- 326
- 727
- 94
आज संगीत का फंक्शन है तो सभी लेडीज सुबह से हि तैयारी मे लग गयी। संगीत के लिए सबको मैरिज हॉल जाना था। धीरे धीरे सब मैरिज हॉल पहुंच गये। मै मैरिज हॉल मे बैठकर समीर के साथ बाते करने मे मशगूल था। अभी तक सारी लेडीज संगीत के लिए तैयार हो रही थी। हॉल मे स्टेज तैयार हो गया डीजे आ गया। उसने सांग्स भी चला दिये। इतने मे समीर की माँ उसके पास आयी और समीर को अपने साथ लेकर चली गयी क्योकि उन्हे घर पर कुछ काम था। आज पहली बार मेने गौर से आंटी को देखा। क्या मस्त गदराया बदन है गीता आंटी का
बोबे तो इतने बड़े है की एक एक बोबे पर 4 लोग मेहनत कर सकते है। गांड इतनी विशाल की मेरा लंड छोड़ो मै पूरा समा जाऊ। आज उन पर गौर किया तो रानी की सुंदरता का राज पता चल गया। रानी अपनी माँ से सुंदरता गिफ्ट मे लेकर पैदा हुयी है। बिल्कुल दूध जैसा गोरा रंग। मेरा लंड आंटी को जाते हुए उनकी गांड देखकर हिचकोले मारने लगा। मै अब अकेला बैठा था तो अपना मोबाइल चलाने लगा। थोड़ी देर मे समीर वापिस आ गया। समीर के आते हि मेने इधर उधर देखा की उसके साथ आंटी भी आयी होंगी तो वापिस उस सुंदरी के दर्शन हो जाये। पर वो मुझे कही नही दिखी तो समीर बोला: भाई वो आते हि लेडीज रूम मे चली गयी। पर तु इतना निराश क्यू हो रहा है आना तो सबको तैयार होकर यही है। मै उसकी बात सुनकर हड़बड़ा गया की इसने ये नोटिस कर लिया है तो ये अब हंगामा बना देगा। तो मै बोला: भाई मै तो वेटर को ढूंढ रहा था पानी के लिए। तु किसकी बात कर रहा है? समीर पास की टेबल पर रखी बोतल उठाकर मुझे देते हुए बोला: भाई जब माँ मुझे बुलाने आयी थी तब हि मेने देख लिया था तुम कैसे आँखे फाड़ फाड़ कर उनके जिस्म को निहार रहे थे। तो मुझसे झूठ मत बोलो चिंता मत करो मै भी उनके जिस्म के कद्रदानों मे से एक हु। मै बोला: तुम्हे बुरा नही लगा मेने तुम्हारी माँ को ऐसे देखा तो? समीर बोला: भाई इस उम्र मे तो देखेंगे हि ना और हम कोनसा उनसे जबरदस्ती करने वाले है। कोशिश करना हमारा हक है मान जाये तो पेल देंगे नही तो कोई और। मर्जी तो उनकी भी होगी ना। मै समीर की बात सुनकर सोच मे पड़ गया की बात तो ये सही कह रहा है मतलब मेने मधु आंटी के साथ करके कुछ गलत नही किया। उनकी भी तो इच्छा थी। ये सोचकर मेने झट से अपना मोबाइल निकाला और मधु आंटी का मोबाइल नंबर ब्लॉक लिस्ट से हटा दिया। ब्लॉक लिस्ट से नंबर हटाते हि लगातार मोबाइल मे मैसेज और मिस्ड कॉल रिमाइंडर आने लगे। मेने देखा आंटी के 100 से ज्यादा मैसेज और कॉल थे। मेने उन्हे मैसेज किया "केसी हो आंटी"। झट से वापिस रिप्लाई आ गया खोल के देखा तो एक पिक्चर थी जिसमे आंटी की चूत से पानी बाह रहा था। मुझे ध्यान हि नही रहा समीर भी ये पिक्चर देख रहा था। देखते हि वो बोला ये तो वो रूबी माल के सामने क्लिनिक वाली आंटी है ना। उसकी बात सुनते हि मेने मोबाइल छुपा लिया तो समीर बोला भाई तु कितना शर्माता है। इसने मेरा लंड भी चूसा है और देख मेरे से बात भी होती है। ये कहकर उसने अपना मोबाइल दिखाया तो सच मे उससे भी आंटी की बात चल रही थी। अब मै थोड़ा समीर से खुलने लगा।
समीर: तो भाई क्या तूने इस आंटी को पेल दिया?
