Mdmukarram
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NiceUpdate:18
थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से हटा और और उसका मुँह पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया और कहा
“बहन की लौड़ी जब तक मैं न कहूँ मेरा लंड चूसती रहना नहीं तो गाँड मार मार के लाल कर दूँगा, और आराम से सिगरेट सुलगाकर अपनी पीठ टिका कर पीने लगा।
सोनिया ने भी पूरी हिम्मत दिखायी और बिना वक्त बर्बाद करे मेरा लंड चूसना चालू कर दिया। करीब दस- पँद्रह मिनट की लगातार चूसाई से मेरा लंड फिर से तन्ना गया, पर मैंने अपने आप पर पूरा कंट्रोल रख कर सोनिया के मुँह में अपना लंड तबियत से चूसाता रहा।
दस मिनट बाद मैंने सोनिया को बोला,
“चल आज तुझे घोड़े की सवारी करना भी सिखा दूँ। मेरी प्यारी सोनिया, करेगी ना मेरे लंड पर घोड़े की सवारी?"
सोनिया ने बड़े आश्चर्य से पूछा,
“गोलू कैसे घोड़े की सवारी?
लंड के ऊपर कैसे होती है।"
तब मैंने समझाया कि
“तू मेरे लौड़े पर बैठ और अपने हाथ से पकड़ कर मेरा लंड अपनी चूत में अंदर ले, और फिर बाद में अपने चूत्तड़ ऊपर-नीचे उछाल-उछाल कर लंड को अपनी चूत में सरका पर ध्यान रहे लंड बाहर नहीं निकलना चाहिए।"
सोनिया मेरे लंड के दोनों तरफ़ पैर करके खड़ी हो गयी और धीरे-धीरे नीचे बैठने लगी और एक हाथ से मेरा तन्नाया हुआ लंड पकड़ा और एक हाथ की उंगलियों से अपनी चूत के लिप्स खोले।
जब मेरा लंड उसकी चूत से टकराया तो थोड़ा सा वोह घबरायी पर मैंने उसकी घबराहट देख कर उसके चूत्तड़ कमर के पास से कस कर पकड़ लिये और इससे पहले वोह कुछ समझ पाती मैंने अपने चूत्तड़ एक झटके से नीचे से उछाले और पूरा लंड गप से उसकी चूत में उतार दिया।
सोनिया बहुत छटपटाई पर मैंने भी उसकी कमर कस कर पकड़ी हुई थी। दो तीन मिनट बाद जब उसक दर्द कम हुआ तो मैंने उसको अपने ऊपर झुका लिया और बोला,
“सोनिया अब तू अपने चूत्तड़ उछाल-उछाल कर ऊपर नीचे कर और लंड सवारी का मज़ा ले।"
इतना कह कर मैंने उसका सिर दबा कर उसके होंठ अपने होंठों में ले लिये और चूसते हुए अपने दोनों हाथों से उसके पीछे से फैले हुए चूत्तड़ पकड़ लिये और मसलने लगा।
सोनिया की हिम्मत मुझे माननी पड़ी कि दर्द होने के बावजूद भी बड़े प्यार से उछलते हुए मुझे चोद रही थी,
और दूसरी बार करीब आधे घंटे तक हमने इसी पोज़ में चूदाई करी और मैंने अपने लंड का फाऊंटेन उसकी चूत में गिरा दिया और सोनिया को दबोच कर अपने ऊपर ही लिटा कर रखा और लगातार दो बार चुदाई करने के कारण हम थोड़ा सुस्ताने लगे।
To Be Continued...
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कुछ देर बाद मेरी आँख खुली तो देखा सोनिया मेरा लंड चूस रही थी.
उसके चूस ने स्टाइल बड़ा अनोखा था जो मुझे जन्नत की सेर करवा रही थी.
मुझे तो अपने सारे खवाब पूरे होते दिख रहे थे.
