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Romance DharmPatni

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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आज संगीत का फंक्शन है तो सभी लेडीज सुबह से हि तैयारी मे लग गयी। संगीत के लिए सबको मैरिज हॉल जाना था। धीरे धीरे सब मैरिज हॉल पहुंच गये। मै मैरिज हॉल मे बैठकर समीर के साथ बाते करने मे मशगूल था। अभी तक सारी लेडीज संगीत के लिए तैयार हो रही थी। हॉल मे स्टेज तैयार हो गया डीजे आ गया। उसने सांग्स भी चला दिये। इतने मे समीर की माँ उसके पास आयी और समीर को अपने साथ लेकर चली गयी क्योकि उन्हे घर पर कुछ काम था। आज पहली बार मेने गौर से आंटी को देखा। क्या मस्त गदराया बदन है गीता आंटी का

बोबे तो इतने बड़े है की एक एक बोबे पर 4 लोग मेहनत कर सकते है। गांड इतनी विशाल की मेरा लंड छोड़ो मै पूरा समा जाऊ। आज उन पर गौर किया तो रानी की सुंदरता का राज पता चल गया। रानी अपनी माँ से सुंदरता गिफ्ट मे लेकर पैदा हुयी है। बिल्कुल दूध जैसा गोरा रंग। मेरा लंड आंटी को जाते हुए उनकी गांड देखकर हिचकोले मारने लगा। मै अब अकेला बैठा था तो अपना मोबाइल चलाने लगा। थोड़ी देर मे समीर वापिस आ गया। समीर के आते हि मेने इधर उधर देखा की उसके साथ आंटी भी आयी होंगी तो वापिस उस सुंदरी के दर्शन हो जाये। पर वो मुझे कही नही दिखी तो समीर बोला: भाई वो आते हि लेडीज रूम मे चली गयी। पर तु इतना निराश क्यू हो रहा है आना तो सबको तैयार होकर यही है। मै उसकी बात सुनकर हड़बड़ा गया की इसने ये नोटिस कर लिया है तो ये अब हंगामा बना देगा। तो मै बोला: भाई मै तो वेटर को ढूंढ रहा था पानी के लिए। तु किसकी बात कर रहा है? समीर पास की टेबल पर रखी बोतल उठाकर मुझे देते हुए बोला: भाई जब माँ मुझे बुलाने आयी थी तब हि मेने देख लिया था तुम कैसे आँखे फाड़ फाड़ कर उनके जिस्म को निहार रहे थे। तो मुझसे झूठ मत बोलो चिंता मत करो मै भी उनके जिस्म के कद्रदानों मे से एक हु। मै बोला: तुम्हे बुरा नही लगा मेने तुम्हारी माँ को ऐसे देखा तो? समीर बोला: भाई इस उम्र मे तो देखेंगे हि ना और हम कोनसा उनसे जबरदस्ती करने वाले है। कोशिश करना हमारा हक है मान जाये तो पेल देंगे नही तो कोई और। मर्जी तो उनकी भी होगी ना। मै समीर की बात सुनकर सोच मे पड़ गया की बात तो ये सही कह रहा है मतलब मेने मधु आंटी के साथ करके कुछ गलत नही किया। उनकी भी तो इच्छा थी। ये सोचकर मेने झट से अपना मोबाइल निकाला और मधु आंटी का मोबाइल नंबर ब्लॉक लिस्ट से हटा दिया। ब्लॉक लिस्ट से नंबर हटाते हि लगातार मोबाइल मे मैसेज और मिस्ड कॉल रिमाइंडर आने लगे। मेने देखा आंटी के 100 से ज्यादा मैसेज और कॉल थे। मेने उन्हे मैसेज किया "केसी हो आंटी"। झट से वापिस रिप्लाई आ गया खोल के देखा तो एक पिक्चर थी जिसमे आंटी की चूत से पानी बाह रहा था। मुझे ध्यान हि नही रहा समीर भी ये पिक्चर देख रहा था। देखते हि वो बोला ये तो वो रूबी माल के सामने क्लिनिक वाली आंटी है ना। उसकी बात सुनते हि मेने मोबाइल छुपा लिया तो समीर बोला भाई तु कितना शर्माता है। इसने मेरा लंड भी चूसा है और देख मेरे से बात भी होती है। ये कहकर उसने अपना मोबाइल दिखाया तो सच मे उससे भी आंटी की बात चल रही थी। अब मै थोड़ा समीर से खुलने लगा।
समीर: तो भाई क्या तूने इस आंटी को पेल दिया?
मै: हाँ उस दिन जब हम मिले थे ना क्लिनिक मे उसके अगली शाम को आंटी ने क्लिनिक मे हि बुलाया था तो वही सब हो गया।
समीर: वाह भाई तुम बाहर से जैसे दीखते हो उतने सीधे हो नही पर अच्छा है अपनी मस्त जमेगी। जब वापिस वहा चलेंगे तो इस आंटी को मिल कर पेलेंगे। ये चुस्ती हि इतना मस्त है तो पेलने मे तो मजा हि आ जायेगा। ये कहकर समीर अपना लंड सहलाने लगा।मुझे इधर उधर देखता हुआ देखकर समीर बोला: भाई तु मुझसे तो मत शर्मा। अब हम एक टीम है। मिलकर देख चुतों मे क्या तबाही मचाते है। मै भी थोड़ा हिचकिचाया पर तैयार हो गया। तभी एक वेटर ने आकर हमसे बोला कि आपको उधर वो लेडी बुला रही है। हमने पीछे मुड़कर देखा मासी माँ थी। मासी माँ हमे कमरे मे आने का इशारा करके अंदर चली गयी।
समीर बोला: यार इतने मस्त मस्त माल घर मे है और हम ध्यान हि नही दे रहे थे। मामी क्या माल लग रही है यार। मन कर रहा है अभी अंदर जाकर पेल दु उसे।
मै उसकी बात सुनकर एकदम अचंभित रह गया क्योकि मेने आजतक मासी माँ को ऐसी नज़र से देखा नही था। मुझे अचंभित देखकर समीर बोला: प्रतीक भाई एक बार आँखे बंद कर।
मै: क्यू क्या हो गया?
समीर: भाई कर तो सही। इतना क्या डर रहा है भाई मै तेरी नही ले लूंगा आँखे बंद करते हि।
ये सुनकर हम दोनो हस पड़े। मेने आँखे बंद की तो समीर बोला: भाई अब मामी को वापिस याद कर और उनकी सुंदरता देख। मेने मासी माँ को वापिस याद किया तो प्यारा सा चेहरा कानो मे झुमके, माथे पर बिंदिया, गले मे मंगलसूत्र जो उनकी बोबो की घाटी मे फसा हुआ था। ब्लाउज से बाहर झांकते बोबे मुझे कहने लगे बेटा आओ अपनी मासी माँ का दूध पी लो। मेरा लंड तनकर पेंट मे तम्बू बन गया। सच मे मासी माँ जबरदस्त माल है। मै उनके बोबो से निचे जा हि रहा था की समीर ने मुझे हिला के होश मे ला दिया और बोला: देखा भाई हो गया ना खड़ा। चल अब इसे जल्दी से एडजस्ट कर। मिलने चलते है अपने पहले माल से। अबसे हम एक मिशन पर है "मामी उर्फ़ मासी माँ को पटाना"। मै बोला: भाई मुझे इस बारे मे बिल्कुल नॉलेज नही है। समीर: भाई नॉलेज मुझे भी ज्यादा नही है। पर देखो हर औरत को अपनी तारीफ बहुत पसंद होती है। तो हमे बस ये करना है की जब भी मोका मिले मामी की भर भर कर तारीफ़ करनी है और ज्यादा से ज्यादा उनके करीब रहना है।
हम दोनो ने प्लान डन किया और रूम की और चल दिये। मासी माँ ने रूम मे पहुंचते हि हमे स्माइल दी, वो हमारा हि इंतजार कर रही थी। हम दोनो मासी माँ को निहारने लगे। सच मे कयामत है मासी माँ

उन्होंने बेड पर 2 जोड़ी कुर्ता पाज़ामा निकाल रखे थे। उन्हे दिखाती हुयी मासी माँ बोली: तुम दोनो ये कुर्ता पज़मा पहनो। मेरे दोनो बेटे बहुत सुंदर लगेंगे कुर्ते पाजामे मे। मै कुर्ता पज़मा उठाकर बाथरूम देखने लगा। तभी मेरी नज़र समीर से मिली तो उसने इशारा किया यही बदल मामी के सामने उनसे करीबी बढ़ानी है ना। मेने आँखे झपकाकर हाँ कहा और हम दोनो अपने कपड़े उतरने लगे। हम दोनो की बॉडी मे काफी डिफरेंस था। मेरा रंग बिल्कुल गोरा है और समीर का सांवला। मेरी जिम करके बॉडी बनी हुयी है जबकी समीर की बॉडी अभी लड़कपन वाली हि है। लम्बाई हमारी लगभग समान है। मासी माँ हमे बेड पर बैठकर निहारने लगी। वो हम दोनो को बेइंतहा प्यार करती है। हमने कुर्ता पज़ामा पहन लिया तो मासी माँ हमारे करीब आयी और दोनो के काजल का काला टिका लगाकर हमे गले लगाते हुए बोली: नज़र ना लग जाए मेरे दोनो बेटों को किसीकी। फिर मासी माँ ने हम दोनो के माथे पर किस किया। हम दोनो अपने प्लान के अनुसार आगे बड़े और मासी माँ को दोनो ने दोनो तरफ से कसकर गले लगा लिया और उनके गालों पर एक जबरदस्त चुम्बन दिया और दोनो साथ मे बोले: हम भी अपनी माँ से बहुत प्यार करते है। आज हमारी प्यारी माँ दुनिया मे सबसे सुंदर लग रही है। मासी माँ ने हमारे सिर पर हाथ फिरते हुए हमे अपने सीने से चिपका लिया। अब हमारी आँखों के सामने मासी माँ के भारी भरकम बूब्स थे। हमारी साँसे उनके बूब्स से टकराकर वापिस हमारे चेहरे पर आ रही थी। अगर हम अभी जीभ हलकी भी बाहर निकाल ले तो वो सीधा मासी माँ के बूब्स पर टच हो जाएगी। हम दोनो की हालत खराब हो गयी। लंड तन कर पाज़ामे मे तम्बू खड़ा हो गया। मासी माँ ने फिर हमे बाहर जाकर एन्जॉय करने को कहा। हम बाहर आ गये और मैरिज हॉल के टॉयलेट मे घुस गये। दोनो ने वहा मासी माँ को याद करके मुठ मारी और लंड शांत करके बाहर आ गये।
इधर मासी माँ ने जाते हुए अपने दोनो बेटों के पाज़ामे मे बने उभार को देख लिया था। वो सोच मे पड़ गयी की क्या उसके दोनो बेटे उसके शरीर के प्रति आकर्षित होने लगे है। ये विचार आते हि उसने अपने दिमाग को डांटा और उससे बोली ऐसा कुछ नही है। मै ज्यादा हि सोच रही हु। ये उनकी उम्र हि ऐसी है की इच्छाए हर समय बनी रहती है। वो ऐसे हि एरेक्शन था मेरे प्रति उनके मन मे ऐसा कोई विचार नही है। पर तभी उसके सामने उसका साया आकर खड़ा हो गया और बोला सुनीता तु सच्चाई से क्यू भाग रही है? क्या तुझे जरूरत नही है? तेरी तड़प का क्या? जो तेरी चूत मे इतने सालो से बिन बुझे आग जल रही है उसका क्या? यदि तेरे बेटे तुझे प्यार देना चाहते है तो उन्हे करने दे प्यार। क्या उनका तुझ पर इतना भी हक नही की तुझे प्यार कर सके। प्रतीक को देख बिचारा किसी लड़की से बात भी नही कर पाता यदि तु उसे नही सिखाएगी तो वो तो दुनिया से पीछे रह जाएगा। तुझे उन्हे अपने से प्यार करने से रोकने का हक नही है। तुझ पर उनका पूरा अधिकार है। बल्कि तुझे उन्हे इस काबिल बनाना चाहिए की अपने जीवन मे खुद भी संतुष्ट रहे और अपनी पत्नी को भी पूर्ण संतुष्ट कर पाए ताकि तेरे जैसे उन्हे जिंदगी भर अपनी चूत की आग मे जलना ना पड़े। और सुनीता उनका प्यार तेरी भी तो जरूरते पूरी करेगा। तेरी सालों की तड़प भी तो मिटाएगा। सुनीता ज्यादा सोच मत बहने दे खुदको उनके प्यार मे। करने दे अपने बच्चों को तुझसे प्यार।
मासी माँ की साँसे बढ़ने लगी। उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली। वो अपने जिस्म को जगह जगह टच करने लगी और 2 पल बाद हि उसकी चूत ने नदी बहा दी। उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी। इसमे अपार संतुष्टि की झलक थी। सुनीता ने आँखे खोली और अपने कपड़े ठीक कर बाकी औरतों के पास आ गयी। उसने अपना मन बना लिया था की उसे क्या करना है। अब सुनीता के चेहरे का तेज़ देखने लायक़ था। माँ ने भी ये महसूस किया तो उसे इशारे से पूछा क्या हुआ, इतना चमक रही है? मासी माँ ने माँ को अपने साथ आने का इशारा किया। मासी माँ, माँ को लेकर उसी रूम मे वापिस आ गयी और सब बात मा को बात दी। साथ हि अपना फैसला भी बता दिया। माँ ने मासी माँ को गले लगाया और बोली: चल अच्छा है तुझे अब तो खुशियाँ मिल पायेगी। पर ज्यादा परेशान मत करना दोनो बच्चे अभी छोटे है। उनकी सेहत पर बुरा असर नही पड़ना चाहिए। ये तुझे हि ध्यान रखना है। वो दोनो तो उम्र के ऐसे पड़ाव पर है की अपना भला बुरा नही सोच सकते।
मासी माँ: दीदी आप चिंता मत करो मै अपने दोनो बेटों का पूरा ध्यान रखूंगी। पर दीदी आप जीजाजी की बात कब मानेगी?
माँ: तु मेरी चिंता मत कर। तु बस अपना ध्यान रख। मुझे जरूरत नही किसी चीज़ की मै अपने बेटे के साथ खुश हु।
मासी माँ: पर दीदी
मासी माँ इतना हि बोल पायी थी की माँ ने उसके होंठ पर अन्गुली रख दी और उसे गले लगा कर रूम से बाहर चाली गयी। मासी माँ, माँ को जाते हुए देखकर बोली: दीदी आप चाहे मेरी बात अभी मत मानो पर मै आपकी हि छोटी बहन हु जल्द हि आपसे अपनी बात मनवाके रहूंगी।
 
