अध्याय 8
फिर दिन में खास नहीं होता है उस दिन पूरे दिन आराम करती हैं क्योंकि उसे कल कॉलेज में भी जाना था
नीलम कल के लिए बहुत खुश थी वो कॉलेज जाएंगी वो भी देवा के साथ
देवा आगे क्या करना है कैसे करना है ये सब ही सोच कर अपनी योजना बना रहा था
अगली सुबह नीलम और देवा जल्दी उठ जाते हैं और दोनो कॉलेज के लिए तैयार हो जाते हैं जब नीलम तैयार हो कर बाहर आती है तो बहुत सुन्दर लग रही थी
वो आज इस तरह से तैयार हुई थी
अभी तक देवा किचन में खाना बना रहा था जब नीलम को देखता है तो कहता है अच्छी लग रही हो
नीलम थैंक यू बोल कर देवा को तैयार होने के लिए बोल देती है और खुद खाना प्लेट में रखने लगती हैं थोड़ी देर में देवा भी तैयार हो जाता है
देवा
देवा को देखकर नीलम तो उसमें खो ही जाती है
देवा - क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो अच्छा नहीं लग रहा हूं क्या
नीलम ( शर्मा कर)_ बहुत अच्छे लग रहे है
फिर देवा अपनी जेब में से 1000 रुपए निकाल कर नीलम को दे देता है
नीलम - आप मुझे इतने पैसे क्यू दे रहे है
देवा - रख लो तुम्हारे काम आयेंगे और हा और चाहिए तो मांग लेना शर्माना मत ठीक है
नीलम अपना सर हिला देती है और वो दोनो खाना खाने लगते है
देवा _ ( खाना खाते हुए) नीलम बस अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान और अगर कोई परेशानी हो तो तुरन्त मुझे बताना
देवा नीलम को किसी छोटी बच्ची की तरह समझा रहा था देवा और नीलम जब तक खाना खा रहे थे तब तक देवा नीलम को कुछ ने कुछ समझाता रहा और नीलम अपना सर हिला रही थी
फिर दोनो नीचे रोहिनी आंटी के पास पहुंच जाते है जहां अंकल किचन में काम कर रहे थे
रोहिणी आंटी
आंटी देवा और नीलम को देख कर खुश हो जाती है और जाकर नीलम और देवा को काला टीका लगा देती है
आंटी _ किसी की नजर ना लगे तुम दोनो को भगवान ने तुम दोनो को हमसफ़र बना कर दुनिया को आठवां अजूबा बना दिया है बिल्कुल एकदम परफेक्ट कपल लग रहे हो
ये सुन कर नीलम शर्मा जाती है पर देवा आंटी को बोलता है
देवा - आंटी आप भी बहुत सुन्दर लग रही हैं क्यों अंकल में सही बोल रहा हु ना
अंकल अंदर किचन से हा मे सर हिला देता है और झूठी मुस्कान चेहरे पर ले आता है
आंटी _ अरे सुन से क्या पूछ रहे हो उन्होंने आज तक मेरी तारीफ नहीं की है चाहिए में कितनी भी सुंदर दिखु
नीलम - आंटी हमे चलना चाहिए वरना देर हो जाएगी
आंटी _ ठीक है चलो मैं अपनी स्कूटी निकालती हूं
फिर आंटी अपनी स्कूटी निकाल लेती है नीलम उनके पीछे बैठ कर चली जाती है
देवा भी अपनी बाइक से कॉलेज के लिए चल देता है
Tps कॉलेज में
आंटी और नीलम कॉलेज में पहुंच जाती है नीलम को देख कर सभी लड़के तो अपनी लार टपकाने लगते है
पर रोहिणी मेम को सभी जानते थे कि वो कितनी कड़क मिजाज वाली टीचर हैं कोई भी लड़का नीलम के पास भी नहीं आता है
आंटी और नीलम अंदर चले जाते है अंदर आंटी के साथ पढ़ाने वाली और महिला टीचर भी थी
