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अगले दिन सुबह ही सोनिया को आना था। मैं उसे स्कूल से दस बजे जाकर ले आया।
अबकी बार सोनिया को देखने का मेरा नज़रिया ही कुछ और था। मैं रास्ते भर उसे अपनी आँखों से नंगा करता रहा, और सोनिया मुझे अपनी ट्रिप के बारे में बताती जा रही थी।
उसे क्या मालूम था कि उसकी माँ और मेरे बीच में क्या सम्बंध बन चूके थे जिस के कारण मुझे उसके बदन की कुँवारी नशीली शराब पीने को मिलने वाली थी।
घर आ कर सोनिया बोली "भैया मैं तो नहा धो कर एक चाय पीयूँगी और सोऊंगी।
मेरे प्यारे भैया! मैं इतने नहा कर आती हूँ, तुम मेरे लिये चाय बना दो।"
मैंने कहा "कोई बात नहीं तू आराम से नहा ले।”
मेरे दिमाग में तो सिर्फ़ सोनिया को चोदने का नज़ारा घूम रहा था। एका एक मुझे एक आइडिआ सुझा जो मैंने एक किताब में पढ़ा था।
सोचा क्यों ना ट्राईई मार के देखूँ।
यही सोच के मैं चुप-चाप मीना चाची के कमरे में गया और निंद की चार- पाँच टैबलेट ला कर सोनिया की चाय मे मिला दी मुझे
मीना चाची ने कल ही बताया था कि जब कई बार वोह रात को चुदाई के लिये बहुत परेशान हो जाती थीं और सो नहीं पाती थीं तो वोह नींद की गोली लेकर सो जाती थीं।
इतने में सोनिया भी नहा-धो कर बाहर आ गयी थी। मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है कि लड़कियाँ और औरतें, बहन की लौड़ियाँ इतने सैक्सी कपड़े क्यों पहनती हैं कि जिससे मर्द बेकाबू हो जाये।
क्या हर औरत मन ही मन यह चाहती है कि कोई उसे चोदे? सोनिया ने भी ऐसी नाइटी पहनी हुई थी जो फ्रंट ओपेन थी और जिस से सिर्फ उसके चूत्तड़ और आधी जाँघें छिप रही थी और स्लीवलेस होने के कारण उसकी बगल के छोटे-छोटे रोंए दिख रहे थे। नाइटी का कपड़ा इतना मोटा नहीं था, जिसके कारण उसकी छाती पर उठ रही नोकों से मालूम पड़ रहा था कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी, और जब वोह चौकड़ी मार कर मेरे सामने पलंग पर बैठी तो मेरा तो बुरा हाल हो गया।
उसकी चिकनी जाँघें और चड्डी में कसे हुए उसके चूत्तड़ और चूत की मछलियों को देख कर मेरा लंड तन गया।
मैंने बड़ी मुश्किल से अपने ऊपर चद्दर डाल कर खुद को शरमिन्दा होने से बचाया।
चाय पीते समय सोनिया ने बताया कि अबकी बार उसे ट्रिप में बहुत मज़ा आया और उसने अपनी सहेलियों के साथ खूब मस्ती करी।
थोड़ी देर में वोह बोली, "भैया मुझे बहुत जोर से नींद आ रही है, मैं तो अपने कमरे में सोने जा रही हूँ।"
मैंने करीब आधा घंटा वेट करा और अपने कमरे में बिस्तर पर लेट कर अपने लंड को मीना चाची के हाई हील के सैंडल से सहलाता रहा।
उसके बाद मैं उठा और सोनिया के कमरे कि तरफ गया। सोनिया ए.सी. चला के आराम से दरवाजा बंद करके सो रही थी।
मैंने चुप-चाप दरवाज़ा खोला और कमरे में घुस गया। सोनिया बड़े आराम से बिस्तर पे पीठ के बल हो कर सो रही थी और उसकी नाइटी जो पहले से ही छोटी थी, और उठ कर उसकी नाभी तक चड़ गयी थी, जिससे कमर के नीचे का सब कुछ दिख रहा था।
उसकी चड्डी में छुपी हुई चूत के उभार साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। मेरा तो मादरचोद लंड साला हरामी, देख कर ही खड़ा हो गया। मैंने सोनिया के पास जा कर उसके कंधे पकड़ कर थोड़ा जोर से हिलाया और बोला
“सोनिया देख तेरी सहेली का फोन आया है।" सोनिया की कुछ फरक नहीं पड़ा। वोह तो बस बे-खबर ही कर सोती रही।
मैंने फिर भी अपने को पक्का करने के लिये फिर से उसे ज़ोर से आवाज़ दी और हिलाया पर उसको नींद की गोली के कारण कोई असर नहीं हुआ।
मैंने सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो कर सोनिया की नाइटी के आगे के बटन खोलने लगा और एक एक करके सारे बटन खोल दिये।
दोस्तों, उस समय मेरे हाथ काँप रहे थे क्योंकी आज मैं इतनी हिम्मत करके सोनिया का गोरा दूधिया बदन देखने जा रहा था जिसकी चड्डी और ब्रा सूंघ-सूंघ कर खूब मुठ मारा करता था।
सोनिया एक दम दूध की तरह गोरी थी और आज से पहले मैं बहुत तड़पा था उसका नंगा बदन देखने के लिये। नाइटी के सारे बटन खुलते ही उसके छोटे-छोटे मस्त खिलौने नंगे हो गये और मैंने देखा कि सोनिया के निप्पल भूरे नहीं बल्कि पिंक थे। सोनिया अब सिर्फ मेरे समने एक चड्डी में लेट कर बे-खबर सो रही थी। मैंने झुक के अपने होंठ खोल के सोनिया के गुलाबी निप्पल अपने होंठों में दबा लिये और उसकी जवान, अभी तक अनछूई मस्त ३२ सैज़ की चूँची अपने हाथ में भर ली।
मीना चाची की बड़ी बड़ी गदरायी हुई चूचियों को दबाने के बाद जब मैंने सोनिया की चूचियाँ दबाईं, तब मालूम पड़ा कि साली लौंडिया कि चूँची क्या चीज़ होती है।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी सख्त अनार को पकड़ लिया हो। दूसरा हाथ मैंने सोनिया की चड्डी में डाल दिया और उसकी बूर को अपने हाथों से फील करने लगा।
सोनिया की चूत पर मेरा हाथ टच होते ही मैं तो ऐसा गन-गनाया कि मैंने सोनिया के मस्त कचे अनार छोड़ कर दोनों हाथों से उसकी चड्डी उतारने लगा। माँ कसम दोस्तों !
