Congratulations for your new house and job Rajkumar ji.Doston mafi chahta hu aap sabhi se,,, mai apni job or uske baad new house banane ke, कार्य में व्यस्त हूं इसलिए अभी मुझे नहीं लगता कि मैं कुछ समय अपडेट दे पाऊंगा इसलिए एक बार फिर से आपसे माफी चाहता हूं,, जैसे ही मैं apni kuchh jimmedaariyon se free ho jaunga ,, tumhen Vada karta hun ki is kahani Ko jarur pura karunga dhanyvad,,,
Matlab bhai isko adhoora samjhe... Aur yahi ant h is story ka... Bhai galat mod p story chod kar jaa rahe ho..Doston mafi chahta hu aap sabhi se,,, mai apni job or uske baad new house banane ke, कार्य में व्यस्त हूं इसलिए अभी मुझे नहीं लगता कि मैं कुछ समय अपडेट दे पाऊंगा इसलिए एक बार फिर से आपसे माफी चाहता हूं,, जैसे ही मैं apni kuchh jimmedaariyon se free ho jaunga ,, tumhen Vada karta hun ki is kahani Ko jarur pura karunga dhanyvad,,,
MAST UPDATEUpdate: 16
,,, शाम होते ही किशन पशुशाला मे चला जाता है,, और अब इंतेजार करता है कि कब उसकी माँ को नींद आएगी और वह तारावती से मिलने बाग में जायगा,, किशन के मन में अब एक नई जिगियासा ने जन्म ले लिया था,,, न चाहते हूए भी उसके मन में औरतो के शरीर के अंग् के बारे में जानने की बड़ी ही तमन्ना हो रही थी, और ये चिंगारी उसके मन में उस कामसूत्र पुस्तक ने जलाई थी,,,।।
रामो देवी,, अपनी सोच मे डूबी हुई चारपाई पर लेटी हुई थी और अपने पति रघुवीर के बारे में सोच रही थी,,, रघुवीर के साथ सम्भोग किये रामो देवी को कई वर्ष बीत गया था,, और रघुवीर या रामो देवी इस प्रकार की किसी भी ब्रति पर ध्यान नहीं देते थे,,, काफी रात बीत चुकी थी रामो देवी को भी नींद नहीं आ रही थी,,, की अचनाक् उसके कानों में दरवाजा खुलने की आहत होती है,,,
।। रामो देवी धीरे कदमो से अपने बिस्तर में से उठती है,, और वह देखती है कि किशन चुपके चुपके बाहर जा रहा है,,, रामो देवी चुप चाप किशन का पीछे लग जाती है,,, लेकिन घर के बाहर निकलकर उसे किशन दिखाई नहीं देता और वह दरबाजे पर खड़ी इधर उधर देखती रह जाती है,,
,, रामो देवी मन में,,, कहाँ गया होगा इतनी रात को ये लड़का बाप के मरने के बाद तो इस का,,,,,,,
।। और कुछ देर सोचने के बाद हिम्मत जुटाते हूए अपने सर पर कपडा रखकर किशन की तलाश में लग जाती है,,,
।,, इधर किशन बाग में पहुँच कर तारावती को ढूंढता है,, तारावती एक पेड़ के नीचे खड़ी किशन का ही इंतेजार कर रही थी और किशन को देखते ही,,, उसको अपनी बाहों में भर लेती है,, किशन की कैद काठि के सामने तारावती एक बच्चे के समान ही थी,,, वह चाहती तो किशन के लवो को चूमना मगर उसके चेहरे तक पहुँच नहीं पाती,, और किशन को अपनी बाहों में भरकर उसकी छाती को चूमने लगती है।।।
किशन: काकी मुझे गुद गुदी हो रही है,,,
तारावती: अरे अभी तो तुझे उपर से ही चुमा है,, जब तेरा केला मुह में लेकर चुन्सुंगी तब तेरा क्या होगा,,,।।
