ayush01111
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Writer ko likhne do ap copy paste kyu kar rahe hobab 1
ek jangl min ek taalab ke kanare par beth kar dhiyan laga raha tha mere andar se ek talsami dhwan nikal raha tha phar or dhwan mere andar isi tarah laga hawa tha or is ke sath mal kar jo qadarti tawanai bhi mere andar isi tarah lagi thi
kucha samaya bāda apanī ām̐khēṁ khōlatā hai aura havā kō niyantrita karanē kī kōśiśa kī bahuta kama havā kō niyantrita karanē kē li'ē khuśa hō jātā hai
phar min apana saman samet kar ghar ke liye chal dita hon.
arē apanā paricaya tō karāyā hī nahīṁ mera naam hay dewa. aaj 18 sal ka ho gaya aap log thek samje aaj mera janmadina hai
mēṁ ēka chōṭē sē gām̐va kōṭavā mēṁ rahatī hūm̐ apanē bābā (pitā) kē sātha rahatī hūm̐ mērē pitā kā nāma pratāpa vō ēka lōhāra hai para vō hamēśā śarāba kē naśē mēṁ rahatē haiṁ mērī mām̐ mujhē janma dētī hai bhagavāna kē pāsa calī ga'ī. ya mera baba kahata hay.
mēṁ āja isali'ē khuśa nahīṁ hu ki āja mērā janma hai isali'ē khuśa hu ki mērī āja sārī śaktiyāṁ jāgr̥ta hō ga'ī hai mēṁ bahuta sālō sē prayāsa karanā thā jō āja safala hu'ā.
aba āpa sōca rahē haiṁ ki mērē pāsa śakti kahā sē ā'ī tō calō yē bhī batātī hūm̐ mērā punarjanma hai āja sē 600 sāla pahalē mēṁ bahuta hī sundara aura śaktiśālī yōd'dhā kahēṁ kō'ī bhī pātā thā mujhē yud'dha kalā aura har śāstraon ka makmal alm tha
mujhē kālī śakti kā bhī jñāna thā
majh min bas ek kam thi or ki or baghair meri raat nihen gujarti thi majhe har raat ke liye nayi or min chahiye thi
ēka dina mēṁ jaṅgala mēṁ śikāra kē li'ē hu'ā tō jaṅgala mēṁ ghūmatē ghūmatē mujhē bahuta samaya hō cukā hai
isa kāraṇa mēṁ ārāma karanē kē li'ē ēka sthāna tālāśa kara rahā thā tō mujhē ēka chōṭī chōṭī dēkhī tō pahalē para pahun̄canē kē li'ē āvāza lagā'ī tō andara sē ēka sādhu bāhara nikala kara ātē haiṁ aura unhēṁ apanā paricaya dēnē kē li'ē āja rāta mēṁ ārāma kē li'ē sthāna diyā gayā hai. magatā samajhō tāṁ mainū usa dī nīnda 'ca ārāma karana 'tē kahidā hai ki 'tē khuda hī ika pada dē thalē 'tē lagā'uṇa 'tē usē tar'hāṁ hī bahuta adhērā hō jāndā hai, jisa 'ca vī adara jhōpaṛī mēṁ dō hutē haiṁ.
kucha samaya kē bāda mujhē aisā lagatā hai ki kō'ī mahilā mujhē cūma rahī hai mēṁ bhī sōca rahī hūm̐ ki sapanā dēkha rahā hūm̐ aura usa strī kō nīcē khīn̄ca kara lētā hūm̐ aura phira sē śurū karanā hai kāma krīṛā usa rāta mēṁ usa strī kē sātha. char bar jasmani taalqaat
jaba subaha sādhugnī mēṁ andara hai tō vō apanī patnī kō mērē sātha na avasthā mē dēkha rahā bahuta krōdhita hō jātā hai.
sādhu - ya kiya ho raha hay
sādhu ki aawaz san kar meri taraf se aurt ki nind khal jati hen or min dekhta hon kah aap ka jasm
sadho - majhe tam ne raat min gujarne ke liye jagah di hay or tam meri bhi bevi ke sath rangliyan man rahi ho or kalta tam apane shohar ko chhod kar is ke sath raat gujar ho rahi ho
sādhu ki bevi- malk moz se bhol gaye the jab aap ki nazar se to andhera kafi hota hay
mēṁ pahacāna na sakī mujhē kṣamā kara dē
sadho - maf nihen tamahin mot batana
"
ya dekh kar mera to phat kar char ho gaya.
