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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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nain11ster

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भाग:–12




मैनेजर ने लाख मिन्नतें किए। जब बात न बनी तो पुलिस बुलाने अथवा सारा सामान छोड़कर जाने तक की बात भी कह डाली, लेकिन आर्यमणि शायद बड़े से फाइट के बाद थोड़े मस्ती के मूड में था और लगातार मैनेजर को चिढ़ाते हुए एक ही रट लगाए था.… "वह मैनेजर की एक कही बात न मानेगा। जो भी बात होगी अब तो मॉल के मालिक से ही बात होगी"…


मैनेजर:- सर मै हूं ना मुझसे कहिए। एमडी सर बहुत व्यस्त रहते है, उनसे बात नहीं हो पाएगी।


काफी देर बहस हुई, अंत में जब बात नहीं बनी तब मैनेजर मजबूरन मालिक के चेंबर के ओर चल दिया। लेकिन बाहर खड़े एक पुराने मुलाजिम ने मैनेजर को साफ मना करते हुए कहने लगा… "भूमि बहन आयी है रे, जाओ बाद में आना"..


"ना अक्ल है ना सकल, बस पूरे बदन में एक ही चीज है, तेरा पेट शामलाल"… आर्यमणि ने जैसे ही ये बात कही, शामलाल सर ऊपर करके सोचने लग गया… "ये मैंने कहीं तो सुना है रे बाबा, पन किधर को सुना, याद नहीं आ रहा।"..


शामलाल अपने सोच में ही था तभी मैनेजर हड़बड़ी में दरवाजे तक आया, शामलाल उसे रोकते… "कहां जा रहा है।"..


मैनेजर:- बेवकूफ हो क्या, वो लड़का अंदर चला गया और तुम उपर सीलिंग देख रहे हो।


शामलाल:- तू सूट बुट और टाई लगाकर खुद को बड़ा समझदार मानस समझे आहे। जा अंदर जा…


मैनेजर तेजी से अंदर घुसते… "सॉरी सर मै इन्हे बहुत देर से समझा रहा था कि पेमेंट का जो भी इश्यू है मुझसे कह दे, लेकीन ये लड़का आपसे मिलने की जिद पकड़े हुआ था।"


तेजस:- हम्मम ! ठीक है प्रोडक्ट डिटेल दो, क्या क्या पर्चेज किया है..


मैनेजर ने अपने हाथ का बिल तेजस को दे दिया… 2 मीटर वाले बिल की लंबाई देखकर… "बस इतना छोटा बिल है। ये एलइडी 56 इंच वाला.. ये क्या है। स्टन गन, इसका क्या होगा।"


मैनेजर:- जाने दीजिए ना सर वो करंट छोड़ने वाली गन है। ज्यादा नुकसान नहीं करती है और मै तो कहता हूं सर को 56 क्या उससे भी बड़ा साइज का टीवी लेले।


तेजस:- आईफोन और आईपैड दोनो…


भूमि:- दादा बिल की डिटेल देखकर बच्चे को परेशान ना करो। पेमेंट करना है तो करो, वरना बहुत दुकान है शहर में।


तेजस भूमि के ओर मुड़ते… "मतलब मुफ्त का लेना हो तो दादा के मॉल याद आता है और पैसे से कहीं और जाकर खरीदोगे।"


आर्यमणि, भूमि के कान में कुछ कहा, तभी तेजस… "क्या कहा इसने तुझसे"..


भूमि:- कह रहा है लैपटॉप भुल गया लेना।


तेजस:- गुरुदेव और कुछ तो नहीं रह गया..


आर्यमणि, तेजस के पास पहुंचकर उसे गले लगाते…. "थैंक्स दादा। आप बहुत स्वीट हो।"..


तेजस:- हां मस्का पॉलिश। अच्छा सुन आर्य कल सुबह ही घर चले आना। सुनो कदम, ये अपने छोटे दादा है इनका सारा बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना। और सुनो ये अब यहीं रहने वाला है तो अपने या अपनी गर्लफ्रेंड के लिए 20000 तक का शॉपिंग करे तो बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना, 20000 से ज्यादा का हो तो इसे कहना एक बार मुझसे बात कर लेने। इसके अलावा रेस्त्रां में दोस्तों के साथ छोटी बड़ी जो भी पार्टी हो उसका भी बिल मेरे अकाउंट पर। खुश है ना तू आर्य।


आर्यमणि:- थैंक्स दादा।


तेजस:- बेटा अब तू जाकर और भी कुछ देख ले, भूमि आयी है तो कुछ बातें डिस्कस कर लूं। अगर तू इजाजत दे तो।


आर्यमणि जाते हुए… "दीदी बस 5 मिनट लेना। मै नीचे बिल काउंटर पर ही हूं।"..


जैसे ही आर्यमणि निकला… "ये मुझसे बात क्यों नहीं करता, तुझसे तो हर बात बताता है।"


भूमि:- आर्य आपसे बात तो करता है दादा। वैसे आपको मुझसे कुछ बात करनी थी ना।


तेजस:- मीटिंग की बात तो घर पर करता हूं, लेकिन राजदीप के बारे में कुछ खबर लगी कि नहीं।


भूमि:- जब से पोस्टिंग हुई है अच्छा काम कर रहा है। मै तो बहुत खुश हूं।


तेजस:- ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद ही एमएलए कृपाशंकर से मिला था। राजदीप ने तब एमएलए के पास वैधायान भारद्वाज का नाम इस्तमाल किया था, अपने काले कमाई के परिचय में।


भूमि:- दादा आप बहुत जल्दी परेशान हो जाते हो। वैधायन भारद्वाज का नाम लेकर राजदीप ने उस कृपाशंकर की अकड़ बस निकाली होगी। वरना वो अपना काम अच्छे से जनता है। वो कभी भी ऐसा नहीं करेगा।


तेजस:- हम्मम !!! मै मिलूंगा राजदीप से तो खुलकर बताएगा नहीं, तू मिलकर बात कर लेना और कह देना कि कोई अकड़ दिखाए तो पहले 2 चप्पल मारे बाद में बात करे, बाकी मै सब देख लूंगा।


भूमि:- ठीक है दादा, अब मै जा रही हूं। आई–बाबा को बोलना कल आर्य के साथ आऊंगी। आज हम दोनों शॉपिंग पर निकले है।


तेजस:- चल मै भी चलता हूं।


भूमि:- सोचना भी मत, साफ कह दिया है सिर्फ वो मेरे साथ शॉपिंग करेगा।


तेजस:- हां जनता हूं.. तेरा चमचा है वो।


भूमि:- मेरा बच्चा है वो, चमचा नहीं। जा रही हूं अब मै।


भूमि कैश काउंटर पर पहुंची। सारा सामान कार में और दोनो वहां से चल दिए बाइक खरीदने। भूमि ने कार को आर्यमणि के बोले पते पर लगाई और जब नजर उठा कर देखी तो बीएमडब्लू बाइक शो रूम।


भूमि:- मेरे भाई मैंने आज तक एक भी बीएमडब्लू कार नहीं ली, और तू बाइक बोलकर कार के शोरूम ले आया।


आर्यमणि:- दीदी कार से उतरकर देखो ना, ये बाइक का ही शोरूम है।


भूमि:- हां दिख गया। बेटा तू बीएमडब्लू ही लेगा क्या?


आर्यमणि अपनी आंखें दिखाते… "चलो भी टाइम पास कर रही हो।"..


भूमि, चली अंदर… "आर्य मुझे आज पता चला कि बीएमडब्लू की बाइक भी आती है। वो लाल वाली मस्त है.. वही ले। (भूमि बीएमडब्ल्यू S1000XR मॉडल पसंद करती हुई कहने लगी)


आर्यमणि, हंसते हुए भूमि को गले लगा लिया… "चलो यहां से, मै तो बस छेड़ रहा था।"


भूमि:- मुझे यही बाइक राइड करनी है, ड्राइवर गाड़ी लेकर तुम घर जाओ। हां तू कुछ बोल रहा था आर्य।


आर्यमणि:- दीदी मुझे ये बाइक नहीं चाहिए। कहा तो आपको छेड़ रहा था मै।


भूमि:- मतलब यहां सीन क्रिएट करोगे तुम।


अर्यामानी:- सॉरी, ठीक है वही बाइक लेते है, अब खुश।


भूमि:- तू पागल है क्या? मै क्या इतने पैसे लाद कर ले जाऊंगी। वैसे भी तू तो मेरा लाडला है। तेरे लिए 20 लाख क्या 20 करोड़ की बाइक खरीद सकती हूं। बाकी बातें बाद में होगी चल अब मुझे बाइक पर घुमा।


2 मिनट में बाइक पसंद 10 मिनट में बाइक सड़क पर और दोनो हवा से बातें करते हुए पहले एमएलए कृपा शंकर के पास पहुंचे, जहां आर्यमणि ने एडमिशन के कुछ पेपर पर साइन किया, उसके बाद दोनो घर पहुंच गए। आर्यमणि अपनी बाइक खड़ी करके जैसे ही जाने लगा, भूमि उसे रोकती हुई अंदर का गराज खोल दी।


अंदर का नजारा देखकर आर्यमणि का मुंह खुला का खुला ही रह गया… "दीदी ये तो कार का शानदार कलेक्शन है। और झूठी यहां तो बीएमडब्ल्यू की कार भी है।".. कुल 21 कार थी उस गराज में। एक से बढ़कर एक लग्जरियस कार, स्पोर्ट्स कार, 5 तो एसयूवी जितने बड़े शानदार लुक की मिनी ट्रक खड़ी थी।"