,, तारावती आज जादा समय नहीं गबाना चाहती थी। क्योकी उसकी योनि में हो रही, बेचैनी ने उसे बिवश कर दिया था, जिसकी वजह से वो बहुत जल्दी मे थी और अपने एक हाथ से किशन के लिंग को पकड़ लेती है, किशन का लिंग अभी आधा मुरझाया हुआ था।।
किशन: काकी सी जब तुम ऐसे पकड़ती हो तो बड़ा सुकून मिलता है,,,
तारावती: आज तेरी सारी बेचैनी दूर कर दूँगी मेरे लाल,,,
,,, और किशन के लिंग को उसके पाजामे से बाहर निकाल लेती है,, लिंग तारावती की नजरो में आते ही उसकी आँखो में चमक आ जाती है और वह धीरे धीरे किशन के लिंग को सहलाते हूए उसकी आँखो में देखकर,,
तारावती: किस कदर जबानी रोक कर रखी है तूने,, किशन,,,
किशन को जैसे जन्नत मिल गई थी एक औरत के नरम नरम हाथो का स्पर्श अपने लिंग पर उसे असीम सुख की प्राप्ति करा रहा था,,,।।
किशन: काकी सी,,, सी,,, की,,,, बस ऐसे ही कर दो,,,, इसे,,,
तारावती: नही मेरे लाल हाथ से नहीं,,, इसकी जो जगह है,,, इसे उसमे ही सकूँ मिलेगा,,,,
,,, और अपना पेटीकोट उपर कर जल्दी से किशन के लिंग को अपनी यानि पर रखती है,, लेकिन किशन की लम्बाई जियादा होने की वजह से ये मुमकिन नहीं था,,, तो तारावती निराश होकर किशन से कहती है,,,
तारावती:,किशन बेटा मुझे अपनी गोद में उठा ले ना,,,,
,, किशन तारावती की बात सुनकर उसे अपनी गोद में उठा लेता है,, और जैसे ही किशन तारावती को अपनी गोद में उठा ता है तारावती अपनी दोनों टागो को उसकी कमर में लपेट देती है और उसके गले में हाथ डालकर उसकी आँखो में देखते हुए,,
तारावती: क्या तूने कभी किसी औरत के होठों को चूसा है,,।।
किशन: नही,, काकी,,, मैने,,,,
तारावती: अरे शर्मा क्यू रहा है,, अच्छा मेरे होठों को पियेगा तु,,, शराब से भी ज्यादा नशा होता है,, औरत के होठों मे,,, और किशन के होंठों को देखते हुए,,
अपने होंठ पर जीभ फिरती है,,,
,,, ले पी ले ना इन का रस्,,,, किशन,, और किशन के होठों पर अपने होंठ रख देती है,,, किशन को जैसे एक बिजली का झटका लगता है,,, उसे अपने मुह के अंदर तारावती के होठ बहुत अच्छे लग रहे थे,,, वह बड़े ही चाब से तारावती के होठों को चुस् रहा था,,, किशन के होठों की गर्मी से तारावती का बुरा हाल था,, जिसकी वजह से उसकी योनि में चिटिया रेगने लगती है,, तारावती से अब वरदासत् करना मुस्किल था और वह अपना एक हाथ नीचे लाकर किशन के लिंग को पकड़ लेती है और उसके उपर के हिस्से को अपनी, पानी छोड़ रही योनि पर लगती है,,,,
तारावती:,, किशन,,,,, अब ठोक दे इसे मेरी औखली मे,,, चड़ा दे मेरी बच्चे दानि तक,,,
,,
,,, और अपना बजन् लिंग पर डालती है,,, जैसे ही किशन को योनि की गर्मी का एहसास होता है,, वह नीचे से एक तेज धक्का लगा देता है,, किशन के धक्का लगाने के बाद उसके लिंग का मोटा सुपाडा योनि की आस् पास की हड्डी को चतकता हुआ अंदर घुस जाता है,, सुपडा अंदर जाते ही तारावती की आँखे फैल जाति है उसे ऐसा लगता है की जैसे किसी ने उसकी योनि में खुटा ठोक दिया हो,,,, और वह किशन से तुरंत अपने होंठ अजाद कर लेती है,,
