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Incest Bete se ummeed,,

Rajkumaar ji

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Update:। 61

"किशन की नजरें अभी भी अपनी मां की साड़ी से बाहर निकले"नितंब पर टिकी हुई थी""इतनी महिलाओं के बीच में किशन अपनी मां को घूरे जा रहा था""सभी औरतें किशन की इस हरकत को देख लेती हैं और जिस महिला ने किशन का कान पकेड़ा था वह किशन के कहने पर""

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महिला: क्यों रामो, क्या कहती है।। क्या किया जाए तेरे बेटे के साथ,,, छोड़ दिया जाए या कोई सजा दी जाए इसको,,,???

"परंतु वह तो किशन के इस प्रकार देखने से अपने पैर के नाखून से धरती को कुरेद रही थी और मारे शर्म और लाज के पीघल रही थी , किशन की मां इसका कोई जवाब नहीं देती और शर्मा कर सर झुका लेती है।।

दूसरी महिला: नहीं नहीं काकी,, ऐसे ना छोड़ना इसकी सजा तो इसे मिलनी चाहिए हम सब का मजा खराब किया ह।।। इससे बोलो कान पकड़कर उठक बैठक करें हम सबके सामने सौ बार,,, क्यों रामो,,

"रामो एक बार अपने बेटे की ओर देखकर फिर उसके मुंह से जो शब्द निकलते हैं।।

रामो: जी ठीक है जैसा आप लोग सही समझे,,,,

"और मुस्कुराकर किशन की ओर एक कातिल अदा से देखती है।।

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"किशन को अपनी मां से इस प्रकार की अपेक्षा कभी नहीं थी""!! और वह नहीं जानता था कि उसकी मां ने उसे जलाने के लिए यह सब किया है!!! परंतु किशन का चेहरा उतर जाता है और वह अपने कान पकड़कर जैसे ही उठक बैठक करने के लिए होता है!!! तभी कुछ लोग आवाज देते हुए किशन को बुलाते हैं!!

व्यक्ति: किशन ओ किशन अरे बेटा तुम यहां क्या कर रहे हो वहां सभी लोग तुम्हें देखना चाहते हैं दूर-दूर से लोग आए हैं सब तुम्हारे बारे में ही पूछ रहे हैं जितने भी रिश्तेदारी शादी में आए हैं।। चलो हमारे साथ।।

किशन: काका.. बो मैं.. मैं

व्यक्ति: अरे मै मैं क्या कर रहा है।। चलना तेरी पहलवानी के चर्चे दूर-दूर तक है इसलिए सब तुझे देखना चाहते हैं।।

महिला: नहीं पहले से हमारी सजा भुगतनी होगी,,

व्यक्ति: सजा कौन सी सजा क्या किया है इसने????

महिला: इसने हम सब महिलाओं को चुपके से नाचते हुए देखा है।। इसलिए इसे हम सबके सामने कान पकड़ कर उठक बैठक करनी होगी सौ बार।।।।

व्यक्ति: तुम लोग पागल हो गए हो जानते भी हो यह हमारे गांव का सबसे होनहार लड़का है।। इसी की वजह से,,, आज हमारे गांव के चर्चे दूर-दूर तक है ।।इसने हमारे गांव का नाम रोशन किया है ।।।और तुम लोग इसकी बेज्जती करना चाहते हो।।। चलो बेटा किशन मेरे साथ चलो मैं देखता हूं तो मैं कौन सा दे देता है।।।

"वह व्यक्ति किशन का हाथ पकड़कर वहां से ले जाता है और सभी औरतें चुप चाप यह देखते रहते हैं परंतु औरतें सभी मर्दों का सम्मान"जानती थी क्योंकि उस परंपरा में किसी बड़े बुजुर्ग के सामने महिलाएं ज्यादा नहीं बोलती थी"""इसलिए सभी चुप रहती हैं!! वह व्यक्ति किशन को लेकर मेहमानों के बीच सभी से मिल पाता है।। सभी किशन से मिलकर।। बहुत खुश होते हैं और सब किशन का बहुत सम्मान करते हैं।।। किशन के जाते ही महिलाएं मजाक में सब की मां को चिढ़ाने के लिए,,