min - bābā min meri koi ghalat bat nihen hay aap ko aap ki tasver dikhani chahiye
phira sādhu apanī ām̐khēṁ band kar jo kach hawa nazar aaya
sādhu - min ne aap ko bhi kach dekha hay or aap ke pas nihen the
min - kon se do raah baba
sādhu - balkal raastah ki aap ki sari tqton ki taraf jain bhol jain ge or aap ko kasi badabl ansan ki bhanti jina ho ga
min - baba dosara
sādhu - dosara kah aap ne aap ka jan liya hay.
maiṁ bahuta dēra sōcanē kē bāda
min - baba min dosara raastah hi chanta jana
sādhaw - dosara kiyon batana chahoge.
mēṁ - bābā mēṁ ēka kīṛē kī bhānti jīnē sē tō acchā mauta kō svīkāra kara lū
baba - jisi khwahish
mēṁ - para bābā mujhē āpasē kucha cāhi'ē kyā āpa maranē vālē vyakti kī ākhirī icchā pūrī nahīṁ hōgī
sādhaw - apani khwahish
mēṁ - bābā mēṁ cāhatā hūm̐ ki mērā punarjanma hō mujhē mērī śaktiyōṁ kē sātha tumhārī bhī sārī śaktiyāṁ prāpta hai
sādhu - thek hay aap ko meri tqt tab bhi male gi jab aap koi dosara raastah nazar nihen aaye ga.
mēṁ - bābā mujhē svīkāra hai para āpa bhī ēka śarta rakhatī hai tō bhī kucha jānanā cāhatī hūm̐
sādhaw - ab ki taraf aap ko kiya chahiye?
min - bābā mujhē ēka sā lanḍa cāhi'ē
sādhu - aap ko min dina nihen chahta balkah aap ko is ki kach ziyadah zarort hay.
phira vō pānī mērē ūpara phēṅka diyā aura bhī paralōka sidhāra hō gayā aba mērā punarjanma hu'ā hai
Mast update hai bhai .... Ab dekhta hai Deva aur neelam ki dosti kya karti hai aur ye aurat hai kon aur isko Neelam kis liye chaiye thi .... Dekhna mai Mazza aayegaअध्याय 2
मैं चलते हुए अपने गांव तक पहुंच गया था मेरा घर गाँव की बाहर ही था मैंने 12 वीं तक की पढ़ाई चुका था
जब में अपने घर पर पहुंच गया तो देखा कि बाबा के साथ कुछ लोग भी थे जो आपस में कुछ बात कर रहे थे
में बाबा के पास गया तो उन सभी लोगों ने अपनी बातें बंद कर दी
में - बाबा ये लोग कौन है
बाबा - देवा ये लोग हमारे घर खरीदने के लिए आए है
में - बाबा हम तो अपना घर नहीं बेच रहे थे फिर ये लोग
बाबा - बेटा इन्हें यहां पर एक कारखाना खोलना है इसलिए ये हमारी जमीन खरीदने के लिए आए है
में - फिर बाबा हम कहा रहेंगे
बाबा - मुझे ये लोग यही अपने कारखाने में काम भी दे रहे हैं ओर रहने के लिए एक कमरा भी देंगे
में - बाबा में भी आपके साथ यही पर ही काम करूंगा
बाबा - नहीं देवा तू यहां काम नहीं करेगा मैं ने तेरा दाखिला मुंबई में एक कॉलेज में करवा दिया है तू वही रहकर आगे की पढ़ाई करेगा
में - नहीं बाबा में आपको छोड़ कर कही नहीं जाऊंगा फिर इतना पैसा कहा से आएगा
बाबा - बेटा ये जो जमीन का पैसा मिला है वो मैंने तेरे अकाउंट में डलवा दिया है पूरे 50 लाख रुपए है तू वही हॉस्टल में रह कर आगे पढ़ना और बहुत बड़ा आदमी बनाना तेरी मां की भी यही इच्छा थी
मां की बात सुनकर मैं कुछ नहीं बोला और मैं ने भी हा कर दी
बाबा - बेटा यही तो तेरा जन्मदिन का तोहफा हैं चल जा जल्दी अपना जरूरी सामान रख लें शाम की ट्रेन से तुझे जाना है
में घर के अंदर चला गया और जरूरी सामान रखने लगा
बाहर मुझे एक बात बहुत अजीब लगी जब अपने बाबा से बात कर रहा था तो आदमी मुझे दया वाली नजरों से देख रहे थे