तारावती: हाय,,,, माँ मुहु छोड़ दे,,,, मुझे,,, किशन,,,
किशन तारावती को अपनी गोद में और तेजी से जकड़ लेता है और,,, तारावती के पर को रोकने की कोसिस करता है जो की बहुत तेज तेज कांप रहे थे,,, किशन को तो ये बहुत अच्छा लगता है,,,,
किशन: बस काकी थोड़ी देर और,,,, रुक,,,,
तारावती:,,,,, झटके से उतने की कोसिस करती है जिसकी वजह से किशन का लिंग उसकी योनि से निकल जाता है और लिंग के निकलते ही तारावती की योनि से पेशाब की एक तेज धार निकलती है,,, जिसे देख तारावती के पर कांप रहे थे और वह,,,
तारावती: नही मैं नहीं झेल सकती तेरा इसे तो तेरी माँ जैसी औरत ही,,, जेल सकती है,,,
Superb updateUpdate-. 57
**** SUHAGRAT ****
किशन: बस थोड़ी देर ऐसे ही,, चोदने दे...
रामो: थक जाओगे... बहुत वजन हैं मुझ में गिर जाऊंगी मैं...….
"अपने बेटे की आंखों में देखकर ,, रामो ने यह कहा,, और फिर से किशन की आंखों में देखती है। जो इस समय वासना के नशे में चूर अपनी मां की ही आंखों में देख रहा था और अपने लिंग पर बैठा कर उसे अपनी गोद में ऊपर से नीचे उछाल रहा था,, किशन की आंखें दहकते हुए अंगारों की तरह लाल हो चुकी थी परंतु जवानी का जोश उस पर इस कदर सवार था,, कि अपनी वजनी और लंबे चौड़े कद की मां भी उसको फूलों के सामान प्रतीत हो रही थी,, जिसे बड़ी आसानी से वह गोद में उठाकर उछाल रहा था,,
किशन: तुम कहो तो जिंदगी भर तुम्हें इसी प्रकार गोद में लिए रहूं... मेरी जान... तुम बताओ कैसा लग रहा है अपने बेटे के ल** पर बैठकर....
"किशन की मां यह सुनकर शर्म से पानी पानी हो जाती है और अपने बेटे की मजबूत कंधों में अपना चेहरा छुपा लेती है उसके मुंह से बस यही निकलता है कि,,।
रामो: चुप करो जी ....बड़े बेशर्म हो आप.. हाए आराम से... कब छोड़ोगे .... जी....
किशन: कोशिश तो पूरी कर रहा हूं जान.... मगर क्या करूं इतनी जल्दी नहीं चढ़ता..... तु ही कर दो ना इसकी गर्मी... शांत रामो....
रामो: मैं क्या करूं जी.... जैसा आप बोल रहे हो मैं सही करूंगी.... मुझसे आपकी और तड़प नहीं देखी जाती... देखिए ना कितना पसीना आ रहा है आपको.... झड़ जाइए ना अब... थक जाओगे बहुत मेहनत.....जी... हाय मैया....
किशन: रुक थोड़ी झुक जाओ पूरा नहीं जा रहा.... थोड़ा सा उठा लो ना....
"किशन की मां किशन के कहने पर उसके गले में बाहें डालकर लटक जाती है,, और किशन अपनी तेज रफ्तार के साथ लिंग को उसकी योनि में अंदर बाहर करता है,, उसके इतने तिरदा से वार करने के कारण ,, किशन की मां के मेहंदी से रचे हुए पैर और उन सुंदर पैरों में पहनी हुई पायल के घुंघरू हर उस साज में बज रहे थे जिस आज में किशन अपनी मां की योनि में अपने लिंग को एक मोटे चूहे के समान अंदर बाहर बड़ी तेजी से कर रहा था,, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे किशन बहुत ही आक्रामक रूप से अपनी मां के साथ संभोग क्रिया कर रहा है,,,,,,,
किशन: हाय कितनी गर्म है तेरी चूत......