भूमि:- ये ले गराज की चाभी। तेरे लेफ्ट में बोर्ड पर सभी कार की चाभी है, उसके नीचे मॉडल लिखा है, आगे समझाने कि जरूरत ना है। और हां, बस एक गलती कभी ना करना, किसी और मॉडल पर कोई दूसरी चाभी मत चिपका देना। वैसे तेरी बाइक देखकर अब लगता है मुझे बाइक कलेक्शन भी कर ही लेना चाहिए।


आर्यमणि:- थैंक्स दीदी।


दोनो गराज से निकलकर घर के अंदर पहुंचे। दिन में जिन 2 सदस्य से मुलाकात नहीं हो पाई थी, भूमि के पति जयदेव और उसकी बहन रिचा से, दोनो हॉल में ही बैठे थे। सभी खाने के टेबल पर जमा हुए और बातो का सिलसिला शुरू हो गया।


शनिवार की शुबह थी, भूमि आर्यमणि के साथ अपने पैतृक मकान पहुंची, जहां उसकी माता मीनाक्षी भारद्वाज और पिता उज्जवल भारद्वाज रहते थे। उनके साथ भूमि का बड़ा भाई तेजस अपनी बीवी वैदेही और 2 बच्चों मयंक और शैली भारद्वाज के साथ रहते थे।


भूमि के साथ जैसे ही आर्यमणि घर में घुसा, स्वागत के लिए उसकी मासी दरवाजे पर ही खड़ी थी। आर्यमणि के अंदर आते ही, वो उसको साथ लेकर जाकर सोफे पर बिठाई… "शांताराम जल्दी से ले आओ मेरे बच्चे का गिफ्ट। क्यों रे पहले मासी या पहले दीदी जो सीधा भूमि के ससुराल पहुंच गया। ऊपर से तूने वहीं रहने का फैसला भी कर लिया, वो भी बिना मुझसे पूछे। जया ने तुझे परिवार के बारे में नहीं बताया था क्या? बहन के ससुरल रहने से इज्जत कम हो जाती है।"


भूमि:- आई सुन लो इस बात पर झगड़ा हो जाएगा। आर्य के कान भरना बंद करो।


मीनाक्षी:- मेरी बात बुरी लग रही है तो चली जा। मेरा बच्चा मेरे पास रहेगा न की तेरे पास।


भूमि:- ठीक है रख लो, सुबह-सुबह मेरा दिमाग मत खाओ। बाबा काम काज से रिटायरमेंट लिए हो या परिवार से भी। आकर आई को चुप करवाओ वरना झगड़ा हो जायेगा।


मीनाक्षी:- वो क्या बोलेंगे, घर की मुखिया मै हूं। यहां वही होगा जो मै चाहूंगी।


तेजस:- क्या है आई, ऐसे कौन बात करता है। भूमि तू बैठ ना। तू भी तो जबरदस्ती आई के बात पर ध्यान देती है।


भूमि:- कब से कह रही हूं जाकर किसी अच्छे डॉक्टर से इनका इलाज करवाओ, लेकिन कोई मेरी सुने तब ना।


भूमि के पिता उज्जवल, अपने कमरे से बाहर निकलते…. "मीनाक्षी बस भी करो। भूमि से गुस्सा हो तुम, हम सब जान रहे है। वो भी जानती है। एक ही बात के लिए कब तक नाराज़ रहोगी।


मीनाक्षी:- जबतक वो पाऊं पकड़कर ये नहीं कह देती की मुझसे गलती हो गई। मै गलत थी। मेरा ना आना गलत था। मेरा मुंह लगाना गलत था। अब से जो बोलोगी वो होगा।


भूमि:- जब मै गलत हूं ही नहीं तो माफी किस बात की। आर्य का मन था इसलिए चली भी आयी, वरना इतने ड्रामे मुझे पसंद नहीं।


आर्यमणि:- मासी मै वापस गंगटोक जा रहा हूं कल। अगले साल एडमिशन लूंगा।


मीनाक्षी:- क्यों ?


आर्यमणि:- क्योंकि अब मै अपने पापा की तरह आईएएस बनूंगा।


मीनाक्षी:- चमचा कहीं का। भूमि के यहां रहता तो इंजिनियरिंग तेरी अच्छे से होती, मेरे पास आते ही तुझे आईएएस बनने का ख्याल आ गया। सही है बेटा। आजा, तू क्यों मुंह फुलाए है, मुझे तो पता ही था ये यहां नहीं रुकेगा।


भूमि:- हां और आपको बिना मेरे से झगड़ा किए खाना नहीं पचेगा।


मीनाक्षी:- तू ही तो मेरा मनोरंजन है, वरना घर में पड़े-पड़े बोर हो जाती हूं।


भूमि:- तो अपनी बहू से झगड़ा किया करो ना। मेरा खून जला कर कौन सा सुख पा लोगी।


मीनाक्षी:- बहुत कोशिश की झगड़ा करने कि। अभी मै अपनी बहू को बोलूं पाऊं पकड़ कर माफी मांग तो पूछेगी भी नहीं क्यों कह रही हूं ऐसा। वो तो 100 लोगों के भिड़ में भी ऐसा कर लेगी। वो मेरी बहू नहीं मेरी दोस्त है।


भूमि:- लो शुरू हो गया इनका बहू पुराण। कहां है दिख तो नहीं रही।


मीनाक्षी:- उसके पापा की तबीयत कल रात अचानक ही खराब हो गई। इसलिए कल रात ही बच्चो के साथ वो निकल गई।


भूमि:- हरिवंश काका को क्या हुआ, किसी ने मुझे बताया क्यों नहीं?


मीनाक्षी:- मैंने ही मना किया तेजस को। उसने बताया कि कल तुम दोनो शॉपिंग पर निकले हो। वैसे भी तू खुद को काम में इतना मसरूफ कर चुकी है, हमे लगा इसी बहाने कुछ तो काम से ध्यान हटे।


भूमि:- आई काम से ध्यान हटना अलग बात है, अपने लोगो की जरूरत को देखना दूसरी बात है। आप लोगो को भी वहां जाना चाहिए था, वो भी नहीं गए।


तेजस:- वैदेही ने कहा है कुछ जरूरत होगी तो सूचना दे देगी, अब तू इतना मत सोच।


"तुम लोग की पंचायत में आर्य को तो सब भुल ही गए। शांताराम दे मुझे"… मीनाक्षी शांताराम के हाथ से एक डिब्बा ली उसे खोलकर एक शानदार घड़ी आर्य के हांथ पर बांध दी। "हां अब अच्छा लग रहा है।"…


फिर हाथ में एक बॉक्स देती हुई कहने लगी… "इसमें एटीएम और क्रेडिट कार्ड है। किसी से पैसे मांगने नहीं, और इस कंजूस भूमि से बिल्कुल नहीं। और हां मै अपने बेटे को दे रही इसलिए खर्च करने में कोई भी झिझक मत रखना। समझ गया।".. आर्य हां में अपना सर हिला दिया।


शनिवार से लेकर रविवार तक आर्यमणि अपनी मासी के यहां ही रुका। पूरे नागपुर की सैर इन्हीं 2 दिनों में हो गया। सोमवार की सुबह कॉलेज का पहला दिन। बड़े ही खुशी के साथ आर्यमणि कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था।
 

nain11ster

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यह फैंटेसी कहानी वह भी वेरवुल्प वाली
समझ में तो अब तक नहीं आई
देखते हैं आगे आगे क्या होता है
Kya nahi samjh me aaya thoda bata dete to shayad main explain kar pata... Khair koi na ummid hai aage sab clear ho jaye...
 

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मैनेजर ने लाख मिन्नतें किए। जब बात न बनी तो पुलिस बुलाने अथवा सारा सामान छोड़कर जाने तक की बात भी कह डाली, लेकिन आर्यमणि शायद बड़े से फाइट के बाद थोड़े मस्ती के मूड में था और लगातार मैनेजर को चिढ़ाते हुए एक ही रट लगाए था.… "वह मैनेजर की एक कही बात न मानेगा। जो भी बात होगी अब तो मॉल के मालिक से ही बात होगी"…


मैनेजर:- सर मै हूं ना मुझसे कहिए। एमडी सर बहुत व्यस्त रहते है, उनसे बात नहीं हो पाएगी।


काफी देर बहस हुई, अंत में जब बात नहीं बनी तब मैनेजर मजबूरन मालिक के चेंबर के ओर चल दिया। लेकिन बाहर खड़े एक पुराने मुलाजिम ने मैनेजर को साफ मना करते हुए कहने लगा… "भूमि बहन आयी है रे, जाओ बाद में आना"..


"ना अक्ल है ना सकल, बस पूरे बदन में एक ही चीज है, तेरा पेट शामलाल"… आर्यमणि ने जैसे ही ये बात कही, शामलाल सर ऊपर करके सोचने लग गया… "ये मैंने कहीं तो सुना है रे बाबा, पन किधर को सुना, याद नहीं आ रहा।"..


शामलाल अपने सोच में ही था तभी मैनेजर हड़बड़ी में दरवाजे तक आया, शामलाल उसे रोकते… "कहां जा रहा है।"..