मुझे अभी ही निकलना था क्योंकि हमारे यहां से रेलवे स्टेशन बहुत दूर था तो पहुंचने में शाम होना तय था
में सामान लेकर बाहर आया तो बाबा ने मुझे कालेज का पता दिया और फिर हमारे गांव के सरपंच का बेटा अपनी बाइक लेकर आ गया क्योंकि गांव के सरपंच मेरे पिता के दोस्त भी थे और पूरे गांव में बस सरपंच के पास बाइक थी बाबा के दोस्त होने की वजह से में भी बाइक चलाना सीख गया था
में - बाबा आप मुझे छोड़ने के लिए नहीं चलेंगे
बाबा - नहीं बेटा एक बाइक पर तीन लोग नही जा पाएंगे और तेरा सामान भी तो है
में - ठीक है बाबा ( मैने उनके पैर छुए)
बाबा - (बाबा ने भी मुझे गले लगाया और मेरे कान में कुछ बोले) देवा मेरी एक बात ध्यान रखना बेटा दुनिया ऐसी नहीं है जैसी तुमने देखी इस लिए सावधान रहना और अपनी शक्तियों के बारे में किसी को भनक मत लगने देना
में - बाबा ( आश्चर्य से)
बाबा - शांत मुझे कुछ बताने की जरुरत नही है चल जा और सावधान रहना
फिर में ने कुछ नहीं कहा और सीधे बाइक पर जा कर बैठ गया और वहां में अपना नया सफर शुरू किया
शाम के 6 बजे में स्टेशन पर पहुंच गया और ट्रेन का पता किया तो ट्रेन को अभी आने में एक घंटा और लगेगा
में - (सरपंच के बेटे से) भाई आप अब वापिस लौट जाएं वरना आप को बहुत रात हो जाएंगई
सरपंच का बेटा - ये ले देवा इसमें कुछ पैसे है जो पापा ने मुझे तुझे देने को कहा है
में - इसकी कोई जरूरत नहीं भाई मेरे पास है बाबा ने दिए मुझे
फिर भी वो नही माने ओर जबरदस्ती मुझे दे कर चले गए मैंने पैसे गिने तो पूरे 5000 रुपए थे
मैं भाई स्टेशन पर घूम रहा था देखते ही देखते आधा घंटा निकल गया तो मैने जा कर टिकट ले ली मुंबई के लिए
जैसे ही में टिकट ले कर बाहर निकला तो कोई मुझसे टकरा गया ओर वो माफी मांग कर जल्दी में ही निकल गया
ना ही उसने मुझे देखा और ना ही मैंने उसे देखा पर में उसे पीछे से देख रहा था तो मुझे कोई लड़की लगी तो मुझे एक पर्स वही गिरा दिखा तो में समझ गया कि यह उस लड़की का ही है तो में ने उसे उठा लिया और लड़की को देने के लिए अंदर गया तो वो लड़की वही टिकट काउंटर के पास अपने सामान में कुछ ढूंढ रही थी और बहुत घबरा रही थीं
तो में समझ गया कि वो अपने पर्स को ढूंढ रही है तो में उसके पास जाने लगा तो पता नहीं उस लड़की ने क्या देखा कि वो वहां से तेज़ी से रेलवे स्टेशन में घुस गई ओर इधर से उधर भागने लगी
तो में भी उस लड़की को पर्स देने के लिए उसका पीछा करने लगा
तभी मेरे पीछे से 10 12 लोग निकल कर आगे गए जो देखने से ही खतरनाक लग रहे थे वो लोग ने जा कर उस लड़की को पकड़ लिया ओर उसे घसीटते हुए बाहर लाने लगे
लड़की - मुझे छोड़ दो जाने दो मैं तुम्हारे पैर पड़ती हु ( जोर जोर से रोने लगी )
एक तो रात का समय ओर स्टेशन पर ज्यादा लोग नहीं थे वैसे भी मुझे कोई नहीं जानता था जो उन लोगों बाद में मेरे बारे में बताएं ये सोच कर में ने अपने चेहरे को एक कपड़े से ढक लिया उनके सामने जाकर खड़ा हो गया
वो सभी अपने सामने एक युवक खड़ा देखकर चौक गए
आदमी 1 - कौन है तू तुझे पता है कि तू जानता भी किन के सामने खड़ा है
में - अरे भाई वो तो मेरी थोड़ी तबीयत खराब है इसलिए चेहरे को ढक रखा है
आदमी 2 - तो हट ना सामने से
में - अरे में तो हट जाऊंगा लेकिन पहले मुझे वो लड़की चाहिए जिसको आप लोगों ने पकड़ रखा है
