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Incest Gaav me bhabhiyo ke sath masti

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उस विचार से ही मेरा लण्ड टाइट हो गया। उसके ऊपर उसने पतली चुन्नी डाली थी जो की उसके दोनों चूचों को ढँकने के लिए काफी नहीं थी, उससे उनकी सिर्फ एक ही चूची ढकी हुई थी। दूसरी अपनी उंचाई दिखा रही थी। नीचे उसकी नाभि बिल्कुल खुल्ली दिखती थी, उसका छेद ऐसा था की मन करे तो उसी में लण्ड पेल दो। नाभि से नीचे उसका कोमल पेड़ू का प्रदेश चालू होता था जो सिर्फ पेटीकोट के नीचे चूत को जा मिलता था। उसने पेटीकोट इतना नीचा पहना था की बस चूत ही दिखनी बाकी थी। अगर एक उंगली से पेटीकोट नीचे खींचे तो वो चूत की लकीर भी दिख जाए।

उसका नाड़ा साइड में था जो की अंदर घुसाया हुआ था। ब्लाउज़ का गला भी गहरा था, जिससे उसकी ब्रेस्ट लाइन आधी जितनी दिखती थी, और आधे चूचे बाहर दिख रहे थे। चूचे के उपरी हिस्से पे ब्लाउज़ सिर्फ निपल को ही ढँक रहा था, क्योंकी निपल के आजू बाजू का पिंक एरिया, जिसे अरोला बोलते हैं वो, दिख रहा था। निपल के एरिया में ब्लाउज़ थोड़ा गीला दिख रहा था, क्योंकी आपको मालूम है की उसे भी दूध आता था। जो मैंने पिया भी था। उसके चूतड़ क्या गजब के थे पतली सी 29” की कमर से उसका कटाव सीधा ही 36” हो जाता था।

सोचिए… 36” की गाण्ड के दो गुब्बारे कैसे दिखते होंगे? वो दो गुब्बारे इतने नजदीक थे की शायद वो किसी को भी भींचने के लिए काफी थे। और उसका सबूत उसने मुझे अभी ही दे दिया। क्योंकी वो गुब्बारे की टाइट क्रैक में उसका पेटीकोट, पैंटी के साथ फँस गया था। लेकिन उसकी पैंटी की लाइन गुब्बारे पे तो दिख नहीं रही थी। मतलब क्या उसने पैंटी नहीं पहनी थी?
 
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Friends abhi .....xforum...platform...ka....system....upset...hai..
So....pics...upload...nahi...ho.....rahi...hai...jaise....sabkuchh....thik...hoga. pics...attach kardunga
 
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मैं रसीला के बदन को घूरने में इतना डूब गया की उसने मुझे जगाया, हिलाकर बोली- लो पानी पियो।

मैं होश में कहा था। मैंने थोड़ा पानी पिया और ग्लास को साइड में रख दिया। वो मेरे सामने खड़ी थी और मैं पलंग पे बैठा था। मैंने सीधे ही उसके चूतड़ की गोलाईयों को मेरे दोनों हाथों से खींचकर उसको मेरे करीब खींच लिया जिससे उसकी चूत की मादक खुशबू मेरी सांसों में जाने लगी।

उसके चूतड़ क्या गजब के नरम थे, एकदम नर्म। जिसे छूकर कोई भी आदमी अपनी पूरी ज़िंदगी उसे पकड़े हुए ही बिता दे। मैं उसे धीरे-धीरे सहलाने लगा, और चूत को पेटीकोट के ऊपर से ही सूंघने लगा। मेरी इस हरकत से वो भी उत्तेजित हो गई, और मेरे सिर को अपनी चूत पे दबाकर रगड़ने लगी। चूत क्या गजब थी। वहां पे शायद उसने झांटे, साफ करके कोई पर्फ्यूम लगाया था तो वो दोनों की काकटेल खुशबू मेरा लण्ड उठा रही थी।

अब मैंने उसे पलटा और मेरे मुँह को उसके चूतड़ों में डाल दिया। चूतड़ की लाइन इतनी गहरी थी की अगर वो खड़ी रहे तो पूरी उंगली भी लाइन में ना घुसा पाए, इतनी टाइट। मैं तो बस बारी-बारी दोनों गुब्बारों को मेरे मुँह से किस कर रहा था और सूंघ रहा था। मैंने मेरे हाथ को आगे ले जाकर उसकी चूत वाले हिस्से पे रख दिया। मैं चकित था। वहां पे पैंटी पहनी लगती थी, तो फिर पीछे क्यों दिखती नहीं थी?
 
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