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Thriller Dharkan

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Update 6(a)
अब तक आपने देखा सूरज राज दरबार में एक स्थान प्राप्त करता है और वही सेनापति सूरज के हाथ पर त्रिशूल का निशान देखते हैं अब आगे
सेनापति-(अपने मन में) यह निशान तो उसके जैसा नहीं है यार थोड़ा अलग लग रहा है मुझे इसके बारे में से बात करनी चाहिए।
सेनापति सूरज से -यह निशान तुम्हारे हाथ पर कैसे आएगा
सूरज - यह तो बचपन से ही है
मैंने मैंने मेरी और मेरे भाई के हाथ पर ऐसा ही निशान बनवाया था।
सेनापति -तुम्हारे भाई के हाथ पर के निशान का फोटो है
सूरज -अपने पास से निकाल कर एक फोटो सेनापति को दिखाता है।
सेनापति-(अपने मन में) यह ठीक वैसा ही निशान है।

सेनापति सूरज से-मुझे तुम्हारे भाई से मिलना है।
उसी उसी दिन सेनापति और सूरज देव के पास आ जाते हैं

देव और सेनापति में कुछ बातचीत होती है जिसे जिसे देव के चेहरे का रंग धीरे-धीरे बदलते लगता है कभी गुस्सा कभी हैरानी कभी उदास।
सेनापति देव को अपने साथ चलने के लिए कहता है
देव -आप लोग जाइए मैं कुछ दिन बाद आऊंगा।
दूसरे दूसरे दिन दिन और सूरत वापस महल की ओर चले जाते हैं।
इधर जबसे देव और सेनापति के बीच बात हुई है देव थोड़ा परेशान रहने लगता है और 1 दिन कुछ सोच कर आगे का प्लान बनाता है जिसमें उसे अपने एक दोस्त राज को शामिल करना था।
कुछ दिनों के बाद उसी शहर में दूसरे जगह-
राज अपने सामानों की पैकिंग कर रहा था उसे देव ने कुछ काम दिया था जिसके कारण उसे सूरज के पास जाना था।
Nice update brother...
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Anshu0Kraj

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Update 6 (b)
अबअब तक आपने देखा कि सेनापति और देव के बीच कुछ बात होती है जिससे देव परेशान हो जाता है और वह इसे निकालने के लिए एक अपने को दोस्त राज से मदद मांगता है। और राज उसकी मदद करने के लिए सूरज के पास जाने के लिए तैयार होता है।
अब आगे
जब राज सूरज के पास जा रहा था तो रास्ते में उसका एक दुर्घटना हो जाता है जिसके कारण उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है जहां उसका इलाज एक लेडीस डॉक्टर करें एक लेडी डॉक्टर कर रही थी।
इलाज के दौरान राज को डॉक्टर से प्यार हो जाता है और वह अपने दिल की बात अब तक को बता नहीं पा रहा था। भोजन के बाद डॉक्टर छुट्टी पर अपने घर चली जाती है जिस कारण राज डॉक्टर से दोबारा मिल नहीं पाता लेकिन स्टाफ से पता करने पर उसे यह जानकारी मिलती है कि कि वह भी हिमाचल प्रदेश के 1 राज्य में रहती है राज को यह जानकर बहुत खुशी होता है वह वह जहां जा रहा है वहीं पर वह डॉक्टर रहती है और जब राज लोगों से पता करता है तो उसे पता चलता है कुछ डॉक्टर का नाम दिव्या सिंह था।
1 सप्ताह हॉस्पिटल में रहने के बाद राज सूरज से मिलने के लिए निकल पड़ता है।
जब जब वह राजमहल पहुंचता है तो सूरज उसकी पहचान सबसे अपने भाई बताकर करवाता है । चुकी वह राजकुमार का दोस्त था इसलिए देव(राज) को भी राज दरबार में बहुत सम्मान मिलता है। देव(राज) राजभवन में कभी-कभी दिव्या को भी देखता था लेकिन दिव्या उससे कभी कोई बात नहीं करती जब वह पता करता है तो उसे पता चलता है की दिव्या का शादी बचपन में ही तय हो गया था और वह उसी को अपना पति मान ली थी।
देव(राज) बहुत उदास हो गया था क्योंकि इसका पहला प्यार से मिल नहीं पाएगा। इसी बीच वह 1 दिन सेनापति के मदद से राज दरबार के सभी भरोसेमंद लोगों का एक बैठक अपने कमरे में बुलाता है और उसे कुछ बात करता है जिस से पहले तो राज दरबार के लोग थोड़े परेशान होगए लेकिन बाद में वह उसकी बात मान लेते हैं और उसका साथ देने के लिए तैयार हो जाते हैं
पिछलेे दिनों मेरी परीक्षा के कारण मै अपडेट नहीं दे पाया लेकिन आप डेट रेगुलर आएगा और अपडेट का टाइम शाम के 4:00 से 6:00 के बीच होगा।
 
