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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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बेटे से चुदवा कर अपना यार बना लिया



मेरा नाम सोनी राज है, मैं भोपाल की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 40+ हो गई है. मैं तलाकशुदा महिला हूँ.

कविता मेरी बचपन की बेस्ट फ्रेंड है.
उसके पति की मृत्यु के बाद हम दोनों मिले थे.

कविता ने पति जाने के बाद अपना जीवन व्यवस्थित कर लिया था और फिलहाल वो अपने बेटे वंश के साथ बहुत खुश थी.
हालांकि उसे इतना प्रसन्नचित्त देख कर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा. उन दोनों का इस मस्ती से रहना, मैं समझ नहीं पा रही थी.

जब मुझसे नहीं रहा गया तो आखिर मैंने कविता से पूछ ही लिया- जीजू के जाने के बाद भी तुम दोनों इतना खुश कैसे हो? क्या तुम्हें जीजा जी के जाने का कोई गम नहीं है?
उसने बोला- पति को मैं वापस नहीं ला सकती हूँ. फिर वंश है ना मेरे साथ!

मैं बोली- वंश है, वो तो ठीक है … मगर जीजू की वो कमी तो दूर नहीं कर सकता ना!
उसने बोला- नहीं … वो मेरी हर कमी दूर करता है.

उसके मुँह से इतनी बिंदास बात सुनकर मैं हैरान रह गई.
मैंने उससे सीधे सीधे पूछने का तय किया और पूछा- सेक्स के लिए क्या कहोगी?
कविता बोली- अब तुझसे क्या छुपाना … वंश ही मेरा सब कुछ है.

मैं एकदम अवाक होकर उसकी तरफ देखने लगी. मैंने उससे इस बात को विस्तार से जानना चाहा, तो उसने सारी बात मुझे बता दीं.

उसकी बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा. क्योंकि मुझे भी पति से अलग होने के बाद जिस्म की आग परेशान करती थी.
मेरा भी बेटा है, तो मैंने सोचा मैं भी कविता के जैसे कर सकती हूँ.

पर ये सब कैसे होगा, इसी उधेड़बुन में मैं सोचती रही. कविता ने मुझे काफी कुछ तरीके बताए थे, मगर ये सब इतना आसान होता, तो शायद मैं इतना न सोचती.

फिर मैं वापस भोपाल आ गई.

मेरा तलाक हुए दस साल हो गए थे. जब मेरा तलाक हुआ था तब मेरा बेटा आदी दस साल का था, जो अब 20 साल का गबरू जवान हो चुका है.

हालांकि मैंने पति से अलग होने के बाद अब तक कई बार कॉलबॉय बुला कर या उसके साथ कहीं जाकर अपनी चुत की खुजली मिटवाई है और मैं नये नये जवान हुए लौंडों के साथ सेक्स एन्जॉय करती रहती हूँ.
पर कविता की बात सुनकर मैं एकदम से भौचक्की थी कि खुद अपने बेटे के साथ सेक्स कैसे करूं.

हालांकि कविता ने खुद के बेटे के साथ सेक्स करने के पीछे कई कारण भी बताए थे, जो कि कहीं न कहीं सही थे.
जैसे सबसे पहले तो गोपनीयता बनी रहेगी. पैसे भी बचेंगे और जब मन हुआ, तब एन्जॉय भी कर सकती थी.

मगर अपने बेटे के लिए खुली किताब हो जाने के किये कैसे उसे तैयार करूं … मेरी समझ में नहीं आ रहा था.

मैं काफी सोच विचार करती रही.
कभी मुझे लगता था कि उसके साथ सेक्स सम्बन्ध न बनाऊं.

फिर कविता के उसके बेटे के साथ सेक्स रिलेशन को सोच कर मुझे भी अपने बेटे के जवान लंड की चाहत होने लगती.

मैंने सोचा कि मेरा बेटा आदी अब जवान हो गया है … और आज नहीं तो कल अपने लिए छेद तो ढूंढेगा ही.
मैं उसके लंड का धागा अपनी चुत में फंसा कर ही तुड़वाने का मन बनाने लगी थी.

नए और जवान लंड की चाहत में मेरी खोपड़ी बड़ी तेजी से इस पर काम करने लगी थी कि आदी को कैसे पटाया जाए.

तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैं एक नया फोन और सिम लाई.
उसमें मैंने व्ट्सऐप डाउनलोड किया और अपने बेटे आदी को हाय लिखा भेजा.

कुछ पल बाद उसका रिप्लाई भी आ गया- हैलो … जी आप कौन?
मैं बोली- मैं कविता आंटी.
उसने बोला- हैलो आंटी … कैसी है आप?

मैंने उससे ठीक है लिखते हुए उसका हाल चाल पूछा और उससे बाय बोल दिया.

अब मैं रोज उससे बातें करने लगी और थोड़ी बहुत बात करके उसे बाय बोल देती थी.

एक दिन मैंने उसको हाय बोल कर चैट बंद कर दी और उसे अपने रूम में बुला लिया.
इस वजह से वो कविता आंटी को रिप्लाई नहीं दे सका. मतलब मुझे उसने जवाब नहीं लिखा.

मैंने उससे कुछ देर इधर उधर की बात करके उससे जाने को बोल दिया.

कुछ ही देर बाद उसका रिप्लाई आया- हैलो.
मैं बोली- कहां बिजी हो गया था … कोई गर्लफ्रेंड के साथ लगा था क्या?
वो बोला- नहीं आंटी … मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैं बोली- चल झूठा.

वह बोला- सच में आंटी … मॉम की कसम!
मैं बोली- वो तेरी मॉम है, कोई गर्लफ्रेंड नहीं … जो तू उसकी ऐसे कसम खा रहा है.
वो बोला- सॉरी.
मैं बोली- कोई बात नहीं!

मेरे बेटे को पता ही नहीं था कि वो अपनी मॉम से ही बात कर रहा है.

फिर मैंने उससे कविता आंटी बनकर पूछा- तो कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए तुझे?
पहले तो वो शरमाया, कहने लगा- अरे आंटी … आप भी कैसी बात कर रही हैं.
मैंने उससे कहा- क्यों अब तुझे गर्लफ्रेंड की जरूरत नहीं होती क्या? मेरे बेटे की गर्लफ्रेंड तो मेरे घर तक आती है. वो मेरे सामने ही उसे किस वगैरह कर लेता है.

इतना सुनकर वो मुझसे थोड़ा खुला. उसने कहा- आंटी फिलहाल तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है … लेकिन कुछ लड़कियां जरूर मुझे पसंद करती हैं. मगर मैं ही उन्हें लिफ्ट नहीं देता.
मैंने पूछा- क्यों … उनमें से कोई तुझे पसंद नहीं है या तेरी ख्वाहिश कोई और लड़की को लेकर है?
वो बोला- नहीं आंटी, मुझे उन लड़कियों में से एक भी पसंद नहीं है.

मैंने उससे पूछा- तो वही तो पूछ रही हूँ कि तुझे कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए?
वो बोला- अपनी मॉम के जैसी.
मैं बोली- बेवकूफ है क्या … मॉम के जैसी क्यों चाहिए?

वो बोला- मेरा मतलब नेचर से, देखने से उसकी तरह केयरिंग हो.
मैं बोली- अच्छा … ये मतलब था.
वो बोला- हां.

फिर मैं बोली- मैं एक बात कहूँ, तू कुछ बुरा तो नहीं मानेगा न?
वो बोला- नहीं आंटी … आप बोलिए न!
मैं बोली- तूने बोला कि गर्लफ्रेंड देखने मैं भी मॉम टाइप की हो … मैं ये बात समझी नहीं.

वो बोला- अरे आंटी आप मेरी मॉम से मिली ही हो न … वो बहुत सुंदर हैं न … इसलिए मैंने उनके जैसी कहा.
मैं बोली- मतलब तुझे गर्लफ्रेंड में मॉम चाहिए या मॉम में गर्लफ्रेंड … हैं न!
वो बोला- नहीं आंटी … आप समझी नहीं.

मैं बोली- मैं सब समझ गई … मैं किसी से कुछ नहीं बोलूँगी … तेरी मॉम से भी … तू सच बता क्या तुझे तेरी मॉम बहुत पसन्द है?
वो बोला- हां आंटी … पर वो मेरी मॉम हैं.

मैं बोली- वो छोड़ … तुझे अपनी मॉम को अपनी गर्लफ्रेंड बनाना है क्या?
वो हिचकिचाता हुआ बोला- अगर हो सके तो जरूर!

मेरा दिल खुश हो गया कि ये भी तैयार है.

मैं बोली- तेरी मॉम को मैं तेरे से पटवाऊंगी … देख अब तू.
वो बोला- प्लीज़ आंटी … ये सब किसी और को मत बताना.
मैं बोली- ठीक है … तू डर मत.
आदी बोला- ठीक है आंटी.

मैं बोली- मैं यहां से तेरी मॉम को तेरे लिए पटाती हूँ … वहां तू भी थोड़ा उनको इंप्रेस कर और तुझसे जैसा मैं बोलूं, वैसा किया कर.
वो बोला- हां आंटी, ठीक है.

मैंने बोला- जब मॉम परेशान लगा करें … तो उसे गले लगा कर सम्भाला कर … जब वो खुश दिखे, तब भी उसे गले से लगाया कर.
वो बोला- ठीक है आंटी.

फिर मैं आंटी की बात को ध्यान में रखकर उसे अपनी तरफ खींचने लगी. आदी भी अब जब चाहे मुझसे लिपट कर प्यार जताने लगा था. जब भी मुझसे चिपक कर मुझे सहलाता था, तो मुझे बहुत अच्छा लगता था. मैं भी उसके लंड को किसी न किसी बहाने से टच करके देख लेती थी कि मेरे बेटे का लंड कितना बड़ा है.

अब तो वो घर आते ही मेरी गोद में सर रख कर लेट जाता और मेरे मम्मों से अपने सर को रगड़ने लगता.
मैं भी झुक कर अपने चूचों में उसके सर को दबाते हुए उसके माथे पर चुम्बन करती, तो वो अपने हाथों को पीछे लाकर मेरे सर को अपने सर पर झुका लेता था, जिससे मेरी चूचियां और दिल की धड़कनें उसे गर्म करने लगती थीं.

कभी मैं लेटी हुई होती, तो मेरे साथ चिपक कर लेट जाता और मुझे अपनी बांहों में भर कर मुझसे लाड़ जताता रहता.

ये सब मैं ही उसे चैट में कविता आंटी बन कर सिखाती रहती थी कि कैसे उसे मुझको चिपकाना है और कैसे चूमना है.
मैं खुद उसे जोर से अपनी बांहों में भर कर चूमती रहती थी.

अब मैं उसके सामने छोटे छोटे कपड़े पहन कर भी भी रिझाने लगी थी.
वैसे भी मैं जींस टॉप पहन कर तो रहती ही थी.

एक दिन मैं बिना आस्तीन वाले चुस्त टॉप और हाफ पेंट पहन कर भी उसके सामने आ गई थी.
वो मुझे देख कर एकदम से उछल पड़ा था और ‘वाओ मॉम’ कह कर मुझे मेरे पीछे से अपनी बांहों में जकड़ लिया था.
उस समय मुझे उसका बड़ा लंड अपनी गांड में गड़ता सा महसूस हुआ था.

खुद मैंने उसके हाथों को अपने चूचों पर रख कर उसके हाथों को दबा लिया था.
वह भी एकदम गर्म हो गया था.

मैंने उससे पूछा- क्या वाकई इस ड्रेस में मैं हॉट लग रही हूँ?
वह बोला- मॉम एकदम मल्लिका शेरावत लग रही हो आप. यदि आप मेरी गर्लफ्रेंड होतीं तो …

मैंने पूछा- तो … पूरी बात बोल ना?
वो बोला- कच्चा खा जाता.

मैं हंस पड़ी और घूम कर उससे चिपक गई. मैंने उसे अपनी चूचियों में भींच लिया और उसके गाल चूमने लगी.

वो भी मेरी कमर पर हाथ रखकर मुझे भींचे हुए था. उसका लंड मुझे मेरी चुत पर गड़ता हुआ साफ़ महसूस होने लगा था.

फिर दो दिन बाद उसका जन्मदिन था.

मैंने सोच लिया था कि आज से आदी से चुदना ही है.

तब मैंने तैयारी की … अपने पूरे जिस्म में वैक्स की और ब्लू ब्रा पेंटी, घुटने तक की ब्लू नाईटी, जिसमें से मेरे आधे बोबे बाहर दिख रहे थे. मैंने ये हॉट सी ड्रेस पहनी और तैयार हो गई.

जब रात के 12 बजे तो मैं उसके रूम में गई और उसे बर्थडे विश करते हुए अपने गले से लगा कर उठाया और अपने कमरे में ले आई.
वो मेरे रूम की सजावट देख कर हैरान हो गया. वो बोला- मॉम ये सब मेरे लिए किया आपने?
मैं बोली- हां.

मैंने रूम सजाया था, केक लाई थी और वाइन और व्हिस्की की बोतल भी रखी थी.

मैं उसे प्यार से चूमते हुए बोली- मेरा बेटा जवान हो गया है … इसलिए अब से सब चलेगा. चल आ कर केक काट!

वो केक के पास गया.
मैं भी साइड में जा कर खड़ी हो गई.

उसने केक काटा और मुझे खिलाया. मैंने केक को अपने होंठों में दबाए रखा और वैसे ही अपने मुँह को उसके होंठों के पास लेकर गई और उसको भी केक खिलाया.

उसने और मैंने उसी केक के टुकड़े को आधा आधा खाया. फिर हग किया और किस भी किया.

मैंने इसके बाद उसे सोफे पर बिठाया और वाइन की बोतल खोल कर पैग बना कर तैयार किया.
मैं पैग लेकर उसके पास गई. मैं उसकी गोद में बैठ कर बोली- हैप्पी बर्थडे टू यू माय सन!
वो मुझे अपनी बांहों में लेते हुए बोला- थैंक्स मॉम … यू आर सो स्वीट.

मैं बोली- कैसा लगा?
वो बोला- बहुत अच्छा.

मैं बोली- किस किस ने विश किया?
वो बोला- इट्स ओनली यू मॉम.

मैं बोली- क्यों तेरी गर्लफ्रेंड ने नहीं किया?
वो बोला- आपको पता है न मॉम कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.

मैं बोली- चल बता … तुझे गर्लफ्रेंड कैसी चाहिए?
वो मेरी आंखों में झांकता हुआ बोला- सच बताऊं?
मैं बोली- हाँ बिंदास बोल.
वो बोला- आपकी जैसी गर्लफ्रेंड चाहिए.
मैं बोली- मेरी जैसी या ये चाहता है कि मैं ही बन जाऊं?

पहले तो वो शांत हो गया और बस मुझे देखने लगा.

मैं बोली- बेटा, एक राज की बात बताऊं?
वो मेरी तरफ हैरान होकर देखने लगा- हां बताओ न मॉम.
मैं- जिससे तू चैट करता है न … वो कोई कविता आंटी वांटी नहीं है.
वो एकदम चौंकते हुए बोला- मतलब?
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और कहा- वो मैं ही हूँ.

वो खुश हो गया और उसने मेरे होंठों को लम्बा चूमते हुए मुझे अपने गले से लगा लिया.

फिर हम दोनों ने एक ही पैग से वाइन का मजा लिया. मैंने दूसरा लार्ज पैग व्हिस्की का बनाया और साथ में आकर पिया.

मैं उसके होंठों को चूमते हुए बोली- आई लव यू माय स्वीट आदि.
वो भी बोला- आई लव यू माय डार्लिंग.

मैंने ये सुना तो तुरन्त, बिना वक़्त गंवाए नीचे बैठ गई.
उसके समझने के पहले ही मैंने उसका शॉर्ट उतार दिया. अगले ही पल उसकी चड्डी भी बाहर थी.

अब मेरे सामने उसका लंड फनफना रहा था.
मैंने लंड को बिना देखे फटाक से मुँह में डाल लिया और किसी रांड की तरह लंड चूसने लगी.

“आउम … उमुम … उम्म हह … हय… याह… मुआह मुह … मुआह.”

मैं आदी का जवान लंड अपने गले के आखिरी छोर तक ले ले कर चूस रही थी.
आह … आज सालों बाद कितना मस्त लंड मिला था … मेरे बेटे का जवान लंड देख कर मैं पागल हुए जा रही थी.

मैं लंड को बेरहमी से चूस रही थी.
मैंने अपने बेटे का लंड इतना अधिक चूसा था कि नीचे फर्श तक लार ही लार हो गया था.

मैं उसका लंड चूसते समय उसकी गांड के छेद में भी जीभ चला रही थी.
उफ्फ … क्या मजा आ रहा था!

उसने मेरे बालों को पकड़ा और अचानक से मुझे ऊपर उठा कर किस करने लगा. हम दोनों जंगली होते जा रहे थे.

हम दोनों ने फिर से शराब पी और एक दूसरे के पूरे जिस्म को चाटा. उसके बाद मैंने आदी बेटे की गांड पूरी जीभ डाल डाल कर चाटी.

“ऊफ्फ आऊह आह मुआ मुआह …”

इसके बाद उसने मुझे गोद में उठाया और बिस्तर पर सीधी लिटा दिया. उसने मेरी नाइटी को फाड़ दिया, ब्रा भी पेंटी भी फाड़ते हुए अलग कर दीं.
मेरी नंगी टाँगें फैला कर मेरे बेटे ने मेरी चूत को चाटना चालू कर दिया.