इस समय से तय हुआ मेर गन्ना पूरी तरह से तन्नाया हुआ था। मुझे एक शरारत सूझी और मैंने सोनिया से कहा,
"सोनिया तुझे ये तो मानना पड़ेगा कि तुझे और आगे भी हर रात मैं जब तुझे चोद कर ये सुख दूंगा, तेरी माँ के कारण मिला है।"
सोनिया तपाक से बोली, "और क्या, मैं तो अब जी भर के हर रात तुमसे चूदूँगी और अगर मम्मी नहीं मानतीं तो पता नहीं मेरी चूत कब खूलती।"
मैंने कहा, “फिर तो सोनिया ये गलत बात है कि हम दोनों अंदर इतना मज़ा ले रहे हैं और तेरी मम्मी बाहर अपनी चूत अपनी उँगली से ठंडी कर रही है।
मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम माँ बेटी को मैं एक ही पलंग पर एक साथ नंगा करके चोदूँ।"
सोनिया फ़ोरन ही तैयार हो गयी और बोली,
“मैं अभी जा कर मम्मी को बुला कर लाती हूं।"
मैंने कहा, "नहीं! तू बैठ कर एक ड्रिंक और सिगरेट पी। मैं तेरी मम्मी को लाता हूँ।
मैं नंगा ही बाहर गया तो देखा कि मीना चाची अपना ब्लाऊज़ उतार कर ब्रा और पेटीकोट में लेटी हुई थी और अपना पेटीकोट कमर तक उठा कर स्मोक करते हुए अपने वाइब्रेटर से मुठ मार रही थीं।
मुझे देख कर बोली,
“क्या बात है गोलू ! सोनिया ठीक तो है ना?"
मैंने कहा, "डारलिंग घबराओ नहीं, मेरा लंड ले कर एक दम मस्त चूत हो गयी है साली की।
अभी तक दो बार लंड का पानी पी चुकी है, और तीसरी बार चुदाने को मचल रही है। चुदाने के मामले में एक दम तुम्हारी बेटी है। साली की बहुत गरम चूत है।
इसको अगर दम-दार मर्द नहीं मिला तो ये तो मदर्दों से खूब चुदवायेगी। तुम्हारी तरह वाइब्रेटर से ठंडी नहीं होगी।"
मीना चाची बोली, "क्या बात है तू बाहर कैसे आ गया?”
मैंने कहा, “मीना मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम्हारी बेटी के सामने तुम्हें भोगूँ और तुम्हारी चूत बजाऊँ"
मीना चाची बोली,
“धत! दूर हट! मुझे अपनी बेटी के सामने चुदाने में शरम आती है।"
सोनिया जो शायद दरवाजे पर खड़ी हो कर हमारी बातें सुन रही थी, सिर्फ़ सैण्डल पहने नंगी ही एक दम बाहर आ गयी और बोली,
“आज से तुम मेरी सबसे बेस्ट फ्रैंड हो और चुदवाने में क्या शरमाना। मैं भी तो देखूँ कि चुदाई का असली मज़ा कैसे लिया जाता है।"
मीना चाची उठ कर खड़ी हुईं तो गिरते-गिरते बचीं। उन्होंने काफ़ी ड्रिंक कर रखी थी और नशे और हाई पेन्सिल हील की सैण्डलों की वजह से उनका बैलेंस बिगड़ गया पर सोनिया ने उनको अपनी बाहों में भर लिया।
मैने भी पीछे से जा कर मीना चाची की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबा लिया और मीना चची को बीच में दबाये हुए बेडरूम में ले कर आ गये क्योंकि वो नशे में अपने आप चलने की सूरत में नहीं थीं।
मैंने सोनिया को कहा, चल अपनी मम्मी का पेटीकोट उतार और अपनी मम्मी की चूत नंगी कर के मुझे दिखा। मैंने मीना चाची की ब्रा खोल कर उनकी चूचियाँ नंगी कर दीं।
सोनिया ने भी मीना चाची के सारे कपड़े उतार दिये और बोली,
“लो गोलू अबकी बार मेरी मम्मी की चूत की सिकाई करो।"
क्या नज़ार था दोस्तों ! अब दोनों माँ बेटी एक साथ बिल्कूल नंगी, सिर्फ हाई हील सैण्डलों में मेरे सामने थीं। मैंने भी नंगी मीना चाची को अपनी बाहों में ले लिया और किस करने के बाद बोला,
“मीना डारलिंग ! आज तुम्हारी बेटी की चूत खोली है तो आज मैं तुम्हारी भी सुहागरात मनाऊँगा और जैसे तुमने उस दिन कहा था कि कोरी चूत तो नहीं दे सकी पर अपनी कोरी गाँड मरवाऊँगी,
तो रानी तुम्हारी बेटी मेरा लंड चूस कर मोटा करेगी और आज मैं तुम्हारी गाँड का उदघाटन करूंगा। अपनी गाँड मरवाओगी ना मीना डारलिंग।"
To Be Continued...
