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Incest Bete se ummeed,,

Tiger 786

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Update:58


किसन: मां... मैं जिंदगी भर तेरा एहसानमंद रहूंगा....

"किशन की मां अपनी आंखों को धीरे से खोलते हुए प्यार से अपने बेटे की ओर देखती है और,,

रामो: ऐसा क्यों कहते हो,,, क्या एहसान किया है मैंने तुम पर,,,????

"किशन अपनी मां की आंखों में देखता है और प्यार से उसके आंखों को चूम लेता है,,,

किसन: जिस आग में इतने दिनों से जल रहा था,, उसकी गर्मी को तूने ही शांत किया है,,, और मेरी पत्नी बन कर मुझे सहारा दिया है,, इससे बड़ा एहसान कॉन मां अपने बेटे पर करेगी,,,????

रामो: अपना सर मेरे पास लाओ,,,

"किशन अपना सर झुकाता है और अपनी मां के चेहरे के पास जैसे ही करता है उसकी मां दोनों हाथों से अपने बेटे के चेहरे को पकड़कर है प्यार से उसके माथे पर चूम लेती है,,

रामो: अब तो आप को सुकून मिल गया ना,,, आप कभी मुझसे नाराज नहीं होना,,

किसन: अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करूंगा तुझे,, पलकों पर बैठा कर रखूंगा,, अब कभी तेरी आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा,,,

"किशन की बात बीच में ही रोकते हुए उसकी मां उसके मुंह पर हाथ रखकर कहती है,,

रामो: बस... इतना भी प्यार मत करो कि मैं खुशी से ही मर जाऊं... पागल हो जाऊंगी मैं... देखो जी अब सुबह भी हो गई है निकालो इसे...

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"अपनी मां की बात सुनकर किशन जो अभी भी अपनी मां के ऊपर चढ़ा हुआ था पीछे हटता है और एक झटके से लिंग बाहर आ जाता है लिंग के बाहर आते ही किशन की मां अपनी नजरें उठाकर लिंग की ओर देखती है और उसके मुंह से एक संस्कारी निकलती है,,

रामो: हाय मां... आराम से... कितना दर्द दिया...????

"योनि से लिंग बाहर आते ही,, किशन की मां की नजर जैसे ही लिंग पर पड़ती है वह मन ही मन सोचती है की इतना विशाल और बलिष्ठ लिंग मैंने अपने अंदर कैसे सहन कर लिया,,, उसे ऐसा लगता है की लिंग को जैसे किसी दूध से नहलाया गया हो क्योंकि दोनों के वीर्य का मिश्रण लिंग के चारों ओर लगा हुआ था,, किशन अपनी मां की योनि को बड़े प्यार से निहार रहा था और उसकी मां उसके लिंग को देखकर मन ही मन सोच रही थी कि बड़ा है तभी तो इतना मजा आया,,, किशन की मां की नजर किशन की नजरों का पीछा करते हुए देखती है तो वह शर्म से आंखें बंद कर कहती है

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रामो: क्या देख रहे हो अब जाओ ना,,,, पूरी रात नहीं सोने दिया अभी भी मन नहीं भरा क्या???

किसन: देख रहा हूं कि कितनी सुंदर लग रही है तुम्हारी,,,

,"जाओ हटो अभी भी मन नहीं भरा कपड़े पहनो और बाहर जाओ पूरी रात नहीं सोने दिया...""

"एक बार इसे चूम लूं कितनी प्यारी लग रही है""

"तुम ऐसा क्यों करते हो यह गंदा होता है मुझे शर्म आती है और अभी तो बिल्कुल नहीं है....."""???

"एक बार चूम लेने दे कितनी सुंदर है यह जी चाहता है की चाट लूं एक बार""

"नहीं किशन बहुत गंदा है अभी तुम जाओ"""

"दोनों मां बेटी एक दूसरे को देखकर अपने अपने मन की बात कर रहे थे कि तभी बाहर से दरवाजा खटखटा ते हुए किशन की मौसी आवाज लगाती है!!

मौसी: किशन बेटा... सुबह हो गई है उठ जाओ....

"रामो अपनी योनि को दोनों हाथों से ढक लेती है और घबराते हुए किशन से कहती है।।"""

रामो: अब आप चले जाइए ना जी... देखो ना दीदी भी आ गई है जिद मत करो.....!!!!!!

किशन: मैं तब तक नहीं जाऊंगा जब तक इसे एक बार अपने में होठों से छू नहीं लेता जिसके लिए मैं दिन-रात तड़पाता आज वह चीज मेरी आंखों के सामने है।।। और हमेशा हमेशा के लिए मेरी है तो क्या मैं उसे प्यार से चूम भी नहीं सकता?????

रामो: ओ.... हो... आप मानोगे नहीं रुको मैं साफ कर देती हूं!!!!!