मैनेजर:- बेवकूफ हो क्या, वो लड़का अंदर चला गया और तुम उपर सीलिंग देख रहे हो।


शामलाल:- तू सूट बुट और टाई लगाकर खुद को बड़ा समझदार मानस समझे आहे। जा अंदर जा…


मैनेजर तेजी से अंदर घुसते… "सॉरी सर मै इन्हे बहुत देर से समझा रहा था कि पेमेंट का जो भी इश्यू है मुझसे कह दे, लेकीन ये लड़का आपसे मिलने की जिद पकड़े हुआ था।"


तेजस:- हम्मम ! ठीक है प्रोडक्ट डिटेल दो, क्या क्या पर्चेज किया है..


मैनेजर ने अपने हाथ का बिल तेजस को दे दिया… 2 मीटर वाले बिल की लंबाई देखकर… "बस इतना छोटा बिल है। ये एलइडी 56 इंच वाला.. ये क्या है। स्टन गन, इसका क्या होगा।"


मैनेजर:- जाने दीजिए ना सर वो करंट छोड़ने वाली गन है। ज्यादा नुकसान नहीं करती है और मै तो कहता हूं सर को 56 क्या उससे भी बड़ा साइज का टीवी लेले।


तेजस:- आईफोन और आईपैड दोनो…


भूमि:- दादा बिल की डिटेल देखकर बच्चे को परेशान ना करो। पेमेंट करना है तो करो, वरना बहुत दुकान है शहर में।


तेजस भूमि के ओर मुड़ते… "मतलब मुफ्त का लेना हो तो दादा के मॉल याद आता है और पैसे से कहीं और जाकर खरीदोगे।"


आर्यमणि, भूमि के कान में कुछ कहा, तभी तेजस… "क्या कहा इसने तुझसे"..


भूमि:- कह रहा है लैपटॉप भुल गया लेना।


तेजस:- गुरुदेव और कुछ तो नहीं रह गया..


आर्यमणि, तेजस के पास पहुंचकर उसे गले लगाते…. "थैंक्स दादा। आप बहुत स्वीट हो।"..


तेजस:- हां मस्का पॉलिश। अच्छा सुन आर्य कल सुबह ही घर चले आना। सुनो कदम, ये अपने छोटे दादा है इनका सारा बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना। और सुनो ये अब यहीं रहने वाला है तो अपने या अपनी गर्लफ्रेंड के लिए 20000 तक का शॉपिंग करे तो बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना, 20000 से ज्यादा का हो तो इसे कहना एक बार मुझसे बात कर लेने। इसके अलावा रेस्त्रां में दोस्तों के साथ छोटी बड़ी जो भी पार्टी हो उसका भी बिल मेरे अकाउंट पर। खुश है ना तू आर्य।


आर्यमणि:- थैंक्स दादा।


तेजस:- बेटा अब तू जाकर और भी कुछ देख ले, भूमि आयी है तो कुछ बातें डिस्कस कर लूं। अगर तू इजाजत दे तो।


आर्यमणि जाते हुए… "दीदी बस 5 मिनट लेना। मै नीचे बिल काउंटर पर ही हूं।"..


जैसे ही आर्यमणि निकला… "ये मुझसे बात क्यों नहीं करता, तुझसे तो हर बात बताता है।"


भूमि:- आर्य आपसे बात तो करता है दादा। वैसे आपको मुझसे कुछ बात करनी थी ना।


तेजस:- मीटिंग की बात तो घर पर करता हूं, लेकिन राजदीप के बारे में कुछ खबर लगी कि नहीं।


भूमि:- जब से पोस्टिंग हुई है अच्छा काम कर रहा है। मै तो बहुत खुश हूं।


तेजस:- ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद ही एमएलए कृपाशंकर से मिला था। राजदीप ने तब एमएलए के पास वैधायान भारद्वाज का नाम इस्तमाल किया था, अपने काले कमाई के परिचय में।


भूमि:- दादा आप बहुत जल्दी परेशान हो जाते हो। वैधायन भारद्वाज का नाम लेकर राजदीप ने उस कृपाशंकर की अकड़ बस निकाली होगी। वरना वो अपना काम अच्छे से जनता है। वो कभी भी ऐसा नहीं करेगा।


तेजस:- हम्मम !!! मै मिलूंगा राजदीप से तो खुलकर बताएगा नहीं, तू मिलकर बात कर लेना और कह देना कि कोई अकड़ दिखाए तो पहले 2 चप्पल मारे बाद में बात करे, बाकी मै सब देख लूंगा।


भूमि:- ठीक है दादा, अब मै जा रही हूं। आई–बाबा को बोलना कल आर्य के साथ आऊंगी। आज हम दोनों शॉपिंग पर निकले है।


तेजस:- चल मै भी चलता हूं।


भूमि:- सोचना भी मत, साफ कह दिया है सिर्फ वो मेरे साथ शॉपिंग करेगा।


तेजस:- हां जनता हूं.. तेरा चमचा है वो।


भूमि:- मेरा बच्चा है वो, चमचा नहीं। जा रही हूं अब मै।


भूमि कैश काउंटर पर पहुंची। सारा सामान कार में और दोनो वहां से चल दिए बाइक खरीदने। भूमि ने कार को आर्यमणि के बोले पते पर लगाई और जब नजर उठा कर देखी तो बीएमडब्लू बाइक शो रूम।


भूमि:- मेरे भाई मैंने आज तक एक भी बीएमडब्लू कार नहीं ली, और तू बाइक बोलकर कार के शोरूम ले आया।


आर्यमणि:- दीदी कार से उतरकर देखो ना, ये बाइक का ही शोरूम है।


भूमि:- हां दिख गया। बेटा तू बीएमडब्लू ही लेगा क्या?


आर्यमणि अपनी आंखें दिखाते… "चलो भी टाइम पास कर रही हो।"..


भूमि, चली अंदर… "आर्य मुझे आज पता चला कि बीएमडब्लू की बाइक भी आती है। वो लाल वाली मस्त है.. वही ले। (भूमि बीएमडब्ल्यू S1000XR मॉडल पसंद करती हुई कहने लगी)


आर्यमणि, हंसते हुए भूमि को गले लगा लिया… "चलो यहां से, मै तो बस छेड़ रहा था।"


भूमि:- मुझे यही बाइक राइड करनी है, ड्राइवर गाड़ी लेकर तुम घर जाओ। हां तू कुछ बोल रहा था आर्य।


आर्यमणि:- दीदी मुझे ये बाइक नहीं चाहिए। कहा तो आपको छेड़ रहा था मै।


भूमि:- मतलब यहां सीन क्रिएट करोगे तुम।


अर्यामानी:- सॉरी, ठीक है वही बाइक लेते है, अब खुश।


भूमि:- तू पागल है क्या? मै क्या इतने पैसे लाद कर ले जाऊंगी। वैसे भी तू तो मेरा लाडला है। तेरे लिए 20 लाख क्या 20 करोड़ की बाइक खरीद सकती हूं। बाकी बातें बाद में होगी चल अब मुझे बाइक पर घुमा।


2 मिनट में बाइक पसंद 10 मिनट में बाइक सड़क पर और दोनो हवा से बातें करते हुए पहले एमएलए कृपा शंकर के पास पहुंचे, जहां आर्यमणि ने एडमिशन के कुछ पेपर पर साइन किया, उसके बाद दोनो घर पहुंच गए। आर्यमणि अपनी बाइक खड़ी करके जैसे ही जाने लगा, भूमि उसे रोकती हुई अंदर का गराज खोल दी।


अंदर का नजारा देखकर आर्यमणि का मुंह खुला का खुला ही रह गया… "दीदी ये तो कार का शानदार कलेक्शन है। और झूठी यहां तो बीएमडब्ल्यू की कार भी है।".. कुल 21 कार थी उस गराज में। एक से बढ़कर एक लग्जरियस कार, स्पोर्ट्स कार, 5 तो एसयूवी जितने बड़े शानदार लुक की मिनी ट्रक खड़ी थी।"


भूमि:- ये ले गराज की चाभी। तेरे लेफ्ट में बोर्ड पर सभी कार की चाभी है, उसके नीचे मॉडल लिखा है, आगे समझाने कि जरूरत ना है। और हां, बस एक गलती कभी ना करना, किसी और मॉडल पर कोई दूसरी चाभी मत चिपका देना। वैसे तेरी बाइक देखकर अब लगता है मुझे बाइक कलेक्शन भी कर ही लेना चाहिए।


आर्यमणि:- थैंक्स दीदी।


दोनो गराज से निकलकर घर के अंदर पहुंचे। दिन में जिन 2 सदस्य से मुलाकात नहीं हो पाई थी, भूमि के पति जयदेव और उसकी बहन रिचा से, दोनो हॉल में ही बैठे थे। सभी खाने के टेबल पर जमा हुए और बातो का सिलसिला शुरू हो गया।


शनिवार की शुबह थी, भूमि आर्यमणि के साथ अपने पैतृक मकान पहुंची, जहां उसकी माता मीनाक्षी भारद्वाज और पिता उज्जवल भारद्वाज रहते थे। उनके साथ भूमि का बड़ा भाई तेजस अपनी बीवी वैदेही और 2 बच्चों मयंक और शैली भारद्वाज के साथ रहते थे।


