nice update..!!Update-. 57
**** SUHAGRAT ****
किशन: बस थोड़ी देर ऐसे ही,, चोदने दे...
रामो: थक जाओगे... बहुत वजन हैं मुझ में गिर जाऊंगी मैं...….
"अपने बेटे की आंखों में देखकर ,, रामो ने यह कहा,, और फिर से किशन की आंखों में देखती है। जो इस समय वासना के नशे में चूर अपनी मां की ही आंखों में देख रहा था और अपने लिंग पर बैठा कर उसे अपनी गोद में ऊपर से नीचे उछाल रहा था,, किशन की आंखें दहकते हुए अंगारों की तरह लाल हो चुकी थी परंतु जवानी का जोश उस पर इस कदर सवार था,, कि अपनी वजनी और लंबे चौड़े कद की मां भी उसको फूलों के सामान प्रतीत हो रही थी,, जिसे बड़ी आसानी से वह गोद में उठाकर उछाल रहा था,,
किशन: तुम कहो तो जिंदगी भर तुम्हें इसी प्रकार गोद में लिए रहूं... मेरी जान... तुम बताओ कैसा लग रहा है अपने बेटे के ल** पर बैठकर....
"किशन की मां यह सुनकर शर्म से पानी पानी हो जाती है और अपने बेटे की मजबूत कंधों में अपना चेहरा छुपा लेती है उसके मुंह से बस यही निकलता है कि,,।
रामो: चुप करो जी ....बड़े बेशर्म हो आप.. हाए आराम से... कब छोड़ोगे .... जी....
किशन: कोशिश तो पूरी कर रहा हूं जान.... मगर क्या करूं इतनी जल्दी नहीं चढ़ता..... तु ही कर दो ना इसकी गर्मी... शांत रामो....
रामो: मैं क्या करूं जी.... जैसा आप बोल रहे हो मैं सही करूंगी.... मुझसे आपकी और तड़प नहीं देखी जाती... देखिए ना कितना पसीना आ रहा है आपको.... झड़ जाइए ना अब... थक जाओगे बहुत मेहनत.....जी... हाय मैया....
किशन: रुक थोड़ी झुक जाओ पूरा नहीं जा रहा.... थोड़ा सा उठा लो ना....
"किशन की मां किशन के कहने पर उसके गले में बाहें डालकर लटक जाती है,, और किशन अपनी तेज रफ्तार के साथ लिंग को उसकी योनि में अंदर बाहर करता है,, उसके इतने तिरदा से वार करने के कारण ,, किशन की मां के मेहंदी से रचे हुए पैर और उन सुंदर पैरों में पहनी हुई पायल के घुंघरू हर उस साज में बज रहे थे जिस आज में किशन अपनी मां की योनि में अपने लिंग को एक मोटे चूहे के समान अंदर बाहर बड़ी तेजी से कर रहा था,, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे किशन बहुत ही आक्रामक रूप से अपनी मां के साथ संभोग क्रिया कर रहा है,,,,,,,
किशन: हाय कितनी गर्म है तेरी चूत......
रामो: मेरी टांगे... हे भगवान..... मर गई......
किशन: देख मेरी जान... तेरी चूत में. कैसे सटासट जा रहा है मेरा मोटा लौड़ा... तो कहती थी ना कि कैसे ले पाऊंगी.... लेकिन मुझे विश्वास था कि तू ही है मुझे जिंदगी का असली सुख देगी... एक बार नजर घुमाकर नीचे देख...
"रामो देवी,, अपनी नजर घुमा दी है और नीचे देखने की कोशिश करती है वह अपने बेटे के पेट के बीच से झांकती है तो देखती है कि उसके बेटे का लिंग उसकी योनि में, किसी मोटे सांप की तरह अंदर बाहर हो रहा है,, जिसे देखकर वह शर्म से नजरें झुका लेती है और किशन के सीने पर अपना चेहरा छुपा कर कहती है।।
रामो: आपको अच्छा लग रहा है क्या... थक जाओगे बिस्तर पर लेटा दीजिए ना.....
किशन: मुझे तो अच्छा लग रहा है मेरी जान ..... तुझे ज्यादा तकलीफ हो रही है क्या????
रामो: नहीं जी... आपकी खुशी में मेरी खुशी है...... हाए मां.... मैं तो इसलिए कह रही थी कि कहीं आप तक ना जाओ देखो ना कितना पसीना छूट रहा है..... भाई कितना अच्छा लग रहा है.......
किशन: क्या हो रहा है बड़ी गर्म है तेरी च**????
रामो: तो कर दीजिए ना ... ठंडी... निकाल दीजिए इसकी गर्मी... हाय मैं मर गई.... मुझे फिर से कुछ हो रहा है जी ......अपनी बाहों में कस लो.....
"एक बार फिर से किसान की मौत चरम सीमा के पार अपने पैर पसार ती है और अपने बदन को कस लेती है वह किशन के लिंग को इस प्रकार ज करती है कि जैसे अपनी योनि में हमेशा के लिए समा लेना चाहती हो और अपने बेटे का साथ देते हुए थोड़ा ऊपर नीचे उछलने लगती है,,,
किशन: क्या हुआ मां.... तेरी च** फिर से पानी छोड़ने वाली है क्या?????
रामो देवी: हां जी... हाए,... हाय मैं मर गई..... कितनी बार .... पानी निकालगे... इसका... हाय मेरे होंठ ...मेरे होंठों को चूस लो जी...... मै मै हूं.....
"रामो, को ऐसा महसूस होता है कि जैसे जिंदगी में पहली बार उसने इतना प्यार पाया है उसे नहीं मालूम था की एक ही रात में उसका बेटा उसे इतना प्यार देगा कि वह उन दोनों के बीच,,, जिस रिश्ते की वजह से दूरी बना कर रखती थी,,, उसे बुलाकर केवल किशन के लिंग से मिट रही है अपनी योनि की खुजली और आनंद को ही याद रखेगी,,,
"दोनों मां बेटी वासना का वह खेल खेल रहे थे जिसका अंजाम क्या हो सकता है वह नहीं जानते थे और इस समय किसी भी अंजाम की उन्हें कोई परवाह नहीं थी किशन की मां का चेहरा सुर्ख लाल और पसीने से सराबोर, था और आखिरकार अपनी बेटी की लिंग की मार को उसकी योनि ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर पाती और वह अपना लावा छोड़ देती है,,,
रामो: है मैं गई.... जी.... एजी... मेरे.. सय्या जी.... क्या जिंदगी भर का मजा आज ही दे दोगे क्या??.... जी..... हाय..... मर जाऊं.... किशन.... जी.....
किशन: हां मेरी जान.... निकाल दो कितना रस है इसके अंदर..?????? आज तेरी सारी योनि का रस निचोड़ दूंगा.....
रामो: मुझे संभालो... अब गिर जाऊंगी मैं मिटा दीजिए ना.....
"किशन देखता है कि उसकी मां की हाथ और पैरों की ताकत उसके झड़ने के बाद कम हो चुकी है जैसे ही वह ढीली पड़ती है किशन अपनी बाहों में लेकर है उसे बिस्तर पर लेट देता है,,, अपने लिंग का प्रहार तेज तेज करता है!!!
रामो: बस झाड़ दीजीए.. ना.. आप भी... और कितनी मेहनत करोगे मुझसे आप की तड़प देखी नहीं चाहती झाड़ दो... निकाल दो.... उसे...
"किशन की मां अपने बेटे की मर्दानगी की गुलाम हो चुकी थी वह वह अपने बेटे के बालों में हाथ डालकर उंगलियों से सह लाती है और उसे प्यार भरी नजरों से देखती है जो इस समय पसीने से पानी पानी हो चुका था अपने बेटे की यह हालत देख कर,, उसे उस पर बहुत दया आती है और वह हर हाल में अपने बेटे का पानी निकालने की कोशिश कर रही थी परंतु किशन इस बार है चरम सीमा तक नहीं पहुंच पाया था इसलिए कुछ देर धक्के लगाने के बाद किशन कहता है।।
किशन: क्या करूं.. इस बार झड़ नहीं रह.. तू ही कुछ कर मेरी जान....
रामो: आप कहो तो मैं उसे पकड़ लेती हूं हाथ से....
किसन: अपनी मां की आंखों में देख कर,, किसी मेरी जान..
रामो: जाओ मुझे शर्म आती है... आप को सब पता है...
किशन: पता है लेकिन तेरे मुंह से सुनना चाहता हूं... ऐसी बातें करेगी तो जल्दी झड़ जाएगा....
रामो: मुझसे नहीं होंगी ऐसी बातें... झाड़ दीजिए ना... देखो ना कितना पसीना आ रहा है आपको कब तक मेहनत करोगे जी ....दिन निकलने वाला है......
किशन: एक बार बोल दे मेरी जान .....
रामो: ठीक है.. लव मैं आपके ल** को अपने हाथ से पकड़ लेती हूं.....
किशन: हां पकड़ ली और कस के बीच ले से.....
"किशन ना तेज तेज धक्के लगा रहा था और उसकी मां ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर किशन के लिंग को मुट्ठी में जकड़ लिया..!!
रामो: अब मारो ... धक्के... हाय कितना मोटा है... निकाल दो इसकी गर्मी ... पकड़ लिया जी मैंने आपका ल**....
किशन: हमारी जान एक बार और बोलो ऐसे कि तुमने अपने बेटे का ल** पकड़ लिया...
रामो: अब तुम मेरे बेटे नहीं पति हो और मैंने अपने पति का लैंड पकड़ा हुआ है....
किशन: मेरी आंखों में देख कर एक बार बोलना मां की तू ने अपने बेटे का ल** पकड़ लिया...
रामो: हां मेरे लाल.. ले पकड़ लिया तेरा ल** निकाल देश की गर्मी बहुत परेशान करता था तुझे...य अब नहीं करने दूंगी इसे परेशान ...हाय,…..
किशन,: हां मैं झड़ने वाला हूं हां मेरी मां.... मैं आ रहा हूं तेरी च** में.....
रामो: हां मेरे लाल ... और तेज... तोड़ दे आज अपनी मां की.. चूत.... ले ले बदला तड़प का...
"और इसी के साथ चिड़ियों के जगने की आवाज होती है!!! और किशन अपनी गर्मी अपनी मां की योनि में छोड़ शांत हो जाता है वह अपनी मां के ऊपर ही ढेर हो जाता है और लंबी सांसे लेते हुए उसे चूमने लगता है,,
किशन:: मां...?
kya damdaar chudayi ki hai kisan ne ramo..puri raat nahi ruka banda..bas gand marni reh gayi..woh bhi kaam kar dega toh maja aajayega..!!