Rajkumaar ji
Member
- 336
- 1,921
- 123
Update:58
किसन: मां... मैं जिंदगी भर तेरा एहसानमंद रहूंगा....
"किशन की मां अपनी आंखों को धीरे से खोलते हुए प्यार से अपने बेटे की ओर देखती है और,,
रामो: ऐसा क्यों कहते हो,,, क्या एहसान किया है मैंने तुम पर,,,????
"किशन अपनी मां की आंखों में देखता है और प्यार से उसके आंखों को चूम लेता है,,,
किसन: जिस आग में इतने दिनों से जल रहा था,, उसकी गर्मी को तूने ही शांत किया है,,, और मेरी पत्नी बन कर मुझे सहारा दिया है,, इससे बड़ा एहसान कॉन मां अपने बेटे पर करेगी,,,????
रामो: अपना सर मेरे पास लाओ,,,
"किशन अपना सर झुकाता है और अपनी मां के चेहरे के पास जैसे ही करता है उसकी मां दोनों हाथों से अपने बेटे के चेहरे को पकड़कर है प्यार से उसके माथे पर चूम लेती है,,
रामो: अब तो आप को सुकून मिल गया ना,,, आप कभी मुझसे नाराज नहीं होना,,
किसन: अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करूंगा तुझे,, पलकों पर बैठा कर रखूंगा,, अब कभी तेरी आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा,,,
"किशन की बात बीच में ही रोकते हुए उसकी मां उसके मुंह पर हाथ रखकर कहती है,,
रामो: बस... इतना भी प्यार मत करो कि मैं खुशी से ही मर जाऊं... पागल हो जाऊंगी मैं... देखो जी अब सुबह भी हो गई है निकालो इसे...
"अपनी मां की बात सुनकर किशन जो अभी भी अपनी मां के ऊपर चढ़ा हुआ था पीछे हटता है और एक झटके से लिंग बाहर आ जाता है लिंग के बाहर आते ही किशन की मां अपनी नजरें उठाकर लिंग की ओर देखती है और उसके मुंह से एक संस्कारी निकलती है,,
रामो: हाय मां... आराम से... कितना दर्द दिया...????
"योनि से लिंग बाहर आते ही,, किशन की मां की नजर जैसे ही लिंग पर पड़ती है वह मन ही मन सोचती है की इतना विशाल और बलिष्ठ लिंग मैंने अपने अंदर कैसे सहन कर लिया,,, उसे ऐसा लगता है की लिंग को जैसे किसी दूध से नहलाया गया हो क्योंकि दोनों के वीर्य का मिश्रण लिंग के चारों ओर लगा हुआ था,, किशन अपनी मां की योनि को बड़े प्यार से निहार रहा था और उसकी मां उसके लिंग को देखकर मन ही मन सोच रही थी कि बड़ा है तभी तो इतना मजा आया,,, किशन की मां की नजर किशन की नजरों का पीछा करते हुए देखती है तो वह शर्म से आंखें बंद कर कहती है
रामो: क्या देख रहे हो अब जाओ ना,,,, पूरी रात नहीं सोने दिया अभी भी मन नहीं भरा क्या???
किसन: देख रहा हूं कि कितनी सुंदर लग रही है तुम्हारी,,,
,"जाओ हटो अभी भी मन नहीं भरा कपड़े पहनो और बाहर जाओ पूरी रात नहीं सोने दिया...""
"एक बार इसे चूम लूं कितनी प्यारी लग रही है""
"तुम ऐसा क्यों करते हो यह गंदा होता है मुझे शर्म आती है और अभी तो बिल्कुल नहीं है....."""???
"एक बार चूम लेने दे कितनी सुंदर है यह जी चाहता है की चाट लूं एक बार""
"नहीं किशन बहुत गंदा है अभी तुम जाओ"""
"दोनों मां बेटी एक दूसरे को देखकर अपने अपने मन की बात कर रहे थे कि तभी बाहर से दरवाजा खटखटा ते हुए किशन की मौसी आवाज लगाती है!!
मौसी: किशन बेटा... सुबह हो गई है उठ जाओ....
"रामो अपनी योनि को दोनों हाथों से ढक लेती है और घबराते हुए किशन से कहती है।।"""
रामो: अब आप चले जाइए ना जी... देखो ना दीदी भी आ गई है जिद मत करो.....!!!!!!
किशन: मैं तब तक नहीं जाऊंगा जब तक इसे एक बार अपने में होठों से छू नहीं लेता जिसके लिए मैं दिन-रात तड़पाता आज वह चीज मेरी आंखों के सामने है।।। और हमेशा हमेशा के लिए मेरी है तो क्या मैं उसे प्यार से चूम भी नहीं सकता?????
रामो: ओ.... हो... आप मानोगे नहीं रुको मैं साफ कर देती हूं!!!!!
"रामो देवी,, पास में पड़ी चादर को हाथ में लेती है और अपनी योनि को अच्छे से साफ करने के बाद किशन की ओर देखती है जो अपनी प्यासी नजरों से अपनी मां की योनि को ही देख रहा था,,
रामो: लो जल्दी से चूम लो.... और कपड़े पहन कर बाहर जाओ....
"किशन योनि को चूमने के लिए,, जैसे ही अपनी गर्दन अपनी मां की टांगो के जोड़ों में झुकाता है एक बार फिर से उसकी मौसी की आवाज आती है,,,
मौसी: रामो..... ओ.. रामो..... अब उठ भी जा दिन निकल आया है और सभी गांव वाले खेतों पर जा रहे हैं,,,
रामो:: जी... दी.. दीदी.. बस आ रही हूं.....
