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Nice and super update bhai
Thanx a lot & be along
Nice and super update bhai
Maja hi aa jata hai
Aap naye naye twist a te reh te ho................
Shaandar updated bro
Amazing updated
शानदार शब्द के साथ मजेदार अपडेट
Nice twist nice update
Fabulous updated outstandingUpdate 48
Chetan's house
रात नो बजे चेतन अपने पोहोचता हे । पिछले कोई दिनों से वो रेगुलर पीते आए हे लेकिन आज वो बिना पि के आया था वो नही चाहता उसकी मुंह से शराब की बू सूंघ ले उसकी मम्मी और फिर दुखी हो जाए ।
काका घर का काम निपटा रहा था चेतन को घर पर देख कर वो बोहोत खुश हो जाता है ,,, बेटा तुम कहा थे इतने दिन तुम्हारी मम्मी कितनी परेशान हे तुम्हे ले कर ,,
चेतन ,,, मम्मी कहा हे ?,,
काका ,, ऊपर अपने रूम में होगी । जाओ मिल लो बस तुम्हारा ही इंतजार कर रही है अब तक ,,
चेतन चिढ़ियों से चढ़ के ऊपर गया और अपनी मम्मी की कमरे में गया जहा उसकी मम्मी खिड़की खोले कही खोई हुई । उसे जारा सी भी चेतन की आहट नहीं महसूस हुई । चेतन उसके पीछे खड़े हो के उसकी कंधे पर हाथ रख देता है ।
दीपाली हर बड़ा के पीछे मुड़ जाती है । उसका चेहरा देख के कोई भी कहता उसने कोई राते नही सोई हे आंखे जैसे गड्ढे पर समा गई हे गुलाबी गाल फीका पड़ गई है आंखो के नीचे काले धब्बे पड़ गई है ।
चेतन (ये क्या कर दिया मैने । मम्मी की हालत इतनी बुरी । कैसा बेटा हूं में ) अपनी मम्मी को गले लगा लेती है ।
दीपाली खुशी से रो पड़ती हे और अपने बेटे की बाहों में समा जाती है ,,, अब मेरी याद आई तुझे इतने दिन तक मुझे क्यों चटाया तूने हा बोल क्यू चटाया तूने मुझे बोल ,,
चेतन आखो से आसू गिरने लगता है ,,माफ कर देना मम्मी सॉरी । अब आपको छोड़ के कही नही जाऊंगा आपकी कसम मम्मी ,,, चेतन दीपाली की पीठ सेहला के प्यार झताने लगा ।
दीपाली अपने बेटे को पा कर सकून से खुश हो रही थी । ममता की लय में चेतन को चेहरे को चूमने लगी ,,, मुझे माफ कर दे हमारी वजह से तुझे बोहोत तकलीफ हो रही है ना ,,
चेतन ,, नहीं मम्मी अब आप लोगो की लड़ाई से मुझे कोई फर्क नही पड़ता मुझे समझ आ गया हे आप पे क्या बीत रही है । पापा ने आपको धोका दिया हे मुझे विश्वास नही होता है आप ऐसा करेंगे कभी आपके साथ । आपकी ही नही हमारे घर की इत्जत के साथ खिलवार किया हे पापा ने । वो मुझे अपने साथ लेने आए थे पर नहीं गया में आपके साथ रहूंगा ,,
दीपाली ,, में जान के बोहोत खुश हूं बेटा । में भी तुझे अपने पापा के साथ जाने नहीं देती । चाहे वो कुछ भी कर ले कोई कानूनी दाव पेश खेल ले मे तुझे अपने से कभी अलग नहीं होने दूंगी ,,
चेतन ,, में कोई बच्चा थोड़ी हूं जो मां बाप के अलग होने पर किसी एक की कस्टडी में जाना होगा में 18 साल से ऊपर हूं ,,
दीपाली चेतन बेड पे बिठा देती है और वो उसके पास बैठ जाती है उसके चेहरे पे हाथ रख के नाजों से निहारने लगती हे ।
चेतन अपनी मम्मी की आखों पर देख कर ,, आपने खाना खाया ,,
दीपाली ,, हा तूने खाया की नहीं शीतल तेरा ध्यान रखती थी ना ,,
चेतन ,, हा बोहोत आप तो जानती है आंटी कितनी अच्छी है । सच में आपने खाना ना और आप सोती नही हो ना ,,
दीपाली ,, हा बाबा खाया तेरे काका ने जबरदस्ती खिला दिया है और आज दिन भर सोई नींद की ड्रग ले के अभी उठी हूं इसलिए चेहरा फूला फूला लग रही है ,,,
चेतन ,,, फूला फूला नहीं रूखा सूखा लग रही हे । आप लेट जाओ पहले ,,