रामो: मेरी टांगे... हे भगवान..... मर गई......
किशन: देख मेरी जान... तेरी चूत में. कैसे सटासट जा रहा है मेरा मोटा लौड़ा... तो कहती थी ना कि कैसे ले पाऊंगी.... लेकिन मुझे विश्वास था कि तू ही है मुझे जिंदगी का असली सुख देगी... एक बार नजर घुमाकर नीचे देख...
"रामो देवी,, अपनी नजर घुमा दी है और नीचे देखने की कोशिश करती है वह अपने बेटे के पेट के बीच से झांकती है तो देखती है कि उसके बेटे का लिंग उसकी योनि में, किसी मोटे सांप की तरह अंदर बाहर हो रहा है,, जिसे देखकर वह शर्म से नजरें झुका लेती है और किशन के सीने पर अपना चेहरा छुपा कर कहती है।।
रामो: आपको अच्छा लग रहा है क्या... थक जाओगे बिस्तर पर लेटा दीजिए ना.....
किशन: मुझे तो अच्छा लग रहा है मेरी जान ..... तुझे ज्यादा तकलीफ हो रही है क्या????
रामो: नहीं जी... आपकी खुशी में मेरी खुशी है...... हाए मां.... मैं तो इसलिए कह रही थी कि कहीं आप तक ना जाओ देखो ना कितना पसीना छूट रहा है..... भाई कितना अच्छा लग रहा है.......
किशन: क्या हो रहा है बड़ी गर्म है तेरी च**????
रामो: तो कर दीजिए ना ... ठंडी... निकाल दीजिए इसकी गर्मी... हाय मैं मर गई.... मुझे फिर से कुछ हो रहा है जी ......अपनी बाहों में कस लो.....
"एक बार फिर से किसान की मौत चरम सीमा के पार अपने पैर पसार ती है और अपने बदन को कस लेती है वह किशन के लिंग को इस प्रकार ज करती है कि जैसे अपनी योनि में हमेशा के लिए समा लेना चाहती हो और अपने बेटे का साथ देते हुए थोड़ा ऊपर नीचे उछलने लगती है,,,
किशन: क्या हुआ मां.... तेरी च** फिर से पानी छोड़ने वाली है क्या?????
रामो देवी: हां जी... हाए,... हाय मैं मर गई..... कितनी बार .... पानी निकालगे... इसका... हाय मेरे होंठ ...मेरे होंठों को चूस लो जी...... मै मै हूं.....
"रामो, को ऐसा महसूस होता है कि जैसे जिंदगी में पहली बार उसने इतना प्यार पाया है उसे नहीं मालूम था की एक ही रात में उसका बेटा उसे इतना प्यार देगा कि वह उन दोनों के बीच,,, जिस रिश्ते की वजह से दूरी बना कर रखती थी,,, उसे बुलाकर केवल किशन के लिंग से मिट रही है अपनी योनि की खुजली और आनंद को ही याद रखेगी,,,
"दोनों मां बेटी वासना का वह खेल खेल रहे थे जिसका अंजाम क्या हो सकता है वह नहीं जानते थे और इस समय किसी भी अंजाम की उन्हें कोई परवाह नहीं थी किशन की मां का चेहरा सुर्ख लाल और पसीने से सराबोर, था और आखिरकार अपनी बेटी की लिंग की मार को उसकी योनि ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर पाती और वह अपना लावा छोड़ देती है,,,
रामो: है मैं गई.... जी.... एजी... मेरे.. सय्या जी.... क्या जिंदगी भर का मजा आज ही दे दोगे क्या??.... जी..... हाय..... मर जाऊं.... किशन.... जी.....
