भाग:–73
आर्यमणि:– एक तो वेयरवोल्फ पुराना दुश्मन। उसमे भी एक ट्रू अल्फा का बच्चा उन एलियन के अनुवांशिक गुण वाला। ये हाइब्रिड उनके लिये सर दर्द देने वाला था।
रूही:– इसका मतलब ओजल और इवान उन एलियन के लिये काल है।
आर्यमणि:– तुम्हारी यादें मिटा दूं या मुंह बंद रखोगी, ये बताओ?
रूही:– लेकिन बॉस, उन दोनो को भी तो सच्चाई पता होनी चाहिए न...
आर्यमणि:– अभी नही... वक्त के साथ उन्हे अपने अनुवांशिक गुण को ट्रिगर करने दो। अभी बता दिये तो हो सकता है उन्हे यकीन हो जाये की वो एलियन से भीड़ सकते है और नागपुर लौट जाये। क्या तुम ऐसा चाहती हो? क्या तुम उन दोनो की जान खतरे में देखना चाहती हो?
रूही:- नही बॉस, बिलकुल नहीं... अभी हमारे बीच कोई बात ही नही हुई.. और न ही हमे पता है कि ये सीक्रेट प्रहरी क्या है। बॉस लेकिन उनका क्लासिफिकेशन भी हमे चाहिए... जैसे उनके पास पूरे ब्रह्मांड के मानव प्रजाति का है।
आर्यमणि:- छोड़ो इस बात को। कल से तुम सब की नई ट्रेनिंग। माउंटेन ऐश को पार करने की ट्रेनिंग शुरू होगी। तुम लोगों के ट्रू अल्फा बनने की ट्रेनिंग... राइट बेबी।
रूही:- हिहीहिहिही… येस डार्लिंग…
लगभग एक हफ्ते बाद सुबह के 10 बज रहे होंगे। तीनों स्कूल चले गये थे, एक कार घर के सामने आकर खड़ी हुई और घर का बेल बजने लगा… रूही जब दरवाजा खोली तो सामने वही व्यक्ति था जिसका कुछ दिन पहले ऐक्सिडेंट हुआ था और साथ में उसके एक खूबसूरत सी लेडी, दोनो इजाज़त मांगकर अंदर दाखिल हुये। रूही उसे बिठाकर ठंडा या गरम के बारे में पूछने लगी। वह आदमी रूही को अपना परिचय देते… "हेल्लो मेरा नाम माईक नॉर्मे है और ये है मेरी पत्नी लिली नोर्मे"..
रूही:- कैसे है अभी, स्वास्थ्य..
लिली, रूही का हाथ थामती… "मै माईक से बहुत प्यार करती हूं, यदि इसे कुछ हो जाता तो मै भी शायद जी नहीं पाती।"..
रूही:- हां लेकिन ऐसा हुआ तो नहीं ना। वैसे भी मैने तो केवल एम्बुलेंस को कॉल किया था।
माईक:- हां लेकिन हॉस्पिटल भी मेरा इलाज नहीं कर सकता था, क्योंकि मुझे पॉयजन दिया गया था। और मै जानता हूं कि आपके बॉयफ्रेंड ने मेरे साथ क्या किया?
रूही:- माफ कीजिएगा एक मिनट इंतजार करेंगे, मैं बस अभी आयी..
माईक:- हां हां क्यों नहीं?
रूही तेजी से आर्यमणि के कमरे में घुसी। आर्यमणि कान में हेड फोन डाले गाने सुन रहा था। रूही उसका हेड फोन निकलती… "मिस्टर बॉयफ्रेंड आपको भले ना सुनाई दे लेकिन सुंघाई तो दे रहा है ना कि घर में लोग आये है।"..
आर्यमणि:- हां, एक तो वही ऐक्सिडेंट वाला आदमी है…
रूही:- हां.… और वो कह रहा है, हमारे बारे में जानता है।
आर्यमणि बाहर आया.. दोनो से एक छोटे से परिचय के बाद… "आप कुछ कह रहे थे हमारे बारे में।"
माईक:- कुछ नहीं कह रहा था, बस इतना कहूंगा की मेरा एक एनिमल क्लीनिक है, अगर आप वहां काम करने आएंगे तो मुझे बहुत हेल्प होगी। बदले में मै आपको पे भी करूंगा और वटनेरियन की डिग्री भी दूंगा।
रूही:- हम्मम ठीक है... हम आपको सोचकर जवाब देंगे।
उन दोनों के जाते ही…. "तुम्हे पक्का यकीन है ना उसने यही कहा था कि वो जनता है हम कौन है।"..