क्या बताऊं दोस्तो … कैसा मस्त लग रहा था. इतना मजा तो मेरे पति ने भी नहीं दिया था, जो मेरा बेटा आज मुझे दे रहा था.
आह ओअह आह उफ्फ म्म आह …

उसने पूरी जीभ से मेरी चुत को गीली कर दिया और मुझे सम्भलने का मौका दिए बिना ही मेरे ऊपर चढ़ गया.

अगले ही पल उसने अपना बड़ा मोटा लंड अपनी माँ की चूत में सैट कर दिया और एक बार में पूरा अन्दर कर दिया.

मेरी चीख निकल गई- आह आओह माँ … मैं मर गई!
मेरे बेटा आदी ने मुझे चोदना चालू कर दिया.

कमरे में सिर्फ ‘आह उह आह उहम्म..’ के सिवा और कुछ नहीं सुनाई दे रहा था.

मैं ‘हैप्पी बर्थडे टू आदी बेटा..’ बोली और चुत में अपने बेटे के लंड को शान्ति देने लगी.

पूरी रात में आदी ने मुझे 4 बार चोदा, जिसमें से 3 बार चूत बजाई और एक बार गांड मारी.
उसने हर बार लंड का माल मेरे मुँह में ही मुझे पीने को दिया.

जब उसने मुझे छोड़ा, तब मैं एकदम लस्त हो गई थी.
मेरा बेटा भी मुझे चोद चोद कर थक गया था.

मैंने बड़ी मुश्किल से बिस्तर की दराज से सिगरेट की डिब्बी निकाली और आदी से एक सिगरेट जलाने के लिए कहा.
आदी ने एक सिगरेट जलाई और लम्बा कश लेकर मेरे मुँह से लगा दी.

आह … आज मैं अपने बेटे के लंड से चुदने के बाद बड़ा आराम महसूस कर रही थी.

इसके बाद की रातें कभी सूनी नहीं रहीं. मेरा बेटा मुझे रोज लंड का सुख देने लगा था.

तो कैसी लगी दोस्तो ये सेक्स कहानी
 

junglecouple1984

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अजनबी आंटी ने माँ बन चुदाई करवायी



दोस्तो, मेरा नाम समीर है, मेरी उम्र 27 साल है और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ.

बारिश का महीना था और तेज बारिश होन शुरू हो गई थी. मैं बाइक पर अपने घर जा रहा था. ऐसी तेज बारिश में रास्ते में एक बस स्टैंड दिखा. मैंने उधर रुकने का सोचा. मैं एक पल के लिए रुका भी, मगर फिर सोचा कि भीग तो जाऊंगा ही, क्या रुकना. मगर इस एक पल के ठहराव में मेरी निगाह उधर खड़ी एक आंटी पर चली गई.

मैं उनको देखते ही दंग रह गया. उफ़फ्फ़ क्या फिगर था उनका … मैंने एक गहरी निगाह उन पर ऊपर से नीचे तक फेंकी, तो उनका मस्त जिस्म मेरी आंखों में अपना नाप देने लगा. आंटी का फिगर 36-34-38 का रहा होगा. उनकी उम्र 50 साल के आसपास रही होगी.

उनको देख कर मैंने बाइक रोक दी और उनकी तरफ आशा से देखने लगा. उन्होंने भी मेरी तरफ देखा और न जाने कैसे वो मुझसे लिफ्ट मांगने लगीं.
मैंने पूछा- आंटी, आपको कहां जाना है?
उन्होंने अपना एड्रेस बताया. वो पता मेरे घर के आगे दो किलोमीटर की दूरी पर था.

तो मैंने कहा- ओके आंटी चलो … मैं छोड़ देता हूँ.
उन्होंने कहा- हां … अब जरा बारिश भी कम हो गई है, चलो चलते हैं.
मैंने मुस्कान दे दी.

उन्होंने भी स्माइल पास की और कहा- चलो.

वो मेरी बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ गईं और उन्होंने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया.

कुछ देर चलने के बाद मैंने आंटी से उनके बारे में पूछा, तो उन्होंने अपना नाम सुनीता बताया. मैंने भी उन्हें अपना परिचय दिया. हम दोनों की बातें होने लगीं.

सुनीता- समीर बाइक थोड़ा फास्ट चलाओ नहीं, पानी का कोई भरोसा नहीं है, कहीं फिर से तेज हो गई, तो हम दोनों पूरे भीग जाएंगे.
मैं- नहीं आंटी, बाइक फास्ट चलाऊंगा, तो बाइक स्लिप हो जाएगी.
सुनीता- समीर बारिश भी हो रही है … लगता है हम दोनों घर सही सलामत पहुंच नहीं पाएंगे.

मैं- अच्छा आंटी आप बस मुझे कसके पकड़ लो, मैं तेज चलाता हूँ … आपको मैं घर तक बिना भिगाए लेकर पहुंच जाऊंगा.

आंटी ने मुझे कसके पकड़ लिया. अब उनकी चूचियों की नर्मी मुझे मस्त करने लगी थी. आंटी मुझसे चिपक कर बात करने लगीं, जिससे उनकी गर्म सांसें मुझे कामुक करने लगीं.

सुनीता- समीर तुम क्या काम करते हो … और इतनी रात को कहां गए थे?
मैं- वो वो आंटी …
सुनीता- वो वो क्या लगा रखा है … बताओ न!
मैं- आंटी मैं मूवी देखने गया था.

आंटी समझ गईं कि जहां मैं उनको मिला था, वो एक रेड लाइट एरिया के पास का इलाका था.

सुनीता- अच्छा हां, तुम जवान हो … इसलिए इधर से निकल रहे थे. खैर इतनी रात को मत घूमा करो.
मैं- आंटी आप ग़लत समझ रही हो, मैं वैसा नहीं हूँ.
आंटी ने कुछ नहीं कहा … बस हंस दीं.

अचानक रास्ते में सामने एक कुत्ता आ गया, तो मैंने ब्रेक मार दिया और तभी आंटी एकदम से मुझसे चिपक गईं. इसी समय अचानक से उनका हाथ मेरी पैन्ट के ऊपर चला गया.

सुनीता- स..सॉरी!
मैं- इट्स ओके आंटी.

तभी फिर से ज़ोर से बारिश होने लगी. आंटी और मैं दोनों बारिश में भीग गए. पानी इतना तेजी से गिरने लगा कि हम दोनों कांपने लगे. आंटी मुझसे चिपक गईं, उनके बड़े बड़े चूचे मेरी पीठ पर चिपक गए. उनके चूचों की गर्मी से मुझे उस ठंड भरी बारिश में भी पसीना आने लगा. शायद आंटी समझ गईं. उन्होंने जब ये देखा कि मेरी पैन्ट के सामने वाला भाग टाइट हो रहा है, तब उन्होंने धीरे से हाथ मेरे पैन्ट के ऊपर लंड पर रख दिया.

सुनीता- समीर तुम बाइक धीरे धीरे चलाओ … नहीं तो मैं गिर जाऊंगी.
मैं समझ गया कि आंटी का मूड बनने लगा है.
मैंने कहा- जी आंटी.

कुछ देर के बाद हम दोनों एक दूसरे के जिस्म की गर्मी का मजा लेते हुए उनके घर की बिल्डिंग के नीचे पहुंच गए. आंटी का हाथ इस दौरान लगातार मेरे लंड पर ही रखा रहा.

मैंने आंटी को छोड़ने के बाद कहा- ओके आंटी बाय … अब मैं चलता हूँ.

तभी सुनीता आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझसे कहने लगीं- ऐसे कैसे जा सकते हो समीर … तुम पूरे भीग चुके हो, चलो घर में चाय पीकर जाना.

मैं उन्हें मना नहीं कर पाया और उनके पीछे पीछे सीढ़ियां चढ़ते आने लगा.

उनके पीछे पीछे चलते हुए मैं आंटी की बलखाती गांड को ही देखे जा रहा था, शायद आंटी की गांड इस वक्त कुछ ज्यादा ही मटकने लगी थीं.

उफ़फ्फ़ सीढ़ी चढ़ते हुए सुनीता आंटी की गांड क्या मस्त लग रही थी … यार उनको देख कर मेरे लंड ने फुंफकार भरना शुरू कर दी. अपने फ्लैट के सामने पहुंचते ही सुनीता आंटी ने अपने पर्स से चाभी निकाली और ताला खोल कर हम दोनों अन्दर चले गए. आंटी का घर काफ़ी ठीक ठाक लग रहा था.

सुनीता- समीर तुम अपने कपड़े निकालो, मैं तुमको अपने बेटे का नाइट पैन्ट देती हूँ.

मैंने उनके बेटे का जिक्र सुना तो चौंकते हुए कहा- आपका बेटा कहां है?
उन्होंने जवाब में कहा- वो गुजरात में जॉब करता है. मैं इधर घर पर अकेली रहती हूँ.

मुझे उनके अकेले घर में रहने से बड़ी तसल्ली हुई. हालांकि मैं उनके पति के बारे में पूछना चाहता था, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा.

मैं कपड़े चेंज करने लगा, तभी सुनीता आंटी ने मेरे सामने आ गईं. वो अपनी साड़ी खोल कर सिर्फ़ पेटीकोट ब्लाउज में नाइट पैन्ट लेकर आ गई थीं. मैंने उन्हें अपलक देखा और उनके सामने ही अपनी पैन्ट निकाल दी. मेरा 7 इंच का लंड टाइट हो कर मेरे अंडरवियर के अन्दर से ही आंटी की जवानी को सलामी दे रहा था.

वो मेरे खड़े लंड को देख कर मुस्कुरा दीं. मेरा लंड निहारते हुए आंटी बोलीं- मैं चाय बना देती हूँ, तुम तब तक नाइट पैन्ट पहन लो.
मैंने कहा- ओके.

सुनीता आंटी कसे हुए पेटीकोट और ब्लाउज में क्या मस्त माल लग रही थीं. उनकी बड़ी सी गांड, गदराया हुए जिस्म, बड़े बड़े चूचे … उफ़फ्फ़ …
आंटी अन्दर चली गईं. मैं आंटी की मदभरी काया देख कर लंड सहलाने लगा.

तभी उन्होंने आवाज देते हुए कहा- समीर रसोई में आ जाओ … गैस पर अपने हाथ सेंक लो … बाइक चलाते चलाते तुम्हारे हाथ काफ़ी ठंडे हो गए होंगे.

मैं बिना नाइट पैन्ट के उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया. मेरा लंड फुल टाइट हो गया था. मैं सुनीता आंटी की गदराई गांड से लंड टच करते हुए अपने हाथ आगे करके गैस पर सेंक रहा था. मेरे दोनों हाथ आंटी के शरीर के दोनों तरफ से निकल कर आगे थे. वो भी मेरे लंड का टच पाते ही थोड़ा सा पीछे को सरक गईं, जिससे मेरा लंड उनकी गांड की दरार में सैट हो गया.

सुनीता- समीर क्या बात है … तुमको सर्दी कुछ ज्यादा ही लग रही है और तुमने नाइट पैन्ट अब तक क्यों नहीं पहनी?
मैं- आंटी … वो मेरी अंडरवियर गीली है.
इस पर उन्होंने कहा कि गीली अंडरवियर नहीं पहनते … जाओ अंडरवियर उतार कर नाइट पैन्ट पहन लो.
मैंने कहा- आंटी आप बस ऐसे ही खड़ी रहो … मैं अंडरवियर उतार कर नाइट पैन्ट पहन लेता हूँ. मुझे आग में बदन को सेंकना अच्छा लग रहा है.

आंटी हंस दी.

मैंने अपनी अंडरवियर निकाल कर फेंक दी और पीछे से अपना नंगा लंड आंटी की गांड में लगा दिया. वो नंगे लंड का अहसास पाते ही और थोड़ा पीछे को सरक आईं. मैंने भी हिम्मत करके आंटी से चिपक गया और धीरे से आंटी की गर्दन पर किस कर दिया.

सुनीता आंटी खुद भी गर्म हो गयी थीं. फिर भी उन्होंने मुझे पीछे धक्का दे दिया. जब वो पीछे पलटीं, तब मेरा 9 इंच लंड, जो फुल टाइट हो चुका था … उसको देख कर कुछ कह ना पाईं. मैं उनके पास हो गया और उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया. वो कुछ ना बोलीं. मैंने उनको किस करना स्टार्ट कर दिया. एक दो पल की झिझक के बाद वो भी मेरा साथ देने लगीं.

तभी गैस पर रखी हुई चाय उबल गई और ज़मीन पर गिरने लगी. आंटी को एकदम से होश आया और उन्होंने पलट कर गैस बंद कर दी. मैंने उनको अपनी बांहों में ले लिया और धीरे से हाथ आगे करके उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया. पेटीकोट ने सुनीता आंटी की कमर को छोड़ दिया और वो नीचे गिर गया.

सुनीता आंटी काफ़ी गर्म हो गयी थीं. उनकी चिकनी टांगें देख कर मेरा काबू हवा हो गया.

उन्होंने थरथराते हुए कहा- आआहहह बेटा … ये क्या कर रहे हो … अपनी माँ के साथ!
मैं- आंटी ये आप क्या कह रही हो, आप सुनीता आंटी हो … मेरी माँ सुमन नहीं हो.

सुनीता आंटी का जवाब सुन कर मैं चौंक गया.
सुनीता- समीर, मैं हमेशा Xforum पर माँ बेटे की चुदाई की कहानियां पढ़ती हूँ. मुझे माँ बेटे का सेक्स बहुत अच्छा लगता है … तुम आज मेरे बेटे बन जाओ, मैं भी आज तुम्हारी माँ सुमन बन जाती हूँ.

मैं भी आंटी को चोदने का ये मौका नहीं जाने देना चाहता था. मैं भी Xforum पर माँ बेटे की चुदाई कहानियां पढ़ना पसंद करता हूँ. अपने सामने इतनी सेक्सी औरत हो, तो कौन चोदना नहीं चाहेगा.

मैंने अपनी बांहें फैला कर उनको पास बुलाया. तब वो मुझसे चिपक कर मुझे बेताबी से किस करने लगीं- मैं बहुत प्यासी हूँ समीर मेरे बेटे … आहह आज तुम अपनी माँ की प्यास बुझा दो बेटा.
मैं- उम्महा मुउहा उफ मम्मी … आपका बेटा आज आपको चोदना चाहता है … तुम कितनी सेक्सी हो मम्मी.

अब मुझे मेरे सामने अपनी मम्मी दिखने लगी थीं. मैं आज आंटी को अपनी मम्मी सुमन समझ कर चोदने की कल्पना करने लगा.
सुनीता- उम्महाअ समीर बेटे … आज तेरी माँ अपने बेटे से चुदवाएगी.

मैं मम्मी को बेडरूम में लेकर गया और बेड पर लिटा दिया. मैं उनको किस कर रहा था, वो भी मेरा साथ दे रही थीं. उनके होंठों को किस करते करते मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया. वो ब्रा पैन्टी में क्या मस्त सेक्सी माल लग रही थीं.

मैं उनको किस करते करते उनके मम्मों को दबा रहा था. मम्मी के चूचे काफ़ी मुलायम लग रहे थे.

रोल प्ले करते करते सुनीता मम्मी ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया- आहह बेटा … तेरा लंड तो बहुत बड़ा है बेटे … मैंने अभी तक इतना बड़ा लंड कभी नहीं देखा … आह इतना बड़ा लंड मेरी रियल लाइफ में पहली बार मुझे चोदेगा.

मैंने उनकी ब्रा और पैन्टी को निकाल दिया. अब हम दोनों माँ बेटे पूरे नंगे हो गए थे. मैंने मम्मी की चूचियां चूसते हुए कहा- आहह मम्मी तुम्हारा जिस्म बहुत सेक्सी है मम्मी.

सुनीता माँ- आह चूस लो … चाट लो आज अपनी माँ के दूध निचोड़ लो मेरी जान … अपनी माँ के प्यासे जिस्म की आग बुझा दो बेटा.

मैं सुनीता मम्मी के निप्पलों को चूसते हुए अपने एक हाथ दो उंगलियों को उनकी चुत में डाले जा रहा था. मम्मी की चुत एकदम सफाचट थी और थोड़ी बड़ी थी. ऐसे लग रही थी कि जैसे उनकी चुत बिल्कुल मेरे लंड के लिए ही बनी हो.

सुनीता मम्मी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उईईइइ ममाँआ … बेटा आहह चूस ले अपनी माँ के दूध को आहह … और चूस मेरे बेटे.

मम्मी इतना गर्म हो गयी थीं कि अपनी गांड नीचे से ऊपर उठा उठा कर अपनी चुत में फिंगरिंग का मज़ा ले रही थीं.
मैं- उम्म्महाआ आहह मम्मी … आज से तुम इस बेटे की रंडी माँ बन गयी हो. मैं हमेशा तुम्हें चोदूँगा … आह अपनी माँ को बहुत प्यार करूँगा.

फिर मैं धीरे धीरे मम्मी के मम्मों से नीचे होते हुए उनकी नाभि में जीभ डाल कर चाटने लगा. वो तो समझो बस लंड के लिए तड़प रही थीं.

फिर मैंने उनको सीधा लिटाया और उनकी चुत को चाटने लगा. उफफफ्फ़ कितनी टेस्टी चुत थी. चुत में से नमकीन रस निकल रहा था. मैं पूरी जीभ चुत में डाल कर मम्मी को मज़ा दे रहा था. वो मेरे सर के बाल पकड़ कर चुत पर दबा रही थीं. मैं उनकी प्यासी चुत को चाटे जा रहा था.