1_ अनुष्का मैम _ ये 25 साल की महिला थी इनकी शादी को अभी एक साल ही हुआ है इनके पति के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है अनुष्का मैम अपने सास ससुर के साथ मुंबई में रहती हैं ये एक संस्कारी औरत है
2_ तेजल मैम _ ये भी 28 साल की एक महिला है इनके पति पुलिस में है इनकी शादी को 5 साल हो गए हैं अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है इनका पति बहुत बड़ा हरामी और कमीना इंसान है
3_ शीला मेम _ ये 27 साल की महिला है इनके पति बैंक में काम करते हैं इनका एक बेटा है जो 3 साल का है ये बहुत ही चुदक्कड औरत है इसके ना जाने कितने मर्दों से संबंध रह चुके है उन मर्दों में इसकी कॉलेज के स्टूडेंट भी शामिल है इसने पढ़ाना इसलिए शुरू किया था जिससे इसे जवान लड़कों का लन्ड मिल सके
ये तीनों आकर रोहिणी के पास आ जाती है क्योंकि रोहिणी मेम इन तीनों से उमर में भी बड़ी थी और सीनियर टीचर भी थी
तीनों _ हेलो मेम
आंटी _ हेलो
अनुष्का मैम _( नीलम को देख कर)मैम ये लड़की कौन है आपके साथ
आंटी _ ये मेरी बेटी है नीलम ( नीलम उन तीनों को गुड मॉर्निंग बोलती हैं वो तीनो भी गुड मॉर्निंग बोल देती है)
तेजल _ पर आपकी तो एक ही बेटी थी
आंटी _ ये मेरी बहन की बेटी हैं मेरी बहन अब इस दुनिया में नहीं है इसलिए मैने इसे अपनी बेटी बना लिया है इसका मैंने यही एडमिशन कराया है
शीला मेम _ ये तो अच्छी बात है वैसे नीलम तुम बहुत सुन्दर हो
नीलम - थैंक यू मेम
आंटी _ तुम तीनों जरा ध्यान रखना नीलम को कोई परेशानी ना हो ये बहुत सीधी है जरा ध्यान रखना
अनुष्का मैम _ आप चिंता ना करे हम इसका ध्यान रखेंगे में तो इसे अपनी छोटी बहन बनाके रखूंगी
( नीलम से) और तुम आज से मुझे दीदी कहना पर क्लास में नहीं ठीक है
नीलम - जी मेम
शीला मेम _( अनुष्का से) तुम्हें अकेले क्यू हम तीनों को दीदी ही कहना चाहिए
तेजल मैम _ हा नीलम तुम हम तीनों को दीदी ही कहना
नीलम - जी
इधर देवा भी कॉलेज में आ जाता है
देवा को देखते ही लड़कियों की चूत पानी छोड़ने लगती है और लड़कों की झांटे सुलग जाती है क्योंकि सारी लड़किया बस देवा को ही देख रही थीं
देवा थोड़ा मुस्कुराते हुए कॉलेज में जाने लगता है
उससे थोड़ी पर एक ग्रुप बैठा हुआ था जो सभी स्टूडेंट्स की रैगिंग कर रहे थे
उस ग्रुप में 3 लड़के और एक लड़की थी
(1 )दीपक सिंह _ ये 19 साल का लड़का था इसके पिता बहुत बड़े बिजनेस मेन है ये अपने परिवार का दूसरा बेटा है अपने भाई से जलता है क्योंकि इसका भाई इससे ज्यादा टैलेंटेड है
(2) ओम तिवारी _ ये भी 19 साल का लड़का है इसके पिता की इस शहर में कही होटल है
(3) गौरव अग्रवाल _ ये भी 19 साल का लड़का है इसके पिता मुंबई में कमिश्नर है
