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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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बेटे को बॉयफ्रेंड बना कर चुदवा लिया-4



जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैंने अपने सगे बेटे को अपनी ओर आकर्षित किया और फिर हम शिमला गए. वहाँ मैंने अपने बेटे वंश के साथ चुदाई भरी अय्याशी की.

अब आगे:

अपने सगे बेटे से चुदाई का मजा करने के बाद हम दोनों लंच करने गए, वहाँ जितने भी शादीशुदा जोड़े और प्रेमी प्रेमिका थे, सब हम दोनों माँ बेटे को देख रहे थे, पर किसी को नहीं पता कि हम माँ बेटे हैं. मैं और वंश एक दूसरे की बांहों में बांहें डाल के आये और खाने की टेबल में बैठ गए. वंश ने खाना ऑर्डर किया. खाने में काजू करी, बटर नॉन पुलाव बूंदी रायता और पापड़ आदि सब मंगाया. वेटर सबसे पहले पापड़ लाया, जिसे एक साइड से मैंने अपने मुँह में पकड़ा और दूसरी साइड से वंश ने दबा लिया. इस तरह हमने बिना किसी की परवाह किये एक साथ पापड़ खाया. सभी हम दोनों माँ बेटे को देख रहे थे, पर उन्हें लग रहा था कि हम कपल हैं.

हमने खाना खाया और क्लब में आ गए. वहाँ हमने डांस किया. बांहों में बांहें डाल कर किस करते हुए बहुत एन्जॉय किया.

उसके बाद हम रूम में आ गए. अब मैं अपने बेटे से बोली- आज तुम मेरी चुदाई ऐसे करो जैसे मेरे साथ जबरदस्ती की जा रही हो!
वो भी पूरे मूड में आ गया और एकदम किसी गुंडे जैसे रोल में आकर गुस्से में मुझे गोद में उठा कर मेरे साथ गुंडे जैसा बिहेव करने लगा.

मैं भी उससे किसी अबला नारी जैसे बोलने लगी- छोड़ मुझे कुत्ते कमीने … मैं तेरी माँ समान हूं.
मैंने उसे एक झापड़ मार दिया. इस पर उसने मुझे बेड पर पटक दिया और अपने कपड़े खोलने लगा.
मैं उससे बोली- बेटा मुझे छोड़ दे.

उसने बेल्ट उतार कर मुझे मारना चालू कर दिया. उसने मुझे बहुत मारा, ऊपर से मेरी आंखों में आंसू और अन्दर दिल में खुशी थी. उसने मारने के बाद मेरे मुँह में थूक दिया और मुझे बाल पकड़ कर उठाया. इसके बाद मेरे सीने में हाथ रख के एक झटके में गाउन को फाड़ दिया और ब्रा को भी फाड़ दिया.

मैं बोली- बेटा छोड़ दे मुझे.
मैं उसके पैरों में गिर गई.
मेरा बेटा वंश मुझसे बोला- उठ साली रांड … मादरचोदी.

उसने मुझे बाल पकड़ कर उठाया. एक झापड़ मेरे गाल में दे मारा और उठा के बिस्तर में पटक दिया. मेरी टांगें जैसे ही सीधी हुईं, उसने पेंटी को खींच के फाड़ दिया. मैं भी ड्रामा करते हुए उससे रहम की भीख माँग रही थी.
मैं- आह … मुझे छोड़ दे.

अब वंश मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगा. मैं नखरे करने लगती … तो वो मुझे मारने लगता था. उसके बाद उसने मेरी जांघ चाटी और मेरी बगलों को चाटने लगा. उसके बाद उसने मेरे पूरे जिस्म को चाटा. मेरा ऐसा एक भी अंग नहीं बचा होगा, जिसको मेरे लाड़ले बेटे ने ना चाटा हो.
मेरे कंठ से ‘आहह … उफ्फफ्फ आह्ह..’ निकलने लगी थी.

अब मैं भी पूरी गर्म हो गई थी. मैं भी उसकी बगलें चाटने लगी. हम दोनों का जिस्म पसीना से लथपथ था. सच में कितनी नशीली खुशबू थी और बहुत नशीला स्वाद भी था.
‘उफ्फ …’ उस पल को याद करके तो मेरे मुँह में अभी भी पानी आ गया.

हम दोनों माँ बेटे एक दूसरे के जिस्म को चाट रहे थे. जब वंश मेरी अंडर आर्म्स चाट रहा था, मुझे बहुत गुदगुदी लग रही थी. इसके बाद उसने मेरी गांड के छेद को चाटना चालू कर दिया. उसने मेरे चूतड़ों में चमाट मारना चालू कर दिया. मेरे लाल वंश ने जोर जोर से मार मार के मेरी पूरी गांड लाल कर दी. जीभ से चाट चाट कर उसने मेरी गांड का छेद पूरा चिपचिपा और बहुत गीला गीला कर दिया. उसने मेरी गांड के छेद में जीभ डाल डाल के खूब चाटा.

मेरी गांड में अपनी जीभ को नुकीली करके अन्दर तक डाल कर वंश बोल रहा था- साली रंडी तेरी गांड … चूत … मुँह पूरा जिस्म मेरा है … साली कुतिया.
मैं भी बोल उठी- हां चोद दे मादरचोद … तेरे लौड़े में जितनी दम हो, चोद हरामी साले आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … आआह्ह्ह … उफ्फ … आई लव यू माय सन … उउम्म … ऊआहह …

फिर मैं और वंश 69 में आ गए और एक दूसरे के लंड चूत को चाटने लगे. मैं उसके लंड को पूरा गले गले तक ले रही थी और वंश मेरी चूत को और गांड को पूरी जीभ डाल के चाट रहा था. हम दोनों की मादक आहों और कराहों से पूरा कमरा गूँज उठा था.

‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ्फ बेटा..’
‘आआह्ह मम्मी..’
फिर वंश बोला- मम्मी मैं जिन्दगी भर तुमको चोदूंगा आहह!
मैं बोली- हां चोद ले मेरी जान … चाट मेरी चूत को मेरे लाल … आअहह!

तभी वो मेरे मुँह में झड़ने लगा और मूतने भी लगा.
आआह्ह … बहुत मस्त स्वाद था उसके बीज और मूत का … मुझे तो मजा आ गया. तभी मैं भी उसके मुँह में झड़ गई. हम दोनों ने एक दूसरे का माल पी लिया था.

मैं बोली- बेटा रोज सुबह मैं तेरा मूत और बीज पियूंगी … आज से सुबह से चाय कॉफ़ी बन्द.
वो बोला- ठीक है मम्मी … मैं भी आपकी पेशाब पियूंगा.

उसने मुझे फिर से मारना चालू कर दिया मेरे पूरे जिस्म में बेल्ट के निशान आ गए. साला कुत्ता कहीं का … मुझे काट भी रहा था. उसने मेरी गांड में भी काटा और बूब्स में भी अपने दांत गड़ा दिए.
वंश बोला- चल उठ जा मेरी रंडी मम्मी … साली दारू ले कर आ.
मेरे से चलते नहीं बन रहा था, फिर भी मैं संभल कर गांड मटकाते हुए गई और टेबल से बोतल उठा लाई.

वंश बोला- छिनाल बोतल से क्या तेरी चूत में व्हिस्की डाल कर पियूंगा … भोसड़ी की साली जाके गिलास ले के आ कुतिया.
मैं भी बोली- चूत में डाल कर पी ले कमीने!
उस कमीने ने मुझे एक लात मारी, जिससे मैं टेबल पर जा कर गिरी और हंसते हुए उठ कर गिलास और पानी की बोतल ले आई.

मैंने वंश से दारू की बोतल ले कर पैग बनाए. उसने गिलास लिया और घूँट भर कर मेरे चेहरे पर थूक दिया. फिर बाकी पूरा पैग पी लिया.

मैं अपने चेहरे की दारू जीभ निकाल के चाट रही थी. मैंने अपने लिए भी एक पैग बनाया. पहले उसको मैंने वंश को पिलाया. उसके पीने के बाद उसने अपने हाथ से मुझे भी बाकी का पैग पिलाया.
हम दोनों इसी तरह दारू पीते रहे.

मैंने 5 पैग पी लिये, उसने भी 5 पैग खींच लिए थे. मैं बहुत नशे में थी और वंश का लंड सहला रही थी. उसका लंड पूरा टाइट हो गया, मैं नीचे झुकी और लंड को मुँह में डाल के चूसने लगी.
मेरा बेटा बस ‘आअह्ह आह्ह वेरी गुड मम्मी आह्ह्ह आअहह …’ कर रहा था और मैं उसका लंड गपागप चूस रही थी.

अब उसका लंड पूरा गीला हो गया. मैं और वंश बैठ गए और पैरों को एक दूसरे की कमर में फंसा लिए. अब वंश ने मुझे चोदना चालू कर दिया. वो बहुत जोर जोर से धक्के लगाने लगा.
“आहह … उफ्फ उम्म … आहह ओह बेटा आह आह चोद दे अपनी रंडी माँ को चोद … फाड़ दे मेरी चूत … आह बेटा आआह …”

वंश बोला- साली तुझे जिन्दगी भर रखैल बना कर रखूंगा.
मैंने उसको एक झापड़ मारा और बोली- साले मादरचोद … रखैल नहीं, बीवी बनाना है.

मेरे चांटे से उसको नहीं पता क्या हुआ, वो मुझे और जोर जोर से चोदने लगा. मेरी चूत में मुझे उसका लंड किसी गरम सरिया सा लगने लगा.
“आह्ह आहह आअह्ह बेटा धीरे … आअह्ह्ह जान निकाल देगा क्या तू? आआह …’
पूरा कमरा हमारी आहों से गूंज रहा था. शिमला की ठंडक में भी वो पूरा पसीना पसीना हो गया.

अब वो लेट गया मैं उसके ऊपर आ गई. मैंने उसके पसीने को चाटा और उसके लंड को चूस कर गीला कर दिया. फिर उसके लंड में चूत गपा कर बैठ गई. मैं अपने बेटे के मूसल लंड की सवारी करने लगी. मेरे दूध हिल रहे थे और मेरे मुँह से गरम सीत्कारें निकल रही थीं- आह … उह्ह … कितना अन्दर तक जा रहा है साले मादरचोद … पूरी चूत की जड़ तक ठोकर लग रही है.

वंश मेरे दूध मसलते हुए बोला- और जोर से मम्मी … आअहह आअह्ह्ह …
मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगी- आअह्ह आअह्ह उऊफ बेटा चोद दे मुझे.

वो बोला- मम्मी सच में कितनी सेक्सी हो आप … पापा के अलावा और कितनों के लंड के साथ खेली हो?
मैं बोली- तेरे पापा के अलावा तेरे मामा से भी चुदी, तेरे पापा का दोस्त मल्होत्रा मुझे बहुत चोदता था. न जाने कितने अधिकारियों से मैंने अपनी चूत मरवाई है … आह आह आह!

वंश भी नीचे से धक्का लगाने लगा.
मैं बोली- आई लव यू बेटा.
वंश बोला- आई लव यू टू मम्मी जी आआह आह आह आह्ह्ह.

मैं सातवें आसमान में पहुंच गई थी और जोर जोर से चुदवा रही थी. हम दोनों की मस्त आवाजें गूँज रही थीं.
“आअह्ह आह आह आह आआह मेरे लाल … चोदता रह … अपनी माँ चोदता रह.”

वंश भी बोला- आअह्ह्ह आह आह मेरी छिनाल मम्मी … ले साली कुतिया ले … आअह्ह … मम्मी आप अपने सगे भाई से भी चुद चुकी हो?
मैं बोली- हाँ.
तो उसने मेरे दोनों गालों में चांटा मारा. वंश बोला कि साली छिनाल … आह तू बहुत बड़ी रांड है.
मैं बोली- हाँ आअह्ह आहह!

उसने मुझे उतारा और बोला- चल साली जल्दी से कुतिया बन जा … अब तेरी गांड मारूँगा.
मैं अपने बेटे के लौड़े से झट से उतरी और कुतिया बन गई. मैंने अपना सर तकिये पर रख लिया और गांड उठा कर वंश के लंड के लिए खोल दी. वो मेरी गांड चाटने लगा और गांड को गीला करके मेरी गांड में अपना मोटा लंड एक ही झटके में पूरा डाल दिया.

“आह्ह आह आह आह्ह्ह … मर गई … साले भोसड़ी के जरा धीरे धीरे गांड मार न … मादरचोद … फाड़ कर ही मानेगा.”
उसके लंड से मेरी गांड में भूचाल सा आ गया था, लेकिन कुछ ही पलों बाद मेरी गांड की खुजली मिटनी शुरू हुई तो मुझे गांड मराने में मजा आने लगा.