महिला: चलो कोई नहीं परंतु मेरी यह समझ में नहीं आया कि यह किशन अपनी मां को इतने गौर से क्यों देख रहा था और क्या देख रहा था,,,

दूसरी: अरे तू नहीं जानती आजकल के मर्दों को औरतों का पिछवाड़ा बहुत पसंद आता है।।। और रामो तो किसी को भी आकर्षित कर सकती है देखना इस उम्र में भी कैसी जस्ती है।।।

तीसरी: अच्छा तुझे बड़ा पता है मर्दों के बारे में,, की उन्हें पिछवाड़ा पसंद आता है औरतों का,, तूने अपने पिछवाड़े में लिया है क्या कभी,,,

"महिला उस औरत के पिछवाड़े को घूरते हुए कहती है।।।

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दूसरी: हां एक बार तो सभी को लेना पड़ता है।। यह मर्द मानते कहां है जब तक ही नहीं पीछे की ना मिले,,

तीसरी: मगर पीछे तो बड़ा दर्द होता है तू कैसे, क्या तुझे दर्द नहीं हुआ था,, या फिर तेरे मर्द का तील्ली के जैसा है,,,??

"यह सुनकर सभी औरतें तेज तेज हंसने लगती है गौर किशन की मां को भी इस बार हंसी आती है!! फिर वह महिला उसका जवाब देते फिर कहती है!!!

दूसरी: मेरे मर्द का तो इतना मोटा और बड़ा है।। की तेरे जैसी तो अपनी चूत मे भी ना ले पाए,,,

तीसरी: अरे तू तो बुरा मान गई,, सच बताना जब तूने पीछे वाली में लिया था तो कैसा लगा था कैसा महसूस हुआ था तुझे,,

"यह सुनकर सभी अपने कान उस महिला की ओर लगा लेती है!! जैसा कि आप जानते हैं कि यदि कुछ औरतें इस तरह की बात शुरू करती है तो वह सभी बातों का ज्ञान और निचोड़ निकलने के बाद ही उसका पीछा छोड़ती है!!! फिर वह महिला शांत स्वभाव से कहती है!!

दूसरी: सच बताऊं तो,, पहली बार में तो जा ही नहीं रहा था,, मेरी तो चीक ही निकल गई थी,, परंतु उन्होंने अपनी कसम देकर दूसरी बार तेल लगाकर किया ऐसा लग रहा था कि बस किसी तरह उनके कब्जे से आजाद हो जाऊं,, जान निकल रही थी मेरी जब ,, अगला हिस्सा गया था,, फिर उसके बाद उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा और तेज तेज धक्के लगाने से मेरी हालत खराब हो गई,, बिन पानी मछली के जैसी तड़प रही थी मैं,,,

"सभी महिलाएं उसकी बातें बड़ी भी ध्यान से सुन रही थी रमो,, भी उसकी बातें सुनकर अंदर ही अंदर कहां पर ही थी की वह किशन का लिंग अपनी गुदा में कैसे ले पाएगी,,, जब योनि में इतनी पीड़ा होती है तो उसमें कितनी होगी,,

तीसरी महिला: अरे फिर बताना फिर क्या हुआ क्या उन्होंने तुझे छोड़ा,,

दूसरी: उन्होंने तो मुझे नहीं छोड़ा परंतु उनके सम्मान में पानी छोड़ दिया,, और वह दिन है और आज का दिन है तब से मैं उन्हें अपने पीछे भटकने भी नहीं देती,,,

"इसी प्रकार महिलाओं की बातें चल रही थी सभी मेहमानों में खाना खा लिया था परंतु किशन अपनी मां से गुस्सा था इसलिए वह खाना खाने से इंकार कर देता है यह बोलकर कि उसे भूख नहीं है।। सभी लोग किशन से बार-बार विनती करते हैं परंतु वह खाना नहीं खाता यह बात जब किशन की मां को पता चलती है तो।।।। सोचने लगती है

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रामो: लगता है नाराज हो गया कैसे मनाऊं ???

