• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Thriller Dharkan

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
Story ka base accha hai...aur ab tak saandaar rahi....

Par kahi na kahi aisa laga ki bahut hi jaldi me likhi gai hai....

I think aapko ghatnao ko thoda detail me likhna chahiye.....to aur bhi accha hoga ..

Well..mujhe lagta hai ki wo kaidi dev ka bhai hi hoga....baki next me dekhte hai....

Keep rocking........
मैं कोई प्रोफेशनल राइटर नहीं हूं यह मेरी पहली की स्टोरी कोशिश करूंगा अगली स्टोरी मेरी छोटी नहीं होगी
 

u.sir.name

Hate girls, except the one reading this.
6,840
9,769
189
Update 13
अब तक आपने देखा की अर्जुन पहलवानी के मुकाबले में पहुंच चुका है अब आगे
जैसे ही अर्जुन पहलवानी के मुकाबले में पहुंचा तो वह कैदी अर्जुन से बोला क्यों बच्चे अपनी जिंदगी खराब करने यहां आ गए जिस पर अर्जुन बोला यह तो बाद में ही पता चलेगा कि बच्चा कौन है और बच्चे का बाप कैदी बोला तुम्हारी जुबान तो बहुत चलती है देखते हैं मुकाबले में कैसे हो यह कह कर कैदी ने सबसे पहले और तुम पर हमला किया और बच गया जिसके बाद अर्जुन ने भी कैदी पर हमला किया और वह भी बच गया इसी तरह दोनों की प्रतियोगिता का कोई हल नहीं निकल रहा था वहीं दूसरी तरफ
दिव्या दिव्या को यह पता चल चुका था की राज ही अर्जुन है और वह तुरंत ही मुकाबले में पहुंच गई जहां उसकी बहन निशा भी मुकाबला देख रहे थे दिव्या ने देखा कि उसकी बहन कैदी के जीतने पर खुश हो रही है
तब दिव्या ने निशा से कहा दीदी वह हमारा दुश्मन यह राज कोई और नहीं अर्जुन है। निशा को यह बात सुनकर बहुत ही गहरा सदमा लगा उसने सोचा कि अभी नया नया ही प्यार जन्म ले रहा था अब इसका क्या हल निकलेगा यह तो भगवान ही जाने वही प्रतियोगिता में
अर्जुन अर्जुन ने कैदी को पीठ के बल जमीन पर गिरा दिया था और उसकी गर्दन दबोच लिया था तभी अचानक उसे कुछ दिखाई देता है और वह आश्चर्यचकित हो जाता है कैदी इसी मौके का फायदा उठाकर तुरंत ही अर्जुन को नीचे गिरा कर उसके पीठ पर खुद बैठ जाता है। अर्जुन कैदी से कुछ करता है जिस पर कैरी पहले दो बहुत गुस्सा हो जाता है और फिर कुछ सोचता है और इसी अवसर पर अर्जुन वापस कैदी को नीचे गिरा देता है इससे कैदी को बहुत गुस्सा आता है और वह अर्जुन के गले को जोर से पकड़ लेता है अर्जुन छट-पटाने लगता है और देखते ही देखते हैं अर्जुन के हाथों का हिलना डुलना बंद हो गया और अंत में कैरी ने अर्जुन को छोड़ दिया जिससे सब को यह पता चल गया कि अर्जुन की मृत्यु हो गई है और वह कह दी वहां से उठकर महाराज के पास जाने लगा और अपनी रिहाई की खुशी में महाराज के आशीर्वाद मांगने के लिए महाराज विजय सिंह के पैरों पर गिर गया।
अगले अपडेट में हम जानेंगे किया कैदी कौन है और उसका विजय सिंह से क्या संबंध है और यह भी देखेंगे कि अर्जुन यदि मर गया है तो क्या वो वापस आएगा या उसका छोटा भाई उसके मौत का बदला पूरा करेगा। जाने के लिए अगले अपडेट का इंतजार
Nice update brother....
mere hisab se dev mara nahi hai...natak kar raha hai...
keep writing.....
keep posting.......
:rock1: :rock1: :rock1: :rock1:
 

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
Aapke dono reason sahi nhi lage.....

kyoki main bhi mobile se hi likh kar post karta hu....size aap dekh sakte ho....

aur main baat....koi bhi bina pre plan ke story nhi likhta....ha ye ho sakta hai ki likhte huye kych naya idea aa jaaye.. but ke pahle kuch to soch hoti hai...

y d way....ye tana nhi tha.....bas apna exp bata diya.....


