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Romance DharmPatni

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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Bhai Please Update Do Yadi Nahi De Paa Rahe To Bata Do Kab Tak De Rahe Ho
आज जरूर अपडेट आएगा
 
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gandfadpandit

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Dharam patni chhodo or garam patni pakdo
 
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Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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Dharam patni chhodo or garam patni pakdo
दोनो एक हि है बस समय और परिस्थिति के अनुसार अलग अलग रोल है।
 
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Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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मै थोड़ी देर आराम करके बाहर आया तो समीर आ चुका था। मै जाकर उसके पास बैठ गया। इस समय गीता आंटी का डांस चल रहा था। क्या जबरदस्त शरीर है आंटी का कि बुड्ढे का लंड भी तूफ़ान मचा दे। मै और समीर दोनो हवस के समंदर मे डूबे हुए गीता आंटी के डांस का लुत्फ़ उठा रहे थे।
मै: यार माल तो ये भी जबरदस्त है, चैन से बैठ भी नही सकते।
समीर: तुम्हारा 1 दिन मे ये हाल है। सोचो मै तो रोज़ देखता हु, कैसे संभालता हु अपने आपको।
मै: कोशिश नही की तूने कभी?
समीर: भाई रोज़ रात को पापा जमकर पेलते है, अपनी कोशिश का मतलब हि नही है। सारी आग तो वहीं बुझ जाती है।
मै: तुम्हारे पापा के तो मजे है यार, इतना जबरदस्त माल कितने सालों से चोद रहे हैं ।
समीर: तु सच कह रहा है भाई। काश! अब मुझे भी पापा वाली जैसी हि मिल जाये कोई तो मजा आ जाये।
इतने मे नित्या दी हमारे पास आयी और समीर को साथ लेकर चली गयी। मै आगे के डांस देखता रहा। मेरा ध्यान डांस से ज्यादा यहां उपस्थित अप्सराओं पर था। माल एक से बढ़कर एक। लंड बैठने का नाम नही ले रहा था। थोड़ी देर बाद समीर वापिस आ गया। संगीत का फंक्शन भी अंतिम पड़ाव पर आ गया। तभी मासी माँ स्टेज पर गयी। मुझे और प्रिया को भी स्टेज पर बुलाया। हम स्टेज पर गये।
मासी माँ: मै आज सब के साथ एक खुशखबर बाँटना चाहती हु कि मेने अपने प्यारे राजकुमार बेटे प्रतीक के लिए राजकुमारी ढूंढ ली है और वो है प्रिया और आज शाम को हि इनकी सगाई का फंक्शन है।
हम दोनो हि शर्म के मारे निचे नज़रें झुकाये खड़े थे। ये खबर सुनकर सब खुश हो गये और सबने हमे शुभकामनाएं दी। हम दोनो ने मासी माँ के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। फिर स्टेज से निचे आकर सब बड़ों के पैर छुए। सबने हमे बधाई दी। जब हम रानी से मिले तो वो मुझे देखकर हलकी सी मुस्कुराई और मेरे कान मे बोली " तुम तो बीच रास्ते मे हि साथ छोड़ गये"। ये सुनते हि मेने नज़रें निचे झुका ली क्योंकी मेरे पास कोई जवाब नही था। समीर ने मुझे गले लगाकर बधाई दी।
समीर: यार ये सब अचानक कैसे? कुछ समझ हि नहीं आया।
मै: अब घरवालों को लगा हम एक दूसरे के लिए सही है तो ठीक है।
समीर: चलो अच्छा है अब तो मिलकर मजे करने मे और भी मजा आएगा।
अब सब रूम्स मे चले गये।
मासी माँ ने मुझे पैसे और कार की चाबी दी और कहा: जा प्रिया और तु दोनो सगाई के लिए ड्रेस ले आओ।
अब मै कार के पास प्रिया का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद प्रिया आयी पर वो अकेली नही थी। उसकी बड़ी बहन रानी भी साथ मे थी। मै और प्रिया आगे बैठ गये और रानी पीछे बैठ गयी। मै चुपचाप कार चला रहा था।
रानी: क्या बात है प्रतीक बिल्कुल चुप हो। हमारी प्रिया पसंद नही तुम्हे या कोई और है तुम्हारे दिल मे?
ये सुनते हि मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी कि क्या जवाब दु इसे। मै चुप हि रहा।
रानी: कही किसी और को शादी का वादा तो नही किया हुआ है?
प्रिया: दी क्यू छेड़ रही हो। आप जानती हि प्रतीक वैसे हि कितना शर्मीला है। आप और ज्यादा नर्वस कर रही हो।
रानी: मै तो बस चुप्पी तुडवाने की कोशिश कर रही थी।
प्रिया: आप बिल्कुल चिंता मत करो दी। प्रतीक केवल मुझसे प्यार करता है। किसी दूसरी लड़की की तरफ तो देखता भी नही, शादी या और किसी सम्बन्ध की तो बात हि छोड़ दो।
मै रानी को काँच मे से देख रहा था। रानी भी मुझे हि देख रही थी। मै आँखों से हि रानी को चुप होने की मिन्नते कर रहा था पर रानी की आँखों मे मस्ती साफ दिख रही थी। रानी मेरी और देखती हुयी बोली
रानी: सच मे किसी की और देखता भी नही। प्रतीक क्या प्रिया सच कह रही है?
मै: हां प्रिया सच कह रही है।
इतने मे हम मॉल पहुंच गये। कार पार्किंग मे लगायी और हम मॉल के अंदर गये। सबसे पहले हम प्रिया के लिए ड्रेस लेने गये। वहाँ प्रिया के लिए एक लहँगा लिया और रानी ने अपने लिए एक साड़ी खरीदी। दोनो के ब्लाउज सिलने को दे दिये। ब्लाउज 4 घंटे बाद मिलने वाले थे। अब हमने मेरे लिए एक कुरता पज़ामा खरीदा। फिर हमने हल्का नाश्ता किया। पर अभी भी 3 घंटे बाकी थे तो हमने मूवी देखने का तय किया। उसी मॉल मे मूवी थिएटर मे 3 कार्नर सीट बुक करवाई और हम मूवी हॉल मे आ गये। अपनी सीट पर बैठे। रानी ने मेरे कान मे कहा तुम बीच मे बैठना। मेने उसकी ओर देखा तो उसने मुझे आँख मार दी। अब प्रिया कार्नर सीट पर फिर मै और मेरे बगल वाली सीट पर रानी बैठ गयी। मूवी शुरु हुयी और हॉल की लाइट्स ऑफ हो गयी। थोड़ी देर मे मुझे अपने लंड पर एक हाथ महसूस हुआ। मेने प्रिया की ओर देखा तो उसका पूरा ध्यान स्क्रीन पर था मतलब हाथ रानी का है। मेने पलटकर रानी की ओर देखा। रानी मुझे हि देख रही थी। मेरी साँसे डर और हवास के मिले जुले अहसास मे बढ़ने लगी। रानी ने मेरा हाथ अपने बोबो पर रख दिया। मै इतने मुलायम मोटे बूब्स के स्पर्श से खोने लगा। मै हलके हलके बूब्स दबाने लगा। रानी ने मेरी जीन्स की चैन खोली और अंदर हाथ घुसाकर चड्डी मे हाथ डालकर लंड पकड़ लिया। मै पागल हो गया। मेरी होने वाली बीवी मेरे बगल मे बैठी थी और उसकी बड़ी बहन अपने कोमल हाथों से मेरा लंड सहला रही थी। मै उसके बोबे दबा रहा था। मेरा लंड कड़क होकर फटने लगा। रानी मेरे कान मे बोली: अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रखो और सहलाओ।
मै: प्रिया बुरा तो नही मान जाएगी?