"वह किशन को अकेला पानी का मौका ढूंढती है परंतु इतने मेहमानों के बीच उसे कोई कामयाबी हासिल नहीं होती वह बार-बार इसी बात का इंतजार कर रही थी कि कब उसे किशन अकेला मिल जाए"""इधर खुशी का माहौल था और उधर किशनगढ़ में अचानक""

"गीता और उसकी मां रजनी के कान में रामू के तेज तेज खान सनी की आवाज आती है।। वह दौड़ कर घर के अंदर जाते हैं तो देखते हैं कि रामू के मुंह से खून बह रहा है और उसकी सांसे उखड़ रही है।।। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे रामू को सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है।।। यह सब देख कर गीता और उसकी मां रोते हुए रामू के पास जाते हैं और एक उसके सर के पास हाथ पकड़कर बैठ जाती है और रजनी अपने पति के पैरों में सर रखकर रोने लगती है।।। गीता अपनी आंखों से आंसू बहाते हुए रोते हुए कहती है।।

गीता: बापू यह सब मेरी वजह से हो रहा है।।। मैं ही अभागन इस घर में अपनी फूटी किस्मत लेकर पैदा हुई,,,

"रामू अपनी बेटी का हाथ पकड़कर लंबी सांसे लेते हुए कहता है!!

रामू: नहीं नहीं बेटी ऐसा ना बोल यह तो ऊपर वाले ने मुझे मेरे पाप की सजा दी है।।। जो पाप मैंने झूठ बोलकर किया था उसकी सजा तो मुझे मिलनी ही थी।। ऊपर जाकर भगवान से प्रार्थना करूंगा कि यदि मेरे अगले जीवन में कोई सुख लिखा है।।। तो वह मेरी बेटी के लिए झोली में डाल दे ताकि उसे कोई तकलीफ ना हो।।।

रजनी: रोते हुए,,, ऐसा न कहिए आप कुछ नहीं होगा आपको यदि आप को कुछ हो गया तो हम किसके सहारे जिएंगे,,,

"इस तरह से अब गीता को अपने सर से उसके बाप का साया भी हड़ता हुआ नजर आ रहा था!!! और उधर कहीं दूर बियाबान जंगल में वीर सिंह अंतर्ध्यान हो कर महाकाल को प्रसन्न करने की पूरी कोशिश कर रहा था!! इतनी दिन उसकी तपस्या को हो गए थे परंतु महाकाल ने उसे अभी तक दर्शन नहीं दिए थे"""इतने दिनों से लगातार अंत या कर तपस्या करने का परिणाम यह हुआ कि उसके शरीर में कुछ प्राकृतिक शक्तियां विकसित होने लगी और किसी साधु महाराज की तरह उसके बाल बढ़ने लगे थे,,,, मैं नहीं जानता था की कब महाकाल उसे दर्शन देंगे परंतु वह गीता के प्यार को पाने के लिए सच्चे मन से महाकाल को प्रसन्न करने में जुटा था,,

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"एक तरफ खुशियों का माहौल था जो दोनों मां-बेटे अपनी जिंदगी से जी रहे थे और जीवन के सभी आनंद ले रहे थे,, दूसरी तरफ गमों का माहौल था जिसमें गीता और उसकी मां और उसका बाप डूबे जा रहे थे,, तीसरी तरफ तपस्या में लीन तपता हुआ अंतर्ध्यान होकर महाकाल को प्रसन्न करने के लिए वीर सिंह लगातार महाकाल का जब किए जा रहा था,,, खुशी तपस्या और गम तीनों के ही तार गीता के भाग्य से जुड़े हुए थे,,, जिसकी वजह थी गीता के भाग्य में लिखा उसकी कुंडली का दोस्त,, अब गीता के भाग्य में आगे क्या होगा यह तो ईश्वर ही जानते थे,, इधर किशन की मां बार-बर,, यह मौका देख रही थी कि कब किशन उसे अकेला मिल जाए,,