चेतन उसे जोर दे के बेड पे लेटा देता है और कमरे के खिड़की बंद कर के बोलता है ,, आप सो जाओ में यही बैठा हूं जब तक आपको नींद नही आती कितनी कोमजोर लग रही हो आप । एक डॉक्टर हो के भी आप अपना ध्यान नही रख रही है कैसी डॉक्टर हो आप ,,
दीपाली अपने बेटे परवा देख के खुशी से मुस्कुराती है ,, तू भी लेट जा बड़े दिनों से तुझे सुलाया नहीं ,,
चेतन ,, रुको में कपरे चेंज कर के आता हू ,,
चेतन अपने कमरे में जाता है और पहले जींस और t-shirt उतार कर बनियान और शॉर्ट पहन के बाथरूम में मुंह हाथ धो कर तोलिए से सुखा कर अपनी मम्मी के कमरे में आता है ।
दीपाली अपनी जगह से खिचक के अपने बेटे के लिए जगह देती है ,, आ जाओ यहां ,,
चेतन उसके बगल में लेट जाता है और अपनी मम्मी के कमर में हाथ डाल देता है । दीपाली उसे बच्चे की तरह उसे गले लगा लेती हे ,, मेरा बच्चा मम्मी में गोदी में सोएगा ,, वो पुचकारने लगी जैसे चेतन वोही बचपन का न समझ बच्चा हो ।
चेतन ,, मम्मी आपसे ढेर सारी बाते करनी है मुझे ,,,
दीपाली उसे कस के बाहों में भींचने लगी ,, हा करो ना जितनी मर्जी करो ,, उसका गाल गीला करने लगी दीपाली
चेतन मजाक में ,, जवान हो गया हूं अब शर्म आता है ,,
दीपाली ,, चुप कर जवान हुए तो क्या हुआ । है तो मेरा बच्चा ही ना मेरा चुन्नू , ,
चेतन हसने लगा ,, चुन्नू ,,
दीपाली भी हसने लगी ,,, और नही तो क्या चुन्नू मुन्नु ही हो मेरे लिए ,,
चेतन एक दम गंभीर हो कर ,, मम्मी मैंने आप से कुछ छुपाया है ,,
दीपाली उसकी आखों में जवाब धुन्द कर ,, क्या छुपाया है,,,
चेतन (वैसे तो बोहोत सी बाते छुपाई है लेकिन उन सब बातों को अभी नहीं बता सकता आपको अभी नहीं तो आप सोक में चली जायेगी बस कुछ बाते आपकी बता दूं जो मेरा दिल कर रहा है ),, मम्मी हम दोस्तो ने मिल के आपकी और उस डॉक्टर की जासूसी की और सब इनफॉर्मेशन हमने निकल लिया ,,,
दीपाली नजरे चुराने लगती है ,,, क्या सच में । पर पर ,,
चेतन ,, आप घबराओ मत में जानता हूं आप नवीन नाम के आदमी को लाइक करती है और वो भी करता हे । लेकिन आपने ना कर दिया है उसे क्यू मम्मी ,,
दीपाली उसके आंखो में प्यार से देखती है ,,, क्यू की उसकी भी फैमिली हे । में उसकी शादीसुदा जिंदगी की बर्बाद नही कर सकती । और मुझे तुम्हारा खयाल है इससे तुम्हारी भी लाइफ पे असर पर सकता है । में तुम्हारे पापा जैसा नही हूं प्लीज मुझे गलत मत समझना ,,,
दीपाली की आखों से आसूं बेहने लगी । चेतन उसकी आंखे पॉच के प्यार जता के उसकी आखों पे चूम लेता है ,, रो मत मम्मी । में कोई आप पे इल्जाम थोड़ी लगा रहा हूं । बस बात कर रहा हूं ,,
दीपाली ,, थैंक यू बेटा मुझे समझने के लिए ,,
चेतन ,, मुस्कुराती हुई आप कितनी अच्छी लगती हो ,,
दीपाली उसका नाक खींच के प्यार से बोली ,, तुम भी बोहोत क्यूट लगते हो ,,
चेतन ,, मम्मी पापा से आप तलाग लेने वाले हो क्या ,,
दीपाली ,,, में तो नहीं पर तेरे पापा का क्या भरोसा आज काल तो शराब के नशे में भी रहते है वैसे तलाग लेना इतना आसान नहीं उनकी भी इत्जत की बात हे । तुम फिक्र मत कर सब ठीक कर दूंगा में ,,
चेतन ,, जिंदगी आसान नही हे । कुछ अच्छा करने जाओ तो कुछ अपने गलत हो जाता है तो कुछ सही । हर काम में अच्छा बुरा नतीजा रहता ही है । आपको एक कहानी सुनाता हूं ,,
दीपाली ,, कहानी अच्छा । सुनाओ बड़ा अरसा हो गया कहानी सुने ,,
चेतन मुस्कुरा कर ,, ये सच्ची घटना हे ।,,
दीपाली ,,, अच्छा बताओ मेरे न्यूज एंकर बेटे ,,