"रामो देवी,, पास में पड़ी चादर को हाथ में लेती है और अपनी योनि को अच्छे से साफ करने के बाद किशन की ओर देखती है जो अपनी प्यासी नजरों से अपनी मां की योनि को ही देख रहा था,,

रामो: लो जल्दी से चूम लो.... और कपड़े पहन कर बाहर जाओ....

"किशन योनि को चूमने के लिए,, जैसे ही अपनी गर्दन अपनी मां की टांगो के जोड़ों में झुकाता है एक बार फिर से उसकी मौसी की आवाज आती है,,,

मौसी: रामो..... ओ.. रामो..... अब उठ भी जा दिन निकल आया है और सभी गांव वाले खेतों पर जा रहे हैं,,,

रामो:: जी... दी.. दीदी.. बस आ रही हूं.....

"अपनी मां के चेहरे पर नजर डालें,,
Aaj ke liye itna hi,,samay mila to,age ke update bada ayega,,,,
Awesome update
 

Tiger 786

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Update: 59

"किशन अपनी मां की ओर ध्यान देकर तुरंत अपना मुंह उसकी टांगों के बीच योनि पर लगाकर उसे अपनी जीभ, चाट लेता है,,,

images-3

रामो: हाए... दीदी.... ई.... कितने गंदे हो जी आप.....

"किशन के इस प्रकार गर्म जीप का स्पर्श पाकर उसकी मां के मुंह से सिसकारी गूंज उठती है! जिसकी आवाज किशन की मौसी के कानों तक सांप सुनाई देती है!!! जिसे सुनकर वह मन ही मन विचार करती है!!

General-Reasonable-Carp-size-restricted

मौसी: हे भगवान.. ऐसा लगता है यह दोनों तो अभी भी लगे हुए हैं?? कहीं कोई गांव वाला आ गया तो क्या होगा... मगर लगे भी क्यों ना किशन की गर्मी शांत करना तो अब उसकी मां की ही जिम्मेदारी है!!!

मौसी: किशन बेटा नाश्ता तैयार है दूध पीकर दंगल में चले जाना,,,

"यह कहकर किशन की मौसी शर्म से लाल हो अपने चेहरे पर एक कातिल मुस्कान लिए वहां से चली जाती है!! किशन के मां किशन के चेहरे को अपने हाथ में लेकर टांगों से दूर कर बाहर जाने के लिए कहती है किशन इस बार अपनी मां की बात मान कर कपड़े पहन,,, कर एक बार मुस्कुराकर अपनी मां को देख बाहर चला जाता है,,,

"रामो देवी, लंबी और गहरी राहत की सांस लेकर अपनी आंखें बंद कर लेती है। तभी उसे याद आता है कि उसने अपने पशुओं को अपनी सहेली केला देवी के पास 1 दिन के लिए बांध दिया था,, वह तुरंत अपने आप को कपड़ों से साफ कर अपने वस्त्र पहनती है परंतु उसे अपने बदन में हो रही पीड़ा और मीठे-मीठे दर्द से थकान का एहसास होता है।। उस मीठे दर्द में भी आनंद की एक लहर अपने बदन में वह महसूस कर मुस्कुराती है,, और बाहर जाकर देखती है उसकी बहन रसोई में कुछ काम कर रही थी किशन अभी स्नान करने के लिए,, गया हुआ था वह कुछ समय के लिए फिर से घर के अंदर आ जाती है और अपने आपको आईने में देख अपनी हालत पर हैरान,,, होते हुए सोचती है।।

रामो: हे भगवान. यदि यह पाप है।। तो भी मुझे किशन अपने पति के रूप में स्वीकार है और मैं उसे अपना सब कुछ दे चुकी हूं मैं आपसे प्रार्थना करती हूं की हमारी इस रिश्ते की लाज को बचा कर रख,,,

" वह हर पाप पुण्य किशन के लिंग की चोट से भूल चुकी थीं,, उससे अब किशन अपने पति के ही रूप में नजर आ रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे जवानी फिर से एक बार उसके शरीर में लौट आई है,, कुछ समय ऐसे ही व्यतीत हो जाता है किशन स्नान कर अपने दंगल के अभ्यास के लिए चला जाता है और उसकी मौसी अब दोपहर का खाना बनाने के लिए रसोई में तैयारी करती है रामो देवी,, स्नान करने के लिए मिट्टी से बने कच्चे स्नानघर में जाती है, उसे देख किशन की मौसी मन मन मुस्कुराती है और सोचती है।।

मौसी: लगता है किशन ने दबाकर चोट मारी है,, तभी तो चाल ही बदल गई इसकी,,,

"किशन की मां अपने आप को स्नान घर में जाकर नी बस्त्र करती है और एक बार अपने स्तनों की ओर ध्यान देती है तो उसे महसूस होता है कि जैसे उसकी छाती का उभार दोगुना हो चुका है!!!