"और वह अपने बेटे को समझा कर उसे खाना खाने के लिए मना ले,, तभी उसे किशन पास में ही बने मिट्टी के पेशाब घर में जाता हुआ नजर आता है जिसमें एक लकड़ी का दरवाजा लगा हुआ था,, महिलाओं और पुरुषों सभी के लिए एक ही पेशाब घर उस जमाने में हुआ करता था,,, ज्यादातर लोग बाहर जंगल में ही अपने आप को स्वच्छ और हल्का करने के लिए जाते थे,,, जैसे ही किशन पेशाब घर में घुसता है उसकी मां की नजर उस पर पड़ती है!!! परंतु किशन यह सब नहीं देख पाता!!

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"रामो: उस पेशाब घर की ओर इधर उधर देखते हुए चुपके से चल रही थी शाम का समय हो रहा था परंतु जब उसे कोई नजर नहीं आता तो वह दरवाजे के पास आकर चुपके से कहती है,,,।।

रामो: सुनिए..... ए जी... दरवाजा खोलिए...

"बहुत ही धीमी आवाज में यह सब किशन की मानी कहा था!! और इधर उधर अपनी नजरें घुमा कर देखती है कि कहीं कोई उसे देख तो नहीं रहा परंतु सभी अपने अपने शादी के कार्य में लगे हुए थे उस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता!!!! किशन अंदर से ही कहता है!!

किशन: कौन है???

रामो: मैं हूं जी... रामो!!! बाहर आइए ना..

"अपनी मां की आवाज सुनकर किशन कुंडी खोलता है और देखता है कि उसकी मां मुस्कुराई हुई उसके सामने खड़ी है!!

रामो: खाना क्यों नहीं खाया तुमने???

किशन: नहीं खाना मुझे खाना तुझे क्या मतलब तो तुम मुझे सजा दिलवाना चाहती थी,,, बहुत अच्छा लग रहा था मैं उन औरतों के सामने कान पकड़े हुए,,,,

रामो: आप तो एक छोटी सी बात पर नाराज हो गए मैं तो मजाक में की थी,,, चलो ना सुबह से भूखे हो खाना खा लीजिए,,,

किशन: अब तो मैं एक ही शर्त पर जाऊंगा,,,

"किशन अपनी मां के बाहर निकले हुए पिछवाड़े को देखते हुए कहता है!!!

रामो: क्या??????

"रामो के यह कहते ही किशन उसे पकड़ कर पेशाब घर में खींच लेता है!!! और फिर उसके कमर में हाथ डाल कर अपनी बाहों में करते हुए उसके नितंब को सहला कर कहता है!!!

किशन: एक बार अपनी इस गांड के दर्शन करवा दे बहुत बेचैन हो रहा जब से तुझे नाचते हुए देखा है।।।
 

A.A.G.

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Update:। 61

"किशन की नजरें अभी भी अपनी मां की साड़ी से बाहर निकले"नितंब पर टिकी हुई थी""इतनी महिलाओं के बीच में किशन अपनी मां को घूरे जा रहा था""सभी औरतें किशन की इस हरकत को देख लेती हैं और जिस महिला ने किशन का कान पकेड़ा था वह किशन के कहने पर""

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महिला: क्यों रामो, क्या कहती है।। क्या किया जाए तेरे बेटे के साथ,,, छोड़ दिया जाए या कोई सजा दी जाए इसको,,,???