क्या साली कुँवारी बूर थी मेरी आँखों के सामने झूठ नहीं बोलूँगा, इच्छा तो यह करी कि उसकी टाँगें खोल के अपना लौड़ा सरका दूं उसकी कसी चूत में, पर मीना चाची की इन्सट्रक्शन याद आ गयी।
सोनिया की कुँवारी चूत होने के कारण उसकी बूर के लिप्स अभी तक खुले नहीं थे, बल्कि बड़े कायदे से एक लैन में थे और उसके ऊपर उसकी रेशमी झाँटें एकदम ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने धारदार चूत को छिपाने के लिये एक मखमली कारपेट बिछा दिया हो।
मेरा तो लौड़ा बुरी तरह से अकड़ गया था। मैं भी बिना समय गँवाये मौके का पूरा लाभ उठाना चाहता था और मैं पूरा नंगा सोनिया के ऊपर चढ़ गया।
मेरा लंड एकदम सोनिया की रेशमी झाँटों के कार्पेट पर लग गया था।
मैंने मारे मस्ती के सोनिया के पूरे नंगे बदन को अपनी बाहों में कस कर भर लिया और उसके नरम रस भरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उन्हें चूसने लगा।
सोनिया की चूचियाँ इतनी सख्त थीं कि मेरी छाती में उसके निप्पल चुभ रहे थे और वोह कसे हुए अनार जो मेरे सीने से लग कर थोड़े से दब गये थे, बहुत ही प्यारा सुख दे रहे थे।
मेरा बदन ती मारे मस्ती के काँप रहा था और मैंने अपने आप को थोड़ा सम्भालने के लिये एक सिगरेट जलाई और उसके ऊपर अपना लंड घिसने लगा।
शुरू में तो मेरी यह हालत थी कि बस अभी रस निकला, पर बड़ा कैंट्रोल करने के बाद मैं अब बड़े आराम से उसकी रेशमी झाँटों में अपना लंड घिस रहा था। दोस्तों ! इतना मज़ा आ रहा था कि कलपना करना भी मुशकिल है। सिगरेट खतम होने के बाद मैंने अपने मुँह में उसकी चूँची भर ली और जोर-जोर से चूसना चालू कर दिया।
चूचियों का टेस्ट इतना नशीला था कि इतनी देर से रोका हुआ मेरे लंड का लावा पूरा सोनिया के पेट पर निकल गया और मैं भी परवाह किये बिना सोनिया कि तन्नाई हुई चूचियाँ चुसने में लगा रहा।
दोस्तों मैंने किताबों में सिर्फ पढ़ा था कि जवान चूँची चूसने से लंड तन्ना जाता है पर मैंने तो उस समय खुद अनुभव किया कि मादरचोद मुश्किल से तीन या चार मिनट में फिर से गन्ना बन गया।
मैंने उठ कर कपड़े से सोनिया का पेट साफ करा और एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर सोनिया के होंठों पर घिसनेलगा।
क्या सनसनाहट हो रही थी कि मेरा लंड और कस गया। करीब पाँच-दस मिनट बाद मैंने सोनिया कि टाँगें खोलीं और उसकी जाँघों को चूसता हुआ अपनी जीभ उसकी कुँवारी बूर पर ले गया।
मैंने भी अपनी जीभ की धार सोनिया के बूर की दरार पर खूब घीसी। बाद में जब मस्ती बढ़ गयी तब मैंने अपने होंठ पूरे चौड़े किये और सोनिया की मस्तानी चूत अपने मुँह में भर ली और चूसाई चालू कर दी। क्या मादक सुगंध आ रही थी। मैं तो जन्नत में था। करीब आधा घंटा बूर का मज़ा अपनी ज़ुबां से लूटने के बाद मैं उसकी खुली टाँगों के बीच बैठ गया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर दूसरे हाथ से अपना सुपाड़ा सोनिया की चूत के लिप्स खोल कर घिसने लगा।
थोड़ी ही देर में लौड़ा इतना उबाल खा गया कि इससे पहले मैं रोक पाता सोनिया के खुले लिप्स के उपर ही मेरा लंड झड़ गया। मैंने करीब दो घंटे सोनिया के शरीर के साथ जी भर के खेला, और बाद में फिर से उसे चड्डी पहना कर और नाइटी ढंग से बंद कर के मैं बाहर आ गया और टी.वी. देखने लग गया।
To Be Continued...
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सोनिया करीब शाम को पाँच बजे उठी और उन ही कपड़ों में मेरे पास आ कर बैठ गयी और बोली " भैया शरीर बहुत दुख रहा है।"
मैने कहा "कोई नहीं सोनिया थोड़ा सा सुस्ता ले अभी तू ट्रिप से आयी है इसके लिये थकान ज्यादा हो गयी है।"
सोनिया वहीं पर मेरी जाँघों का सहारा ले कर लेट गयी और सुस्ताने लगी। थोड़ी देर बाद वोह उठी और फ्रेश होने के लिये चली गयी। शाम के साढ़े सात बज चुके थे।
मैं मीना चाची के कमरे से व्हिस्की कि बोत्तल ले आया और अपने वासते एक पैग बनाया और टी. वी. देखने लगा। इतने में सोनिया बाहर आयी और मुझे पीते देख बोली,
“भैया आप कब से पीने लग गये, मैं पापा-मम्मी से आपकी शिकायत कर दूंगी।"
मैंने कहा, "सोनिया तेरी मम्मी को मालूम है। मैं कभी-कभी उनके साथ छुप कर पी लेता हूं।
मैंने सोनिया को नहीं बताया कि तेरी मम्मी ने ही मुझे हफ़्ते भर पहले पीन सिखाया है। “ और मेरी प्यारी बहन तू क्या मेरी शिकायत करेगी! सची में?”