किशन: हां मेरी जान.... निकाल दो कितना रस है इसके अंदर..?????? आज तेरी सारी योनि का रस निचोड़ दूंगा.....
रामो: मुझे संभालो... अब गिर जाऊंगी मैं मिटा दीजिए ना.....
"किशन देखता है कि उसकी मां की हाथ और पैरों की ताकत उसके झड़ने के बाद कम हो चुकी है जैसे ही वह ढीली पड़ती है किशन अपनी बाहों में लेकर है उसे बिस्तर पर लेट देता है,,, अपने लिंग का प्रहार तेज तेज करता है!!!
रामो: बस झाड़ दीजीए.. ना.. आप भी... और कितनी मेहनत करोगे मुझसे आप की तड़प देखी नहीं चाहती झाड़ दो... निकाल दो.... उसे...
"किशन की मां अपने बेटे की मर्दानगी की गुलाम हो चुकी थी वह वह अपने बेटे के बालों में हाथ डालकर उंगलियों से सह लाती है और उसे प्यार भरी नजरों से देखती है जो इस समय पसीने से पानी पानी हो चुका था अपने बेटे की यह हालत देख कर,, उसे उस पर बहुत दया आती है और वह हर हाल में अपने बेटे का पानी निकालने की कोशिश कर रही थी परंतु किशन इस बार है चरम सीमा तक नहीं पहुंच पाया था इसलिए कुछ देर धक्के लगाने के बाद किशन कहता है।।
किशन: क्या करूं.. इस बार झड़ नहीं रह.. तू ही कुछ कर मेरी जान....
रामो: आप कहो तो मैं उसे पकड़ लेती हूं हाथ से....
किसन: अपनी मां की आंखों में देख कर,, किसी मेरी जान..
रामो: जाओ मुझे शर्म आती है... आप को सब पता है...
किशन: पता है लेकिन तेरे मुंह से सुनना चाहता हूं... ऐसी बातें करेगी तो जल्दी झड़ जाएगा....
रामो: मुझसे नहीं होंगी ऐसी बातें... झाड़ दीजिए ना... देखो ना कितना पसीना आ रहा है आपको कब तक मेहनत करोगे जी ....दिन निकलने वाला है......
किशन: एक बार बोल दे मेरी जान .....
रामो: ठीक है.. लव मैं आपके ल** को अपने हाथ से पकड़ लेती हूं.....
किशन: हां पकड़ ली और कस के बीच ले से.....
"किशन ना तेज तेज धक्के लगा रहा था और उसकी मां ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर किशन के लिंग को मुट्ठी में जकड़ लिया..!!
रामो: अब मारो ... धक्के... हाय कितना मोटा है... निकाल दो इसकी गर्मी ... पकड़ लिया जी मैंने आपका ल**....
किशन: हमारी जान एक बार और बोलो ऐसे कि तुमने अपने बेटे का ल** पकड़ लिया...
रामो: अब तुम मेरे बेटे नहीं पति हो और मैंने अपने पति का लैंड पकड़ा हुआ है....
किशन: मेरी आंखों में देख कर एक बार बोलना मां की तू ने अपने बेटे का ल** पकड़ लिया...
रामो: हां मेरे लाल.. ले पकड़ लिया तेरा ल** निकाल देश की गर्मी बहुत परेशान करता था तुझे...य अब नहीं करने दूंगी इसे परेशान ...हाय,…..
किशन,: हां मैं झड़ने वाला हूं हां मेरी मां.... मैं आ रहा हूं तेरी च** में.....
रामो: हां मेरे लाल ... और तेज... तोड़ दे आज अपनी मां की.. चूत.... ले ले बदला तड़प का...
"और इसी के साथ चिड़ियों के जगने की आवाज होती है!!! और किशन अपनी गर्मी अपनी मां की योनि में छोड़ शांत हो जाता है वह अपनी मां के ऊपर ही ढेर हो जाता है और लंबी सांसे लेते हुए उसे चूमने लगता है,,
किशन:: मां...?