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Adultery C. M. S. [Choot Maar Service] ( Completed )

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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304
अंतिम भाग।।

बहुत ही बेहतरीन और शानदार।।

कहानी तो समाप्त हो गई लेकिन इसके पीछे ही बहुत सारे अनसुलझे रहस्य छोड़कर गई है, जो पाठकों के मन में हजारों सवाल उठाते हैं।

अब जबकि विक्रम को पूरी सच्चाई पता चल चुकी थी अपने माँ बाप की तो उसके मन में झंझावात चल रहा था, क्योंकि उसने अपने माँ बाप और उनके दोस्तों का असली चेहरा और असली मकसद देख और सुन लिया था। शारीरिक भूंख होती ही ऐसी है जो अच्छे से अच्छे इंसान की नीयत खराब कर देती है, विक्रम का तो मान लेते हैं कि उसकी उम्र इस समय ऐसी थी कि उसके मन मे इन सब की जिज्ञासा थी और जब उसे ये मौका मिला तो उसने इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया।

लेकिन उसके मां बाप और उनके दोस्त को क्या हो गया था। वो किस मानसिकता के शिकार हो गए थे जो उन्होंने संस्था जॉइन की। जॉइन करने की बात तो छोड़िए सभी की माँएं अपने ही बेटों के साथ सेक्स करने की गंदी मानसिकता पाले बैठी थी। यही सब सोचते हुए विक्रम अपने होशो हवस खोने लगा। उसने अपने सवालों के जवाब जानने के लिए अपने माता पिता से ही बात करना सही लगा। जो कि उसका सही निर्णय है, क्योंकि अब इतना तो उसके मां बाप भी समझ चुके यह कि विक्रम को सब पता है।

लेकिन कहानी में ट्विस्ट और मोड़ तब आया जब विक्रम घर आया अपने माता पिता से बात करने के लिए। लेकिन यहां तो उसके माता पिता खूब से लथपत मिले, जो भी गुनाह करता है उसे उसकी सजा जरूर मिलती है और विक्रम के माता पिता को भी उसकी सजा मिली। जैसा कि विक्रम को ही उसके मां बाप का हत्यारा ठहराकर सज़ा दी गई थी, लेकिन वास्तव में उसने अपने माँ बाप का कत्ल नहीं किया बल्कि उसे फंसाया गया है।। उसके मां बाप के दोस्तों में से ही या संस्था के किसी अन्य सदस्य ने विक्रम के माँ बाप की हत्या की है, और विक्रम को फंसा दिया। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो उसके पापा के दोस्त विक्रम से मिलने जेल में जरूर जाते।।

बहरहाल कहानी तो यहां पर समाप्त हो गई है, लेकिन कुछ सवालों के जवाब शायद इस कहानी के दूसरे अध्याय में मिल जाए। शिद्दत से इंतजार रहेगा दूसरे अध्याय का।
 
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यह तो घुम फिर कर हम वापस वहीं आ गए जहां से चले थे । इस अपडेट से सिर्फ यह क्लियर हुआ कि विक्रम ने अपने माता-पिता की हत्या नहीं की थी ।
अगर विक्रम ने हत्या नहीं की थी तो फिर किसने हत्या की थी ? यह भी तो क्लियर नहीं हो पाया कि उसके माता-पिता ने आत्महत्या की थी ।

इतने सालों तक बेगुनाह होते हुए भी सलाखों के पीछे रहा वो । आखिर उसने कोर्ट में अपनी बेगुनाही की फरियाद क्यों नहीं की ?
अगर किसी ने षड्यंत्र किया था और उसके माता-पिता की हत्या की गई थी तो जेल में रहकर बदला कैसे लेता वो ? वो इतने सालों तक चुपचाप कैसे रह गया ? जेल से फरार होने की भी कोशिश नहीं की ।

बहुत सवाल बाकी रह गए हैं । बीग बॉस कौन है ? उसके माता-पिता के साथ असल में क्या हुआ था ? उसके माता-पिता के दोस्तों का क्या अंजाम हुआ ? उसके दोस्त के विदेश जाने की असल मंशा क्या थी ?
उसके जेल से रिहा होने के बाद जो जो लोग उसके बारे में तहकिकात कर रहे थे , वो कौन थे ?
जेल से बाहर आने के बाद उसने किस की हत्या कर दी थी ?

जल्दी ही इस कहानी का दूसरा भाग लिखना शुरू कर दिजिए शुभम भाई !
कहीं ऐसा तो नहीं कि आप भी वेद प्रकाश शर्मा और सुरेंद्र मोहन पाठक के " विमल सीरीज " की तरह किश्तों में लिखने का मन बना लिया है ? :D

