भाग:–141
आर्यमणि अपने बड़े से ग्रुप के साथ बैठा। हर कोई बस इधर–उधर की बातें ही कर रहा था। तभी हिम–मानव का एक छोटा सा समूह आर्यमणि के नजदीक पहुंचा। उसका मुखिया आगे आते.... “मेरेको पहचाने की नही।”
आर्यमणि:– भोसला तुम, वहां छत पर तो हमे बोलने से मना किये था।
भोसला वही अपराधी था जो हिम–मानव के देश रोलफेल पर सबसे पहले मिला था। भोसला, आर्यमणि के ओर हाथ बढ़ाते.... “अपन तो बस ऐसे ही बोल दिया, दिल पर नही लेने का।”
रूही:– यहां आने का कारण बताओ भोसला....
भोसला:– दबंग लोगों के पास आने का क्या कारण होता है। उनकी गैंग में सामिल होना।
आर्यमणि:– तुम्हे सामिल करने से मेरा क्या फायदा होगा?
भोसला:– हम मिलकर यहां की सत्ता को हिला देंगे। तुम्हे अपने देश लौटना है और मुझे अपने लोगों के लिये सतह तक जाने की आजादी चाहिए। दोनो की मांगे एक ही तरह की है, तो क्यों न साथ मिलकर काम किया जाये।
आर्यमणि:– देखो दोस्त ऊपर सतह पर नही जाने देने का निर्णय यहां के सत्ता और प्रशासन का निजी मामला है और मैं कानून का उलंघन नही कर सकता। और न ही मैं यहां अपने ताकत के दम पर किसी को झुकाने आया हूं। हमे बस इस जगह से बाहर जाना है।
भोसला:– बाहर जाने के लिये सतह पर जाना होगा न। इसमें मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं।
आर्यमणि:– तुम्हारा धन्यवाद। मैं यहां के अदालत में अपील करूंगा और मुझे विश्वास है कि वहां मुझे गंभीरता से सुना जायेगा। अब तो यहां से कानूनी तरीके से ही बाहर जायेंगे।
भोसला यथा संभव आर्यमणि को मानने की कोशिश करता रहा लेकिन आर्यमणि अपने विचारों का पक्का था, वह नही माना। भोसला अंत में खाली हाथ ही वहां से लौटा। भोसला के जाने के बाद एक बार फिर आर्यमणि अपने ग्रुप के साथ बात–चित में लग गया। कुछ समय और बीता होगा की सबने जैसे मेहसूस किया की वह जगह पूरी तरह से शांत हो गयी हो। ऐसा हो भी क्यों न उस जेल का वार्डन कोको अपने कुछ लोगों के साथ वॉकिंग एरिया में पहुंच चुका था। कोको के वहां पहुंचते ही बिलकुल सन्नाटा पसर गया हो जैसे। हिम–मानव की आवाज बिलकुल बंद और मिलो तक फैले उस वॉकिंग एरिया में जितने भी अपराधी थे, सब सीधा अपने सेल में चले गये।
आर्यमणि:– अचानक यहां इतनी शांति क्यों पसर गयी?
रूही, कोको के ओर उंगली करती.... “जेल के वार्डन को देखकर सब अपना मुंह बंद करके भाग गये।
कर्नल नयोबि:– पहला जेल है जहां चांद मुट्ठी भर सिपाही को देखकर लाखों अपराधी अपना मुंह बंद करके भाग गये। इतना दबदबा...
“अभी तुमने हमारा दबदबा देखा ही कहां है खून पीने वाले कीड़े। तुम मेरी जेल में बोल रहे हो, उसमे भी केवल मेरी मर्जी है।”... रूबाब और गुरूर के साथ कोको अपनी बात कहता उन तक पहुंचा। पहुंचने के साथ ही आर्यमणि को घूरते.... “सुनो रूप बदल इंसान, कल तुमने यहां जो कुछ भी किया वह हमारे समझ से पड़े था। मुझे बताओ कैसे तुम लोग जड़ों के बीच छिप गये और हमारे समुदाय के लोगों को भी जड़ों में कैद करके ना जाने उनके साथ क्या किये?”