तब सोनिया बड़े ही शरारती मूड में मुझसे बोली,
“एक शर्त है!
आपको मुझे भी टेस्ट करानी पड़ेगी।"
मेरे को तो जैसे मन माँगी मुराद मिल गयी। मैंने कहा “चल तू बैठा। मैं तेरे लिये एक पैग बना कर लाता हूं।
मैंने अंदर जा कर तीन पैग के बराबर एक पैग बनाय और बाहर आ कर सोनिया को दे दिया। सोनिया एक दम मेरे बगल में बैठी और पहला घूँट उसने ऐसे पीया जैसे कोई कोका कोला हो।
पूरा आधा ग्लास एक झटके में पी गयी। फिर बोली,
"क्या भैया यह तो कड़वा है।" मैंने कहा "कोई नहीं, आराम से एक एक घूँट भर के पी तब मज़ा आयेगा।"
टी.वी. पर रोमांटिक फिल्म चल रही थी। मैं मीना चाची के रूम से जा कर सिगरेट ले कर आ गया। सोनिया पर अब खुमारी चड़नी चालू हो गयी थी।
मैंने जब अपने वास्ते एक सिगरेट जलाई तो वोह बोली, "भैया ये आप को क्या हो गया है, पहले शराब, फिर सिगरेट।"
मैंने कहा, “सोनिया शराब का मज़ा दूगना हो जाता है स्मोक करने से।"
उसने मेरे हाथों से सिगरेट छीन कर एक जोरदार कस लगाया पहली बार पीने के कारण उसको खाँसी लग गयी।
मैं एकदम घबरा उठा और उसकी पीठ सहलाने लगा और पेट के ऊपर हाथ ले जा कर उसे पीछे आराम से सोफे पर बैठाने की कोशिश करने लगा।
नाइटी का कपड़ा चिकना होने के कारण मेरे हाथ फिसल गये और उसकी पूरी लैफ्ट साइड की चूँची मेरे हाथ में आ गयी।
सोनिया ने उसका कुछ बूरा नहीं माना और मैं भी उसकी चूँची दबाये हुए सोफे पर पीछे खींच लाया और बोला, "सोनिया ऐसे थोड़ी पी जाती है। देख मैं बताता हूं कि कश कैसे लिया जाता है।"
सोनिया शायद खाँसी से थोड़ा घबरा गयी थी। इस कारण वोह मेरी बाहों का सहारा ले कर मेरे आगोश में बैठ गयी। पहले तो मैंने उसे उसका पैग दिया और बोला
“ले एक घूँट लगा ले, थोड़ा सा आराम मिलेगा और फिर एक कश लगा।"
दो-तीन बार कश लगाने के बाद सोनिया को मज़ा आने लगा और बोली,
"भैया मुझे एक पैग और दो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।" मैंने फिर से पहले जैसा पैग बना कर सोनिया को दे दिया।
अब वोह पैग और सिगरेट तो ऐसे पी रही थी जैसे कब से किया और दिया था और ऐसी थी जो अचानक उसने मेरे पूछा
" भैया ये लंड क्या पेनिस किसको कहते है?"
मैं तो सोनिया के मुँह से लंड सुन कर हक्का बक्का रह गया। मैंने कहा,
“तेरे को यह किसने बताया ?"
सोनिया बोली,
“मेरी सहेली पिंकी ने मुझे बताया है कि लंड लेने में बड़ा मज़ा आता है।
वोह बता रही थी कि यह सब आदमियों के पास होता है और इसे जब आदमी, औरत की वैजाइना में घुसेड़ता है, उसे चोदना कहते हैं जिसमे बड़ा मज़ा आता है और उसी से बच्चा भी होता है।
वोह अपने नौकर का खूब लंड लेती है।
बताओ न भैया ये लंड क्या पेनिस को कहते हैं जो मैंने अपनी बायलॉजी की बुक में देखा है?
तुम्हारे पास भी तो होगा, मैं देखना चाहती हूँ।"
मुझे सोनिया के इस भोलेपन पर हँसी आ गयी।
मैंने कहा “तुम सहेलियाँ आपस में ऐसे बातें करती हो तो वोह एकदम बोली "
भैया आप भी एक दम अनाड़ी हो। मैंने बताया तो था सुबह कि अब की बार ट्रिप पर बहुत मज़ा आया। अबकी पहली बार हम सबने यह बातें करी और पता है भैया?
हम चारों को एक रूम मिला था और पिंकी इतनी बदमाश है उसी ने हम सबको यह सिखाया है। वो ही रात को हमारे सारे कपड़े उतार कर छुपा देती और फिर कहती थी कि एक एक करके मेरे ऊपर अपना बदन घिसो और जब मैं कहूँ कि जा कर वहाँ से कपड़े ले लो तब तुम जा सकती हो।
तीसरे दिन तो भैया उसने कमाल ही कर दिया। मैं सहेलियों में गोरी हूँ तो उसने मुझे अपने नीचे लिटा लिया और बोली- सोनिया तुझे तो नंगा देख कर ही किसी का भी लंड झड़ जायेगा, अब तू चुप-चाप पड़ी रह और उसने मेरी वैजाइना पर अपना मुँह लगा दिया और अपनी जीभ से चाटने लगी। भैया बहुत मज़ा आया था। गोरी होने के कारण रोज़ तीनों मिल कर मेरे ऊपर चड़ती थीं और मुझे चूसती थीं।
आज मैं जब से सो कर उठी हूं मेरे पूरे बदन में फिर से वैसी ही हूं बेचैनी हो रही है जो मुझे तब होती थी जब मेरी सहेलियाँ मेरे साथ अपना बदन घिसती थीं।"
मैंने भी सोचा, मौका अच्छा है और सोनिया को बोला कि “मैं तुझे अपना लंड दिखाऊँगा तो मुझे क्या मिलेगा?