रानी: मै कह रही हु ना तुम आगे बढ़ो।
मै भी इस एहसास से हि रोमांचित हो उठा कि एक साथ दो दो अप्सराओं के मजे लेने को मिलने वाला है। मेने अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगा। प्रिया ने मेरी ओर देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी। मुझे आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिल चुकी थी। मेने थोड़ा प्रेशर प्रिया के बूब्स पर बढ़ा दिया और दोनो हाथों से प्रिया के बोबे दबाने लगा। रानी ने भी मेरे लंड को हिलाना शुरु कर दिया। मेने अपने होंठ प्रिया के होंठो पर रख दिये और किस करने लगा। प्रिया भी मेरा साथ देने लगी। धीरे धीरे हमारा किस इंटेंस होने लगा। अब हमारी जीभ लड़ाई करने लगी। मै एक हाथ नीचे ले जाकर प्रिया के पेट पर फिराने लगा। दोनो पर हवस की आग भड़कने लगी। अब मेने हाथ धीरे धीरे नीचे करना शुरु किया तो प्रिया ने मेरा हाथ पकड़ लिया। किस तोड़कर प्रिया ने कहा: अभी बस इतना ही बाकी सब शादी के बाद। इतना कहकर प्रिया मुझे आँख मारकर स्क्रीन की ओर देखने लगी। रानी अभी भी मेरा लंड हिला रही थी। मेने रानी की ओर देखा तो वो मुझे देख कर हस रही थी। रानी बोली: क्या हुआ होने वाली बीवी ने बीच मे हि साथ छोड़ दिया जैसे तुमने मेरा साथ छोड़ा।
मै: सोर्री रानी पर घरवालों ने शादी फिक्स कर दी मुझे तो बोलने का मोका हि नही मिला।
रानी: तो तुम प्रिया को बता देते हमारे बारे मे।
मै: मै उसे तुम्हारे बारे मे बताना चाहता था पर उसके रूप मे ऐसा खोया की कुछ बोल हि नही पाया।
रानी: मतलब प्रिया मुझसे ज्यादा हसीन है, फिर तुमने मेरे साथ वो सब क्यू किया?
मै: सोर्री तुम कहती हो तो मै अभी बता देता हु।
रानी ने मेरे होठों पर किस किया और बोली: नही अब किसी को कुछ बताने की जरूरत नही है। प्रिया तुमसे शादी की बात से बहुत खुश है। मै उसकी खुशी नही छीनुँगी। पर तुम्हे मुझसे दो वादे करने होंगे।
मै: बोलो मै तुमसे सभी वादे करने को तैयार हु।
रानी: पहला वादा की प्रिया को हमेशा खुश रखोगे और दूसरा की मुझसे हमेशा अपनी पत्नी की तरह हि प्यार करोगे।
मै: मुझे मंजूर है पर क्या प्रिया को बुरा नही लगेगा यदि उसे हमारे बारे मे पता लग गया तो।
रानी: प्रिया को तो गलती से भी पता नही लगना चाहिए। यदि उसे पता चला की उसके अलावा किसी से भी तुम्हारे सम्बन्ध है तो वो तुम्हारी और सामने वाली की जान ले लेगी।
मै: तो फिर तुम ऐसा वादा क्यू ले रही हो?
रानी: क्यूंकि मै भी तुमसे प्यार करती हु और तुम्हारे बिना नही रह सकती। मै टॉयलेट जा रही हु तुम भी बाहर आओ जल्दी से।
मै: पर अगर प्रिया आ गयी तो
रानी: ऐसा कुछ नही होगा तुम आओ
रानी टॉयलेट के लिए बोलकर हॉल से बाहर चली गयी। 2 मिनट बाद मै भी टॉयलेट का बोलकर बाहर आ गया। देखा वहाँ रानी कही नही दिखी तो मेने सोचा शायद टॉयलेट करने गयी होगी तब तक मै भी टॉयलेट कर आता हु। मै जेंट्स टॉयलेट की ओर जाने लगा। तभी किसी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे एक तरफ खींच लिया। ये जगह एक कोने मे एक छोटी से गली से होती हुयी एक कमरे मे जा रही थी। मुझे खीचने वाली रानी थी। वी मुझे उस रूम तक ले गयी। ये एक स्टोर रूम जैसा था जिसमे टूटा फूटा सामान पड़ा हुआ था। वहां पहुंचते हि रानी ने मेरी जीन्स और चड्डी निचे कर दी और लंड चूसने लगी। लंड पलभर मे हि कड़क होकर सलामी देने लगा। अब रानी ने मुझे एक चेयर पर बिठाया और खुद मेरे लंड पर बैठने लगी। लंड सीधा रानी की चूत से जा टकराया मतलब रानी ने चड्डी नही पहनी थी और उसका सलवार भी निचे से फटा हुआ था।मतलब रानी घर से हि चुदने की तैयारी करके आई थी। धीरे धीरे मेरा लंड रानी की चूत मे समाने लगा। मै मदहोश होकर लंड पर रानी की चूत को सवारी कराने लगा। रानी के होठों पर अपने होंठ रखे और उसे चूमने लगा। मुझे प्रिया के आने का डर था इसीलिए मै हर झटका पूरी ताकत से मार रहा था। रानी की हर झटके के साथ आह निकलती और मेरे मुह मे खो जाती। मेरे हाथ अब रानी के मुलायम बोबो को मसलने लगे। रानी दोहरी मार से झड़ने के कगार पर आ पहुंची। मै भी रानी को चोदने के रोमांच और प्रिया के आ जाने के डर के अहसास से जल्द हि झड़ने को तैयार हो गया। मेने धक्कों की स्पीड बड़ा दी। अब मेने रानी को गोद मे उठाया और दीवार के रानी की पीठ लगा कर ताबड़तोड़ उसकी चूत मे लंड पेलने लगा। रानी लगभग चीख रही थी पर सब चीखे मेरे अंदर खो रही थी। अगले कुछ हि पलों मे हम झड़ने लगे। मै अपना वीर्य रानी की कामरस मे भीगी चूत की गहराइयों मे उडेलने लगा और रानी मेरे लंड को अपने रस से स्नान करने लगी। पूरी तरह झड़ने के बाद हम अपनी साँसे संभालने लगे फिर कपड़े पहनकर वापिस हॉल मे आ गये। पहले मै आया और थोड़ी देर बाद रानी। मेने प्रिया को कह दिया की कॉल आ गया था इसीलिए समय लग गया। रानी भी आकर बैठ गयी। मूवी ख़त्म होने पर हम बाहर आये। दोनो के ब्लाउज लिए और घर आ गये।
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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219
मै थोड़ी देर आराम करके बाहर आया तो समीर आ चुका था। मै जाकर उसके पास बैठ गया। इस समय गीता आंटी का डांस चल रहा था। क्या जबरदस्त शरीर है आंटी का कि बुड्ढे का लंड भी तूफ़ान मचा दे। मै और समीर दोनो हवस के समंदर मे डूबे हुए गीता आंटी के डांस का लुत्फ़ उठा रहे थे।
मै: यार माल तो ये भी जबरदस्त है, चैन से बैठ भी नही सकते।
समीर: तुम्हारा 1 दिन मे ये हाल है। सोचो मै तो रोज़ देखता हु, कैसे संभालता हु अपने आपको।
मै: कोशिश नही की तूने कभी?