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Bhut mast story hai maja aa aiya Meena or Soniya dono ki kya hi chut thiUpdated:20
मीना चाची नशे के कारण बहकी हुई आवाज़ में बोलीं, "मेरे गाँडू राजा!
मैं तुझे अपना सब कुछ सौंप चुकी हूं।
साले (हुच्च) तू... तूने... मेरी चूत मारी... मेरे मुँह, गले में मादरचोद अपना लंड चोदा और मेरी चूचियों के बीच में भी लंड घिस के चोदा और... और... यहाँ तक की साले चूतिये ने मेरे सैण्डलों और पैरों को भी नहीं छोड़ा.... बोल साले भोसड़ी के... (हुच्च) तुझे कभी मैंने ना कहा क्या... हैं?
तो इसके बाद क्या पूछता है... जैसे तू मुझे चोदना चाहता है वैसे चोद, अब गाँड मारनी है... तो साले गाँड मार ले, पर मेरी गाँड जरा प्यार से मारियो, मैंने आज तक (हुच्च) तेरे चाचा को उँगली तक नहीं लगाने दी"
मैंने कहा, "डारलिंग तुम बस आराम से एक और ड्रिंक लगा कर कुत्तिया बन कर अपनी गाँड हव में उठाओ, मैं अपना लंड सोनिया से तबियत से चुसवाकर तुम्हारी मस्त गाँड के लिये तैयार करता हूँ।"
मीना चाची ने ड्रिंक बनाने की बजाये व्हिस्की की बोत्तल ही मुँह से लगा कर पीने लगी। मुझे पहले तो चिंता हुई कि कहीं इतना पीने से बिल्कुल ही पस्त हो कर सो ना हो जायें और मेरा सब प्लैन चोपट हो जाये पर फिर ख्याल आया कि चाची पीने की आदी हैं।
वैसे तो आम तौर से वो लिमिट में ही पीती हैं पर पहले भी मैंने उन्हें ज्यादा पी कर नशे में धुत्त देख है और जब भी मीना चाची नशे में कंट्रोल के बहार हुई हैं तब वोह पस्त या शाँत होने की बजाये हमेशा काफ़ी बेकाबू और ज्यादा उत्तेजित ही हुई हैं।
यही सोच कर मैंने सोनिया को बुला कर अपने सामने घुटने बर बैठा कर लंड चूसने के लिये बोला और कहा, “ले सोनिया चूस के तैयार कर अपनी मम्मी के लिये।
देख आज तेरी मम्मी कैसे नशे में धुत्त होकर मेरा लंड अपनी गाँड में लेगी।
मीना! देख तेरी बेटी क्या तबियत से मेरा लंड चूसे के मोटा कर रही है तुम्हारी गाँड के लिये। ये तो आज अपनी मम्मी की गाँड फड़वाकर ही मानेगी। देख तो सही साली एक दिन में ही क्या रंडी की तरह चूसने लग गयी है।"
मैं सोनिया का मुँह पकड़ कर हलके हलके शॉट लगाने लगा। इतनी देर में मीना चाची भी एक हाथ में बोत्तल पकड़ कर पलंग पर जैसे मैंने कहा था वैसे ही कुत्तिया बन गयी।
मैने सोनिया के मुँह से अपना लंड निकाला और बोला, "सोनिया चल जरा अपनी मम्मी कि गाँड के छेद को तैयार कर मेरे लंड के लिये, अच्छे से क्रीम लगा ताकि तेरी मम्मी को ज्यादा तक्लीफ़ न हो।"
सोनिया ने अपने हाथ में खूब सारी क्रीम भरी और मीना चाची की गाँड के छेद पर लगाने लगी और बोली,
“गोलू! मम्मी की गाँड का छेद तो बहुत टाईट है। मेरी उँगली भी बड़ी मुशकिल से अंदर जा रही है।"
मैंने कहा, "आराम से खूब क्रीम मल। थोड़ी देर बाद जब गाँड का छेद रीलैक्स हो जायेगा तब बड़े आराम से मेरा लंड अंदर जायेगा और मैं स्मोक करने लग गया।
दोस्तों क्या सीन था कि एक बेटी अपनी माँ की गाँड पर पूरी लगन से क्रीम मल रही थी और अपनी माँ को गाँड मरवाने के लिये तैयार कर रही थी।
सिगरेट खतम होने के बाद मैं पलंग पर चड़ा और अपना तन्नाया हुआ लंड मीना चाची के चूत्तड़ों पर फेरने लगा और सोनिया को बोला,
“अब जरा मेरे लंड के ऊपर भी क्रीम लगा मेरी जान! अब मैं तेरी मम्मी के भूरे रंग के गाँड के छेद को खोलूँगा।
सोनिया ने बड़े ही प्यार से मेरे लंड पर क्रीम लगायी और एक दम चिकना कर दिया।"
