Raanjhanaa
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आज जरूर अपडेट आएगाBhai Please Update Do Yadi Nahi De Paa Rahe To Bata Do Kab Tak De Rahe Ho
दोनो एक हि है बस समय और परिस्थिति के अनुसार अलग अलग रोल है।Dharam patni chhodo or garam patni pakdo
दोनों हाथों में लड्डू.....मै थोड़ी देर आराम करके बाहर आया तो समीर आ चुका था। मै जाकर उसके पास बैठ गया। इस समय गीता आंटी का डांस चल रहा था। क्या जबरदस्त शरीर है आंटी का कि बुड्ढे का लंड भी तूफ़ान मचा दे। मै और समीर दोनो हवस के समंदर मे डूबे हुए गीता आंटी के डांस का लुत्फ़ उठा रहे थे।
मै: यार माल तो ये भी जबरदस्त है, चैन से बैठ भी नही सकते।
समीर: तुम्हारा 1 दिन मे ये हाल है। सोचो मै तो रोज़ देखता हु, कैसे संभालता हु अपने आपको।
मै: कोशिश नही की तूने कभी?
समीर: भाई रोज़ रात को पापा जमकर पेलते है, अपनी कोशिश का मतलब हि नही है। सारी आग तो वहीं बुझ जाती है।
मै: तुम्हारे पापा के तो मजे है यार, इतना जबरदस्त माल कितने सालों से चोद रहे हैं ।
समीर: तु सच कह रहा है भाई। काश! अब मुझे भी पापा वाली जैसी हि मिल जाये कोई तो मजा आ जाये।
इतने मे नित्या दी हमारे पास आयी और समीर को साथ लेकर चली गयी। मै आगे के डांस देखता रहा। मेरा ध्यान डांस से ज्यादा यहां उपस्थित अप्सराओं पर था। माल एक से बढ़कर एक। लंड बैठने का नाम नही ले रहा था। थोड़ी देर बाद समीर वापिस आ गया। संगीत का फंक्शन भी अंतिम पड़ाव पर आ गया। तभी मासी माँ स्टेज पर गयी। मुझे और प्रिया को भी स्टेज पर बुलाया। हम स्टेज पर गये।
मासी माँ: मै आज सब के साथ एक खुशखबर बाँटना चाहती हु कि मेने अपने प्यारे राजकुमार बेटे प्रतीक के लिए राजकुमारी ढूंढ ली है और वो है प्रिया और आज शाम को हि इनकी सगाई का फंक्शन है।
हम दोनो हि शर्म के मारे निचे नज़रें झुकाये खड़े थे। ये खबर सुनकर सब खुश हो गये और सबने हमे शुभकामनाएं दी। हम दोनो ने मासी माँ के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। फिर स्टेज से निचे आकर सब बड़ों के पैर छुए। सबने हमे बधाई दी। जब हम रानी से मिले तो वो मुझे देखकर हलकी सी मुस्कुराई और मेरे कान मे बोली " तुम तो बीच रास्ते मे हि साथ छोड़ गये"। ये सुनते हि मेने नज़रें निचे झुका ली क्योंकी मेरे पास कोई जवाब नही था। समीर ने मुझे गले लगाकर बधाई दी।
समीर: यार ये सब अचानक कैसे? कुछ समझ हि नहीं आया।
मै: अब घरवालों को लगा हम एक दूसरे के लिए सही है तो ठीक है।
समीर: चलो अच्छा है अब तो मिलकर मजे करने मे और भी मजा आएगा।
अब सब रूम्स मे चले गये।
मासी माँ ने मुझे पैसे और कार की चाबी दी और कहा: जा प्रिया और तु दोनो सगाई के लिए ड्रेस ले आओ।
अब मै कार के पास प्रिया का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद प्रिया आयी पर वो अकेली नही थी। उसकी बड़ी बहन रानी भी साथ मे थी। मै और प्रिया आगे बैठ गये और रानी पीछे बैठ गयी। मै चुपचाप कार चला रहा था।
रानी: क्या बात है प्रतीक बिल्कुल चुप हो। हमारी प्रिया पसंद नही तुम्हे या कोई और है तुम्हारे दिल मे?