समीर: भाई रोज़ रात को पापा जमकर पेलते है, अपनी कोशिश का मतलब हि नही है। सारी आग तो वहीं बुझ जाती है।
मै: तुम्हारे पापा के तो मजे है यार, इतना जबरदस्त माल कितने सालों से चोद रहे हैं ।
समीर: तु सच कह रहा है भाई। काश! अब मुझे भी पापा वाली जैसी हि मिल जाये कोई तो मजा आ जाये।
इतने मे नित्या दी हमारे पास आयी और समीर को साथ लेकर चली गयी। मै आगे के डांस देखता रहा। मेरा ध्यान डांस से ज्यादा यहां उपस्थित अप्सराओं पर था। माल एक से बढ़कर एक। लंड बैठने का नाम नही ले रहा था। थोड़ी देर बाद समीर वापिस आ गया। संगीत का फंक्शन भी अंतिम पड़ाव पर आ गया। तभी मासी माँ स्टेज पर गयी। मुझे और प्रिया को भी स्टेज पर बुलाया। हम स्टेज पर गये।
मासी माँ: मै आज सब के साथ एक खुशखबर बाँटना चाहती हु कि मेने अपने प्यारे राजकुमार बेटे प्रतीक के लिए राजकुमारी ढूंढ ली है और वो है प्रिया और आज शाम को हि इनकी सगाई का फंक्शन है।
हम दोनो हि शर्म के मारे निचे नज़रें झुकाये खड़े थे। ये खबर सुनकर सब खुश हो गये और सबने हमे शुभकामनाएं दी। हम दोनो ने मासी माँ के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। फिर स्टेज से निचे आकर सब बड़ों के पैर छुए। सबने हमे बधाई दी। जब हम रानी से मिले तो वो मुझे देखकर हलकी सी मुस्कुराई और मेरे कान मे बोली " तुम तो बीच रास्ते मे हि साथ छोड़ गये"। ये सुनते हि मेने नज़रें निचे झुका ली क्योंकी मेरे पास कोई जवाब नही था। समीर ने मुझे गले लगाकर बधाई दी।
समीर: यार ये सब अचानक कैसे? कुछ समझ हि नहीं आया।
मै: अब घरवालों को लगा हम एक दूसरे के लिए सही है तो ठीक है।
समीर: चलो अच्छा है अब तो मिलकर मजे करने मे और भी मजा आएगा।
अब सब रूम्स मे चले गये।
मासी माँ ने मुझे पैसे और कार की चाबी दी और कहा: जा प्रिया और तु दोनो सगाई के लिए ड्रेस ले आओ।
अब मै कार के पास प्रिया का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद प्रिया आयी पर वो अकेली नही थी। उसकी बड़ी बहन रानी भी साथ मे थी। मै और प्रिया आगे बैठ गये और रानी पीछे बैठ गयी। मै चुपचाप कार चला रहा था।
रानी: क्या बात है प्रतीक बिल्कुल चुप हो। हमारी प्रिया पसंद नही तुम्हे या कोई और है तुम्हारे दिल मे?
ये सुनते हि मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी कि क्या जवाब दु इसे। मै चुप हि रहा।
रानी: कही किसी और को शादी का वादा तो नही किया हुआ है?
प्रिया: दी क्यू छेड़ रही हो। आप जानती हि प्रतीक वैसे हि कितना शर्मीला है। आप और ज्यादा नर्वस कर रही हो।
रानी: मै तो बस चुप्पी तुडवाने की कोशिश कर रही थी।
प्रिया: आप बिल्कुल चिंता मत करो दी। प्रतीक केवल मुझसे प्यार करता है। किसी दूसरी लड़की की तरफ तो देखता भी नही, शादी या और किसी सम्बन्ध की तो बात हि छोड़ दो।
मै रानी को काँच मे से देख रहा था। रानी भी मुझे हि देख रही थी। मै आँखों से हि रानी को चुप होने की मिन्नते कर रहा था पर रानी की आँखों मे मस्ती साफ दिख रही थी। रानी मेरी और देखती हुयी बोली
रानी: सच मे किसी की और देखता भी नही। प्रतीक क्या प्रिया सच कह रही है?
मै: हां प्रिया सच कह रही है।
इतने मे हम मॉल पहुंच गये। कार पार्किंग मे लगायी और हम मॉल के अंदर गये। सबसे पहले हम प्रिया के लिए ड्रेस लेने गये। वहाँ प्रिया के लिए एक लहँगा लिया और रानी ने अपने लिए एक साड़ी खरीदी। दोनो के ब्लाउज सिलने को दे दिये। ब्लाउज 4 घंटे बाद मिलने वाले थे। अब हमने मेरे लिए एक कुरता पज़ामा खरीदा। फिर हमने हल्का नाश्ता किया। पर अभी भी 3 घंटे बाकी थे तो हमने मूवी देखने का तय किया। उसी मॉल मे मूवी थिएटर मे 3 कार्नर सीट बुक करवाई और हम मूवी हॉल मे आ गये। अपनी सीट पर बैठे। रानी ने मेरे कान मे कहा तुम बीच मे बैठना। मेने उसकी ओर देखा तो उसने मुझे आँख मार दी। अब प्रिया कार्नर सीट पर फिर मै और मेरे बगल वाली सीट पर रानी बैठ गयी। मूवी शुरु हुयी और हॉल की लाइट्स ऑफ हो गयी। थोड़ी देर मे मुझे अपने लंड पर एक हाथ महसूस हुआ। मेने प्रिया की ओर देखा तो उसका पूरा ध्यान स्क्रीन पर था मतलब हाथ रानी का है। मेने पलटकर रानी की ओर देखा। रानी मुझे हि देख रही थी। मेरी साँसे डर और हवास के मिले जुले अहसास मे बढ़ने लगी। रानी ने मेरा हाथ अपने बोबो पर रख दिया। मै इतने मुलायम मोटे बूब्स के स्पर्श से खोने लगा। मै हलके हलके बूब्स दबाने लगा। रानी ने मेरी जीन्स की चैन खोली और अंदर हाथ घुसाकर चड्डी मे हाथ डालकर लंड पकड़ लिया। मै पागल हो गया। मेरी होने वाली बीवी मेरे बगल मे बैठी थी और उसकी बड़ी बहन अपने कोमल हाथों से मेरा लंड सहला रही थी। मै उसके बोबे दबा रहा था। मेरा लंड कड़क होकर फटने लगा। रानी मेरे कान मे बोली: अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रखो और सहलाओ।
मै: प्रिया बुरा तो नही मान जाएगी?
रानी: मै कह रही हु ना तुम आगे बढ़ो।
मै भी इस एहसास से हि रोमांचित हो उठा कि एक साथ दो दो अप्सराओं के मजे लेने को मिलने वाला है। मेने अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगा। प्रिया ने मेरी ओर देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी। मुझे आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिल चुकी थी। मेने थोड़ा प्रेशर प्रिया के बूब्स पर बढ़ा दिया और दोनो हाथों से प्रिया के बोबे दबाने लगा। रानी ने भी मेरे लंड को हिलाना शुरु कर दिया। मेने अपने होंठ प्रिया के होंठो पर रख दिये और किस करने लगा। प्रिया भी मेरा साथ देने लगी। धीरे धीरे हमारा किस इंटेंस होने लगा। अब हमारी जीभ लड़ाई करने लगी। मै एक हाथ नीचे ले जाकर प्रिया के पेट पर फिराने लगा। दोनो पर हवस की आग भड़कने लगी। अब मेने हाथ धीरे धीरे नीचे करना शुरु किया तो प्रिया ने मेरा हाथ पकड़ लिया। किस तोड़कर प्रिया ने कहा: अभी बस इतना ही बाकी सब शादी के बाद। इतना कहकर प्रिया मुझे आँख मारकर स्क्रीन की ओर देखने लगी। रानी अभी भी मेरा लंड हिला रही थी। मेने रानी की ओर देखा तो वो मुझे देख कर हस रही थी। रानी बोली: क्या हुआ होने वाली बीवी ने बीच मे हि साथ छोड़ दिया जैसे तुमने मेरा साथ छोड़ा।
मै: सोर्री रानी पर घरवालों ने शादी फिक्स कर दी मुझे तो बोलने का मोका हि नही मिला।
रानी: तो तुम प्रिया को बता देते हमारे बारे मे।
मै: मै उसे तुम्हारे बारे मे बताना चाहता था पर उसके रूप मे ऐसा खोया की कुछ बोल हि नही पाया।
रानी: मतलब प्रिया मुझसे ज्यादा हसीन है, फिर तुमने मेरे साथ वो सब क्यू किया?