आर्यमणि:– क्यों तुम्हारे कैदियों ने कुछ बताया नही की उनके साथ पहले क्या हुआ और जड़ों की कैद से जब रिहा हुये तब क्या सोच रहे थे।
जेल का वार्डन कोको..... “यदि किसी एक कैदी को उधारहण माने जैसे कि कुरुधा। कुरूधा को सबसे पहले मार पड़ी थी। उसके पाऊं पर मानो किसी हथौड़े को पटका गया था। मल्टीपल फ्रैक्चर ठीक होने में कम से कम 6 महीने का वक्त लगता। उसके पाऊं तोड़ने तक भी तुम्हारे साथी नही रुके। तकरीबन 4 क्विंटल के हिम–मानव को तुम्हारी वो बौनी लड़की ने दोनो हाथ से उठाया और किसी बॉल की तरह एक किलोमीटर दूर फेंक दी। नतीजा स्पाइनल कॉलम की हड्डियां इधर–उधर हो गयी। 8 पसलियां गयी। पसलियों को ठीक होने में कम से कम 3 महीने का वक्त लगता और स्पाइन की हड्डियां बनती भी या नहीं, वो तो डॉक्टर ही बता सकता था। जब कुरुधा जड़ों की कैद से निकला तब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर निकला था। बस मुझे यही तो जानना है, ये हुआ कैसे?”
आर्यमणि:– मेरे लोगों को इस अजीब से देश रोलफेल से बाहर निकालो, फिर मैं तुम्हे बता दूंगा।
कोको:– रोलफेल से बाहर निकालना मेरे हाथ में नही। लेकिन इस जेल से बाहर निकालकर तुम्हारी मुलाकात उनसे करवा सकता हूं, जो तुम्हे इस देश से बाहर निकाल सकते हैं।
आर्यमणि:– बदले में तुम्हे क्या चाहिए कोको।
कोको:– बस मुझे इन जड़ों की कहानी समझा दो।
आर्यमणि:– हम पेड़, पौधे, जमीन, हवा इत्यादि अपने पंजों से हील कर सकते हैं। इस से प्रभावित होकर प्रकृति ने हमें एक खास शक्ति प्रदान की है। हम किसी भी जगह से जड़ों को बाहर ला सकते हैं और उनसे अपने मनचाहा काम निकलवा सकते हैं। जैसे की किसी को जड़ों में बांध देना। जड़ों के द्वारा एक साथ कई लोगों को हील कर देना वगैरह वगैरह।
कोको:– अदभुत शक्ति... ठीक है तुम और तुम्हारे लोग मेरे पीछे आओ। मैं तुम सबको यहां से बाहर निकालता हूं।
आर्यमणि उस वार्डन कोको के पीछे चल दिया। कुछ दूर चलने के बाद वार्डन ने एक दरवाजा का सिक्योरिटी लॉक खोला। अंदर से कई सारे सिंगल सीटर गाडियां निकली जैसा की गोल्फ फील्ड में अक्सर देखने मिलता है। आर्यमणि का पूरा ग्रुप उस गाड़ी पर सवार होकर कोको के पीछे चल दिया। कोको की गाड़ी लगभग 5 किलोमीटर दूर तक चली। उसके आगे एक बड़ा सा दरवाजा था। कोको के लोग तुरंत ही उस दरवाजे को खोले। दरवाजा खुलते ही जेल का दूसरा हिस्सा दिखने लगा।
जेल का दूसरा हिस्सा भी अंडरग्राउंड ही था किंतु यहां से कैदियों का मैनेजमेंट होता था। तकरीबन 6000 गार्ड और लाखों गैजेट चारो ओर फैले थे। कोको की गाड़ी इन सब इलाकों से गुजरते हुये फिर किसी दरवाजे पर रुकी। कोको के लोगों ने उस दरवाजे को खोला और वो लोग कोको से अलग होकर अपने काम पर लग गये। कोको दरवाजे के अंदर हाथ दिखाते... “ये मेरा घर, ऑफिस जो कह लो। यहीं मैं तुम्हे उनसे मिलवाऊंगा जो तुम्हे इस देश से बाहर निकाल सकते है।”
रूही, आर्यमणि को देखकर मन के अंदर संवाद करती... “इसके इमोशंस भी इंसान की तरह ही है, जिसका झूठ हम सब मेहसूस कर रहे। फिर इतनी दूर आने का मतलब?”...