भूमि के साथ जैसे ही आर्यमणि घर में घुसा, स्वागत के लिए उसकी मासी दरवाजे पर ही खड़ी थी। आर्यमणि के अंदर आते ही, वो उसको साथ लेकर जाकर सोफे पर बिठाई… "शांताराम जल्दी से ले आओ मेरे बच्चे का गिफ्ट। क्यों रे पहले मासी या पहले दीदी जो सीधा भूमि के ससुराल पहुंच गया। ऊपर से तूने वहीं रहने का फैसला भी कर लिया, वो भी बिना मुझसे पूछे। जया ने तुझे परिवार के बारे में नहीं बताया था क्या? बहन के ससुरल रहने से इज्जत कम हो जाती है।"


भूमि:- आई सुन लो इस बात पर झगड़ा हो जाएगा। आर्य के कान भरना बंद करो।


मीनाक्षी:- मेरी बात बुरी लग रही है तो चली जा। मेरा बच्चा मेरे पास रहेगा न की तेरे पास।


भूमि:- ठीक है रख लो, सुबह-सुबह मेरा दिमाग मत खाओ। बाबा काम काज से रिटायरमेंट लिए हो या परिवार से भी। आकर आई को चुप करवाओ वरना झगड़ा हो जायेगा।


मीनाक्षी:- वो क्या बोलेंगे, घर की मुखिया मै हूं। यहां वही होगा जो मै चाहूंगी।


तेजस:- क्या है आई, ऐसे कौन बात करता है। भूमि तू बैठ ना। तू भी तो जबरदस्ती आई के बात पर ध्यान देती है।


भूमि:- कब से कह रही हूं जाकर किसी अच्छे डॉक्टर से इनका इलाज करवाओ, लेकिन कोई मेरी सुने तब ना।


भूमि के पिता उज्जवल, अपने कमरे से बाहर निकलते…. "मीनाक्षी बस भी करो। भूमि से गुस्सा हो तुम, हम सब जान रहे है। वो भी जानती है। एक ही बात के लिए कब तक नाराज़ रहोगी।


मीनाक्षी:- जबतक वो पाऊं पकड़कर ये नहीं कह देती की मुझसे गलती हो गई। मै गलत थी। मेरा ना आना गलत था। मेरा मुंह लगाना गलत था। अब से जो बोलोगी वो होगा।


भूमि:- जब मै गलत हूं ही नहीं तो माफी किस बात की। आर्य का मन था इसलिए चली भी आयी, वरना इतने ड्रामे मुझे पसंद नहीं।


आर्यमणि:- मासी मै वापस गंगटोक जा रहा हूं कल। अगले साल एडमिशन लूंगा।


मीनाक्षी:- क्यों ?


आर्यमणि:- क्योंकि अब मै अपने पापा की तरह आईएएस बनूंगा।


मीनाक्षी:- चमचा कहीं का। भूमि के यहां रहता तो इंजिनियरिंग तेरी अच्छे से होती, मेरे पास आते ही तुझे आईएएस बनने का ख्याल आ गया। सही है बेटा। आजा, तू क्यों मुंह फुलाए है, मुझे तो पता ही था ये यहां नहीं रुकेगा।


भूमि:- हां और आपको बिना मेरे से झगड़ा किए खाना नहीं पचेगा।


मीनाक्षी:- तू ही तो मेरा मनोरंजन है, वरना घर में पड़े-पड़े बोर हो जाती हूं।


भूमि:- तो अपनी बहू से झगड़ा किया करो ना। मेरा खून जला कर कौन सा सुख पा लोगी।


मीनाक्षी:- बहुत कोशिश की झगड़ा करने कि। अभी मै अपनी बहू को बोलूं पाऊं पकड़ कर माफी मांग तो पूछेगी भी नहीं क्यों कह रही हूं ऐसा। वो तो 100 लोगों के भिड़ में भी ऐसा कर लेगी। वो मेरी बहू नहीं मेरी दोस्त है।


भूमि:- लो शुरू हो गया इनका बहू पुराण। कहां है दिख तो नहीं रही।


मीनाक्षी:- उसके पापा की तबीयत कल रात अचानक ही खराब हो गई। इसलिए कल रात ही बच्चो के साथ वो निकल गई।


भूमि:- हरिवंश काका को क्या हुआ, किसी ने मुझे बताया क्यों नहीं?


मीनाक्षी:- मैंने ही मना किया तेजस को। उसने बताया कि कल तुम दोनो शॉपिंग पर निकले हो। वैसे भी तू खुद को काम में इतना मसरूफ कर चुकी है, हमे लगा इसी बहाने कुछ तो काम से ध्यान हटे।


भूमि:- आई काम से ध्यान हटना अलग बात है, अपने लोगो की जरूरत को देखना दूसरी बात है। आप लोगो को भी वहां जाना चाहिए था, वो भी नहीं गए।


तेजस:- वैदेही ने कहा है कुछ जरूरत होगी तो सूचना दे देगी, अब तू इतना मत सोच।


"तुम लोग की पंचायत में आर्य को तो सब भुल ही गए। शांताराम दे मुझे"… मीनाक्षी शांताराम के हाथ से एक डिब्बा ली उसे खोलकर एक शानदार घड़ी आर्य के हांथ पर बांध दी। "हां अब अच्छा लग रहा है।"…


फिर हाथ में एक बॉक्स देती हुई कहने लगी… "इसमें एटीएम और क्रेडिट कार्ड है। किसी से पैसे मांगने नहीं, और इस कंजूस भूमि से बिल्कुल नहीं। और हां मै अपने बेटे को दे रही इसलिए खर्च करने में कोई भी झिझक मत रखना। समझ गया।".. आर्य हां में अपना सर हिला दिया।


शनिवार से लेकर रविवार तक आर्यमणि अपनी मासी के यहां ही रुका। पूरे नागपुर की सैर इन्हीं 2 दिनों में हो गया। सोमवार की सुबह कॉलेज का पहला दिन। बड़े ही खुशी के साथ आर्यमणि कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था।
आर्य की तो लॉटरी ही निकल गई, मॉल में भाई ने अकाउंट खुलवा दिया है, बहन ने BMW की बाइक दिलवा दी है और मासी ने पैसे का जुगाड कर दिया है। मतलब लड़के की पांचों उंगलियां घी में और सर कड़ाही मे है अब तो।

तेजस ने भी थोड़ी मस्ती के साथ बिल पास कर ही दिया। मासी और भूमि की नोकझोक भी मस्त थी अब देखना है कि कॉलेज में क्या क्या होने वाला है और निशांत और चित्रा से कैसे सामना होगा आर्य का, स्टार्टिंग में दिए सीन के हिसाब से रैगिंग के टाइम ही मुलाकात होनी है तो अब देखते है क्या होता है। अपडेट अच्छा और मनोरंजक था मगर थोड़ा छोटा लगा तो कुछ अधूरा अधूरा लग रहा है काश एक मेगा अपडेट आ जाता आज?
 
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Itachi_Uchiha

अंतःअस्ति प्रारंभः
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भाग:–12




मैनेजर ने लाख मिन्नतें किए। जब बात न बनी तो पुलिस बुलाने अथवा सारा सामान छोड़कर जाने तक की बात भी कह डाली, लेकिन आर्यमणि शायद बड़े से फाइट के बाद थोड़े मस्ती के मूड में था और लगातार मैनेजर को चिढ़ाते हुए एक ही रट लगाए था.… "वह मैनेजर की एक कही बात न मानेगा। जो भी बात होगी अब तो मॉल के मालिक से ही बात होगी"…


मैनेजर:- सर मै हूं ना मुझसे कहिए। एमडी सर बहुत व्यस्त रहते है, उनसे बात नहीं हो पाएगी।


काफी देर बहस हुई, अंत में जब बात नहीं बनी तब मैनेजर मजबूरन मालिक के चेंबर के ओर चल दिया। लेकिन बाहर खड़े एक पुराने मुलाजिम ने मैनेजर को साफ मना करते हुए कहने लगा… "भूमि बहन आयी है रे, जाओ बाद में आना"..


"ना अक्ल है ना सकल, बस पूरे बदन में एक ही चीज है, तेरा पेट शामलाल"… आर्यमणि ने जैसे ही ये बात कही, शामलाल सर ऊपर करके सोचने लग गया… "ये मैंने कहीं तो सुना है रे बाबा, पन किधर को सुना, याद नहीं आ रहा।"..


शामलाल अपने सोच में ही था तभी मैनेजर हड़बड़ी में दरवाजे तक आया, शामलाल उसे रोकते… "कहां जा रहा है।"..


मैनेजर:- बेवकूफ हो क्या, वो लड़का अंदर चला गया और तुम उपर सीलिंग देख रहे हो।


शामलाल:- तू सूट बुट और टाई लगाकर खुद को बड़ा समझदार मानस समझे आहे। जा अंदर जा…


मैनेजर तेजी से अंदर घुसते… "सॉरी सर मै इन्हे बहुत देर से समझा रहा था कि पेमेंट का जो भी इश्यू है मुझसे कह दे, लेकीन ये लड़का आपसे मिलने की जिद पकड़े हुआ था।"


तेजस:- हम्मम ! ठीक है प्रोडक्ट डिटेल दो, क्या क्या पर्चेज किया है..


