अध्याय 68 – 69...
आर्यमणि ने अंततः उस स्वर्ण भंडार को ठिकाने लगा ही दिया। वैसे तो उसने ये कार्य पहले मेयर को सौंपा था, पर उस मेयर के लक्षण देखकर लग ही रहा था की ये काम उसके वश का नहीं। मेयर ने आर्यमणि से कहा ही था की सोने के डिस्ट्रीब्यूशन में कुछ बड़े नाम जुड़े हुए हैं, जिनका एक उदहारण हमें पार्केंसन के रूप में देखने को मिला। मेयर के हाथ में ज़्यादा सत्ता अथवा शक्ति थी नहीं, वो मेयर भी था तो केवल अपनी बीवी की दयादृष्टि के कारण, स्पष्ट है की उसकी बीवी तक को उस पर एतबार नहीं रहा होगा। आर्यमणि और रूही जब मेयर के घर पहुंचे तो वो किसी महिला संग बिस्तर पर था, अर्थात अपनी बीवी को धोखा दे रहा था। आर्यमणि की बात से लगा की उसने इस चीज़ का सबूत मेयर की बीवी तक पहुंचा दिया है।
संभव है की अब मेयर, के हाथ से उसकी कुर्सी भी छिन जाए। खैर, मेयर ना सही तो पार्केंसन ही सही। लगता है की जब तक आर्यमणि कैलिफोर्निया या अमेरिका के किसी अन्य शहर में भी रहेगा, हमें पार्केंसन का ज़िक्र दोबारा भी सुनने को मिल सकता है। पार्केंसन ने न केवल आर्यमणि के उस 5 मैट्रिक टन स्वर्ण भंडार को ठिकाने लगाया बल्कि भविष्य में ऐसे किसी कार्य के लिए भी आर्यमणि को संपर्क करने के लिए कहा है। पार्केंसन किसी बड़े समूह अथवा संगठन का एक सदस्य है, और उस समूह के सदस्यों को पार्क नामक उपाधि से नवाज़ा जाता है। अब देखना ये है की हमें पार्केंसन दोबारा कहानी में दिखेगा अथवा नहीं!
लगभग 100 मिलियन डॉलर, यानी करीब आठ सौ करोड़ रुपए, बिना किसी अधिक मेहनत अथवा दिक्कत के आर्यमणि और उसके अल्फा पैक ने करोड़ों बना लिए हैं। साफ है की देवगिरी की संपत्ति, भूमि द्वारा दिया गया पैसा और ये धन, आगे चलकर किसी भौतिक वस्तु की कोई कमी नहीं होने वाली है अल्फा पैक को। हालांकि, काफी खर्चा हुआ है इस बीच, जैसा आर्यमणि में कहा ही, कई हज़ार डॉलर लग गए उन्हें ग्रीन कार्ड हासिल करने में, परंतु मेयर के बैंक डिटेल्स हासिल कर, वो रुपया भी वसूलने की तैयारी कर चुका है वो। कनाडा जाकर रूही और बाकी तीनों, शायद उसी पैसे को उड़ाने वाले हैं!
