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Incest Baadshah ~ The Tales of Debauchery

Kya Veer apni life behtar kar paega ya sab kuch kho baithega?

  • Veer Baadshah banega

    Votes: 1,301 83.2%
  • Sab kuch kho baithega

    Votes: 26 1.7%
  • Kuch paega toh kuch khoega

    Votes: 202 12.9%
  • Kuch nahi bann paega

    Votes: 35 2.2%

  • Total voters
    1,564
9,985
41,791
218
Maine ye bhi na dekha ki kon hai... reply ke baad dekha...aur mujhe Kya ladaka ho ya ladaki:cheersbeer:

Ye dekho, Humaare Sanju bro kya tricks bata rahe. :sanskar: :laugh:

Boht hoti hai. Par uss se zyaada mard prabhaavit hote hai jab aurat kaali saree me dikhti hai toh. Example lete hai... Aap ke saamne yadi do behad khubsoorat aurte ek kaali saree me aur ek anya rang ki saree me khadi ho. Toh aapki nazre kis aurat par zyaada derr tak tiki rahengi? :D mujhe bataane ki zaroorat nahi. :laughing:

Naah! Kisne kaha aap se? Veer jaan gaya hai sab kuch Ragini ke baare me. Tabhi toh woh accept nahi kar paa raha hai. :laughing: Duwidha me hai ab woh. Ragini akhir uske bade bhai ki talaakshuda patni hai. Koi anya ladki nahi hai woh.

Aur unko manaaya kisne? Veer ke kehne par thodi hi aata Vivek :laughing: Manorath ke kehne par sab pohuche the uss party me.

Ekdum Satya vachan!!! Yahi Veer ne apne dhanga se samjhaaya Niharika ko ki dono hi zaroori hai. Ye nahi ki mard kuch karte hi nahi. Issi ki paribhaasha fir Veer ne dedi Niharika ko.

:laugh:

Dhanyavaad Sanju bro!!!! ✨
Aise hi bane rehna... :five:
Perfect trick bataya maine.... Shadi shuda aur baal bachedaar mahilaao ko patane ka yahi aur sirf yahi tarika hai.
Black saari - ye gori mahila par jyada fabti hai.. sanwali aur rang me kali auraton par to bilkul hi nahi.
Veer - aaise kaise debauchery banega....jab chappan bhog se saji hui vyanjan samne rakhi hai aur phir bhi use bhukh nahi lag rahi hai. Ragini bhi bechari use man hi man gali de rahe hogi. :D
 
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That is true. Real life me mein incest ke sakht khilaaf hu. Incest should only exists in stories, according to me. Read kariye aur fir inn bhaavo ko bhul kar apni niji Zindagi me waapas aa jaiye. As simple as that... :D

Hein??? :what1: Ye kisne kaha?
Bilkul nahi! Supernatural mujhe pasand hai. Par usse darshaane ka yadi tareeqa sahi hai toh hi. Harr ek cheez ka explanation hona chahiye mere hisaab se. Jese yaha hai. System aaya toh aaye kese? Aage jawaab milega. Similarly, supernatural universe me bhi yahi applied hota hai. Par writers ye show karna bhul jaate hai ki powers exist karti hai unke world me toh woh aayi kaha se? They will go with ~ 'It's a world full of powers.' Par aayi kaha se ye? Where's the source? :laughing: This is the reason why I don't read supernatural stories here. Par tension nahi. Next story ussi par based hai apni. :laugh: Another big project, jisme sab explained rahega. World building hogi poori, including the made up languages, continents, monuments, places, etc.

Maska maar rahe ho? :akshay:
मानो या ना मानो...इन्सेस्ट शब्द को खुलेआम कोई नहीं कह सकता कि यह उसे पसंद है लेकिन मुझे लगता है या तो लोग झूठ बोल रहे हैं या वो आदर्शवादी इंसान हैं। सृष्टि का सृजन ही इस रिश्ते से हुआ पृथ्वी पर । बाद में जैसे जैसे सभ्यता डेवलप होते गया वैसे वैसे पावरफुल लोगों ने नियम कानून को जरूरत के हिसाब से लागू किया।
यह प्राचीन काल से ही चलते आ रहा है और शायद इसीलिए मर्दों और औरतों में इन्सेस्ट की भावना घर बनाते चली गई । पुरी धरती पर यह शब्द लोगों को ज्यादा उत्तेजित करती है...हर कोई कभी न कभी अपने सगे संबंधियों के साथ सेक्सुअल फैंटेसी करते आया है और यही शास्वत सत्य है।
यह बात अलग है कि यह फैंटेसी लोगों की सिर्फ फैंटेसी एवं कोरी कल्पना ही रहती है.... हकीकत में ऐसा दुस्साहस करने की हिम्मत किसी में नहीं होती लेकिन कभी न कभी यह गलत ख्याल उनके दिमाग में घर बना ही लिया होता है ।
वास्तविकता से सभी मुंह चुराना चाहते हैं लेकिन सच तो सच ही है । और मुझे लगता है ऐसी कहानियां अधिकांशतः वही लोग लिखना पसंद करते हैं जो इसकी अहमियत को स्वीकार करते हैं ।
 