Last edited:

Love4yummy

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हम दोनो बाहर हॉल मे बैठे सजावट देख रहे थे।
मै: क्या लगता है समीर मासी माँ तैयार हो जाएगी?
समीर: भाई हम मिलकर अच्छे से कोशिश करेंगे तो वो जरूर तैयार हो जाएगी। तूने देखा ना कितना प्यार करती है हमसे।
मै: भाई जिंदगी बन जाएगी मासी माँ मिल गयी तो। यार सच मे मेने तो कभी उन्हे इस नज़र से देखा हि नही था। अप्सरा है यार वो तो कसम से। क्या मोटे बोबे है यार। मजा आ जायेगा मासी माँ का दूध पिने मे तो।
समीर: यार मेरे शरीर मे तो तेरी बात सुनके हि करंट दौड़ गया। जब मामी के बोबे सच मे चूसने को मिलेंगे तो क्या होगा। और क्या पतली बलखाती कमर और उनकी गहरी नाभि मे तो लगता है पूरा संसार समा जाये। मै तो उनकी नाभि मे आइसक्रीम डालके चाटूँगा। आआआहह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
मै: यार लगता है फिर से वाशरूम जाना पड़ेगा।
हम दोनो फिर से वाशरूम गये और मासी माँ के नाम से मुठ मारी। हम बाहर आये और समीर को उसके पापा अपने साथ काम के लिए ले गये। मै अकेला रह गया। ऐसे हि इधर उधर टहलते हुए हो रही तैयारियों का मुआयना करने लगा। मुआयना करते करते मै जैसे हि हॉल से बाहर आया तो सामने टैक्सी से एक अप्सरा निकलती हुयी दिखी। गुलाबी लहंगा नीला ब्लाउज और उसपर नेट वाला गुलाबी दुपट्टा। लहंगा नाभि से नीचे बंधा था। हलका गदराया पेट और बिच मे गहरी नाभि जिसमे एक सोने की लटकन लटकी हुयी थी। पैरों मे पायल। हांथो मे मेहंदी लगी हुयी और लाल हरी चूड़ियाँ। ब्लाउज छोटा सा स्लीवलेस जो बूब्स को थोड़ा सा हि ढक पा रहा था। बूब्स ब्लाउज मे ऊपर से भी बाहर झाँक रहे थे और निचे से भी। इतना सेक्सी यम्मी क्लीवेज की मुर्दा भी उठकर दूध मांग ले। गले मे एक सोने का हार और मंगलसूत्र जिसका लॉकेट बूब्स की घाटी मे फ़स रहा था। कानो मे लम्बे लटकन वाले झुमके होंठों पर गहरी गुलाबी लिपस्टिक नाक मे नथनी। आँखों मे लगा सुरमा उनकी गहराई को और गहरा कर रहा था। इन नज़रों से मेरी नज़र मिली और मै उन्ही मे खोकर रह गया। ध्यान टूटा जब मेरे पाँवों के बिच एक चोट पड़ी।मेरा ध्यान टूटा होश आया सामने चेहरा बदल चुका था। अब चेहरा अप्सरा नही शैतान की अम्मा का था और वो भी इतने करीब की उसके गुस्से की तपन मुझे अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। उसने घुटने से मेरे पाँवों के बिच ऐसी चोट मारी की मै वही जमीन पर बैठ गया। मेरी चीख निकल गयी। मेरी चीख सुनकर उस शैतान की अम्मा ने मुझे कहा: बोला था ना मेरी बहन पर बुरी नज़र डाली तो जिंदगी नरक बना दूंगी। अभी तो धीरे मारी है। अगर वापिस उसकी और देखता हुआ मिला तो ऐसी चोट करूंगी की फिर कुछ करने काबिल नही रहेगा।
ये कहकर वो जाने लगी। मेरा प्रिया के लिए गुस्से का गुब्बार फुट पड़ा। मेने खड़े होकर उसका हाथ पीछे से पकड़ा और उसे अपनी और खींच लिया। अब प्रिया मेरी बाहों मे थी। मेने कसकर उसे पकड़ लिया और बोला: आया हु तब से देख रहा हु ना मेने तुम्हारे साथ कुछ गलत किया ना बोला। फिर भी तुम मुझे परेशान पर परेशान किये जा रही हो। तुम्हे जिंदगी नरक बनाने का बड़ा शौक है ना। अब मै तुम्हे बताऊंगा जिंदगी नरक कैसे बनती है। अब मै तुमसे शादी करूंगा और तुम्हे दिखाऊंगा नरक जिंदगी।
मेरी बहों से छूटने के लिए चटपटाते हुए प्रिया बोली: तुमसे शादी मेरी जुत्ती भी ना करे। तुम्हे तो मै अभी नरक दिखाउंगी। ये कहकर प्रिया अपना हरसंभव प्रयास मुझसे छूटने का करने लगी। पर मेरी जिम बॉडी के आगे वो नाकाम रही। आखिर मेने उसे छोड़ दिया। छूटते हि वो फिर से मेरी और आयी पर मै सतर्क था उसे पकड़ लिया। वो समझ गयी बाहुबल मे उसका जितना संभव नही है। उसने दूसरा तरीका उपयोग करने का सोचा और वो मेरी और आग भरी नज़रो से देखती हुयी अंदर चली गयी। मै थोड़ी देर वही बैठा और फिर उठकर अंदर आया। हॉल मे आगे एक कुर्सी पर जाकर बैठ गया। पता हि नही चला कब नींद लग गयी। नींद खुली जब dj पर तेज़ गाना बजा। मेने एकदम हड़बड़ाहट मे आँखे खोली। सामने मेरी अप्सरा रानी गणेश वंदना पर डांस कर रही थी। क्या जबरदस्त डांस था। हर एक स्टेप पूरी तरह परफेक्ट। मै तो उसके डांस मे खो गया। डांस पूरा हुआ तो पूरा हॉल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। रानी स्टेज से उतरी और मेरी और आने लगी। मेरी धड़कने रॉकेट की स्पीड से चलने लगी। मेरा दिल सीने से बाहर आने को हुआ। मै कभी दिल को संभालता कभी अपने कपड़े ठीक करता कभी अपनी सूरत कभी बाल। रानी मुझे ऐसे देखकर मंद मंद मुस्कुराते हुए मेरी ओर आयी और मेरे बगल की सीट पर बैठ गयी। मै अपनी धड़कनो की रफ़्तार को थामने की नाकाम कोशिश करने लगा। पर आज लग रहा था अभी मेरा दिल सीना फाड़कर बाहर आने वाला है।
रानी: हेलो
मै: हेहे.......लोलो.........
सोर्री...... मै...... वो..... बस.........
रानी ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर मेरे दिल पर रख दिया। सब कुछ एक पल मे शांत। अब एक दम सन्नाटा छा गया। दिल अब एक रोमांटिक गाने पर डांस करने लगा। रानी ने अपना हाथ हटा लिया।
मेने एकदम उसकी और देखते हुए कहा: रानी I Love You very much I Can't live without you.
ये सुनते हि रानी हसते हुए बोली: मै शादीशुदा हु प्रतीक।
मै: पर मै फिर भी आपसे प्यार करता हु।
रानी: मुझे 5 मिनट बाद स्टेज के पीछे मिलो। ये कहकर वो उठकर बाकी लेडीज की और चली गयी।
मै सोच रहा था पता नही आज कहा से मुझमे ये हिम्मत आ गयी की मेने रानी को प्रोपोज़ कर दिया वो भी डायरेक्ट। पर अब चलो जो भी हुआ अच्छा हुआ। देख्ते है स्टेज के पीछे क्या होता है। तभी समीर आके मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गया।
समीर: भाई मामी का डांस निकल गया क्या?
मै: (एकदम अपने ख्यालों से बाहर आते हुए) नही यार अभी तो बस ये पहला हि डांस है गणेश वंदना के बाद।
मै अब सोचने लगा की समीर को क्या कहके जाऊंगा। अगर ये साथ चलने की बोलने लगा तो क्या करूंगा। कुछ दिमाग़ मे नही आ रहा था। अगला परफॉरमेंस प्रिया का था। प्रिया के परफॉरमेंस मे मेरी कोई रुचि नही थी। मेरा टाइम हो रहा था जाने का। मै सोच रहा था कि समीर को क्या बोलकर जाऊ। मेने समीर की और देखा तो पाया की वो तो प्रिया के डांस मे खोया हुआ था। मै होले से उठा और स्टेज के पीछे की और आ गया। वहा अभी कोई नही था। थोड़ी देर इंतजार के बाद मुझे रानी आती हुयी दिख गयी। रानी मेरी और आती हुयी जबरदस्त सेक्सी लग रही थी। मै उसे देखकर पागल हो उठा। मेने उसे अपने करीब आते हि बस अपनी ओर खिंचा और उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ जोड़ दिये। उसके होठों को बेतहाशा चूमने लगा। पहले तो वो एकदम स्तब्ध रह गयी पर धीरे धीरे वो भी साथ देने लगी। मै समझ गया आग दोनो तरफ भड़की हुयी है। मेने किस करते हुए हि रानी को गोद मे उठा लिया और जिस रूम मे मासी माँ ने हमे नए कपड़े दिये थे उसमे ले गया। ये रूम स्टेज के पीछे हि था तो किसी को दिखा भी नही। अंदर आकर मेने रानी को बेड पर लिटा दिया और मुड़कर दरवाजा लॉक कर लिया। रानी मुझे दरवाजा लॉक करते देख कर बोली: प्रतीक मै शादीशुदा हु। क्या हमारा प्यार करना सही है?
मै: क्या आप मुझसे प्यार करना चाहती हो?
रानी ने हाँ मे सिर हिलाया तो मेने कहा: फिर सब सही है। ये कहकर मेने अपना कुरता और पज़ामा उतर दिया। अब मै केवल चड्डी मे रानी के सामने था। चड्डी मे मेरे लंड का तब्बू बना हुआ था। मै रानी के पास गया और उसे बैठा करके किस करने लगा। साथ मे मै उसके बोबो से खेलने लगा और वो मेरे लंड को चड्डी पर से सहलाने लगी। फिर वो किस तोड़कर बोली: प्रतीक अभी ज्यादा समय नही है नही तो कोई ना कोई हमे ढूंढ़ता हुआ आ जायेगा। मेने रानी को अपने लंड की और झुकाया वो इशारा समझ गयी।मेरी आँखों मे देखते हुए उसमे मेरी चड्डी निचे की और मेरा लंड चूसने लगी। मै जन्नत मे था। रानी मेरी सपनो की परियों से भी ज्यादा सुंदर थी। मै सपने मे भी इतनी सुंदर स्त्री से सम्भोग का सोच नही सकता था पर आज किस्मत से मै ये कर रहा था। मै आहे भरने लगा। टाइम की कमी के कारण मेने अब रानी को बेड पर लिटाया और उसके घाघरे मे घुस गया। चड्डी उतारी और उसकी चूत पर जीभ लगा दी। वाह ये अमृत मै पहले स्वाद से हि तृप्त हो गया। मै मदहोश होने लगा और जोर जोर से रानी की चूत चाटने और चूसने लगा। रानी ने 2 मिनट मे हि पानी छोड़ दिया। मै पूरा पानी पी गया। अब रानी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया। मै रानी के ऊपर आया तो रानी ने ब्लाउज खोलकर साइड मे रख दिया था। उसके नंगे गोरे मोटे बोबे आज़ाद मेरी आँखों के सामने थे। मै उनपर टूट पड़ा। एक बोबे को मुह मे लेके चूसता दूसरे को हाथों से बुरी तरह मसलता। रानी आहे भरने लगी। रानी आहे भरती हुयी बोली: प्रतीक धीरे प्लीज अभी रहने दो। अगर लाल हो गये तो सब को दिखेंगे। रात मे ढंग से निचोड़ लेना इनको अभी तो अब अपना ये लंड घुसा दो मेरी मुनिया मे। बहुत तड़प रही है। मिता दो इसकी तड़प बुझा दो मेरी प्यास अपना पानी मेरी चूत को पिलाकर। मै भी तैयार था। झट से लंड चूत पर सेट किया और पहला धक्का दे मारा। आधा लंड चूत को चिरता हुआ अंदर चला गया। रानी की बुरी तरह चीख निकल गयी। कुछ तो रूम साउंडप्रूफ था और dj का साउंड जिससे रानी की चीख दब गयी। वरना पूरे हॉल मे गूंज जाति रानी की चीख। रानी के आंसु आ गये। पर वो मुझ पर चिल्लायी नही बस बोली प्रतीक थोड़ा धीरे तुम्हारा बड़ा और मोटा है। मेरी चूत को उसके लिए जगह तो बनाने दो। एक बार जगह बन जाए फिर चाहे जैसे कर लेना।
मै रानी की बात समझ गया। मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ और मै माफ़ी मांगते हुए रानी की आँखों को चूमने लगा। 5 मिनट तक मै ऐसे हि रानी को चुमकर उसका दर्द कम करता रहा। अब रानी का दर्द कम हुआ उसने अपनी कमर हिलाकर मुझे इशारा दिया। मै अब धीरे धीरे आधे लंड से हि रानी को चोदने लगा। थोड़ी देर मे रानी भी चुदाई मे पूरा साथ देने लगी। मेने अपनी स्पीड थोड़ी बड़ाई। रानी की आहे बढ़ने लगी। मै कभी लंड पूरा रानी की चूत से बाहर निकालता कभी वापिस आधा लंड अंदर डाल देता। ऐसे हि 10-15 मिनट चोदते चोदते रानी फिर से झड़ने लगी। ये सही समय था मेने रानी के पाँव ऊँचे उठाये और उसके कंधे पकड़ पर 2-4 शॉट दमदार लगाए और पूरा लंड रानी की चूत मे घुसा दिया। रानी को दर्द बहुत कम हुआ क्युकी उसकी चूत अपने कमरस से भीगकर चिकनी हो चुकी थी। अब रानी और मै टूटकर चुदाई मे खो चुके थे। अब मेने अपनी स्पीड बड़ा दी। मै भयंकर स्पीड मे रानी को चोदने लगा। रानी भी बेतहाशा आहे भरते हुए मुझसे अपनी चूत चुदवाने लगी। अब मै अपने चरम पर पहुंचने लगा तो मेरी स्पीड और बढ़ने लगी साथ मे रानी की आहे भी चीखों मे बदलने लगी। और कुछ धक्कों मे हि हम दोनो अपने चरम पर पहुंच गये और झड़ने लगे। मै अपने वीर्य रानी की चूत की गहराई मे उडेलने लगा। रानी भी पूरी शिद्दत से मेरे वीर्य को अपनी चूत मे लेने लगी। पूरा झड़ने के बाद हम ऐसे हि एक दूसरे से लिपटकर लेट गये।
मै: रानी मै आपसे बहुत प्यार करता हु। आपसे हि शादी करना चाहता हु।
रानी: पर मै पहले से शादी शुदा हु।
मै: तो आप तलाक ले लो। फिर मुझसे शादी कर लो।
रानी: (मेरी ओर देखकर) क्या तुम तलाकशुदा औरत से शादी कर लोगे और क्या तुम्हारी माँ तैयार हो जाएगी?
मै: वो सब मै देख लूंगा आप बताइये क्या आप तैयार है?
रानी मुझसे लिपटती हुयी बोली: मै तो कबसे ऐसा शख्स ढूढ रही थी जो मुझे अपना ले। तुम चिंता मत करो मै जल्द हि तलाक ले लूंगी। पर तुम अपनी बात से मुकरोगे तो नही।
मै: आप चाहो तो अभी के अभी मै बाहर चलके सबके सामने एलान कर दु की मै आपसे शादी करना चाहता हु। फिर तो आपको यकीन हो जायेगा ना।
रानी मुझे चूमते हुए: नही ऐसा कुछ करने की जरूरत नही है। मुझे पूरा यकीन है तुम पर। अभी तो जल्दी से कपड़े पहन कर बाहर चलो। इससे पहले की कोई आ जाये।
 

