Shetan
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Chalo ab bhi koi to umid hai. Lekin ansh ko ek hafte ka intjar karna padega. Amezing update. Superb.Update 25
“tell us doctor how severe is her condition?” जब कुछ पलों तक डॉक्टर कुछ नहीं बोले तो एकांश ने पूछा,
एकांश की आवाज मे कुछ जान नहीं थी, सब कुछ जानने के बाद भी वो अभी तक इस सच से उभर नहीं पाया था,
“जैसा की मैंने कहा ये सब उसके ब्रैन मे हो रही इन्टर्नल ब्लीडिंग पर निर्भर करता है लेकिन इस मामले मे अक्षिता थोड़ी लकी है” डॉक्टर ने कहा और अक्षिता लकी है सुनते ही उन तीनों ने एकसाथ डॉक्टर को देखा इस उम्मीद मे के शायद कोई अच्छी खबर मिले
“मतलब?” एकांश ने पूछा
“देखिए हमे उसकी कन्डिशन का पता बहुत लेट चला, जब पहली बार हमे उसकी बीमारी का पता चला लगभग डेढ़ साल पहले तब उसके रेपोर्ट्स के अनुसर उसके पास बस 6 महीने का वक्त था उससे ज्यादा नहीं” डॉक्टर ने कहा
“6 महीने का वक्त?” स्वरा ने पूछा
“उसके रिपोर्ट्स देखते हुए उसके बास बस 6 महीने की जिंदगी बची थी” डॉक्टर ने कहा और एकांश ने अपनी आंखे बंद कर ली...
उससे ये खयाल भी नहीं सहा जा रहा था के जब उन दोनों का ब्रेकअप हुआ था तब अक्षिता इस सब से जूझ रही थी उसके पास बस 6 महीने की जिंदगी थी और उसने कभी अपना दर्द चेहरे पर बयां नहीं होने दिया, और वो सोचता रहा के अक्षिता उसे धोका दे रही थी, ये दर्द ये गिल्ट अब उससे सहा नहीं जा रहा था...
डॉक्टर की बात सुन रोहन और स्वरा भी शॉक थे, उन्हे भी अक्षिता की कन्डिशन इतनी सीरीअस है पता ही नहीं था, ना की अक्षिता ने कभी इस बारे मे कीसी को पता चलने दिया था.., डॉक्टर अवस्थी ने आगे बोलना जारी रखा
“अक्षिता काफी लकी है क्युकी वो अभी तक ठीक है कुछ नहीं हुआ है, दवाईया और उसकी जीने इच्छाशक्ति ने अभी तक उसे बचा कर रखा है” डॉक्टर ने कहा
“वो ठीक हो जाएगी ना डॉक्टर?” एकांश ने उम्मीद भरी नजरों से पूछा
“मैं आपको कोई झूठी उम्मीद नहीं दूंगा मिस्टर रघुवंशी, उसके ब्रैन मे कभी भी सूजन बढ़ सकती है और मामला बिगड़ सकता है, आपलोगों को बस इसमे खुशी मनानी चाहिए के इस केस मे ये बहुत स्लो हो रहा है” डॉक्टर ने कहा और एकांश का चेहरा उतर गया
“हम समझे नहीं डॉक्टर?” रोहन ने पूछा
“मतलब ये के वो ठीक होगी या नहीं ये कहना काफी मुश्किल है, दवाईया और ट्रीट्मन्ट बस ब्रैन मे बढ़ने वाली सूजन को, सरदर्द और कमजोरी को कंट्रोल कर रहा है लेकिन इस सब से ये बीमारी पूरी तरफ ठीक नहीं हो सकती” बोलते हुए डॉक्टर अवस्थी रुके और उन तीनों को देखा फिर आगे बोलना शुरू किया