वंश ने मेरे बालों को यूं पकड़ा, जैसे वे किसी घोड़ी की लगाम हों. वो जोर जोर से मेरी गांड चोदने लगा. साथ ही मेरे चूतड़ों पर अपनी हथेली से चमाट मारता जा रहा था.
“आह आअह्हा आह्हा आअहह उफ्फ्फ्फ … मजा आ रहा है.”

वो मेरी गांड में चमाट के साथ मेरी कमर में, पीठ में भी अपने चांटे मारे जा रहा था.
“आह आह उफ्फफ आअह्ह्ह्ह्ह और जोर जोर से बेटा … वाह मेरे लाल आह तूने प्रूफ कर दिया कि तू मेरी ही औलाद है … मार भोसड़ी के … आआह आह आह बेटा गुड आअह्ह गांड चोद चोद उउऊफ्फ बेटा चोद.”

वंश लंड पेलता हुआ बोला- हाँ साली मम्मी तेरी गांड चोद रहा हूं … आह तेरे जैसी छिनाल मम्मी हर बेटे को मिलना चाहिये … साली की क्या रसगुल्ले सी गुलगुली गांड है … आह आआह्ह आअह अब तक ऐसी गांड तो किसी रंडी की भी नहीं मिली.

वंश मेरे बालों को लगाम सी पकड़ कर मुझे जोर जोर से चोदे जा रहा था. मेरा बेटा मेरी गांड में अपना मूसल जैसा लंड ऐसे पेल रहा था, जैसे रियल में कोई घोड़ा किसी घोड़ी को चोद रहा हो. मैं भी अपने बेटे से ऐसे ही चुद रही थी. मेरी मदभरी कराहों ‘आह्ह आअह उफ्फ म्म्म उआहह आह ऊ.’ से और गांड में लंड की ठोकर से होती ‘फच फच … फटाक फटाक..’ की आवाजों से पूरा रूम गूंज रहा था.

हम दोनों माँ बेटे चुदाई की कामवासना में लीन थे. मेरे कंठ से मस्त आवाज उसको जोश दिला रही थीं- आआह आह मेरा बेटा आह आई लव यू सन.
वंश भी मेरे दूध दबाते हुए बोला- आई लव यू टू माय हॉट मम्मी.

अब दस मिनट मेरी गांड का बाजा बजाने के बाद वंश झड़ने वाला था. उसने मुझे झट से पलटाया और मेरे मुँह में लंड डाल दिया. मैंने भी उसके लंड का स्वागत अपने मुँह में किया. वो मेरे मुँह को जोर जोर से चोदने लगा. उसने गले को पकड़ रखा था और ठीक वैसे ही मेरे मुँह में लंड पेल रहा था, जैसे ब्लू फिल्म में होता है.

‘उम्म्म्म … गंगुन..’

फिर उसने झड़ कर अपने लंड का सारा माल मेरे मुँह में भर दिया. लंड से वीर्य की पिचकारी इतनी तेज निकली कि उसने मुझे स्वाद भी नहीं लेने दिया. उसका पूरा माल गले में उतरता चला गया.

हम दोनों माँ बेटे लस्त हो के बिस्तर में पड़े रहे. इसके बाद हम दोनों ने एक एक पैग खींचा और सिगरेट का मजा लेते हुए एक दूसरे से चिपक कर सो गए.

बाकी चुदाई का मजा अगले भाग में लिखूंगी. उन मम्मियों से और उन लौंडों से मेरी ख़ास इल्तिजा है, जो आपस में सेक्स करते हैं कि मुझे जरूर मेल करें.

आगे मैं बताऊंगी कि मैंने और मेरे बेटे ने कैसे शादी की और हम हनीमून में गोवा गए.
 

junglecouple1984

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बेटे को बॉयफ्रेंड बना कर चुदवा लिया-5



मैंने अपनी कहानी के पिछले भागों में बताया कि कैसे मैंने अपने बेटे को पटाया और उसके साथ अय्याशी की.

अब आगे:

हम शिमला से वापस आ गए और मुम्बई जाने की तैयारी की. फिर कुछ दिन इंदौर में रहकर हम मुम्बई चले गए. वहाँ हमने पहले से ही तय कल्याण में एक फ्लैट खरीद लिया और दूसरे दिन ही मन्दिर में जाकर शादी करने का फैसला ले लिया.

वंश बोला- शादी के लिये शॉपिंग कर लेते हैं.

हम दादर गए और वहां से शॉपिंग की. मैंने लाल रंग का लांचा खरीदा और रेड ब्रा पेंटी और सुहागरात के लिये रेड गाउन लिया. वंश ने मेहरून कलर की शेरवानी ली. फिर मैंने हम दोनों के लिये सोने की चैन अंगूठी ली और मंगलसूत्र वाला हार लिया.

अब हम वापस अपने फ्लैट में कल्याण आ गए. उस रात में मैं फिर से वंश से चुदी और गांड फैला कर सो गयी.

सुबह हम दोनों उठे और दोनों तैयार हुए. मैं आज अपने बेटे की दुल्हन बन रही थी, सो बहुत खुश थी. मैंने पूरी बॉडी की वेक्स की … वैसे भी मैं मलाईका अरोरा जैसी लगती हूँ, सो और भी हॉट लगने लगी. मैं अच्छे से तैयार हुई और वंश भी.

वंश को दूल्हे के रूप में देख के लग रहा था कि इससे एक बार अभी ही चुद जाऊं, उसके बाद शादी करूं, पर वंश ने मेरी भावनाओं को समझते हुए मुझे रोक लिया. उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझसे बोला- आओ चलें स्वीटहार्ट.

हम दोनों बाहर आ कर कार में बैठे. वंश कार चला रहा था, मैं उसके साइड में बैठी, उसकी जांघों में हाथ फेर रही थी. हम दोनों मन्दिर गए, वहां हमने शादी की और गरीबों को दान दिया.
उसके बाद हम होटल ताज में गए और वहाँ पर लंच किया. फिर हम मुम्बई में घूमे, पब गए, हाजी अली गए. हम बहुत घूमे और शाम को डिनर करके वापस घर आ गये.

हम दोनों कार से उतरे और बांहों में बांहें डाल कर अन्दर आ गए.
वंश ने मुझे गोद उठा में उठा लिया और मुझे प्यार से देखने लगा. मैं भी उसकी नजरों में इस प्यार को देख रही थी. आज वो मेरा पति था, मैं बहुत खुश थी उसने डोर लॉक किया और मुझे बेडरूम में ले गया.

मुझे बिस्तर पर बिठा कर वो किचन में जाकर केसर वाला दूध लेकर कमरे में आया, मैं सुहागसेज पर दुल्हन बनी बैठी थी. मैंने घूंघट लिया हुआ था. मैं अपने पति के आने का इन्तजार कर रही थी. उसने मेरे नजदीक आकर मेरा घूँघट उठाया और मुझे प्यार से देखा. मैंने दुल्हन की लाज दिखाते हुए अपनी नजरें नीचे की रखीं. उसने मेरा चेहरा ऊपर उठाया और मुझे मेरे हाथ पर प्यार से एक चुम्बन लिया.

फिर हम दोनों ने एक ही गिलास से दूध पिया. इसके बाद हम किस करने लगे. उसने मुझे अपने मुँह में दूध का घूंट भर के मुझे अपने मुँह से ही दूध पिलाया. मैंने उस दूध को अमृत समझ कर पिया. फिर वंश ने मेरी आंखों में देखा, तो मैंने भी उसके जैसे ही दूध को अपने मुँह में भर के उसे पिलाया.

आज मैं अपने बेटे की बीवी बन गई थी और उसे उसकी बीवी जैसा ही सुख देने को लालायित थी. उसने बड़े प्यार से मेरे दुपट्टा पर हाथ लगाया और उसे हटा दिया. फिर मेरे माथे में किस करने की शुरुआत कर दी … इसके बाद मेरे होंठों में किस, फिर मेरी गर्दन में किस की.

ऊफ … क्या अहसास था … कैसे बताऊं … आप समझ रहे होंगे.

मेरी कमर में मेरे बेटे के हाथों का कसाव बढ़ गया और उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

मेरी एक हल्की सी आह्ह … निकल गई वो मेरी गर्दन को चाटने लगा. मैं कामुक होने लगी, मेरी कामोत्तेजना बढ़ने लगी. मैं मदहोश होने लगी. वंश मेरी गर्दन में दांतों से काटने लगा. उसके गर्म होंठों के चुम्बन मुझे पागल किये दे रहे थे.
आज फिर से सुहागन होकर सहवास की चाहत से मेरी दबी हुई सिसकारियों को निकलने का अवसर मिल गया.

‘ओह मेरी जान … वंश … उफ्फ … इस्ससी … उउफ्फ …’

वो धीरे धीरे मेरे ब्लाउज़ के बटन खोलने लगा. उसने मेरा ब्लाउज़ उतार दिया उसने और उसके बाद अपने कुर्ता को हटा दिया. अब वो मेरे आधे नंगे जिस्म को चाटने लगा, अपने जिस्म को मेरे जिस्म से रगड़ने लगा.
अपने पति के साथ इस समागम में मुझे आज एक अद्भुत आनन्द मिल रहा था. मेरे कंठ से लगातार आहें निकल रही थीं- उऊफ्फ्फ … आउच … आअह्ह्ह!
मैं वासना से मदहोश होने लगी.

उसने एक झटके में मेरा लहंगा उतार दिया और अपना पजामा भी निकाल दिया. अब मैं सिर्फ ब्रा पेंटी में थी … और वो सिर्फ चड्डी में था. हम दोनों मां बेटे अब पति पत्नी बन कर एक दूसरे के जिस्म का रसपान कर रहे थे. वो और मैं बीच बीच में एक दूसरे को काट भी रहे थे.

मेरे पति बना हुआ बेटा बोला- आई लव यू स्वीटहार्ट कविता!
मैं बोली- आई लव यू टू माय हबी एंड सन.

हम धीरे-धीरे वाइल्ड होने लगे. उसने मेरी ब्रा को उतार दिया और मम्मों को मसलने लगा. एक चूची को अपने मुँह में दबा कर चूसने लगा. मैं उसका लंड सहला रही थी. मेरे मम्मों को चूसते चूसते वंश ने अचानक मेरी पेंटी के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरी सफाचट वैक्स की हुई चूत सहलाने लगा. मेरी चूत पनियाने लगी.

मैंने भी उसकी चड्डी के अन्दर हाथ डाल दिया और उसका मूसल लंड सहलाने लगी. मेरे पति बने बेटे वंश का लंड पूरा टाइट था, जैसे कोई लोहे का सरिया हो. मैं पूरी गर्म हो गई. वंश ने मेरी पेंटी उतार दी और मेरी टांगें अपने कंधे पर रख कर मेरी चूत में अपना मुँह लगा दिया.

आज मैंने अपनी चूत में फ़ूड ग्रेड का डिओ लगाया था, जो चूसने पर बड़ा ही मीठा स्वाद देता था. इससे चूसने वाले के लंड में भी देर तक सेक्स करने की क्षमता आ जाती थी. ये द्रव्य एक तरह से महकता हुआ सेक्सवर्धक लेप होता है, जो बहुत ही महंगा आता है.

मेरे वंश को आज मेरी चूत को चाटने में बड़ा मजा आ रहा था. उसने एक बार कहा भी- वाह … मेरी दुल्हन ने आज तो बड़ी ही स्वादिस्ट चूत परोसी है.
मैं उसके मुँह में अपनी चूत दबाए जा रही थी. अपने बेटे से चूत चुसवाते समय मुझे बड़ा रोमांच हो रहा था. क्योंकि इस खुशबू को चाटते हुए वंश मेरी चूत के अन्दर तक जीभ डाल रहा था जिससे इस दवा का असर मुझे भी होना था.

वो मेरी चिकनी चूत के अन्दर जीभ डाल के चूत की दीवारों को चाटने लगा. इससे हम दोनों ही कामातुर होते चले गए.

करीब 5 मिनट चूत चाटने के बाद हम दोनों 69 की पोज़ीशन में आ गए. मैंने अपने सैयां के लॉलीपॉप से लंड को गप अपने मुँह में भर लिया और गले तक घुसेड़ कर लंड चूसने लगी.

अब वंश की सिस्कारी और मेरे मुँह से फच फच की आवाजें आ रही थी.

उउफ्फ क्या माहौल बन गया था … मैं सातवें आसमान में पहुंच गई थी. ऐसे आज तक किसी ने चूत मेरी क्या … किसी की भी चूत, किसी ने भी नहीं चाटी होगी, जैसे वंश चाट रहा था. शायद उसने भी दूध में कोई चीज मिलाई थी जो उसकी चूत लंड को चाटने के खेल को मस्त बना रही थी.

