Update 4
चाचा को भी पता चल गया कि मैं स्तनपान करता हूँ पर उसे इसमें कोई परेशानी नही थी। सुबह चाचा काम पर चला गया । उसने सुबह जल्दी ही नाश्ता कर लिया था। फिर मैं सीमा चाची के साथ रसोईघर मैं चाय नाश्ता करने लगा। हम जमीन पर बैठे हुए थे। चाची ने आज ब्लैक साड़ी और ब्लाऊज पहना था। साइड से देखने पर उसका एक भरा हुआ मुम्मा बड़ी आसानी से दिखाई पड़ रहा था। मैं बेशर्मी से उसे देख भी रहा था। चाची को मेरे घूरने की अब आदत पड़ गयी थी। उल्टा मेरी ये हरकत देखकर वो हँस भी रही थी। मैंने सीमा चाची को ऐसे ही ताना मारा,
"क्या चाची, कल चाचा ने दूध पिया या नही?"
उसने मुस्कुराते हुए जवाब दे दिया,
"हा तो। दूध पीना थोड़ी छोड़ने वाले है वो अब? तेरे जैसे ही है वो।"
"अगर नही पीते हो तो मुझे रात में पिलादो । ठीक है चाची?"
"ये भी कोई पूछने की बात है राजू?"
मैं मन मे बहुत खुश हो गया। उसके मुम्मे को देखकर मेरे मुह में पानी आ रहा था। चाची ने हँसते हुए पूछा,
"तो क्या अभी तुझे दूदू नही चाहिए?"
मैं तुरंत बोल गया,
"हा तो ।"
उसने प्लेट बाजू में रख दी और मुझे आपने पास बुलाया। मैं उसके पास गया और बोला,
"पर चाची , पीछे का दरवाजा तो खुला है। कोई आ गया तो क्या कहेगा?"
चाची ने मुझे एक हाथ से अपनी गोद मे सुला दिया और बोली,
"क्या फरक पड़ेगा किसी ने देख लिया तो।"
इतने करीब से उसका भरा हुआ मुम्मा देखकर मेरे मुह से फिरसे पानी आने लगा। चाची ने ब्लाऊज के निचले कुछ बटन खोल दिये। फिर मेरा सर पल्लू से ढकते हुए वो मुझे अपना दूध पिलाने लगी। मैं धीरे धीरे पी रहा था। चाची ने एक हाथ से अपना स्तन मेरे मुँह में ठीक से पकड़ रखा था। दूध बहुत स्वादिष्ट था। इसलिए किसी बच्चे जैसा स्तनपान करने में दुगना मजा आ रहा था। सीमा चाची मुझे लगभग 20 मिनट पीला रही थी।
रात को खाना खाने के बाद हम सब सोने के तैयारी करने लगे। लाइट बंद करके मैं खटाई पर सो गया और सीमा चाची चाचा के साथ खटाई के पास ही जमीन पर बिस्तर पे सो गई। अंधेरे में थोडा थोडा दिख रहा था। चाची की पीठ मेरी तरफ थी और चाचा उसके दूसरे बाजू सोया था। इसलिए मुझे उसका सर नही दिख रहा था। पर उन दोनों की हलचल से मुझे समझ रहा था कि क्या हो रहा है। थोड़ी ही देर बाद सीमा चाची ब्लाउज के कुछ बटन खोलकर अपने पति को किसी बच्चे जैसा स्तनपान करने लगी। चाचा बहुत जोर जोर से दूध चूस रहा होगा क्योंकि चाची के मुह पर दर्द के भाव थे और चाचा भी बहुत हिलझुल रहा था। ये सिलसिला करीब 15 मिनट तक चलता रहा। फिर चाची और चाचा गहरी नींद में चले गए।
सुबह चाचा काम पर चला गया । फिर मैंने तुरंत सीमा चाची को मुझे दूध पिलाने कहा। पर वो बोली,
"थोडी देर बाद पिला दूँगी। कल रात ये बहुत जोर से चूस रहे थे। मेरे नीपल अभी भी दुख रहे है। "
मैं मायूस हो गया। पर कुछ ही घँटों की बात थी इसलिए मैं टीव्ही देखने हॉल में गया। नाश्ता करने के बाद सीमा चाची भी हॉल में आकर मेरे बाजू में सोफे पर बैठ गयी। आज उसने पीली साड़ी और ब्लाऊज पहना था। मैं बीच बीच मे उसके मुम्मे को साइड से देख रहा था। थोड़ी देर बाद उसने हँसते हुए मुझे कहा ,
"चल आजा । दूदू पीना है ना ?"
मैं जल्दी से सोफे पर ही उसकी गोद मे लेट गया। उसने तुरंत अपने ब्लाऊज के निचले बटन खोल दिये और मेरा सर पल्लू से ढकते हुए मुझे अपना दूध पिलाने लगी। मुझे बहुत धीरे धीरे दूध पीने की आदत थी। चाची भी टीव्ही देखते हुए मुझे आराम से पिला रही थी। मैं इसलिए भी धीरे धीरे दूध पी रहा था क्योंकि अगर चाची को दर्द हुआ होता तो वो मुझे स्तनपान करना ही बंद कर देती। उसने दाहिने हाथ की दो उँगलियों में उसका मुम्मा मेरे मुँह में ठीक से पकड़ कर रखा हुआ था और बीच बीच मे वो उसे उँगलियों से हल्के हल्के दबा भी रही थी। मैं मुम्मे का ब्राउन कलर का एरोला पूरा मुँह में लेकर चूस रहा था। मुम्मा भी बहुत सॉफ्ट था। लगभग 20 मिनिट तक मे दूध पीता रहा।
शाम को चाचा काम पर से घर आ गया। हम सब हॉल में टीव्ही देखने लगे। चाचा और सीमा चाची जमीन पर बैठे हुए थे। मैं सोफे पर आराम से लेट गया था। घर का दरवाजा खुला ही था। थोड़ी देर बाद सीमा चाची ने अपने पति को गोद मे लिटा दिया और उसे ताना मारा,
"दूदू पिला दूँ आपको ? "
चाचा का चेहरा शरम से लाल हो गया। वो नही नही कह रहा था फिर भी चाची ने जबदस्ती उसके सर के ऊपर से अपना आँचल ओढ़ लिया। फिर वो अपने पति को किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। शुरुआत में चाचा हलचल कर रहा था। फिर वो चुपचाप दूध पीने लगा। चाची भी उसे दूध पिलाते वक्त हँस रही थी। मैं इतने बड़े आदमी को पहली बार ही ऐसे बच्चे जैसा स्तनपान करते देख रहा था। सीमा चाची उसे 15 मिनिट दूध पिला रही थी। दूध पीने के बाद वो चाची की गोद से उठ गया और शर्माते हुए ही बाहर घूमने गया।