मै: सोर्री तुम कहती हो तो मै अभी बता देता हु।
रानी ने मेरे होठों पर किस किया और बोली: नही अब किसी को कुछ बताने की जरूरत नही है। प्रिया तुमसे शादी की बात से बहुत खुश है। मै उसकी खुशी नही छीनुँगी। पर तुम्हे मुझसे दो वादे करने होंगे।
मै: बोलो मै तुमसे सभी वादे करने को तैयार हु।
रानी: पहला वादा की प्रिया को हमेशा खुश रखोगे और दूसरा की मुझसे हमेशा अपनी पत्नी की तरह हि प्यार करोगे।
मै: मुझे मंजूर है पर क्या प्रिया को बुरा नही लगेगा यदि उसे हमारे बारे मे पता लग गया तो।
रानी: प्रिया को तो गलती से भी पता नही लगना चाहिए। यदि उसे पता चला की उसके अलावा किसी से भी तुम्हारे सम्बन्ध है तो वो तुम्हारी और सामने वाली की जान ले लेगी।
मै: तो फिर तुम ऐसा वादा क्यू ले रही हो?
रानी: क्यूंकि मै भी तुमसे प्यार करती हु और तुम्हारे बिना नही रह सकती। मै टॉयलेट जा रही हु तुम भी बाहर आओ जल्दी से।
मै: पर अगर प्रिया आ गयी तो
रानी: ऐसा कुछ नही होगा तुम आओ
रानी टॉयलेट के लिए बोलकर हॉल से बाहर चली गयी। 2 मिनट बाद मै भी टॉयलेट का बोलकर बाहर आ गया। देखा वहाँ रानी कही नही दिखी तो मेने सोचा शायद टॉयलेट करने गयी होगी तब तक मै भी टॉयलेट कर आता हु। मै जेंट्स टॉयलेट की ओर जाने लगा। तभी किसी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे एक तरफ खींच लिया। ये जगह एक कोने मे एक छोटी से गली से होती हुयी एक कमरे मे जा रही थी। मुझे खीचने वाली रानी थी। वी मुझे उस रूम तक ले गयी। ये एक स्टोर रूम जैसा था जिसमे टूटा फूटा सामान पड़ा हुआ था। वहां पहुंचते हि रानी ने मेरी जीन्स और चड्डी निचे कर दी और लंड चूसने लगी। लंड पलभर मे हि कड़क होकर सलामी देने लगा। अब रानी ने मुझे एक चेयर पर बिठाया और खुद मेरे लंड पर बैठने लगी। लंड सीधा रानी की चूत से जा टकराया मतलब रानी ने चड्डी नही पहनी थी और उसका सलवार भी निचे से फटा हुआ था।मतलब रानी घर से हि चुदने की तैयारी करके आई थी। धीरे धीरे मेरा लंड रानी की चूत मे समाने लगा। मै मदहोश होकर लंड पर रानी की चूत को सवारी कराने लगा। रानी के होठों पर अपने होंठ रखे और उसे चूमने लगा। मुझे प्रिया के आने का डर था इसीलिए मै हर झटका पूरी ताकत से मार रहा था। रानी की हर झटके के साथ आह निकलती और मेरे मुह मे खो जाती। मेरे हाथ अब रानी के मुलायम बोबो को मसलने लगे। रानी दोहरी मार से झड़ने के कगार पर आ पहुंची। मै भी रानी को चोदने के रोमांच और प्रिया के आ जाने के डर के अहसास से जल्द हि झड़ने को तैयार हो गया। मेने धक्कों की स्पीड बड़ा दी। अब मेने रानी को गोद मे उठाया और दीवार के रानी की पीठ लगा कर ताबड़तोड़ उसकी चूत मे लंड पेलने लगा। रानी लगभग चीख रही थी पर सब चीखे मेरे अंदर खो रही थी। अगले कुछ हि पलों मे हम झड़ने लगे। मै अपना वीर्य रानी की कामरस मे भीगी चूत की गहराइयों मे उडेलने लगा और रानी मेरे लंड को अपने रस से स्नान करने लगी। पूरी तरह झड़ने के बाद हम अपनी साँसे संभालने लगे फिर कपड़े पहनकर वापिस हॉल मे आ गये। पहले मै आया और थोड़ी देर बाद रानी। मेने प्रिया को कह दिया की कॉल आ गया था इसीलिए समय लग गया। रानी भी आकर बैठ गयी। मूवी ख़त्म होने पर हम बाहर आये। दोनो के ब्लाउज लिए और घर आ गये।
दोनों हाथों में लड्डू.....
प्रिया से सगाई और रानी की चुदाई

रानी के तो पहले से ही हाथ ही नहीं सबकुछ भरा है....
पति, देवर, प्रतीक और वेटिंग में समीर

:hot: :sex:
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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मै थोड़ी देर आराम करके बाहर आया तो समीर आ चुका था। मै जाकर उसके पास बैठ गया। इस समय गीता आंटी का डांस चल रहा था। क्या जबरदस्त शरीर है आंटी का कि बुड्ढे का लंड भी तूफ़ान मचा दे। मै और समीर दोनो हवस के समंदर मे डूबे हुए गीता आंटी के डांस का लुत्फ़ उठा रहे थे।
मै: यार माल तो ये भी जबरदस्त है, चैन से बैठ भी नही सकते।
समीर: तुम्हारा 1 दिन मे ये हाल है। सोचो मै तो रोज़ देखता हु, कैसे संभालता हु अपने आपको।
मै: कोशिश नही की तूने कभी?
समीर: भाई रोज़ रात को पापा जमकर पेलते है, अपनी कोशिश का मतलब हि नही है। सारी आग तो वहीं बुझ जाती है।
मै: तुम्हारे पापा के तो मजे है यार, इतना जबरदस्त माल कितने सालों से चोद रहे हैं ।
समीर: तु सच कह रहा है भाई। काश! अब मुझे भी पापा वाली जैसी हि मिल जाये कोई तो मजा आ जाये।
इतने मे नित्या दी हमारे पास आयी और समीर को साथ लेकर चली गयी। मै आगे के डांस देखता रहा। मेरा ध्यान डांस से ज्यादा यहां उपस्थित अप्सराओं पर था। माल एक से बढ़कर एक। लंड बैठने का नाम नही ले रहा था। थोड़ी देर बाद समीर वापिस आ गया। संगीत का फंक्शन भी अंतिम पड़ाव पर आ गया। तभी मासी माँ स्टेज पर गयी। मुझे और प्रिया को भी स्टेज पर बुलाया। हम स्टेज पर गये।
मासी माँ: मै आज सब के साथ एक खुशखबर बाँटना चाहती हु कि मेने अपने प्यारे राजकुमार बेटे प्रतीक के लिए राजकुमारी ढूंढ ली है और वो है प्रिया और आज शाम को हि इनकी सगाई का फंक्शन है।
हम दोनो हि शर्म के मारे निचे नज़रें झुकाये खड़े थे। ये खबर सुनकर सब खुश हो गये और सबने हमे शुभकामनाएं दी। हम दोनो ने मासी माँ के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। फिर स्टेज से निचे आकर सब बड़ों के पैर छुए। सबने हमे बधाई दी। जब हम रानी से मिले तो वो मुझे देखकर हलकी सी मुस्कुराई और मेरे कान मे बोली " तुम तो बीच रास्ते मे हि साथ छोड़ गये"। ये सुनते हि मेने नज़रें निचे झुका ली क्योंकी मेरे पास कोई जवाब नही था। समीर ने मुझे गले लगाकर बधाई दी।
समीर: यार ये सब अचानक कैसे? कुछ समझ हि नहीं आया।
मै: अब घरवालों को लगा हम एक दूसरे के लिए सही है तो ठीक है।
समीर: चलो अच्छा है अब तो मिलकर मजे करने मे और भी मजा आएगा।
अब सब रूम्स मे चले गये।
मासी माँ ने मुझे पैसे और कार की चाबी दी और कहा: जा प्रिया और तु दोनो सगाई के लिए ड्रेस ले आओ।
अब मै कार के पास प्रिया का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद प्रिया आयी पर वो अकेली नही थी। उसकी बड़ी बहन रानी भी साथ मे थी। मै और प्रिया आगे बैठ गये और रानी पीछे बैठ गयी। मै चुपचाप कार चला रहा था।
रानी: क्या बात है प्रतीक बिल्कुल चुप हो। हमारी प्रिया पसंद नही तुम्हे या कोई और है तुम्हारे दिल मे?