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Anshu0Kraj

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आगे आने वाले अपडेट में आप जानेंगे
1 सेनापति निशान को देखकर परेशान क्यों हो जाते हैं
2 सेनापति और देव के बीच क्या बातचीत हुई थी
3 राज अपने कमरे में बैठक कर क्या बात के लिए राज दरबारियों को मनाता है।
अब राज कि जगह देव2 लिखूंगा

मेरी मेरी स्टोरीज शॉर्ट स्टोरी है जिस कारण यह 10 से 20 अपडेट में खत्म हो जाएगी धन्यवाद
 
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Update 6 (b)
अबअब तक आपने देखा कि सेनापति और देव के बीच कुछ बात होती है जिससे दे परेशान हो जाता है और वह इसे निकालने के लिए एक अपने को दोस्त राज से मदद मांगता है। और राज उसकी मदद करने के लिए सूरज के पास जाने के लिए तैयार होता है।
अब आगे
जब जब रात सूरज के पास जा रहा था तो रास्ते में उसका एक दुर्घटना हो जाता है जिसके कारण उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है जहां उसका इलाज एक लेडीस डॉक्टर करें एक लेडी डॉक्टर कर रही थी।
इलाजइलाज के दौरान राज को डॉक्टर से प्यार हो जाता है और वह अपने दिल की बात अब तक को बता नहीं पा रहा था। भोजन के बाद डॉक्टर छुट्टी पर अपने घर चली जाती है जिस कारण राजेश डॉक्टर से दोबारा मिल नहीं पाता लेकिन स्टाफ से पता करने पर उसे यह जानकारी मिलती है कि कि वह भी हिमाचल प्रदेश के 1 राज्य में रहती है राज को यह जानकर बहुत खुशी होता है वह वह जहां जा रहा है वहीं पर वह डॉक्टर रहती है और जब राज लोगों से पता करता है तो उसे पता चलता है कुछ डॉक्टर का नाम दिव्या सिंह था।
1 सप्ताह हॉस्पिटल में रहने के बाद राज सूरज से मिलने के लिए निकल पड़ता है।
जब जब वह राजमहल पहुंचता है तो सूरज उसकी पहचान देवा से करवाता है । चुकी वह राज्य का दोस्त था इसलिए उसे भी राज दरबार में बहुत सम्मान मिलता है। राज राजभवन में कभी-कभी दिव्या को भी देखता था लेकिन दिव्या उससे कभी कोई बात नहीं करती जब वह पता करता है तो उसे पता चलता है की दिव्या का शादी बचपन में ही तय हो गया था और वह उसी को अपना पति मान ली थी।
राज बहुत उदास हो गया था क्योंकि इसका पहला पैरों से मिल नहीं पाएगा। इसी बीच राजदेव द्वारा दिए हुए कार्य को भी पूरा करने लगता है और वह 1 दिन सेनापति के मदरसे राज दरबार के सभी भरोसेमंद लोगों का एक बैठक अपने कमरे में बुलाता है और उसे कुछ बात करता है जिस से पहले तो राज दरबार के लोग थोड़े परेशान होगा लेकिन बाद में वह उसकी बात मान लेते हैं और उसका साथ देने के लिए तैयार हो जाते हैं
पिछलेे दिनों मेरी परीक्षा का कारण मै अपडेट नहीं दे पाया लेकिन आप डेट रेगुलर आएगा और अपडेट का टाइम शाम के 4:00 से 6:00 के बीच होगा।
Nice update brother.....
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आगे आने वाले अपडेट में आप जानेंगे
1 सेनापति निशान को देखकर परेशान क्यों हो जाते हैं
2 सेनापति और देव के बीच क्या बातचीत हुई थी
3 देव राज से क्या मदद मांगता है
4 राज अपने कमरे में बैठक कर क्या बात के लिए राज दरबारियों को मनाता है।

