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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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andyking302

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भाग:–22





अक्षरा बड़ी मुश्किल से चाकू ऊपर उठाई। उसके हाथ कांप रहे थे। आर्यमणि ने उसके हाथ को अपने हाथ का सहारा देकर अक्षरा की आंखों में देखा। चाकू को अपने सीने के नीचे टिकाया। लोग जैसे ही दौड़कर उसके नजदीक पहुंचते, उससे पहले ही आर्यमणि वो चाकू अपने अंदर घुसा चुका था।


दर्द के मारे आर्यमणि के आखों से आंसू गिरे लेकिन मुंह से आवाज़ नहीं निकला… "घबराओ नहीं आप, दर्द हो रहा है लेकिन मरूंगा नहीं। जब सीने में ज्यादा दुश्मनी की आग जले तो बता देना, मै कहीं भी मिल लिया करूंगा। यदि मुझे जिंदा ना देखने का मन हो तो वो भी बता देना। इसी चाकू को बस सीने पर सही जगह प्वाइंट करना है और बड़े प्यार से घुसेड़ देना है। आपसे ना होगा तो मै हूं ना साथ देने के लिए। चलता हूं अब मै। दोबारा फिर कभी मेरी मां के बारे में कुछ नहीं बोलना, वो प्यार में थी और लोगों को पहले ही बता चुकी थी। जब किसी ने नहीं सुनी तब उसकी हिम्मत उसकी बहन बनी। आप भी बहन थी, इस घटना के बाद आपको भी अपने भाई की हिम्मत बननी थी।"


राजदीप आर्यमणि को थामते हुए… "तुम क्या पागल हो? चलो हॉस्पिटल।"..


आर्यमणि, निशांत की मां से:- आंटी निशांत कहां है।


निलंजना:- आर्य, मेरा ब्लड प्रेशर हाई ना करो। चलो पहले हॉस्पिटल।


इतने में ही चित्रा और निशांत भी वहां पहुंचे। पहुंचे तो थे लोगों से मिलने, लेकिन वहां का माहौल देखकर दोनो भाई बहन का खून उबाल मारने लगा। आर्यमणि समझता था कि क्या होने वाला है इसलिए… "निशांत ये हमारा किसी रेस्क्यू में लगा चोट है समझ ले। जाओ जल्दी बैग ले आओ, ओवर रिएक्ट ना करो।"..


निशांत भागकर गया और बैग ले आया। बैग के अंदर से कुछ सूखे पौधे निकालकर उसे बढाते… "ये ले आर्य, एनेस्थीसिया।"..


राजदीप बड़े गौर से उन सूखे पौधों को देखते… "ये तो ऑपियाड है। तुम लोग इसे अपने पास रखते हो। तुम्हे जेल हो सकती है।"..


निशांत:- दादा, ये तेज दर्द का उपचार है। आप लोग थोड़ा शांत रहो।


निशांत, आर्यमणि के टी-शर्ट को काटकर हटाया और अपना काम करते हुए… "कमिने यूरोप से तू ऐसी बॉडी लेकर आया है। ऊपर से स्पोर्ट बाइक। पूरा जलवा तू ही लूट ले कॉलेज में। आज भी तेरा बीपी नॉर्मल है। मै चाकू निकाल रहा हूं।"


निशांत ने चाकू निकला। अंदर के जख्म को इंफेक्शन से बचने के लिए कुछ मेडिकल सॉल्यूशन डालकर अंदर पट्टी डाली। बाहर पट्टी किया और 2 हॉयर एंटीबायोटक्स के इंजेक्शन लगा कर खड़ा होने बोल दिया।… "ले ये भी कवर हो गया। अब 2 हफ्ते तक भुल जाना कोई भी एक्शन।"


आर्यमणि:- मै 2 हफ्ते घर से बाहर ना निकलू।


राजदीप:- 2 हफ्ते में कैसे रिकवर होगा। जख्म भरने में तो बहुत वक़्त लगेगा और बस इतने से हो गया इलाज।