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"वह अपने आप को अच्छे से साफ कर,, स्नान करती है और एक बार अपनी योनि को देखती है जो इस समय फुल कर पाव रोटी की तरह हो चुकी थी,, उस पर ध्यान जाते ही उसे एहसास होता है कि सुहागरात की च**** किसे कहते हैं,, फिर एक बार उसके मन में किशन का चेहरा और उसका लिंग आ जाता है इसका एहसास कर उसकी योनि में एक बार फिर से चीटियां रेंगती हुई महसूस होती है,, जिसे वह ठंडे पानी से अच्छे से साफ कर सिसकारी भरते हुए,,

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रामो: सी.... आह.... इतना पीटने के बाद भी... इसमें फिर से खुजली हो रही है... हाय किशन यह क्या कर दिया तूने मुझे....

"उसे फिर से महसूस होता है कि जैसे उसकी योनि कह रही हो कि उसके चाहने वाले से एक बार फिर से उसे मिला दे""""उसका ध्यान तब टूटता है जब उसके कानों में उसकी सहेली केलो , की आवाज गूंजती है,,,

कोलो: रामो ओ... रामो.. अरे आ गई क्या???? घूम कर?????

"केलो देवी,, की आवाज सुनकर किशन की मौसी बाहर आती है और देखती है कि बाहर दरवाजे पर उसकी बहन की सहेली खड़ी हुई है,, वह उसे अचानक देख डर जाती है और एक बार अपनी बहन को घर के अंदर देखती है वह उसे घर के अंदर ने पाकर,, सोचती है कि कहीं इस हाल में यदि उसे केलो ने देख लिया तो एक औरत को समझते देर नहीं लगेगी कि यह किसी के साथ रात बिता चुकी है,,, परंतु तभी उसका ध्यान जाता है कि उसकी बहन तो स्नान करने के लिए स्नानघर में गई थी,, राहत की सांस लेते हुए केला देवी से कहती है,,

मौसी: अरे आप आइए बैठे ना आपके लिए छाज,, लाती हूं,,

केलो: दीदी मैं छाज़ नहीं पीती,, मैं तो रामू से मिलने आई थी अगर वह आ गई हो तो अपने पशुओं को हमारे घर से ले आएगी क्योंकि मैं कुछ समय के लिए अपने मायके जा रही हूं,,,,

मौसी: हां हां वह आ गई है स्नान कर रही है तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लाती हूं,,

"केला देवी चारपाई पर बैठ जाती है और किशन की मौसी उसे बड़े प्यार से दूध देती है जो है पी लेती है इधर किशन की मां अपने बदन को अच्छे से साफ कर रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे किशन में मसल मसल कर उसके बदन का सारा मल एक ही रात में निकाल दिया हो,,

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"कुछ समय बाद रामू देवी स्नान कर बाहर आती है!! और अपनी सहेली को देख उसे प्यार से गले लगा लेती है!! किशन की मौसी केला देवी और उसकी मां उस समय इधर उधर की बातें करते हैं और फिर वह अपने पशुओं को उसके घर से लाकर अपने घर भाग लेती है,, तभी उसे अपने उस भैंस पर नजर पड़ती है जिसे किशन में उसके ही बेटे से हरि कराया था,,, वह मन ही मन सोचती है कि एक बेटा ही अपनी मां को संतुष्टि दे सकता है जिस प्रकार इस पैसे ने अपनी मां को संतुष्टि दी उसी प्रकार मेरे बेटे ने भी बरस से,, चल रही मेरे अंदर की कामाग्नि को संतुष्ट किया है,,,

"उधर किशन दंगल में अभ्यास प्रतियोगिता के दौरान सभी को देख रहा था परंतु उसका मन और दिल केवल अपनी मां के ही पास था उसे सुहागरात की हर बात और अपनी मां की सिसकारी भरते हुए चेहरे के भाव को अच्छे से महसूस हो रहे थे,, जिसका एहसास कर उसका लिंग फिर से पकड़ रहा था और उसे यह बस कर रहा था अपनी दुल्हन के पास जाने के लिए,, दोपहर हो चुकी थी,, और दोपहर के खाने का समय भी हो चुका था इधर किशन की मौसी और उसकी मां ने मिलकर दोपहर का खाना तैयार किया था किशन की मानी किशन की पसंद का ही खाना अपने हाथों से बनाया था और,, अपने आप को अच्छे से साफ कर एक हल्का सा सिंदूर किशन के नाम का बालों में छुपा कर रखा ताकि उसकी झलक भी किसी को ना पड़े,, गले में किशन के नाम का मंगलसूत्र अपने साड़ी के दुपट्टे से छुपा कर रखा था,,