मेरी मेरी स्टोरीज शॉर्ट स्टोरी है जिस कारण यह 10 से 20 अपडेट में खत्म हो जाएगी धन्यवाद
Intezarrrrr rahega brother.....
 

Anshu0Kraj

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Update 7
वहीं दूसरी तरफ देव सेनापति के द्वारा बताएं बातों को सोच रहा था।
Flace back
हिमाचल प्रांत के एक राज्य जहां का राजा विक्रम सिंह का वह दोनों बेटे और बेटी के साथ बहुत खुश था।
उसका बड़ा बेटा अजय सिंह जो अपने पिता की तरह था राज भवन में रहकर राज भवन के सभी कार्य में मदद किया करता था तथा समस्या पड़ने पर महाराज की मदद करता था। उसने अपने भाई-बहन की शिक्षा के लिए उसे शहर भेज दिया था जहां पर विजय सिंह और सुमन सिंह जाकर पढ़ाई करते थे। पढ़ाई के समय ही विजय सिंह को संजना नाम की लड़की से प्यार हो गया और सुमन सिंह को संजय चौहान से प्यार हो गया दोनों दोनों भाई बहन जानते थे कि उनका रिश्ता परिवार वाला कभी स्वीकार नहीं करेगा जिस कारण उन्होंने शहर में ही अपनी अपनी शादी कर ली एक बार महाराज ने अपने बेटे-बेटी को घर बुलाया। जब वह घर पहुंचे तो मैंने देखा कि घर पर शादी का माहौल है उन्होंने सेनापति से पता किया तो पता चला कि उनके बड़े भाई अजय सिंह का विवाह पड़ोसी राज्य की राजकुमारी शिवानी सिंह से होने वाली है।उन्होंने अपने भाई को बहुत शुभकामनाएं दी ऐसे ही अजय और शिवानी का विवाह हो गया विवाह के कुछ दिनों के बाद महाराज ने विजय और सुमन को शादी पर विचार करने के लिए कहा जिस पर उन्होंने कहा कि वह शहर मैं किसी से प्यार करते हैं जिसमें महाराज बहुत गुस्सा होगा और उन्होंने उन दोनों के बहुत पिटाई की और उन्हें घर से निकलने के लिए कहा जिस कारण विजय और सुमन अपने राज्य को छोड़कर वापस शहर आ गए। सुमन और संजय अपनी पढ़ाई खत्म कर दूसरे शहर अवध (जहां उनका किसी से कोई रिश्ता नहीं था) जाकर बस गए। वही विजय सिंह संजना के साथ पढ़ाई पूरा कर उसी शहर में बस गया। वहीं दूसरी तरफ महाराज विक्रम सिंह के कहने पर अजय सिंह एक दूसरे देश की राजकुमारी रजनी सिंह से दूसरी विवाह किया
इधर राजभवन में शिवानी सिंह ने एक बालक को जन्म दिया जिसका नाम महाराज ने करण रखा। इस खुशी के अवसर पर महाराज भी बहुत खुश हुआ जिस कारण उन्होंने सेनापति को कह कर विजय और सुमन को ढूंढने के लिए भेजें । सेनापति ने उन्हें बताया कि विजय उसी शहर में रहता है लेकिन राजकुमारी सुमन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। महाराज ने अपने बेटे को वापस राजभवन ने बुलाया करण जन्म समारोह मैं सभी परिवार फिर से एक हो गए शिवाय सुमन के। वही कुछ दिनों के बाद रजनी सिंह ने भी एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम सूर्या रखा गया सूर्या के जन्म लेने के कुछ समय बाद ही रजनी सिंह का स्वर्गवास हो गया जिस कारण शिवानी सिंह ने सूर्या को अपने बेटे की तरह पाला कुछ दिनों बाद महाराज ने अजय सिंह को राज्य का नया महाराज नियुक्त किया।
वही अजय सिंह ने अपने दोस्त रतन सिंह को सेनापति बना कर दिया।
 