11 ster fan

Lazy villain
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मानो या ना मानो...इन्सेस्ट शब्द को खुलेआम कोई नहीं कह सकता कि यह उसे पसंद है लेकिन मुझे लगता है या तो लोग झूठ बोल रहे हैं या वो आदर्शवादी इंसान हैं। सृष्टि का सृजन ही इस रिश्ते से हुआ पृथ्वी पर । बाद में जैसे जैसे सभ्यता डेवलप होते गया वैसे वैसे पावरफुल लोगों ने नियम कानून को जरूरत के हिसाब से लागू किया।
यह प्राचीन काल से ही चलते आ रहा है और शायद इसीलिए मर्दों और औरतों में इन्सेस्ट की भावना घर बनाते चली गई । पुरी धरती पर यह शब्द लोगों को ज्यादा उत्तेजित करती है...हर कोई कभी न कभी अपने सगे संबंधियों के साथ सेक्सुअल फैंटेसी करते आया है और यही शास्वत सत्य है।
यह बात अलग है कि यह फैंटेसी लोगों की सिर्फ फैंटेसी एवं कोरी कल्पना ही रहती है.... हकीकत में ऐसा दुस्साहस करने की हिम्मत किसी में नहीं होती लेकिन कभी न कभी यह गलत ख्याल उनके दिमाग में घर बना ही लिया होता है ।
वास्तविकता से सभी मुंह चुराना चाहते हैं लेकिन सच तो सच ही है । और मुझे लगता है ऐसी कहानियां अधिकांशतः वही लोग लिखना पसंद करते हैं जो इसकी अहमियत को स्वीकार करते हैं ।
बहुत खूब।।।आप अपनी बात को बहुत ही सुस्पष्ट और सुंदर तरीके से रखे है।।।लेकिन आपको पता आजकल के नौजवानों में इंसेस्ट कि भावना बढ़ रही है।।।इसका एक कारण ये है कि पोर्न वेबसाइट्स पर मॉम , सिस्टर , फैमिली टाइप की विडियो की संख्या का ज्यादा हो गई है।।जिसके कारण नौजवान ना चाहते हुए भी इन्सेस्ट कि कल्पना में खो जाता है।।।दूसरा कारण होता है घर की लड़कियों का घर के अंदर भी उत्तेजक कपड़े पहन कर घूमना।।।ना चाहते हुए भी लड़के आकर्षित ही जाते है।।।तीसरा कारण है घर छोटा होने के कारण अपने मां बाप , भाई भाभी , के अतरंग संबंधों की आवाज़ों का आना।।।कई बार कजिन सिस्टर काफी करीब होती है।।तो उनके चिपकने या मीठी मीठी बाते आपको कल्पना वो में उड़ा के जाए कई बार कल्पना हकीकत बन जाती है।।। अगर देखा जाए तो इनसेस्ट बुरा भी नहीं है, और बुरा भी है।। वो आपके नजरिए पर निर्भर करता है।।। अब तो कजिन सिस्टर के साथ विवाह दक्षिणी भारत में प्रचलित हो गया है, इंग्लिश लोग इंसेट को खुलेआम अपना रहे है।।।सो अब कहीं जगह लोगो का इनसेट होना आम हो गया है।।।
इसी स्टोरी में मिश्र के पिरामिड का जिक्र हुआ है ।उसी से जुड़ी एक बात ये है कि मिस्र के शासक (फिरौन) अपने ही परिवार में शादी करते थे इसका परिणाम ये हुआ कि उनके डी एन ए कमजोर होते गए जिसके कारण उनका शासक तुती खोनाम अपंग हुआ और साथ ही उसका जीन कमोजर होने के कारण अल्पायु में मर गया।।।। हो सक ता है कि आम लोग इससे सबक लिए हो।।।या कुछ और कारण हो।।। अतः कह सकते है कि इनसेट इतना भी अच्छा नहीं है।।।
 