मै: हाँ उस दिन जब हम मिले थे ना क्लिनिक मे उसके अगली शाम को आंटी ने क्लिनिक मे हि बुलाया था तो वही सब हो गया।
समीर: वाह भाई तुम बाहर से जैसे दीखते हो उतने सीधे हो नही पर अच्छा है अपनी मस्त जमेगी। जब वापिस वहा चलेंगे तो इस आंटी को मिल कर पेलेंगे। ये चुस्ती हि इतना मस्त है तो पेलने मे तो मजा हि आ जायेगा। ये कहकर समीर अपना लंड सहलाने लगा।मुझे इधर उधर देखता हुआ देखकर समीर बोला: भाई तु मुझसे तो मत शर्मा। अब हम एक टीम है। मिलकर देख चुतों मे क्या तबाही मचाते है। मै भी थोड़ा हिचकिचाया पर तैयार हो गया। तभी एक वेटर ने आकर हमसे बोला कि आपको उधर वो लेडी बुला रही है। हमने पीछे मुड़कर देखा मासी माँ थी। मासी माँ हमे कमरे मे आने का इशारा करके अंदर चली गयी।
समीर बोला: यार इतने मस्त मस्त माल घर मे है और हम ध्यान हि नही दे रहे थे। मामी क्या माल लग रही है यार। मन कर रहा है अभी अंदर जाकर पेल दु उसे।
मै उसकी बात सुनकर एकदम अचंभित रह गया क्योकि मेने आजतक मासी माँ को ऐसी नज़र से देखा नही था। मुझे अचंभित देखकर समीर बोला: प्रतीक भाई एक बार आँखे बंद कर।
मै: क्यू क्या हो गया?
समीर: भाई कर तो सही। इतना क्या डर रहा है भाई मै तेरी नही ले लूंगा आँखे बंद करते हि।
ये सुनकर हम दोनो हस पड़े। मेने आँखे बंद की तो समीर बोला: भाई अब मामी को वापिस याद कर और उनकी सुंदरता देख। मेने मासी माँ को वापिस याद किया तो प्यारा सा चेहरा कानो मे झुमके, माथे पर बिंदिया, गले मे मंगलसूत्र जो उनकी बोबो की घाटी मे फसा हुआ था। ब्लाउज से बाहर झांकते बोबे मुझे कहने लगे बेटा आओ अपनी मासी माँ का दूध पी लो। मेरा लंड तनकर पेंट मे तम्बू बन गया। सच मे मासी माँ जबरदस्त माल है। मै उनके बोबो से निचे जा हि रहा था की समीर ने मुझे हिला के होश मे ला दिया और बोला: देखा भाई हो गया ना खड़ा। चल अब इसे जल्दी से एडजस्ट कर। मिलने चलते है अपने पहले माल से। अबसे हम एक मिशन पर है "मामी उर्फ़ मासी माँ को पटाना"। मै बोला: भाई मुझे इस बारे मे बिल्कुल नॉलेज नही है। समीर: भाई नॉलेज मुझे भी ज्यादा नही है। पर देखो हर औरत को अपनी तारीफ बहुत पसंद होती है। तो हमे बस ये करना है की जब भी मोका मिले मामी की भर भर कर तारीफ़ करनी है और ज्यादा से ज्यादा उनके करीब रहना है।
हम दोनो ने प्लान डन किया और रूम की और चल दिये। मासी माँ ने रूम मे पहुंचते हि हमे स्माइल दी, वो हमारा हि इंतजार कर रही थी। हम दोनो मासी माँ को निहारने लगे। सच मे कयामत है मासी माँ