ये सुनते हि मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी कि क्या जवाब दु इसे। मै चुप हि रहा।
रानी: कही किसी और को शादी का वादा तो नही किया हुआ है?
प्रिया: दी क्यू छेड़ रही हो। आप जानती हि प्रतीक वैसे हि कितना शर्मीला है। आप और ज्यादा नर्वस कर रही हो।
रानी: मै तो बस चुप्पी तुडवाने की कोशिश कर रही थी।
प्रिया: आप बिल्कुल चिंता मत करो दी। प्रतीक केवल मुझसे प्यार करता है। किसी दूसरी लड़की की तरफ तो देखता भी नही, शादी या और किसी सम्बन्ध की तो बात हि छोड़ दो।
मै रानी को काँच मे से देख रहा था। रानी भी मुझे हि देख रही थी। मै आँखों से हि रानी को चुप होने की मिन्नते कर रहा था पर रानी की आँखों मे मस्ती साफ दिख रही थी। रानी मेरी और देखती हुयी बोली
रानी: सच मे किसी की और देखता भी नही। प्रतीक क्या प्रिया सच कह रही है?
मै: हां प्रिया सच कह रही है।
इतने मे हम मॉल पहुंच गये। कार पार्किंग मे लगायी और हम मॉल के अंदर गये। सबसे पहले हम प्रिया के लिए ड्रेस लेने गये। वहाँ प्रिया के लिए एक लहँगा लिया और रानी ने अपने लिए एक साड़ी खरीदी। दोनो के ब्लाउज सिलने को दे दिये। ब्लाउज 4 घंटे बाद मिलने वाले थे। अब हमने मेरे लिए एक कुरता पज़ामा खरीदा। फिर हमने हल्का नाश्ता किया। पर अभी भी 3 घंटे बाकी थे तो हमने मूवी देखने का तय किया। उसी मॉल मे मूवी थिएटर मे 3 कार्नर सीट बुक करवाई और हम मूवी हॉल मे आ गये। अपनी सीट पर बैठे। रानी ने मेरे कान मे कहा तुम बीच मे बैठना। मेने उसकी ओर देखा तो उसने मुझे आँख मार दी। अब प्रिया कार्नर सीट पर फिर मै और मेरे बगल वाली सीट पर रानी बैठ गयी। मूवी शुरु हुयी और हॉल की लाइट्स ऑफ हो गयी। थोड़ी देर मे मुझे अपने लंड पर एक हाथ महसूस हुआ। मेने प्रिया की ओर देखा तो उसका पूरा ध्यान स्क्रीन पर था मतलब हाथ रानी का है। मेने पलटकर रानी की ओर देखा। रानी मुझे हि देख रही थी। मेरी साँसे डर और हवास के मिले जुले अहसास मे बढ़ने लगी। रानी ने मेरा हाथ अपने बोबो पर रख दिया। मै इतने मुलायम मोटे बूब्स के स्पर्श से खोने लगा। मै हलके हलके बूब्स दबाने लगा। रानी ने मेरी जीन्स की चैन खोली और अंदर हाथ घुसाकर चड्डी मे हाथ डालकर लंड पकड़ लिया। मै पागल हो गया। मेरी होने वाली बीवी मेरे बगल मे बैठी थी और उसकी बड़ी बहन अपने कोमल हाथों से मेरा लंड सहला रही थी। मै उसके बोबे दबा रहा था। मेरा लंड कड़क होकर फटने लगा। रानी मेरे कान मे बोली: अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रखो और सहलाओ।
मै: प्रिया बुरा तो नही मान जाएगी?
रानी: मै कह रही हु ना तुम आगे बढ़ो।
मै भी इस एहसास से हि रोमांचित हो उठा कि एक साथ दो दो अप्सराओं के मजे लेने को मिलने वाला है। मेने अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगा। प्रिया ने मेरी ओर देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी। मुझे आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिल चुकी थी। मेने थोड़ा प्रेशर प्रिया के बूब्स पर बढ़ा दिया और दोनो हाथों से प्रिया के बोबे दबाने लगा। रानी ने भी मेरे लंड को हिलाना शुरु कर दिया। मेने अपने होंठ प्रिया के होंठो पर रख दिये और किस करने लगा। प्रिया भी मेरा साथ देने लगी। धीरे धीरे हमारा किस इंटेंस होने लगा। अब हमारी जीभ लड़ाई करने लगी। मै एक हाथ नीचे ले जाकर प्रिया के पेट पर फिराने लगा। दोनो पर हवस की आग भड़कने लगी। अब मेने हाथ धीरे धीरे नीचे करना शुरु किया तो प्रिया ने मेरा हाथ पकड़ लिया। किस तोड़कर प्रिया ने कहा: अभी बस इतना ही बाकी सब शादी के बाद। इतना कहकर प्रिया मुझे आँख मारकर स्क्रीन की ओर देखने लगी। रानी अभी भी मेरा लंड हिला रही थी। मेने रानी की ओर देखा तो वो मुझे देख कर हस रही थी। रानी बोली: क्या हुआ होने वाली बीवी ने बीच मे हि साथ छोड़ दिया जैसे तुमने मेरा साथ छोड़ा।
मै: सोर्री रानी पर घरवालों ने शादी फिक्स कर दी मुझे तो बोलने का मोका हि नही मिला।
रानी: तो तुम प्रिया को बता देते हमारे बारे मे।
मै: मै उसे तुम्हारे बारे मे बताना चाहता था पर उसके रूप मे ऐसा खोया की कुछ बोल हि नही पाया।
रानी: मतलब प्रिया मुझसे ज्यादा हसीन है, फिर तुमने मेरे साथ वो सब क्यू किया?
मै: सोर्री तुम कहती हो तो मै अभी बता देता हु।
रानी ने मेरे होठों पर किस किया और बोली: नही अब किसी को कुछ बताने की जरूरत नही है। प्रिया तुमसे शादी की बात से बहुत खुश है। मै उसकी खुशी नही छीनुँगी। पर तुम्हे मुझसे दो वादे करने होंगे।
मै: बोलो मै तुमसे सभी वादे करने को तैयार हु।
रानी: पहला वादा की प्रिया को हमेशा खुश रखोगे और दूसरा की मुझसे हमेशा अपनी पत्नी की तरह हि प्यार करोगे।
मै: मुझे मंजूर है पर क्या प्रिया को बुरा नही लगेगा यदि उसे हमारे बारे मे पता लग गया तो।
रानी: प्रिया को तो गलती से भी पता नही लगना चाहिए। यदि उसे पता चला की उसके अलावा किसी से भी तुम्हारे सम्बन्ध है तो वो तुम्हारी और सामने वाली की जान ले लेगी।
मै: तो फिर तुम ऐसा वादा क्यू ले रही हो?
रानी: क्यूंकि मै भी तुमसे प्यार करती हु और तुम्हारे बिना नही रह सकती। मै टॉयलेट जा रही हु तुम भी बाहर आओ जल्दी से।
मै: पर अगर प्रिया आ गयी तो
रानी: ऐसा कुछ नही होगा तुम आओ