फिर तभी मैंने उनकी गांड के छेद में एक उंगली डाल दी.
सुनीता मम्मी- आहह समीर बेटे आहह उउउंम्म उउऊइई माँआआ आहह चाट ले अपनी मम्मी की चुत को. मुझे भी अपने बेटे का लंड चूसना है.

ये सुनकर मैं कुछ पल बाद 69 की पोज़िशन में आ गया. अब वो मेरे लंड को चूस रही थीं. साथ ही नीचे से गांड उठा उठा कर चुत चुसवा रही थीं.

अचानक उन्होंने अपनी कमर ऊपर को उठाते हुए पानी छोड़ दिया. मैंने उनका नमकीन पानी पी लिया. मैं अब अपनी सुनीता मम्मी को चोदना चाहता था. मैंने उसकी दोनों टांगों अपने कंधे पर रखा और लंड को चुत पर सैट कर दिया.

मैं- मम्मी, आपकी चुत में अपने बेटे का लंड जाने वाला है.
मम्मी ने बस नीचे से कमर उठा कर हम्मह कहा.
“हां मम्मी, अपने बेटे के लंड के लिए तैयार है.”

मैंने एक ही झटके में अपना पूरा 9 इंच का लंड चुत में डाल दिया. वो लंड के झटके को बर्दाश्त नहीं कर पाईं- आहाहह मर गई बेटे … तेरा लंड बहुत बड़ा है … आहह मैं बहुत दिनों बाद चुदवा रही हूँ … जरा धीरे चोद बेटा.

मैंने उनकी बात को अनसुना कर दिया और दूसरा झटका मार दिया. वो मेरे लंड के तगड़े झटकों को बर्दाश्त नहीं कर पाईं और चिल्लाने लगीं- साले मादरचोद … धीरे चोद.
मैं उनकी चिल्लपौं को सुने बिना तेजी से दबादब चोदे जा रहा था. एक मिनट बाद वो भी मस्त हो गईं और अब वो भी खुल कर चुदवाने लगी थीं.

मैं- आह मम्मी लो अपने बेटे का लंड … आपके बेटे का लंड आज आपकी चुत फाड़ देगा.
“उफ्फ़ बेटा आअहह … चोद दे अपनी माँ को … अपने मूसल जैसे लंड से फाड़ दे चुत को … आआहह!”

लगातार 30 मिनट की चुदाई के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था, तो मैंने कहा- मम्मी मेरा रस निकलने वाला है … कहां डालूं?
वो कहने लगीं- बेटे मेरी चुत बहुत प्यासी है … अन्दर ही डाल दे अपनी मम्मी की चुत में!

कुछ तेज धक्कों के साथ में मैंने सुनीता मम्मी की चुत में अपना गर्मागर्म वीर्य निकाल दिया.
हम दोनों थक कर लेट गए.

इसके बाद तो आंटी मेरी पक्की जुगाड़ बन गई थीं. बाद में मालूम हुआ कि उनके पति भी उनको छोड़ कर चले गए थे.
 
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मेरी मस्त सेक्सी मॉम की पटाखा जवानी


मेरा नाम गुरू है. कहानी के शीर्षक से ही आपने समझ लिया होगा कि मैं यहां पर किसके बारे में बात करने वाला हूं. इसलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए मैं अपनी बात को शुरू कर रहा हूं.

मैं एक हाई क्लास रिच फैमिली से हूं. हाइट 5.9 फीट की है और रंग एकदम गोरा है. उम्र 20 साल है और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूं. मुझे पोर्न मूवी देखना बहुत पसंद है. मेरे घर में सब तरह का ऐश है लेकिन मेरी कोई सेक्सी गर्लफ्रेंड नहीं है.

कई बार मैंने लड़कियों को पटाने की कोशिश की लेकिन कोई जवान सेक्सी लड़की अब तक मेरी गर्लफ्रेंड नहीं बन पाई. इसलिए मैं पोर्न देख कर मुठ मार लिया करता हूँ और अपनी जवानी की आग को शांत कर लेता हूं.

दोस्तो, मेरे पिताजी का दुबई में बिजनेस है और इस कारण वो अक्सर घर से बाहर ही रहते हैं. वो भारत में कम ही आ पाते हैं. घर पर मेरी मॉम और मैं ही रहते हैं. उन्हीं के बारे में यह कहानी है.

मॉम की उम्र 39 साल के करीब है लेकिन उन्होंने खुद को इस तरह से मेंटेन करके रखा हुआ है कि वो 27-28 साल की जवान लड़की की तरह दिखती हैं. वो रोज योग करती हैं और अपनी डाइट पर भी पूरा ध्यान देती हैं. यही उनकी फिटनेस का राज है.

मेरी सेक्सी मॉम के बदन के बारे में बात करूं तो उनका फीगर 36-28-38 का है. आपको फिगर से ही पता लग गया होगा कि मेरी मॉम की गांड कितनी मस्त होगी.

उनकी आंखें भूरी हैं और फेस कट बहुत ही क्यूट है. लंबे काले बाल उनकी गांड तक पहुंच जाते हैं. जब चलती है तो उनकी कमर की लचक किसी को भी घायल कर सकती है. हमारी सोसायटी के सारे बुड्ढे, अंकल, धोबी, दूध वाला, सफाई वाला और यहां तक कि मेरे दोस्त भी मेरी मॉम पर लट्टू हैं.

मेरे दोस्त जब भी मेरे घर आते हैं तो वो वो साले मुझसे कम और मेरी सेक्सी मॉम से ज्यादा बातें करते हैं. इतने ठरकी हैं साले कि अगर मैं उनके सामने न रहूं तो वो मेरी मॉम को पकड़ कर चोद ही दें. उनकी नजरों में से मॉम के बदन पर हवस साफ टपकती रहती है.

हमारे पड़ोस के अंकल भी हमारे घर बार-बार किसी न किसी बहाने से आ जाते हैं. वो भी मेरी मॉम से ही बात करते हैं. इसका कारण मुझे अच्छी तरह से पता है. कारण है कि मॉम सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए जाती है.

मेरी मॉम सुबह जब योग करने के लिए अपनी टाइट फिटिंग वाली पैन्ट्स में बाहर निकलती है तो आस-पड़ोस के अंकल मेरी मां की मटकती हुई गांड को देखने के लिए उनके पीछे पीछे चल पड़ते हैं. सब के सब कमीने हैं साले. हवस के भूखे भेड़िये. मगर उन लोगों की भी गलती नहीं है. मेरी मॉम है ही इतनी सेक्सी.

एक बात मेरी मॉम की हमेशा मुझे अच्छी लगती है. वो इतनी मॉडर्न है कि उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता है कि कौन उनके शरीर में क्या देख रहा है, लोग उनके बारे में क्या बात कर रहे हैं. वो अपने में ही मस्त रहती हैं.

मेरी मॉम के बारे में इससे पहले मैंने भी कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन एक घटना ने मेरे देखने का नजरिया बदल दिया. उस दिन के बाद से वो मुझे मॉम कम और माल ज्यादा लगने लगी.

पिताजी उस वक्त दुबई में थे. उस दिन मैं अपनी कोचिंग क्लास के लिए घर से निकल रहा था. तभी पड़ोस वाले शर्मा अंकल को देखा जो कि हमारे ही घर की तरफ आ रहे थे. अपने घर की तरफ आते हुए मैंने उनको टोक दिया.

मैं- हैल्लो अंकल, आप यहां कैसे?
शर्मा अंकल- बेटा तुम्हारी मॉम से कुछ काम था मुझे. उनको कुछ सामान देना था.
अंकल ने एक कमीनी स्माइल के साथ कहा.

मैं- क्या देना है अंकल? मुझे भी दिखाओ.
शर्मा अंकल- अरे नहीं बेटा, वो सिर्फ मैं तेरी माँ को ही दे सकता हूँ. तू एक काम कर जब तू कोचिंग से वापस आएगा तब पूछ लेना अपनी माँ से. ठीक है बेटा और पढाई बिल्कुल मन लगा कर करना, अब जाओ, तुम्हें देर हो रही होगी.
इतना बोल कर अंकल चले गये.

मुझे शर्मा अंकल का ये बर्ताव समझ नहीं आया. मेरे मन में सौ तरह के सवाल उठ खड़े हुए कि ऐसी भला कौन सी चीज है जो सिर्फ मॉम ही देख सकती है!

जब मैं अपनी कोचिंग क्लास पहुंचा तो देखा कि हमारे टीचर की तबियत खराब थी और उस दिन वो कोचिंग क्लास देने के लिए नहीं आये थे. मैनेजमेंट से बात की तो उन्होंने बताया कि आज क्लास नहीं होगी. इसलिए मुझे घर वापस लौटना पड़ा.

घर पहुंच कर मैंने पाया कि मेन डोर भी अंदर से लॉक नहीं था. मैं अंदर चला गया. जब घर के अंदर पहुंचा तो देखा कि ड्राइंग रूम में ही मॉम की साड़ी उतरी हुई सोफे पर पड़ी थी.

मैं थोड़ा और आगे चला तो उनका पेटीकोट और फिर ब्लाउज पड़ा हुआ था. मेरे मन में शक गहराता जा रहा था. मैंने देखा कि उनके कमरे के पास ही एक पैंट और शर्ट भी पड़ी हुई थी. कमरे के अंदर से कुछ आवाज भी आ रही थी.

यह सब देख कर मेरे मन में उठी जिज्ञासा की लहर मुझे मॉम के कमरे की तरफ धकेलते हुए ले जा रही थी. मैं दबे पांव उनके कमरे के पास पहुंचा तो मैंने देखा कि दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था.
दरवाजे के बिल्कुल पास में पहुंच कर परदे के पीछे से मैंने दरवाजे के अंदर झांक कर देखा. सामने बेड पर मेरी मॉम नंगी लेटी हुई थी. मॉम के बदन पर केवल उनकी ब्रा मुझे दिखाई दे रही थी. शर्मा अंकल उनकी टांगों के बीच में थे और मेरी मां उनको अपनी तरफ खींच रही थी.

मॉम कह रही थी- आह्ह… शर्मा जी, अगर आप नहीं होते तो मेरा न जाने क्या होता. गुरू के डैडी तो हमेशा दुबई में रहते हैं और यहां मेरी जवानी तड़पती रहती है.
शर्मा अंकल- अरे भाभी जी, आप क्यों चिंता करती हैं. मैं तो पैदा ही अपनी भाभी की सेवा करने के लिए हुआ हूं. आह्ह… आपकी सेवा करना तो मेरा पहला काम है।

अब मॉम शर्मा अंकल को किस करने लगी. उन्होंने दो मिनट तक उनको किस किया. शर्मा अंकल भी मेरी मॉम के मुंह में जीभ डाल कर उनकी जीभ से खेलने लगे. उनका सारा थूक मेरी मॉम के मुंह में जा रहा था.

शर्मा अंकल- गुरु की मॉम, तैयार हो जाइये, आपको रॉकेट की सवारी कराने वाला हूँ.
उन्होंने अपने लण्ड पर थूक मलते हुए कहा.
मॉम- शर्मा जी, प्लीज आराम से करना. पिछली बार आप कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गए थे.
डरते हुए मॉम बोली.
शर्मा अंकल- अरे! भाभीजी उस दिन आप लग भी तो रही थी मेरी फ़ेवरेट पोर्नस्टार मिया खलीफा के जैसी. आपको देख कर फिर मुझसे रुका कहां जाता. आपकी जबरदस्त चुदाई तो होनी ही थी.

अंकल ने अपना काला सा लंड अपने हाथ में लिया और मेरी मॉम की प्यारी सी चूत में डाल दिया. मॉम एकदम से पीछे हो गई तो अंकल ने उनको अपनी तरफ खींच लिया और मेरी मॉम की चूत को चोदने लगे.

ये सब देख कर मुझे गुस्सा आ रहा था मगर पता नहीं क्यों मेरा लंड मेरी पैंट में अपने आप ही तन गया था. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं?

फिर मैंने अपनी जेब से फोन निकाला और मॉम की पोर्न वीडियो बनाने लगा. मैं परदे के पीछे खड़ा हुआ था. शर्मा अंकल पूरी ताकत के साथ मॉम को चोद रहे थे. उन्होंने मां के हाथों को पकड़ रखा था और वो अपनी गांड को हिला-हिला कर मॉम की चूत को चोदने में लगे हुए थे.

अंकल के लंड से चुदते हुए मॉम ज्यादा कुछ कर नहीं सकती थी. वो बस केवल आहें भर रही थी. उनकी बड़ी-बड़ी चूची ऊपर नीचे हो रही थी. उनकी चूचियों को देख कर ऐसा लग रहा था कि वो ब्रा को फाड़ कर बाहर ही आने वाली हैं.

रूम में चुदाई की आवाजें थप-थप पट-पट करके गूंज रही थीं.
मेरी मॉम चूत चुदवाते हुए उम्म्ह… अहह… हय… याह… इश्शस … करके बार-बार सिसकारियां ले रही थी. इससे अंकल का जोश और ज्यादा बढ़ रहा था.

मॉम और अंकल की चुदाई लीला देख कर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपने लंड को हिलाऊं या फिर पोर्न वीडियो शूट करूं. मुझसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो रहा था.

शर्मा अंकल- ऊऊम्म्म … भाभी जी … दूसरे राउंड के लिये रेडी हो जाइये।
अब शर्मा अंकल ने मॉम को कमर से पकड़ कर उठाया और किस करने लगे, अपनी पूरी ताकत से मॉम की जीभ को अपने मुंह में खींचने लगे. ऐसा लग रहा था जैसे वो मॉम की जुबान ही निगल लेंगे.

सारा थूक मॉम के मुंह से गिरता हुआ उनकी मस्त मुलायम चूचियों पर गिर रहा था। यह चीज शर्मा अंकल भी देख रहे थे और फिर वो मॉम की गर्दन को अपनी जीभ से चाटते हुए मॉम की चूचियों पर पहुँच गए.

मां के बूब्स को मुंह में लेकर अब शर्मा अंकल उनका दूध पीने लगे। वो कभी बाईं चूची को मुंह में लेते तो कभी दाईं चूची को मुंह में ले रहे थे। मॉम का पूरा जिस्म उनकी लार से गीला हो चुका था। अब उन्होंने मॉम को बेड पर पटका और घोड़ी बना दिया.

अंकल ने अब मॉम की कमर को पकड़ कर अपनी तरफ जोर से खींचा. इससे मॉम की गांड और ऊंची हो गयी. अब मुझे अंकल से जलन होने लगी थी. मैं सोचने लगा था कि यदि इस मादरचोद अंकल की जगह मैं अपनी मॉम की चुदाई कर रहा होता तो बहुत प्यार से उनकी चूत की चुदाई करता.

ये सब ख्याल अब मेरे मन में मॉम के लिए हवस पैदा कर रहे थे. मेरा लंड बहुत ज्यादा कड़क होता जा रहा था.
शर्मा अंकल मेरी मॉम की गांड पर थप्पड़ मारते हुए- चल मेरी घोड़ी!!
मॉम- ऊउफ्फ्फ… शर्मा जी। आज देखिये आपकी ये घोड़ी आपको कितनी दूर तक सवारी करवाती है … आह्ह।
शर्मा अंकल- ठीक है भाभी जी, चलिये शुरू करते हैं।

अंकल ने मॉम की गांड के छेद में थूका और अपने लण्ड से थूक उनकी गांड पर मलने लगे.
एकाएक उन्होंने मॉम पर थप्पड़ की बौछार कर दी. थपा-थप-थप-थपा-थप. मॉम की गोरी गांड लाल हो गयी. मॉम केवल आहें भर रही थी.

ये सब देख कर मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं इस भोसड़ी वाले शर्मा अंकल को यहां मारकर भगा दूं और अपना लंड घुसा कर उसकी जबरदस्त चुदाई कर दूं. मैं ये सब सोच ही रहा था कि तभी अंकल ने मॉम की गांड में अपना काला लंड घुसा दिया.

गांड में लंड घुसते ही मॉम चीखी और वो अंकल के लंड को निकालने के लिए अपने हाथ से उनको पीछे धकेलने की कोशिश करने लगी. मगर अंकल ने मॉम के हाथ पकड़ लिये. वो मॉम की गांड को जबरदस्त तरीके से चोदने लगे.
मॉम चीख रही थी लेकिन अंकल नहीं रुक रहे थे.

मैं भी हैरान था कि इस बूढे खूसट में इतना स्टेमिना कहां से आ रहा है. मगर मेरी मॉम की जवानी थी ही ऐसी कातिल कि किसी भी बूढ़े का लंड जवान हो जाता था.

अंकल मेरी मां की गांड की चुदाई इतने जोर से कर रहे थे कि उनके टट्टे मेरी मां के चूतड़ों पर आकर टकरा रहे थे और चट-चट-चट की आवाज हो रही थी.
अब शायद मॉम को भी मजा आ रहा था क्योंकि मॉम के मुंह से अब दर्द की बजाय आनंद की आवाजें निकलती हुई सुनाई दे रही थीं- ऊऊफफ्फ … शर्मा जी. आप क्या मेरी जान ले कर ही मानोगे!
शर्मा अंकल- अरे भाभीजी आह्ह … क्या करूँ … जब भी आपकी मस्त गांड देखता हूं तो बस पागल सा हो जाता हूँ।

शर्मा अंकल ने मॉम को कमर से पकड़ा और जोरदार चुदाई करने लगे. मॉम के घुटने हवा में थे और फिर चुदाई करते-करते अंकल बहुत तेज हो गए और अचानक से बहुत तेज आवाज़ उनके मुंह से निकली- आह्ह… आह्ह…
मॉम- आह्ह्ह… अह्हह… ऊऊम्म्म… शर्मा जी आपने तो मुझे गीला ही कर दिया।
दोनों हांफने लगे थे.