चेतन ,, जारा थम के आपके दिल शिर हाथ पेड़ सब हील जायेगा ,,
दीपाली ,, बताओ अब ,,
चेतन (बनावट कर के ) ,, दो दोस्त हुआ करते थे । बड़े ही अच्छे दोस्त मतलब एक ही थाली पे खाना खाते थे वैसा । लेकिन एक दोस्त को दूसरे दोस्त की मम्मी से प्यार हुआ । दूसरे दोस्त की मम्मी भी उससे प्यार कर बैठी और दोनो का अफेयर शुरू हो गया । फिर दोनो की अफेयर के बारे में उस दोस्त को पता चल गया और वो भी बदले में उसके दोस्त की मम्मी को पता लिया । और अब दोनों एक दूसरे की मम्मी से अफेयर रख रहे है ,,
दीपाली ,, छी ऐसा भी होता है क्या भला ,,
चेतन मुस्कुरा कर ,, आपकी शिर की कसम खा के कहता हूं ऐसा ही हुआ है ,,
दीपाली को बात हजम नही हो रही थी । हालाकि वो दुनिया दारी की तजुर्बेकार थी ऐसी घटना होना वो समझती थी लेकिन बोहोत क्वचित् घटना होती है इस प्रकार की घटना और ये पश्चिमी देशों में हो सकता है सायेद उसका बेटा पश्चिमी देशों की किसी घटना के बारे में बता रहे हो ।
चेतन ,, क्या हुआ किस सोच में पड़ गई आप । विश्वाश नहीं हो रहा है आपको ना । मुझे भी नही हुआ था पर जब अपने आंखों से देखा तब विश्वास करना ही पड़ा । में एक बात तो मान गया इस दुनिया में कुछ भी हो सकता है ,,,,
दीपाली ,, क्या मतलब है तूने अपने आखों से देखा ,,
चेतन ,, मतलब जिन दो दोस्तो की कहानी है उन दोनों के में जानता हूं पर्सनली ,,
दीपाली की आंखे हैरत से बड़ी हो जाती है ,, अच्छा । कौन है वो दोस्त तुम्हारे ,,
चेतन हसने लगता हे ,, जिशू और तपन ,,
दीपाली पॉपकॉर्न की तरह उछल के बेड पे बैठ जाती है ,, क्या बक्क रहे हो । मतलब जिशू शीतल के साथ और तपना तराली के साथ ,,,
चेतन को बड़ी हांसी आता है अपनी मम्मी की भौचक्का रह जानें वाली रिएक्शन देख कर । वो हां हां हां कर हंसते हुए बैठ जाता हे ।
दीपाली ,, तुम मजाक कर रहे हो ना ,,
चेतन ,, नही मजाक नहीं कर रहा में आपकी कसम खा के रहा हूं ये सच हे ,, और अपनी मम्मी को शिर पर हाथ रख देता है ।
दीपाली को विश्वास नही हो रहा था इस बात का पर अपने बेटे पर पूरा विश्वास था ,, सच कह रहा है । सच में वो लोग हा । सच में ,,
चेतन (सायेद दोनो एक दूसरे की हो कमरे में होगा इस वक्त कमीना साला ),, रुको में आपको कुछ दिखता हूं ,,,
चेतन तपन को फोन लगाया है एक लंबी रिंग जाने के बाद कॉल रिसीव होता है ।
तपन ,, क्या है क्यू फोन किया ,,
चेतन फोन को पहले से ही लाउड स्पीकर पर कर दिया था ताकि दीपाली सुन सके ।और दीपाली सब हैरान हो कर सुनने लगी थी
चेतन मुस्कुरा के ,, तू जिशू के कमरे में है ,,
तपन ,, हा क्या चाहिए ,,
चेतन ,, तानिया आंटी भी हे ना ,,
कुछ सेकंड गैप के बाद तपन की मोबाइल से तानिया की आवाज आती है ,, नालायक अब किस बात पे डिस्टर्ब कर रहे हो ,,
चेतन अपनी मम्मी को इशारा करता है सुना अब तो बिश्वाश हुआ ।
चेतन ,, आंटी वो मैने मम्मी को बता दिया है आप सबके बारे में वो विश्वास नही कर रही थी तो मैंने कॉल लगा दिया ,,
तानिया ,, क्या । क्यूं बताया । क्या कर दिया तूने ये ,,,
चेतन मुस्कुरा कर ,, अरे अरे आंटी आप टैंशन मत लो मम्मी अंडर कंट्रोल है । में समझा दूंगा और प्लीज इस बेटे पर तो भरोसा करो ,,
तानिया ,, ठीक है बेटा तुझपे भरोसा है । पर दर लगता है ना अच्छा अपनी मम्मी को समझा देना और ना समझे तो मेरा दर दिखा देना वो मुझसे डरती है ,, तानिया मुस्कुराती है
और तभी फोन से कुछ चरमराने की आवाज आती है और फोन तपन की लाइन से कट हो जाता हे ।