(5) प्रीति _ ये दीपक की बहन है इसकी उमर 18 साल है इसने इसी साल कॉलेज में एडमिशन लिया है दिखने में ये भी बहुत सुन्दर है इसका फिगर बहुत ही कातिलाना है इसकी और दीपक की बहुत बनती है ये भाई बहन की तरह नहीं एक दोस्त की तरह रहते है दीपक भी अपनी बहन पर जन छिड़कता है पर इसमें पैसे का घमंड बहुत हैं
ये समझ लो ये सभी अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलादें है
ये चारों मिल कर सभी की अच्छी तरह से रैगिंग कर रहे थे तभी दीपक की नजर देवा पर पड़ती है वो उसके देखकर ही आवाज देकर अपने पास बुलाता है
देवा चारों के पास पहुंच जाता है प्रीति तो बस देवा को ही देख रही थी
दीपक _ चल बे अपना नाम बता
देवा _ देवा
ओम _ बाप का नाम ( ये बात सुनकर देवा को गुस्सा तो आता है पर वो अपने आप को रोक लेता है )
देवा - प्रताप सिंह
गौरव _ अपनी मां का नाम भी बता दे ( इस सवाल का जवाब तो देवा के पास भी नहीं था क्योंकि उसके बाबा ने उसे कभी उसकी मां के बारे मे बताया ही नहीं था)
जब देवा कुछ भी नहीं बोलता है तो
दीपक _ क्या हुआ सुना नहीं मां का नाम बता
देवा _ नहीं पता ( ये बोलकर देवा उदास हो जाता है)
ये सुन कर तीनों लड़के हसने लगते है पर प्रीति को देवा के लिए बुरा लगता है
ओम _ (हस्ते हुए) दीपक यार लोगों को अपने बाप का नाम नहीं पता होता है पर यहां तो उल्टा है इसे अपनी मां का ही नाम नहीं पता है
ये सुन कर जो पास खड़े लड़के भी हंसने लगते है
फिर गौरव ( हस्ते हुए)_ अरे कही ऐसा तो नहीं कि मां इसके बाप को छोड़कर किसी और के साथ भाग गई हो
इतना सुनते ही देवा का पारा चढ़ जाता है और एक थप्पड़ देता है घुमाकर सीधा गौरव के गाल पर थप्पड की आवाज से सब लोग चुप हो जाते हैं
गौरव को थप्पड़ इतनी जोर से पड़ा कि वो चक्कर खा कर नीचे गिर जाता है दीपक गुस्से मे देवा की तरफ आता है तो उसे प्रीति पकड़ लेती है
दीपक ( गुस्से मे)_ छोड़ मुझे प्रीति इसकी इतनी हिम्मत की मेरे दोस्त पर हाथ उठाया
प्रीति _ नहीं रुको तुम्हें मेरी कसम ( प्रीति की कसम सुनकर रुक जाता है प्रीति आगे आ कर)
प्रीति _ (देवा से) सॉरी हमे तुम्हारी मां के बारे मे गलत नही बोलना चाहिए था
दीपक ( शॉक में था क्योंकि पहली बार प्रीति किसी से सॉरी बोल रही थी)_ प्रीति तुम क्या कर रही हो तुम्हें पता भी है इसने अभी मेरे दोस्त को मारा है और तुम उसी से सॉरी बोल रही हो
प्रीति _ हा भाई क्योंकि तुम लोगों की ग़लती है
दीपक ( गुस्से में)_ तुझे तो में अभी देख लेता अगर मेरी बहन मुझे कसम ना देती तो
देवा _ (हस्ते हुए) भगवान का धन्यवाद करना कि तुम्हारी बहन है और उसने तुम्हें बचा लिया वरना देवा किसी को मारता है ना तो वो इंसान किसी काम का नहीं रहता है
ये बोलकर देवा वहां से चल देता है फिर वापस मुड़कर _ और हा इस पर थोड़ा पानी डाल देना वरना दो घंटे से पहले इसे होश नहीं आएगा ( प्रीति से) तुम बहुत सुन्दर हो बस ये कपड़े ढंग के पहना करो
ये बोलकर देवा वहां से चला जाता है प्रीति अपनी तारीफ सुनकर खुश हो जाती है पर दीपक गुस्से में पागल हुए जा रहा था