अंकल ने मॉम को छोड़ दिया और बाजू में लेट गये. मॉम अभी भी घोड़ी ही बनी हुई थी. मॉम की गांड से कुछ सफेद-सफेद सा निकलता हुआ दिख रहा था मुझे.

मॉम और अंकल की चुदाई देख कर मेरे लंड का बहुत बुरा हाल हो गया था. मैंने अपने लंड को निकाला और वहीं पर मुठ मारने लगा. दो मिनट में ही मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकल कर वहीं दीवार पर जा लगी. मैंने अपने लंड का मुंह दबा कर उसको पैंट में घुसा लिया.

मैंने देखा कि मॉम अंकल के हाथ पर सिर रख कर जैसे सो गयी थी. अंकल अपने हाथ से मॉम की चूचियों को दबा दबा कर प्यार कर रहे थे.
मॉम बोली- शर्मा जी, आज तो आपने मेरी जवानी की प्यास बुझा दी पर मेरी गांड में आग ही लगा दी.
शर्मा जी- जानेमन, ये तो कुछ भी नहीं है. आप मुझे मौका तो दो. ऐसी चुदाई करूंगा कि आपसे चला भी नहीं जायेगा.
मॉम- धत्त … आप भी न. ऐसे ही भूखे शेर की तरह टूट पड़ते हैं अपनी भाभी पर.

उसके बाद मॉम उठ गई और बाथरूम की तरफ जाने लगी. मैं अब तुरंत वहां से चुपके से निकल लिया. धीरे से दरवाजे को खोलकर, बिना आवाज किये, दबे पांव मैं घर से बाहर निकल गया.

अब मैं सीढ़ियों पर बैठकर ही अंकल के बाहर आने का इंतजार कर रहा था.

कुछ देर के बाद शर्मा अंकल घर से बाहर निकले. मैंने देखा कि वो अपने कपड़े ठीक करते हुए अपने रास्ते की तरफ बढ़ रहे थे. मगर जाते-जाते उनकी नजर मुझ पर पड़ गई.
शर्मा अंकल- अरे बेटा, इतनी जल्दी घर आ गए? आज क्लास नहीं हुई क्या?
मैं- क्लास तो हुई थी अंकल. आज तो इतनी मस्त क्लास हुई थी कि मैंने आज तक ऐसी क्लास नहीं देखी थी. मगर जब क्लास में मजा आने लगा तभी क्लास खत्म हो गयी.
मेरा इशारा अंकल और मॉम की चुदाई की तरफ था.

अंकल- ठीक है बेटा, ऐसे ही मन लगा कर पढ़ाई किया करो. ऐसा कह कर अंकल अपने घर की तरफ चले गये.
उनके जाने के बाद मैं भी घर में अंदर चला गया.

दोस्तो, उस दिन के बाद से मेरी सेक्सी मॉम की तरफ देखने का मेरा नजरिया बदल गया था.

कहानी के बारे में आगे जानने के लिये अपनी राय दें.
 

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मेरी सगी मॉम के साथ सेक्स



दोस्तो, मेरा नाम रोशन है, मैं 21 साल का हो गया हूँ. आज मैं अपने घर की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं.

मेरे घर में मेरी मॉम मीना देवी, मेरी 23 साल की सुमन दीदी, छोटी बहन 19 साल की चांदनी है और पापा हैं, जो अक्सर बिजनेस के सिलसिले में बाहर रहते हैं.

एक दिन की बात है. रात लगभग 12:30 बजे मेरी नींद खुली. मैं पानी पीने के लिए रसोई की ओर गया गया, तो देखा मॉम के कमरे में लाइट जल रही थी. जब मैंने खिड़की से झांक कर देखा, तो अन्दर का नजारा देखकर मैं दंग रह गया.

मॉम ने अपनी नाइटी को कमर तक उठा रखी थी और अपने और अपने एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही थीं. वे अपने दूसरे हाथ से मम्मों को दबा रही थीं.

ये नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं अपने लंड को सहलाने लगा. मैं समझ गया कि पापा को बाहर गए हुए 2 महीना से अधिक हो गए हैं, इसलिए मॉम का यह हाल है.

लंड सहलाते सहलाते मैं यह भूल गया कि मैं मॉम के कमरे के बाहर खड़ा हूं और वो कभी भी मुझे देख सकती हैं. मैंने खिड़की के बाहर लंड का पानी निकाल दिया. झड़ने के बाद मुझे होश आया, तो मैंने देखा मॉम खिड़की से मुझे देख रही थीं. हम दोनों की नजरें मिलीं, फिर मैं वहां से भाग कर अपने रूम में चला गया.

पहले तो मुझे डर लग रहा था; लेकिन फिर दिमाग में आया कि अगर मॉम ने मुझसे कुछ पूछा, तो मैं भी बोल दूंगा कि आप क्या कर रही थीं.
यही सोचते-सोचते मुझे नींद आ गई.

जब मैं सुबह उठा और अपने कमरे से बाहर आया, तो मॉम रसोई में खाना बना रही थीं. सुमन दीदी मॉम के काम में साथ दे रही थीं और चांदनी अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी.

मॉम ने मेरी तरफ देखा और हल्की सी मुस्कान दी. आज मॉम मुझे कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थीं. मैं रसोई में पानी लेने के लिए गया और दीदी से नजर बचाकर मॉम की कमर पर मैंने एक च्यूंटी काट ली.

मॉम ने कुछ नहीं कहा.

मैं समझ गया कि अगर मैं मॉम को कुछ करूं, तो वह गुस्सा नहीं होगीं, भले ही वह करने नहीं दें.

फिर मैं अपने रोज का काम में लग गया. थोड़ी देर बाद दीदी कॉलेज चली गईं और चांदनी ने भी अपने स्कूल चली गई. आज मैं घर पर ही रुक गया.

मॉम घर का काम खत्म खत्म करके नहाने चली गईं, बाथरूम से निकल कर जब वो अपने रूम में जा रही थीं, तो मैं भी पीछे पीछे उनके रूम में चला गया.
मैंने मॉम को पीछे से पकड़ लिया. उस समय मॉम ने साड़ी पहनी हुई थी और मेरा हाथ मॉम की नंगी कमर पर था.

इससे पहले कि मॉम कुछ बोलतीं, मैं अपना हाथ उनके मम्मों की ओर बढ़ाने लगा.
मॉम ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं- क्या कर रहे हो … यह गलत है.

लेकिन वे मुझे छूटने की कोशिश नहीं कर रही थीं जिससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई, मैंने कहा- मॉम इसमें गलत क्या है? मैं तो इससे बचपन में पहले भी खेल चुका हूं.
मॉम ने कहा- बेटा वो बचपन की बातें थीं, अब तुम बड़े हो गए हो.
मैंने कहा- तो क्या हुआ … हूँ तो मैं तुम्हारा ही बेटा ना.

मेरा हाथ अभी भी मॉम की चूची पर जमा हुआ था और मैं उसे दबा भी रहा था.
इससे मॉम की अन्दर की आग धधक उठी थी. मॉम थोड़ी देर चुप रहीं, फिर बोलीं- मुझे भूख लगी है, चलो पहले चलो खाना खाते हैं.
मैं समझ गया कि मॉम को सोचने के लिए थोड़ा सा वक्त चाहिए. लेकिन मुझे यकीन था कि अगर मॉम मना भी करेंगी, तब मैं उन्हें मना लूंगा.

फिर हम दोनों खाना खाने चले गए. खाना खाने के बाद मॉम अपने रूम में गईं और मैं भी पीछे पीछे उनके रूम में आ गया.
मैंने पूछा- तो मॉम, क्या सोचा है?
तो मॉम ने हल्की सी मुस्कान दी और बोलीं- तो तुम मानोगे नहीं.

मैंने ना में सर हिलाया, तो मॉम ने कहा कर लो बेटा, जो करना है, लेकिन आज भर ही बस … ये सब रोज रोज नहीं होगा.

मॉम का उत्तर सुनते ही मैंने मॉम को जकड़ लिया और उनके होंठों पर जोर से किस करने लगा. मॉम भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. मेरा एक हाथ मॉम की चूची पर था और दूसरा हाथ उनकी कमर को सहला रहा था.

दस मिनट बाद हम दोनों की चूमाचाटी खत्म हो गई. मैंने मॉम को बेड पर लिटा दिया और गर्दन को चूमते हुए उनकी भरी हुई चूचियों पर आ गया. मैं ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूची को काटने लगा. मॉम की आंखें बंद थीं और होंठ थोड़े से खुले हुए थे. वह मस्ती में पूरा मजा ले रही थीं.

मॉम के ब्लाउज के बटन मैंने खोल दिए. उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थीं. उनकी पहाड़ जैसी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे सामने नंगी थीं, जिन्हें देखकर मैं पागल हो रहा था.
मैंने कहा- आपकी चूचियां तो बहुत बड़ी और भारी हैं … इसे कैसे छोटे पिंजरे में बंद करके रखती हो.
मॉम- क्या करूं बेटा … अगर इनको खुला छोड़ दूँ, तो सारा मोहल्ले के लौंडे इनका दूध पीने चले आएंगे.
उनकी इस बात पर हम दोनों हंसने लगे.

फिर मैं मॉम की चुचियों को ऐसे चूसने लगा जैसे कोई छोटा बच्चा दूध पीता है. कभी एक चूची को पीता, तो दूसरी को मसलता और जब दूसरी को पीता, तो पहली को खींचता.
मॉम मेरे सर पर हाथ फेर रही थीं और अपने चूची की ओर मेरे सर को दबा रही थीं. मॉम बोल रही थीं- आह पी जा मेरा सारा का सारा दूध … आह पी जा.

मैं भी जोश में आकर जोर जोर से उनकी चूचियों को चूस रहा था. अब मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया और उनकी साड़ी को कमर तक उठा दिया.
मैंने देखा कि मॉम ने तो आज पेंटी भी नहीं पहनी थी.

मैंने पूछा- मॉम आप पेंटी नहीं पहनती हो?
तो मॉम बोलीं- मैं उसी वक्त समझ गई थी कि यह सब होने वाला है, जब तुम बहाना करके कॉलेज नहीं गए थे.
मैंने कहा- तो आप शुरू में मना क्यों कर रही थीं.
उन्होंने जवाब दिया- बेटा एक औरत को मनाने के लिए तुम्हें थोड़ी तो मेहनत करनी ही पड़ेगी, भले हो वो तुम्हारी मॉम ही क्यों ना हो.

मॉम की चूत पर बड़े बड़े बाल थे. मैंने कहा- मॉम आप अपनी बुर को साफ नहीं करती हो क्या?
तो मॉम ने कहा- हां करती हूं, पर अभी कुछ दिनों से नहीं की है.
मैंने कहा- मॉम मैं साफ कर दूँ?
मॉम बोलीं- बेटा आज ऐसे ही कर ले, बुर साफ करने लगेगा … तो देरी होगी और सुमन, चांदनी आ जाएंगी.

फिर मैं अपने काम में लग गया. मैं मॉम की चूची को चूसने लगा और हाथ से उनकी बुर को सहलाने लगा.

मॉम की कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं. मॉम अपनी आंखें बंद किए हुए पड़ी थीं और ‘आह आह …’ कर रही थीं.

थोड़ी देर बाद मैं थोड़ा रुक गया.
मॉम बोलीं- क्या हुआ बेटा … रुक क्यों गया?
मैंने कहा- मॉम … अब तुम नंगी हो ही गई हो … तो शरीर पर पड़े बेकार के कपड़ों को पूरी तरह से हटा दो.

मॉम ने उठकर अपने सारे कपड़े हटा दिए और बिल्कुल नंगी होकर बेड पर लेट गईं.

उन्हें नंगी अवस्था में देख कर मुझे ऐसा लग रहा था मानो कोई जन्नत की परी मेरे सामने लेटी हो.

फिर मैं उनके दोनों टांगों के बीच में आ गया और उनकी चुत को पीने लगा.
मॉम बोलीं- बेटा, सारा मजा तुम ही करोगे कि मुझे भी कुछ करने दोगे.
मैंने कहा- मैंने कब मना किया है.

ये सुनकर मॉम उठ कर बैठ गईं और मुझे अपने पास बुलाया. मैं उनके पास गया, तो उन्होंने मेरे सारे कपड़े खोल कर मुझे नंगा कर दिया. मेरा मोटा लंबा लंड मॉम के सामने खड़ा था.

मॉम ने पहले मेरे लंड को हिलाया, फिर उसे मुँह में लेकर ऐसे चूसने लगीं, जैसे कोई लॉलीपॉप हो.

लंड चूसने के मजे से मेरे आनन्द का कोई ठिकाना नहीं था. मैं जन्नत की सैर कर रहा था. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. अब मॉम मेरे लंड को चूस रही थीं और मैं मॉम की बुर को जीभ से चाट रहा था.

थोड़ी देर की चुसाई चटाई के बाद हम दोनों झड़ने वाले थे. पहले मैंने मॉम के मुँह में अपना सारा रस निकाल दिया. मॉम सारा का सारा वीर्य की गईं. फिर मॉम ने भी अपना अमृत रस छोड़ दिया. जिसे मैंने भी बेकार नहीं जाने दिया.

हम दोनों थोड़ी देर के लिए शांत हो गए. फिर मैं उठकर मॉम की बुर को चाटने लगा. जीभ उनकी बुर के अन्दर करने लगा, दाने को काटने लगा. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था और मॉम भी जोश में आ गई थीं.

वह मेरे सर पकड़ कर अपनी प्यासी बुर में दबा रही थीं और बोल रही थीं- खा जा इसे …
मैं भी जोश में आकर जोर जोर से चुत चाट रहा था. थोड़ी देर बाद मॉम बोलीं- बेटा, अब नहीं रहा जा रहा है … अब तू मुझे चोद डाल दे … अपना लंड मॉम की चुत में पेल दे … और ना तड़पा.
मैं रुक गया और बोला- मॉम पहले एक वादा करो, तुम रोज़ मुझसे चुदवाओगी.

मैं जानता था कि मॉम इस वक्त किसी चीज के लिए मना नहीं करेंगी.
मॉम ने कहा- हां बेटा मैं तुझसे ही चुदवाऊंगी … जब तुम्हारे पापा नहीं रहेंगे, तो मैं तुम्हारी रंडी बनकर रहूंगी. तुम रोज चोदना मुझे.

मैंने मॉम की दोनों टांगों को फैलाकर उनके बीच में आ गया और लंड को उनकी बुर पर सैट कर दिया. फिर एक जोरदार झटका मार दिया, जिससे मेरा आधा लंड मॉम की बुर में चला गया.
मॉम मचल उठीं और उनकी हल्की सी चीख निकल गई उम्म्ह… अहह… हय… याह…

मैंने कहा- मॉम तुम तो इतनी बार चुदवा चुकी हो … फिर तुम्हें क्यों दर्द हो रहा है?
मॉम बोलीं- अभी दो-तीन महीने से नहीं चुदवाई हूं ना … इसलिए.

फिर मैंने दूसरा झटका दिया और मेरा पूरा लंड मॉम की बुर में चला गया.

दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई थी. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि पहली बार में ही मैं अपनी मॉम को चोद दूंगा.

अब मैं तुझे झटके मारने लगा और मॉम भी नीचे से कमर हिला हिला कर मेरा पूरा साथ दे रही थीं. वे सेक्सी सिसकारियां ले रही थीं और धीमी आवाज में बोल रही थीं- चोद दे मादरचोद … अपनी मॉम को चोद दे … और जोर से चोद … साले रंडी बना कर चोद … आह अपनी मॉम की चूत को फाड़ दे … आह मेरी चूत को बना दे भोसड़ा.

मैं भी उन्हें मजे में चोद रहा था और बोल रहा था- हां मॉम … मेरी रंडी मॉम … मैं तुम्हें इसी तरह रोज चोदूंगा, तुझे अपनी रंडी बनाकर रखूंगा.

थोड़ी देर बाद मैं थक गया और मॉम को भी पता लग गया, तो मॉम ने मुझे रुकने का इशारा किया.
फिर मैं नीचे बेड पर लेट गया और मॉम मेरे ऊपर आ गईं, मॉम ने लंड को अपनी बुर में सैट किया और उस पर बैठकर चुदवाने लगीं.

मॉम मेरे लंड पर ऐसे कूद रही थीं, जैसे वह घोड़े की सवारी कर रही हों. इस घुड़सवारी से मुझे मॉम को घोड़ी बना कर चोदने का ख्याल आया. मैंने मॉम को रुकने के लिए कहा और उन्हें घोड़ी बना दिया. मैं उनके पीछे जाकर लंड को बुर में पेल कर चोदने लगा.

दस मिनट बाद मॉम का बदन अकड़ने लगा था. वह बोल रही थीं- आह और जोर से चोदो बेटा … और जोर से चोदो.
थोड़ी देर बाद मॉम ने अपना पानी छोड़ दिया. उनका शरीर ढीला पड़ गया और वो बेड पर लेट गईं.