आर्यमणि:– वार्डन ही जेल से निकलने का एकमात्र जरिया है। मैं आराम से इस फरेबी की योजना समझता हूं, तुम लोग चौकन्ने रहना और हर बारीकियों पर गौर करना। भूलना मत हम हीरों और नायब पत्थरों के देश में है। हो सकता है इस वार्डन के बल के पीछे खास किस्म के पत्थर का योगदान हो, तभी तो लाखों अपराधी चुप चाप अपने सेल में चले गये।
रूही:– हम्मम ठीक है जान तुम भी चौकन्ने रहना। साला ये पूरी पृथ्वी ही झूठों और फरेबियों से भरी पड़ी है।
कोको:– किस सोच में पड़ गये अंदर नही आओगे क्या?
कोको ने हाथों का इशारा किया और सभी लोग अंदर दाखिल हुये। जैसे ही सभी अंदर दाखिल हुये मात्र 4 लोग बचे। पीछे से वेमपायर और उसकी टीम अंदर घुसते के साथ कहां गयी किसी को पता ही नही चला। बिलकुल नजरों के आगे से जिस प्रकार संन्यासी शिवम गायब हो जाते थे, ठीक उसी प्रकार वेमपायर की टीम के साथ हुआ।
आर्यमणि, आश्चर्य से जेल के वार्डन कोको को देखने लगा। हैरानी की बात तब हो गयी जब अल्फा पैक से ज्यादा हैरान तो वार्डन कोको था। अल्फा पैक को समझते देर न लगी की गायब तो सबको किया गया था, परंतु किसी कारणवश अल्फा पैक गायब नही हुये।
“यहां अभी हुआ क्या? कैसे उन 19 लोगों को आपने जादू से गायब कर दिया?”..... आर्यमणि बिना अपने हाव–भाव बदले पूछा...
अल्फा पैक भी घोर आश्चर्य के बीच.... “कमाल, वाह–वाह क्या कलाबाजी है, वूहु, वाउ” जैसे शब्दों का प्रयोग करके कोको का हौसला अफजाई करने लगे। कोको भी अपनी हैरानी को अपने बेवकूफाना मुश्कुराहटों के पीछे छिपाकर.... “अरे कभी–कभी हम ऐसे ट्रिक कर लेते हैं।”...
आर्यमणि:– बहुत प्यारा जादू। चलो अब मेरे साथियों को जादू से वापस लेकर आओ।
कोको:– मैं, वो ... अभी एक मिनट दो... अम्म्म्म... एक काम करो.... तुम लोग अब वापस जाओ, बाद में वो लोग भी पहुंच जायेंगे।”
कोको अपनी हिचकिचाहटों के बीच लगातार अल्फा पैक को भी पोर्ट करने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो लोग पोर्ट हो नही रहे थे। हां जब भी कोको पोर्ट का कमांड देता, अल्फा पैक का एम्यूलेट चमकने लगता। सभी अपने कपड़ों के पीछे छिपे एम्यूलेट के बदलाव को मेहसूस कर सकते थे।
आर्यमणि:– क्या हुआ कोको, इतनी हिचकिचाहट के साथ पसीने क्यों आ रहे है?
इस से पहले की कोको कुछ जवाब देता। 19 नीले रंग की रौशनी की लकीरें कोको के सीने से कनेक्ट होकर उसके सामने लगी। कोको अपने दोनो बांह फैलाकर उस रौशनी को अपने भीतर स्वागत करने लगा। अलबेली यह पागलपन देखकर.... “दादा (आर्यमणि) यहां चल क्या रहा है?”...