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Anshu0Kraj

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Update 8
Flash back
दूसरी तरफ जब महाराज ने विजय सिंह को घर से निकाला विजय सिंह के अंदर एक गुस्सा भर गया लेकिन उसने इसे उजागर नहीं किया वह अपने एक दोस्त पवन सिंह का अपनी सारी बातें बताता था पवन सिंह दिल का बुरा नहीं था लेकिन वह हमेशा विजय की मदद करता था जिस कारण कभी-कभी उसे कुछ बुरे कामों में भी विजय की मदद करनी पड़ती थी। जब उसे दुबारा राजभवन ने बुलाया क्या तो वह अपने दोस्त पवन को लेकर राजमहल गया साथ ही उसकी पत्नी संजना सिंह भी थी। विजय अपने राज्य काल महाराज होने का सपना देखता था लेकिन जब महाराज ने अजय को नया महाराज नियुक्त किया तो उसके मन में अजय के खिलाफ बहुत गुस्सा भर गया । करण के जन्म लेने की 1 साल बाद संजना ने देवा को जन्मदिन लेकिन देवा की जन्म में कोई विशेष समारोह नहीं हुआ।
कहते हैं समय किसी के लिए नहीं रुकता है यहां भी ऐसा ही हुआ समय अपनी रफ्तार से बढ़ता गया । देवा के जन्म के कुछ दिनों के बाद ही पूर्व महाराज विक्रम सिंह की मृत्यु हो गई। देवा के जन्म के 2 साल बाद शिवानी फिर गर्भवती हुई। इस बात की खुशी में महाराज अजय सिंह पूरे परिवार के साथ एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर गए जहां उस समय मेला का आयोजन हुआ था लेकिन उनकी खराब किस्मत के कारण मेले में राजकुमार करण अपने परिवार से बिछड़ गया और वह कभी वापस नहीं मिल पाया। इस बात का सदमा पूरे परिवार को लगा। कुछ दिनों बाद शिवानी सिंह एक बालक को जन्म दिया जिसका नाम अर्जुन रखा गया कुछ दिनों बाद अर्जुन का जन्म समारोह होने वाला था लेकिन किसी को पता नहीं था कि इस समारोह में क्या क्या होने वाला है। कुछ लोगों ने बहुत अच्छा सोचा था तो कुछ लोगों बहुत बुरी प्लानिंग कर रहे हैं
 
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Anshu0Kraj

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करण देवा से 1 साल बड़ा था और अर्जुन से 4 साल
वही देवा अर्जुन से 3 साल वही सूर्या देवा के हम उम्र था जिस कारण हुआ करण से 1 साल छोटा और अर्जुन से 2 साल बड़ा था ।
 