मैनेजर ने अपने हाथ का बिल तेजस को दे दिया… 2 मीटर वाले बिल की लंबाई देखकर… "बस इतना छोटा बिल है। ये एलइडी 56 इंच वाला.. ये क्या है। स्टन गन, इसका क्या होगा।"


मैनेजर:- जाने दीजिए ना सर वो करंट छोड़ने वाली गन है। ज्यादा नुकसान नहीं करती है और मै तो कहता हूं सर को 56 क्या उससे भी बड़ा साइज का टीवी लेले।


तेजस:- आईफोन और आईपैड दोनो…


भूमि:- दादा बिल की डिटेल देखकर बच्चे को परेशान ना करो। पेमेंट करना है तो करो, वरना बहुत दुकान है शहर में।


तेजस भूमि के ओर मुड़ते… "मतलब मुफ्त का लेना हो तो दादा के मॉल याद आता है और पैसे से कहीं और जाकर खरीदोगे।"


आर्यमणि, भूमि के कान में कुछ कहा, तभी तेजस… "क्या कहा इसने तुझसे"..


भूमि:- कह रहा है लैपटॉप भुल गया लेना।


तेजस:- गुरुदेव और कुछ तो नहीं रह गया..


आर्यमणि, तेजस के पास पहुंचकर उसे गले लगाते…. "थैंक्स दादा। आप बहुत स्वीट हो।"..


तेजस:- हां मस्का पॉलिश। अच्छा सुन आर्य कल सुबह ही घर चले आना। सुनो कदम, ये अपने छोटे दादा है इनका सारा बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना। और सुनो ये अब यहीं रहने वाला है तो अपने या अपनी गर्लफ्रेंड के लिए 20000 तक का शॉपिंग करे तो बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना, 20000 से ज्यादा का हो तो इसे कहना एक बार मुझसे बात कर लेने। इसके अलावा रेस्त्रां में दोस्तों के साथ छोटी बड़ी जो भी पार्टी हो उसका भी बिल मेरे अकाउंट पर। खुश है ना तू आर्य।


आर्यमणि:- थैंक्स दादा।


तेजस:- बेटा अब तू जाकर और भी कुछ देख ले, भूमि आयी है तो कुछ बातें डिस्कस कर लूं। अगर तू इजाजत दे तो।


आर्यमणि जाते हुए… "दीदी बस 5 मिनट लेना। मै नीचे बिल काउंटर पर ही हूं।"..


जैसे ही आर्यमणि निकला… "ये मुझसे बात क्यों नहीं करता, तुझसे तो हर बात बताता है।"


भूमि:- आर्य आपसे बात तो करता है दादा। वैसे आपको मुझसे कुछ बात करनी थी ना।


तेजस:- मीटिंग की बात तो घर पर करता हूं, लेकिन राजदीप के बारे में कुछ खबर लगी कि नहीं।


भूमि:- जब से पोस्टिंग हुई है अच्छा काम कर रहा है। मै तो बहुत खुश हूं।


तेजस:- ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद ही एमएलए कृपाशंकर से मिला था। राजदीप ने तब एमएलए के पास वैधायान भारद्वाज का नाम इस्तमाल किया था, अपने काले कमाई के परिचय में।


भूमि:- दादा आप बहुत जल्दी परेशान हो जाते हो। वैधायन भारद्वाज का नाम लेकर राजदीप ने उस कृपाशंकर की अकड़ बस निकाली होगी। वरना वो अपना काम अच्छे से जनता है। वो कभी भी ऐसा नहीं करेगा।


तेजस:- हम्मम !!! मै मिलूंगा राजदीप से तो खुलकर बताएगा नहीं, तू मिलकर बात कर लेना और कह देना कि कोई अकड़ दिखाए तो पहले 2 चप्पल मारे बाद में बात करे, बाकी मै सब देख लूंगा।


भूमि:- ठीक है दादा, अब मै जा रही हूं। आई–बाबा को बोलना कल आर्य के साथ आऊंगी। आज हम दोनों शॉपिंग पर निकले है।


तेजस:- चल मै भी चलता हूं।


भूमि:- सोचना भी मत, साफ कह दिया है सिर्फ वो मेरे साथ शॉपिंग करेगा।


तेजस:- हां जनता हूं.. तेरा चमचा है वो।


भूमि:- मेरा बच्चा है वो, चमचा नहीं। जा रही हूं अब मै।


भूमि कैश काउंटर पर पहुंची। सारा सामान कार में और दोनो वहां से चल दिए बाइक खरीदने। भूमि ने कार को आर्यमणि के बोले पते पर लगाई और जब नजर उठा कर देखी तो बीएमडब्लू बाइक शो रूम।


भूमि:- मेरे भाई मैंने आज तक एक भी बीएमडब्लू कार नहीं ली, और तू बाइक बोलकर कार के शोरूम ले आया।


आर्यमणि:- दीदी कार से उतरकर देखो ना, ये बाइक का ही शोरूम है।


भूमि:- हां दिख गया। बेटा तू बीएमडब्लू ही लेगा क्या?


आर्यमणि अपनी आंखें दिखाते… "चलो भी टाइम पास कर रही हो।"..


भूमि, चली अंदर… "आर्य मुझे आज पता चला कि बीएमडब्लू की बाइक भी आती है। वो लाल वाली मस्त है.. वही ले। (भूमि बीएमडब्ल्यू S1000XR मॉडल पसंद करती हुई कहने लगी)


आर्यमणि, हंसते हुए भूमि को गले लगा लिया… "चलो यहां से, मै तो बस छेड़ रहा था।"


भूमि:- मुझे यही बाइक राइड करनी है, ड्राइवर गाड़ी लेकर तुम घर जाओ। हां तू कुछ बोल रहा था आर्य।


आर्यमणि:- दीदी मुझे ये बाइक नहीं चाहिए। कहा तो आपको छेड़ रहा था मै।


भूमि:- मतलब यहां सीन क्रिएट करोगे तुम।


अर्यामानी:- सॉरी, ठीक है वही बाइक लेते है, अब खुश।


भूमि:- तू पागल है क्या? मै क्या इतने पैसे लाद कर ले जाऊंगी। वैसे भी तू तो मेरा लाडला है। तेरे लिए 20 लाख क्या 20 करोड़ की बाइक खरीद सकती हूं। बाकी बातें बाद में होगी चल अब मुझे बाइक पर घुमा।


2 मिनट में बाइक पसंद 10 मिनट में बाइक सड़क पर और दोनो हवा से बातें करते हुए पहले एमएलए कृपा शंकर के पास पहुंचे, जहां आर्यमणि ने एडमिशन के कुछ पेपर पर साइन किया, उसके बाद दोनो घर पहुंच गए। आर्यमणि अपनी बाइक खड़ी करके जैसे ही जाने लगा, भूमि उसे रोकती हुई अंदर का गराज खोल दी।


अंदर का नजारा देखकर आर्यमणि का मुंह खुला का खुला ही रह गया… "दीदी ये तो कार का शानदार कलेक्शन है। और झूठी यहां तो बीएमडब्ल्यू की कार भी है।".. कुल 21 कार थी उस गराज में। एक से बढ़कर एक लग्जरियस कार, स्पोर्ट्स कार, 5 तो एसयूवी जितने बड़े शानदार लुक की मिनी ट्रक खड़ी थी।"


भूमि:- ये ले गराज की चाभी। तेरे लेफ्ट में बोर्ड पर सभी कार की चाभी है, उसके नीचे मॉडल लिखा है, आगे समझाने कि जरूरत ना है। और हां, बस एक गलती कभी ना करना, किसी और मॉडल पर कोई दूसरी चाभी मत चिपका देना। वैसे तेरी बाइक देखकर अब लगता है मुझे बाइक कलेक्शन भी कर ही लेना चाहिए।


आर्यमणि:- थैंक्स दीदी।


दोनो गराज से निकलकर घर के अंदर पहुंचे। दिन में जिन 2 सदस्य से मुलाकात नहीं हो पाई थी, भूमि के पति जयदेव और उसकी बहन रिचा से, दोनो हॉल में ही बैठे थे। सभी खाने के टेबल पर जमा हुए और बातो का सिलसिला शुरू हो गया।


शनिवार की शुबह थी, भूमि आर्यमणि के साथ अपने पैतृक मकान पहुंची, जहां उसकी माता मीनाक्षी भारद्वाज और पिता उज्जवल भारद्वाज रहते थे। उनके साथ भूमि का बड़ा भाई तेजस अपनी बीवी वैदेही और 2 बच्चों मयंक और शैली भारद्वाज के साथ रहते थे।


भूमि के साथ जैसे ही आर्यमणि घर में घुसा, स्वागत के लिए उसकी मासी दरवाजे पर ही खड़ी थी। आर्यमणि के अंदर आते ही, वो उसको साथ लेकर जाकर सोफे पर बिठाई… "शांताराम जल्दी से ले आओ मेरे बच्चे का गिफ्ट। क्यों रे पहले मासी या पहले दीदी जो सीधा भूमि के ससुराल पहुंच गया। ऊपर से तूने वहीं रहने का फैसला भी कर लिया, वो भी बिना मुझसे पूछे। जया ने तुझे परिवार के बारे में नहीं बताया था क्या? बहन के ससुरल रहने से इज्जत कम हो जाती है।"


भूमि:- आई सुन लो इस बात पर झगड़ा हो जाएगा। आर्य के कान भरना बंद करो।


मीनाक्षी:- मेरी बात बुरी लग रही है तो चली जा। मेरा बच्चा मेरे पास रहेगा न की तेरे पास।


भूमि:- ठीक है रख लो, सुबह-सुबह मेरा दिमाग मत खाओ। बाबा काम काज से रिटायरमेंट लिए हो या परिवार से भी। आकर आई को चुप करवाओ वरना झगड़ा हो जायेगा।


मीनाक्षी:- वो क्या बोलेंगे, घर की मुखिया मै हूं। यहां वही होगा जो मै चाहूंगी।


तेजस:- क्या है आई, ऐसे कौन बात करता है। भूमि तू बैठ ना। तू भी तो जबरदस्ती आई के बात पर ध्यान देती है।


भूमि:- कब से कह रही हूं जाकर किसी अच्छे डॉक्टर से इनका इलाज करवाओ, लेकिन कोई मेरी सुने तब ना।


भूमि के पिता उज्जवल, अपने कमरे से बाहर निकलते…. "मीनाक्षी बस भी करो। भूमि से गुस्सा हो तुम, हम सब जान रहे है। वो भी जानती है। एक ही बात के लिए कब तक नाराज़ रहोगी।


मीनाक्षी:- जबतक वो पाऊं पकड़कर ये नहीं कह देती की मुझसे गलती हो गई। मै गलत थी। मेरा ना आना गलत था। मेरा मुंह लगाना गलत था। अब से जो बोलोगी वो होगा।


भूमि:- जब मै गलत हूं ही नहीं तो माफी किस बात की। आर्य का मन था इसलिए चली भी आयी, वरना इतने ड्रामे मुझे पसंद नहीं।


आर्यमणि:- मासी मै वापस गंगटोक जा रहा हूं कल। अगले साल एडमिशन लूंगा।


मीनाक्षी:- क्यों ?