वो लड़की तो मुझे ही देखे जा रही थी ये कौन मुझे बचाने आ गया मैंने भी लड़की को गौर से देखा तो लड़की की सुन्दरता में ही खो गया उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि भगवान ने विश्व की सारी सुन्दरता इसी लड़की को ही दे दिया है
आदमी 2 - तू अपनी मौत को क्यों न्यौता दे रहा है तू जानता नहीं है हम किसके आदमी हैं
में - मुझे जानना भी नहीं मुझे बस ये लड़की दे दो ना please
आदमी 1 - अबे सालो क्यों मेरा दिमाग ख़राब करवा रहे हो मरे साले को और चलो जल्दी
वो सभी लोग मुझे मरने के लिए भागे में भी समय न लगाते हुए उन पर टूट पड़ा और उन्हें मारना मेरे लिए बहुत छोटी सी बात थी 1 मिनट के अंदर सभी लोग जमीन पर धुल चाट रहे थे
में - अरे तुम घबराओ मत ( ये बोलते हुए में पीछे घुमा तो वो लड़की वह नहीं थी तो मैंने लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वो लड़की तो ट्रेन में चली गई
मैंने देखा कि ट्रेन निकलने लगी तो में भी भागते हुए एक डिब्बे में चढ़ गया जब एक सीट पर जाकर बैठा तो में ने देखा कि कोई मेरे सामने वाली सीट पर कोई कम्बल ओड कर लेटा हुआ था
में ने उसपर कोई ध्यान नहीं दिया और आगे सफर के बारे में सोचने लगा कि मुंबई में कैसे रहना होगा
तभी ट्रेन को चले हुए अभी 2 घंटे हुए होगे कि वह पर टीटी आ गया ओर टिकट चैक करने लगा वो मेरे पास आया तो मैने उसे अपनी टिकेट दिखा दी फिर वो सामने वाले इंसान से टिकट मांगने लगा तो इंसान नहीं बोला
टीटी - देखिए सीधे तरह से टिकट दिखा दीजिए वरना में आपको पुलिस के हवाले कर दूंगा
में - अरे भाई क्यों परेशान कर रहे हो बेचारे को शायद बेचारे की तबीयत खराब होगी
टीटी - अरे तुम्हें नहीं पता ये मेरा रोज का कम हैं इनके जैसे मुझे रोज मिलते है
अरे भाई या तो चालान भरना पड़ेगा नहीं तो जेल जाने के लिए तैयार हो जाओ
फिर भी वो नही उठा तो
टीटी - अब तो मुझे रेलवे पुलिस को सूचना देनी ही पड़ेगी
इतने वो बोला - नहीं नहीं ऐसा मत कीजिए
उसकी आवाज सुनकर टीटी और में दोनों चौक गए क्योंकि वो एक लड़की की आवाज थी
फिर वो लड़की ने अपना कंबल उठाया तो वो भी लड़की थीं
में - तुम
टीटी - अरे तुम दोनों साथ में हो क्या
में - हा / लड़की- नहीं
टीटी हम दोनों की बात सुनकर हमे देखने लगा
में - सर आप मुझे बताए इन्हें कितने का चालान भरना है में भर दूंगा
टीटी - 1000 रुपए का
तो में ने 1000 रुपए दिए वो हमे चालान देकर चले गये
में - तुम तो बहुत बतमीज निकली
लड़की - देखिए में तो आप जानती भी नहीं आप कौन है और टीटी से बचाने के लिए धन्यवाद
में - अच्छा और अभी थोड़ी देर पहले उन गुंडों से तुम्हें बचाया उसका क्या
लड़की - क्या आप वही है
में - हा में वही हु तुमसे ज्यादा अहसान फरामोश कोई नहीं देखी
लड़की - में आपसे माफी चाहती हूं में डर गई थी इसलिए वह से भाग आई थीं
में - कोई बात नहीं ये लीजिए आपका पर्स
लड़की - ये आपके पास कहा से आया
में - ये मुझे तभी मिला जब तुम मुझसे टकराई थी
लड़की - आपका बहुत बहुत धन्यवाद
में - वैसे में पूछ सकता हूं कि वो लोग कौन थे
थोड़ी देर वो लड़की कुछ नहीं बोलती है फिर
लड़की - वो सभी लोग मेरे चाचा जी के लोग थे
में - तुम्हारे चाचा जी के
लड़की - हा वो जब में छोटी थी तब मेरे माता पिता का देहांत हो गया था तब मेरी चाची ने मुझे पाला और अब मेरे चाचा जी मुझे किसी को देना चाहते है इसलिए मेरी चाची ने मुझे सब कुछ सच बता कर भागा दिया फिर में तीन दिनों से इधर से उधर भाग रही हु