आर्यमणि:– मुझे भी उतना ही पता है जितना तुम्हे अलबेली। अब रौशनी का खेल खत्म हो तब न इस गधे से कुछ पूछूं।
इवान:– जीजू 19 वेमपायर को गायब किया था और 19 रौशनी की लकीरें भी है।
आर्यमणि:– हां यार... कहीं ये पागल, नयोबि और उसकी टीम को निगल तो नही रहा।
इवान:– हो सकता है। जीजू नयोबि मरा फिर तो कैरोलिन के साथ–साथ बेमपायर नयोबि का बदला लेने भी पहुंच जायेंगे। इस बार तो सबको पता होगा की नयोबि किसके साथ था।
रूही:– सब शांत हो जाओ। रौशनी की लकीरें समाप्त हो रही है।
लगभग एक मिनट तक रौशनी कोको के अंदर समाती रही। जैसे ही कोको पूरी रौशनी समेटा, उसकी आंखें नीली हो चुकी थी। हाथों के पंजे से क्ला निकल आये और मुंह फाड़ा तो अंदर नुकीले दांत। कोको का शरीर भी मेटलिक दिख रहा था जो जलते हुये मेटल समान बिलकुल लाल था। तेज गरज के साथ कोको अल्फा पैक को घूरते.... “कास तुम चारो की शक्तियां भी मैं अपने अंदर समा सकता। लेकिन कोई न, तुम्हारी शक्तियां मेरी न हुई तो न सही, तुम्हारे पास भी नही रहने दूंगा। तुम सबको मरना होगा।”...
आर्यमणि:– बैठकर बात कर लेते है यार। ये मरने और मारने की बातें क्यों। साथ मिलकर काम करेंगे...
कोको:– मैं अकेला ही काम करता हूं। मुझे किसी निर्बल की जरूरत नहीं...
कहते हुये कोको ने अपना बड़ा सा पंजा आर्यमणि पर चला दिया। एक तो कोको का साइज डबल ऊपर से उसके चौड़े पंजे। आर्यमणि, कोको के हमले से बचने के लिये काफी तेज झुका और गुलाटी मारकर दूर गया। कोको अपना लंबा वजनी शरीर के साथ अब काफी ज्यादा तेज भी हो चुका था। इतना तेज की वह अपने एक हाथ के तेज पंजे से एक बार में रूही और अलबेली को घायल कर चुका था। बचने की तो दोनो ने पूरी कोशिश की किंतु बच ना पायी।
बड़े–बड़े नाखून शरीर के जिस हिस्से में लगे वहां 4 इंच गहरा गड्ढा हो गया और उसके बीच का मांस क्ला के अंदर घुसा था। रूही और अलबेली की दर्द भरी चीख निकल गयी। दोनो को घायल देख इवान पागलों की तरह दहाड़ते हुये छलांग लगा चुका था। इवान अपना पंजा खोल कोको के चेहरे को निशाना बनाया वहीं कोको का पंजा इवान का गर्दन देख रहा था। इस से पहले की दोनो एक दूसरे पर हमला करते बीच से आर्यमणि छलांग लगाया और इवान को अपने बाजुओं में समेटकर कोको से काफी दूर किया।
इवान खड़ा होकर तेज दहाड़ा। उसकी दहाड़ के जवाब में आर्यमणि भी दहाड़ा। इवान अपनी जगह बिलकुल शांत था लेकिन तभी कोको का पूरा पंजा आर्यमणि के पीठ को 5 लाइन में फाड़ चुका था। आर्यमणि के मुंह से बस चीख नही निकली लेकिन दर्द के कारण आंखों के दोनो किनारे पानी भर गया था।
दूसरा हमला हो, उस से पहले ही आर्यमणि ने इवान को दूर धकेला और तेजी से सामने मुड़कर खड़ा हो गया। कोको भी एक हमला के बाद दूसरा हमला कर दिया। कोको ना जाने कितने हिम–मानव की शक्तियों को बटोर चुका था। अब तो उसमे वेमपायर की शक्तियां भी थी। लिहाजा उसका हमला काफी ताकतवर था।
किंतु पैक के घायल होने की वजह से आर्यमणि के खून का हर कतरा उबाल मार रहा था। आर्यमणि पर गुस्सा पूरा हावी हो चुका था। अपने ओर बढ़े डेढ़ फिट लंबा और आधा फिट चौड़ा पंजे पर अपना पंजा चला दिया। दोनो के पंजे ठीक वैसे ही टकराये जैसे दो लोग आपस में तली देते हो। लेकिन ये ताली पूरी ताकत से बजाया गया था।
जैसे ही दोनो के पंजे टकराए थप की इतनी गहरी ध्वनि निकली की उस बिल्डिंग की दीवारों में क्रैक आ गया। दोनो की हथेली झूल गयी और कलाई की हड्डी चूड़–चूड़ हो चुकी थी। आर्यमणि दर्द बर्दास्त करते अपने दूसरे हाथ के पंजे से कलाई को थमा और बिना वक्त गवाए खुद को हील किया। वहीं कोको दर्द से बेहाल अपना कलाई पकड़ा था, पर वह खुद को हील नही कर सकता था।