दीपाली दोनो गाल पे हाथ रख के अपने बेटे को देखती हे ,,, दो दोनो एक साथ एक कमरे में इतनी रात को ,,
चेतन हास कर ,, हा । और वो दोनो ही नही मुझे पक्का पता है जीशू भी तपन के घर गया होगा और जिशू तपन के कमरे में शीतल आंटी के साथ होगा जरूर । अरे आपको कुछ नही पता अभी तो अभी जो हम मंदिर हो कर आए है वाहा हम उन चारों की शादी करवाने गए थे हवन योग्य पूजा वगैरा सब नाटक था । रूको में आपको एक और सबूत दिखाता हूं । चेतन अपने मोबाइल में उन चारों की शादी के फोटोज दिखाने लगे ।
दीपाली फोटोज को देख के क्या रिएक्शन दे उसे कुछ समझ नहीं आ रही थी । बात को किस दिशा में ले उसे कुछ समझ नहीं आ रही थी । समझ की नजरो से देखे तो गलत और अपनी सहेली और अपने बेटे जैसे बच्चे की नजरो से देखे तो उसे खुश होना चाहिए क्यू की अपनो के खुशी में अपनी खुशी भी है ।
चेतन उसे बेड पे लिटा देता हे ,,, आओ लेट जाओ मम्मी । आपको कहानी बताता हूं ये सब कैसे हुआ । ,,,
अपनी मम्मी की बालो को सहलाते हुए वरदान प्राप्त वाली बात निकल कर बाकी सभी बाते शॉर्ट में समझा देता है ।
ये सुन कर दीपाली को धीरे धीरे विश्वास हो जाती है ,, तो ये हुआ तानिया और तपन उस जंगल में खोने के कारण और ठंड के कारण उनके बीच वो हो गया (वो हो गया बात पर शर्माती हे ) फिर वो सब चलता गया और फिर जिशू पता चला उस पार्टी के दिन और फिर उसे पटाने शीतल को । ,,,
चेतन ,,, हा वोही और फिर जिशू शीतल आंटी की एक दिन नशे का फायदा उठाया । और शीतल आंटी नाराज हो गई फिर हमने कोठी जाने का प्लान बनाया । जहा हम शीतल आंटी को जिशु से मिला सके और जिशु प्यार में पागल अपना ही शिर फोड़ लिया । अब शीतल आंटी कैसे ना माने ,,
दीपाली ,, बाप रे तराली और मेरी पीठ पीछे ये सब हो रहा था और हमे भनक भी नही लगी । तूने भी नही बताया मुझे ,,,
चेतन उसकी आखों में आंखे डाल के ,,, मम्मी प्लीज उन सबको गलत मत समझना । में जानता हूं आपको गलत लग रहा है पर प्लीज मेरे लिए किस से कुछ भी जीकर मत करना किसी को पता नही चलना चाहिए वरना आप जानती हो ना ,,
दीपाली ,, नहीं बताऊंगी किसी को । में क्यों अपनो की जिंदगी बरवाद करूंगी भला । लेकिन में इसे गलत ही मानती हूं । अपने ही बेटे के दोस्त के साथ । वो दोनो तो बच्चे हे लेकिन वो दोनो औरते तो समझदार है ना एक सेल्फ कंट्रोल होनी चाहिए ना ,,
चेतन ,,तो आप चाहती हे आपकी तरह सेल्फ कंट्रोल कर के घुट घुट के जीती रहे । शीतल आंटी और तानिया आंटी भी अपने पति से खुश नहीं है जिस तरह आप पापा से नेही है में । आप सालो से घुटन भरी जिंदगी ही जी रही हे । क्या आप मेरे आखों में देख के बता सकती हे की आप खुश है ,,
दीपाली उसकी आखों में देख कर ,, तुम हो ना मेरे जिंदगी में तो खुश हूं में ,,
चेतन ,, में अपनी उस लाइफ की बारे में कह रहा हूं जहा हर एक इंसान को अपनी लाइफ पार्टनर से खुशी चाहिए । वो तो आपको मिलता नही कभी पापा को आपसे प्यार से बाते करते हुए देखा नही ।,,
दीपाली मुस्कुरा कर ,, कितना समझदार हो गया हे तु । अब तुम्हारे पापा ही ऐसे हे तो में क्या करू भला ,, मजाक में फिर बोली ,, नवीन को हा कर दू क्या ,,
चेतन उसे कस के बाहों में भर लेता है और बच्चों की तरह नाराज हो जाता है ,, नेई ,,
दीपाली हास पड़ती है ,, तो फिर क्यूं पूछते हो ,,
चेतन ,, में आपकी पूछ नही रहा में सिर्फ शीतल आंटी और तनिया आंटी की दर्द समझा रहा था ,,
दिलाली मजाक में ,, मुझे लगा तुम मेरा दर्द समझ रहे हो ,,