2019-04-18
मौसी: अरे वाह कितनी सुंदर लग रही है ऐसा लगता है एक ही रात में इस फूल को खिला दिया है !! किशन ने,,,
रामो: दीदी क्या आपको लगता है कि हम यह रिश्ता छुपा कर रह पाएंगे,,,

मौसी: तू चिंता ना कर मैं इसका भी समाधान कर दूंगी अब तुम दोनों को खुश रखना मेरी जिम्मेदारी है,,,

रामो: मगर कैसे दीदी क्या यह संभव है कि गांव वाले हमारे रिश्ते को मान,,

मौसी: नहीं मेरी बहन गांव वाली है रिश्ता कभी नहीं स्वीकार करेंगे परंतु तुम्हें यह गांव छोड़कर कहीं दूर जाना होगा,, और वही पर अपना घर बसा कर रहना होगा इस समय तुम्हारे पास सब कुछ है प्यार पैसा सब कुछ और जिंदगी में जिस चीज की जरूरत होती है वह तुम्हारे पास है!!! गांव वालों को यदि पता चल तो वह तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे!!!!

रामो: दीदी जल्दी से कुछ करिए ना मुझे बहुत डर लगता है!!!

मौसी: डर मत जब तक मैं हूं अपनी जिंदगी की रंगीन रातों को और रंगीन बना और अपने पति को खुश रखें ताकि वह तेरे प्यार में ऐसा डूब जाए कि कभी बाहर ना निकले,,,

"रामू देवी अपनी बहन की बात सुनकर शर्म आ जाती है"और प्यार से ,

रामो: जी.. दीदी..

मौसी: अरे अभी भी शर्म आ रही है सच-सच बता रात मन भर गया ना पूरा था ना,, कुछ कमी तो नहीं रही????

रामो: क्या दीदी??

मौसी: पुरा गया था ना, छोटा तो नहीं पड़ा क्योंकि तेरी लंबाई को देखकर ऐसा लगता है छोटे-मोटे हथियार से तेरी गुफा को नहीं नापा जा सकता,,,,

रामो: क्या दीदी आप भी....

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"इतना सुनकर उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और वह अपने चेहरे को हाथों से छुपा लेती है!!!
Lazwaab update
Update: 59

"किशन अपनी मां की ओर ध्यान देकर तुरंत अपना मुंह उसकी टांगों के बीच योनि पर लगाकर उसे अपनी जीभ, चाट लेता है,,,

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रामो: हाए... दीदी.... ई.... कितने गंदे हो जी आप.....

"किशन के इस प्रकार गर्म जीप का स्पर्श पाकर उसकी मां के मुंह से सिसकारी गूंज उठती है! जिसकी आवाज किशन की मौसी के कानों तक सांप सुनाई देती है!!! जिसे सुनकर वह मन ही मन विचार करती है!!

General-Reasonable-Carp-size-restricted

मौसी: हे भगवान.. ऐसा लगता है यह दोनों तो अभी भी लगे हुए हैं?? कहीं कोई गांव वाला आ गया तो क्या होगा... मगर लगे भी क्यों ना किशन की गर्मी शांत करना तो अब उसकी मां की ही जिम्मेदारी है!!!

मौसी: किशन बेटा नाश्ता तैयार है दूध पीकर दंगल में चले जाना,,,

"यह कहकर किशन की मौसी शर्म से लाल हो अपने चेहरे पर एक कातिल मुस्कान लिए वहां से चली जाती है!! किशन के मां किशन के चेहरे को अपने हाथ में लेकर टांगों से दूर कर बाहर जाने के लिए कहती है किशन इस बार अपनी मां की बात मान कर कपड़े पहन,,, कर एक बार मुस्कुराकर अपनी मां को देख बाहर चला जाता है,,,

"रामो देवी, लंबी और गहरी राहत की सांस लेकर अपनी आंखें बंद कर लेती है। तभी उसे याद आता है कि उसने अपने पशुओं को अपनी सहेली केला देवी के पास 1 दिन के लिए बांध दिया था,, वह तुरंत अपने आप को कपड़ों से साफ कर अपने वस्त्र पहनती है परंतु उसे अपने बदन में हो रही पीड़ा और मीठे-मीठे दर्द से थकान का एहसास होता है।। उस मीठे दर्द में भी आनंद की एक लहर अपने बदन में वह महसूस कर मुस्कुराती है,, और बाहर जाकर देखती है उसकी बहन रसोई में कुछ काम कर रही थी किशन अभी स्नान करने के लिए,, गया हुआ था वह कुछ समय के लिए फिर से घर के अंदर आ जाती है और अपने आपको आईने में देख अपनी हालत पर हैरान,,, होते हुए सोचती है।।

रामो: हे भगवान. यदि यह पाप है।। तो भी मुझे किशन अपने पति के रूप में स्वीकार है और मैं उसे अपना सब कुछ दे चुकी हूं मैं आपसे प्रार्थना करती हूं की हमारी इस रिश्ते की लाज को बचा कर रख,,,