कनाडा में भी ये चारों बिना किसी मुसीबत में पड़े रह जाएं, ये संभव ही कैसे है। जहां, इवान और अलबेली के बीच नए रिश्ते की शुरुआत कनाडा यात्रा का सुखद पहलू रहा वहीं शिकारियों के आक्रमण ने खतरा भी उत्पन्न कर दिया था। वैसे वो सभी शिकारी आम ही लगे मुझे, अर्थात् अधिक शक्तिशाली नहीं थे वो, उन सबके बीच समन्वय की भी कमी नज़र आई, स्पष्ट है की इन शिकारियों का अपेक्स सुपरनैचुरल अर्थात् भारद्वाज – देसाई गुट से कोई संबंध नहीं था। शायद अलबेली और इवान को अपने इलाके में देखकर ये सब इनकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी। खैर, अभी के लिए तो, कम से कम ये मानकर चला जा सकता है।
अलबेली और इवान अपने अतीत के अनुभवों में समान हैं, दोनों ही सरदार खान और उन विक्षिप्त प्रहरियों के लालच और वासना के सताए हुए हैं, ऐसे में एक – दूसरे से बेहतर विकल्प इनके लिए और कोई हो भी नहीं सकता था। खैर, दोनों के मध्य जो दृश्य आपने दिखाए, वो वास्तविकता के बेहद करीब थे। दो टीन वोल्फ, जिन्होंने इससे पहले कभी प्रेम जैसी भावना को नहीं जाना, उनकी ऐसी ही प्रतिक्रिया बनती थी, विपरीत लिंग के वोल्फ के प्रथम स्पर्श पर। रुही और ओजल ने अपेक्षा अनुसार दोनों के इस नए रिश्ते पर इनको टांग खींचना भी प्रारंभ कर दिया है, चारों के जीवन में आई इन खुशियों को, और उन खुशियों पर चारों की प्रतिक्रिया को पढ़ना, सुखद है!
खैर, इस प्रेमालाप के बीच ओजल और रूही के बुद्धि तथा बाहुबल की भी झलक देखी हमने। दोनों ने बड़ी ही आसानी से ना केवल इवान और अलबेली को उन शिकारियों से छुड़ा लिया, बल्कि उन सभी को धूल भी चाटा दी। अभी तक के प्रशिक्षण का प्रभाव हम देख ही चुके हैं, हां अभी भी खुद पर पूरा नियंत्रण नहीं है इनका, शायद रूही का हो, परंतु बाकी तीनों को अभी और अधिक प्रयास करना होगा। अलबेली और इवान के चुम्बन के मध्य उनके क्ला निकल आना, इसी बात का परिचायक है। उन शिकारियों को उनकी जगह दिखाने के बाद, चारों कनाडा के अन्य शहरों में अपनी यात्रा पूर्ण करने के लिए भी निकल गए।
इधर आर्यमणि को पार्केंसन से मिलकर लौट रहा था उसका सामना एक अंजान व्यक्ति से हुआ, जोकि एक कम उम्र का लड़का है। आर्यमणि उसे प्रहरियों अर्थात् अपेक्स सुपरनैचुरल द्वारा भेजा हुआ एक व्यक्ति समझ रहा है परंतु अभी तक उसे स्पर्श कर पाने तक में वो असमर्थ रहा है। हां, आर्यमणि ने अभी तक शेप शिफ्ट नहीं की है, परंतु फिर भी वो लड़का अत्यधिक चपल और तेज़ है, आर्यमणि के प्रत्येक वार से बचना, और साथ ही उन जड़ों की पकड़ से भी खुदको आज़ाद करवा लेना, उसके सामर्थ्य का परिचायक है, देखते हैं आर्यमणि आगे कैसे भिड़ता है उस लड़के से, और क्या प्रयोजन है उसका यहां कैलिफोर्निया आने के पीछे!
अभी के लिए कहानी में लगभग सब कुछ ही सुखद और कुशल है, जहां अल्फा पैक के सभी सदस्य अपनी नई – नई आज़ादी और उत्तम आर्थिक स्थिति का आनंद ले रहे हैं, वहीं इवान और अलबेली, अपने नए संबंध का भी। इधर आर्यमणि के सर से स्वर्ण भंडार की चिंता तो है गई है, और अताह धन भी उसके खाते में जमा हो चुका है, परंतु इस नई शक्ति के चलते कुछ कठिनाई भी हो सकती है। देखते हैं कैसे सामना करता है वो उस लड़के का। इस बीच इन सभी अल्फा पैक के सदस्यों की पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है, जोकि एक अच्छी बात है।
बहुत ही खूबसूरत भाग थे भाई दोनों ही। चाहे वो इवान और अलबेली का प्रेमालाप हो या फिर आर्यमणि का उस अनजान लड़के से द्वंद्व, बेहतरीन तरीके से लिखा आपने दोनों ही दृश्यों को...