मैंने मॉम को सीधा करके अपना काम जारी रखा. अब मेरा भी पानी निकलने वाला था, मैंने मॉम से बोला- रस कहां निकालूं?
तो मॉम ने कहा- बेटा अन्दर ही अपना पानी निकाल दो, मैं तुमको महसूस करना चाहती हूं.

थोड़ी देर बाद मैंने अपना सारा पानी मॉम की चुत में निकाल दिया. हम दोनों थोड़ी थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे.
फिर मैं बोला- मॉम एक बार और हो जाए.
मॉम हंस कर झिड़की देकर बोलीं- पागल हो गए हो क्या … इतनी चुत चुदाई करने के बाद तुम्हारा मन नहीं भरा.
मैंने प्लीज़ बोला, तो मॉम बोलीं- बेटा तुम्हारी बहनों के आने का समय हो गया है … और मैं कौन सी भागी जा रही हूँ जब समय मिले, चोद लेना मुझे.

मैं मॉम की बात मान गया.

रात को मैंने मॉम के कमरे में जाकर उनकी चूत बजाई.

अब हर रोज तो कॉलेज नहीं छोड़ सकता था, फिर भी समय निकाल कर हम दोनों चुदाई कर लिया करते.
 

junglecouple1984

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hot story bhai....waiting for next one...thx
junglecouple1984
Thanks for your comments .. and reply
 

Premkumar65

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Story1 :- मामा ने मेरी आपा को चोदा​





माँ बेटी सेक्स कहानी में मैंने अपने सामने अपनी अम्मी को उनके मुंहबोले भाई से चुदाई करवाती देखा. फिर मेरी बड़ी बहन को भी मेरे मामा के नंगी करके मेरी अम्मी के सामने ही चोदा.

सभी लंड वालों को और चूत वालियों को मेरा सलाम!
मैं आलम अलवर से आपके सबके लिए लाया हूँ अपनी कहानियों की शृंखला में अगली कड़ी.

में आपने पढ़ा था कि मेरी अम्मी को बिहारी और बबला ने रगड़ रगड़ के चोदा. मेरी रण्डी माँ मेरे सामने ठेकेदार और मजदूर से चुदी!

अब आगे माँ बेटी सेक्स कहानी:

शाम को मैं और मेरी बहन महजबीं और अम्मी काम से घर जाने लगे.

रास्ते में हाफिज मामा की दुकान पर सामान लेने के लिए मैं और अम्मी रुक गए.
महजबीं घर चली गयी.

हाफिज मामा- आओ आपा बैठो!
अम्मी- आज तो थक गई भाई जान काम पे!

हाफिज मामा इशारों में बात करते हुए- क्यों आज डबल मजदूरी कर ली क्या?
मैं छोटा था तो कुछ समझ नहीं पा रहा था.

अम्मी- हां भाई जान, आज दो दो मिल के मार रहे थे.
हाफिज मामा- फिर तो आज मुझे नहीं मिलेगी क्या?
अम्मी- नहीं भाई जान! आज के लिए तो माफ कर दो, सूज के पाव रोटी हो गयी है!

हाफिज मामा- वो सब मुझे नहीं पता, मुझे तो आज ही चाहिए!
अम्मी- अच्छा बाबा आप जीते में हारी!

फिर हाफिज मामा ने अम्मी को चुम्मा और सामान दे दिया.
मुझे भी आइसक्रीम दे दी.
हम घर आ गए.

घर पर आज अमीरा ने खाना पहले से तैयार रखा था.

अम्मी ने मुझे हाफिज मामा को बुलाने को कहा.
मैं- अम्मी, मैं अकेला नहीं जाऊंगा, अमीरा आपा को भेजो मेरे साथ!
अम्मी- ठीक है, जाओ जल्दी आ जाना!

हाफिज मामा दुकान बंद कर रहे थे.

अमीरा- हाफिज मामा, अम्मी ने खाने के लिए बुलाया है.
हाफिज मामा- तेरी अम्मी तो आज लेने नहीं देगी तो आज तुझे देनी पड़ेगी फिर से!
मैं बीच में बोला- अमीरा आपा को क्या देनी पड़ेगी? और अम्मी क्या नहीं लेने दे रही?

हाफिज मामा- बेटा, रजाई की बात कर रहा हूँ.
मैं- तो क्या हुआ, आज आप मेरी ले लेना!

इस पर अमीरा आपा और हाफिज मामा जोर जोर से हँसने लगे.

हाफिज मामा- नहीं बेटा, तेरी छोटी है, फट जाएगी.

अमीरा- अम्मी की कब से ले रहे हो?
हाफिज मामा- बहुत वक़्त से … यह आलम मेरा बेटा है.
मैं- हां मामू, मैं आपका ही बेटा हूँ.

अमीरा- ठीक है मामा, कोशिश करूँगी! पर अम्मी जाग गई तो क्या होगा?
हाफिज मामा- क्या होगा … दोनों की ले लूंगा साथ में! आज सोने नहीं दूंगा दोनों को!

अमीरा- ठीक है. अब चलें, खाना ठंडा हो रहा है।

हम घर आ गए तो अम्मी ने खाना लगा दिया.

सब लोग खाना खाकर सोने के लिए चले गए.
महजबीं और अमीरा दूसरे कमरे में सोने चली गई।

मैं अम्मी साथ में सोने चला गया।
हाफिज मामा बाहर सोने चले गए।

मैं- अम्मी, मुझे मामा के पास जाना है उनके पास सोना है.
अम्मी- नहीं बेटा, मुझे अकेले में डर लगेगा.

मैं- तो अम्मी मामा को यहां बुला लूं क्या?
अम्मी- ठीक है बाबा, बुला ले!

मैं मामा को बुलाकर लाया.
अम्मी- भाईजान, आप यहीं सो जाओ. आलम ने जिद पकड़ ली है.
हाफिज मामा- ठीक है आपा.

फिर सब सो गए.

रात को 12 बजे अमीरा मामा के पास आई और वहीं उनको पकड़ कर लेट गई।

हाफिज मामा ने उसको कस के पकड़ लिया और अमीरा के होठों को चूसने लगे।
अमीरा भी उनका पूरा साथ दे रही थी।

मैं ये सब रजाई के अंदर से देख रहा था.

अब मामा ने मेरी बहन की कुर्ती को निकाल अलग कर दिया और उसकी चूचियों से खेलने लगे।

अमीरा भी मामा के लंड को पजामे के अंदर से मसलने लगी।

अब मामा सलवार के अंदर से अमीरा की चूत पे हाथ फेरने लगे।
अमीरा सिसकारियां लेने लगी।

अमीरा फुसफुसाती हुई- अब जल्दी से कर ले! वरना तेरी रंडी उठ जाएगी.
मामा- तू भी तो मेरी रंडी है।
अमीरा- हां मेरे आका, मैं भी आपकी रंडी हूँ। अब जल्दी करो मेरी जान, आग लगी हुई है मेरी चूत में!

मामा- साली हरामखोर, दिन में तो अच्छे से बजा के गया हूँ।
अमीरा- क्या करूँ मेरे राजा, तेरा लंड ही इतना मस्त है कि बार बार लेने का मन करता है।

अब मेरी बहन मामा का पजामा खोलकर उसके लंड को चूसने लगी.
मामा मजे से लंड चुसवाने लगे- आह मेरी रांड, तू तो रंडी की तरह चूस रही है. आह मेरी जान, मजा आ गया।

अब मामा जोर जोर से मेरी बहन का मुंह चोदने लगे.

इतने में अम्मी जाग गई और बहन को मामा के साथ नंगी देखा तो बोली- भाई जान, ये क्या कर रहे हो? ये तो आपकी बेटी जैसी है. आपको शर्म नहीं आती? ये सब कब से चल रहा है?

अम्मी ने अमीरा को एक थप्पड़ मार दिया।
अमीरा रोते हुए अम्मी से- मुझे पता है आप और मामा रोज चुदाई करते हो. मैंने आप दोनों को कई बार चुदाई करते हुए देखा है। आप तो कई लंड खा चुकी हो मुझे सब पता है।

अम्मी रोते हुए- हां मैं तो रंडी हूँ, 100 लंड से ज्यादा खा लिए हैं। पर तू भी कोई पाकसार लड़की नहीं है। मैंने भी तुझे मोहल्ले के कई लड़कों से चुदाई करते हुए देखा है। कल ही तो बबला कारीगर का लंड खा के आई है ना? कम से कम हाफिज को तो छोड़ देती मेरे लिए! तेरे अब्बू के जाने के बाद से यही मेरा खसम है।
अमीरा गुस्से से- तो क्या हुआ? मेरी सील भी मामा ने तोड़ी है। ये मेरे भी खसम हैं।

इस पर अम्मी ने अमीरा को 2 थप्पड़ और लगा दिए।
अमीरा ने भी अम्मी को 1 थप्पड़ लगा दिया।

मामा दोनों को शांत करवाने लगे- आज से तुम दोनों मेरी बीवियां हो, अब मैं तुम दोनों के बिना नहीं रह सकता। अगर मेरी बात दोनों को मंजूर हो तो बोलो. वरना मैं दुकान मकान बेच के कहीं दूर चला जाऊंगा.

इस बात से दोनों घबरा गई और दोनों एक साथ मंजूर बोल पड़ी।

अम्मी- ठीक है, आज से आप हम दोनों के खसम हो. एक रात इसके साथ, एक रात मेरे साथ गुजार लेना।
अमीरा- अम्मी जब हम दोनों का एक ही खसम है तो बारी बारी से क्यों आज से हम दोनों मिल के अपने खसम को मजा देंगी।

अम्मी बहन को गले लगा के रोने लगी- मुझे माफ़ कर दे बेटी, मैंने तुझे मारा!
अमीरा ने भी रोते हुए कहा- अम्मी, मुझे भी माफ कर दे, मैंने भी आप पे हाथ उठाया.

फिर दोनों गले लगकर एक दूसरे को चूमने लगी।

अब दोनों गर्म होने लगी।

बहन तो पहले से नंगी थी, अब वह अम्मी को नंगी करने लगी।

अम्मी- बेटी, मुझे शर्म आ रही है।
अमीरा- ओहोओ आई बड़ी शर्माने वाली … आज से मैं तेरी बेटी नहीं सौतन हूँ।
अम्मी- रांड पहला हक़ तो मेरा है भाई जान पे!

अमीरा ने अब अम्मी का कुर्ता उतार दिया।
तो अम्मी के बड़े बड़े बूब्स आजाद होकर लहराने लगे।

अमीरा अम्मी के बूब्स चूसने लगी.
अम्मी- आह आह हाय बेटी आराम से … दिन को हरामी बबला ने पकड़ पकड़ के सुजा दिए हैं।

अब मामा नीचे से मेरी बहन की चूत चाटने लगा।
अमीरा- हाय्य आह मेरे राजा … और जोर से चाट … मजा आ रहा है। आज तो चूत में आग लगी हुई है।

उधर अम्मी ने भी नीचे आकर मामा का लंड पकड़ा और मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह मजे से चूसने लगी।

अब मामा अमीरा की चूत और अम्मी मामा का लंड चूस रही थी।

अमीरा से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था- साले कुत्ते के बच्चे भड़वे, अब तड़फा मत और फाड़ मेरी चूत को साले … अब नहीं सह सकती … जल्दी से लंड को डाल!

मामा ने अब लंड अम्मी के मुंह से निकाला और अमीरा की चूत में एक झटके से डाल दिया।

अमीरा की चीख निकल गयी- हाय मेरी मआआ आआ … मार दिया कुत्ते ने! फाड़ दी मेरी चूत … आआई ईईया मेरी माँ!

अम्मी मामा को डांटती हुई बोली- भाई जान आराम से करो. फाड़ोगे क्या मेरी सौतन की चूत?
मामा- इसकी चूत तो कब की फाड़ दी थी। ये तो रंडी ऐसे ही नखरे कर रही है। अब तो इस घर में एक और चूत सील पैक है।

अम्मी- वो तो अपने भाई से सील खुलवायेगी।

मैं अपना नाम सुनकर खुश हो गया।

अब मामा धीरे धीरे अमीरा को चोद रहे थे।

अम्मी अब अपनी चूत अमीरा के मुँह पे रख के चटवाने लगी।
अमीरा चूत चाटती हुई- अब जोर जोर से चोद हरामी … दिखा अपना दम! आह और जोर से … एआईई ईई आईई ओआह आह आहह हहह … मैं तो गयी मेरी जाआन!

अम्मी सिईईई ईई आहहहह हहा करती हुई अमीरा के मुंह मे झड़ गई.
हाफिज मामा भी अमीरा की चूत में झड़ गए।

अब सब हाँफ रहे थे।

थोड़ी देर में अम्मी तैयार हो गयी चुदाई के लिए- साली कुतिया तेरे को तो औजार का मजा आ गया. अब इसे दुबारा तैयार कर … मुझे भी औजार चाहिए … वरना शांति नहीं मिलेगी!

अमीरा ने मामा का लंड चूस कर फिर से तैयार कर दिया.
मामा अम्मी की चूत पे हाथ फेर रहे थे।

अम्मी की चूत का रस मामा के हाथ पे लगा तो मामा ने चाट लिया।
मामा- रहमत मेरी जान, घोड़ी बन जा. पहले तेरी गांड मरूँगा. वरना जल्दी से झाड़ेगा नहीं.

अम्मी घोड़ी बन गई।
मामा ने अपना लंड अम्मी की गांड में डाला और घपाघप चोदने लगा और अम्मी की गांड पे जोर जोर से थप्पड़ मारने लगा।

अम्मी आहें भरने लगी।
पूरा कमरा धप धप की आवाज से गूंजने लगा।

अम्मी- आह आहह हह हहआ आआई ईईया … अब आगे की गर्मी शांत कर दो भाई जान!

मामा ने अब अपना लंड निकाल के बहन को चूसने को कहा।

अमीरा- साले, इस पे तो अम्मी का गूं लगा हुआ है।
पर मामा जबरदस्ती अपना लंड बहन के मुंह में डाल दिया।

मामा के लंड को बहन मजबूरी में चाट के साफ कर दिया।

अब मामा अम्मी की टांगें अपने कंधे पर रखकर जोर जोर से चोदने लगे।

अम्मी ज्यादा टिक नहीं पाई और झड़ गई.
मामा ने अम्मी का रस पी लिया और फिर से चोदने के लिए चूत में लंड डालने लगे।

पर अब अम्मी ने मना कर दिया- अब मेरे राजा, मुझे माफ़ करो. मुझे कल काम पे जाना है।
मामा- मेरी जान, मेरा पानी तो निकाल दे।
अम्मी- लाओ हाथ से मुठ मार देती हूं।

मामा- दो दो रंडियाँ हों … फिर भी खसम को मुठ मारनी पड़े … यह तो शर्म की बात है।
अमीरा- अम्मी तुम सो जाओ, मामा के लंड को मैं सुला दूंगी।

अम्मी मामा के लंड को और अमीरा को चूम के नंगी ही मेरे पास सो गई।

उधार अमीरा मामा के लंड पे बैठकर मशीन की तरह ऊपर नीचे उछलने लगी।
मामा माँ बेटी सेक्स का मजा ले रहा था.

इधर मैं भी अम्मी को नंगी देख कर अपना छोटा लंड निकालकर अम्मी की गांड में डालने की कोशिश करने लगा.
पर अम्मी तो गहरी नींद में सो गयी थी।

मेरे लंड से पिचकारी निकल जाती है, वो अम्मी की गांड पे गिर गयी।

उधर मामा भी घपाघप अमीरा को पेल रहे थे.
कुछ देर में अमीरा अकड़ने लगी- आहहह आहहह … जोर से … और जोर से चोद मामा … मेरा होने वाला है।

मामा भी स्पीड बढ़ा दी.
अमीरा- आआई ईईया एआई ईईई आहहह में ईईई!
मामा- आह आह … मैं भी आया आय्य्यया आह!

तभी मामा का लावा अमीरा की चूत में निकल गया।
मेरी बहन भी मामा के साथ झड़ गई।

फिर बहन कपड़े पहन के महजबीं के साथ सो गयी।
मामा भी बाहर सो गए।

मैं भी अपनी पेन्ट में लंड डाल कर सो गया.

अब आगे की घटना अगली कहानी में।
आपकी क्या राय है इस माँ बेटी सेक्स कहानी पर?
कमेंट्स में बताएं.
Very very hot story.
 

Premkumar65

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Story3 :- अम्मी ने भाई बहन का निकाह करवा दिया​



मेरी पिछली कहानी
अम्मी दामाद के भाई से चुद गई


में आपने पढ़ा कि मेरी अम्मी मुझे साथ लेकर मेरी बड़ी बहन अमीरा का रिश्ता तय करने गई तो रिश्ता तय करने के साथ साथ वे दूल्हे रमीज़ के छोटे भाई कलीम के बड़े लंड से भी चुद आई.

अब आगे फॅमिली ग्रुप सेक्स कहानी:

घर में घुसते ही महजबीं भागती हुई आई- अम्मी अम्मी, बताओ क्या हुआ? रिश्ता पक्का हो गया क्या? कैसे है जीजा जी, उनकी फ़ोटो लाई हो क्या?
अम्मी- अरे रुक तो जा … पहले अंदर तो आने दे!

महजबीं- नहीं अम्मी, पहले फ़ोटो दिखाओ, फिर अंदर आना.