उन्होंने बेड पर 2 जोड़ी कुर्ता पाज़ामा निकाल रखे थे। उन्हे दिखाती हुयी मासी माँ बोली: तुम दोनो ये कुर्ता पज़मा पहनो। मेरे दोनो बेटे बहुत सुंदर लगेंगे कुर्ते पाजामे मे। मै कुर्ता पज़मा उठाकर बाथरूम देखने लगा। तभी मेरी नज़र समीर से मिली तो उसने इशारा किया यही बदल मामी के सामने उनसे करीबी बढ़ानी है ना। मेने आँखे झपकाकर हाँ कहा और हम दोनो अपने कपड़े उतरने लगे। हम दोनो की बॉडी मे काफी डिफरेंस था। मेरा रंग बिल्कुल गोरा है और समीर का सांवला। मेरी जिम करके बॉडी बनी हुयी है जबकी समीर की बॉडी अभी लड़कपन वाली हि है। लम्बाई हमारी लगभग समान है। मासी माँ हमे बेड पर बैठकर निहारने लगी। वो हम दोनो को बेइंतहा प्यार करती है। हमने कुर्ता पज़ामा पहन लिया तो मासी माँ हमारे करीब आयी और दोनो के काजल का काला टिका लगाकर हमे गले लगाते हुए बोली: नज़र ना लग जाए मेरे दोनो बेटों को किसीकी। फिर मासी माँ ने हम दोनो के माथे पर किस किया। हम दोनो अपने प्लान के अनुसार आगे बड़े और मासी माँ को दोनो ने दोनो तरफ से कसकर गले लगा लिया और उनके गालों पर एक जबरदस्त चुम्बन दिया और दोनो साथ मे बोले: हम भी अपनी माँ से बहुत प्यार करते है। आज हमारी प्यारी माँ दुनिया मे सबसे सुंदर लग रही है। मासी माँ ने हमारे सिर पर हाथ फिरते हुए हमे अपने सीने से चिपका लिया। अब हमारी आँखों के सामने मासी माँ के भारी भरकम बूब्स थे। हमारी साँसे उनके बूब्स से टकराकर वापिस हमारे चेहरे पर आ रही थी। अगर हम अभी जीभ हलकी भी बाहर निकाल ले तो वो सीधा मासी माँ के बूब्स पर टच हो जाएगी। हम दोनो की हालत खराब हो गयी। लंड तन कर पाज़ामे मे तम्बू खड़ा हो गया। मासी माँ ने फिर हमे बाहर जाकर एन्जॉय करने को कहा। हम बाहर आ गये और मैरिज हॉल के टॉयलेट मे घुस गये। दोनो ने वहा मासी माँ को याद करके मुठ मारी और लंड शांत करके बाहर आ गये।
इधर मासी माँ ने जाते हुए अपने दोनो बेटों के पाज़ामे मे बने उभार को देख लिया था। वो सोच मे पड़ गयी की क्या उसके दोनो बेटे उसके शरीर के प्रति आकर्षित होने लगे है। ये विचार आते हि उसने अपने दिमाग को डांटा और उससे बोली ऐसा कुछ नही है। मै ज्यादा हि सोच रही हु। ये उनकी उम्र हि ऐसी है की इच्छाए हर समय बनी रहती है। वो ऐसे हि एरेक्शन था मेरे प्रति उनके मन मे ऐसा कोई विचार नही है। पर तभी उसके सामने उसका साया आकर खड़ा हो गया और बोला सुनीता तु सच्चाई से क्यू भाग रही है? क्या तुझे जरूरत नही है? तेरी तड़प का क्या? जो तेरी चूत मे इतने सालो से बिन बुझे आग जल रही है उसका क्या? यदि तेरे बेटे तुझे प्यार देना चाहते है तो उन्हे करने दे प्यार। क्या उनका तुझ पर इतना भी हक नही की तुझे प्यार कर सके। प्रतीक को देख बिचारा किसी लड़की से बात भी नही कर पाता यदि तु उसे नही सिखाएगी तो वो तो दुनिया से पीछे रह जाएगा। तुझे उन्हे अपने से प्यार करने से रोकने का हक नही है। तुझ पर उनका पूरा अधिकार है। बल्कि तुझे उन्हे इस काबिल बनाना चाहिए की अपने जीवन मे खुद भी संतुष्ट रहे और अपनी पत्नी को भी पूर्ण संतुष्ट कर पाए ताकि तेरे जैसे उन्हे जिंदगी भर अपनी चूत की आग मे जलना ना पड़े। और सुनीता उनका प्यार तेरी भी तो जरूरते पूरी करेगा। तेरी सालों की तड़प भी तो मिटाएगा। सुनीता ज्यादा सोच मत बहने दे खुदको उनके प्यार मे। करने दे अपने बच्चों को तुझसे प्यार।