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बहुत खूब।।।आप अपनी बात को बहुत ही सुस्पष्ट और सुंदर तरीके से रखे है।।।लेकिन आपको पता आजकल के नौजवानों में इंसेस्ट कि भावना बढ़ रही है।।।इसका एक कारण ये है कि पोर्न वेबसाइट्स पर मॉम , सिस्टर , फैमिली टाइप की विडियो की संख्या का ज्यादा हो गई है।।जिसके कारण नौजवान ना चाहते हुए भी इन्सेस्ट कि कल्पना में खो जाता है।।।दूसरा कारण होता है घर की लड़कियों का घर के अंदर भी उत्तेजक कपड़े पहन कर घूमना।।।ना चाहते हुए भी लड़के आकर्षित ही जाते है।।।तीसरा कारण है घर छोटा होने के कारण अपने मां बाप , भाई भाभी , के अतरंग संबंधों की आवाज़ों का आना।।।कई बार कजिन सिस्टर काफी करीब होती है।।तो उनके चिपकने या मीठी मीठी बाते आपको कल्पना वो में उड़ा के जाए कई बार कल्पना हकीकत बन जाती है।।। अगर देखा जाए तो इनसेस्ट बुरा भी नहीं है, और बुरा भी है।। वो आपके नजरिए पर निर्भर करता है।।। अब तो कजिन सिस्टर के साथ विवाह दक्षिणी भारत में प्रचलित हो गया है, इंग्लिश लोग इंसेट को खुलेआम अपना रहे है।।।सो अब कहीं जगह लोगो का इनसेट होना आम हो गया है।।।
इसी स्टोरी में मिश्र के पिरामिड का जिक्र हुआ है ।उसी से जुड़ी एक बात ये है कि मिस्र के शासक (फिरौन) अपने ही परिवार में शादी करते थे इसका परिणाम ये हुआ कि उनके डी एन ए कमजोर होते गए जिसके कारण उनका शासक तुती खोनाम अपंग हुआ और साथ ही उसका जीन कमोजर होने के कारण अल्पायु में मर गया।।।। हो सक ता है कि आम लोग इससे सबक लिए हो।।।या कुछ और कारण हो।।। अतः कह सकते है कि इनसेट इतना भी अच्छा नहीं है।।।
मैंने यह तो नहीं कहा कि इन्सेस्ट रिलेशन जायज है। बल्कि यह कहा कि यह दुनिया की अधिकांशतः लोगों की फैंटेसी होती है जो कभी न कभी... किसी न किसी उम्र में... किसी न किसी हालत में उनके जेहन में पैदा हो ही जाती है।
और यह सबसे ज्यादा कजन ब्रदर सिस्टर रिश्तों में ज्यादा होता है। इसके अलावा भाभी देवर का रिश्ते ने भी इस थ्यूरी को ज्यादा बढ़ावा दिया। कुछ ऐसे भी रिश्ते हैं जो बहुत ज्यादा सेंसिटिव है लेकिन कुछ लोगों के लिए वह भी उनके सेक्सुअल फैंटेसी का मजबूत आधार बना हुआ है।
लेकिन एक्चुअली होता सिर्फ फैंटेसी ही है। हकीकत का जामा वही लोग पहनाते हैं जिनके प्रारब्ध में यह लिखा होता है।

सभ्यता का विकास हुआ। फिर कई सारे नियम बनाए गए। जिनमें सबसे प्रमुख नियम था शादी और उसमें भी सबसे ज्यादा प्रमुख था कि भले ही कास्ट एक हो लेकिन गोत्र अलग अलग होना चाहिए। ताकि उनके संतान स्वस्थ एवं दिर्घायु हो।
मिश्र का इतिहास इस बात का साक्षी है कि ऐसे रिश्ते से पनपे हुए बच्चे स्वस्थ नहीं होते।

वैसे जब टीबी नहीं था....साफ सुथरी फिल्में बना करती थी.... कपड़े ढंग के हुआ करते थे.... अश्लील सामग्री समाज के सामने ज्यादा पेश नहीं हुई थी.......तब भी यह सोच " इन्सेस्ट " समाज के भीतर अच्छी खासी फल फूल रही थी। लेकिन सिर्फ फल फूल ही रही थी.... हकीकत में ऐसा जोखिम लेने की ताकत बिड़ले में ही होती थी।

वैसे हमारे पूर्वज हमसे ज्यादा सयाना थे। हम तो सिर्फ फैंटेसी में ही लगे रहे और वो .....! :D
 
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