सोनिया फट से बोल पड़ी "जो आप लेना चाहो ।"
मैने कहा
"जो मैं बोलूंगा तुझे मेरी बात माननी पड़ेगी और जैसे-जैसे मैं कहूँ वैसे ही तुझे करना पड़ेगा।
बोल तैयार है तो मैं अपना लंड दिखाऊँ" सोनिया तो एकदम उतावली हो रही थी।
मैंने उसे अपने सामने खड़ा करा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और अपने दोनों हाथ उसकी चड्डी में डाल कर उसके मस्त चूत्तड़ों को दबाने लगा। सोनिया ने भी अपना मुँह खोल दिया था और में बड़े आराम से उसकी जीभ चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने अपने हाथ उसकी चड्डी पर से हटाये और उसकी नाइटी खोल दी और उसको सिर्फ चड्डी पहने रहने दिया।
मैंने भी उसको छोड़ के अपने बदन पर चड्डी के अलावा सारे कपड़े उतार दिये। सोनिया को शराब के नशे में होश भी नहीं था कि मैं उसको नंगा कर चुका हूँ।
बाद में मैंने उसकी चड्डी उतार दी और उसकी दरार पर अपना हाथ फेरने लगा। जैसे ही मैंने उसकी दरार पर हाथ फेरा तो सोनिया का थोड़ा सा नशा टूटा और वोह बोली
“क्या भैया आपने तो मुझे नंगा कर दिया पर अभी तक अपना लंड नहीं दिखाया। यह बात गलत है।" मैंने जल्दी से अपनी चड्डी उतारी और अपना मोटा तगड़ा तंदुरूस्त लंड उसके हाथों में दे दिया। सोनिया को तो मानो लकवा मार गया। वोह बोली,
“भैया यह इतना सख्त बड़ा और मोटा कैसे हो गया।"
तब मैंने सोनिया को बड़े प्यार से अपनी जाँघों पर बिठाया और उसकी पुश्त चूचियों को अपने हाथों में भर कर समझाया कि
“जब बूर यानि वैजाइना में लंड जाता है तो उसे चुदाई और चूदाने के बाद बूर को चूत कहते हैं और मर्द के लंड से जो जूस निकलता है उसी से बच्चा होता है।
मर्द लोग को जब चूत नहीं मिलती और बहुत जोश में होते हैं तो वो अपने हाथ पर क्रीम लगा कर अपने लंड को कसकर पकड़ लेते हुए आगे-पीछे करते हैं, जिसे मुठ मारना कहते हैं।
इस तरह औरते भी जब मस्ती में होती हैं तो वोह अपनी जाँघें चौड़ी करके अपनी उँगली पर थूक लगा कर अपनी चूत के दाने को खूब मसल मसल के अपनी आग ठंडी करती हैं।
कई औरतें अपनी चूत में गाजर, केला य बैंगन डाल कर अपनी प्यास बुझाती हैं।"
सोनिया बड़े आश्चर्य के साथ पूछी,
To Be Continued...
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Apka Pyara GOLU mast update bro
"भैया इतना बड़ा और मोटा इतने छोटे से छेद में कैसे जायेगा। पिंकी तो कह रही थी कि लंड सिर्फ़ पाँच-छे इन्च लम्बा होता है और करीब एक डेढ़ इन्च मोटा होता है।"
मैंने कहा,
"तू अभी यह मत सोच, समय आने पर तू बड़े प्यार से अपने अन्दर लेगी, और तरसेगी कि और मिल जाये।
पर अभी तू वक्त मत खराब कर अभी तू इसे लॉलीपॉप की तरह अपने मुँह में लेकर चूस और जब तक मेरा जूस नहीं निकल जाता, तू इसे चूसती रहना और मेरा पूरा जूस पी जाना और मेरे मुंह पर अपनी बूर रख दे।
मैं भी तेरी कुँवारी बूर का पानी पीना चाहता हूं।"
सोनिया को मुँह में लेने में थोड़ी सी तक्लीफ हुई क्योंकी मेरा लंड मोटा था और अभी उसके मुँह छोटा था पर धीरे-धीरे सरकाने पर वोह बड़े आराम से अपना मुँह ऊपर नीचे करते हुए चूसने लगी।
मैंने भी सोनिया के दोनों चूत्तड़ अपने हाथों में ले लिये और उनको मसलते हुए उसकी ताज़ी जवान खुशबूदार बूर पर अपने होंठ चिपका दिये और सोनिया की तरह मैं भी उसकी चूत तबियत से चूसने लगा।
करीब आधा घंटा एक दूसरे की चूसाई के बाद मेरा लंड अपनी धर उसके ताजे मुँह में देने को तैयार था और इधर सोनिया का भी मस्ती के मारे बुरा हाल था।
वोह अब आगे पीछे होते हुए मेरे मुँह पर अपनी बूर जोर से घिस रही थी। मैंने उसका सिर अपने हाथ ले जा कर लंड पर दबा दिया और पिचकारी छोड़ दी।
सोनिया ने भी लंड बाहर नहीं निकाला और मेरा पूरा जूस पी गयी। मैंने भी अपनी जीभ की स्पीड और बूर की चूसाई तेज़ कर दी और तभी सोनिया ने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला और जोर से आहा की किलकारी मारते हुए मेरे मुँह में अपना जूस निकाल दिया।
हम दोनों थोड़ी देर इस अवस्था में पढ़े रहे और फिर बाद में नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सोफे पर बैठ गये और स्मोक करने लगे।
मैंने बड़े प्यार से सोनिया का चेहरा उठा कर पूछा, “कैसा लगा अपने भैया का लंड और चूसाई?
मज़ा आया कि नहीं?"
वोह शरमाते हुए बोली, “भैया आप बड़े बदमाश हो, पर सची में इतना आनंद तो मैंने आज तक महसूस ही नहीं किया।
पिंकी और बाकी सहेलियाँ भी जब चूसती थीं और अपना बदन घिसती थीं तब भी इतना मज़ा नहीं आता था।
भैया मैं तो अब रोज़ चूसूंगी और अपनी तुमको पीलाऊंगी।"
मैंने भी अंजान बनते हुए कहा,
“क्या सोनिया?" तो वो बोली,
“धत्त भैया! आपका लंड और मेरी बूरा"
सोनिया मेरे आगोश में कर बड़े ही प्यार से मेरे लंड से खेल जो अब फिर से खड़ा हो गया था।
सोनिया बोली, “भैया आप मेरी बूर में नहीं डालोगे क्या?