मासी माँ की साँसे बढ़ने लगी। उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली। वो अपने जिस्म को जगह जगह टच करने लगी और 2 पल बाद हि उसकी चूत ने नदी बहा दी। उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी। इसमे अपार संतुष्टि की झलक थी। सुनीता ने आँखे खोली और अपने कपड़े ठीक कर बाकी औरतों के पास आ गयी। उसने अपना मन बना लिया था की उसे क्या करना है। अब सुनीता के चेहरे का तेज़ देखने लायक़ था। माँ ने भी ये महसूस किया तो उसे इशारे से पूछा क्या हुआ, इतना चमक रही है? मासी माँ ने माँ को अपने साथ आने का इशारा किया। मासी माँ, माँ को लेकर उसी रूम मे वापिस आ गयी और सब बात मा को बात दी। साथ हि अपना फैसला भी बता दिया। माँ ने मासी माँ को गले लगाया और बोली: चल अच्छा है तुझे अब तो खुशियाँ मिल पायेगी। पर ज्यादा परेशान मत करना दोनो बच्चे अभी छोटे है। उनकी सेहत पर बुरा असर नही पड़ना चाहिए। ये तुझे हि ध्यान रखना है। वो दोनो तो उम्र के ऐसे पड़ाव पर है की अपना भला बुरा नही सोच सकते।
मासी माँ: दीदी आप चिंता मत करो मै अपने दोनो बेटों का पूरा ध्यान रखूंगी। पर दीदी आप जीजाजी की बात कब मानेगी?
माँ: तु मेरी चिंता मत कर। तु बस अपना ध्यान रख। मुझे जरूरत नही किसी चीज़ की मै अपने बेटे के साथ खुश हु।
मासी माँ: पर दीदी
मासी माँ इतना हि बोल पायी थी की माँ ने उसके होंठ पर अन्गुली रख दी और उसे गले लगा कर रूम से बाहर चाली गयी। मासी माँ, माँ को जाते हुए देखकर बोली: दीदी आप चाहे मेरी बात अभी मत मानो पर मै आपकी हि छोटी बहन हु जल्द हि आपसे अपनी बात मनवाके रहूंगी।
बोबे तो इतने बड़े है की एक एक बोबे पर 4 लोग मेहनत कर सकते है। गांड इतनी विशाल की मेरा लंड छोड़ो मै पूरा समा जाऊ। आज उन पर गौर किया तो रानी की सुंदरता का राज पता चल गया। रानी अपनी माँ से सुंदरता गिफ्ट मे लेकर पैदा हुयी है। बिल्कुल दूध जैसा गोरा रंग। मेरा लंड आंटी को जाते हुए उनकी गांड देखकर हिचकोले मारने लगा। मै अब अकेला बैठा था तो अपना मोबाइल चलाने लगा। थोड़ी देर मे समीर वापिस आ गया। समीर के आते हि मेने इधर उधर देखा की उसके साथ आंटी भी आयी होंगी तो वापिस उस सुंदरी के दर्शन हो जाये। पर वो मुझे कही नही दिखी तो समीर बोला: भाई वो आते हि लेडीज रूम मे चली गयी। पर तु इतना निराश क्यू हो रहा है आना तो सबको तैयार होकर यही है। मै उसकी बात सुनकर हड़बड़ा गया की इसने ये नोटिस कर लिया है तो ये अब हंगामा बना देगा। तो मै बोला: भाई मै तो वेटर को ढूंढ रहा था पानी के लिए। तु किसकी बात