रूही:- मेरे माथे पर तो लिखा है ना कि मै झूठी हूं।
आर्यमणि:- नहीं वहां तो लिखा है मै सेक्सी हूं। यदि किसी को यकीन ना होता हो तो नजरे नीचे के ओर बढ़ाते चले जाइये।
रूही:- क्या मस्त जोक मारा है। वेरी फनी, अब कुछ सोचोगे इनका। या फिर ये शहर छोड़ दे।
आर्यमणि:- नहीं पहले चलकर देखते है कि चक्कर क्या है।
थोड़ी देर बाद दोनो एक बड़े एनिमल क्लीनिक के एंट्रेंस पर थे। आर्यमणि गार्ड से बातें कर रहा था और रूही की नजर पास में ही परे एक कैक्टस पर गई जो लगभग मर रही थी। रूही आराम से नीचे बैठी, बड़े प्यार से उसने कैक्टस को देखा और इधर-उधर देखकर वो पेड़ को हील करना शुरू कर दी। जब वो खड़ी हो रही थी, कैक्टस को हरा होते मेहसूस कर रही थी और अंदर से खुश हो गयी।
इतने में ही वो डॉक्टर बाहर निकल कर आया और दोनो को अपने साथ अंदर लेकर गया। बीमार पड़े जानवर जो आवाज़ निकाल रहे थे एक दम से शांत होकर दोनो को ही घूरने लगे। वो डॉक्टर इन दोनों को देखकर मुस्कुराया और अपने साथ अंदर लेकर गया।
"मुझे यकीन था कि तुम दोनों आओगे। मैंने आज तक केवल 2 वुल्फ से ही मिला हूं जो जहर तक को हील कर सकते थे, लेकिन वो भी इतना अच्छा हील कर पाते या नहीं, पता नहीं।"… डॉक्टर दोनो को बैठने का इशारा करते हुए अपनी बात कहा।
आर्यमणि:- डॉक्टर हमने पहचान जाहिर करने के लिये तुम्हारी जान नहीं बचाई, बस इतना ही कहने आये थे। हमे मजबूर ना करो कि हम लोगो की जान बचाने से पहले 10 बार सोचने लगे।
डॉक्टर:- मैंने सीसी टीवी बंद कर दिया है, तुम चाहो तो अपने क्लॉ घूसाकर देख सकते हो, मै तुम्हारे राज जाहिर कर सकता हूं, या हम साथ मिलकर काम कर सकते है। मै दुनिया भर में घूमकर तरह-तरह के जानवरो का इलाज कर चुका हूं। मेरे सफर के दौरान मै तिब्बत गया था और वहां से 3 साल बाद लौटा हूं। लौटकर जैसे ही अपने शहर आया, मैंने जानवरो के इलाज के लिये मेडिसिन और हर्ब्स दोनो का इस्तमाल शुरू कर दिया। इसके परिणाम काफी रोचक थे और जैसा की तुम बाहर देख सकते हो, यहां बीमार जानवरो की लाइन लगी हुई है।
आर्यमणि:- हां लेकिन तुम्हारा तो धंधा पहले से चकाचक है, फिर हम क्या काम आ सकते है?
डॉक्टर:- जो काम मै 1 घंटे में कर सकता हूं, वो काम तुम 1 मिनट में कर सकते हो।
रूही:- और तुम यहां माल छापोगे ।
डॉक्टर:- कहीं भी अपने पालतू जानवर का इलाज करवायेंगे तो माल तो देंगे ही, तो यहां क्यों नहीं। कुछ अच्छा करने के लिए भी बहुत पैसा चाहिए।
रूही:- ऐसा क्या अच्छा करने की सोच रहे हो जो तुम्हे इतना माल चाहिए डॉक्टर?