kamdev99008

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हम दोनो बाहर हॉल मे बैठे सजावट देख रहे थे।
मै: क्या लगता है समीर मासी माँ तैयार हो जाएगी?
समीर: भाई हम मिलकर अच्छे से कोशिश करेंगे तो वो जरूर तैयार हो जाएगी। तूने देखा ना कितना प्यार करती है हमसे।
मै: भाई जिंदगी बन जाएगी मासी माँ मिल गयी तो। यार सच मे मेने तो कभी उन्हे इस नज़र से देखा हि नही था। अप्सरा है यार वो तो कसम से। क्या मोटे बोबे है यार। मजा आ जायेगा मासी माँ का दूध पिने मे तो।
समीर: यार मेरे शरीर मे तो तेरी बात सुनके हि करंट दौड़ गया। जब मामी के बोबे सच मे चूसने को मिलेंगे तो क्या होगा। और क्या पतली बलखाती कमर और उनकी गहरी नाभि मे तो लगता है पूरा संसार समा जाये। मै तो उनकी नाभि मे आइसक्रीम डालके चाटूँगा। आआआहह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
मै: यार लगता है फिर से वाशरूम जाना पड़ेगा।
हम दोनो फिर से वाशरूम गये और मासी माँ के नाम से मुठ मारी। हम बाहर आये और समीर को उसके पापा अपने साथ काम के लिए ले गये। मै अकेला रह गया। ऐसे हि इधर उधर टहलते हुए हो रही तैयारियों का मुआयना करने लगा। मुआयना करते करते मै जैसे हि हॉल से बाहर आया तो सामने टैक्सी से एक अप्सरा निकलती हुयी दिखी। गुलाबी लहंगा नीला ब्लाउज और उसपर नेट वाला गुलाबी दुपट्टा। लहंगा नाभि से नीचे बंधा था। हलका गदराया पेट और बिच मे गहरी नाभि जिसमे एक सोने की लटकन लटकी हुयी थी। पैरों मे पायल। हांथो मे मेहंदी लगी हुयी और लाल हरी चूड़ियाँ। ब्लाउज छोटा सा स्लीवलेस जो बूब्स को थोड़ा सा हि ढक पा रहा था। बूब्स ब्लाउज मे ऊपर से भी बाहर झाँक रहे थे और निचे से भी। इतना सेक्सी यम्मी क्लीवेज की मुर्दा भी उठकर दूध मांग ले। गले मे एक सोने का हार और मंगलसूत्र जिसका लॉकेट बूब्स की घाटी मे फ़स रहा था। कानो मे लम्बे लटकन वाले झुमके होंठों पर गहरी गुलाबी लिपस्टिक नाक मे नथनी। आँखों मे लगा सुरमा उनकी गहराई को और गहरा कर रहा था। इन नज़रों से मेरी नज़र मिली और मै उन्ही मे खोकर रह गया। ध्यान टूटा जब मेरे पाँवों के बिच एक चोट पड़ी।मेरा ध्यान टूटा होश आया सामने चेहरा बदल चुका था। अब चेहरा अप्सरा नही शैतान की अम्मा का था और वो भी इतने करीब की उसके गुस्से की तपन मुझे अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। उसने घुटने से मेरे पाँवों के बिच ऐसी चोट मारी की मै वही जमीन पर बैठ गया। मेरी चीख निकल गयी। मेरी चीख सुनकर उस शैतान की अम्मा ने मुझे कहा: बोला था ना मेरी बहन पर बुरी नज़र डाली तो जिंदगी नरक बना दूंगी। अभी तो धीरे मारी है। अगर वापिस उसकी और देखता हुआ मिला तो ऐसी चोट करूंगी की फिर कुछ करने काबिल नही रहेगा।
ये कहकर वो जाने लगी। मेरा प्रिया के लिए गुस्से का गुब्बार फुट पड़ा। मेने खड़े होकर उसका हाथ पीछे से पकड़ा और उसे अपनी और खींच लिया। अब प्रिया मेरी बाहों मे थी। मेने कसकर उसे पकड़ लिया और बोला: आया हु तब से देख रहा हु ना मेने तुम्हारे साथ कुछ गलत किया ना बोला। फिर भी तुम मुझे परेशान पर परेशान किये जा रही हो। तुम्हे जिंदगी नरक बनाने का बड़ा शौक है ना। अब मै तुम्हे बताऊंगा जिंदगी नरक कैसे बनती है। अब मै तुमसे शादी करूंगा और तुम्हे दिखाऊंगा नरक जिंदगी।
मेरी बहों से छूटने के लिए चटपटाते हुए प्रिया बोली: तुमसे शादी मेरी जुत्ती भी ना करे। तुम्हे तो मै अभी नरक दिखाउंगी। ये कहकर प्रिया अपना हरसंभव प्रयास मुझसे छूटने का करने लगी। पर मेरी जिम बॉडी के आगे वो नाकाम रही। आखिर मेने उसे छोड़ दिया। छूटते हि वो फिर से मेरी और आयी पर मै सतर्क था उसे पकड़ लिया। वो समझ गयी बाहुबल मे उसका जितना संभव नही है। उसने दूसरा तरीका उपयोग करने का सोचा और वो मेरी और आग भरी नज़रो से देखती हुयी अंदर चली गयी। मै थोड़ी देर वही बैठा और फिर उठकर अंदर आया। हॉल मे आगे एक कुर्सी पर जाकर बैठ गया। पता हि नही चला कब नींद लग गयी। नींद खुली जब dj पर तेज़ गाना बजा। मेने एकदम हड़बड़ाहट मे आँखे खोली। सामने मेरी अप्सरा रानी गणेश वंदना पर डांस कर रही थी। क्या जबरदस्त डांस था। हर एक स्टेप पूरी तरह परफेक्ट। मै तो उसके डांस मे खो गया। डांस पूरा हुआ तो पूरा हॉल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। रानी स्टेज से उतरी और मेरी और आने लगी। मेरी धड़कने रॉकेट की स्पीड से चलने लगी। मेरा दिल सीने से बाहर आने को हुआ। मै कभी दिल को संभालता कभी अपने कपड़े ठीक करता कभी अपनी सूरत कभी बाल। रानी मुझे ऐसे देखकर मंद मंद मुस्कुराते हुए मेरी ओर आयी और मेरे बगल की सीट पर बैठ गयी। मै अपनी धड़कनो की रफ़्तार को थामने की नाकाम कोशिश करने लगा। पर आज लग रहा था अभी मेरा दिल सीना फाड़कर बाहर आने वाला है।
रानी: हेलो
मै: हेहे.......लोलो.........
सोर्री...... मै...... वो..... बस.........
रानी ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर मेरे दिल पर रख दिया। सब कुछ एक पल मे शांत। अब एक दम सन्नाटा छा गया। दिल अब एक रोमांटिक गाने पर डांस करने लगा। रानी ने अपना हाथ हटा लिया।
मेने एकदम उसकी और देखते हुए कहा: रानी I Love You very much I Can't live without you.
ये सुनते हि रानी हसते हुए बोली: मै शादीशुदा हु प्रतीक।
मै: पर मै फिर भी आपसे प्यार करता हु।
रानी: मुझे 5 मिनट बाद स्टेज के पीछे मिलो। ये कहकर वो उठकर बाकी लेडीज की और चली गयी।
मै सोच रहा था पता नही आज कहा से मुझमे ये हिम्मत आ गयी की मेने रानी को प्रोपोज़ कर दिया वो भी डायरेक्ट। पर अब चलो जो भी हुआ अच्छा हुआ। देख्ते है स्टेज के पीछे क्या होता है। तभी समीर आके मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गया।
समीर: भाई मामी का डांस निकल गया क्या?
मै: (एकदम अपने ख्यालों से बाहर आते हुए) नही यार अभी तो बस ये पहला हि डांस है गणेश वंदना के बाद।
मै अब सोचने लगा की समीर को क्या कहके जाऊंगा। अगर ये साथ चलने की बोलने लगा तो क्या करूंगा। कुछ दिमाग़ मे नही आ रहा था। अगला परफॉरमेंस प्रिया का था। प्रिया के परफॉरमेंस मे मेरी कोई रुचि नही थी। मेरा टाइम हो रहा था जाने का। मै सोच रहा था कि समीर को क्या बोलकर जाऊ। मेने समीर की और देखा तो पाया की वो तो प्रिया के डांस मे खोया हुआ था। मै होले से उठा और स्टेज के पीछे की और आ गया। वहा अभी कोई नही था। थोड़ी देर इंतजार के बाद मुझे रानी आती हुयी दिख गयी। रानी मेरी और आती हुयी जबरदस्त सेक्सी लग रही थी। मै उसे देखकर पागल हो उठा। मेने उसे अपने करीब आते हि बस अपनी ओर खिंचा और उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ जोड़ दिये। उसके होठों को बेतहाशा चूमने लगा। पहले तो वो एकदम स्तब्ध रह गयी पर धीरे धीरे वो भी साथ देने लगी। मै समझ गया आग दोनो तरफ भड़की हुयी है। मेने किस करते हुए हि रानी को गोद मे उठा लिया और जिस रूम मे मासी माँ ने हमे नए कपड़े दिये थे उसमे ले गया। ये रूम स्टेज के पीछे हि था तो किसी को दिखा भी नही। अंदर आकर मेने रानी को बेड पर लिटा दिया और मुड़कर दरवाजा लॉक कर लिया। रानी मुझे दरवाजा लॉक करते देख कर बोली: प्रतीक मै शादीशुदा हु। क्या हमारा प्यार करना सही है?
मै: क्या आप मुझसे प्यार करना चाहती हो?
रानी ने हाँ मे सिर हिलाया तो मेने कहा: फिर सब सही है। ये कहकर मेने अपना कुरता और पज़ामा उतर दिया। अब मै केवल चड्डी मे रानी के सामने था। चड्डी मे मेरे लंड का तब्बू बना हुआ था। मै रानी के पास गया और उसे बैठा करके किस करने लगा। साथ मे मै उसके बोबो से खेलने लगा और वो मेरे लंड को चड्डी पर से सहलाने लगी। फिर वो किस तोड़कर बोली: प्रतीक अभी ज्यादा समय नही है नही तो कोई ना कोई हमे ढूंढ़ता हुआ आ जायेगा। मेने रानी को अपने लंड की और झुकाया वो इशारा समझ गयी।मेरी आँखों मे देखते हुए उसमे मेरी चड्डी निचे की और मेरा लंड चूसने लगी। मै जन्नत मे था। रानी मेरी सपनो की परियों से भी ज्यादा सुंदर थी। मै सपने मे भी इतनी सुंदर स्त्री से सम्भोग का सोच नही सकता था पर आज किस्मत से मै ये कर रहा था। मै आहे भरने लगा। टाइम की कमी के कारण मेने अब रानी को बेड पर लिटाया और उसके घाघरे मे घुस गया। चड्डी उतारी और उसकी चूत पर जीभ लगा दी। वाह ये अमृत मै पहले स्वाद से हि तृप्त हो गया। मै मदहोश होने लगा और जोर जोर से रानी की चूत चाटने और चूसने लगा। रानी ने 2 मिनट मे हि पानी छोड़ दिया। मै पूरा पानी पी गया। अब रानी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया। मै रानी के ऊपर आया तो रानी ने ब्लाउज खोलकर साइड मे रख दिया था। उसके नंगे गोरे मोटे बोबे आज़ाद मेरी आँखों के सामने थे। मै उनपर टूट पड़ा। एक बोबे को मुह मे लेके चूसता दूसरे को हाथों से बुरी तरह मसलता। रानी आहे भरने लगी। रानी आहे भरती हुयी बोली: प्रतीक धीरे प्लीज अभी रहने दो। अगर लाल हो गये तो सब को दिखेंगे। रात मे ढंग से निचोड़ लेना इनको अभी तो अब अपना ये लंड घुसा दो मेरी मुनिया मे। बहुत तड़प रही है। मिता दो इसकी तड़प बुझा दो मेरी प्यास अपना पानी मेरी चूत को पिलाकर। मै भी तैयार था। झट से लंड चूत पर सेट किया और पहला धक्का दे मारा। आधा लंड चूत को चिरता हुआ अंदर चला गया। रानी की बुरी तरह चीख निकल गयी। कुछ तो रूम साउंडप्रूफ था और dj का साउंड जिससे रानी की चीख दब गयी। वरना पूरे हॉल मे गूंज जाति रानी की चीख। रानी के आंसु आ गये। पर वो मुझ पर चिल्लायी नही बस बोली प्रतीक थोड़ा धीरे तुम्हारा बड़ा और मोटा है। मेरी चूत को उसके लिए जगह तो बनाने दो। एक बार जगह बन जाए फिर चाहे जैसे कर लेना।
मै रानी की बात समझ गया। मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ और मै माफ़ी मांगते हुए रानी की आँखों को चूमने लगा। 5 मिनट तक मै ऐसे हि रानी को चुमकर उसका दर्द कम करता रहा। अब रानी का दर्द कम हुआ उसने अपनी कमर हिलाकर मुझे इशारा दिया। मै अब धीरे धीरे आधे लंड से हि रानी को चोदने लगा। थोड़ी देर मे रानी भी चुदाई मे पूरा साथ देने लगी। मेने अपनी स्पीड थोड़ी बड़ाई। रानी की आहे बढ़ने लगी। मै कभी लंड पूरा रानी की चूत से बाहर निकालता कभी वापिस आधा लंड अंदर डाल देता। ऐसे हि 10-15 मिनट चोदते चोदते रानी फिर से झड़ने लगी। ये सही समय था मेने रानी के पाँव ऊँचे उठाये और उसके कंधे पकड़ पर 2-4 शॉट दमदार लगाए और पूरा लंड रानी की चूत मे घुसा दिया। रानी को दर्द बहुत कम हुआ क्युकी उसकी चूत अपने कमरस से भीगकर चिकनी हो चुकी थी। अब रानी और मै टूटकर चुदाई मे खो चुके थे। अब मेने अपनी स्पीड बड़ा दी। मै भयंकर स्पीड मे रानी को चोदने लगा। रानी भी बेतहाशा आहे भरते हुए मुझसे अपनी चूत चुदवाने लगी। अब मै अपने चरम पर पहुंचने लगा तो मेरी स्पीड और बढ़ने लगी साथ मे रानी की आहे भी चीखों मे बदलने लगी। और कुछ धक्कों मे हि हम दोनो अपने चरम पर पहुंच गये और झड़ने लगे। मै अपने वीर्य रानी की चूत की गहराई मे उडेलने लगा। रानी भी पूरी शिद्दत से मेरे वीर्य को अपनी चूत मे लेने लगी। पूरा झड़ने के बाद हम ऐसे हि एक दूसरे से लिपटकर लेट गये।
मै: रानी मै आपसे बहुत प्यार करता हु। आपसे हि शादी करना चाहता हु।
रानी: पर मै पहले से शादी शुदा हु।
मै: तो आप तलाक ले लो। फिर मुझसे शादी कर लो।
रानी: (मेरी ओर देखकर) क्या तुम तलाकशुदा औरत से शादी कर लोगे और क्या तुम्हारी माँ तैयार हो जाएगी?
मै: वो सब मै देख लूंगा आप बताइये क्या आप तैयार है?
रानी मुझसे लिपटती हुयी बोली: मै तो कबसे ऐसा शख्स ढूढ रही थी जो मुझे अपना ले। तुम चिंता मत करो मै जल्द हि तलाक ले लूंगी। पर तुम अपनी बात से मुकरोगे तो नही।
मै: आप चाहो तो अभी के अभी मै बाहर चलके सबके सामने एलान कर दु की मै आपसे शादी करना चाहता हु। फिर तो आपको यकीन हो जायेगा ना।
रानी मुझे चूमते हुए: नही ऐसा कुछ करने की जरूरत नही है। मुझे पूरा यकीन है तुम पर। अभी तो जल्दी से कपड़े पहन कर बाहर चलो। इससे पहले की कोई आ जाये।
ये तो नया ही ट्विस्ट आ गया
प्रतीक तो तलाकशुदा रानी से भी शादी को तैयार है
और रानी भी तलाक लेकर प्रतीक से शादी करने को
लेकिन प्रतीक ने तो प्रिया से भी शादी करके उसकी जिंदगी नर्क बनाने का चेलैंज किया है