"परंतु वह तो किशन के इस प्रकार देखने से अपने पैर के नाखून से धरती को कुरेद रही थी और मारे शर्म और लाज के पीघल रही थी , किशन की मां इसका कोई जवाब नहीं देती और शर्मा कर सर झुका लेती है।।

दूसरी महिला: नहीं नहीं काकी,, ऐसे ना छोड़ना इसकी सजा तो इसे मिलनी चाहिए हम सब का मजा खराब किया ह।।। इससे बोलो कान पकड़कर उठक बैठक करें हम सबके सामने सौ बार,,, क्यों रामो,,

"रामो एक बार अपने बेटे की ओर देखकर फिर उसके मुंह से जो शब्द निकलते हैं।।

रामो: जी ठीक है जैसा आप लोग सही समझे,,,,

"और मुस्कुराकर किशन की ओर एक कातिल अदा से देखती है।।

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"किशन को अपनी मां से इस प्रकार की अपेक्षा कभी नहीं थी""!! और वह नहीं जानता था कि उसकी मां ने उसे जलाने के लिए यह सब किया है!!! परंतु किशन का चेहरा उतर जाता है और वह अपने कान पकड़कर जैसे ही उठक बैठक करने के लिए होता है!!! तभी कुछ लोग आवाज देते हुए किशन को बुलाते हैं!!

व्यक्ति: किशन ओ किशन अरे बेटा तुम यहां क्या कर रहे हो वहां सभी लोग तुम्हें देखना चाहते हैं दूर-दूर से लोग आए हैं सब तुम्हारे बारे में ही पूछ रहे हैं जितने भी रिश्तेदारी शादी में आए हैं।। चलो हमारे साथ।।

किशन: काका.. बो मैं.. मैं

व्यक्ति: अरे मै मैं क्या कर रहा है।। चलना तेरी पहलवानी के चर्चे दूर-दूर तक है इसलिए सब तुझे देखना चाहते हैं।।

महिला: नहीं पहले से हमारी सजा भुगतनी होगी,,

व्यक्ति: सजा कौन सी सजा क्या किया है इसने????

महिला: इसने हम सब महिलाओं को चुपके से नाचते हुए देखा है।। इसलिए इसे हम सबके सामने कान पकड़ कर उठक बैठक करनी होगी सौ बार।।।।

व्यक्ति: तुम लोग पागल हो गए हो जानते भी हो यह हमारे गांव का सबसे होनहार लड़का है।। इसी की वजह से,,, आज हमारे गांव के चर्चे दूर-दूर तक है ।।इसने हमारे गांव का नाम रोशन किया है ।।।और तुम लोग इसकी बेज्जती करना चाहते हो।।। चलो बेटा किशन मेरे साथ चलो मैं देखता हूं तो मैं कौन सा दे देता है।।।

"वह व्यक्ति किशन का हाथ पकड़कर वहां से ले जाता है और सभी औरतें चुप चाप यह देखते रहते हैं परंतु औरतें सभी मर्दों का सम्मान"जानती थी क्योंकि उस परंपरा में किसी बड़े बुजुर्ग के सामने महिलाएं ज्यादा नहीं बोलती थी"""इसलिए सभी चुप रहती हैं!! वह व्यक्ति किशन को लेकर मेहमानों के बीच सभी से मिल पाता है।। सभी किशन से मिलकर।। बहुत खुश होते हैं और सब किशन का बहुत सम्मान करते हैं।।। किशन के जाते ही महिलाएं मजाक में सब की मां को चिढ़ाने के लिए,,

महिला: चलो कोई नहीं परंतु मेरी यह समझ में नहीं आया कि यह किशन अपनी मां को इतने गौर से क्यों देख रहा था और क्या देख रहा था,,,

दूसरी: अरे तू नहीं जानती आजकल के मर्दों को औरतों का पिछवाड़ा बहुत पसंद आता है।।। और रामो तो किसी को भी आकर्षित कर सकती है देखना इस उम्र में भी कैसी जस्ती है।।।

तीसरी: अच्छा तुझे बड़ा पता है मर्दों के बारे में,, की उन्हें पिछवाड़ा पसंद आता है औरतों का,, तूने अपने पिछवाड़े में लिया है क्या कभी,,,

"महिला उस औरत के पिछवाड़े को घूरते हुए कहती है।।।

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दूसरी: हां एक बार तो सभी को लेना पड़ता है।। यह मर्द मानते कहां है जब तक ही नहीं पीछे की ना मिले,,

तीसरी: मगर पीछे तो बड़ा दर्द होता है तू कैसे, क्या तुझे दर्द नहीं हुआ था,, या फिर तेरे मर्द का तील्ली के जैसा है,,,??