" वह हर पाप पुण्य किशन के लिंग की चोट से भूल चुकी थीं,, उससे अब किशन अपने पति के ही रूप में नजर आ रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे जवानी फिर से एक बार उसके शरीर में लौट आई है,, कुछ समय ऐसे ही व्यतीत हो जाता है किशन स्नान कर अपने दंगल के अभ्यास के लिए चला जाता है और उसकी मौसी अब दोपहर का खाना बनाने के लिए रसोई में तैयारी करती है रामो देवी,, स्नान करने के लिए मिट्टी से बने कच्चे स्नानघर में जाती है, उसे देख किशन की मौसी मन मन मुस्कुराती है और सोचती है।।

मौसी: लगता है किशन ने दबाकर चोट मारी है,, तभी तो चाल ही बदल गई इसकी,,,

"किशन की मां अपने आप को स्नान घर में जाकर नी बस्त्र करती है और एक बार अपने स्तनों की ओर ध्यान देती है तो उसे महसूस होता है कि जैसे उसकी छाती का उभार दोगुना हो चुका है!!!

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"वह अपने आप को अच्छे से साफ कर,, स्नान करती है और एक बार अपनी योनि को देखती है जो इस समय फुल कर पाव रोटी की तरह हो चुकी थी,, उस पर ध्यान जाते ही उसे एहसास होता है कि सुहागरात की च**** किसे कहते हैं,, फिर एक बार उसके मन में किशन का चेहरा और उसका लिंग आ जाता है इसका एहसास कर उसकी योनि में एक बार फिर से चीटियां रेंगती हुई महसूस होती है,, जिसे वह ठंडे पानी से अच्छे से साफ कर सिसकारी भरते हुए,,

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रामो: सी.... आह.... इतना पीटने के बाद भी... इसमें फिर से खुजली हो रही है... हाय किशन यह क्या कर दिया तूने मुझे....

"उसे फिर से महसूस होता है कि जैसे उसकी योनि कह रही हो कि उसके चाहने वाले से एक बार फिर से उसे मिला दे""""उसका ध्यान तब टूटता है जब उसके कानों में उसकी सहेली केलो , की आवाज गूंजती है,,,

कोलो: रामो ओ... रामो.. अरे आ गई क्या???? घूम कर?????

"केलो देवी,, की आवाज सुनकर किशन की मौसी बाहर आती है और देखती है कि बाहर दरवाजे पर उसकी बहन की सहेली खड़ी हुई है,, वह उसे अचानक देख डर जाती है और एक बार अपनी बहन को घर के अंदर देखती है वह उसे घर के अंदर ने पाकर,, सोचती है कि कहीं इस हाल में यदि उसे केलो ने देख लिया तो एक औरत को समझते देर नहीं लगेगी कि यह किसी के साथ रात बिता चुकी है,,, परंतु तभी उसका ध्यान जाता है कि उसकी बहन तो स्नान करने के लिए स्नानघर में गई थी,, राहत की सांस लेते हुए केला देवी से कहती है,,

मौसी: अरे आप आइए बैठे ना आपके लिए छाज,, लाती हूं,,

केलो: दीदी मैं छाज़ नहीं पीती,, मैं तो रामू से मिलने आई थी अगर वह आ गई हो तो अपने पशुओं को हमारे घर से ले आएगी क्योंकि मैं कुछ समय के लिए अपने मायके जा रही हूं,,,,

मौसी: हां हां वह आ गई है स्नान कर रही है तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए दूध लाती हूं,,

"केला देवी चारपाई पर बैठ जाती है और किशन की मौसी उसे बड़े प्यार से दूध देती है जो है पी लेती है इधर किशन की मां अपने बदन को अच्छे से साफ कर रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे किशन में मसल मसल कर उसके बदन का सारा मल एक ही रात में निकाल दिया हो,,

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"कुछ समय बाद रामू देवी स्नान कर बाहर आती है!! और अपनी सहेली को देख उसे प्यार से गले लगा लेती है!! किशन की मौसी केला देवी और उसकी मां उस समय इधर उधर की बातें करते हैं और फिर वह अपने पशुओं को उसके घर से लाकर अपने घर भाग लेती है,, तभी उसे अपने उस भैंस पर नजर पड़ती है जिसे किशन में उसके ही बेटे से हरि कराया था,,, वह मन ही मन सोचती है कि एक बेटा ही अपनी मां को संतुष्टि दे सकता है जिस प्रकार इस पैसे ने अपनी मां को संतुष्टि दी उसी प्रकार मेरे बेटे ने भी बरस से,, चल रही मेरे अंदर की कामाग्नि को संतुष्ट किया है,,,

