
उन्होंने चुत रगड़ना चालू कर दी.

कुछ ही देर में मामी की चुत का पानी मेरे पूरे चेहरे पर लग गया.

मैंने सोचा कि विरोध करने का कोई फायदा नहीं … मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और चुत में पेल दी.

मामी मेरी चुत का अहसास पाते ही रुक गईं और उन्होंने अपनी चुत मेरी जीभ पर सैट कर दी.

मैं अपनी जीभ उनकी चुत में अन्दर तक देने लगा, वो एकदम कामुक सिसकारियां भरने लगीं.

कुछ मिनट बाद जब वो झड़ने वाली थीं तो उन्होंने अपनी चुत को मेरे मुँह पर दबा दिया और मेरे बाल पकड़ लिए.

मुझसे सांस लेते तक नहीं बन रही थी.

मैं उन्हें अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगा, पर मेरे हाथ उनके घुटनों से दबे हुए थे.
मुझे जैसे ही लगा कि वो झड़ने वाली हैं, मैंने अपना मुँह बंद कर लिया.
उनका पूरा पानी मेरे चेहरे पर निकल गया था.

वो झड़ कर निढाल हो गईं और मेरे ऊपर ही लेट गईं.

उनका सिर मेरे लंड पर था तो मेरा लंड झटके मारने लगा.
वो लंड चूसने लगीं.

 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
कामुक मामी की प्यासी चुत की चुदाई- 3




कहानी के पिछले भाग
चुदाई की प्यासी मामी को लंड चुसाया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं मामी को अपना लंड चुसाने लगा था. मगर मुझे अपने मुँह पर मामी की चुत का रस लगा बड़ा अजीब सा लग रहा था.

अब आगे Xxx मामी की चुदाई कहानी:

फिर मैं उठा और बाथरूम में जाकर अपना मुँह धोकर आ गया.

वो मेरी तरफ किसी बाजारू रंडी की तरह बड़ी कातिल नजरों से देख रही थीं.

मैंने उनसे कहा- चलो अब आप चित लेट जाओ.
वो चुत खोल कर चित लेट गईं.

मैंने उनकी गांड के नीचे पिलो लगाया और उनकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया.

मामी- जरा आराम से … पहली बार इतना बड़ा लंड ले रही हूँ.

मैंने ये सुना तो तेल की बोतल लेकर आया और उन्हें दे दी.
उन्होंने मेरे लंड की मालिश की.

फिर हम वापस चुदाई की पोजिशन में आ गए.

मुझे पता था कि एक औरत की चुत तब तक ढीली नहीं होती, जब तक कि वो मां ना बन जाए.

मैंने दो उंगलियां मामी की चुत में डाल दीं.
उनकी सिस्कारी निकल गई.

मुझे भी चुत का खांचा थोड़ा टाइट फील हुआ.
कुछ देर उंगलियां अन्दर बाहर हुई तो मामी ने फिर से पानी छोड़ना चालू कर दिया.
चिकनाहट हो गई तो मैंने 3 उंगलियां चुत में पेल दीं.

अब मामी कामुकता से बोलीं- प्लीज, अब सब्र नहीं होता.

मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड उनकी चुत पर सैट किया और उनकी तरफ देखा.
मामी का चेहरा एकदम लाल पड़ गया था.

मैं उनके मम्मों पर हाथ फेरते हुए उनको किस करने लगा गया और धीरे धीरे लंड चुत के अन्दर डालने लगा.

अभी मेरा टोपा ही अन्दर गया और साला कसी हुई चुत में अटक गया.

मैंने फिर से कोशिश की तो वो मुझे अपने ऊपर से हटाने लगीं.

तभी मैंने जोर से एक झटका दिया तो मेरे मुँह से भी एक सिसकारी निकल गई, उनके मुँह से भी तेज चीख निकल गई.

मैंने मामी के होंठ अपने होंठों से दबाए और उनके ऊपर ही पड़ा रहा.

उनके आंसू ऐसे निकल रहे थे मानो उनकी चूत फट गई हो.

मैंने थोड़ी देर बाद झटके मारने चालू कर दिए.
अब वो मेरी पीठ पकड़ कर कहने लगीं- आंह मेरे शोना … मजा आ रहा है और तेज चोदो!

मैं तेज झटके मारने लगा.
उनके मुँह से उम् ऊम उम की आवाज आ रही थी.

दस मिनट की चुदाई के बाद मामी झड़ने वाली थीं तो उन्होंने इशारा कर दिया.
तो मैंने झटकों की स्पीड बढ़ा दी.

कुछ पल बाद उन्होंने मुझे कसके पकड़ लिया और झड़ गईं.

मैं उठा, तो देखा कि मेरे लंड पर खून लगा हुआ था.
मैं समझ गया कि मामी इतना क्यों कराह रही थीं.

उन्होंने बताया कि चुत तो मामा ने ही खोल दी थी लेकिन तुम्हारा मोटा लंड था, इस वजह से चुत से खून निकल गया.

अब मैंने उनकी पोजिशन चेंज कर दी.
मैंने उन्हें घुटनों के बल ज़मीन पर बनने के लिए कहा, उनके हाथ बेड से टिका दिए.

इस स्थिति में मुझे मामी की गांड का छेद आराम से नजर आ रहा था पर मैं गांड को इग्नोर करके घुटनों के बल आ गया और उनकी कमर पकड़ ली.

लंड चुत में सैट करके मैंने एक तेज झटके में चुत में लवड़ा घुसा दिया.

इस बार चीख की जगह मस्तानी आह की आवाज आने लगी.

मैंने झटके तेज कर दिए तो वो अपना सिर बेड पर रगड़ने लगीं.
वो भी सोच रही होंगी कि इसके पास कितनी एनर्जी है.

मैंने आज मामी को बिना बताए गोली खा ली थी.

कुछ देर चोदने के बाद मैं बेड पर चला गया और टांग फैला कर लेट गया.

मैंने मामी से कहा- आप मेरे लंड के ऊपर आकर बैठ जाओ.
वो लंड पर चुत टिका कर बैठ गईं और मेरे गले में हाथ डालकर चूमने लगीं.

अब मेरा पूरा लंड मामी की चुत में था.
मैं उनकी कमर पकड़ कर उनको झटके देते हुए चोदने लगा.
वो गहरी सांस ले लेकर मुझे किस करने लगीं.

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझसे रुकने को कहा.

लम्बी सांस लेने के बाद उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे सीने पर रख दिए और गांड उठा उठा कर झटके मारने लगीं.

मेरे मुँह से सिसकारी निकलना शुरू हो गई.
मामी- क्या हुआ?
मैंने कहा- मामी मेरी तो जान निकल गई.

मामी- अभी से टें बोल गया … अभी तो पूरी रात बाकी है मेरी जान!

उस टाइम रात के दो बज चुके थे, मैंने सोचा कि हां यार अभी तो पूरी रात बाकी है.

अचानक से मामी ने मेरे सीने पर नाखून मारना चालू कर दिए और झटके तेज देने लगीं.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
मामी- अब मैं और नहीं रुक सकती … मेरे बाद तुम संभाल लेना.

मैं समझ गया कि मामी फिर से झड़ने वाली हैं.

उन्होंने एक तेज झटका और मारा और अपनी चुत का सारा पानी निकाल दिया.

मुझे लगा कि मेरे ऊपर से भी गोली का असर खत्म होने वाला है तो मैं भी तेज तेज झटके मारने लगा.
मैंने पोजिशन चेंज की और मामी को अपने नीचे कर दिया.

मैं ऊपर आ गया.

करीब दो मिनट के बाद मैं उनकी चुत में ही झड़ गया और मामी के ऊपर ही लेटा रहा.

मैंने मामी को चूम कर कहा- बीज की रोपाई हो गई है … और कोई हुकुम हो तो बताइए मोहतरमा?

मामी खुश हो गई थीं, वो बोलीं- नहीं, बस तुम मेरे हो गए हो … मुझे और कुछ नहीं चाहिए. बस तुमने मुझे अपने प्यार की निशानी दे दी, ये काफी है.

मैं उनसे चिपक कर सो गया.

सुबह 6 बजे मैं फ्रेश होकर आया और उन्हें उठाया.

उनको नहा कर आने को कहा.
मामी ने मुझे रोकते हुए कहा- सुनो ना, साथ में नहाते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.

हम दोनों साथ में नहाने चले गए.

मैंने उनके पूरे बदन पर साबुन लगा दिया और शॉवर देने लगा.
थोड़ी देर में वो मुझे किस करने लगीं.

मेरा लंड पूरा तन गया.
मामी मेरा लंड चूसने लगीं.
मेरी सिसकारियां निकल गईं.

मैंने उनके बाल पकड़कर मुँह चोदना चालू कर दिया.
उनके मुँह से गुन गुन की आवाज आने लगी.

मुझे लगा कि मैं ज्यादा टाइम तक नहीं टिक सकूँगा … इसलिए मैंने उन्हें दीवार से टिका दिया और उनकी एक टांग उठा कर कंधे पर रख ली.

अब मैं मामी को चोदने लगा. वो आंख बंद करके सिसकारी निकालने लगीं.

करीब दस मिनट बाद मैं झड़ गया और शॉवर लेकर बाहर चला गया.
मैं नाना के पास बाहर जाकर बैठ गया.
हम दोनों टीवी देखने लगे.

फिर मामी ने आकर नाश्ता बनाया और कहा- इस समय लॉकडाउन में छूट रहती है, तुम मार्केट जाकर कुछ सामान ले आओ.

मैंने बाजार जाकर सामान लिया तो मामी ने पर्ची में एक तेल लिखा था, जो सेक्स का मजा बढ़ाता था.
मैंने केमिस्ट के पास से वो तेल ले लिया और घर आ गया.

सारा सामान मैंने मामी को दे दिया.
मामी उस तेल को देख कर मुस्कुरा दीं.

दोपहर में जब नाना नानी आराम कर रहे थे, तब मामी ने मुझे कमरे में बुला लिया.

मैंने अन्दर आकर गेट बंद कर दिया और मामी को किस करने लगा.
मामी ने मेरे कपड़े उतार दिए. मैं सिर्फ अंडरवियर में रह गया था.

मैंने भी मामी के सारे कपड़े उतार दिए.

अब मामी मेरे सामने बिना कपड़ों के थीं. मामी अलमारी से वो सुबह वाला तेल निकाल कर आईं.

मैंने पूछा- कहां से शुरू करूं?
मामी- जो तुम्हें सबसे ज्यादा पसंद है. उधर से शुरू हो जाओ.

मैंने कहा- मुझे तो आपकी गांड पसंद है.
वो दांत दबा कर हंस दीं.

मैंने मामी को पीठ के बल लेटा दिया और उनकी गांड पर तेल लगाकर मसाज करने लगा.
कुछ पल बाद मैंने एक उंगली उनकी गांड के छेद पर फेरना चालू कर दी. थोड़ा तेल और लेकर उनकी गांड में लगा दिया.

अब मैं अपनी एक उंगली उनकी गांड में डालने की कोशिश करने लगा. मैंने उनसे कहा- शरीर ढीला करो.
मामी मान गईं.

अब मैंने अपनी एक उंगली उनकी गांड में डाल अन्दर तक दी.
उन्हें बहुत दर्द हुआ पर उन्होंने अपना सिर तकिए में दबा लिया.

उन्हें पता था कि नाना नानी जग सकते हैं.
जब दर्द कम हुआ, तो उन्होंने आवाज निकाली.

मामी- आंह आराम से करो यार, बहुत दर्द हो रहा है. अम्मी अब्बू न उठ जाएं.

मैंने अपना लंड निकाला और उनकी गांड पर रगड़ने लगा. मैंने उनकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा- थोड़ा दर्द होगा … सह लेना.

उन्होंने सिर हिला दिया.

मैंने अब दो उंगलियां उनकी गांड में डाल दीं … उन्हें दर्द हो रहा था तो मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया.

वो चूसते हुए सिसकारियां भरने लगीं.

जब दोनों उंगली सही से अन्दर घुस गईं तो मैं समझ गया कि अब मामी की गांड लंड लेने के लिए तैयार है.

मैंने अपने लंड पर तेल लगाया.

मामी- जान मत करो ना … बहुत दर्द होगा.

मैंने उनकी एक ना सुनी और उनकी चुत के नीचे एक तकिया रख दिया.
अब मैं उनके ऊपर लेट गया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा.

वो मादक आवाजें करने लगीं.

मामी ने डर के मारे चादर पकड़ ली.

मुझे लगा कि अब सही वक्त है. मैंने उनके कान में कहा- अपनी गांड ढीली करो वरना दर्द ज्यादा होगा.

उन्होंने अपनी गांड ढीली कर दी.
मैंने उनके चूतड़ दोनों हाथ से फैलाए और एक ज़ोर को झटका दे मारा.

मामी की चीख निकल गई.
मैंने उनको किस करते हुए कहा- बस शांत हो जाओ … वरना नाना नानी उठ जाएंगे.

वो तकिया मैं मुँह दबा कर रोने लगी और मैं उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.

कुछ पल बाद मैंने एक और झटका लगा दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया.

मामी फकफका कर रोने लगीं- आंह आआ मेरी मां चुद गई … निकालो इसको … आंह आज के बाद कभी नहीं कहूंगी. मैं मर जाऊंगी निकालो … तुम्हें मेरी कसम आआ आआ आआ.

मैंने सोचा कि अब इसको काम होने के बाद की निकाला जा सकता है. मैंने उनकी गर्दन पकड़ कर तकिए में दबा दी और जोर जोर से झटके देने लगा.

मामी अपने हाथ पैर पटकने लगीं.

कुछ पल बाद मामी का दर्द कम हुआ तो उन्होंने हाथ पैर मारना बंद कर दिया.

मैं भी उनकी गर्दन छोड़ कर उन्हें किस करने लगा.
उन्हें अभी भी दर्द हो रहा था.

मैं मामी की गांड मारने में लग गया. कुछ मिनट बाद मेरा काम तमाम होने वाला था तो मैंने झटके तेज कर दिए और उनकी गांड में ही झड़ गया.

जब लंड बाहर निकाला तो उसमें खून लगा हुआ था.
मैंने मन में सोचा कि मामी की गांड फाड़ने को मिल गई … मजा आ गया … मामी की वर्जिन चुत चोदने ना मिली … वर्जिन गांड ही सही.

मैंने मामी को अपनी गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया.

हम दोनों ने एक दूसरे को साफ़ किया और फिर रोज रात को हमने चुदाई की.

पन्द्रह दिन बाद लॉकडाउन में जरा ढील मिलते ही मैं वापस अपने घर चला गया.
उधर मामा भी घर आ गए.

कुछ दिन बाद मामी का फोन आया कि वो पेट से हैं और मेरे बच्चे की अम्मी बनने वाली हैं.

मैं खुश था.

 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
सौतेली मम्मी की चुदाई की भूख मिटाई




दोस्तो, मेरा नाम अंकित है. मैं 21 साल का हूं.
मैं आज आपको मेरी और अपनी सौतेली मम्मी की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूं.

यह कोई झूठी सेक्स कहानी नहीं है, ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है.
जिनको मॉम एंड सन चुदाई कहानी से परहेज है, वो प्लीज़ अपनी शराफत का टोकरा उठा कर किसी दूसरी कहानी का मजा लें.

मेरी मम्मी की उम्र 35 साल है. वो थोड़ी मोटी हैं और उनका रंग सांवला है, लेकिन उनका फिगर कातिलाना है. उनका फिगर 38-34-38 का होगा.
वो दिखने में काफी आकर्षक हैं.
मेरी मम्मी मेरी पिताजी की दूसरी बीवी थी. मैं अपने पिता की पहली पत्नी की संतान हूँ.

दोस्तो, मेरे पिताजी की मौत दो साल पहले एक सड़क हादसे में हो गई थी. मेरे पिता जी तब करीब 50 साल के थे.

मेरी मम्मी पहले से ही सेक्स में काफी हवस भरी औरत थीं.
मेरे पिताजी के मरने से पहले भी उनका बहुत से मर्दों से चक्कर चलता था. क्योंकि पिताजी और मेरी दूसरी मम्मी की आयु में काफी फर्क था करीब 18 साल का!

अब ये बात मुझे ढंग से समझ आने लगी थी क्योंकि तब मैं छोटा था.

मेरे पिताजी के मरने के बाद मेरी मम्मी ने मुझे पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया.
मैं अभी भी हॉस्टल में रहता हूं.

जब देश में लॉकडाउन लगा तो मैं अपने घर आया हुआ था.

मेरी मम्मी एक टीचर हैं, तो उस समय उनकी भी छुट्टियां चल रही थीं. मेरी मम्मी अपने स्कूल के कामों में काफी बिजी रहती हैं इसलिए वो घर की साफ सफाई नहीं कर पाती हैं.

जब मैं घर आया तो मैं ही घर की साफ सफाई करने लगा.

एक दिन मैं साफ सफाई कर रहा था. मैं मम्मी के कमरे में गया और वहां भी साफ सफाई करने लगा.
उस वक्त मम्मी घर पर नहीं थीं. वो लॉकडाउन में ढील के समय में कुछ घर कि जरूरत का सामान लेने गई थीं.

मैंने उनके बेड के गद्दे को जब उठाया, तो देख कर दंग रह गया.
वहां 2 प्रेगनेंसी टेस्टिंग किट पड़ी हुई थीं, बिल्कुल नई.

मैं समझ गया कि मेरी मम्मी का किसी के साथ चक्कर चल रहा था.
मैंने जब मम्मी की अलमारी चैक की तो वहां सेक्स पोजीशन में चुदाई की किताब देखी.

उसमें चुदाई की नंगी फोटो देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

मेरा लंड 6 इंच का मोटा लंड है. मैं वो किताब उठा कर पढ़ने लगा.

उस किताब में सेक्स की पोजीशन के बारे में लिखा हुआ था.
ये सब देख कर मेरे मन में मेरी सौतेली मम्मी के लिए गंदे ख्याल आने लगे. मैं अपनी मम्मी को चोदने के बारे में सोचने लगा.

कुछ तीन घंटे बाद मेरी मम्मी घर आ गईं. मैंने उनसे पूछा कि आपको बड़ी देर लग गई?

उन्होंने बताया कि शासन से आदेश आया था कि अपने स्कूल के स्टूडेंट्स के साथ पैदल यात्रियों को चावल बांटने जाना है … तो मैं वहां चली गई थी.

उस दिन मैंने उनसे कुछ नहीं कहा.

रात को हम दोनों ने खाना खाया और सोने चले गए.

हमारा घर ऐसा है कि मम्मी को अपने कमरे में मेरे रूम से होकर जाना पड़ता था.

मैं उस रात गौर किया तो वो रात में किसी से लंबे समय तक फोन में धीरे धीरे बात कर रही थीं.

उनकी आवाज इतनी स्लो थी कि मुझे पता ना चल पाए.
लेकिन मैं सब सुनता रहा था.

उस दिन मैंने सोचा कि जब तक ये बात करेंगी, तब तक मैं भी नहीं सोने वाला हूँ और इनकी हर बात को सुनूंगा.

करीब रात के 1 बजे मम्मी ने फोन रखा और चुपके से उठ कर मेरे बेड के पास खड़ी हो गईं.

मैं सोने का नाटक करने लगा.

उन्होंने मुझे देखा और बिना आवाज़ किए चुपके से बाहर चली गईं.

उनके बाहर जाने के बाद मैंने उनके कमरे में जाकर देखा तो उन्होंने अपनी पैंटी और पायल वहीं बेड पर ही उतार दी थी और एक अजीब सी महक आ रही थी.

तो मैं समझ गया कि मम्मी पोर्न देखकर गीली हो चुकी थीं और शायद हस्तमैथुन करने गई हैं.

मैं भी चुपके से बाहर चला गया और मम्मी को खोजने लगा.

फिर मैंने देखा कि हम जिस रूम में गाड़ी रखते थे, उस रूम से कुछ आवाज़ आ रही हैं.

मैं अपनी चप्पल उतार कर धीरे से उस रूम की खिड़की पर गया, जिसमें सिर्फ लोहे की ग्रिल लगी हुई थी.

मैंने झांक कर देखा कि मम्मी अपनी नाइटी को ऊपर करके जमीन पर बैठी हैं और अपनी चूत में उंगली डाल रही हैं.
वो अपने मम्मों को दबाती हुई आवाजें निकाल रही हैं ‘आह … उह …’
मम्मी की चुत पर काफी बाल थे.

ये सब देख कर मैं पागल हो गया.

थोड़ी देर बाद शायद वो झड़ गईं और अपनी चुत साफ करके उठ कर आने लगीं.
मैं जल्दी से आकर अपने बेड पर लेट गया और सोने की एक्टिंग करने लगा.

वह चुपचाप जाकर अपने कमरे में सो गईं.

सुबह वो एकदम नॉर्मल थीं पर मैं रात के नज़ारे याद करके मदहोश हो रहा था.

मैं दिन भर अपनी सौतेली मम्मी को चोदने के बारे में सोचता रहा और अब मैंने सोच लिया था कि आज तो इन्हें चोदकर ही रहूंगा.

रात को हम दोनों ने खाना खाया और मैं अपने बिस्तर पर लेट कर सोने की एक्टिंग करने लगा.

उसी रात करीब 2 बजे मम्मी फिर से बाहर गईं.
इस बार मैं भी तुरंत बाहर आ गया और मम्मी मम्मी कहकर चिल्लाने लगा.

वो उस गाड़ी वाले कमरे से ही धीरे से बाहर निकलीं और बोलीं- क्या हुआ?
मैं बोला- कुछ नहीं … बस आप कहां गई हो, इसलिए चिल्ला रहा था.

वो पूरे मूड में थीं, उनके पैर कांप रहे थे.

फिर मम्मी अपने कमरे में जाकर सोने लगीं.
मैं काफी देर तक बाहर खड़ा रहा.

फिर मैं सीधे मम्मी के कमरे में चला गया.
मैंने देखा कि वे सो रही थीं.

मैं जाकर उनके ऊपर से चादर हटाकर उनके मम्मों को ऊपर से ही दबाने लगा.
वे जाग गईं. उन्होंने मेरा हाथ हटाया और उठ कर बैठ गईं.

अगले ही पल उन्होंने मुझे एक धक्का मारा और कहने लगीं- पागल हो गया है … ये क्या कर रहा है, होश में तो है ना?

पर मैं फिर से उनके दूध को दबाने लगा.

उन्होंने फिर से मुझे दूर किया और हंस कर कहने लगीं- तू ज्यादा जवान हो गया … चल भाग यहां से. अपनी गर्लफ्रेंड से जाकर ये सब कर!
मैंने कहा- मम्मी आपको मेरी जरूरत है, ये मुझे मालूम है. प्लीज़ मुझे मौक़ा दो ना!

मम्मी ने मेरी तरफ देखा और बोलीं- ये तुझे किसने कहा है कि मुझे तेरी जरूरत है?

मुझे भी जोश आ गया.
मैं बेड से नीचे उतरा और उनके पलंग के नीचे से प्रेगनेंसी किट निकाल कर बोला- ये सब क्या है … पिताजी को मेरे हुए तो इतने साल हो चुके हैं, फिर इसकी क्या जरूरत है?

फिर मैंने उस किताब को भी निकाला और पूछा- ये सब क्या है?

वो सहम गईं और चुप हो गईं.

मैंने कहा- मैं सब जानता हूं आप किस किससे चुदवाती हो … आप रण्डी के जैसी ये सब क्यों कर रही हो. मैं हूँ न आपकी प्यास बुझाने के लिए.
वो मेरी तरफ देखती हुई बोलीं- तुम अभी अपने रूम में जाकर सो जाओ, सुबह बात करेंगे.

लेकिन मैंने कहा- नहीं जो भी बात है, अभी होगी, आपको चुदवाने का बहुत मन है ना … मैं आपकी खुजली शांत कर देता हूं.

फिर मैं उनकी ओर बढ़ा और उन्हें लिटा दिया. अगले ही पल मैं अपनी मम्मी के मम्मों को मसलने लगा.

मैंने उनके होंठों पर अपने होंठों रख दिए और चूसने लगा. मैंने एक हाथ से उनकी नाइटी को ऊपर किया और उनकी चुत को मसलने लगा.

अब वह मेरे पूरे कब्जे में थी और हिल भी नहीं पा रही थीं. मुझे ऐसा लग रहा था कि मम्मी मुझसे छूटने की कोशिश नहीं कर रही हैं. शायद वो मुझसे सेक्स करने में संकोच कर रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने उन्हें छोड़ दिया.

वह बैठकर कहने लगीं- बेटा ये सब ठीक नहीं है.
ये कहते हुए मेरी मम्मी की आँखों से आंसू आने लगे.

मैंने उनके आंसू पौंछे और कहा- आप दूसरों से क्यों चुदवाती हो मां?

वे कहने लगीं कि औरतों को मन की जरूरतों के अलावा तन की जरूरत भी होती है. तुम्हारे पिताजी की मौत दो साल पहले ही हो चुकी थी, जिसके कारण मेरे तन की प्यास अधूरी ही रहती है और इसे ही पूरा करने के लिए मैं किसी से भी चुदवा लेती हूं.

मैंने कहा- आप हमेशा से मेरी सारी जरूरतें पूरा करती आई हो. अब से मैं भी आपकी जरूरत पूरा करूंगा.
वो बोलीं- ऐसा नहीं हो सकता … तुम मेरे बेटे हो. मैं तुमसे कैसे चुदवा सकती हूं. ऐसे में यह पवित्र रिश्ता खराब हो जाएगा, इसके लिए भगवान मुझे कभी माफ नहीं करेंगे.

मैंने कहा- ये बात सिर्फ हम दोनों के बीच में ही रहेगी, किसी को भी पता नहीं चलेगा. आज के बाद आपको किसी और से चुदवाने की भी जरूरत नहीं है. और वैसे भी मैं आपका सगा बेटा नहीं हूँ.

इसके बाद वह कुछ कहतीं कि मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए और जोर जोर से किस करने लगा.

वो शुरू में तो थोड़ा हिचकिचाईं, फिर बाद में वो भी किस करने लगीं.

मेरी मम्मी सचमुच बहुत कामुक थीं. उन्होंने मेरे होंठ काट दिए और उनमें से खून निकलता देख वो उसे भी चूसने लगीं.