देखते हैं आगे क्या होता है
 
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Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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रानी कपड़े मैकअप सही करके तैयार हो गयी। मेने भी कपड़े पहन लिए पर वही लेटा रहा।
रानी: क्या हुआ चलो
मै: आप जाओ मै थोड़ी देर आराम करके आता हु। आप जाते हुए लाइट बंद कर जाना।
रानी ओके कहकर वहा से लाइट बंद करके और गेट लगाकर चली गयी। मै सोचने लगा क्या जबरदस्त किस्मत है कहाँ तो मै किसी लड़की से बात भी नही कर पा रहा था और एक लड़की जिससे प्यार का इजहार करना चाहता था वो मेरे साथ केसा व्यवहार कर रही थी। और अब देखो स्वर्ग की अप्सरा खुद थोड़ी देर पहले मेरी बाहों मे थी। हमने पूर्ण प्रेम का साथ मे आनंद लिया और वो मेरी जीवन संगिनी बनने को भी तैयार है। मै रानी को पाकर बेहद खुश हो गया। बस अब माँ को रानी के लिए तैयार करना होगा। मै यही सोच रहा था कि तभी रूम का गेट खुला और एक लड़की रूम मे दाखिल हुयी। वो फोन पर किसी से बात कर रही थी। अंदर आते ही वो सोफे पर आराम से बैठी और फोन स्पीकर पर डालकर बात करने लगी। दूसरी तरफ भी एक लड़की हि थी। इसकी आवाज़ से मुझे पता चल गया की ये प्रिया है पर सामने वाली लड़की की आवाज़ अभी तक समझ नही आयी की कौन है।
प्रिया: तु बिल्कुल चिंता मत कर मै यही उसे ऐसा सबक सिखा दूंगी कि कॉलेज जाने तक इंतजार करने की जरूरत हि नही पड़ेगी।
दूसरी लड़की: थँक्स प्रिया तु मेरा साथ दे रही है। नही तो मै तो किसी को बता भी नही पाती की उसने मेरे साथ क्या किया।
प्रिया: तु चिंता मत कर मै उसे यहां तो सबक सिखा हि दूंगी पर वहा आकर तो देखना उसे ऐसा सबक सिखाउंगी की वो किसी लड़की से जबरदस्ती करना तो छोड़ अपनी बीवी को भी टच नही कर पायेगा। पर वो बनता कितना भोला है लगता नही है की अंदर इतना हवसी जानवर बैठा है।
दूसरी लड़की: तु उसके चेहरे पर मत जा। वो तो मेरी उस दिन किस्मत अच्छी थी की मैडम उस तरफ आ गयी नही तो वो मेरे साथ जबरदस्ती क्या क्या करता।
प्रिया: तु चिंता मत कर अब मै प्रतीक के भोले चेहरे के पीछे की सच्चाई जानती हु। मै उसे सबक सिखाके रहूंगी।
मै प्रिया के मुह से अपना नाम सुनते हि चौंक गया। कुछ समझ नही आया इसीलिए मेने पूरी बात सुनने का निर्णय लिया।
दूसरी लड़की: प्रिया जब उस दिन उसने बताया की वो तुझसे प्यार करता है और तुझे प्रपोज करना चाहता है तो मेने तुझे ये सब बताया जिससे तु उस गलत लड़के के चंगुल मे ना फस जाये। वरना मै तुझे भी ये सब कभी ना बताती।
प्रिया: थँक्स अनु तूने मुझे इस हरामी की सच्चाई बता दी वरना इसका भोला चेहरा देख कर तो शायद एक बार को मै इसे हां कर भी देती। थैंक्स तूने मुझे बचा लिया।
अनु: हां प्रिया उसे तुझसे कोई प्यार नही है बस तेरा जिस्म चाहिए। जैसे कुछ समय पहले तक वो मेरे पीछे पड़ा था जबकी उसे पता है की मै उसके बेस्ट फ्रेंड नमन की gf हु। फिर भी जब भी मुझसे अकेले मे मिलता तो मुझसे गंदे मजाक करता टच करने की कोशिश करता। पर जब मेरी और से कोई रिस्पांस नही मिला तो उसने कॉलेज के लक्चर हॉल मे मुझे नमन का नाम लेकर धोखे से बुलाया और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। वो तो एक मैडम उधर से गुज़री और मेरी आवाज़ सुन ली। मैडम के गेट बज़ाने पर प्रतीक विंडो से भाग गया और मै बच गयी।
ये कहते कहते अनु रोने लगी। मै उसकी बात सुनकर सदमे मे था। वो इतना सच्चाई के साथ ये सब झूटी बाते बोल रही थी कि एक बार को तो मुझे भी विश्वास हो जाये। मै अब समझ गया कि प्रिया मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यू कर रही है। पर अब मुझे अनु के ये सब करने का कारण समझ नही आ रहा था।
इधर प्रिया अनु को चुप करते हुए विश्वास दिलाने लगी की वो प्रतीक से इसका हिसाब लेकर रहेगी। ऐसे हि सांत्वना देकर प्रिया ने कॉल कट कर दी। अब प्रिया उठी और रूम की लाइट ऑन करके शीशे मे अपने मैकअप की ठीक करने लगी। तभी उसे शीशे मे मै बेड मे लेटा हुआ दिख गया। वो एकदम पलटी और मुझ पर भड़कती हुयी बोली: तुम यहा कब आये। अब क्या मेरे साथ जबरदस्ती करोगे।
प्रिया ने पास रखा स्टील का स्टेचू उठा लिया और बोली: मै अनु जैसी कमजोर नही की तुम कुछ भी कर लो। तुम्हारी जान ले लूंगी अगर मुझे हाथ भी लगाया तो। सब को चिल्ला चिल्लाकर बताउंगी तुम जैसे दरिंदे के बारे में
मै उसकी बाते सुनकर दंग रह गया।
मै: प्रिया तुम मुझे गलत समझ रही हो। मै तुम्हारे आने से पहले से रूम मे हु। मै यहां आराम कर रहा था। मै यहां तुम्हारे पीछे नही आया हु। दूसरी बात अनु ने तुम्हे सब झूठ बताया है मेने उसके या किसी भी लड़की के साथ कुछ नही किया है।
प्रिया: ओहो मुझे तो तुम पर विस्वास हो गया। तुम तो बिल्कुल सीधे साधे लड़के हो। वो लड़की हि खराब है जो बिना मतलब अपनी इज्जत खुद हि खराब कर रही है। पागल समझा है क्या तुमने मुझे की तुम अच्छे बनने की एक्टिंग करोगे और मै तुम्हारे झांसे मे आ जाउंगी। मै पागल नही हु।
मै: ठीक है तुम्हे मुझ विश्वास नही है ना तो रुको एक मिनट।
ये कहकर मेने नमन को कॉल लगाया। फोन स्पीकर पर कर दिया। नमन ने कॉल उठाया।
मै: हेल्लो नमन कहा है?
नमन: भाई लेक्चर से निकला हु, बता क्या हुआ?
मै: अनु तेरे साथ है क्या?
नमन: नही यार कैंटीन मे है उसी के पास जा रहा हु। तुझे उससे कुछ काम है क्या?
मै: नही पर यार ये अनु को मुझसे क्या प्रॉब्लम है?
नमन: क्यू क्या हुआ उसने क्या किया है ऐसा?
मै: उसने प्रिया को झूटी कहानी सुनाई है की मेने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की।
नमन: यार ऐसा नही हो सकता। इस बारे मे मुझे कुछ पता नही है। हां वो तुझसे नाराज़ ज़रूर है, उस दिन लेक्चर हॉल मे तूने उसे सुनाया था ना तब से। भाई तूने भी यार उस दिन प्रिया के चक्कर मे उसकी मुह पर बेइज़्ज़ती कर दी। उसे अभी तक वो बात बर्दाश्त नही हो रही। हो सकता है इस चक्कर मे उसने ऐसा किया हो।
मै: तो भाई उसके मुह से बुलवा की ये सब झूठ है प्लीज भाई यहां लोग मुझे हवसी जानवर समझके बैठे है।
नमन: कौन समझ रहा है भाई। कही प्रिया तो नही पहुंच गयी उस शादी मे।
मै: हां भाई वही समझके बैठी है। तु भाई कर ना कुछ।
नमन: सच भाई फिर तो तेरी लव स्टोरी शुरु होने से पहले हि ख़त्म हो गयी। ये कहकर नमन हसने लगा।
मै: यार नमन हस मत कुछ कर भाई। उससे सच पता कर भाई।
नमन: भाई वो मुझे तो नही बताएगी क्युकी तु मेरा बेस्ट फ्रेंड है पर.........। चल ठीक है मै 15 मिनट मे तुझे बेगुनाही का सबूत देता हु।
ये कहकर उसने कॉल कट कर दिया। मै प्रिया को देखकर बोला: अब 15 मिनट तो वेट कर सकती हो या उससे पहले हि मारना है मुझे। रख दो हथियार अब तो।
प्रिया: देखते हैं।
हम दोनो वही वेट करने लगे। 15 मिनट बाद मेरे पास नमन का कॉल आया। मेने फोन स्पीकर पर डाला।
नमन: कुछ बोलना मत बस बाते सुनना।
मै:ओके भाई।
थोड़ी देर बाद हमे स्पीकर पर दो लड़कियों की बाते सुनाई देने लगी। एक अनु और दूसरी उसकी बेस्ट फ्रेंड मेघा
मेघा: कैसा चल रहा है तेरा प्लान अनु
अनु: मै कोइ प्लान बनाऊ और वो सक्सेस ना हो ऐसा हो सकता है क्या
ये कहकर दोनो हसने लगी।
मेघा: सही है तेरे दिमाग का जवाब नही एक तीर से दो शिकार कर लिए और वो भी इस तरह की। तुझे तो कुछ करना हि नही पड़ा सब कुछ तो वो ओवरस्मार्ट प्रिया हि कर रही है।
अनु: हां बहुत ऐटिटूड दिखाती थी ना अब ऐसा उल्लू बनाया है की याद रखेगी और वो एक वो प्रतीक उसकी एक अलग हि बात है। मै उसके पीछे पागल होकर घूम रही हु। कितने हिंट देती हु पर देखता हि नही और मेरी इंसल्ट की उसने वो भी उस प्रिया के लिए। मुझसे कहता है "मुझे कोई मतलब नही तुमसे। मै देखता भी नही तुमको।" ऐसा क्या खास है उसमे जो मुझमे नही है। अब ऐसा जाल बिछाया है की प्रतीक को उसका प्यार हि मार डालेगा।
मेघा: सही है चल मेरा लेक्चर है मै चलती हु। बाय
अनु: बाय
इसी के साथ कॉल कट हो गया। अब मेने प्रिया को देखा और बोला: अब मिल गया सबूत। अब तुम जा सकती हो।
प्रिया मेरे करीब आयी और कान पकड़ कर बोली: गलती हो गयी अब माफ़ भी कर दो। अनु ने मुझे झूठ बोलकर ये सब करवाया। प्लीज प्रतीक
मै: ओके मेने तुम्हे माफ़ किया पर सब लड़के एक से नही होते।
ये कहते हुए मै खड़ा होकर बाहर जाने लगा तो प्रिया ने मुझे पीछे से अपनी बाहों मे ले लिया और बोली: "I Love You too प्रतीक"