"उधर किशन दंगल में अभ्यास प्रतियोगिता के दौरान सभी को देख रहा था परंतु उसका मन और दिल केवल अपनी मां के ही पास था उसे सुहागरात की हर बात और अपनी मां की सिसकारी भरते हुए चेहरे के भाव को अच्छे से महसूस हो रहे थे,, जिसका एहसास कर उसका लिंग फिर से पकड़ रहा था और उसे यह बस कर रहा था अपनी दुल्हन के पास जाने के लिए,, दोपहर हो चुकी थी,, और दोपहर के खाने का समय भी हो चुका था इधर किशन की मौसी और उसकी मां ने मिलकर दोपहर का खाना तैयार किया था किशन की मानी किशन की पसंद का ही खाना अपने हाथों से बनाया था और,, अपने आप को अच्छे से साफ कर एक हल्का सा सिंदूर किशन के नाम का बालों में छुपा कर रखा ताकि उसकी झलक भी किसी को ना पड़े,, गले में किशन के नाम का मंगलसूत्र अपने साड़ी के दुपट्टे से छुपा कर रखा था,,

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मौसी: अरे वाह कितनी सुंदर लग रही है ऐसा लगता है एक ही रात में इस फूल को खिला दिया है !! किशन ने,,,
रामो: दीदी क्या आपको लगता है कि हम यह रिश्ता छुपा कर रह पाएंगे,,,

मौसी: तू चिंता ना कर मैं इसका भी समाधान कर दूंगी अब तुम दोनों को खुश रखना मेरी जिम्मेदारी है,,,

रामो: मगर कैसे दीदी क्या यह संभव है कि गांव वाले हमारे रिश्ते को मान,,

मौसी: नहीं मेरी बहन गांव वाली है रिश्ता कभी नहीं स्वीकार करेंगे परंतु तुम्हें यह गांव छोड़कर कहीं दूर जाना होगा,, और वही पर अपना घर बसा कर रहना होगा इस समय तुम्हारे पास सब कुछ है प्यार पैसा सब कुछ और जिंदगी में जिस चीज की जरूरत होती है वह तुम्हारे पास है!!! गांव वालों को यदि पता चल तो वह तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे!!!!

रामो: दीदी जल्दी से कुछ करिए ना मुझे बहुत डर लगता है!!!

मौसी: डर मत जब तक मैं हूं अपनी जिंदगी की रंगीन रातों को और रंगीन बना और अपने पति को खुश रखें ताकि वह तेरे प्यार में ऐसा डूब जाए कि कभी बाहर ना निकले,,,

"रामू देवी अपनी बहन की बात सुनकर शर्म आ जाती है"और प्यार से ,

रामो: जी.. दीदी..

मौसी: अरे अभी भी शर्म आ रही है सच-सच बता रात मन भर गया ना पूरा था ना,, कुछ कमी तो नहीं रही????

रामो: क्या दीदी??

मौसी: पुरा गया था ना, छोटा तो नहीं पड़ा क्योंकि तेरी लंबाई को देखकर ऐसा लगता है छोटे-मोटे हथियार से तेरी गुफा को नहीं नापा जा सकता,,,,

रामो: क्या दीदी आप भी....

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"इतना सुनकर उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और वह अपने चेहरे को हाथों से छुपा लेती है!!!
Lazwaab update
 
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Pal bhai

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Updated:22

!: जैसे ही किशन अपनी मां की ओर देखता है उसकी नजरें किशन से मिलती है,,किशन से नजरें मिलाने के बाद रामादेवी घर के अंदर भाग कर जाती है,, किशन देखता है कि उसकी मां यह सब चुप कर देख रही थी अपनी मां को भागता देख किशन अपने वैसे को एक पेड़ से बांध देता है,वैसे को बांधने के बाद किशन चुपके से घर के अंदर जाता है और देखता है कि उसकी मां कहां पर है, रामू देवी जो चिपकी हुई दीवार की तरफ मुंह करके खड़ी हुई थीकिशन के घर के अंदर आते ही उसकी आवाज सुनकर उसे पता चल जाता है कि किशन उसके पीछे खड़ा है,,किशन अपनी मां के पास धीरे से कदमों पर चलता हुआ जाता है और उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लेता है किशन के ऐसा करने से रामू देवी का सर का पल्लू उसके सर से गिर जाता है,और बह लंबी सिसकारी भरते हुए किशन से कहती है


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रामू देवी : क्या कर रहा है किशन छोड़ दे मुझे यह गलत है,,

,,, किशन अपनी मां की बात सुनकर धीरे से उसके कान में कहता है,,।

किशन: कुछ भी गलत नहीं है तुमने देखा ना उस बच्चे ने अपनी मां को कैसे शांत किया।

रामा देवी: सी... सी... तू समझता क्यों नहीं किशन दुनिया की नजर में यह पाप है और मैं तेरी मां हूं यह कभी नहीं कर सकती।।