रानी टॉयलेट के लिए बोलकर हॉल से बाहर चली गयी। 2 मिनट बाद मै भी टॉयलेट का बोलकर बाहर आ गया। देखा वहाँ रानी कही नही दिखी तो मेने सोचा शायद टॉयलेट करने गयी होगी तब तक मै भी टॉयलेट कर आता हु। मै जेंट्स टॉयलेट की ओर जाने लगा। तभी किसी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे एक तरफ खींच लिया। ये जगह एक कोने मे एक छोटी से गली से होती हुयी एक कमरे मे जा रही थी। मुझे खीचने वाली रानी थी। वी मुझे उस रूम तक ले गयी। ये एक स्टोर रूम जैसा था जिसमे टूटा फूटा सामान पड़ा हुआ था। वहां पहुंचते हि रानी ने मेरी जीन्स और चड्डी निचे कर दी और लंड चूसने लगी। लंड पलभर मे हि कड़क होकर सलामी देने लगा। अब रानी ने मुझे एक चेयर पर बिठाया और खुद मेरे लंड पर बैठने लगी। लंड सीधा रानी की चूत से जा टकराया मतलब रानी ने चड्डी नही पहनी थी और उसका सलवार भी निचे से फटा हुआ था।मतलब रानी घर से हि चुदने की तैयारी करके आई थी। धीरे धीरे मेरा लंड रानी की चूत मे समाने लगा। मै मदहोश होकर लंड पर रानी की चूत को सवारी कराने लगा। रानी के होठों पर अपने होंठ रखे और उसे चूमने लगा। मुझे प्रिया के आने का डर था इसीलिए मै हर झटका पूरी ताकत से मार रहा था। रानी की हर झटके के साथ आह निकलती और मेरे मुह मे खो जाती। मेरे हाथ अब रानी के मुलायम बोबो को मसलने लगे। रानी दोहरी मार से झड़ने के कगार पर आ पहुंची। मै भी रानी को चोदने के रोमांच और प्रिया के आ जाने के डर के अहसास से जल्द हि झड़ने को तैयार हो गया। मेने धक्कों की स्पीड बड़ा दी। अब मेने रानी को गोद मे उठाया और दीवार के रानी की पीठ लगा कर ताबड़तोड़ उसकी चूत मे लंड पेलने लगा। रानी लगभग चीख रही थी पर सब चीखे मेरे अंदर खो रही थी। अगले कुछ हि पलों मे हम झड़ने लगे। मै अपना वीर्य रानी की कामरस मे भीगी चूत की गहराइयों मे उडेलने लगा और रानी मेरे लंड को अपने रस से स्नान करने लगी। पूरी तरह झड़ने के बाद हम अपनी साँसे संभालने लगे फिर कपड़े पहनकर वापिस हॉल मे आ गये। पहले मै आया और थोड़ी देर बाद रानी। मेने प्रिया को कह दिया की कॉल आ गया था इसीलिए समय लग गया। रानी भी आकर बैठ गयी। मूवी ख़त्म होने पर हम बाहर आये। दोनो के ब्लाउज लिए और घर आ गये।
Shaandar Mast Lajwab Hot Kamuk Updateमै थोड़ी देर आराम करके बाहर आया तो समीर आ चुका था। मै जाकर उसके पास बैठ गया। इस समय गीता आंटी का डांस चल रहा था। क्या जबरदस्त शरीर है आंटी का कि बुड्ढे का लंड भी तूफ़ान मचा दे। मै और समीर दोनो हवस के समंदर मे डूबे हुए गीता आंटी के डांस का लुत्फ़ उठा रहे थे।
मै: यार माल तो ये भी जबरदस्त है, चैन से बैठ भी नही सकते।
समीर: तुम्हारा 1 दिन मे ये हाल है। सोचो मै तो रोज़ देखता हु, कैसे संभालता हु अपने आपको।
मै: कोशिश नही की तूने कभी?
समीर: भाई रोज़ रात को पापा जमकर पेलते है, अपनी कोशिश का मतलब हि नही है। सारी आग तो वहीं बुझ जाती है।
मै: तुम्हारे पापा के तो मजे है यार, इतना जबरदस्त माल कितने सालों से चोद रहे हैं ।
समीर: तु सच कह रहा है भाई। काश! अब मुझे भी पापा वाली जैसी हि मिल जाये कोई तो मजा आ जाये।
इतने मे नित्या दी हमारे पास आयी और समीर को साथ लेकर चली गयी। मै आगे के डांस देखता रहा। मेरा ध्यान डांस से ज्यादा यहां उपस्थित अप्सराओं पर था। माल एक से बढ़कर एक। लंड बैठने का नाम नही ले रहा था। थोड़ी देर बाद समीर वापिस आ गया। संगीत का फंक्शन भी अंतिम पड़ाव पर आ गया। तभी मासी माँ स्टेज पर गयी। मुझे और प्रिया को भी स्टेज पर बुलाया। हम स्टेज पर गये।
मासी माँ: मै आज सब के साथ एक खुशखबर बाँटना चाहती हु कि मेने अपने प्यारे राजकुमार बेटे प्रतीक के लिए राजकुमारी ढूंढ ली है और वो है प्रिया और आज शाम को हि इनकी सगाई का फंक्शन है।
हम दोनो हि शर्म के मारे निचे नज़रें झुकाये खड़े थे। ये खबर सुनकर सब खुश हो गये और सबने हमे शुभकामनाएं दी। हम दोनो ने मासी माँ के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। फिर स्टेज से निचे आकर सब बड़ों के पैर छुए। सबने हमे बधाई दी। जब हम रानी से मिले तो वो मुझे देखकर हलकी सी मुस्कुराई और मेरे कान मे बोली " तुम तो बीच रास्ते मे हि साथ छोड़ गये"। ये सुनते हि मेने नज़रें निचे झुका ली क्योंकी मेरे पास कोई जवाब नही था। समीर ने मुझे गले लगाकर बधाई दी।
समीर: यार ये सब अचानक कैसे? कुछ समझ हि नहीं आया।
मै: अब घरवालों को लगा हम एक दूसरे के लिए सही है तो ठीक है।
समीर: चलो अच्छा है अब तो मिलकर मजे करने मे और भी मजा आएगा।
अब सब रूम्स मे चले गये।
मासी माँ ने मुझे पैसे और कार की चाबी दी और कहा: जा प्रिया और तु दोनो सगाई के लिए ड्रेस ले आओ।
अब मै कार के पास प्रिया का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद प्रिया आयी पर वो अकेली नही थी। उसकी बड़ी बहन रानी भी साथ मे थी। मै और प्रिया आगे बैठ गये और रानी पीछे बैठ गयी। मै चुपचाप कार चला रहा था।
रानी: क्या बात है प्रतीक बिल्कुल चुप हो। हमारी प्रिया पसंद नही तुम्हे या कोई और है तुम्हारे दिल मे?
ये सुनते हि मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी कि क्या जवाब दु इसे। मै चुप हि रहा।
रानी: कही किसी और को शादी का वादा तो नही किया हुआ है?
प्रिया: दी क्यू छेड़ रही हो। आप जानती हि प्रतीक वैसे हि कितना शर्मीला है। आप और ज्यादा नर्वस कर रही हो।
रानी: मै तो बस चुप्पी तुडवाने की कोशिश कर रही थी।
प्रिया: आप बिल्कुल चिंता मत करो दी। प्रतीक केवल मुझसे प्यार करता है। किसी दूसरी लड़की की तरफ तो देखता भी नही, शादी या और किसी सम्बन्ध की तो बात हि छोड़ दो।
मै रानी को काँच मे से देख रहा था। रानी भी मुझे हि देख रही थी। मै आँखों से हि रानी को चुप होने की मिन्नते कर रहा था पर रानी की आँखों मे मस्ती साफ दिख रही थी। रानी मेरी और देखती हुयी बोली
रानी: सच मे किसी की और देखता भी नही। प्रतीक क्या प्रिया सच कह रही है?
मै: हां प्रिया सच कह रही है।
इतने मे हम मॉल पहुंच गये। कार पार्किंग मे लगायी और हम मॉल के अंदर गये। सबसे पहले हम प्रिया के लिए ड्रेस लेने गये। वहाँ प्रिया के लिए एक लहँगा लिया और रानी ने अपने लिए एक साड़ी खरीदी। दोनो के ब्लाउज सिलने को दे दिये। ब्लाउज 4 घंटे बाद मिलने वाले थे। अब हमने मेरे लिए एक कुरता पज़ामा खरीदा। फिर हमने हल्का नाश्ता किया। पर अभी भी 3 घंटे बाकी थे तो हमने मूवी देखने का तय किया। उसी मॉल मे मूवी थिएटर मे 3 कार्नर सीट बुक करवाई और हम मूवी हॉल मे आ गये। अपनी सीट पर बैठे। रानी ने मेरे कान मे कहा तुम बीच मे बैठना। मेने उसकी ओर देखा तो उसने मुझे आँख मार दी। अब प्रिया कार्नर सीट पर फिर मै और मेरे बगल वाली सीट पर रानी बैठ गयी। मूवी शुरु हुयी और हॉल की लाइट्स ऑफ हो गयी। थोड़ी देर मे मुझे अपने लंड पर एक हाथ महसूस हुआ। मेने प्रिया की ओर देखा तो उसका पूरा ध्यान स्क्रीन पर था मतलब हाथ रानी का है। मेने पलटकर रानी की ओर देखा। रानी मुझे हि देख रही थी। मेरी साँसे डर और हवास के मिले जुले अहसास मे बढ़ने लगी। रानी ने मेरा हाथ अपने बोबो पर रख दिया। मै इतने मुलायम मोटे बूब्स के स्पर्श से खोने लगा। मै हलके हलके बूब्स दबाने लगा। रानी ने मेरी जीन्स की चैन खोली और अंदर हाथ घुसाकर चड्डी मे हाथ डालकर लंड पकड़ लिया। मै पागल हो गया। मेरी होने वाली बीवी मेरे बगल मे बैठी थी और उसकी बड़ी बहन अपने कोमल हाथों से मेरा लंड सहला रही थी। मै उसके बोबे दबा रहा था। मेरा लंड कड़क होकर फटने लगा। रानी मेरे कान मे बोली: अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रखो और सहलाओ।
मै: प्रिया बुरा तो नही मान जाएगी?
रानी: मै कह रही हु ना तुम आगे बढ़ो।
मै भी इस एहसास से हि रोमांचित हो उठा कि एक साथ दो दो अप्सराओं के मजे लेने को मिलने वाला है। मेने अपना एक हाथ प्रिया के बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगा। प्रिया ने मेरी ओर देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी। मुझे आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिल चुकी थी। मेने थोड़ा प्रेशर प्रिया के बूब्स पर बढ़ा दिया और दोनो हाथों से प्रिया के बोबे दबाने लगा। रानी ने भी मेरे लंड को हिलाना शुरु कर दिया। मेने अपने होंठ प्रिया के होंठो पर रख दिये और किस करने लगा। प्रिया भी मेरा साथ देने लगी। धीरे धीरे हमारा किस इंटेंस होने लगा। अब हमारी जीभ लड़ाई करने लगी। मै एक हाथ नीचे ले जाकर प्रिया के पेट पर फिराने लगा। दोनो पर हवस की आग भड़कने लगी। अब मेने हाथ धीरे धीरे नीचे करना शुरु किया तो प्रिया ने मेरा हाथ पकड़ लिया। किस तोड़कर प्रिया ने कहा: अभी बस इतना ही बाकी सब शादी के बाद। इतना कहकर प्रिया मुझे आँख मारकर स्क्रीन की ओर देखने लगी। रानी अभी भी मेरा लंड हिला रही थी। मेने रानी की ओर देखा तो वो मुझे देख कर हस रही थी। रानी बोली: क्या हुआ होने वाली बीवी ने बीच मे हि साथ छोड़ दिया जैसे तुमने मेरा साथ छोड़ा।
मै: सोर्री रानी पर घरवालों ने शादी फिक्स कर दी मुझे तो बोलने का मोका हि नही मिला।
रानी: तो तुम प्रिया को बता देते हमारे बारे मे।
मै: मै उसे तुम्हारे बारे मे बताना चाहता था पर उसके रूप मे ऐसा खोया की कुछ बोल हि नही पाया।
रानी: मतलब प्रिया मुझसे ज्यादा हसीन है, फिर तुमने मेरे साथ वो सब क्यू किया?
मै: सोर्री तुम कहती हो तो मै अभी बता देता हु।
रानी ने मेरे होठों पर किस किया और बोली: नही अब किसी को कुछ बताने की जरूरत नही है। प्रिया तुमसे शादी की बात से बहुत खुश है। मै उसकी खुशी नही छीनुँगी। पर तुम्हे मुझसे दो वादे करने होंगे।
मै: बोलो मै तुमसे सभी वादे करने को तैयार हु।
रानी: पहला वादा की प्रिया को हमेशा खुश रखोगे और दूसरा की मुझसे हमेशा अपनी पत्नी की तरह हि प्यार करोगे।
मै: मुझे मंजूर है पर क्या प्रिया को बुरा नही लगेगा यदि उसे हमारे बारे मे पता लग गया तो।
रानी: प्रिया को तो गलती से भी पता नही लगना चाहिए। यदि उसे पता चला की उसके अलावा किसी से भी तुम्हारे सम्बन्ध है तो वो तुम्हारी और सामने वाली की जान ले लेगी।
मै: तो फिर तुम ऐसा वादा क्यू ले रही हो?
रानी: क्यूंकि मै भी तुमसे प्यार करती हु और तुम्हारे बिना नही रह सकती। मै टॉयलेट जा रही हु तुम भी बाहर आओ जल्दी से।
मै: पर अगर प्रिया आ गयी तो
रानी: ऐसा कुछ नही होगा तुम आओ
रानी टॉयलेट के लिए बोलकर हॉल से बाहर चली गयी। 2 मिनट बाद मै भी टॉयलेट का बोलकर बाहर आ गया। देखा वहाँ रानी कही नही दिखी तो मेने सोचा शायद टॉयलेट करने गयी होगी तब तक मै भी टॉयलेट कर आता हु। मै जेंट्स टॉयलेट की ओर जाने लगा। तभी किसी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे एक तरफ खींच लिया। ये जगह एक कोने मे एक छोटी से गली से होती हुयी एक कमरे मे जा रही थी। मुझे खीचने वाली रानी थी। वी मुझे उस रूम तक ले गयी। ये एक स्टोर रूम जैसा था जिसमे टूटा फूटा सामान पड़ा हुआ था। वहां पहुंचते हि रानी ने मेरी जीन्स और चड्डी निचे कर दी और लंड चूसने लगी। लंड पलभर मे हि कड़क होकर सलामी देने लगा। अब रानी ने मुझे एक चेयर पर बिठाया और खुद मेरे लंड पर बैठने लगी। लंड सीधा रानी की चूत से जा टकराया मतलब रानी ने चड्डी नही पहनी थी और उसका सलवार भी निचे से फटा हुआ था।मतलब रानी घर से हि चुदने की तैयारी करके आई थी। धीरे धीरे मेरा लंड रानी की चूत मे समाने लगा। मै मदहोश होकर लंड पर रानी की चूत को सवारी कराने लगा। रानी के होठों पर अपने होंठ रखे और उसे चूमने लगा। मुझे प्रिया के आने का डर था इसीलिए मै हर झटका पूरी ताकत से मार रहा था। रानी की हर झटके के साथ आह निकलती और मेरे मुह मे खो जाती। मेरे हाथ अब रानी के मुलायम बोबो को मसलने लगे। रानी दोहरी मार से झड़ने के कगार पर आ पहुंची। मै भी रानी को चोदने के रोमांच और प्रिया के आ जाने के डर के अहसास से जल्द हि झड़ने को तैयार हो गया। मेने धक्कों की स्पीड बड़ा दी। अब मेने रानी को गोद मे उठाया और दीवार के रानी की पीठ लगा कर ताबड़तोड़ उसकी चूत मे लंड पेलने लगा। रानी लगभग चीख रही थी पर सब चीखे मेरे अंदर खो रही थी। अगले कुछ हि पलों मे हम झड़ने लगे। मै अपना वीर्य रानी की कामरस मे भीगी चूत की गहराइयों मे उडेलने लगा और रानी मेरे लंड को अपने रस से स्नान करने लगी। पूरी तरह झड़ने के बाद हम अपनी साँसे संभालने लगे फिर कपड़े पहनकर वापिस हॉल मे आ गये। पहले मै आया और थोड़ी देर बाद रानी। मेने प्रिया को कह दिया की कॉल आ गया था इसीलिए समय लग गया। रानी भी आकर बैठ गयी। मूवी ख़त्म होने पर हम बाहर आये। दोनो के ब्लाउज लिए और घर आ गये।
क्या पता कहानी क्या मोड़ लेअदभुत। आखिरकार मौसी और भतीजे के बीच संभोग हो ही गया। प्रतीक तो पागल ही हो गया था।पता चले प्रिया से पहले मौसी और रानी उसके बच्चे की माँ बन गयी।।।