"यह सुनकर सभी औरतें तेज तेज हंसने लगती है गौर किशन की मां को भी इस बार हंसी आती है!! फिर वह महिला उसका जवाब देते फिर कहती है!!!

दूसरी: मेरे मर्द का तो इतना मोटा और बड़ा है।। की तेरे जैसी तो अपनी चूत मे भी ना ले पाए,,,

तीसरी: अरे तू तो बुरा मान गई,, सच बताना जब तूने पीछे वाली में लिया था तो कैसा लगा था कैसा महसूस हुआ था तुझे,,

"यह सुनकर सभी अपने कान उस महिला की ओर लगा लेती है!! जैसा कि आप जानते हैं कि यदि कुछ औरतें इस तरह की बात शुरू करती है तो वह सभी बातों का ज्ञान और निचोड़ निकलने के बाद ही उसका पीछा छोड़ती है!!! फिर वह महिला शांत स्वभाव से कहती है!!

दूसरी: सच बताऊं तो,, पहली बार में तो जा ही नहीं रहा था,, मेरी तो चीक ही निकल गई थी,, परंतु उन्होंने अपनी कसम देकर दूसरी बार तेल लगाकर किया ऐसा लग रहा था कि बस किसी तरह उनके कब्जे से आजाद हो जाऊं,, जान निकल रही थी मेरी जब ,, अगला हिस्सा गया था,, फिर उसके बाद उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा और तेज तेज धक्के लगाने से मेरी हालत खराब हो गई,, बिन पानी मछली के जैसी तड़प रही थी मैं,,,

"सभी महिलाएं उसकी बातें बड़ी भी ध्यान से सुन रही थी रमो,, भी उसकी बातें सुनकर अंदर ही अंदर कहां पर ही थी की वह किशन का लिंग अपनी गुदा में कैसे ले पाएगी,,, जब योनि में इतनी पीड़ा होती है तो उसमें कितनी होगी,,

तीसरी महिला: अरे फिर बताना फिर क्या हुआ क्या उन्होंने तुझे छोड़ा,,

दूसरी: उन्होंने तो मुझे नहीं छोड़ा परंतु उनके सम्मान में पानी छोड़ दिया,, और वह दिन है और आज का दिन है तब से मैं उन्हें अपने पीछे भटकने भी नहीं देती,,,

"इसी प्रकार महिलाओं की बातें चल रही थी सभी मेहमानों में खाना खा लिया था परंतु किशन अपनी मां से गुस्सा था इसलिए वह खाना खाने से इंकार कर देता है यह बोलकर कि उसे भूख नहीं है।। सभी लोग किशन से बार-बार विनती करते हैं परंतु वह खाना नहीं खाता यह बात जब किशन की मां को पता चलती है तो।।।। सोचने लगती है

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रामो: लगता है नाराज हो गया कैसे मनाऊं ???

"वह किशन को अकेला पानी का मौका ढूंढती है परंतु इतने मेहमानों के बीच उसे कोई कामयाबी हासिल नहीं होती वह बार-बार इसी बात का इंतजार कर रही थी कि कब उसे किशन अकेला मिल जाए"""इधर खुशी का माहौल था और उधर किशनगढ़ में अचानक""

"गीता और उसकी मां रजनी के कान में रामू के तेज तेज खान सनी की आवाज आती है।। वह दौड़ कर घर के अंदर जाते हैं तो देखते हैं कि रामू के मुंह से खून बह रहा है और उसकी सांसे उखड़ रही है।।। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे रामू को सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है।।। यह सब देख कर गीता और उसकी मां रोते हुए रामू के पास जाते हैं और एक उसके सर के पास हाथ पकड़कर बैठ जाती है और रजनी अपने पति के पैरों में सर रखकर रोने लगती है।।। गीता अपनी आंखों से आंसू बहाते हुए रोते हुए कहती है।।

गीता: बापू यह सब मेरी वजह से हो रहा है।।। मैं ही अभागन इस घर में अपनी फूटी किस्मत लेकर पैदा हुई,,,

"रामू अपनी बेटी का हाथ पकड़कर लंबी सांसे लेते हुए कहता है!!

रामू: नहीं नहीं बेटी ऐसा ना बोल यह तो ऊपर वाले ने मुझे मेरे पाप की सजा दी है।।। जो पाप मैंने झूठ बोलकर किया था उसकी सजा तो मुझे मिलनी ही थी।। ऊपर जाकर भगवान से प्रार्थना करूंगा कि यदि मेरे अगले जीवन में कोई सुख लिखा है।।। तो वह मेरी बेटी के लिए झोली में डाल दे ताकि उसे कोई तकलीफ ना हो।।।

रजनी: रोते हुए,,, ऐसा न कहिए आप कुछ नहीं होगा आपको यदि आप को कुछ हो गया तो हम किसके सहारे जिएंगे,,,

"इस तरह से अब गीता को अपने सर से उसके बाप का साया भी हड़ता हुआ नजर आ रहा था!!! और उधर कहीं दूर बियाबान जंगल में वीर सिंह अंतर्ध्यान हो कर महाकाल को प्रसन्न करने की पूरी कोशिश कर रहा था!! इतनी दिन उसकी तपस्या को हो गए थे परंतु महाकाल ने उसे अभी तक दर्शन नहीं दिए थे"""इतने दिनों से लगातार अंत या कर तपस्या करने का परिणाम यह हुआ कि उसके शरीर में कुछ प्राकृतिक शक्तियां विकसित होने लगी और किसी साधु महाराज की तरह उसके बाल बढ़ने लगे थे,,,, मैं नहीं जानता था की कब महाकाल उसे दर्शन देंगे परंतु वह गीता के प्यार को पाने के लिए सच्चे मन से महाकाल को प्रसन्न करने में जुटा था,,

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"एक तरफ खुशियों का माहौल था जो दोनों मां-बेटे अपनी जिंदगी से जी रहे थे और जीवन के सभी आनंद ले रहे थे,, दूसरी तरफ गमों का माहौल था जिसमें गीता और उसकी मां और उसका बाप डूबे जा रहे थे,, तीसरी तरफ तपस्या में लीन तपता हुआ अंतर्ध्यान होकर महाकाल को प्रसन्न करने के लिए वीर सिंह लगातार महाकाल का जब किए जा रहा था,,, खुशी तपस्या और गम तीनों के ही तार गीता के भाग्य से जुड़े हुए थे,,, जिसकी वजह थी गीता के भाग्य में लिखा उसकी कुंडली का दोस्त,, अब गीता के भाग्य में आगे क्या होगा यह तो ईश्वर ही जानते थे,, इधर किशन की मां बार-बर,, यह मौका देख रही थी कि कब किशन उसे अकेला मिल जाए,,

"और वह अपने बेटे को समझा कर उसे खाना खाने के लिए मना ले,, तभी उसे किशन पास में ही बने मिट्टी के पेशाब घर में जाता हुआ नजर आता है जिसमें एक लकड़ी का दरवाजा लगा हुआ था,, महिलाओं और पुरुषों सभी के लिए एक ही पेशाब घर उस जमाने में हुआ करता था,,, ज्यादातर लोग बाहर जंगल में ही अपने आप को स्वच्छ और हल्का करने के लिए जाते थे,,, जैसे ही किशन पेशाब घर में घुसता है उसकी मां की नजर उस पर पड़ती है!!! परंतु किशन यह सब नहीं देख पाता!!