।। अपनी मां की बात सुनकर किशन उसका चेहरा अपने हाथ में लेकर अपनी और घुमाता है।



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,, और अपनी मां के चेहरे को बड़ी गौर से देखते हुए कहता है।

किशन: दुनिया की नजर में यह कुछ भी होगा लेकिन मैं अपने दिल से मजबूर हूं मुझे तेरे सिवा कोई और अच्छा नहीं लगता शादी तो मैं केवल समाज को दिखाने के लिए कर रहा हूं ना मगर प्यार तो तुझी से करता हूं मुझे तो बहुत सुंदर लगती है मां,,

।। किशन की बात सुनकर रामू देवी को एक बहुत बड़ा झटका लगता है और उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है ,, और वह किशन की आंखों में देखते हुए जानने की कोशिश करती है कि किशन की आंखों में प्यार है यह हवस या फिर यह उसकी उम्र का आकर्षण
फिर किशन को अपने आप से एक झटके से अलग कर देती है और उससे दूर हट कर बोलती है।

रामू देवी: किशन में तेरी मांऔर एक मां बेटे के बीच यह रिश्ता कभी जायज नहीं होता यह पाप है बेटा तू समझता क्यों नहीं है कि दुनिया वाले तुझे जीने नहीं देंगे,,मैंने तुझे तेरी जीत से मजबूर होकर अपने होठों को छूने दिया मगर इसका यह मतलब नहीं है कि तू सारी हदें पार कर दे और अपनी मान मर्यादा को भूल कर अपनी मां की इज्जत को भी तार-तार करते हैं।
तू जो सोच रहा है वह कभी नहीं हो सकता कि समय मैं तेरी मां हूं और माही रहूंगी यह पाप न कभी जिंदगी में नहीं कर सकती,,,,

,, अपनी मां की बात सुनकर किशन उसके करीब आकर उसकी आंखों में देखने लगता है और फिर उसकी आंखों में देखते हुए कहता है।।,,

किशन:मां अगर मुझे तेरा प्यार नहीं मिला तो मैं मर जाऊंगा मुझे केवल तेरा प्यार चाहिए मां केवल तेरा मैं तेरे साथ जीना चाहता हूं इस दुनिया में अगर मैं किसी से प्यार करता हूं तो सिर्फ तुझसे तुझसे प्यार करता हूं मां,, मैं तेरे बिना नहीं जी सकता मां,,

,,,किशन के करीब आते ही रामू देवी अपना पल्लू सही करती है और अपने सर को अच्छे से डरते हुए किशन से कहती है।।

रामा देवी: किशन यह केवल तेरी उम्र का आकर्षण है जो तू सोच रहा है वह तेरे मन का वहम है शादी होने के बाद यह सब तेरे दिल से निकल जाएगा बेटा और गीता से शादी होते ही तेरी जिंदगी खुशियों से भर जाएगी यह गंदे विचार अपने मन से छोड़ दे बेटा यह सब अच्छा नहीं है यह पाप है ।।

किशन:नहीं मां मैं केवल तुझसे प्यार करता हूं तुझसे और जब तक तुम मुझसे यह नहीं कहेगी कि तू भी मुझसे उतना ही प्यार करती है जितना मैं तुझसे करता हूं तब तक मैं इसी तरह दुखी रहूंगा मां और मेरे मन में हमेशा तेरे लिए यह प्यार चलता रहेगा मैं कभी अपनी जिंदगी सुख से नहीं कर सकता मां मुझे तेरा प्यार चाहिए तेरा प्यार केवल तेरा प्यार मा,,,,,,

,,,किशन के है बोलते ही उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह अपनी आंखों के आंसू अपने हाथ से पूछते हुए अपनी मां की ओर देखता है रामू देवी जो किशन की और बड़े ध्यान से देख रही थी किशन की आंखों में आंसू देख उस के दिल में न जाने क्यों एक प्यार की भावना जाग उठती है वह अपने बेटे को इस प्रकार रोता हुआ कभी नहीं देख सकती थीऔर मैं किशन को इस प्रकार रोता देख उसे करीब आकर उसे गले लगा लेती है और उसके कान में धीरे से कहती है।

रामू देवी:हे भगवान किशन तू इतना क्यों तड़प रहा है मेरे लाल ऐसा क्यों कर रहा है अपना ध्यान अपनी दंगल पर लगा मुझ पर नहीं तेरे मन में यह भावना कभी उत्पन्न नहीं होगी है तो मुझ पर ध्यान मत दे मेरे लाल ,,,

,, जैसे ही किशन की मां उसे अपने गले लगाती है किशन,,,, उसे अपनी बाहों में बड़ी मजबूती से पढ़ लेता है और उसके उन्नत स्तनों का आकर्षण उसकी छाती पर उसे महसूस होता है। और एक लंबी आह भरते हुए किसान अपनी मां से कहता है।