मैंने सोनिया को कहा कि वोह अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी के चूत्तड़ पकड़ ले और खींच कर चौड़े करे ताकि मीना चाची की गाँड का छेद थोड़ा सा खुल जाये।
सोनिया ने मेरे कहे अनुसार अपनी मम्मी के दोनों विशाल चूत्तड़ों को पकड़ लिया और चौड़े कर दिये जिससे मीना चाची की गाँड का छेद थोड़ा सा खुल गया।
मैंने अपने हाथ से लंड पकड़ा और गाँड के भूरे छेद पर टिका दिया और दूसरे हाथ की उँगलियों से गाँड के छेद को और चौड़ा किया और लंड का सुपाड़ा टिका कर हल्के से झटका दे कर हाथ से मीना चाची की कोरी गाँड में सरका दिया।
क्रीम की चिकनाहट के कारण मेरा एक इन्च लंड मीना चाची की गाँड के छल्ले में जा कर फँस गया।
मीना चाची बोलीं,
“गोलू बहुत दर्द कर रहा है बाहर निकाल ले।"
मैंने कहा,
"मीना घबराओ नहीं। आराम-आराम से दूँगा। बस तुम हिम्मत कर के लंड लेती रही।"
इतना बोल कर मैंने सोनिया को इशारा किया कि वोह अपनी माँ की गाँड एक दम कस कर पकड़ ले। सोनिया ने भी मेरा कहना माना और मैंने अपने दोनों हाथों से मीना चाची की कमर पकड़ ली और ज़ोरदार झटका मारा जिससे चिकनाहट होने के कारण मेरा लंड सरकते हुए पूरा सात इन्च मीना चाची की गाँड में समा गया।
मीना चाची को तो जैसे बिजली का शॉक लग गया हो। अगर सोनिया ने उनके चूत्तड़ और मैंने उनकी कमर कस कर नहीं पकड़ी होती तो शायद मीना चाची मेरा लंड निकाल देतीं पर बेचारी मजबूर थी सिवाये कसमसाने के और गालियाँ देने के अलावा वोह कुछ भी नहीं कर सकती थीं।
मैंने भी बिना कुछ परवाह किये बिना अपना पूर लंड मीना चाची की गाँड में उतार कर ही दम लिया और हल्के-हल्के शॉट देने लगा।
मीना चाची तो दर्द के मारे पागल हो गयी थी और बोले जा रही थीं,
“अरे मादरचोद, भोसड़ी वाले मार डाला रे। तेरी माँ का भोसड़ा मादरचोद!
अगर मुझे मालूम होता कि गाँड मरवाने में इतना दर्द होता है तो बहन के लंड तुझे छूने भी ना देती। बहनचोद मैं जिंदगी भर तुझे जैसे कहेगा वैसे ही चुदवाऊँगी और चूसूंगी।
तू जिसको बोलेगा मैं उसको चुदवा दूँगी तेरे से। मुझे छोड़ दे माँ के लौड़े। हाय मेरी माँ! फट गयी मेरी गाँड।
मादरचोद सत्यानाश कर दिया तूने आज मेरी गाँड का। आज तक मैंने बड़े प्यार से बचा कर रखी थी।"
मीना चाची बोलती रहीं पर अब मैं ताव में आ चुका था और हुमच-हुमच कर अपना लंड गाँड में पेल रहा था। मीना चाची को भी अब अच्छा लगने लगा था क्योंकि अब वोह कह रही थीं,
“मारले मेरे बलम! मारले अपनी चाची की गाँड। हाय हाय! शूरू-शुरू में तो बहुत दर्द हुआ मेरे राजा पर वाकय में अब बहुत मज़ा आ रहा है। सोनिया तू भी गोलू से अपनी गाँड जरूर मरवाईयो।"
करीब बीस पच्चीस मिनट तक मीना चाची की गाँड मारने के बाद मैंने अपना रस मीना चाची की गाँड में ही निकाल दिया।
दोस्तों! उस दिन के बाद महीने भर जब तक चाचा नहीं आये, मैंने उन दोनों माँ-बेटी को एक ही बिस्तर पर एक साथ नंगा करके खूब भोगा।
चाचा के आने के बाद, मीना चाची को दिन में जब भी समय मिलता, एक बार तो चुदवा ही लेती थी।
और मैं हर रोज़ सोनिया के साथ सोता था और हम दोनों जम कर चुदाई करते थे।
मीना चाची ने और सोनिया ने अपनी सहेलियों का भी खूब मज़ा दिलवाया।
मीना चाची और सोनिया के कारण मुझे अलग-अलग औरतों को चोदने का मौका मिला।
आशा करता हूं कि आप सब को मेरी आप-बीती सुन कर मज़ा आया होगा।
समाप्त...