में - तुम्हारे चाचा जी तुम्हें किसे देना चाहते है
लड़की - वो तो मेरी चाची को भी नहीं पता बस मेरी चाची ने मुझे कभी न वापस आने के लिए कहा है
में - अच्छा तो तुम्हारा अब कोई नहीं है
लड़की - हा
में - वैसे तुम्हारा नाम क्या है
लड़की - नीलम , आपका
में - देवा
में - अच्छा नीलम तुम पढ़ना जानती हो
नीलम - हा मैने इसी वर्ष 12 वीं पास की है
में - तो क्या तुम्हारे पास सारे कागज है
नीलम - हा है आप क्यों पूछ रहे हो
में - देखो नीलम जैसे तुम्हारा इस दुनिया में तुम्हारी चाची के अलावा कोई नहीं है वैसे ही मेरा भी इस दुनिया में मेरे पिता के अलावा कोई नहीं है
में - में अब मुंबई जा रहा हूं पड़ने के लिये इसलिए मैंने सोचा है कि तुम्हारा भी अपने साथ एडमिशन करवा लूंगा और तुम मेरे साथ ही रह कर पड़ लेना
नीलम - पर आप तो मुझे जानते भी नहीं ओर मेरी चाची कहती दूसरों पर इतनी जल्दी भरोसा नहीं करना चाहिए
में - हा तुम्हारी चाची सही कहती हैं पर में तुम पर भरोसा कर रहा हु क्या तुम मुझ पर भरोसा करती हो
फिर में नीलम की आंखों में देखने लगा
नीलम - हा करती हु भरोसा
में - तो दोस्त ( मैने अपना हाथ आगे बढ़ाया तो नीलम ने भी मुझसे हाथ मिलाया)
जैसी ही मेरा ओर नीलम का हाथ मिला तो एक दम बादल काले गहरे होने गले ओर अचानक बहुत तेज बिजली कड़की
वहीं यहां से बहुत दूर
एक औरत सिंघासन पर बैठी हुई थी और उसके पास एक साधु बैठा हुआ था
तभी बिजली की कड़कना सुना तो साधु घबरा गया और उसे पसीना आने लगा
औरत - क्या हुआ चाकाला
चाकाला - अनर्थ हो गया महारानी
महारानी - ऐसा क्या हो गया
चाकाला - महारानी जो नहीं होना था वही हो गया है जिस लड़की को आपने अपने लिए चुना था वो लड़की ऐसे इंसान के पास पहुंच गई जिसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है महारानी
महारानी - ऐसा कैसे हो सकता है वो लड़की को तो मेरे ही आदमी के पास है वो वहां से कही पर भी जा सकती हैं
चाकाला - ये मुझे नहीं पता पर ये हो चुका है
महारानी - तो पता लगाओ चाकाला वो खा हैं और किसके पास हैं
चाकाल - नहीं महारानी में पता नहीं कर पा रहा हूं कि वो कौन है और उसके आने में उस लड़की का भी कुछ पता नहीं चल रहा है वो कहा है
महारानी - नहीं नहीं नहीं ( फिर जोर से) ऐसा नहीं हो सकता है
ThanksMast update hai bhai .... Ab dekhta hai Deva aur neelam ki dosti kya karti hai aur ye aurat hai kon aur isko Neelam kis liye chaiye thi .... Dekhna mai Mazza aayega
Story dhasu hai or story ke shurwat jabar dast hai par kya ap regular update ka wada kare tabhi hum apna time de warna samay ki barbadi or adhuri story acchi nahi lagti or waise bhi apne 2 update me bahut time liya haiअध्याय 2
मैं चलते हुए अपने गांव तक पहुंच गया था मेरा घर गाँव की बाहर ही था मैंने 12 वीं तक की पढ़ाई चुका था
जब में अपने घर पर पहुंच गया तो देखा कि बाबा के साथ कुछ लोग भी थे जो आपस में कुछ बात कर रहे थे
में बाबा के पास गया तो उन सभी लोगों ने अपनी बातें बंद कर दी
में - बाबा ये लोग कौन है
बाबा - देवा ये लोग हमारे घर खरीदने के लिए आए है
में - बाबा हम तो अपना घर नहीं बेच रहे थे फिर ये लोग
बाबा - बेटा इन्हें यहां पर एक कारखाना खोलना है इसलिए ये हमारी जमीन खरीदने के लिए आए है