वैसे अपडेट हमेशा की तरह आउटस्टैंडिंग था । परफेक्ट थ्रीलर कहानियों की तरह ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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लेकिन उसके मां बाप और उनके दोस्त को क्या हो गया था। वो किस मानसिकता के शिकार हो गए थे जो उन्होंने संस्था जॉइन की। जॉइन करने की बात तो छोड़िए सभी की माँएं अपने ही बेटों के साथ सेक्स करने की गंदी मानसिकता पाले बैठी थी। यही सब सोचते हुए विक्रम अपने होशो हवस खोने लगा। उसने अपने सवालों के जवाब जानने के लिए अपने माता पिता से ही बात करना सही लगा। जो कि उसका सही निर्णय है, क्योंकि अब इतना तो उसके मां बाप भी समझ चुके यह कि विक्रम को सब पता है।
Vikram aur uske dosto ke parents kis maansikta ke shikaar the is sawaal ke jawaab ke liye gahraai se sochne ki zarurat hai. Duniya me insaan koi kaam kis liye karta hai? Zaahir hai ya to apni khushi ke liye ya fir kisi majburi ke tahat. Sambhav hai ki sabhi ke parents ne bhi isi soch aur mansikta ke tahat C. M. S. Jaisi sanstha ko join kiya raha ho. Halaaki is bare me abhi bhi is kahani me puri tarah clear nahi hua hai lekin ek yathaarth wali baat to hai hi ki insaan koi bhi kaam kyo karta hai? :D
बहरहाल कहानी तो यहां पर समाप्त हो गई है, लेकिन कुछ सवालों के जवाब शायद इस कहानी के दूसरे अध्याय में मिल जाए। शिद्दत से इंतजार रहेगा दूसरे अध्याय का।
Kahani apne title ke hisaab se puri ho gai thi is liye use yahi par viraam diya. Baaki jo kuch rah gaya hai wo new title ke sath iske 2nd part me dikhega. Khair shukriya is Khubsurat sameeksha ke liye :hug:
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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यह तो घुम फिर कर हम वापस वहीं आ गए जहां से चले थे । इस अपडेट से सिर्फ यह क्लियर हुआ कि विक्रम ने अपने माता-पिता की हत्या नहीं की थी ।
अगर विक्रम ने हत्या नहीं की थी तो फिर किसने हत्या की थी ? यह भी तो क्लियर नहीं हो पाया कि उसके माता-पिता ने आत्महत्या की थी ।

इतने सालों तक बेगुनाह होते हुए भी सलाखों के पीछे रहा वो । आखिर उसने कोर्ट में अपनी बेगुनाही की फरियाद क्यों नहीं की ?
अगर किसी ने षड्यंत्र किया था और उसके माता-पिता की हत्या की गई थी तो जेल में रहकर बदला कैसे लेता वो ? वो इतने सालों तक चुपचाप कैसे रह गया ? जेल से फरार होने की भी कोशिश नहीं की ।
Last update padhne ke baad ye saare sawaal zahen me ubharna swabhaavik hai bhaiya ji. Sabse bada sawaal yahi ki agar vikram ne hatya nahi ki thi to usne 20 saal jail me khamoshi se kaise guzaar diye? Usne jail se bhaagne ki ya high court me apni begunaahi ki fariyaad karne ki koshish kyo nahi ki? Ye sawaal waazib hain kintu iska jawaab yahi hai ki vikram aisi maansik awastha me hi nahi tha. Use is baat ka gahra sadma laga hua tha ki uske mata pita aisi sanstha ke member the jiski wo kalpana bhi nahi kar sakta tha. Sirf member hote to theek tha kintu apne hi bete ke prati aisi hasrat paale baithe jo had darze ka paap tha. Dusre wo dono uske sawaalo ka jawaab diye bina duniya se chale gaye. Uska apna koi nahi raha, uske andar kisi tarah ki koi ummid koi khwaahishe nahi rahi. Wo is sabse kabhi ubar hi nahi paaya aur jab ubra hi nahi to jail se bhaagne ka ya apni begunaahi ke liye koi fariyaad karne ka wo kaise sochta? Lekin jaisa ki usne last me bataya ki 20 saalo baad jab use jail se riha kar dene ka pata chala to sahsa uska zahen bahut kuch sochne ke liye sakriya ho utha aur fir usne saari cheezo ko gahraai se sochna shuru kar diya jisme use samajh aaya ki kya sach tha aur kya jhooth. :dazed:
बहुत सवाल बाकी रह गए हैं । बीग बॉस कौन है ? उसके माता-पिता के साथ असल में क्या हुआ था ? उसके माता-पिता के दोस्तों का क्या अंजाम हुआ ? उसके दोस्त के विदेश जाने की असल मंशा क्या थी ?
उसके जेल से रिहा होने के बाद जो जो लोग उसके बारे में तहकिकात कर रहे थे , वो कौन थे ?
जेल से बाहर आने के बाद उसने किस की हत्या कर दी थी ?
In saare sawaalo ke jawaab ske second part me hi milenge bhaiya ji. :D
जल्दी ही इस कहानी का दूसरा भाग लिखना शुरू कर दिजिए शुभम भाई !
कहीं ऐसा तो नहीं कि आप भी वेद प्रकाश शर्मा और सुरेंद्र मोहन पाठक के " विमल सीरीज " की तरह किश्तों में लिखने का मन बना लिया है ? :D

वैसे अपडेट हमेशा की तरह आउटस्टैंडिंग था । परफेक्ट थ्रीलर कहानियों की तरह ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।
Jin mahaan hastiyo ka aap naam le rahe hain unka lesh maatra bhi nahi hu main. Khair yakeen maaniye mera koi irada nahi tha ki is kahani ka 2nd part banaau. Kahani aisi jagah par aa gai ki title ke hisaab se use yahi par rokna maine uchit samjha tha aur yahi vajah thi ki iske 2nd part ka fir khayaal bhi aaya. Khair Abhi to Dark Love story ko complete karuga, uske baad hi iska 2nd part shuru karuga. Samay ka bahut hi zyada abhaav hai. Sochta bahut kuch hu karne ke liye lekin samay hi nahi mil pata. Bas aapka pyar aur ashirwaad sath hai to ye sab chal raha hai. Shukriya is Khubsurat sameeksha ke liye :hug:
 
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