“ट्रीट्मन्ट के साथ साथ पैशन्ट को एक्स्ट्रा केयर की भी जरूरत है, ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे सरदर्द, सर्दी बुखार कमजोरी जैसा कुछ हो, मैंने अक्षिता को ठंडी चीजों से जैसे आइसक्रीम कोल्डड्रिंक से एकदम दूर रहने कहा था, ठंडा पानी और बारिश मे भीगना भी उसकी सेहत के लिए घातक हो सकता है उसमे वो claustrophobic है तो थोड़े एक्स्ट्रा केयर की जरूरत है, कीसी भी तरह का कोई भी स्ट्रेस उसके लिए सही नहीं है” डॉक्टर ने कहा
रोहन और स्वरा इसमे से कई बाते जानते थे अक्षिता ने ही उन्हे बताया था इसीलिए वो पार्टी वाली रात अक्षिता को नशे मे देख ज्यादा चिंतित थे, उन दोनों ने एकांश को देखा जो अपने आप को कंट्रोल करे वहा बैठा था, उसके दिल मे अलग ही उथल पुथल मची हुई थी, उसके मन को ये गिल्ट घेरने लगा था के अक्षिता की हालत इतनी खराब थी फिर भी वो उससे ऑफिस मे जबरदस्ती काम करवाता रहा, हालांकि इसमे उसकी गलती नहीं थी उसे तो ये सब पता ही नहीं था लेकिन अब वो बाते रह रह कर उसके दिमाग मे आ रही थी के अक्षिता को उस वक्त कैसा लग रहा होगा
“डॉक्टर अक्षिता के बचने का कोई चांस है?” स्वरा ने पूछा
“आइ एम सॉरी लेकिन इस मामले मे उसके बचने का बहुत कम चांस है, बस इन्टर्नल ब्लीडिंग को कंट्रोल करके ही उसे बचाया जा सकता है और इस मामले मे पैशन्ट के पिछले रिपोर्ट्स कुछ ठीक नहीं है ब्रैन के बजे हिस्से मे सूजन बढ़ रही है केस काफी सीरीअस है, ऐसे मे उसके दिमाग की नसे साल भर पहले ही फट सकती थी और अब मुझे डर है कभी भी कुछ भी हो सकता है” डॉक्टर ने नीचे देखते हुए कहा
डॉक्टर की बात सुन एकांश की आँखों से आँसू की एक बूंद गिरी, वो अपने दातों से होंठ दबाए अपने आप को रोने से रोक रहा था
“डॉक्टर कितने पर्सेन्ट चांस है के वो बच सकती है?” एकांश ने पूछा
“मैंने पहले ही कहा है मिस्टर रघुवंशी, उसके बचने का बहुत कम चांस है, नॉर्मली इतने काम्प्लकैशन वाला इंसान जिंदा ही नहीं बच पाता है और अगर वो बच जाए तब भी वो कोमा मे जाने का रिस्क भी है”
“को.. कोमा....?” रोहन
“हा.. और वो कब तक कोमा मे रहे कोई नहीं बता सकता, शायद दिन, महीनों सालों तक या फिर पूरी जिंदगी भी... ये सब बाते पैशन्ट के ब्रैन पर निर्भर करती है के वो दवाइयों और ट्रीट्मन्ट को कैसा रीस्पान्स करता है”
“मैं उसे विदेश लेकर जाऊंगा, दुनिया के बेहतरीन से बेहतरीन डॉक्टर को दिखाऊँगा, मैं उसे बचाने के लिए कुछ भी करने को तयार हु डॉक्टर, आप बस बताइए हम उसे बचाने के लिए क्या कर सकते है और पैसों की चिंता ना करे, मैं चाहिए उतना पैसा खर्चने को तयार हु” एकांश ने एकदम से कहा
