विक्रम ने इन एक सालों के दौरान बहुत सारी महिलाओं के साथ सेक्स किया लेकिन धीरे-धीरे उसका मन उचटता सा जा रहा है ऐसे कामों से । उसे तलाश है एक ऐसी लड़की की जिसके साथ वो अपनी जिंदगी शकून से बिता सकें ।
सही ही है उसके लिए । ऐसी जिंदगानी टेंशन और बिमारी के करीब लाती है । लेकिन क्या वो संस्था छोड़ सकता है ? क्योंकि बिना संस्था छोड़े शकून तो मिलनी नहीं है । और अगर संस्था छोड़ा तो संस्था वाले उसे आसानी से जीने नहीं देंगे ।
मां बाप के मैरिज सेरेमनी में उसके माता-पिता के दोस्तों का अपनी-अपनी पत्नी के साथ पुरी रात रूकने का फैसला संदेहास्पद लग रहा है । कहीं वो लोग स्वैपिंग क्लब के मेम्बर तो नहीं ?
लगता है कुछ बड़ा ही होने वाला है इस रात !
बहुत ही बेहतरीन अपडेट शुभम भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।