आर्यमणि:- क्योंकि अब मै अपने पापा की तरह आईएएस बनूंगा।


मीनाक्षी:- चमचा कहीं का। भूमि के यहां रहता तो इंजिनियरिंग तेरी अच्छे से होती, मेरे पास आते ही तुझे आईएएस बनने का ख्याल आ गया। सही है बेटा। आजा, तू क्यों मुंह फुलाए है, मुझे तो पता ही था ये यहां नहीं रुकेगा।


भूमि:- हां और आपको बिना मेरे से झगड़ा किए खाना नहीं पचेगा।


मीनाक्षी:- तू ही तो मेरा मनोरंजन है, वरना घर में पड़े-पड़े बोर हो जाती हूं।


भूमि:- तो अपनी बहू से झगड़ा किया करो ना। मेरा खून जला कर कौन सा सुख पा लोगी।


मीनाक्षी:- बहुत कोशिश की झगड़ा करने कि। अभी मै अपनी बहू को बोलूं पाऊं पकड़ कर माफी मांग तो पूछेगी भी नहीं क्यों कह रही हूं ऐसा। वो तो 100 लोगों के भिड़ में भी ऐसा कर लेगी। वो मेरी बहू नहीं मेरी दोस्त है।


भूमि:- लो शुरू हो गया इनका बहू पुराण। कहां है दिख तो नहीं रही।


मीनाक्षी:- उसके पापा की तबीयत कल रात अचानक ही खराब हो गई। इसलिए कल रात ही बच्चो के साथ वो निकल गई।


भूमि:- हरिवंश काका को क्या हुआ, किसी ने मुझे बताया क्यों नहीं?


मीनाक्षी:- मैंने ही मना किया तेजस को। उसने बताया कि कल तुम दोनो शॉपिंग पर निकले हो। वैसे भी तू खुद को काम में इतना मसरूफ कर चुकी है, हमे लगा इसी बहाने कुछ तो काम से ध्यान हटे।


भूमि:- आई काम से ध्यान हटना अलग बात है, अपने लोगो की जरूरत को देखना दूसरी बात है। आप लोगो को भी वहां जाना चाहिए था, वो भी नहीं गए।


तेजस:- वैदेही ने कहा है कुछ जरूरत होगी तो सूचना दे देगी, अब तू इतना मत सोच।


"तुम लोग की पंचायत में आर्य को तो सब भुल ही गए। शांताराम दे मुझे"… मीनाक्षी शांताराम के हाथ से एक डिब्बा ली उसे खोलकर एक शानदार घड़ी आर्य के हांथ पर बांध दी। "हां अब अच्छा लग रहा है।"…


फिर हाथ में एक बॉक्स देती हुई कहने लगी… "इसमें एटीएम और क्रेडिट कार्ड है। किसी से पैसे मांगने नहीं, और इस कंजूस भूमि से बिल्कुल नहीं। और हां मै अपने बेटे को दे रही इसलिए खर्च करने में कोई भी झिझक मत रखना। समझ गया।".. आर्य हां में अपना सर हिला दिया।


शनिवार से लेकर रविवार तक आर्यमणि अपनी मासी के यहां ही रुका। पूरे नागपुर की सैर इन्हीं 2 दिनों में हो गया। सोमवार की सुबह कॉलेज का पहला दिन। बड़े ही खुशी के साथ आर्यमणि कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था।
Wahhh nain11ster bhai mast update tha. Aur bhai kuch logo ke COMMENT se mujhe lag raha hai jaise ye story aapki hi kisi story ka aage ka part hai. Agar aisa hai to Please mujhe thoda details me bata dijiye ki mujhe aapni kon si story se read karna start karna cahiye.
Waise mai aapki kon story 1st time read kr raha hu. Lakin mujhe ye bikul fresh nd alg hi laga tabhi mera aapki story read krne me intrust aa gaya.
Aur jaha tak Update ki baat hai bhai bahut hi beautiful Update tha. Aur bhai aakhir apne arya me aisa kya hai jo sub use itna pasnd karte hai. Isase releted bhi koi Update aayega kya jisme hme ye pata chlega ki arya ko sb itna pyar karte hai uske ye sub resion hai.
 

nain11ster

Prime
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आर्य की तो लॉटरी ही निकल गई, मॉल में भाई ने अकाउंट खुलवा दिया है, बहन ने BMW की बाइक दिलवा दी है और मासी ने पैसे का जुगाड कर दिया है। मतलब लड़के की पांचों उंगलियां घी में और सर कड़ाही मे है अब तो।

तेजस ने भी थोड़ी मस्ती के साथ बिल पास कर ही दिया। मासी और भूमि की नोकझोक भी मस्त थी अब देखना है कि कॉलेज में क्या क्या होने वाला है और निशांत और चित्रा से कैसे सामना होगा आर्य का, स्टार्टिंग में दिए सीन के हिसाब से रैगिंग के टाइम ही मुलाकात होनी है तो अब देखते है क्या होता है। अपडेट अच्छा और मनोरंजक था मगर थोड़ा छोटा लगा तो कुछ अधूरा अधूरा लग रहा है काश एक मेगा अपडेट आ जाता आज?
Hahaha... Update chhota... Khair aaj 2 update aur dene ke planning hai... Kyonki aaj se lekar ravivar tak main vyast rahunga aur fursat mile ki nahi... So cheer up... Haan aur wo scene wala update aaj aa jayega...
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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भाग:–12




मैनेजर ने लाख मिन्नतें किए। जब बात न बनी तो पुलिस बुलाने अथवा सारा सामान छोड़कर जाने तक की बात भी कह डाली, लेकिन आर्यमणि शायद बड़े से फाइट के बाद थोड़े मस्ती के मूड में था और लगातार मैनेजर को चिढ़ाते हुए एक ही रट लगाए था.… "वह मैनेजर की एक कही बात न मानेगा। जो भी बात होगी अब तो मॉल के मालिक से ही बात होगी"…


मैनेजर:- सर मै हूं ना मुझसे कहिए। एमडी सर बहुत व्यस्त रहते है, उनसे बात नहीं हो पाएगी।


काफी देर बहस हुई, अंत में जब बात नहीं बनी तब मैनेजर मजबूरन मालिक के चेंबर के ओर चल दिया। लेकिन बाहर खड़े एक पुराने मुलाजिम ने मैनेजर को साफ मना करते हुए कहने लगा… "भूमि बहन आयी है रे, जाओ बाद में आना"..


"ना अक्ल है ना सकल, बस पूरे बदन में एक ही चीज है, तेरा पेट शामलाल"… आर्यमणि ने जैसे ही ये बात कही, शामलाल सर ऊपर करके सोचने लग गया… "ये मैंने कहीं तो सुना है रे बाबा, पन किधर को सुना, याद नहीं आ रहा।"..


शामलाल अपने सोच में ही था तभी मैनेजर हड़बड़ी में दरवाजे तक आया, शामलाल उसे रोकते… "कहां जा रहा है।"..


मैनेजर:- बेवकूफ हो क्या, वो लड़का अंदर चला गया और तुम उपर सीलिंग देख रहे हो।


शामलाल:- तू सूट बुट और टाई लगाकर खुद को बड़ा समझदार मानस समझे आहे। जा अंदर जा…


मैनेजर तेजी से अंदर घुसते… "सॉरी सर मै इन्हे बहुत देर से समझा रहा था कि पेमेंट का जो भी इश्यू है मुझसे कह दे, लेकीन ये लड़का आपसे मिलने की जिद पकड़े हुआ था।"


तेजस:- हम्मम ! ठीक है प्रोडक्ट डिटेल दो, क्या क्या पर्चेज किया है..