ये सुनते हि मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी कि क्या जवाब दु इसे। मै चुप हि रहा।
रानी: कही किसी और को शादी का वादा तो नही किया हुआ है?
प्रिया: दी क्यू छेड़ रही हो। आप जानती हि प्रतीक वैसे हि कितना शर्मीला है। आप और ज्यादा नर्वस कर रही हो।
रानी: मै तो बस चुप्पी तुडवाने की कोशिश कर रही थी।
प्रिया: आप बिल्कुल चिंता मत करो दी। प्रतीक केवल मुझसे प्यार करता है। किसी दूसरी लड़की की तरफ तो देखता भी नही, शादी या और किसी सम्बन्ध की तो बात हि छोड़ दो।
मै रानी को काँच मे से देख रहा था। रानी भी मुझे हि देख रही थी। मै आँखों से हि रानी को चुप होने की मिन्नते कर रहा था पर रानी की आँखों मे मस्ती साफ दिख रही थी। रानी मेरी और देखती हुयी बोली
रानी: सच मे किसी की और देखता भी नही। प्रतीक क्या प्रिया सच कह रही है?
मै: हां प्रिया सच कह रही है।
इतने मे हम मॉल पहुंच गये। कार पार्किंग मे लगायी और हम मॉल के अंदर गये। सबसे पहले हम प्रिया के लिए ड्रेस लेने गये। वहाँ प्रिया के लिए एक लहँगा लिया और रानी ने अपने लिए एक साड़ी खरीदी। दोनो के ब्लाउज सिलने को दे दिये। ब्लाउज 4 घंटे बाद मिलने वाले थे। अब हमने मेरे लिए एक कुरता पज़ामा खरीदा। फिर हमने हल्का नाश्ता किया। पर अभी भी 3 घंटे बाकी थे तो हमने मूवी देखने का तय किया। उसी मॉल मे मूवी थिएटर मे 3 कार्नर सीट बुक करवाई और हम मूवी हॉल मे आ गये। अपनी सीट पर बैठे। रानी ने मेरे कान मे कहा तुम बीच मे बैठना। मेने उसकी ओर देखा तो उसने मुझे आँख मार दी। अब प्रिया कार्नर सीट पर फिर मै और मेरे बगल वाली सीट पर रानी बैठ गयी। मूवी शुरु हुयी और हॉल की लाइट्स ऑफ हो गयी। थोड़ी देर मे मुझे अपने लंड पर एक हाथ महसूस हुआ। मेने प्रिया की ओर देखा तो उसका पूरा ध्यान स्क्रीन पर था मतलब हाथ रानी का है। मेने पलटकर रानी की ओर देखा। रानी मुझे हि देख रही थी। मेरी साँसे डर और हवास के मिले जुले अहसास मे बढ़ने लगी। रानी ने मेरा हाथ अपने बोबो पर रख दिया। मै इतने मुलायम मोटे बूब्स के स्पर्श से खोने लगा। मै हलके हलके बूब्स दबाने लगा। रानी ने मेरी जीन्स की चैन खोली और अंदर हाथ घुसाकर चड्डी मे हाथ डालकर लंड पकड़ लिया। मै पागल हो गया। मेरी होने वाली बीवी मेरे बगल मे बैठी थी और उसकी बड़ी बहन अपने कोमल हाथों से मेरा लंड सहला रही थी। मै उसके बोबे दबा रहा था। मेरा लंड कड़क होकर फटने लगा। रानी मेरे कान मे बोली: अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रखो और सहलाओ।
मै: प्रिया बुरा तो नही मान जाएगी?
रानी: मै कह रही हु ना तुम आगे बढ़ो।
मै भी इस एहसास से हि रोमांचित हो उठा कि एक साथ दो दो अप्सराओं के मजे लेने को मिलने वाला है। मेने अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगा। प्रिया ने मेरी ओर देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी। मुझे आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिल चुकी थी। मेने थोड़ा प्रेशर प्रिया के बूब्स पर बढ़ा दिया और दोनो हाथों से प्रिया के बोबे दबाने लगा। रानी ने भी मेरे लंड को हिलाना शुरु कर दिया। मेने अपने होंठ प्रिया के होंठो पर रख दिये और किस करने लगा। प्रिया भी मेरा साथ देने लगी। धीरे धीरे हमारा किस इंटेंस होने लगा। अब हमारी जीभ लड़ाई करने लगी। मै एक हाथ नीचे ले जाकर प्रिया के पेट पर फिराने लगा। दोनो पर हवस की आग भड़कने लगी। अब मेने हाथ धीरे धीरे नीचे करना शुरु किया तो प्रिया ने मेरा हाथ पकड़ लिया। किस तोड़कर प्रिया ने कहा: अभी बस इतना ही बाकी सब शादी के बाद। इतना कहकर प्रिया मुझे आँख मारकर स्क्रीन की ओर देखने लगी। रानी अभी भी मेरा लंड हिला रही थी। मेने रानी की ओर देखा तो वो मुझे देख कर हस रही थी। रानी बोली: क्या हुआ होने वाली बीवी ने बीच मे हि साथ छोड़ दिया जैसे तुमने मेरा साथ छोड़ा।
मै: सोर्री रानी पर घरवालों ने शादी फिक्स कर दी मुझे तो बोलने का मोका हि नही मिला।
रानी: तो तुम प्रिया को बता देते हमारे बारे मे।
मै: मै उसे तुम्हारे बारे मे बताना चाहता था पर उसके रूप मे ऐसा खोया की कुछ बोल हि नही पाया।
रानी: मतलब प्रिया मुझसे ज्यादा हसीन है, फिर तुमने मेरे साथ वो सब क्यू किया?
मै: सोर्री तुम कहती हो तो मै अभी बता देता हु।
रानी ने मेरे होठों पर किस किया और बोली: नही अब किसी को कुछ बताने की जरूरत नही है। प्रिया तुमसे शादी की बात से बहुत खुश है। मै उसकी खुशी नही छीनुँगी। पर तुम्हे मुझसे दो वादे करने होंगे।
मै: बोलो मै तुमसे सभी वादे करने को तैयार हु।
रानी: पहला वादा की प्रिया को हमेशा खुश रखोगे और दूसरा की मुझसे हमेशा अपनी पत्नी की तरह हि प्यार करोगे।
मै: मुझे मंजूर है पर क्या प्रिया को बुरा नही लगेगा यदि उसे हमारे बारे मे पता लग गया तो।
रानी: प्रिया को तो गलती से भी पता नही लगना चाहिए। यदि उसे पता चला की उसके अलावा किसी से भी तुम्हारे सम्बन्ध है तो वो तुम्हारी और सामने वाली की जान ले लेगी।
मै: तो फिर तुम ऐसा वादा क्यू ले रही हो?