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"रामो: उस पेशाब घर की ओर इधर उधर देखते हुए चुपके से चल रही थी शाम का समय हो रहा था परंतु जब उसे कोई नजर नहीं आता तो वह दरवाजे के पास आकर चुपके से कहती है,,,।।

रामो: सुनिए..... ए जी... दरवाजा खोलिए...

"बहुत ही धीमी आवाज में यह सब किशन की मानी कहा था!! और इधर उधर अपनी नजरें घुमा कर देखती है कि कहीं कोई उसे देख तो नहीं रहा परंतु सभी अपने अपने शादी के कार्य में लगे हुए थे उस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता!!!! किशन अंदर से ही कहता है!!

किशन: कौन है???

रामो: मैं हूं जी... रामो!!! बाहर आइए ना..

"अपनी मां की आवाज सुनकर किशन कुंडी खोलता है और देखता है कि उसकी मां मुस्कुराई हुई उसके सामने खड़ी है!!

रामो: खाना क्यों नहीं खाया तुमने???

किशन: नहीं खाना मुझे खाना तुझे क्या मतलब तो तुम मुझे सजा दिलवाना चाहती थी,,, बहुत अच्छा लग रहा था मैं उन औरतों के सामने कान पकड़े हुए,,,,

रामो: आप तो एक छोटी सी बात पर नाराज हो गए मैं तो मजाक में की थी,,, चलो ना सुबह से भूखे हो खाना खा लीजिए,,,

किशन: अब तो मैं एक ही शर्त पर जाऊंगा,,,

"किशन अपनी मां के बाहर निकले हुए पिछवाड़े को देखते हुए कहता है!!!

रामो: क्या??????

"रामो के यह कहते ही किशन उसे पकड़ कर पेशाब घर में खींच लेता है!!! और फिर उसके कमर में हाथ डाल कर अपनी बाहों में करते हुए उसके नितंब को सहला कर कहता है!!!

किशन: एक बार अपनी इस गांड के दर्शन करवा दे बहुत बेचैन हो रहा जब से तुझे नाचते हुए देखा है।।।
nice update..!!
kishan ko manane ke liye ramo uske paas gayi hai aur kishan shart bhi gajab hai..kishan ab toh ramo ki gand maar ke hi rahega..!! geeta ke sath niyati ne bahot bura khel khela hai..agar kishan ko pata hota ki geeta uske bachhe ki maa banane wali hai toh woh kabhi geeta ko akela nahi chhodata kyunki kishan ek yodhha hai aur woh apne kartavya se nahi chukta..lekin kishan iss kartavya ke bare me gyat hi nahi hai..!! yeh harami veer singh apna ganda sapna pura karne ke liye tapasya kar raha hai..aur geeta par dukhon ka pahad gir gaya hai..!! kishan kaise bhi karke pata chalna chahiye ki geeta uske bachhe ki maa banane wali hai toh kishan geeta ki hamesha raksha karega..!!
 

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hot update bhai...hope you can give regular updates..your updates are very slow. hope to get the next update soon.
 
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Rajkumaar ji

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nice update..!!
kishan ko manane ke liye ramo uske paas gayi hai aur kishan shart bhi gajab hai..kishan ab toh ramo ki gand maar ke hi rahega..!! geeta ke sath niyati ne bahot bura khel khela hai..agar kishan ko pata hota ki geeta uske bachhe ki maa banane wali hai toh woh kabhi geeta ko akela nahi chhodata kyunki kishan ek yodhha hai aur woh apne kartavya se nahi chukta..lekin kishan iss kartavya ke bare me gyat hi nahi hai..!! yeh harami veer singh apna ganda sapna pura karne ke liye tapasya kar raha hai..aur geeta par dukhon ka pahad gir gaya hai..!! kishan kaise bhi karke pata chalna chahiye ki geeta uske bachhe ki maa banane wali hai toh kishan geeta ki hamesha raksha karega..!!
Thanks for your comments
 
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