मैनेजर ने अपने हाथ का बिल तेजस को दे दिया… 2 मीटर वाले बिल की लंबाई देखकर… "बस इतना छोटा बिल है। ये एलइडी 56 इंच वाला.. ये क्या है। स्टन गन, इसका क्या होगा।"


मैनेजर:- जाने दीजिए ना सर वो करंट छोड़ने वाली गन है। ज्यादा नुकसान नहीं करती है और मै तो कहता हूं सर को 56 क्या उससे भी बड़ा साइज का टीवी लेले।


तेजस:- आईफोन और आईपैड दोनो…


भूमि:- दादा बिल की डिटेल देखकर बच्चे को परेशान ना करो। पेमेंट करना है तो करो, वरना बहुत दुकान है शहर में।


तेजस भूमि के ओर मुड़ते… "मतलब मुफ्त का लेना हो तो दादा के मॉल याद आता है और पैसे से कहीं और जाकर खरीदोगे।"


आर्यमणि, भूमि के कान में कुछ कहा, तभी तेजस… "क्या कहा इसने तुझसे"..


भूमि:- कह रहा है लैपटॉप भुल गया लेना।


तेजस:- गुरुदेव और कुछ तो नहीं रह गया..


आर्यमणि, तेजस के पास पहुंचकर उसे गले लगाते…. "थैंक्स दादा। आप बहुत स्वीट हो।"..


तेजस:- हां मस्का पॉलिश। अच्छा सुन आर्य कल सुबह ही घर चले आना। सुनो कदम, ये अपने छोटे दादा है इनका सारा बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना। और सुनो ये अब यहीं रहने वाला है तो अपने या अपनी गर्लफ्रेंड के लिए 20000 तक का शॉपिंग करे तो बिल मेरे अकाउंट पर डाल देना, 20000 से ज्यादा का हो तो इसे कहना एक बार मुझसे बात कर लेने। इसके अलावा रेस्त्रां में दोस्तों के साथ छोटी बड़ी जो भी पार्टी हो उसका भी बिल मेरे अकाउंट पर। खुश है ना तू आर्य।


आर्यमणि:- थैंक्स दादा।


तेजस:- बेटा अब तू जाकर और भी कुछ देख ले, भूमि आयी है तो कुछ बातें डिस्कस कर लूं। अगर तू इजाजत दे तो।


आर्यमणि जाते हुए… "दीदी बस 5 मिनट लेना। मै नीचे बिल काउंटर पर ही हूं।"..


जैसे ही आर्यमणि निकला… "ये मुझसे बात क्यों नहीं करता, तुझसे तो हर बात बताता है।"


भूमि:- आर्य आपसे बात तो करता है दादा। वैसे आपको मुझसे कुछ बात करनी थी ना।


तेजस:- मीटिंग की बात तो घर पर करता हूं, लेकिन राजदीप के बारे में कुछ खबर लगी कि नहीं।


भूमि:- जब से पोस्टिंग हुई है अच्छा काम कर रहा है। मै तो बहुत खुश हूं।


तेजस:- ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद ही एमएलए कृपाशंकर से मिला था। राजदीप ने तब एमएलए के पास वैधायान भारद्वाज का नाम इस्तमाल किया था, अपने काले कमाई के परिचय में।


भूमि:- दादा आप बहुत जल्दी परेशान हो जाते हो। वैधायन भारद्वाज का नाम लेकर राजदीप ने उस कृपाशंकर की अकड़ बस निकाली होगी। वरना वो अपना काम अच्छे से जनता है। वो कभी भी ऐसा नहीं करेगा।


तेजस:- हम्मम !!! मै मिलूंगा राजदीप से तो खुलकर बताएगा नहीं, तू मिलकर बात कर लेना और कह देना कि कोई अकड़ दिखाए तो पहले 2 चप्पल मारे बाद में बात करे, बाकी मै सब देख लूंगा।


भूमि:- ठीक है दादा, अब मै जा रही हूं। आई–बाबा को बोलना कल आर्य के साथ आऊंगी। आज हम दोनों शॉपिंग पर निकले है।


तेजस:- चल मै भी चलता हूं।


भूमि:- सोचना भी मत, साफ कह दिया है सिर्फ वो मेरे साथ शॉपिंग करेगा।


तेजस:- हां जनता हूं.. तेरा चमचा है वो।


भूमि:- मेरा बच्चा है वो, चमचा नहीं। जा रही हूं अब मै।


भूमि कैश काउंटर पर पहुंची। सारा सामान कार में और दोनो वहां से चल दिए बाइक खरीदने। भूमि ने कार को आर्यमणि के बोले पते पर लगाई और जब नजर उठा कर देखी तो बीएमडब्लू बाइक शो रूम।


भूमि:- मेरे भाई मैंने आज तक एक भी बीएमडब्लू कार नहीं ली, और तू बाइक बोलकर कार के शोरूम ले आया।


आर्यमणि:- दीदी कार से उतरकर देखो ना, ये बाइक का ही शोरूम है।


भूमि:- हां दिख गया। बेटा तू बीएमडब्लू ही लेगा क्या?


आर्यमणि अपनी आंखें दिखाते… "चलो भी टाइम पास कर रही हो।"..


भूमि, चली अंदर… "आर्य मुझे आज पता चला कि बीएमडब्लू की बाइक भी आती है। वो लाल वाली मस्त है.. वही ले। (भूमि बीएमडब्ल्यू S1000XR मॉडल पसंद करती हुई कहने लगी)


आर्यमणि, हंसते हुए भूमि को गले लगा लिया… "चलो यहां से, मै तो बस छेड़ रहा था।"


भूमि:- मुझे यही बाइक राइड करनी है, ड्राइवर गाड़ी लेकर तुम घर जाओ। हां तू कुछ बोल रहा था आर्य।


आर्यमणि:- दीदी मुझे ये बाइक नहीं चाहिए। कहा तो आपको छेड़ रहा था मै।


भूमि:- मतलब यहां सीन क्रिएट करोगे तुम।


अर्यामानी:- सॉरी, ठीक है वही बाइक लेते है, अब खुश।


भूमि:- तू पागल है क्या? मै क्या इतने पैसे लाद कर ले जाऊंगी। वैसे भी तू तो मेरा लाडला है। तेरे लिए 20 लाख क्या 20 करोड़ की बाइक खरीद सकती हूं। बाकी बातें बाद में होगी चल अब मुझे बाइक पर घुमा।


2 मिनट में बाइक पसंद 10 मिनट में बाइक सड़क पर और दोनो हवा से बातें करते हुए पहले एमएलए कृपा शंकर के पास पहुंचे, जहां आर्यमणि ने एडमिशन के कुछ पेपर पर साइन किया, उसके बाद दोनो घर पहुंच गए। आर्यमणि अपनी बाइक खड़ी करके जैसे ही जाने लगा, भूमि उसे रोकती हुई अंदर का गराज खोल दी।


अंदर का नजारा देखकर आर्यमणि का मुंह खुला का खुला ही रह गया… "दीदी ये तो कार का शानदार कलेक्शन है। और झूठी यहां तो बीएमडब्ल्यू की कार भी है।".. कुल 21 कार थी उस गराज में। एक से बढ़कर एक लग्जरियस कार, स्पोर्ट्स कार, 5 तो एसयूवी जितने बड़े शानदार लुक की मिनी ट्रक खड़ी थी।"


भूमि:- ये ले गराज की चाभी। तेरे लेफ्ट में बोर्ड पर सभी कार की चाभी है, उसके नीचे मॉडल लिखा है, आगे समझाने कि जरूरत ना है। और हां, बस एक गलती कभी ना करना, किसी और मॉडल पर कोई दूसरी चाभी मत चिपका देना। वैसे तेरी बाइक देखकर अब लगता है मुझे बाइक कलेक्शन भी कर ही लेना चाहिए।


आर्यमणि:- थैंक्स दीदी।


दोनो गराज से निकलकर घर के अंदर पहुंचे। दिन में जिन 2 सदस्य से मुलाकात नहीं हो पाई थी, भूमि के पति जयदेव और उसकी बहन रिचा से, दोनो हॉल में ही बैठे थे। सभी खाने के टेबल पर जमा हुए और बातो का सिलसिला शुरू हो गया।


शनिवार की शुबह थी, भूमि आर्यमणि के साथ अपने पैतृक मकान पहुंची, जहां उसकी माता मीनाक्षी भारद्वाज और पिता उज्जवल भारद्वाज रहते थे। उनके साथ भूमि का बड़ा भाई तेजस अपनी बीवी वैदेही और 2 बच्चों मयंक और शैली भारद्वाज के साथ रहते थे।


भूमि के साथ जैसे ही आर्यमणि घर में घुसा, स्वागत के लिए उसकी मासी दरवाजे पर ही खड़ी थी। आर्यमणि के अंदर आते ही, वो उसको साथ लेकर जाकर सोफे पर बिठाई… "शांताराम जल्दी से ले आओ मेरे बच्चे का गिफ्ट। क्यों रे पहले मासी या पहले दीदी जो सीधा भूमि के ससुराल पहुंच गया। ऊपर से तूने वहीं रहने का फैसला भी कर लिया, वो भी बिना मुझसे पूछे। जया ने तुझे परिवार के बारे में नहीं बताया था क्या? बहन के ससुरल रहने से इज्जत कम हो जाती है।"


भूमि:- आई सुन लो इस बात पर झगड़ा हो जाएगा। आर्य के कान भरना बंद करो।


मीनाक्षी:- मेरी बात बुरी लग रही है तो चली जा। मेरा बच्चा मेरे पास रहेगा न की तेरे पास।


भूमि:- ठीक है रख लो, सुबह-सुबह मेरा दिमाग मत खाओ। बाबा काम काज से रिटायरमेंट लिए हो या परिवार से भी। आकर आई को चुप करवाओ वरना झगड़ा हो जायेगा।


मीनाक्षी:- वो क्या बोलेंगे, घर की मुखिया मै हूं। यहां वही होगा जो मै चाहूंगी।


तेजस:- क्या है आई, ऐसे कौन बात करता है। भूमि तू बैठ ना। तू भी तो जबरदस्ती आई के बात पर ध्यान देती है।


भूमि:- कब से कह रही हूं जाकर किसी अच्छे डॉक्टर से इनका इलाज करवाओ, लेकिन कोई मेरी सुने तब ना।


भूमि के पिता उज्जवल, अपने कमरे से बाहर निकलते…. "मीनाक्षी बस भी करो। भूमि से गुस्सा हो तुम, हम सब जान रहे है। वो भी जानती है। एक ही बात के लिए कब तक नाराज़ रहोगी।


मीनाक्षी:- जबतक वो पाऊं पकड़कर ये नहीं कह देती की मुझसे गलती हो गई। मै गलत थी। मेरा ना आना गलत था। मेरा मुंह लगाना गलत था। अब से जो बोलोगी वो होगा।


भूमि:- जब मै गलत हूं ही नहीं तो माफी किस बात की। आर्य का मन था इसलिए चली भी आयी, वरना इतने ड्रामे मुझे पसंद नहीं।


आर्यमणि:- मासी मै वापस गंगटोक जा रहा हूं कल। अगले साल एडमिशन लूंगा।


मीनाक्षी:- क्यों ?