रानी: क्यूंकि मै भी तुमसे प्यार करती हु और तुम्हारे बिना नही रह सकती। मै टॉयलेट जा रही हु तुम भी बाहर आओ जल्दी से।
मै: पर अगर प्रिया आ गयी तो
रानी: ऐसा कुछ नही होगा तुम आओ
रानी टॉयलेट के लिए बोलकर हॉल से बाहर चली गयी। 2 मिनट बाद मै भी टॉयलेट का बोलकर बाहर आ गया। देखा वहाँ रानी कही नही दिखी तो मेने सोचा शायद टॉयलेट करने गयी होगी तब तक मै भी टॉयलेट कर आता हु। मै जेंट्स टॉयलेट की ओर जाने लगा। तभी किसी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे एक तरफ खींच लिया। ये जगह एक कोने मे एक छोटी से गली से होती हुयी एक कमरे मे जा रही थी। मुझे खीचने वाली रानी थी। वी मुझे उस रूम तक ले गयी। ये एक स्टोर रूम जैसा था जिसमे टूटा फूटा सामान पड़ा हुआ था। वहां पहुंचते हि रानी ने मेरी जीन्स और चड्डी निचे कर दी और लंड चूसने लगी। लंड पलभर मे हि कड़क होकर सलामी देने लगा। अब रानी ने मुझे एक चेयर पर बिठाया और खुद मेरे लंड पर बैठने लगी। लंड सीधा रानी की चूत से जा टकराया मतलब रानी ने चड्डी नही पहनी थी और उसका सलवार भी निचे से फटा हुआ था।मतलब रानी घर से हि चुदने की तैयारी करके आई थी। धीरे धीरे मेरा लंड रानी की चूत मे समाने लगा। मै मदहोश होकर लंड पर रानी की चूत को सवारी कराने लगा। रानी के होठों पर अपने होंठ रखे और उसे चूमने लगा। मुझे प्रिया के आने का डर था इसीलिए मै हर झटका पूरी ताकत से मार रहा था। रानी की हर झटके के साथ आह निकलती और मेरे मुह मे खो जाती। मेरे हाथ अब रानी के मुलायम बोबो को मसलने लगे। रानी दोहरी मार से झड़ने के कगार पर आ पहुंची। मै भी रानी को चोदने के रोमांच और प्रिया के आ जाने के डर के अहसास से जल्द हि झड़ने को तैयार हो गया। मेने धक्कों की स्पीड बड़ा दी। अब मेने रानी को गोद मे उठाया और दीवार के रानी की पीठ लगा कर ताबड़तोड़ उसकी चूत मे लंड पेलने लगा। रानी लगभग चीख रही थी पर सब चीखे मेरे अंदर खो रही थी। अगले कुछ हि पलों मे हम झड़ने लगे। मै अपना वीर्य रानी की कामरस मे भीगी चूत की गहराइयों मे उडेलने लगा और रानी मेरे लंड को अपने रस से स्नान करने लगी। पूरी तरह झड़ने के बाद हम अपनी साँसे संभालने लगे फिर कपड़े पहनकर वापिस हॉल मे आ गये। पहले मै आया और थोड़ी देर बाद रानी। मेने प्रिया को कह दिया की कॉल आ गया था इसीलिए समय लग गया। रानी भी आकर बैठ गयी। मूवी ख़त्म होने पर हम बाहर आये। दोनो के ब्लाउज लिए और घर आ गये।
Shaandar Mast Lajwab Hot Kamuk Update 🔥 🔥 🔥
 
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घर मे सब मेरी और प्रिया की सगाई की तैयारी मे लगे हुए थे। शाम हुयी सगाई की रस्म के लिए सब इकठा हुए। मेरी दोनो पत्नियों ने सब की जान ले रखी थी। रानी काले रंग की ट्रांसपेरेंट साड़ी और लाल ब्लाउज मे कायामत लग रही थी। वही प्रिया हरे लहंगे मे तीखी मिर्च की तरह सबकी सिसकियां निकलवा रही थी। सगाई का फंक्शन पूरा हुआ। सबने खूब मौज मस्ती डांस किया। मुझे रात का बेसब्री से इंतजार था क्योंकि मासी माँ ने रात मे मुझे अपने पास सुलाने का वादा किया था। रात मे सब सोने चले गये। रानी ने मुझे रात मे मिलने को कहा पर मेने मना कर दिया क्योंकि मुझे पूरी रात मासी माँ के साथ बितानी थी। रात मे मासी माँ मुझे अपने रूम मे ले गयी। वहा मौसाजी मुझे देखकर: प्रतीक सोना नही है क्या? क्या हुआ कोई बात करनी है क्या?
मेरे जवाब देने से पहले मासी माँ बोली: आज मेरा बेटा मेरे साथ हि सोयेगा। हमे बहुत सारी बातें करनी है। मुझे मेरे बेटे को प्यार करना है। इतने सालों बाद आया है अपनी मासी माँ के पास। आपको कोई समस्या?
मौसाजी: मुझे कोई समस्या नही। चलो मै आज बाहर हॉल मे सो रहा हु तुम लोग आराम से खूब बातें करो।
ये कहकर मौसाजी बाहर चले गये। मासी माँ रूम की लाइट बंद करके बेड पर लेट गयी और मै भी उनके पास लेट गया।
मासी माँ बोली: तु खुश तो है ना प्रिया से सगाई होने पर?
मै: मासी माँ मै बहुत खुश हु। I Love You आप बेस्ट हो। ये कहकर मै मासी माँ के चिपक गया। मेरा मुह मासी माँ के बोबो पर दब रहा था और मेरा लंड मासी माँ की मोटी जांघों पर। मासी माँ को मेरे लंड का अहसास होते ही उन्होंने अपने हाथ मे मेरा लंड पकड़ा और बोली: ये क्या है बेटा अब तुझे इतनी सेक्सी बीवी दिलवा तो दी थोड़े दिन इंतजार कर ले। फिर जमकर काम लेना अपने औज़ार को।
मै: पर मासी माँ मुझे इसे काम लेना आता नही है। आप सिखाओ ना मुझे। प्लीज मासी माँ
मासी माँ: अच्छा जी तो मेरे प्यारे बेटे को इस औज़ार को काम लेना नही आता। क्या मेरे बेटे ने आज तक इसे काम नही लिया?
मै: नही मासी माँ कोई मोका हि नही मिला। प्लीज आप मुझे सिखाओ ना मासी माँ।
मासी माँ: सच में कोई मौका नही मिला?
मै: नही मासी माँ
मासी माँ मुस्कुराते हुए: फिर रानी के साथ मजे कौन कर रहा है?
ये सुनते हि मेरी सिट्टी पिट्टी गुम की ये बात मासी माँ को कैसे पता चली।
मै: वो मासी माँ ऐसा कुछ नही है जैसा आप सोच रही हो। हम तो वैसे हि बस कभी कभी बात हो जाती है और कुछ नही।
मासी माँ: अच्छा तो बेटाजी संगीत वाले दिन रानी के साथ रूम मे बस बात हि की थी तुमने और आज मूवी हॉल मे?