चेतन अपनी मम्मी की गाल चूम के प्यार से बोला ,,, आज से आपको पापा की कमी मेहसूस नहीं होने दूंगा । फूलो से सजा के रखूंगा आपको । ,,
दीपाली उसे छाती पे छुपा लेती है और इतना प्यार आता है अपने बेटे पर की उसे लद्दू की तरह खा जाए ,, ओह मेरा बच्चा तू मेरे साथ रहे तो में में खुश हूं और मुझे कुछ नहीं चाहिए ,,
दोनो मां बेटे ऐसे ही बाते कर के सो जाते है । दोनो के एक अच्छी नींद मिलती है बड़े दिनों बाद
Tapan aur taniya shaadi ke bandhan me bandh gaye hai saathhi jishu aur shital bhi tapan aur taniya dono ek dusre se khule huye hai lekin jishu aur shital ka mamla thoda pechida hai.. shital thodi sharma rahi hai. Aab dekhte hai in charo jodo ki suhagrat miya gul khilata hai.Update 41
Vivah sampanya
इस बार भी फिर एक बाप को मामू बनाना था । और इस बार भी चार बाप आसानी से मामू बन गए । चारो ने ऐसा मामू बनाए अपनी उम्र की तजुर्बे से मात खा गए । अपने अपने कमीने बेटों चाल में फांस गए थे ।
लेकिन इस बार चार बाप के साथ दो और औरतों को भी बेवकूफ बनवाना था और वो दो थी दीपाली और तराली । जिनको फसाने में तानिया और शीतल की दिमाग लगी ।
तराली और दीपाली की एक कमजोरी थी और वो थी और वो थी दोनो की मासिक धर्म यानी की माहवारी । इस जानकारी को औरते एक दूसरे के बारे में साझा करना एक प्रथा थी । जो हर महीने 25 या 26 तारीख को शुरू होती थी दोनो को ही एक साथ ।
और इन लोगो ने घर पे ये बोला की शहर के बाहर एक मंदिर में बोहोत बड़ी हुम योग्य पूजा होने वाली हे और उस पूजा में भाग लेने वाले भक्तों की दुयाय पूरी होती है । ऐसे में पवित्र पूजा में तराली और दीपाली अपनी मासिक अवस्था में कैसे जा सकती है सदियों की प्रथा के अनुसार दोनो ने जाने से माना कर दिया । और ये लोग वोही चाहते थे ।
नवंबर महीने के 26 तारीख छे छे निकल पड़े मकसद को अंजाम देने । एक पहाड़ी इलाके के छोटे से गांव में सारा कुछ प्रबंध किया था विशू और चेतन ने । और एक जुबान के पक्के पंडित को मोटी हरी पत्ती खिला के शादी का रसम पूरा करते है ।
Water over house
समय शाम के 7 बजे ।
गांव के जंगल में एक मुचवारे की लकड़ी के घर को किराए पे ले के साफ सफाई करवा के शुगहरात के लिए सजा दिया था । झोपड़ी में सिर्फ दो रूम थे जहा दिवारे भी लड़की के फर्श और चट्ट भी लड़की के बना हुआ था ।
विशू,, ओक तो आज से तुम दोनो की नई जिंदगी के लिए मुबारक हो । सब काम निपटा दिया हे तुम दोनो की दुल्हनिया अंदर दोनो एक एक कमरे में इंतजार कर रही है । अब हम दोनो विदा लेते हे ,,
जिशु,, तुम लोग कहा जा रहे हो ,,
चेतन,, मित्र क्या हैं की हमें ऐसी वैसी फिल्म देखने का कोई शोक नहीं हे ।
चेतन के मजाक में तीनों बस हास पड़ते हे ।
विशु,, ओके हम पास ही के लॉज में रहेंगे । कुछ भी जरूरत हो तो बता देना ,,
विशू और चेतन गाड़ी ले के निकल जाते हे ।
पहाड़ी की जंगल में सुहागरात एक रोमाचिक महसूस करवाने वाला खुशनुमा एक रंगीन रात होने वाली थी ।
जिशु,, ठंड बोहोत है यहां तो । चारो तरह जंगल ही जंगल कोई जंगली जानवर ना आ जाए ,,
तपन,, आ भी जाय तो घर पर चढ़ नहीं पाएंगे बोहोत ऊंची बेस है । ,,
दोनो के दिल में एक नया एहसास था एक शर्म थी जो बयान करने पर कटरा रहे थे । दोनो बिन कहे ही घर की तरफ बढ़ चले । और दरवाजे पे रुक के एक दूसरे को शुभकामनाए दे के अंदर घुसते है दोनो ही शेरवानी से अपने अपने जैकेट उतार के टांग देता है ।
Room no 1