कुछ देर बाद हम दोनों साथ में झड़ गए और दोनों ने एक दूसरे का पानी पूरा पिया. हम दोनों शिथिल होकर बेड में पड़े रहे.

थोड़ी देर बाद मैं वंश का लंड सहलाने लगी और मुँह में ले कर गीला किया. उसके बाद वो भी गर्म हो गया और मुझे लिटा कर मेरी कमर के नीचे तकिया लगा दिया. उसने अपना मूसल लंड मेरी लपलपाती चूत में सैट किया और वाह … मेरे लाल एक ही बार में पूरा लौड़ा चूत के अन्दर डाल दिया.

उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरे बेटे वंश ने मेरी चीख निकाल दी.
वो मुझे लंड की ठोकर देते हुए बोला- मेरी जान … माय स्वीट वाइफ … आई लव यू आअह्ह …
उसने चोदना चालू कर दिया, वो जोर जोर से धक्के लगाने लगा.

मेरा दर्द जैसे ही कम हुआ, मैं नीचे ऊपर की तरफ धक्के देने लगी. मेरी आहें निकलनी शुरू हो गईं- आअह्ह्ह उउउफ्फ बेटा आई लव यू बेबी उउम्म्म … आह्ह माय डीयर हस्बैंड आई लव यू टू मच!

उसने बड़ी बेदर्दी से पूरा लंड मेरी बच्चेदानी तक पेलना और ठेलना चालू कर दिया. मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था साथ में अन्दर तक लंड जाने से मुझे दर्द भी हो रहा था. शायद चूत पर लगी दवा से उसका लंड फूल कर और भी मोटा हो गया था. मुझे मीठे दर्द का अहसास होने लगा था.

मेरी आवाजों ने वातावरण में एक चुदास भर दी थी- आह … मर गई उउफ्फ्फ बेटा … आज क्या चूत के चिथड़े उड़ा कर ही दम लेगा … आह … साले मादरचोद!
वंश मेरी आहों का मजा लेते हुए मुझे जोर जोर से चोद रहा था.

मैं बोली- साले हरामी आज तुझे बेटाचोद बना ही दिया.
वंश बोला- अब मैं तेरा बेटा नहीं हूँ साली रांड … तेरा पति हूँ कुतिया … से साली छिनाल ले लंड खा.
“आअह्ह ह्ह चोद दे बेबी … जोर जोर से चोद माय स्वीट बेबी … फ़क मी आअह उफ्फ!”

वंश मुझे धकापेल चोद रहा था और मेरे होंठों में किस भी कर रहा था. वो साथ ही मेरे मम्मों को दबा रहा था. पूरे कमरे में सिर्फ हम दोनों माँ बेटे या आज ही बने पति पत्नी की कामुक सिसकारियां गूंज रही थीं. मैं अपने बेटे से टांगें उठा कर चुद रही थी.

कुछ देर मेरा बेटा अब मेरे साइड में आ गया. उसने मेरी एक टांग को अपनी जांघों में रखा और दूसरे टांग मेरी कमर में फंसा कर अपना लंड चूत में घुसेड़ दिया.
“आअह्ह …” मेरी मीठी कराह निकली.

वो इससे बेपरवाह लंड पेल कर मुझे चोदने लगा. वंश पूरा लंड घुसेड़ कर बोला- आह साली आज खा जाऊंगा मैं तुझे … आआह्ह …
मैं गांड उठा कर लंड लीलते हुए बोली- खा जा मेरे राजा … आआह्ह … बेबी आई लव यू … चोद मादरचोद … जोर जोर से चोद मुझे!

इससे वंश को बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर बाद मैंने उसे नीचे लिटाया और ऊपर चढ़ गई. मैं उसके लंड को चूत में फंसा कर बैठ गई. अपनी चूत में पूरे लंड को खाके मैं जोर जोर से उछलने लगी.

वंश मेरी गांड के नीचे हाथ लगाकर मुझे पेलते हुए बोला- यस डार्लिंग जोर जोर से.
इधर मैं भी तेज तेज लगी हुई थी, उधर वंश भी नीचे से धक्के लगाने लगा. मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं- आअह्ह … मेरा बेटा आअह्ह … आई लव यू.
वंश बोला- ओह मम्मी, आई लव यू टू!

हम दोनों अब झड़ने वाले थे और मैं एकदम से चूत से लंड निकाल कर 69 में होकर उसके मुँह पर अपनी चूत रख के बैठ गई और उसका लंड मुँह में डाल कर उसका लंड का जूस पीने लगी. हम दोनों के झरने फूट पड़े थे. वंश मेरी चूत का पानी पी रहा था, मैं उसके लंड का रस चाट रही थी. हम दोनों ने एक दूसरे का पानी चाट चाट के साफ कर दिया.

इस चुदाई का मजा अब तक सबसे ज्यादा आया था.

घमासान चुदाई के बाद मैं और वंश थोड़ी देर एक दूसरे को किस करते रहे. मैंने अपनी पूरी जीभ उसके मुँह में डाल दी और जैसे मैं उसका लंड चूसती हूँ … वैसे ही वो मेरी जीभ चूस रहा था.

हम दोनों एक दूसरे के मुँह से मुँह को लगभग चोद रहे थे. मैं उसकी लार और थूक को बड़े स्वाद से अन्दर लेकर गटक रही थी.

आअह्ह्ह … ये सब लिखने में ही मेरी चूत से पानी छूटने लगा है. सच में उसकी लार का बहुत मादक स्वाद था. मैं मदमस्त होने लगी और मेरा बेटा वंश भी गर्म हो उठा.

हम दोनों के जिस्म में फिर से आग लग चुकी थी. उसने मेरे बालों को पकड़ कर मुझे अपने करीब खींचा. वो मेरा सर अपने लंड के पास ले के गया और अपना टाइट लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. फिर जैसे वो अपने मोटे लंड से मेरी चूत को चोदता है, वैसे ही वो मेरे मुँह को चोदने लगा.

मेरे कंठ से आवाज निकलने लगी- गूंगुन्गूउऊऊ …
ये आवाज ठीक वैसे ही आ रही थी, जैसे अंग्रेजी ब्लू फ़िल्म में बाल पकड़ कर लड़की का मुँह चोदा जाता है. बिल्कुल वैसे ही मेरे बाल पकड़ के मेरे मुँह को मेरा बेटा चोद रहा था.

कुछ पल बाद मैं घुटने के बल बैठ गई और वंश खड़ा हो कर मेरे मुँह को चोदे जा रहा था.
मैं उसके लंड का मजा लेते हुए उससे बोली- आई लव यू स्वीट बेबी.

मेरी आंखों से आंसू की धार बह रही थी और आंखें लाल हो गई थीं, पर भी मेरा बेटा वंश मेरे मुँह को चोदे जा रहा था. मुझे इस वाइल्ड सेक्स में बहुत मज़ा आ रहा था. हम दोनों को एक जंगली जानकार जैसे फीलिंग आ रही थी.

अब वो झड़ने वाला था. उसने एक तेज आवाज के साथ मेरे मुँह में गले तक लंड पेला और झड़ गया. मैं उसका सारा माल पी गई. कुछ बाहर निकला, तो उसे मैंने अपने चेहरे में लगा लिया. बाकी का पूरा माल में पी गई थी. फिर मैं अपने मुँह में लगे हुए लंड रस को उंगली से समेटते हुए अपने बेटे के लंड के माल को चाटने लगी.

अभी मैं माल चाट ही रही थी कि मेरे बेटे वंश ने मेरे ऊपर मूतना चालू कर दिया. उसने मेरे पूरे मुँह में, चेहरे में, सर में खूब मूता. फिर उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे उठाया और मेरे चेहरे को चाटने लगा और किस करने लगा. ये सब इतना अधिक कामुक था कि मैं लिखना भी चाहूँ, तो बयान नहीं कर सकती. इस तरह का सेक्स सबके बस का नहीं है. पर जो एक दूसरे का मूत पीना पसंद करते हैं, उन्हें इस सुख की अनुभूति हो रही होगी.

मूत्र विसर्जन के बाद वो किचन में गया और वहाँ से दूध की मलाई ले के आया. उसने मुझे बेड में घोड़ी बना दिया. फिर मेरी गांड में मलाई लगा कर मेरी गांड को चाटने लगा.
मैं बोली- ओह हो मेरे लाल … मेरे लिये भी मलाई बचा के रखना … मैं भी तेरी गांड को ऐसे ही चाटूंगी.

वो इतने मदमस्त तरीके से मेरी गांड को चाट रहा था, जैसे कोई कुत्ता चाट रहा हो … उफफ्फ.

उसके बाद मैंने उसके लंड में मलाई लगा कर चूसा. अब मेरी गांड और मेरे बेटे का लंड दोनों ही खूब चिकने हो गए थे.

वंश ने मुझसे बिना बोले … साले कमीने ने मेरी गांड में अपना मूसल जैसे लंड को एक ही झटके में पूरा डाल दिया.
‘आअह आअह्ह ऊह आउच आअह्ह …’

साले ने मेरी गांड फाड़ना चालू कर दिया मेरे कंठ से दर्द भरी आवाजें आने लगी थीं- आआह्ह आआह्ह्ह आआह्ह … मादरचोद बता कर तो डालता … आह मर गई मैं आह्ह्ह्ह!
वंश बिना मेरी चिल्लपौं पर ध्यान दिए मुझे जोर जोर से चोदे जा रहा था.

मैं कराहते हुए बोली- साले धीरे चोद … मैं तेरी माँ हूँ और बीवी भी हूँ … कोई रांड नहीं हूँ … धीरे चोद मादरचोद कुत्ते आअह्ह्ह …
वंश बोला- अब तू मेरी है कुतिया आआह्ह्ह … रंडी साली …

वो जोर जोर से चोदे जा रहा था. आज तक मेरी गांड में किसी का इतना तगड़ा लंड एक झटके से नहीं मिला था.

कुछ ही देर में मुझे राहत मिलने लगी- आआह्ह्ह चोद दे हरामी मादरचोद कुत्ते हां … मैं तेरी रांड हूँ और तू रंडी की औलाद चोद मादरचोद … आआह्ह्ह … उफफ …

मेरी हालत ऐसे होने लगी, जैसे 10-15 लोग मिल के मेरा जबर चोदन कर रहे हों.

वो मेरे मुँह से गाली सुन के और वाइल्ड हो गया. अब वो मेरी गांड पर चांटे मारने लगा. मुझे मजा आने लगा- आह कुत्ते मार डाल … चोद दे साले रंडी की औलाद आह्ह आआअह्ह …

तभी चोदते चोदते हरामी गिर गया और उसके लंड का पानी गिर गया. हम दोनों लस्त हो गए थे. इसके बाद किसी तरह से बगल की टेबल से ब्लैक डॉग की बोतल को उठा कर हम दोनों ने नीट दारू से गला तर किया और नंगे ही लिपट कर सो गए.
 

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तलाकशुदा माँ की अगन-1


मेरा नाम रोहन है। मैं अभी कुछ महीनों से मेरे बड़े भाई और मेरे साथ अपनी माँ की सेक्स लाइफ लिखना चाहते हैं। लेकिन माँ की स्वीकृति के बाद अब लिखने का समय मिला। मेरी मम्मी राम्या ने अपनी ज़िन्दगी को सभी के साथ साझा करते हुए आप सभी को अपनी माँ के साथ मजबूत सम्बन्ध बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। मम्मी का हमारे साथ इतना गहरा सम्बन्ध है कि हमारे साथ बिल्कुल एक कामोत्तेजक और जंगली महिला की तरह रहती हैं जिसे आप सभी हमारे जीवन को जानने के बाद महसूस करेंगे।

हम परिवार में तीन हैं, माँ राम्या उम्र 44 वर्ष, भाई करण उम्र 22 और मैं रोहन उम्र 20 वर्ष।
यह कहानी मेरे और मेरे बड़े भाई के साथ मेरी माँ के जीवन का अनुभव हैं। मेरी माँ राम्या बहुत गोरी और दुबली है उनका फिगर 36 32 36 का है और वह अपनी उम्र के हिसाब से बहुत सुंदर दिखती हैं और यहाँ तक कि उसे एक साल तक चोदने के बाद मैं उनके लिए और भी ज्यादा सेक्स की लालसा करता हूँ।

मेरे पिताजी ने मेरी माँ को 3 साल पहले तलाक दे दिया था, जब वह 41 साल की थीं क्योंकि पापा के किसी दूसरी महिला के साथ सम्बन्ध थे और पिताजी उस औरत के साथ विदेश चले गए। हम अपने व्यवसाय (मार्बल्स एंड टाइल्स) पर आत्मनिर्भर हैं, मेरा भाई और मैं साथ-साथ अपना बिजनेस करते हैं।

18 साल की उम्र में माँ राम्या की शादी हुई, शादी के दो वर्ष बाद उन्होंने करण को जन्म दिया और दो साल मुझे जन्म दिया।
हम इंदौर शहर में रहते हैं और हमारा कारखाना हमारे शहर के पास ही है, साथ ही हमारा एक फार्महाउस भी है, तलाक के बाद शुरुआती दिनों में मेरी माँ राम्या ने जीवन में काफी संघर्ष किया. मम्मी करण के साथ ज्यादातर कारखाने में ही रहती थी। जैसे-जैसे समय बीतता गया करीब 6 महीने के आसपास, मैंने अपनी माँ के व्यवहार में बदलाव पाया पर उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान पाया। मैं तब अपनी इंजीनियरिंग के पहले साल मैं था।

एक महीने में मैंने अपने भाई के रवैये में भी बहुत बदलाव देखा क्योंकि वह और माँ कई घंटों के लिए घर में नहीं रहते थे जो पहले आम नहीं था। मैं कॉलेज में नियमित नहीं था और मैं सप्ताह में कई बार शाम के समय अपने फार्महाउस में जाता था और मैदान के बीच में हमारे छोटे से 2 कमरे वाले घर में पोर्न देखता था।

एक दिन मैं बहुत हॉर्नी फील कर रहा था और पोर्न देखने और हस्तमैथुन करने के लिए कॉलेज से जल्दी वापस आ गया।
जब मैं हमारे फार्महाउस में पहुँचा तो पाया कि गेट बंद था। मुझे आश्चर्य हुआ कि इस समय यहाँ कौन हो सकता है. मैं अपनी बाइक बाहर खड़ी कर गेट के अंदर चला गया। मैंने घर के पीछे की तरफ जाकर कमरे में झांकने का प्लान बनाया।

मैंने देखा कि घर में ताला लगा हुआ था तो घर के पीछे की तरफ गया, जहाँ मुझे अपने भाई की कार मिली और अंदर कमरे की बन्द खिड़की से किसी लड़की की कराहने की आवाजें आ रही थीं। मुझे लगा कि मेरा भाई किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा है.
पहले मैं वापस जाने लगा पर फिर कुछ देर और वहाँ रुका और लड़की की कराहने की आवाज़ सुनकर उत्तेजित हो गया।

मैंने अपने भाई को सेक्स करते हुए देखना चाहा और धीरे-धीरे खिड़की की ओर चल दिया और खिड़की के बीच की दरार से अंदर देखने लगा। मैंने देखा कि मेरा भाई एक औरत को डॉगी स्टाइल में चोद रहा था। मैं जानना चाहता था कि वह औरत कौन थी तो कुछ समय के लिए वहीं रुक गया। मैं उन दोनों की चुदाई को देखकर उत्तेजित हो गया था तो अपनी जीन्स के ऊपर से अपने लन्ड को सहलाने लगा।

फिर करण रुक गया और उसने उस महिला को अपने ऊपर आकर स्थिति बदलने के लिए कहा और फिर जो मैंने देखा वह मेरे जीवन को चकनाचूर कर देने वाला दृश्य था।
यह मेरी माँ राम्या थी जो पूरी तरह से नग्न थी.
मेरी माँ मेरे भाई के ऊपर आई और उसके लन्ड की सवारी करने लगी। मैं जो कुछ भी देख रहा था उससे मैं पूरी तरह से स्तब्ध था।

थोड़ी देर तक भाई द्वारा माँ की चुदाई करते हुए देख कर मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सका। वे दोनों पूरी तरह से कामुक थे क्योंकि मैं माँ को सिसकारियाँ लेते हुए देख सकता था जबकि करण मम्मी के कूल्हों को पकड़े हुए था और माँ की चूत को बहुत तेजी से चोद रहा था।
मम्मी भी उत्तेजित होकर ‘और जोर से … हम्म … आअह्ह … सस्स … उम्म्ह… अहह… हय… याह… इस्स्स … सस्स ओ भगवान … करण … आआह … आह्म्म्म … चोदो…’ जैसी आवाज़ निकाल रही थी।

मैं उन दोनों की चुदाई को देखकर मगन हो गया. पांच मिनट के बाद मैं अपने होश में वापस आया और मैंने देखा कि मैं पहले से ही अपनी जीन्स में झड़ चुका हूं और मेरी माँ को भाई से चुदते हुए देख रहा था जो कि चुदाई में मग्न थे।
तब मुझे समझ में आया कि क्यों मेरी माँ और भाई दिन में कई घंटे घर पर नहीं होते हैं क्योंकि वे दोपहर के दौरान यहाँ सेक्स कर रहे होते थे क्योंकि यहाँ फार्म्हौसे में कोई नहीं होता था।

मैं भी बहुत कामुक हो गया था और मैं भी अपनी माँ को चोदना चाहता था क्योंकि मैं उसके तलाक के पहले से ही माँ के बारे में उत्तेजक कामना रखता था। अब मुझसे ज्यादा रुका नहीं जा सका, मैं सीधा रूम के दरवाजे को खोलते हुए उनके सामने आ गया और मेरे भाई को बोला- यहाँ क्या चल रहा है?

जिस समय मैं रूम में घुसा, वे दोनों अपने चरम पर थे और झड़ रहे थे। जैसे ही माँ ने मुझे देखा तो वह चौंक गई और दोनों अलग हो गए और पास में जो कुछ भी मिला उससे खुद को ढकने की कोशिश करने लगे। दोनों के गुप्तांगों में से वीर्य रिस रहा था और बिस्तर और जमीन पर गिर रहा था।

हर कोई चुप था जब तक कि माँ ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जो भी मैंने देखा उस बारे में वह मुझे सब कुछ समझा देगी।
मैं उस समय बहुत उत्तेजित था और मम्मी की तरफ हैरानी और गुस्से से देख रहा था। माँ ने बात करने की कोशिश की और करण वहाँ से उठ कर जाने लगा।
माँ ने उसे रोक लिया और कहा- मैं चाहती थी कि रोहन सब कुछ जान ले क्योंकि अब मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है।

करण बुरी तरह से घबराया हुआ था जबकि मेरी माँ शांत थी और स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही थी।
माँ ने कहा- तुझे यह जानने की जरूरत है कि पिछले एक महीने से हमारे साथ क्या हो रहा है।
माँ ने मेरी ओर देखा और कहा कि जो कुछ भी हुआ है वो उसे समझाएगी कि मैंने यहाँ क्या देखा।

मैं तब तक और ज्यादा उत्तेजित हो चुका था और मम्मी पर गुस्सा होने की कोशिश कर रहा था और उन पर चिल्लाया- क्या चल रहा है … तुमने ऐसा क्यों किया?
मैंने कहा- मुझे यह देखकर बहुत धक्का लगा है कि मेरी माँ खेत में मेरे ही भाई के साथ सेक्स कर रही है और मुझे यह उम्मीद नहीं थी क्योंकि तुम एक अच्छी औरत हो।

फिर माँ ने एक मिनट के लिए मौन रखा और बात करना शुरू कर दिया- तलाक के बाद मेरे लिए सामान्य होना बहुत मुश्किल था और तेरे पिताजी ने मुझे छोड़ दिया तो मैं पूरी तरह से गम में खो गई थी।
माँ ने बताया कि वह जीवन में कुशल गृहणी के साथ एक सामान्य पत्नी भी थी और सेक्स के लिए अपनी जरूरतों को नियंत्रित नहीं कर सकती थी जिससे वह कुछ महीने तक वंचित थी। माँ ने कहा कि पिताजी और वह सेक्स में बहुत सक्रिय थे और लगभग हर दिन सेक्स करते थे जब हम घर पर नहीं होते थे और तलाक के बाद वो किसी के साथ यौन सम्बन्ध बनाना चाहती थी।

इस बिंदु पर मैंने उनसे पूछा- आप अपने बेटे के अलावा किसी और के साथ भी यौन सम्बन्ध बना सकती थी।

मम्मी ने विस्तार से बताना शुरू किया:
मैंने रात में तुम दोनों भाइयों के सोते समय अपार्टमेंट के सुरक्षा गार्ड के साथ यौन सम्बन्ध बनाने की कोशिश की थी लेकिन मुझे डर बहुत लगता था कि वह मेरा इस्तेमाल करेगा और ब्लैकमेल भी कर सकता है इसलिए मैं हमारे परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती थी क्योंकि हमारे व्यवसाय के कारण हमारा अच्छा नाम था। एक रात जब मैं सो नहीं पा रही थी तो खुद उंगली कर रही थी और जब झड़ गयी तो खुद को साफ करने के लिए टॉयलेट गई. वापस आते समय मैंने देखा कि मेरे भाई के कमरे में लाइट चालू थी तो मै यह देखने के लिए करण के रूम में चली गयी कि वो क्या कर रहा है।

जब मैं कमरे में गई तो दरवाजा खुला ही था। मैंने कमरे में झाँक कर देखा तो करण को नंगा बिस्तर पर देख कर चौंक गई. वह लैपटॉप पर पोर्न देखते हुए अपने लन्ड को सहला रहा था।
करण को उस स्थिति में देखना मेरे लिए पहली बार था और मैं अपने बेटे को झड़ते हुए देख पाने की पूरी उम्मीद कर रही थी।
मैंने सोचा कि क्यों न अंदर चली जाऊं पर अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई बल्कि करण को अपने लन्ड को सहलाते हुए देखकर वही खड़ी हो गई और करण के झड़ने तक वही खड़ी रही। फिर जब करण बाथरूम जाने के लिए उठा तो मैं भी रूम में वापस आ गयी।

इसके बाद तो मेरी नींद पूरी तरह से उड़ गई क्योंकि मेरे बेटे का लंबा और सख्त लन्ड मेरी आँखों में बस गया था और मैं खुद पर नियंत्रण नहीं रख सकी और दोबारा उंगली करना शुरू कर दिया और बहुत बुरी तरह से झड़ने लगी और फिर गहरी नींद में चली गई।

जब मैं अगली सुबह उठी और मुझे खुद पर विश्वास नहीं हो पा रहा था कि मैंने अपने बेटे को मुठ मारते हुए देखा था।

पूरा दिन मैं रात आने का इंतजार कर रही थी और रात होने पर अपने बेटे करण को उसका लन्ड सहलाते हुए देखना चाहती थी। रात को उसके रूम में रोशनी देखकर मैं उसके कमरे के बाहर आई और करण को मुठ मरते देखकर अपनी चूत को भी सहलाने लगी और वही झड़ गयी।

यह सब एक सप्ताह तक जारी रहा और फिर मैंने खुद को करण से चुदवाने का मूड बना लिया। मैंने खुद को आश्वस्त किया कि केवल एक ही तरीका है कि मैं अपने पति से मिल रही सारी खुशियों का दोबारा आनंद ले सकती हूं।

मैं अपने बेटे करण के साथ यौन सम्बन्ध बनाना चाहती थी जो युवा है और उसके बारे में किसी को कभी पता नहीं चलेगा।
 

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तलाकशुदा माँ की अगन-2


कहानी का पिछला भाग: तलाकशुदा माँ की अगन-1

आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी माँ और भी को सेक्स करते पकड़ा. उसके बाद मेरी माँ बताने लगी कि उसने ऐसा क्यों किया.
अब आगे:

मैंने करण के साथ नज़दीकियां बढ़ानी शुरू कर दीं और उसे बाहर जाने के लिए कहा। फिर हम लोग हर दिन बाहर जाने लगे।
एक दिन करण ने मुझसे पूछा कि मैं हर दिन क्यों बाहर जाना चाहती हूँ क्योंकि मैं पहले ऐसा नहीं चाहती थी।
मैंने तब जवाब दिया कि मैं अपने पति के बिना घर पर अकेली महसूस करती हूँ और तेरे साथ रहने में खुशी महसूस करती हूँ। करण को ख़ुशी महसूस हुई कि मैं अब सामान्य थी और फिर से अपने जीवन का आनंद लेने लगी थी।

उसके बाद एक दिन मैंने आगे जाने का फैसला किया और रात के दौरान जब करण अपने रूम में नंगा लेटा था हमेशा की तरह, मैंने कमरे में प्रवेश किया और उसे अपने लन्ड को मुठ मरते हुए पकड़ लिया।
करण मुझे देखकर चौंक गया और उसके पास खुद को ढकने के लिए बिस्तर पर कुछ भी नहीं था। लेकिन मैं उस समय उसके लंबे और उभरे हुए लन्ड को देख रही थी और फिर अपने कमरे में वापस चली गई।