मै अब काटो तो खून नही की स्थिति मे था की मासी माँ को ये सब इतना डिटेल मे कैसे पता लगा।
मै: मासी माँ सोर्री मै थोड़ा बहक गया था पर अब से रानी के साथ ऐसा कुछ नही करूंगा। आप मुझे माफ़ कर दीजिये।
मासी माँ: अच्छा फिर वो जो मधु आंटी की चीखे निकलवायी उसका क्या? बिचारी की 2 दिन तक चाल हि बदल गयी।
अब तो मुझे चक्कर हि आने लगे की मासी माँ को वहा हुयी बात भी कैसे पता है। पक्का समीर ने बताया होगा। इस साले को मै छोडूगा नही।
मासी माँ: मुझे समीर ने नही बताया प्यारे भोले बेटे। उस पर गुस्सा मत करो।
मै चौंक कर बेड पर उठ बैठा और सोचने लगा मासी माँ क्या मेरे अंदर की बाते सुन सकती है। ये सब क्या हो रहा है।
अचानक मासी माँ ने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिये और मेरे होंठ चूसने लगी। मै धीरे धीरे सब कुछ भूलकर मासी माँ के चुम्बन मे खोने लगा। अब मेने भी मासी माँ का साथ देना शुरु कर दिया। चुम्बन के अहसास मे मै खोने लगा। अब मासी माँ ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिये और मेरे पूरे शरीर को चूमना चाटना सुरु कर दिया साथ मे वो मेरा लंड भी हलके हल्के हिला रही थी। अब मै भी कामवासना मे डूब चुका था। अब मुझे मासी माँ की जीभ का एहसास अपने शरीर पर मजा देने लगा। मासी माँ अब मेरा पूरा शरीर चूमते हुए मेरे सामने खड़ी हो गयी और मेरे फिर से होठो से अपने होंठ जोड़ दिये और चूमने लगी। अब मै भी इसका मजा लेने लगा। मासी माँ मेरा लंड हल्के हल्के लगातार हिला रही थी। अब मासी माँ ने अपनी जीभ मेरे मुह मे घुसा दी। मै लगातार मासी माँ की जीभ चूसे जा रहा था। अब मासी माँ ने मेरी जीभ को अपने दांतो से पकड़ लिया और अपनी जीभ मेरी जीभ से लड़ाने लगी। मेरे लिए ये नया पर अद्भुत अहसास था। मै इस अहसास मे पागल सा होने लगा। ऐसे हि चुम्माचाटी करते हुए मासी माँ ने मेरे दोनो हाथ पकड़कर अपने बोबो पर रख दिये और मेरे हाथो को अपने बोबो पर दबाने लगी। मुझे भी मजा आने लगा। मेने अपने हाथो की पकड़ मासी माँ के मोटे मोटे मुलायम बोबो पर बड़ा दी और उन्हे तेज़ तेज़ दबाने लगा। मासी माँ को दर्द का अहसास होने लगा। पर उनकी उत्तेजना भी बढ़ने लगी। मासी माँ ने मुझे रोका नही आगे बढ़ने दिया। मुझे मासी माँ के बोबे दबाने मे मजा आने लगा। मै और ज्यादा दम लगाकर बोबे दबाने लगा जैसे आज उनका पूरा रस निचोड़ लूंगा। मासी माँ का दर्द बढ़ने लगा तो उसने चुम्बन तोड़कर मुझसे कहा थोड़ा धीरे दबाओ बेटा दर्द होता है। अब मै मासी माँ के बूब्स दबाते हुए देख भी रहा था। पीले रंग के ब्लाउज मे बंद बड़े बड़े बूब्स। उसका साइज कम से कम 36 होगा। ब्लाउज आधे बूब्स को हि अपने अंदर समेट पा रहा था। अब मासी माँ ने मुझसे कहा अब मेरे शरीर को भी चूमो जैसे मेने तुम्हारे शरीर को चूमा। मेने मासी माँ को अपनी और खींचा और बांहों मे भर लिया। अब मासी माँ के बोबे मेरी छाती मे दब रहे थे। मुझे इस अहसास को पाकर अलग हि मजा आने लगा। मै मासी माँ की गर्दन पर चूमने चाटने लगा। गर्दन पर चूमते हुए मै निचे की तरफ बढ़ा और ब्लाउज से बाहर झाँकते बोबो को मुह मे भरकर चूसने लगा। मै लगातार मासी माँ के बोबे बेतहाशा चूसे जा रहा था। मासी माँ की भी आहे निकलने लगी। अब मै आगे बढ़ा और ब्लाउज के ऊपर से हि मासी माँ के निप्पल्स चूसने लगा। मै जितना उन्हे चूसता हवस उतनी हि बढ़ती जा रही थी। मै मासी माँ के बोबे बेरहमी से दबा दबाकर चूसने लगा। अब मासी माँ की आहो के साथ चीखे भी निकलने लगी। मासी माँ ने मुझे रोकने की कोशिश की पर मै हवस मे पागल हो चुका था। बोबे चूस चुसकर मेने मासी माँ का पूरा ब्लाउज गीला कर दिया। अब ब्लाउज मुझे अपने और मासी माँ के बोबो के बिच दीवार लगने लगा। मेने एक झटके मे वो दीवार गिरा दी। मासी माँ का ब्लाउज फाड़कर फेंक दिया। अब मासी माँ ऊपर से बिल्कुल नंगी मेरी बाहों मे थी। मै उनके बोबे देखकर पागल हो उठा और उन्हे बेरहमी से निचोड़ने लगा। अब मेने मासी माँ के दोनो निप्पल्स को पकड़ा और जोर से खींचकर छोड़ दिया। मासी माँ की भयानक दर्दनाक चीख निकल गयी। उनकी आँखों से आंसु गिरने लगे। मेने फिर से मासी माँ के निप्पल पकड़े और जोर से मसल दिये। मासी माँ चीखने लगी, वो मुझे मारने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी पर मेने उन्हे छोड़ा नही। अब मै मासी माँ के निप्पल मुह मे लेके चूसने लगा जिससे मासी माँ को थोड़ी राहत मिली। मै दबाके मासी माँ के बोबे चूसने लगा। मै पागलो की तरह बहुत देर तक बोबे चूसता रहा। फिर बोबो से निचे बढ़ा निचे मासी माँ का गदराया पेट बेतहाशा चूमने चाटने लगा। मासी माँ भी मेरी जीभ का अहसास पेट पर पाकर तेज़ तेज़ आहे भरने लगी और मेरे मुह को अपने पेट पर दबाने लगी। पेट पर चूमते चूमते मेरी नज़र मासी माँ की नाभि पर पड़ी इतनी चौड़ी और गहरी नाभि की लगा पूरा लंड निगल सकती है। मेने मासी माँ की नाभि के चारो और गोलाई मे जीभ घुमाई। मासी माँ की मस्ती का तो ठिकाना ना रहा। मासी माँ की चूत ने अपना झरना बहाना शुरु कर दिया। वो मेरे मुह को अपनी नाभि पर दबाते हुए आहे भरने लगी। अब मेने मासी माँ की नाभि मे अपनी जीभ घुसा सी और अंदर घूमाने लगा। मासी माँ के शरीर मे काम की आग अपनी सीमाएं लाँघ चुकी थी। उनकी चूत लगातार पानी बहा रही थी जैसे अंदर बाँध के सारे दरवाजे खोल दिये हो। वो इस असहनीय तड़प मे बस मेरे सिर को पकड़ कर उसे अपनी नाभि मे घुसाने की नाकाम कोशिश करते हुए बिन जल मछली की तरह तड़प रही थी। अब मस्ती मे मासी माँ की चीखे निकलने लगी। वो अब चाहती थी की उसका प्यारा बेटा बस अपना लंड लेकर उस पर चढ़ाई कर दे और उसे हराकर उसकी चूत मे अपना झंडा गाड़ दे। मै अब अपनी जीभ को नाभि मे अंदर बाहर करने लगा। मुझे ऐसा करने मे स्वर्ग के सुखों की अनुभूति हो रही थी पर अभी असली सुख तो बाकी था। अब मै नाभि से निचे चूमता हुआ पेटीकोट की सरहद पर आ पहुचा। मै आगे बढ़ने की सोच रहा था की मासी माँ ने जल्दी से नाड़ा खोला और मुझसे कहा उतार कर फेंक दो इसे। मेने मासी माँ के चेहरे की ओर देखा तो उनकी आँखे हवास की आग मे जल रही थी। उनमे तड़प साफ साफ दिख रही थी। आँखे चीख चिखकर कह रही थी चोद दो अपनी मासी माँ की चूत अब देर ना करो बेटा। मासी माँ मुझे अपने ऊपर खींचने लगी। मै अब मासी माँ के ऊपर आ गया। मासी माँ ने देर ना करते हुए मेरा लंड पकड़ा तो वो लोहे की रोड की तरह कड़क होकर तप रहा था। मासी माँ ने मेरे लंड के टोपे को