कर रहा है? समीर पास की टेबल पर रखी बोतल उठाकर मुझे देते हुए बोला: भाई जब माँ मुझे बुलाने आयी थी तब हि मेने देख लिया था तुम कैसे आँखे फाड़ फाड़ कर उनके जिस्म को निहार रहे थे। तो मुझसे झूठ मत बोलो चिंता मत करो मै भी उनके जिस्म के कद्रदानों मे से एक हु। मै बोला: तुम्हे बुरा नही लगा मेने तुम्हारी माँ को ऐसे देखा तो? समीर बोला: भाई इस उम्र मे तो देखेंगे हि ना और हम कोनसा उनसे जबरदस्ती करने वाले है। कोशिश करना हमारा हक है मान जाये तो पेल देंगे नही तो कोई और। मर्जी तो उनकी भी होगी ना। मै समीर की बात सुनकर सोच मे पड़ गया की बात तो ये सही कह रहा है मतलब मेने मधु आंटी के साथ करके कुछ गलत नही किया। उनकी भी तो इच्छा थी। ये सोचकर मेने झट से अपना मोबाइल निकाला और मधु आंटी का मोबाइल नंबर ब्लॉक लिस्ट से हटा दिया। ब्लॉक लिस्ट से नंबर हटाते हि लगातार मोबाइल मे मैसेज और मिस्ड कॉल रिमाइंडर आने लगे। मेने देखा आंटी के 100 से ज्यादा मैसेज और कॉल थे। मेने उन्हे मैसेज किया "केसी हो आंटी"। झट से वापिस रिप्लाई आ गया खोल के देखा तो एक पिक्चर थी जिसमे आंटी की चूत से पानी बाह रहा था। मुझे ध्यान हि नही रहा समीर भी ये पिक्चर देख रहा था। देखते हि वो बोला ये तो वो रूबी माल के सामने क्लिनिक वाली आंटी है ना। उसकी बात सुनते हि मेने मोबाइल छुपा लिया तो समीर बोला भाई तु कितना शर्माता है। इसने मेरा लंड भी चूसा है और देख मेरे से बात भी होती है। ये कहकर उसने अपना मोबाइल दिखाया तो सच मे उससे भी आंटी की बात चल रही थी। अब मै थोड़ा समीर से खुलने लगा।
समीर: तो भाई क्या तूने इस आंटी को पेल दिया?
मै: हाँ उस दिन जब हम मिले थे ना क्लिनिक मे उसके अगली शाम को आंटी ने क्लिनिक मे हि बुलाया था तो वही सब हो गया।
समीर: वाह भाई तुम बाहर से जैसे दीखते हो उतने सीधे हो नही पर अच्छा है अपनी मस्त जमेगी। जब वापिस वहा चलेंगे तो इस आंटी को मिल कर पेलेंगे। ये चुस्ती हि इतना मस्त है तो पेलने मे तो मजा हि आ जायेगा। ये कहकर समीर अपना लंड सहलाने लगा।मुझे इधर उधर देखता हुआ देखकर समीर बोला: भाई तु मुझसे तो मत शर्मा। अब हम एक टीम है। मिलकर देख चुतों मे क्या तबाही मचाते है। मै भी थोड़ा हिचकिचाया पर तैयार हो गया। तभी एक वेटर ने आकर हमसे बोला कि आपको उधर वो लेडी बुला रही है। हमने पीछे मुड़कर देखा मासी माँ थी। मासी माँ हमे कमरे मे आने का इशारा करके अंदर चली गयी।
समीर बोला: यार इतने मस्त मस्त माल घर मे है और हम ध्यान हि नही दे रहे थे। मामी क्या माल लग रही है यार। मन कर रहा है अभी अंदर जाकर पेल दु उसे।
मै उसकी बात सुनकर एकदम अचंभित रह गया क्योकि मेने आजतक मासी माँ को ऐसी नज़र से देखा नही था। मुझे अचंभित देखकर समीर बोला: प्रतीक भाई एक बार आँखे बंद कर।
मै: क्यू क्या हो गया?