में - फिर बाबा हम कहा रहेंगे
बाबा - मुझे ये लोग यही अपने कारखाने में काम भी दे रहे हैं ओर रहने के लिए एक कमरा भी देंगे
में - बाबा में भी आपके साथ यही पर ही काम करूंगा
बाबा - नहीं देवा तू यहां काम नहीं करेगा मैं ने तेरा दाखिला मुंबई में एक कॉलेज में करवा दिया है तू वही रहकर आगे की पढ़ाई करेगा
में - नहीं बाबा में आपको छोड़ कर कही नहीं जाऊंगा फिर इतना पैसा कहा से आएगा
बाबा - बेटा ये जो जमीन का पैसा मिला है वो मैंने तेरे अकाउंट में डलवा दिया है पूरे 50 लाख रुपए है तू वही हॉस्टल में रह कर आगे पढ़ना और बहुत बड़ा आदमी बनाना तेरी मां की भी यही इच्छा थी
मां की बात सुनकर मैं कुछ नहीं बोला और मैं ने भी हा कर दी
बाबा - बेटा यही तो तेरा जन्मदिन का तोहफा हैं चल जा जल्दी अपना जरूरी सामान रख लें शाम की ट्रेन से तुझे जाना है
में घर के अंदर चला गया और जरूरी सामान रखने लगा
बाहर मुझे एक बात बहुत अजीब लगी जब अपने बाबा से बात कर रहा था तो आदमी मुझे दया वाली नजरों से देख रहे थे
मुझे अभी ही निकलना था क्योंकि हमारे यहां से रेलवे स्टेशन बहुत दूर था तो पहुंचने में शाम होना तय था
में सामान लेकर बाहर आया तो बाबा ने मुझे कालेज का पता दिया और फिर हमारे गांव के सरपंच का बेटा अपनी बाइक लेकर आ गया क्योंकि गांव के सरपंच मेरे पिता के दोस्त भी थे और पूरे गांव में बस सरपंच के पास बाइक थी बाबा के दोस्त होने की वजह से में भी बाइक चलाना सीख गया था
में - बाबा आप मुझे छोड़ने के लिए नहीं चलेंगे
बाबा - नहीं बेटा एक बाइक पर तीन लोग नही जा पाएंगे और तेरा सामान भी तो है
में - ठीक है बाबा ( मैने उनके पैर छुए)
बाबा - (बाबा ने भी मुझे गले लगाया और मेरे कान में कुछ बोले) देवा मेरी एक बात ध्यान रखना बेटा दुनिया ऐसी नहीं है जैसी तुमने देखी इस लिए सावधान रहना और अपनी शक्तियों के बारे में किसी को भनक मत लगने देना
में - बाबा ( आश्चर्य से)
बाबा - शांत मुझे कुछ बताने की जरुरत नही है चल जा और सावधान रहना
फिर में ने कुछ नहीं कहा और सीधे बाइक पर जा कर बैठ गया और वहां में अपना नया सफर शुरू किया
शाम के 6 बजे में स्टेशन पर पहुंच गया और ट्रेन का पता किया तो ट्रेन को अभी आने में एक घंटा और लगेगा
में - (सरपंच के बेटे से) भाई आप अब वापिस लौट जाएं वरना आप को बहुत रात हो जाएंगई
सरपंच का बेटा - ये ले देवा इसमें कुछ पैसे है जो पापा ने मुझे तुझे देने को कहा है
में - इसकी कोई जरूरत नहीं भाई मेरे पास है बाबा ने दिए मुझे
फिर भी वो नही माने ओर जबरदस्ती मुझे दे कर चले गए मैंने पैसे गिने तो पूरे 5000 रुपए थे
मैं भाई स्टेशन पर घूम रहा था देखते ही देखते आधा घंटा निकल गया तो मैने जा कर टिकट ले ली मुंबई के लिए
जैसे ही में टिकट ले कर बाहर निकला तो कोई मुझसे टकरा गया ओर वो माफी मांग कर जल्दी में ही निकल गया
ना ही उसने मुझे देखा और ना ही मैंने उसे देखा पर में उसे पीछे से देख रहा था तो मुझे कोई लड़की लगी तो मुझे एक पर्स वही गिरा दिखा तो में समझ गया कि यह उस लड़की का ही है तो में ने उसे उठा लिया और लड़की को देने के लिए अंदर गया तो वो लड़की वही टिकट काउंटर के पास अपने सामान में कुछ ढूंढ रही थी और बहुत घबरा रही थीं
तो में समझ गया कि वो अपने पर्स को ढूंढ रही है तो में उसके पास जाने लगा तो पता नहीं उस लड़की ने क्या देखा कि वो वहां से तेज़ी से रेलवे स्टेशन में घुस गई ओर इधर से उधर भागने लगी