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Update 9
जब देव2 दिव्या के प्यार के बारे में पता करना है तो उसे एक बार पता चलती है
Flash back
एक बार अजय और रतन एक साथ बैठे हुए थे तब अजय ने रतन से अपने बेटे करण के लिए निशा का तथा अर्जुन के लिए दिव्या का हाथ मांगा। जिस पर रतन भी राजी हो गए उस समय करण की उम्र 4 साल थी और निशा की भी उम्र 4 साल। वे दोनों एक दूसरे को मन ही मन प्यार करते थे वहीं दूसरी तरफ अर्जुन और दिव्या ने अभी-अभी जन्म ही दिया था। लेकिन दिव्या को बचपन से ही बताया गया था कि उसका विवाह अर्जुन से तय किया हुआ है जो पढ़ने के लिए शहर गया हुआ है जिस कारण वह अर्जुन से प्यार करने लगी लेकिन बाद में उसे पता चला कि अर्जुन लापता है।
वहीं दूसरी तरफ देव अभी भी सेनापति और अपने हुई बीच की बात को सोच रहा था
Flesh back
लगभग 20 साल पहले एक दिन
यह यह वही दिन था जब अर्जुन के जन्म का समारोह होने वाला था उस दिन के 1 दिन पहले पुजारी की मृत्यु हो जाती है जिस कारण कोई दूसरा पुजारी बनता है इस घटना के बारे में अजय को कोई जानकारी नहीं थी यह घटना सिर्फ विजय के कानों तक ही पहुंची थी। विजय जाकर पुजारी से मिलता है और उससे कुछ बातचीत करता है दूसरे दिन पुजारी के कहने पर महाराज अजय का पूरा परिवार एक विशेष मंदिर जो वही किसी चोटी पर स्थित था वहां जाता है लेकिन उसके साथ विजय का कोई बात नहीं जाता है पूजा के बाद समारोह राजभवन में ही होने वाला था। अजय के परिवार के जाने के कुछ समय बाद विजय और पवन अपने कुछ भरोसेमंद लोग को लेकर हर निकल जाते हैं और कुछ समय बाद वापस आ जाते हैं। शाम हो गई लेकिन महाराज और उनका परिवार वापस नहीं आया इस कारण विजय कुछ सैनिकों को लेकर उन्हें ढूंढने के लिए मंदिर जाता है जहां उनका कोई पता नहीं चलता लोग सोचते हैं कि महाराज किसी दूसरे मंडल के होंगे जिस कारण यह लोग वापस राजभवन आ जाते हैं लेकिन महाराज वापस नहीं आए दूसरे दिन पूरे राजभवन में खलबली मच गई क्योंकि महाराज के परिवार का भी तो कुछ पता नहीं चला था जिस कारण विजय कुछ सैनिकों को सेनापति रतन सिंह के साथ महाराज को खोजने के लिए भेजता है बहुत समय के बाद लोग वापस आते हैं तो यह पता चलता है कि उस पर्वत के नीचे खाई में एक परिवार की लाश मिली है जिसे पहचान तक मुश्किल है। एक पति पत्नी जो महाराजा और महारानी की उम्र के थे एक बच्चा सूर्या की उम्र का और कुछ पुजारी के कपड़े में लोग उन सभी का चेहरा बुरी तरह से खराब हो चुका था पहाड़ पर गिरने का कारण
यह यह खबर धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल जाती है और बोलो इस बात का शोक मनाने लगते हैं। तथा विजय नया महाराज बनाया जाता है।
इस घटना के बाद पवन सिंह बहुत परेशान रहने लगा था एक दूसरे के पास जाता है और उससे कुछ बातें करता है
पवन उसे बनाता है की महाराज का निकलने के कुछ समय बाद विजय में निकल गया और मैं उसका पीछा करते-करते वहां पहुंचा तो देखा कि विजय महाराज महारानी सूर्या तथा पुजारी होगा पहाड़ के नीचे फेंक चुके हैं और मैं जब अर्जुन को पहाड़ के नीचे फेंकने वाला था तो मैंने उससे पहले अर्जुन को लेकर पहाड़ के नीचे हैं लेकिन एक नदी में फेंक दिया था विजय का वापस जाने के बाद जब मैं बाहर से नीचे उतर कर नदी के पास दिखा तो मुझे पता चला कि अर्जुन को कोई परिवार लेकर जा रहा था जब मैं उनसे अर्जुन को मांगने जा रहा था तो मैंने देखा किवा परिवार राजकुमारी सुमन का था जिस कारण मैंने उसे वही रहने दिया
महाराजा महाराजा की हत्या में पूरा का पूरा हाथ विजय सिंह का है।
 
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