समीर: भाई कर तो सही। इतना क्या डर रहा है भाई मै तेरी नही ले लूंगा आँखे बंद करते हि।
ये सुनकर हम दोनो हस पड़े। मेने आँखे बंद की तो समीर बोला: भाई अब मामी को वापिस याद कर और उनकी सुंदरता देख। मेने मासी माँ को वापिस याद किया तो प्यारा सा चेहरा कानो मे झुमके, माथे पर बिंदिया, गले मे मंगलसूत्र जो उनकी बोबो की घाटी मे फसा हुआ था। ब्लाउज से बाहर झांकते बोबे मुझे कहने लगे बेटा आओ अपनी मासी माँ का दूध पी लो। मेरा लंड तनकर पेंट मे तम्बू बन गया। सच मे मासी माँ जबरदस्त माल है। मै उनके बोबो से निचे जा हि रहा था की समीर ने मुझे हिला के होश मे ला दिया और बोला: देखा भाई हो गया ना खड़ा। चल अब इसे जल्दी से एडजस्ट कर। मिलने चलते है अपने पहले माल से। अबसे हम एक मिशन पर है "मामी उर्फ़ मासी माँ को पटाना"। मै बोला: भाई मुझे इस बारे मे बिल्कुल नॉलेज नही है। समीर: भाई नॉलेज मुझे भी ज्यादा नही है। पर देखो हर औरत को अपनी तारीफ बहुत पसंद होती है। तो हमे बस ये करना है की जब भी मोका मिले मामी की भर भर कर तारीफ़ करनी है और ज्यादा से ज्यादा उनके करीब रहना है।
हम दोनो ने प्लान डन किया और रूम की और चल दिये। मासी माँ ने रूम मे पहुंचते हि हमे स्माइल दी, वो हमारा हि इंतजार कर रही थी। हम दोनो मासी माँ को निहारने लगे। सच मे कयामत है मासी माँ
उन्होंने बेड पर 2 जोड़ी कुर्ता पाज़ामा निकाल रखे थे। उन्हे दिखाती हुयी मासी माँ बोली: तुम दोनो ये कुर्ता पज़मा पहनो। मेरे दोनो बेटे बहुत सुंदर लगेंगे कुर्ते पाजामे मे। मै कुर्ता पज़मा उठाकर बाथरूम देखने लगा। तभी मेरी नज़र समीर से मिली तो उसने इशारा किया यही बदल मामी के सामने उनसे करीबी बढ़ानी है ना। मेने आँखे झपकाकर हाँ कहा और हम दोनो अपने कपड़े उतरने लगे। हम दोनो की बॉडी मे काफी डिफरेंस था। मेरा रंग बिल्कुल गोरा है और समीर का सांवला। मेरी जिम करके बॉडी बनी हुयी है जबकी समीर की बॉडी अभी लड़कपन वाली हि है। लम्बाई हमारी लगभग समान है। मासी माँ हमे बेड पर बैठकर निहारने लगी। वो हम दोनो को बेइंतहा प्यार करती है। हमने कुर्ता पज़ामा पहन लिया तो मासी माँ हमारे करीब आयी और दोनो के काजल का काला टिका लगाकर हमे गले लगाते हुए बोली: नज़र ना लग जाए मेरे दोनो बेटों को किसीकी। फिर मासी माँ ने हम दोनो के माथे पर किस किया। हम दोनो अपने प्लान के अनुसार आगे बड़े और मासी माँ को दोनो ने दोनो तरफ से कसकर गले लगा लिया और उनके गालों पर एक जबरदस्त चुम्बन दिया और दोनो साथ मे बोले: हम भी अपनी माँ से बहुत प्यार करते है। आज हमारी प्यारी माँ दुनिया मे सबसे सुंदर लग रही है। मासी माँ ने हमारे सिर पर हाथ फिरते हुए हमे अपने सीने से चिपका लिया। अब हमारी आँखों के सामने मासी माँ के भारी भरकम बूब्स थे। हमारी साँसे उनके बूब्स से टकराकर वापिस हमारे चेहरे पर आ रही थी। अगर हम अभी जीभ हलकी भी बाहर निकाल ले तो वो सीधा मासी माँ के बूब्स पर टच हो जाएगी। हम दोनो की हालत खराब हो गयी। लंड तन कर पाज़ामे मे तम्बू खड़ा हो गया। मासी माँ ने फिर हमे बाहर जाकर एन्जॉय करने को कहा। हम बाहर आ गये और मैरिज हॉल के टॉयलेट मे घुस गये। दोनो ने वहा मासी माँ को याद करके मुठ मारी और लंड शांत करके बाहर आ गये।