तो में भी उस लड़की को पर्स देने के लिए उसका पीछा करने लगा
तभी मेरे पीछे से 10 12 लोग निकल कर आगे गए जो देखने से ही खतरनाक लग रहे थे वो लोग ने जा कर उस लड़की को पकड़ लिया ओर उसे घसीटते हुए बाहर लाने लगे
लड़की - मुझे छोड़ दो जाने दो मैं तुम्हारे पैर पड़ती हु ( जोर जोर से रोने लगी )
एक तो रात का समय ओर स्टेशन पर ज्यादा लोग नहीं थे वैसे भी मुझे कोई नहीं जानता था जो उन लोगों बाद में मेरे बारे में बताएं ये सोच कर में ने अपने चेहरे को एक कपड़े से ढक लिया उनके सामने जाकर खड़ा हो गया
वो सभी अपने सामने एक युवक खड़ा देखकर चौक गए
आदमी 1 - कौन है तू तुझे पता है कि तू जानता भी किन के सामने खड़ा है
में - अरे भाई वो तो मेरी थोड़ी तबीयत खराब है इसलिए चेहरे को ढक रखा है
आदमी 2 - तो हट ना सामने से
में - अरे में तो हट जाऊंगा लेकिन पहले मुझे वो लड़की चाहिए जिसको आप लोगों ने पकड़ रखा है
वो लड़की तो मुझे ही देखे जा रही थी ये कौन मुझे बचाने आ गया मैंने भी लड़की को गौर से देखा तो लड़की की सुन्दरता में ही खो गया उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि भगवान ने विश्व की सारी सुन्दरता इसी लड़की को ही दे दिया है
आदमी 2 - तू अपनी मौत को क्यों न्यौता दे रहा है तू जानता नहीं है हम किसके आदमी हैं
में - मुझे जानना भी नहीं मुझे बस ये लड़की दे दो ना please
आदमी 1 - अबे सालो क्यों मेरा दिमाग ख़राब करवा रहे हो मरे साले को और चलो जल्दी
वो सभी लोग मुझे मरने के लिए भागे में भी समय न लगाते हुए उन पर टूट पड़ा और उन्हें मारना मेरे लिए बहुत छोटी सी बात थी 1 मिनट के अंदर सभी लोग जमीन पर धुल चाट रहे थे
में - अरे तुम घबराओ मत ( ये बोलते हुए में पीछे घुमा तो वो लड़की वह नहीं थी तो मैंने लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वो लड़की तो ट्रेन में चली गई
मैंने देखा कि ट्रेन निकलने लगी तो में भी भागते हुए एक डिब्बे में चढ़ गया जब एक सीट पर जाकर बैठा तो में ने देखा कि कोई मेरे सामने वाली सीट पर कोई कम्बल ओड कर लेटा हुआ था
में ने उसपर कोई ध्यान नहीं दिया और आगे सफर के बारे में सोचने लगा कि मुंबई में कैसे रहना होगा
तभी ट्रेन को चले हुए अभी 2 घंटे हुए होगे कि वह पर टीटी आ गया ओर टिकट चैक करने लगा वो मेरे पास आया तो मैने उसे अपनी टिकेट दिखा दी फिर वो सामने वाले इंसान से टिकट मांगने लगा तो इंसान नहीं बोला
टीटी - देखिए सीधे तरह से टिकट दिखा दीजिए वरना में आपको पुलिस के हवाले कर दूंगा
में - अरे भाई क्यों परेशान कर रहे हो बेचारे को शायद बेचारे की तबीयत खराब होगी
टीटी - अरे तुम्हें नहीं पता ये मेरा रोज का कम हैं इनके जैसे मुझे रोज मिलते है
अरे भाई या तो चालान भरना पड़ेगा नहीं तो जेल जाने के लिए तैयार हो जाओ
फिर भी वो नही उठा तो
टीटी - अब तो मुझे रेलवे पुलिस को सूचना देनी ही पड़ेगी
इतने वो बोला - नहीं नहीं ऐसा मत कीजिए
उसकी आवाज सुनकर टीटी और में दोनों चौक गए क्योंकि वो एक लड़की की आवाज थी
फिर वो लड़की ने अपना कंबल उठाया तो वो भी लड़की थीं
में - तुम
टीटी - अरे तुम दोनों साथ में हो क्या
में - हा / लड़की- नहीं
टीटी हम दोनों की बात सुनकर हमे देखने लगा
में - सर आप मुझे बताए इन्हें कितने का चालान भरना है में भर दूंगा
टीटी - 1000 रुपए का