मेरी बहुत इच्छा हो रही है कि लेकर तो देखूँ कैसा लगता है। साली कुत्तिया पिंकी अपनी चूत के पपौटे दिखा- दिखा कर बहुत चिढ़ाती थी और कहती थी कि देखो चुदा कर मेरी चूत तुम सबसे सुंदर है।
अब मैं भी उसे चिढ़ाऊँगी कि देख साली रन्डी तू तो सिर्फ पाँच-छे इन्च वाले से चुदाती है।
मैं तो अपने भैया का साढ़े आठ इन्च का लंड लेती हं अपनी चूत में "
फिर बोली " भैया आपने किसी को चोदा है पहले।"
तब मैंने उसे सच-सच बताना ठीक समझा और बोला, “सोनिया मैं मन ही मन में तुझे और तेरी मम्मी से बहुत प्यार करता हूं और रात को तुम्हारे ख्वाब देख कर मुठ मारा करता था और फिर मैंने उसे पूरी कहानी बता दी सोनिया बड़े आश्चर्य के साथ बोली, "क्या भैया तुम मम्मी को चोदने हो?
मैं नहीं मानती। तब मैंने कहा, चल ठीक है, कल जब तेरी मम्मी घर पर आयेंगी और मुझे जब अंदर बुलायेंगी तब तू बालकोनी से देखना तेरी मम्मी कितने प्यार से मुझसे चुदवाती है।
हमने तो प्लैन भी बनाया है कि तेरे साथ तेरी मम्मी मेरी सुहाग रात मनवायेगी।”
सोनिया इतना सब सुन कर थोड़ी सी गरम हो गयी थी और अपनी चूत उसने मेरी टाँगों पर घिसनी चालू कर दी थी।
मैंने कहा, “सोनिया मैं तुझे बड़े प्यार से सुहाग रात वाले दिन ही भोगना चाहता हूं। इस लिये आज सिर्फ एक दूसरे की चूसाई करेंगे और इतना कह कर फिर से हम लोग ६९ के आसन में हो कर एक दूसरे को चूसने लगे।
उस रात हम दोनों एक ही कमरे में एक दूसरे को बाहों में भर कर सोये।
To be Continue...
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अगली सुबह मुझे मीना चाची को लेने जाना था तो मैं सोती हुइ नंगी सोनिया को प्यार से पप्पी दे कर चला गया।
कार में बैठते ही मीना चाची ने मुझे किस करा और बोली,
“गोलू मैं तो बूरी तरह से मचल रही हूं चुदाई के लिये। सोनिया जब तक सो कर उठेगी तब तक तू मेरी जम कर चुदाई कर दे।"
मैंने कहा “मीना डारलिंग! मैं भी तो तड़प रहा हूं तुम्हें चोदने के लिये और तुम अब सोनिया की चिंता छोड़ दो" और मैंने मीना चाची को सारी कहानी बता दी।
मीना चाची ने आगे बढ़ कर मुझे किस कर लिया और बोली, "मैं तेरी सुहाग रात कल करवाऊँगी सोनिया के साथा आज तो तू दिन भर सिर्फ मुझे चोद कस कर मेरा तो पूरा बदन तरस रहा है तेरे हाथों से मसलवाने के लिये।"
हम जब घर पहुँचे तो सोनिया उठ गयी थी। थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद मीना चाची बोलीं,
“सोनिया देख मैं गोलू के साथ सोने जा रही हूं, तो कोई भी फोन या कोई घर पर आये तो उसे मना कर देना और मुझे डिस्टर्ब मत करना।"
सोनिया मेरी तरफ देख कर मुस्कराई और समझ गयी कि उसकी मम्मी मेरे से कमरे में जा कर चुदवायेंगी।
मीना चाची ने उसे देख लिया और बोली “मेरी प्यारी बेटी, मुझे गोलू ने सब बता दिया है।
तू घबरा मत, तुझे मैं कल जिंदगी का वोह सुख दिलवाऊँगी जिसकी तूने कल्पना भी नहीं करी होगी।"
इतना बोल कर मीना चाची ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मैंने उनको फिर हम दोनों कमरे में घुस गये और घुसते ही एक दूसरे पर ऐसे टूट पड़े जैसे कितने दिनों के भूखे हों।
मैं मीना चाची को अपनी बाहों में भर कर बूरी तरह से मसलते हुए चूस रहा था और मीना चाची मेरी पैंट खोल रही थी।
मैंने देखा कि सोनिया बालकोनी में खड़ी हो कर हम दोनों को देख रही थी। इस ख्याल से कि सोनिया अपनी मम्मी को मुझ से चुदाते हुए देखेगी, लंड कुछ ज्यादा ही अकड़ गया और मैंने मीना चाची के कंधे दबा कर उन्हें वहीं बिस्तर पर बिठा दिया और सिर को पकड़ कर अपना लंड मीना चाची के मुँह में उतार दिया और सोनिया को देखते हुए मीना चाची का मुँह चोदने लगा और अपना पूरा लंड उनके मुँह में फँसा कर झड़ गया। फिर मैंने मीना चाची कि साड़ी, ब्लाऊज़, पेटीकोट उतारे, और सोनिया को दिखाते हुए उनकी चूचियाँ ब्रा के ऊपर से पहले खूब मसलीं और बाद में उनकी ब्रा उतार के उनके दोनों निप्पल अपनी उँगलियों के बीच में मसले।
मीना चाची तो सितकार उठी और बोली, “मादरचोद इतना क्यों भड़का रहा है मेरी चूत की आग?
पहले से ही चूत में आग भड़की हुई है।"
मैंने मीना चाची को खड़े कर के उनके चूत्तड़ बालकोनी की तरफ कर दिये ताकि सोनिया आराम से देख सके।
मीना चाची के हाई हील सैण्डलों में कसे पैर जमीन पर थे और मैंने उन्हें चूचियों के सहारे बिस्तर पर टिका दिया जिससे उनकी चूत और गाँड के छेद खुल कर समने आ गये।
मैंने सोनिया की तरफ़ देखते हुए मीना चाची की चूत और गाँड के छेद पर उँगली फेरनी चालू कर दी और एक हाथ से अपना लंड सहलाने लगा।
उसके बाद मैने झुक कर मीना चाची के सैण्डलों में कसे पैर चाटने लगा और फिर धीरे-धीरे उनकी टाँगों और जाँघों को चाटते हुए ऊपर बढ़ा और फिर उनकी उभरी हुई चूत को अपनी जीभ से चटना शुरू कर दिया |
जिससे मीना चाची की सितकारिया निकलनी चलू हो गयी और वोह अपनी गाँड के धक्के मेरे मुँह पर देने लगी।
मीना चाची कि चूत अपने मुँह में झड़वाने के बाद मैंने खड़े-खड़े ही अपना लंड सोनिया को दिखाते हुए मीना चाची की चूत पर रखा और झुक कर उनकी मदमस्त लटकती हुइ चूचियों को पकड़ कर मसलते हुए जोर से धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड मीना चाची की चूत में समा गया।
मीना चाची इस पोज़ में अपने चूत्तड़ मटकाती हुइ मेरा लंड ले रही थी और मैं भी पूरे • जोश में उनकी चूत चोद रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड निकाल कर मीना चाची की टाँगें फैला कर बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर दना दन चोदने लगा।
करीब आधा घंटा चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़े और मीना चाची ने अपनी जाँघें बंद करके मेरा लंड अपनी चूत में ही रहने दिया और बोली,
"डारलिंग ऐसे ही मेरे ऊपर सो जा ताकि जब तेरा दोबारा खड़ा हो तो बिना वक्त गंवाये मुझे चोदना चलू कर दियो।
मेरी चूत को इतनी ठंडक मिली है कि मैं तो एक सिगरेट पी कर सोऊंगी।"
मैं तो मस्ती में था और मीना चाची कि गुदाज चूचियों पर लेट कर सुस्ताने लगा।
दिन और रात की है तो भी एक दूसरे का साथ मिला हवस को पूरा शाँत करा।
To Be Continued...
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शाम को मीना चाची बिस्तर पर सिर्फ हाई हील वाली काली और चमचमाती सैण्डल पहने, नंगी पसरे हुए ड्रिंक पी रही थीं और मैं अपने होंठ और जीभ उनके सैण्डलों और पैरों पर फिरा था।
मुझे उनके सैण्डलों और पैरों की महक और टेस्ट बहुत अच्छा और उत्तेजक लग रहा था, जिसकी वजह से मेरा लौड़ा तन कर सीधा खड़ा था।
मीना चाची बोली, “डारलिंग अब और चूदाई नहीं करेंगे ताकि तेरा लंड कल सोनिया की चूत के लिये एकदम तैयार और बे-करार रहे।
मैं चाहती हूँ कि जब उसे तेरा लंड मिले तो एक दम ताज़ा और मस्त मिले।
कल दिन में सोनिया के साथ अपनी सुहाग रात मना लियो।"
मैंने उनकी सैण्डल चाटते हुए कहा “मीना चाची उसको मेरे लिये एकदम तैयार कर देना और उसकी सुहाग रात मैं उसकी मॉडर्न ड्रैस में मनाऊँगा।"
मीना चाची बोली, "तू चिंता मत कर! मैं उसे कल सुबह बाज़ार से सैक्सी कलि ब्र-चड्डी, मॉडर्न ड्रैस और सैक्सी हाई हील सैण्डल दिला कर लाऊंगी जिसे देख कर तेरा लंड और तन जाये।
मैं उसे बिलकुल मॉडर्न तरह से तैयार करूंगी और ध्यान रहे कल 12-1बजे तक तू घर पर मत रहना।
मैं अपनी बेटी को बड़े प्यार से तैयार करन चाहती हूं ताकि उसे अपनी पहली चुदाई हमेशा याद रहे।"
मैंने कहा, "पर अभी मेरे इस तने हुए लंड का क्या करूँ ?”
मीना चाची बोली, "तुझे मेरे सैण्डल पहने हुए पैर बहुत सैक्सी लगते हैं ना!
तो तू अभी अपना लंड इन्हीं पर घिस कर क्यों नहीं ठंडा कर लेता। सच, तुझे मेरे हाई हील सैंडल पहने पैरों को चोदने में जरूर मज़ा आयेगा।"
मीना चाची का यह आईडिया सुन कर मेरा लंड और भी अकड़ गया। मैंने झट से उनके सैंडल पहने पैरों को अपने दोनों हाथों में लिया और अपना लंड दोनों सैंडलों के बीच में आगे-पीछे करने लगा।
सैंडल के तलुवों और लैदर का फील बहुत मस्त लग रहा था और चार-पाँच मिनट में ही मेरी पिचकारी मीना चाची के सैण्डल, पैरों और टखनों पर छूट गयी।
उसके बाद मीना चाची को नंगा बिस्तर पर छोड़ के बाहर आ गया और सीधा सोनिया के कमरे में गया।
सोनिया सिगरेट पीते हुए पूरी नंगी हो कर अपनी बूर के दाने को घिस रही थी और मस्ती में अपने चूतड़ ऊपर नीचे उछाल रही थी।
मुझे आया देख कर शरमा गयी और बोली भैया ये क्या आप बिना नक करे ही आगये।
मैंने प्यार से उसका किस लिया और बोला, "मेरी प्यारी बहन!
बस आज-आज मुठ मारले,कल के बाद तो तेरी जब भी इच्छा होगी, मैं तुझे खूब चोदूँगा।
बता तुझे कैसा लगा अपनी मम्मी की चूदाई देख कर"
सोनिया बोली, "भैया, मम्मी बहुत ही सैक्सी दिखती है नंगी हो करा मैंने तो मम्मी के साथ आपको नंगा देख कर ही अपनी जाँघे कस ली थीं और जब आप मम्मी के चूतड़ फैला कर उनकी चूत चाट रहे थे, मैंने अपना एक हाथ अपनी पैंटी में डाल कर अपने दाने को खुब घिसा था।
भैया बताओ ना! मम्मी मेरी तुम्हारे साथ सुहाग रात कब करवायेंगी।"
मैं बोला, "बस मेरी डारलिंग! कल के लिये तू तैयार हो जा। कल तुझे कच्ची कली से पूरा फूल बना दूँगा।
फ़िलहाल अभी थोड़ा मेरे लंड को चूसते हुए अपनी मुठ मार। देख कितना मज़ा आयेगा।"
सोनिया ने लपक के मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और अपनी बूर घिसते हुए सका-सक मेरा लौड़ा चूसने लगी और पँद्रह-बीस मिनट बाद तबियत से चूसते हुए अपनी बूर का और मेरे लंड का पानी निकाल।
मैंने भी झुक के उसकी बूर का पानी अपनी जीभ से चाट चाट कर पीया।
मीना चाची नहा-धो कर सिर्फ़ चड्डी-ब्रा और सैण्डलों में ही अपने रूम से निकली और अपने मोटे-मोटे चूत्तड़ मेरी गोदी में रख कर बैठ गयी और हम तीनों ने एक साथ ड्रिंक करी और स्मोक करा मीना चाची उसके बाद उठीं और सोफ़े पर बैठ कर सोनिया को अपनी गोद में बिठाया और बोली,
“मेरी प्यारी बेटी तू तैयार है ना औरत बनने के लिये।"
सोनिया ने शरमा कर अपना मुँह मीना चाची की ब्रा में कैद उन्नत चूचियों में छुपा लिया।
मीना चाची ने उसका सिर उठा कर कहा,
"बेटी तू बड़ी किस्मत वाली है जो तुझे घर बैठे इतना तगड़ा मर्द और मस्त लंड मिलेगा। मैं नहीं चाहती कि तू भी मेरी तरह चुदाई के लिये तड़पे।
तेरे पापा मुझे एक दम ठंडा नहीं कर पाते हैं, जिससे मेरा दिमाग खराब रहता था। पर अब मुझे गोलू का लंड मिल गया है जो मुझे पोर पोर तक चुदाई का सुख देता है।
मेरी इच्छा यही है बेटी कि तू भी भरपूर चुदाई का मज़ा लेले शादी से पहले। पता नहीं शादी के बाद ये सुख तुझे मिले ना मिले।"
उसके बाद हमने खान खाया और अपने-अपने कमरे में चले गये।
To Be Continued...
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अगले दिन मैं सुबह नहा-धो कर बाज़ार चला गया, ऐसे ही घूमने के लिये और करीब साढ़े बारह बजे वापस आया। मीना चाची ने मुझे पहले तो बाहों में लेकर किस करा और बोली,
"तेरी रानी अंदर बैठी है सज-सँवर के। जा पहले तू नहा-धो ले और फ्रैश हो जा।
अब कल सुबह तक तुझे उसकी जम कर चुदाई करनी है। मैं सब कुछ रूम में ही पहुँचा दूंगी।"
मैं भी बे-सबी के साथ नहा-धो कर तैयार हुआ और सिर्फ अपनी सबसे सैक्सी दिखने वाली चड्डी पहनी और मीना चाची का चुम्बन लेकर कमरे में घुस गया।
मज़ा आ गया था। अंदर मीना चाची ने पूरा डिस्को बनाया हुआ था और सोनिया को बहुत ही सैक्सी टॉप-स्कर्ट में तैयार करा हुआ था।
सोनिया की टॉप उपर के चार बटन खोल कर नीचे से गाँठ बन्धी हुई थी और गज़ब का मेक-अप करा हुआ था। सोनिया भी हाई हील्स पहन कर एक डाँस पर अपने चूत्तड़ थिरकाते हुए नाच रही थी।
मैंने चुप-चाप पीछे से जा कर उसकी मचलती हुई चूचियों को पकड़ लिया और सोनिया को हवा में घूमा दिया। फिर सीधा कर के हमने एक दूसरे को बाहों में कस लिया और तड़ातड़ एक दूसरे को चूमने और चाटने लगे। मीना चाची ने सही कहा था। वाकय में सोनिया बहुत ही सैक्सी लग रही थी और अगर वोह ऐसे रूप में कहीं सड़क पर चली जाती तो जरूर उसकी बूर का आज भोसड़ा बन जाता।
सोनिया ने झूक कर ड्रिंक बनाना चालू करा तो मैंने भी पीछे से उसकी स्कर्ट नीचे खिस्का दी और झूक कर कुत्ते कि तरह उसके चूत्तड़ों में अपना मुँह लगा दिया और चाटने लगा।
मीना चाची ने सोनिया को काले रंग की बहुत ही टाईट नेट की रेशमी चड्डी पहनायी थी जिससे वोह उसकी गाँड की दरार में घुस गयी थी और उसके गोरे फूले हुए छोटे-छोटे मस्त चूत्तड़ों को और मादक बना रही थी। क्या महक आ रही थी उसके पिछवाड़े से। मैं तो मस्ती के आलम में आ गया था। सोनिया ने मुझे एक ड्रिंक दी और अपने वास्ते एक सिगरेट जलाई और मेरी गर्दन में अपनी बाहें डाल कर बोली,
"गोलू भैया आज जी भर के अपनी चचेरी बहन को चोद लो", और मुझे बिस्तर पर बिठाकर मेरी चड्डी में तन्नाए हुए लंड पर अपने चूत्तड़ घिसते हुए बैठ कर ड्रिंक और स्मोक करने लगी।
मैंने उसकी टॉप के बटन और बंधी हुई गाँठ को खोला और उसकी स्टॉप उतार दी। मीना चाची ने सोनिया को क्या मस्त काले रंग की रेशमी ब्रा पहनायी थी।
एकदम पतले स्ट्रैप थे और ब्रा के कप सिर्फ़ उसके आधे निप्पल और नीचे की गोलाइयाँ छुपाये हुए थे। रेशमी नेट के अंदर से उसकी दूधिया चूचियों कि बड़ी साफ झलक मिल रही थी।