निशांत:- पिछली बार तो इससे कम में हो गया था। हमने तो चित्रा को पता भी नहीं चलने दिया था।


चित्रा:- तुम दोनो पागल हो। मैंने जया आंटी (आर्यमणि की मां) और मीनाक्षी आंटी (आर्यमणि की मासी) को सब बता दिया है। मुझे नहीं लगता कि अब छिपाने को कुछ रह गया है। जब इतना बड़ा ड्रामा हो ही गया है तो आज फाइनल करो और अपना अपना रास्ता देखो। और तुम दोनो यहां खड़ा होकर हीरोगिरी क्यों दिखा रहे हो। दोनो की नौटंकी बहुत देख ली अब चलो हॉस्पिटल।


आर्यमणि:- ये माइनर स्क्रैच है।


चित्रा अपनी आखें दिखती… "कही ना चलो।"..


आर्यमणि:- हम्मम ! चलो चलते हैं।


चित्रा, आर्यमणि को हॉस्पिटल लेकर निकली और उधर आर्यमणि के मासी का पूरा खानदान पलक के यहां पहुंच गया। आर्यमणि की मासी मीनाक्षी के तेवर... उफ्फ !! गुस्सा तो आंखो में था। आती ही वो सीधा अक्षरा के पास पहुंची और उसे खींचकर एक थप्पड़ मारती हुई…. "पर गई तुम्हारे कलेजे में ठंडक, या और दुश्मनी निकालनी है।"..


अक्षरा:- दीदी यहां सबने देखा है, मैंने उसे बहुत कुछ सुनाया था, लेकिन मुझे जारा भी अंदाज़ा नहीं था कि वो खुद अपने हाथ से ऐसे चाकू घुसा लेगा।


मीनाक्षी:- एक दम चुप। ज्यादा बोलना मत मेरे सामने। कम अक्ल तुम लोग एक बात बताओ मुझे, जो लड़की शादी के लिए राजी हुई थी, (जया के विषय में बात करते हुए) वो शादी से एक दिन पहले कैसे भाग सकती है? जिस लड़के से वो पहले कभी मिली ही नहीं, (केशव कुलकर्णी के विषय में कहते) जया को उससे प्यार कैसे हो सकता है? मेरी बहन ने मुझे कभी नहीं बताया, केवल इतना ही कहती रही उसे केशव से प्यार हो गया, और अब वो शादी नहीं करना चाहती।"

"और जानती हो ये सब कब हुआ था, जब तुम्हारा भाई एक रात जया से मिलने चोरी से आया था। जाओ पीछे जाकर पता करो जया और केशव कभी मिले थे या तुम्हारे भाई की दोस्ती थी केशव से। मैंने 100 बार इस बात की चर्चा कि। सोची लंबी चली नफरत को खत्म कर दू। लेकिन जया और केशव ने सिर्फ इतना ही कहा, "कुछ भी आभाष होता तो एक दुर्घटना होने से रह जाती लेकिन हम प्यार में थे और हमे पता नहीं चला वो ऐसा कुछ करेगा।"

"मेरी बहन और उसके पति ने भारद्वाज खानदान के कारण बहुत जिल्लत उठाई है। तुम्हारे कारण वो महाराष्ट्र नहीं आते कभी। उसने जो झेलना था झेल ली। अपनी जिंदगी अपने फैसलों के आधार पर जी ली। तुमने उन्हें बहुत बुरा भला कहा, मैंने सुन लिया और तुम्हारी बात सुनकर दूरियां बाना ली। लेकिन यदि उस बच्चे को अब दोबारा तुम में से किसी ने परेशान किया ना तो मै भुल जाऊंगी की हम एक ही कुल के है। चलो सब यहां से।"


मीनाक्षी अपनी पूरी भड़ास निकालकर वहां से सबको लेकर चल दी। सभी लोग वहां से सीधा हॉस्पिटल पहुंचे। मीनाक्षी तमतमाई हुई वहां पहुंची और कहां क्या चल रहा है उसे देखे बिना, आर्यमणि को 4-5 थप्पड़ खिंचते हुए कहने लगी… "तेरा सामान पैक कर दिया है, नागपुर में अब तू नहीं रहेगा। जिस बच्चे का मै आंसू नहीं देख सकती उसका खून बहा दिया। तू नागपुर में नहीं रहेगा ये फाइनल है, और कोई कुछ नहीं बोलेगा। तेजस चार्टर बुक करो हम अभी निकलेंगे।"