तो में ने 1000 रुपए दिए वो हमे चालान देकर चले गये
में - तुम तो बहुत बतमीज निकली
लड़की - देखिए में तो आप जानती भी नहीं आप कौन है और टीटी से बचाने के लिए धन्यवाद
में - अच्छा और अभी थोड़ी देर पहले उन गुंडों से तुम्हें बचाया उसका क्या
लड़की - क्या आप वही है
में - हा में वही हु तुमसे ज्यादा अहसान फरामोश कोई नहीं देखी
लड़की - में आपसे माफी चाहती हूं में डर गई थी इसलिए वह से भाग आई थीं
में - कोई बात नहीं ये लीजिए आपका पर्स
लड़की - ये आपके पास कहा से आया
में - ये मुझे तभी मिला जब तुम मुझसे टकराई थी
लड़की - आपका बहुत बहुत धन्यवाद
में - वैसे में पूछ सकता हूं कि वो लोग कौन थे
थोड़ी देर वो लड़की कुछ नहीं बोलती है फिर
लड़की - वो सभी लोग मेरे चाचा जी के लोग थे
में - तुम्हारे चाचा जी के
लड़की - हा वो जब में छोटी थी तब मेरे माता पिता का देहांत हो गया था तब मेरी चाची ने मुझे पाला और अब मेरे चाचा जी मुझे किसी को देना चाहते है इसलिए मेरी चाची ने मुझे सब कुछ सच बता कर भागा दिया फिर में तीन दिनों से इधर से उधर भाग रही हु
में - तुम्हारे चाचा जी तुम्हें किसे देना चाहते है
लड़की - वो तो मेरी चाची को भी नहीं पता बस मेरी चाची ने मुझे कभी न वापस आने के लिए कहा है
में - अच्छा तो तुम्हारा अब कोई नहीं है
लड़की - हा
में - वैसे तुम्हारा नाम क्या है
लड़की - नीलम , आपका
में - देवा
में - अच्छा नीलम तुम पढ़ना जानती हो
नीलम - हा मैने इसी वर्ष 12 वीं पास की है
में - तो क्या तुम्हारे पास सारे कागज है
नीलम - हा है आप क्यों पूछ रहे हो
में - देखो नीलम जैसे तुम्हारा इस दुनिया में तुम्हारी चाची के अलावा कोई नहीं है वैसे ही मेरा भी इस दुनिया में मेरे पिता के अलावा कोई नहीं है
में - में अब मुंबई जा रहा हूं पड़ने के लिये इसलिए मैंने सोचा है कि तुम्हारा भी अपने साथ एडमिशन करवा लूंगा और तुम मेरे साथ ही रह कर पड़ लेना
नीलम - पर आप तो मुझे जानते भी नहीं ओर मेरी चाची कहती दूसरों पर इतनी जल्दी भरोसा नहीं करना चाहिए
में - हा तुम्हारी चाची सही कहती हैं पर में तुम पर भरोसा कर रहा हु क्या तुम मुझ पर भरोसा करती हो
फिर में नीलम की आंखों में देखने लगा
नीलम - हा करती हु भरोसा
में - तो दोस्त ( मैने अपना हाथ आगे बढ़ाया तो नीलम ने भी मुझसे हाथ मिलाया)
जैसी ही मेरा ओर नीलम का हाथ मिला तो एक दम बादल काले गहरे होने गले ओर अचानक बहुत तेज बिजली कड़की
वहीं यहां से बहुत दूर
एक औरत सिंघासन पर बैठी हुई थी और उसके पास एक साधु बैठा हुआ था
तभी बिजली की कड़कना सुना तो साधु घबरा गया और उसे पसीना आने लगा
औरत - क्या हुआ चाकाला
चाकाला - अनर्थ हो गया महारानी
महारानी - ऐसा क्या हो गया
चाकाला - महारानी जो नहीं होना था वही हो गया है जिस लड़की को आपने अपने लिए चुना था वो लड़की ऐसे इंसान के पास पहुंच गई जिसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है महारानी
महारानी - ऐसा कैसे हो सकता है वो लड़की को तो मेरे ही आदमी के पास है वो वहां से कही पर भी जा सकती हैं
चाकाला - ये मुझे नहीं पता पर ये हो चुका है
महारानी - तो पता लगाओ चाकाला वो खा हैं और किसके पास हैं
चाकाल - नहीं महारानी में पता नहीं कर पा रहा हूं कि वो कौन है और उसके आने में उस लड़की का भी कुछ पता नहीं चल रहा है वो कहा है
महारानी - नहीं नहीं नहीं ( फिर जोर से) ऐसा नहीं हो सकता है