पीछे पीठ मे प्रिया के नुकिले बोबे मुझे चुभ रहे थे। जिस लड़की को मै प्रपोज करना चाहता था वो आगे से मेरे करीब आ रही थी। पर अब मै तो अपनी अप्सरा को शादी का वादा कर चुका था तो मेने प्रिया को सब बताकर मना करने का मन बनाया। मै प्रिया का हाथ पकड़कर उसे अपने सामने लाया। इस समय प्रिया की आँखों मे शर्म थी और वो प्रेम के रस मे सराबोर होकर मुझे देख रही थी। जैसे हि मेरी नज़र उसकी नज़रों से मिली मै उनमे खो गया। अगर रानी अप्सरा है तो प्रिया भी किसी परी से कम नही है। एकदम नशीला गदराया माल है। ऊपर से इसका ऐटिटूड इसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा देता है। मै ना कहना चाहता था पर उसके रूप मे उलझ गया और बहने लगा। हमारे लब करीब होते होते एक दूसरे से जुड़ गये। एक दूसरे के लबों का रस पीते हुए हम बिस्तर मे आ गये। अब प्रिया बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुयी थी और मै उसके ऊपर था। प्रिया ने अपनी जीभ मेरे मुह मे डाल दी। मै पागलों की तरह उसकी जीभ चूसने लगा। फिर मेने अपनी जीभ प्रिया के मुह मे डाल दी। अब प्रिया प्यार से मेरी जीभ चूसने लगी। प्रिया के प्रेम और काम की नदी मे मै एक टूटे पत्ते की तरह बहने लगा। मै सब कुछ भूलने लगा। मेरे अंदर से सब निकलने लगा और भरने लगा तो प्रिया के लिए प्रेम और उसकी पूर्णता के लिए काम। मेने अपने हाथ प्रिया के बूब्स पर रखे तो प्रिया ने मेरे हाथों को अपने हाथों मे ले लिया। अब प्रिया ने किस तोड़ा और मुझे बेड पर लिटा दिया। प्रिया मेरे सीने पर सिर रखकर लेट गयी और बोली: सॉरी प्रतीक मेने बिना बात की सच्चाई जाने तुम्हारे साथ ऐसा बर्ताव किया। पर मै इस समय पहले से धोखा खाकर गुस्से मे थी ऊपर से ये बात पता चली तो मेरा सारा गुस्सा तुम पर आ गया। प्लीज मुझे माफ़ कर दो आगे से ऐसा कभी नही होगा।
मै: प्रिया मेने तुम्हे कब का माफ़ कर दिया। पर लगता है तुम्हे मुझ पर अभी भी पूरा विश्वास नही है इसीलिए तुमने मेरे हाथों को रोक लिया।
प्रिया की करीबी से मेरे अंदर काम की आग भड़क उठी थी। मेने फिर अपने हाथ प्रिया के बूब्स पर रखने चाहे तो प्रिया ने फिरसे मुझे रोक दिया और बोली: अगर तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो तो फिर इतनी जल्दी क्या है। ये सब तुम्हारा हि है। एक बार तुमने मुझसे शादी करके पत्नी बनाया फिर तो ये सब बिना किसी रोक टोक तुम्हारा है।
मै प्रिया को अपने से चिपकाकर आँखे बंद करके बस इस पल का आनंद लेने लगा। तभी रूम का दरवाजा खुला और एक औरत रूम मे अंदर आयी। अंदर आकर सीधा बाथरूम की और जाने लगी। तभी उनकी नज़र हम पर पड़ी तो एकदम चिल्लाकर बोली: प्रिया तुझे बिल्कुल भी शर्म नही है। क्या है ये?
ये प्रिया की माँ थी। वो हमारे पास आयी और हम संभल कर उठ पाए उससे पहले हि उन्होंने प्रिया को खींचकर बेड से उठाया और एक जोरदार थप्पड़ रख दिया। प्रिया रोते हुए अपनी माँ से माफ़ी माँगने लगी और बताने लगी की मम्मी हम ऐसा कुछ भी नही कर रहे थे। हम एक दूसरे से प्यार करते है। कुछ गलत नही कर रहे थे। मै भी बेड से उतरकर खड़ा हो गया। प्रिया की मम्मी को प्रिया की बात सुनकर और ज्यादा गुस्सा आया। उन्होंने प्रिया को थप्पड़ मारने के लिए फिर से हाथ उठाया तो मै निचे बैठते हुए प्रिया की मम्मी के पैर पकड़कर बोला: आंटी सच मै ऐसा कुछ नही हो रहा था जैसा आप सोच रही है। प्रिया की कोई गलती नही है। आपको गुस्सा करना है तो मुझ पर कीजिये।
प्रिया की मम्मी बोली: अभी तुम्हारी माँ को बुलाकर सब बताती हु।
इतना कहकर आंटी ने मोबाइल से कॉल किया। 2 मिनट बाद हि माँ और मासी माँ रूम मे आ गये। उनके आते हि आंटी ने सब कुछ बताया। माँ ने मेरी और गुस्से से देखा और एक थप्पड़ मारा। माँ बोली: मेने तुझे कभी किसी लड़की के साथ गलत करना नही सिखाया फिर तूने ये क्यू किया। आज तूने मेरा सिर शर्म से झुका दिया। ये कहकर माँ सोफे पर बैठ गयी और रोने लगी। मेने भागकर माँ के पाँव पकड़ लिए और रोते हुए बोला माँ मुझे माफ़ कर दो पर मेने ऐसा कुछ नही किया जिससे आपका सिर शर्म से झुके। मेने प्रिया के साथ कुछ भी गलत नही किया। आप मुझे जानती हो माँ। बस प्रिया को गलतफहमी हो गयी थी वो दूर की और फिर उसने भी मुझसे प्यार का इजहार किया।
माँ: सच मे। प्रिया क्या तुम भी प्रतीक से प्यार करती हो?
प्रिया कुछ बोली नही बस नीचे नज़रे झुकाये रखी। अब मासी माँ ने प्रिया की मम्मी को बोला: दीदी दोनो बच्चे एक दूसरे से प्यार करते है तो अब क्या समस्या है। प्रतीक की गारंटी मै लेती हु की इससे अच्छा लड़का आपको प्रिया के लिए नही मिलेगा। प्रिया हमेशा खुश रहेगी।
गीता आंटी: सुनीता तु कहती है तो मै प्रिया के पापा से बात करूंगी पर शादी तय होने तक ये साथ मे दिखने नही चाहिए।
मासी माँ: वो मेरी जिम्मेदारी है दीदी आप चिंता मत करो। आप जाओ और फंक्शन एन्जॉय करो।
फिर मासी माँ ने प्रिया को भी बाहर जाकर फंक्शन एन्जॉय करने को कहा। प्रिया भी बाहर चली गयी। अब मासी माँ बोली: दी अब आप भी टेंशन छोड़ो। बच्चे एक दूसरे से प्यार करते है कुछ थोड़ा प्यार कर ले तो क्या बुराई है।
माँ: शादी तक रुकने मे क्या बुराई है। इतनी भी क्या जल्दी है।
मासी माँ: दी उम्र का पड़ाव हि ऐसा है। खैर छोड़ो आप ये सब। आप तो जाओ और इनकी शादी फिक्स करवाओ। अपने बच्चे को मै संभाल लूंगी।
माँ भी रूम से बाहर चली गयी। मै मासी माँ के लिपट गया और बोला: मासी माँ हमने सच मे ऐसा कुछ नही किया।
मासी माँ: क्या सच मे तुमने कुछ नही किया?
मै: हाँ मासी माँ किस के अलावा कुछ नही किया।
मासी माँ मेरे सिर पर हलका सा चपत लगाते हुए बोली: मेरा प्यारा बच्चा सच मे सीधा है। इतनी सेक्सी लड़की के साथ भी कुछ नही किया। कुछ और समस्या तो नही है ना।
मै: क्या समस्या मासी माँ
मासी माँ मेरे लंड की ओर इशारा करते हुए बोली: सब कुछ सही से काम तो करता है ना।
ये कहकर मासी माँ हसने लगी। मै भी उनकी बात सुनकर शर्माने लगा।
मासी माँ: इसको कभी काम लिया है या अभी तक अकेला हि है बिचारा
मासी माँ के लिए आग मेरे भीतर पहले से जल रही थी। मासी माँ की बाते सुनकर वो भड़क उठी। मै मासी माँ से बोला: मासी माँ आप केसी बात कर रही हो। मुझे शर्म आ रही है।
मासी माँ: अरे मेरा प्यारा बच्चा मुझसे इतना शर्मा रहा है। फिर तो पक्का आज तक बिचारा किसी काम नही आया दिखता है। फिर तो कैसे पता चलेगा ये सही से काम करता है या नही।
ये कहकर मासी माँ उठी और दरवाजा अंदर से लॉक करके मेरे पास आयी। मेरे पास बेड पर बैठ गयी और बोली: अब अपने बेटे के लिए इसे तो मुझे हि देखना पड़ेगा। ये कहते हुए मासी माँ ने मुझे बेड पर लिटा दिया। मेरे पज़ामे का नाड़ा खोलने लगी। मै एकदम उनका हाथ पकड़कर उन्हे रोकने लगा तो मासी माँ बोली: तु चुपचाप लेता रह अपनी मासी माँ से भी शर्मायेगा क्या। मुझे देखने दे सब ठीक है ना वरना शादी के बाद मेरी नाक कटवाएगा। ये कहकर मासी माँ ने मेरा पाज़ामा और चड्डी दोनो निचे खिसका दिये। लंड खुले आसमान मे आते हि अपनी औकात पर आकर मासी माँ को सलामी देने लगा। मासी माँ की आँखों मे लंड देखते हि चमक आ गयी। इतना मोटा और लम्बा लंड। वो मेरी ओर देखकर बोली: देखने मे तो अच्छा है अब देखते है काम भी करता है या नही।
मासी माँ ने मेरे लंड पर अपने कोमल हाथ लगाए तो
मेरी हालत खराब हो गयी। लगा जैसे मेरी सारी जान मेरे लंड मे से होते हुए बाहर निकलने वाली है। मासी माँ ने हलके हलके मेरे लंड को ऊपर निचे करना शुरु किया। मै काम के सातवें आसमान पर था। मेरी प्यारी मासी माँ मेरे लंड को अपने कोमल हाथों मे लेकर सहला रही थी। मै आँख बंद करके आहे भरने लगा। ज्यादा देर मै मासी माँ के हाथों की मार सह नही पाया और 4-5 झटकों मे हि मेरे लंड ने पिचकारी मारना शुरु कर दिया। सारा वीर्य सीधा मासी माँ के चेहरे पर जाकर गिरा। इतना गाड़ा और इतना सारा माल की मासी माँ का पूरा चेहरा ढक गया। मासी माँ उठी और बाथरूम मे गयी। अपना चेहरा धोया हाथ साफ किया और बाहर आयी। मेरा लंड अभी भी पूरा खड़ा था। अब मेने भी आगे बढ़ने की सोची और बोला: मासी माँ क्या लगता है ये सही से काम कर रहा है या नही?
मासी माँ मेरी और देखकर बोली: माल तो सही बना रहा है पर लगता नही ज्यादा देर टिक पायेगा।
मै: तो मासी माँ वो भी चेक कर लो। देखो ना तैयार भी है।
मासी माँ मेरे लंड पर एक हलका सा थप्पड़ मारते हुए बोली: बड़ी जल्दी है इसे सारे टेस्ट करवाने की। चिंता मत कर सारे टेस्ट करूंगी और इलाज भी। पर अभी नही रात मे। अभी कोई आ गया तो बनी बनायीं बात बिगड़ जाएगी।
फिर मासी माँ ने मेरी चड्डी और पज़ामा ऊपर करके नाड़ा बाँध दिया और बोली: आज मेरा प्यारा बेटा रात मे मेरे साथ सोयेगा।
ये कहकर मासी माँ बाहर चली गयी। मै आँख बंद करके रात को मासी माँ की चुदाई के ख्वाब देखने लगा।
 