भूमि:- आयी वो अभी घायल है। उड़ान भरने में खतरा है।


मीनाक्षी:- हां तो पुरा हॉस्पिटल मेरे कमरे में शिफ्ट करो। जब तक ये ठीक नहीं होता तबतक मेरे पास रहेगा। उसके बाद यहां से सीधा गंगटोक। डॉक्टर कहां है?


डॉक्टर:- कब से तो मै यहीं हूं।


मीनाक्षी:- डॉक्टर मेरा बेटा कैसा है अभी?


डॉक्टर:- जरा भी चिंता की बात नहीं है। सब कुछ नोर्मल है। इसके दोस्त ने बहुत समझदारी दिखाई और जरूरी उपचार करके हमारे पास लाया था।


मीनाक्षी, निशांत के सर कर हाथ फेरते… "थैंक्स बेटा। तुमने बहुत मदद की। तुम दोनो भाई बहन को कोई भी परेशानी हो सीधा मेरा पास आना। देख तो मेरे बच्चे की क्या हालत की है।


निशांत और चित्रा को कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या जवाब दे, इसलिए वो चुपचाप रहने में ही खुद की भलाई समझे। अभी ये सब ड्रामे हो ही रहे थे कि इसी बीच तेजस की पत्नी वैदेही अपने दोनो बच्चे और भाई के साथ साथ हॉस्पिटल पहुंच गई। आते ही उसने मीनाक्षी के पाऊं छुए… मीनाक्षी भावुक होकर उसके गले लग गई और रोने लगी।


वैदेही, मीनाक्षी के आंसू पोंछति…. "क्या हुआ, आप कबसे इतनी कमजोर हो गई।"..


मीनाक्षी:- देख ना क्या हाल किया है मेरे बच्चे का?


वैदेही:- ठीक है वो भी देख लेते है। आर्य दिखाना जरा। देवा, ये कितना स्ट्रॉन्ग है आई। इस स्टील बॉडी में चाकू कैसे घुस गई। आई लड़का तो जवान हो गया है, इसकी पहली फुरसत में शादी करवा दो, वरना लड़कियां लूट लेंगी इसे।


मीनाक्षी:- वैदेही, मुझे परेशान कर रही है क्या?


वैदेही:- आई, जिंदगी में कभी अनचाहा पल आ जाता है। जिन बातों की हम कामना नहीं करते वो बातें हो जाती है, इसका मतलब ये तो नहीं कि हमारी ज़िन्दगी रुक जाती है। आज कल तो सड़क पर पैदल चलने में भी खतरा है, तो क्या हम पैदल चलना छोड़ देते है। आप का फिक्र करना जायज है लेकिन किसी एक घटना के चलते आर्य का नागपुर छोड़ना गलत है। और अभी तो इसने केवल अपनी बहन को बाइक पर घुमाया है, भाभी को तो घूमना रह ही गया। क्यों आर्य मुझे घुमाएगा ना?


आर्य:- हां भाभी।


मीनाक्षी:- तेरे कान किसने भर दिए जो तू यहां आर्य को ना जाने के लिए सिफारिश कर रही है।


भूमि:- भाभी को मैंने ही बताया था। आपका ये लाडला भी कम नहीं है। खुद अपने हाथो से चाकू पकड़कर घोप लिया था। काकी की गलती है तो इसकी भी कम नहीं। वैसे भी आपको आर्य के बारे में नहीं पता, ये दिखता सरीफ है लेकिन अंदर से उतना ही बड़ा बदमाश है।


मीनाक्षी:- मुझे कोई बहस में नहीं पड़ना, इसे पहले घर लेकर चलो। चित्रा, निशांत तुम दोनो भी घर जाओ। बाद में आकर मिलते रहना।


चित्रा और निशांत वहां से निकल गए। थोड़ी देर में मीनाक्षी भी आर्य को लेकर निकल गई। भूमि ने अपने पति जयदेव को कॉल लगाकर सारी घटना बता दी और जरूरी काम के लिए ही सिर्फ लोग को भेजे ऐसा कहती चली।


रात का वक़्त ….. प्रहरी समुदाय की मीटिंग। ..


तकरीबन 500 लोगों की उपस्तिथि थी। 50 नए लोग कतार में थे। आज कई लोगो को उसकी लंबे सेवा से विराम दिया जाता और कई नए लोगों को सेवा के लिए शामिल किया जाता। इसके अलावा एक अहम बैठक होनी थी, जिसकी चर्चा अंत में केवल उच्च सदस्य के बीच होती, जिसके अध्यक्ष सुकेश भारद्वाज थे।


भूमि पूरे समुदाय की मेंबर कॉर्डिनेटर थी। मीटिंग की शुरवात करती हुई भूमि कहने लगी…. "लगता है प्रहरी का जोश खत्म हो गया है। आज वो आवाज़ नहीं आ रही जो पहले आया करती थी।"...


तभी पूरे हॉल में एक साथ आवाज़ गूंजी… "हम इंसान और शैतान के बीच की दीवार है, कर्म पथ पर चलते रहना हमारा काम। हम तमाम उम्र सेवा का वादा करते है।"


भूमि:- ये हुई ना बात। आज की सभा शुरू करने से पहले मै कुछ दिखाना चाहूंगी…


भूमि अपनी बात कहती हुई, आर्य की कॉलेज वाली वीडियो फुटेज चलाई, जिसमें उसने रफी और मोजेक को मारा था। इस वीडियो क्लिप को देखकर सब के सब दंग रह गए।


भिड़ में से कई आवाज़ गूंजने लगी जिसका साफ मतलब था… "ये वीर लड़का कौन है, कहां है, हमारे बीच क्यों नहीं।"


भूमि:- वो हमारे बीच ना है और ना कभी रहेगा, क्योंकि ये उस कुलकर्णी परिवार का बच्चा है जिसके दादा वर्धराज कुलकर्णी को कभी हमने इंकैपाबल कह कर निकाल दिया था। ये मेरी मासी जया का बेटा है।


एक नौजवान खड़ा होते…. "हमे तो सिखाया गया है कि प्रहरी अपने समुदाय में किसी का तिरस्कार नहीं करते, किसी का अनादर नहीं करते फिर ये चूक कहां हो गई।"..


भूमि:- माणिक तुम्हारी बातें बिल्कुल सही है दोस्त, लेकिन आर्यमणि के दादा पर ये इल्ज़ाम लगा था कि एक वेयरवुल्फ के प्यार में उन्होंने उसकी जिंदगी बख्श दी, और समुदाय ये कहानी सुनकर आक्रोशित हो गया था। कुलकर्णी परिवार को समुदाय से बाहर निकालने के बाद भी हमने उन्हें बेइज्जत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।


फिर से भिड़ जोड़-जोड़ से चिल्लाने लगी। सबके कहने का एक ही मकसद था… "बीती बातों को छोड़कर हमे इसे मौका देना चाहिए।"..


भूमि:- आपका सुझाव अच्छा है लेकिन शायद यह कहना ग़लत नहीं होगा कि उसे ना तो हमारे काम में इंट्रेस्ट है और ना ही उसे प्रहरी के बारे में कोई जानकारी। फिर भी मै कोशिश कर रही हूं कि ये हमारी एक मीटिंग अटेंड करने आए। इसी के साथ आज कई बड़े अनाउंसमेंट होंगे… जिसके लिए मै अध्यक्ष विश्वा काका को बुलानी चाहूंगी।


विश्वा देसाई.. प्रहरी के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम… "भूमि को जब भी मैं सुनता हूं खुद में शर्म होने लगती है कि मै क्यों अध्यक्ष हूं।"


भूमि:- काका यहां जलेबी वाली पॉलिटिक्स की बातें ना करो…


विश्वा:- आप लोग अपने मत दीजिए.. भूमि ने सक्रिय सदस्यता से 10 साल का अवकाश मांगा है। क्या मुझे मंजूर करना चाहिए?


पूरी भिड़ एक साथ…. "नहीं"..


भूमि:- क्या है यार.. शादी को 9 साल हो गए। अब मेरे भी अरमान है कि कोई मुझे मां कहे। मै भी अपने बच्चो को इस मंच पर देखना चाहती हूं, तो क्या मेरी ये ख्वाहिश गलत है।


भिड़ में से एक लड़का… "वादा करना होगा मेंबर कॉर्डिनेटर तुम ही रहोगी जबतक जीवित हो। काम हम सब कर लिया करेंगे। तुम्हे चिंता की कोई जरूरत नहीं।"


विश्व:- खैर आप सब की भावना और भूमि की सेवा को ध्यान में रखकर भूमि को मनोनीत सदस्य मै घोषित करता हूं। आप सब अब तो खुश है ना।


पूरी भिड़ एक साथ… " काका, अध्यक्ष बना दो और आप राजनीति देखो।"


विश्वा:- "हां समझ रहा हूं तुम लोगों की भावना। अब जरा जल्दी से काम खत्म कर लूं। भूमि की उतराधिकारी होगी भूमि की चचेरी बहन नम्रता और उसके पति जयदेव देसाई की उतराधिकारी होगी उसकी बहन रिचा। दोनो को मै उच्च सदस्य घोषित करता हूं। इसी के साथ भूमि की जगह लेने के लिए आएगा राजदीप भारद्वाज, जिसका नाम भूमि और तेजस ने दिया है। और अब पेश है आज के बैठक कि नायिका पलक भारद्वाज।"

"हां ये कहना ग़लत नहीं होगा कि मुश्किलों से भड़ा वक़्त आने वाला है। लेकिन हम साथ है तो हर बुराई का मुकाबला कर लेंगे। विशिष्ठ जीव खोजी साखा जो लगभग बंद हो गई थी, किसी एक सदस्य के जाने के बाद। उसके बाद कोई भी उस योग्य नहीं आया। खैर, जैसा की आप सबको सूचना मिल ही गई थी, और सारे मामले हमने आपको बता दिए थे, मै पलक भारद्वाज को उच्च सदस्य घोषित करते हुए उसे विशिष्ठ खोजी साखा का अध्यक्ष बनाता हूं। मै हटाए गए अध्यक्ष महेन्द्र जोशी से उनके किए सेवा के लिए धन्यवाद कहता हूं। अब वक़्त है पलक को मंच पर बुलाने का, जिसकी कोशिश के कारण हम एक बड़े सच से अवगत हो पाए हैं।


पलक मंच पर आकर सबका अभिवादन करती हुई, अपने खोज के विषय में बताई। वह आर्यमणि के बारे में भी बताना चाह रही थी, लेकिन आर्यमणि का नाम लेते ही सब समझ जाते की पलक और आर्यमणि पहले से एक दूसरे के साथ मे है, इसलिए वो मंच पर आर्यमणि का नाम नहीं ले पाई। इधर नए मेंबर कॉर्डिनेटर राजदीप के नाम पर भी सहमति हो गई और नए मामले की गंभीरता को देखते हुए अध्यक्ष पद का चुनाव रद करके वापस से विश्वा देसाई को ही अगले साल का कार्यभार मिल गया। सारी बातें हो जाने के बाद...


भूमि… "जैसा कि हम सब जानते है। पीछले महीने सतपुड़ा के जंगलों में कई अप्रिय घटनाएं हुई है। सरकार को लगता है कि ये मामला किसी सुपरनेचुरल का है। हमने इस विषय पर सरदार खान को भी बुलाया है चर्चा के लिए। शांति प्रक्रिया इंसानी और सुपरनैचुरल, दोनो ही समुदाय में कई वर्षों से चली आ रही है, उसे कोई भंग तो नहीं कर रहा, इसी बात का हमे पता लगाना है। अपना पद भार छोड़ने से पहले मै ये काम राजदीप के जिम्मे दिए जाती हूं। वो अपने हिसाब से ये सारा काम देख ले।"


राजदीप:- दोस्तों भूमि दीदी कि जगह कोई ले सकता है क्या ?