मैंने उसे खड़ा होने को कहा और कुर्सी पर टाँगें फैला कर बैठ गया और सोनिया को बोला कि वोह अपनी टाँगें मेरी टाँगों के दोनों तरफ करके अपनी चड्डी में कसी हुई बूर मेरे लंड पर रखे और आराम से बैठ कर ड्रिंक करे। तब तक मैं उसकी कसी हुई मस्त जवानी जम कर चूसना और दबाना चाहता था। सोनिया बड़े ही कायदे से मेरे लंड के उठान पर बैठ गयी और बहुत हल्के-हल्के ढंग से अपनी चड्डी मेरे लंड से उठी हुई मेरी चड्डी पर घिसते हुए मेरी गर्दन में बाहें डाल कर ड्रिंक और स्मोक करते हुए बोली, "
भैया डारलिंग मसल डालो मेरी इन जवानियों को। देखो तो सही कैसे तन कर खड़ी है तुमसे चुसाने के लिये। मेरे मस्ताने सेबों का मज़ा ले लो मेरी जान।"
मैं भी अपने हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा के हूक खोल दिये और बड़े प्यार से उसकी जवनी नंगी करी। उसकी 32 साइज़ की कसी हुई मस्तियाँ मेरे सामने तन कर खड़ी हुई थीं और मैंने भी बिना वक्त गँवाये दोनों चूचियों पर अपना मुँह मारना शुरू कर दिया।
मैं बहुत ही बे-सब्रा हो कर उसकी चूचियाँ मसल और चूस रहा था जिससे उसको थोड़ा सा दर्द हो रहा था। पर फिर भी मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाते हुए कह रही थी,
"डारलिंग आराम से मज़ा लो, इतने उतावले क्यों हो रहे हो। आज तो मेरी सुहाग रात है। कहीं भागी थोड़ी जा रही हूं। जम के चूसवाऊँगी और मसलवाऊँगी। इनको इतना मसलो कि क्लास में मेरी चूचियाँ सबसे बड़ी हो जायें।" करीब आधा घंटा इस चूसाई के बाद मैंने कहा, "सोनिया डारलिंग अब तो तू तैयार हो जा औरत बनने के लिये।"
मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और फूलों से सजे पलंग पर लिटा दिया। लाल गुलाब से सजे पलंग पर काले रंग की चड्डी से ढका सोनिया का गोरा बदन ऐसा लग रहा था।
जैसे कोई अपसरा अपने कपड़े उतार के सो रही हो और काला भँवरा उसकी ताज़ी बूर का रस चूस रहा हो।
मैं करीब पाँच मिनट तक सोनिया के नंगे बदन की शराब अपनी आँखों से पीता रहा, और फिर बिस्तर पर चड़ कर मैंने सोनिया की कमर चूसनी चालू करी और चूसते हुए अपना मुँह उसकी चड्डी पर लाया और चड्डी का इलास्टिक अपने दाँतों में दबा कर अपने मुँह से उसकी चड्डी उतारने लगा।
सोनिया ने भी अपने चूत्तड़ हवा में उठा दिये थे ताकि चड्डी उतारने में परेशानी ना हो। पर मीना चाची ने इतनी टाइट चड्डी पहनाई थी कि मुझे अपने हाथ भी लगाने हे पड़े उतारने में।
दोस्तों! चड्डी उतार के जो नज़ारा मेरे सामने था, मैं आपको बता नहीं सकता। मीना चाची ने बड़े ही प्यार से सोनिया की बूर के बाल साफ़ करे थे बूर चुदने के लिये इतनी बेकरार थी कि बूर के लिप्स गीले थे। सोनिया बोली,
"डारलिंग मम्मी ने मेरी बूर क्रीम से साफ करी है और मुझे बोला है कि मैं कभी भी अपनी बूर शेव नहीं करू नहीं तो खराब हो जायेगी।"
मेरा लंड तो सोनिया की चिकनी नंगी मस्ताई हई चुदने के लिये तैयार बूर को देख कर ही मेरी चड्डी को फाड़ कर बाहर आने के लिये बेकरार था और उछल-कूद मचा रहा था।
मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी चड्डी उतार दी और अपना मुँह मेरे सामने लेटी हुई नशे की बोतल के खज़ाने के मुँह पर लगा दिया। सोनिया तो मस्त हो गयी और मेरा सिर पकड़ कर अपनी बूर पर दबाने लगी।
मैं भी चाहता था कि सोनिया थोड़ा पानी छोद दे ताकि उसकी ताज़ी कुँवारी बूर थोड़ी चिकनी हो जाये और तकलीफ कम हो।
मैंने उसकी बूर का दाना चूसते हुए अपनी जीभ से उसकी चुदाई चालू कर दी और करीब पाँच मिनट बाद ही सोनिया ने मेरा सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और कस कर अपनी पूरी ताकत से मेरा मुँह अपनी बूर पर दबा लिया और जोश में काँपते हुए चूत्तड़ों के धक्के देती हुई मेरे मुँह में अपना रस देने लगी।
मैंने भी मन से उसकी जवान बूर चूसी और चूत के लाल होंठों को अपने होंठों से चूसा। फिर मैं घूटने के बल सोनिया के समने बैठ गया और अपना बूरी तरह अकड़ा हुआ लंड उसके सामने कर दिय और सोनिया की गर्दन में हाथ डाल कर उसका मुँह अपने लंड के पास लाय और बोला,
“मेरी प्यारी सोनिया, अपने राजा को मुँह में रख कर अपनी बूर बजाने के लिये तो इनवाइट करो।"
सोनिया ने टपाक से अपना मुँह खोला और मेरा सुपाड़ा अपने होंठों के बीच ले लिया और जीभ फेरने लगी। मेरे लंड पर सोनिया के जीभ फेरने ने वोह काम करा जो आग में घी करता है।
मुझसे रहा नहीं गया और दोनों हाथों से सोनिया का सर पकड़ कर उसके मुँह में ही मैंने आठ-दस शॉट लगा दिये। लौड़े का तो मारे गुस्से के बूरा हाल था। एक तो उसे कल से चूत नहीं मिली थी और दूसरा उसके सामने ऐसी मलाई दार चूत थी और मैं चूतिया की तरह उसकी भूख मिटाने की बजाये चुम्मा चाटी कर रहा था।
अपना लंड सोनिया के मुँह से बाहर कर के मैं बिस्तर पर से उतरा और मीना चाची ने पहले से ही इम्पोर्टेड बड़ी ही खुशबू वाली चिकनाहट की क्रीम मेज पर रखी हुई थी।
मैंने उसे उठा कर थोड़ी ज्यादा ले कर सोनिया की बूर पर और बूर के अंदर की दीवारों पर लगा दी और फिर अपने लंड पर लगाने लगा।
सोनिया बोली,
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