“मिस्टर रघुवंशी शांत हो जाइए, मैं समझ सकता हु आप कैसा महसूस कर रहे है लेकिन इस केस मे कोई भी ज्यादा कुछ नहीं कर सकता, मैं पहले ही कई बड़े डॉक्टरस् से बात कर चुका हु, उसका भी यही कहना है के ये सब ब्लीडिंग कितनी सिवीयर है उसपर निर्भर करता है” डॉक्टर अवस्थी ने एकांश को शांत कराते हुए कहा
“तो क्या हम उसे बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते?” एकांश ने पूछा
डॉक्टर को भी उसे देख बुरा लग रहा था, वो समझ गए थे के वो उससे प्यार करता था और उसे बचाने के लिए किस्मत से भी लड़ जाने को तयार था
“ऐसे केसेस मे पैशन्ट के बचने का बस 10 पर्सेन्ट चांस होता है” डॉक्टर ने कहा
“क्या?” एकांश ने जैसे ही ये सुना डॉक्टर को देखा
“अक्षिता के बचने का 105 चांस है?” एकांश ने थोड़ा खुश होते हुए पूछा
“हा... लेकिन ये सब बस पैशन्ट के ब्रैन और ब्लीडिंग कितनी सिवीयर है उसपर है और जैसा मैंने अभी बताया उस 10% मे भी 4% चांस है के पैशन्ट कोमा मे चला जाए” डॉक्टर ने कहा
“और बाकी 6%” एकांश ने पूछा
“पैशन्ट बच तो जाएगा लेकिन पहले जैसा नहीं रहेगा” डॉक्टर ने कहा
“इसका क्या मतलब है?” स्वरा ने पूछा
“मतलब के शायद पैशन्ट अपाहिज हो जाए, ब्रैन के किस हिस्से मे चोट है देखते हुए disability आ सकती है, कई मामलों मे पैशन्ट पैरलाइज़ हो सकता है, लेकिन ये सब ब्रैन का कौनसा हिस्सा डैमिज है उसपर है, कई बाते है, शायद पैशन्ट हमेशा के लिए अपनी आँखों की रोशनी खो दे या बेहरा हो जाए, या भी हो सकता है उसकी याददाश्त चली जाए” डॉक्टर ने डीटेल मे समझाया
उस रूम मे एकदम शांति थी कोई कुछ नहीं बोल रहा था हर कीसी के दिमाग मे अपने खयाल चल रहे थे और इस शांति हो भंग किया एकांश ने
“लेकिन वो जिंदा तो रहेगी न? मेरे साथ तो रहेगी न”
एकांश की बात पर रोहन स्वरा और डॉक्टर ने चौक कर उसे देखा
“मैं उसे बचाने का ये 6% चांस नहीं खोना चाहता डॉक्टर, मैं उसे अपने साथ जिंदा देखना चाहता हु, मैं उसे और नहीं खोना चाहता, मैं उसे बचाने का कोई मौका नहीं छोड़ूँगा, आप प्लीज कभी एक्स्पर्ट्स से स्पेशलिस्टस् से बात कीजिए और उसे जैसे बचाया जाए देखिए, अगर उसके बचने का 1% भी चांस है तो मैं ये चांस लेने तयार हु” एकांश ने कहा और डॉक्टर ने हा मे गर्दन हिला दी
“लेकिन उसे बचाने के लिए पहले उसे ढूँढना पड़ेगा ना, हमे तो यही नहीं पता के वो है कहा” स्वरा ने कहा
“डॉक्टर क्या आप बता सकते है के अक्षिता आखरीबार चेकअप के लिए कब आई थी?” रोहन ने पूछा
“पिछले हफ्ते..”