आर्यमणि:- क्योंकि अब मै अपने पापा की तरह आईएएस बनूंगा।


मीनाक्षी:- चमचा कहीं का। भूमि के यहां रहता तो इंजिनियरिंग तेरी अच्छे से होती, मेरे पास आते ही तुझे आईएएस बनने का ख्याल आ गया। सही है बेटा। आजा, तू क्यों मुंह फुलाए है, मुझे तो पता ही था ये यहां नहीं रुकेगा।


भूमि:- हां और आपको बिना मेरे से झगड़ा किए खाना नहीं पचेगा।


मीनाक्षी:- तू ही तो मेरा मनोरंजन है, वरना घर में पड़े-पड़े बोर हो जाती हूं।


भूमि:- तो अपनी बहू से झगड़ा किया करो ना। मेरा खून जला कर कौन सा सुख पा लोगी।


मीनाक्षी:- बहुत कोशिश की झगड़ा करने कि। अभी मै अपनी बहू को बोलूं पाऊं पकड़ कर माफी मांग तो पूछेगी भी नहीं क्यों कह रही हूं ऐसा। वो तो 100 लोगों के भिड़ में भी ऐसा कर लेगी। वो मेरी बहू नहीं मेरी दोस्त है।


भूमि:- लो शुरू हो गया इनका बहू पुराण। कहां है दिख तो नहीं रही।


मीनाक्षी:- उसके पापा की तबीयत कल रात अचानक ही खराब हो गई। इसलिए कल रात ही बच्चो के साथ वो निकल गई।


भूमि:- हरिवंश काका को क्या हुआ, किसी ने मुझे बताया क्यों नहीं?


मीनाक्षी:- मैंने ही मना किया तेजस को। उसने बताया कि कल तुम दोनो शॉपिंग पर निकले हो। वैसे भी तू खुद को काम में इतना मसरूफ कर चुकी है, हमे लगा इसी बहाने कुछ तो काम से ध्यान हटे।


भूमि:- आई काम से ध्यान हटना अलग बात है, अपने लोगो की जरूरत को देखना दूसरी बात है। आप लोगो को भी वहां जाना चाहिए था, वो भी नहीं गए।


तेजस:- वैदेही ने कहा है कुछ जरूरत होगी तो सूचना दे देगी, अब तू इतना मत सोच।


"तुम लोग की पंचायत में आर्य को तो सब भुल ही गए। शांताराम दे मुझे"… मीनाक्षी शांताराम के हाथ से एक डिब्बा ली उसे खोलकर एक शानदार घड़ी आर्य के हांथ पर बांध दी। "हां अब अच्छा लग रहा है।"…


फिर हाथ में एक बॉक्स देती हुई कहने लगी… "इसमें एटीएम और क्रेडिट कार्ड है। किसी से पैसे मांगने नहीं, और इस कंजूस भूमि से बिल्कुल नहीं। और हां मै अपने बेटे को दे रही इसलिए खर्च करने में कोई भी झिझक मत रखना। समझ गया।".. आर्य हां में अपना सर हिला दिया।


शनिवार से लेकर रविवार तक आर्यमणि अपनी मासी के यहां ही रुका। पूरे नागपुर की सैर इन्हीं 2 दिनों में हो गया। सोमवार की सुबह कॉलेज का पहला दिन। बड़े ही खुशी के साथ आर्यमणि कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था।
Nainu bhaya ka budjet Bahut tagda hai BMW ki bike or shopping aisi ki acche accho ke ghar nilaam ho jaye, vo manager ke sath to aise hi masti kr rha tha... Arya mausi ke pass aaya hai apni Di ke sath, parivarik prem se paripurn samvad padh kr anand aa gya bhai... Superb bhai sandar jabarjast update
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Wahhh nain11ster bhai mast update tha. Aur bhai kuch logo ke COMMENT se mujhe lag raha hai jaise ye story aapki hi kisi story ka aage ka part hai. Agar aisa hai to Please mujhe thoda details me bata dijiye ki mujhe aapni kon si story se read karna start karna cahiye.
Waise mai aapki kon story 1st time read kr raha hu. Lakin mujhe ye bikul fresh nd alg hi laga tabhi mera aapki story read krne me intrust aa gaya.
Aur jaha tak Update ki baat hai bhai bahut hi beautiful Update tha. Aur bhai aakhir apne arya me aisa kya hai jo sub use itna pasnd karte hai. Isase releted bhi koi Update aayega kya jisme hme ye pata chlega ki arya ko sb itna pyar karte hai uske ye sub resion hai.
Nainu bhaya ke collection me jao or Pahle apasyu vali story Padho fir isqe risk 1st and 2nd or uske baad ye vali padho, tab samajh me aayega Galaxian story ka plot jo aage aane vali hai...
 

nain11ster

Prime
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Wahhh nain11ster bhai mast update tha. Aur bhai kuch logo ke COMMENT se mujhe lag raha hai jaise ye story aapki hi kisi story ka aage ka part hai. Agar aisa hai to Please mujhe thoda details me bata dijiye ki mujhe aapni kon si story se read karna start karna cahiye.
Waise mai aapki kon story 1st time read kr raha hu. Lakin mujhe ye bikul fresh nd alg hi laga tabhi mera aapki story read krne me intrust aa gaya.
Aur jaha tak Update ki baat hai bhai bahut hi beautiful Update tha. Aur bhai aakhir apne arya me aisa kya hai jo sub use itna pasnd karte hai. Isase releted bhi koi Update aayega kya jisme hme ye pata chlega ki arya ko sb itna pyar karte hai uske ye sub resion hai.
Haan bilkul ... Mujhe lagta hai ki 5–7 update baad itihaas ke wo panne khulenge jahan Aryamani ko itna pyar dene ke pichhe ki kahani ka pata chalega.. khaskar uske maasi ka parivar jo Aryamani par itna jaan chhidkta hai...

Rahi baat kahani ke link ki... Ye ek kirdar Aryamani ki kahani hai... Aap ko Aryamani ko jaan'ne ke liye kisi aur kahani ki jaroorat nahi hai... Lekin ... Lekin ... Lekin.. mera apna ek superhero galaxy hai... Jiska kirdar Aryamani aakhri superhero hai, jo ki ek warewolf hai...

Baki kahani "भंवर" me aap ek superhero aur super woman se milenge... Jo apne mehnat ke dum par mukam hasil kiya hai.... Issi kahani me aapko ek guest kirdar ek experimental child se bhi mulakat hogi... Jo kahani... "Kuch nahi tere bin" ka kirdar hai... But wo kahani aapko pdf section me milegi... Usse maine 2016 me likha tha...

Dusri kahani hai... "Kaisa Ye Ishq hai-Ajab sa risk hai"... Jisme aap ek hairatangej Alian super hero aur uspar bhadi padti ek indian Super women se milenge... Jiska action aur comedy aapko poore kahani me dekhne milega....

"Kaisa ye ishq hai, ajab sa risk hai.. Reload" ... Ye next part hai... Jahan aapko "Bhanvar" aur "Ishq-Risk" kahani ke kirdar ka link diya gaya hai.... Haan "Ishq-Risk- Reload" padhne se pahle yadi "Ishq-risk" padh lenge to jyada maza aayega...

Iske baadh shuru hogi "Bhanvar–2"... Aryamani aur Bhanvar ke kirdar ek sath aayenge... And finally uske baad shuru hoga... "The Glaxian"... Jahan sabhi superhero aapko ek hi kahani me milenge...

Maine chhota sa brief kar diya hai... Baki koi bhi kahani kabhi bhi seperate padhiye.. sab ek fresh kahani ki tarah diya gaya hai...
 

Lib am

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Hahaha... Update chhota... Khair aaj 2 update aur dene ke planning hai... Kyonki aaj se lekar ravivar tak main vyast rahunga aur fursat mile ki nahi... So cheer up... Haan aur wo scene wala update aaj aa jayega...
nain11ster for that only you to blaim, अब राइटिंग अच्छी और स्टोरी इंटरेस्टिंग होगी तो अपडेट छोटा ही लगेगा ना। तो that's on you. मगर अब 2 और अपडेट आने वाले है आज तो I am happy.
 
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