तानिया फूलो से सजी छोटे से कमरे में चोटी सी फूलो से सांझा खटिया में सॉल ओढ़ के बैठी थी
। जैसे ही तपन की तरफ देखा उसने आंख मार दी तपन की मुस्कान निकल गया । तपन गंभीर कदमों के साथ उसके पास बैठ गया । दोनो ही एक दुसरे की आंखो में खो गए । शुरुवात आखों से करने की ठान ली हो ।
Room no 2
शीतल के लिए सब कुछ नया जैसा था । जिशु के साथ शर्म की बांध अभी तक टूटी नहीं थी उसकी अब तक मर्तबे में जिशू के साथ कोई खास जिस्मानी हुई नही थी और आज की सुहागरात पर वो बुरी तरह शर्म से पानी पानी होने वाली थी ।
जिशू उसके पास जा के प्यार से बैठ जाता है और सबसे पहले नजाकत से घुंगत उठा देता हे । शीतल एक नजर ऊपर कर के जिशू को शर्मीली मुस्कान दे के नजरे नीची कर लेती है
।
Room no 1
तपन ,, वाओ बेबी आज तो कहर डालने वाली हो मेरे ऊपर तुम ,,
तानिया,, पहले मुंह दिखाई ,,
तपन हस के जैप से एक चमकती हुई नाग मनी निकल के दिया । तानिया खुशी से झूम उठी ।
तानिया,, वाओ जानू कहा मिला इतनी दुर्लभ चीज । इतने महंगे कैसे लाएं ,,
तपन,, नही ज्यादा महंगा नहीं है यहां सस्ता ही मिला,,
तानिया नखरा दिखाती हुई ,, तो तुम सस्ते चीज दे के मेरो कीमती चीज लूटना चाहते हो ,,
तपन उसे बाहों में भर लेता है और मर्दानगी अंदाज में उसकी गेहने उतरने लगता है ,, सात बच्चन के साथ तुम्हे जेवरात से तोल भी दूंगा एक दिन बस कुछ समय दो अपने पेड़ो पे खड़े होने का ,,
तानिया उसे गले से लगा के बोली ,, इसकी मोह नही मुझे । बस बाकी की जिंदगी तुम्हारे बाहों में गुजर चकु मेरी ख्वाइश है ,,
तपन ,, मेरी पहनाई हुई मंगलसूत्र और मेरी भरी हुई मांग की सिन्दूर में बोहोत खूबसूरत लग रही हो पहले से ज्यादा निखार और मेहेक रही हो । आज बर्दास्त कर लेना में आज लावा बनने वाला हूं ।,,
तानिया बस मुस्कुराती है वो समझ गई थी आज की सुहागरात कुछ खास होने वाला है ।और दोनो में नई जिंदगी की ख्वाइसो पर चर्चित करने लग जाते है
Room no 2
जिशु उपहार के तोर पर एक कमर बेंड भेत करता है । शीतल शर्माती हुई गिफ्ट को साइड पर रख कर ,, शुक्रिया आपका ,, और केसर वाला दूध आगे कर देती है ।
जिशू दूध ले के एक सांस में पूरा ग्लास पी जाता है । शीतल मुंह दबा के मुस्कुराने लगती है ।
जिशू ग्लास टेबल पर रख कर ,, वो सुबह से उपवास में था ना तो । और बोहोत स्वादिश था ,,
शीतल फिक्र जाता कर ,, रुको में खाना लाती हूं बाहर कुछ खाना रखा है,,
जिशू बिस्तर पर लेट जाता हे और शीतल को छाती पर गिरा लेता है । शीतल की चूड़ियां खनखन गूंज उठती हे और जिस्म पर एक रोमांचित एहसास रोम रोम में महसूस होती है लेकिन उसकी शर्म और भी बढ़ जाती हे ।
जिशू,, पंडित जी ने कहा है जब सुहागरात की रसम पूरा हो जाए तो पहले अपनी पत्नी को खिलाना फिर खुद खा लेंना,,
शीतल शर्मा के बोलती है ,, आप ने गलत सुना हे । ये बात मेरे लिए थी पत्नी पहले पति को खिलाती है फिर खुद ,,
जिशू,, मगर मेरी दुनिया में पहले आप । और ये क्या आप मुझे आप क्यू बोल रही हे । ,,
शीतल,, क्यू की रिश्ते मे तो आप बड़े हे ,,
जिशू,, नहीं में चाहता हूं हम दोनों जब भी बात करे एक समान हो कर बात करे इसलिए नो आप ठीक है ,,
शीतल उसकी छाती पे मुंह छुपा लेती हे ,,ठीक है तुम भी नो आप,,
दोनो में नई जिंदगी की बाते शुरू हो जाती है ।
Akhir charo jodo ke suhagrat ka kariykaram bade joro par hai dono me hod laga hai kaun kiski ma ki chikhe jayda nikal pata hai. Last ki jo kavita thi vo to bahut hi mast ek ek ahsas ko shavdo ki mmala me piro diya.Update 43