अपनी चूत के मुह पर टिका दिया और मुझे धक्का मारके लंड को चूत मे घुसाने को कहा। मेने हल्का सा धक्का मारा पर लंड चूत मे अंदर जाने के बजाय फिसल कर निचे चला गया। मासी माँ ने अपने हाथ से लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुह पर रखा और मुझे धक्का लगाने को कहा। मेने इस बार पूरी ताकत समेटी और पेल दिया अपना लंड मासी माँ की चूत में। मासी माँ की चीख निकल गयी। वो तो उनका हाथ लंड पर था तो लंड आधा हि अंदर गया था वरना ये धक्का पूरा लंड एकबार मे हि मासी माँ की चूत की गहराइयों मे उतार देता। मासी माँ की हालत खराब हो गयी। वो दर्द मे तड़पने लगी। वो मुझे ऐसे हि रुकने को कहने लगी पर मासी माँ की चुदाई करने के अहसास ने मुझे स्वर्ग मे पहुचा दिया। मै अब इस सुख को पाने के लिए तड़प उठा और मासी माँ की चूत मे पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा। मासी माँ का दर्द से बुरा हाल था वो लगातार मुझे रोकने की कोशिश करने लगी पर नाकाम रही। उन्होंने लंड पर अपने हाथ की पकड़ बनाये रखी जिससे मै पूरा लंड उनकी प्यारी चूत मे ना पेल सकू। मेरा लंड पूरा मासी माँ की चूत मे नही जा पा रहा था तो मेरी तड़प बढ़ने लगी और इस तड़प को मिटाने के लिए मेने अपने धक्कों मे पूरी जान लगानी शुरु कर दी। मेरे धक्कों का वार महसूस कर मासी माँ की सारी कामवासना उतर गयी अब मासी माँ बस कैसे भी मेरे निचे से निकलना चाहती थी। उन्होंने खूब कोशिश की पर मेरे बलिष्ठ शरीर के आगे मासी माँ की एक ना चली। मासी माँ का हाथ अभी भी मेरे लंड पर पकड़ बनाये हुए था। पर मेरे धक्को के वार से उनके हाथ मे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था। मासी माँ की आँखों से आंसु लगातार बह रहे थे और वो लगातार चीख चीखकर मुझे रोकने की कोशिश कर रही थी। पर मै हवस मे अंधा होकर ना उनके आंसु देख पा रहा था ना उनकी चीखे सुन पा रहा था। मुझे बस पूरा लंड मासी माँ की चूत मे डालना था। मै धक्को मे ताकत लगातार बढ़ाता जा रहा था। आखिर मासी माँ ने मेरे आगे हार मान ली और मेरे लंड को आज़ाद कर दिया। अभी तो मासी माँ का हाथ लंड से हटा हि था की अगले धक्के के साथ मेरा पूरा लंड मासी माँ की चूत चीरता हुआ गहराई मे उतर गया। मासी माँ को लगा जैसे उनके प्यारे बेटे का लंड चूत से होते हुए उनके गर्भाषय मे घुस गया हो। वो तड़प उठी। उनकी चीखे शायद आसमान मे कामदेव ने भी सुनी होगी। पर ये चीखे अब रुकने वाली नही थी। मेने ताबड़तोड़ धक्के लगाना चालू रखा। मै पूरी ताकत से धक्के मारकर मासी माँ की चूत की धज्जियाँ उड़ाने लगा। अब धीरे धीरे मासी माँ भी वापिस काम के समुद्र मे गोते लगाने लगी। अब मासी माँ मेरे हर धक्के को पूरी शिद्दत से अपनी चूत मे लेने लगी। आज मासी माँ को पहली बार एक गबरू मर्द मसलकर औरत होने का पूरा अहसास दे रहा था वो भी उनका प्यारा बेटा। वो अपने बेटे की मर्दानगी के आगे अपनी चूत तो कब की कुर्बान कर चुकी थी अब अपना सब कुछ उसे सोपने लगी। मेरे हर धक्के के साथ पूरा लंड बाहर आता और फिर जड़ तक मासी माँ की चूत मे अंदर तक जाता। हम दोनो मासी माँ और बेटे की आहों से समा खिलने लगा। दोनो की सांसे ऐसे चल रही थी मानो दोनो कई घंटो से दौड़ रहे हो। पर दौड़ तो मेरा लंड लगा रहा था अपनी प्यारी मासी माँ की प्यारी चूत मे और हर बार चूत की पूरी गहराई नाप कर आता और फिर खो जाता उसी गहराई मे। मासी माँ भी अब पूरी शिद्दत से मेरे लंड का अपनी चूत मे स्वागत करती और उसे अंदर तक ले जाकर अपने कामरस से नहला देती। अब तक जाने कितनी बार मासी माँ मेरे लंड को नहला चुकी थी पर अभी तक मेरा लंड था की झड़ने का नाम नही ले रहा था। मासी माँ अपनी गांड उठा उठाकर मरा साथ दे रही थी। अब मेरे धक्को की रफ़्तार और ताकत दोनो भयानक हो चुके थे। मासी माँ हर धक्के पर मेरा साथ दे रही थी पर अब मेरी प्यारी मासी माँ और उनकी प्यारी चूत दोनो के लिए मेरे लंड को बर्दाश्त करना मुश्किल होता जा रहा था। मासी माँ पागलो की तरह मुझे चूम रही थी चाट रही थी। बस मासी माँ चाहती थी की अब उनका प्यारा बेटा आ जाये। उसमे समा जाये। अपने पानी से सरोबार करदे उसकी चूत को। मै लगातार धक्को पर धक्के लगाए जा रहा था। हमारे शरीर से पसीना बेतहाशा निकल रहा था। दोनो की सांसे उखड़ रही थी। हाथ पैर काम्पने लगे थे पर मेरा लंड था की झड़ना नही चाह रहा था। मासी माँ ने अपना पूरा जोर लगाकर अपनी चूत को टाइट करने की कोशिश की जिससे उनके प्यारे बेटे का लंड जल्दी झड़ जाये। मेरा लंड अब मासी माँ की चूत मे बहुत ज्यादा कसकर जा रहा था। इस अहसास से मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी। मै और तेज़ धक्के लगाने लगा पर फिर भी रफ़्तार आधी रह गयी पर मजा दोगुना हो गया। इतनी कसी हुयी चूत मे लंड डालने मे जो मेहनत लग रही थी उसने मुझे जल्द हि चरम पर पहुचा दिया। मुझे लगा जैसे मेरे शरीर का पूरा खून मेरे लंड मे भरता जा रहा है और वो लंड चीर के बाहर निकल जायेगा। मेने पूरा लंड बाहर निकाला और अपनी पूरी ताकत से मासी माँ की चूत की गहराइयों मे पेल दिया। दोनो की चीख निकल गयी। मेरा लंड मासी माँ की चूत की धज्जियाँ उडाता हुआ अंदर जाकर अपना अमृत बरसाने लगा। अपनी चूत मे अपने प्यारे बेटे के वीर्य का अहसास पाते हि मासी माँ की चूत ने भी अपना पानी छोड़ना शुरु कर दिया। मै झड़ता हि जा रहा था। मेने मासी माँ की कोख मे अपना बीज डाल दिया। इतनी घमासान चुदाई के कारण मुझे भारी कमजोरी महसूस हुयी तो वही मासी माँ पर गिर गया और आँख बंद करके अपनी सांसे काबू मे करने लगा। थोड़ी देेर मे मुझे नींद आ गयी। सुनीता को भी आज उसके प्यारे बेटे प्रतीक यानी मुझसे पहली बार पूर्ण संतुष्टि का अनुभव मिला था जिसके लिए वो कब से तड़प रही थी। वो मेरे बालों मे उंगुलियाँ फिराती हुयी धीरे धीरे नींद के आगोश मे चली गयी।
 

DB Singh

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अदभुत। आखिरकार मौसी और भतीजे के बीच संभोग हो ही गया। प्रतीक तो पागल ही हो गया था।पता चले प्रिया से पहले मौसी और रानी उसके बच्चे की माँ बन गयी।।।
 

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अदभुत। आखिरकार मौसी और भतीजे के बीच संभोग हो ही गया। प्रतीक तो पागल ही हो गया था।पता चले प्रिया से पहले मौसी और रानी उसके बच्चे की माँ बन गयी।।।
क्या पता कहानी क्या मोड़ ले
 
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