kamdev99008

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रानी कपड़े मैकअप सही करके तैयार हो गयी। मेने भी कपड़े पहन लिए पर वही लेटा रहा।
रानी: क्या हुआ चलो
मै: आप जाओ मै थोड़ी देर आराम करके आता हु। आप जाते हुए लाइट बंद कर जाना।
रानी ओके कहकर वहा से लाइट बंद करके और गेट लगाकर चली गयी। मै सोचने लगा क्या जबरदस्त किस्मत है कहाँ तो मै किसी लड़की से बात भी नही कर पा रहा था और एक लड़की जिससे प्यार का इजहार करना चाहता था वो मेरे साथ केसा व्यवहार कर रही थी। और अब देखो स्वर्ग की अप्सरा खुद थोड़ी देर पहले मेरी बाहों मे थी। हमने पूर्ण प्रेम का साथ मे आनंद लिया और वो मेरी जीवन संगिनी बनने को भी तैयार है। मै रानी को पाकर बेहद खुश हो गया। बस अब माँ को रानी के लिए तैयार करना होगा। मै यही सोच रहा था कि तभी रूम का गेट खुला और एक लड़की रूम मे दाखिल हुयी। वो फोन पर किसी से बात कर रही थी। अंदर आते ही वो सोफे पर आराम से बैठी और फोन स्पीकर पर डालकर बात करने लगी। दूसरी तरफ भी एक लड़की हि थी। इसकी आवाज़ से मुझे पता चल गया की ये प्रिया है पर सामने वाली लड़की की आवाज़ अभी तक समझ नही आयी की कौन है।
प्रिया: तु बिल्कुल चिंता मत कर मै यही उसे ऐसा सबक सिखा दूंगी कि कॉलेज जाने तक इंतजार करने की जरूरत हि नही पड़ेगी।
दूसरी लड़की: थँक्स प्रिया तु मेरा साथ दे रही है। नही तो मै तो किसी को बता भी नही पाती की उसने मेरे साथ क्या किया।
प्रिया: तु चिंता मत कर मै उसे यहां तो सबक सिखा हि दूंगी पर वहा आकर तो देखना उसे ऐसा सबक सिखाउंगी की वो किसी लड़की से जबरदस्ती करना तो छोड़ अपनी बीवी को भी टच नही कर पायेगा। पर वो बनता कितना भोला है लगता नही है की अंदर इतना हवसी जानवर बैठा है।
दूसरी लड़की: तु उसके चेहरे पर मत जा। वो तो मेरी उस दिन किस्मत अच्छी थी की मैडम उस तरफ आ गयी नही तो वो मेरे साथ जबरदस्ती क्या क्या करता।
प्रिया: तु चिंता मत कर अब मै प्रतीक के भोले चेहरे के पीछे की सच्चाई जानती हु। मै उसे सबक सिखाके रहूंगी।
मै प्रिया के मुह से अपना नाम सुनते हि चौंक गया। कुछ समझ नही आया इसीलिए मेने पूरी बात सुनने का निर्णय लिया।
दूसरी लड़की: प्रिया जब उस दिन उसने बताया की वो तुझसे प्यार करता है और तुझे प्रपोज करना चाहता है तो मेने तुझे ये सब बताया जिससे तु उस गलत लड़के के चंगुल मे ना फस जाये। वरना मै तुझे भी ये सब कभी ना बताती।
प्रिया: थँक्स अनु तूने मुझे इस हरामी की सच्चाई बता दी वरना इसका भोला चेहरा देख कर तो शायद एक बार को मै इसे हां कर भी देती। थैंक्स तूने मुझे बचा लिया।
अनु: हां प्रिया उसे तुझसे कोई प्यार नही है बस तेरा जिस्म चाहिए। जैसे कुछ समय पहले तक वो मेरे पीछे पड़ा था जबकी उसे पता है की मै उसके बेस्ट फ्रेंड नमन की gf हु। फिर भी जब भी मुझसे अकेले मे मिलता तो मुझसे गंदे मजाक करता टच करने की कोशिश करता। पर जब मेरी और से कोई रिस्पांस नही मिला तो उसने कॉलेज के लक्चर हॉल मे मुझे नमन का नाम लेकर धोखे से बुलाया और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। वो तो एक मैडम उधर से गुज़री और मेरी आवाज़ सुन ली। मैडम के गेट बज़ाने पर प्रतीक विंडो से भाग गया और मै बच गयी।
ये कहते कहते अनु रोने लगी। मै उसकी बात सुनकर सदमे मे था। वो इतना सच्चाई के साथ ये सब झूटी बाते बोल रही थी कि एक बार को तो मुझे भी विश्वास हो जाये। मै अब समझ गया कि प्रिया मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यू कर रही है। पर अब मुझे अनु के ये सब करने का कारण समझ नही आ रहा था।
इधर प्रिया अनु को चुप करते हुए विश्वास दिलाने लगी की वो प्रतीक से इसका हिसाब लेकर रहेगी। ऐसे हि सांत्वना देकर प्रिया ने कॉल कट कर दी। अब प्रिया उठी और रूम की लाइट ऑन करके शीशे मे अपने मैकअप की ठीक करने लगी। तभी उसे शीशे मे मै बेड मे लेटा हुआ दिख गया। वो एकदम पलटी और मुझ पर भड़कती हुयी बोली: तुम यहा कब आये। अब क्या मेरे साथ जबरदस्ती करोगे।
प्रिया ने पास रखा स्टील का स्टेचू उठा लिया और बोली: मै अनु जैसी कमजोर नही की तुम कुछ भी कर लो। तुम्हारी जान ले लूंगी अगर मुझे हाथ भी लगाया तो। सब को चिल्ला चिल्लाकर बताउंगी तुम जैसे दरिंदे के बारे में
मै उसकी बाते सुनकर दंग रह गया।
मै: प्रिया तुम मुझे गलत समझ रही हो। मै तुम्हारे आने से पहले से रूम मे हु। मै यहां आराम कर रहा था। मै यहां तुम्हारे पीछे नही आया हु। दूसरी बात अनु ने तुम्हे सब झूठ बताया है मेने उसके या किसी भी लड़की के साथ कुछ नही किया है।
प्रिया: ओहो मुझे तो तुम पर विस्वास हो गया। तुम तो बिल्कुल सीधे साधे लड़के हो। वो लड़की हि खराब है जो बिना मतलब अपनी इज्जत खुद हि खराब कर रही है। पागल समझा है क्या तुमने मुझे की तुम अच्छे बनने की एक्टिंग करोगे और मै तुम्हारे झांसे मे आ जाउंगी। मै पागल नही हु।
मै: ठीक है तुम्हे मुझ विश्वास नही है ना तो रुको एक मिनट।
ये कहकर मेने नमन को कॉल लगाया। फोन स्पीकर पर कर दिया। नमन ने कॉल उठाया।
मै: हेल्लो नमन कहा है?
नमन: भाई लेक्चर से निकला हु, बता क्या हुआ?
मै: अनु तेरे साथ है क्या?
नमन: नही यार कैंटीन मे है उसी के पास जा रहा हु। तुझे उससे कुछ काम है क्या?
मै: नही पर यार ये अनु को मुझसे क्या प्रॉब्लम है?
नमन: क्यू क्या हुआ उसने क्या किया है ऐसा?
मै: उसने प्रिया को झूटी कहानी सुनाई है की मेने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की।
नमन: यार ऐसा नही हो सकता। इस बारे मे मुझे कुछ पता नही है। हां वो तुझसे नाराज़ ज़रूर है, उस दिन लेक्चर हॉल मे तूने उसे सुनाया था ना तब से। भाई तूने भी यार उस दिन प्रिया के चक्कर मे उसकी मुह पर बेइज़्ज़ती कर दी। उसे अभी तक वो बात बर्दाश्त नही हो रही। हो सकता है इस चक्कर मे उसने ऐसा किया हो।
मै: तो भाई उसके मुह से बुलवा की ये सब झूठ है प्लीज भाई यहां लोग मुझे हवसी जानवर समझके बैठे है।
नमन: कौन समझ रहा है भाई। कही प्रिया तो नही पहुंच गयी उस शादी मे।
मै: हां भाई वही समझके बैठी है। तु भाई कर ना कुछ।
नमन: सच भाई फिर तो तेरी लव स्टोरी शुरु होने से पहले हि ख़त्म हो गयी। ये कहकर नमन हसने लगा।
मै: यार नमन हस मत कुछ कर भाई। उससे सच पता कर भाई।
नमन: भाई वो मुझे तो नही बताएगी क्युकी तु मेरा बेस्ट फ्रेंड है पर.........। चल ठीक है मै 15 मिनट मे तुझे बेगुनाही का सबूत देता हु।
ये कहकर उसने कॉल कट कर दिया। मै प्रिया को देखकर बोला: अब 15 मिनट तो वेट कर सकती हो या उससे पहले हि मारना है मुझे। रख दो हथियार अब तो।
प्रिया: देखते हैं।
हम दोनो वही वेट करने लगे। 15 मिनट बाद मेरे पास नमन का कॉल आया। मेने फोन स्पीकर पर डाला।
नमन: कुछ बोलना मत बस बाते सुनना।
मै:ओके भाई।
थोड़ी देर बाद हमे स्पीकर पर दो लड़कियों की बाते सुनाई देने लगी। एक अनु और दूसरी उसकी बेस्ट फ्रेंड मेघा
मेघा: कैसा चल रहा है तेरा प्लान अनु
अनु: मै कोइ प्लान बनाऊ और वो सक्सेस ना हो ऐसा हो सकता है क्या
ये कहकर दोनो हसने लगी।
मेघा: सही है तेरे दिमाग का जवाब नही एक तीर से दो शिकार कर लिए और वो भी इस तरह की। तुझे तो कुछ करना हि नही पड़ा सब कुछ तो वो ओवरस्मार्ट प्रिया हि कर रही है।
अनु: हां बहुत ऐटिटूड दिखाती थी ना अब ऐसा उल्लू बनाया है की याद रखेगी और वो एक वो प्रतीक उसकी एक अलग हि बात है। मै उसके पीछे पागल होकर घूम रही हु। कितने हिंट देती हु पर देखता हि नही और मेरी इंसल्ट की उसने वो भी उस प्रिया के लिए। मुझसे कहता है "मुझे कोई मतलब नही तुमसे। मै देखता भी नही तुमको।" ऐसा क्या खास है उसमे जो मुझमे नही है। अब ऐसा जाल बिछाया है की प्रतीक को उसका प्यार हि मार डालेगा।
मेघा: सही है चल मेरा लेक्चर है मै चलती हु। बाय
अनु: बाय
इसी के साथ कॉल कट हो गया। अब मेने प्रिया को देखा और बोला: अब मिल गया सबूत। अब तुम जा सकती हो।
प्रिया मेरे करीब आयी और कान पकड़ कर बोली: गलती हो गयी अब माफ़ भी कर दो। अनु ने मुझे झूठ बोलकर ये सब करवाया। प्लीज प्रतीक
मै: ओके मेने तुम्हे माफ़ किया पर सब लड़के एक से नही होते।
ये कहते हुए मै खड़ा होकर बाहर जाने लगा तो प्रिया ने मुझे पीछे से अपनी बाहों मे ले लिया और बोली: "I Love You too प्रतीक"
पीछे पीठ मे प्रिया के नुकिले बोबे मुझे चुभ रहे थे। जिस लड़की को मै प्रपोज करना चाहता था वो आगे से मेरे करीब आ रही थी। पर अब मै तो अपनी अप्सरा को शादी का वादा कर चुका था तो मेने प्रिया को सब बताकर मना करने का मन बनाया। मै प्रिया का हाथ पकड़कर उसे अपने सामने लाया। इस समय प्रिया की आँखों मे शर्म थी और वो प्रेम के रस मे सराबोर होकर मुझे देख रही थी। जैसे हि मेरी नज़र उसकी नज़रों से मिली मै उनमे खो गया। अगर रानी अप्सरा है तो प्रिया भी किसी परी से कम नही है। एकदम नशीला गदराया माल है। ऊपर से इसका ऐटिटूड इसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा देता है। मै ना कहना चाहता था पर उसके रूप मे उलझ गया और बहने लगा। हमारे लब करीब होते होते एक दूसरे से जुड़ गये। एक दूसरे के लबों का रस पीते हुए हम बिस्तर मे आ गये। अब प्रिया बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुयी थी और मै उसके ऊपर था। प्रिया ने अपनी जीभ मेरे मुह मे डाल दी। मै पागलों की तरह उसकी जीभ चूसने लगा। फिर मेने अपनी जीभ प्रिया के मुह मे डाल दी। अब प्रिया प्यार से मेरी जीभ चूसने लगी। प्रिया के प्रेम और काम की नदी मे मै एक टूटे पत्ते की तरह बहने लगा। मै सब कुछ भूलने लगा। मेरे अंदर से सब निकलने लगा और भरने लगा तो प्रिया के लिए प्रेम और उसकी पूर्णता के लिए काम। मेने अपने हाथ प्रिया के बूब्स पर रखे तो प्रिया ने मेरे हाथों को अपने हाथों मे ले लिया। अब प्रिया ने किस तोड़ा और मुझे बेड पर लिटा दिया। प्रिया मेरे सीने पर सिर रखकर लेट गयी और बोली: सॉरी प्रतीक मेने बिना बात की सच्चाई जाने तुम्हारे साथ ऐसा बर्ताव किया। पर मै इस समय पहले से धोखा खाकर गुस्से मे थी ऊपर से ये बात पता चली तो मेरा सारा गुस्सा तुम पर आ गया। प्लीज मुझे माफ़ कर दो आगे से ऐसा कभी नही होगा।
मै: प्रिया मेने तुम्हे कब का माफ़ कर दिया। पर लगता है तुम्हे मुझ पर अभी भी पूरा विश्वास नही है इसीलिए तुमने मेरे हाथों को रोक लिया।
प्रिया की करीबी से मेरे अंदर काम की आग भड़क उठी थी। मेने फिर अपने हाथ प्रिया के बूब्स पर रखने चाहे तो प्रिया ने फिरसे मुझे रोक दिया और बोली: अगर तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो तो फिर इतनी जल्दी क्या है। ये सब तुम्हारा हि है। एक बार तुमने मुझसे शादी करके पत्नी बनाया फिर तो ये सब बिना किसी रोक टोक तुम्हारा है।
मै प्रिया को अपने से चिपकाकर आँखे बंद करके बस इस पल का आनंद लेने लगा। तभी रूम का दरवाजा खुला और एक औरत रूम मे अंदर आयी। अंदर आकर सीधा बाथरूम की और जाने लगी। तभी उनकी नज़र हम पर पड़ी तो एकदम चिल्लाकर बोली: प्रिया तुझे बिल्कुल भी शर्म नही है। क्या है ये?
ये प्रिया की माँ थी। वो हमारे पास आयी और हम संभल कर उठ पाए उससे पहले हि उन्होंने प्रिया को खींचकर बेड से उठाया और एक जोरदार थप्पड़ रख दिया। प्रिया रोते हुए अपनी माँ से माफ़ी माँगने लगी और बताने लगी की मम्मी हम ऐसा कुछ भी नही कर रहे थे। हम एक दूसरे से प्यार करते है। कुछ गलत नही कर रहे थे। मै भी बेड से उतरकर खड़ा हो गया। प्रिया की मम्मी को प्रिया की बात सुनकर और ज्यादा गुस्सा आया। उन्होंने प्रिया को थप्पड़ मारने के लिए फिर से हाथ उठाया तो मै निचे बैठते हुए प्रिया की मम्मी के पैर पकड़कर बोला: आंटी सच मै ऐसा कुछ नही हो रहा था जैसा आप सोच रही है। प्रिया की कोई गलती नही है। आपको गुस्सा करना है तो मुझ पर कीजिये।
प्रिया की मम्मी बोली: अभी तुम्हारी माँ को बुलाकर सब बताती हु।
इतना कहकर आंटी ने मोबाइल से कॉल किया। 2 मिनट बाद हि माँ और मासी माँ रूम मे आ गये। उनके आते हि आंटी ने सब कुछ बताया। माँ ने मेरी और गुस्से से देखा और एक थप्पड़ मारा। माँ बोली: मेने तुझे कभी किसी लड़की के साथ गलत करना नही सिखाया फिर तूने ये क्यू किया। आज तूने मेरा सिर शर्म से झुका दिया। ये कहकर माँ सोफे पर बैठ गयी और रोने लगी। मेने भागकर माँ के पाँव पकड़ लिए और रोते हुए बोला माँ मुझे माफ़ कर दो पर मेने ऐसा कुछ नही किया जिससे आपका सिर शर्म से झुके। मेने प्रिया के साथ कुछ भी गलत नही किया। आप मुझे जानती हो माँ। बस प्रिया को गलतफहमी हो गयी थी वो दूर की और फिर उसने भी मुझसे प्यार का इजहार किया।
माँ: सच मे। प्रिया क्या तुम भी प्रतीक से प्यार करती हो?
प्रिया कुछ बोली नही बस नीचे नज़रे झुकाये रखी। अब मासी माँ ने प्रिया की मम्मी को बोला: दीदी दोनो बच्चे एक दूसरे से प्यार करते है तो अब क्या समस्या है। प्रतीक की गारंटी मै लेती हु की इससे अच्छा लड़का आपको प्रिया के लिए नही मिलेगा। प्रिया हमेशा खुश रहेगी।
गीता आंटी: सुनीता तु कहती है तो मै प्रिया के पापा से बात करूंगी पर शादी तय होने तक ये साथ मे दिखने नही चाहिए।
मासी माँ: वो मेरी जिम्मेदारी है दीदी आप चिंता मत करो। आप जाओ और फंक्शन एन्जॉय करो।
फिर मासी माँ ने प्रिया को भी बाहर जाकर फंक्शन एन्जॉय करने को कहा। प्रिया भी बाहर चली गयी। अब मासी माँ बोली: दी अब आप भी टेंशन छोड़ो। बच्चे एक दूसरे से प्यार करते है कुछ थोड़ा प्यार कर ले तो क्या बुराई है।
माँ: शादी तक रुकने मे क्या बुराई है। इतनी भी क्या जल्दी है।
मासी माँ: दी उम्र का पड़ाव हि ऐसा है। खैर छोड़ो आप ये सब। आप तो जाओ और इनकी शादी फिक्स करवाओ। अपने बच्चे को मै संभाल लूंगी।
माँ भी रूम से बाहर चली गयी। मै मासी माँ के लिपट गया और बोला: मासी माँ हमने सच मे ऐसा कुछ नही किया।
मासी माँ: क्या सच मे तुमने कुछ नही किया?
मै: हाँ मासी माँ किस के अलावा कुछ नही किया।
मासी माँ मेरे सिर पर हलका सा चपत लगाते हुए बोली: मेरा प्यारा बच्चा सच मे सीधा है। इतनी सेक्सी लड़की के साथ भी कुछ नही किया। कुछ और समस्या तो नही है ना।
मै: क्या समस्या मासी माँ
मासी माँ मेरे लंड की ओर इशारा करते हुए बोली: सब कुछ सही से काम तो करता है ना।
ये कहकर मासी माँ हसने लगी। मै भी उनकी बात सुनकर शर्माने लगा।
मासी माँ: इसको कभी काम लिया है या अभी तक अकेला हि है बिचारा
मासी माँ के लिए आग मेरे भीतर पहले से जल रही थी। मासी माँ की बाते सुनकर वो भड़क उठी। मै मासी माँ से बोला: मासी माँ आप केसी बात कर रही हो। मुझे शर्म आ रही है।
मासी माँ: अरे मेरा प्यारा बच्चा मुझसे इतना शर्मा रहा है। फिर तो पक्का आज तक बिचारा किसी काम नही आया दिखता है। फिर तो कैसे पता चलेगा ये सही से काम करता है या नही।
ये कहकर मासी माँ उठी और दरवाजा अंदर से लॉक करके मेरे पास आयी। मेरे पास बेड पर बैठ गयी और बोली: अब अपने बेटे के लिए इसे तो मुझे हि देखना पड़ेगा। ये कहते हुए मासी माँ ने मुझे बेड पर लिटा दिया। मेरे पज़ामे का नाड़ा खोलने लगी। मै एकदम उनका हाथ पकड़कर उन्हे रोकने लगा तो मासी माँ बोली: तु चुपचाप लेता रह अपनी मासी माँ से भी शर्मायेगा क्या। मुझे देखने दे सब ठीक है ना वरना शादी के बाद मेरी नाक कटवाएगा। ये कहकर मासी माँ ने मेरा पाज़ामा और चड्डी दोनो निचे खिसका दिये। लंड खुले आसमान मे आते हि अपनी औकात पर आकर मासी माँ को सलामी देने लगा। मासी माँ की आँखों मे लंड देखते हि चमक आ गयी। इतना मोटा और लम्बा लंड। वो मेरी ओर देखकर बोली: देखने मे तो अच्छा है अब देखते है काम भी करता है या नही।
मासी माँ ने मेरे लंड पर अपने कोमल हाथ लगाए तो
मेरी हालत खराब हो गयी। लगा जैसे मेरी सारी जान मेरे लंड मे से होते हुए बाहर निकलने वाली है। मासी माँ ने हलके हलके मेरे लंड को ऊपर निचे करना शुरु किया। मै काम के सातवें आसमान पर था। मेरी प्यारी मासी माँ मेरे लंड को अपने कोमल हाथों मे लेकर सहला रही थी। मै आँख बंद करके आहे भरने लगा। ज्यादा देर मै मासी माँ के हाथों की मार सह नही पाया और 4-5 झटकों मे हि मेरे लंड ने पिचकारी मारना शुरु कर दिया। सारा वीर्य सीधा मासी माँ के चेहरे पर जाकर गिरा। इतना गाड़ा और इतना सारा माल की मासी माँ का पूरा चेहरा ढक गया। मासी माँ उठी और बाथरूम मे गयी। अपना चेहरा धोया हाथ साफ किया और बाहर आयी। मेरा लंड अभी भी पूरा खड़ा था। अब मेने भी आगे बढ़ने की सोची और बोला: मासी माँ क्या लगता है ये सही से काम कर रहा है या नही?
मासी माँ मेरी और देखकर बोली: माल तो सही बना रहा है पर लगता नही ज्यादा देर टिक पायेगा।
मै: तो मासी माँ वो भी चेक कर लो। देखो ना तैयार भी है।
मासी माँ मेरे लंड पर एक हलका सा थप्पड़ मारते हुए बोली: बड़ी जल्दी है इसे सारे टेस्ट करवाने की। चिंता मत कर सारे टेस्ट करूंगी और इलाज भी। पर अभी नही रात मे। अभी कोई आ गया तो बनी बनायीं बात बिगड़ जाएगी।
फिर मासी माँ ने मेरी चड्डी और पज़ामा ऊपर करके नाड़ा बाँध दिया और बोली: आज मेरा प्यारा बेटा रात मे मेरे साथ सोयेगा।
ये कहकर मासी माँ बाहर चली गयी। मै आँख बंद करके रात को मासी माँ की चुदाई के ख्वाब देखने लगा।
सही है भाई