अम्मी ने रमीज़ की फोटो उसको दे दी।
महजबीं फ़ोटो देख कर उदास हो गई।

अम्मी- क्या हुआ, क्यों उदास हो गई?
वह्बोली- अम्मी, ये तो काला है और खूबसूरत भी नहीं है।

अम्मी उसको समझाने लगी- बेटी, तन काला जरूर है पर मन का साफ है। अमीरा बहुत खुश रहेगी. वैसे अमीरा कहाँ है?
महजबीं- अम्मी, वह मामा के यहां गयी है, अब आती होगी.

मैं- अम्मी, मैं उसको बुला के लाता हूँ.
अम्मी- ठीक है, जा बुला कर ला!

मैं मामा की दुकान पर गया पर दुकान बंद थी.
तो मैं मामा के कमरे की तरफ गया.

वहां मुझे मामा और अमीरा की आवाज़ें आने लगी।
मैं चुपके से अंदर देखने लगा.

अंदर अमीरा मामा के लंड पर बैठ के मजे से चुदा रही थी।
मैं बाहर से बोला- आपा, आपको अम्मी बुला रही है।

मामा डर के अमीरा को हटाने लगे पर अमीरा ने रोक लिया और चुदती हुई मुझे बोली- तुम रुको बाहर, मैं मामा से मालिश करवा के आती हूँ।

मैं बाहर की ओर देखने लगा.

मामा- चली जाओ, वरना यह सब बता देगा।
अमीरा- आलम भाई तो भोला है. उसको कुछ नहीं पता. और अगर बता भी दिया तो क्या होगा, अम्मी को तो सब पता है।

मामा- फिर भी … अब जल्दी कर के चलते हैं। तेरे खसम का फोटो भी देखना है।
अमीरा मामा को गुस्से में मुक्के मारने लगी- मेरा खसम तो तुम ही हो। आप कहो तो इस रिश्ते से इन्कार कर दूँ?
मामा- अरे नहीं मेरी जान, शादी कर लो. तन से उसकी, मन से मेरी रहना। अब जल्दी करो अमीरा, फिर घर चलते हैं।

अमीरा अब जोर जोर से उछल उछल के लंड लेने लगी।
कुछ धक्कों में दोनों का रस निकल गया।

अब दोनों कपड़े पहन कर बाहर आ गये।
मैं दरवाजे से थोड़ा दूर हट गया.

वे दोनों बाहर आये।

मैं- आपा, आप नंगी होकर क्यों मालिश करवा रही थी?
अमीरा- जाने दे … तू अभी छोटा है. जब बड़ा हो जाएगा, तब समझ आएगा.

फिर हम घर आ गए।

रात को अमीरा अम्मी से- अम्मी, बताओ रमीज़ कैसा है? कैसा दिखता है? उसका लंड तो बड़ा है ना?

अम्मी ने अपनी चूत उसको दिखाकर बोली- यह हाल उसके छोटे भाई से चुदने के कारण हुआ है। कलीम बोल रहा था कि भाईजान का इससे भी बड़ा है। शुक्र है कि तू पहले से लंड खा चुकी है। वरना जमाई का लंड खा के तू मर जाती।

तब अम्मी पूछने लगी- बता, तेरा दिन कैसा रहा? तूने कितनी बार चुदवाया मामा से?
अमीरा- अभी अभी तीसरी बार चुदवा के आ रही हूं। अब सो जाओ अम्मी. कल बात करेंगे.

फिर हम सब सो गए।

सुबह अम्मी जल्दी उठ गई और चाय बना कर सबको उठाया।

सब चाय पी चुके तो अम्मी बोली- देख महजबी, हमारे यहां का रिवाज है कि घर की सबसे छोटी बेटी पहले अपने भाई के साथ सोती है, फिर उसकी शादी होती है।
महजबीं- अम्मी, मैं तो रोज सोती हूँ आलम भाई के साथ!

अम्मी- देख बेटी, वो सोना नहीं होता. आज मैं तुमको बताऊंगी कि कैसे करना है।

फिर अम्मी अमीरा को कुछ समझा के बाजार चली गई।

अमीरा मेरी बहन को बाथरूम में ले गई और उसके सारे बाल साफ करके उसकी चूत को हल्दी चंदन से साफ किया।

तब तक अम्मी भी बाजार से आ गयी और मामा को अपने साथ लेकर आई।
अम्मी सबके लिए कपड़े खरीद के लाई।
मेरे लिए मस्त सलवार कुर्ता
अमीरा आपा के लिए पीला सूट
औऱ महजबीं के लिये दो जोड़े!

मामा हाफिज के लिए भी मस्त सफेद सलवार सूट लाई।

मैं- अम्मी हम किसी शादी में जा रहे हैं क्या?
अम्मी- हां बेटा, हम तेरी शादी कर रहे हैं।

सब नए कपड़े पहन के तैयार हो गए।

तभी अमीरा महजबीं को तैयार कर के लाई।
महजबीं तो आज कयामत लग रही थी।
आज वो लाल जोड़े में किसी अप्सरा जैसी लग रही थी।

अम्मी ने उसको काला टीका लगाया।
फिर अम्मी मामा को कहने लगी- भाई जान, आप बाराती हो आलम के … और निकाह भी आपको करवाना है।

सब बैठ गए और मामा ने हमारा निकाह करवा दिया।
पूरा दिन रिवाजों में निकल गया।

शाम को अम्मी ने मुझे महजबीं के कमरे में जाने को कहा।

पर अमीरा ने मुझे गेट पर रोक लिया- अरे जीजू, सील खोलने जा रहे हो। अपनी साली का नेग तो देते जाओ. वरना अंदर नहीं जाने दूँगी।

अम्मी- अरे जाने दे मेरे लाल को … ले पैसे मैं दे देती हूं.

अम्मी ने मुझे पैसे दिए, वाही पैसे मैंने अमीरा को दे दिए।
अमीरा- जाओ भाई जान, फतेह करो। और हां, आराम से करना, कच्ची कली है वो अभी!

मैं अंदर गया और उसके घूंघट को खोल दिया।
उसको मुँह दिखाई का नेग दिया जो अम्मी ने मुझे देने को कहा था।

मेरी बहन महजबीं ने मुझे दूध पीने को दिया.
मैंने आधा दूध पी लिया और आधा दूध उसको पीने के लिए दे दिया।

उसने दूध पी लिया, फिर मैं उसके गुलाबी होटों को चूमने लगा।

महजबीं- भाई जान, ये क्या कर रहे हो? मैं आपकी बहन हूँ।
मैं- मुझे नहीं पता, अम्मी बोली है कि तुम उसको नंगी करके चूमना, मजा करना!

महजबीं- भाई जान, मुझे शर्म आ रही है।
मैं- शर्म किस बात की? जब हम छोटे थे तब भी साथ में नंगे रहते थे।

फिर बहन चुप हो गई, मुझे उसके मौन में सहमति मिल गई.

अब मैं उसकी गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों को फिर से चूमने लगा.
बहन भी मेरा साथ दे रही थी।

फिर मैंने उसकी कुर्ती उतार दी और उसके गोल मटोल निम्बू जैसे बूब्स से खेलने लगा.
बहन ने ब्रा नहीं पहनी थी।

मैं देख देख के सब सीख गया था।
अब मैंने बहन को अपना लंड पकड़वा दिया.

तभी मेरी नज़र खिड़की पर पड़ी।
वहां मेरी अम्मी, अमीरा और मामा हाफिज नंगे होकर हमारी सुहागरात देख रहे थे।

मामा ने शायद अम्मी को घोड़ी बना रखा था।

महजबीं मेरे लंड से खेल रही थी।
मैंने उसको लंड चूसने के लिए बोला तो वो इन्कार करने लगी।

मैं ग़ुस्से से- साली रंडी, चुपचाप चूस ले लंड मेरा!
बहन डरकर मेरा लंड चूसने लगी।

अब मैंने उसकी सलवार भी उतार दी और महजबीं की माँसल टांगों को चूमने लगा.

तभी मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी।
उसकी चूत बहुत प्यारी लग रही थी, एकदम गुलाब की कच्ची कली जैसी!

मैंने उसकी प्यारी चूत को किस करके उसकी बुर में उंगली डाल दी.
वह चिहुंक गयी।

उधर खिड़की पर अब अम्मी की जगह अमीरा घोड़ी बनी हुई थी और मामा घपाघप पेल रहे थे।

मैं 69 पोजीशन में आकर मेरी बहन की चूत चाटने लगा तो वह मेरा लंड चूसने लगी।

तभी मेरे दिमाग में आइडिया आया कि क्यों ना सबको यहां बुला लिया जाए?

अब मैं बहन से अलग हो गया।

महजबीं- क्या हुआ भाई जान, हट क्यों गए? मुझे अब मजा आने लगा था।
मैं- आगे क्या करना है, मुझे नहीं पता. रुको अम्मी को बुलाता हूँ. वे समझा देंगी।

मैं नंगा ही बाहर चला गया।
मुझे बाहर देख कर सब डर गए और अलग हो गए।
मैं- आप सबने कपड़े क्यों उतार रखे हैं?

अम्मी और मामा सकपका गए।
लेकिन अमीरा बहन ने बात संभाल ली- वो हम सब मालिश कर रहे थे एक दूसरे की … कल की तरह! वो सब छोड़ो, तुम बाहर कैसे आ गए? डर गए क्या मेरी बहन से?

मैं ग़ुस्से से- डरे मेरी जुत्ती, अम्मी आप सब आओ और मुझे समझाओ कि आगे क्या करना है।
अम्मी- चल बाबा चल अब ये भी सिखाना पड़ेगा तुझे! क्या करूँ तेरी सास से पहले तेरी माँ हूँ. सिखाना तो पड़ेगा।

वे सब नंगे ही मेरे साथ कमरे में आ गये।

अम्मी महजबीं के पास लेट गई और मामा को इशारा करके अपने पास बुलाया।

तब अम्मी बोली- देख बेटा, अब जो मामा मेरे साथ करे, वही तू अपनी बहन के साथ करते रहना.

मामा ने मेरी अम्मी की चूत पर एक किस किया।
मैंने भी महजबीं के चूत पर किस किया.

मामा- देख बेटा, तेरी अम्मी की चूत बड़ी है, उसमें आराम से चला जायेगा., पर महजबीं अभी छोटी है तो आराम से डालना.

फिर मामा ने अम्मी की टांगें कंधे पर रख के अपना पूरा लंड घुसा दिया।

तो मैंने भी महजबीं की टांगे कंधे पर रख के लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश की.
पर हर बार लंड फिसल के बाहर चला जाता.

अमीरा ये सब देख रही थी.
अब वह पास आई और मेरे लंड पर थूक लगाया.
उसने महजबीं की चूत भी थूक से भर दी और मुझे बोली- अब एक जोर का झटका मार भाई जान!

मैंने एक झटका मारा।
बहन रोने लगी- आहह हहह मार दिया मुझे … बाहर निकालो इसको … फाड़ दी मेरी बुर!
अमीरा ने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी और मुझे इशारे से झटका मारने को कही।

मैंने एक जोर का झटका मारा, मेरा पूरा लंड अंदर चला गया।
महजबीं के आंसू आ गए, वह छटपटाने लगी, उम्म्म अह उम्म्म की आवाज़ करने लगी.
उसके मुंह पर अमीरा की चूत थी इसलिए उसकी आवाज़ ज्यादा बाहर नहीं निकल पाई और वह रोने लगी।

अमीरा- साले बहनचोद, अब जल्दी से धक्के मार … रुक क्यों गया?
मैं- महजबीं रो रही है. मैं इसका यह दर्द नहीं देख सकता!

अमीरा- साले, जब किसी की फटती है तो दर्द तो होगा ही! अब धक्के मार … इसको भी मजा आने लगेगा.
फिर मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा।

उधर अम्मी मामा के नीचे घप्पाघप लंड ले रही थी.

अब अमीरा मामा के पास चली गई और उसका लंड निकाल लिया अम्मी की चूत से … और चूसने लगी।

अम्मी- रांड थोड़ी देर और रुक जा, मैं झड़ने वाली हूँ।

इधर महजबीं को मजा आने लगा- आईई ईओ आह उम्म्म आह!
वह भी नीचे से उछलने लगी थी और मुझे अपने बूब्स पर खींचने लगी.

मैं झुककर उसके नींबुओं को चूसते हुए चोदने लगा।
महजबीं- खसम, अब रफ्तार से चोद … मजा आ रहा है!

जोश में आकर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।

अब बहन अकड़ने लगी, वह मुझसे चिपक गई, मैं धक्के लगाता रहा।

कुछ देर बाद अम्मी का पानी निकल गया।
अम्मी अपनी रसभरी चूत को महजबीं से चटवाने लगी।

अब मामा ने अमीरा को घोड़ी बनाया और ताबड़तोड़ चोदने लगे.
अमीरा भी गांड मटका मटका के मजे से चुदवा रही थी।

अब महजबीं का रस निकल गया।
अम्मी उसका सारा रस पी गयी।

सारा पलंग खून से भीगा पड़ा था।

अम्मी- शाबाश बेटा, आज तूने अपनी बहन को लड़की से औरत बना दिया है। अब ये जिसके घर जाएगी, वह बहुत खुश रहेगा।
मैं- महजबीं घोड़ी बन जा, मुझे तेरी गांड मारनी है।

महजबीं घोड़ी बन गई।

अम्मी- रुक, मैं तेल लेकर आती हूँ.

तब अम्मी ने मेरे लंड पर और महजबीं की गांड पर खूब तेल लगा दिया और नीचे लेटकर महजबीं की चूत चाटने लगी.

महजबीं को मजा आने लगा।

उसकी गांड मजे में थोड़ी खुल गई।

मौका मिलते ही एक झटके में मैंने आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया।
महजबीं रोने चीखने लगी- साले रंडी के औलाद … बहनचोद … मादरचोद, साले गांड फाड़ दी। आह हहहह आई ईईओ … मार दिया … अम्मी बचाओ मुझे इस राक्षस से!

अम्मी उसकी चूत चाटने लगी जिससे उसका ध्यान भटक गया।

फिर से एक जोर का झटका मार कर मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया।
महजबीं रोती हुई- आईई ईओ आआई ईईया आय हये … मर गई … फाड़ दी मेरी गांड … ओऊ ऊऊओ हईई ईआ हही इया रे हाय बाहर निकाल ले भाई!

मैं डर कर रुक गया.

उधर अमीरा मामा के ऊपर चढ़कर जोर जोर से चुदवाने लगी।

मैं अब धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा.
महजबीं का भी दर्द खत्म हो रहा था।

महजबीं- साले हरामी जल्दी कर, मुझे पेशाब आया है. जोर जोर से पेल साले … तूने तो मेरा मूत निकाल दिया!
अम्मी- बेटी, तू यही मूत दे. यह कार्यक्रम लंबा चलेगा.

महजबीं मूतने लगी, अम्मी पी गई।

अब महजबीं की चूत फिर से लंड के लिए तड़फने लगी- मेरे बहनचोद खसम, अब चूत में लंड डाल … वहां आग लग गई है।

मैंने अपना लंड निकाल लिया।

महजबीं- पहले अपना लंड अम्मी से साफ करवा ले … इस पर गूं लगा है।

मैंने अपना लंड अम्मी के मुख में डाल दिया.
अम्मी ने लंड को मुँह से चाट के साफ कर दिया।

अब बहन को मैं घोड़ी बनाकर खड़े खड़े चोदने लगा।
बहन भी मजे से चुदवाने लगी।

कुछ देर बाद हमने पोजीशन बदली, बहन लेट गयी और मैं उसकी टांगें कंधे पर रख के घपाघप चोदने लगा.

बाकी सब फॅमिली ग्रुप सेक्स से फारिग होकर हमारी चुदाई देखने लगे।

मेरी बहन फिर से अकड़ने लगी और अपने नाखून मेरे कंधे पर गड़ा दिए, अपनी टांगों से मेरी कमर जकड़ ली- भाईई ईईई जाआन मैं गईई ईईई … मेरे होने वाला है।

इधर मैं भी झड़ने वाला हो गया.
हांफते हुए- आय्य या मेरी बहन!

फिर कुछ धक्कों के बाद हम दोनों झड़ गए।

इसके बाद सबने मुझे और महजबीं को बधाई दी।
महजबीं नंगी ही सबके पैर छूने लगी।

अम्मी- बेटी, तू अब बेटी के साथ साथ मेरी बहू भी है। घर में आलम हो तब सिर पर पल्लू रखा कर!

महजबीं खाली चुनरी सिर पर रख के आ गई.
इस पर सब हँसने लगे।

फिर वह मामा के पैर पड़ी तो मामा ने उसकी गांड पर हाथ फेर के आशीर्वाद दिया।
और जेब से हजार रुपये दिए- ये ले तेरी चूत की दिखाई के!

अमीरा भी उसकी चूत पर हाथ फेर के बोली- तुझे रोज मस्त मस्त लंड मिले और तेरी चूत रस से भरी रहे. मेरी यही दुआ है।

फिर अम्मी ने सबको मिठाई खिलाई।

मामा- यार रहमत, अब तो मुझे भी इसकी लेने दो. सील आलम ने तोड़ दी है।

अम्मी ने सबको अपने पास बुलाया- आलम, एक रस्म बाकी है।
फिर वे एक थाली में दूध लाई- देखो बेटा आलम, इसमें एक अंगूठी डालूंगी अगर तुमने पहले उठाई तो तुम राजा … वरना महजबीं रानी! और हां अगर तुम दोनों को किसी और से चुदाई करवानी पड़ेगी.

अम्मी ने पहले से महजबीं को दे दी।
और महजबीं जानबूझकर दूध में हाथ फेरने लगी.
फिर वो सबको अंगूठी दिखाने लगी।

अम्मी- देखो आलम, महजबीं जीत गई है। अब यह रानी है. मतलब ये कुछ भी करे, तू उसको कभी मना नहीं करेगा. यह किसी से भी चुदवा सकती है। तू मना नहीं करेगा.
मैं- ठीक है अम्मी, आज से यह रानी और मैं इसका गुलाम!

अम्मी- महजबीं, रस्म के हिसाब से अब तुझे किसी ओर आदमी से चुदवाना पड़ेगा अब यहां दूसरा आदमी तेरा मामा हाफिज है। तुझे इससे चुदवाना पड़ेगा!
महजबीं- ठीक है अम्मी, पर मेरी एक शर्त है आपको और अमीरा आपा को मेरे खसम से चुदवाना पड़ेगा। मैंने आपको, मामा और अमीरा आपा को चुदाई करते देखा है. कई बार हम दोनों तड़फ के रह जाते थे. उस दिन आपको बबला और बिहारी से चुदते हुए भी देखा था।

अम्मी- ठीक है बेटी, मैं आज अपने बेटे का लंड ले लूंगी. सास बन के चुदाई के वक़्त सास … और वक़्त अम्मी!
अमीरा खुश होती हुई- मैं भी जीजा से चुदवा लूंगी.

मामा हाफिज- मैं अपनी बेटी या बहू किसको चोद रहा हूँ?
अम्मी- आज से यह आपकी बहू और बेटी दोनों है. चोदते वक़्त बहू … और वक़्त बेटी!

फिर सब चालू हो गए।
मामा महजबीं की चूत में लंड डाल के उसको चोदने लगे.

मैं अम्मी की चूत चाटने लगा।
अमीरा मेरे लंड पर बैठकर उछलने लगी।

कुछ देर बाद अम्मी मेरे सामने घोड़ी बन गई, मैं उनकी गांड मारने लगा.
फिर अम्मी लेट गयी तो उनकी चूत मारने लगा.

पूरा कमरा सिसकारियों से, आहों से, घपाघप की आवाज़ से गूँजने लगा.

अब मामा महजबीं को घोड़ी बनाकर ताबड़तोड़ चोदने लगे।

कुछ धक्कों के बाद अम्मी का रस निकल गया। वे वहीं बिस्तर पर लेट गयी।

अब अमीरा ने मेरे नीचे लेटकर अपनी टांगें खुद मेरे कंधे पर रख दी।

अमीरा- जीजू, जोर से चोद … बहुत मजा आ रहा है. फाड़ ड़े अपनी साली की चूत को!

मामा हाफिज भी महजबीं को लिटाकर चोदते हुए अमीरा से- साली हराम की जनी, भोसड़ी वाली … क्यों मेरे साथ मजा नहीं आता था क्या?
अमीरा- मेरे आका, मेरे खसम, मेरी जान … तब भी मजा आता था, आज भी मजा आ रहा है। यह चूत चीज ही ऐसी है कि लंड अंदर जाते ही मजा आने लगता है … ईई ईईएआई ईईई … जोर जोर से … आहह हह ओह हहह हये ओर जोर से!

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
उधर मामा और महजबीं का भी काम हो गया।

अमीरा भी अब अपना शरीर मेरे से चिपकाने लगी और एक जोर का धक्का खाते ही उसकी चूत ने रस छोड़ दिया।
मैं अभी भी उसको चोद रहा था।

अम्मी- बेटा आलम, अंदर मत गिराना … हम सबको तेरा रस चखना है।

मैंने अपना लंड निकाला तो अम्मी ने महजबीं और अमीरा की चूत को चाट के साफ कर दी।

और अमीरा ने मामा के लंड को चाट के साफ कर दिया।
मामा- आलम रुको, अभी अपना रस मत गिराना. मुझे भी इनके साथ चखा देना!

सब अपने घुटनों पर बैठ गए।
मैं पूरी स्पीड से मुठ मारने लगा।

‘आह मम्म मह उम्म्म उम्म्म’ करके मेरा रस निकल गया।

मैंने सारा रस उन सबके चेहरे पर गिरा दिया.
सब मेरा वीर्य चाटने लगे।

फिर सब थक कर सो गए।

फॅमिली ग्रुप सेक्स कहानी पर अपनी राय मुझे जरूर बताएं.
great orgy of the family. Sab ek se badhkar ek hain.
 

Premkumar65

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कुंवारी बड़ी बहन की चुत चुदाई​







नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दक्ष है. मैं 23 वर्ष का हूँ.

मैंने कई लोगों की कहानी पढ़ी हैं.
उससे मुझे काफी साहस मिला और आज मैं आपको अपनी बहन की चुदाई की कहानी सुना रहा हूं.

हमारे घर मैं मेरे मम्मी पापा, मेरी दो बड़ी बहनें रहती हैं.

मेरी सबसे बड़ी बहन का नाम शालू है.
उनकी उम्र 26 साल है.

उनका फिगर मुझे काफी आकर्षित करता है. उनकी छातियां 36 इंच की हैं और गांड 40 इंच की है.

पहले मेरी बड़ी बहन के लिए मेरे मन कोई गलत विचार नहीं थे.
लेकिन एक दिन जब मैं घर में सब सो रहे थे तो मेरी बहन अपने फोन में एक गंदी वीडियो देख रही थीं.

मैंने उन्हें ये करते हुए देख लिया था.
उस वक्त तो मैंने उनसे कुछ नहीं कहा लेकिन मेरे मन में उनके लिए गलत गलत ख्याल आने लगे और मैं उनके बारे में सोच सोच कर अपना लंड हिलाने लगा.

अब मौका पाते ही मैं कभी कभी दीदी की ब्रा या पैंटी में मुठ मार लेता था.

एक दिन मैंने उनके फोन को चैक किया.
मेरी दोनों बहनें मोबाइल या कंप्यूटर तकनीक में ज्यादा कुछ नहीं जानती हैं तो दीदी को फोन के बारे में ज्यादा नहीं पता था.

उनके फोन का स्क्रीन लॉक मुझे पता था क्योंकि मैंने ही उन्हें लॉक करना सिखाया था.
फिर जब मैंने दीदी के फोन में गूगल की हिस्ट्री को चैक किया तो मैं दंग रह गया.

मैंने उसमें ब्लू-फिल्मों वाली कई वेबसाईट खुली देखीं.
तो मैं चौंक गया कि मेरी बहन पॉर्न देखने की इतनी बड़ी शौकीन है.

लॉकडाउन की वजह से घर के सभी लोग आस-पास ही रहते थे.

मेरी बहन से मैं उनके मोबाईल की गतिविधियों को लेकर कुछ पूछ ही नहीं पाया.

फिर एक दिन मुझे मौका मिला.
उस दिन हमारे किसी करीबी की मौत हो गई थी.
मम्मी पापा और छोटी बहन वहां चले गए थे.

मैंने मौका पाकर दीदी से उनके फोन के बारे में पूछा.
पहले तो वो मना करने लगी.

मैंने उन्हें उनके फोन की हिस्ट्री दिखाई तो वे डर गईं.
वे मुझे समझाने लगीं कि मम्मी पापा को मत बताना. तुम समझ सकते हो एक लड़की की क्या क्या ख्वाहिशें होती हैं. प्लीज तुम किसी से मत बताना. तू जो कहेगा मैं वो करूंगी.

मैंने उनसे अपने साथ सेक्स करने को कहा.
तो वो गुस्सा हो गईं और मना करने लगीं.

मैंने उन्हें समझाया कि ये क्या बात हुई कि आपको सेक्स देखना तो है, लेकिन करना नहीं है.

दीदी कहने लगीं- तू मेरा भाई है … तेरे साथ सेक्स नहीं कर सकती.
मैंने कहा- क्यों लौड़े पर नाम लिखा होता है कि ये भाई का लंड है और ये किसी गैर का लंड है?

मेरी इस बिंदास बात पर वह एकदम से हंस पड़ीं और बोलीं- तू समझता क्यों नहीं है कि भाई बहन में सेक्स नहीं होना चाहिए.
मैंने कहा- ओके … पर आपने सेक्स कहानियां भी पढ़ी हैं और मैंने हिस्ट्री में चैक किया है कि आपने फ्री सेक्स स्टोरी वाली साइट पर भाई बहन वाली चुदाई की कहानी पढ़ी हैं.

वे मेरे मुँह से यह सब सुनकर हैरान हो गईं और बोलीं- हिस्ट्री में ये भी मालूम चल जाता है?
मैंने कहा- हां, लो मैं आपको दिखा देता हूँ कि कब और कितने समय पर आपने क्या देखा है.

जब मैंने उन्हें दिखाया तो वे मान गईं और बोलीं- ये आज के बाद दोबारा फिर कभी नहीं होगा.
मैंने उन्हें विश्वास दिलाते हुए हां बोल दिया.

मन ही मन मैं खुश हो गया क्योंकि जो एक बार में ही मान गई, उसे दोबारा मनाने में कितना टाईम लगेगा.

मैंने उनसे कहा- तो दीदी आपने मेरी बात को लेकर क्या सोचा है?
अब वे चुप हो गईं.

‘आपने भाई बहन की चुदाई की कहानी वाली साइट खोली है, तो पढ़ी भी होगी!’
वे बोलीं- हां पढ़ी है लेकिन …

मैंने कहा- लेकिन वेकिन छोड़ो दीदी … बिजली बंद हो जाती है, तो अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई देता है कि चूत में किसका लंड जा रहा है.
दीदी हंस कर बोलीं- तुम बहुत गन्दा बोलते हो.

मैंने कहा- हां और आप जिस तरह का ज्ञान ब्लू फिल्म से प्राप्त करती हैं, वो बहुत साफ सुथरा होता है ना!

दीदी बोलीं- उसकी बात अलग होती है.
मैंने कहा- हां वो तो सब बिना लंड चूत के ही दिखाया जाता है ना!

दीदी बोलीं- तो तू क्या चाहता है?
मैंने कहा- बताया तो है कि आप लेटो और मुझे सेवा का अवसर दो.

दीदी बोलीं- चुदाई को सेवा कहा जाता है क्या?
मैंने कहा- हां यह चूत सेवा है, गांड सेवा है.

यह कहते हुए मैंने अपना लंड खोल कर दीदी के सामने लहरा दिया.

मेरा मदमस्त कर देने वाला लंड उनकी आंखों में वासना का तूफान लाने लगा था.

मैंने कहा- हाथ में लेकर देख लो दीदी, मजेदार है.

दीदी ने कहा- अभी इसे अन्दर कर लो.
मैंने कहा- क्यों?

उन्होंने मुझसे कहा- अभी तुम कमरे में अन्दर जाओ. मैं अभी नहा कर आई.
मैंने उनसे कहा- चलो साथ में नहाते हैं.

तो वे मना करने लगीं और बोलीं- थोड़ा सब्र करो, आज तुम्हारा और मेरा पहली बार है … इसे कुछ खास बनाते हैं.
मैं उनकी बात मान गया और कमरे में जाकर बैठ गया.

मैं उनका इंतजार करने लगा और 10 मिनट बाद वे आ गईं.

उन्होंने नाइट सूट पहन रखा था.
वे जैसे ही कमरे में घुसीं, तो मैं उन पर टूट पड़ा.

उन्होंने मुझे पीछे किया और बेड पर जाकर बैठ गईं और कहने लगीं कि मुझे डर लग रहा है. कहीं मैं पेट से ना हो जाऊं.
मैंने उन्हें समझाया और कहा कि मैं आपको गोली लाकर दे दूंगा.

पर वो नहीं मानी. बहुत समझाने के बाद दीदी ने हां कर दी.
मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया. पहले वो मुझे हटा रही थीं, लेकिन कुछ देर बाद वो मेरा साथ देने लगीं.

उन्हें गर्म होता देख मैंने उनके कपड़े उतारना शुरू कर दिए.
मैंने पहले उनकी टी-शर्ट उतारी, तो उन्होंने मुझे लाइट बंद करने को कहा. लेकिन मैंने नहीं की और उनकी टी-शर्ट उतार दी.

उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहन रखी थी.
मैं एक हाथ से दीदी की चूचियां दबाने लगा और एक हाथ से उनकी दूसरी चूची के निप्पल से खेल रहा था.

शालू दीदी अब मुझे अपनी निप्पल पिलाने के लिए ऊपर खींचने लगीं.
मैंने उनकी चूचियों को एक एक करके चूसना शुरू किया.

उनके मुँह से अब कामुक आवाजें आना शुरू हो गईं और वे आह आह करने लगीं.
मैं अब दीदी की नाभि पर जीभ डाल कर चाटने लगा तो वे और ज्यादा आहें भरने लगीं.

शालू दीदी अब बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी थीं.
मैंने उनका पजामा भी उतार दिया.

उन्होंने नीचे लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी.
मैं उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी उनकी रस छोड़ती चूत को चाटने लगा.

वे मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगीं.
उनकी चूत से पानी टपक रहा था, जिससे उनकी पैंटी गीली हो गई थी.

मैंने अपने मुँह से उनकी पैंटी उतार दी.

शालू दीदी की चूत की खुशबू मुझे दीवाना बनाने लगी.
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल चिकनी चूत थी.

शालू दीदी की चूत थोड़ी काली थी लेकिन गोरी काली का क्या करना था, मुझे तो चूत मिल रही थी और वो भी कुंवारी.

मैंने जब शालू दीदी से पूछा- आपकी चूत काली क्यों है?
तो उन्होंने कहा- सब लड़कियों की काली ही होती है. अब तू बातों में टाईम बर्बाद मत कर और जल्दी से मुझे चोद दे.

शालू दीदी के मुँह से चोदने की बात सुनकर मैं चौंक गया कि जो लड़की अभी कुछ देर पहले सेक्स के लिए मना कर रही थी, वह चुदाई की बात खुल कर कह रही है.

अब जब दीदी मुझे खुद न्योता दे रही थीं, तो मुझे क्या हुज्जत होनी थी.
मैं भी उनकी चूत चाटने लगा.

इधर मेरा लंड पजामा फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था.
मैंने शालू दीदी का हाथ अपने लंड रखवा दिया.

उन्होंने मेरा पजामा उतारा और मेरा लंड हिलाने लगीं.

कुछ मिनट बाद शालू दीदी ने जोर से मेरा सर अपनी चूत में दबा लिया और उनका शरीर अकड़ने लगा.
मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली हैं.

मैं उनका सारा पानी पी गया.
क्या मस्त स्वाद था उनकी चूत के रस का … मैं आपको शब्दों में बता नहीं सकता.

शालू दीदी मेरा लंड अब भी हिला रही थीं. दीदी ने मेरे लौड़े को जोर से मसल दिया.
मेरे मुँह से आह निकल गई और मैंने कहा- घर का माल है बहना, जरा प्यार से सहलाओ.

दीदी बोलीं- अब पकड़ाया है तो तू चुप रह और मुझे अपने मन की कर लेने दे.

मैंने कहा- ये क्या बात हुई, मेरा लंड है तो मुझे बताना पड़ेगा ना कि कैसे करना है.

दीदी ने लौड़े के सुपारे की खाल को ऊपर सरकाया और गुलाबी रंग के शिश्न मुंड को बाहर निकाल लिया.

सुपारे पर प्री कम की बूंदें चमक रही थीं.
लंड की खूबसूरती देखते ही बनती थी.

मैंने दीदी की एक चूची को अपने हाथ से पकड़ कर हल्के से दबाया तो दीदी की ऊंह निकल गई.
वे मुझे देखने लगीं.

मैंने कहा- लौड़े को मुँह में लेकर चूस लो दीदी.
दीदी ने एक बार लंड को आगे पीछे किया और कहा- ये सब देखा तो है, पर गंदा सा लग रहा है.

मैंने कहा- एक बार चूस कर देखो, यदि गंदा लगे तो मत करना और अच्छा लगे तो मजे लेती रहना.

दीदी ने हिचकिचाते हुए अपनी जीभ की नोक से लंड के आगे के छेद को चाटा और झट से जीभ को हटा ली.

मैंने कहा- क्या हुआ … मजा आया?
दीदी ने बिना कुछ कहे अपने मुँह में लंड को भर लिया.

अगले कुछ ही पलों में दीदी ने लौड़े को अपने मुँह में जितना अन्दर जा सकता था, उतना अन्दर भर लिया और लपर लपर करती हुई चूसने लगीं.

मैंने मदमस्त होकर कहा- दीदी नीचे आंड भी हैं, उन्हें भी चूस लो.

दीदी मस्ती में लंड और अंडकोष चूसने में लगी थीं और मैं अपने लंड को स्खलित होने की सीमा पर पहुंचता हुआ महसूस कर रहा था.

आखिर मेरी तेज आह आह निकलने लगी थी और दीदी भी अपने हाथ से मेरे लौड़े को मुठियाती हुई चूसने में लगी हुई थीं.
उन्हें शायद अहसास ही नहीं था कि लंड से वीर्य की पिचकारी छूट कर सीधे उनके गले में जाएगी.

वही हुआ, लंड अपने चरम पर पहुंच गया और उसके मुँह से तेज तेज पिचकारी फच्च फच्च करती हुई दीदी के मुँह में जाने लगीं.
दीदी एक बार को तो समझ ही नहीं पाईं कि यह क्या हुआ.

जब तक वे कुछ समझ पातीं, तब तक तो लंड खाली हो गया था.

फिर जैसे ही उन्होंने नमकीन स्वाद महसूस किया, वे लंड को मुँह से निकाल कर मेरी तरफ देखने लगी थीं.

मैंने देखा कि दीदी के मुँह में वीर्य के कतरे थे और वे अपने मुँह को चलाती हुई कुछ अजीब सा लुक दे रही थीं.

मैंने कहा- कैसा लगा?
एक दो पल बाद दीदी ने हंसते हुए कहा- टेस्टी है.

यह कहते हुए उन्होंने लटके हुए लौड़े को पकड़ कर फिर से मुँह में ले लिया और लपर लपर करती हुई चूसने लगीं.

कुछ देर बाद लंड खड़ा हो गया तो मैंने अपना लंड उनकी चूचियां के बीच में दबाया और दोनों चूचियों को पकड़ कर हिलाने लगा.

थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने फिर से अपना पानी छोड़ दिया.
सारा पानी शालू दीदी की चूचियों पर गिर गया.

शालू दीदी चिल्लाने लगीं- ये तूने क्या किया? मैं अभी तो नहा कर आई थी. फिर से नहाना पड़ेगा.
मैंने जल्दी से उनकी पैंटी से ही उनकी चूचियां को साफ कर दिया.

तब मैंने कहा- चुदाई के बाद तो आपको नहाना ही पड़ेगा दीदी.
वे हंस दीं और मुझे किस करने लगीं.

मैंने भी शालू दीदी को फिर से किस करना शुरू कर दिया.

शालू दीदी फिर से गर्म होने लगीं और मेरा लंड भी तैयार हो गया था.

देर किए बिना मैंने उनकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उनकी चूत पर अपने लंड को सैट कर दिया.
मैंने अपना लंड डालने की कोशिश की तो लंड अन्दर नहीं गया.

तो मैंने फिर से कोशिश की लेकिन शालू दीदी की चूत बहुत ज्यादा टाईट थी.

ऐसा करने से दीदी को भी दर्द हो रहा था तो उन्होंने मुझे रसोई से सरसों का तेल लाने को कहा.
मैं झट से तेल लेकर आ गया.

शालू दीदी ने तेल से मेरे लंड की अच्छे से मालिश की और मैंने दीदी की चूत की.

दीदी की चूत से फिर पानी निकलने लगा.
अब उनकी चूत और ज्यादा चिकनी हो गई.

मैंने दीदी की चूत में लंड सैट किया और पेल दिया.

लंड पेलते ही शालू दीदी चिल्लाने लगीं और मुझे धक्का देने लगीं.
मैंने उन्हें पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगा.

थोड़ी देर बाद शालू दीदी थोड़ी सामान्य हुईं लेकिन अपनी चूत से खून निकलता देख कर वो डर गईं.

फिर मेरे समझाने पर वो समझ गईं और अपनी गांड उठा कर चुदवाने लगीं.

कुछ ही देर में समा बदल गया.
अब दीदी जोर जोर से चिल्लाने लगीं- आह दक्ष तेज … और तेज आ आ आह … चोद मुझे आह … चोद साले भोसड़ी वाले चोद मुझे … भैन के लंड चोद मादरचोद.

मैं भी उनकी गालियों से जोश में आ गया और उन्हें पूरी ताकत से जोर जोर से चोदने लगा.

दस मिनट की चुदाई में शालू दीदी दो बार झड़ गई थीं.

अब मेरा भी माल निकलने वाला था.
मैंने शालू दीदी को बोला.

तो वे बोलीं- मजा खराब मत कर … तू अन्दर ही निकाल दे. मैं अपनी चूत में तेरा माल महसूस करना चाहती हूँ.
बस 4-5 तेज़ धक्कों के बाद मैं शालू दीदी की चूत में झड़ गया.

उस दिन मैंने दीदी को दो बार चोदा.
Xxx बिग सिस्टर सेक्स में पूरी तरह से तृप्त हो गई थीं.

अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता है, मैं शालू दीदी की चूत चुदाई कर लेता हूँ.
Sexy story.
 

Premkumar65

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सगी चाची को लंड चूसना सिखाया​





सेक्सी चाची को चोदा मैंने जब वे मेरे साथ मेरे शहर वाले घर में आई थी एक रात के लिए. मैं पहले से ही चाची को छेड़ता रहता था. वे मुझे कुछ नहीं कहती थी.

नमस्कार दोस्तो,
मेरी उम्र 22 साल है और मेरी चाची की उम्र 30 साल की है. हमारा परिवार सयुंक्त है. हम सब साथ में हंसी खुशी रहते हैं.

मेरी चाची को एक लड़का भी है, जो अभी दस साल का है.

मैं दो साल से चाची की चूत मारने की कोशिश कर रहा हूँ लेकिन ना तो कभी मौका मिल पाया और ना ही कभी मेरी हिम्मत हुई.

वैसे मैंने मजाक मजाक में उन्हें टच और लिप किस तक कर लिए थे; कभी कभी उनके बूब्स भी दबा देता था, वे कुछ नहीं बोलती थीं.
यह देख कर लगता था कि वे मुझे छूट देना चाह रही हैं.
पर गांड फटने के कारण मैं आगे नहीं बढ़ रहा था.

मेरी चाची दिखने में भी ऐसी हैं कि उन्हें देखते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
उनकी एकदम टाईट गांड और माध्यम आकार के कसे हुए दूध हैं.

चाची के मम्मों के बीच की दरार देख कर तो बूढ़े आदमी का भी लंड खड़ा हो जाए.

मैं पढ़ाई करने के लिए शहर चला गया तो चाची से थोड़ी दूरी बढ़ गई.

अब पहले जैसी भी बात नहीं रही थी तो सब कुछ बदल गया था.

मैं एक दिन ऐसे ही गांव गया था.

अगले दिन चाचा जी बोले कि कल 7 बजे से तेरी चाची का शहर में कोई एग्जाम है, तो तुम रात में ही शहर के लिए निकल जाना और सुबह में एग्जाम दिलवा देना.
मैंने कहा- ठीक है चाचा जी. मैं चला जाऊंगा.

शाम होते ही चाची ने खाना बना कर पैक कर लिया और हम दोनों गाड़ी लेकर शहर के लिए रवाना हो गए.

अब सारे रास्ते में मेरे दिमाग़ में यही चल रहा कि आज रात मैं चाची को कैसे बजाऊं.
यही सब सोचते सोचते मैं चाची को लेकर शहर पहुंच गया.

अब जो मैंने रूम ले रखा था, वह कमरा छोटा ही था और उसमें बस एक ही पलंग डाल रखा था.

हम दोनों ने खाना खाया और लेटने की तैयारी करने लगे.

मैंने कहा- चलो चाची, अब आराम कर लेते हैं. काफी थक गए हैं.
चाची बोलीं- तुम सो जाओ, मैं थोड़ा पढ़ाई कर लेती हूँ … फिर सो जाऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है.

रात में जब मैं टॉयलेट जाने के लिए उठा तो मैंने देखा चाची मेरी तरफ मुँह करके ही सो रही थीं.
उन्होंने उसी रूम में ही कपड़े चेंज कर लिए थे.
वे काले रंग की मैक्सी पहनी हुई थीं.
उन्होंने ब्रा भी नहीं पहन रखी थी क्योंकि रात को सोते समय जरा आराम के चलते ब्रा पहनना ठीक नहीं होता है.

मैं उन्हें देख कर बाथरूम में चला गया और वापस आकर लेट गया.

लेकिन मेरे से अब रूका नहीं जा रहा था क्योंकि चाची के रसीले बूब्स जो दिख रहे थे.

मैंने धीरे से उनके मम्मों पर हाथ रखा तो मेरे लंड में हरकत होने लगी.

शायद चाची भी जाग रही थीं.
इतने में चाची ने करवट ले ली और अपनी चिकनी गांड मेरी तरफ करके सोने का नाटक करने लगीं.
क्योंकि चुदना तो उन्हें भी था.

मैं उनके पीछे उनकी गांड में लंड अड़ा कर सोने का नाटक करने लगा.

कुछ पल बाद वे थोड़ी पीछे को हुईं तो मेरा लंड उनकी मैक्सी में अड़ कर उनकी गांड की दरार में जा लगा.
लंड की सख्ती से वे भी समझ गईं कि आज भतीजे का लंड चूसने का सही मौक़ा है.

वे फिर से मेरी ओर मुड़ीं तो मैं सोने का नाटक करने लगा.
चाची धीरे से बोलीं- तुम सो रहे हो तो तुम्हारा शेर कैसे जाग रहा है?

इतना सुनते ही मैं डर गया और आंखें खोल कर बोला- सॉरी चाची, वो नींद में कुछ पता नहीं चला.
चाची बोलीं- अच्छा, तुम नींद में भी सीधा गांड में कैसे लंड घुसा देते हो?

चाची के मुँह से ये सब सुनकर मेरी तो हवा टाईट हो गई.
वे फिर से बोलीं- याद है तुमने मुझको किस भी किया था!

मैंने कहा- सॉरी चाची, उस टाईम ये सब पता नहीं था … तो हो गया!
चाची बोलीं- अच्छा, इतना भोला था कि बूब्स भी दबा देता था.

उनके इतना कहते ही मैं बोला- चाची, आप बहुत सेक्सी हो, मुझे बस एक बार करने दो प्लीज़ … मैं कबसे आपके नाम की मुठ मार रहा हूँ.
चाची बोलीं- मुझे पता है तूने मेरी पैंटी पर भी मारी है. लेकिन आज तो पैंटी भी नहीं है, आज किस पर मारेगा?

मैंने कहा- आज तो आप ही सामने हो … मुठ मारने की कहां ज़रूरत है?
वो बोलीं- अच्छा … तो आज क्या करोगे?

उनके इतना कहते ही मैंने चाची के होंठों से होंठ मिलाकर खेल शुरू कर दिया और साथ में उनके बूब्स मसलने लगा.
वे भी साथ देने लगीं.

कुछ मिनट किस करने के बाद चाची बोलीं- कपड़े उतार दो ना … क्यों पहन रखे हैं?
मैंने कहा- चाची, शर्म आ रही है, पहले आप उतारो … फिर मैं.

बस इतना कहते ही चाची ने झट से अपनी मैक्सी निकाल कर फेंक दी.
उन्होंने मैक्सी के अन्दर ब्रा पैंटी कुछ नहीं पहना हुआ था.

चाची को नंगी देखकर मेरे लंड की नसें फटने लगीं.

इतने में चाची ने अपना हाथ मेरी पैंट पर रखा और लंड को महसूस करके बोलीं- बेटा, तू तो काफी जवान हो गया है.
इतना कहते हुए चाची ने मेरी पैंट और अंडरवियर दोनों को एक साथ नीचे खिसका दिया और लंड को सख्ती से पकड़ लिया.

मैं भी चाची की गांड पर हाथ फेर रहा था.
चाची की गांड टाईट थी.

मैंने धीरे से चाची की चूत पर हाथ रखा तो चाची की चूत बिल्कुल साफ … एक भी बाल नहीं था.
उनकी चूत चिकनी चमेली हो रही थी.

मैंने एक उंगली चूत के अन्दर डाल दी तो चाची मादक आवाजें निकालने लगीं.

उसके बाद मैंने चाची के एक दूध को अपने मुँह में दबाया और खींचने लगा.
चाची की आहें निकलने लगीं, वे मस्ती से मुझे अपने दूध पिलाने लगीं.

कुछ देर बाद आलम यह था कि चाची अपने हाथ से अपने दोनों दूध बारी बारी से मेरे मुँह में दे रही थीं और मस्ती से निप्पल चुसवा रही थीं.

वे कहने लगीं- न जाने कब से इस सुख के लिए तरस रही हूँ. तेरे चाचा न जाने कब मुझे ऐसा मजा देंगे?
मैंने पूछा- क्यों … क्या हुआ चाची, चाचा आपके दूध नहीं चूसते हैं?

वे कहने लगीं- नहीं, उन्हें तो कभी कभी ही मेरे साथ सेक्स करने का मन होता है और कभी हुआ भी तो झट से मेरे ऊपर चढ़ कर चुदाई शुरू कर देते हैं. उनका लंड भी टुन्नू सा है. अन्दर अहसास ही नहीं होता है कि कुछ अन्दर गया भी या नहीं!

मैंने कहा- अरे अगर ऐसी बात थी तो आपने मुझसे कभी कुछ कहा क्यों नहीं?
वे हंसने लगीं और बोलीं- मुझे क्या पता था कि तेरा इतना बड़ा होगा. मैं तो ये समझ रही थी कि चाचा के जैसा ही भतीजा का होगा.

मैंने कहा- हां मुझसे चूक हो गई.
वे बोलीं- कैसी चूक?

मैंने कहा- मुझे कभी आपको अपना हथियार दिखा देना चाहिए था.
वे बोलीं- हां ये तू सही कह रहा है. पर तू मुझे अपना लंड दिखाता कैसे?

मैंने कहा- अरे उसमें क्या बड़ी बात है. कभी भी सुसू करते समय दिखा देता.
वे बोलीं- हां, ये तो तू सही कह रहा है.

अब तक काफी देर बातें होते होते चाची की चूत में चुनचुनी होने लगी थी.
वे मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी थीं.

मैंने चाची से कहा- प्लीज़ चाची, मेरे लंड पर भी किस करो ना … फिर जरा चूस भी देना.
चाची बोलीं- मैं चूसूँगी नहीं, बस तू कह रहा है तो एक किस कर देती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है.

वे लंड पकड़ कर चुम्मी लेने को हुईं तो मैंने फिर से कहा- चाची आप मेरे ऊपर आ जाओ. मैं आज आपको पूरा मजा दे देता हूँ.
चाची बोलीं- अच्छा, ऊपर से कैसे?

मैंने कहा- चाची आप 69 में ऊपर आकर लेट जाओ.
चाची लेट गईं उनको समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर रहा हूँ.
कभी चाचा ने 69 शायद किया ही नहीं था.

चाची के 69 में लेटने के बाद जैसे ही मैंने अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू किया तो चाची एकदम से पागल सी होने लगीं.

उनको बहुत मजा आ रहा था क्योंकि उनके साथ चाचा ने सच में पहले ऐसा कभी किया नहीं था … ऐसा वे खुद ही कहने लगी थीं.

मैंने चाची से कहा- आप भी लंड को चूसो ना चाची … मजा आएगा.
वे कुनमुनाने लगीं- नहीं ये गंदा है.
मैंने कहा- कुछ गंदा नहीं होता है चाची. आप मुँह में लेकर तो देखो.

अब चाची ने भी मेरा लंड चाटना शुरू कर दिया.
उन्हें लौड़े को चूसने में मजा आने लगा था.

इधर मैंने भी चाची की चूत को चाट चाट कर गर्म कर दिया था.
उनकी चूत में से पानी निकलने लगा था.

मैंने उनकी चूत का सारा पानी चाट लिया.
चूत चाटने से चाची फिर से गर्मा गई थीं.

चाची बोलीं- अब नहीं सहन हो रहा … तू जल्दी से घुसा दे!
मैंने कहा- चाची, आप ख़ुद ही डाल लो, मैं सीधा लेट जाता हूँ.

मैं सीधा हुआ और चाची मेरे ऊपर बैठ गईं.
उन्होंने लंड को पकड़ा और अपनी चूत में डालने लगीं.

लंड चूत में घुस नहीं रहा था क्योंकि मेरा लंड का साइज़ चाचा से काफी बड़ा था.
ये लंबा और काफी मोटा है.

चाची बोलीं- तेरा लंड बहुत मोटा है. ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!
मैंने कहा- नहीं चाची, कहां बच्चों जैसी बातें कर रही हैं. आप क्या जानती नहीं हैं कि इतनी सी चूत से तो हाथी के लंड जितने मोटे बच्चे भी बाहर निकाल आते हैं. आप बिंदास अन्दर डाल लो पूरा … कुछ नहीं होगा.

लेकिन वे नहीं ले पा रही थीं.
फिर मैंने कहा- अच्छा आप घोड़ी बन जाओ. मैं करता हूँ.

वे बोलीं- नहीं नहीं, पीछे से ज़्यादा दर्द होगा … मैं चित लेट जाती हूँ. फिर कर लो.
मैंने कहा- ठीक है.

चाची लेट गईं, मैंने उनकी दोनों टांगें उठाकर लंड घुसा दिया.
तो चाची की चीख निकल गई- आआह आहह मारेगा क्या … आराम से चोद ना.

मैंने धीरे-धीरे 3-4 धक्के लगाए.
इसके बाद चाची को भी मजा आने लगा.

फिर लंड चूत में सटासट चलने लगा और 15 मिनट की मस्त चुदाई के बाद मेरा माल निकलने वाला था.

मैंने कहा- चाची, मेरा होने वाला है!
चाची बोलीं- अन्दर ही निकाल दे.

अब तक चाची दो बार पानी छोड़ चुकी थीं.
मैंने चाची की चूत में शीरा टपकाया और उनके साथ ही ढेर हो गया.

सेक्सी चाची को चोद कर अब हम दोनों नंगे ही सो गए.

सुबह जब आंख खुली तो चाची पढ़ाई कर रही थीं और मैं नंगा लेटा हुआ था.

मैं उठा तो मेरा लंड तना हुआ था.
खड़ा लंड देखकर चाची ने चूस चूस कर मेरा माल निकाल दिया.

फिर मैं नहाने चला गया और चाची का एग्जाम दिलवाकर हम वापस गांव चले गए.
एग्जाम के बाद भी मैंने सेक्सी चाची को चोदा!

अब जब भी मौक़ा मिलता है, तो चाची चूत की सेवा दे देती हैं.
Sexy story.
 
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