Shuhagraat Kayem rahe
Room no 1
तपन अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ा लेता हे और आधी सीसी लुब्रिकेंट मल के तानिया की ऊपर चढ़ जाता है । दोनो की आखों से आंख मिलती है और दोनो ही सहमति जताता है ।
तानिया अपनी शिर के नीचे दो तकिए रख देती है ताकि उसकी हाथ नीचे पोहोच जाए । अपने नए पति का लन्ड पकड़ कर अपनी गान्ड की छेद पर लगा के जिशु को आखों से जवाब देती है जिशु की अपने सुपाड़े से तानिया की गांड के छल्ले का एहसास होता है और वो दबाव देता है लेकिन लंड पिछल जाता है ।
तानिया फिर से निशाना साध देती है और ध्यान रखती है की इस बार ना पिछले । जिशू उसकी आखों में देख के फिर दबाव देता है इस बार उसका लन्ड गांड की छेद भेद करते हुए एक चौथाई हिस्सा घुस जाता है तो तानिया तुरंत ही बची हुई लंड के हिस्से को कस के मुट्ठी मार के आन्ह्ह्ह कर के जोर से चीख पड़ती है ।
कमरे की दीवार लकड़ी को जिससे काफी दरारे थी तानिया की चिंख दूसरे कमरे तक सुनाई देती है ।
Room no 2
जिशु और शीतल को तानिया की चीख सुन के अपने कार्य पर रोध लगा देते है । जिशु बरबर करता हे ,,साला कमीना ,,
शीतल मुस्कुराने लगती है । जिशू भी मुस्कुराता है उसे देख कर और उसकी टांगो के जगह बना लेता है (हरामी साला रूक तुझे बताता हू ) और शीतल की चूत पर कड़ारा धक्का मारता है ।
शीतल दर्द से बिलबिला उठती है उसकी चीख दूसरे कमरे में जाती है ,, उईईईह्ह्ह मर गई ,,
Room no 1
तपन अभी भी कशिश में लगा था लेकिन अपनी मम्मी की चींख सुन के रूक जाता है ।तानिया की हसी निकल जाती है ।
तानिया मुस्कुरा कर ,, क्या हुआ अब पता चला किसी की मम्मी के साथ ,,,
तपन मुस्कुराता हे ,, थोड़ा सेहन करना प्लीज,,
तानिया ,, नही जोर से मत करना ,,
तपन तानिया को बाहों में भर के धक्के लगाने शुरू करते हे । तानिया हर धक्के के साथ घुट घूट के आन्न्ह्ह्ह आन्ह्ह्ह्ह अन्ह्ह्ह कर के गला फाड़ रही थी । उसकी भींची आंखे चेहरे की भाव बता रही थी की उसे तकलीफ हो रही है । लेकिन झेल रही थी जो एक औरत में वो सेहन शक्ति की ताकत छुपी रहती हे । तपन का लंड के आधे हिस्से उसकी टाईट गांड में कस के फैला कर घुसता था और बाहर निकलता था । सुकर था की उसकी गांड टाईट होने की वजह से लंड तेजी से घुस नहीं पा रहे थे ।
Room no 2
जिशु शीतल की आखों में देख के उसकी होंठ चूसने लगता है और एक मध्यम रफ्तार में शीतल को चोदने लगता हे । जिशू का लंड उसकी गीली चूत के पूरी गेहराई माप ले रहा था । शुरू के कुछ पल शीतल बोहोत चिंखी लेकिन बाद में उसे निरंतर आनन्द आने लगी और जिशु को कस के गले लगा के पूरी साथ देते हुए आह्ह्ह्ह उह्ह्ह कर ले कामसुख का आनंद उठाने लगी । जिशु बीच बीच में उसकी गाल चूमता कंधे चूमता बदन को मसलता । शीतल शर्म आ रही उसका बेटा उसके पास ही था दूसरे कमरे जिसकी हरकत सुनाई दे रहा था । लेकिन उस निजी असीलता पर उसे एक अलग ही जोश महसूस हो रही थी । और जिशू के आखों में आंख डाले जता रही थी की उसे कितनी कामसुख मिल रही है जिशु से ।
Room no 1