अगली सुबह मैं करण के बात करने की प्रतीक्षा कर रही थी और फिर करण आ गया लेकिन वह मेरी आँखों में नहीं देख पा रहा था और कारखाने चला गया। वह हर दिन की तरह दोपहर के भोजन के लिए घर आया और मैं भी अपने इरादे स्पष्ट करना चाहती थी और स्नान करके बैडरूम में नंगी ही बैठी थी और करण का इंतज़ार कर रही थी।

तभी दरवाज़े पर घंटी सुनकर मैंने खुद को एक तौलिये से लपेट लिया जिससे मेरे बूब्स और गांड तक का हिस्सा ढक गया था और बाथरूम जाकर खुद को पूरा गीला कर लिया जिससे तौलिया गीला होकर मेरे कामुक जिस्म से चिपक गया था और मेरा शरीर तौलिये के अंदर से चमक रहा था।

फिर मैंने जल्दी से दरवाजा खोला और करण मुझे इस तरह देख कर दंग रह गया क्योंकि पहली बार उसने मेरा आधा नंगा पानी में भीगा हुआ शरीर देखा था।
कुछ सेकंड के बाद मैंने उसे अंदर आने के लिए कहा और कहा कि मुझे स्नान करने में देर हो गई है और फिर कपड़े बदलने के लिए अपने कमरे में चली गई। मैंने दरवाजा बंद नहीं किया था तो कारण चुपके से आकर मुझे कपड़े बदलते हुए देखने लगा।

मैं जानती थी कि करण मुझे देख रहा है और मैं उसे अपने नग्न शरीर को दिखाना चाहती थी जो उसे मुझे चोदने के लिए उत्साहित करेगा। मैं बड़े दर्पण के सामने खड़ी हो गई और फिर तौलिया गिरा दिया और अपने सेक्सी शरीर को देखने लगी। मैं वहाँ खड़ी होकर उसे उत्तेजित करने के लिए थोड़ी देर तक अपने पेट और स्तन को छूती रही और फिर ब्रा और पैंटी पहने बिना साड़ी पहन ली।

मुझे तैयार देखकर करण हाल में चला गया और मैं भी हाल में पहुँचकर उसे खाना परोसने लगी। खाने के दौरान करण काफी उत्तेजित था क्योंकि मेरे निपल्स पारदर्शी काले ब्लाउज से दिख रहे थे और करण उन्हें देख रहा था और उसके पैंट में एक उभार था।

उसने जल्दी से अपना खाना पूरा कर लिया।

मैंने उससे कहा कि मुझे कुछ बात करनी है और मैं उसके सामने बैठ गई और उससे पूछा कि कल रात जब मैं उसके कमरे में आई थी तो वह क्यों डर रहा था। वह चुप था और एक शब्द भी नहीं कह रहा था और नीचे देख रहा था।
उसे असहज देखकर मैंने कहा कि मैं गुस्सा नहीं हूँ और कहा कि जब आप उत्तेजित हो जाते हैं तो यह आपकी उम्र के लड़कों के लिए बहुत सामान्य है।

मेरी बात सुनकर करण को थोड़ा बेहतर लगा और उसने मेरी तरफ देखा। करण की नज़र मेरी साड़ी के अंदर स्तन के बीच में थी और मेरे दूधिया सफेद स्तन उभरे हुए निप्पलों के साथ दिखाई दे रहे थे, जो उसके लन्ड को पूरी तरह से सख्त कर रहे थे और जो कि उसकी जींस के ऊपर दिखाई दे रहा था।

मैंने फिर कहा कि मुझे लगता है कि तुम कल रात की तरह फिर से उत्तेजित हो गए हो और हँसने लगी। करण होश में आया और उसने देखा कि उसका लन्ड जींस में ही खड़ा है और शर्मिन्दगी महसूस करने लगा। उसने अपने हाथ से अपना पैंट ढक लिया।

उससे मैंने पूछा कि अब वह क्यों उत्तेजित हो रहा है क्योंकि अभी तो कमरे में कोई पोर्न भी नहीं चल रहा है। करण थोड़ी देर के लिए चुप रहा और फिर मुझसे बोला कि अभी उसने मुझे रूम में कपड़े बदलते हुए देखा था।

मैंने भी कहा कि मैं भी एक हफ्ते से उसे रात में मुठ मारते हुए देख रही थी। इससे करण चौंक गया और मेरी तरफ देखने लगा। तब मैंने उससे कहा कि मुझे तुझे मुठ मरते देखकर अच्छा लगता है और तेरा लन्ड भी पापा से बड़ा है।

करण अपने उत्साह को छिपा नहीं पा रहा था और मुझे अपने लन्ड के उभार को दिखाने के लिए अपने हाथ को जींस के ऊपर से हटा लिया। मैं उसे देखकर मुस्कुराई और थोड़ी देर तक उसके लण्ड को देखती रही और उससे पूछा कि तुम मेरे शरीर को देखकर क्यों उत्तेजित हो रहे हो।

उसने कुछ नहीं कहा लेकिन वो मेरे स्तनों को देख रहा था तो मैंने अपने निपल्स की ओर इशारा किया तो करण ने हाँ कहने के लिए सिर हिलाया।

हम थोड़ी देर तक एक-दूसरे को देखते रहे और फिर मैंने कहा कि मैं बहुत अकेला महसूस कर रही हूँ और मेरी शरीर की भी कुछ इच्छाएं है जो कोई मर्द ही पूरी कर सकता है। करण ने तब मुझसे पूछा कि क्या मैं किसी को खोज रही हूँ जो आपकी इच्छाओं को पूरा कर सके? पर अगर किसी को इसके बारे में पता चले तो क्या होगा। उसके कारण हमारा पारिवारिक नाम बर्बाद हो जाएगा।
मैंने कहा कि मैं ऐसे किसी और के साथ नहीं करना चाहती हूं और ना ही हमारे परिवार के नाम को बर्बाद करना चाहती हूं।

मैंने कुछ देर का मौन रखा और फिर कहा कि करण मैं तुम्हारे साथ वही रिश्ता रखना चाहती हूं जो तुम्हारे पापा के साथ मेरा था और किसी को भी इसके बारे में नहीं पता होगा।
करण को यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी अपनी माँ उसे अपने पति की तरह चोदने के लिए कह रही है।
मैंने करण से फिर कहा कि इस तरह वह अपने यौन सम्बन्धों को पूरा कर सकती है और उसे भी सेक्स के बारे में सब कुछ सिखा देगी क्योंकि वो अभी जवान हुआ है।

यह सुनने के बाद करण ने स्वीकृति में अपना सिर हिलाया और मैं मुस्कुराई और उसे तुरंत गले लगा लिया और उसे गाल पर चूम लिया। करण को इसकी उम्मीद नहीं थी, खड़े खड़े मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं सोफे पर करण के ऊपर गिर गई।

करण ने मेरे कूल्हों को पकड़ा और गिरते समय मेरी साड़ी का पल्लू करण के मुंह पर गिर पड़ा। करण ने पल्लू को खुद से अलग करने के चक्कर में जोर से खींच दिया जिससे मेरी सदी की ग्रिप खुल गयी। करण भी पारदर्शी ब्लाउज में अपने चेहरे से मेरे गर्म दूधिया गोरे बदन को देख रहा था।

मैंने भी साड़ी पहनने की कोशिश नहीं की और उससे पूछा कि मैं उसके लिए पहने हुए पारदर्शी ब्लाउज में कैसी दिख रही हूँ। करण खुद को रोक नहीं पाया और ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे स्तनों को दबाने लगा और मैं उसे देखकर मुस्कुराने लगी।
मैंने कहा कि रुकना नहीं और फिर मैंने अपने ब्लाउज को उतार दिया और यह पहली बार था जब करण ने एक महिला को नग्न देखा और सत्य तो यह था कि यह उसकी माँ थी जिसने उसे पागल कर दिया था।

करण ने अपने दोनों हाथ ले जाकर मेरे बूब्स पर रख दिए और उन्हें जोर से दबाने लगा और मैं भी करण के होठों पर किस करने लगी। करण ने इस चुम्बन को अपने जीवन का सबसे अच्छा चुम्बन बताया क्योंकि यह मेरे अपने बेटे के साथ था। फिर हम दोनों नंगे होकर मेरे कमरे में चले गए।
मैंने करण से कहा कि मैं उसी बिस्तर में चुदना चाहती हूं जहाँ उसके पिता ने मेरा कौमार्य भंग किया था और चाहती हूँ कि वह अपनी माँ को एक जंगली बेटे की तरह चोदे और उसे वह आनंद दिलाए जिससे मैं कई माह से वंचित थी।

करण बिस्तर पर पैर फैलाकर बैठ गया। मैंने फिर करण के लन्ड को पकड़ लिया और उसके पैरों के बीच बैठ गई और उसकी आखों में देखते हुए उसके लन्ड को चाटना शुरू कर दिया और उसके पूरे लण्ड को अपने मुंह मे ले लिया औऱ चूसना शुरू कर दिया। यह करण का पहला मुखमैथुन था और यह बहुत ही कामुक था क्योंकि मैंने उसका लन्ड अपने गले की गहराई तक चूसा था। करण को जब लगा कि वो झड़ने वाला है तो मुझसे बोला कि माँ मेरा होने वाला है।

मैं उसके शुक्राणुओं को बर्बाद नहीं करना चाहती थी और मैंने तुरंत उसके लंड को अपने मुख से निकाल दिया और वो झड़ने से रह गया. अब मैंने करण को तुरंत चुदाई शुरू करने को कहा। करण बहुत ही का उत्तेजित था और मुझे चोदना चाहता था तो हम दोनों मिशनरी पोजीशन में आ गये और उसने मेरी चूत में अपने लंड को आसानी से डाल दिया और धीमे धीमे झटके देने लगा और फिर उसने रफ़्तार बढ़ा दी और ज़ोरदार स्ट्रोक देने लगा।

मैं जोर से चीख नहीं सकती थी लेकिन फिर भी जोर से ‘हम्म … आअह्ह … सस्सफ़्फ़्फ़ आअहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… भगवान … करण … आआह्ह्ह्ह … आह्म्म्म …’ जैसे शब्द निकल रहे थे मेरे मुख से!
हम दोनों माँ बेटा अपनी जिंदगी का सुख भोग रहे थे।

जैसे ही वह चरमोत्कर्ष पर पहुंचा, उसने कहा कि वह झड़ने वाला है तो मैंने उसके कूल्हों को पकड़ कर उसे और भी अधिक अपनी ओर खींच लिया और उसे अपनी चूत के अंदर जोरदार झटके और झड़ जाने के लिए कहा।
अपनी माँ के मुँह से यह सुनकर करण अब और नहीं रुक सका और मेरे कंधों को पकड़ लिया और मेरी चूत के अंदर अपना लंड गहराई तक अंदर कर दिया और अपनी मम्मी की चूत की नहर में झड़ने लगा और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। यह मेरे जीवन की सबसे अच्छी चुदाई थी और मेरे बेटे के साथ नए जीवन की शुरुआत थी।

तो इस तरह मेरी माँ राम्या ने मुझे अपनी कहानी सुनाई कि कैसे उसने पहली बार अपने बेटे और मेरे बड़े भाई करण से अपनी चूत चुदाई करवायी.
 

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तलाकशुदा माँ की अगन-3


कहानी का पिछला भाग: तलाकशुदा माँ की अगन-2

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी मां ने मुझे बताया कि कैसे उसने अपने बेटे से पहली बार चुदाई करवाई.

अब आगे:

माँ के रिश्ते के बारे में सब कुछ पता चलने के बाद मैं पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और कहा कि मैं भी हर रोज घर आने से पहले यहाँ मुठ मारने आता था।
मम्मी ने मुझे देखा और कहा- मुझे पता था कि तुम हमारे रिश्ते को जल्द से जल्द समझ जाओगे और हम लोग इसके लिए तैयार थे।

यह सुनकर मैंने खुद को समझाया कि करण के साथ चुदाई के बाद माँ एक असली चुदक्कड़ हो गई है.
मैंने मम्मी से पूछा- तुम्हारा क्या मतलब है कि आप तैयार थे?
मम्मी ने कहा कि करण और तुम दोनों मेरे लिए बराबर हो और मैं तुम्हें वह सब कुछ दूंगी जो मैंने करण को दिया है और मैं करण और तुम दोनों के साथ सेक्स करना चाहती हूँ।

मैं इस समय पूरी तरह से उत्तेजित था और मुझे लगा जैसे मैं कोई सपना देख रहा हूँ जब माँ ने मुझे कहा कि वह मेरे साथ यौन सम्बन्ध बनाना चाहती है।
मैंने तुरंत माँ को गले लगाकर अपनी स्वीकृति दिखा दी क्योंकि मैं अपने लण्ड की आवाज़ सुन रहा था जो कि कैसे माँ और करण के बीच सेक्स की कहानी सुनकर खड़ा हो गया था।
माँ ने मुझसे पूछा- क्या तुम यहीं मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो या कहीं और?
तो मैंने कहा- मैं आपके साथ हमारे घर में सेक्स करना चाहता हूँ।
मॉम ने कहा- ठीक है. लेकिन अभी मैं करण को संतुष्ट कर देना चाहती हूँ.
और मुझसे घर वापस जाने और उसके आने का इंतजार करने को कहा।

मैं निराश हो गया और घर वापस आया. आकर स्नान किया और लन्ड के पास के सभी बालों को साफ किया और अपने जीवन की पहली चुदाई के लिए माँ के घर लौटने का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा. मैं खुद को नियंत्रित करने लगा क्योंकि यह मेरी अपनी माँ के साथ था।

माँ और भाई रात को लगभग 8 बजे वापस आए और दोनों ने स्नान किया और हमने साथ में डिनर किया। करण मेरी तरफ देख नहीं पा रहा था और बाहर चला गया और कहा कि वह कल वापस आ जाएगा।
मैं समझ गया कि यह हमें अकेला छोड़ना चाहता है क्योंकि यह मेरी पहली बार था। यह सुनकर मैं खुश हो गया और माँ की ओर देखा और मुस्कुराया, जिसके लिए वह एक सकारात्मक संकेत के रूप में मुझ पर मुस्कराई।

रात के खाने के बाद मैं माँ की सफाई में माँ की मदद कर रहा था और उनसे कहा- मम्मी अब मुझसे और नहीं रुका जाएगा.
तो मम्मी ने मुझे अपने कमरे में जाने के लिए कहा और कहा- मैं बस थोड़ी देर से आई।

मैं मम्मी के कमरे में गया और वे 10 मिनट के बाद आई। वे उसी साड़ी को पहनकर आयी जिसे उन्होंने करण के साथ पहली चुदाई के वक्त पहनी थी। मैं इस बारे में हैरान था और मम्मी मुझे देखकर मुस्कुरायी- मैं चाहती हूं कि तुम गाउन के बजाय साड़ी में मेरे शरीर को महसूस करो।

माँ ने कमरे में घुसने के बाद दरवाजा बंद कर दिया और पानी की बोतल को किनारे रख दिया और अपनी पारदर्शी काली साड़ी में बिस्तर पर बिना ब्रा के बैठ गई जिससे उसके निपल्स ब्लाउज से बाहर आ रहे थे।

माँ चुदासी होने की वजह से मस्त लग रही थी क्योंकि वो बहुत गोरी थी और मैं घबरा रहा था कि कैसे शुरू करूँ।
यह देखकर माँ ने मुझसे कहा- तुम घबराओ मत।
मैंने माँ को कहा- आप इस साड़ी में बहुत हॉट और सेक्सी लग रही हो!
और उनके निपल्स की तरफ इशारा कर दिया।

मम्मी ने कहा- मैं जानती हूँ कि तुम्हारा लन्ड तुम्हारे बॉक्सर में खड़ा है.
और फिर मम्मी ने मेरी जांघों पर हाथ रखा और मेरी जांघ को सहलाने लगी।

मम्मी ने मुझे अपनी साड़ी उतार कर उसे नंगी करने को कहा। मैंने उनका पल्लू लिया और उसे पकड़ लिया और वह अपनी साड़ी को हटाने में मदद करने के लिए मेरे सामने खड़ी हो गई। वह अपने ब्लाउज और पैंटी में थी जिसे देखकर मेरा लण्ड एक चट्टान की तरह कठोर हो गया और बॉक्सर से बाहर आ रहा था क्योंकि मैंने अपना अंडरवियर नहीं पहना था।

मॉम मेरे ऊपर आकर चुम्बन करने लगीं और मैंने दोनों हाथों से उनकी नाभि को पकड़ रखा था और हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को एक-दूसरे को जीभ से चाटने लगे।
वे मेरी आँखों में देखते हुए बोली- कैसा लगा?
मैंने बताया- यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा चुम्बन है जो अपनी माँ के साथ है।
मैं माँ के चुम्बन से पागल हो गया था।

मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके स्तनों को मजबूती से पकड़ना शुरू कर दिया और उनके दोनों खरबूजे निचोड़ दिए। मॉम ने मेरे हाथ अपने बूब्स पर रखे और मुझे अपने बूब्स को और भी मज़बूती से दबाने को कहा और वो मेरे चेहरे पर बूब्स को मसलते हुए वापस आकर उस अहसास का मज़ा ले रही थी। मैंने उनका ब्लाउज उतार दिया. मां ने ब्रा नहीं पहनी थी. मैंने उसके दूधिया गोरे स्तन और उनके उभरे हुए भूरे निप्पलों को देखा और पागल हो गया। मैंने उनके बायें आम को निचोड़ लिया. दाहिने आम को अपने मुँह में ले लिया और धीरे से सीधा उनके खड़े निप्पल को काटने लगा।

मम्मी तो जैसे पागल ही हो गई जैसे ही मैंने उसके निप्पल को थोड़ा सा चबाया और उन्होंने ‘हम्म्म … अर्ह्ह … म्म्म्म…’ कहा और अपने आम को मेरे मुँह में और घुसेड़ दिया।
मैंने उनके बूब्स को एक एक करके चूसा और फिर मैंने अपना हाथ उनकी पैंटी में सरका दिया और महसूस किया कि मम्मी पहले से ही काफी पानी छोड़ रही थी। मॉम ने खुद ही अपनी पैंटी उतार दी और मेरा हाथ पकड़ लिया और खुद ही मेरी उंगलियाँ अपनी चूत में डाल दीं।

मम्मी की योनि बहुत गर्म और मुलायम थी। शुरुआत में मैंने धीरे धीरे से उनकी चूत में उंगली की. मेरी उंगलियाँ उनकी चूत के रस से लिपटी हुई थीं। दो मिनट के बाद मम्मी ने मुझे रुकने को कहा। मेरी उंगलियाँ उनकी चूत के रस से ढक चुकी थी।
मैंने अपनी एक उंगली को चाटा. मैं माँ की चूत से निकले गाढ़े रस को खा रहा था।

फिर माँ ने मेरी तरफ देखा और मेरी उंगली पकड़ कर उस पर से अपना रस पीने लगी और कहा कि वह मेरा लण्ड चूसना चाहती है।
मैं बिस्तर के किनारे पर आ गया और मम्मी फर्श पर झुककर बैठ गयी। माँ ने मेरा लन्ड देखने के लिए सीधा बॉक्सर को हटा दिया। मम्मी ने मेरे लंड को मजबूती से पकड़ा और कुछ देर तक झटके दिए और मेरा लंड सहला रही थी।

मम्मी ने मुझे देखा और कहा- मुझे लण्ड चूसना बहुत पसंद है.
और उन्होंने अपनी जीभ से मेरे लण्ड को गेंदों से सुपारे तक चाटना शुरू कर दिया और फिर एक ही सांस में मम्मी ने मेरे लण्ड का आधा हिस्सा अपने मुंह में ले लिया।

मम्मी ने मेरे लण्ड को चूसना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरे पूरे लण्ड को गोटियों तक पूरा मुँह में ले लिया। मैं मम्मी को यह कहते हुए बहुत उकसा रहा था कि वे लण्ड चूसने में सर्वश्रेष्ठ हैं और कहा कि मैं अब और नहीं सह पाऊँगा।
मम्मी ने यह सब सुनने के बाद मेरे लण्ड को और मजबूती से चूसना शुरू कर दिया और मुझे इशारो ने ही मुँह के अंदर झड़ने के लिए कहा।

कुछ ही देर में मैंने अपना नियंत्रण खो दिया और एक लम्बी आहह … के साथ अपना वीर्य माँ के मुँह में छोड़ना शुरू कर दिया। यह आनंद स्वर्गीय था जब मैंने माँ के मुंह में अपने वीर्य की पिचकारियाँ मारना शुरू की क्योंकि मम्मी ने मेरी वीर्य की हर बूंद को निगल लिया और मुस्कुराते हुए कहा- बेटा, तेरा वीर्य बहुत स्वादिष्ट है।
वीर्य का कुछ हिस्सा मेरे लण्ड पर भी था तो माँ ने तुरंत अपनी जीभ निकाली और मेरे लंड को सहलाया और उसे भी साफ कर दिया।

चुसाई के बाद माँ ने कहा कि वह कितनी खुशकिस्मत है कि जब चाहे लंड को चूसने और उसका स्वाद चखने के लिए उनके पास दो अच्छे लंड हैं।

कुछ समय बाद मैंने अपनी ऊर्जा वापस पा ली और माँ ने भी अपने कूल्हों के नीचे एक तकिया रखा और अपनी चूत को ऊपर उठा दिया जिससे मुझे उनकी चूत अन्दर की गहराई तक चाटने में आसानी हो।
मम्मी ने मेरी तरफ देखा और अपनी टपकती चूत का सबसे अच्छा लुक देने के लिए टांगें फैला दीं। मैं उनकी खूबसूरत टाइट चूत को चाटा और फिर थोड़ी देर तक उंगली करता रहा। मम्मी की चूत की गर्मी और मोहक खुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैंने मम्मी की तरफ देखा और उन्होंने एक हाथ से मेरा सर पकड़ कर मुझे अपनी चूत में जोर से दबा दिया।

मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में गहराई तक डाल दी और उनकी गर्म चूत की दीवारों को चखने लगा। मुझे बिल्कुल स्वर्ग जैसा महसूस हुआ। बीच-बीच में मैंने उनकी चूत में उंगली की और फिर उनकी चूत में अपनी जीभ डालनी शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद मम्मी ने मुझे रोक दिया। मेरा लण्ड भी काफी टाइट हो गया था पर मम्मी ने ऊपर आकर मेरे लण्ड को चूसा तब तक कि वो और कठोर नहीं हो गया और फिर मुझे अपने ऊपर आने का संकेत दिया और खुद बेड पर लेट गयी।

जब मैं मम्मी के ऊपर आया तो उन्होंने कहा कि वो मेरे साथ चुदाई करने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रही थी। यह कहते हुए मम्मी ने मुझे चूमा और मेरे हार्ड लण्ड को पकड़ा और अपनी चूत के होंठों का मार्गदर्शन दिलाया। मम्मी ने कुछ समय तक उसे अपनी चूत से रगड़ा और जिसने मम्मी की चूत को और भी गीला और रसदार बना दिया। मम्मी ने मेरे लण्ड का सुपारा अपनी चूत के छेद में डलवा दिया।

मम्मी ने कहा कि वह मुझे सिखाएगी कि मैं उन्हें कैसे चोदूँ और उसे खुश करूँ और मुझे कहा कि अपना लंड धीरे धीरे डालना और चूत की गर्मी को महसूस करना।

मैंने अपना लंड धीरे-धीरे उनकी चूत में घुसाया और उसकी गर्म चूत की दीवारों को अपने लंड के चारों तरफ लपेटता हुआ महसूस किया और कुछ झटकों के बाद मेरा लण्ड पूरी तरह से अन्दर चला गया और मैं तब तक उस स्थिति में रहा जब तक कि हम दोनों को आराम महसूस नहीं हुआ।

मम्मी ने मुझसे कहा- मुझे जितना हो सके उतना जोर से चोद।
यह सुनकर मैं अपना लण्ड माँ की चूत के अंदर और बाहर करने लगा जब तक मेरा लण्ड उनके रस से चिकना नहीं हो गया.

मेरी प्यास बढ़ने लगी तो मैंने कुछ ही धक्कों में लण्ड को ज्यादा से ज्यादा गहराई तक पेल दिया और मम्मी के कुछ भी कहने से पहले धड़ाधड़ ठोकना शुरू कर दिया। मम्मी ने भी अपने कूल्हों को उसी तरह से घुमाना शुरू कर दिया मुझे यह बहुत अच्छा लगा। मैंने माँ की चुदाई करते हुए उनकी आँखों में सीधा देखा और उस कच्चे रसीले रूप को निचले होंठ पर काट दिया और मम्मी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जैसे कराहने लगी।

मम्मी बड़बड़ाए जा रही थी- आआह … समझ आया कि अपनी माँ को कैसे चोदते हैं? क्या मैं बिस्तर पर गर्म हूँ … ह्म्म्म्म्मा … आआह्ह्ह्ह … मुझे ऐसे चोदो कि अपनी मम्मी की गहराई में समा जाओ … मुझे चोदो जैसे तुम्हारे भाई ने मुझे फार्महाउस में जमकर चोदा था आआहह … ह्ह्ह्ह … ह्ह्आ … आआ।

यह सुनकर मैं उन्हें और तेजी से चोदने लगा. मेरा लण्ड माँ की चूत में गहराई तक चला गया और मेरी गेंदों ने हर झटके के साथ उसकी चूत के होंठों को मारा और ‘थड … थड़ … थड़ …’ की तरह आवाज़ दी।
कमरा वासना से भरा हुआ था।

मैंने मम्मी को 5 मिनट तक उसी अवस्था में चोदा. फिर माँ ने कहा कि वह मुझे ऊपर से चोदना चाहती हैं।
मैं बिस्तर पर लेट गया और माँ मेरे ऊपर आ गईं और वो मेरे लंड पर बैठ गईं. उन्होंने अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर कुछ बार रगड़ा, जिससे मैं पागल हो गया और फिर माँ से अपने लंड को उनकी चुत में डालने की भीख माँगी।

मम्मी मुझ पर हंसी और फिर मेरे लण्ड को सीधे हाथ से पकड़ कर धीरे-धीरे बैठने लगी जब तक उनकी चूत ने मेरे लण्ड को गहराई तक नहीं निगल लिया। मम्मी धीरे-धीरे ऊपर-नीचे हो रही थी। मम्मी के 36″ आकार के स्तन उनके साथ ऊपर-नीचे हो रहे थे. यह मेरे लिए अद्भुत दृश्य था जिसने मुझे और भी हार्ड बना दिया। मैंने उनके बूब्स निचोड़ दिए और वो मुझे जोर जोर से चोद रही थी.

फिर अचानक वो कांपने लगी और बेतहाशा मेरे ऊपर झुक गई और गिर गई और उनका रस मेरे लंड को गीला करता हुआ मेरे पेट पर निकल आया।
मैं भी अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच रहा था। मम्मी ने मेरे नीचे आकर अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और मुझे जोर से चोदने के लिए कहा और मैंने उनकी चूत में अपना लण्ड टिकाकर जोरो के झटके देने शुरू कर दिए।
यह चुदाई इतनी गर्म थी कि मेरा लंड उनकी चुत में फिसल गया और मैं खुद को रोक नहीं पाया और अपने आप को कंपकंपी देना शुरू कर दिया।

माँ ने अपने कूल्हों को और भी ऊपर उठाया पर मैंने अपना लण्ड उनकी चूत में फंसाए रखा. मैंने उनके कंधों को पकड़ लिया और उनके पेट में अपने वीर्य की पिचकारियों को खाली करने लगा। आखरी झटके के बाद मैं पूरी तरह से थका हुआ था, मैंने माँ से कहा कि मैंने कभी अपने सपने में नहीं सोचा था कि मैं आपके साथ सेक्स करूँगा और यह मेरे लिए अब तक का सबसे अच्छा एहसास है।
मॉम मेरी तरफ देखकर मुस्कुराईं और कहा कि मैंने उनकी वासना को संतुष्ट किया है और उनकी अच्छी चुदाई की है और मम्मी ये पूरी ज़िंदगी के लिए चाहती है और मेरे होंठों पर चुम्बन करने लगी।

उस रात मैंने और मम्मी ने कई बार चुदाई की और थक हार कर हम लोग सो गए।

सुबह जब करण वापस आया तो मम्मी नंगी ही दरवाज़ा खोलने चली गयी और वापस आकर सो गई।

उस दिन के बाद से हमारे जीवन में बदलाव आया, मेरे भाई और मैं हमारे घर में और खेत में अलग से चूत और गांड में माँ की चुदाई करते थे और कुछ हफ़्तों तक उसके हर छेद में अपना वीर्य डालते थे।

फिर एक दिन मम्मी ने दोनों भाइयों के साथ चुदाई करने की इच्छा जताई। मम्मी ने कहा कि वह करण और मेरे द्वारा एक समय में ही अपनी चूत और गांड में चुदाई करवाना चाहती हैं क्योंकि हम दोनों अब उन्हें बहुत दिनों से चोद रहे हैं और अब हम तीनों मिलकर एक साथ चुदाई का आनंद लेना चाहते थे।
 
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तलाकशुदा माँ की अगन-4



कहानी का पिछला भाग: तलाकशुदा माँ की अगन-3

अगली सुबह जब मैं उठा तब मम्मी घर के काम कर रही थी और मैंने भी अपनी सामान्य दिनचर्या की और एक शॉवर लिया और कपड़े पहनकर लिविंग रूम में आ गया. करण भी वही बैठा हुआ था।
तभी मम्मी लिविंग रूम में आई और हम दोनों की तरफ देखा। हम दोनों मम्मी को घूर कर देख रहे थे।
मम्मी ने हम दोनों की ओर देखा और कहा- तुम दोनों क्या देख रहे हो?
मैंने अपने बड़े भाई की ओर देखा और कहा- मम्मी, क्या आपको पिछली रात पसंद आई थी?

मम्मी थोड़ा हैरान दिख रही थी और उन्हें पता नहीं था कि क्या कहना है. वह जानती थी कि करण अब तक शर्मिंदा महसूस कर रहा है। इसलिए वह हमारे बगल में सोफे पर बैठ गई और बोली- करण, मुझे नहीं लगता कि जो कल जो भी हुआ सही था और मुझे नहीं लगता कि अब शर्मिन्दगी की कोई बात है इसमें।
फिर करण ने मम्मी को देखा और कहा- लेकिन माँ, आप मुझे बहुत पसंद हो और मैं आपको किसी के साथ बांटना नहीं चाहता हूं।

इस पर मम्मी मुस्कुराते हुए बोली- करण बेटा, रोहन का भी मुझ पर उतना ही हक है जितना कि तुम्हारा, आखिर तुम दोनों हो तो भाई! और रही बात मुझे बाँटने की … तो तुम दोनों भाई तो मेरे अभिन्न अंग हो।
मम्मी की बात सुनकर करण खुश हो गया और मुझसे भी खुलकर बातें करने लगा। हम दोनों बहुत खुश थे।

मम्मी ने पूछा- क्या आज दुकान की छुट्टी कर दी जाए ताकि हम लोग पूरे दिन का आनंद ले सकें?
हम दोनों भाइयों ने हामी भर दी।
मम्मी भी अंततः सहमत हो गयी और हम दोनों से पूछने लगी- आज क्या पहनूँ जो तुम लोग पसंद करो?

हम दोनों ने कहा- हम सिर्फ आपको नग्न देखना चाहते हैं.
तो वह सोफे से उठ खड़ी हुई और अपने सारे कपड़े उतार दिए। जब वह वहाँ खड़ी थी तो हम दोनों भी उनके विशाल स्तनों को देख रहे थे।
मम्मी ने कहा- क्या तुम दोनों मेरे स्तनों के साथ खेलना पसंद करोगे?
हम दोनों ने सिर हिलाया और फिर मम्मी अपने घुटनों पर बैठ गई और हम दोनों उनके पास आ गए और उनके स्तन से खेलने लगे।

मम्मी की चूत सच में गीली हो रही थी और उन्होंने हमारी तरफ देखा और कहा कि हम दोनों भी नंगे हो जाएँ।
हम दोनों को कपड़े उतारने में बिल्कुल देर नहीं लगी। हम दोनों के लंड काफी सख्त हो गए थे इसलिए मम्मी ने अपने दोनों हाथों से हमारे लंड पकड़ लिए। हम उनके स्तनों के साथ खेल रहे थे और धीरे-धीरे उन्हें सहलाने लगे।

मम्मी अपने हाथों से हमारे लण्ड को सहला रही थी और हम लोग भी काफी उत्तेजित हो गए थे और हमने कराहना शुरू कर दिया था। हम दोनों ज्यादा देर तक नहीं रुक पाए और मम्मी के हाथों में ही झड़ना शुरू कर दिया। मम्मी ने भी हमारे लण्ड को तेजी से तब तक सहलाया जब तक कि हम पूरी तरह से नहीं झड़ गए।

झड़ने के बाद हम दोनों निश्चिंत हो गए और फिर मम्मी ने अपनी उंगलियों को चाटना शुरू कर दिया और वह इस बात से इत्तफाक नहीं रख सकी कि उन्हें हमारे वीर्य रस से बहुत प्यार है।

हम दोनों वापस सोफे पर बैठ गए। मम्मी भी हमारा लण्ड सहलाते सहलाते झड़ चुकी थी क्योंकि उनकी चूत से बहता हुआ रस उनकी जांघों पर बह रहा था। हम तीन लोगों के परिवार के लिए यह बहुत अच्छी शुरुआत थी।

मम्मी उठी और खुद को साफ करते हुए कहा- अभी तुम दोनों के लिए लंच तैयार करती हूं, बाकी काम बाद में करेंगे.
और फिर वो अपने रूम में जाकर कपड़े पहनने लगी।
हम दोनों भाई अभी तक सोफे पर नंगे पड़े हुए थे।

जब मम्मी खाना बना कर वापस आयी तो वे बस एक काली कसी हुई ब्रा और पैंटी में थी। उनकी ब्रा में से उनके बड़े स्तन की दरार दिखाई दे रही थी। हम दोनों ने जब यह देखा तो हमारे लन्ड फिर से कड़क होने लगे।
मम्मी भी ये देखा और कहा- तुम दोनों लड़के फिर से तैयार हो गए?
मैंने मम्मी से कहा- मुझे बहुत अच्छा लगता है जब आप इस तरह की सेक्सी चीजें पहनती हैं।

मम्मी ने कहा- तुम दोनों मेरे साथ अब क्या करना चाहेंगे?
हम दोनों उन्हें देखकर बोले- हमारे लण्ड की चुसाई कीजिये न मम्मी!
इतना सुनकर मम्मी फिर अपने घुटनों पर बैठ गई और हम दोनों को खड़े होने के लिए कहा।

वे एक एक करके हमारे लन्ड को चूसे जा रही थी। फिर उन्होंने हम से कहा- तुम दोनों एक दूसरे के करीब आ जाओ और दोनों लंड एक साथ मेरे मुँह में डालो और जोर जोर से झटके मारो जब तक मेरे मुँह में झड़ नहीं जाते।
हम दोनों ने ऐसा ही किया। मम्मी की आँखों से आंसू आ रहे थे फिर भी हम नहीं रुके और कुछ देर की चुसाई के बाद हम दोनों मम्मी के मुँह के अंदर ही झड़ने लगे।
मम्मी हमारा सारा माल निगल गयी।

उसके बाद हम दोनों बैठ गए। मम्मी भी ठीक हमारे बीच में बैठ गई और अपनी चूत से खेलने लगी। उन्होंने अपने पैरों को फैलाया और अपनी चूत को जोर-जोर से सहलाने लगी। उसके बाद हम तीनों ने वैसे ही नंगे होकर खाना खाया।

खाना खाकर हम वापस लिविंग रूम में आ गए। मम्मी अभी भी ब्रा पैंटी मैं थी।
करण ने कहा- मम्मी, आप अपनी ब्रा उतार लो, मैं अपना लंड आपके स्तनों पर रगड़ना चाहता हूँ।
मम्मी ने कहा- ठीक है बेबी … तुम मेरे स्तनों की चुदाई कर सकते हो।
और मम्मी ने अपनी ब्रा उतार दी और उनके दोनों स्तन बाहर आये और अलग-अलग उछले।

मम्मी फिर से अपने घुटनों पर बैठ गयी और करण अपने लंड को उनके स्तनों के बीच रगड़ने लगा।
मम्मी ने मेरी तरफ देखते हुए मुझसे पूछा- रोहन तुम क्या करना चाहते हो?
मैंने कह- मैं अपना लंड तुम्हारी गांड में डालना चाहता हूँ मम्मी!

मम्मी ने मुझे बुलाया और नीचे लेटने के लिए कहा। मैंने वैसा ही किया। मेरे लेटने के बाद मम्मी मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और मैंने लन्ड पर थूक लगाकर उनकी गांड के छेद पर सेट कर दिया और अपना सुपारा अंदर घुसेड़ दिया। मम्मी फिर धीरे धीरे मेरे लण्ड को अपनी गांड के अंदर ले गयी और उछल उछाल कर चुदवाने लगी। मम्मी थोड़ा उम्म्ह… अहह… हय… याह… कराहते हुए उछल कर मेरे लंड पर नीचे झुक रही थी जबकि करण उनके स्तन चोद रहा था।

करण ने मम्मी की तरफ देखा और कहा- आई एम कमिंग कम मम्मी!
मम्मी ने कहा- मेरे बच्चे हाँ … मेरे स्तन पर गिरा दे अपना वीर्य।
करण ने अपने वीर्य से मम्मी के स्तनों को ढक दिया और मैं भी उनकी गांड को जोर से मार रहा था।

करण के हो जाने के बाद मैंने अपनी माँ को बताया कि मैं भी झड़ने के लिए तैयार हूँ तो मम्मी और जोर जोर से उछलने लगी और मैं उनकी कसी हुई गांड के अंदर झड़ने लगा।
मम्मी भी करण के वीर्य को अपने स्तनों पर मल रही थी। मम्मी काफी गर्म हो चुकी थी और काफी समय से उनकी चूत के अंदर लण्ड भी नहीं गया था।
मैंने मम्मी को उठाया और सोफे पर बैठा दिया। मम्मी भी अपनी टांगोब को फैलाकर अपनी चूत को मसल रही थी।

मेरा वीर्य मम्मी की गांड से रिस कर बाहर आ रहा था और मम्मी की चूत भी पानी छोड़ रही थी। मुझसे मम्मी की ये हालात देखी नहीं गयी और मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर लगा दी। मैं मम्मी की चूत को चाट रहा था जो कि काफी गर्म और गीली थी। मम्मी ने अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा दिया और वो झड़ने लगी। मैं मम्मी की चूत से निकल रहे रस को अपनी उंगलियों में समेटने लगा और उसे चाटने लगा। मम्मी अपनी आँखें बंद किये हुए बस इस सबका आनन्द ले रही थी।

झड़ने के बाद मम्मी ने अपनी आँखें खोलीं। उनके मुँह से जोर-जोर से सांसें निकल रही थी और आनन्द में कराह रही थी। उनका शरीर भी पसीने से तर हो रहा था जो कि बेहद ही सेक्सी था।
मम्मी ने कहा- ओह रोहन! तुम कितने लाजवाब हो।

मैं जानता था कि एक महिला को ठीक तरह से कैसे खुश किया जाता है। मम्मी को उनकी चूत के लिए अब एक लण्ड की जरूरत थी जिसे उनका लाल चेहरा साफ बयान कर रहा था।
मम्मी ने कहा- करण, आओ अब तुम्हारी बारी!

करण तो ना जाने कबसे तैयार बैठा था। मम्मी को मुझसे फ्री देखकर वो मम्मी के पास गया और उनके होंठों को चूमते हुए मम्मी को अपनी कमर पर बैठा कर खड़ा हो गया। मम्मी भी अपनी दोनों टांगों को करण की कमर पर लपेटकर अपने स्तनों से उसकी छाती को सहला रही थी।

मम्मी ने कहा- करण, तुम्हारी माँ को तुम्हारे सख्त लंड की ज़रूरत है अभी!
“ओह … मम्मी … अभी!” करण ने उसके शरीर से चिपकी हुई नंगी माँ से कहा। करण ने अपना लंड अपने हाथ में लिया और उसे मम्मी की चूत पर लगाया। करण ने अपने लन्ड का सुपारा उनकी योनि के प्रवेश द्वार पर रखा।
“माँ, मैं अंदर जा रहा हूँ!” करण ने कहा और उसने अपने कूल्हों को बड़ी ताकत से मम्मी की तरफ दबाया। मेरी शानदार चूत चुसाई के बाद मम्मी की चूत इतनी गीली थी की उसका कठोर लंड आसानी से अंदर सरक गया।

“हे भगवान, हाँ … आह्ह!” मम्मी ज़ोर से कराहते हुए बोली जब करण का लण्ड उनकी चूत में घुसा।
मम्मी ने कहा कि उन्हें करण का लंड कभी भी उनकी चूत के अंदर इतना सख्त और गर्म महसूस नहीं हुआ था, यह बिल्कुल नया अनुभव था।

मम्मी ने धीरे से करण के सिर के चारों ओर अपनी बांहें लपेट दीं और उसे अपने स्तनों में दबाने लगी। करण ने भी अपनी बांहों को पीछे से कस कर पकड़ लिया और अपनी पूरी ताकत से उनकी चूत मैं अपना लण्ड डाल रहा था। मम्मी की आँखें बंद थीं और उनकी सांस लेने की दर बहुत बढ़ गई थी। यह काफी कठोर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

हमारी माँ हमारे जीवन की सबसे अनमोल महिला थीं और वह आखिरकार हमें यह समझाना चाहती थीं कि वह उनसे कितना प्यार करती हैं।
“हया … उउऊहह … आआआह … मम्म्मम … मममम … आआआ … मम्म!” मम्मी ने चुपचाप करण के माथे पर एक चुंबन देते हुए धक्का दिया।
मम्मी करण से बोली- तुम मेरे अंदर ही झड़ सकते हो!
और उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई।

मम्मी की बातें और उनकी चुदाई देखकर मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया था। तभी अचानक मम्मी को अपने गुदा पर कुछ कठोर प्रहार महसूस हुआ। जो कुछ हो रहा था, उसे देखने के लिए मम्मी ने अपना सिर पीछे की तरफ घुमाया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मैंने जोरदार धक्के में अपना लण्ड फिर से उनकी गांड में घुसा दिया था। मेरा लण्ड करण की तुलना में बड़ा था। मेरा लण्ड घुसते ही मम्मी ऊफ्फ… आआहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह… ओऊह…. आहहह… ओहहह… माआ.. करने लगी। उनकी गांड अभी भी मेरे वीर्य से भरी थी जिस वजह से मेरा लंड आसानी से उसकी गांड में अंदर-बाहर सरक रहा था।
मैंने कहा- आआहह…मम्मी..अच्छा लग रहा है!”

मैं उनकी पीठ से चिपका हुआ था। मैंने उनके कूल्हों को नीचे से पकड़कर थोड़ा ऊपर उठा लिया जिससे उन्हें चोदना और भी आसान हो गया। हम दोनों मम्मी को बड़े ही मजे और आराम से चोद रहे थे.
तभी करण ने मम्मी से कहा- मम्मी, आप अपनी बांहों को अपने सिर के पीछे रख लीजिए … मुझे आपकी कांख देखनी है।
मैंने भी करण की बात को मानते हुए कहा- हाँ, मम्मी प्लीज! मैं भी देखना चाहता हूँ!

मम्मी ने अपने दोनों हाथों को अपने सिर के पीछे रख दिया और हम दोनों बच्चो को अपनी सेक्सी बगलें दिखाते हुए कहा- आह, ठीक है … तुम दोनों मेरी कांख को देखना चाहते हो … बहुत ही शरारती हो तुम दोनों … यह लो!

मम्मी की कांखें बिल्कुल साफ थी और बहुत कामुक लग रही थी। हम दोनों ने उन्हें तुरंत सूँघना शुरू कर दिया। करण तो इतना कामुक था कि मम्मी की कांख को बेसब्री से चाटने लगा। मम्मी ने कभी सोचा नहीं होगा कि यह इतना अविश्वसनीय रूप से सेक्सी और मोहक हो सकता है।
“आह… हह …” मम्मी सिसकारने लगी जब उनको लगा कि हमारे लंड ज्यादा तेजी और ज्यादा ताकत के साथ जोर लगा रहा है।

हम दोनों ने अपनी गति बढ़ाई और मम्मी के बगल को सूँघना जारी रखा। मम्मी नहीं जानती कि क्या करना है हम दोनों लड़कों ने उनके दोनों छेदों का बुखार उतार दिया था।
तभी मम्मी फिर बोली- ओह! सब ठीक तो है? तुम दोनों बहुत तेजी से कर रहे हो।
लेकिन हम दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया।

मम्मी हमारे कसे हुए लन्डों को अपनी गांड की गहराई और चूत के अंदर गहरे तक महसूस कर सकती थी जो उसके गर्भाशय पर चोट मार रहे थे। हम दोनों के लंड उनकी योनि और गांड की संवेदनशील दीवारों को छू रहे थे। मम्मी ने अपने जीवन में इस आनंद को कभी महसूस नहीं किया था।

तभी करण ने कहा- आआहह … मम्मी… मुझे लगता है कि मैं जा रहा हूं … आह्ह!
अपने आखिरी पड़ाव में मम्मी की चूत ने कारण के लंड को जकड़ कर निचोड़ लिया। मम्मी की चूत करण के शुक्राणु के लिए भीख सी मांग रही थी और करण ने मम्मी की चूत में वीर्य बरसाना शुरू कर दिया।

उन दोनों की ऐसी हालत देखकर मैंने भी अपने लण्ड को जोरदार धक्कों से मम्मी की गांड के अंदर करना शुरू कर दिया और फिर “मम्मी … मैं भी झड़ रहा हूँ!” और जोर जोर से अपना लण्ड हिलाना शुरू कर दिया।
मम्मी हमारे वीर्य की गर्माहट को अपनी गांड और चूत में महसूस करते हुए लम्बी आहें भर रही थी।

मम्मी ने कहा- तुम दोनों भाइयों ने आखिरकार मेरे छेदों के अंदर अपनी रसधारा भर ही दी.
और फिर उन्होंने करण को अपनी बांहों में भर लिया और मैंने पीछे से उन्हें बांहों में जकड़ लिया।

हम दोनों ने अभी तक अपने लण्ड बाहर नहीं निकाले थे। कुछ मिनट के आनन्दित विश्राम के बाद जब हमारी सांस धीरे-धीरे वापस सामान्य हुई हो हमने अपने लंड मम्मी के छेद से बाहर निकाल लिए और बेड पर जाकर लेट गए।
मम्मी की चूत और गांड से वीर्य बहते हुए बाहर आकर बैडशीट पर बहने लगा, खासकर उसकी गांड से।
मम्मी काफी थक गई थी तो गिरते ही वह बिस्तर पर सो गयी।

मैं और करण जग रहे थे तो मैंने कहा- करण मजा आ गया।
करण ने भी कहा- हाँ, यह अद्भुत था। मुझे पहले कभी भी माँ के साथ इतना अच्छा नहीं लगा।
हमने फिर एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिए।

करण उठकर जाते हुए बोला- मैं नहा कर आता हूं अभी।
और फिर इधर उधर देखने लगा फिर उसने सोफे के पास जाकर मम्मी की पैंटी को उठा लिया। करण ने उसे अपने हाथ में पकड़ा और मेरी तरफ देखते हुए कहा- मम्मी की पैंटी को सूंघने का अलग ही मजा है … नहाते समय मजा ही आ जाएगा।
मैंने कहा- मुझे भी सूंघना है.
इतना बोलते ही करण ने पैंटी मेरी तरफ बिस्तर पर फेंक दी।

मैंने उठकर पैंटी उठाई और कारण के पास जाकर अपनी सोती हुई मम्मी को देखा। मम्मी बिल्कुल नंगी बिस्तर पर सो रही थी और खिड़की से आ रही धूप की रोशनी में वे काफी सुंदर लग रही थी। हम दोनों के लण्ड मम्मी की ऐसी हालत देखकर ओर उनकी पैंटी सूंघकर फिर खड़े होने लगे थे। हम दोनों एक दूसरे को ही देख रहे थे.

करण ने कहा- चलो आज मम्मी की पैंटी सूंघते हुए साथ मैं ही नहाते हैं.
मैं भी तैयार हो गया और फिर हम मम्मी को लिविंगरूम में छोड़कर बाथरूम में आ गए।

हम दोनों बिल्कुल नंगे खड़े होकर शॉवर के नीचे नहा रहे थे और मम्मी की पैंटी को सूंघ और अपने लण्ड पर रगड़ रहे थे।
 

junglecouple1984

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all good stories bhai...
koi maa bete ki shaadi aur suhagraat ki kahani ho to woh bhi add/upload kar do..thx.
44) बेटे को बॉयफ्रेंड बना कर चुदवा लिया-1 - https://xforum.live/threads/all-short-story-collected-from-net.116206/post-7508846

45) बेटे को बॉयफ्रेंड बना कर चुदवा लिया-2 - https://xforum.live/threads/all-short-story-collected-from-net.116206/post-7508861

45) बेटे को बॉयफ्रेंड बना कर चुदवा लिया-3 - https://xforum.live/threads/all-short-story-collected-from-net.116206/post-7508879

46) बेटे को बॉयफ्रेंड बना कर चुदवा लिया-4 - https://xforum.live/threads/all-short-story-collected-from-net.116206/post-7508894

47) बेटे को बॉयफ्रेंड बना कर चुदवा लिया-5 - https://xforum.live/threads/all-short-story-collected-from-net.116206/post-7508914
 
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Enjoywuth

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Nice stories... Keep posting
 

junglecouple1984

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