फिर मैंने 5-6 झटकों के बाद वीर्य छोड़ना बंद किया, और थोड़ी देर उसको किस करने लगा और बालों को सहलाने लगा।
वो बहुत ही खुश होकर बोली- “तुम अब पूरे मर्द बन गये हो, मुझे तुम्हारे बेटे की माँ बनने में खुशी होगी। हम रोज एक बार किया करेंगे ताकि बच्चा रह जाए…”
मैं बोला- “ठीक है भाभी, हम ऐसा ही करेंगे…”
प्रीति भाभी को चोदने के बाद हमने कपड़े पहने और घर गये
। घर आते ही राशि और सोनिया भाभी दोनों ने मजाक करना चालू कर दिया।
राशि भाभी तो मुझे डाँटने का ढोंग करते हुए बोली
- “देखो किशोर तुमने मुझे धोखा दिया और मेरे से पहले उसकी
ले ली। इतना भी सबर नहीं कर सकते थे?” और हँसने लगी। फिर बाद में बोली- “कोई बात नहीं, अभी रात होने दे तो, देखना मैं तेरी कैसे बजाती हूँ?”
अभी शाम के 5:00 बज रहे थे, क्योंकी हमारी चुदाई में ही हमारे दो घंटे लग गये थे और एक घंटा चलकर आने में लगा था। गाँव में शाम को 5-5:30 बजे ही खाना बनाना चालू कर देते हैं और 6:30 तक खा लेते हैं। 8 बजे तो सब सो जाते हैं। यहाँ पे ये मेरी पहली रात ही थी। मेरे सोने का इंतेजाम हाल में किया गया। क्योंकी घर में 3 कमरा, एक बड़ा हाल, किचेन और बड़ा आँगन था।
चाचा-चाची हाल के बाजू में आँगन में सोए हुए थे। उनकी उमर 65-70 साल के आस-पास थी तो उन्हें थोड़ा कम दिखता था और नींद भी गहरी थी दोनों की।
मैं हाल में सोने के लिए गया। मेरे मझले और छोटे भाई घर पे ही थे। मझले वाले भाई खेत में ही थे आज और छोटे भाई ट्रैक्टर रिपेयर करके आ गये थे। सिर्फ बड़े भाई ही शहर से नहीं आए थे, क्योंकी वो शहर से रात को नहीं निकले, वहीं किसी रिश्तेदार के घर रुक गये थे और फोन करके भाभी को बता दिया था।
रूम में जाते वक़्त मेरी प्रीति भाभी और सोनिया भाभी मुँह बिगड़ा हुआ था, क्योंकी आज वो मेरे से मजे नहीं ले सकती थी। मुझसे सारी बोलकर वो दोनों मुँह बिगाड़ के अंदर चली गईं। क्योंकी अंदर उन्हें वही पुराना लण्ड और वो भी छोटा सा मिलने वाला था।
उधर राशि भाभी मेरे पास आई और हँसकर बोली-
“रात को तुम्हारे हल से मैं अपनी जमीन खोूंगी, थोड़ा सो लो…”
मैं भी खुश हो गया, और सो गया।
रात को मेरे लण्ड को कोई चूस रहा हो
वैसा मुझे लगा, वो कोई और नहीं राशि ही थी। मैंने सोने का ढोन्ग चालू रखा और वो जोर से चूसने लगी। अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं राशि का सिर पकड़कर अपने लण्ड को स्पीड में अंदर-बाहर करने लगा।
राशि भी खुश थी और लपालप लण्ड चूस रही थी। फिर चूसना छोड़कर वो धीरे से बोली- “रूम में आ जाओ। वहां तुमसे टांगें चौड़ी करके चुदवाती हूँ,
चलो…”
मैं उनके पीछे चला गया। रूम में जाते ही मैंने सीधे ही उनके चूचे पे हमला किया और जोर से दबा दिया।
उसकी चीख निकलते-निकलते रह गई, शायद चीख दबा दी थी ताकि कोई उठ ना जाए।
राशि बोली- “धीरे से देवरजी…”
मैं तो बस पागलों की तरह उनके चूचे दबा रहा था। चूचे दबाने से उनकी पारदर्शी नाइटी के ऊपर दूध की धारा बहने
लगी। क्योंकी उनके बच्चे ने करीब 3 घंटे पहले दूध पिया था और अब वो पूरा दूध से भरा हुआ था। मैं तो बस बहते दूध को देखता ही रह गया। जैसे ही चूची दबाता, दूध की पिचकारी नाइटी के ऊपर से होकर दूर तक गिरती थी। मैंने सीधा नाइटी के ऊपर मेरा मुँह लगा दिया और दूध पीने लगा
राशि मेरी ये हरकत देखकर धीरे-धीरे मुश्कुरा रही थी। उधर नाइटी होने के बावजूद मेरे मुँह में पूरा दूध बह रहा था। अब मैंने नाइटी को ऊपर करके उतार दिया और सीधा चूची को चूसने लगा।
उनके मुलायम निप्पल मेरे मुँह में एक अजीब सा आनंद दे रहे थे, जैसे कोई मुलायम रब्बर हो। जैसे ही मैं अपने दांतों में निपल दबाता, राशि की हल्की सी सिसकारी निकल जाती थी, और वो जोर से मेरा सिर पकड़कर चूचे को मेरे मुँह पे दबा देती थी। मुझे मेरे चेहरे पे वो मुलायम गुब्बारा बहुत अच्छा लगता था। मैं तो बस गटागट दूध पी रहा था। मैंने अपने दूसरे हाथ से दूसरे चूचे को दबाना भी चालू रखा था। लेकिन उसका दूध नीचे गिर रहा था। वो देखकर मेरे मन में एक आइडिया आया।