तपन थोड़ी देर के लिए विराम लेता है । तानिया भी राहत लेती है । गांड चुदाई में चूत चुदाई का मजा तो नहीं हे लेकिन किसी किसी को एक चचका लग जाती है जो कभी कभी किसी को वो चचका चूत चुदाई की मेज से ज्यादा आनंदायक होती है । पर तानिया को गांड मरवाने का कोई चचका नही थी । लेकिन आज पहली बार उसे अलग ही महसूस हुई । तपन की बाहों में कसती हुई खुद को आगोश में पा कर और तपन के लंड से बेहाल हो कर जिस्मानी रूप से मर्द का एहसास पा कर खुश थी । हर औरत चाहती है उसका पार्टनर जिस्मानी रूप से बेहतर हो ताकि उसको संतुषी दे सके । तपन ने उसकी रक्षा कर के पहले जी जता दिया था कि वो उससे कितना प्यार करता है खयाल रखता है । तानिया तपन से पूरी तरह से कायल हो चुकी थी ।
तानिया लंबी लंबी सांस ले के ,, फाड़ दी मेरी तूने ,,
तपन ,, ज्यादा दर्द हुआ क्या ,,
तानिया मुस्कुरा कर ,, नही बरदस्त कर सकती हू । तुम्हे कैसा लगा मजा आया ,,
तपन,, हा मजा तो आयेगा ही लेकिन थोड़ा अलग लगा । वो जो तुम्हारी छेद का मुंह हे ना वो एक दम रबर की तरह खींच के रखती है लेकिन अंदर नर्म नर्म अच्छा लगता है ।,
तानिया मुस्कुराती है ,, अच्छा भूल मत तुम्हारी भी वैसा ही है ,,
तपन हस पड़ता है ,, कितनी गंदी हो ,,
तानिया ,, चलो रूक क्यू गए ,,
तपन ,, थोरी गंदी बाते करो ना उनको सुना दो ताकि जले ,,,
तानिया मुस्कुराती हे । तपन फिर धक्के मारने लगता हे तानिया को भी मजा लेने की मन करता है और वो चिल्लाने लग जाती है ,, ,, ओह जानू आन्ह्ह्ह जानू उह्ह्ह्ह नहीं । प्लीज धीरे अन्ह्ह्ह मर गई । उन्ह्ह्ह्ह जानू अप्प्स आआह्ह्ह नही फट जायेगी । प्लीज जानू प्लीज ।,,,
Room no 2
जिशु कान खड़े कर के ,,, साला हरामी कर क्या रहा है ,,
शीतल उसे प्यार करती हे उसके गाल चूम के बोलती है ,,, शिंता मत करो तुम्हारी मम्मी को मजा आ रही है ,,,
जिशू,,, आपको कैसे पाता ,,
शीतल मुस्कुरा के ,, बस पता हे हर चीज बताए नही जाते है । कुछ चीजें समझा जाता है ,,
जिशु मुस्कुराता है और शीतल की लबों पीने लगता है । जिशु उसकी जीव डाल के सलाइवा पीने लगता है । शीतल मुग्ध हो जाती है कभी उसके पति ने ऐसे क्रीड़ा करते हुए जोशीला चुम्बन बिना टूटे कभी नही किया ।
जिशु अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में ताबड़ तोड़ धाक्के मारने लग जाते हे ।शीतल आनन्द में खुले मन से चुदवाने लगती है ।
एक नई बात थी की दोनो दोस्त को एक नया एहसास मिला एक नई अनुभव अपनी अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में एक दूसरे की मम्मी को चोदा मन में एक सुखद कामुक एहसास जो मिला था वो अनोखा था जो कभी सायेद एक दूसरे से बयान नहीं करेंगे ।
उस रात जिंदगी
मुझसे मुखातिब हुई
मुस्कराई करीब आई
बाँहों में जा समाई
हम-बिस्तर.... हम-बदन हुई
जैसे कि हों एक जान
एक ही जिस्म भी!
गुजरती रात के साथ
हम इठलाते रहे
सहलाते-गुदगुदाते रहे
एक दूजे के / अपने ही से
जिस्मों को
साँसें, धड़कन, छुअन, सिहरन
हर अहसास से
मिलन का / दो से एक होने का
इत्मीनान तलाशती सी अंगुलियाँ
थिरकती रही जिस्मों पर ....
वक्त थमा नहीं
रात ढलती रही
देर किसी पहर
कौंधे किसी प्रश्न ने शायद
सहलाने, गुदगुदाने को
कुरेदने में बदला होगा
जिस्मों सी नजदीकी को
दिलों में ढूँढना चाहा होगा...
शायद
खुशनसीबी पे गुमाँ की चाहत ने
सहलाते, गुदगुदाते
....कुरेदते हुए जिस्मों को
जज्बातों को
अहसासों को
जख्मी कर डाला
जिस्मों पर
जज्बातों पर
गहराते जख्मों की चीर-फाड़ से
सुबहे सेहतमंद होते रहे.
यकीं तिनका-तिनका बिखरता रहा
सुलगे हुए जज्बात
धुआं बन उड़ते रहे
नाजुक से अहसास दम तोड़ते रहे
सुबह
सलवटों से अटी
मसली हुई चादर पर
अनमने, अलहदा, खामोश,
....बेजान जिस्म
बीती रात की ‘रंगीनी’ के
राज खोल रहे थे!
हसीन रात यादों की पन्नो पर अंकित हो गया