रेगिस्तान में बारिश की उम्मीद में कभी कभी बाढ़ भी आ जाती है

पहले रानी, फिर प्रिया और अब मासी

देखते हैं रामली भाभी किस रूप में अवतरित हुई हैं
 

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सही है भाई

रेगिस्तान में बारिश की उम्मीद में कभी कभी बाढ़ भी आ जाती है

पहले रानी, फिर प्रिया और अब मासी

देखते हैं रामली भाभी किस रूप में अवतरित हुई हैं
थोड़ी सी लापरवाही हुयी और बाढ़ सब कुछ बहाकर ले जाती है
 
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Update??
 
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Raanjhanaa

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थोड़ी सी लापरवाही हुयी और बाढ़ सब कुछ बहाकर ले जाती है
Update Kab Aayega
 
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Raanjhanaa

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रानी कपड़े मैकअप सही करके तैयार हो गयी। मेने भी कपड़े पहन लिए पर वही लेटा रहा।
रानी: क्या हुआ चलो
मै: आप जाओ मै थोड़ी देर आराम करके आता हु। आप जाते हुए लाइट बंद कर जाना।
रानी ओके कहकर वहा से लाइट बंद करके और गेट लगाकर चली गयी। मै सोचने लगा क्या जबरदस्त किस्मत है कहाँ तो मै किसी लड़की से बात भी नही कर पा रहा था और एक लड़की जिससे प्यार का इजहार करना चाहता था वो मेरे साथ केसा व्यवहार कर रही थी। और अब देखो स्वर्ग की अप्सरा खुद थोड़ी देर पहले मेरी बाहों मे थी। हमने पूर्ण प्रेम का साथ मे आनंद लिया और वो मेरी जीवन संगिनी बनने को भी तैयार है। मै रानी को पाकर बेहद खुश हो गया। बस अब माँ को रानी के लिए तैयार करना होगा। मै यही सोच रहा था कि तभी रूम का गेट खुला और एक लड़की रूम मे दाखिल हुयी। वो फोन पर किसी से बात कर रही थी। अंदर आते ही वो सोफे पर आराम से बैठी और फोन स्पीकर पर डालकर बात करने लगी। दूसरी तरफ भी एक लड़की हि थी। इसकी आवाज़ से मुझे पता चल गया की ये प्रिया है पर सामने वाली लड़की की आवाज़ अभी तक समझ नही आयी की कौन है।
प्रिया: तु बिल्कुल चिंता मत कर मै यही उसे ऐसा सबक सिखा दूंगी कि कॉलेज जाने तक इंतजार करने की जरूरत हि नही पड़ेगी।
दूसरी लड़की: थँक्स प्रिया तु मेरा साथ दे रही है। नही तो मै तो किसी को बता भी नही पाती की उसने मेरे साथ क्या किया।
प्रिया: तु चिंता मत कर मै उसे यहां तो सबक सिखा हि दूंगी पर वहा आकर तो देखना उसे ऐसा सबक सिखाउंगी की वो किसी लड़की से जबरदस्ती करना तो छोड़ अपनी बीवी को भी टच नही कर पायेगा। पर वो बनता कितना भोला है लगता नही है की अंदर इतना हवसी जानवर बैठा है।
दूसरी लड़की: तु उसके चेहरे पर मत जा। वो तो मेरी उस दिन किस्मत अच्छी थी की मैडम उस तरफ आ गयी नही तो वो मेरे साथ जबरदस्ती क्या क्या करता।
प्रिया: तु चिंता मत कर अब मै प्रतीक के भोले चेहरे के पीछे की सच्चाई जानती हु। मै उसे सबक सिखाके रहूंगी।
मै प्रिया के मुह से अपना नाम सुनते हि चौंक गया। कुछ समझ नही आया इसीलिए मेने पूरी बात सुनने का निर्णय लिया।
दूसरी लड़की: प्रिया जब उस दिन उसने बताया की वो तुझसे प्यार करता है और तुझे प्रपोज करना चाहता है तो मेने तुझे ये सब बताया जिससे तु उस गलत लड़के के चंगुल मे ना फस जाये। वरना मै तुझे भी ये सब कभी ना बताती।
प्रिया: थँक्स अनु तूने मुझे इस हरामी की सच्चाई बता दी वरना इसका भोला चेहरा देख कर तो शायद एक बार को मै इसे हां कर भी देती। थैंक्स तूने मुझे बचा लिया।
अनु: हां प्रिया उसे तुझसे कोई प्यार नही है बस तेरा जिस्म चाहिए। जैसे कुछ समय पहले तक वो मेरे पीछे पड़ा था जबकी उसे पता है की मै उसके बेस्ट फ्रेंड नमन की gf हु। फिर भी जब भी मुझसे अकेले मे मिलता तो मुझसे गंदे मजाक करता टच करने की कोशिश करता। पर जब मेरी और से कोई रिस्पांस नही मिला तो उसने कॉलेज के लक्चर हॉल मे मुझे नमन का नाम लेकर धोखे से बुलाया और मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। वो तो एक मैडम उधर से गुज़री और मेरी आवाज़ सुन ली। मैडम के गेट बज़ाने पर प्रतीक विंडो से भाग गया और मै बच गयी।
ये कहते कहते अनु रोने लगी। मै उसकी बात सुनकर सदमे मे था। वो इतना सच्चाई के साथ ये सब झूटी बाते बोल रही थी कि एक बार को तो मुझे भी विश्वास हो जाये। मै अब समझ गया कि प्रिया मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यू कर रही है। पर अब मुझे अनु के ये सब करने का कारण समझ नही आ रहा था।
इधर प्रिया अनु को चुप करते हुए विश्वास दिलाने लगी की वो प्रतीक से इसका हिसाब लेकर रहेगी। ऐसे हि सांत्वना देकर प्रिया ने कॉल कट कर दी। अब प्रिया उठी और रूम की लाइट ऑन करके शीशे मे अपने मैकअप की ठीक करने लगी। तभी उसे शीशे मे मै बेड मे लेटा हुआ दिख गया। वो एकदम पलटी और मुझ पर भड़कती हुयी बोली: तुम यहा कब आये। अब क्या मेरे साथ जबरदस्ती करोगे।
प्रिया ने पास रखा स्टील का स्टेचू उठा लिया और बोली: मै अनु जैसी कमजोर नही की तुम कुछ भी कर लो। तुम्हारी जान ले लूंगी अगर मुझे हाथ भी लगाया तो। सब को चिल्ला चिल्लाकर बताउंगी तुम जैसे दरिंदे के बारे में
मै उसकी बाते सुनकर दंग रह गया।
मै: प्रिया तुम मुझे गलत समझ रही हो। मै तुम्हारे आने से पहले से रूम मे हु। मै यहां आराम कर रहा था। मै यहां तुम्हारे पीछे नही आया हु। दूसरी बात अनु ने तुम्हे सब झूठ बताया है मेने उसके या किसी भी लड़की के साथ कुछ नही किया है।
प्रिया: ओहो मुझे तो तुम पर विस्वास हो गया। तुम तो बिल्कुल सीधे साधे लड़के हो। वो लड़की हि खराब है जो बिना मतलब अपनी इज्जत खुद हि खराब कर रही है। पागल समझा है क्या तुमने मुझे की तुम अच्छे बनने की एक्टिंग करोगे और मै तुम्हारे झांसे मे आ जाउंगी। मै पागल नही हु।
मै: ठीक है तुम्हे मुझ विश्वास नही है ना तो रुको एक मिनट।
ये कहकर मेने नमन को कॉल लगाया। फोन स्पीकर पर कर दिया। नमन ने कॉल उठाया।
मै: हेल्लो नमन कहा है?
नमन: भाई लेक्चर से निकला हु, बता क्या हुआ?
मै: अनु तेरे साथ है क्या?
नमन: नही यार कैंटीन मे है उसी के पास जा रहा हु। तुझे उससे कुछ काम है क्या?
मै: नही पर यार ये अनु को मुझसे क्या प्रॉब्लम है?
नमन: क्यू क्या हुआ उसने क्या किया है ऐसा?
मै: उसने प्रिया को झूटी कहानी सुनाई है की मेने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की।
नमन: यार ऐसा नही हो सकता। इस बारे मे मुझे कुछ पता नही है। हां वो तुझसे नाराज़ ज़रूर है, उस दिन लेक्चर हॉल मे तूने उसे सुनाया था ना तब से। भाई तूने भी यार उस दिन प्रिया के चक्कर मे उसकी मुह पर बेइज़्ज़ती कर दी। उसे अभी तक वो बात बर्दाश्त नही हो रही। हो सकता है इस चक्कर मे उसने ऐसा किया हो।
मै: तो भाई उसके मुह से बुलवा की ये सब झूठ है प्लीज भाई यहां लोग मुझे हवसी जानवर समझके बैठे है।
नमन: कौन समझ रहा है भाई। कही प्रिया तो नही पहुंच गयी उस शादी मे।
मै: हां भाई वही समझके बैठी है। तु भाई कर ना कुछ।
नमन: सच भाई फिर तो तेरी लव स्टोरी शुरु होने से पहले हि ख़त्म हो गयी। ये कहकर नमन हसने लगा।
मै: यार नमन हस मत कुछ कर भाई। उससे सच पता कर भाई।
नमन: भाई वो मुझे तो नही बताएगी क्युकी तु मेरा बेस्ट फ्रेंड है पर.........। चल ठीक है मै 15 मिनट मे तुझे बेगुनाही का सबूत देता हु।
ये कहकर उसने कॉल कट कर दिया। मै प्रिया को देखकर बोला: अब 15 मिनट तो वेट कर सकती हो या उससे पहले हि मारना है मुझे। रख दो हथियार अब तो।
प्रिया: देखते हैं।
हम दोनो वही वेट करने लगे। 15 मिनट बाद मेरे पास नमन का कॉल आया। मेने फोन स्पीकर पर डाला।
नमन: कुछ बोलना मत बस बाते सुनना।
मै:ओके भाई।
थोड़ी देर बाद हमे स्पीकर पर दो लड़कियों की बाते सुनाई देने लगी। एक अनु और दूसरी उसकी बेस्ट फ्रेंड मेघा
मेघा: कैसा चल रहा है तेरा प्लान अनु
अनु: मै कोइ प्लान बनाऊ और वो सक्सेस ना हो ऐसा हो सकता है क्या
ये कहकर दोनो हसने लगी।
मेघा: सही है तेरे दिमाग का जवाब नही एक तीर से दो शिकार कर लिए और वो भी इस तरह की। तुझे तो कुछ करना हि नही पड़ा सब कुछ तो वो ओवरस्मार्ट प्रिया हि कर रही है।
अनु: हां बहुत ऐटिटूड दिखाती थी ना अब ऐसा उल्लू बनाया है की याद रखेगी और वो एक वो प्रतीक उसकी एक अलग हि बात है। मै उसके पीछे पागल होकर घूम रही हु। कितने हिंट देती हु पर देखता हि नही और मेरी इंसल्ट की उसने वो भी उस प्रिया के लिए। मुझसे कहता है "मुझे कोई मतलब नही तुमसे। मै देखता भी नही तुमको।" ऐसा क्या खास है उसमे जो मुझमे नही है। अब ऐसा जाल बिछाया है की प्रतीक को उसका प्यार हि मार डालेगा।
मेघा: सही है चल मेरा लेक्चर है मै चलती हु। बाय
अनु: बाय
इसी के साथ कॉल कट हो गया। अब मेने प्रिया को देखा और बोला: अब मिल गया सबूत। अब तुम जा सकती हो।
प्रिया मेरे करीब आयी और कान पकड़ कर बोली: गलती हो गयी अब माफ़ भी कर दो। अनु ने मुझे झूठ बोलकर ये सब करवाया। प्लीज प्रतीक
मै: ओके मेने तुम्हे माफ़ किया पर सब लड़के एक से नही होते।
ये कहते हुए मै खड़ा होकर बाहर जाने लगा तो प्रिया ने मुझे पीछे से अपनी बाहों मे ले लिया और बोली: "I Love You too प्रतीक"
पीछे पीठ मे प्रिया के नुकिले बोबे मुझे चुभ रहे थे। जिस लड़की को मै प्रपोज करना चाहता था वो आगे से मेरे करीब आ रही थी। पर अब मै तो अपनी अप्सरा को शादी का वादा कर चुका था तो मेने प्रिया को सब बताकर मना करने का मन बनाया। मै प्रिया का हाथ पकड़कर उसे अपने सामने लाया। इस समय प्रिया की आँखों मे शर्म थी और वो प्रेम के रस मे सराबोर होकर मुझे देख रही थी। जैसे हि मेरी नज़र उसकी नज़रों से मिली मै उनमे खो गया। अगर रानी अप्सरा है तो प्रिया भी किसी परी से कम नही है। एकदम नशीला गदराया माल है। ऊपर से इसका ऐटिटूड इसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा देता है। मै ना कहना चाहता था पर उसके रूप मे उलझ गया और बहने लगा। हमारे लब करीब होते होते एक दूसरे से जुड़ गये। एक दूसरे के लबों का रस पीते हुए हम बिस्तर मे आ गये। अब प्रिया बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुयी थी और मै उसके ऊपर था। प्रिया ने अपनी जीभ मेरे मुह मे डाल दी। मै पागलों की तरह उसकी जीभ चूसने लगा। फिर मेने अपनी जीभ प्रिया के मुह मे डाल दी। अब प्रिया प्यार से मेरी जीभ चूसने लगी। प्रिया के प्रेम और काम की नदी मे मै एक टूटे पत्ते की तरह बहने लगा। मै सब कुछ भूलने लगा। मेरे अंदर से सब निकलने लगा और भरने लगा तो प्रिया के लिए प्रेम और उसकी पूर्णता के लिए काम। मेने अपने हाथ प्रिया के बूब्स पर रखे तो प्रिया ने मेरे हाथों को अपने हाथों मे ले लिया। अब प्रिया ने किस तोड़ा और मुझे बेड पर लिटा दिया। प्रिया मेरे सीने पर सिर रखकर लेट गयी और बोली: सॉरी प्रतीक मेने बिना बात की सच्चाई जाने तुम्हारे साथ ऐसा बर्ताव किया। पर मै इस समय पहले से धोखा खाकर गुस्से मे थी ऊपर से ये बात पता चली तो मेरा सारा गुस्सा तुम पर आ गया। प्लीज मुझे माफ़ कर दो आगे से ऐसा कभी नही होगा।
मै: प्रिया मेने तुम्हे कब का माफ़ कर दिया। पर लगता है तुम्हे मुझ पर अभी भी पूरा विश्वास नही है इसीलिए तुमने मेरे हाथों को रोक लिया।
प्रिया की करीबी से मेरे अंदर काम की आग भड़क उठी थी। मेने फिर अपने हाथ प्रिया के बूब्स पर रखने चाहे तो प्रिया ने फिरसे मुझे रोक दिया और बोली: अगर तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो तो फिर इतनी जल्दी क्या है। ये सब तुम्हारा हि है। एक बार तुमने मुझसे शादी करके पत्नी बनाया फिर तो ये सब बिना किसी रोक टोक तुम्हारा है।
मै प्रिया को अपने से चिपकाकर आँखे बंद करके बस इस पल का आनंद लेने लगा। तभी रूम का दरवाजा खुला और एक औरत रूम मे अंदर आयी। अंदर आकर सीधा बाथरूम की और जाने लगी। तभी उनकी नज़र हम पर पड़ी तो एकदम चिल्लाकर बोली: प्रिया तुझे बिल्कुल भी शर्म नही है। क्या है ये?
ये प्रिया की माँ थी। वो हमारे पास आयी और हम संभल कर उठ पाए उससे पहले हि उन्होंने प्रिया को खींचकर बेड से उठाया और एक जोरदार थप्पड़ रख दिया। प्रिया रोते हुए अपनी माँ से माफ़ी माँगने लगी और बताने लगी की मम्मी हम ऐसा कुछ भी नही कर रहे थे। हम एक दूसरे से प्यार करते है। कुछ गलत नही कर रहे थे। मै भी बेड से उतरकर खड़ा हो गया। प्रिया की मम्मी को प्रिया की बात सुनकर और ज्यादा गुस्सा आया। उन्होंने प्रिया को थप्पड़ मारने के लिए फिर से हाथ उठाया तो मै निचे बैठते हुए प्रिया की मम्मी के पैर पकड़कर बोला: आंटी सच मै ऐसा कुछ नही हो रहा था जैसा आप सोच रही है। प्रिया की कोई गलती नही है। आपको गुस्सा करना है तो मुझ पर कीजिये।
प्रिया की मम्मी बोली: अभी तुम्हारी माँ को बुलाकर सब बताती हु।
इतना कहकर आंटी ने मोबाइल से कॉल किया। 2 मिनट बाद हि माँ और मासी माँ रूम मे आ गये। उनके आते हि आंटी ने सब कुछ बताया। माँ ने मेरी और गुस्से से देखा और एक थप्पड़ मारा। माँ बोली: मेने तुझे कभी किसी लड़की के साथ गलत करना नही सिखाया फिर तूने ये क्यू किया। आज तूने मेरा सिर शर्म से झुका दिया। ये कहकर माँ सोफे पर बैठ गयी और रोने लगी। मेने भागकर माँ के पाँव पकड़ लिए और रोते हुए बोला माँ मुझे माफ़ कर दो पर मेने ऐसा कुछ नही किया जिससे आपका सिर शर्म से झुके। मेने प्रिया के साथ कुछ भी गलत नही किया। आप मुझे जानती हो माँ। बस प्रिया को गलतफहमी हो गयी थी वो दूर की और फिर उसने भी मुझसे प्यार का इजहार किया।
माँ: सच मे। प्रिया क्या तुम भी प्रतीक से प्यार करती हो?
प्रिया कुछ बोली नही बस नीचे नज़रे झुकाये रखी। अब मासी माँ ने प्रिया की मम्मी को बोला: दीदी दोनो बच्चे एक दूसरे से प्यार करते है तो अब क्या समस्या है। प्रतीक की गारंटी मै लेती हु की इससे अच्छा लड़का आपको प्रिया के लिए नही मिलेगा। प्रिया हमेशा खुश रहेगी।
गीता आंटी: सुनीता तु कहती है तो मै प्रिया के पापा से बात करूंगी पर शादी तय होने तक ये साथ मे दिखने नही चाहिए।
मासी माँ: वो मेरी जिम्मेदारी है दीदी आप चिंता मत करो। आप जाओ और फंक्शन एन्जॉय करो।
फिर मासी माँ ने प्रिया को भी बाहर जाकर फंक्शन एन्जॉय करने को कहा। प्रिया भी बाहर चली गयी। अब मासी माँ बोली: दी अब आप भी टेंशन छोड़ो। बच्चे एक दूसरे से प्यार करते है कुछ थोड़ा प्यार कर ले तो क्या बुराई है।
माँ: शादी तक रुकने मे क्या बुराई है। इतनी भी क्या जल्दी है।
मासी माँ: दी उम्र का पड़ाव हि ऐसा है। खैर छोड़ो आप ये सब। आप तो जाओ और इनकी शादी फिक्स करवाओ। अपने बच्चे को मै संभाल लूंगी।
माँ भी रूम से बाहर चली गयी। मै मासी माँ के लिपट गया और बोला: मासी माँ हमने सच मे ऐसा कुछ नही किया।
मासी माँ: क्या सच मे तुमने कुछ नही किया?
मै: हाँ मासी माँ किस के अलावा कुछ नही किया।
मासी माँ मेरे सिर पर हलका सा चपत लगाते हुए बोली: मेरा प्यारा बच्चा सच मे सीधा है। इतनी सेक्सी लड़की के साथ भी कुछ नही किया। कुछ और समस्या तो नही है ना।
मै: क्या समस्या मासी माँ
मासी माँ मेरे लंड की ओर इशारा करते हुए बोली: सब कुछ सही से काम तो करता है ना।
ये कहकर मासी माँ हसने लगी। मै भी उनकी बात सुनकर शर्माने लगा।
मासी माँ: इसको कभी काम लिया है या अभी तक अकेला हि है बिचारा
मासी माँ के लिए आग मेरे भीतर पहले से जल रही थी। मासी माँ की बाते सुनकर वो भड़क उठी। मै मासी माँ से बोला: मासी माँ आप केसी बात कर रही हो। मुझे शर्म आ रही है।
मासी माँ: अरे मेरा प्यारा बच्चा मुझसे इतना शर्मा रहा है। फिर तो पक्का आज तक बिचारा किसी काम नही आया दिखता है। फिर तो कैसे पता चलेगा ये सही से काम करता है या नही।
ये कहकर मासी माँ उठी और दरवाजा अंदर से लॉक करके मेरे पास आयी। मेरे पास बेड पर बैठ गयी और बोली: अब अपने बेटे के लिए इसे तो मुझे हि देखना पड़ेगा। ये कहते हुए मासी माँ ने मुझे बेड पर लिटा दिया। मेरे पज़ामे का नाड़ा खोलने लगी। मै एकदम उनका हाथ पकड़कर उन्हे रोकने लगा तो मासी माँ बोली: तु चुपचाप लेता रह अपनी मासी माँ से भी शर्मायेगा क्या। मुझे देखने दे सब ठीक है ना वरना शादी के बाद मेरी नाक कटवाएगा। ये कहकर मासी माँ ने मेरा पाज़ामा और चड्डी दोनो निचे खिसका दिये। लंड खुले आसमान मे आते हि अपनी औकात पर आकर मासी माँ को सलामी देने लगा। मासी माँ की आँखों मे लंड देखते हि चमक आ गयी। इतना मोटा और लम्बा लंड। वो मेरी ओर देखकर बोली: देखने मे तो अच्छा है अब देखते है काम भी करता है या नही।
मासी माँ ने मेरे लंड पर अपने कोमल हाथ लगाए तो
मेरी हालत खराब हो गयी। लगा जैसे मेरी सारी जान मेरे लंड मे से होते हुए बाहर निकलने वाली है। मासी माँ ने हलके हलके मेरे लंड को ऊपर निचे करना शुरु किया। मै काम के सातवें आसमान पर था। मेरी प्यारी मासी माँ मेरे लंड को अपने कोमल हाथों मे लेकर सहला रही थी। मै आँख बंद करके आहे भरने लगा। ज्यादा देर मै मासी माँ के हाथों की मार सह नही पाया और 4-5 झटकों मे हि मेरे लंड ने पिचकारी मारना शुरु कर दिया। सारा वीर्य सीधा मासी माँ के चेहरे पर जाकर गिरा। इतना गाड़ा और इतना सारा माल की मासी माँ का पूरा चेहरा ढक गया। मासी माँ उठी और बाथरूम मे गयी। अपना चेहरा धोया हाथ साफ किया और बाहर आयी। मेरा लंड अभी भी पूरा खड़ा था। अब मेने भी आगे बढ़ने की सोची और बोला: मासी माँ क्या लगता है ये सही से काम कर रहा है या नही?
मासी माँ मेरी और देखकर बोली: माल तो सही बना रहा है पर लगता नही ज्यादा देर टिक पायेगा।
मै: तो मासी माँ वो भी चेक कर लो। देखो ना तैयार भी है।
मासी माँ मेरे लंड पर एक हलका सा थप्पड़ मारते हुए बोली: बड़ी जल्दी है इसे सारे टेस्ट करवाने की। चिंता मत कर सारे टेस्ट करूंगी और इलाज भी। पर अभी नही रात मे। अभी कोई आ गया तो बनी बनायीं बात बिगड़ जाएगी।
फिर मासी माँ ने मेरी चड्डी और पज़ामा ऊपर करके नाड़ा बाँध दिया और बोली: आज मेरा प्यारा बेटा रात मे मेरे साथ सोयेगा।
ये कहकर मासी माँ बाहर चली गयी। मै आँख बंद करके रात को मासी माँ की चुदाई के ख्वाब देखने लगा।
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