किशन: हाय... मां... तुझे गले लगा कर कितना सुकून मिलता है मां मन करता है कि बस तुझे अपनी बाहों में ही रखो,,

,,रामादेवी किशन की बात सुनकर शरमा जाती है,, और उसका बेटा फिर से कोई हरकत ना करें, यह सोचकर वह,,

रमो देवी: चल अब तो जाने से और तू मेरा बहादुर बेटा है। इस तरह आंसू ना बहाया कर,,।।

किशन: पर मां तूने मेरी बात का जवाब नहीं दिया,,

।। रामो देवी किशन की बात सुनकर समझ जाती हैं कि वह उसे इस तरह नहीं छोड़ने वाला,, और फिर उसके मन में एक विचार आया,, उसने किशन की कमर पर ज़ोर से नोचा जिससे किशन को दर्द का एहसास हुआ, और उसकी पकड़ ढीली पड़ गई किशन की पकड़ ढीली पड़ते ही उसकी मां किशन की बाहों से निकल कर, भागती हुई घर के बाहर चली जाती हैं,, रामों देवी को इस तरह भागता देख किशन की नज़र उसके थिरकते हुए नितम्बों पर जाती हैं, जिसे देख किशन के मुंह से एक, आह निकल गई और वह अपने मन में।।।

।। किशन,आह.... माँ क्या छलकती जबानी है,, एक दीन इस जबानी को मै कपड़े की तरह निचोड़ दूंगा,, तेरी कसम,,, मां,,।।

।। किशन से छूटने के बाद रामा देवी सीधा पेशाब घर में जाती है। और किशन कुछ देर अपनी मां के बारे में सोचने के बाद घर के बाहर चला जाता है,, रामादेवी जैसे ही अपना साड़ी और पेटीकोट उठाकर पेशाब करने के लिए बैठती है,,उसकी योनि से एक पेशाब की तेज धार निकलती है जिसके कारण उसे आज उस में मीठा मीठा दर्द महसूस होता है, हिसाब तो वह रोज करती थी लेकिन आज जो दर्द उसने महसूस किया था वह कभी उसने पहले नहीं किया,, रामादेवी उस तरफ ज्यादा ध्यान ना दे कर सीधा पेशाब घर से निकलकर घर के अंदर जाती है,,।।।



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।। और अपने मन में सोचने लगी,,।।

।। मन में।। यह किशन को क्या हो गया है। किसने सिखाई होंगी यह सब बातें उसको,,, क्या यह उसकी उम्र का आकर्षण है।। या फिर वह वाकई में मुझसे प्यार करने लगा है।। मगर एक बार बेटा अपनी मां से सब कैसे कर सकते हैं। कैसे प्यार भरी नजरों से मुझे देखता है क्या मैं वाकई में सुंदर...और एक छोटा सा आईना उठा कर उसमें अपने आपको देखती है।।।


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।। आईने में अपने आप को देखने के बाद उसे अपनी सुंदरता पर बड़ा गर्व होता है।। और वह खुद से ही शर्मा कर अपनी नजरें झुका लेती है और आईना रख देती है।।

।।क्या मेरा बेटा मुझसे बात ही नहीं सकता प्यार करता है अगर हां तो क्या मुझे भी इसके प्यार को स्वीकार कर लेना चाहिए,, नहीं... नहीं... कि मैं क्या सोच रही हूं यह पाप है। एक मां बेटे को इसकी इजाजत इस समाज कभी नहीं देता और और मैं अपने बेटे के साथ यह सब कभी नहीं कर सकती उसकी शादी होने के बाद बहस सब समझ जाएगा कि है केवल एक जवानी और उम्र का आकर्षण था,, यह सब सोचते हुए राम अभी भी अपना ख्याल से बाहर आती है और फिर घर के काम में लग जाती है।।

।।कल किशन और गीता की शादी है और रामू अपने घर में गीता की शादी की तैयारी कर रहा था शादी गांव के रीति रिवाज के अनुसार एक मंदिर में होनी थी जिसमें 5 गांव के सरपंच आने वाले थे और सभी गांव वाले उसमें उनका साथ देते हैं।।इधर किसी भी अपनी शादी की तैयारी में जुट चाहता है और पंडित से मिलने के लिए अपनी शादी के विचार करता है।।

।।किशन की मां जब तक किशन की शादी ना हो उससे दूर रहने का विचार बना लेती है और वह भी किस्म की शादी की तैयारियों में जुट जाती है।।

।।दोस्तों जैसा कि मैंने पहले ही आपको बताया था कि मेरे मोबाइल टूट चुका है अब मेरे अपडेट एक ही नाम और आईडी से आएंगे,,
Jabardast story h bhai
 
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