एक बार तो लगा मंदिरा बेदी टी वी सीरीयल और क्रिकेट मैदान के बाद डिटेक्टिव एजेंसी कब से चालू कर दी पर बाद मे देखा वो मंदिरा मैडम नही बल्कि अमृता राव मैडम थी ।
जब लड़के युवा हो , कुंवारे हो , हैंडसम हो , लेडीज किलर हो और ऊपर से धन कुबेर भी हो तब ऐसे मे आप अमृता मैडम को कतई दोष नही दे सकते । कोई भी जवान लड़की ऐसे लड़के पर फिदा हो सकती है ।
इन अपडेट की सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि एकांश साहब आखिरकार कोप भवन से बाहर निकले । लेकिन यह देखकर दुख भी लगा कि वो अपनी मां के दिल की बात ठीक से समझ नही सके ।
दुनिया की कोई भी खुबसूरत लड़की मां से ऊपर नही हो सकती । हजार लड़कियाँ कुर्बान है अपनी उस मा॔ पर जिसने उसे नौ महीने अपने कोख मे रखा ।
वैसे डिटेक्टिव महोदया ने वास्तव मे बेहतरीन काम किया है । शानदार डिटेक्टिव स्किल का नजारा पेश किया उन्होने ।
शायद लास्ट पैराग्राफ मे जिस इंसान को देखकर एकांश साहब को हैरानी हुई होगी वह अक्षिता मैडम या उनके मां-बाप मे से कोई एक होगा । अगर ऐसा हुआ तो यह कुदरती सौगात होगी ।
पता नही अक्षिता की बीमारी किस हद तक जानलेवा है पर अगर एक पर्सेंट भी उसके लिए चांस है तो हमे विश्वास है वह वापस सौ प्रतिशत चंगा होकर आयेगी ।
और अगर नही है तो फिर मुझे " दो बदन " फिल्म का एक गीत ही अक्षिता के नजरिए से पेश करना होगा -
" मर कर ही अब मिलेंगे , जी कर तो मिल ना पाएं ।
लो आ गई उनकी याद , वो नही आए । "
बेहद ही खूबसूरत अपडेट आदि भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।