डॉक्टर:- तुम्हारे जैसे ही 2 लोग है, मैक्सिको के खतरनाक नारकोटिक्स गैंग के इलाके में फसे। उन दोनों को छोड़ने के लिये 10 मिलियन यूएसडी का सेटलमेंट मांग रहे है।
आर्यमणि:- 2 वुल्फ को एक गैंग पकड़ कर रखी है, मज़ाक तो नहीं कर रहे।
डॉक्टर:- बड़ी शातिर गैंग है। शिकारी और वुल्फ की गैंग जो ड्रग्स की खेती करती है और वहां से लगभग पूरे अमेरिका और यूरोप में सप्लाई करती है। बहुत से वुल्फ वहां मर्जी से काम करते है, तो बहुत से वुल्फ से जबरन काम करवाया जाता है।
आर्यमणि:- लगता है उन दोनों वुल्फ से तुम्हे अच्छी इनकम होती थी।
डॉक्टर:- अच्छी नहीं बहुत अच्छी। मै 2 साल में उन दोनों के जरिए 20 मिलियन कमा सकता हूं, उनके लिये पैसों की चिंता नहीं है। लेकिन क्या करूं इस वक़्त पैसे नहीं है मेरे पास। हॉफ मिलियन कैश है और सारी प्रॉपर्टी को गिरवी भी रख दूं तो 1 मिलियन से ज्यादा नहीं मिलेगा।
रूही:- तो 1 मिलियन यूएसडी में हमसे डील कर लो। पता बताओ हम तुम्हारा काम कर देंगे। वैसे भी बहुत दिन हो गए एक्शन किये।
डॉक्टर:- दोनो पागल हो गये हो क्या? वहां गये तो या तो मारे जाओगे या उन्हीं के गुलाम बनकर रह जाओगे।
रूही:- 1 मिलियन जब पेमेंट कर दोगे तब बात करेंगे, यकीन हो तो डील करना, वरना रहने दो।
डॉक्टर:- हम्मम ! तुमने मेरी जान बचाई है, इसलिए 1 मिलियन कोई बड़ी बात नहीं, यदि डूब भी जाते है तो गम नहीं।
आर्यमणि:- पैसे जब तैयार हो तो चले आना। और हां वीकेंड पर आना, साथ ट्रिप का मज़ा लेंगे।
डॉक्टर:- ठीक है मै पैसे अरेंज करके मिलता हूं।
उधर स्कूल में… अलबेली और इवान अपने एक्स्ट्रा क्लास में म्यूज़िक लिये हुए थे और दोनो को ही म्यूज़िक से काफी रुचि सा हो गया था। एक बैंड के साथ लगभग रोज प्रैक्टिस करते थे जिसमे 8 सदस्य थे, 3 लड़की और 5 लड़के, जिसमे ये दोनो भी थे।
ओजल रोज के तरह ही इधर-उधर भटकती हुई ग्राउंड में पहुंच गयी, जहां हाई स्कूल की टीम अमेरिकन फुटबॉल खेल रही थी। वही खेल जिसमे 11-11 खिलाड़ी 2 ओर होते है। दोनो ओर से कोन शेप बॉल को विरोधी पाले के अंत तक ले जाकर अपना अंक बटोरते है। दूर से देखने पर सांढ की फाइट जैसी यह खेल लगती है। क्योंकि प्रोटेक्शन के लिहाज से इतने अजीब तरह के कपड़े खिलाड़ियों ने पहन रखे होते है की देखने में सांढ जैसे ही प्रतीत होते है।
बहरहाल 11 खिलाड़ी ग्राउंड में थे, कुछ खिलाड़ी बेंच पर बैठे हुए और कोच स्टूडेंट्स का ट्रायल लें रहे थे। हालांकि 11 की टीम फिक्स थी जो एक साइड में बैठकर विदेशी गुटका यानी कि चुइंगम चबा रही थी और ट्रायल दे रहे नए खिलाड़ियों का मनोबल "बू, बू, बू" करके गिरा रहे थे।..
दर्शक की सीढ़ी पर ओजल का एक क्लासमेट बैठा हुआ था, अक्सर तन्हा ही बैठा रहता और अकेले ही ज्यादातर एन्जॉय करता। ओजल उसके पास बैठती… "हाई जेरी".. "हेल्लो ओजल"..
ओजल:- फिर से अकेले बैठे हो जेरी?
मारकस:- अकेला ज्यादा अच्छा लगता है ओजल। तुम भी यहां ट्रायल देने आयी हो क्या?
ओजल:- ना ना, तुम्हे देखने आयी हूं, इतने क्यूट जो लगते हो।
मारकस:- जी शुक्रिया… वैसे बहुत है स्कूल में, और तुम्हारे लिये तो कई लड़के है, फिर मुझ बोरिंग पर दिल कैसे आ गया?
ओजल:- दिल नहीं आया है, तुम अच्छे लगते हो इसलिए बात करने चली आयी। अगर डिस्ट्रूब कर रही हूं तो बता दो..
"हेय इडियट्स, बॉल पास करो।"… फुटबॉल की एक चयनित खिलाड़ी अपने ट्रायल के दौरान बॉल लेने पहुंची, और दोनो के पाऊं के नीचे जो बॉल आकर गिरी थी, उसे बड़े प्यार से मांगी।
ओजल, उसे घूरती… "इसकी तो इडियट्स किसे बोली"..
जेरी, उसका कंधा पकड़ कर रोकते…. "ये लोग स्कूल के हीरो है इसलिए थोड़ी अकड़ है, जाने दो।"..
ओजल:- हम्मम ! लाओ बॉल मुझे दो.. मै देकर आती हूं।
ओजल बॉल लेकर उसके पास पहुंची और अपना हाथ बढ़ा दी। वो लड़की ओजल को देखकर "यू फुल" बड़बड़ाई और पूरे अटिड्यूट से, नजर से नजर मिलाकर उसके हाथ से बॉल ले ली। जैसे ही वो जाने लगी… "हेय यूं मोरोन, बॉल तो लेती जा।".... ओजल ने भी उसी एटिट्यूड से उस लड़की को पुकारा...
उस लड़की ने अपने हाथ में देखा, बॉल नहीं था। वो गुस्से में पलट कर आयी अपने नाक, आंख शिकोरे उसके हाथ से बॉल ली और झटक कर जाने लगी।… "हेय डफर, बॉल तो लेती जा।".. ओजल ने उसे फिर पीछे से टोका।
कम से कम 10 बार ऐसा हुआ होगा। वो लड़की बॉल लेकर जैसे ही मुड़ती और चार कदम आगे जाती बॉल हाथ से गायब। लगभग पूरा ग्राउंड ही उन्हें देख रहा था। अंत में वो लड़की मुस्कुराई… "तुम जिस लड़के से बात कर रही थी, उसे मैंने परपोज किया था। लेकिन उसने मुझे रिजेक्ट कर दिया। सो मै थोड़ा सा रूड हो गयी। आई एम सॉरी, अब बॉल दे दो।"
ओजल:- ये सही टोन है। वैसे भी कहो तो मै बात करूं तुम्हारे लिये। वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है। हम जब खाली बैठते है तो यूं ही इधर–उधर की बातें करते है।
लड़की:- ओह थैंक्स डियर, बाय द वे मै नतालिया,
ओजल:- मै ओजल हूं, और उसे तो सॉरी कहती जाओ..
वो लड़की नतालिया, जेरी को भी सॉरी कहती हुई चली। ओजल जेरी के पास बैठ गयी और फिर से ग्राउंड पर देखने लगी… "तुम कमाल कि हो ओजल"..
ओजल:- जानती हूं जेरी। अब ये मुझे अपनी टीम का ट्रायल करने कहेंगे, और वो मै करूंगी, लेकिन मै खेलूंगी नहीं।
मारकस:- क्यों?
ओजल:- क्योंकि तुम्हारे साथ बात करना ज्यादा इंट्रेस्टिंग है, खेलने कूदने से।
मारकस:- हाहाहाहा.. तुम भी ना ओजल, इतना बड़ा मौका खो रही हो। फुटबॉल टीम में होना अपने आप में प्राइड की बात है।
ओजल:- क्या तुम्हारी इक्छा है फुटबॉल टीम में जाने की।
मारकस:- इक्छा पता नहीं...
"हेय ओजल, तुम्हे कोच बुला रहे है।"… नताली उनके पास आकर कही। ओजल जवाब देते… "एक मिनट नताली तुम भी रुको।"..
नताली:- जल्दी करो वरना कोच नाराज हो जाएंगे।
ओजल:- जेरी इतना भी क्या सोचना, बताओ ना?
मारकस:- सच कहूं तो हां इक्छा तो है, लेकिन ज्यादा स्किल नहीं है?
ओजल:- नताली को आई लव यू बोलकर यदि तुमने किस्स कर लिया तो मै वो स्किल तुम्हे सीखा दूंगी, जो अभी मै दिखाने वाली हूं, चलो नताली।
नताली बड़ी सी आखें किये… "क्या वो सच में मुझे आई लव यू कहेगा।"..
ओजल:- वो क्या उसका बाप भी कहेगा।
नताली:- उसका बाप नहीं चाहिए, ये बुड्ढे केवल ओरल से ही मस्त रहते है।
ओजल:- हीहीहीही… ट्रायल लेना था ना बॉयफ्रेंड बनाने से पहले, कहीं ये भी ओरल वाला निकला तो। हिहिहिह..
नताली, आंख मारती… "फिर दो बॉयफ्रेंड रखूंगी।"
दोनो हंसते हुये कोच के पास पहुंचे। जैसे ही वो कोच के पास पहुंची… "क्या तुम फुटबॉल का ट्रायल दोगी।"
ओजल:- इन बच्चीयों के साथ मेरा क्या ट्रायल करवाते हो सर, लड़को की टीम बुलाओ और उनके 4 खिलाड़ी और मै अकेली, फिर देखते हैं कौन जीतता है?
कोच:- इतना कॉफिडेंस..
ओजल:- मेरे डिफेंस और आटैक का कोई सामना नहीं कर सकता।
कोच:- ठीक है पहले तुम ये कारनामा यहां के लड़कियों के साथ दिखाओ।
चार लिड़किया एक ओर और उसके विपक्ष में ओजल खड़ी। सिटी बजी और और नियम से गेम आगे बढ़ा। पहली कोशिश, एक लड़की ओजल के सामने थी और 3 लड़की ओजल के गोल पोस्ट पर। प्लान बॉल लेकर सीधा दूर थ्रो और वहां से बिना किसी झंझट के गोल।
सिटी बजी, बॉल हाथ में आया और दूर पास होने से पहले ही बॉल गायब। ओजल अपने विपक्षी के हाथों से बॉल छीनकर बड़े आराम से विपक्षी के गोल पोस्ट में घुसी। क्योंकि वहां कोई डिफेंस ही नहीं था। अलग-अलग तरह के फॉर्मेशन में उन लड़कियों ने खेला। 4 ट्रायल बाद कोच समझ चुका था कि ओजल ने लड़कों की टीम को चैलेंज क्यों देने कही?
गर्ल्स कोच ने बॉयज कोच को संदेश भेजा, लड़को की टीम आते ही हंस रही थी और ओजल सामने खड़ी। पहला मौका उन लोगो ने ओजल को ही दिया। बॉल ओजल के हाथ में और 4 मुस्टंडे सीधा सामने से भिड़ने के इरादे से। ओजल 5 कदम पीछे हटी, उन लोगों ने दौड़ लगाया। सभी टकराने को मरे जा रहे थे और ओजल अपनी जगह खड़ी। लगभग 4 कदम दूर होंगे, तभी ओजल किनारे हट गई। वो इतनी तेज हटी की उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि टक्कर लगी नहीं।
देखने वालों ने दातों तले उंगली दबा ली थी। डिफेंस लाइन सब आगे और ओजल तेज दौड़ लगाती उनके गोल में। फिर उनको मौका मिला। इस बार भी वही रणनीति। तीन लोग आगे डिफेंस लाइन बनाकर चलेंगे और बॉल लिये एक खिलाड़ी उनके पीछे।
वो लोग कंधे से कंधा मिलाये झूक कर दौड़ लगा रहे थे। इस बार इन लोगों ने सोचा कि कहीं ये तेजी से किनारे ना हो जाये, इसलिए रणनिंती के तहत ओजल से 5 कदम पीछे ही सभी अलग होकर थोड़ा-थोड़ा फ़ैल गये और ठीक उसी वक़्त ओजल 2 लोगो के बीच से निकलकर कब पीछे वाले के हाथ से बॉल लेकर विरोधी के पोस्ट पर निकल गयी पता भी नहीं चला।
4 के विरूद्ध 1, लौडो के तो इज्जत पर बात आ गयी। 20 बार कोशिश कर चुके थे। सब थक कर बैठ गये और कोच ने फाइनल विसेल बजा दिया। उसे तो पहला ऑफर बॉयज की टीम से ही आ गया। ओजल सबको हाथ जोड़कर कहने लगी, वो सिर्फ 1 या 2 साल के लिये यहां आयी है और कोशिश कर रहे लोग कई सालों से कोशिश कर रहे है। वो टीम में सामिल नहीं होगी लेकिन जेरी और नताली को कुछ-कुछ स्किल सीखा सकती है।
इस अंक में बहुत कुछ हुआ है
माइक और लिली अपना मतलब निकाल कर परोस दिया और ताज्जुब की बात है आर्य और रूही मान भी लिए
यहाँ ओजल का खुद को इतना एक्सपोज नहीं करना चाहिए था पता नहीं क्यूँ
मार्क्स और नतालिया के प्रेम परिणय के लिए ओजल ने अच्छी भूमिका निभाई पर पता नहीं क्यूँ मुझे लगता है शायद ओजल को इतना एक्सपोज नहीं होना चाहिए था l