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Nice storyUpdate:3
पता नहीं मैं किस ख्याल में सोनिया के कमरे में
घुस गया। मुझे जब ध्यान आया तो मैंने अपने आप को सोनिया के बिस्तर के पास खड़ा पाया। सोनिया इस समय अपनी नाईटी में आराम से सो रही थी जो उसके चुतड़ों को सिर्फ आधा ढके हुई थी।
मेरे सामने अभी भी मीना चाची की चुदाई का सीन चल रहा था और इसी गर्मी में मैंने देखा कि सोनिया की मस्त चिकनी- चिकनी टाँगें और फुले हुए चुतड़ जो उसने चड्डी छुपाऐ मुझ रहा नहीं गया और मैं बिस्तर के साइड में हो कर उस्की चिकनी टाँगों को अपने होठों से चूमने लगा, और धीरे धीरे उसकी गाँड की दरार में अपने होंठ और नाक रख दी।
जिस चुतड़ की खुशबू मैं चड्डी में सूँघता और चाटता था वही चुतड़ आज मैं असली में मैं सूँघ रहा था और अपने होंठों से किस कर रहा था।
इतने में सोनिया कुनमुनाई और मैं डर के मारे चुप चाप कमरे से निकल गया।
उस के बाद मैं बाथरूम गया और मीना चाची की चड्डी और ब्रा अपने रूम में ला कर सूँघते और चाटते हुए खूब मुठ मारी, और मैंने इरादा किया की एक बार मैं मीना चाची के साथ ट्राई तो मार के देखूँ, क्या पता, प्यासी चूत है, अपने आप ही मुझे चोदने को दे।
मुठ मारते मारते मैं मीना चाची की ब्रा अपने होंठों से लगा कर सो गया।
अगली सुबह में मीना चाची ने मुझे झखझोड़ के जगाया और बोली “गोलू आज कालेज क्यों नहीं गया ?
देख सुबह के दस बज रहे हैं, तेरे चाचा को तो आज सुबह महीने भर के लिये बम्बई जाना था,
वो तो कभी के चले भी गये और सोनिया भी अपनी स्कूल ट्रिप के साथ जयपुर चली गई है, मैं भी थक रही हूँ, तू नहा धो के नाश्ता कर ले तो मैं भी थोड़ा लेटूंगी।"
मैंने जल्दी से उठ कर सबसे पहले मीना चाची की चड्डी और ब्रा ढूंढी पर मुझे कहीं नहीं मिली। मेरी तो डर के मारे सिट्टी पिट्टी गुम हो गई, और मैं सोचने लगा की अगर चाची को पता पड़ गया चाची मेरी खूब पिटाई करेंगी।
मैं चुपचाप अपने सारे काम पूरे करके टीवी देखने बैठ गया और उधर चाची मुझे नाश्ता देकर अंदर जा कर लेट गयीं।
थोड़ी देर बाद आवाज दे कर मुझे अपने कमरे में बुलाया और बोली “गोलू मेरा जरा बदन दबा दे”।
उस समय मीना चाची सिर्फ़ ब्लाऊ और पेटीकोट थीं और कहने के बाद पेट के बल हो कर उल्टी लेट गई।
मीना चाची ने अपने ब्लाऊ का सिर्फ़ एक हुक छोड़ कर सारे हुक खोले हुए थे और अपना पेटीकोट भी कुछ ज्यादा ही नीचे कर के बाँधा हुआ था जिस से उनकी गाँड की दरार साफ आ रही थी।
मेरे साम नज़र आ रही मेरे सामने वो चुतड़ थे जिसे सिर्फ़ देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मीना चाची तो अपना पूरा बदन मेरे को दिखाते हुए मसलने को कह रही थी।
मैं बिना देर करे चुप चाप चाची के साईड में बैठ कर धीरे धीरे उनका बदन दबाने लगा, उनके चिकने बदन को छूते ही मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मैं डरने लगा की कहीं मीना चाची को पता नहीं चल जाए।