कोको अपने ही दर्द में था और आर्यमणि हील होने के साथ ही बिना कोई रहम दिखाये तेज दौड़कर उछला और पूर्ण एनर्जी पंच चला चुका था। कोको भी अपने ऊपर हमला होते देख चुका था। वह भी दूसरे हाथ से तेज मुक्का चलाया। सीन कुछ ऐसा था कि 15 फिट के आदमी के सामने 6 फिट का आर्यमणि हवा में ठीक सामने था। ऐसा लगा जैसे कोई बच्चा उछलकर अपने छोटे से हाथ से कोको के ऊपर हमला कर रहा हो।
कोको भी अपना पंच को ठीक आर्यमणि के मुक्के के ऊपर चलाया था। दोनो के मुक्के आपस में टकराये। आर्यमणि का मुक्का इतना छोटा था कि वह कोको के मुक्के के थी बीच में पड़ा। दोनो के टकराने से एक बार फिर विस्फोट जैसी आवाज हुई। और क्या परिणाम निकल कर आया था।
जैसे रेत के बने मुक्के पर किसी ने पूरी ताकत के साथ हथौड़ा चला दिया हो। आर्यमणि का मुक्का कोको के हाथ को पूरा फाड़ते हुये आगे बढ़ा। हाथ का मांस, लोथरे के समान लटक गये। बीच की पूरी हड्डी पाउडर समान कण में बदलकर हवा में बिखर गयी। पंजा इतना तेज था की हाथ को फाड़ते हुये सीधा बायें कंधे पर लगा और ऐसा नतीजा हुआ जैसे किचर के मोटे ढेर पर किसी ने 10 मंजिल ऊपर से एक ईंट गिरा दिया हो।
जैसे ही आर्यमणि का मुक्का कोको के कंधे से टकराया वहां का पूरा हिस्सा ही फुहार बनकर हवा में मिल गया। कोको के ऊपरी शरीर के बाएं हिस्से का पूरा परखच्चा उड़ा डाला। एनर्जी पंच इतना खरनाक था कि कोको के मौत की चीख निकलने से पहले ही उसकी मौत आ चुकी थी। सर तो धर पर ही था, लेकिन कमर तक के बाएं हिस्सा गायब होने की वजह से गर्दन बाएं ओर के हिस्से में ऐसे घुसी थी कि धर पर सर नजर ही नहीं आ रहा था।
Is koko ki aisi ki taisi, sala khud ko Bahut bada top samajh rha tha, arya ke tarashe huye patthar ne kmaal kr diya, is coco ne vampire ke sath sath arya ki team ko bhi gayab karne ke liye command diya tha pr afsos vo asafal rha...
Ab samajh me aaya ki vo patthar kyA karte hai, vo teliport nhi hone dete...
Koko ne un vampire ki shaktiyo ko apne andar smahit kr liya or ab Alfa team ko marne ki than liya hai, ruhi Albeli or Evan ko ghayal bhi kr diya arya ko bhi pr arya ne jo maar Mari hai usse apni Nani yaad to jarur aayi hogi...
Coco ka sir uske kandhe pe dhsa hua, hath ke Bich me holl bna diya, dono hath ke sath sath sale ka kandha nakam kr diya...
Arya ke pass healing ability hai pr assure is koko ke pass vo nhi hai, ab pda hai, Dekhte hai uski jaan bachate hai Alfa pack ya nhi, unhe vampire ko bhi sahi salamat vapas pana hai, Dekhte hai next move kya hota hai Alfa team ka or is pure cabin me jo avaje huyi hai sath hi divale bhi tut gai hai to bahar se koi aayega coco ko bchane ya nhi, akhir jailer hai Vo...
Kya arya or bhi patthar tarashega apni team ke liye ya nhi, kya arya vampire team ko vapas la payega ya nhi, kya koko jinda bachega ya nhi, kya higher authority isme hastkshep karegi ya ye jail ka matter koi or hi jailer handle karega, kya arya insano ko idhar ki gulami se ajad krvayega ya nhi... etc.
Superb Lajvab amazing wonderful update bhai jabarjast sandar with awesome writing skills bhai