“क्या आप बता सकते है क्या बात हुई थी? उसने कुछ बताया था कही जाने के बारे मे?” एकांश ने पूछा
“नहीं, बस नॉर्मल चेकअप था, हमने कुछ टेस्टस किए थे, उसने मुझसे पूछा था के अब उसके पास कितना वक्त बचा है”
“और आपने क्या कहा?” एकांश ने पूछा
“वही जो आपको बताया है, पहले तो मैंने जब कहा के सब ठीक है उसे खुद को यकीन नहीं हुआ, मैंने उसे कहा था के सही ट्रीट्मन्ट उसका लाइफस्पैन बढ़ा सकता है लेकिन उसे देख कर ऐसा लग रहा था उसने सारी उमीदे ही छोड़ दी है, उसने किस्मत से समझौता कर लिया है” डॉक्टर ने कहा
अक्षिता ने ही अपने बचने की सभी उम्मीदे छोड़ दी है ये जानकर एकांश का भी चेहरा उतार गया था और अब एकांश से और बर्दाश्त नहीं हुआ वो वही डॉक्टर के चैम्बर मे रोने लगा था, रोहन और स्वरा की हालत भी कुछ अलग नहीं थी लेकिन एकांश का गम उनके आगे अभी बड़ा था, एकांश एकदम टूटा हुआ था और इतना सब पता करने के बाद भी कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था...
एकांश को ये सोच कर और रोना आ रहा था के अक्षिता ने उसे क्यू छोड़ा, वो नहीं चाहती थी के कीसी को उसकी कन्डिशन का पता चले...
“उसकी अगली अपॉइन्ट्मन्ट कब है डॉक्टर?” स्वरा ने पूछा
“अगले हफ्ते... और उसने कहा है वो जरूर आएगी” डॉक्टर ने कहा
“डॉक्टर प्लीज जब वो आए तब हमे इन्फॉर्म कीजिएगा, वो सब कुछ छोड़ कर चली गई है और हम उसे नहीं ढूंढ पा रहे है, वो जब आए प्लीज हमे बताइएगा” रोहन ने कहा जिसपर डॉक्टर ने हा मे गर्दन हिलाई
“जरूर”
“और प्लीज उसे हमारे बारे मे कुछ पता मत चलने दीजिएगा, ना ही ये बात के हम उसकी बीमारी के बारे मे जानते है” एकांश ने कहा
“ठीक है”
जिसके बाद अब बात करने को या जानने को कुछ नहीं बचा था, वो तीनों डॉक्टर के केबिन से निकल आए थे हर कीसी के दिमाग मे अपने अलग विचार चल रहे थे, अस्पताल का स्टाफ भी कुछ देर पहले वाले एकांश और अभी के एकांश को देख हैरान था, कहा कुछ देर पहले वो अपने ऐरगन्स के साथ आया था वही अब आँसू लिए जा रहा था...
एकांश को देख ऐसा लग रहा था जैसे वो कंधों पर लाश लिए चल रहा हो, उसने हार नहीं मानी थी लेकिन जीतने का मौका भी कम ही नजर आ रहा था, आंखे लाल हो गई थी और चेहरे पर डर था...
सीना भरी हो गया था और गला सुख गया था... अगले हफ्ते अक्षिता यही इसी अस्पताल मे आने वाली थी लेकिन तब तक उसे कुछ हो गया तो.... यही खयाल रह रह कर एकांश के दिमाग मे आ रहा था... दिल मे एक टीस उठ रही थी ऐसी जैसे कोई बार बार खंजर से उसपर वार कर रहा हो...
एकांश ने ठीक से चला भी नहीं जा रहा था, एक बार तो वो लड़खड़ाया भी जब रोहन ने उसे संभाला...
वो तीनों पार्किंग मे थे, कोई कुछ नहीं बोल रहा था, आगे क्या करना है कीसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था...
“उसे कुछ नहीं होगा सर... हम है ना हम ढूंढ लेंगे उसे” रोहन ने एकांश को समझाते हुए कहा
“हा सर, ऊपरवाला कोई ना कोई रास्ता जरूर निकालेगा” स्वरा ने कहा
एकांश को क्या बोले समझ नहीं आ रहा था, वो डरा हुआ था दुखी था... आगे के सारे रास्ते धुंधले नजर आ रहे थे लेकिन रास्ता तो निकालना था.... अक्षिता को ढूँढना अभी बाकी था.... सफर अभी बाकी था....
क्रमश: