Update 5
रात को भोजन होने के बाद सीमा चाची ने ब्लैक कलर की मैक्सी पहन ली । थोड़ी देर बाद हम सब सोने लगे। चाची चाचा की तरफ पलट गई और बोली,
"चलो आओ । दूध पिलाती हूँ आपको।"
चाचा उसके पास खिसक गया। फिर चाची ने मैक्सी के बटन खोल दिये और उनको अपना दूध पिलाने लगी। थोड़ी देर बाद ही चाचा सो गया और सीमा चाची मेरे तरफ पलट गई।
"तेरे चाचा तो जल्दी सो गए। पूरा दूध भी नही पिया। अब तू ही पी जा बचा हुआ सारा दूध।"
मैं उसके पास खिसक गया। और फिर मैं भी अपने चाचा की तरह स्तनपान करने लगा। चाची ने दो उंगलियों से उसका स्तन मेरे मुह में पकड़ रखा था। और मैं बड़े आराम से मजे ले रहा था। अभी भी बहुत दूध बाकी था। इसलिए मैं लगभग 15 मिनिट स्तनपान कर रहा था।
सुबह चाचा जब काम पर जा रहा था तब एक बुढ़ा आदमी हमारे घर के बाहर आ गया। चाचा ने उसको तुरंत पहचान लिया। वो चाचा का ही एक रिश्तेदार था। हालांकि वो एक पड़ोसी गांव का था। वो बहुत कमजोर लग रहा था। चाचा ने उस बुढ़े को अंदर ले लिया और हमे बता दिया कि उसके सब परिवार वाले कुछ महीनों पहले एक एक्सीडेंट में मारे गए है। वो अकेले ही रहते थे। उनकी उम्र अब 83 साल हो गयी थी। चाचा ने उस बुढ़े को आराम करने बोला। उनको चलने में भी परेशानी हो रही थी। वो कुछ दिनों के लिए हमारे साथ रहने आये थे किउंकि अब सिर्फ हम ही उसके रिश्तेदार रह गये थे। काम पर जाते जाते चाचा हमे बोल गया की उनका खयाल रखना। सीमा चाची ने मुस्कुराते हुए बुढ़े को पुछा की ,
"क्या आप खाना खाओगे?"
उस बुढ़े ने हा कह दिया और चाची ने उसे खाना दिया। उसने बहुत ही कम खाना खाया। सीमा चाची यह देखकर बहुत चिंतित दिखी। उस बुढ़े को सीमा चाची ने एक कमरे में सोने को कहा और फिर हम दिनों हॉल में लेट गए। चाची अभी भी परेशान लग रही थी। उसने मुझे करीब ले लिया और मेरे सर के ऊपर से पल्लू ओढ़कर मुझे वो अपना दूध पिलाने लगी।
शाम को चाची ने उस बुढ़े आदमी को नाश्ता दिया। पर उसने बहुत कम खाया। उसकी कमजोरी भी बढ़ गयी। तो सीमा चाची ने उसको डाँटा,
"क्या हुआ अंकल ? थोड़ा और खा लो।"
"नही जा रहा मुझसे।"
"तो आपको मैं चमच से सुप पिलाती हुँ।"
"तुम क्यों इतनी तकलीफ ले रही हो बेटी?"
चाची ने हँसते हुए कहा,
"इसमें तकलीफ कैसी अंकल।"
चाची ने उसके लिए सुप बनाया और सुप एक डिश में लेकर जमीन पर बैठ गयी।
"चलो आओ मेरे पास। आपको गोद मे सुलाकर चमच से पिलाती हूँ।"
बूढ़ा धीरे धीरे खिसक कर उसकी गोद मे लेट गया। सीमा चाची के भरे हुए स्तन इतने करिब से देखकर उसके मुँह से पानी आने लगा। चाची का एक स्तन पल्लू के बाहर था। उसने हँसते हुए अपना पल्लू ठीक कर लिया फिर वो बुढ़े को चमच से सुप पिलाने लगी। उसको सुप पीने में भी बहुत दिक्कत हो रही थी। पर चाची ने उसको थोड़ा थोड़ा करके सुप पिला दिया। उसके मुँह पर थोड़ा सुप लगा हुआ था। सीमा चाची ने डिश जमीन पर रख दी और उस बुढ़े का मुँह अपने पल्लू से पोछ लिया। उनका मुँह पोछ देने के बाद चाची पल्लू ठीक करना ही भूल गयी और उसका एक स्तन पल्लू के बाहर ही रह गया। वो बुढ़ा तो उस स्तन को घुर कर देख रहा था। पर सीमा चाची ने उसपर कुछ टिप्पणी नही करी। चाची ने उस बुढ़े को थोड़ी देर आराम करने दिया। फिर उसको हाथ पकड़कर वो हॉल में लेकर गयी और एक सोफे पर बिठा दिया।
रात को उस बुढ़े ने फिर बहुत कम ही खाया। इसलिए हम सबका खाना खाकर होते ही सीमा चाची ने उस बुढ़े को अपनी गोद मे सुला दिया और मुझे बोली,
"राजू थोड़ा सुप डिश में देना।"
मैंने सुप से भरा हुआ डिश चाची के पास रख दिया । चाचा टीव्ही देखने हॉल में चला गया। उस बुढ़े का सर सीमा चाची के स्तनों के काफी करीब था। जब वो डिश उठाने थोड़ी झुक गयी तब उसका एक स्तन उस बुढ़े के मुह से घिस गया। बुढ़े को रहा नही गया और उसने अपना मुँह खोल दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उस स्तन को चूसने की कोशिश करने लगा। सीमा चाची ने डिश तो उठा ली पर हँसते हुए उनकी ये हरकत देखते रह गयी। थोड़ी देर बाद उसने अपना स्तन उनके मुँह से छुड़ा लिया और उनको कहा,
"माफ करना अंकल जी। "
अब बुढ़े को अपनी गलती समझ आ गयी और वो शर्मिंदा हो गया,
"माफी तो मुझे माँगनी चाहिए बेटी। मैं अब बच्चा थोड़ी हु।"
इसपर चाची हँस पड़ी।
"आप भी ना अंकल जी। इतनी सी बात पर कैसी आयी गलती। भूल जाओ अब उसे। सुप पी लो आराम से।"
फिर चाची ने उसको चमच से सुप पिला दिया। फिर उसको नींद आने तक वो ऐसेही गोद मे सुलाती रही। थोड़ी ही देर में वो सो गया और चाची ने उसे हॉल में बिस्तर पर सुला दिया। थोड़ी ही देर बाद हम भी सोने लगे। अब सीमा चाची उस बूढ़े के पास ही सोयी थी और चाचा उसके दूसरी बाजू में सो गया था। मैं कॉट पर सो गया। वो बूढ़ा पूरी तरह सो चुका है इसकी पुष्टि करके सीमा चाची उसके पति की तरफ़ पलट गयी। चाचा ने तुरंत उसका पल्लू थोड़ा हटा दिया और उसके स्तनों को बारी बारी से ब्लाऊज के ऊपर से ही चूसने लगा। उसकी ये हरकत देखकर चाची हँस पड़ी,
"अंकल जी ने आज गलती से मेरा स्तन चूसने की कोशिश की। "
चाचा अचंभित हो गया फिर हँसने लगा,
"इतने दूध से भरे स्तन देखकर उनकी इच्छा तो होगी ही ना। "
वो थोड़ी देर ऐसेही सीमा चाची के स्तनों से खेलता रहा। फिर चाची ब्लाऊज को एक साइड से ऊपर करके उसे अपना दूध पिलाने लगी और उसने चाचा को ताना भी मारा,
"सब आदमी एक जैसे ही होते है।"
मैं सुबह जल्दी उठकर मूतने गया था। वापस आ गया तो देखा कि वो बूढ़ा आदमी जाग चुका था। हॉल में थोड़ा अंधेरा ही था। चाची अभी भी चाचा की तरफ मुँह करके सोयी हुई थी। थोड़ी देर बाद उसकी नींद खुल गयी और वो धीरे धीरे बैठ गयी। उसका पल्लू थोड़ा हटा हुआ था और ब्लाउज के कुछ बटन भी खुले हुए थे। उसे पता नही था कि पास में ही वो बुढ़ा उसको घूर रहा था। चाची ने उसके सामने ही ब्लाऊज के बटन लगा लिए और पल्लू ठीक करते हुए ही उठकर किचन में चली गयी। उसकी ये हरकत देखकर वो बूढ़ा अचंभित हो गया।
1 घंटे बाद हम सब ने नाश्ता कर लिया। सीमा चाची ने भी उस बुढ़े आदमी को गोद मे लिटा कर चमच से सुप पिला रही थी। सुप पीते वक्त भी वो बूढ़ा सीमा चाची के स्तनों को घुर रहा था । पर चाची ने उनपर ध्यान नही दिया। उनका मुँह पल्लू से पोछने के बाद चाची ने उनको ताना मारा,
"आपको और कुछ पिला दूँ अंकल?"
वो बूढ़ा शर्मा गया और जल्दी से बोल गया,
"कुछ नही बेटी ।"
उनके इस शर्मिंदगी पर चाची हँस पड़ी और उसने अपना पल्लू ठीक कर लिया। थोड़ी देर बाद चाचा काम पर चला गया और हम तीनों हॉल में टीव्ही देख रहे थे। वो बूढ़ा सोफे पर बैठा था और उसके सामने ही मैं और सीमा चाची जमीन पर बैठ गए। बूढ़ा टीव्ही देखते देखते बीच बीच मे सीमा चाची के स्तनों को साइड से घूर रहा था। मैं भी सीमा चाची के स्तनों को देख रहा था। थोड़ी देर बाद मैं चाची की गोद मे लेट गया। उसने कुछ नही कहा और टीव्ही देखती रही। उसके स्तन मेरे मुँह के बहुत पास थे। मुझे रहा नही गया और मैने उसका एक स्तन ब्लाऊज के ऊपर से ही मुँह में ले लिया और हल्के से चूसने लगा। मेरी ये हरकत देखकर चाची हँस पड़ी,
"क्या हो गया राजू, दूदू पीना है क्या तुझे?"
मैंने उसके स्तन से मुँह हटाकर हा बोल दिया । वैसे ही चाची ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाऊज के निचले कुछ बटन खोल दिये। फिर उस बूढ़े के देखते हुए ही मेरे सर के ऊपर से पल्लू ओढ़कर मुझे दूध पिलाने लगी। इतने बड़े लड़के को स्तनपान करते देख उस बुढ़े की आँखें फ़टी की फटी रह गयी। उनके चेहरे पर ये भाव देखकर चाची ने उनसे कहा,
"माफ करना अंकल जी । ये राजू को अभी भी स्तनपान करने की आदत है। "
"पर वो कितना बड़ा है अब।"
"क्या करूँ अंकल जी ? बहुत जिद करता है दिन भर। पर उसकी सेहत के लिए ये अच्छा है इसलिए पिलाती हूँ मैं। "
वो बूढ़ा अभी भी चाची को आँखे फाड़कर ही देख रहा था।
"अब तुम खुद ही पीला रही हो तो ठीक है यह। "
सीमा चाची हँस गयी,
"आप बहुत समझदार हो अंकल जी।"
वो 20 मिनिट तक मुझे दूध पिला रही थी। उस दौरान वो बुढ़ा सीमा चाची को घूर रहा था। दूध पिलाने के बाद चाची ने ब्लाऊज के बटन लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया।
रात को खाना खाने के पहले हम सब हॉल में ही टीव्ही देख रहे थे। सीमा चाची जमीन पर बैठी हुई थी और पास में ही वो बुढ़ा भी बैठा था। मैं और चाचा सोफे पर बैठे थे। चाची ने देखा की बुढ़े को नींद आ रही थी। सीमा चाची ने मुझे रसोइघर से सूप लाने को कहा। मैंने उसे एक बाउल में सुप लाकर दिया। चाची ने उस बुढ़े को अपनी गोद मे लिटा दिया और पहले उनका मुँह अपने पल्लू से पोछ लिया। फिर उनको वो चमच से सुप पिलाने लगी। बूढ़ा बहुत ही धीरे धीरे सुप पी रहा था। सुप पिलाने के बाद चाची ने फिरसे उसका मुँह पल्लू से पोछ लिया। फिर उनको छोटे बच्चे की तरह झूलाकर सुलाने की कोशिश करने लगी। उसका एक स्तन पल्लू से बाहर ही था। उनको झुलाने से बीच बीच मे सीमा चाची का स्तन बुढ़े के मुँह पर घिस रहा था। थोड़ी देर बाद उस बुढ़े ने अपना मुँह खोल लिया और सीमा चाची के स्तन को ब्लाऊज के ऊपर से ही हल्के से चूसने लगा। उनकी ये हरकत देख चाची हँस पड़ी और थोड़ी देर बाद उसने बुढ़े के मुँह से अपना स्तन निकाल लिया। अब बुढ़े को अपनी गलती समझ आयी और वो डर गया। पर सीमा चाची ने कहा ,
"माफ करना अंकल जी । राजू को दिन में बहुत बार दूध पिलाने से मेरे स्तनों में काफी दूध आता है। मेरे स्तन देखकर आपको भी दूध पीने की इच्छा हो गयी होगी। "
वो बूढ़ा फिर भी डर रहा था क्योंकि चाचा भी यह सब देख रहा था। पर वो भी मुस्कुराते हुए बोला,
"कोई बात नही अंकल जी। दूध पीने की इच्छा होना कोई बुरी बात नही है। "
अब बुढ़ा थोड़ा शांत हो गया और बोला,
"बेटी, तुम्हारे स्तन देखकर मुझे बचपन की याद आ गई। मानो फिरसे बच्चा ही बन गया हूँ।"
सीमा चाची ने कहा,
"बुढ़ापा भी एक दूसरा बचपना ही होता है ना?"
चाचा ने उनको कहा,
"आपको अभी दूध पीना है क्या अंकल जी?"
बुढ़ा फिरसे डर गया। पर सीमा चाची हँसकर उनको बोली ,
"इसमें शर्माने की क्या बात है अंकल जी? चाहो तो आपको बोतल से पिला देती हूँ।"
पर बुढ़ा बोला,
"नही नही। बोतल से मत पिलाना। मुझे छोटे बच्चे की तरह स्तनपान कर देना। मुझे फिरसे अपना बचपन जीना है।"
इसपर चाचा चाची दोनों हँसने लगे।
"ठीक है अंकल जी । आपको अब स्तनपान ही करूँगी। "
बुढ़ा खुश हो गया।
"तो अभी पिला दो। मुझे बहुत भूख लगी है। "
चाची ने हँसते हुए अपने ब्लाऊज के निचले कुछ बटन खोल दिये। फिर बुढ़े के सर के ऊपर से आँचल ओढक़र वो उसे अपना दूध पिलाने लगी। इतने बड़े आदमी को स्तनपान करते वक्त सीमा चाची को बहुत अच्छा लग रहा था और यह उसके चेहरे के ऊपर के भाव से प्रतीत भी हो रहा था। बुढ़ा भी किसी बच्चे की तरह धीरे धीरे दूध पी रहा था। सीमा चाची उसे लगभग 20 मिनिट दूध पिला रही थी। बुढ़े का दूध पी कर होने के बाद चाची ने अपने ब्लाऊज के बटन लगा लिए और उसका मुँह पोछ लिया। बुढ़े को अब नींद आ रही थी । इसलिए चाची ने उसे कॉट पर सुला दिया। थोड़ी देर बाद बाकी हम सब ने खाना खा लिया और सो गए।