फिर मैं भी उनके दूध दबाने लगा और एक हाथ से उनकी चुत को रगड़ने लगा.
मेरी मम्मी की पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी.

कुछ मिनट बाद मैं मम्मी से अलग हो गया और अपने सारे कपड़े उतार दिए.

मैंने कहा- अब आप भी अपने कपड़े उतार दो. मैं अब आपको चोदना चाहता हूं.

इस पर वो एक बार फिर से हिचकिचाईं और बोलीं- इसे यहीं तक रहने दो … आगे मत बढ़ाओ … ये ग़लत है.

मैंने उनसे कहा कि अब मैं कुछ नहीं जानता हूं … मैं आज बस आपको चोदना चाहता हूं.

ये कह कर मैंने उन्हें बेड से नीचे उतार कर खड़ा कर दिया.

फिर मैं उनकी नाइटी को ऊपर उठाने लगा.
वो रोकने लगीं, मगर मैंने उनका हाथ हटाया और नाइटी को निकाल दिया.

मैंने आज पहली बार अपनी मम्मी को सिर्फ ब्रा और पैंटी में देखा था. उनका थोड़ा सा पेट निकला हुआ था, पर वो बहुत सेक्सी लग रही थीं.

मैंने मम्मी की ब्रा को निकाल फैंका. उनके दूध काफी बड़े और मुलायम थे.

फिर मैंने जैसे ही मम्मी की पैंटी को नीचे करने की कोशिश की तो उनकी एक दो झांट भी खिंच गईं, जिससे मेरी मम्मी की चीख निकल गई.

मैंने उनकी चुत देखी, उभरी हुई सी मस्त फूली चुत थी. पर उस पर झांटें बहुत घनी उगी थीं.

मैंने कहा- बाल साफ क्यों नहीं करती हो?
मम्मी बोलीं- टाइम ही नहीं मिलता.

तब मैंने उन्हें उठाया और बेड पर लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया.

अब मैं मम्मी की चुत को चाटने को नीचे आने लगा. वो समझ गईं और अपने पैरों को चिपकाने लगीं.
मगर मैंने उनकी दोनों टांगों को फैला कर अपना मुँह आगे बढ़ा दिया.

जैसे ही मैंने उनकी चुत पर मुँह रखा, वो एकदम से तिलमिला उठीं.
मैंने उनकी प्रतिक्रिया को दरकिनार किया और चुत चाटने लगा.

वो अब अलग ही दुनिया में पहुंच गई थीं.
एक मिनट बाद ही वो खुद ही मेरे सर को पकड़ कर अपनी चुत में धकेलने लगीं.

कुछ मिनट चुत चाटने के बाद उनकी चुत लाल हो गई और अब तक मेरा लंड भी एकदम कड़क बांस बन चुका था.

मैं देरी ना करते हुए उनकी चुत पर लंड रगड़ने लगा.
वो एकदम से पागल हो गईं.

मैंने उनका यह रूप पहले कभी नहीं देखा था.

मैंने जैसे ही अपनी मम्मी की चुत में लंड डाल कर धक्का लगाया, तो मेरा सुपारा अन्दर घुस गया.
मम्मी की चुत किसी जवान लड़की की तरह टाईट थी क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उन्होंने काफी दिनों से अपनी चुदाई नहीं करवाई थी.

वो मेरे लंड के अन्दर घुसते ही चीख उठीं … पर मैं नहीं रुका.

मैंने दुबारा धक्का लगाया. इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चुत को फाड़ते हुए अन्दर तक घुस गया.
मेरी मम्मी दर्द से चिल्ला उठीं और मुझे दूर धकलेने लगीं.

वो मुझसे लगातार हटने को कह रही थीं, पर मैं रुकने वाला नहीं था.

मैं और जोर जोर से धक्का लगाने लगा और अपनी मम्मी की चुत चोदने लगा.

लंड के तेज धक्कों से उनके दूध एकदम नाचने से लगे थे. मैं उनकी चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा.
वो दर्द से रोने लगीं, पर मैं रुका नहीं.

करीब बीस मिनट की लंबी चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. मैंने कहा कि मैं झड़ने वाला हूं.
वो बोलीं- प्लीज़ अपना लंड बाहर निकालो … मेरे अन्दर मत झड़ना.

पर मैंने कुछ नहीं सुना और मम्मी की चुत के अन्दर ही अपना सारा स्पर्म छोड़ दिया.

फिर मैंने अपना लंड चुत से निकाल लिया.
उनकी चुत से मेरा स्पर्म बहने लगा.

मेरी मम्मी ने मुझे सीने से चिपका लिया और बोलीं- अब से तू ही मेरा सब कुछ है. मेरी प्यास बुझाने वाला भी तू ही है.

मैंने भी अपनी मम्मी की सेक्स की समस्या सुलझा दी थी.

उस दिन के बाद अब जब हम दोनों का मन होता है, तब हम दोनों एक दूसरे से सेक्स कर लेते हैं.

वो भी चुदाई की बहुत बड़ी लोलुप हैं इसलिए वो भी मेरे मोटे लंड से चुत चुदवाने के लिए खुद ही नंगी हो जाती हैं.
अब उन्हें किसी और से चुदवाने नहीं जाना पड़ता है.


 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
बुआ के जिस्म की प्यास भतीजे ने बुझाई




मेरा नाम रोहित (बदला हुआ) है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं.
मैं ग्रामीण इलाके से संबंध रखता हूं और मेरी उम्र 19 साल है. मेरा रंग हल्का सांवला है और शरीर भरा हुआ है. मेरा लंड 6.5 इंच का मोटा सा है.

मेरी बुआ की तो बात ही क्या करें. उनकी उम्र 36 साल की है. उनकी सांवली सूरत और गाल पर पागल बना देने वाले डिंपल हैं.
बुआ का 34-28-36 का कातिलाना जिस्म है. मुझे वो मदहोश कर देने वाली जवानी लगती हैं और अब तो मुझसे चुदवा कर वो मेरी जान ही बन गई हैं.

ये बात तब की है, जब पूरा विश्व कोरोना का कहर झेल रहा था.
मेरे सालाना एग्जाम हो चुके थे और एग्जाम से फ्री होने के बाद अपनी बुआ के घर घूमने गया था.

बुआ के घर आने के कुछ दिन बाद अचानक से लॉकडाउन लग गया.

मेरे फूफा जी दिल्ली में काम करते थे और उनका इकलौता बेटा भी वहीं पढ़ता था.
वो दोनों वहीं दिल्ली में फंस गए थे.

हालांकि फूफा जी इस बात से निश्चिंत थे क्योंकि उन्हें मालूम था कि बुआ का ख्याल रखने के लिए मैं गांव में था.

अब घर में केवल मैं और बुआ ही बचे थे.
मेरी बुआ काफी अमीर हैं और वो अपने जिस्म का काफी ख्याल रखती हैं.

कोरोना के कारण सब कुछ बंद हो गया था.
हम दोनों के दिन घर की चारदीवारी में ही बीतने लगे.

चार दिन बाद सुबह के समय मैं उठा, तो मैंने देखा कि बुआ बाथरूम में नहा रही थीं.
बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से लगा नहीं था इसलिए अन्दर का मदमस्त कर देने वाला नजारा साफ़ दिख रहा था.

नंगा सीन देख कर मैं ठिठक गया और देखने लगा.

सुबह के समय वैसे ही मन में कुछ उत्तेजना रहती है और मेरा लंड भरा हुआ था.

मैंने चुपचाप अपनी बुआ को नहाते हुए देखना शुरू कर दिया. साबुन के झाग से उनके दोनों मम्मे ढके हुए थे और वो नीचे पैंटी पहनी हुई थीं.

मैं अपने लंड को सहलाते हुए बुआ को देखने लगा. बड़ा ही मस्त नज़ारा था.

जब बुआ ने अपने जिस्म पर पानी डाला तो उनके दोनों चूचे साफ़ दिखने लगे और मेरे अन्दर की आग भड़क उठी.
साथ ही साथ खड़ा हो चुका मेरा लंड फड़फड़ा उठा.

मैं भूल गया कि सामने मेरी बुआ हैं … मुझे तो बस एक मस्त कांटा माल दिखाई दे रहा था.

बुआ का नंगा बदन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई पोर्न वीडियो में किसी पोर्न ऐक्ट्रेस को नंगी देख रहा हूँ.
मैं अपना लंड हिलाने लगा.

उसी बीच न जाने कैसे उन्हें दरवाजे के बाहर हलचल समझ आ गई और मेरी बुआ जान गई थीं कि मैं जाग गया हूँ और उन्हें देख रहा हूँ.

बुआ ने दरवाजे को खींचा, तो मैं समझ गया कि शायद बुआ ने मेरी उपस्थिति को महसूस कर लिया है.

ये सोचते ही मानो मेरे लौड़े लग गए थे और कैसे भी करके मैं वहां से कमरे में आ गया.
मेरी हालत खराब हो गई थी.

इधर मेरा लंड बिना झड़े मानने को तैयार नहीं था.
मैंने कैसे भी करके अपने लंड की मुठ मारी और खुद को शांत किया.

अब मेरा नजरिया बुआ के लिए बदल गया था.
दिन भर मैं बस उनके चूचों को देखता और उनको चोदने की तमन्ना मन में बसाए हुए लंड सहलाता रहता था.

सुबह जैसे ही बुआ नहाने जातीं … मैं दरवाजे की झिरी से बुआ का नंगा बदन देखने लगता था.
बुआ भी अपनी चुत में उंगली करती रहतीं और अपने दूध दबाती रहती थीं.

दो दिन बाद बात ही बात में बुआ को चोदने का अवसर बनता नजर आया.

उस दिन बुआ और मैं लूडो खेल रहे थे.

बुआ ने मैक्सी पहनी हुई थी. जिसका गला काफी खुला हुआ था.
मैंने एक ढीला सा बरमूडा पहना था. ऊपर कट वाली बनियान पहनी थी.
मेरा चौड़ा सीना शायद बुआ को भाने लगा था.

वो झुक झुक कर लूडो की डायस फैंक रही थीं और अपनी गोटियां चल रही थीं.
इससे उनके मम्मे साफ़ दिख रहे थे.

तभी मैंने बुआ की एक गोटी मार दी
बुआ एकदम से बोलीं- अरे यार, मेरे पीछे क्यों पड़ा है, तूने तो मेरी पकी पकाई मार दी.

मैं उस समय बुआ के मम्मे देख कर मस्त हो रहा था और उनके मुँह से ये सुनकर कि मैंने उनकी मार दी है … मैं एकदम से गनगना गया.

कुछ देर बाद मैं गेम जीत गया, तो बुआ बोलीं- चल, अब बाद में खेलेंगे.
मैं उनकी तरफ देखने लगा.

अब हमारी बातें होने लगीं.

बुआ ने मुझे एक अजीब सी बात पूछी- तेरा किसी लड़की से चक्कर तो जरूर होगा बाबू?
मैं चौंक गया और बोला- अरे नहीं बुआ … ऐसा कुछ नहीं है.
बुआ थोड़ा हंसी.

फिर उन्होंने मुझसे सीधे सीधे वो पूछ लिया, जिसका इंतजार मुझे इतने दिनों से था- तब तो तूने कभी वो सब भी नहीं किया होगा?
मैं- वो सब क्या बुआ?

बुआ- देख ज्यादा भोला मत बन … मुझे सब पता है.
मैं- क्या बुआ?

बुआ बनावटी गुस्से में बोलीं- अच्छा … तू उस दिन से मुझे रोज सुबह नहाती देखता है ना?
मैं ये सुनकर डर गया और बोला- न….नहीं तो बुआ!

मेरे इतना कहते ही बुआ मेरे करीब आ गईं और उन्होंने अपनी एक हथेली से मेरी जांघ को दबा दिया.

बुआ- मैंने तुझे उस दिन ही देख लिया था, जब तू भाग कर कमरे में गया और अपना हिला रहा था.

अब मेरी हालत खराब हो गई- बुआ मुझसे गलती हो गई, माफ कर दो.

कुछ देर बाद बुआ बोलीं- देख तू मुझे खुश कर दे वरना मैं भैया को सब बता दूंगी.
मैं चुप हो गया और मेरी नजरें झुक गईं.

बुआ- बोल न … क्या तू मेरी गर्मी दूर करेगा?

ये कह कर बुआ ने मेरी जांघ से हाथ अन्दर को सरका कर मेरे लंड को सहला दिया.
मेरा लंड कड़क होने लगा था. मेरे अन्दर का डर भी अब साहस में बदलने लगा था.

मैंने उन्हें देखा, तो बुआ ने आंख दबा दी.

मैं समझ गया कि यह हॉट औरत सेक्स के लिए बेचैन है. मैंने बिना रुके अपने होंठ आगे बढ़ा दिए और बुआ के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

बस इतना हुआ ही था कि बुआ तो मेरे ऊपर एकदम से मानो टूट पड़ीं और मेरे पूरे मुँह पर चुम्बन करने लगीं.

मैं भी कई दिनों से भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा.

लगभग दस मिनट हमने केवल लिपकिस किया.
बुआ बीच में रुक जाती थीं, शायद वो सांस लेने लगती थीं.

अब मेरा लंड और तड़प उठा था. बुआ ने मुझे धक्का दे दिया और मेरे सीने पर झुक कर मुझे चूमने लगीं.
मैंने नीचे से उनके गाउन में हाथ डाला और ऊपर करके बाहर निकाल दिया.

बुआ ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
लग रहा था कि बुआ चुदने के लिए पूरी तैयार होकर आई थीं.

उनके मोहक मम्मों को मैंने दबाना और मसलना शुरू कर दिया.
बुआ मेरे मुँह में एक दूध देने लगीं और मैंने बुआ के उस दूध का निप्पल अपने मुँह में दबा लिया और दबाते हुए चूची चूसने लगा.

वे ‘आह … आह …’ करती रहीं.

मैंने कुछ ही देर में बुआ के दोनों दूध चूस चूस कर लाल कर दिए.

फिर उनको खड़ा कर दिया और अपने आपको बुआ के पीछे करके मैं बुआ के दोनों मम्मों को मसलने लगा. इस समय बुआ केवल पैंटी में थीं.

बुआ भी मेरे ऊपर टूट पड़ीं और मेरे जिस्म पर बनियान बरमूडा और कच्छे को उतार कर दूर फेंक दिया.
मैं नंगा हो गया था और मेरा लंड बुआ की नंगी जवानी को खा जाने के लिए एकदम रेडी था.

बुआ ने मेरा मोटा लम्बा लंड देखा और वो उसे ऊपर से सहलाने लगीं.

मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें बिस्तर पर धकेल दिया.

आज बुआ ने अलग ही किस्म का परफ्यूम लगाया था, उनकी पूरी चूत महक रही थी.

मैंने पैरों से चूमना शुरू किया और जांघों पर आकर बुआ की संगमरमर से बदन को चाटने लगा.
बुआ आंह आंह करने लगीं और वो मेरे सर पर अपना हाथ फेरने लगीं.

मैंने बुआ की पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और उनकी पैंटी को नीचे कर दिया.

आह … मेरे सामने बुआ की एकदम चिकनी चुत खुल गई थी.
हल्की सांवली सी चुत … जिस पर से चॉकलेटी महक आ रही थी.

एक बार बुआ की तरफ देखा मैंने … तो बुआ की वासना से तप्त आंखें मेरे सामने एक प्यासी औरत की कामुकता को दर्शा रही थीं.

मैंने अपनी नजर नीचे की तो मेरे सामने उनके दोनों चूचे बिल्कुल पहाड़ के जैसे तने थे. उनमें जरा भी ढलकाव नहीं था.

मैंने एक हाथ से एक दूध पकड़ा और बस के हॉर्न जैसे दबा दिया.
इस बार मैंने बुआ का दूध कुछ जोर से मसला था तो बुआ की आह निकल गई और इसी के साथ उनकी चुत कुछ ऊपर को उठ गई.

मैंने उसी पल बुआ की चुत में जीभ फेर दी.
बुआ तड़फ उठीं और मेरे सर को उन्होंने जोर से अपनी चुत पर दबा दिया.

पूरी चुत नमकीन रस से भरी पड़ी थी. मैंने चुत चाटना शुरू कर दिया और बुआ आह आह करती हुई अपनी चुत चटवाने का सुख लेने लगीं.

कुछ ही देर में बुआ की चुत ने रस छोड़ दिया और मैंने चुत को चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया.

बुआ की आंखें एकदम से लाल हो गई थीं. वो कुछ शिथिल सी पड़ी हुई मेरी तरफ देख रही थीं और मेरे सर को सहला रही थीं.

अब तक मैं बहुत गर्म हो गया था और मेरा लंड फट पड़ने को था.

मैं उठा और बुआ की चुत की तरफ मुँह करके 69 में हो गया.
इससे मेरा लंड बुआ के मुँह की तरफ आ गया था.
बुआ ने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं.

कोई पांच मिनट बाद बुआ ने मेरे लंड को निचोड़ लिया था और रस को खा गई थीं.

हम दोनों एक एक बार झड़ चुके थे.
हमारे बीच आपस में किसी तरह की कोई बात नहीं हो रही थी.

फिर बुआ ने उठ कर दराज से एक सिगरेट निकाली और जला कर धुंआ उड़ाने लगीं.

उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा तो मैंने अपनी उंगलियां उनकी तरफ बढ़ा दीं.
बुआ ने सिगरेट मेरी उंगलियों में फंसा दी.

मैंने धुँआ उड़ाना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद हमारे बीच फिर से माहौल बन गया और मैंने बुआ को लिटा दिया.
एक बार फिर से हमारे बीच सेक्स होने लगा.

लंड खड़ा हो गया था, चुत गर्मा गई थी.

मैंने बुआ की दोनों टांगें फैला दीं और लंड का सुपारा चुत की फांकों में सैट कर दिया.
कुछ देर लंड चुत पर रगड़ा और एकदम से अन्दर पेल दिया.

बुआ की मस्त आंह निकल गई और हमारे बीच चुदाई शुरू हो गई.

दस मिनट तक बुआ को मिशनरी पोज में चोदने के बाद मैंने लंड निकाला और चित लेट गया.

अब बुआ मेरे लौड़े पर चुत फंसा कर बैठ गईं और गांड हिलाने लगीं.
मैं बुआ की चुदाई करने लगा.

इस बीच बुआ हंसती हुई बोलीं- मालूम … मैंने ही तुझे अपने दूध दिखा कर फंसाया था.
मैं हंस दिया और कह दिया कि हां और मैं फंस गया था.

हम दोनों हंस दिए और मस्ती से चुदाई चलने लगी.

उस दिन हम दोनों ने एक बार ही चुदाई का मजा लिया और रात में बुआ ने मस्त पार्टी की.
हम दोनों चार चार पैग खींचे और दो बार चुत चुदाई का मजा लिया.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
बहन की नंगी चूचियां देख लंड खड़ा हुआ



हाय दोस्तो, मेरा नाम समीर है। मैं एक कंपनी में काम करता हूं और अपनी बहन के साथ रहता हूं। आपको आज मैं अपना रियल लाइफ सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूं।

मैं आपको अपनी बड़ी बहन के साथ हुए सेक्स की कहानी बताना चाहता हूं।
मेरे परिवार में मेरे माता-पिता और मेरी बड़ी बहन है। हम दोनों की ही शादी हो चुकी है।

मेरी बड़ी बहन का नाम समीरा (बदला हुआ) है। उसकी उम्र 32 साल है। उसके पति दुबई में जॉब करते हैं।

अपनी पत्नी को मैंने एक दुर्घटना में खो दिया था। उसके बाद से मैं अकेला था।

मेरे माता-पिता गाँव में रहते हैं और समीरा और मैं चेन्नई में रहते हैं।

समीरा एक वकील है और वो चेन्नई में एक प्रैक्टिशनर के रूप में काम करती है।
हम एक ही घर में रह रहे हैं।

मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि हमारे जीवन में ऐसा भी कुछ होगा।

यह उस वक्त की बात है जब मेरी बहन और मेरी पत्नी दोनों को ही बच्चा हुआ था।
उस वक्त घर में खुशियां आई थीं।

सब लोग खुश थे लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा हुआ था शायद!

घर में बहन और मेरी बीवी का बच्चा आने के बाद किलकारियां गूंजती थीं।
मगर 6 महीने के बाद मेरी पत्नी एक दुर्घटना में मुझे छोड़कर चली गई।

उसके जाने के बाद मेरी बहन समीरा ने ही मेरे बच्चे की देखभाल की।

मेरी बहन दोनों बच्चों को दूध पिलाती थी।

एक दिन वह दोनों बच्चों को स्तनपान करवा रही थी।

बच्चा बार बार उसकी साड़ी को खींच रहा था जिससे कि उसके गोरे गोरे स्तन बार बार मुझे दिख जाते थे।

मैंने इससे पहले कभी अपनी बहन के बारे में ऐसा नहीं सोचा था।

उसका बेटा उसके एक निप्पल को चूस रहा था और मेरा बेटा दूसरे को चूस रहा है।
मैंने वहां इंतजार किया और उसने स्तनपान समाप्त किया।

चूची पिलाकर उसने अपने ब्लाउज को बंद कर लिया और अपनी साड़ी को ठीक कर लिया।
उसने मुझे नोटिस नहीं किया कि मैं भी उसकी चूचियों को देख रहा था।

उसके स्तन प्यारे और अच्छे आकार में थे।
मेरा मन न जाने क्यों उसके बूब्स को चूसने के लिए करने लगा।

मगर वो मेरी बहन थी।
मैं उससे सीधे सीधे चूची पिलाने के लिए नहीं कह सकता था।

समीरा ऑफिस में साड़ी पहन कर जाती थी और रात में सोते वक्त नाइटी पहन लेती थी जिससे उसको स्तनपान करवाने में भी आसानी होती थी।
दिन में वो दोनों बच्चों को ऑफिस ले जाती थी।

ऑफिस उसका पास में ही था और उसके ऑफिस में उसकी एक सहायक भी थी।
वो दोनों अकेली ही उस ऑफिस में रहती थीं इसलिए बच्चों की देखभाल आसानी से वहां हो जाती थी।

फिर उसने कुछ दिन की छुट्टी ले ली। वो घर में रहकर ही बच्चों की देखभाल करने लगी।
उसकी सहायक उस वक्त ऑफिस को संभाल रही थी।

शुरू में तो मैं उसके स्तनों की तरफ ही आकर्षित था।

धीरे धीरे मुझे वो अपनी बहन कम और एक जवान औरत ज्यादा लगने लगी। उसका शरीर काफी सुडौल हो गया था और हर मर्द उसका आनंद लेना चाहता था।

एक दिन जब वो नहा रही थी तो दोनों बच्चे रोने लगे।

मैंने उनको चुप करवाने का प्रयास किया लेकिन वो नहीं चुप हुए।
फिर वो जल्दी से अपने स्तनों पर तौलिया लपेट कर बाहर आई।

उसने देखा कि बच्चे भूखे हो चुके थे।

मैं बहन की चूचियों पर लिपटे तौलिया में से उसकी क्लीवेज देख रहा था।
उसके गोरे चमचमाते जिस्म पर वो पानी की बूंदें देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था।

वो बच्चों को दूध पिलाने लगी तो उसकी नजर मुझ पर गई और मुझे बाहर जाने को कहा।
फिर मैंने अपने रूम में जाकर उसके बारे में सोचकर मुठ मारी।

वो पहली बार था जब मैंने समीरा को सोचकर हस्तमैथुन की थी।

उसके बाद दिन ऐसे ही बीत गया।
रात को मैं अपने रूम में सोने लगा।

दोनों बच्चे समीरा के पास सो रहे थे।

मैंने समीरा को व्हाट्सएप पर मैसेज किया।
वो बोली- क्या बात है समीर?
मैं- नींद नहीं आ रही अक्का!

वो बोली- क्या परेशानी है, नींद क्यों नहीं आ रही?
मैं- मैं अपने बच्चे के लिए पेरशान हूं अक्का!
वो बोली- क्यों परेशान हो, मैं हूं न दोनों बच्चों के लिए!

मैं- मेरे बेटे ने इसकी मां को इतनी छोटी उम्र में ही खो दिया। मुझे इसके लिए चिंता होती है।
वो बोली- कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है, मैं दोनों की ही मां बनकर रहूंगी। दोनों को ही अपने स्तनों का दूध पिलाऊंगी।

फिर उसने मुझे कहा- आप मेरे रूम में ही आ जाओ।
मैं उसके रूम में चला गया और उसके बेड पर ही सोने लगा।
उसकी शादी के पहले भी हम दोनों साथ में एक ही बेड पर सोते थे।

रात को 2 बजे के करीब बच्चे रोने लगे।
मेरी नींद खुली लेकिन मैं लेटा रहा।

मैं समीरा को चुपके से देख रहा था।

उसने मेरी तरफ देखा और जब पाया कि मैं सो रहा हूं तो अपनी नाइटी की चेन खोलकर लेट गयी और दोनों बच्चों को अपनी चूचियों से चिपका लिया।

दोनों बच्चे उसकी चूचियों से लिपटे हुए दूध पीते रहे।
मैं ये नजारा देख रहा था।

समीरा कच्ची नींद में थी और दोनों को अपने सीने से लगाए हुए सो रही थी।

फिर उसको गहरी नींद आ गई और दोनों बच्चे भी ऐसे ही उसके सीने के पास चिपके हुए सो गए।

मुझसे उसके स्तन देखकर रहा न गया।
मैंने धीरे से उसके बाएं चूचे को पीना शुरू कर दिया।

आह्ह … क्या स्वाद आ रहा था उसकी चूची से!

मैं काफी देर तक उसके दूध को पीता रहा और फिर एक तरफ होकर लेट गया।
उसकी चूची को मैंने कम्बल से ढक दिया।

अगली सुबह सब नॉर्मल था।

मगर उसको संकोच था कि शायद कहीं मैंने रात में उसकी चूचियों को देख न लिया हो।

फिर मैं काम से निकल गया।

दूसरी रात भी हमने उसके रूम में ही खाना खाया।

अब वो मेरे साथ थोड़ी सहज होने लगी थी।
उस रात भी मैंने उसके सोने के बाद उसकी चूचियों को पीया।

अब शायद उसको थोड़ा शक होने लगा था।
अगली रात को जब मैं उसके रूम में था तो वो मेरे सामने ही बच्चों को स्तनपान करवाने लगी।
मैं उसकी चूचियों को देख रहा था मगर वो थोड़ा हिचक रही थी।

मैं बोला- आपकी चूचियां तो गीता के जितनी बड़ी हैं बहन!
वो ये सुनकर थोड़ा चौंक गई और समझ नहीं पाई कि वो कैसे प्रतिक्रिया दे।
फिर वो बोली- ओह्ह … अच्छा, मुझे नहीं मालूम!

बस फिर वो दूध पिलाती रही और मैं उसकी चूचियों को देखता रहा।
अब मुझसे रुका न गया तो मैं बोला- बहन, मुझे भी इनको पीना है।

वो एकदम से चौंककर बोली- ये क्या बोल रहे हो भाई, हम दोनों भाई-बहन हैं। एक रिश्ता है हमारे बीच।

मैं बोला- नहीं, मुझे कई दिन से मन है, मना मत करो।
वो नहीं मानी और मैं उसे मनाता रहा।

फिर आखिर में वो मेरी जिद के सामने हार गई और थोड़ी सी चूची पिलाने के लिए राजी हो गई।

अब मैं उसकी एक चूची को मुंह में लेकर पीने लगा और हल्का हल्का दबाने लगा।

फिर वो मुझसे हटने के लिए बोली लेकिन मैं नहीं हटा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लंड खड़ा हो चुका था।

समीरा- मुझे छोड़ दो समीर, यह गलत है! हम खून के रिश्ते के भाई-बहन हैं।
मैं- तो क्या अक्का, आप एक लड़की हैं और मै एक लड़का हूँ, दोनों की ये शारीरिक ज़रूरतें हैं।
समीरा- लेकिन मैं तुम्हारी बहन हूँ।

मैंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और मैंने उसको होंठों को चूम लिया और बोला- बस एक बार करके देख लेते हैं, अगर नहीं मन हुआ तो मैं नहीं बोलूंगा तुम्हें!
फिर मैंने उसको बिस्तर पर धकेल दिया।

बच्चे एक तरफ सो चुके थे।
मैंने टीशर्ट निकाली और उसके ऊपर आ गया।

उसकी नाइटी को निकलवाकर मैंने उसको नंगी कर लिया।
अब हम दोनों के बदन नंगे एक दूसरे के ऊपर रगड़ खा रहे थे।

मैं उसके होंठों को चूसने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
मैंने बहन की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया।
अब वो कांप रही थी और मजे ले रही थी।

मैंने उसकी चूत को चूसा और चाटा।
उसने मेरे शॉर्ट्स और मेरा अंडरवियर निकाल दिया और मेरे लंड को हाथ में ले लिया।

उसने कहा- तुम्हारा लंड मेरे पति से बड़ा है और मेरी चूत करीब 2 साल से लंड का इंतजार कर रही है।

वो कुछ देर तक मेरे लंड से खेलती रही और उसकी चूत को गर्म करती रही।
जब उसकी चूत पूरी पानी छोड़ छोड़़कर गीली हो गई तो वो मेरे सामने टांगें खोलकर लेट गई।

मैंने अपना लंड उसकी चूत में लगाया और उसे जोर से पेल दिया।
मैं गचागच उसकी चूत को चोदने लगा।

वो मेरे पूरे लंड को घुसवा चुकी थी और मैं भी उसकी चूत में गहराई तक धक्के लगा रहा था।

मैं उसके होंठों को चूसने में लगा था और कुछ देर मैंने उसको ऐसे लेटे हुए ही चोदा।
फिर उसे अपने ऊपर बैठा कर पंप करने को कहा।

वो मेरे लंड पर बैठ गयी।
अब लंड ज्यादा अंदर तक गया तो उसको दर्द होने लगा।

मगर वो धक्के देती रही और मैं भी उसकी चूत की ओर गांड उठाकर लंड के धक्के देता रहा।

मैं पूरी तेजी से धक्के लगा रहा था और वो भी खूब मजे से चुदवा रही थी।

समीरा के मुंह से धीमे कामुक स्वर मुझे और उत्तेजित कर रहे थे।

जैसे जैसे मैं उसे तेज़ी से चोद रहा था उसका स्वर वैसे ही बढ़ रहा था।

मैंने फिर उसको घोड़ी बना लिया।
मैं उसको पीछे से चोदने लगा।

उसकी मोटी मोटी चूचियां जोर जोर से आगे पीछे हिल रही थीं।
मुझे भी उसको घोड़ी बनाकर चोदने में बहुत मजा आ रहा था।

फिर पांच मिनट तक इसी पोजीशन में चोदते हुए मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।

हम दोनों थककर हांफने लगे और छत की तरफ मुंह करके लेट गए।

वो बोली- थैंक्स भैया, मैंने आज 2 साल के बाद सेक्स का मजा लिया है। जब से तेरे जीजा दुबई गए थे और मैं गर्भवती थी तब से मैं प्यासी थी। उस दिन के बाद आज मुझे संतुष्टि मिली है।

मैं बोला- थैंक्स तो मुझे भी आपको बोलना चाहिए। मैंने भी तो गीता के बाद आपको ही चोदा है। मेरी लाइफ में सेक्स की कमी आपने पूरी की है। मुझे पहली बार बहन की चुदाई का मजा मिला है। क्या आप इसके लिए तैयार हैं?
समीरा- हाँ मेरे प्यारे भाई।

दोस्तो, उस दिन के बाद से फिर मैं उसको चोदने लगा; रोज बहन की चुदाई करने लगा।
हम दोनों में नियमित सेक्स होने लगा।

रोज चुदाई के कारण वो एक बार फिर से गर्भवती हो गई लेकिन हमने उसको वहीं पर कंट्रोल कर लिया और उसने दवाई ले ली।
उसके बाद हम दोनों सुरक्षित सेक्स करने लगे ताकि फिर से बच्चा न हो जाए।

मैं समीर अभी अपनी बहन की चुदाई की स्टोरी में इतना ही लिख रहा हूं।
अब मेरी लाइफ में सेक्स की कमी पूरी हो चुकी है और हम दोनों भाई बहन काफी खुश रहने लगे हैं।

मेरी बहन हम दोनों के ही बच्चों का ख्याल रखती है। मैं भी उसकी मदद करता हूं।
 
  • Like
Reactions: Skb21

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
सौतेली मम्मी का दूध पिया और चूत चोदी




फ्रेंड्स, मेरा नाम सोनू है.
मैं कानपुर का रहने वाला हूँ और अभी नया नया जवान हुआ हूँ.

जब मैं किशोर वय का था, तभी मेरी मम्मी का देहांत हो गया था.

फिर किसी मजबूरी के चलते मेरे पापा को दूसरी शादी करनी पड़ी और वे मेरे लिए एक नई मम्मी ले आए.
मेरी सौतेली मम्मी का नाम मंजू है.
वे बहुत ही सुंदर, खूबसूरत एकदम गोरी चिट्टी हैं.

उनकी उम्र मेरे पापा की उम्र से 15 साल कम है.
मेरे पापा की उम्र 42 साल है और मेरी सौतेली मम्मी की उम्र 27 साल है.
जबकि मैं अभी जवान हुआ ही हूँ.

घर में हम तीनों लोग बड़े आराम से रहते, खाते-पीते, मौज मस्ती करते.
किसी को भी किसी किस्म की दिक्कत नहीं थी.

अगले 9 महीने बाद मेरी मम्मी को बेटा हुआ यानि मेरा सौतेला भाई पैदा हुआ.

मेरी मम्मी मेरा काफ़ी ख्याल रखती थीं.
वे मेरी सारी छोटी से छोटी ज़रूरतों को पूरा करती थीं.
यह स्टेप मॅाम फक स्टोरी मेरी सौतेली मम्मी के साथ सेक्स की है.

हम सभी एक हंसती खेलती फैमिली का हिस्सा बन चुके थे.

एक दिन क्लास में मेरा एक दोस्त सेक्स स्टोरी की किताब लेकर आया.
वह मुझे उस किताब को दिखाने ही वाला था कि तभी टीचर जी आ गए और उसने जल्दबाज़ी में वह किताब मेरे बैग में डाल दी.
उस समय टीचर जी मुझसे कुछ पूछने लगे थे तो मैंने यह देख नहीं पाया कि मेरे दोस्त ने मेरे बैग में क्या डाला है.

हालांकि बाद में उसने कहा था कि उसने सेक्स कहानी वाली किताब तेरे बैग में डाली है.

फिर स्कूल से छुट्टी हुई और मैं जल्दबाजी में अपने घर की तरफ निकल गया.
घर जाकर मैंने देखा कि उसने वह किताब मेरे बैग में डाल दी थी.

सच बता रहा हूँ कि मुझे एकदम से सनसनी सी होने लगी; मेरे रोंगटे खड़े होने लगे.
मुझे बस यह लग रहा था कि कब उस किताब को पढ़ लूँ.

रात को जल्दी जल्दी खाना आदि से फ्री होकर मैं अपने कमरे में आ गया और कुंडी लगा ली.
अब मैं अकेला था और सेक्स स्टोरी वाली किताब मेरे पास थी.
उसे मैंने निकाला और पढ़ने लगा.

मैं पहली बार चुदाई की कहानी पढ़ी थी, तो बहुत ज्यादा उत्तेजना हो रही थी.
उसमें कई सारी कहानियां थीं, तो मैं क्रम से सेक्स कहानी के शीर्षक पढ़ने लगा.

उसी दौरान मैंने एक मां बेटे के बीच चुदाई की कहानी देखी, तो मुझे बड़ी सनसनी हुई.

उस रात मैंने मम्मी बेटे की चुदाई वाली सेक्स स्टोरी पढ़ी.
तो उसी वक्त मेरे मन में भी मेरी मम्मी मंजू को लेकर कामुक विचार आने लगे.

अब मैं सेक्स कहानी पढ़ते समय अपनी नई मम्मी को अपने मस्तिष्क में आने वाली कल्पना में देखते हुए सेक्स कहानी को पढ़ रहा था.

सच में बड़ी उत्तेजना हुई और उस सेक्स कहानी में भी अधेड़ पिता की कमसिन उम्र वाली लड़की को उसके सौतेले बेटे ने उन्हें चोदा था.

यह सारा मसाला मुझे अपनी कम उम्र वाली मम्मी की तरफ ले जाने लगा था.

बस उस दिन से मेरी नजर बदल गई.
अब मैं उन्हें नज़रों से नहीं बल्कि एक खूबसूरत औरत के अंदाज़ में देखने लगा था.

मेरी मम्मी को अभी तक हमारे घर में आए एक साल हो चुका था.
इसी दौरान मेरी मम्मी का फिगर एकदम चेंज हो चुका था.

पापा की मेहनत के चलते मम्मी की चूचियां मोटी मोटी हो गई थीं और अब उनके बेबी हो जाने के कारण दूध से भरी हुई चूचियां बड़ी मादक लगने लगी थीं.
सेक्सी कमर, मस्त हाइट 5 फुट 5 इंच की और चेहरे से भी एकदम हुस्न की परी लगने लगी थीं.

धीरे धीरे मैं अपनी जवान उम्र वाली सौतेली मम्मी के साथ वक्त ज्यादा बिताने की कोशिश करने लगा.

मैं अपने नवजात छोटे भाई का बहुत ख्याल रखने लगा.
साथ ही चुपके चुपके से उसे दूध पिलाती हुई अपनी मम्मी के सेक्सी मम्मों के दीदार भी करने लगा था.

एक दिन मैंने अपनी सौतेली मम्मी को अपनी किसी फ्रेंड से फोन पर बात करते हुए सुना कि मेरा बेटा अब बड़ा हो रहा है और वह मेरा दूध अब बिल्कुल नहीं पीता है. उसी कारण से मेरी छातियां दूध से भर जाती हैं और बहुत दर्द होता है … इतनी ज्यादा तकलीफ होती है कि क्या बताऊं.

यह सुनने का बाद मेरे पास एक सुनहरा अवसर आ गया था.
जल्द ही मुझे उस अवसर का फायदा उठाने का मौका भी मिल गया था.

उन दिनों मेरे पापा बिजनेस टूर पर चार दिनों के बाहर गए हुए थे.
उस रात मम्मी ने किचन का सारा सामान समेटा और मुझे दूध देने मेरे कमरे में आईं.
मैंने दूध पिया और मम्मी से कहा- मुझे आपसे कुछ बात करनी है!

मम्मी- हां बोलो बेटा, क्या हुआ?
मैं- मम्मी आप मुझे अपना बेटा मानती हो ना!
मम्मी- हां बेटा, पर तू यह सब क्यों पूछ रहा है. तू मेरा बेटा ही है, तुझमें और छोटे में कोई फर्क नहीं है.

मैं- पक्का मम्मी?
मम्मी- हां बेटा.
मैं- तो फिर आप मुझे भी छोटे की तरह अपना दूध पिलाओ ना!

मम्मी- अचानक से तू यह क्या बोल रहा है सोनू … छोटू कितना छोटा है और तू अब बड़ा हो गया. मम्मी के दूध की ज़रूरत सिर्फ छोटे बच्चों को होती है.
मैं- मैं भी तो आपका बेटा हूँ, इसमें छोटा बड़ा क्या होता है?

मम्मी- नहीं, यह नहीं हो सकता. अब तुम सो जाओ.
मैं- मम्मी आपने सौतेले और सगे बेटे में फर्क दिखा दिया ना!

मम्मी- सोनू, तुम पागलों वाली बात मत करो.
मैं- प्लीज मम्मी, आपके सिवा मेरा कोई नहीं है. प्लीज प्लीज मम्मी मुझे अपना दूध पिला दो ना!

मम्मी- मगर बेटा!
मैं- मगर वगर कुछ ना करो मम्मी, मैं आपके आगे हाथ जोड़ता हूँ.

इतना भावुक होकर बोलने के बाद आख़िर मेरी सौतेली मम्मी पिघल ही गईं.

मम्मी- लेकिन बेटा यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच में ही रहनी चाहिए!
मैं- पक्का प्रॉमिस मम्मी.

फिर मम्मी बेड पर बैठ गईं और मैं अपना मुँह मम्मी के चूचों की तरफ करते हुए उनकी गोदी में सिर को रख लिया.
मम्मी ने नीचे के ब्लाउज के तीन हुक खोले और अपना स्तन बाहर निकालने लगीं.

मैं काफ़ी उत्तेजित हो रहा था.
मम्मी ने अपनी एक चूची के ऊपर से ब्रा हटाई और अपनी दो उंगलियों में अपना निप्पल फंसा कर मेरे होंठों की तरफ बढ़ा दिया.

मैं उनका निप्पल अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
जैसे ही मैंने निप्पल चूसना शुरू किया, मेरी मम्मी की आंखें ऐसे सुकून से बंद हो गईं मानो न जाने उन्हें कितना आराम मिल रहा हो.

अब मैं मम्मी का दूध चूसने में मस्त था और उनकी चूची को सहला भी रहा था.

फिर मैंने मम्मी से पूछा- आपकी चूचियों को मैं कसके चूसूँ या हल्के तरीके से चूसूँ?
उन्होंने धीरे से बोला- कस कस के चूस ले.

इसका मतलब था कि अब मेरी मम्मी को भी अपनी चूचियां चुसवा कर मज़ा आ रहा था.
अब मैंने उनकी दूसरी वाली चूची को ब्रा से खुद ही बाहर निकल दिया और दूसरे वाले निप्पल को खींच खींच कर चूसने लगा.

मम्मी की हालत खराब हो चली थी और वे अपने होंठों को काटती हुई मुझे अपने चूचे चुसा रही थीं.

मैं उनके मम्मों से काफ़ी मात्रा में निकलते हुए दूध का आनन्द ले रहा था.

मैंने अब मेरी चूसने की रफ्तार और बढ़ा दी और तेज़ तेज़ चूचुक खींचते हुए व चूचे मसलते हुए दूध चूसने लगा.

साथ ही मैं कभी कभी मम्मी के निप्पल को हल्के से अपने दांतों से थोड़ा सा काट भी ले रहा था.
इससे मम्मी की कामुक आह निकल जा रही थी.
वे मेरे सर को सहलाती हुई अपनी चूचियों से मजा ले रही थीं.

कुछ ही देर में मेरी सौतेली मम्मी के मुँह से वासना भरी सिसकारियां निकलने लगीं.
वे आंख बंद करके बोलीं- आह … आज जी भरके पी ले मेरी चूचियां … आह सोनू … मेरा सारा दूध तेरे लिए ही है.

यह सुनकर जोश जोश में मैं उनके निप्पल ज्यादा काटने लगा और इससे मम्मी को भी बड़ा मज़ा आ रहा था.

अब मैंने मम्मी का पूरा ब्लाउज उतार दिया और उनकी टाइट ब्रा भी खोल दी.

उनके मोटे मोटे चूचे आज़ाद हो गए थे.
मैं अब बड़े आराम से उन्हें चूस रहा था और मम्मी की आंखों में वासना से देख रहा था.

चूचे चूसते चूसते ही मैंने मम्मी के हाथ को पकड़ कर उसमें अपना लंड दे दिया.

मेरा सख्त लौड़ा देख कर उनकी आंखों में अजीब सी चमक आ गई.
वे खुद अपने हाथ से मेरा लौड़ा ऊपर नीचे करने लगीं.

मम्मी जितनी तेज लंड को हिलातीं, उतनी ही तेज़ी से मैं उनके निप्पल को खींच कर चूसने लगता.

थोड़ी ही देर में मैंने उनकी दोनों चूचियां चूस चूस कर खाली कर दीं और लाल भी कर दीं.

अब तक मेरी मम्मी की हालत खराब हो चुकी थी और मेरी मम्मी मेरे पूरे वश में हो चुकी थीं.

मेरी मम्मी मेरी आंखों में वासना से देखती हुई बेड पर चिट लेट गईं और मैं उनके ऊपर आकर उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा.

मम्मी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

होंठों को चूसते चूसते मैंने उनकी दोनों चूचियां को इकट्ठा किया और दोनों निप्पलों को एक साथ मुँह में लेकर चूसने लगा.

जैसे ही मैंने उनके दोनों निप्पलों को एक साथ चूसना शुरू किया, कुछ ही पल के बाद मेरी मम्मी का शरीर अकड़ गया और उनकी चूत पूरी तरह से अपना पानी छोड़ चुकी थी.

मेरी मम्मी एकदम से शिथिल सी हो गईं.

मैंने मम्मी से पूछा- क्या हुआ मम्मी?
मम्मी- कुछ नहीं!

मैंने कहा- प्लीज बताओ ना … क्या हुआ?
तब मम्मी बोलीं- अब पूरी तरह से झड़ गयी हूँ.

मैं बोला- मम्मी अभी तो मैंने कुछ किया ही नहीं, अभी तो पूरी रात बाकी है!
मम्मी- सोनू बात सिर्फ़ दूध पीने की हुई थी. मैं तेरी मम्मी हूँ. हम इससे ज्यादा आगे नहीं बढ़ेंगे!

इतना सुनते ही मैंने फट से अपना मोटा लौड़ा मेरी मम्मी के हाथ में दे दिया और कहा- आप खुद तो सॅटिस्फाई हो गईं और मुझे बीच में लटका दिया!
यह बात सुनकर मेरी मम्मी के चेहरे पर स्माइल आ गई.

मैंने फट से अपने होंठ उनके होंठों से मिला दिए.
मैं फिर से मम्मी को गर्म करने लगा.
वे भी मेरा साथ देने लगीं.

धीरे धीरे मैंने उनकी नाभि को चाटना चालू किया और थोड़ा नीचे आ गया.

जैसे ही मैं उनकी साड़ी खोलने लगा, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया.

मम्मी ने कहा- नहीं!
मैं नहीं माना.

तब मम्मी बोलीं- ओके, पहले लाइट ऑफ कर दे.
मेरी मम्मी का चेहरा शर्म से लाल हो चुका था.

तब मैंने समझाया कि मम्मी अब शर्म मत करो.

मम्मी चुपचाप लेटी हुई थीं.
फिर मैंने मम्मी की साड़ी खोल दी.
उन्होंने विरोध नहीं किया.

बाद में मैंने उनका पेटीकोट भी निकाल दिया.
अब मम्मी सिर्फ़ पैंटी में थीं.

मैं उनकी पिंडलियों और जांघों को किस करता हुआ चूत तक आ गया.
मैंने उनकी पैंटी भी निकाल दी और उनकी चूत चाटने लगा.

मम्मी को यह सुख शायद पापा ने नहीं दिया था, तो वे मस्त होने लगीं.

मैंने काफ़ी देर तक उनकी चूत चाटी.
वे मेरे सिर को अपने हाथों से चूत पर दबा रही थीं.

चूत चटवाती हुई मम्मी बोलीं- आह सोनू … मैं दोबारा झड़ने वाली हूँ!
मैंने कहा- मम्मी अपना नमकीन पानी मेरे मुँह में छोड़ दो.

मम्मी दूसरी बार झड़ चुकी थीं.
मैंने उनकी चूत का सारा रस चाट लिया.

फिर मैंने दोबारा से मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उनके चूचे चूसने लगा.

कुछ देर बाद मैं अपना लंड मम्मी के मुँह के पास ले गया.
मम्मी ने लंड चूसने से मना कर दिया.

मैंने मम्मी को बड़े प्यार से मनाया और मेरी फीलिंग्स को समझाया.

मम्मी ने हां भर दी और मैं अपना लंड मम्मी के मुँह में धीरे धीरे डालने लगा.
अब मम्मी लंड चूसने में मगन हो गई थीं.

मैंने पूछा- मम्मी आपको मेरा लंड कैसा लगा?
मम्मी- इट्स डेलीशियस … तुम्हारा लंड काफ़ी लंबा और मोटा है.

मैंने मम्मी से 69 की पोज़िशन में आने को कहा.
वे झट से मान गईं.

अब मैं मम्मी की गुलाबी चूत चाट रहा था और मम्मी मेरा लंड की डीप थ्रोट सकिंग कर रही थीं.

कुछ ही देर में मेरी मम्मी फिर से गर्म हो चुकी थीं.
मैं उन्हीं के सिग्नल का इंतजार कर रहा था.

मम्मी बेड पर चित लेट गईं और उन्होंने मुझे अपने ऊपर आने का इशारा कर दिया.

मैंने मम्मी की दोनों टांगें फैलाईं और अपने लंड का मुँह उनकी चूत पर सैट कर दिया.

मैंने पूछा कि धीरे से डालूँ या एक झटके में पूरा लौड़ा पेल दूँ?
मम्मी- एक ही झटके में डालो बेटा, आज मेरी सूखी हुई चूत को हरा-भरा कर दो अपने लौड़े से.

इतना सुनते ही मैंने एक ही झटके में पूरा लंड मम्मी की चूत में पेल दिया.
मम्मी के मुँह से चीख निकल गई.

अब मेरी मम्मी चुदाई का आनन्द ले रही थीं और मैं स्टेप मॅाम फक का मजा लेते हुए उनके निपल्स मुँह में लेकर खींच रहा था.

मेरी मम्मी हवस में और पागल हुई जा रही थी.
वे बोलीं- मेरे निपल्स को बुरी तरह खा जाओ. इनको बाइट करो.

मैं मम्मी की दोनों भरी चूचियों को खाने लगा और कट्टू करने लगा.
क्या मज़ा आ रहा था मुझे भी … और मेरी मम्मी को भी.

एक तरफ उनके दूध की धार थी और दूसरी तरफ उनकी प्यासी चूत की गर्मी थी.

तभी अचानक से मेरी मम्मी बोलीं- जल्दी से अपना रिलीज करो सोनू … मैं तीसरी बार झड़ने वाली हूँ!

इतना कहते ही मम्मी की चूत पूरी लबालब हो गई.
जबकि मैं उन्हें अभी भी ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था.

मम्मी- प्लीज बेटा, बस करो … मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ, अपने लंड को निकाल लो … अब मैं तुम्हारे मूसल और नहीं झेल सकती हूँ.

मैंने अपनी मम्मी की बात मान ली और अपना लंड निकाल लिया.

मम्मी अब रिलॅक्स होकर नंगी ही लेटी हुई थीं.
मैंने कहा- मम्मी प्लीज … मुझे भी सॅटिस्फाइ कर दो!

मम्मी मुस्कुरा कर बोलीं- ठीक है. अब मैं तुम्हारे लौड़े की मुठ मार देती हूँ.
मैंने मम्मी की गोद में सिर रखा और उनकी चूचियां चूसने लगा.

मम्मी मेरा लौड़ा कसके पकड़ कर हिला रही थीं और मैं उनकी चूचियां चूसे जा रहा था.
मेरी मम्मी ने मुठ मारने की रफ्तार को बढ़ा दिया और उसी वक्त मेरा सारा वीर्य उछल कर उनके मुँह पर … और हाथों में जा गिरा.

उसके बाद हम दोनों ने होंठों से किसिंग की और एक दूसरे की बांहों में लेट गए.

मम्मी ने प्यारी सी स्माइल दी और उस रात को वे मेरे ही रूम में सो गईं.

दूसरे दिन से मम्मी मुझसे अपने मम्मे चूसने की कहने लगीं.
तो मैं समझ गया कि मम्मी को अपने बेटे का लंड पसंद आ गया है.
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
भाभी के दूध से डेंगू का इलाज़



प्यारे दोस्तो, मेरा नाम रमेश है।

आज मैं अपने जवानी की शरारत की MILF सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

जब मैं 19 साल का था तब कोलकाता में पढ़ता था। मैंने वहाँ पर रहने के लिए एक रूम किराए पर ले रखा था।

उस घर में नीचे का फ्लोर स्टोररूम के रूप में किसी कंपनी ने ले रखा था जबकि ऊपर के फ्लोर पर दो रूम थे, जिनका बाथरूम कॉमन था।

मेरे बगल के रूम में एक महिला अपने पति के साथ रहती थी।
मैंने उस महिला को अनेकों बार बाथरूम में नंगी नहाते हुए देखा था।
वह उत्तर प्रदेश के हरदोई से थी जबकि मैं बनारस से!