भिड़ की पूरी आवाज़…. "बिल्कुल नहीं"..


राजदीप:- मै कोशिश करूंगा कल को ये बात आप मेरे लिए भी कहे। इसी के साथ मैं सभा का समापन करता हूं।


सभा खत्म होते ही आम सदस्यों को बाहर भेज दिया गया और उच्च सदस्यों को एक बैठक हुई, जिसका अध्यक्ष भूमि के पिता सुकेश भारद्वाज रहे। उन्होंने विकृत रीछ स्त्री और उसके साथी वकृत ज्ञानी मनुष्य का पता तुरंत लगाने के लिए पलक को खुले हाथ छूट दे दी। साथ मे कुछ अन्य सदस्यों को इतिहास में झांककर इस रीछ स्त्री और उसके श्राप का पता लगाने के लिए, कुछ उच्च सदस्यों को नियुक्त कर दिया।
लाजवाब भाई fabulous out standing

Kya stunt Kiya hey lounde ne chaku hi ghop diya
 
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Reactions: SANJU ( V. R. )

nain11ster

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Mujhe badi hasi aayi bhai arya ke melodrama me jo usne apni mausi Di or mausa ji ke sath kiya sath hi ek comedy palak ko dil me rakhne ki kah ke mauj li hai maza aa gya bhumi Di to ek baar hi kabool karvane ko kahi thi palak se pr yha to arya ne 2 baar kr diya ijhar or na jane kitni baar karega, Vahi arya ka aise nasamajh bankr sab samajhne ka jo tarika aapne likha hai vo mind blowing hai, bhumi Di ne yah kyo kaha ki jaha pr vo bhatke samhal lena?? Ye pustak ko chhune pr rang badalna or arya ka mausa ji ko jadugar kahna ki unhone Jo kiya hai vo samajh gya arya pr sawal ye hai ki unhone Kiya kya, ye dansh jo kisi rishimuni ka hai arya ka usko lekr जिग्याशु hona or sawal Karna Vo to thik tha pr arya ka securty check karne ka tarika jhakkash tha Sabhi ke samne hath lga diya kanch pe, Vahi alarm ki avaj pr mausa ji ka isara Karna Vo sirf alarm band karne ke liye tha ya kuchh aur bhi instructions de rhe the isaro isaro me...
Ye bhumi Di ke Mama Mami alag hi namune hai dono bhaya pr ye sath hai aise hi log bhare pade hai duniya me, apna kaam banta bhad me jaye janta, abhi to yha bhumi Di or arya ne bola hi nhi hai or mujhe aisa lag rha hai ki arya is mamle me bolega bhi nhi, ho sakta hai Di ko kuchh btaye pr face to face na ji na...

Nainu bhaya ke update no doubt behtreen hote hai mind blowing jabarjast superb or writing skills to awesome rahti hi hai kya satisfying update tha maza aa gya padh kr

Hahaha... Melodrama nahi hoga to manchahi murad kaise milegi.... Fir chahe kitab tak pahunchne ke liye dada ke gyan ka sahara lena ya parivar ke bich palak ke liye apni baat kahna...

Khair swal koi bahut bada nahi hai... Jo bhi hua tha uski wajah to Aryamani ko bhi pata nahi lekin hua usse ke hath lagane se tha ye baat wo janta tha... Isliye baat ko sidha apne mausa par hi dal diya... Taki kitab ke rang badlne ko lekar koi jyada sawal na ho....

Baki Arun mama ka kissa abhi samapt ho jayega... Tension nakko...
 

nain11ster

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Kya stunt Kiya hey lounde ne chaku hi ghop diya
Hahahah... Launda kuch jyada hi filmy hai Andy bhai... Thaks for your feedback
 
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