जब पेटीकोट के ऊपर से मीना चाची के चूतड़ दबाए तो लंड एक दम मस्त हो गया। पेटीकोट के ऊपर से ही मीना चाची के चूतड़ दबा कर मालूम पड़ गया था कि गाँड वाकई में बहुत मोटी और तगड़ी थी।
थोड़ी देर बाद चाची बोली “अरे गोलू, जरा तेल लगा कर जोर से जरा अच्छी तरह से मालिश कर।"
मैंने कहा “चाची तेल से आपका ब्लाऊज़ खराब हो जाएगा, आप अपना ब्लाऊज़ खोल दो।"
मीना चाची बोली “गोलू मैं तो लेटी हूँ, तू मेरे पीछे से ब्लाऊज के हुक खोल के साईड में कर दे।" मैं जिस मीना चाची को नंगा देखने को तरसता था और जिसके ब्रा चाटता था, उनके मैंने बड़े धीरे धीरे से ब्लाऊज के हुक खोले और अब चाची की नंगी पीठ पर सिर्फ़ काली ब्रा के स्ट्रैप दिख रहे थे।
मैंने थोड़ा सा तेल अपने हाथों पर लेकर चाची की पीठ पर मलना चालू किया पर बार बार चाची की काली ब्रा के स्ट्रैप दिक्कत दे रहे थे।
मैंने मीना चाची को बोला कि "चाची आपकी पूरी ब्रा खराब हो रही है और मालीश करने में भी दिक्कत हो रही है।"
तब मीना चाची बोली कि “तू मेरे ब्रा के स्ट्रैप खोल दे।”
मीना चाची के मुँह से यह सुन कर मेरा लंड तो झटके लेने लगा। मैंने भी बड़े ही प्यार से ब्रा के हुक खोल दिये। पहली बार इतने पास से मैं मीना चाची की चिकनी सुन्दर पीठ देख रहा था। मैं उस नंगी पीठ पर धीरे धीरे तेल से मालीश करने लगा।
थोड़ी देर बाद मीना चाची बोली "गोलू जरा मेरे नीचे भी मालीश कर दे।”
मैंने कहा “चाची कहाँ करूँ" तो मीना चाची बिना किसी शरम के बोलीं की “मेरे चुतड़ों की और किसकी।”
मैंने भी सोचा मौका अच्छा है और मैंने कहा पर उसके लिए तो आपका पेटीकोट उतारना पड़ेगा।”
तब चाची बोली "जा कर अच्छे से पहले दरवाजा बंद कर आ।"
मैं जल्दी जाके दरवाजा बंद कर के आया तो देखा मीना चाची पहले से ही अपना पेटीकोट उतार कर पिंक चड्डी और काली ब्रा को अपने हाथों से दबाए, पेट के बल उल्टी बिस्तर पर लेटी हुई थीं।
मैंने तेल लेकर धीरे धीरे चाची की मस्त टाँगों की और उन मस्ताने मोटे चूतड़ों की मालिश चालू कर दी।
मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था की वो मीना चाची जिसका नाम लेकर मैं रात भर मुठ मारता था, एक दिन ब्रा और चड्डी में मेरे समने लेट कर मेरे हाथ से अपनी मालीश करवाऐंगी।
मालीश करते करते जब मैं मीना चाची की जाँघों पर पहुँचा तो मेरे हाथ बार बार चड्डी के ऊपर से मीना चाची की कसी हुई चूत की मछलियों से टच हो रहे थे जो मुझे एक अजीब तरह का आनन्द दे रहे थे।
मुझे पता नहीं क्या सूझा, मैंने मीना चाची की चड्डी के साइड से अपनी एक उंगली धीरे धीरे अंदर डाली और मीना चाची की चूत पर उंगली फेरने लगा।
मीना चाची की चूत एक दम बिना बाल की थी और उसकी साफ़्टनैस से मालूम हो रहा था की चाची शेव नहीं बल्कि हेयर रिमूवर से अपनी चूत के बाल साफ़ करती थीं।
तभी अचानक चाची सीधी हुई और अपनी काली ब्रा को छोड़ के एक चाँटा मेरे गाल पर मार दिया और बोली "मादरचोद, तुझे शरम नहिं आती मेरी बूर में उंगली डालते हुए।"
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