वह बहुत ही खूबसूरत थी। उसकी उम्र लगभग 25-26 के आस-पास होगी और कद 5 फीट 5 इंच।
उसका 6 महीने का एक बच्चा भी था।

कुछ समय के बाद हमारी आपस में बात होने लगी।
मैं टीवी देखने के बहाने अक्सर उसके रूम में जाया करता था।
वह भी प्यार से मुझे बैठने के लिए कहती।

धीरे-धीरे हम बहुत ही घुलमिल गये।
मैं उन्हें भाभी कहा करता था और देवर-भाभी के बीच होने वाला मज़ाक भी कर लिया करता था।
वह मेरे सामने बिना किसी संकोच के अपने बच्चे को दूध भी पिला लिया करती थी।

उनकी छाती का आकार 36 D था जिसमें 1 इंच लंबा निप्पल उभरा साफ नजर आता था।
वैसे उनकी कमर का साइज 30 था पर गांड 36 थी।

मुझे उनकी छाती देखना बहुत ही अच्छा महसूस होता था,जब उनका बच्चा चूचियों से दूध पीता था।

वह भी जब मुझे घूरते हुए देखती थी तो सिर्फ मुस्कुरा कर रह जाती और कहती कभी किसी औरत को दूध पिलाते हुए नहीं देखा है क्या?
मैं भी हंसकर जवाब देता था- देखा है ना … बस आपको!

अब मैंने भाभी का दूध पीने का प्लान बनाया।

मैं बाजार से दूध बढ़ने वाला दवा ले आया और उसे भाभी के टॉनिक में मिला दिया।

धीरे धीरे कुछ दिनों के बाद भाभी का दूध अधिक आना शुरू हो गया।
दूध भरने के कारण भाभी की चूची भी ज्यादा बड़ी हो गई थी।
अब वह अपने बच्चे को दिन भर में 10-12 बार दूध पिलाती थी।

मुझे उनके चूचियों को 10-12 बार देखने का मौका मिलता था।

इसी बीच मुझे डेंगू हो गया।
मेरा बुखार अपने चरम सीमा पर था।

मुझे ठीक होने में लगभग 1 सप्ताह तक का समय लग सकता था।

मैंने अपना दूसरा प्लान बनाया। मैंने अपने मोबाइल पर एक लेख टाइप किया और उसे ब्लॉग पर पोस्ट कर दिया।

इसमें मैंने बताया था कि डाक्टरों ने एक रिसर्च किया है। अगर डेंगू के मरीज को किसी महिला का दूध पिलाया जाए तो वह तीन-चार दिन में ठीक हो जाएगा, उसकी प्लेटलेट्स बहुत ही तेजी से बढ़ जायेंगी और वह मौत से बच जाएगा।

भाभी भी मेरी यह स्थिति देखकर थोड़ा चिंतित थी। वह दिन भर में 2-4 बार मेरी तबीयत के बारे में पूछ लिया करती थी।

आज जब वह मेरे कमरे में आई तब उन्होंने मुझसे पूछा- अगर शरीर में दर्द हो रहा हो तो बताओ मैं दबा देती हूँ।

मैंने अपना सर भाभी के गोद में यह कहते हुये रख दिया- मेरे सर में बहुत ही तेज दर्द हो रहा है।
भाभी गोद में मेरे सर को रखकर दबाने लगी।

कुछ समय बाद मैंने अपने मोबाइल में वह रिसर्च पोस्ट को खोला और भाभी को पढ़ने के लिए दे दिया।

भाभी जब मेरा सर दबा रही थी तब उनकी चूचियां बार-बार मेरे ललाट को स्पर्श कर रही थी।
क्या मस्त चूचियां थी … बिल्कुल रुई की तरह नाज़ुक!
जिससे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।

भाभी की चूचियों में दूध भरा हुआ था जो ब्लाउज़ के कपड़े को गीला भी कर रहा था।
ब्लाउज के अंदर भाभी ब्रा नहीं पहना करती थी क्योंकि उन्हें बार-बार अपने बच्चे को दूध जो पिलाना होता था।

भाभी ने पोस्ट पढ़ा और मुझे मोबाइल थमा दिया।
मैंने उस पोस्ट में यह भी लिख रखा था कि अगर आप के आस-पास कोई महिला जो रिश्ते में चाची, भाभी या बुआ लगती है तो उसे आप अपनी छाती से दूध पिलाने का आग्रह कर सकते हैं।
अगर वह महिला सभ्य, शिक्षित तथा सज्जन होगी तो अवश्य ही आपको अपने बच्चे की तरह छाती से लगाकर अपना दूध पिलाया करेंगी।
ईश्वर ने यह अनमोल वरदान सिर्फ महिला को ही दिया है कि वह किसी को भी अपना दूध पिला कर उसका जीवन बचा सकती है।
एक महिला के स्तनों से निकलने वाला दूध अमृत के समान होता है जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी रोग से स्वस्थ हो सकता है।

भाभी पोस्ट पढ़ने के बाद थोड़ा सकुचाने लगी।
मैंने भाभी से कहा- मैं आपके अलावा और किसी महिला को नहीं जानता हूं जो बच्चे को अपना दूध पिलाती है। अगर मैं घर पर होता तो मेरी मां अवश्य ही आसपास के चाची – भाभी का इंतजाम कर देती। भाभी, प्लीज आप मुझे अपना दूध पिलाओ न! शायद आपके दूध से मेरा प्लेटलेट्स बहुत जल्द बढ़ जाए और मैं बहुत ही जल्दी डेंगू से स्वस्थ भी हो जाऊं। अब यह बुखार-दर्द मुझसे बर्दाश्त नहीं किया जाता।

भाभी ने कहा- मैं तुम्हें अपना दूध कैसे पिला सकती हूं, तुम बच्चे थोड़ी ही हो।
मैंने भाभी से विनती करते हुए कहा- भाभी के लिए तो उसका देवर बच्चा ही होता है। ऐसे भी मैंने कभी भी आपको गलत नजर से नहीं देखा। आप मेरी मां जैसी हैं। एक मां को अपने बच्चे को दूध पिलाने में कोई शर्म थोड़ी ही है। दूध का रिश्ता तो सबसे पवित्र रिश्ता कहा गया है। भाभी वैसे भी आप एक सभ्य स्त्री हो और सभ्य स्त्री तो पहले के समय में भी दूसरे के बच्चों को अपना स्तनपान कराती थी जिससे बच्चे स्वस्थ और निरोग रह सके।

भाभी ने कहा- मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं तुम्हें अपना दूध पिलाऊंगी। मुझसे यह नहीं हो पाएगा.
कह कर उठने की कोशिश करने लगी।

अब मैंने भाभी के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा- भाभी, अगर मैं आपका बच्चा होता तो क्या आप मुझे अपना दूध नहीं पिलाती? भाभी आप मुझे अपने बच्चे की तरह प्यार नहीं करती। आप मुझे यूं ही तड़पता हुआ कैसे देख सकती हो?
यह कहते हुए मैंने भाभी के चूचियों पर अपना हाथ रख दिया और दबाने लगा।

भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैं यूं ही भाभी की चूचियों को दबाता-सहलाता रहा।

अंतत: भाभी ने कहा- अगर तुम मेरा दूध पीने से ठीक हो सकते हो तो पी लो; पर यह बात किसी को मत बताना, वरना लोग मुझे गाली देंगे।

मैंने भाभी के ब्लाउज को खोल दिया और दाएं चूची को मुंह में लेकर दूध पीना शुरू कर दिया जबकि बाईं चूची को हाथों से दबा रहा था।
भाभी का दूध कमाल का था गर्म और मीठा भी।
सचमुच में औरत का दूध प्रकृति का अनमोल धरोहर तभी तो इसे अमृत कहा गया है।

मैं तो कहता हूं दोस्त … तुम भी अपनी भाभी का दूध पीया करो।

भाभी ने अपनी आंखें बंद कर अपना पीठ दीवार से टिका दिया।
मैं भूखे भेड़िए की तरह भाभी का दूध पिये जा रहा था।

भाभी ने मुझे समझाते हुए कहा- धीरे धीरे चूसो, मैं कहां भागे जा रही हूं।

लगभग 30 मिनट तक मैंने बारी-बारी से दोनों चूचियों का दूध पिया।
भाभी सिसकारियां ले रही थी। उनका शरीर गर्म होता जा रहा था। उनकी आंखों में कामुकता साफ नजर आ रही थी.
आखिर एक जवान औरत किसी जवान लड़के का स्पर्श कितने देर तक बर्दाश्त कर सकती थी।

भाभी ने मुझे अपने गले से लगा लिया और चूमने लगी।
मैं भी भाभी से लिपटकर उनके शरीर को धीरे-धीरे सहला रहा था।

मैंने भाभी से पूछा- शाम को कब आप मुझे अपना दूध पिलाओगी।
तो भाभी ने कहा- तेरे भैया के आने से पहले यह सब काम समाप्त कर लेना।

भाभी ने अपने ब्लाउज का हुक बंद किया और मुझे सोने के लिए कहकर अपने कमरे में चली गई।

इस तरह से लगभग मैंने सप्ताह भर तक भाभी का दूध पिया।

अब भाभी को मुझे दूध पिलाने की आदत हो चुकी थी।
भाभी के चूचियों में जो अधिक दूध बनता था जिसके कारण उन्हें तकलीफ होती थी उसका उपाय उन्हें मिल चुका था।

मैंने भाभी को प्रतिदिन अपना दूध पिलाने के लिए राजी कर लिया।
वह बहुत ही आसानी से इसके लिए तैयार हो गई.

परंतु उन्होंने एक शर्त रखी।
भाभी ने कहा- मेरी चूचियों को चूसने दबाने से तुम्हें मजा मिलता है पर इसकी सजा मुझे भुगतनी पड़ती है। मैं सारी रात तड़पती रहती हूँ। अगर तुम मुझे भी मजा लेने दोगे तभी मैं तुम्हें अपना दूध पिलाऊंगी वरना कल से यह सब कुछ बंद!
मैंने भाभी से पूछा- मुझे क्या करना होगा?

उन्होंने बताया कि चूचियों को दबाने-चूसने से वे भी गर्म हो जाती है और उनकी सेक्स करने की इच्छा करने लगती है। अब मैं रोज के रोज तेरे भैया से चुद नहीं सकती इसलिए तुम्हें मुझे खुश करना होगा।
मैंने कहा- भाभी, मैं तैयार हूं।

अब भाभी ने धीरे से मेरे गाल पर थप्पड़ लगाते हुए कहा- कमीने साले, मुझे तो तू अपनी मां मानता था। क्या अपनी माँ को ही चोदेगा?
मैंने भाभी से पूछा- तब फिर मैं कैसे आपको खुश करूं?

भाभी ने कहा औरत के पास दूसरा भी जुगाड़ होता है तू मेरे मुंह में अपना लंड डाल कर झटक सकता है, मेरी गांड भी मार सकता है पर चूत पर सिर्फ तेरे भैया का अधिकार है। मैं भी देखूँ तो तेरे लंड में कितना दम है।

उनकी यह बात सुनकर मैं अचरज में पड़ गया क्या भाभी सचमुच में इतनी शरीफ थी, जितना बनती थी?

जब तक मैं कोलकाता में रहा, तब तक भाभी का गर्म दूध पीता रहा और उनकी गांड मारता रहा।
मुझे उनकी गांड मारने में, MILF सेक्स में बहुत ही मजा आता था।
मेरा लंड जब उनकी गांड में जाता था तब वह बहुत ही जोर जोर से चीखती चिल्लाती थी।
ये चीखें सुनकर मेरा पानी निकल जाता था।

मैंने भाभी की चूचियों को चूस-चूस कर 36D से 38DD कर दिया था।
अब वे ब्लाउज़ के अंदर भी आसानी से समा नहीं पाती थी।

अपनी पढ़ाई खत्म कर अब मैं बनारस आ गया हूँ।
भाभी ने फोन करके बताया है कि वे दूसरी बार मां बनी हैं।
शायद इस बात के पीछे मुझे ताजा दूध पीने का निमंत्रण छुपा हुआ है।

मैं प्लान बना रहा हूं कि जल्द कोलकाता जाऊं और भाभी का ताजा गर्म दूध फिर से पीऊं।
 

junglecouple1984

Active Member
867
1,049
139
देवर को पिलाया अपना मीठा गाढ़ा दूध




दोस्तो, मैं रिया … मुंबई की रहने वाली हूँ.
मैं आज पहली बार अपनी सच्ची Xx कहानी लिखने जा रही हूँ.

मेरी शादी को 2 साल हुए हैं और मुझे एक प्यारा बेटा भी है जो अभी एक साल का हुआ है. उसका नाम प्रसाद है.
वो अभी मेरे मम्मों का दूध ज्यादा नहीं पीता है. इस वजह से मेरे मम्मों से निकलने वाला दूध पूरा न निकल पाने के कारण मम्मों में दर्द देता है.
मैं जबरन उसे अपना दूध पिलाती हूँ … मगर वो नहीं पीता है.

मेरे घर में, मेरे पति, मैं, देवर, सास ससुर और मेरा बेटा … इतने ही लोग हैं.

ये इंडियन भाभी बूब्ज़ कहानी कुछ समय पहले की ही है, जब हमारी फैमिली एक रिश्तेदार की शादी में जाने वाले थे.
शादी लखनऊ में होने वाली थी तो सब लोग दो दिन पहले ही निकल गए थे.

हमारी रात की 8 बजे की ट्रेन थी तो हम सब समय पर स्टेशन आ गए.
फिर ट्रेन आई तो सब अपनी सीटों पर बैठ गए.

मेरे पति कुछ काम के कारण दूसरे दिन आने वाले थे, तो मैं अपने देवर, सास-ससुर और अपने बेटे प्रसाद ही यात्रा कर रहे थे.

मेरे सास-ससुर की बर्थ दूसरी बोगी में थी. मैं, देवर और प्रसाद एक साथ दूसरी बोगी में थे.

प्रसाद के सोने के बाद मैं और देवर काफी देर तक बातें करते रहे.
फिर रात के ग्यारह बजे हम सब सो गए थे.

प्रसाद मेरे देवर की गोदी में सो रहा था. रात के करीब एक बजे प्रसाद जाग गया और रोने लगा.

उसके रोने से हम दोनों भी जाग गए. देवर ने प्रसाद को मुझको दे दिया.

मैंने अपने टॉप का निचला बटन खोला और एक चूचा निकाल कर प्रसाद के मुँह में दे दिया.
प्रसाद चुप हो गया और मेरा दूध पीने लगा.

तभी मैंने देवर को देखा तो उसका ध्यान मेरे स्तन के ऊपर ही था.
मुझे उसकी आंखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी.

तभी मेरा ध्यान उसकी नाइट पैंट पर गया तो मैंने पाया कि उसका लंड पूरा कड़क हो गया था.
मुझे उसकी हालत देख कर बड़ा मजा आने लगा.

उसका ध्यान अभी भी मेरे स्तनों के ऊपर ही था.
मैंने जानबूझ कर अपना दूसरा स्तन भी बाहर निकाल लिया और पहला वाला अपने बेटे के मुँह से निकाल कर उसे दूसरे मम्मे से लगा दिया.
मेरा पहले वाला दूध हवा में झूल रहा था.

रात का समय था तो सब कोई सोए हुए थे.
मैंने देखा कि मेरे देवर की हालत देखने लायक थी; अब उससे कण्ट्रोल कर पाना मुश्किल हो रहा था.

तभी मैंने देखा कि उसकी नाईट पैंट वीर्य निकलने का कारण लंड के पास धब्बा बन गया था.
ऐसा लग रहा था जैसे मेरे देवर ने पजामा में ही सुसु कर ली ही. उसके पजामे में दाग एकदम साफ दिखाई दे रहा था.
साफ़ मालूम चल रहा था कि शायद उसने अन्दर अंडरवियर नहीं पहनी थी.

जैसे ही उसका वीर्य निकल गया तो वो होश में आ गया. अब उसने मेरी तरफ देख लिया.

मैंने तुरंत अपनी आंखें बंद कर लीं.

मेरी आंखें बंद देख कर उसने राहत की सांस ली और वो उठ कर वाशरूम चला गया.
शायद वो अपने लंड को धोने की लिए गया था.

उसके जाते ही मैं अकेली थी और मुझे उसकी हालत सोच कर काफी हंसी आ रही थी.

तभी वो वापस आ गया.
मैंने तुरंत अपनी आंखें बंद कर लीं.
अब भी मेरे दोनों स्तन बाहर ही थे.

तभी प्रसाद सो गया तो मैंने आंखें खोलीं और अपने स्तनों को अपने दुपट्टे से ढक लिया था.

अब मैंने देवर की तरफ देखा, तो उसने भी सोने का नाटक किया.
मुझे ये देख कर बड़ा मजा आ रहा था.

हालांकि मेरी चुत में चींटियां रेंगने लगी थीं. उसी वक्त मैंने फैसला कर लिया था कि मैं एक दिन देवर से जरूर चुदवा लूंगी.

कुछ देर बाद मैं भी सोने की कोशिश करने लगी.
मेरा बेटा मेरे सीने पर ही लेटा था.

मेरी आंख बंद होने के कुछ देर बाद मुझे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था.
तभी मैंने चुपके से देखा तो देवर ने मेरे एक स्तन को ऊपर से ही अपने मुँह में ले लिया था और बड़ी वासना से मेरा दूध चूस रहा था.

मैंने महसूस किया कि मेरे स्तनों से दूध टपक रहा था तो मैंने कुनमुनाते हुए जागने का नाटक करना शुरू कर दिया.

मुझे जागता हुआ देख कर देवर अपनी वाली सीट पर सोने का नाटक करने लगा.
मैंने आंखें खोल कर देवर को घूरा तो वो थोड़ा घबरा सा गया था.
उसकी हालत देख कर मैं अपनी हंसी नहीं रोक पा रही थी.

कुछ देर बाद वो सच में सो गया था.
तो मैं भी सो गयी.

करीब तीन घंटे बाद मुझे असहज सा महसूस होने लगा. मेरी नींद भी खुल गयी थी. मैंने देवर की तरफ देखा तो वो भी सो रहा था, लेकिन उसका लंड अभी भी कड़क ही दिख रहा था.

मेरे स्तन उसका कड़क लंड देख कर फिर से कड़क होने लगे थे क्योंकि मम्मों से दूध निकले 3 घंटे हो गए थे लेकिन मेरा बेटा प्रसाद अभी सो ही रहा था.

मैंने घड़ी में टाईम देखा तो रात के 4 बज चुके थे.
अब मेरी हालत और भी खराब हो रही थी.

मैंने प्रसाद के मुँह में एक स्तन दे दिया फिर भी वो मेरा दूध नहीं पी रहा था.

शायद अभी उसे भूख नहीं थी.
अब मुझे अपने चूचों में दर्द होने लगा था. मेरे स्तन दूध के कारण भारी हो रहे थे.

मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था, तब मैंने वॉशरूम जाकर अपना दूध निकालने का फैसला किया.

वहां जाकर देखा तो आवारा किस्म के लड़के वहां पर थे तो मैं वापस आकर मेरी सीट पर बैठ गयी.

अब मेरी छाती से दूध अपने आप ही टपकने लग गया था.

मेरी हलचल से देवर भी जाग गया था.
वो मुझे जागा हुआ देख कर बोला- आपको कुछ चाहिए क्या भाभी?
मैंने ना में सर हिला दिया.

मुझे सच में हिचकिचाहट होने लगी थी.
मेरे देवर ने शायद ये बात समझ ली थी.

उसने फिर से मुझसे पूछा- क्या आपको कुछ चाहिये भाभी?
अब मुझसे भी दर्द सहन नहीं हो रहा था, लेकिन तब भी मैंने ना कर दिया.

उसी वक्त मैंने अपने मम्मों में गीलापन महसूस किया और हाथ लगा कर देखा तो मेरे दोनों स्तनों से दूध कुछ ज्यादा ही बहने लग गया था.
देवर ने मेरा दूध बाहर टपकता देख लिया.

देवर- भाभी, आपको कुछ चाहिए तो बिंदास बोल दीजिएगा.
मैं बोली- सुनो देवर जी, आप मेरा एक काम करोगे?

देवर- हां बोलो न भाभी!
मैं- मुझे एक खाली बोतल दे दोगे क्या?

देवर- पर मेरे पास बोतल नहीं है.
ये सुन मुझे रोना आ गया.

देवर- क्या हुआ भाभी आप रो क्यों रही हो?
मैं- कुछ नहीं.

देवर- भाभी आप मुझसे कुछ छुपा रही हैं, बोलो न क्या बात है? मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ क्या?
मैं- क्या तुम सच में मेरी कुछ मदद करोगे?

देवर- हां भाभी, आप बोल कर तो देखो.
मैं- देखो राहुल भैया, मुझे सीने में दर्द हो रहा है, अगर तुम चाहो तो मेरी मदद कर सकते हो.

देवर- अब बोलो भी भाभी.
मैं- शायद तेरे भैया होते तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होती, पर आपको कैसे बताऊं, मुझे शर्म आ रही है.

देवर- क्यों आप मुझे अपना नहीं समझती भाभी, मैं आपकी हर मदद कर दूंगा. अब बता भी दीजिए और वैसे भी देवर का मतलब ही है दूसरा पति. आप बेझिझक होकर बताइए.

मैं- देखो राहुल भैया.
देवर- भाभी सिर्फ राहुल बोलिएगा न.

मैं- अच्छा राहुल सुनो, मेरे दोनों स्तन दूध भर जाने के कारण भारी हो गए हैं. मैं इनमें से दूध निकालना चाहती हूँ, पर प्रसाद सो रहा है और दूध निकालने के लिए बोटल भी नहीं है. वॉशरूम के पास कुछ बदमाश किस्म के लड़के बैठे हैं, तो मैं वहां भी नहीं जा सकती. अब मेरा टॉप भी गीला हो गया है, मेरा दर्द बढ़ता जा रहा है. तेरे भाई होते तो वो मेरा दूध पी लेते और मेरा दर्द कम कर देते. पर तुम मेरे देवर हो, क्या तुम मेरा दूध पी सकोगे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

राहुल- भाभी आप मुझे पराया ना समझें. मैं भी आपका दूध पी सकता हूँ. चलिए अब पहला अपना टॉप उतार दीजिएगा वरना दाग पड़ जाएंगे. हमें शादी में भी जाना है … दर्द बढ़ने से कोई और दिक्कत न हो जाए. आप जल्दी कीजिएगा.

मैं- राहुल लाईट ऑफ़ कर दीजिएगा.
राहुल ने लाईट ऑफ़ कर दी.

राहुल- आप हिचकिचाइए मत भाभी, टॉप उतार दीजिए.
अब मैंने अपना टॉप पूरा उतार दिया,

राहुल मेरी गोद में सर रखकर लेट गया और उसने मेरा एक स्तन अपने हाथ में ले लिया. दूसरे स्तन को मुँह में लेकर चूसने लगा.

जैसे ही मेरा दूध उसके मुँह में गया, उसने मुँह निकाल लिया.
राहुल- भाभी आपका दूध बहुत मीठा है, क्या आप मुझे रोज पिलाओगी?

मैं- चल बदमाश कहीं का, रोज की बात करने लगा. पहले आज तो दूध पी ले मेरा और मुझे शान्ति दे दे.
राहुल- नहीं पहले आप वादा कीजिए कि आप मुझे रोज दूध पिलाओगी, तभी मैं पियूंगा.

मैंने उसके सर पर हाथ फेर कर कहा- हां राहुल वादा है, मैं रोज दूध पिलाऊंगी.
ये सुनते ही उसने इंडियन भाभी बूब्ज़ चूसना शुरू कर दिया. बड़ी तेजी से उसने मेरा दूध पीना जारी रखा.

मेरे मम्मों से दूध की मानो नदी बह रही थी, मेरा इतना ज्यादा दूध निकल रहा था.

राहुल मेरे दूध दबा दबा कर मस्ती से चूस रहा था. मुझे उसका दूध पीना बहुत अच्छा लग रहा था.
अब मैं उसके सर में अपनी उंगलियां ऐसे फेर रही थी मानो वो मेरा बेटा ही हो.

मुझे कुछ ही देर में ठीक लगने लगा था.
राहुल ने कुछ ही मिनट में मेरा एक स्तन चूस कर पूरा खाली कर दिया था.

अब वो मेरी तरफ देखने लगा, मानो कह रहा हो कि दूसरा स्तन भी मुँह में दे दीजिए.
मैंने तुरंत अपना दूसरा स्तन भी उसके मुँह में दे दिया था.
वो मस्ती से मेरे दूध को चूस रहा था.

अचानक से मेरी नजर उसके लंड पर गयी, तो उसका लंड पूरा कड़क हो चुका था. उसका खड़ा लंड देख कर मेरी चुत भी गीली हो गयी.
करीब दस मिनट में उसने मेरा दूसरा स्तन भी खाली कर दिया था.
मैंने राहत की सांस ली.

राहुल- भाभी आपका दूध पीकर मेरा तो पेट ही भर गया. बहुत मीठा दूध है आपका. आप मुझे रोज पिलाओगी ना?
मैं- हां राहुल, पर ये बात किसी को बताना नहीं, यह राज ही रहना चाहिए.

राहुल- हां भाभी पक्का … मुझे बस दूध पिलाती रहना.
उसकी इस मासूमियत पर मुझे हंसी आ गई और हम दोनों हंस पड़े.

मैं- राहुल, तुम्हारा तो खड़ा हो गया है.
राहुल- हां भाभी आपका दूध पीकर तो बुड्डे आदमी का लंड भी खड़ा हो जाएगा.

‘चल झूठा.’
राहुल- भाभी सच में … आपके मम्मे बड़े मस्त हैं.

मैंने उसे यूं ही अपनी गोद में सोने को बोल दिया और वो मेरे एक थन को अपने होंठों में दबाए सो गया.

ऐसे ही हम दोनों शादी में लखनऊ पहुंच गए. अब राहुल मेरा दूध रोज पीने लगा था.

आज 6 महीने बाद भी वो मेरा दूध पीता है.
उसकी हरकतें भी मुझे अच्छी लगती हैं. वो मेरी चूची के निप्पल को पकड़ पकड़ कर जब खींचता है तो मेरी चुत में आग सी लग जाती है.
अब मैं उससे चुत चुदवाने की सोच रही हूँ.
 
Top