इधर मासी माँ ने जाते हुए अपने दोनो बेटों के पाज़ामे मे बने उभार को देख लिया था। वो सोच मे पड़ गयी की क्या उसके दोनो बेटे उसके शरीर के प्रति आकर्षित होने लगे है। ये विचार आते हि उसने अपने दिमाग को डांटा और उससे बोली ऐसा कुछ नही है। मै ज्यादा हि सोच रही हु। ये उनकी उम्र हि ऐसी है की इच्छाए हर समय बनी रहती है। वो ऐसे हि एरेक्शन था मेरे प्रति उनके मन मे ऐसा कोई विचार नही है। पर तभी उसके सामने उसका साया आकर खड़ा हो गया और बोला सुनीता तु सच्चाई से क्यू भाग रही है? क्या तुझे जरूरत नही है? तेरी तड़प का क्या? जो तेरी चूत मे इतने सालो से बिन बुझे आग जल रही है उसका क्या? यदि तेरे बेटे तुझे प्यार देना चाहते है तो उन्हे करने दे प्यार। क्या उनका तुझ पर इतना भी हक नही की तुझे प्यार कर सके। प्रतीक को देख बिचारा किसी लड़की से बात भी नही कर पाता यदि तु उसे नही सिखाएगी तो वो तो दुनिया से पीछे रह जाएगा। तुझे उन्हे अपने से प्यार करने से रोकने का हक नही है। तुझ पर उनका पूरा अधिकार है। बल्कि तुझे उन्हे इस काबिल बनाना चाहिए की अपने जीवन मे खुद भी संतुष्ट रहे और अपनी पत्नी को भी पूर्ण संतुष्ट कर पाए ताकि तेरे जैसे उन्हे जिंदगी भर अपनी चूत की आग मे जलना ना पड़े। और सुनीता उनका प्यार तेरी भी तो जरूरते पूरी करेगा। तेरी सालों की तड़प भी तो मिटाएगा। सुनीता ज्यादा सोच मत बहने दे खुदको उनके प्यार मे। करने दे अपने बच्चों को तुझसे प्यार।
मासी माँ की साँसे बढ़ने लगी। उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली। वो अपने जिस्म को जगह जगह टच करने लगी और 2 पल बाद हि उसकी चूत ने नदी बहा दी। उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी। इसमे अपार संतुष्टि की झलक थी। सुनीता ने आँखे खोली और अपने कपड़े ठीक कर बाकी औरतों के पास आ गयी। उसने अपना मन बना लिया था की उसे क्या करना है। अब सुनीता के चेहरे का तेज़ देखने लायक़ था। माँ ने भी ये महसूस किया तो उसे इशारे से पूछा क्या हुआ, इतना चमक रही है? मासी माँ ने माँ को अपने साथ आने का इशारा किया। मासी माँ, माँ को लेकर उसी रूम मे वापिस आ गयी और सब बात मा को बात दी। साथ हि अपना फैसला भी बता दिया। माँ ने मासी माँ को गले लगाया और बोली: चल अच्छा है तुझे अब तो खुशियाँ मिल पायेगी। पर ज्यादा परेशान मत करना दोनो बच्चे अभी छोटे है। उनकी सेहत पर बुरा असर नही पड़ना चाहिए। ये तुझे हि ध्यान रखना है। वो दोनो तो उम्र के ऐसे पड़ाव पर है की अपना भला बुरा नही सोच सकते।
मासी माँ: दीदी आप चिंता मत करो मै अपने दोनो बेटों का पूरा ध्यान रखूंगी। पर दीदी आप जीजाजी की बात कब मानेगी?
माँ: तु मेरी चिंता मत कर। तु बस अपना ध्यान रख। मुझे जरूरत नही किसी चीज़ की मै अपने बेटे के साथ खुश हु।
मासी माँ: पर दीदी
मासी माँ इतना हि बोल पायी थी की माँ ने उसके होंठ पर अन्गुली रख दी और उसे गले लगा कर रूम से बाहर चाली गयी। मासी माँ, माँ को जाते हुए देखकर बोली: दीदी आप चाहे मेरी बात अभी मत मानो पर मै आपकी हि छोटी बहन हु जल्द हि आपसे अपनी बात मनवाके रहूंगी।
Last edited: