सच मे, एक दंत कथा ही लग रहा है।
बर्फ से भरे भूभाग के अंदर एक और ही लोक , आधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त खुबसूरत शहर , बहुत बड़ी आबादी , उड़न तश्तरी , वहां के लोकल विशालकाय हिम- मानव ।
यहां सड़क के मध्य लहलहाते हुए फसल एवं क्रिस्टल की ऊंची ऊंची पर्वत श्रृखंला सबकुछ मन को मोहित कर देने वाला था।
लेकिन यहां के लोगों का चरित्र भी पृथ्वी से कोई भिन्न नही है। एक बार लगा था , प्रकृति के ये प्राणी कम से कम धरती के इंसान से तो बिल्कुल ही अलग होंगे लेकिन यहां भी सबकुछ वैसा ही है जैसा इस धरा पर। झूठ, फरेब , अहंकार और ताकत का मद।
इस पाताल लोक के लोगों का नाम हिन्दुस्तान के दक्षिण क्षेत्र से कुछ कुछ मिलता जुलता है। जैसे कि दक्षिण के लोगों मे उनके नाम के साथ उनके पिता , कास्ट और उनके जन्म स्थान के नाम का भी जिक्र हुआ करता है।
जेलर कोको साहब भी काफी पहुंची हुई चीज थे। 19 वेम्पायर की शक्ति को उस तरह अपने शरीर मे प्रवेश करा लिया जैसे रामायण काल मे सम्राट बाली करा लेते थे।
अगर हीलिंग की शक्ति आर्य और उसके पैक मे नही होती तो बहुत मुश्किल काम था इस हिम - मानव से पार पाना।
कोको साहब की देखकर लगता नही है कि आर्य के लिए आगे का रास्ता कोई आसान होने वाला है ! इन का सरदार तो और भी पावरफुल होगा !
बहुत ही बेहतरीन और जबरदस्त अपडेट नैन भाई।
आउटस्टैंडिंग और जगमग जगमग।