Well...congrtz 4 new one....starting is good...lets c whts going on next.....
मेरी यह स्टोरी छोटी है लेकिन अगली स्टोरी बड़ी होगी और आपको अवश्य पसंद आएगी
 

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
Update 14
अब तक आपने देखा कि वाकई अर्जुन को मारकर महाराज से आशीर्वाद लेने उनके पैरों के पास जाता है अब आगे
अचानक अचानक उसका देने महाराज के पैर को पकड़कर अखाड़े में पटक दिया और खुद में कूद गए। पहले तो विजय सिंह थोड़ा परेशान हो गया लेकिन तुरंत ही उसने उस कैदी की भावनाओं को समझ लिया और देखते ही देखते महाराज और उस कैदी के बीच लड़ाई शुरू हो गई जिसमें विजय सिंह का पलड़ा भारी था जिस कारण कैदी हारने लगा। तभी अचानक किसी ने विजय सिंह के गले को तलवार से उड़ा दिया जब लोगों ने पीछे देखा तो अर्जुन सिंह हाथ में तलवार लिए खरा था। और उसने अपने मास्क को भी उतार दिया था जिससे जनता के बीच हड़बड़ी मच गई लेकिन थोड़ी देर में वह सब बात समझ में आ गया वही सेनापति अर्जुन के पास आता है तो अर्जुन बताता है की थोड़ी देर पहले जब हुआ उस कैदी से लड़ाई कर रहा था तो मुझे उसके हाथ पर ठीक वैसा ही निशान दिखा जो मेरे हाथ पर था। जिसे मैंने उसे पहचान लिया और फिर मैंने यह बात उसे बताएं उसके बाद हम लोगों ने थोड़ा नाटक किया और अर्जुन सिंह का अंत कर दिया।


इस बात पर महाराज कहते हैं कि तुम्हारे एक भाई सूर्या तो महाराज और महारानी के साथ ही मारा गया था लेकिन दूसरा भाई करण एक मेले में लापता हो गया था
सेनापति उस कैदी से पूछते हैं तुम कब से बंदी बने हुए हो।
इस इस बात पर वह कैदी कहता है मैंने जब से होश संभाला है खुद को कैद में ही पाया है।
तब सेनापति कहते हैं शायद विजय सिंह ने तुम्हें मेले में ही कैद कर लिया होगा जिस कारण महाराज को तुम कहीं भी नहीं मिले थे।
इस बात पर करण बहुत खुश होता है कि उसे उसका परिवार मिल गया। वही दिव्या को भी यह पता चल जाता है कि मैं जिससे प्यार करती थी वह कोई और नहीं बल्कि अर्जुन ही है सेनापति ने अर्जुन और दिव्या की शादी करवाई और अर्जुन को नया महाराज नियुक्त किया क्योंकि अर्जुन के कारण ही वाह विजय सिंह को मार पाया था और करण भी मिला था इस बात पर करण को भी कोई आपत्ति नहीं थी।
कहानी का पहला भाग यहीं खत्म होता है अगले भाग में मुलाकात होगी लेकिन इस कहानी का अगला भाग इस कहानी की तरह छोटा नहीं होगा ।
 
  • Like
Reactions: u.sir.name

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
इस इस स्टोरी के पहले वाले अपडेट में कुछ चेंज किया गया है जिस कारण यदि आपको यह अपडेट समझ में नहीं आता है तो फिर से पूरी स्टोरी को पढ़े
 
  • Like
Reactions: u.sir.name

Ankitshrivastava

Well-Known Member
3,946
11,152
159
मेरी यह स्टोरी छोटी है लेकिन अगली स्टोरी बड़ी होगी और आपको अवश्य पसंद आएगी

Maine ye nhi kaha ki pasand nhi aai.....bas wahi bola tha jo mujhe laga....ki aap ye r behtar bana sakte hai....

Aur haa...yaha professional writter koi nhi dost.....professional hote to yaha na hote....main to bilkul nhi....

so dont think abt it...jyst go on..

Keep rocking........
 
  • Like
Reactions: u.sir.name

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
Yah story dobara new tarike restart hogi.
(Raj---king of time and dimension and Bharatendu-- creator solar system time and dimension) a story ke complete hone ke bad
 

The Immortal

Live Life In Process.
Staff member
Sr. Moderator
57,994
42,932
354

Hello Everyone :hello:
We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC)..

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shaktey hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..

Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.

Regards :Xforum Staff.

 
Top