"अपनी मां के चेहरे पर नजर डालें,,
Aaj ke liye itna hi,,samay mila to,age ke update bada ayega,,,,
किसन: मां... मैं जिंदगी भर तेरा एहसानमंद रहूंगा....
"किशन की मां अपनी आंखों को धीरे से खोलते हुए प्यार से अपने बेटे की ओर देखती है और,,
रामो: ऐसा क्यों कहते हो,,, क्या एहसान किया है मैंने तुम पर,,,????
"किशन अपनी मां की आंखों में देखता है और प्यार से उसके आंखों को चूम लेता है,,,
किसन: जिस आग में इतने दिनों से जल रहा था,, उसकी गर्मी को तूने ही शांत किया है,,, और मेरी पत्नी बन कर मुझे सहारा दिया है,, इससे बड़ा एहसान कॉन मां अपने बेटे पर करेगी,,,????
रामो: अपना सर मेरे पास लाओ,,,
"किशन अपना सर झुकाता है और अपनी मां के चेहरे के पास जैसे ही करता है उसकी मां दोनों हाथों से अपने बेटे के चेहरे को पकड़कर है प्यार से उसके माथे पर चूम लेती है,,
रामो: अब तो आप को सुकून मिल गया ना,,, आप कभी मुझसे नाराज नहीं होना,,
किसन: अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करूंगा तुझे,, पलकों पर बैठा कर रखूंगा,, अब कभी तेरी आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा,,,
"किशन की बात बीच में ही रोकते हुए उसकी मां उसके मुंह पर हाथ रखकर कहती है,,
रामो: बस... इतना भी प्यार मत करो कि मैं खुशी से ही मर जाऊं... पागल हो जाऊंगी मैं... देखो जी अब सुबह भी हो गई है निकालो इसे...
"अपनी मां की बात सुनकर किशन जो अभी भी अपनी मां के ऊपर चढ़ा हुआ था पीछे हटता है और एक झटके से लिंग बाहर आ जाता है लिंग के बाहर आते ही किशन की मां अपनी नजरें उठाकर लिंग की ओर देखती है और उसके मुंह से एक संस्कारी निकलती है,,
रामो: हाय मां... आराम से... कितना दर्द दिया...????
"योनि से लिंग बाहर आते ही,, किशन की मां की नजर जैसे ही लिंग पर पड़ती है वह मन ही मन सोचती है की इतना विशाल और बलिष्ठ लिंग मैंने अपने अंदर कैसे सहन कर लिया,,, उसे ऐसा लगता है की लिंग को जैसे किसी दूध से नहलाया गया हो क्योंकि दोनों के वीर्य का मिश्रण लिंग के चारों ओर लगा हुआ था,, किशन अपनी मां की योनि को बड़े प्यार से निहार रहा था और उसकी मां उसके लिंग को देखकर मन ही मन सोच रही थी कि बड़ा है तभी तो इतना मजा आया,,, किशन की मां की नजर किशन की नजरों का पीछा करते हुए देखती है तो वह शर्म से आंखें बंद कर कहती है
रामो: क्या देख रहे हो अब जाओ ना,,,, पूरी रात नहीं सोने दिया अभी भी मन नहीं भरा क्या???
किसन: देख रहा हूं कि कितनी सुंदर लग रही है तुम्हारी,,,
,"जाओ हटो अभी भी मन नहीं भरा कपड़े पहनो और बाहर जाओ पूरी रात नहीं सोने दिया...""
"एक बार इसे चूम लूं कितनी प्यारी लग रही है""
"तुम ऐसा क्यों करते हो यह गंदा होता है मुझे शर्म आती है और अभी तो बिल्कुल नहीं है....."""???
"एक बार चूम लेने दे कितनी सुंदर है यह जी चाहता है की चाट लूं एक बार""
"नहीं किशन बहुत गंदा है अभी तुम जाओ"""
"दोनों मां बेटी एक दूसरे को देखकर अपने अपने मन की बात कर रहे थे कि तभी बाहर से दरवाजा खटखटा ते हुए किशन की मौसी आवाज लगाती है!!
मौसी: किशन बेटा... सुबह हो गई है उठ जाओ....
"रामो अपनी योनि को दोनों हाथों से ढक लेती है और घबराते हुए किशन से कहती है।।"""
रामो: अब आप चले जाइए ना जी... देखो ना दीदी भी आ गई है जिद मत करो.....!!!!!!
किशन: मैं तब तक नहीं जाऊंगा जब तक इसे एक बार अपने में होठों से छू नहीं लेता जिसके लिए मैं दिन-रात तड़पाता आज वह चीज मेरी आंखों के सामने है।।। और हमेशा हमेशा के लिए मेरी है तो क्या मैं उसे प्यार से चूम भी नहीं सकता?????
रामो: ओ.... हो... आप मानोगे नहीं रुको मैं साफ कर देती हूं!!!!!
"रामो देवी,, पास में पड़ी चादर को हाथ में लेती है और अपनी योनि को अच्छे से साफ करने के बाद किशन की ओर देखती है जो अपनी प्यासी नजरों से अपनी मां की योनि को ही देख रहा था,,
रामो: लो जल्दी से चूम लो.... और कपड़े पहन कर बाहर जाओ....
"किशन योनि को चूमने के लिए,, जैसे ही अपनी गर्दन अपनी मां की टांगो के जोड़ों में झुकाता है एक बार फिर से उसकी मौसी की आवाज आती है,,,
मौसी: रामो..... ओ.. रामो..... अब उठ भी जा दिन निकल आया है और सभी गांव वाले खेतों पर जा रहे हैं,,,
रामो:: जी... दी.. दीदी.. बस आ रही हूं.....
"अपनी मां के चेहरे पर नजर डालें,,
Aaj ke liye itna hi,,samay mila to,age ke update bada ayega,,,,
Last edited: